#भारतीय रंगमंच
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Jamshedpur sanskar bharti : जमशेदपुर संस्कार भारती की साधारण सभा एवं लोक उत्सव की रही धूम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सबका मन मोहा, संस्था की महानगर इकाई के विस्तार में डॉ रागिनी भूषण अध्यक्ष, अरुणा भूषण बनीं महासचिव
जमशेदपुर : कला एवं रंगमंच को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की जमशेदपुर महानगर इकाई की विशेष साधारण सभा में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह संचालक भास्कर जोशी, प्रांतीय नाट्यविधा सह प्रमुख अनिता सिंह इकाई की अध्यक्ष डॉ रागिनी भूषण ने समिति विस्तार की उद्घोषणा करने के पश्चात सभी पदाधिकारियों एवं विधा संयोजकों को संस्था के प्रति समर्पण, सक्रियता, कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाकर…
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*भारतीय संविधान की निर्माण प्रक्रिया में योगदान देने वाली महिलाओं को राष्ट्रीय महिला आयोग करेगा नमन*
बीकानेर, 26 नवंबर 2024: भारत के 75वें संविधान दिवस के उपलक्ष्य में, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) बीकानेर नगर निगम के सहयोग से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है, जिसमें भारतीय संविधान की निर्माण प्रक्रिया में योगदान देने वाली 15 अद्वितीय महिलाओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 26 नवंबर को शाम 5 बजे बीकानेर के प्रतिष्ठित रविंद्र रंगमंच पर आयोजित होगा। कार्यक्रम में राजस्थान…
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 17 August 2024
Time: 11.00 to 11.05 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभा��ीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: १७ ऑगस्ट २०२४ सकाळी ११.०० वा.
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कोरोनाच्या संकटातून जग अजूनही पुर्णपणे बाहेर आलं नसून युद्धाच्या स्थितीमुळं भारताच्या विकासासमोर आव्हानं उभी राहीली असल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी म्हटलं आहे.
नवी दिल्लीत आयोजित तिसऱ्या व्हाईस ऑफ ग्लोबल दक्षिण देशांच्या शिखर संमेलनात ते आज बोलत होते.
पंतप्रधानांनी यावेळी दुरदृष्टप्रणालीद्वारे दक्षिण देशांच्या प्रतिनिधींशी संवाद साधला. अलिप्ततावाद, दहशतवाद हा समाजासाठी धोकादायक बनला असून चहुबाजूने अनिश्चिततेचं वातावरण असल्याचं ते म्हणाले. अंतर्गत व्यापार, समावेशक विचार आणि विकासासाठी देश चालाना देत असून भारत मानवतेच्या दृष्टीनं मित्र राष्ट्रांना आपत्तीकाळात मदत करत असल्याचंही त्यांनी म्हटलं आहे.
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कोलकाता इथल्या वैद्यकीय महाविद्यालयातील महिला अत्याचाराच्या घटनेनंतर देशभरात तीव्र प्रतिक्रिया उमटत आहेत. या घटनेच्या निषेधार्थ भारतीय वैद्यकीय संघटनेनं आज एक दिवसाचा देश���्यापी संप पुकारला असून मुंबईत जे.जे. रुग्णालयासह अन्य रुग्णालयांचे डॉक्टर आणि वैद्यकीय संघटना या संपात सहभागी झाल्या आहेत.
छत्रपती संभाजीनगर इथंही क्रांतिचौकात निदर्शनं सुरु असून शहरातील काही खासगी वैद्यकीय रुग्णालयं, वैद्यकीय व्यावसायिक आणि प्रशिक्षणार्थी डॉक्टरांची मार्ड संघटना या संपात सहभागी झाली आहे.
हिंगोलीत डॉक्टर हेडगेवार स्मृती रुग्ण सेवा मंडळ आणि दंत महाविद्यालयाच्या विद्यार्थ्यांनी तर धुळ्यात श्री भाऊसाहेब हिरे शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयाच्या निवासी डॉक्टरांनी ठिय्या आंदोलन सुरू केलं आहे.
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कठोर आणि प्रामाणिक मेहनत तसंच सर्वोत्तम सातत्यपूर्ण कामगिरी ही यशस्वी होण्याची गुरुकिल्ली असल्याचं प्रतिपादन राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन यांनी केलं आहे.
रायगड जिल्ह्यातल्या लोणेरे इथल्या ��ॉ. बाबासाहेब आंबेडकर तंत्रशास्त्र विद्यापीठाच्या सव्वीसाव्या दीक्षांत समारंभ कार्यक्रमात काल ते बोलत होते. भारतामध्ये सेवा क्षेत्रातील नेतृत्वासोबतच जागतिक उत्पादन केंद्र बनण्याची क्षमता आहे, असं राज्यपाल यावेळी म्हणाले
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यंदाचे मुंबई मराठी साहित्य संघाचे नाट्यगौरव सन्मान जाहीर झाले असून त्यात चतुरस्त्र रंगकर्मी पुरूषोत्तम बेर्डे, लेखिका अभिनेत्री डॉ. श्वेता पेंडसे, संगीत नाटकांचे लेखक प्रदीप ओक, ख्यातनाम प्रकाश योजनाकार श्याम चव्हाण, संगीत रंगभुमीवरील नवोदित कलाकार भाग्येश मराठे, डॉक्टर गौरी पंडित, आदित्य पानवलकर, लेखक, दिग्दर्शक स्वप्नील जाधव, आनंद पालव, संतोष भुवड आणि रंगमंच संस्था यांचा समावेश आहे .
