#भारत का आर्थिक विकास
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लखनऊ, 23.12.2024 | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के महानायक श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी की 122वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “चौधरी चरण सिंह जी ने अपना जीवन भारतीय किसानों के उत्थान और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित किया । उनका मानना था कि "भारत का विकास तभी संभव है, जब किसान खुशहाल हों ।" उन्होंने जमींदारी प्रथा समा��्त की, किसान हितैषी नीतियां बनाईं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम योगदान दिया । उनके प्रधानमंत्रित्व काल में लिए गए फैसले भारतीय कृषि के लिए मील का पत्थर साबित हुए । आज, जब कृषि क्षेत्र अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमें उनके सिद्धांतों और विचारों से प्रेरणा लेकर किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए । किसान दिवस जो उनकी जयंती पर मनाया जाता है, हमें उनके सपनों का आत्मनिर्भर और खुशहाल भारत बनाने की प्रेरणा देता है । आइए, उनके आदर्शों को अपनाकर किसानों को सशक्त बनाने का संकल्प लें ।“
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झोटवाड़ा में स्वामित्व योजना के तहत स्वामित्व कार्ड वितरण: सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
झोटवाड़ा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्वामित्व योजना के अंतर्गत स्वामित्व कार्ड का वितरण किया गया। यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने का एक प्रभावी माध्यम है।
स्वामित्व योजना के उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के अधिकार प्रदान करना।
संपत्ति के कानूनी दस्तावेज तैयार कर, नागरिकों को आर्थिक सशक्तिकरण देना।
संपत्ति विवादों को खत्म करना और ग्राम पंचायतों की सुदृढ़ता सुनिश्चित करना।
लाभार्थियों के लिए एक नई शुरुआत
इस योजना के माध्यम से, झोटवाड़ा के नागरिकों को संपत्ति का स्वामित्व मिला है, जो उनके लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उनके वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग कर सामाजिक और आर्थिक उन्नति में भी मदद करेगा।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संदेश
“झोटवाड़ा के सभी लाभार्थियों को मेरी तरफ से ढेरों शुभकामनाएं। यह योजना केवल एक दस्तावेज़ प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके सपनों को साकार करने की शुरुआत है। मुझे विश्वास है कि आप सभी इस अवसर का सदुपयोग करते हुए अपने और अपने परिवार के भविष्य को उज्जवल बनाएंगे।”
प्रधानमंत्री का आभार
कर्नल राठौड़ ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद देते हुए कहा कि, “यह योजना ग्रामीण विकास के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का माध्यम है। देश के हर नागरिक को उसकी संपत्ति पर अधिकार देना एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।”
आगे की दिशा
झोटवाड़ा में स्वामित्व योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर नागरिक को उसके अधिकार और सुविधाएं समय पर मिले।
जय हिंद! जय राजस्थान! कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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सपनों की नई उड़ान #दिल्ली चली मोदी के साथ: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति को लेकर एक नई उड़ान की बात की। उनके शब्द “दिल्ली चली मोदी के साथ” न केवल आत्मनिर्भर भारत के सपने को दर्शाते हैं, बल्कि युवाओं के लिए एक नई दिशा का मार्गदर्शन भी करते हैं।
एक नई सोच, एक नया भारत
1. युवाओं को सशक्त बनाना
कर्नल राठौड़ का मानना है कि देश की प्रगति युवाओं के सपनों और उनकी मेहनत से ही संभव है।
उन्होंने “नई उड़ान” के माध्यम से युवाओं को शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता में प्रोत्साहित करने की बात कही।
विभिन्न योजनाओं और अभियानों के तहत कौशल विकास पर जोर दिया गया है।
दिल्ली चली: मोदी के नेतृत्व में उभरता भारत
1. आत्मनिर्भर भारत की नींव
प्रधानमंत्री मोदी की योजनाएं, जैसे मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया, देश को आत्मनिर्भर बना रही हैं।
उद्योगों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान विकास।
2. महिलाओं का सशक्तिकरण
महिला उद्यमिता और नेतृत्व को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं।
महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षम कार्यस्थल।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी योजनाओं की सफलता।
विकास की ओर नई उड़ान
1. राजस्थान का विकास
कर्नल राठौड़ ने राजस्थान के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार।
खेल और संस्कृति के लिए विशेष प्रोत्साहन।
2. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
स्टार्टअप्स और उद्योगों को प्रोत्साहन।
ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना।
मोदी सरकार की सफलता के प्रमुख बिंदु
1. राष्ट्रीय सुरक्षा
सेना और सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर जोर।
आतंकवाद और सीमापार खतरों से निपटने के लिए कड़े कदम।
2. आर्थिक सुधार
GST और नोटबंदी जैसी योजनाओं ने अर्थव्यवस्था में सुधार किया।
निवेश और व्यापार के लिए भारत को वैश्विक स्तर पर उभरती शक्ति बनाया।
कर्नल राठौड़ की अपील
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने युवाओं और नागरिकों से अपील की है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में योगदान दें।
“हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम भारत को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाएं।”
“सपने देखो, मेहनत करो, और ��ेश को गौरवान्वित करो।”
“दिल्ली चली मोदी के साथ” केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का सपना है। कर्नल राठौड़ और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह उड़ान केवल शुरुआत है; असली मंज़िल तो ‘विश्वगुरु’ बनने की है।
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��ेयर बाज़ार समाचार
भारतीय शेयर बाज़ार पिछले कुछ हफ़्तों से अस्थिर रहे हैं। मिश्रित वैश्विक संकेतों और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच बेंचमार्क सूचकांकों, सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव देखा गया है।
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मुख्य रूप से आईटी और बैंकिंग शेयरों में गिरावट के कारण आज कारोबार के दौरान सेंसेक्स लगभग 100 अंक गिरकर बंद हुआ। निफ्टी 17,900 के ठीक नीचे बंद हुआ।
वैश्विक मोर्चे पर, अधिकांश एशियाई बाजार आज गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार रात भर के कारोबार में मिश्रित समाप्त हुए क्योंकि निवेशकों ने कॉर्पोरेट आय और आर्थिक आंकड़ों के नवीनतम बैच का आकलन किया।
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हालिया उछाल के बाद कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। हालाँकि, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएँ वैश्विक और स्थानीय दोनों स्तरों पर बनी हुई हैं।
हालिया उछाल के बाद कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है. हालाँकि, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएँ वैश्विक और स्थानीय दोनों स्तरों पर बनी हुई हैं।
कॉर्पोरेट समाचारों में, आईटी प्रमुख विप्रो ने दूसरी तिमाही की आय उम्मीद से बेहतर दर्ज की। कंपनी का मुनाफ़ा पिछले साल की तुलना में 12% से ज़्यादा बढ़ गया।
कम यूएस सीपीआई प्रिंट के कारण उभरते बाजार की परिसंपत्तियों को बढ़ावा मिलने के बाद आज रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।
