#भारतीयों के लिए H1B वीजा
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everynewsnow · 4 years ago
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अमेरिका 2021 के लिए H-1B वीजा कैप पर पहुंचता है
अमेरिका 2021 के लिए H-1B वीजा कैप पर पहुंचता है
अमेरिका को वित्तीय वर्ष 2021 के लिए कांग्रेस-जनादेश-संबंधी 65,000 H-1B वीज़ा कैप तक पहुँचने के लिए आवश्यक पर्याप्त याचिकाएँ मिली हैं और भारतीयों सहित विदेशी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग वाले वर्क वीज़ा के लिए सफल उम्मीदवारों का निर्णय एक कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ द्वारा लिया जाएगा। बहुत सारे। H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियोजित करने…
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col-life23 · 4 years ago
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H1B वीजा: H-1B वीजा .. क्या सब कुछ तैयार है? वीजा किसे मिल सकता है? - इमिग्रेशन अथॉरिटी का कहना है कि यह 2021 के लिए h-1b वीजा कैप तक पहुंच गया है
H1B वीजा: H-1B वीजा .. क्या सब कुछ तैयार है? वीजा किसे मिल सकता है? – इमिग्रेशन अथॉरिटी का कहना है कि यह 2021 के लिए h-1b वीजा कैप तक पहुंच गया है
संयुक्त राज्य अमेरिका में रोजगार पाने वाले विदेशी श्रमिकों को H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। इस प्रकार भारतीयों को अन्य देशों की तुलना में अधिक लाभ हुआ है। यह बताया गया है कि वित्तीय 2021 के लिए 65,000 पर H-1B वीजा छत ��िर्धारित करने के लिए पर्याप्त याचिकाएं प्राप्त हुई हैं। वीज़ा उन लोगों को जारी किया जाएगा, जिन्हें कंप्यूटर-जनरेटेड शेक-अप के माध्यम से चुना जाता है। क्या राजकुमारी के लिए यही स्थिति…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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अमेरिका में H1B वीजाधारक भारतीयों के आएंगे अच्‍छे दिन, जो बाइडेन ने दिया भरोसा Divya Sandesh
#Divyasandesh
अमेरिका में H1B वीजाधारक भारतीयों के आएंगे अच्‍छे दिन, जो बाइडेन ने दिया भरोसा
वॉशिंटन अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन देश की आव्र���न प्रणाली में ‘करुणा और व्यवस्था बहाल करने’ को लेकर बेहद स्पष्ट हैं। यही नहीं बाइडेन ने पिछले कुछ सप्ताह में इस संबंध में जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं, वे महज शुरुआत हैं। आगे और और कदम उठाए जाएंगे।
वाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अभी तक जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, वह महज शुरुआत है।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन आव्रजन प्रणाली में करुणा एवं व्यवस्था बहाल करने और गत चार वर्षों की विभाजनकारी, अमानवीय और अनैतिक नीतियों में सुधार करने को लेकर बेहद स्पष्ट हैं। आने वाले सप्ताहों और महीनों में हम इस पर ध्यान देंगे।’
एक प्रभावशाली आव्रजन की वकालत करने वाले भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने बाइडन प्रशासन से आग्रह किया था कि वह भारत में जन्मे किसी भी व्यक्ति को एच1बी वर्क वीजा तब तक ना दे, जब तक कि ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास पर भेदभावपूर्ण नीति खत्म ना हो। इस संबंध में किए सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने यह जवाब दिया।
एच-1बी वीजा एक गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशेवरों को काम पर रखने की इजाजत देता है। बता दें कि अगले वित्त वर्ष के लिए एच-1बी वीजा आवेदन पंजीकरण की प्रक्रिया 9 मार्च से शुरू होगी और कंप्यूटरीकृत लॉटरी ड्रॉ में सफल प्र��िभागियों को 31 मार्च तक इस बारे में सूचित किया जाएगा। एक संघीय एजेंसी ने यह घोषणा की है।
