#कोविड-19 विभाजन
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dainiksamachar · 11 months ago
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1930 के अकाल में पड़ी थी सिंदरी खाद कारखाने की नींव, जानें बर्बादी के कगार पर पहुंचने की इनसाइड स्टोरी, फिर आई बहार
धनबादः सिंदरी वासियों के लिए वह काला दिन बन कर आया जब 1992 में सिंदरी खाद कारखाने को बीमार घोषित कर दिया गया। बाद में औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआईएफआर) ने 2001 में इसे बंद करने की सिफारिश की थी। फिर वह दिन भी आ गया जब 31 दिसंबर 2002 को बंद हो गया। पीडीआइएल के गेट में ताला लटक गया। तब प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों को वीएसएस के तहत सेवानिवृत्त कर दिया गया था, जिनकी संख्या 2000 से भी ज्यादा थी। इसका कारण ये दिया गया कि प्लांट से खास लाभ नहीं हो पा रहा है। हालांकि इससे काफी सारे लोगों का जीवन प्रभावित हुआ और हर साल इस दिन के पास आने के साथ कारखाने से जुड़े लोगों में टीस भर आती है। 1930 के दशक में बंगाल में अकाल से पड़ी थी कारखाने की नींव इस कारखाने की नींव 1930 के दशक में बंगाल में अकाल से पड़ी थी। माना जाता है कि उस दौरान लाखों लोगों की जानें गईं, जबकि बहुत सारे परिवार दर-बदर हो गए। तब तत्कालीन ब्रिटिश राज में अकाल के कारणों की जांच करते हुए माना गया कि देश के भीतर अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए आधुनिक खेती की जरूरत है। इसके लिए खेती के यंत्रों में सुधार के अलावा खाद बनाने पर भी जोर दिया गया। 1951 में शुरू हुआ था सिंदरी खाद कारखाना में उत्पादन सिंदरी खाद कारखाना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखी गई पुस्तक ‘सागा आफ सिंदरी’ के अनुसार तब खाद बनाने के लिए को��ले और पानी की उपलब्धता जरूरी थी। सिंदरी में दामोदर नदी का पानी था और उससे सटे हुए इलाके झरिया में कोयले का भंडार था। यही देखते हुए सिंदरी में खाद प्लांट बनाने का फैसला ले लिया गया।1951 में कारखाना से उत्पादन शुरू हुआ। मार्च 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सिंदरी खाद कारखाने का उद्घाटन करते हुए अमोनियम सल्फेट नामक रासायनिक उर्वरक को किसानों के नाम किया था, जिसके साथ ही खेती-किसानी एक नए क्रांतिकारी मोड़ पर था। सिंदरी में पहला उर्वरक प्लांट खुला था। जो देश में हरित क्रांति की ओर पहला कदम था। 1970 तक लाभ में, फिर घाटे की शुरुआत सिंदरी उर्वरक संयंत्र 1967-68 तक और फिर 1969-70 तक लगातार लाभ में रहा। लेकिन आधुनिकीकरण के बावजूद, फैक्ट्री रेटेड (प्राप्य) क्षमता से अधिक होने के बाद भी लाभ बरकरार नहीं रख सकी। इसका मुख्य कारण कंपनी का अवैज्ञानिक विभाजन, उच्च उत्पादन लागत और उर्वरकों की तुलनात्मक रूप से कम बिक्री कीमत रहा। इसके अलावा बढ़ता वेतन बिल और उच्च रखरखाव व्यय भी घाटे का मुख्य कारण बना। पौधों की उम्र बढ़ने और कम विशिष्टताओं-गुणवत्ता वाले बड़े बुनियादी ढांचे की लागत वाले कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए भारत सरकार ने सितंबर 2002 में कारखाने के संचालन को बंद करने का निर्णय लिया। 31 दिसंबर 2002 को कारखाना बंद हो गया। तब सच में सिंदरी की सुंदरता खत्म हो गई थी। हर्ल कंपनी ने संभाली कारखाने की बागडोर 2002 से बंद पड़ी सिंदरी खाद कारखाने को एक बार फिर से चालू कराने की कवायद 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (हर्ल) की आधारशीला रखी गईं।इसी आधारशीला के बाद 2 दशक के बाद फिर से बहार लौटी नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन हुआ शुरू ये उर्वरक संयंत्र कोल इंडिया लिमिटेड और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम है और इसके पुनर्निर्माण पर लगभग 8 हजार करोड़ रुपये की लागत आई है। हालांकि, शुरुआत में इसका बजट 62 सौ करोड़ रुपये तय किया गया था, लेकिन कोविड 19 के चलते निर्माण कार्य में हुई देरी की वजह से लागत बढ़ गई है। इस संयंत्र से प्रतिदिन 2250 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया का उत्पादन किया जा रहा है। यहां से उत्पादित होने वाला यूरिया नीम कोटेड कृषि के लिए इसे आदर्श उर्वरक माना जाता है। http://dlvr.it/T0rSTb
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mrdevsu · 3 years ago
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देश में बना वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड, आज लगाई गई 90 लाख से ज्यादा टीके की डोज़
देश में बना वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड, आज लगाई गई 90 लाख से ज्यादा टीके की डोज़
रिकॉर्ड कोरोना टीकाकरण: कोरोना के संक्रमण के बीच में आना-जाना. जलवायु परिवर्तन के मामले में भी ऐसा ही होता है। शुक्रवार को 90 लाख से अधिक तेज है। केंद्रीय मंत्री मनखं मन्डा ने घोषणा की थी कि उन्होंने कहा- “नागरिक को, भारत में भारत में अब तक बदलेगा। व्यापार।” नागरिकों को बधाई क्योंकि भारत आज ऐतिहासिक 90 लाख का प्रशासन करता है #COVID-19 अब तक के टीके – और अभी भी गिनती!🤞 व्यापार! आज में 90 लाख से…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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यूपीआई में एक बार फिर से संगठित होते हैं, जब इकाइयाँ उत्पन्न होती हैं, तो इकाइयाँ उत्पन्न होती हैं
यूपीआई में एक बार फिर से संगठित होते हैं, जब इकाइयाँ उत्पन्न होती हैं, तो इकाइयाँ उत्पन्न होती हैं
यूपी कोविड -19 अपडेट: देश में कोरोना संक्रमण (कोरोनावायरस) के मामले कम हो रहे हैं। 61 लोग कोरोना (कोरोना) सकारात्मक लोग हैं। संक्रमण के मामले में I यू पी में सक्रिय क्रिया की संख्या 700 है। 24 घंटे में 80 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित अचानक अतिरिक्त प्रमुख रोगी, चिकित्सक और हृदय रोग मोहन प्रसाद ने एक कार्यक्रम जारी किया, “24 रोगी में, स्थिति में 80 रोगी से ठीक है। कुल मिला कर 20,46,249 मरीज ठीक…
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mayindianews · 2 years ago
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दुनिया की आबादी आज 8 अरब तक पहुंचने का अनुमान है
दुनिया की आबादी आज 8 अरब तक पहुंचने का अनुमान है
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के मुताबिक ग्रह की आबादी मंगलवार को 8 अरब तक पहुंचने के लिए तैयार है, जो भविष्यवाणी करता है कि 2030 तक जीवन प्रत्याशा बढ़ने पर यह संख्या बढ़कर 8.5 अरब हो जाएगी। विश्व स्तर पर, 2019 में जीवन प्रत्याशा 72.8 वर्ष तक पहुंच गई, 1990 के बाद से लगभग नौ वर्षों की वृद्धि, संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या विभाजन ने कहा। हालांकि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2021 में यह घटकर 71.0…
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lok-shakti · 3 years ago
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शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट: 7 बड़े राज्यों में कम से कम 40% स्कूली बच्चों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है
शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट: 7 बड़े राज्यों में कम से कम 40% स्कूली बच्चों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार एक रिपोर्ट के अनुसार, सात बड़े राज्यों – असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में 40% और 70% स्कूल जाने वाले बच्चों के पास डिजिटल उपकरणों तक पहुंच नहीं है। जो कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया का दस्तावेजीकरण ���रता है। रिपोर्ट, 2020-21 में स्कूल शिक्षा क्षेत्र की पहल से पता चलता है कि डिजिटल विभाजन ने…
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airnews-arngbad · 3 years ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad Date – 19 July 2021 Time 7.10AM to 7.20AM Language Marathi आकाशवाणी औरंगाबाद प्रादेशिक बातम्या दिनांक – १९ जुलै २०२१ सकाळी ७.१० मि. ****
देशात १८ वर्षांवरील सर्वांना कोविड-19 प्रतिबंधक लस मोफत देण्यात येत आहे. तरू��ांना आमचा सल्ला आहे की, त्यांनी ही लस अवश्य घ्यावी आणि इतरांना लसीकरणासाठी मदत करावी. कोरोना विषाणू संसर्गाचा धोका अद्याप संपलेला नाही. त्यामुळे सर्वांनी संपूर्ण काळजी घेणं आवश्यक आहे. महत्वाचं काम असेल तरच घराबाहेर पडावं, असं आवाहन श्रोत्यांना करण्यात येत आहे. सुरक्षित राहण्यासाठी नाका-तोंडावर मास्क लावावा, एकमेकांपासून सुरक्षित अंतर राखावं, हात आणि चेहरा स्वच्छ ठेवावा. कोविड-19 शी संबंधित अधिक माहिती आणि मदतीसाठी आपण ०११- २३ ९७ ८० ४६ आणि १०७५ या राष्ट्रीय मदतवाहिनीशी किंवा ०२०- २६ १२ ७३ ९४ या राज्यस्तरावरच्या मदत वाहिनीशी संपर्क करू शकता.
