#भारत में 60 करोड़ टीकाकरण
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praveenpradhan254121 · 3 years ago
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भारत में टीकाकरण की खुराक 60 करोड़ के पार, दिसंबर तक इस दर पर 32% कवरेज
भारत में टीकाकरण की खुराक 60 करोड़ के पार, दिसंबर तक इस दर पर 32% कवरेज
दिसंबर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिदिन 10.9 मिलियन खुराक देनी होगी (फाइल) नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज ट्वीट किया, भारत ने अब तक एंटी-कोरोनावायरस टीकों की 60 करोड़ से अधिक खुराक दी है। जॉन्स हॉपकिन्स द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अब तक प्रशासित खुराक की संख्या के मामले में भारत अब केवल चीन से पीछे है। टीकाकरण की वर्तमान दर पर, वर्ष के अंत तक 32% आबादी का टीकाकरण…
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countryconnect · 3 years ago
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Corona cases in India : देश में कोरोना के नए मामलों में आज बढ़ोतरी दर्ज, पिछले 24 घंटे के भीतर सामने आए 1938 नए केस
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नई दिल्ली: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,938 नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस (Corona Updates in India) से अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,14,687 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 22,427 रह गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 67 और लोगों की मौत के बाद, संक्रमण की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,16,672 हो गई। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 22,427 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.05 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 660 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 0.29 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 0.35 प्रतिशत दर्ज की गई। देश में अभी तक 78.49 करोड़ से अधिक नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 6,61,954 नमूनों की जांच पिछले 24 घंटे में की गई। देश में अभी तक कुल 4,24,75,588 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है। India reports 1,938 fresh #COVID19 cases & 2,531 recoveries and 67 deaths, in the last 24 hours Active case: 22,427 (0.05%) Daily positivity rate: 0.29% Total recoveries: 4,24,75,588 Death toll: 5,16,672 pic.twitter.com/hkoKVky685 — ANI (@ANI) March 24, 2022 वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 182.23 करोड़ से अधिक खुराक दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे। पिछले साल चार म�� को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार पहुंच गए थे। Read the full article
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countryinsidenews · 3 years ago
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दिल्ली डेस्क / मोदी सरकार ने टीकाकरण के क्षेत्र में भी फहराया देश का परचम, "60 करोड़" वैक्सीन दिया गया देशवासियों को
दिल्ली डेस्क / मोदी सरकार ने टीकाकरण के क्षेत्र में भी फहराया देश का परचम, “60 करोड़” वैक्सीन दिया गया देशवासियों को
दिल्ली -प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट / मोदी सरकार ने तेज गति से टीकाकरण करते हुए 60 करोड़ लोगों को अब तक टीका लगा दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट में कहा कि सबका स्वास्थ्य, सबकी सुरक्षा के मंत्र के साथ टेश कोविड टीकाकरण में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया भारत नें पहले 10 करोड़ टीके लगाने में 85 दिन, 20 करोड़ में 45 दिन, 30 करोड़ में 29 दिन, 40 करोड़ में 24 दिन, 50 करोड़ में 20 दिन और 60…
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lok-shakti · 3 years ago
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कोरोनावायरस इंडिया लाइव अपडेट: भारत में 46,164 नए मामले सामने आए, 607 मौतें
कोरोनावायरस इंडिया लाइव अपडेट: भारत में 46,164 नए मामले सामने आए, 607 मौतें
पुणे में एक महिला को कोविड -19 वैक्सीन का शॉट मिला। (एक्सप्रेस फोटो: आशीष काले) कल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत ने देश में 60 करोड़ (60 करोड़) टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि वे 5 सितंबर तक सभी स्कूल शिक्षकों को टीका लगाने का प्रयास करें। “इस महीने हर राज्य को टीके उपलब्ध कराने की योजना के अलावा, टीके…