कुल मिलाकर, अस्थिरता अधिक रहने की स��भावना है क्योंकि बाजार ब्याज दरों में बढ़ोतरी, मंदी की चिंता और भू-राजनीतिक तनाव जैसे विभिन्न कारकों का आकलन करता है। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
शेयर बाज़ार समाचार प्रमुख सूचकांक गतिविधियाँ
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बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में आज उतार-चढ़ाव भरा कारोबारी सत्र देखा गया, लेकिन ये ऊंचे स्तर पर बंद होने में कामयाब रहे। सेंसेक्स 0.2% बढ़कर 57,260 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 0.25% बढ़कर 17,053 पर बंद हुआ।
सप्ताह के दौरान, सेंसेक्स 0.8% बढ़ा जबकि निफ्टी 0.6% बढ़ा। मासिक आधार पर, फरवरी 2022 में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगभग 2% की गिरावट आई।
बाजार ने दिन की शुरुआत सपाट रुख के साथ की, लेकिन दोपहर के कारोबार में बिकवाली का दबाव तेज हो गया, जिससे सूचकांक नीचे आ गए। हालाँकि, बैंकिंग, ऑटो और आईटी शेयरों में देर से खरीदारी सामने आई, जिससे बाजार को ज्यादातर नुकसान से उबरने में मदद मिली।
टॉप गेनर्स
आज शीर्ष लाभ वाले स्टॉक थे:
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) – 4.5% ऊपर एचडीएफसी बैंक लिमिटेड – 3.2% ऊपर आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड – 2.7% ऊपर भारती एयरटेल लिमिटेड – 2.1% ऊपर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (टीसीएस) – 1.8% ऊपर
आरआईएल आज शीर्ष लाभ में रही क्योंकि कंपनी द्वारा अपनी खुदरा शाखा रिलायंस रिटेल के लिए आईपीओ की संभावना तलाशने की घोषणा के बाद उसके शेयरों में उछाल आया। निवेशक रिलायंस रिटेल की विकास संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं क्योंकि कंपनी पूरे भारत में अपने स्टोर नेटवर्क का विस्तार करना जारी रख रही है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई क्योंकि निवेशकों ने संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और ऋण वृद्धि की उम्मीद पर बैंकिंग स्टॉक खरीदना जारी रखा। इस बीच, निवेशकों द्वारा रक्षात्मक क्षेत्रों की ओर रुख करने से भारती एयरटेल और टीसीएस को लाभ हुआ। कुल मिलाकर, आज बाजार की स्थिति सकारात्मक थी जो व्यापक आधार वाली खरीदारी रुचि का संकेत देती है।
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क्षेत्रीय सूचकांक
सेक्टोरल सूचकांक आज मिला-जुला रहा। सन फार्मा और सिप्ला में बढ़त के कारण निफ्टी फार्मा इंडेक्स 1.2% बढ़कर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सूचकांक रहा। आने वाली तिमाहियों में आय वृद्धि की आशा से निवेशकों ने फार्मा शेयरों में खरीदारी की। दूसरी ओर, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 0.8% की गिरावट के साथ शीर्ष पर रहा। ऐसा हालिया तेजी के बाद पीएसयू बैंक शेयरों में मुनाफावसूली के कारण हुआ।
सेक्टोरल स्टोर आज मिला-जुला रहा। दवा और सिप्ला में बढ़त के कारण सन मेकर दवा विक्रेता 1.2% सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला विक्रेता बना हुआ है। आने वाली तिमाहियों में आय वृद्धि की आशा से सुपरमार्केट में दवा की खरीदारी की। दूसरी ओर, मैकयूएसयू बैंक के स्टाक 0.8% की गिरावट के साथ शीर्ष पर बने हुए हैं। ऐसा किशोर रैपिड के बाद पीयूएसयू बैंक स्टॉक में दावावसूली का कारण हुआ।
इस बीच, चीन में धीमी मांग पर चिंता के कारण टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील में गिरावट के कारण निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.7% की गिरावट आई। निफ्टी ऑटो इंडेक्स भी 0.5% गिर गया क्योंकि निवेशक अगले सप्ताह आने वाले मासिक बिक्री डेटा से पहले सतर्क रहे।
शेयर बाज़ार समाचार वैश्विक बाजार
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इस सप्ताह वैश���विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। मजबूत कमाई और आर्थिक आंकड़ों के समर्थन से अमेरिकी बाजार बढ़त पर बंद हुए।
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज इस सप्ताह 1.4% बढ़कर 33,072 पर बंद हुआ। एस & पी सप्ताह के दौरान 500 सूचकांक 1.6% बढ़कर 4,155 पर बंद हुआ। टेक-हैवी नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स इस सप्ताह 1.8% बढ़कर 12,059 पर बंद हुआ।
इस सप्ताह अधिकांश यूरोपीय बाज़ार बढ़त के साथ बंद हुए। पैन-यूरोपीय STOXX 600 सूचकांक में 0.3% की वृद्धि हुई। जर्मनी का DAX सूचकांक 0.7% बढ़कर बंद हुआ जबकि फ्रांस का CAC 40 सूचकांक सप्ताह के लिए सपाट समाप्त हुआ। यूके का FTSE 100 इंडेक्स 0.4% गिर गया।
विकास संबंधी चिंताओं के कारण इस सप्ताह अधिकांश एशियाई बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। जापान का निक्केई 225 सूचकांक इस सप्ताह 1.3% गिर गया जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.6% गिर गया। हालाँकि, भारत के निफ्टी 50 इंडेक्स ने इस प्रवृत्ति को उलट दिया और मजबूत कॉर्पोरेट आय के समर्थन से 1.4% की बढ़त ��ासिल की।
कुल मिलाकर, जहां अमेरिकी बाजारों ने मजबूत आर्थिक आंकड़ों के समर्थन से बेहतर प्रदर्शन किया, वहीं अन्य वैश्विक बाजारों ने विकास संबंधी चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच मिश्रित रुझान दिखाया। निवेशकों का ध्यान आगामी आर्थिक आंकड़ों और प्रमुख केंद्रीय बैंकों के नीतिगत संकेतों पर रहेगा।
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आर्थिक समाचार
पिछले सप्ताह कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़े जारी हुए और नीतिगत घोषणाएँ हुईं जिनका असर बाज़ार पर पड़ा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए अपने उदार रुख को बनाए रखते हुए रेपो दर को 4% पर अपरिवर्तित रखा। हालाँकि, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2013 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान पहले अनुमानित 7% से घटाकर 6.8% कर दिया।
फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी के 6.01% की तुलना में बढ़कर 6.07% हो गई, जो लगातार दूसरे महीने आरबीआई की 6% की ऊपरी सहनशीलता सीमा को पार कर गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण हुई।
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जनवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि धीमी होकर 1.4% रह गई, जो पिछले महीने में 2.2% थी। माह के दौरान विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.5% घटा।
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि पेट्रोलियम उत्पादों, कोयले और रसायनों के बढ़ते आयात के कारण देश का व्यापार घाटा फरवरी में बढ़कर 20.88 बिलियन डॉलर हो गया, जो जनवरी में 17.94 बिलियन डॉलर था।
आर्थिक आंकड़ों ने बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव के साथ-साथ धीमी औद्योगिक वृद्धि पर चिंताओं को उजागर किया। बाजार इस बात पर बारीकी से नजर रखेगा कि ये आर्थिक रुझान और साथ ही वैश्विक कारक आरबीआई की मौद्रिक नीति रुख को आगे कैसे प्रभावित करते हैं।
शेयर बाज़ार समाचार कॉर्पोरेट समाचार
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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की कि उसने कैलिफोर्निया स्थित सौर ऊर्जा सॉफ्टवेयर डेवलपर सेंसहॉक में 32 मिलियन डॉलर में 79.4% हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इस अधिग्रहण से रिलायंस के सौर ऊर्जा व्यवसाय को मजबूत करने में मदद मिलेगी क्योंकि सेंसहॉक सौर ऊर्जा संयंत्र प्रबंधन और विश्लेषण में माहिर है।
टाटा मोटर्स ने अगले कुछ वर्षों में 25,000 XPRES T EVs की आपूर्ति के लिए राइड हेलिंग कंपनी Uber के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इलेक्ट्रिक सेडान की डिलीवरी इस साल के अंत में शुरू होने की उम्मीद है। यह टाटा मोटर्स के लिए एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन ��पूर्ति सौदे का प्रतीक है।