संस्थेचे संस्थापक डॉ. अ. ना. भालेराव यांच्या स्मृतिदिनी २५ ऑगस्ट रोजी अध्यक्ष अचला जोशी, ज्येष्ठ नटवर्य बाळ धुरी यांच्या हस्ते हा सन्मान वितरण सोहळा होईल.
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हिंगोली जिल्ह्यातल्या तीसपैकी नऊ मंडळात गेल्या २४ तासात अतिवृष्टीची नोंद झाली असून, काल पहाटे मेघगर्जनेसह झालेल्या जोरदार पावसामुळं हिंगोली शहरालगत असलेल्या कयाधु नदीला पूर आला आहे. जिल्ह्यात सर्वाधिक ९५ मिलीमीटर पाऊस आंबा मंडळात तर सर्वात कमी २९ पूर्णांक ९ मिलीमीटर पाऊस टेंभूर्णी मंडळात झाला. लातूर जिल्ह्यातही काल मुसळधार पाऊस झाला. जळकोट तालुक्यात झालेल्या जोरदार पावसामुळे शेती पिकांचं मोठं नुकसान झालं तर चाकूरसह तालुक्यातल्या महाळंगी परिसरात नागरिकांच्या घरात पाणी घुसल्यानं संसारोपयोगी साहित्य आणि शेतीपिकांचं मोठं नुकसान झालं आहे.
छत्रपती संभाजीनगरसह जालना जिल्ह्यातही आज पहाटेपासून ढगाळ वातावरण असून संततधार पाऊस सुरु आहे.
दरम्यान येत्या चार दिवसात मराठवाड्यात अनेक ठिकाणी वादळीवारा आणि मेघगर्जनेसह पावसाची शक्यता प्रादेशिक हवामान केंद्रानं वर्तवली आहे.
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उत्तरप्रदेशात प्रयागराज रेल्वे स्थानकावर दुरुस्ती कामामुळे जालना-छपरा-जालना या विशेष गाडीच्या मार्गात तात्पुरता बदल करण्यात आला आहे. संबंधित प्रवाशांनी याची नोंद घेण्याचं आवाहन दक्षिण मध्य रेल्वेकडून करण्यात आलं आहे.
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बीड इथं काल कौशल्य विकास उद्योजकता मंत्र��लय भारत सरकार, जन शिक्षण संस्थान बीड द्वारा सुरू असलेल्या पीएम विश्वकर्मा प्रशिक्षणातील प्रशिक्षणार्थींना ओबीसी महामंडळाच्या कर्जविषयक योजनांची माहिती देण्यात आली. ओबीसी समाजातील पारंपारिक व्यावसायिकांच्या आर्थिक उत्थानासाठी ओबीसी आर्थिक विकास महामंडळाचे वसुली निरीक्षक कृष्णा कळसाने यांनी ही माहिती दिली.
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अखिल भारतीय श्री कान्यकुब्ज वैश्य ( हलवाई ) महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद पर कृष्णा हलवाई नियुक्त
सतना/मुंबई। कान्यकुब्ज वैश्य हलवाई समाज मुंबई ने भगवान ���्री सत्यनारायण जी महापूजा एवं वार्षिक मिलन समारोह वर वधू पारिवारिक परिचय स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर रंगमंच मैदान कोलवाड रोड़ खोपट लाइफ लाइन हास्पिटल ठाणे पश्चिम में आयोजित किया गया जिसमे अखिल भारतीय श्री कान्यकुब्ज वैश्य ( हलवाई ) मोदनवाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम दास मोदनवाल ( ज्ञानपुर चैयरमैन ) एवं राष्ट्रीय महामंत्री…
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Raksha Bandhan Puja Vidhi || रक्षा बंधन की पूजा कैसे की जाती है?
पढ़ने का समय- 4 मिनट
भारतीय संस्कृति विविधता और रंगमंच का अद्वितीय संगम है, और इन रंगों का एक प्रमुख हिस्सा है - "रक्षा बंधन"। यह पर्व न केवल भाई-बहन के प्यार का प्रतीक होता है, बल्कि यह एक पारंपरिक उत्सव है जिसमें प्रेम और संबंधों की महत्वपूर्णता का संदेश समाहित होता है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि रक्षा बंधन की पूजा कैसे की जाती है:
पूजा की तैयारियाँ: (Puja Vidhi)
रक्षा बंधन के दिन, बहन अपने भाई की सुरक्षा और दीर्घायु की कामना करती हैं। पूजा के लिए वे एक सुंदर राखी, तिलक, अक्षत (चावल), रोली, दीपक और मिठाई आदि की तैयारियाँ करती हैं।
तिलक और राखी:
फिर बहन अपने भाई की भलाइ की कामना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगाती हैं और फिर उन्हें राखी बांधती हैं। राखी का यह धागा न केवल एक सुंदर बनावट का होता है, बल्कि यह बहन की प्रेम और स्नेहभावना का प्रतीक भी होता है जिसके द्वारा वह अपने भाई से हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन मांगती है।
आरती और प्रार्थना:
राखी बंधन के बाद, बहन अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। इसके बाद, वे एक दीपक जलाती हैं और आरती करती हैं।
भाई का शगुन:
इसके बाद, भाई अपनी बहन को धन्यवाद देते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। वे उन्हें उपहार देते हैं, जैसे कि सोने या चांदी के आभूषण, पैसे या किसी अन्य उपहार की रूप में। पूजा के बाद परिवार का एक सांझा भोजन होता है, जिसमें सभी परिवारजन एक साथ बैठकर आनंदित महौल में भोजन का आनंद लेते हैं।
परंपरा की महत्वपूर्णता:
रक्षा बंधन पूजा एक ऐसी परंपरा है जो परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ लाती है और उनके संबंधों को मजबूती और स्नेहभावना से बांधती है। यह उत्सव भाई-बहन के प्यार और सहयोग की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है और हमें याद दिलाता है कि परिवार का समर्थन और सदस्यों के बीच अटूट संबंध कितने महत्वपूर्ण होते हैं। इस पूजा के माध्यम से हमें भाई-बहन के प्यार और समर्थन की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत होता है। यह न केवल परिवार के सदस्यों के बीच एक मजबूत बंधन की नींव रखता है, बल्कि हमारी सामाजिक संरचना में भी एकता और सद्��ावना की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हर साल, प्रभु श्रीराम- इन्सेंस विद अ स्टोरी आपके लिए एक अनोखा राखी संग्रह लातें हैं जो प्रत्येक धागे ��ें शुद्ध प्रेम और स्नेह का सार समाहित करते हैं- “द सिल्क ऑफ़ लव कलेक्शन”। भारतीय वस्त्रों की टेपेस्ट्री में रेशम का एक विशेष स्थान है। इस विशिष्ट संग्रह में रेशम का स्पर्श साझा किए गए बंधन की ताकत का प्रतीक है, जो हमें याद दिलाता है कि दूरी चाहे कितनी भी हो, हम हमेशा जुड़े रहेंगे।
