600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के सारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला काजी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिलता है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने के पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
#MiracleOfGodKabir_In_1513
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
26-27-28 नवंबर 2023
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
Paddy Price: सुगंधा, बासमती, 1121, 1718, 1509 समेत अन्य किस्मों का ताजा रेट (25 सितंबर 2024)
Paddy Price 25 September 2024 : नमस्कार किसान भाइयों, आइये देखें आज बुधवार को यूपी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की मंडियों में आज का 1509 धान (Paddy), 1121, 1718, PR26, PR13, बासमती, सुगंधा किसमों का ताज़ा भाव…
कोटा मंडी1509 धान कंबाइन क्वालिटी भाव ₹ 2500-2600सुगंधा धान कंबाइन क्वालिटी भाव ₹ 2200-24001718 धान का रेट 3000-3300पूसा बासमती भाव ₹ 2600-2700अराइवल 1000 बैग्स
बूंदी मंडी1509 धान कंबाइन…
भीषण सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत, MP से खाटूश्यामजी जा रहे थे श्रद्धालु
बूंदी,राजस्थान में रविवार तड़के एक भयावह हादसा हो गया। जिसमें 6 लोगों की मौत और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।राजस्थान के बूंदी जिले के हिण्डोली थाना क्षेत्र में एक भयावह हादसा हो गया। जहां तालाब गांव के निकट ओवरब्रिज के पास रविवार तड़के एक ट्रक की टक्कर से कार सवार आधा दर्जन व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।घटना की जानकारी मिलने पर जिला पुलिस अधीक्षक, हिंडोली पुलिस…
नीलकंठ स्वीट्स के लड्डू खाने से बिगड़ी एडीजे की तबियत, दर्ज कराया केस
लखनऊ, 15 अगस्त 2024। गोमतीनगर स्थित प्रसिद्ध नीलकंठ स्वीट्स के मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि दुकान से खरीदे गए बूंदी के लड्डू खाने के बाद लखनऊ जिला न्यायालय में तैनात एडीशनल जिला जज (एडीजे) कु. मंजुला सरकार, उनकी बहन मधुलिका, और उनकी नौकरानी अनीता की तबियत बिगड़ गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि एडीजे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
एडीजे मंजुला सरकार…
राजस्थान: माथे पर सिंदूर और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनकर स्कूल जा रही बालिका वधुएं, शिक्षकों ने कहा- 'हम कुछ नहीं कर सकते'
राजस्थान के कई जिलों में लड़कियों की शादी बहुत कम उम्र में कर दी जाती है। शादी के बाद ये लड़कियां पढ़ाई के लिए स्कूल जाती हैं। देश में बाल विवाह पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं।
राजस्थान के बूंदी जिले में जब दो नाबालिग बहनें सिंदूर और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनकर स्कूल पहुंचीं तो शिक्षकों को शक हुआ कि उनकी शादी हो गई है। इसके बावजूद उन्होंने इस पर ध्यान नहीं…
भजनलाल शर्मा ने अपने नेतृत्व में राजस्थान के विकास और प्रगति के लिए काम किया है। उनकी नेतृत्व विशेषताओं में उनका विश्वास, संगठन और कर्मठता शामिल हैं।
भगीरथ भजनलाल शर्मा का सपना एक उच्च प्रगति और विकासशील राजस्थान का है, जहां सभी नागरिकों को समान अवसर और सुरक्षा मिलती है। उनकी नेतृत्व में, राजस्थान ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और आगे और प्रगति करने को तत्पर रहेगा।
भगीरथ भजनलाल शर्मा शांतिपूर्ण, समान और समरस्त राजस्थान के निर्माण का सपना रखते हैं। वह भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति हैं और उनका योगदान राजस्थान के विकास में अग्रणी है।
ईआरसीपी से जल प्रबंधन को लेकर सीएम सर का 5D फोकस देखने को मिला है। परियोजना के समझौते के बाद राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बने भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का हवाई दौरा किया।