विप्रो ने घोषणा की कि उसे नॉर्वे की सबसे बड़ी कृषि आपूर्ति सहकारी संस्था फेलेस्कजोपेट एग्री एसए द्वारा एक बहु-वर्षीय अनुबंध से सम्मानित किया गया है। इस अनुबंध के हिस्से के रूप में, विप्रो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैनात करके फेलेस्कजोपेट के आईटी संचालन को बदल देगा। यह सौदा नॉर्डिक क्षेत्र में विप्रो के लिए एक बड़ी जीत का प्रतिनिधित्व करता है।
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अडाणी समूह ने मीडिया समूह एनडीटीवी में अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश की है। यह अडानी द्वारा सहायक कंपनियों के माध्यम से एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष 29.2% हिस्सेदारी हासिल करने के बाद आया है। खुली पेशकश का मूल्य लगभग 62 मिलियन डॉलर है। एनडीटीवी के संस्थापकों ने दावा किया है कि हिस्सेदारी बिक्री पर उनसे सलाह नहीं ली गई।
कथित तौर पर भारती एयरटेल लगभग 35 मिलियन डॉलर में ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता नेटप्लस ब्रॉडबैंड में 9.5% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए शुरुआती बातचीत कर रही है। एयरटेल के पास पहले से ही नेटप्लस में अल्पमत हिस्सेदारी है और आगे के अधिग्रहण से इसकी ब्रॉडबैंड सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
एसबीआई ने अवैतनिक ऋणों की वसूली के लिए 7,379 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को बिक्री के लिए रखा है। खुदरा, कृषि और एसएमई क्षेत्र के खराब ऋणों को लेने के लिए परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों और वित्तीय संस्थानों से बोलियां आमंत्रित की गई हैं। एसबीआई रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री के जरिए अपनी बैलेंस शीट को दुरुस्त करना चाहता है।
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शेयर बाज़ार समाचार तकनीकी विश्लेषण
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निफ्टी ने दैनिक चार्ट पर एक बुलिश कैंडल बनाया और 15,800 प्रतिरोध स्तर के ऊपर बंद हुआ। यह ब्रेकआउट बाजार में तेजी का संकेत देता है।
सूचकांक वर्तमान में 20-दिवसीय और 50-दिवसीय चलती औसत से ऊपर कारोबार कर रहा है, जो एक तेजी का संकेत है। आरएसआई संकेतक 60 से ऊपर है, जो मजबूत तेजी दिखा रहा है। एमएसीडी ने सिग्नल लाइन के ऊपर एक सकारात्मक क्रॉसओवर दिया है, जो अपट्रेंड की निरंतरता की ओर इशारा करता है।
प्रति घंटा चार्ट पर, निफ्टी एक सममित त्रिकोण पैटर्न से बाहर निकल गया है, जो एक तेजी ��े जारी रहने वाला पैटर्न है। देखने लायक ब्रेकआउट स्तर नीचे की ओर 15,800 है, जो अब समर्थन के रूप में कार्य करेगा, और ऊपर की ओर 15,900 है जो प्रतिरोध के रू��� में कार्य करेगा।
सूचकांक को 15,700 के करीब मजबूत समर्थन प्राप्त है जो कि पिछला ब्रेकआउट स्तर है। जब तक निफ्टी 15,700 से ऊपर बना रहेगा, तब तक 16,000 के स्तर तक बढ़त जारी रहने की संभावना है। नीचे की ओर, 15,600 महत्वपूर्ण समर्थन है जिसके नीचे सूचकांक पर बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है।
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जब तक निफ्टी 15,700 के स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा है, तब तक व्यापारियों को गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए। ऊपरी लक्ष्य 15,900 और उसके बाद 16,000 का स्तर है। लॉन्ग पोजीशन पर ट्रेडिंग के लिए स्टॉपलॉस 15,600 से नीचे रखा जा सकता है।
शेयर बाज़ार समाचार बाज़ार दृष्टिकोण
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प्रमुख सूचकांकों के सर्वकालिक उच्चतम स्तर के करीब कारोबार करने के साथ, नए महीने में भारतीय इक्विटी का दृष्टिकोण सावधानीपूर्वक आशावादी बना हुआ है। हालाँकि वैश्विक विकास संबंधी चिंताएँ बनी हुई हैं, घरेलू मैक्रो डेटा काफी हद तक सकारात्मक रहा है।
Q3FY23 के आय सीजन में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करते हुए निफ्टी का कुल मुनाफा साल-दर-साल 6% बढ़ा। ऑटो, एफएमसीजी, रिटेल और ड्यूरेबल्स जैसे उपभोग क्षेत्रों में टॉपलाइन वृद्धि मजबूत थी। पूंजीगत व्यय पर बजट के फोकस से निवेश और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
हालाँकि, उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दरें उपभोक्ताओं और कॉरपोरेट्स दोनों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर सकती हैं। मुद्रास्फीति की उम्मीदों को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई द्वारा 2023 में दरों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। यदि वैश्विक मंदी का जोखिम बढ़ता है तो एफआईआई प्रवाह जो जनवरी में सकारात्मक हो गया था, पलट सकता है।
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आगे चलकर, स्टॉक चयन महत्वपूर्ण होगा। निवेशकों को घरेलू चक्रीय, पूंजीगत वस्तुओं और विनिर्माण क्षेत्र में गुणवत्ता वाले नामों की तलाश करनी चाहिए जो पूंजीगत व्यय चक्र से लाभान्वित हों। यदि वैश्विक वृद्धि धीमी होती है तो निर्यातकों और वैश्विक वस्तुओं को आय में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। ~17x FY24 निफ्टी ईपीएस पर मूल्यांकन उचित दिखता है, लेकिन आगे पी/ई विस्तार को सीमित किया जा सकता है। बाजार की दिशा 1) मुद्रास्फीति/ब्याज दर दृष्टिकोण 2) आय वितरण और 3) वैश्विक संकेतों से संचालित होने की संभावना है।
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राहुल गांधी ने संसद में सरकार को घेरा जानिए उनके मुख्य तर्क
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक, राहुल गांधी, ने हाल ही में संसद में सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। उनके तर्क और विचार न केवल विपक्षी दलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं। इस लेख में हम राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों और उनके तर्कों का विश्लेषण करेंगे।
राहुल गांधी के मुख्य तर्क
आर्थिक नीतियों पर सवाल राहुल गांधी ने सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है, लेकिन सरकार इन मुद्दों को नज़रअंदाज कर रही है। उन्होंने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके प्रभाव पर भी सवाल उठाए।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा राहुल गांधी का कहना है कि वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने मीडिया की स्वतंत्रता, न्यायपालिका और चुनावी प्रक्रिया पर भी चिंता व्यक्त की।
कृषि और ग्रामीण विकास राहुल गांधी ने किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण किसान संकट में हैं, और सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
विदेश नीति पर आलोचना राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध कमजोर हो रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
द ऑब्जर्वर पोस्ट का दृष्टिकोण
द ऑब्जर्वर पोस्ट ने इस पूरे मामले को विस्तार से कवर किया है। उनकी रिपोर्ट ��े अनुसार, राहुल गांधी के तर्क जनता के विचारों को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संसद में उनकी बातें सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।
सारांश
राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कई गंभीर मुद्दों को उठाया। उनकी बातें न केवल विपक्ष के लिए बल्कि हर नागरिक के लिए सोचने का विषय हैं। द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन तर्कों का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
राहुल गांधी और उनके विचारों पर जनता की राय क्या है? हमें कमेंट में बताएं।
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Harsh Vardhan Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्या��य स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
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हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्���ास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