अमेरिका नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं (यूएससीआईएस) की यह नोटिफिकेशन बाइडन प्रशासन की उस घोषणा के एक दिन बाद आई है कि वह विदेशी पेशेवरों को काम के लिए वीजा जारी करने की परंपरागत लॉटरी व्यवस्था को बरकरार रखेगी। यूएससीआईएस ने घोषणा की कि वित्त वर्ष 2022 के लिए एच-1बी वीजा के लिए शुरुआती पंजीकरण 9 मार्च को दोपहर में शुरू होगा और 25 मार्च की दोपहर तक चलेगा। एजेंसी ने कहा कि अगर उसे 25 मार्च तक पर्याप्त संख्या में पंजीकरण प्राप्त हो गए तो वह बिना किसी क्रम के पंजीकरण का चयन कर चुने हुए लोगों की अधिसूचना 31 मार्च तक भेज देगी।
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toldnews-blog · 6 years ago
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भारतीयों के लिए अच्छी खबर, H-1B वीजा में बड़ा बदलाव करेगा अमेरिका - Trump assures certainty path to citizenship for h1b visa holders
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा धारकों को आश्वासन दिया कि उनका प्रशासन जल्द ऐसे बदलाव करेगा, जिससे उन्हें अमेरिका में रूकने का भरोसा मिलेगा और जिससे उनके लिए नागरिकता लेने के लिए संभावित रास्ता बनेगा. अधिकतर एच-1बी वीजा धारक आईटी पेशेवर हैं.
ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उनका प्रशासन एच-1बी वीजा में अमेरिकी नीतियों में बदलाव लाने की योजना बना रहा है और वह प्रतिभाशाली और उच्च कौशल लोगों को अमेरिका में कॅरियर बनाने के लिए बढ़ावा देगा. ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका में एच-1बी वीजा धारक आश्वस्त हो सकते हैं कि बदलाव जल्द होंगे जिससे आपको यहां रूकने में आसानी होगी और आपको भरोसा मिलेगा. साथ ही इससे यहां की नागरिकता लेने का संभावित रास्ता खुलेगा. हम प्रतिभाशाली और उच्च कौशल लोगों को अमेरिका में कॅरियर बनाने के लिए बढ़ावा देंगे.’’
H1-B holders in the United States can rest assured that changes are soon coming which will bring both simplicity and certainty to your stay, including a potential path to citizenship. We want to encourage talented and highly skilled people to pursue career options in the U.S.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 11, 2019
ट्रम्प का ट्वीट भारतीय पेशेवरों और खासकर आईटी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए अच्छी खबर के रूप में सामने आया है, जिन्हें ग्र��न कार्ड अथवा स्थायी कानूनी निवास पाने में वर्तमान में करीब एक दशक तक का इंतजार करना पड़ता है.
राष्ट्रपति शासनकाल के प्रथम दो वर्षों में ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी वीजा धारकों के वहां अधिक समय तक ठहरने, विस्तार और नया वीजा हासिल करना कठिन बना दिया था. भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी वीजा की काफी चाहत रखते हैं. यह गैर आव्रजन वीजा है जिसमें अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञ विदेशी कामगारों को रोजगार पर रखती हैं.
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newsaryavart · 5 years ago
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कोरोना वायरस महामारी के चलते अमेरिका ने भारतीयों के वीजा की वैधता बढ़ाई, H1B वीजा शामिल
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नई दिल्ली: अमेरिकी राज्य विभाग ने अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के वीजा की समय सीमा बढ़ाने के भारतीय अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. इसमें H1B वीजा भी शामिल है. अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट को इसके लिए स्वीकृति दे दी गई है. COVID-19 के प्रकोप के कारण अधिकांश भारतीय अमेरिका में फंसे हुए हैं.