राज्य के बहुप्रतिक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में राजस्थान को 3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए एक माह में डीपीआर बनकर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, दूदू जैसे 21 जिले इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
मिस्टर सीएम सर के प्रयासों से साकार हुई ईआरसीपी राजस्थान के विकास और लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
*🍁आज श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव की पूजा का शुभ मुहूर्त दूर करेगा आप के जीवन के संकट 🍁*
*बालाजी हर संकट करेंगे दूर*
हिन्दू धर्म में हर वर्ष की भांति इस बार भी चैत्र माह के शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जायेगा, क्योंकि इसी दिन हनुमान जी का प्राकट्य हुआ था. ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली आज भी धरती पर सशरीर उपस्थित हैं. वह आज भी सभी के संकटों का निवारण करते हैं इसलिए उन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है।
*हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त*
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. श्री हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हनुमान जन्मोत्सव के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
*बजरंगबली की पूजा में शामिल करें ये चीजें*
��सी मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव की पूजा में कुछ चीजों का शामिल करना बहुत ही आवश्यक होता है. इससे हनुमान जन्मोत्सव के पुण्यफल से साधक के अटके काम पूरे होने लगते हैं. बजरंगी के भक्त हर समय उनकी कृपा बनी रहती है, जिससे उसे किसी भी प्रकार की बुरी बलाओं से मुक्ति मिलती है।
श्री हनुमान जी की पूजा में लाल या नारंगी रंग अवश्य शामिल करें, क्योंकि हनुमान जी को ये रंग बहुत प्रिय है. ऐसे में हनुमान जी को उनकी पूजा में लाल रंग के पुष्प, लाल रंग के फल, लाल या नारंगी रंग के वस्त्र और सिंदूर अवश्य शामिल करें।
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए शुद्ध घी का दीया ही जलाना शुभ माना जाता है. यदि आप हनुमान जी के दीये में कलावे से बनी लाल रंग की बाती लगाते हैं तो उसकी शुभता और अधिक बढ़ जाती है।
हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा भोग के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा में उनका प्रिय भोग यानि बूंदी, मोतीचूर का लड्डू, चूरमा, गुड़-चना आदि शामिल करें.
हनुमान जी की पूजा में तुलसी दल का विशेष रूप से महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का भोग तब तक अधूरा माना जाता है, जब तक कि आप उसमें तुलसी दल साथ न चढ़ाएं ऐसे में आप हनुमत कृपा पाने के लिए उन्हें तुलसी के पत्तों से बनी माला विशेष रूप से चढ़ा सकते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा करने वाले साधक को तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करें और उसे पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इस व्रत को पूरा करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा करते समय अपना ध्यान इधर-उधर की चीजों में नहीं भटकाएं. इसके लिए पूजा करने से पहले सभी पूजन सामग्री अपने पास में रख लें. जरूरत पड़ने पर पूजा में सभी चीजों के उपयोग किया जा सके।
हिंदू मान्यता के अनुसार, कलयुग में राम भक्त हनुमान जी की साधना सभी सुखों को दिलाने और मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. हर युग में पृथ्वी पर मौजूद रहने वाले हनुमान जी की साधना के पुण्य फल से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा बड़ा से बड़ा कष्ट पलक झपकते ही दूर हो जाते हैं. इसके अलावा आपको जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
👉 *Akshay Jamdagni:* *Expert in Astrology, Vastu, Numerology, Horoscope reading, Education, Business, Health, Festivals, and Puja, provide you the best solutions and suggestions for your life's betterment.*