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·      मुंबईत मुसळधार पावसामुळे तीन ठिकाणी झालेल्या दुर्घटनेत ३२ जणांचा मृत्यू, वारसांना राज्य सरकारकडून पाच तर केंद्र सरकारकडून दोन लाख रूपये मदतीची घोषणा.
·      नंदुरबार जिल्ह्यात सिंदिदिगर घाटात खाजगी जीप दरीत कोसळून आठ जण ठार.
·      संसदेच्या पावसाळी अधिवेशनाला आजपासून सुरूवात.
·      राज्यात आठ हजार १७२ नवे कोविड रुग्ण; मराठवाड्यात आठ जणांचा मृत्यू तर ३२८ बाधित.
आणि
·      श्रीलंकेविरूद्धचा पहिला एकदिवसीय क्रिकेट सामना भारतानं जिंकला.
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मुंबईसह ठाणे, रायगड, पालघर, नवी मुंबई आणि कोकणात बहुतांश ठिकाणी काल मुसळधार पाऊस झाला.
मुंबईत मुसळधार पावसामुळे विक्रोळी, भांडूप आणि चेंबूर या तीन ठिकाणी झालेल्या दुर्घटनेत ३२ जणांचा मृत्यू झाला, तर विविध दुर्घटनांमध्ये १२ जण जखमी झाले.
चेंबूरच्या भारतनगर परिसरामध्ये काही घरांवर दरड कोसळल्यामुळे १९ नागरिकांचा मृत्यू झाला, तर सात जण जखमी झाले. शनिवारी मध्यरात्रीनंतर ही दुघर्टना घडली.
विक्रोळीत सूर्यानगर भागात एक दुमजली इमारत कोसळून दहा जणांचा मृत्यू झाला, तर पाच जण जखमी झाले. भांडूपमध्ये संरक्षक भिंत कोसळून एका १६ वर्षांच्या मुलाचा मृत्यू झाला. तर अंधेरी आणि पोयसर इथं विजेच्या धक्क्याने दोघांचा मृत्यू झाला.  
मृतांच्या वारसांना राज्य शासनाकडून प्रत्येकी पाच लाख रुपये, आणि जखमींवर मोफत उपचार करण्याची घोषणा करण्यात आली आहे.
पंतप्रधान राष्ट्रीय मदत निधीतून दुर्घटनेतील मृतांच्या कुटुंबियांना प्रत्येकी दोन लाख, तर जखमींना प्रत्येकी ५० हजार रुपये मदतीची घोषणा करण्यात आली आहे.
मुंबईचे ��ालकमंत्री आदित्य ठाकरे यांनी चेंबूर, विक्रोळी आणि भांडुपमधल्या दुर्घटनाग्रस्त भागाला काल भेट देऊन, मदत कार्याचा आढावा घेतला. या दुर्घटनेत मरण पावलेल्यांच्या कुटुंबियांचं त्यांनी सांत्वन केलं. दुर्घटनास्थळी धोकादायक अवस्थेतल्या घरात राहणाऱ्या नागरिकांचं इतरत्र स्थलांतर करण्याच्या सूचना दिल्या असल्याचं, त्यांनी सांगितलं.
विधान परिषदेचे विरोधी पक्ष नेते प्रवीण दरेकर यांनीही काल दुर्घटनाग्रस्त भागाला भेट देऊन पाहणी केली. या तिन्ही ठिकाणी संरक्षक भिंत पडण्याच्या घटनेला, मुंबई महापालिका आणि जिल्हाधिकारी कार्यालयाचा निष्काळजीपणाचा कारणीभूत असल्याचं, ते म्हणाले. महापालिकेनं बांधलेली निकृष्ट दर्जाची संरक्षक भिंत या दुर्घटनेला कारणीभूत असून, याची उच्चस्तरीय चौकशी करण्यात यावी आणि या दुर्घटनेला कारणीभूत असलेल्या दोषींविरुध्द कठोर कारवाई करण्याची मागणी, दरेकर यांनी यावेळी केली.
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मुंबईत अतिवृष्टीमुळे उद्भवलेल्या परिस्थितीचा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांनी काल दूरदृश्य प्रणालीद्वारे आढावा घेतला. हवामान विभागाने पुढील चार ते पाच दिवस दिलेला पावसाचा इशारा लक्षात घेता, मुंबई महानगरपालिका आणि इतर सर्व यंत्रणांनी, अपेक्षित तसंच अनपेक्षितरीत्या दुर्घटनांच्या बाबतीत अतिशय सावधगिरी बाळगून समन्वयानं काम करण्याचे निर्देश, मुख्यमंत्र्यांनी दिले आहेत.
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मुंबईत पावसामुळे मिठी नदीतलं पाणी धोक्याच्या पातळीपर्यंत वाढल्यानं, कुर्ल्यातल्या क्रांतीनगर भागातल्या नागरिकांना, काल सुरक्षित स्थळी हलवण्यात आलं. छत्रपती शिवाजी महाराज टर्मिनसहून सुटणाऱ्या अनेक रेल्वे गाड्यांचं वेळापत्रक कोलमडलं असून, अनेक गाड्या रद्द कराव्या लागल्या.
मुंबईकडे जाणाऱ्या बहुतांश रेल्वेही अनेक ठिकाणच्या रेल्वे स्टेशनवर थांबवण्यात आल्या होत्या. नाशिक जिल्ह्यात मनमाड रेल्वेस्थानकावर दोन, तर नाशिकरोड, लासलगाव आणि देवळाली स्थानकावर प्रत्येकी एक रेल्वे प्रवाशांसह थांबवण्यात आली होती.
पालघर जिल्ह्यातही मुसळधार पाऊस झाला. डहाणू बस स्थानकात उभ्या बसगाड्या अर्ध्याहून अधिक पाण्याखाली गेल्या आहेत.
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कोकणातही काल अनेक भागात जोरदार पाऊस झाला. या पावसामुळे रत्नागिरी जिल्ह्यातल्या सर्वच नद्यांना पूर आला आहे. जिल्ह्याच्या अनेक सखल भागांत पाणी साचलं असून, अनेक गावांचा संपर्क तुटला आहे. संगमेश्वर तालुक्यात धामापूर इथं दोन तरुणांचा पुराच्या पाण्यात बुडून मृत्यू झाला.
दरम्यान, मुसळधार पावसामुळे मुंबईत रुळांवर पाणी साचल्यामुळे कोकण रेल्वेमार्गे ��ावणाऱ���या नऊ गाड्या रद्द करण्यात आल्या आहेत.
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मराठवाड्यात लातूर आणि जालना जिल्ह्यांत काल जोरदार पाऊस झाला. लातूर जिल्ह्यात औराद शहाजनी परिसरात काल तासभर मुसळधार पाऊस झाला. या पावसामुळे परिसरातल्या अनेक गावांचे शिवार पाण्याखाली गेले आहेत. तेरणा नदीवरील बंधारे भरले असून, औराद, तगरखेडा इथल्या बॅरेजेसचे दरवाजे उघडून पाण्याचा विसर्ग करण्यात आला.