"द सिल्क ऑफ़ लव कलेक्शन" में असम, कांजीवरम और बनारसी रेशम से बनी अनूठी राखियाँ हैं । प्रत्येक राखी भारतीय रेशम के समृद्ध इतिहास और विरासत से बुनी गई है। इस रक्षाबंधन को अपने और अपने प्यारे भाई-बहनों के लिए यादगार बनाएं। अभी ऑर्डर करें और अपने भाई को सबसे अनोखी राखी उपहार में दें।
आपके परिवार में इस उत्सव की धूमधाम के साथ मनाने की शुभकामनाएँ ।
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अजमेर में जन्मे भारतीय रंगमंच के ख्यातनाम निर्देशक, अभिनेता और नाटककार तथा नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली के निदेशक रहे श्री मोहन महर्षि के निधन का समाचार दुखद है। रंगमंच के पुरोधा स्वर्गीय महर्षि ने अपना संपूर्ण जीवन नाट्य विधा को समर्पित किया। श्री मोहन महर्षि के निधन पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं एवं उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं l
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नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर Tomar ने कहा है कि भारत एक विशाल लोकतंत्र है, जिसकी विशेषताओं में एक तो जनसंख्या और दूसरी हमारे युवाओं की 60 प्रतिशत आबादी है। ये दोनों ताकत मिलकर इतनी बड़ी है कि भारत किसी भी चुनौती का केवल मुकाबला ही नहीं कर सकता, बल्कि हम एक-दूसरे के पूरक बनकर चले तो इन चुनौतियों पर विजयी प्राप्त करने में भी पूरी तरह सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव से आगामी 25 वर्षों के समय को अमृत काल नाम दिया है, इसका ठीक से सदुपयोग हो और हमारे देश की युवा आबादी की ऊर्जा का भी सदुपयोग हो तो वर्ष 2047 तक हम अपने देश को विकसित भारत के रूप में अवश्य देख सकेंगे। केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात बेंगलुरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से आयोजित 5 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम "एग्री यूनिफेस्ट" में कही। इसमें 60 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/डीम्ड विश्वविद्यालयों/केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 2500 से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थी शामिल हुए हैं, जो 5 विषयों (संगीत, नृत्य, साहित्य, रंगमंच, ललित कला) के तहत 18 आयोजनों में अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। आईसीएआर द्वारा 1999-2000 के दौरान अखिल भारतीय अंतर कृषि विश्वविद्यालय युवा महोत्सव की संकल्पना व शुरूआत की गई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न भारतीय संस्कृतियों को जोड़कर भारतीय कृषि को एकीकृत करना है, ताकि कृषि विश्वविद्यालयों के युवाओं की प्रतिभा निखर सकें और वे भारतीय सांस्कृतिक विविधता की सुंदरता को चित्रित करें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि समय की मांग है कि हम अपने जीवन के हरेक पल का पूरी तरह सदुपयोग करें। विद्यार्थियों के लिए अध्ययन एक पक्ष है लेकिन जब व्यक्ति का समग्र रूप से विकास होता है तो वह अपने परिवार, समाज, संस्था, राज्य और देश के विकास में ज्यादा योगदान दे सकता है।
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Heart Touching Republic Day Quotes In Hindi
Republic Day 2022: 26 जनवरी हम भारतीयों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। इस दिन पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम से हर स्कूल कॉलेज में झंडे फहराए जाते हैं और बहुत ही धूमधाम से गीत संगीत रंगमंच कार्यक्रम और वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए, हमारी आजादी के लिए शहीद हुए वीरों को याद करते हुए इसे मनाते हैं। आज के दिन देश के प्रधानमंत्री राजधानी दिल्ली मैं स्थित लाल किले से देश को संबोधित करते हैं। हर साल 26 जनवरी के अवसर पर पूरे विश्व के किसी न किसी देश से दिग्गज नेता को निमंत्रण दिया जाता है और वह इस आयोजन में भाग लेते हैं। इस साल 26 जनवरी 2023 को हम 74वां गणतंत्र दिवस मनाने वाले हैं। आज ही के दिन हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। संविधान समिति के मुख्य डॉ भीमराव अंबेडकर ने 26 जनवरी 1948 को संविधान को संसद में प्रस्तुत किया था जिसे 26 जनवरी 1949 को कुछ संशोधन के बाद लागू कर दिया गया था। वर्तमान समय में इसे संविधान के आधार पर हमारा देश विकास की दिशा में प्रगतिशील है। हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है और हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निवासी हैं। इसलिए हमें भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए। अगर आप एक भारतीय हैं तो 26 जनवरी के अवसर पर अपने प्रिय लोगों से मिलते होंगे उनके साथ कुछ अच्छे शब्द साझा करते होंगे। अच्छे वीडियो साझा करते होंगे। इसी क्रम में आज हम दिल को छू लेने वाले कुछ कोटेशन इस आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हैं।