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Rajasthan's Evolving Geopolitical Landscape: A Look at the State's New Map
परिचय
क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवंत परंपराओं और विविध भूगोल के लिए जाना जा��ा है। यह राजसी राज्य पूरे इतिहास में कई साम्राज्यों और राजवंशों का उद्गम स्थल रहा है, जो अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गया है जो इसकी पहचान को आकार देती रहती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान की भौगोलिक सीमाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं, और हाल के दिनों में, एक नया मानचित्र सामने आया है, जो राज्य के भू-राजनीतिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करता है। इस लेख में, हम राजस्थान के विकसित होते मानचित्र और इन परिवर्तनों में योगदान देने वाले कारकों का पता लगाएंगे।
ऐतिहासिक सीमाएँ
नए मानचित्र पर गौर करने से पहले राजस्थान की ऐतिहासिक सीमाओं को समझना जरूरी है। राज्य का भूगोल हमेशा वैसा नहीं रहा जैसा हम आज जानते हैं। राजस्थान का इतिहास विभिन्न राजवंशों के उत्थान और पतन के कारण क्षेत्रीय विस्तार और संकुचन के उदाहरणों से भरा पड़ा है। राजस्थान के क्षेत्र ने राजपूत वंशों, मुगलों, मराठों और अंग्रेजों का शासन देखा है, जिनमें से प्रत्येक ने राज्य की सीमाओं पर अपनी छाप छोड़ी है।
आधुनिक राजस्थान का निर्माण
आधुनिक राजस्थान राज्य, जैसा कि हम आज इसे पहचानते हैं, का गठन 30 मार्च, 1949 को हुआ था, जब राजस्थान की रियासतें एक एकीकृत इकाई बनाने के लिए एक साथ आईं। इस एकीकरण से पहले, राजस्थान रियासतों का एक समूह था, जिनमें से प्रत्येक का अपना शासक और प्रशासन था। इन रियासतों के एकीकरण ने राजस्थान के लिए एक नए युग की शुरुआत की, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं को एक बैनर के नीचे एक साथ लाया गया��
राजस्थान का नया मानचित्र
हाल के वर्षों में, राजस्थान के मानचित्र में ऐसे परिवर्तन देखे गए हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का ध्यान आकर्षित किया है। ये परिवर्तन मुख्य रूप से प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन और नए जिलों के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमते हैं। यहां कुछ उल्लेखनीय विकास हैं:
नये जिलों का निर्माण: राजस्थान के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव नए जिलों का निर्माण है। राज्य सरकार ने प्रशासनिक दक्षता में सुधार और शासन को लोगों के करीब लाने के लिए यह पहल की है। उदाहरण के लिए, 2018 में, राज्य सरकार ने सात नए जिलों, अर्थात् प्रतापगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू, उदयपुरवाटी, दौसा और नागौर के निर्माण की घोषणा की। इन परिवर्तनों का उद्देश्य नागरिकों को बेहतर प्रशासन और सेवा वितरण करना था।
सीमा विवाद: राजस्थान की सीमाएँ गुजरात, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश सहित कई पड़ोसी राज्यों के साथ लगती हैं। सीमा विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा रहा है, जो अक्सर क्षेत्र और संसाधनों पर विवादों का कारण बनता है। इन विवादों के परिणामस्वरूप कभी-कभी राजस्थान के मानचित्र में परिवर्तन होता है क्योंकि संघर्षों को हल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों को फिर से तैयार किया जाता है। ऐसे विवादों के समाधान में अक्सर राज्य सरकारों और केंद्रीय अधिकारियों के बीच बातचीत शामिल होती है।
बुनियादी ढांचे का विकास: बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं राजस्थान के मानचित्र को भी प्रभावित कर सकती हैं। नई सड़कों, राजमार्गों और रेलवे का निर्माण राज्य के भीतर विभिन्न क्षेत्रों की पहुंच और कनेक्टिविटी को बदल सकता है। ऐसी परियोजनाओं से भौगोलिक सीमाओं की धारणा में बदलाव के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में आर्थिक विकास भी हो सकता है।
शहरीकरण: राजस्थान में हाल के वर्षों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जैसे-जैस��� शहरों और कस्बों का विस्तार होता है, उनकी सीमाएँ अक्सर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को घेरती हुई बढ़ती हैं। इस शहरी फैलाव के परिणामस्वरूप जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव हो सकता है, जो राज्य के मानचित्र में परिलक्षित हो सकता है।
प्रभाव और निहितार्थ
राजस्थान के मानचित्र में बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं। सकारात्मक पक्ष पर, नए जिलों के निर्माण और प्रशासनिक सुधारों से अधिक प्रभावी शासन, बेहतर सेवा वितरण और बेहतर स्थानीय विकास हो सकता है। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में नागरिकों के बेहतर प्रतिनिधित्व और भागीदारी को भी सुविधाजनक बना सकता है।
हालाँकि, इन परिवर्तनों के साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं। सीमा विवाद कभी-कभी पड़ोसी राज्यों के बीच तनाव का कारण बन सकते हैं और ऐसे विवादों के समाधान के लिए राजनयिक प्रयासों और बातचीत ��ी आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, जबकि शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास आर्थिक अवसर ला सकता है, वे पर्यावरण संरक्षण, भूमि उपयोग और संसाधन प्रबंधन से संबंधित चुनौतियां भी पैदा करते हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान का नया नक्शा इसके भू-राजनीतिक परिदृश्य की गतिशील प्रकृति को दर्शाता है। राज्य में क्षेत्रीय परिवर्तनों का एक समृद्ध इतिहास है, और इसकी सीमाएँ ऐतिहासिक, प्रशासनिक और विकासात्मक कारकों के कारण समय के साथ विकसित हुई हैं। हालाँकि इन परिवर्तनों का शासन, सीमा विवाद और शहरीकरण पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन ये बेहतर प्रशासन और विकास के अवसर भी प्रदान करते हैं।
जैसे-जैसे राजस्थान का विकास और विकास जारी है, नीति निर्माताओं, प्रशासकों और नागरिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन परिवर्तनों के निहितार्थों पर विचार करें और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें।
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1383.
अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति से विचलित थे भारतेंदु हरिश्चंद्र
- कामिनी मोहन पाण्डेय।
मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है कि जिन्होंने राष्ट्र का निर्माण किया है उनकी कृति अमर हो गई है। त्याग तपस्या और बलिदान 1857 की क्रांति के रणबांकुरों ने ही नहीं किया बल्कि उससे प्रभावित होकर कई लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उसी त्याग की भावना व संघर्ष की प्रेरणा क�� जगाने में भारतेंदु हरिश्चंद्र ने महती भूमिका निभाई।
भारतेंदु ने भारत की स्वाधीनता, राष्ट्र उन्नति और सर्वोदय भावना का विकास किया। आज के संदर्भ में बात करें तो भारतेंदु ने हीं देश के सभी पत्रकारों, संपादकों व लेखकों को देश की दुर्दशा यानी देश की दशा और दिशा को समझने का मंत्र दिया। अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति की हुंकार की गूंज के बाद इस संबंध पर बेतहाशा लेखन और पठन-पाठन हुआ। उस समय क्रांति के असफल होने के बाद जब निराशा का बीज व्याप्त हो गया था, तब समाज की दुर्दशा देखकर भारतेंदु का हृदय काफी व्यथित हुआ। देश की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक गिरावट देखकर वह तिलमिला उठे थे। देश की दशा पर उनकी अभिव्यक्ति थी- "हां हां भारत दुर्दशा न देखी जाई।" उनके इस प्रलाप पर भारत आरत, भारत सौभाग्य, वर्तमान-दशा, देश-दशा, भारत दुर्दिन जैसे नवजागरण की पोषक रचनाएँ प्रकाशित हुई।
