#भारत में कोरोना टीकाकरण कवरेज
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देश में अब तक कोविड टीकों की 70 करोड़ से अधिक खुराक लगाई गई
देश में अब तक कोविड टीकों की 70 करोड़ से अधिक खुराक लगाई गई
कोरोना टीकाकरण: देश मे कोरोना 70 करोड़ से अधिक. केंद्रीय स्वास्थ्य के हिसाब से ऐसा है, जैसा कि 10 करोड़ 11 साल की उम्र में एक बार फिर से इस तरह से। केंद्रीय रिपोर्ट जारी आंकाडो के अनुसार, देश मे अपडेट 7 बजे तक 7063, 55,796 टाइप दोज दी जा रही है 53,96,20,217 डोमेन डोज और विविध डोज जायें। पिछले कुछ दिनों में कोरोना टीकाकरण रफ्तार पकड़ रहा है। भारत में 10 करोड़ रुपये में 85 दिन– 10-20 करोड़ में 45…
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राज्य बजट 2023-24 की तैयारियों को लेकर शनिवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित किया। राज्य की आर्थिक प्रगति में उद्यमियों, व्यापारियों एवं करदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी परामर्शदात्री समिति के सुझावों का बजट में समावेश करने के प्रयास किए जाएंगे।
उद्यमियों, व्यापारियों एवं करदाताओं द्वारा दिए गए सुझावों में सकारात्मकता और अनुभव झलकता है। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार द्वारा उद्योगों और व्यापारियों को हर संभव राहत प्रदान की गई। राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया, रिप्स जैसी महत्वपूर्ण नीति से राज्य के उद्योगों को प्रोत्साहन तथा संबल मिल रहा है।
आज राजस्थान जीडीपी ग्रोथ में देश में दूसरे नंबर पर है। आपके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। इन्वेस्ट राजस्थान समिट में रिकॉर्ड निवेश के एमओयू हुए, जो अपने आप में ऐतिहासिक हैं। आज रीको द्वारा राज्य के हर उपखण्ड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जा रहे हैं। MSME एक्ट का देशभर में स्वागत हुआ है। साथ ही, राज्य सरकार ने नए उद्योग स्थापित करने के लिए एकल खिड़की की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है।
राज्य सरकार द्वारा किए गए नवाचारों से आज निवेशक कंफरटेबल महसूस कर रहा है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रूपए तक की सब्सिडी दी जा रही है।
कोरोना महामारी में राज्य में शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। राज्य सरकार द्वारा ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। कोविड महामारी में महंगे इंजेक्शन व दवाईयां आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई। ऑक्सीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई। कोरोना काल के दौरान आए मंदी के दौर के बावजूद प्रदेश की आर्थिक स्थिति स्थिर है, यह शुभ संकेत है।
प्रदेशवासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। जिस तरह तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं खाद्य का अधिकार लागू कर सभी को सामाजिक व आर्थिक संबल प्रदान किया गया है, उसी तरह देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार को ‘राइट टू सोशल सिक्योरिटी‘ एक्ट लागू करना चाहिए। इसके लिए चिंतन शिविर में मंत्रिपरिषद् सदस्यों ने एकमत प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
बैठक में बताया गया कि राजस्थान में संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। साथ ही, टीकाकरण कवरेज की दृष्टि से भी राजस्थान भारत के औसत से 4 प्रतिशत आगे है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में करीब 1.38 करोड़ परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। इस योजना का ही परिणाम है कि प्रदेश की करीब 90 प्रतिशत आबादी अब स्वास्थ्य बीमाधारक है, जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 41 प्रतिशत ही है। चिरंजीवी योजना में अब तक 31.58 लाख मरीजों को लगभग 3625 करोड़ रूपए का निःशुल्क उपचार उपलब्ध हुआ है। मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांच एवं दवाओं के साथ संपूर्ण उपचार निःशुल्क मिल रहा है। योजना पर अनुमानित व्यय करीब 1500 करोड़ रूपए किया जा रहा है।
राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। इंदिरा रसोइयों में आमजन को 8 रूपए में पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। राज्य सरकार प्रत्येक थाली पर 17 रूपए अनुदान दे रही है। राज्य में 211 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 94 गर्ल्स कॉलेज भी शामिल हैं। विद्यालय में 500 बालिकाओं के नामांकन पर कॉलेज खोलने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत, ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, मुख्यमंत्री सलाहकार श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग एवं वाणिज्य श्रीमती वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री आ��ंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा श्री भास्कर ए सावंत, प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग श्री वैभव गालरिया, रीको के स्वतंत्र निदेशक श्री सीताराम अग्रवाल सहित सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स, राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फोर्टी सहित पर्यटन, खाद्य पदार्थ व्यापार, एग्रीकल्चर इण्डस्ट्री, ऑयल इण्डस्ट्री, हैण्डीक्राफ्ट, कपड़ा उद्योग, सीमेंट मैन्यूफैक्चरर्स, मार्बल एवं स्टील उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुडे़ औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 4.12 करोड़ से अधिक टीके की पहली खुराक लगाई गई भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 22,549 हैं पिछले 24 घंटों में 862 नए मामले सामने आए स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.76 प्रतिशत साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 1.02 प्रतिशत है भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 219.56 करोड़ (2,19,56,65,598) से अधिक हो गया। 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16…