Top 10 Heart Touching Republic Day Quotes In Hindi
इस बार के गणतंत्र दिवस के अवसर पर यदि आप अपने दोस्तों, फैमिली और सोशल मीडिया पर Republic Day Quotes भेजना चाहते हैं तो आपके लिए टॉप कोटेशन नीचे दिए गए हैं जिसे आप व्हाट्सएप स्टेटस, फेसबुक इंस्टाग्राम कहीं भी शेयर कर सकते हैं। - भूख, गरीबी, लाचारी को, इस धरती से आज मिटायें, भारत के भारतवासी को,उसके सब अधिकार दिलायें आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें । - खुश नसीब है वह भी जो वतन पर मर मिट जाते हैं, मर कर भी वो वीर अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों तुम्हारी हर साँस में बसता तिरंगे का नसीब है। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। - ना जियो घर्म के नाम पर, ना मरों घर्म के नाम पर, इंसानियत ही है धर्म वतन का, बस जियों वतन के नाम पर। भारत माता की जय !! - दे सलामी इस तिरंगे को, जिससे तेरी शान है, सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक तुझ में जान है। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !! - कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का है!! गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - देशभक्त शहीदों के बलिदान से, स्वतन्त्र हुए है हम कोई पूछे कौन हो, तो गर्व से कहेंगे भारतीय है हम। गणतंत्र दिवस की ढ़ेरो शुभकामनाये ! - अमेरिका देखा, पेरिस देखा, देख लिया जापान, लेकिन पूरी दुनिया में हमको मिला ना हिंदुस्तान। - हमारी शान है तिरंगा, जान है तिरंगा सर पर रखा है हमने देश की पहचान है तिरंगा। गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! - देश का गणतंत्र है महान इसकी महिमा है महान धर्म, जाति है समान यहां, यह देश पूरे जहां में महान। गणतंत्र दिवस की बधाई 2022! - अलग हैं बातें, अलग है भाषा, अलग है सबके विचार, लेकिन एक है तिरंगा अपना,एक है सर्वश्रेष्ठ हिंदुस्तान। हैप्पी रिपब्लिक डे 2023 - ना काम मेरा है, ना बड़ा सा नाम मेरा है, मुझे तो गर्व इस बात का मैं हिंदुस्तान का और हिंदुस्तान मेरा है।
26 जनवरी के दिन दोस्तों को भेजे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कोटेशन
वतन हमारा ऐसा की कोई ना छोड़ पाए रिश्ता हमारा ऐसा की कोई ना तोड़ पाए, दिल एक है एक जान है हमारी ये हिंदुस्तान शान है हमारी… गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं… ना पूछो जमाने से कि क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं… गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं… देश भक्तों के बलिदान से, स्वतंत्र हुए हैं हम कोई पूछे कौन हो, तो गर्व से कहेंगे, हिन्दुस्तानी हैं हम! लहराएगा तिरंगा अब सारे आस्मां पर, भारत का नाम होगा सब की जुबान पर, ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान, कोई जो उठाएगा आंख हमारे हिंदुस्तान पर. राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे, हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे, देश के लिए एक-दो तारीख नहीं, भारत मां के लिए ही हर सांस रहे. Happy Republic Day 2022
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ?
हर साल 26 जनवरी के दिन हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। ऐसा माना जाता है हमारा भारत देश अंग्रेजों से 26 जनवरी के दिन ही अर्ध रूप से आजाद हुआ था। और इसी दिन हमारा संविधान भी लागू हुआ था। जिसे बनाने के लिए 22 समितियां बनाई गई थी और जिसने प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर मुख्य थे जिन्होंने 2 साल की 11 महीने और 18 दिन में पूरा किया। संविधान को बनाने के लिए कुल 22 समितियां बैठाई गई थी और हर समिति का अपना उद्देश्य था। वर्तमान समय में संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बताया जाता है लेकिन केवल भीमराव अंबेडकर ही संविधान के निर्माता नहीं थे उनके साथ मिलकर बहुत से लोगों ने संविधान के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी। 26 जनवरी 1948 को डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान सभा में संविधान को पेश किया जिसे उस समय स्वीकार नहीं किया गया लेकिन ठीक 1 साल बाद 26 जनवरी 1949 को कुछ संशोधन के साथ संविधान को लागू कर दिया गया। आज के दिन भारत के राष्���्रपति दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित स्कूल के बच्चे आकर्षक और मनमोहक प्रोग्राम करते हैं। जिसे टेलीविजन पर देखा जा सकता है। राजपथ को बहुत ही धूमधाम से सजाया जाता है एवं अलग-अलग प्रदेश की संस्कृति के अनुसार उसकी झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। 26 जनवरी का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है। इस दिन पूरे देश में कहीं भी आप जाएं बहुत ही धूमधाम से 26 जनवरी के दिन को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है। इसीलिए हमारा देश पूर्ण स्वराज घोषित हुआ था। Read the full article
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मेकअप करना कब से शुरू हुआ ?