औरंगाबाद शहरातही काल रात्री काही वेळ पाऊस झाला.
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सोलापूर जिल्ह्यात बार्शी तालुक्यात काल रात्री पडलेल्या मुसळधार पावसात, बार्शी शहराच्या तिन्ही बाजूंच्या रस्त्यावरील वाहतूक ठप्प झाली होती. बार्शी - सोलापूर रस्त्यावर पुलाचं काम सुरू असल्यानं, तात्पुरता तयार करण्यात आलेला पर्यायी रस्ता या पावसात वाहून गेला, त्यामुळे या रस्त्यावरून मोठ्या वाहनांची वाहतूक ठप्प झाली. बार्शी - लातूर मार्गावरील लक्ष्मीनगर इथल्या पुलावरून पाणी वाहत असल्यानं, बार्शी - लातूर वाहतूकही शनिवारी रात्रभर बंदच होती. बार्शी - तुळजापूर रस्त्यावर असलेला कदमवस्ती इथला रस्ता खचल्यानं, वाहतुकीवर परिणाम झाला.
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नंदुरबार जिल्ह्यात तोरणमाळ खोऱ्यातल्या सिंदिदिगर घाटात प्रवासी वाहतुक करणारी खाजगी जीप दरीत कोसळून आठ जणांचा मृत्यू झाला, तर पंधराहून अधिक प्रवासी जखमी झाले. काल सायंकाळच्या सुमारास ही गाडी घाटातून जात असताना, चालकाचा गाडीवरील ताबा सुटल्यानं हा अपघात झाल्याचं आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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संसदेच्या पावसाळी अधिवेशनाला आजपासून सुरूवात होत आहे. १३ ऑगस्टपर्यंत हे अधिवेशन चालणार आहे. या काळात दोन्ही सदनाच्या प्रत्येकी १९ बैठका होतील, या काळात २९ विधेयकं संसदेसमोर सादर केले जाण्याची शक्यता आहे.
पावसाळी अधिवेशनाच्या पार्श्वभूमीवर काल पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली, सर्वपक्षीय बैठक घेण्यात आली. संसदेच्या दोन्ही सदनातलं कामकाज सुरळीत व्हावं, यासाठी राजकीय पक्षांचं सहकार्य मिळावं, या उद्देशानं बोलावण्यात आलेल्या या बैठकीला, काँग्रेस नेते अधीररंजन चौधरी, तृणमूल काँग्रेसचे खासदार डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके खासदार तिरुची शिवा, यांच्यासह ३३ पक्षांचे ४० सदस्य उपस्थित राहिल्याचं, संसदीय कामकाज मंत्री प्रल्हाद जोशी यांनी सांगितलं. हे अधिवेशन कामकाजाच्या दृष्टीनं चांगलं होईल, सर्व विषयांवर फलदायी चर्चा होईल, अशी अपेक्षा पंतप्रधानांनी व्यक्त केली. लोकसभेचे अध्यक्ष ओम बिर्ला यांनीही काल लोकसभा सदस्यांची बैठक घैतली.
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राज्यात अंथरुणाला खिळून असणाऱ्या रुग्णांसाठी कोविड लसीकरणाची विशेष सुविधा दिली जाणार आहे. अशा व्यक्तींच्या माहितीची ऑनलाईन नोंदणी केल्यानंतर, पथकामार्फ�� त्यांचं लसीकरण केलं जाईल, असं सार्वजनिक आरोग्य विभागाकडून कळवण्यात आलं आहे. जी व्यक्ती अंथरुणाला खिळून आहे आणि पुढील सहा महिने परिस्थिती तशीच राहण्याची शक्यता असेल, अशा व्यक्तीचं नाव, पत्ता, संपर्क क्रमांक, अंथरुणाला खिळून असण्याचं कारण आणि सदरची व्यक्ती, लसीकरण करून घेण्यास पात्र असल्याचं वैद्यकीय प्रमाणपत्र, इत्यादी माहिती, कोविड व्ही ए सी सी टू बेड रिडन ॲट जीमेल डॉट कॉम, या ईमेलवर पाठवण्याचं आवाहन, आरोग्य विभागानं केलं आहे.
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राज्यात काल आठ हजार १७२ नवे कोविड रुग्ण आढळले, त्यामुळे राज्यभरातल्या कोविड बाधितांची एकूण संख्या ६२ लाख पाच हजार १९० झाली आहे. काल १२४ रुग्णांचा उपचारादरम्यान मृत्यू झाला, राज्यात या संसर्गानं दगावलेल्या रुग्णांची एकूण संख्या, एक लाख २६ हजार ८५१ झाली असून, मृत्यूदर दोन पूर्णांक चार शतांश टक्के झाला आहे. काल ८ हजार ९५० रुग्ण या संसर्गातून मुक्त झाले. राज्यात आतापर्यंत ५९ लाख ७४ हजार ५९४ रुग्ण, कोरोना विषाणू संसर्गातून मुक्त झाले असून, कोविडमुक्तीचा दर ९६ पूर्णांक २८ दशांश टक्के झाला आहे. सध्या राज्यभरात एक लाख ४२९ रुग्णांवर उपचार सुरू आहेत.
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मराठवाड्यात काल ३२८ कोविड बाधितांची नोंद झाली, तर आठ जणांचा उपचारादरम्यान मृत्यू झाला. मृतांमध्ये बीड जिल्ह्यातल्या पाच, औरंगाबाद दोन, तर जालना जिल्ह्यातल्या एका रुग्णाचा समावेश आहे.
बीड जिल्ह्यात काल कोविड संसर्ग झालेले मराठवाड्यात सर्वाधिक १७४ रुग्ण आढळले. उस्मानाबाद ५७, लातूर ४९, औरंगाबाद ३१, जालना सहा, परभणी पाच, नांदेड चार, तर हिंगोली जिल्ह्यात काल दोन नवे रुग्ण आढळले.
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माजी गृहमंत्री अनिल देशमुख यांच्या नागपूर इथल्या घरांवर काल सक्तवसुली संचालनालय - ईडीनं छापे घातले. मुंबईचे माजी पोलीस आयुक्त परमबीर सिंग यांनी देशमुख यांच्याविरोधात केलेल्या आरोपानंतर, देशमुख यांच्या विरोधात चौकशी सुरु आहे. त्याच प्रकरणात ईडीनं नागपूर जिल्ह्याच्या काटोल आणि नरखेड तालुक्यात, देशमुख यांच्या वडिलोपार्जित घरावर छापे घातले.
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बनावट शैक्षणिक प्रमाणपत्रं रोखण्यासाठी महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विकास मंडळानं पुढाकार घेतला असून, यासाठी ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानाच्या आधारे मंडळाकडील गेल्या आठ शैक्षणिक वर्षातील, सुमारे १० लाख पदविका प्रमाणपत्र डिजिटल स्वरुपात प्रदान करण्यात येत आहेत. यामुळे बनावट शैक्षणिक प्रमाणपत्रांना पायबंद घातला जाणार असून, उद्योगांना उमेदवारांच्या प्रमाणपत्रांची सत्यता पडताळणी करणं सुलभ होणार आहे. शिवाय यामुळे योग्य उमेदवारांची होणारी गैरसोय थांबेल, असं कौशल्य विकास, रोजगार आणि उद्योजकता मंत्री नवाब मलिक यांनी म्हटलं आहे.
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परभणी जिल्ह्यातल्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थ��ंची, औंध शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थेच्या धर्तीवर पुनर्उभारणी करावी, आणि कौशल्य विकास गाव-खेड्यापर्यंत पोहचवण्यासाठी अधिकाऱ्यांनी नियोजन करण्याचे निर्देश, राज्याचे कौशल्य विकास राज्यमंत्री शंभुराज देसाई यांनी दिले आहेत. ते काल परभणी जिल्हाधिकारी कार्यालयात जिल्हास्तरीय आढावा बैठकीत बोलत होते. जिल्ह्याच्या सर्वांगीण विकासासाठी सरकार कटिबद्ध असून, येणाऱ्या काळात कौशल्य विकासाच्या विविध योजनांमध्ये ११ विविध क्षेत्रात प्रशिक्षण दिलं जाणार असल्याचं, देसाई यांनी सांगितलं.