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Vaccinations in India: कोरोना के खिलाफ नए रिकार्ड पर पहुंच रहा टीकाकरण का आंकड़ा
Vaccinations in India: कोरोना के खिलाफ नए रिकार्ड पर पहुंच रहा टीकाकरण का आंकड़ा
नई दिल्ली। Vaccinations in India: भारत वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर सुधार के पड़ाव में है। देश में लगातार कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं। वहीं टीकाकरण अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत का COVID-19 टीकाकरण कवरेज शुक्रवार शाम को 184.49 करोड़ को पार कर गया है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी। Jan sanvaad kaaryakram: में पुष्कर सिंह धामी ने किया…
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Corona Vaccination Update: भारत में कोरोना टीकाकरण ने पकड़ी रफ्तार पंहुचा 160.43 करोड़ के पार, तेजी से बढ़ रही एक्टिव मरीजों की संख्या
Corona Vaccination Update: भारत में कोरोना टीकाकरण ने पकड़ी रफ्तार पंहुचा 160.43 करोड़ के पार, तेजी से बढ़ रही एक्टिव मरीजों की संख्या
भारत में कोरोना मरीजों की संख्या (Number of corona patient) लगातार बढ़ रही है. इस बीच टीकाकरण अभियान (Vaccination campaign) में भी तेजी लाई गई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में 70 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन (Vaccine) की खुराक दी गई है. भारत में अब कोविड टीकाकरण कवरेज 160.43 करोड़ से अधिक हो गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में…
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कोरोना टीकाकरण का 1 साल पूरा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- ये है दुनिया का सबसे सफल अभियान - sarenews 2022
कोरोना टीकाकरण का 1 साल पूरा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- ये है दुनिया का सबसे सफल अभियान – sarenews 2022
Covid-19 Vaccination in India: कोरोना महामारी के बीच भारत में टीकाकरण अभियान तेजी से जारी है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने टीकाकरण के 1 साल पूरा होने पर भारत के टीकाकरण अभियान को “दुनिया में सबसे सफल” बताया है. देश में कुल कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 156.76 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है. पिछले 24 घंटों में 66 लाख से अधिक वैक्सीन (Vaccine) खुराक दी गई है.…
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हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आशा तभी कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये: राष्ट्रपति कोविंद
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हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आशा तभी कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये: राष्ट्रपति कोविंद
File photo
नई दिल्ली / भारत के राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कर्नाटक के चामराजनगर में चामराजनगर आयुर्विज्ञान संस्थान के नवनिर्मित शिक्षण अस्पताल के उद्घाटन के अवसर कहा, हम तभी एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की उम्मीद कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 6 अक्टूबर से 8 अक्तूबर तक कर्नाटक के दौरे पर है।उन्होंने सीआईएमएस के प्रबंधन और कर्नाटक की राज्य सरकार से सभी के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ उन्हें सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। यह देश में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के वास्तविक उद्देश्य के अनुरूप होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पहले ही एम्स की संख्या 6 से बढ़ाकर 22 कर चुकी है। वह पूरे देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए हर जिले में नये मेडिकल कॉलेज भी खोल रही है। जैसे-जैसे नये स्नातकोत्तर कॉलेज आ रहे हैं, मौजूदा स्नातकोत्तर संस्थानों को भी उत्कृष्टता केंद्र बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।र लेकिन यह बुनियादी ढांचा मानव संसाधनों के बिना अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकता। यदि हमारे पास एक मजबूत वितरण तंत्र नहीं है तो सभी तकनीक बेकार हो जायेंगी। हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को देश के दूर-दराज के हिस्सों तक ले जाने की जरूरत है। हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की उम्मीद तभी कर सकते हैं जब हमारी तकनीक, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच एक साथ आयें।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 2020-21 में आयुष्मान भारत-आरोग्य कर्नाटक योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सीआईएमएस को तीसरा स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देने में इस संस्थान के छात्रों और प्रशासकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहां प्रशिक्षित किये जा रहे डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स उच्च स्तर की प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे और पेशे और ��पने शिक्षण संस्थान को गौरव दिलायेंगे।