इनमें देश के प्राचीन गौरव के स्मरण, समाज में व्याप्त आलस्य तथा देश की दीनता का वर्णन होता था। क्रांति के समय एवं उसके बाद स्वदेशाभिमानी पत्रकारों ने अपनी विवेचना शक्ति के बल पर जनमानस को सशक्त अभिव्यक्ति दी। उस समय हिंदी अपने विकास के नए आयाम गढ़ रही थी। सारे प्रतिरोधों के बीच पत्रकारिता की पैनी नज़र खुल चुकी थी। ऐसे में स्वाभिमान के संचार व स्वदेश प्रेम के उदय तथा आंग्ल शासन के प्रबल प्रतिरोध पत्रों में प्रकाशित तत्वों में दिखता था। पत्र और पत्रकार ख़ुद स्वतंत्रता आंदोलन के सक्षम सेनानी बन गए थे। अन्याय, अज्ञान, प्रपीड़न व प्रव॔चना के संहारक समाचार पत्रों ने ही हिंदी पत्रकारिता की आधारशिला रखी थी।
राष्ट्र उत्थान की दृष्टि से इतिहास एवं पत्रकारिता दोनों संश्लिष्ट हैं। राष्ट्रीय अस्���िता को समर्पित भारतेंदु की रचनाओं का मूलाधार गौरव की वृद्धि रहा है। नौ सितंबर 1850 को काशी में जन्मे भारतेंदु को हिंदी पत्रकारिता का आधार स्तंभ कहा जाता है। भारतेंदु द्वारा पत्रकारिता में देश प्रेम के लिए जलाई गई अलख काशी में अब भी दिखती है। इसका कारण यह है कि यहाँ जो पैदा हुआ वह भी गुरु जो मर गया वह भी गुरु होता है। यहाँ किसी बात के लिए कोई हाय-हाय नहीं है।
काशी की हिंदी पत्रकारिता की नींव 1845 में बनारस अखबार के रूप में पड़ी। इसके बारह साल बाद देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम आम लोगों को गहरे तक प्रभावित कर गया था। क्रांति का बिगुल काशी में भी सुनाई ��िया। क्रांति के दौर में देश की आज़ादी के लिए यहाँ कई अख़बार प्रकाशित होते रहे। स्वाभिमान के साथ उठ खड़े होने को आमजन और क्रांतिकारियों को जो उसे से भरते रहे।
प्रमुख प्रकाशनों में कवि वचन सुधा (1867) हरिश्चंद्र मैगजीन (1875), हरिश्चंद्र चंद्रिका (1879) में भारतेंदु का मूल मंत्र सामाजिक और राष्ट्रीय उन्नति जगाना तथा सभी जातियों के अंदर स्वाभिमान का भाव भरना था। वे मानते थे कि "जिस देश में और जिस समाज में उसी समाज और उसी देश की भाषा में समाचार पत्रों का जब तक प्रचार नहीं होता, तब तक उसे देश और समाज की उन्नति नहीं हो सकती। समाचार पत्र राजा और प्रजा के वकील है। समाचार पत्र दोनों की ख़बर दोनों को पहुँचा सकता है जहाँ सभ्यता है, वहीं स्वाधीन समाचार पत्र है"।
देश में लकड़ी बीनने वाले से लेकर लकड़ी का तमाशा दिखाने वाले तक सभी ने क्रांति के जयकारे में लकड़ी बजाते हुए आहुति दी थी। यह वह दौर था, जिस पर क्रांति ने अपना असर गहरे तक छोड़ा था। इसी का परिणाम रहा कि देश के हर नौजवान ने अपनी छाती अंग्रेजों की गोलियाँ खाने के लिए चौड़ी कर ली थी। अल्पायु में ही भारतेंदु अपने युग का प्रतिनिधित्व करने लगे थे रचनात्मक लेखन, पत्रकारिता के माध्यम से भारतेंदु ने देश की राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों पर अपने आक्रामक तेवर के साथ संवेदन पूर्ण विचारों से सार्थक हस्तक्षेप किया था। साहित्य को उन्होंने जनसामान्य के बीच लाकर खड़ा कर दिया था।
घोर उथल-पुथल के बावजूद उनके काल में साहित्यिक विचारों के कारण आत्ममंथन शुरू हो गया था। वे ब्रिटिश राज की कार्यप्रणाली पर जमकर बरसते थे। हर समस्या के प्रति भारतेंदु का दृष्टिकोण दूरगामी होता था। वे वैचारिक क्रांति लाने के लिए हर घड़ी प्रतिबद्ध दिखते थे। भारतेंदु चाहते थे कि भारतवासी स्वयं आत्मोत्थान और देशोत्थान में सक्रिय हो। यह बात आज भी प्रासंगिक है कि आर्थिक उत्थान से ही देश का भला हो सकता है।
आर्थिक लूट पर वे लिखते हैं-
भीतर-भीतर सब रस चूसै, बाहर से तन-मन-धन मूसै।
जाहिर बातन में अति तेज, क्यों सखि सज्जन नहिं अंग्रेज अंग्रेजों।।
अंग्रेजों को अपना भाग्य विधाता मानने वालों को भारतेंदु ने झकझोरा था। कविवचन सुधा में वे लिखते हैं- "देशवासियों तुम इस निद्रा से चौको, इन अंग्रेजों के न्याय के भरोसे मत फूले रहो।... अंग्रेजों ने हम लोगों को विद्यामृत पिलाया और उससे हमारे देश ��ांधवों को बहुत लाभ हुए, इसे हम लोग अमान्य नहीं करते, परंतु उन्हीं के कहने के अनुसार हिंदुस्तान की वृद्धि का समय आने वाला हो, सो तो, एक तरफ रहा, पर प्रतिदिन मूर्खता दुर्भिक्षता और दैन्य प्राप्त होता जाता है।... अख़बार इतना भूंकते हैं, कोई नहीं सुनता। अंधेर नगरी है। व्यर्थ न्याय और आज़ादी देने का दावा है।"
गांधीजी की कई नीतियों व योजनाओं के बीज भारतेंदु साहित्य में पहले ही आ चुके थे। भारतीय धर्मनिरपेक्षता, जाति निरपेक्षता, जो भारतीय संविधान के मूलाधार है, उन पर भारतेंदु के चिंतन में तात्कालिकता ही नहीं, भविष्योन्मुखता भी थी। वे हिंदू व मुसलमानों के प्रति भाईचारे का भाव रखने को प्रेरित करते थे। कहना ही पड़ता है कि देश के विकास उसकी उन्नति के लिए भारतेंदु स्वदेशी और राष्ट्रीयता के संदर्भ में दूरगामी अंतर्दृष्टि रखते थे।
समय बदल गया, हम आज़ाद हैं। भारत वही है। संविधान वही है। भारत में रहने वाले जीव-जंतु, पशु-पक्षी और मनुष्य भी वही है। विभिन्न धर्मों, मज़हबों,पंथों को मानने वाले मुसलमानों के सभी फ़िरक़ों, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाईयों तथा सनातन धर्म की गहराई में उतरने वाले हिन्दू क्रांति के बीज को आज भी वृक्ष बनते देखते हैं। उन विचारों की जो भारतेंदु के समय लोगों तक पत्रकारिता के माध्यम से पहुंचे थे, वे विचार आज भी प्रासंगिक हैं। देश के लोगों को इसकी परम आवश्यकता है।
- © Image art by Chandramalika
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 21 January 2025
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – २१ जानेवारी २०२५ सायंकाळी ६.१०
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छत्तीसगढ आणि ओडिशा सीमेवर नक्षलविरोधी अभियानात २३ नक्षलवादी ठार
अन्नप्रक्रिया उद्योगात विकासाच्या अनेक संधी-केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान यांचं प्रतिपादन
येत्या २५ जानेवारीला राष्ट्रीय मतदार दिनी काँग्रेस पक्षाचा राज्यव्यापी आंदोलनाचा इशारा
१९ वर्षाखालील टी-२० विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय महिला संघाचा मलेशियावर अवघ्या १७ चेंडूत विजय
आणि
नागपूर इथल्या प्राध्यापकांनी तयार केलेल्या फोल्डिंग हेल्मेटला आंतरराष्ट्रीय पेटंट
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छत्तीसगढ आणि ओडिशाच्या सीमेवर काल रात्री झालेल्या संयुक्त अभियानात २३ नक्षलवादी मारले गेले. कुल्हाडीघाट आरक्षित वन क्षेत्रात मोठ्या संख्येनं नक्षलवादी असल्याची माहिती मिळाल्यानंतर छत्तीसगढ आणि ओडिशा पोलिस तसं�� केंद्रीय राखीव पोलिस दलाच्या जवानांनी संयुक्तपणे हे अभियान राबवलं. दरम्यान, या कारवाईमुळे नक्षलमुक्त भारत निर्माण करण्याच्या दिशेनं सुरक्षा दलांना मोठं यश मिळालं असल्याचं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांनी म्हटलं आहे. सामाजिक माध्यमावरच्या संदेशात त्यांनी, नक्षलवादाला हा आणखी एक मोठा प्रहार असल्याचं नमूद केलं.
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अन्नप्रक्रिया उद्योगात विकासाच्या अनेक संधी असल्याचं प्रतिपादन केंद्रीय अन्न प्रक्रिया उद्योग मंत्री चिराग पासवान यांनी केलं आहे. स्वित्झर्लंडमधल्या दावोस इथं सुरु असलेल्या जागतिक आर्थिक मंच परिषदेत ते पत्रकारांशी बोलत होते. आंतरराष्ट्रीय पातळीवरही या क्षेत्रात मोठ्या संधी असल्याचं, पासवान यांनी म्हटलं आहे –
आंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मै मानता हूं, की इस सेक्टर मे अनंत संभावनायें है आगे बढाने को लेकर। प्रोसेस फूड की डिमांड ग्लोबली काफी बढती जा रही है। पिछले एक दशक मे भी अगर आप देखें तो जहां प्रोसेस फूड का एक्सपोर्ट 13.7 प्रतिशत 13-14 मे था, तो वही अगर आप 23-24 मे देखे तो 23.4 प्रतिशत के आसपास ये वृद्धी हुई है। ये अपने मे दर्शाता है की इस मार्केट की, इस सेक्टर की संभावनायें काफी है।
दरम्यान, या परिषदेत भारतीय पॅवेलियनचं उद्घाटन आज झालं. चिराग पासवान आणि कौशल्य विकास आणि उद्योजकता राज्यमंत्री जयंत चौधरी यांनी संयुक्तपणे या दालनाचं उद्घाटन केलं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि तेलंगणाचे मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी यावेळी उपस्थित होते.