दरम्यान, काल परभणी इथं शिवसंपर्क अभियानालाही देसाई यांनी संबोधित केलं. कोणी-कोणालाही भेटू द्या, किंवा हातमिळवणी करु द्या, शिवसेना सर्वार्थाने सक्षम असल्याचं, त्यांनी नमूद केलं.
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जालना जिल्ह्यात पोलीस ठाण्यांचं विभाजन करून, जालना, अंबड, राजूर आणि घनसावंगी इथं नवीन पोलीस ठाण्यांच्या उभारणीबाबत गृहमंत्र्यांशी सकारात्मक चर्चा झाल्याचं, जिल्ह्याचे पालकमंत्री राजेश टोपे यांनी सांगितलं. जालना इथं, जिल्हा नियोजन मंडळाच्या माध्यमातून पोलीस विभागासाठी सव्वादोन कोटी रुपये खर्चून खरेदी करण्यात आलेल्या, २० चारचाकी आणि ९२ दुचाकी वाहनांचं काल टोपे यांच्या हस्ते लोकार्पण झालं, त्यावेळी ते बोलत होते. पोलीस वसाहतींमध्ये आवश्यक सोयी-सुविधा उपलब्ध करून देण्यासाठी पुरेसा निधी उपलब्ध करून दिला जाईल, अशी ग्वाही टोपे यांनी दिली.
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अंगणवाड्यांना दिलेल्या गॅस जोडणीचं देयक काढून देण्यासाठी ४० हजार रुपये लाच घेणाऱ्या बालविकास प्रकल्प अधिकाऱ्याला, उस्मानाबाद लाचलुचपत प्रतिबंधक विभागानं अटक केली. नारायण दशरथ गायके असं या अधिकाऱ्याचं नाव आहे. परंडा तालुक्यातल्या अंगणवाड्यांकरता ८६ गॅस जोडण्यांचं, सुमारे पाच लाख ६४ हजार रुपयांचं देयक काढून देण्यासाठी, त्यानं ४८ हजार रुपये लाच मागितली होती, तडजोडीअंती ठरलेले ४० हजार रुपये घेताना, त्याला अटक करण्यात आली.
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पारंपरिक शेतीला जोडून फळबाग लागवड करण्याचं आवाहन, राज्यमंत्री संजय बनसोडे यांनी शेतकऱ्यांना केलं आहे. लातूर जिल्ह्यात गुरधाळ इथं नानाजी देशमुख कृषी संजीवनी प्रकल्प पोखरा अंतर्गत, फळबाग लागवडीचा शुभारंभ बनसोडे यांच्या हस्ते काल झाला, त्यावेळी ते बोलत होते. या योजनेअंतर्गत कलम खरेदी करणं, खड्डे खोदून लागवड करणं, ठिबक सिंचन, यासाठी तीन वर्षांपर्यंत अनुदान दिलं जातं.
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भारत आणि श्रीलंका यांच्यात कोलंबो इथं सुरू असलेल्या एकदिवसीय क्रिकेट सामन्याच्या मालिकेतल्या पहिल्या सामन्यात, शिखर धवन याच्या नेतृत्वातल्या भारतीय संघानं, श्रीलंका संघाचा सात गडी राखून पराभव केला. प्रथम फलंदाजी करत श्रीलंकेच्या संघानं दिलेलं २६३ धावांचं लक्ष्य, भारतीय संघानं ३७व्या षटकातच पूर्ण केलं. कर्णधार शिखर धवननं ८६, इशान किशननं ५९ धावा केल्या. ४३ धावा करणारा सलामीवीर पृथ्वी शॉ सामनावीर पुरस्काराचा मानकरी ठरला. या विजयाबरोबरच भारतानं तीन सामन्यांच्या मालिकेत एक - शून्य अशी आघाडी घेतली आहे.
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हवामान
मुंबईसह संपूर्ण कोकणासाठी रेड अलर्ट जारी केला आहे. मुंबईच्या अनेक भागांमध्ये आज सकाळी साडेआठ वाजेपर्यंत मुसळधार ते अतिमुसळधार पाऊस पडू शकतो, साडे आठनंतर ऑरेंज अलर्ट सांगण्यात आला. पुढचे चार ते पाच दिवसांसाठी हा सावधानतेचा इशारा हवामान खात्यानं जारी केला आहे.
मराठवाड्यात बीड, हिंगोली, लातूर, उस्मानाबाद जिल्ह्यात येत्या ४८ तासात तुरळक ठिकाणी जोरदार पावसाची शक्यता वर्तवण्यात आली आहे.
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abhay121996-blog · 4 years ago
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View: कोविड रिलीफ प्रॉडक्ट्स पर टैक्स से राहत देने के लिए GST काउंसिल को बेहद सावधानी से उठाना होगा कदम Divya Sandesh
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View: कोविड रिलीफ प्रॉडक्ट्स पर टैक्स से राहत देने के लिए GST काउंसिल को बेहद सावधानी से उठाना होगा कदम
नई दिल्ली कोविड19 महामारी (Covid19 Pandemic) की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के साथ भारत का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भारी दबाव में आ गया है। इस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और कोविड वैक्सीन व चिकित्सा आपूर्ति सहित कोविड प्रबंधन सामग्री तक पहुंच बढ़ाना इस समय सर्वोपरि है। लेकिन जीएसटी काउंसिल () को कोविड मिटीगेशन प्रॉडक्ट्स पर राहत प्रदान करने के लिए विकल्पों पर बेहद सावधानीपूर्वक विचार करना होगा। ये बातें राज्यसभा में BJP के MP और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री () ने सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स में छपे एक आलेख में कही हैं।
आलेख में कहा गया है कि विभिन्न तबकों से यह मांग उठ रही है कि भारत सरकार इन सामग्रियों को अफोर्डेबल और एक्सेसिबल बनाने के लिए व्यापक कर राहत दे। हाल ही में सरकार ने ऐसे कोविड रिलीफ मैटेरियल पर कस्टम ड्यूटी और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स से छूट दी है, जिसे अधिकृत रिलीफ एजेंसी ने फ्री में आयात किया है। इसका अर्थ यह हुआ कि वह एजेंसी इस मैटेरियल को फ्री में बांटेगी। टैक्स में छूट मिलने से ऐसे रिलीफ मैटेरियल की लागत कम करने में मदद मिलेगी।
सुशील कुमार मोदी का कहना है कि जीएसटी काउंसिल को कोविड मिटीगेशन प्रॉडक्ट्स पर राहत प्रदान करने के लिए विकल्पों पर बेहद सावधानीपूर्वक विचार करना होगा। ऐसा इसलिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लिया गया फैसला वास्तव में एंड यूजर के लिए लागत को कम कर सके। बता दें कि GST काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में कोविड-19 की वैक्सीन (Covid-10 vaccines) को टैक्स में छूट देने के प्रस्ताव पर विचार होगा। अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है। कुछ राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन को पूर�� तरह टैक्स से मुक्त रखने या 0.1 फीसदी का मामूली टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। बैठक में कोविड से जुड़े सामान पर टैक्स कम करने या खत्म करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी।
फुल छूट दिए जाने के क्या नुकसानसुशील कुमार मोदी के मुताबिक, ‘एग्जेंप्ट सप्लाइज के मामले में इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होने के कारण ऐसे मामलों में टैक्स छूट प्रतिकूल रहेगी। ये एग्जेंप्शंस इन उत्पादों के उत्पादन में लगे इनपुट पर टैक्स क्रेडिट में इनकार की ओर ले जाएंगे। यह अनिवार्य रूप से इन उत्पादों की अंतिम कीमत में वृद्धि की ओर ले जाएगा क्योंकि इनपुट टैक्सेज, बिक्री मूल्य में शामिल रहेंगे। आगे चलकर 5 फीसदी जीएसटी वाले सामान की कीमत में वृद्धि 12 फीसदी जीएसटी वाले सामान की कीमत में वृद्धि से ज्यादा हो जाएगी। इस प्रकार फाइनल प्रॉडक्ट्स को छूट देना कोई रास्ता नहीं है।’
सुशील कुमार मोदी के अनुसार, ‘यह भी सुझाव है कि पूरी सप्लाई चेन- दवाओं, इक्विपमेंट व वैक्सीन के लिए इनपुट और आउटपुट, ऐसे उत्पादों की बिक्री- को छूट दी जा सकती है। तर्क दिया जा रहा है कि अगर इनपुट्स को भी छूट दी जाती है, तो सेट-ऑफ का सवाल ही नहीं उठेगा। लिहाजा ऐसे मामलों में कीमत में कोई वृद्धि नहीं होगी। आउटपुट को छूट देना आसान है लेकिन इनपुट को छूट देने में समस्या पैदा हो सकती है क्योंकि इनपुट आमतौर पर नॉन कोविड मैनेजमेंट प्रॉडक्ट्स के लिए भी इस्तेमाल होते हैं। इनपुट्स के लिए एकमुश्त छूट से अनापेक्षित उत्पादों को भी राहत मिलेगी, जिससे राजस्व हानि होगी।’