पिछले साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी के प्रभावों के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश कोई अपवाद नहीं है, और इस साल हमने संक्रमण की विनाशकारी लहर का सामना किया। यह एक गंभीर संकट था, लेकिन इसने अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में सभी भारतीयों को एकजुट किया। दूसरी लहर का असरकाफी हद तक कम हो गया है, और यह हमारे चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के अत्���धिक समर्पण के बिना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि कुछ ने कर्तव्य की राह में अपने जीवन तक बलिदान कर दिये। हमारा देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। हमारे कोरोना योद्धाओं – डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और अन्य ने अपने अनवरत उत्साह से हमारे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पीछे भी यही समर्पण काम कर रहा है। भारत ने न केवल देश में कोरोनावायरस के टीके तैयार किये हैं, बल्कि टीके लगाने में नये विश्व रिकॉर्ड बनाये हैं। एक ही दिन में, हम करीब 2.5 करोड़ लोगों को टीका लगाने में कामयाब रहे, और हमारा कुल कवरेज जल्द ही एक अरब का आंकड़ा पार कर जायेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने स्वास्थ्य पेशेवरों की अनुकरणीय प्रतिबद्धता के बिना यह मुकाम हासिल नहीं कर सकते थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि, उनके विचार में, दो उद्यम जो राष्ट्र के विकास के लिए दो आधार बनाते हैं, वे हैं- स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा, और सीआईएमएस इन दोनों को अपने में समेटता है। यह स्नातक स्तर पर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक मेडिकल कॉलेज है। इसे चामराजनगर जिले में विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले एकमात्र मेडिकल कॉलेज होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 450 बिस्तरों वाले अस्पताल के उद्घाटन से यहां उभरती प्रतिभाओं को व्यावहारिक अनुभव और प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिलेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अत्याधुनिक सुविधाओं और क्रिटिकल केयर और सुपर स्पेशियलिटी विभागों जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी आदि के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाला अस्पताल इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
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80 Percent Of The 27.23 Lakh Vaccine Doses Administered In Last 24 Hours Are From 10 States ANN
80 Percent Of The 27.23 Lakh Vaccine Doses Administered In Last 24 Hours Are From 10 States ANN
नई दिल्ली: भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है. कुल टीकाकरण कवरेज 4 करोड़ को पार कर गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 19 मार्च शुक्रवार तक 4 करोड़ 86 लाख 63 हजार 392 वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक, टीकाकरण अभियान के 63वें दिन 27 लाख 23 हजार 575 वैक्सीन की खुराक दी गई. शुक्रवार को 24 लाख 15 हजार 800 लाभार्थियों…
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Covid-19 Vaccination: भारत ने हासिल किया महत्वपूर्ण मुकाम, टीकाकरण का डोज 4 करोड के पार
Covid-19 Vaccination: भारत ने हासिल किया महत्वपूर्ण मुकाम, टीकाकरण का डोज 4 करोड के पार
नई दिल्ली: भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। कुल टीकाकरण कवरेज 4 करोड़ को पार कर गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में 19 मार्च शुक्रवार को 4,86,63,392 वैक्सीन खुराक दी जा चुकी है। टीकाकरण अभियान के 63 वें दिन 27,23,575 वैक्सीन खुराक दी गई। शुक्रवार को 24,15,800 लाभार्थियों को पहली खुराक दी गई और 3,07,775 हैल्थकेयर और एमलाइन वर्करो…
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#COVID-19#COVID19 टीकाकरण#कोरोना#कोरोना टीकाकरण#कोविद -19 टीकाकरण रिकॉर्ड#भारत में कोविद -19 टीकाकरण
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स्कैंडिनेविया में कोरोनोवायरस फाइट में, स्वीडन स्टेंड्स अलग
स्टॉकहोम – जब कोरोनवायरस स्कैंडिनेवियाई देशों में बह गया, तो नॉर्वे और डेनमार्क ने अपनी सीमाओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाने के लिए तबाही मचाई। स्वीडन, उनके पड़ोसी, ने निश्चित रूप से अलग रास्ता अपनाया।
जबकि डेनमार्क और नॉर्वे ने अपनी सीमाओं, रेस्तरां और स्की ढलानों को बंद कर दिया और सभी छात्रों से कहा कि वे इस महीने घर में रहें, स्वीडन ने केवल अपने हाई स्कूल और कॉलेज बंद किए, अपने पूर्वस्कूली, ग्रेड स्कूल, पब, रेस्तरां और बॉर्डर खुले रखे – और कोई सीमा नहीं रखी ढलान।
वास्तव में, स्वीडन व्यापार के लिए खुला रहा है, जबकि स्कैंडिनेविया से परे अन्य राष्ट्रों ने गुंजाइश और पहुंच में महत्वाकांक्षी विभिन्न उपायों के साथ प्रकोप पर हमला किया है। स्वीडन के दृष्टिकोण ने इस सवाल पर सवाल ��ठाया है कि क्या यह एक बीमारी है, कोविद -19, जो कोई इलाज या टीका नहीं है, या यदि इसकी रणनीति को लाखों लोगों को रोजगार देने के लिए एक गंभीर रणनीति के रूप में देखा जाएगा, जो वैश्विक स्तर पर बर्बादी का कारण बनती है। लॉकडाउन अभूतपूर्व अभूतपूर्व है।
शनिवार तक, नॉर्वे की आबादी 5.3 मिलियन थी, जिसमें 3,770 से अधिक कोरोनवायरस वायरस और 19 मौतें हुईं; डेनमार्क, जनसंख्या 5.6 मिलियन, 2,200 मामले और 52 मौतें हुईं; स्वीडन, 10.12 मिलियन लोगों के साथ, 3,060 से अधिक मामले और 105 मौतें दर्ज की गईं।
हाल ही में डेनमार्क के समाचार पत्र में एक शीर्षक पॉलिटिकेन, यूरोप के चारों ओर घूमने वाले प्रश्न को दोहराता है, “क्या स्वीडन कोरोना संकट को गंभीरता से नहीं लेता है?”
