#बुलबुल
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DAY 6036
Jalsa, Mumbai Aug 27, 2024/Aug 28 Tue/Wed 12:50 am
Birthday - EF - Sandeep Singh Sandhu , Wednesday, 28 August .. .. our greetings on this day happiness ever ❤️❤️
Birthday - ABEF - dr Anil Vasudev .. from Kolhapur .. all good wishes 🌹
when in the sublime time of the night .. the desire to be with Babuji :
to bring to translation will be an onerous task .. so I shall depend upon the non Hindi challenged to bring up a legitimate translation of the words of Babuji ..
"to give percentages in poetry ( ref to a percentage on a particular poem asked by the letter writer) is an impossible task .. काव्यालोचन kaavyalochan , the eyes of a poet or his sights on his work , and Maths have a difference ..
what I had to say in my poetry I have said it .."
there is reference to types of poetry that came into prominence in the Hindi poetic world .. to which Babuji expresses that he has been a part of several of these वाद -vaad .. an assertion, a point of view , a proposition , a theory .. because he has remained स्फुरित - sfurit .. disturbed and agitated .. life is not a 'vaad' वाद - an assertion , a point of view et al .. it is all this and more .. and he quotes a few lines from his poem Madhushala 'BulBul 'बुलबुल ...
" we have अनुराग anuraag - an attachment , an affection, love passion and devotion , with LIFE ..
we have an anger a vidroh विद्रोह - a revolt a rebellion towards LIFE ..
but how can they understand this, those that have a love or a desire to keeping it tied down within limited borders .. "
and a certain breathlessness enraps my sentiment and being .. a breathless feel of sudden closure .. it is a sinking feel .. I walk up to the reservoir that stores the aqua .. and in its chilling form gulp down a few morsels of it .. 'morsels' .. yes .. correctly perhaps used in the consumption of food .. but water be the food of life is it not ?
( uhh .. sounding a bit like those British English commentators, who end each observation with an 'isn't it, ain't it .. a seeking reassurance to themselves , so their comment may not be judged , or misjudged 🤣)
some more aqua went in .. a reassurance to my temperament ..🤣🤣
the late hours are beginning to suit the temperament of this Blogomaestra .. the night becomes longer at times and the slumber , subtle and finite .. provided of course the next day does not beckon one to work .. then it is a different story isn't it ?? 🤣
right then .. enough of self preservation .. may the elements take over .. they produced us , took us in their care , they shall destroy us and get rid of us too - LIFE ..
"रात आधी हो गई है ;
जागता मैं आँख फाड़े,
हाए सुधियों के सहारे ;
जब कि दुनिया स्वप्न के जादूनगर में सो गई है '
रात आधी हो गई है"
~ बच्चन
"the night is half done ; eyes wide open I am awake , on the support and dependence of my memories , when the world is fast asleep in the magical world of their dreams"
Amitabh Bachchan
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Jab naraz ho jau to mujhe sorry nahi chahiye hota , sirf ye gaa de Mera pasandida mard 😔
"काहे खफा ऐसे चुलबुल से बुलबुल
काहे ना तू माने बतिया हाए "....
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महंत कैलाश गिरि, नागा बाबा जूना अखड़ा
ब्लॉग- महंत कैलाश गिरि, नागा बाबा जूना अखड़ा सवेरे के मित्र मेरे घरपरिसर के पेड़ पौधे और जीव होते थे। आज मेरा सौभाग्य था कि बाबा जी अपने से आ गये। जाते जाते मेरे परिवार को, मेरी पत्नी, बिटिया-दामाद और बेटा-बहू को भी आशीर्वाद दे कर गये।
सवेरे मैंं अपने घर परिसर में एक घण्टा साइकिल चला चुका था। ��र में अकेला था तो खुद एक थर्मस चाय बना कर पोर्टिको में बैठा चाय पी रहा था। एक डिब्बे में रखी फीकी नमकीन चिडियों को डालता जा रहा था। चरखियां, मैना, रॉबिन, बुलबुल, गिलहरी और कौव्वे हाजिरी लगा गये थे। लंगड़ा कौव्वा थोड़ा देर से आया। वह नहीं दिखता तो फिक्र होती है। विकलांग है तो कोई और ठौर ठिकाना भी नहीं है उसका। घर का सदस्य है तो फिक्र होनी ही…
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खुला खत