मेकअप ��र श्रृंगार-
मेकअप या श्रृंगार करना इस समय बहुत प्रचलित है और अब तो ज़माना ये आ गया है की पुरुष और महिलाये भी इस क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चलते है। हर तरह का श्रृंगार करते है पुरुष हो या महिलाये। और इस क्षेत्र बड़ी -बड़ी कंपनी आ गयी है और उसका विज्ञापन भी फ़िल्मी हस्तियां करती है और करोड़ -अरबों रूपए इस क्षेत्र में लगा रखे है हेल्थ इंडस्ट्री के बाद ये सबसे बड़ी इंडस्ट्री बनके उभरी है। लेकिन क्या आपको पता है की आखिर ये मेकअप कब शुरू हुआ या कहे इसका इतिहास क्या है। इसको सबसे पहले किसने शुरू किया या किस देश या किस सहर में ये शुरू हुआ और इसकी जरुरत ही क्यों आन पड़ी।
शरीर और चेहरे पर मेक-अप और वनस्पति के रंगों के प्रयोग का साक्ष्य विभिन्न पांडुलिपियों और इतिहास पुस्तकों में दर्ज हैं। नव पाषाण युग में भी पुरूष और महिलाएं अपने शरीर को सजाने के लिए काया लेप और रंगों का प्रयोग करती थीं। उन दिनों मेक-अप का इस्तेमाल मौसम के अनुकूल त्वचा की रक्षा करने के लिए एक छद्मावरण उत्पाद के रूप में किया जाता था। मेक-अप का इस्तेमाल श्रृंगार, जनजातीय पहचान, सामाजिक स्तर और युद्ध व धार्मिक गतिविधियों की तैयारी के रूप में भी किया जाता था। क्लेयोपेट्रा के मेक-अप ने मिस्र की उत्तेजक आंखों को मशहूर कर दिया था।
मेकअप का सबसे पहले प्रयोग -
सौंदर्य प्रसाधनों के उपयोग का पहला पुरातात्विक सबूत प्राचीन इजिप्ट(मिस्र) में लगभग चार हजार ईसा पूर्व मिलता है। प्राचीन समय में ग्रीस और रोम में भी सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग होता था। प्राचीन मिस्रवासियों ने आँखों की बाहरी सजावट के लिए एक विधि ईजाद की थी जिसे सीसा, ताँबा और जले हुए बादाम व अन्य पदार्थों को मिलाकर तैयार किया जाता था।इसे कोल कहा जाता था।इसके बारे में मान्यता थी कि इसे लगाने से बुरी आत्मा का प्रकोप नहीं होता है और यह नजरों को तेज करता है।इसलिए इसका प्रयोग इजिप्ट में गरीब लोग भी करते थे। मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा के अप्रतिम सौंदर्य का राज उनके लिए विशेष प्रकार से तैयार की गई मेकअप सामग्री थी।
क्लियोपेट्रा की लिपस्टिक को एक विशेष प्रकार के लाल कीड़े से बनाया जाता था जो गहरे लाल रंग का होता था। इसमें चीटियों के अंडे भी मिलाए जाते थे।यहाँ सौंदर्य प्रसाधनों के प्रयोग का पहला पुरातात्विक सबूत 1931 में प्राप्त हुआ।सिंध प्रांत के चंहुदड़ो में सिंधुवासियों द्वारा उपयोग की जाने वाली लिपस्टिक मिली।एक उत्खनन कार्य ने एकाएक भारत के इतिहास को अधिक गौरवशाली बना दिया कि 2500 से 1750 ईसा पूर्व मानी जानी वाली यह भारतीय सभ्यता किसी भी मायने में मिस्र और रोम की सभ्यता से पीछे नहीं थी।
आधुनिक मेकअप को जन्म देने का श्रेय मैक्स फैक्टर को है।इनका जन्म पोलैंड के लॉड्ज में 1877 में हुआ। उनके व्यवसाय की शुरुआत 1902 में अमेरिका में हुई जब वे सेंट लुईस में हुए वर्ल्ड फेयर में परिवार सहित शामिल हुए। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरुआत में उन्होंने बालों से संबंधित वस्तुएँ और त्वचा को चिकनाई देने वाली वस्तुएँ सेंट लुइस के स्थानीय रंगमंच कलाकारों को बेचना शुरू की। इस प्रकार उनकी शुरुआती छवि स्थापित हुई।
मेक अप में समय के साथ बदलाव -
एलिजाबेथ अर्डेन ने वर्ष 1910 में अपना पहला सैलून शुरू किया था और प्रसिद्ध काॅस्मेटिक श्रृंखला की प्रमुख बनी। 1 - यद्यपि मेक-अप का प्रयोग धीरे-धीरे प्रचलित हो रहा था किंतु अभी भी प्राकृतिक सुन्दरता का प्रचलन था। 2 - नेल पॉलिश का सृजन किया गया। यार्डले और हेलेना रूबेनस्टिन जैसी कंपनियां उभरीं। 3 - सन् 1930 में महिलाओं के चेहरे पर भारी मेक -अप हुआ करता था। सन् 1920 के अंत में पहली बार सुरक्षित संघटकों का उपयोग करते हुए मेक -अप तैयार किया गया। 4 - सन् 1923 में आई��ेश कर्लर का आविष्कार हुआ। 5 - सन् 1910 में केवल वेश्याओं द्वारा ही मेक-अप का इस्तेमाल किया जाता था, किंतु सन् 1920 और 1930 की शुरूआत में अन्य महिलाओं ने भी इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया।
सन् 1930 -
1 - मैक्सफैक्टर ने 1936 में सौंदर्य प्रसाधन के सैलून की शुरूआत की। मैक्सफैक्टर ने पहली बार वाटर प्रफू केक फाउंडेशन व पैन-केक विकसित किया। 2 -चमकीले और गहरे रंगों की नेल पॉलिश का इस्तेमाल किया गया। 3 - इस समय सूर्य स्नान का प्रचलन था और जो प्राकृतिक त्वचा के रंग को अधिक रिफ्लेक्ट करता था। 4 - प्लास्टिक सर्जरी की शुरूआत हुई।
सन् 1940
सन् 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नियंत्रित वितरण करने के लिए मेक-अप का उपयोग कम किया गया। इस दौरान केवल लाल लिप्सटिक ही सरलता से उपलब्ध थी।इसके परिणामस्वरूप लाल लिप्सटिक 1940 का प्रतीक बन गयी।
सन् १९५०