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि स्वेद दुनिया भर में व्याप्त बीमारी की व्यापकता को कम कर रहे हैं। देश के नेता और स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाथ धोने, सामाजिक गड़बड़ी और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को उनके साथ संपर्क सीमित करने पर जोर दिया है।
लेकिन राजधानी, स्टॉकहोम, और दो या दो से अधिक लोगों के समूहों में किसी भी कैफे में सहकर्मी कैसिनो से लापरवाही से भोजन और आनंद ले सकते हैं। खेल के मैदान बच्चों के दौड़ने, चीखने-चिल्लाने से भरे हुए हैं। रेस्तरां, जिम, मॉल और स्की ढलान बाहर पतले हैं, लेकिन अभी भी उपयोग में हैं।
राज्य के महामारीविद, एंडर्स टेगनेल ने एक साक्षात्कार में कहा कि स्वीडन की रणनीति विज्ञान पर आधारित है और इसके लिए उबला हुआ है: “हम प्रसार को धीमा करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम आने वाले रोगियों से निपट सकें।”
स्वीडन के दृष्टिकोण ने जनता के आत्म-संयम और जिम्मेदारी की भावना की अपील की, श्री टेगनेल ने कहा। “यह स्वीडन में हमारे काम करने का तरीका है। संचारी रोग नियंत्रण के लिए हमारी पूरी प्रणाली स्वैच्छिक कार्रवाई पर आधारित है। टीकाकरण प्रणाली पूरी तरह से स्वैच्छिक है और 98 प्रतिशत कवरेज है, ”उन्होंने समझाया।
उन्होंने कहा, “आप उन्हें उनके जीवन में सर्वश्रेष्ठ करने का विकल्प देंगे।” “यह बहुत अच्छा काम करता है, हमारे अनुभव के अनुसार।”
स्वीडन की विधि अधिकांश अन्य देशों की क��़ी रणनीतियों के कारण उड़ जाती है। भारत एक तालाबंदी का प्रयास कर रहा है जो 1.3 बिलियन लोगों को प्रभावित करता है। जर्मनी ने परिवारों को छोड़कर दो या अधिक लोगों की भीड़ पर प्रतिबंध लगा दिया है। फ्रांस में, निवासियों से पूछा जाता है प्रत्येक ग़लती के उद्देश्य को बताते हुए एक फॉर्म भरना जब वे अपना घर छोड़ देते हैं; प्रत्येक यात्रा के लिए एक नए रूप की आवश्यकता होती है। ब्रिटेन ने निवासियों को घर में रहने के लिए याद दिलाने के लिए पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है।
फिर भी, जबकि स्वीडन स्कैंडेनेविया में और अधिक व्यापक दुनिया में एक अवगुण के रूप में प्रकट हो सकता है, यह कहना बहुत जल्द है कि क्या इसका दृष्टिकोण अन्य देशों के समान परिणाम देगा ‘। और कोरोनोवायरस हॉस्पिटलाइज़ेशन बढ़ने के साथ स्वीडिश अधिकारी अभी भी कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।
स्वीडन की वर्तमान रणनीति की व्याख्या करने में, विशेषज्ञ अन्य अंतर्निहित कारकों की ओर इशारा करते हैं: इतिहासकार लार्स ट्रगरड के अनुसार, देश में उच्च स्तर का भरोसा है, और संविधान में एक सख्त कानून सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों के मामलों में मध्यस्थता करने से रोकता है, जैसे कि सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी।
“इसलिए, आपको प्रतिबंधों या प्रतिबंधों या जुर्माना या कारावास की धमकी के माध्यम से विस्तृत स्तर पर व्यवहार या नियंत्रण करने की आवश्यकता नहीं है,” श्री त्रागढ़ ने एक फोन साक्षात्कार में कहा। “यही कारण है कि स्वीडन डेनमार्क और नॉर्वे से अलग है।”
सरकार ने वायरस से लड़ने के लिए एजेंसी की सिफारिशों को टाल दिया है, जिसने 600,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और 27,000 से अधिक लोग मारे गए हैं शनिवार तक दुनिया भर में। अगर स्वास्थ्य एजेंसी का कहना था कि सीमाओं को बंद करना और सभी समाज को बंद करना सबसे अच्छा तरीका है, तो सरकार सबसे अधिक सुनने की संभावना है।
श्री त्रागढ़ ने कहा कि स्वेदेस का विश्वास अन्य तरीकों से प्रकट हुआ: न केवल नागरिकों को सार्वजनिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों पर भरोसा है और इसके विपरीत, लेकिन उच्च सामाजिक विश्वास नागरिकों के बीच भी मौजूद है।
यह वायरस के लिए देश के दृष्टिकोण में स्पष्ट है। नॉर्वे ने स्वीडन के साथ अपनी 1,000 मील की सीमा को पूरी तरह से बंद नहीं किया है, लेकिन विदेश से लौटने वाले अधिका��श लोगों को दो सप्ताह की संगरोध (रेनडियर चरवाहों और दैनिक यात्रियों को छूट है) में प्रवेश करना चाहिए। फिनलैंड ने अपने सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र की सीमाओं को बंद कर दिया – जिसमें 1.7 मिलियन लोग हैं और इसमें राजधानी, हेलसिंकी शामिल है – तीन सप्ताह तक वहां प्रकोप से लड़ने के लिए।
नॉर्वे सीमित समूहों में पांच से अधिक लोगों के लिए नहीं है, और उन घर के अंदर छह फीट से अधिक की दूरी (रिश्तेदारों को छोड़कर) रखनी चाहिए। डेनमार्क ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया, सार्वजनिक कर्मचारियों को वेतन के साथ घर भेज दिया और अन्य सभी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसने नाइट क्लबों, बार, रेस्तरां, कैफे और शॉपिंग सेंटर को बंद कर दिया, और 10 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
स्वीडन ने शुरू में 500 की सभा पर प्रतिबंध लगा दिया था।