ना वतन की बात कर ना बुलबुल ए चमन की बात कर चाहता है मुनतखिब होना हिंदू मुसलमान की बात कर । तू राहबर नही रहजन ठहरा तेरा काम है मुंतखिब होना खातिर फरोख्त ए वतन भारत पाकिस्तान की बात कर। हर कोई नही होता खसलत ए मीर जाफर से लैस तू पेशर नाथू ठहरा कत्ल व गारत गरी की बात कर। खौफ नहीं मुझको तेरे किसी भी जिंदान का मैं हूं मुसलमान मेरे नस्ल कुशी की बात कर । किस को डरा रहा है अपने काले कारनामों…
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लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में
किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में
इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़-दार में
काँटों को मत निकाल चमन से ओ बाग़बाँ
ये भी गुलों के साथ पले हैं बहार में
बुलबुल को बाग़बाँ से न सय्याद से गिला
क़िस्मत में क़ैद लिक्खी थी फ़स्ल-ए-बहार में
कितना है बद-नसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिए
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में
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Tatanagar Scout and Guide: टाटानगर स्काउट एंड गाइड डेन में मनाया गया पचमढ़ी दिवस
जमशेदपुर: टाटानगर स्काउट एंड गाइड डेन परिसर में 10 सितंबर को पचमढ़ी दिवस समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ लीडर महेश कुमार चौहान व दुर्गा राव ने संयुक्त रुप से किया. इस कार्यक्रम में 6 कबस, 8 बुलबुल, 8 स्काउट, 4 गाइड, 16 रोवर्स , 02 रेंजर्स ने भाग लिया. इस दौरान लीडर महेश चौहान ने पचमढ़ी दिवस के बारे में विस्तार पूर्वक बताया.
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ये आरज़ू थी तुझे गुल के रूबरू करते
ये आरज़ू थी तुझे गुल के रूबरू करते हम और बुलबुल ए बेताब गुफ़्तुगू करते, पयाम्बर न मयस्सर हुआ तो ख़ूब हुआ ज़बान ए ग़ैर से क्या शरह ए आरज़ू करते, मेरी तरह से मह ओ मेहर भी हैं आवारा किसी हबीब की ये भी हैं जुस्तुजू करते, हमेशा रंग ए ज़माना बदलता रहता है सफ़ेद रंग हैं आख़िर सियाह मू करते, लुटाते दौलत ए दुनिया को मय कदे में हम तिलाई साग़र ए मय नुक़रई सुबू करते, हमेशा मैं ने गरेबाँ को चाक चाक किया तमाम…
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एन एस एस का सात दिवसीय शिविर संपन्न
एन एस एस का सात दिवसीय शिविर संपन्न
अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज में एन एस एस का सात दिवसीय शिविर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कैंप फायर के साथ संपन्न हुआ। जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें - जगें । समवेत स्वर में छात्राओ द्वारा गाया हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य गीत देर तक फिजाओं में गूँजता रहा। इस अवसर पर छात्राओं को अपना आशीर्वाद देते हुए मुख्य अतिथि माननीय चौधरी जगवीर सिंह प्रधान जी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए समर्पित यह सभी छात्राएं अभिनंदनीय हैं । अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राएं तो विशेष रूप से सराहनीय है ।यह क्षेत्र में निरंतर ही सक्रिय रहती है ।प्राचार्य डॉ अनिल वाजपेयी ने कहा कि हमारी छात्राएं युवा भारत की ऊंची उड़ान है। इस अवसर पर छात्राओं ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम - गणेश वंदना, नाटक ,भाव गीत ,समूह नृत्य,मिमिक्री आदि की प्रस्तुति की। प्रियंका ,अल्पना, शिखा, नवीन, कनिष्का ,अनुष्का ,श्वेता ,पूनम, पूर्वी, चांदनी संजीवनी तमन्ना दुर्गेश डिंपल ,शिवांगी ,खुशी, मोनिका, संध्या, निधि, बुलबुल, वर्षा, सोनम, की प्रस्तुति विशेष थी। ज्ञात हो कि इस सात दिवसीय शिविर में लगभग 50 छात्राओं ने प्रतिदिन विविध कार्यक्रमों- साक्षरता अभियान, G-20 निबंध लेखन , G-20 पोस्टर निर्माण कार्यक्रम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम , वाद-विवाद, सड़क सुरक्षा कार्यक्रम एवं विविध सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्साह पूर्वक भाग लिया।छात्रा लक्ष्मी ,नवज्योति ,अनमोल, संगम, जया, ज्योति ,दीक्षा ,मोनिका, सपना, श्वेता ,शिवानी, रोचना विशेष सक्रिय रह���। सात दिवसीय शिविर के संयोजन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ निर्मल वर्मा , प्रवक्ता संध्या चौहान, मांडवी राठौर, विट्ठल पाराशर , नूतन देहर, मोनिका ,कनिका, शायमा, काजल, की प्रमुख भूमिका रही।
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DAY 5599
Jalsa, Mumbai June 16/17, 2023 Fri/Sat 1:27 AM
🪔 .. June 17 .. birthday happiness to .. Ef Rajeev Sharma from NYC .. Ef Sigali Siman Tov .. and Ef Rishit Shukla from Ahmedabad .. love to all from your Ef Family ❤️❤️❤️ and the prayers for you to remain well and happy .. 🙏🏻🚩
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा !
यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का, लहरा-लहरा ये शाखाएँ कुछ शोक भुला देतीं मन का, कल मुर्झाने वाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो, बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का, तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो, उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा !
~ harivansh rai bachchan
this end dear one , there is the nectar of fragrant flowers ; wonder what there shall be the other end ;
the moon doth rise above on skies , and relinquishes the burning heat of life ;
the dancing branches of the trees, doth make thee forget the pain in the mind ;
the dried up buds of the flower, do smile and say , be in trance of joy ;
the bulbul on the tree doth sound the messages of your youth with glee ,
you give me the cup of wine and do enhance the state of my mind ;
but who shall enhance my state the other end in the tradition or responsibility of the look after ..
~ HRB ..
Amitabh Bachchan
when in doubt of trite .. recite
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भाकपा माओवादी के 15 लाख का ईनामी रीजनल कमांडर अमन गंझू ने किया सरेंडर
भाकपा माओवादी के 15 लाख का ईनामी रीजनल कमांडर अमन गंझू ने किया सरेंडर
रांची। भाकपा माओवादी के 15 लाख का ईनामी रीजनल कमांडर अमन गंझू उर्फ अनिल गंझू उर्फ प्रमुख सिंह भोक्ता उर्फ काजू जी उर्फ काजू भोक्ता ने बुधवार को आईजी कार्यालय में सरेंडर किया। इसके खिलाफ 17 मामले दर्ज थे।अमन गंझू औरंगाबाद के ढिबरा थाना क्षेत्र के झरना गांव का रहने वाला है। सरेंडर करने के बाद ईनाम की राशि उसे दे दी गयी। गौरतलब हो कि 8 फरवरी को लातेहार के बुलबुल जंगलों में पुलिस ने डबल बुल ऑपेरशन…
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नेटफ्लिक्स दिसंबर 2022 रिलीज़: कला, द ग्लास अनियन, एमिली इन पेरिस सीज़न 3 और बहुत कुछ
नेटफ्लिक्स दिसंबर 2022 रिलीज़: कला, द ग्लास अनियन, एमिली इन पेरिस सीज़न 3 और बहुत कुछ
नेटफ्लिक्स इंडिया दिसंबर 2022 का आनंद ले रहा है, जिसने अब तक पांच मूल की घोषणा की है। (वास्तव में, स्ट्रीमिंग सेवा ने अब तक चार “घोषणाएं” की हैं – लेकिन हमने अंतर्राष्ट्रीय नेटफ्लिक्स लिस्टिंग के माध्यम से चौथी खोज की है।) दिसंबर से कलासे एक पूर्व-स्वतंत्रता मनोवैज्ञानिक नाटक बुलबुल अन्विता दत्त द्वारा निर्देशित और मुख्य भूमिकाओं में तृप्ति डिमरी, स्वस्तिका मुखर्जी और बाबिल खान हैं। इसमें, एक…
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हाल के समय में अवश्य देखें डरावनी फिल्में
हाल के समय में अवश्य देखें डरावनी फिल्में
भले ही डरावनी शैली भारतीय सिनेमा उद्योग की ताकत न हो, लेकिन ऐसे कई उदाहरण हैं जहां फिल्म निर्माताओं ने कला के ऐसे काम किए हैं जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और देखने के बाद लंबे समय तक दर्शकों के दिमाग में रहते हैं। तो कौन कहता है कि हॉरर फिल्मों की तलाश में कोई बॉलीवुड की ओर रुख नहीं कर सकता है? हम���े अपनी सूची तैयार की है पसंदीदा बॉलीवुड डरावनी फिल्में हाल के दिनों में ताकि आप अपने सबसे…