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सशर्त छूट क्या होगी कारगर?मोदी के मुताबिक, ‘सशर्त छूट में मैन्युफैक्चरर को कोविड-प्रबंधन उत्पादों और अन्य वस्तुओं के बीच इनपुट को विभाजित करने की आवश्यकता होगी। सशर्त छूट के तहत इनपुट को केवल उस सीमा तक छूट दी जाती है, जितनी का उपयोग कोविड-प्रबंधन उत्पादों के निर्माण के लिए किया जाता है। सामान्य मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस में विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए कितना कॉमन इनपुट इस्तेमाल होता है, इसका पता लगाना मुश्किल है। इसके लिए विभाजन के नियमों की जरूरत होगी जो न केवल अनुपालन का बोझ बढ़ाएंगे बल्कि विवाद की संभावना के साथ टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के लिए परेशानियां भी खड़ी करेंगे।’
किन विकल्पों पर किया जा सकता है विचारइसके बजाय, इस तरह के उत्पादों पर कर की दर को काफी कम करने पर विचार किया जा सकता है, जैसा कि डीम्ड निर्यात आपूर्ति के मामले में किया गया है। डीम्ड निर्यात आपूर्ति में आउटपुट 0.1% + 0.1% की दर से कर को आकर्षित करता है। शून्य के अतिरिक्त कोई भी पॉजिटिव टैक्स रेट इनपुट टैक्स क्रेडिट से मनाही या रिवर्सल की ओर नहीं ले जाए��ी और मैन्युफैक्चरर कानूनी रूप से टैक्स इन्वर्जन के मामले में क्रेडिट की मांग कर सकेगा। टैक्स इन्वर्जन से अर्थ है, जहां ऐसे उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक इनपुट पर कर की दर, उन उत्पादों की बिक्री पर कर की दर से अधिक हो। अगर ऐसा किया जाता है तो टैक्स फाइनल प्रॉडक्ट के साथ नहीं लगेगा और कीमत नहीं बढ़ेगी।
‘एक दूसरा विकल्प जीरो रेटिंग कोविड मैनेजमेंट प्रॉडक्ट्स का भी है। इसमें न केवल उत्पादों को कर से छूट दी जाएगी, बल्कि ऐसे उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक इनपुट की खरीद पर भुगतान किया गया कर भी मैन्युफैक्चरर को वापस कर दिया जाएगा। इस तरह जीरो रेटिंग के जरिए कोविड मैनेजमेंट प्रॉडक्ट्स पर से सभी टैक्स हट जाएंगे ओर कीमत कम करने में मदद मिलेगी। लेकिन इसके लिए कानून में बदलाव करना होगा।’
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जीरो रेटिंग की भी कुछ परेशानियांसुशील कुमार मोदी आगे कहते हैं कि हालांकि जीरो रेटिंग भी वैसी ही परेशानियां खड़ी कर सकती है, जैसा कि इनपुट्स को टैक्स से पूरी तरह छूट देने के मामले में परेशानियां हैं। इसकी वजह है कि केवल कोविड-प्रबंधन उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले इनपुट की खरीद पर चुकाए गए कर को ही रिफंड किया जाएगा। इसके लिए ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट का पता लगाने के लिए सटीक नियम बनाने की आवश्यकता होगी। ऐसे मामले में, निर्माता के लिए प्रॉडक्ट के अंतिम बिक्री मूल्य में कमी के रूप में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उपभोक्ता को देना अनिवार्य रहेगा। इस पर नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी द्वारा करीब से नजर रखे जाना जरूरी होगा और संशोधित कीमतों को वास्तविक कीमत के साथ पैकेट पर अलग से उल्लिखित करने की जरूरत पड़ सकती है। यह भी एक अतिरिक्त अनुपालन बोझ होगा।
बहरहाल जीएसटी काउंसिल को कोविड रिलीफ मैटेरियल/कोविड मिटीगेशन प्रॉडक्ट्स पर टैक्स में राहत को लेकर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी फायदों और नुकसान पर गंभीरता से विचार की जरूरत है।
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viralnewsofindia · 4 years ago
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आपदा में गलत अवसर खोजती है कांग्रेस: डॉ प्रेम कुमार
आपदा में गलत अवसर खोजती है कांग्रेस: डॉ प्रेम कुमार
पटना: कांग्रेस का इतिहास रहा है हर आपदा में गलत अवसर खोजने का, चाहे वह आजादी की लड़ाई हो या सत्ता या फिर कोविड-19 का संक्रमण। सबको पता है आजादी की लड़ाई सब मिलकर लड़ रहे थे तो वही कांग्रेस के नेहरू को कुर्सी और सत्ता की लालसा सर चढ़कर के बोल रहा था। जिस कारण से देश का विभाजन हुआ। पटेल को सर्वाधिक मत मिलने के बाद भी पीएम पद पर नेहरू बैठे। जब-जब अवसर मिला कांग्रेस गलत अवसर का फायदा उठाया। (more…)
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indiatv360 · 4 years ago
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शिक्षा विभाग के फ्रन्ट लाईन वर्कर्स का कोविड-19 सेन्टर, बिजोलिया में टीकाकरण।
शिक्षा विभाग के फ्रन्ट लाईन वर्कर्स का कोविड-19 सेन्टर, बिजोलिया में टीकाकरण।
शिक्षा विभाग के फ्रन्ट लाईन वर्कर्स का कोविड-19 सेन्टर, बिजोलिया में टीकाकरण। कोविड-19 टीकाकरण सेन्टर, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य के न्द्र, बिजोलिया में बुधवार को शिक्षा विभाग में कार्परत फ्रन्ट लाईन वर्कर्स अधिकारी व कर्मचारियो का टीकाकरण किया गया। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बिजोलिया श्री नन्द लाल डांगी ने अलग से लाभार्थियों के साथ समन्वय कर एवं कार्य विभाजन दायित्व निर्वहन के लिए विभाग के…
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mrdevsu · 3 years ago
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देश में 60 करोड़ से ज्यादा दी गई वैक्सीन डोज, स्वास्थ्य मंत्री बोले- तेजी से हो रहा टीकाकरण
देश में 60 करोड़ से ज्यादा दी गई वैक्सीन डोज, स्वास्थ्य मंत्री बोले- तेजी से हो रहा टीकाकरण
टीकाकरण पर मनसुख मंडाविया: जंग के क्रम में तेज गति से चलने वाले होते हैं। अब तक 60 करोड़ की दोज दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंंडा ने गुरुवार को कहा। यह एक साझा भी है, और कि भारत को पहले 10 करोड़ टीके में 85 लोग लगे। बाद में 20 करोड़ में 45 दिन, 30 करोड़ में 29 दिन, 40 करोड़ में 24 दिन, 50 करोड़ में 20 दिन और अब 60 मिनट का कार्य पूरा करने के लिए 19 दिन। स्वास्थ्य के लिए सबकी सुरक्षा के…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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बिहार में आज से 12 से 14 आयु वर्ग का डिस्प्ले शुरू हो रहा है
बिहार मे�� आज से 12 से 14 आयु वर्ग का डिस्प्ले शुरू हो रहा है
बिहार बच्चे कोविड -19 टीकाकरण: बिहार राज्य (बिहार राज्य सरकार) पूरी तरह से 12-14 आयु वर्ग के लोगों के लिए चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी महत्वपूर्ण प्रशिक्षण भी ली हैं. बैबेवैक्स (corbevax) मिशन के उपयोग के लिए I बच्चों 45 लाख टीके डोज स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, तो 45 लाख टीके की खुराक लेने के लिए बेहतर है। आयु वर्ग के बिहार की श्रेणी में 56 लाख, 28.5 लाख लाख रुपये और 27.72 लाख शामिल…
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shaileshg · 4 years ago
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को काबू करने के लिए मार्च में लॉकडाउन की घोषणा की। उसके कुछ ही दिन बाद 27 मार्च को एक फंड बनाया। नाम दिया- पीएम सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस (पीएम केयर्स) फंड। साथ ही कहा कि इसमें जो भी राशि जमा होगी वह कोविड-19 से जुड़े कार्यों पर खर्च होगी। दो दिन पहले संसद में भी इस फंड को लेकर बड़ा हंगामा हुआ।
विपक्ष का कहना है कि जब पहले से पीएम नेशनल रिलीफ फंड है तो अलग से फंड बनाने की आवश्यकता क्या थी? इसका कामकाज इतना गोपनीय क्यों रखा जा रहा है? मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, लेकिन वहां भी इसकी पहचान कायम रही।
क्या है पीएम केयर्स फंड और इसमें डोनेशन का क्या लाभ है?