1. सन् 1950 के अंत तक ‘गुआनिन‘ युक्त कई नए मेक-अप की वस्तुएं आ गयीं जो पाउडर और पेंट में झिलमिल चमक देती थीं। 2. पेन-केक मेक-अप प्रसिद्ध हुआ और 1953 में 10 मिलियन से अधिक मेक-अप के सामानों की बिक्री हुई।
सन् 1960 -
1 - सन् 1960 के दौरान कई रूप आये और चली गयीं। 60 के दशक की शुरूआत में म्लान आकृति का प्रचलन था, किंतु दस वर्ष की अवधि के दौरान इस मेक-अप के आगमन से उस मेक-अप का प्रचलन समाप्त हो गया। 2 -मिनी ��्कर्ट के उभरने से टांगों के मेक-अप की लोकप्रियता बढ़ी। 3 - इस दशक के अंत में चेहरे और शरीर पर पेंटिंग लोकप्रिय हुई।
सन् 1970 -
1 - डिस्को का प्रचलन हुआ और इसके परिणामस्वरूप चमकीले और इंद्रधनुषी रंगों की लोकप्रियता बढ़ी । 2 -अराजक युवा को दर्शाता एक उग्र व्यक्ति जिसके बाल का रंग फ्लोरोसेंट और उसमें पिन जड़ा हो तथा वेधित चेहरा एवं युद्ध में भाग लेने वाले सैनिक की तरह पेंट वाले स्टाइल के साथ मेक-अप का प्रचलन शुरू हुआ ।
सन् 1980 -
1 - 1980 के मध्य तक विषम आकृति का प्रचलन था। पलकों पर विभिन्न रंग लगाए जाते थे। 2 - भौहों को आकार देना बंद कर दिया गया और इसे स्वाभाविक रूप में रखा जाता था।
सन् 1990 और वर्तमान-
1 -कुल मिलाकर एक प्राकृतिक त्वचा रंग जिसमें एक बेहतर प्राकृतिक परिसज्जा थी, फैशन में था। होठों पर लाल रंग लगाया जाता था। मैट इसकी कुंजी थी। 2 - 1990 के अंत के दौरान चमकदार, भड़कीले और चमकीली मेकअप की व्यापक वापसी हुई। 3 - प्लास्टिक सर्जरी तकनीक में सुधार होता रहा और समाज अब पूर्णरूपेण मेकअप चाहता था। 4 -1990 के अंत में मेंहदी के टेटू और बिंदी फैशन का अंग बन गया।
हम हमेशा इन मेक अप के प्रोडक्ट को कॉस्मेटिक प्रोडक्ट कहते है क्या आपको पता है की आखिर ये नाम ही क्यों दिया गया है इसको क्योकियहाँ पर सौंदर्य प्रसाधनों का आविष्कार विशेष रूप से दासियों के लिए किया गया। इन दासियों को यहाँ पर "कासमेट" कहकर बुलाया जाता था।क्योकि रोम में सौंदर्य प्रसाधनों का आविष्कार विशेष रूप से दासियों के लिए किया गया। इन दासियों को यहाँ पर "कासमेट" कहकर बुलाया जाता था।इसलिए इसका नाम कॉस्मेटिक पड़ा है। हमारा हमेशा ये उद्देश्य रहता है की आपको कुछ रोचक जानकारी लेकर आये। हमारे आर्टिकल अगर आपको पसंद आ रहे है तो हमे समर्थन दे।
पूरा जानने के लिए-https://bit.ly/3fah193
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People want to get out of their homes and watch new movies, says Sanjeev Kumar Bijli of PVR Cinemas
People want to get out of their homes and watch new movies, says Sanjeev Kumar Bijli of PVR Cinemas
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दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ, COVID-19, मनोरंजन क्षेत्र – विशेष रूप से, सिनेमा थिएटर के साथ-साथ खेल और संगीत कार्यक्रमों के हमले से बचे हुए – सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं क्योंकि सरकारें बंद और बड़ी भीड़ की मण्डली के बारे में सतर्क रहती हैं खुली जगह।
अपने उद्योग में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, प्रमुख भारतीय शहरों में 800 से अधिक स्क्रीन…
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#pvr सिनेमा#pvr सुरक्षा के उपाय#कोरोनावायरस इंडिया#कोरोनावायरस फिल्में#थिएटर फिर से खोलना#थिएटर सुरक्षा उपाय#पीवी सिनेमा भारत#पीवीआर#भारतीय रंगमंच#संजीव कुमार विजली
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Jamshedpur sanskar bharti : जमशेदपुर महानगर संस्कार भारती की रंगोली प्रतियोगिता में श्रीनाथ विवि की सुमन प्रशांत रहीं अव्वल, विजन फॉर विकसित भारत विषय पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित
जमशेदपुर : रंगमंच, साहित्य एवं ललितकलाओं को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की जमशेदपुर महानगर इकाई के तत्वावधान में सोमवार को धनतेरस एवं दीपावली के पावन अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भू-अलंकरण, रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई. कदमा के शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर 4 स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रेक्षागृह में अतिथियों, विद्यालय अध्यक्ष श्याम सिन्हा, प्रधानाध्यापक सत्येन्द्र राम,…
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
संक्षिप्त बातमीपत्र
१० डिसेंबर २०२३ सकाळी ११.०० वाजता
****
उद्यापासून नवी दिल्लीत होणाऱ्या सत्तावीसाव्या गुंतवणूक संवर्धन एजन्सीजच्या विश्वसंघाच्या आंतरराष्ट्रीय गुंतवणूक संमेलनाचं यजमानपद भारत भूषवणार आहे. उद्योग संवर्धन तथा आंतरिक व्यापार विभागाच्या वतीनं आयोजित करण्यात आलेलं हे सर्वात मोठं आंतरराष्ट्रीय गुंतवणूक संमेलन असेल.