दरम्यान, राज्य सरकारने या परिषदेत आज दोन सामंजस्य करार केले, या दोन्ही करारातून सुमारे २१ हजार कोटी रुपयांची गुंतवणूक होणं अपेक्षित आहे.
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जागतिक स्तरावर भारतानं एक शक्तिशाली राष्ट्र म्हणून ओळख प्राप्त केली आहे, राज्यघटनेने भक्कम आधारशिला प्राप्त करून दिल्यानेच हे शक्य झालं असल्याचं, विधान परिषदेचे सभापती प्राध्यापक राम शिंदे यांनी म्हटलं आहे. पाटणा इथं ८५ व्या अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी परिषदेत शिंदे बोलत होते. लोकशाहीत स्वातंत्र्य, समता आणि बंधुता या तीन मूल्यांना अत्यंत महत्त्व आहे, सर्वांनी या मूल्यांप्रती कटिबद्ध राहण्याचं आवाहन शिंदे यांनी केलं आहे.
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येत्या २६ जानेवारीला प्रजासत्ताक दिनानिमित्त नवी दिल्लीत कर्तव्य पथावर होणाऱ्या शानदार संचलनाच्या कार्यक्रमात भारताचं सांस्कृतिक वैभव आणि भारतीय सैन्य दलाचं कौशल्य याचं दर्शन घडणार आहे. संरक्षण संशोधन आणि ��िकास संस्था-डीआरडीओने विकसित केलेलं ‘प्रलय’ हे क्षेपणास्त्र प्रथमच कर्तव्यपथावर प्रदर्शित होणार असल्याचं, याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे. भारतीय राज्यघटनेला ७५ वर्ष पूर्ण झाल्याच्या निमित्ताने विशेष दोन चित्ररथही संचलनात सहभागी होणार आहेत. इंडोनेशियाचे राष्ट्रपती प्रबोवो सुब्रियांतो हे या संचलनाच्या कार्यक्रमाला प्रमुख पाहुणे म्हणून उपस्थित राहणार आहेत. यावर्षीच्या संचलनात इंडोनेशियाच्या १६० सैनिकांची एक तुकडी आणि १९० जणांचं लष्करी बॅंड पथक सहभागी होणार आहे.
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सुकन्या समृद्धी योजनेला उद्या दहा वर्षे पूर्ण होत आहेत. २२ जानेवारी २०१५ रोजी बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियानांतर्गत सुरू झालेल्या या योजनेत आतापर्यंत देशभरात चार करोडहून अधिक खाती उघडली गेली आहेत. या योजनेत खातेधारकांना सध्या आठ पूर्णांक दोन दशांश टक्के इतका वार्षिक व्याजदर दिला जात असल्याचं, याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे
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येत्या २५ जानेवारीला राष्ट्रीय मतदार दिनी काँग्रेस पक्षानं राज्यव्यापी आंदोलनाचा इशारा दिला आहे. राज्यात ५० लाख मत कशी वाढली याची माहिती निवडणूक आयोग देत नाही, म्हणून आम्ही आंदोलन करणार असल्याचं, कॉंग्रेसचे प्रदेशाध्यक्ष नाना पाटोले यांनी सांगितलं, ते आज मुंबईत पत्रकार परिषदेत बोलत होते. राज्याच्या प्रत्येक जिल्ह्यात, तालुक्यात आंदोलन करून, जिल्हाधिकारी, तहसीलदार यांना निवेदन देणार असल्याची माहिती पटोले यांनी दिली.
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१९ वर्षांखालील टी-२० क्रिकेट विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय महिला संघाने अवघ्या १७ चेंडूत यजमान मलेशियाचा पराभव करून इतिहास घडवला. क्वालालांपूर इथं झालेल्या या सामन्यात भारतीय संघानं नाणेफेक जिंकून क्षेत्ररक्षणाचा निर्णय घेतला, भारतीय गोलंदाजांच्या भेदक माऱ्यासमोर मलेशियाचा संघ अवघ्या ३१ धावांत गारद झाला, भारताच्या वैष्णवी शर्मा हिने आपल्या पदार्पणाच्या सामन्यात पाच धावांत पाच बळी घेत, हॅटट्रिक नोंदवली. मलेशिया संघानं दिलेलं हे आव्हान भारतीय संघानं सलामीवीर जी त्रिशाच्या १२ चेंडूत नाबाद २७ धावांच्या बळावर अवघी दोन षटकं आणि पाच चेंडूत बिनबाद ३२ धावा करत, विजय मिळवला. वैष्णवी शर्मा प्लेयर ऑफ द मॅच पुरस्काराची मानकरी ठरली. या स्पर्धेत भारताचा पुढचा सामना येत्या गुरुवारी श्रीलंकेसोबत होणार आहे.
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नागपूरच्या राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठातले भौतिक शास्त्राचे प्राध्यापक डॉ. संजय ढोबळे आणि त्यांची विद्यार्थिनी आदिती देशमुख यांनी दुचाकीस्वारांसाठी फोल्डिंग हेल्मेट विकसित केलं आहे. या अनोख्या संशोधनाचा संक्षिप्त वेध घेणारा ��ा वृत्तांत –
वाहन चालवून झाल्यावर हेल्मेट ठेवायचं कुठे, हा दुचाकी चालकांसमोर मोठा प्रश्न असतो. मात्र येत्या काही दिवसांत हे हेल्मेट दुचाकीच्या डिक्कीमध्ये फोल्ड करून ठेवता येणार आहे. नागपूरचे डॉ. संजय ढोबळे आणि त्यांची विद्यार्थिनी आदिती देशमुख यांनी फोल्डिंग हेल्मेट तंत्रज्ञान विकसित केलं आहे. हे हेल्मेट तयार करताना, त्याची सर्व कार्यपद्धती आणि मजबुती नियमित हेल्मेटप्रमाणे राहील याची काळजी घेण्यात येत आहे. नवीन तंत्रज्ञानाच्या वापरातून तयार केलेल्या या फोल्डिंग हेल्मेट साठी डॉ. संजय ढोबळे आणि आदिती देशमुख या दोघांना आंतरराष्ट्रीय पेटंटही मिळालं आहे.
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जात वैधता प्रमाणपत्र सादर न केल्याने बीड जिल्ह्यातले १३ सरपंच आणि ४१८ ग्रामपंचायत सदस्यांचं सदस्यत्व रद्द करण्यात आलं आहे. जिल्हाधिकारी अविनाश पाठक यांनी यासंदर्भातले आदेश जारी केले. राखीव प्रवर्गातून निवडून आलेल्या अनेक सरपंच आणि ग्रामपंचायत सदस्यांनी जात वैधता प्रमाणपत्र विहित मुदतीत सादर न केल्याने ही कारवाई करण्यात आली.
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छत्रपती संभाजीनगर इथले शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गटाचे शहरप्रमुख विश्वनाथ स्वामी यांनी अनेक पदाधिकारी तसंच शिवसैनिकांसोबत आज भारतीय जनता पक्षात प्रवेश केला. भाजपचे प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या उपस्थितीत मुंबईत पक्ष कार्यालयात हा प्रवेश सोहळा पार पडला. मागास बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे यांच्यासह अनेक मान्यवर यावेळी उपस्थित होते.
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राज्यातील सहकारी तसंच खाजगी दूध प्रकल्पांना दूध पुरवठा करणाऱ्या शेतकऱ्यांना शासनाने प्रतिलिटर पाच रुपये अनुदान देण्याचं निश्चित केले आहे. छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात आतापर्यंत १२ हजार १६७ दूध उत्पादकांच्या खात्यात १५ कोटी ८ लक्ष रुपये अनुदान जमा झालं आहे.
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राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रमांतर्गत १३ जानेवारी ते २७ जानेवारी या कालावधीत ‘जंत निर्मुलन पंधरवडा’ साजरा केला जात आहे. त्या अनुषंगाने सर्व पशुपालकांनी आपल���या गोवर्गीय आणि म्हैसवर्गीय पशूंना जवळच्या पशुवैद्यकीय दवाखान्यातून जंत निर्मुलन औषधी द्यावीत, असं आवाहन बीडचे जिल्हा पशुसंवर्धन उपायुक्त यांनी केलं आहे. आपल्या पशूंना लाळखुरकुत लसीकरण करून घेण्याचं आवाहन देखील त्यांनी केलं आहे.