कोविड-19 महामारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए डेडिकेटेड नेशनल फंड की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से यह सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया है।
इस फंड में पूरी तरह से व्यक्तियों/संगठनों से स्वैच्छिक योगदान लिया जा रहा है। इसे कोई बजटीय सहायता नहीं मिलती है। पीएम-केयर्स फंड में दान दी गई रकम पर इनकम टैक्‍स से 100 फीसदी छूट मिलेगी। यह राहत इनकम टैक्‍स कानून के सेक्‍शन 80जी के तहत मिलेगी।
पीएम-केयर्स फंड में दान भी कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत सीएसआर खर्च के रूप में गिना जाएगा। इस फंड को भी एफसीआरए के तहत छूट मिली है। विदेशों से दान प्राप्त करने के लिए एक अलग खाता खोला गया है। इससे विदेशों में स्थित व्यक्ति और संगठन फंड में दान दे सकते हैं।
मोदी की अपील का असर यह हुआ कि लोगों ने फंड में तत्काल पैसे डालना शुरू किए। कई कंपनियों ने अपने-अपने कर्मचारियों के एक दिन का वेतन इसमें जमा किया, लेकिन साथ ही यह फंड विवादों में फंसना शुरू हो गया।
क्या आपत्ति है पीएम केयर्स फंड को लेकर?
PM cares fund is a non-transparent fund, RTI application seeking information about donations and donors have been rejected. That is why we are asking various questions: Shri @adhirrcinc#CongressInParliament pic.twitter.com/nQveGesvuF
— Congress (@INCIndia) September 19, 2020
अब पीएम केयर्स फंड को लेकर सबसे पहले कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने आपत्ति उठाई थी। उन्होंने कहा था कि जब पीएमएनआरएफ है तो अलग से नया फंड बनाने की जरूरत क्या है? कांग्रेस के कई नेताओं के साथ-साथ विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए।
एक और बड़ी आपत्ति यह थी कि पीएम केयर्स फंड से जो भी खर्च होगा उसका हिसाब-किताब नहीं मिलेगा। आरटीआई कानून के तहत इसे पब्लिक अथॉरिटी मानने से इनकार कर दिया गया। कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इसकी जानकारी मांगी, लेकिन कोई सूचना नहीं दी गई।
पीएम केयर्स फंड को लेकर एक और आपत्ति यह ���ी कि इसका ऑडिट नहीं होगा। आलोचना होने पर पीएमओ ने फंड के लिए ऑडिटर भी नियुक्त किया। इससे पहले एक सरकारी समिति ने सीएसआर योगदान को फंड में लेने का विरोध किया था। ऐसे डोनेशन से कंपनियों को डबल टैक्स छूट मिलेगी।
From encroaching upon autonomy of institutions to cutting the MPLADS funds which is rightfully the citizens' to avoiding accountability regarding the working of the PM Cares fund, the BJP has stooped to new lows. #CongressInParliament opposes it all & stands strong with India. pic.twitter.com/1CXIEQG33l
— Congress (@INCIndia) September 18, 2020
पीएम केयर्स फंड को लेकर संसद में विवाद क्यों हुआ?
लोकसभा में शुक्रवार को टैक्सेशन बिल पेश किया गया। इसमें पीएम केयर्स फंड का जिक्र हुआ और इसके बाद संसद सदस्यों ने एक-दूसरे के लिए डाकू, कल का छोकरा, गधा और लुटेरा जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया। चार घंटे तक हंगामा होता रहा।
दरअसल, बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सभी सदस्यों ने पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाए। शशि थरूर, कल्याण बनर्जी, अधीर रंजन चौधरी, सौगत राय ने इसके गठन मेंं कानून का पालन नहीं करने के आरोप लगाए। विपक्ष ने पारदर्शिता पर भी सवाल उठाया।
इस पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विपक्ष अब पीएम केयर्स फंड के पीछे पड़े हैं। नेहरू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष तो बनाया, लेकिन इसे रजिस्टर्ड नहीं कराया। पूरा का पूरा फंड नेहरू-गांधी परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया। इसके बाद तो बहस इतनी बढ़ी कि अनुराग ने कांग्रेस सांसदों को एक परिवार का गुलाम तक बताया।
“पीएम-केयर्स में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सदस्य नहीं हैं,मगर PMNRF में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों ह��ं।गांधी परिवार ने देश को अपनी जागीर समझ कर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकारी मशीनरी व सार्वजनिक धन का बड़ी बेशर्मी से दोहन किया है” श्री @ianuragthakur pic.twitter.com/ntyzntlRoq
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) September 20, 2020
क्या वाकई में सोनिया गांधी भी पीएमएनआरएफ का खर्च तय करती थीं?
संसद में बहस के दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि पीएमएनआरएफ का खर्च तय करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल थे। सोनिया गांधी की भी इसमें भूमिका थी। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति उठाई और जमकर विरोध किया।
सच्चाई यह है कि जब नेहरू ने यह फंड बनाया तब उसका उद्देश्य विभाजन से प्रभावित हुए लोगों की मदद करना था। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष को भी रखा था। 1985 में यह व्यवस्था बदली और इसका अधिकार पूरी तरह से प्रधानमंत्री ऑफिस के पास आ गया। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है। यानी सोनिया गांधी की भी कोई सीधे-सीधे भूमिका कभी नहीं रही।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्या कहा?