भारत ने अमेरिकी सरकार से कोरोना वायरस (Coronavirus)महामारी के कारण देश में फंसे…
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vsplusonline · 5 years ago
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ट्रंप की भारत यात्रा से सबसे ज्यादा खुश हैं गुजराती मूल के भारतीय, जताई ये उम्मीद
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ट्रंप की भारत यात्रा से सबसे ज्यादा खुश हैं गुजराती मूल के भारतीय, जताई ये उम्मीद
अमेरिका में चुनाव को देखते हुए ट्रंप का गुजरात दौरा काफी अहम माना जा रहा है. फोटो. एपी
गुजरात (Gujarat) पर फिर एक बार दुनिया की नजर है, क्योंकि दुनिया के सबसे ताकतवर शख्‍स डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) यहां आ रहे हैं. अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (President election of USA) के मद्देनजर ट्रंप की यह यात्रा काफी अहम हो जाती है.
News18Hindi
Last Updated: February 23, 2020, 11:30 PM IST
अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) पर फिर एक बार दुनिया की नजर है, क्योंकि दुनिया के सबसे ताकतवर शख्‍स डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) यहां आ रहे हैं. अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (President election of USA) के मद्देनजर ट्रंप की यह यात्रा काफी अहम हो जाती है. अमेरिका में रहने वाले भारतीयों में गुजरातियों की संख्या काफी अहम है. ऐसे में ट्रंप गुजरात के माध्यम से अपने वोटरों को साधने का पूरा प्रयास करेंगे. दुनियाभर में फैले गुजरातियों ने अपनी बिजनेस क्षमता से अमेरिका में अपना लोहा मनवाया है. लेकिन उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ा. गुजरातियों की इसी संघर्ष गाथा को जानने के लिए न्यूज-18 की टीम गुजरात के आणंद पहुंची. आणंद वह जगह है, जहां सबसे ज्यादा एनआरजी बसते हैं���. यहां के सोजित्रा तहसील में पीपलाव गांव और इसणाव गांव हैं. जहां के 500 से ज्यादा लोग अमेरिका में बसे हैं. शादियों का सीजन होने के कारण कई लोग अमेरिका से यहां आए हुए हैं.
अमेरिका में रहने वाले ये भारतीय ट्रंप की यात्रा (Donald Trump India Visit) से काफी खुश हैं, किसी को वीजा नियमों में ढील की उम्मीद है तो किसी को व्यापार कारोबार बढ़ने की. ऐसे ही हैं रमेश पटेल. जो 52 साल पहले अमेरिका गए थे. मूलतः इसणाव गांव में जन्मे रमेशभाई स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका गए थे. अपने उस दौर को याद करते हुए वह कहते हैं कि अमेरिका जाना पहले से बहुत आसान हो गया है. वह कहते हैं कि न केवल रहने में बल्‍कि खाने-पीने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
मोदी-ट्रंप की दोस्ती से स्टूडेंंट को फायदा मिलन��� की उम्मीद वह कहते हैं ‘मैं स्‍टूडेंट वीजा पर 1968 में अमेरिका गया. बीई सिविल के बाद मास्टर किया. मैं वेजिटिरियन था. लेकिन ऐसा खाना वहां मुश्‍किल था. हम तीन-चार फ्रेंड साथ में रहते थे. उस समय नौकरी मुश्किल होती थी. क्योकिं वॉर टाईम था. धीरे धीरे स्थियों में सुधार होता गया. नौकरी मिल गई. आज तो किसी न किसी का संबंधी, फ्रैंड अमेरिका में रहता है. स्टूडैंट वीजा मिलना तो आज भी मुश्किल है, लेकिन फिर भी आईटी, इंजीनियरिंग करते हैं उन लोगों को मिल जाता है. मोदी और ट्रंप की दोस्‍ती से स्टूडैंट को भी फायदा होगा. H1B वीजा मिलने में फायदा होगा.’रमेश का कहना है, ‘अमेरिका में बसने वाले भारतीय कई तरह के काम कर रहे हैं. टेल ओनर्स हैं. स्टोर ओनर्स हैं. कई आईटी कंपनियां चला रहे हैं. पीएम मोदी की अमेरिका की दो तीन यात्राओं से काफी बदलाव आया है. पहले यहां इंडियन सोचते थे कि भारत में भ्रष्‍टाचार के कारण हालात काफी खराब हैं. लेकिन अब सोच बदली है. उन्‍हें लगता है कि अमेरिकी भी भारत में आकर बिजनेस कर सकते हैं, उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं होगी. मैं एक और बात बताना चाहता हूँ कि हाउडी मोदी कार्यक्रम में डोनाल्‍ड ट्रंप का प्लान स्टेडियम में घूमने का नहीं था, क्‍योंकि यहां प्रेसिडेंट ऐसा नहीं करते, लेकिन मोदीजी उनसे कहा, आइए हम लोगों का अभिवादन करते हैं. फिर दोनों स्टेडियम में घूमे. ट्रंप की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे.’