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उत्तर प्रदेशतील प्रयागराज इथल्या महाकुंभ मेळ्याला जाण्याकरीता नांदेड-पाटणा-नांदेड, औरंगाबाद-पाटणा-औरंगाबाद, काचीगुडा-पाटणा-काचीगुडा आणि सिकंदराबाद-पाटणा-सिकंदराबाद विशेष रेल्वे चालवण्यात येणार आहेत. २२ जानेवारी ते १४ फेब्रुवारीदरम्यान या गाड्यांच्या फेऱ्या होणार आहेत.
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Income Tax New Rules: ₹10,00,000 से ज्यादा कमाने वालों पर अब 30% टैक्स, कैसे बच सकते हैं
Income Tax New Rules: आर्थिक विकास और व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के लिए आयकर विभागों के नियमों का ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है हाल ही के वर्षों में भारत सरकार ने कई तरह के ऐसे आयकर नियम लगाए है जो न केवल टैक्स पेयर के लिए बल्कि आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण है आयकर विभाग का यह नियम टैक्स प्रक्रिया को सरल बनता है बल्कि लोगों को वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करता है हम इस न्यू आर्टिकल में आयकर विभाग से…
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25.09.2024, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के जनहित मे सहयोग से "पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की 108वीं जयंती" के अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा “विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता भारत” एवं “विकसित भारत विजन 2047” विषयक कार्यक्रम का आयोजन होटल क्लार्क अवध, लखनऊ में किया गया । इस आयोजन में प्रमुख वक्ताओं के रूप में श्री एन. के. सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं अध्यक्ष, 15वें वित्त आयोग, श्री राकेश शर्मा, अध्यक्ष, इंडियन न्यूज़पेपर सोसाइटी, नई दिल्ली और कार्यक्रम संयोजक श्री ब्रजेश पाठक उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सहित, लखनऊ के प्रबुद्धजनो, गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ तथा श्री एन. के. सिंह, श्री राकेश शर्मा, श्री ब्रजेश पाठक, श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, श्री ब्��जेश मिश्र, श्री एच. जी. एस. परिहार ने पं. दीन दयाल उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने मुख्य वक्ता श्री एन. के. सिंह और श्री राकेश शर्मा को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया ।
श्री एन. के. सिंह ने "विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता भारत" पर अपने विचार रखते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए भारत को एक नई दिशा दी है ।उनकी नीतियां गरीबों के कल्याण और नई तकनीक के विकास पर केंद्रित रही हैं, जो भारत की प्रगति में सहायक हैं । केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार हो सकता है ।”
श्री राकेश शर्मा ने “विकसित भारत विजन 2047” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है ।उनका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण था, ताकि 'सबका साथ, सबका विकास' का सपना साकार हो सके।”
श्री ब्रजेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा, “पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का मानना था कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्य धारा में लाना आवश्यक है, तभी स्वतंत्र भारत का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियां इसी दिशा में कार्य कर रही हैं, जैसे किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, और मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं ।”
मुख्य वक्ताओ से सवाल जवाब भी किए गए । कार्यक्रम समाप्ती पर मुख्य वक्ता श्री एन. के. सिंह तथा श्री राकेश शर्मा का प्रतीक चिन्न से सम्मान किया गया |
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, पद्मश्री डॉ एस. एन. कुरील, पद्मश्री डॉ सुनील प्रधान, पद्मश्री विध्या बिन्दु सिंह, पूज्य महंत राम सेवक दास, श्री ब्रजेश मिश्र, प्रधानसंपादक, भारत समाचार न्यूज़ चैनल, समाजसेवी श्रीमती नम्रता पाठक, सिटी मोंटेसरी स्कूल की प्रबंधक डॉ. गीता गांधी किंगडन, कवि श्री सर्वेश अस्थाना, पत्रकार श्री नवल कान्त सिन्हा, अधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह अटल, श्री सुरेश पांडे, डॉ. ए पी टिक्कू, श्री गोरे गुलाटी, श्री शिव शंकर अवस्थी, श्री मुकेश बहादुर सिंह, श्री संदीप बंसल, श्री मुकेश शुक्ला, सी.ए. पी के धवन, यूनिवर्सल बुक सेलर्स के श्री गौरव प्रकाश, रंगकर्मी श्री अनिल रस्तोगी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, तथा अन्य गणमान्य बुद्धिजीवी अतिथिगण उपस्थित रहे ।
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कर्नल राजयवर्धन राठौड़: युवा महोत्सव से बनेगा उज्ज्वल राजस्थान
“युवा महोत्सव से भविष्य के राजस्थान की नींव रखी जा रही है,” यह कहना है कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का, जो युवाओं की ताकत और उनकी प्रतिभा को राज्य के विकास के लिए सबसे अहम मानते हैं।
उनके विचारों के मुख्य बिंदु:
युवाओं का सशक्तिकरण: कर्नल राठौड़ का मानना है कि युवा ऊर्जा और नई सोच राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रतिभा और कौशल का प्रोत्साहन: युवा महोत्सव जैसे मंचों के माध्यम से युवाओं को अपनी कला, खेल और अन्य क्षेत्रों में अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलता है।
विकसित राजस्थान का सपना: राष्ट्रीय उद्देश्यों जैसे “विकसित भारत 2047” के साथ तालमेल बिठाते हुए, उनका लक्ष्य है कि राजस्थान भी इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाए।
युवा महोत्सव को भविष्य के राजस्थान की दिशा में एक ठोस कदम बताते हुए, कर्नल राठौड़ ने यह स्पष्ट किया कि राज्य की प्रगति युवाओं की भागीदारी से ही संभव है। यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि राजस्थान के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है।
युवाओं से सशक्त राजस्थान की उम्मीदें
भारत की जनसंख्या का 65% हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है, और राजस्थान के युवा इस बदलाव के अग्रदूत हैं। उनकी सृजनात्मकता, धैर्य और जोश, राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
युवा महोत्सव, इस ऊर्जा को रचनात्मक प्रयासों में बदलने का माध्यम बन रहा है और एक सशक्त राजस्थान के निर्माण के लिए आधारशिला रख रहा है।
युवा महोत्सव के प्रमुख उद्देश्य
प्रतिभा का प्रदर्शन
यह महोत्सव राजस्थान के हर कोने से आए युवाओं को अपनी प्रतिभा जैसे कला, खेल, नवाचार और नेतृत्व के क्षेत्रों में दिखाने का अवसर देता है।
यह विविधता को बढ़ावा देता है और भाग लेने वाले युवाओं में एकता का भाव विकसित करता है।
कौशल विकास और सीखने का अवसर
वर्कशॉप, प्रशिक्षण सत्र और विशेषज्ञों के साथ बातचीत से युवाओं को आधुनिक युग के आवश्यक कौशल सिखाए जाते हैं।
डिजिटल कौशल, उद्यमशीलता, पब्लिक स्पीकिंग और समस्या-समाधान जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
नवाचार को प्रोत्साहन
हैकाथॉन और आइडिया प्रतियोगिताएं युवा नवोन्मेषकों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों को हल करने के लिए प्रेरित करती हैं।
नए स्टार्टअप और युवा उद्यमियों को उद्योग के दिग्गजों और निवेशकों से जुड़ने का मौका मिलता है।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण
महोत्सव राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक कला रूपों का संगम होता है।
यह युवाओं को राज्य की विविधता को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करता है।
भविष्य के राजस्थान की नींव
युवा महोत्सव, राजस्थान को भविष्य के लिए तैयार करने के दृष्टिकोण के साथ समन्वित है। यह:
उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है: युवाओं को नौकरी खोजने वाले से नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रेरित करता है।
��ौकरी योग्यता बढ़ाता है: व्यावहारिक शिक्षा और वैश्विक प्रवृत्तियों के संपर्क से कौशल का अंतर कम करता है।
नेताओं को तैयार करता है: युवाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करता है, जिससे वे सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के वाहक बन सकें।
जय हिंद! जय राजस्थान!