पीएम केयर्स फंड को लेकर उठ रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इसका पैसा प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष या एनडीआरएफ में जमा करने की जरूरत नहीं है। इस तरह पीएम केयर्स फंड को एक अलग पहचान मिल गई।
हालांकि, जब विवाद बढ़ गया तो पीएम केयर्स फंड को लेकर आधिकारिक वेबसाइट पर सवालों के जवाब दिए गए। इसमें बताया कि इसमें कितने पैसे इकट्ठा हुए हैं और इसका कहां-कहां इस्तेमाल किया गया है।
वेबसाइट पर बताया गया कि 2019-20 के दौरान 3,076.62 करोड़ रुपए इकट्ठे हुए। इस फंड में 39.68 लाख रुपए का फंड विदेश से भी आया है। इसके मुताबिक 2000 करोड़ रुपए से भारत में बने 50 हजार वेंटिलेटर सरकारी अस्पतालों में बांटे गए। एक हजार करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों पर खर्च हुए। वहीं, 100 करोड़ रुपए वैक्सीन बनाने के लिए दिए गए।
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PM CARES Fund Vs PMNRF | What's The Difference Between PM Cares Fund and PMNRF? All You Need To Know
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newshindiplus · 4 years ago
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सावधान! कोरोना का फायदा उठा रहे हैं आतंकवादी, UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सावधान! कोरोना का फायदा उठा रहे हैं आतंकवादी, UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
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कॉन्सेप्ट इमेज. व्लादिमीर वोरोनकोव ने कहा कि हम जानते हैं आतंकवादी डर, नफरत और विभाजन को फैलाने तथा अपने नए समर्थकों को कट्टर बनाने एवं नियुक्त करने के लिए कोविड-19 (Covid-19) के कारण उत्पन्न हुईं आर्थिक मुश्किलों एवं व्यावधान का फायदा उठा रहे…
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lok-shakti · 4 years ago
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इमैनुएल मैक्रॉन: कोविड हाइलाइट्स को यूरोपीय संघ की शक्तियों को 'बीफ अप' करने की आवश्यकता है
इमैनुएल मैक्रॉन: कोविड हाइलाइट्स को यूरोपीय संघ की शक्तियों को ‘बीफ अप’ करने की आवश्यकता है
इमैनुएल मैक्रोन ने कहा है कि कोविद -19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय विभाजन ने यूरोपीय संघ की शक्तियों को “गोमांस” करने की आवश्यकता को उजागर किया है, क्योंकि उन्होंने आंतरिक स्क्वैब्लिंग के कारण यूरोप के भविष्य पर एक परामर्श खोला था। स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद के हेमाइसीसाइज के मध्य में, फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें फ्यूचर ऑफ यूरोप सम्मेलन, घटनाओं की एक श्रृंखला और ऑनलाइन जनमत सर्वेक्षणों…
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airnews-arngbad · 3 years ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad Date – 18 July 2021 Time 18.10 to 18.20 Language Marathi
आक���शवाणी औरंगाबाद
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक १८ जुलै २०२१ सायंकाळी ६.१०
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राज्यात कोविड-19शी संबंधित निर्बंध शिथील जरी झाले असले तरी कोरोना विषाणू संसर्गाचा धोका अद्याप कायम आहे. त्यामुळे सर्वांनी संपूर्ण काळजी घेणं आवश्यक आहे. महत्वाचं काम असेल तरच घराबाहेर पडावं, असं आवाहन श्रोत्यांना करण्यात येत आहे. सुरक्षित राहण्यासाठी नाका-तोंडावर मास्क लावावा, एकमेकांपासून सुरक्षित अंतर राखावं, हात आणि चेहरा स्वच्छ ठेवावा तसंच लसीकरण करून घ्यावं. कोविड -19 शी संबंधित अधिक माहिती आणि मदतीसाठी आपण ०११- २३ ९७ ८० ४६ आणि १०७५ या राष्ट्रीय मदतवाहिनीशी किंवा ०२०- २६ १२ ७३ ९४ या राज्यस्तरावरच्या मदत वाहिनीशी संपर्क करू शकता.
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** पावसाळी अधिवेशनाच्या पार्श्वभूमीवर पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली सर्वपक्षीय बैठक; ३३ पक्षांचे ४० सदस्य उपस्थित
** अंथरुणाला खिळून असणाऱ्या रुग्णांच्या कोविड लसीकरणासाठी राज्य आरोग्य विभागाची विशेष सुविधा
** मुंबईत पावसाशी निगडित तीन दुर्घटनांमध्ये २४ जण ठार; राज्य तसंच केंद्राकडून मदत जाहीर
** पावसामुळे रेल्वे वाहतुक विस्कळीत; सोलापूर जिल्ह्यात अनेक रस्त्यांवरची वाहुतक ठप्प  
आणि
** अंगणवाड्यांना दिलेल्या गॅस जोडणीचं देयक काढून देण्यासाठी लाच घेणाऱ्या बालविकास प्रकल्प अधिकाऱ्याला उस्मानाबाद इथं अटक
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संसदेच्या उद्यापासून सुरू होत असलेल्या पावसाळी अधिवेशनाच्या पार्श्वभूमीवर आज पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली सर्वपक्षीय बैठक झाली. संसदेच्या दोन्ही सदनातलं कामकाज सुरळीत व्हावं, यासाठी राजकीय पक्षांचं सहकार्य मिळावं, या उद्देशानं बोलावण्यात आलेल्या या बैठकीला काँग्रेस नेते अधीररंजन चौधरी, तृणमूल काँग्रेसचे खासदार डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके खासदार तिरुची शिवा, यांच्यासह ३३ पक्षांचे ४० सदस्य उपस्थित राहिल्याचं, संसदीय कामकाज मंत्री प्रल्हाद जोशी यांनी सांगितलं. लोकसभेचे अध्यक्ष ओम बिर्ला यांनीही आज लोकसभा सदस्यांची बैठक बोलावली आहे. दरम्यान, उद्यापासून सुरू होत असलेलं हे पावसाळी अधिवेशन १३ ऑगस्टपर्यंत चालणार आहे. या काळात दोन्ही सदनांच्या १९ बैठका होणार आहेत.
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केंद्रशासित प्रदेश तसंच राज्य सरकारांना आतापर्यंत ४१ कोटी ९९ लाख मात्रा उपलब्ध करून दिल्या आहेत. या व्यतिरिक्त १५ लाख ७५ हजार १४० मात्रा लवकरच दिल्या जाणार असल्याचं केंद्रीय आरोग्य मंत्रालयानं सांगितलं आहे. देशात कोविड लसीकरण मोहिमेनं आता चाळीस कोटी, ४९ लाखांचा टप्पा पार केला असून, महाराष्ट्रात ���८ लाख, ३७ हजार नागरिकांना कोविड लसीच्या दोन्ही मात्रा देण्यात आल्या आहेत.
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राज्यात अंथरुणाला खिळून असणाऱ्या रुग्णांसाठी कोविड लसीकरणाची विशेष सुविधा दिली जाणार आहे. अशा व्यक्तींच्या माहितीची ऑनलाईन नोंदणी केल्यानंतर पथकामार्फत त्यांचं लसीकरण केलं जाईल, असं सार्वजनिक आरोग्य विभागाकडून कळवण्यात आलं आहे. जी व्यक्ती अंथरुणाला खिळून आहे आणि पुढील सहा महिने परिस्थिती तशीच राहण्याची शक्यता असेल, अशा व्यक्तीचं नाव, पत्ता, संपर्क क्रमांक, अंथरुणाला खिळून असण्याचं कारण आणि सदरची व्यक्ती, लसीकरण करून घेण्यास पात्र असल्याचं वैद्यकीय प्रमाणपत्र, इत्यादी माहिती, कोविड व्हीएसीसी टू बेड रिडन ॲट जीमेल डॉट कॉम या ईमेलवर पाठवण्याचं आवाहन आरोग्य विभागानं केलं आहे.
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मुंबईत मुसळधार पावसामुळे विक्रोळी, भांडूप आणि चेंबूर या तीन ठिकाणी झालेल्या दुर्घटनेत २४ जणांचा मृत्यू झाला आहे. चेंबूरच्या भारतनगर परिसरामध्ये काही घरांवर दरड कोसळल्यामुळे १७ व्यक्तींचा मृत्यू झाला. मध्यरात्रीच्या सुमारास ही दुघर्टना घडली.
विक्रोळीत सूर्यानगर भागात एक दुमजली इमारत कोसळून ६ जणांचा मृत्यू झाला तर  भांडुपमध्ये संरक्षक भिंत कोसळून एका १६ वर्षांच्या मुलाचा मृत्यू झाला.
मृतांच्या वारसांना राज्य शासनाकडून प्रत्येकी ५ लाख रुपये आणि जखमींवर मोफत उपचार करण्याची घोषणा करण्यात आली आहे.
पंतप्रधान राष्ट्रीय मदत निधीतून दुर्घटनेतील मृतांच्या कुटुंबियांना प्रत्येकी दोन लाख, तर जखमींना प्रत्येकी ५० हजार रुपये मदतीची घोषणा करण्यात आली आहे.
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औरंगाबाद इथंही एका १७ वर्षीय युवकाचा तलावात बुडून मृत्यू झाला. लखन पवार असं मृत युवकाचं नाव असून तो मित्रांसोबत औरंगाबाद नजिक सातारा परिसरात फिरण्यासाठी गेला असताना ही दुर्घटना घडली.
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मुंबईत पावसामुळं मिठी नदीतलं पाणी धोक्याच्या पातळीपर्यंत वाढल्यानं कुर्ल्यातील क्रांतीनगर भागातल्या नागरिकांना सुरक्षित स्थळी हलवण्यात आलं आहे. छत्रपती शिवाजी महाराज टर्मिनसहुन सुटणाऱ्या अनेक रेल्वे गाड्यांचं वेळापत्रक कोलमडलं असून अनेक गाड्या रद्द कराव्या लागल्या आहेत.