14 साल करना पड़ा इंतजार गुजरात से अमेरिका जाकर बसने वाले एक और शख्‍स हैं, भूपेन्द्र पटेल. वह 22 साल पहले अमेरिका गए थे. वह बतातें है कि तब उन्‍हें अमेरिका जाने के लिए 14 साल इंतजार करना पड़ा था. भूपेन्द्र पटेल ने पढ़ाई के बाद अमेरिका में ही पहले मोटेल फिर पेट्रोल पंप और दूसरे बिजनेस में योग्‍यता दिखाई. वह कहते हैं, 1998 में मैं F4 कैटेगरी में अमेरिका गया था. वहां हमारी पहली परेशानी भाषा को लेकर थी. लेकिन हम धीरे धीरे माहौल में रम गए. पहले वहां मोटेल में जॉब किया. क्‍योंकि उसमें रेसिडेन्सियल का रैंट नहीं देना पडता. बाद में फिर बिजनेस शुरू किया. दो-तीन महीने स्टोर में और बाद में कन्विनेशन स्टोर शुरू किया. दस साल तक स्टोर चलाया. उसके बाद दूसरा बिजनेस शुरू किया. वह था पेट्रोल पंप का. पेट्रोल पंप के धंधे में हम सफल हुए. अब अमेरिका में 24 साल हो गये हैं. पीएम मोदी के अमेरिका आने पर अमेरिका में रहने वाले सारे भारतीय खुश थे. वहां पर भारतीय कहते हैं ‘ट्रंप इज जिंदाबाद, मोदी इज जिंदाबाद.’पहले बिजनेस जमाना  नहीं था आसान रमेश पटेल की तरह पीपलाव गांव के विनोदभाई 50 साल पहले पढ़ाई के लिए अमेरिका गए. जिन्होंने 50 सालों में अमेरिका और भारत के रिश्तों के उतार-चढ़ाव को महसूस किया. शुरुआती दौर में बिजनेस को जमाना उनके लिए भी आसान नहीं था. लेकिन कड़ी मेहनत से आखिर उन्होंने न केवल अपनी जड़ें जमाई कई रिश्तेदारों को भी यहा पहुंचाया.
वह कहते हैं ‘मैं 50 साल पहले अमेरिका पढ़ने के लिए गया था. कैमिस्ट्री में प्लास्टिक टेक्‍नोलॉजी में मास्टर किया. सरकार से ग्रीन कार्ड मिला. ग्रीन कार्ड की वजह से वहाँ काम कर सकते थे इंडिया भी आ सकते थे. उस समय वियतनाम वॉर का समय था. इसीलिए वहां मुश्किलें भी थीं. लेकिन उस समय अच्छी नौकरी मिल गई. पीएम मोदी अमेरिका आए. ट्रंप एक हीरो हैं. मोदी भी एक हीरो हैं. पहले के हिसाब से आज अमेरिका जाने के लिए बहुत अच्छा है. ट्रंप यहां आ रहे हैं. इससे भारत-अमेरिका का रिश्ता बहुत मजबूत होगा. भारत-अमेरिका दोनों ही देशों के लोगों को काम मिलेगा.’