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mrdevsu · 3 years ago
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देश में 60 करोड़ से ज्यादा दी गई वैक्सीन डोज, स्वास्थ्य मंत्री बोले- तेजी से हो रहा टीकाकरण
देश में 60 करोड़ से ज्यादा दी गई वैक्सीन डोज, स्वास्थ्य मंत्री बोले- तेजी से हो रहा टीकाकरण
टीकाकरण पर मनसुख मंडाविया: जंग के क्रम में तेज गति से चलने वाले होते हैं। अब तक 60 करोड़ की दोज दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंंडा ने गुरुवार को कहा। यह एक साझा भी है, और कि भारत को पहले 10 करोड़ टीके में 85 लोग लगे। बाद में 20 करोड़ में 45 दिन, 30 करोड़ में 29 दिन, 40 करोड़ में 24 दिन, 50 करोड़ में 20 दिन और अब 60 मिनट का कार्य पूरा करने के लिए 19 दिन। स्वास्थ्य के लिए सबकी सुरक्षा के…
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praveenpradhan254121 · 3 years ago
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केंद्र की चेतावनी क्योंकि 46 जिलों में 10% से अधिक सकारात्मकता दर देखें
केंद्र की चेतावनी क्योंकि 46 जिलों में 10% से अधिक सकारात्मकता दर देखें
महामारी की शुरुआत के बाद से भारत ने 3.16 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए हैं। नई दिल्ली: दस राज्यों में कोविड के मामलों में वृद्धि या सकारात्मकता दर में वृद्धि देखी जा रही है, सरकार ने आज कहा, 10 प्रतिशत से अधिक की सकारात्मकता दर वाले जिलों में सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया। सख्त रोकथाम उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के ��लावा, राज्यों को आज “60+ और 45-60 आयु वर्ग में टीकाकरण में तेजी लाने…
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abhay121996-blog · 3 years ago
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लगातार 45वें दिन संक्रमितों से ज्यादा रही ठीक होने वालों की संख्या, पिछले 24 घंटे में 50 हजार नए केस Divya Sandesh
#Divyasandesh
लगातार 45वें दिन संक्रमितों से ज्यादा रही ठीक होने वालों की संख्या, पिछले 24 घंटे में 50 हजार नए केस
नई दिल्ली भारत में कोविड-19 ��े एक दिन में 50,040 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,02,33,183 हो गई और उपचाराधीन मामलों की संख्या गिरकर 5,86,403 रह गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस संक्रामक रोग से एक दिन में 1,258 लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,95,751 हो गयी।
एक्टिव मरीजों की संख्या 6 लाख से कम हुई उपचाराधीन मरीजों की संख्या और कम होकर 5,86,403 हो गयी जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.94% है। स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या लगातार 45वें दिन कोविड-19 के रोज आने वाले मरीजों की संख्या से अधिक है। इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,92,51,029 हो गयी है। मृत्यु दर 1.31 प्रतिशत है।
साप्ताहिक संक्रमण दर कम होकर 2.91% स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से स्वस्थ होने वाले मरीजों की राष्ट्रीय दर सुधरकर 96.75 फीसदी हो गई है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर कम होकर 2.91 प्रतिशत रह गयी है। दैनिक संक्रमण दर 2.82 प्रतिशत है। यह लगातार 20वें दिन पांच प्रतिशत से कम है।
अब तक 32 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन सुबह सात बजे तक जारी टीकाकरण संबंधी आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक दिन में 64.25 लाख कोविड-19 रोधी टीके लगने से अब तक देशव्यापी अभियान के तहत दी गई टीकों की खुराक 32.17 करोड़ हो गयी है। इसके अलावा 17,45,809 और नमूनों की जांच की गई। इसके साथ ही देश में अब तक जांचे गए कुल नमूनों की संख्या बढ़कर 40,18,11,892 हो गयी।
23 जून को कुल मामले 3 करोड़ के पार देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए थे। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
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teekam1988 · 3 years ago
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कई बड़े देशों से बेहतर है भारत का टीकाकरण अभियान, अब तक लगाई गईं कोरोना वैक्सीन की 31.50 करोड़
कई बड़े देशों से बेहतर है भारत का टीकाकरण अभियान, अब तक लगाई गईं कोरोना वैक्सीन की 31.50 करोड़