**** गेल्या काही वर्षांत सर्व क्षेत्रातील महिला प्रयत्नप���र्वक अडथळे दूर करून अग्रेसर होत आहेत. याच सक्षम महिलांच्या नेतृत्वाखाली विकसित भारत घडणार असल्याचं प्रतिपादन राज्यपाल रमेश बैस यांनी केलं आहे.
अमरावती इथं काल राज्यातील पाच कर्तृत्ववान महिलांचा राज्यपाल बैस यांच्या हस्ते ‘अहिल्यादेवी स्त्री शक्ती पुरस्कार’ देऊन सत्कार करण्यात आला, त्यावेळी ते बोलत होते. राज्य शासनाच्या कामगार कल्याण विभागाच्या प्रधान सचिव विनीता सिंघल, प्रसिद्ध गायिका वैशाली माडे, उद्योजिका स्नेहल लोंढे, बेसबॉल खेळाडू रेश्मा पुणेकर, प्रगतीशिल महिला शेतकरी ज्योती देशमुख आदींचा पुरस्कारार्थींमध्ये समावेश होता.
**** रंगमंच आणि ललित कलांच्या संवर्धनार्थ कार्यरत विदर्भ संस्कार भारतीच्या वतीनं वर्ष २०२१ आणि २०२२ करिता दिल्या जाणारा स्वर्गीय डॉ. कल्पना व्यवहारे स्मृती उत्कृष्ट वाङ्मय पुरस्कार, छत्रपती संभाजीनगर इथले दत्ता जोशी, पुण्यातल्या डॉ. श्यामा घोणसे. नागपूर इथले डॉ. राजेंद्र नाईकवाडे, आणि बुलडाण्यातले किरण डोंगरदिवे यांना घोषित झाला आहे. ****
क्वालालांपूर इथं सुरू असलेल्या एफआयएच ज्युनियर पुरुष हॉकी विश्वचषक स्पर्धेत अंतिम टप्प्यातल्या सामन्यात काल भारतानं कॅनडाचा १०-१ असा पराभव केला. या विजयामुळं भारताचं उपान्त्य फेरीतलं स्थान निश्चित झालं आहे.
**** टी ट्वेंटी क्रिकेटमध्ये, भारत आणि दक्षिण आफ्रिका या संघातील तीन सामन्यांच्या मालिकेतला पहिला सामना आज डरबन इथं होणार आहे. हा सामना सायंकाळी साडेसात वाजता खेळवला जाईल. भारतीय संघ दक्षिण आफ्रीकेत तीन टी-ट्वेंटी, तीन एकदिवसीय आणि दोन कसोटी सामन्यांची मालिका खेळणार आहे.
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8 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन की राह पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता...रंगमंच में भर रही हुंकार,20 तक आगनबाड़ी बंद
8 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन की राह पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता…रंगमंच में भर रही हुंकार,20 तक आगनबाड़ी बंद
चंचलेश श्रीवास्तवसूरजपुर। रंगमंच मैदान में जिले के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कर दी है।जिसमे कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिला स्तरीय प्रदर्शन 14 दिसम्बर से 20 दिसंबर तक चलेगा।आंगनबाड़ी केंद्र को पूर्णरूप से बंद रखा जाएगा।इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों से शासन के कोई भ�� कार्य संचालित नही होंगे,जब तक हमारी…
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रवींद्र रंगमंच पर बरसी ब्रज की काव्य धाराब्रज के कवियों ने कविताओं में कृष्ण लीला का किया बेहतरीन चित्रण डॉ. कल्ला....
रवींद्र रंगमंच पर बरसी ब्रज की काव्य धाराब्रज के कवियों ने कविताओं में कृष्ण लीला का किया बेहतरीन चित्रण डॉ. कल्ला….
बीकानेर, 26 नवंबर। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि ब्रजभाषा दुनिया की मधुर भाषाओं में है। इस भाषा की रचनाएं मन को सुहाती हैं। ब्रज भाषा में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का बेहतरीन चित्रण किया गया है।डॉ. कल्ला ने शुक्रवार को कला साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रवींद्र रंगमंच पर आयोजित अखिल भारतीय ब्रजभाषा कवि सम्मेलन के…
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Dear sir .
good morning
you are fully dedicate for your work of KBC or KBC need your time or presence with team of KBC for more better presentation of KBC .
it is great for KBC .my best to best wishes for KBC ..
here i have post a one more post on my art vibration ..
or in evening time i joined to Brij bhasha poetry event at Ravindra Rang Manch Bikaner ..