प्रकोप के आरंभ में, कुछ कार्यक्रम आयोजकों ने सुझाव दिया कि वे भीड़ की सीमा के आसपास जाने की कोशिश करेंगे उनके स्थानों में 499 टिकट धारकों की अनुमति देकर। (जब स्टाफ सदस्यों के बीच कोविद -19 के मामलों की पुष्टि की गई तो यह बंद हो गया।)
मि। टेगनेल, राज्य महामारी विज्ञानी, ने कहा कि इसीलिए प्रतिबंध कार्य नहीं करता है: “लोग नियमों के इर्द-गिर्द खोजते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था कि स्वीडन एक पागल था और अपने पड़ोसियों की रणनीति को नहीं समझता था। “महामारी के इस स्तर पर सीमाओं को बंद करना, जब लगभग सभी देशों के मामले हैं, मेरे लिए वास्तव में कोई मतलब नहीं है,” उन्होंने कहा। “यह एक बीमारी नहीं है जो छोटी अवधि या लंबी अवधि में दूर जाने वाली है। हम रोकथाम के चरण में नहीं हैं। हम शमन चरण में हैं। “
उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों को बंद करने से इनकार नहीं किया गया था।
नीदरलैंड, जिसमें शनिवार तक वायरस के 9,700 से अधिक मामले और 639 मौतें हुईं, एक समान दृष्टिकोण ले रहा है स्वीडन के लिए। 16 मार्च को, प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने कहा कि उनका देश 17.1 मिलियन का है “नियंत्रित प्रसार” के लिए चयन कर रहा था गंभीर रूप से बीमार होने के कम से कम समूहों के बीच। उन्होंने तर्क दिया कि देश को पूरी तरह से बंद करने में बहुत देर हो गई।
अधिकांश स्वेड्स, 52 प्रतिशत, वायरस को रोकने के उपायों का समर्थन करते हैं अखबार Svenska Dagbladet द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण और मंगलवार को प्रकाशित हुआ। लेकिन 14 प्रतिशत ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है।
वहाँ चिंता बढ़ रही है क्योंकि स्वेड्स अपने देश के घरों और ईस्टर के लिए स्की ढलानों की यात्रा करने के लिए तैयार हैं, भले ही सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने नागरिकों को इस तरह की यात्राओं पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। (नॉर्वे ने निवासियों को अपने देश के घरों में जाने से रोकने के लिए “केबिन प्रतिबंध” की घोषणा की।)
यहां तक कि डेनमार्क के प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने सोमवार को अपने पड़ोसी के बारे में चेतावनी जारी की: “स्वीडन में एक छुट्टी पर मत जाओ!”
पिछले हफ्ते, कोविद -19 मामलों के एक समूह को एक स्वीडिश अल्पाइन केंद्र में एप्रेज़-स्की पार्टी के लिए खोजा गया था, और, अधिकारियों को एक हवाई ट्राम और गोंडोला को बंद करने और बार और नाइट क्लबों को बंद करने के लिए प्रेरित किया। स्कैंडिनेविया के सैकड़ों कोविद -19 मामलों ने इटली में स्की यात्राओं से लौटने वाले छुट्टियों से उपजा है – जो यूरोप में सबसे अधिक मामले हैं – और ऑस्ट्रिया में।
सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी इससे इनकार करती है।
इस बीच, स्वीडन में संक्रमण की अवस्था तेजी से बढ़ने लगी है, और शुक्रवार को सरकार ने भीड़ को 50 से अधिक लोगों तक सीमित नहीं किया।
एलिजाबेथ हाटलेम जैसे कुछ निवासी, एक होटल व्यवसायी, स्वीडिश दृष्टिकोण के बारे में दो दिमाग हैं। वह आभारी है कि वह अपने व्यवसाय को खुला रख सकती है। लेकिन वह और उसके साथी महामारी के बीच अपने छह बच्चों को स्कूल भेजना पसंद नहीं करते।
“हमारे लिए, कुल लॉकडाउन एक आपदा है,” उसने कहा। “लेकिन मुझे चिंता है कि स्वीडन किसी बिंदु पर विस्फोट करेगा। मुझे लगता है कि मैं एक विशाल प्रयोग में रह रहा हूं, और मुझसे कभी नहीं पूछा गया कि क्या मैं साइन अप करना चाहता हूं। ”
क्रिस्टीना एंडरसन ने स्टॉकहोम और ओस्लो के हेनरिक प्राइसर लिबेल से रिपोर्ट की। Twitter @candersonSTO और Mr. Libell @hlibell पर सुश्री एंडरसन का अनुसरण करें।
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 217.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 217.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 4.09 करोड़ से अधिक टीके की पहली खुराक लगाई गई भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 43,994 हैं पिछले 24 घंटों में 4,777 नए मामले सामने आए स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.72 प्रतिशत साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 1.63 प्रतिशत है भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 217.56 करोड़ (2,17,56,67,942) से अधिक हो गया। 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16…
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प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। महामारी को पिछले सौ वर्षों की सबसे बड़ी आपदा बताते हुए, एक महामारी जिसे आधुनिक दुनिया में न तो देखा गया और न ही अनुभव किया गया, प्रधान मंत्री ने कहा कि देश ने कई मोर्चों पर महामारी से लड़ाई लड़ी। श्री मोदी ने कई अहम घोषणाएं कीं।
