#भंवरा
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anju-1 · 1 year ago
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#GodNightFriday🙏🏼🌿
#सतभक्ति_संदेश
विकार
जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं। परस्त्री भोग पुरूष करते हैं। परपुरूष भोग स्त्री करती है। वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते हैं जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों के भंवर में फँसकर मर जाता है।
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kansharma · 2 years ago
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#सतभक्तिसंदेश
🌈हर सुमरै सो हंस कहावै कामी क्रोधी काग रे । भंवरा ना भरमै विष के बन में चल बेगमपुर बाग रे ।
👉अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा📕
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vrindavanrascharcha · 4 days ago
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जिहि उर-सर राधा-कमल, लस्यौ बस्यौ इहि भाय।
मोहन-भौंरा रैन-दिन, रहै तहाँ मँ���राय॥
ब्रज के सवैया
जिस हृदय रूपी सरोवर में श्री राधा रूपी कमल खिलता है, वहाँ श्री मोहन रूपी भंवरा रात-दिन मंडराता रहता है। यह दर्शाता है कि श्री राधा-कृष्ण का प्रेम एक-दूसरे के हृदय में सदैव स्थित है और उनका यह दिव्य प्रेम अनुपम और अविरल है।
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prakash-singh · 2 months ago
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
कबीर साहेब ने सन् 1570 में 18 लाख लोगों को 3 दिन तक भंवरा करवा था।
ऐसा ही भंडारा संत रामपाल जी महाराज प्रत्येक वर्ष करवा रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा निशुल्क मंगाए।
Sant Rampal Ji Maharaj
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swami-lokeshanand-paramhans · 6 months ago
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116 शिष्य
116 शिष्यफूल खिला हो, नगर के बीचों बीच खिला हो, पर मधु का अभिलाषी भंवरा न हो, तो बिखरती सुगंध की कीमत कौन करे? सूर्य निकला हो, सुंदर परिदृश्य हो, पर देखने वाली आँख ही न हो, तो प्रकाश की कीमत क्या रहे? कितनी ही अमृततुल्य वर्षा हो, पर भूमि ही बंजर हो, तो अन्न कैसे उपजे?योंही आत्मज्ञानी महात्मा तो उपलब्ध हों, सुलभ हों, पर मुमुक्षु शिष्य न हों, तो ज्ञान परंपरा आगे कैसे बढ़े?चर्चा चलती है, कि गुरू…
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veeresh99 · 9 months ago
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उठ सवेरे हुक्का भर लिया, फिर क्या जागा निर्भाग रे।
राम भजा ना, सुमिरन किन्हा, फुटे तेरे भाग रे।।
और बात तेरे काम ना आवै सन्तों शरणै लाग रे।
क्या सोवै गफलत में बन्दे जाग-जाग नर जाग रे।।
तन सराय में जीव मुसाफिर करता रहे दिमाग रे।
रात बसेरा करले डेरा चलै सवेरा त्याग रे।
और बात तेरे काम ना आवै सन्तों शरणै लाग रे।
क्या सोवै गफलत में बन्दे जाग-जाग नर जाग रे।।
उमदा चोला बना अनमोला लगे दाग पर दाग रे।
दो दिन क गुजरान जगत में जलै बिरानी आग रे।।
कुबद्ध कांचली चढ रही चित पर तू हुआ मनुष से नाग रे।
सूझै नह��ं सजन सुख सागर बिना प्रेम बैराग रे।
हर सुमरै सो हंस कहावै कामी क्रोधी काग रे।
भंवरा ना भरमै विष के बन में चल बेगमपुर बाग रे।।
शब्द सैन सतगुरु की पहचानी पाया अटल सुहाग रे।
नितानन्द महबूब गुमानी प्रकटे पूर्ण भाग रे।।
और बात तेरे काम ना आवै सन्तों शरणै लाग रे।
क्या सोवै गफलत में बन्दे जाग-जाग नर जाग रे।
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mittalnisha · 11 months ago
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जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं। परस्त्री भोग पुरुष करते हैं। परपुरुष भोग स्त्री करती हैं। भक्ति करते नहीं। वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते हैं
जैसे :-
जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों का आनंद लेता रहता है। शाम के समय फूल बंद हो जाता है। भंवरा उसमें फँसकर मर जाता है।
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dskrb · 1 year ago
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#सतभक्ति_संदेश
विकार
जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं। परस्त्री भोग पुरूष करते हैं। परपुरूष भोग स्त्री करती है। वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते हैं जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों के भंवर में फँसकर मर जाता है। पड़े "जीने की राह" 📖
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pradeep-chauhan · 1 year ago
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#GodMorningFriday🙏🏼🌿
#सतभक्ति_संदेश
विकार
जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं। परस्त्री भोग पुरूष करते हैं। परपुरूष भोग स्त्री करती है। वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते हैं जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों के भंवर में फँसकर मर जाता है।
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ramdhirajdas · 1 year ago
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#GodNightThursday🙏🏼🌿🍀🪴 #सतभक्ति_संदेश विकार जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं। परस्त्री भोग पुरूष करते हैं। परपुरूष भोग स्त्री करती है।  वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते हैं जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों के भंवर में फँसकर मर जाता है।
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seedharam · 1 year ago
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#मन_पर_नकैल
हरि सूमरे सो #हंस कहावे, कामी क्रोधी काग रे *
भंवरा ना भरमे विष के वन में, चल #बेगमपुर बाग रे **
उठ सबेरे हुक्का भर लिया, क्या जागा निरभाग रे *
सुकरम किया ना किया #बंदगी, फूटे तेरे भाग रे **
{ हंस = भक्त, बंदगी = भक्ति, बेगमपुर = सत्यलोक, हरि = सत्यलोक निवासी सत्यपुरूष कबीर साहेब जी}
🌼🌼🌼 क्या आप जानते हैं कि ये मन काल का एजेंट हैं, गंदे काम को तो यह १०० किलोमीटर दूर जाकर भी कर लेता हैं, पर भजन सूमिरन के लिए इससे खाट से भी उठा नहीं जाता हैं, इसलिए इस पापी मन पर सतगुरू धारण कर तत्वज्ञान का नकैल डालने की परम् आवश्यक्ता हैं....