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में अब तक 31.50 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज दी जा चुकी है. इसमें पहली और दूसरी डोज शामिल हैं. पिछले 24 घंटो में 61,19,169 वैक्सीन की डोज दी गई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 26 जून सुबह 9 बजे तक 60 साल से ज्यादा उम्र के 6,70,95,979 लोगों को पहली और 2,29,35,996 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. यानी 60 साल से ज्यादा उम्र के 2,29,35,996 लोगों…
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uppssms · 4 years ago
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Corona Vaccination:covid vaccine registration online in up
Corona Vaccination:covid vaccine registration online in up
कोविद -19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण सोमवार को भारत में शुरू हुआ, जिसमें 29 लाख से अधिक पात्र लाभार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया।दूसरे चरण में लगभग 10 करोड़ लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है और इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और 45 से अधिक विशिष्ट कोमोरिड स्थितियों वाले लोग शामिल हैं। 16 जनवरी से शुरू हुए पहले चरण में, स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए टीकाकरण अभियान आयोजित किया गया था। भारत में…
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navprabhattimes · 4 years ago
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कोविड-19 टीकाकरण का दूसरा चरण आज से देश में हुआ शुरू, कुल केस हुए 1.11 करोड़ के पार
कोविड-19 टीकाकरण का दूसरा ��रण आज से देश में हुआ शुरू, कुल केस हुए 1.11 करोड़ के पार
सोमवार से देश में कोविड-19 टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस चरण में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों का टीकाकरण किया जाएगा.टीकाकरण के लिए लोग कोविन टू-पाइंट जीरो पोर्टल या आरोग्‍य सेतु जैसे अन्‍य आईटी एप्‍लीकेशन पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे. भारत में एक दिन में कोविड-19 के 15,510 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या 1.11 करोड़ से अधिक हो गई. वहीं, लगातार पांचवे दिन उपचाराधीन…
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kisansatta · 4 years ago
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प्रधानमंत्री मोदी ने लगवाया कोरोना का टीका, AIIMS में लगा वैक्सीन का पहला डोज
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया है। उन्हें यह टीका सोमवार को एम्स में लगा। पीएम ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट कर दी है। अपने एक ट्वीट में पीएम ने कहा कि उन्होंने एम्स में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है। प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों की सराहना भी की है। पीएम ने सभी योग्य लोगों से टीका लगवाने की अपील की है। देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हुआ है।
पीएम ने वैज्ञानिकों-डॉक्टरों की सराहना की
उन्होंने कहा, ‘मैंने एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली, यह प्रशंसनीय है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत बनाने का काम किया है। जो लोग वैक्सीन लेने के लिए योग्य हैं, मैं उनसे अपील करता हूं कि वे आगे आएं। इससे हम भारत को कोरोना मुक्त बना सकेंगे।’
सिस्टर पी निवेदा ने लगाया टीका
पुडुचेरी की सिस्टर पी निवेदा ने भारत बॉयोटेक के कोवाक्सिन टीका का पहला डोज पीएम को लगाया। टीकाकरण के दूसरे चरण में 60 साल से ऊपर और बीमारी से युक्त 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा। पहले चरण में कोविशील्ड एवं कोवाक्सिन के 1.43 करोड़ डोज स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मचारियों एवं सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है।
कई राज्यों में बढ़े हैं कोरोना के नए केस
देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण ऐसे समय शुरू हुआ है जब कई राज्यों में ��ोरोना के एक्टिव केसों में वृद्धि दर्ज की गई है। केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरा��, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर एवं मध्य प्रदेश में कोरोना के नए मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ाई है। एक मार्च से सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे तक लोग उपलब्धता के अनुरूप अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। 1 मार्च से देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। इसके लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की गई है।