जब कई राज्य टीकाकरण रणनीति पर पुनर्विचार करने और 1 मई से पहले की प्रणाली को वापस लाने की मांग के साथ आगे आए, तो प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि यह निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास जो 25 प्रतिशत टीकाकरण था, उसे अब किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा। इसे दो हफ्ते में रोल आउट कर दिया जाएगा। दो हफ्ते में केंद्र और राज्य नए गाइडलाइंस के मुताबिक जरूरी तैयारियां करेंगे. प्रधान मंत्री ने आगे घोषणा की, कि 21 जून स��, भारत सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त टीका प्रदान करेगी। भारत सरकार वैक्सीन उत्पादकों के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त मुहैया कराएगी। कोई भी राज्य सरकार टीकों के लिए कुछ भी खर्च नहीं करेगी। अब तक करोड़ों लोगों को मिलती थी मुफ्त वैक्सीन, अब इसमें 18 साल का सेगमेंट जोड़ा जाएगा। भारत सरकार सभी नागरिकों को नि:शुल्क टीके उपलब्ध कराएगी, प्रधानमंत्री ने दोहराया।
श्री मोदी ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा सीधे खरीदे जा रहे 25 प्रतिशत टीकों की व्यवस्था जारी रहेगी। राज्य सरकारें निगरानी करेंगी कि निजी अस्पतालों द्वारा टीकों की निर्धारित कीमत से केवल 150 रुपये का सेवा शुल्क लिया जाता है।
एक अन्य बड़ी घोषणा में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाने के निर्णय से अवगत कराया। यानी नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज मिलता रहेगा. महामारी के दौरान, सरकार गरीबों के साथ उनकी सभी जरूरतों के लिए उनके दोस्त के रूप में खड़ी है, प्रधान मंत्री ने कहा।
अप्रैल और मई के महीनों के दौरान दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि को याद करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि सरकार की सभी प्रणालियों को तैनात करने की चुनौती को युद्ध स्तर पर पूरा किया गया था। श्री मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में मेडिकल ऑक्सीजन की इतनी मांग का अनुभव कभी नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां और देश टीकों की वैश्विक मांग से काफी कम हैं। ऐसे में मेड इन इंडिया वैक्सीन भारत के लिए महत्वपूर्ण थी। प्रधान मंत्री ने कहा कि अतीत में, भारत को विदेशों में विकसित होने के दशकों बाद भी टीके मिलते थे। इसका परिणाम हमेशा अतीत में एक ऐसी स्थिति के रूप में सामने आया जहां भारत टीकाकरण शुरू भी नहीं कर सका जबकि अन्य देश वैक्सीन का काम खत्म कर देते थे। श्री मोदी ने कहा कि हमने मिशन मोड में काम करते हुए 5-6 वर्षों में टीकाकरण कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया है। हमने न केवल गति बढ़ाई बल्कि टीकाकरण का दायरा भी बढ़ाया, प्रधानमंत्री ने कहा,
इस बार, प्रधान मंत्री ने कहा, भारत ने सभी आशंकाओं को दूर कर दिया और, साफ इरादों, स्पष्ट नीति और निरंतर कड़ी मेहनत के माध्यम से, भारत में कोविड के लिए न केवल एक, बल्कि दो मेड-इन-इंडिया टीके लॉन्च किए गए। हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता साबित की। देश में अब तक 23 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।
प्रधान मंत्री ने याद किया कि वैक्सीन टास्क फोर्स का ��ठन तब किया गया था जब केवल कुछ हजार कोविड -19 मामले थे और वैक्सीन कंपनियों को सरकार द्वारा अनुसंधान और विकास के लिए परीक्षण और वित्त पोषण में हर संभव तरीके से समर्थन दिया गया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि अथक प्रयास और कड़ी मेहनत के कारण आने वाले दिनों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ने वाली है. उन्होंने बताया कि आज सात कंपनियां अलग-अलग तरह के टीके तैयार कर रही हैं। तीन और टीकों का परीक्षण उन्नत चरण में है, प्रधा��मंत्री को सूचित किया। प्रधान मंत्री ने बच्चों के लिए दो टीकों और एक 'नाक के टीके' के परीक्षण की भी बात की।
प्रधानमंत्री जी ने टीकाकरण अभियान पर विभिन्न हलकों से अलग-अलग विचारों पर प्रकाश डाला। जैसे ही कोरोना के मामले घटने लगे, राज्यों के लिए विकल्प की कमी पर सवाल उठने लगे और कुछ लोगों ने सवाल किया कि केंद्र सरकार सब कुछ क्यों तय कर रही है। लॉकडाउन में लचीलापन और एक आकार-जो-नहीं-फिट-सभी प्रकार के तर्क को आगे बढ़ाया गया। श्री मोदी ने कहा कि 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक भारत का टीकाकरण कार्यक्रम ज्यादातर केंद्र सरकार के अधीन चलाया गया। सभी का नि:शुल्क टीकाकरण आगे बढ़ रहा था और लोग अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने में अनुशासन दिखा रहे थे। इन सबके बीच टीकाकरण के विकेंद्रीकरण की मांग उठाई गई, कुछ आयु समूहों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया। कई तरह के दबाव डाले गए और मीडिया के कुछ वर्गों ने इसे अभियान के रूप में लिया।
प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं और इनके खिलाफ सतर्क रहने की जरूरत है।
#PM#NARENDRAMODI#CITIZENENGAGEMENT#GOODGOVERNANCE#NOVALCORONAVIRUS#YOUTH#COVID19#VACCINE#MAKEININDIA#PRADHANMANTRIGARIBKALYANYOJANA#EMPOWERINGTHEPOOR