👉 *983737683* *अधिक जानकारी हेतु विजिट करें हमारे Facebook Page आईडी https://www.facebook.com/share/ZPiG9iymaJhPhGwK/?mibextid=qi2Omg या फिर संपर्क करे प्रसिद्ध Astrologer and Vaastu विशेषज्ञ से.........*
संत रामपाल जी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में कराए जा रहे ऐतिहासिक भंडारे में दूसरे दिन देश के कई राज्यों से पहुंचे 1.5 लाख से ज्यादा लोगों ने भण्डारा ग्रहण किया। जिसमें लोगों को देसी घी से निर्मित व्यंजन सब्जी, पूड़ी, हलवा, रायता, सलाद, बूंदी आदि सामग्री उपलब्ध कराई गई।
⛳ संत रामपाल जी महाराज की निःशुल्क पुस्तक "ज्ञान गंगा" अभी मंगाए । कोई चार्ज नहीं।👇
📲 अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel Visit करें।
️ 🖥️ अवश्य देखें साधना टीवी शाम 7:30 बजे
️🖥️ अवश्य देखें पापुलर टीवी शाम 7:30 बजे
📲 संत रामपाल जी महाराज के ऑडियो वीडियो सत्संग सुनने के लिए प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करें"Sant Rampalji Maharaj"
📚 संत रामपाल जी द्वारा लिखित " "ज्ञान गंगा" नि:शुल्क पुस्तक मंगवाने के लिए मिस कॉल करें-8193819381
🔹अधिक जानकारी के लिए पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा" निःशुल्क प्राप्त करें।अपना नाम, पूरा पता,मोबाइल नंबर हमें व्हाट्सएप या SMS करें- +91 7496801823
संत रामपाल जी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में कराए जा रहे ऐतिहासिक भंडारे में दूसरे दिन देश के कई राज्यों से पहुंचे 1.5 लाख से ज्यादा लोगों ने भण्डारा ग्रहण किया। जिसमें लोगों को देसी घी से निर्मित व्यंजन सब्जी, पूड़ी, हलवा, रायता, सलाद, बूंदी आदि सामग्री उपलब्ध कराई गई।
संत रामपाल जी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 25 फरवरी से 26 मार्च एक महीने ऐतिहासिक भण्डारा कराया जा रहा है। जिसका शुभारंभ बीते रविवार 25 फरवरी को हो चुका है। जिसमें प्रतिदिन एक लाख से भी अधिक लोग निःशुल्क भण्डारा ग्रहण करने पहुंच रहे हैं। वहीं भंडारे में लोगों को देसी घी से निर्मित व्यंजन सब्जी, पूड़ी, हलवा, रायता, सलाद, बूंदी आदि सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इस महाविशाल भंडारे में हजारों सेवादार यानी SaintRampalJi के अनुयायियों द्वारा चौबीसों घंटे निःशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं
ऐसे और पोस्ट देखने के लिए और god से जुड़ने के लिए क्लिक करें 👇👇
शराब के नशे में हैवान बना 28 साल का बेटा, 52 साल की मां के साथ किया रेप; पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले से रिश्तों को शर्मसार करके तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक बेटे पर अपनी मां का रेप करने का आरोप लगा है। पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी कि शख्स नशे की हालत में था, जब इसने इस घटना को अंजाम दिया। आरोपी की उम्र 28 साल की बताई गई है जबकि उसकी मां की उम्र 52 साल है। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद महिला अपने छोटे बेटे और बेटी के साथ डाबी थाने…
कोटा के आर्यन सिंह ने किसानों के लिये बनाया ‘एग्रो बोट 2.0’
राजस्थान से इकलौते छात्र आर्यन को राष्ट्रपति से मिला राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार, केंद्र सरकार ने बनाया ब्रांड एम्बेसेडर
न्यूजवेव @कोटा
देश के किसानों को अपने खेत में फसलों की बुवाई, कटिंग, हार्वेेस्टिंग, पैदावार और मिट्टी की उर्वरकता बढाने के लिये महंगे उपकरण खरीदने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोटा के छात्र आर्यन सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित ऐसा सस्ता ‘एग्रो बोट-2.0’ तैयार किया है, जिसकी मदद से किसान कहीं भी बैठकर अपनी पैदावार की प्रभावी मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