🥀🥀 आध्यात्मिक जानकारी के लिए
𝐏𝐥𝐚𝐲𝐒𝐭𝐨𝐫𝐞 से 𝐈𝐧𝐬𝐭𝐚𝐥𝐥 करें 𝐀𝐩𝐩 :-
"𝐒𝐚𝐧𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐚𝐥 𝐣𝐢 𝐌𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚𝐣
𝐯𝐢𝐬𝐢𝐭 :- ↪️ SA True Story 𝐘𝐨𝐮 𝐓𝐮𝐛𝐞 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥
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rinkudasblog · 1 year ago
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जो विकार करते रहते हैं। तरह-तरह के गाने-बजाने, शराब आदि का नशा करते हैं । परस्त्री भोग पुरुष करते हैं। परपुरुष भोग स्त्री करती है। भक्ति करते नहीं । वे उस तरह विकारों के वश होकर फँसकर मर जाते है जैसे भंवरा भिन्न-भिन्न फूलों का आनंद लेता रहता है। शाम के समय फूल बंद हो जाता है। भंवरा उसमें फँसकर मर जाता है।
#श्राद्ध_शास्त्रविरुद्ध_साधना
#GodNightTuesday
#KabirisGod
https://youtu.be/FgHYtOZKUWQ?si=mRYsvwTNOQ5ezahK
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padmavatmedia · 1 year ago
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ऋषभदेव उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार का जैन समाज द्वारा अभिनंदन
ऋषभदेव उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार का जैन समाज द्वारा अभिनंद खेरवाड़ा। ऋषभदेव श्री दिगंबर जैन दसा नरसिंहपुरा संस्थान द्वारा आज नव पद स्थापित  उपखंड अधिकारी यतींद्र पोरवाल एवं तहसीलदार केसर सिंह चौहान का अभिनंदन किया  गया। समाज के महामंत्री प्रदीप कुमार जैन ने बताया दोनों अधिकारियों को सेठ राजमल कोठारी  ,अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार वालावत, उपाध्यक्ष धनपाल भंवरा, सह मंत्री वरिष्ठ शिक्षाविद हेमंत कुमार…
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jagdishgarg · 1 year ago
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#सतभक्ति_से_सर्व_सुख
और बात तेरे काम ना आवै ,सन्तों शरणै लाग रे।
क्यो सोवै गफलत में प्राणी  जाग-जाग नर जाग रे।।
तन सराय में जीव मुसाफिर , करता रहे दिमाग रे।
रात बसेरा करले डेरा, चलै सवेरा त्याग रे।
उमदा चोला बना अनमोला , लगे दाग पर दाग रे।
दो दिन की गुजरान जगत में ,क्यो जलै बिरानी आग रे।
कुबद्ध कांचली चढ रही चित पर, तू हुआ मनुष से नाग रे।
सूझै नहीं सजन सुख सागर, बिना प्रेम बैराग रे।
हर सुमरै सो हंस कहावै, कामी क्रोधी काग रे।
भंवरा ना भरमै विष के बन में ,चल बेगमपुर बाग रे।
शब्द सैन सतगुरु की पहचानी, पाया अटल सुहाग रे।
नितानन्द महबूब गुमानी , प्रकटे पूर्ण भाग रे।
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vocaltv · 1 year ago
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सीएम हाउस में होवत हे हरेली तिहार के जोरदार तैयारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजधानी रायपुर स्थित निवास में हर बार की तरह इस बार भी हरेली का पर्व पारंपरिक रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। हरेली पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए मुख्यमंत्री निवास में तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। मुख्यमंत्री बघेल हरेली तिहार पर तुलसी पूजा कृषि यंत्रों की पूजा में शामिल होने के बाद भंवरा, बांटी, गिल्ली डंडा, मटकी फ��ड़ और गेड़ी नृत्य जैसे आयोजन में शामिल होंगे। वे ��स…
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kapildev123 · 2 years ago
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#ThursdayMotivation
हर सुमरै सौ हंस कहावै,कामी क्रोधी काग रे।। भंवरा ना भरमै विष के बन में,चल बेगम पुर बाग रे।। शास्त्र अनुकूल पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है
अधिक जानकारी के लिए सुने यूट्यूब चैनल संत रामपाल जी महाराज
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