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Cabinet Minister Col Rajyavardhan Rathore inaugurated the Jaipur Jewellery Show
कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने जयपुर ज्वेलरी शो का किया शुभारंभ
जयपुर ज्वेलरी शो का भव्य आयोजन रत्न और आभूषण उद्योग की सर्वश्रेष्ठ पेशकश का सर्वोत्कृष्ट प्रतिनिधित्व है : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सराकर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शुक्रवार को विश्व भर में अपनी खास पहचान बना चुके जयपुर ज्वेलरी शो का जेईसीसी, जयपुर में शुभारंभ कर उपस्थित गणमान्य जनों को संबोधित किया एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, यह भव्य आयोजन रत्न और आभूषण उद्योग की सर्वश्रेष्ठ पेशकश का सर्वोत्कृष्ट प्रतिनिधित्व है।
मुख्य अतिथि कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने आभूषण उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आभूषणों के पीछे एक ऐसी कहानी गढ़नी चाहिए जिससे उपभोक्ता भावनात्मक रूप से जुड़ सकें। उन्होंने आभूषण उद्योग में कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। टूरिज्म के साथ ज्वेलरी को जोड़ना चाहिए साथ ही ऐसे और भी आयोजन होने चाहिए, जहाँ भारत के साथ साथ विदेश में रहने वाले लोग भी आयें और जहाँ पर यह काम होता है, जहाँ कारखाने हैं वहां देखें कि ज्वेलरी किस तरह से बनती है, कैसे काम होता है। इससे अच्छी मार्केटिंग होने के साथ बिक्री भी ज्यादा होगी और लोग भारत के हुनर, कला और यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों की खूबियों को जान पाएंगे।
राज्य में लगभग 100 से अधिक कारखाने कार्यरत हैं। जयपुर में 300 से अधिक विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य और अर्ध-कीमती रत्नों का प्रसंस्करण किया जाता है। यह क्षेत्र प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता है, तथा ‘जेम बोर्स’ की स्थापना की योजना है, जिससे 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। भारत के कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात में राजस्थान का योगदान 17.5%, भारत के मीनाकारी आभूषण निर्यात में लगभग 90% तथा कुंदन आभूषण निर्यात में 60% है। जयपुर के सीतापुरा में 110.8 एकड़ भूमि पर फैले विशेष आर्थिक क्षेत्र में 154 इकाइयां हैं, जो 11,217 लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। आईआईजीजे आरएलसी सीतापुरा में स्थापित परीक्षण और प्रमाणन के लिए उन्नत अनुसंधान एवं केन्द्रों में से एक है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, अप्रैल-जनवरी 2024 के दौरान भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 26.3 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 6–7% है तथा 4.3 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इस क्षेत्र का योगदान 9% होगा। भारत दुनिया में सोने के आभूषणों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है, जबकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, सिंगापुर, हांगकांग, लैटिन अमेरिका और चीन इसके आयातक देशों में शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत आभूषणों का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो अमेरिकी बाजार की 16% मांग को पूरा करता है। वित्त वर्ष 2023 में भारत का प्रयोगशाला में विकसित हीरे का निर्यात 27.8% बढ़कर 1678.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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मोदी अडानी संबंध भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में एक अभूतपूर्व बदलाव की कहानी प्रस्तुत करता है। यह साझेदारी न केवल बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास में सहायक रही है, बल्कि इससे लाखों भारतीयों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुले हैं। इस संबंध ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, और ‘हरित ऊर्जा’ जैसे अभियानों को मजबूती दी है। ये पहल न केवल भारत को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही हैं।
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Who is the Only Living Ex-PM to resign as CM and Lead India
Introduction
Former PM HD Deve Gowda : भारतीय राजनीति के इतिहास में 90 का दशक काफी उथल-पुथल भरा रहा. जहां पर देश में 1991 से लेकर अक्टूबर 1999 तक 8 सालों में 6 प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलानी पड़ी थी. राजनीतिक अस्थिरता आने की वजह से देश के आर्थिक विकास में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था और उस वक्त राजनीतिक विश्लेषक भी दावा नहीं कर पा रहे थे कि यह संकट कब खत्म होगा. इसी संकट की घड़ी में थर्ड फ्रंट से प्रधानमंत्री पद के लिए एचडी देवगौड़ा का नाम सामने आया वह उस वक्त दक्षिण की राजनीति में एक बड़ा चेहरा थे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर भी विराजमान थे. उनसे पहले पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की अगुवाई वाली सरकार ने 1991-1996 तक 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.
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VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
देश की दो राष्ट्रीय पार्टियों (BJP और कांग्रेस) की सरकार नहीं बनने के बाद देश में संयुक्त मोर्चा या थर्ड फ्रंड के रूप उभरकर आया जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और वामपंथी नेता ज्योति बसु को ऑफर दिया लेकिन दोनों नेताओं ने ऑफर को ठुकरा दिया. वहीं, वीपी सिंह से बार-बार अनुरोध किया गया कि वह प्रधानमंत्री पद ग्रहण करें लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. इसी बीच जनता दल के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया और उस दौरान वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी थे. इसके बाद एचडी देवगौड़ा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया गया और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सदस्य बनाकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया दिया.
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
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ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
साल 1962 में 28 साल की उम्र में देवगौड़ा ने कर्नाटक विधानसभा का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीतने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वक्ता के रूप में अन्य राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को प्रभावित किया. इसके बाद वह लगातार तीन बार होलेनारसिप��र निर्वाचन क्षेत्र से (1967-1971), (1972-1977) और (1978-1983) चुनाव जीतकर विधानसभा जाते रहें. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री ने मार्च 1972 से मार्च 1976 और 1976 से दिसंबर 1977 तक प्रतिपक्ष नेता के रूप में भी लोगों को ध्यान का अपनी ओर आकर्षित किया. देवेगौड़ा ने 22 नवंबर 1982 को छठी विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी. 7वीं और 8वीं विधानसभा के सदस्य रहते हुए लोक निर्माण और सिंचाई में मंत्री पद संभाला.
सिंचाई मंत्री रहते हुए उन्होंने कई परियोजनाओं को शुरू किया और 1987 में सिंचाई के लिए अपर्याप्त धन आवंटन करने के चलते उन्हें भ��री विरोध का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वतंत्रता और समानता के समर्थक गौड़ा को 1975-76 में केंद्र सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया जहां उन्होंने अपना पूरा समय अध्ययन में लगा दिया. जेल से छूटने के बाद उनके व्यक्तित्व में एक बड़ा बदलाव देखा गया जिसकी वजह से वह परिपक्व और दृढ व्यक्तित्व के साथ अपनी राजनीति का झंडा गाढ़ने में सफल रहे.
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पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
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राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
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Conclusion
मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित रखने वाले एचडी देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने और उन्होंने यह पद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ग्रहण किया. समानता और किसानों के उत्थान के समर्थक रहे रहने वाले देवगौड़ा ने कर्नाटक में सिंचाई मंत्री के दौरान किसानों के लिए कई कार्य किए. इसके बाद वह कर्नाटक में चार बार विधायक का चुनाव जीते. यही वजह थी कि देवगौड़ा दक्षिण भारत की राजनीति का एक मुख्य चेहरा बन गए.
कर्नाटक में वह दो बार प्रतिपक्ष नेता भी रहे जहां उन्होंने अपने वक्तव्य से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. आपको बताते चलें कि 91 वर्षीय एचडी देवगौड़ा वर्तमान की राजनीति में सक्रिय हैं और जनता दल सेक्युलर (JDS) के अध्यक्ष हैं. साथ ही मोदी लहर के दौरान 2014 में उन्होंने एक बार फिर हासन सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में देवगौड़ा तुमकुर सीट से हार गए. उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार रहे जीएस बासवराज ने हरा दिया था. हालांकि वह राज्यसभा के माध्यम से संसद में पहुंच गए. देवगौड़ की शादी चेन्नम्मा नाम की महिला से हुई है और उनके उससे 4 बेटे और 2 बेटियां हैं. देवगौड़ा का एक बेटा कुमारस्वामी कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब देवगौड़ा की नेतृत्व वाली पार्टी JDS BJP के खिलाफ मुखर होकर चुना लड़ती थी लेकिन बदलते वक्त में उन्होंने उसी पार्टी के साथ गठबंधन करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ा.
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