कोटा के आर्यन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नये इनोवेशन के लिये 22 जनवरी को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मिनट आर्यन से मिले और भारतीय किसानों के लिये बनाये गये अनूठे एग्रो बोट 2.0 की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने विश्वास दिलाया कि तुमने फसलों की गुणवत्ता बढाने के लिये अनूठा सस्ता रोबोट तैयार किया है, इसे देश के आम किसानों तक पहुंचाने के लिये केंद्र सरकार मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने मेरा साथी एप बनाने पर उसे माय जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर ब्रांड एम्बेसेडर बनाया है।
एसआर पब्लिक स्कूल कोटा में कक्षा-9वीं से उसने अटल टेंकरिंग लैब में इस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ किया था। कोरोना महामारी के दौरान मेंटर ओपी सोनी के साथ वह लगातार इस पर काम करता रहा। 2023 में उसने एक बगीचे में सौर उर्जा के साथ इस एग्रो रोबोट का सफल परीक्षण किया।
दादा की खेती से मिला आइडिया
शहर के इंद्रा गांधी नगर निवासी 19 वर्षीय आर्यन सिंह ने बताया कि दादा उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में छोटी सी खेती करते थे। ट्रेक्टर व अन्य मशीनें खरीदने के लिये उनके पास पैसे नहीं थे। तब उसने सोचा था कि वह बडा होकर किसानों के लिये सस्ता उपकरण तैयार करेगा। इंद्रा गांधी नगर में 20 साल से ईमित्र की दुकान चला रहे पिता जितेंद्र सिंह व मां मनसा देवी ने बताया कि आर्यन एसआर पब्लिक स्कूल में पढते हुये एग्रीकल्चर में इनोवेशन करने में जुटा रहा। घर पर किताबें पढना और कम्प्यूटर पर खोज करना उसकी रूचि रही। स्कूल में जाकर अटल टेंकरिंग लैब में कई घंटे बैठकर वह रोबोट तैयार करने में जुटा रहा।
तीन देशों में जीते मेडल
आर्यन बूंदी के सरकारी पॉलिटेक्नीक कॉलेज से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक कर रहे हैं। उसे 5 अंतरराष्ट्रीय और 10 भारतीय अवार्ड मिल चुके हैं। इसमे यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड 2020, रशियन यंग इनोवेटर अ���ार्ड 2021 व रशियन यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा, कनाडा (टोरंटो) यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व सिल्वर मेडल, एटीएल टिंकर प्रिन्योर (शीर्ष 100 छात्र में शामिल) और एटीएल टिंकर प्रिन्योर मोस्ट कंसिस्टेंट स्टूडेंट्स में उसे चुना गया।
किसान परिवार से होने के कारण उसका लक्ष्य छोटे किसानों तक सस्ता रोबोट पहुंचाने का है। अब वह आई स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहा है, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सके। एआई बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में 50 हजार की लागत आई है। कोटा में जबकि इसके लिए किसानों को लाखों रुपए की मशीन खरीदनी पड़ती है.
फसलों की आसानी से कटिंग होगी
आर्यन ने दावा किया कि इस सस्ते रोबोट को किसान उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है। गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक ये काम करता है। साथ ही बीज बोने और फसलों की कटिंग में यह बहुत मददगार है। इसकी मदद से मिट्टी की उर्वरकता, पौधों की गणना, पानी की आवश्यकता के बारे में जान सकते ह। यह भी पता लगा सकते हैं कि कितनी फस्ल खराब हुई है, बाकी किस हालात में है। यह पूरी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर देता है। खरपतवार को अलग रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है, ताकि जब खेत में जाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके।, यह रोबोट फसलों में कीट पतंगे, टिड्डी दल या फिर किसी जानवर के प्रवेश की जानकारी देता है। इसमें लगे सिक्यूरिटी कैमरे से पता चलता है कि खेत में किसी व्यक्ति ने प्रवेश किया है या जानवर ने।
देश की प्रथम एटीएल को मिला अवार्ड
Honour at SRPS,Kota