अब निजी अस्पताल भी लगाएंगे टीका
टीकाकरण के लिए पंजीकरण सुबह 9 बजे से वेबसाइट cowin.gov.in पर शुरू हो जाएगा। लोग COWIN 2.0 पोर्टल या आरोग्‍य सेतु जैसे अन्‍य आईटी ऐप्‍लीकेशन पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे और टीकाकरण के लिए किसी भी समय और कहीं भी समय ले सकेंगे। 10,000 सरकारी अस्‍पतालों में टीकाकरण मुफ्त होगा जबकि 20,000 निजी अस्‍पतालों में टीकाकरण का खर्च लोगों को स्‍वयं वहन करना होगा। सरकार ने निजी अस्‍पतालों में वैक्‍सीन के प्रति डोज के लिए अधिकतम मूल्‍य 250 रुपए तय कर दिया है, जिसमें 100 रुपये का सर्विस चार्ज भी होगा। कोई भी अस्पताल इससे ज्यादा रुपए नहीं ले सकता। कई अस्पतालों में मूल्य इससे कम हो सकता है।
  https://kisansatta.com/pm-modi-gets-corona-vaccine-first-dose-of-vaccine-in-aiims/ #CoronaVaccine #corona vaccine Corona Virus #CoronaVirus KISAN SATTA - सच का संकल्प
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24gnewshindi · 4 years ago
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भारत का वैक्सीन नेट विडेंस टुडे, होप्स टू आउटस्पेस कोविद स्पाइक: 10 अंक
भारत का वैक्सीन नेट विडेंस टुडे, होप्स टू आउटस्पेस कोविद स्पाइक: 10 अंक
सरकार को दूसरे चरण में अगस्त तक 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की उम्मीद है। (फाइल) नई दिल्ली: भारत 60 से अधिक लोगों को कवर करने के लिए और 45 से अधिक बीमारियों वाले लोगों को कवर करने के लिए आज अपने कोरोनावायरस टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार करेगा क्योंकि यह अधिक संक्रामक वायरस उपभेदों की बढ़ती संख्या और कुछ राज्यों में मामलों में तेजी लाने की उम्मीद करता है। पंजीकरण 9 बजे http://www.cowin.gov.in और…
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namoagainnarendramodi · 4 years ago
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कोरोनावायरस की भारत की प्रतिक्रिया आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में से एक है: पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियों,
नमस्कार !
आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में, बच्चे-बूढ़े-जवान, सभी की जुबान पर यही सवाल था कि - कोरोना की वैक्सीन कब आएगी? तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष रूप से प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे, दिन-रात जुटे थे। ना उन्‍होंने त्‍यौहार देखा है, ना उन्‍होंने दिन देखा है, ना उन्‍होंने रात देखी है। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। इतना ही नहीं कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से च�� रहा है। ये भारत के सामर्थ्य, भारत की वैज्ञानिक दक्षता, भारत के टैलेंट का जीता जागता सबूत है। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था- मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है !!
भाइयों और बहनों,
भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उसे पहले टीका लगेगा। जो हमारे डॉक्टर्स हैं, नर्सेंस हैं, अस्पताल में सफाई कर्मी हैं, मेडिकल-पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, वो कोरोना की वैक्सीन के सबसे पहले हकदार हैं। चाहे वो सरकारी अस्पताल में हों या फिर प्राइवेट में, सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जिन पर जरूरी सेवाओं और देश की रक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। जैसे हमारे सुरक्षाबल हो गए, पुलिसकर्मी हो गए, फायरब्रिगेड के लोग हो गए, सफाई कर्मचारी हो गए, इन सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। और मैंने जैसा पहले भी कहा है- इनकी संख्या करीब-करीब तीन करोड़ होती है। इन सभी के वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
साथियों,
इस टीकाकरण अभियान की पुख्ता तैयारियों के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से देश के कोने-कोने में Trials किए गए हैं, Dry Runs हुए हैं। विशेष तौर पर बनाए गए Co-Win डिजिटल प्लेटफॉर्म में टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर ट्रैकिंग तक की व्यवस्था है। आपको पहला टीका लगने के बाद दूसरी डोज कब लगेगी, इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी। और मैं सभी देशवासियों को ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। एक डोज ले लिया और फिर भूल गए, ऐसा गलती मत करना। और जैसा एक्सपर्ट्स कह रहे हैं, पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। आपको ये भी याद रखना है कि दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगते ही आप असावधानी बरतने लगें, मास्क निकालकर रख दें, दो गज की दूरी भूल जाएं, ये सब मत करिएगा। मैं प्रार्थना करता हूँ मत करिएगा। और मैं आपको एक और चीज बहुत आग्रह से कहना चाहता हूं। जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब वैक्सीनेशन के समय भी दिखाना है।