ऐसा नहीं है कि सिर्फ आणंद के ही लोग अमेरिका में बसे हैं. महेसाणा का शैलेष पटेल का परिवार भी 2012 में अमेरिका जाकर बस गया था. उनका कहना है कि भारत-अमेरिकी रिश्तो में आई निकटता से वीजा जल्दी मिल रहा है. अमेरिका में बसने वाले गुजरातियों के परिवार के सदस्य भी उनको लेकर निश्चिंत हैं. उनका कहना है कि पटेल सरनेम को लेकर बहुत पहले वीजा को लेकर दिक्कतें आईं. लेकिन अब सब आसान है.
मेहसाणा की सरोज बेन का कहना है कि पहले पटेल सरनेम के कारण वीजा लेने में बहुत दिक्कत होती थी. वहां जाने के बाद भी थोडा सा डर रहता था. लेकिन अभी मेरा परिवार वहां है. वो लोग भी बहुत खुश हैं. उनको कोई तकलीफ नहीं है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों पर हम गर्व महसूस करते हैं. हमारे बच्चे जब अमेरिका जाते थे तो पहले जॉब में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब बडी उम्र वालों को भी जॉब मिलने में दिक्कते नहीं आतीं.
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First published: February 23, 2020, 10:44 PM IST
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supremenewstv-blog · 6 years ago
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अमेरिका में भारतीय H1B वीजा धारकों की रैली
अमेरिका में भारतीय H1B वीजा धारकों की रैली
वॉशिंगटन : एच 1 बी वीजा पर ज्यादातर भारतीयों के एक समूह ने रविवार दोपहर को व्हाइट हाउस के बाहर एक रैली की, जिससे देश में कानूनी रूप से लाभान्वित होने के लिए आव्रजन कानून में सुधार की मांग की गई। रिपब्लिकन हिंदू गठबंधन (आरएचसी) द्वारा आयोजित रैली, जो खुद को एक ऐसे संगठन के रूप में वर्णित करती है, जो हिंदू अमेरिकी समुदाय के लिए एक आवाज प्रदान करना चाहती है, जिसमें हिंदू के अनुमान के अनुसार लगभग…
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getdreamjobonline · 6 years ago
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US करेगा H1B वीजा नियमों में बदलाव, अब भारतीयों को नहीं मिलेगी वहां नौकरियां!
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अमरीका में नौकरी करने के इच्छुक भारतीय युवाओं के लिए यह एक बुरी खबर हो सकती है। ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा नियमों में बदलाव करने का निर्णय किया है। जो भारतीय तथा अन्य विदेशी युवा पहले से अमरीका में जॉब कर रहे हैं, उन पर भी इसका असर पड़ेगा। अमरीकी प्रशासनों के तहत H-1B वीजा के तहत आने वाले रोजगार और विशेष व्यवसायों या पेशों की परिभाषा को 'संशोधित' करने की योजना है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं बताया गया है कि यह बदलाव किस तरह के होंगे।
जनवरी 2019 तक आ जाएगा नया प्रस्ताव अमरीका के गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने कहा कि अमरीकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) एच-1बी वीजा के संबंध में जनवरी 2019 तक नया प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार कर्मचारियों की शिक्षा, अनुभव व सेवा शर्तों आदि से जुड़ी बाध्यताओं व नियमों को सख्त किया जा सकता है। डीएचएस ने कहा कि वह अमरीकी कामगारों और उनके वेतन-भत्तों के हितों को ध्यान में रखते हुए 'रोजगार और नियोक्ता व कर्मचारी के बीच संबंध (एंप्लॉयर-एंप्लॉयी रिलेशन) की परिभाषा को भी संशोधित करेगा।
ट्रंप प्रशासन अपना रहा है सख्त रवैया माना जा रहा है कि नए नियम लाने का मकसद व्यवसाय विशेष की परिभाषा में बदलाव करना हो सकता है। इससे अमरीका में व्यापार कर रही छोटी तथा मध्यम दर्जे की कंपनियां विशेष तौर पर प्रभावित होंगी। साथ ही उन्हें विदेशी कामगारों के बजाय अमरीकियों को नौकरी में रखे जाने के लिए पाबंद किया जा सकता है।
क्या है एच-1बी वीजा एच-1बी एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो भारतीय आइटी पेशेवरों के बीच खासा लोकप्रिय है। यह अमरीकी कंपनियों को कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति देता है। टेक्नालॉजी कंपनियां चीन और भारत जैसे देशों से कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं। ऐसे में नए नियमों का सबसे ज्यादा असर इन्हीं पर होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/us-changing-h1b-visa-rules-for-foreign-professionals-indians-in-loss-3591502/