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 209.67 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 209.67 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 3.99 करोड़ से अधिक टीके की पहली खुराक लगाई गई भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 99,879 हैं पिछले 24 घंटों में 11,539 नए मामले सामने आए स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.59 प्रतिशत साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 3.88 प्रतिशत है भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 209.67 करोड़ (2,09,67,06,895) से अधिक हो…
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कब आ रही हर्ड इम्युनिटी? वैक्सीन और वायरस पर 7 बड़े सवालों के जवाब Divya Sandesh
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कब आ रही हर्ड इम्युनिटी? वैक्सीन और वायरस पर 7 बड़े सवालों के जवाब
तापस परीदा और शांभवी शर्मा कोरोना की दूसरी लहर के मंद पड़ने और तीसरी लहर की आशंका के बीच वैक्सीनेशन काफी अहम है। महामारी से बचाव में कोरोना वैक्सीन को ही अहम हथियार माना जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 30 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक पूरे देश की व्यस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन लग पाएगी। सरकार ने इस साल के अंत तक सभी को कोरोना वैक्सीन लगाने की बात कही है। आइए जानते हैं देश में कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति और इससे जुड़े अहम सवालों के बारे में…
सवाल : भारत की पूरी वयस्क आबादी के वैक्सीनेशन करने के लिए विभिन्न परिदृश्य क्या हैं? जवाब : अभी से भारत को पूरी तरह से वैक्सीन कवरेज के लिए 143 करोड़ वैक्सीन शॉट्स की जरूरत है – यानी, सभी के लिए दो शॉट। देश में वैक्सीन लगाने वाले व्यस्कों की अनुमानित आबादी 86.3 करोड़ है। यदि हम सप्ताह के हर दिन टीकाकरण करते हैं, और यहां से प्रतिदिन 80 लाख लोग को वैक्सीन लगाई जाती है तो, दिसंबर 2021 तक पूरी वयस्क आबादी को कवर किया जा सकता है। यदि प्रति दिन 50 लाख वैक्सीन लगाई जाए तो पूरी तरह से वैक्सीन कवरेज मार्च 2022 तक पूरा हो सकेगा। यदि इस साल अक्टूबर तक पूरी आबादी को वैक्सीन लगानी है तो रोजाना 1 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन करना होगा।
सवाल : वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में क्या स्थिति है? जवाब : सरकार के अनुसार स्वदेशी टीकों की कुल अनुमानित उत्पादन उपलब्धता भारत की वयस्क आबादी के टीकाकरण के लिए आवश्यक खुराक का 91% है। नवीनतम अनुमान बताते हैं कि अभी भी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के पास 1.92 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं। लगभग 39,07,310 वैक्सीन खुराक पाइपलाइन में हैं।
सवाल : हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचने में कितना समय लगेगा? विभिन्न देशों के अनुभव के आधार पर क्या यह कहा जा सकता है कि कुछ में पहले ही हर्ड इम्यूनिटी पहुंच चुकी हैं?
जवाब : हर्ड इम्युनिटी संक्रामक बीमारी से एक प्रकार की अप्रत्यक्ष सुरक्षा है। यह लोगों में या तो वैक्सीनेशन या पिछले संक्रमण के माध्यम से होती है। खसरा और पोलियो जैसी बीमारियों के लिए हर्ड इम्युनिटी क्रमशः 95% और 80% हासिल हुई थी। कोरोनवायरस को लेकर कई एक्सपर्ट इस बात से सहमत हैं कि 70% आबादी तथाकथित हर्ड इम्युनिटी विकसित होने से पहले या तो वैक्सीन लगवा चुकी होगी या संक्रमित हो चुकी होगी। माल्टा यूरोपीय यूनियन का पहला ऐसा देश था जहां 70% वयस्क आबादी कम से कम एक शॉट के साथ हर्ड इम्युनिटी हासिल हो गई थी। यदि देश में रोजाना 50 लाख वैक्सीन लगे तो भी भारत सितंबर के मध्य तक कम से कम एक खुराक के साथ अपनी 70% वयस्क आबादी का वैक्सीनेशन कर सकता है।
सवाल : दुनिया के अन्य देशों में वैक्सीनेशन का क्या ट्रेंड है? जवाब : भारत में विश्व की जनसंख्या का 17% आबादी है। भारत के 10 प्रमुख राज्य विश्व की जनसंख्या का 12% हैं। टीकाकरण के मामले में छोटे और अमीर देशों ने निश्चित रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसकी वजह है कि उन्हें अपने पर्याप्त संसाधनों को एक छोटी आबादी के बीच वितरित करना था। हालांकि, अगर हम मैक्रो डेटा को देखें, तो भारत पहले से ही कुल टीकाकरण के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है। 22 जून, 2021 तक चीन में कुल टीकाकरण 104.9 करोड़ था, जबकि अमेरिका के लिए यह 31.8 करोड़ और भारत के लिए 29.4 करोड़ था।
सवाल : कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी? जवाब : इसकी भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है। अंतर्राष्ट्रीय अनुभव बताते हैं कि तीसरी लहर आमतौर पर कम घातक होती है, लेकिन मामलों की संख्या अभी भी अधिक हो सकती है। क्रॉस-कं��्री डेटा के आधार पर, तीसरी लहर दूसरी लहर के निम्नतम स्तर से औसतन 40 दिनों में शुरू होती है। तीसरी लहर की अवधि लगभग 90 दिनों की होती है। हालांकि, अगर हम प्रति दिन 50 लाख वैक्सीन की स्पीड से भी वैक्सीनेशन करने में सक्षम हैं, तो हम संभावित तीसरी लहर के प्रकोप से भी बच सकते हैं।