 मुंबईकडे जाणाऱ्या बहुतांश रेल्वे त्या त्या भागात रेल्वे स्टेशनवर थांबवण्यात आल्या होत्या. नाशिक जिल्ह्यात मनमाड रेल्वेस्थानकावर दोन, तर नाशिकरोड, लासलगाव आणि देवळाली स्थानकावर प्रत्येकी एक रेल्वे प्रवाशांसह उभी आहे. प्रवाशांना पुढे मुंबईकडे प्रवास करण्यासाठी जिल्हा प्रशासनाने एसटी महामंडळ आणि रेल्वे विभागाशी संपर्क करून पुढील प्रवासाची व्यवस्था केली आहे.
 पालघर जिल्ह्यातही मुसळधार पाऊस झाला. डहाणू शहरातील बस स्थानकात उभ्या बसगाड्या अर्ध्याहून अधिक पाण्याखाली गेल्या आहेत.
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सोलापूर जिल्ह्यातील बार्शी तालुक्यात काल रात्री पडलेल्या मुसळधार पावसात बार्शी शहराच्या तिन्ही बाजूंच्या रस्त्यावरील वाहतूक ठप्प झाली आहे. बार्शीहुन - सोलापूर रस्त्यावर पुलाचं काम सुरू असल्यानं तात्पुरता तयार करण्यात आलेला पर्यायी रस्ता या पावसाच्या पाण्यानं वाहून गेला, त्यामुळे मध्यरात्री पासून या रस्त्यावरून मोठ्या वाहनांची वाहतूक ठप्प झाली आहे. बार्शी - लातूर मार्गावरील लक्ष्मीनगर इथल्या पुलावरून पाणी वाहत असल्यानं बार्शी - लातूर वाहतूकही काल रात्रभर बंदच होती. बार्शी - तुळजापूर रस्त्यावर असलेला कदमवस्ती इथला रस्ता खचल्यानं वाहतुकीवर परिणाम झाला.
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जालना जिल्ह्यात पोलीस ठाण्यांचे विभाजन करून जालना, अंबड, राजूर आणि घनसावंगी इथं नवीन पोलीस ठाण्यांच्या उभारणीबाबत गृहमंत्र्यांशी सकारात्मक चर्चा झाल्याचं जिल्ह्याचे पालकमंत्री राजेश टोपे यांनी सांगितलं. जालना इथं, जिल्हा नियोजन मंडळाच्या माध्यमातून पोलीस विभागासाठी सव्वादोन कोटी रुपये खर्चून खरेदी करण्यात आलेल्या २० चारचाकी आणि ९२ दुचाकी वाहनांचं लोकार्पण टोपे यांच्या हस्ते आज झालं, त्यावेळी ते बोलत होते. पोलीस वसाहतींमध्ये आवश्यक सोयी-सुविधा उपलब्ध करून देण्यासाठी पुरेसा निधी उपलब्ध करून दिला जाईल, अशी ग्वाही टोपे यांनी दिली.
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अंगणवाड्यांना दिलेल्या गॅस जोडणीचं देयक काढून देण्यासाठी ४० हजार रुपये लाच घेणाऱ्या बालविकास प्रकल्प अधिकाऱ्याला उस्मानाबाद लाच लुचपत प्रतिबंधक विभागानं अटक केली. नारायण दशरथ गायके असं या अधिकाऱ्याचं नाव आहे. परंडा तालुक्यातल्या अंगणवाड्यांकरता ८६ ग��स जोडण्यांचं सुमारे पाच लाख ६४ हजार रुपयांचं देयक काढून देण्यासाठी त्यानं ४८ हजार रुपये लाच मागितली होती, तडजोडीअंती ठरलेले ४० हजार रुपये घेताना गायके याला अटक करण्यात आली.
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बीड जिल्ह्यात आज कोविड संसर्ग झालेले नवे १७४ रुग्ण आढळले. यामध्ये आष्टी तालुक्यात सर्वाधिक ५२ रुग्ण आढळले, त्या खालोखाल शिरूर तालुक्यात ३२, बीड २६, पाटोदा २०, गेवराई १२, केज ११, वडवणी १०, माजलगाव ७, तर  धारूर तालुक्यात आज ४ रुग्ण आढळले. अंबाजोगाई तसंच परळी तालुक्यात आज एकही नवा रुग्ण आढळल��� नाही.
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पारंपरिक शेतीला जोडून फळबाग लागवड करण्याचे आवाहन राज्यमंत्री संजय बनसोडे यांनी शेतकऱ्यांना केलं आहे. लातूर जिल्ह्यात गुरधाळ इथं नानाजी देशमुख कृषी संजीवनी प्रकल्प पोखरा अंतर्गत फळबाग लागवड���चा शुभारंभ बनसोडे यांच्या हस्ते आज करण्यात आला, त्यावेळी ते बोलत होते. या योजनेअंतर्गत कलमं खरेदी करणं, खड्डे खोदून लागवड करणं, ठिबक सिंचन, यासाठी तीन वर्षांपर्यंत अनुदान दिलं जातं.
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परभणी जिल्ह्याच्या जिंतूर तालुक्यात बोरी इथं आज इंधन दरवाढीच्या विरोधात काँग्रेस पक्षाने सायकल मोर्चा काढून आंदोलन केलं. जागतिक बाजारात कच्च्या तेलाच्या किमती कमी असतानाही इंधन तसंच खाद्यतेलाचे दर वाढवल्याच्या निषेधात घोषणाबाजी करण्यात आली.
दरम्यान, मातंग आणि बहुजन समाजाच्या विविध मागण्यांसाठी लहुजी साळवे बहुजन क्रांती सेनेनं आज परभणी जिल्हाधिकारी कार्यालयासमोर रास्तारोको आंदोलन केलं. लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे यांच्या जयंती दिनी शासकीय सुट्टी द्यावी, यासह अनेक  मागण्यांसाठी हे आंदोलन करण्यात आलं.
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क्रिकेट
भारत आणि श्रीलंका यांच्यात कोलंबो इथं सुरू असलेल्या एकदिवसीय क्रिकेट सामन्यात शेवटचं वृत्त हाती आलं तेव्हा श्रीलंकेच्या ४० षटकांत सहा बाद १८६ धावा झाल्या होत्या. भारतीय गोलंदाज दीपक चहर आणि कुलदीप यादवनं प्रत्येकी दोन, तर यजुवेंद्र चहल आणि क्रुणाल पंड्या यांनी प्रत्येकी एक बळी घेतला आहे.
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devendrasinghworld · 4 years ago
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा है कि यह नीति देश में डिजिटल विभाजन (डिजिटल डिवाइड) पैदा करेगी। पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एनईपी 2020 में मानव विकास और ज्ञान के विस्तार का मूल लक्ष्य नदारद है।
पार्टी ने कहा कि एनईपी 2020 जिसका उद्देश्य स्कूल और उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है, उसमें स्पष्ट कार्यान्वयन रोडमैप और रणनीति का अभाव है, स्पष्ट रूप से इस बड़े विजन को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण रूप से वित्त पोषण आवश्यक है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, एनईपी डिजिटल डिवाइड बनाकर गरीबों और वंचितों को अलग-थलग रखने को बढ़वा देगा। हाशिए वाले वर्गों के 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों को पूरी तरह से बाहर रखा जा सकता है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुंच के दौरान देखा जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुपस्थित या कम इंटरनेट कनेक्टिविटी/कंप्यूटर के उपयोग के कारण ग्रामीण बनाम शहरी विभाजन जैसी चीजें भी देखने को मिलेंगी।
सुरजेवाला ने कहा कि एससी/एसटी/ओबीसी और वंचित वर्ग की कोई चर्चा नहीं है। पार्टी ने शिक्षा पर जीडीपी के छह प्रतिशत खर्च करने की एनईपी की 2020 की सिफारिश पर सवाल उठाया और कहा कि भाजपा सरकार में बजट के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर खर्च 2014-15 में 4.14 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 2020-21 में 3.2 प्रतिशत हो गया है।
पार्टी ने गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) देने के लिए आंगनवाड़ियों पर एनईपी की निर्भरता पर भी सवाल उठाया। पूर्व मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पहले से ही कई सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण ड्यूटी के बोझ तले दबी हुई हैं और उन्हें नियमित कर्मचारी के रूप में भी मान्यता प्राप्त नहीं हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों को क्रमश: 4,500 रुपये और 2,250 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है।
उन्होंने कहा कि छह महीने के डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से ईसीसीई मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित करना अपने आप में एक कठिन कार्य होगा।
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New education policy will bring digital divide: Congress
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