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yarokiyari · 7 years ago
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अमेरिका ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को आखिरी चेतावनी दी है. इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को विशेष रूप से पाकिस्तान भेजा था. मेल टुडे ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया कि टिलरसन ने पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा है कि वह बहाना बनाना बंद करे और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे. वरना अमेरिका खुद ही घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों की लिस्ट भी दी है, ताकि वह इनके खिलाफ कार्रवाई कर सके. पाकिस्तान होते हुए पहली बार भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने बुधवार को अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अज��त डोभाल से मुलाकात की. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक NSA अजीत डोभाल ने टिलरसन से कहा कि वह आफगानिस्तान और पाकिस्तान के दौरे से आए हैं. लिहाजा अब वह पाकिस्तान का मूल्यांकन करने को कहा. इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया गया है. अगर पाकिस्तान कार्रवाई नहीं करेगा, तो US करेगा सूत्रों के मुताबिक टिलरसन ने पाकिस्तानी नेतृत्व से सख्त लहजे में कहा कि वो आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, वरना हम करेंगे. मेल टुडे ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका ने अपने मूल्यांकन में पाया कि पाकिस्तान में आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या है. टिलरसन ने अजीत डोभाल को भी इस बात से अवगत करा दिया है. टिलरसन ने कहा कि अमेरिकी सरकार मानती है कि पाकिस्तान में आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने असली समस्या है. जब अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तानी नेतृत्व से खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बारे में चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि विशेष रूप से किसी आतंकी के नाम पर चर्चा की बात सामने नहीं आई है. मालूम हो कि भारत लंबे समय से अमेरिका से कह रहा है कि वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए. 26/11 मुंबई आतंकी हमले में कई अमेरिकी नागरिकों की भी मौत हुई थी. सुषमा और टिलरसन के बीच हुई समग्र वार्ता बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन के बीच समग्र बातचीत हुई. इसके बाद दोनों देशों ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान को चेतावनी दी कि आतंकवाद की पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह अपनी सरजमीं पर मौजूद आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके अलावा दोनों विदेश मंत्रियों ने बातचीत के दौरान H1B वीजा, अफगानिस्तान के हालात, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका गठजोड़ और उत्तर कोरिया सहित कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इस बीच सुषमा ने कहा कि उन्होंने एच1बी वीजा मुद्दे पर चर्चा की और अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से अनुरोध किया कि भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली कार्रवाई ना की जाए. आतंकवाद के पनाहगाह नहीं किए जाएंगे बर्दाश्तः US सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिलरसन ने कहा, ‘आतंकवाद के पनाहगाह बर्दाश्त नहीं की जाएंगे.’ भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के एक लिए एक बड़ा खतरा बन चुके आतंकवाद पर टिलरसन के साथ विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में आतंकी हमले की घटनाएं बढ़ने को लेकर चिंता जताई और कहा कि ये हमले दर्शाते हैं कि वहां ऐसे तत्व हैं, जो आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं और उनको पनाहगाह मुहैया करा रहे हैं. उनके मुताबिक टिलरसन ने सहमति जताई कि भारत और अमेरिका को यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी देश आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया ��हीं कराए और अगर कोई देश आतंवाद का सहयोग करता है या उसका इस्तेमाल करता है, तो उसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए फौरम कदम उठाए PAK सुषमा स्वराज ने कहा, ‘हमने इस बात पर भी सहमति जताई कि पाकिस्तान को आतंकवाद की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए. हमारा मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नई रणनीति (दक्षिण एशिया के लिए) तभी सफल हो सकती है, जब पाकिस्तान बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे.’ सुषमा और टिलरसन के बीच वार्ता में अमेरिका की ओर से दक्षिण एशिया एवं अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात को लेकर घोषित नई रणनीति का पूरा असर दिखा. ट्रंप प्रशासन ने अपनी नई रणनीति में क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे में भारत की भूमिका बढ़ने की पैरवी की है. अमेरिका की 75 आतंकियों की सूची में हाफिज सईद का नाम नहीं अमेरिका की ओर से जिन 75 आतंकियों की सूची सौंपी गई है, उसमें खूंखार आतंकी हाफिज सईद का नाम शामिल नहीं है. बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि अमेरिका की ओर से सौंपी गई 75 आतंकियों सूची में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद का नाम नहीं है. इस सूची में हक्कानी नेटवर्क का नाम शीर्ष पर है. पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट में उन्होंने कहा कि इस सूची में किसी भी पाकिस्तानी आतंकी का नाम शामिल नहीं है. अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को सराहा टिलरसन ने अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं के जरिए भारत की ओर से रचनात्मक भूमिका निभाने की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘हमें पाकिस्तान सरकार की स्थिरता व सुरक्षा की भी चिंता है और साथ ही यह चिंता भी है कि आतंकी संगठनों की संख्या बढ़ गई है...उनकी ताकत बढ़ गई है. पाकिस्तान की सीमा के भीतर उनकी क्षमता बढ़ गई है और इस सब से उसकी अपनी स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो सकता है.’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे में यह परस्पर हित में है कि इन आतंकी संगठनों पर न सिर्फ नियंत्रण किया जाए, बल्कि इनका सफाया भी किया जाए तथा सभी लोगों को कट्टरपंथ को खत्म करने का संकल्प करना चाहिए. सुषमा और टिलरसन ने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने व व्यापार संबंधों में बेहतरी सहित विभिन्न विषयों पर बातचीत की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत की सेना के आधुनिकीकरण के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी मुहैया कराने को तैयार है. टिलरसन ने कहा कि भारत अमेरिका-अफगानिस्तान नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर उत्सुक हैं.
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dainiksamachar · 8 years ago
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H1B वीजा: भारत ने खोला कूटनीतिक मोर्चा
भारत ने मंगलवार को कहा कि उसने अमेरिकी कांग्रेस में एच1बी वीजा नियमों में बदलाव के लिए पेश किए गए विधेयक से जुड़ी अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत करा दिया है। माना जा रहा है कि ऐसा कोई भी बदलाव भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग और अमेरिका में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे भारतीयों पर विपरीत असर डालेगा। http://dlvr.it/NFpvLC
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col-life23 · 4 years ago
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H1B वीजा: H-1B वीजा: अमेरिकी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा! - h1b वीज़ा पंजीकरण मार्च आवक यूएसए आव्रजन विभाग पर शुरू करने के लिए
H1B वीजा: H-1B वीजा: अमेरिकी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा! – h1b वीज़ा पंजीकरण मार्च आवक यूएसए आव्रजन विभाग पर शुरू करने के लिए