एसआर सीनियर सैकंडरी पब्लिक स्कूल के निदेशक अंकित राठी ने बताया कि डीएसटी व नीति आयोग द्वारा देशभर में कई स्कूलों में अटल टेंकरिंग लैब खोली गई हैं। इनमें राजस्थान के कोटा शहर की एटीएल से पहले छात्र ने किसानों के लिये उपयोगी व सस्ता रोबोट तैयार कर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में नया अनुसंधान किया है। इसी आधार पर उसे राष्ट्रीय बाल शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आर्यन बीटेक की पढाई में छुट्टियों में अटल टिंकरिंग लैब आकर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करते हैं। राठी ने कहा कि एटीएल प्लेटफार्म से हम तकनीकी संसाधन व गाइडेंस देकर बच्चों को उनकी कल्पनाओं को साकार करने का अवसर दे रहे हैं।
5 हजार किसान एग्रो बोट खरीदने के इच्छुक
गत वर्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कोटा में आयोजित एग्रो फिस्ट में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आर्यन सिंह का यह रोबोट देख बहुत प्रभावित हुये थे। उन्होंने कहा था कि जब यह प्रोडक्ट लॉन्च होगा तो वो पहला ऑर्डर स्वयं देंगे। इस कृषि मेले में विभिन्न जिलों के 5 हजार किसानों ने एग्रो बोट खरीदने में रूचि दिखाई थी।
कोटा व राजस्थान का मान बढाया
एसआर पब्लिक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथी राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि कोटा के बेटे ने खेती में नई क्रांति लाने के लिये सस्ती तकनीक विकसित कर शहर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्कूल चेयरमैन आनंद राठी ने कहा कि शहर के मध्यमवर्गीय परिवार के एक होनहार छात्र को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के हाथों अवार्ड मिलना गर्व की बात है। इस अवसर पर स्टार्टअप इक्की फूड्स के सह संस्थापक अमित कुमार व आई स्टार्ट कोटा के कौस्तुभ भट्टाचार्य, अशोक मीणा, मनोज राठी सहित गणमान्य नागरिक, शिक्षक व स्कूली छात्र मौजूद रहे। प्रिंसिपल आलेखा कपलाश ने सबका आभार जताया।
Read the full article
जयपुर: राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 पर शनिवार को 74.96% मतद...
youtube
Rajasthan Election 2023: रिकॉर्ड वोटिंग के साथ राजस्थान विधानसभा चुनाव संपन्न, इस बार 0.25 फीसदी बढ़ा मत प्रतिशत
जयपुर: राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 पर शनिवार को मतदान हुआ. इस बार के चुनाव में 74.96% मतदान हुआ है. इस बीच यह साफ हो गया है कि इस बार पिछले साल से 0.25% ज्यादा मतदान हुआ है. आपको बता दें कि 2018 में राजस्थान में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था.
प्रदेश में कल शाम 5 बजे बजे तक 68.24 प्रतिशत मतदान रहा:
अजमेर- 65.75%, अलवर- 69.71% मतदान
बांसवाड़ा- 72.49%, बारां- 73.12% मतदान
बाड़मेर- 69.58%, भरतपुर- 67.26% मतदान
भीलवाड़ा- 68.39%, बीकानेर- 66.56% मतदान
बूंदी- 70.40%, चित्तौड़गढ़- 69.68% मतदान
चूरू- 70.22%, दौसा- 67.29% मतदान
धौलपुर- 74.11%, डूंगरपुर- 65.86% मतदान
गंगानगर- 72.09%, हनुमानगढ़- 75.75% मतदान
जयपुर- 69.22%, जैसलमेर- 76.57% मतदान
जालोर- 64.10%, झालावाड़- 73.37% मतदान
झुंझुनूं- 68%, जोधपुर- 64.32% मतदान
करौली- 65.12%, कोटा- 70.02% मतदान
नागौर- 66.73%, पाली- 60.71% मतदान
प्रतापगढ़- 73.36%, राजसमंद- 66.75% मतदान
सवाईमाधोपुर- 65.33%, सीकर- 68.48% मतदान
सिरोही- 63.62%, टोंक- 68.78%, उदयपुर- 64.98% मतदान हुआ
राजस्थान में 3 बजे तक 55.63 प्रतिशत हुआ मतदान:
अजमेर- 52.62%, अलवर- 58.13% मतदान
बांसवाड़ा- 59.76%, बारां- 61.05% मतदान
बाड़मेर- 56.92%, भरतपुर- 54.85 % मतदान
भीलवाड़ा- 54.70%, बीकानेर- 54.26% मतदान
बूंदी- 57.03%, चित्तौड़गढ़- 55.49% मतदान
चूरू- 56.17%, दौसा- 53.52% मतदान
धौलपुर- 62.75%, डूंगरपुर- 54.18% मतदान
श्रीगंगानगर- 58.34%, हनुमानगढ़- 61.64% मतदान
जयपुर- 55.75%, जैसलमेर- 63.48% मतदान
जालोर- 52.23%, झालावाड़- 60.47% मतदान
झुंझुनूं- 55.73%, जोधपुर- 52.48% मतदान
करौली- 53.61%, कोटा- 56.35 % मतदान
नागौर- 54.25%, पाली- 49.79% मतदान
प्रतापगढ़- 60.11%, राजसमंद- 54.48% मतदान
सवाईमाधोपुर- 53.27%, सीकर- 55.98% मतदान
सिरोही- 53.55%, टोंक- 57.29%, उदयपुर- 53.28% मतदान हुआ