साथियों,
इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। ये अभियान कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा आप सिर्फ पहले चरण से ही लगा सकते हैं। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अगले वाले चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। और कोई भी देश ऐसा नहीं है जिनकी आबादी इनसे ज्यादा हो। इसलिए भारत का टीकाकरण अभियान इतना बड़ा है। और इसलिए ये अभियान भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। और मैं देशवासियों को एक और बात कहना चाहता हूं। हमारे वैज्ञानिक, हमारे एक्सपर्ट्स जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी है। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगैंडा, अफवाएं, दुष्प्रचार से बचकर रहना है।
साथियों,
भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है और पहले से है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है।
मेरे प्‍यारे देशवासियों,
हर हिन्‍दुस्‍तानी इस बात पर गर्व करेगा कि दुनियाभर के करीब 60 प्रतिशत बच्चों को जो जीवनरक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं, भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से ही होकर गुज़रते है। भारत के वैज्ञानिकों और वैक्सीन से जुड़ी हमारी विशेषज्ञता पर दुनिया का ये विश्वास मेड इन इंडिया कोरोना वेक्सीन में और मज़बूत होने वाला है। इसकी कुछ और खास बातें हैं जो आज मैं देशवासियों को जरूर बताना चाहता हूं। ये भारतीय वैक्सीन, विदेशी वैक्सीनों की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज पांच हजार रुपए तक में है और जिसे माइनस 70 डिग्री तापमान में फ्रिज में रखना होता है। वहीं, भारत की Vaccines ऐसी तकनीक पर बनाई गई हैं, जो भारत में बरसों से Tried और Tested हैं। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन अब भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
साथियों,
कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखाई दिया है। संकट कितना ही बड़ा क्‍यों ना हो, देशवासियों ने कभी आत्‍मविश्‍वास खोया नहीं। जब भारत में कोरोना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी। हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2300 से ज्यादा लैब्स का नेटवर्क हमारे पास है। शुरुआत में हम मास्क, PPE किट, टेस्टिंग किट्स, वेंटिलेटर्स जैसे ज़रूरी सामान के लिए भी विदेशों पर निर्भर थे। आज इन सभी सामानों के निर्माण में हम आत्मनिर्भर हो गए हैं और इनका निर्यात भी कर रहे हैं। आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की इसी ताकत को हमें टीकाकरण के इस दौर में भी सशक्त करना है।
साथियों,
महान तेलुगू कवि श्री गुराजाडा अप्पाराव ने कहा था- सौन्त लाभं कौन्त मानुकु, पौरुगुवाडिकि तोडु पडवोय् देशमन्टे मट्टि कादोयि, देशमन्टे मनुषुलोय ! यानि हम दूसरों के काम आएं ये निस्वार्थ भाव हमारे भीतर रहना चाहिए। राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता, बल्कि राष्ट्र का अर्थ होता है, हमारे लोग। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को संपूर्ण देश ने इसी भावना के साथ लड़ा है। आज जब हम बीते साल को देखते हैं तो, एक व्यक्ति के रूप में, एक परिवार के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में हमने बहुत कुछ सीखा है, बहुत कुछ देखा है, जाना है, समझा है।
आज भारत जब अपना टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है, तो मैं उन दिनों को भी याद कर रहा हूं। कोरोना संकट का वो दौर जब हर कोई चाहता था कि कुछ करे, लेकिन उसको उतने रास्ते नहीं सूझते थे। सामान्य तौर पर बीमारी में पूरा परिवार बीमार व्‍यक्‍ति की देखभाल के लिए जुट जाता है। लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को ही अकेला कर दिया। अनेकों जगहों पर छोटे-छोटे बीमार बच्चों को मां से दूर रहना पड़ा। मां परेशान रहती थी, मां रोती थी, लेकिन चाहकर भी कुछ कर नहीं पाती थी, बच्चे को अपनी गोद में नहीं ले पाती थी। कहीं बुजुर्ग पिता, अस्पताल में अकेले, अपनी बीमारी से संघर्ष करने को मजबूर थे। संतान चाहकर भी उसके पास नहीं जा पाती थी। जो हमें छोड़कर चले गए, उनको परंपरा के मुताबिक वो विदाई भी नहीं मिल सकी जिसके वो हकदार थे। जितना हम उस समय के बारे में सोचते हैं, मन सिहर जाता है, उदास हो जाता है।