सवाल : भारत फिर कब पूरी तरह से अनलॉक हो सकता है? जवाब : कोरोना से बचाव में वैक्सीनेशन काफी अहम है। इसके अलावा, सार्वजनिक सेवा घोषणाओं के माध्यम से कोविड-उपयुक्त व्यवहार को मजबूत करने की सरकार की रणनीति कमजोर नहीं होनी चाहिए। लोगों के दिमाग में कोरोना के रिस्क को जिंदा रखना बेहद जरूरी होगा, ताकि आगे चलकर अर्थव्यवस्था खुली रहे। लॉकडाउन पहले ही लंबे समय से चल रहा है।
सवाल : बच्चों के बारे में क्या है? जवाब : बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल पहले से ही चल रहा है। अच्छी खबर यह है कि सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण बताते हैं कि वयस्कों और बच्चों के बीच सेरोपोसिटिविटी काफी अलग नहीं है। ऐसे में बच्चों पर इसका ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है।
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कल से बदल जाएंगे ये 5 बड़े नियम! कोरोना काल में आपकी जेब खर्च पर पड़ेगा सीधा असर Divya Sandesh
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कल से बदल जाएंगे ये 5 बड़े नियम! कोरोना काल में आपकी जेब खर्च पर पड़ेगा सीधा असर
नई दिल्ली। आज अप्रैल का महीने का आखरी दिन हैं। कल से मई के महीने की शुरुआत हो जाएगी। और 1 मई से देश में कई तरह की व्यवस्थाओं में बदलाव होने जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में ही किसानों को किसान सम्मान निधि कि आठवीं किस्त मिल सकती है। इसके अलावा भी कई तरह के नियमों में बदलाव हो रहा है, जिसके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। कोरोना वैक्सीनेशन से लेकर बैंकिंग और बीमा पॉलिसी तक कई बड़े नियमों में बदलाव होने वाले हैं। आइज जानते हैं ये बदलाव क्या हैं और इनसे आपका जीवन कैसे प्रभावित होगा।
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1. टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू
कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार 1 मई से टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू कर रही है। तीसरे चरण में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने की छूट दी गई है। इसके लिए पहले आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर में आपका नंबर आने पर आपको वैक्सीन लगवाना होगा।
2. गैस सिलेंडर की नई कीमतें जारी
हर महीने की पहली तारीख को सरकारी तेल कंपनियां गैस सिलेंडर की कीमतें तय करती हैं। मई के महीने में भी ऐसा होगा। 1 मई को नई कीमतें जारी की जाएंगी। गैस सिलेंडर की कीमतों या तो कटौती की जाएगी या फिर कीमतें बढ़ेंगी। हालांकि, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने गैस की कीमतों में भी कटौती होगी।
3. एक्सिस बैंक में न्यूनतम बैलेंस का नियम बदलेगा
एक्सिस बैंक में 1 मई से बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस ��खने का नियम बदल जाएगा। ईजी सेविंग्स स्कीम्स वाले अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही 1 मई या उसके बाद अगर आप ATM से पैसा निकालते हैं और आपके फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट खत्म ह�� चुकी है तो हर ट्रांजैक्शन पर पहले की तुलना में दोगुना चार्ज देना पड़ेगा।
4. आरोग्य संजीवनी पॉलिसी की कवर राशि को दोगुनी
बीमा नियामक संस्था इरडा ने आरोग्य संजीवनी पॉलिसी की कवर राशि दोगुनी कर दी है। बीमा कंपनियों को 1 मई से 10 लाख रुपये तक की कवर वाली पॉलिसी पेश करनी होगी। इसके पहले आरोग्य संजीवनी स्टैंडर्ड पॉलिसी का ज्यादा से ज्यादा कवरेज सीमा 5 लाख रुपए तक ही था। अब इसे बढ़ाकर 10 लाख किया जा रहा है।
5. मई के महीने में 12 दिन बंद रहेंगे बैंक
मई के महीने में बैंक कुल 12 दिन बंद रहेंगे। इनमें रविवार और सप्ताह के दूसरे, चौथे शनिवार के अलावा कई त्योहारों की छुट्टियां भी शामिल हैं। कई छुट्टियों पर पूरे देश में बैंक बंद नहीं होंगे, बल्कि जिन जगहों पर वह त्योहार मनाया जाता है। वहीं बैंक बंद किए जाएंगे।
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पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, अब देशभर में फ्री मिलेगी वैक्सीन, जानिए कब से होगी शुरुआत Divya Sandesh
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पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, अब देशभर में फ्री मिलेगी वैक्सीन, जानिए कब से होगी शुरुआत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि देश के सभी नागरिकों को भारत सरकार मुफ्त वैक्सीन लगाएगी। इसकी शुरुआत 21 जून से होगी। इसके लिए राज्यों को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी कहा कि पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश में सात कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है।
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प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।
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आगे उन्होंने कहा कि हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया। क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी।
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