गौरतलब है कि करणपुर सीट को छोड़कर राजस्थान में 199 सीटों पर मतदान हुआ. छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. मतदान सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक हुआ. जिसमें बुजुर्ग, दिव्यांग, महिला और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के सारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला काजी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दि�� का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिलता है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने के पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के सारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला काजी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिलता है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने के पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
#MiracleOfGodKabir_In_1513
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
26-27-28 नवंबर 2023
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना एक महत्वाकांक्षी राजस्थानी परियोजना है जो चुनौतियों, कानूनी मुद्दों, राजनीतिक मुद्दों और अंततः एक राष्ट्रीय परियोजना बनने के लिए अग्रसर है। राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता में आते ही ऐसे काम किए जो बड़े-बड़े नेता नहीं कर पाए थे। श्री सीएम सर ने अपनी राजनीतिक समझ, अनुभव और परिपक्वता के बल पर दो दशकों से चल रहे पानी के विवाद को हल करके पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के सपने को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सीएम सर के 5D फोकस मॉडल की पहचान कम समय में ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेना है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हाल ही में एक बैठक में सालों पुराने विवाद को सुलझाया. श्री सीएम सर ने राजस्थान की जनता को खुशी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री प्रदेश की जनता से किया गया वादा पूरा करने का काम किया है। साथ ही, उन्होंने विपक्षियों को बताया कि हम शिलान्यास और उद्घाटन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही ईआरसीपी की शुरुआत करेंगे। उससे पहले, राजस्थान में ERCP का इतना महत्व क्यों है?
वास्तव में, ये परियोजनाएं राज्य के 21 जिलों को पानी की कमी से छुटकारा दिलाने वाली हैं। इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान को न केवल पेयजल के लिए पानी मिलेगा, बल्कि उद्योगों, सिंचाई और अन्य उद्देश्यों के लिए भी पानी मिलेगा। 2.80 लाख हेक्टेयर जमीन इस परियोजना से सिंचाई होगी। इससे लगभग २५ लाख किसान लाभान्वित होंगे और उनकी आय में सुधार होगा। प्रदेश की चालिस प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा, जिससे जीवन स्तर और स्वास्थ्य में सुधार होगा। पूर्वी राजस्थान में भी उद्योग और पर्यटन को बल मिलेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। इस परियोजना से मिट्टी की उर्वरता और भूमिगत जल स्तर भी बढ़ेंगे।
ईआरसीपी से जल प्रबंधन में भागीरथ भजनलाल के सफल प्रयास से सीएम सर का 5D फोकस दिखाई देता है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने परियोजना के समझौते के बाद राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बनने वाले भजनलाल शर्मा के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का हवाई दौरा किया। राजस्थान को बहुचर्चित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट से 3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए एक महीने में डीपीआर बनाकर जल्द ही काम शुरू होगा।
इस परियोजना से राज्य के 21 जिले लाभान्वित होंगे: झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर नगर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक और दूदू। ईआरसीपी, श्री सीएम सर के प्रयासों से बना हुआ है, राजस्थान के विकास और लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण योगदान देगा।