लेकिन साथियों,
संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्ट��फ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस के साथी और दूसरे Frontline Workers. उन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी। इनमें से अधिकांश तब अपने बच्चों, अपने परिवार से दूर रहे, कई-कई दिन तक घर नहीं गए। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं जो कभी घर वापस लौट ही नहीं पाए, उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया है। इसलिए आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर, एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है। ये टीका उन सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की आदरांजलि भी है।
भाइयों और बहनों,
मानव इतिहास में अनेक विपदाएं आईं, महामारियां आईं, भीषण युद्ध हुए, लेकिन कोरोना जैसी चुनौती की किसी ने कल्पना नहीं की थी। ये एक ऐसी महामारी थी जिसका अनुभव ना तो साइंस को था और ना ही सोसायटी को। तमाम देशों से जो तस्वीरें आ रही थीं, जो खबरें आ रहीं थीं, वो पूरी दुनिया के साथ-साथ हर भारतीय को विचलित कर रही थीं। ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे थे।
लेकिन साथियों,
भारत की जिस बहुत बड़ी आबादी को हमारी कमज़ोरी बताया जा रहा है था, उसको ही हमने अपनी ताकत बना लिया। भारत ने संवेदनशीलता और सहभागिता को लड़ाई का आधार बनाया। भारत ने चौबीसों घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जैसी इच्छाशक्ति दिखाई है, जो साहस दिखाया है, जो सामूहिक शक्ति का परिचय करवाया है, वो आने वाली अनेक पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। याद कीजिए जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। हमने ताली-थाली और दीया जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।
साथियों,
कोरोना जैसे अनजान दुश्मन, जिसके Action-Reaction को बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देश नहीं भांप पा रहे थे, उसके संक्��मण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका ही यही था कि जो जहां है, वो वहीं रहे। इसलिए देश में लॉकडाउन का फैसला भी किया गया। ये निर्णय आसान नहीं था। इतनी बड़ी आबादी को घर के अंदर रखना असंभव है, इसका हमें ऐहसास था। और यहां तो देश में सब कुछ बंद होने जा रहा था, लॉकडाउन होने जा रहा था। इसका लोगों की रोजी-रोटी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका आकलन भी हमारे सामने था। लेकिन देश ने ’जान है तो जहान है’ के मंत्र पर चलते हुए प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। और हम सभी ने ये देखा है कि कैसे तुरंत ही पूरा देश, पूरा समाज इस भावना के साथ खड़ा हो गया। अनेकों बार छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी देने के लिए मैंने भी अनेक बार देशवासियों के साथ सीधा संवाद किया। एक तरफ जहां गरीबों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गई, तो वहीं दूध, सब्ज़ी, राशन, गैस, दवा, ऐसी ज़रूरी चीज़ों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की गई। देश में व्यवस्थाएं ठीक से चलें, इसके लिए गृह मंत्रालय ने 24X7 कंट्रोल रूम शुरु किया जिस पर हजारों कॉल्स का जवाब दिया गया है, लोगों को समाधान दिया गया है।
साथियों,
कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में हमने कदम-कदम पर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए। कोरोना काल में वंदे भारत मिशन के तहत 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को विदेशों से भारत लाया गया। मुझे याद है, एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी टेस्‍टिंग लैब यहां से वहां भेज करके उसको वहां सजाया लगाया ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो।
साथियों,
भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा। ISRO, DRDO, फौज से लेकर किसानों और श्रमिकों तक, सभी एक संकल्प के साथ कैसे काम कर सकते हैं, ये भारत ने दिखाया है। ‘दो गज़ की दूरी और मास्क है जरूरी’ उस पर फोकस करने वालों में भी भारत अग्रणी देशों में रहा।
भाइयों और बहनों,