H-1B वीजा अमेरिका में रहने और काम करने वाले विदेशियों के लिए जारी किया जाता है। भारत के कई लोग रह रहे हैं और देश के काम को समझ रहे हैं। लेकिन अमेरिकियों को रोजगार में प्राथमिकता देने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने पिछले साल एच -1 बी वीजा और ग्रीन कार्ड प्रतिबंध की शुरुआत की। डोनाल्ड ट्रम्प ने उन प्रतिबंधों को मार्च 2020 तक बढ़ा दिया है, जब वे पिछले साल दिसंबर में समाप्त होने वाले थे। इस बीच,…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने H1B वीजाधारक भारतीयों को दी खुशखबरी, लिया बड़ा फैसला
न्यूयॉर्क जो बाइडेन को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए अभी केवल एक सप्ताह ही हुआ है, लेकिन इसी बीच उनकी सरकार ने ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे अमेरिका में काम कर रहे H1B वीजा धारक भारतीयों ने बेहद राहत की सां�� ली है। बाइडेन प्रशासन ने इस अहम फैसले में एच1बी वीजा धारक कर्मचारियों के एच-4 वीजाधारक जीवनसाथियों को काम जारी रखने की अनुमति प्रदान कर दी है।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में एच1बी धारक कर्मचारियों के जीनसाथियों को इस बात की आशंका बनी हुई थी कि अमेरिका में चार वर्ष बिताने के बाद पता नहीं उन्हें आगे आगे काम करने की अनुमति मिल पाएगी अथवा नहीं। अब बाइडेन प्रशासन के इस निर्णय से उन आशंकाओं पर विराम लग गया है। पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने अपने शासनकाल में एच1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में काम करने की अनुमति संबंध कानून पारित किया गया था।
ओबामा ने दी थी जीवनसाथियों को काम की अनुमति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद इस कानून को रद्द करने की बहुत कोशिशें की। बहरहाल, बाइडेन के इस प���रशासनिक फैसले से इस पर विराम लग चुका है। एच1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को एच-4 वीजा के तहत अमेरिका में काम करने की अनुमति ओबामा प्रशासन द्वारा प्रदान की गई थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने कथित तौर पर एक एजेंडे के तहत इसे समाप्त करने की कोशिश की।
बहरहाल, बाइडेन के इस ताजा फैसले से सैकड़ों की संख्या में लोगों ने राहत की सांस ली है। इस निर्णय पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए एच-4 वीजाधारक अटलांटा के एक बाशिंदे ने कहा कि लंबे कश्मकश के बाद हमलोग फिलहाल बहुत राहत महसूस कर रहे हैं। अमेरिका में बडे़ पैमाने पर भारतीय सॉफ्टवेयर इंज‍िनियर काम करते हैं। इस फैसले से उन्‍हें बड़ी राहत मिली है।
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googlesamachar · 8 years ago
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अटॉर्नी जनरल पद के लिए ट्रंप के उम्मीदवार ने कहा, H1B VISA पर करेंगे कंट्रोल - Jansatta
अटॉर्नी जनरल पद के लिए ट्रंप के उम्मीदवार ने कहा, H1B VISA पर करेंगे कंट्रोल - Jansatta: Jansatta अटॉर्नी जनरल पद के लिए ट्रंप के उम्मीदवार ने कहा, H1B VISA पर करेंगे कंट्रोल Jansatta सेशंस ने कहा, 'मेरा मानना है कि एच1वीज़ा का दुरुपयोग हुआ है और मुझे आपके विधेयक और जिन कुछ अन्य के विधेयक मददगार हो सकते हैं।' Author भाषा वॉशिंगटन | January 12, 2017 18:19 pm. चित्र का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया जा रहा है। (एक्सप्रेस फाइल). अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामित उम्मीदवार ने सांसदों को भारतीय आईटी पेशेवरों द्वारा मुख्य रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले एच1बी एवं एल1 कार्य वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैधानिक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। सीनेटर जेफ सेशंस ने अमेरिका के अटॉर्नी जनरल पद पर उनकी ... भारतीयों को नौकरी देने वाले एच1बी वीजा पर सख्ती करेगा अमेरिकाLive हिन्दुस्तान ट्रंप प्रशासन अमेरिका में कारोबारी वीजा की शर्ते कड़ी करेगादैनिक जागरण ट्रम्प के सहयोगी ने कहा-एच1 बी वीजा का रोकेंगे 'दुरुपयोग'आज तक नवभारत टाइम्स -दैनिक भास्कर -मनी भास्कर -प्रभात खबर सभी १३ समाचार लेख » http://dlvr.it/N5d9bx
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