मित्रों आज निमंत्रण मिला व्हाट्सप्प से साहित्यकार , कवि , गीतकार श्री राजेंद्र स्वर्णकार जी के माध्यम से ! निमंत्रण था अखिल भारतीय बृज भाषा कवि सम्मलेन का ! जिसमे श्री राजेंद्र स्वर्णकार जी को भी अपनी काव्य रचना का पाठ करना था ! समय था आज श्याम की 6 बजे का और स्थान था रविन्द्र रंगमंच बीकानेर ! काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया था राजस्थान बृज भाषा अकादमी जयपुर द्वारा और इस काव्य सम्मलेलन के मुख्य अतिथि रहे कला एवम संस्कृति मंत्री डॉ. बुलाकी दस कल्ला जी !
बीकानेर के दो बृज भाषा के कवि श्री राजेंद्र स्वर्णकार और श्रीमती प्रमिला गंगल जी ( वरिष्ठ कवित्री ) ने अपना काव्य पाठ किया !
काव्य सम्मलेन में आगरा , भरतपुर , बृज और बीकानेर के साथ कई अन्य प्रांतों से कवि गण पधारे थे और सब ने अपनी अपनी काव्य शैली में बृज भाषा में काव्यपाठ किया , विशेष बात ये रही इस काव्य सम्मलेन की, कि प्रत्येक कवि को आजादी ���े 75 वे महोत्सव के विषय पर भी एक ��क काव्य पाठ करना आवश्यक रूप से जरुरी था ! सो सभी कविगणों ने उसका सम्मान करते हुए आजादी के 75 वे महोत्सव के विषय पर काव्य पाठ किया !
कवि राजेंद्र स्वर्णकार जी ने बृज भाषा में कृष्ण भक्ति , सखा भाव और आत्मिकता से लबरेज द्वन्द भाव को अपने काव्यमय गीत मयी लय में अपनी मीठी वाणी में प्रस्तुत किया जो इस काव्य सम्मलेन के लिए विशेष बात थी !
कवि राजेंद्र स्वर्णकार जी ने बृज भूमि की तुलना मरू भूमि से करते हुए कहा की मरू भूमि ही हमारे लिए केसर और चन्दन है , केर खींप झाड़ बोटि ही हमारा कनक और वृंदावन है ! जब राजेंद्र जी इस कविता का पाठ कर रहे थे तब ब्रिज से आये कवि गण उन्हें एक नजर से देख रहे थे स्तब्ध थे, ये देख कर की एक राजस्थान मूल का कवि कैसे बृज भाषा में सुन्दर काव्य रचना सुना रहा है सच में अद्धभुत था चकित करने वाला था सो सधिवाद श्री राजेंद्र स्वर्णकार जी को उनके काव्य पाठ के लिए !
कवित्री प्रमिला गंगल जी ने भी समसामयिक विषय पर काव्य रचना का पाठ किया तो बृज भाषा के इस काव्य सम्मलेन में भक्ति रस ,हास्य रस , वीर रस , श्रृंगार रस के साथ समाज सुधार , राष्ट्रभक्ति और समाज शिक्षा के विषयों पर भी आये हुए अतिथि कवियों ने काव्य पाठ कर के दर्शकों से वाह वाही ली !
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला जी ने मंच से सभी कवियों को आभार कहा और ब्रज भाषा में जो मिठास है उसके सन्दर्म में बृज की रास लिला का बीकानेर के चौकों और मोहल्लों में महीने महीने भर तक जो प्रस्तुति होती थी उसे याद किया और बृज भाषा से जुड़ाव कैसे हुआ ये बताया !
राजस्थान बृज भाषा अकादमी जयपुर के सचिव श्री गोपाल जी ने और बीकानेर के संयोजक श्री गोस्वामी जी ने डॉ. बुलाकी दास कल्ला जी को अकादमी की तरफ से सम्मान करते हुए एक प्रतिक चिन्ह भी भेंट किया !
वही समय अंतराल में हम चित्रकारों को भी कुछ पल डॉ. बुलाकीदास कल्ला जी से मिलने के मिले और हम बीकानेर के चित्रकारों ने कला कुम्भ 2023 के प्रस्तावित चित्रकला शिविर का एक प्रारूप लिखित रूप में डॉ. बुलाकीदास कल्ला जी को प्रेषित किया !
यहाँ कुछ छाया चित्र बृज भाषा काव्य सम्मलेन के रविंद्र रंग मंच बीकानेर से !
Here our Divisional commissioner want to do a big national painting camp with 200 artists of our India but that camp need near 70 lakh rupees investment or this budget is very High or out of his limit . so i wrote a application to our art and culture minister of Rajasthan Govt . Dr.Bulaki Das Kalla ji and i hand over that kala kumbh matter in his hand .i hope he will think on it or permit for kala Kumbh 2023 .
you have a great day sir ..
warm regards
yogendra kumar purohit
Master of Fine arts
Bikaner,India
DAY 5399
Jalsa, Mumbai Nov 24/25/26, 2022 Wed/Thu/Fri 1:48 AM
and the desperation to catch up on time and place and DAY continues and still faces failure .. but there shall be perseverance and continued effort to put in something even if its is a two word information ..
.. on the KBC floor an audience complimented that the KBC was getting too long and needed to trim , in an effortless, last minute ditch .. which is now reaching home to the big daddies ..
and in the rarest of times they say at least we get to see the latest pictures, and that is sufficient for the Blog to be read ..
I am in grave danger of being labelled one that has reached the edge of his tether .. or which ever, what ever appropriate can be used ..
I shall of course pursue .. label and defy convention .. but shall ever be within the realm of the outbursts of them that cannot and shall not find ways for the recognition ..
a breather then and later the pics …
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