आज इन्हीं सब प्रयासों का परिणाम है कि भारत में कोरोना से होने वाली ��ृत्यु की दर कम है और ठीक होने वालों की ��र बहुत अधिक है। देश के कई जिले ऐसे हैं जहां एक भी व्यक्ति को हमें कोरोना की वजह से खोना नहीं पड़ा। इन जिलों में हर व्यक्ति कोरोना से ठीक होने के बाद अपने घर पहुंचा है। बहुत से जिले ऐसे भी हैं, जहां बीते दो सप्ताह से कोरोना संक्रमण का एक भी केस नहीं आया है। यहां तक कि लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी भारत दुनिया में आगे निकल रहा है। भारत उन गिने-चुने देशों में है जिसने मुश्किल के बावजूद दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में ज़रूरी दवाएं और ज़रूरी मेडिकल सहायता पहुंचाई। पैरासिटामॉल हो, हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन हो, टेस्टिंग से जुड़ा सामान हो, भारत ने दूसरे देश के लोगों को भी बचाने की हर संभव कोशिश की। आज जब हमने अपनी वैक्सीन बना ली है, तब भी भारत की तरफ दुनिया आशा और उम्मीद की नज़रों से देख रही है। हमारा टीकाकरण अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, दुनिया के अनेक देशों को हमारे अनुभवों का लाभ मिलेगा। भारत की वैक्सीन, हमारी उत्पादन क्षमता, पूरी मानवता के हित में काम आए, ये हमारी प्रतिबद्धता है।
भाइयों और बहनों,
ये टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा। हमें जन-जन के जीवन को बचाने में योगदान देने का मौका मिला है। इसलिए इस अभियान से जुड़ी प्रक्रिया को, उस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए भी देश में Volunteer आगे आ रहे हैं। मैं उनका स्‍वागत करता हूँ, और भी अधिक Volunteers को मैं अपना समय इस सेवा कार्य में जोड़ने के लिए जरूर आग्रह करूंगा। हां, जैसा मैंने पहले कहा, मास्क, दो गज़ की दूरी और साफ-सफाई, ये टीके के दौरान भी और बाद में भी ज़रूरी रहेंगे। टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप कोरोना से बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें। अब हमें नया प्रण लेना है- दवाई भी, कड़ाई भी ! आप सभी स्वस्थ रहें, इसी कामना के साथ इस टीकाकरण अभियान के लिए पूरे देश को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ! देश के वैज्ञानिकों का, रिसर्चस का, लैब में जुड़े हुए सब लोगों का जिन्‍होंने पूरे साल एक ऋषि की तरह अपनी लैब में जीवन खपा दिया और ये वैक्‍सीन देश और मानवता को दी है मैं उनको भी विशेष रूप से अभिनंदन करता हूँ, उनका आभार व्‍यक्‍त करता हूँ। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनांए हैं। आप जल्‍द इसका लाभ उठाएं। ���प भी स्‍वस्‍थ रहें, आपका परिवार भी स्‍वस्‍थ रहे। पूरी मानव जाति इस संकट की घड़ी से बाहर निकले और स्‍वस्‍थता हम सबको प्राप्‍त हो, इसी एक कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !
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thesandhyadeepme · 5 years ago
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भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर
http://bit.ly/2ZcHNSY
नयी दिल्ली 21 जून (वार्ता) भारत दूध के उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर बना हुआ है और देश में इसका उत्पादन 7.4 प्रतिशत की दर से बढ रहा है।
पशु पालन , डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि डेयरी और मत्स्य पालन के माध्यम से भी किसानों की आय बढाने के प्रयास किये जा रहे हैं । इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया गया है ।
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राष्ट्रीय डेयरी योजना के पहले चरण के तहत 18 राज्यों को शामिल किया गया है और इसके लिए 2242 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । उन्होंने कहा कि पशुओं के मुंह पका खुर पका बीमारी की रोकथाम के लिए केन्द्रीय योजना शुरु की गयी है और इसके लिए 13442 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । पहले इस योजना के तहत 60 प्रतिशत राशि केन्द्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देती थी । इस बीमारी की रोकथाम के लिए पशुओं में टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा ।
उन्होंने कहा कि देश से 45000 करोड़ रुपये की मछलियां निर्यात की गयी है । मछलियों का निर्यात 11 प्रतिशत की दर से बढ रहा है ।
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कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक लोग अब भी कृषि पर निर्भर हैं । उन्होंने कहा कि भूमि राज्यों का विषय है फिर भी उन्हें सलाह दी गयी है कि विकास कार्यो के लिए बहुफसली जमीन का उपयोग न करके बंजर जमीनों का उपयोग करें ।
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उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन बना कर खेती कर सकते हैं और इसके लिए कानून भी बनाया गया है । ऐसे संगठनों को सरकार सहायता राशि भी उपलब्ध कराती है ।
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