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#डरावनी फिल्में अवश्य देखें#डरावने चलचित्र#तुम्बाड#परी#पिशाच#फोन बूथ#बुलबुल#भूत पार्ट वन#भूत पुलिस#भूतों की कहानियां#भूल भुलैया 2#भेड़िया#रूही#लक्ष्मी#सर्वश्रेष्ठ डरावनी फिल्में#स्त्री#हाल की डरावनी फिल्में#हाल के दिनों की डरावनी फिल्में
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Veer Savarkar: सावरकर, बुलबुल अन् अंदमान वादावर लेखकाच्या पत्नीचे स्पष्टीकरण
Veer Savarkar: सावरकर, बुलबुल अन् अंदमान वादावर लेखकाच्या पत्नीचे स्पष्टीकरण
Veer Savarkar: सावरकर, बुलबुल अन् अंदमान वादावर लेखकाच्या पत्नीचे स्पष्टीकरण Veer Savarkar: व्हायरल होत असलेल्या धड्यातील या दोन ओळींमुळे लेखकावर खूप टीका केली गेली. तसंच कर्नाटक सरकारची खिल्लीही उडवण्यात आली. Veer Savarkar: व्हायरल होत असलेल्या धड्यातील या दोन ओळींमुळे लेखकावर खूप टीका केली गेली. तसंच कर्नाटक सरकारची खिल्लीही उडवण्यात आली. Go to Source
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#savarkar:#veer#अंदमान#अन्…#आंतर राष्ट्रीय मराठी बातम्या#आंतरराष्ट्रीय#आंतरराष्ट्रीय बातम्या#पत्नीचे#बुलबुल#भारत लाईव्ह मीडिया इंटरनेशनल#मराठी वल्ड न्यूज#लेखकाच्या#वादावर#वैश्विक बातम्या#सावरकर’#स्पष्टीकरण
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तोता मैना By Om Prakash Aditya
भारत में एक दिल्ली है, जहाँ क़ुतुब की बिल्ली है। दिल्ली के कुछ हिस्से हैं, सबके अपने किस्से हैं। एक पुरानी एक नई, दोनों सम्मुख देख गई। कनाट प्लेस है एक यहाँ, चलते हैं दिलफेंक यहाँ। ये गुलाब का लिली का, नई पुरानी दिल्ली का। सबसे सुन्दर हिस्सा है, उसी जगह का किस्सा है। सांझ हुई दिन बीत गया, दिन हारा तम जीत गया। जवां दिलों के धड़कों पर, कनाट प्लेस की सड़कों पर। परियों का अवतरण हुआ, गन्धर्वों का हरण हुआ। मन सपनों के महक उठे, तरुओं पर खग चहक उठे।
एक नीम के तरुवर पर, बैठे थे दो खग सुन्दर। एक डाल पर मैना थी, मैना सूर्य उदयना थी। स्वर्ण नीड़ में लेटी थी, ऊँचे घर की बेटी थी। अंग्रेजी में गाती थी, हिंदी में शर्माती थी। इंग्लिश उसकी अच्छी थी, किसी मेम की बच्ची थी। उसी डाल पर तोता था, बैठा बैठा रोता था। तोता भोला भाला था, नीली कंठी वाला था। वो हिंदी में अच्छा था, निर्धन घर का बच्चा था। मौसम कुछ कुछ सर्द हुआ, हमदर्दी का दर्द हुआ। मैना बोली हाउ डू यू डू, तोता बोला व्याकुल हूँ।
उड़ कर ऊपर जाता हूँ, फिर नीचे आ जाता हूँ। जब नीचे आ जाता हूँ , फिर ऊपर उड़ जाता हूँ। कोई निश्चित पंथ नहीं, पथ का कोई अंत नहीं। सपनों की जलती होली, मिस मैना हंस कर बोली। मिस्टर तोते थिंकर हो, लगता है तुम किंकर हो। ये भी सबा पुराना है, अब मॉडर्न जमाना है। खेलो खाओ डांस करो, चांस मिले रोमांस करो। रॉक-एन -रोल सीख लो तुम, दिल का बोल सीख लो तुम। तोता बोला हे चपले, विरल जनम में हरि जप ले। मैना बोली हे साधो, तुम हो मिट्टी के माधो।
बूढ़े होकर हरि जपना, जंगल में जाकर तपना। तोता बोला गूढ़ गते, भज गोविंदम मूढ़ मते। मैना बोली यंग हो तुम, लेकिन दिल से तंग हो तुम। इसी भाँत बातें करते, बात��ं की सरिता बहते। दोनों का सम्पर्क हुआ, उसी गगन में अर्क हुआ। कनाट प्लेस की सडकों से, कुछ बेहूदी लड़कों से। घबरा कर सकुचा कर वे, मन ही मन उकता कर वे। उड़े इंडिया गेट गए, हरी घास पर लेट गए। शीतल मंद सुवात चली, कम्पित करती गात चली। रस की भीनी रात चली, और लव मैरिज की बात चली।
मैना बोली यू लव मी? तोता बोला तू लव मी। मैं ब्राह्मण का बेटा हूँ, अपने कुल में जेठा हूँ। तू किस कुल की बाला है? किसने तुझको पाला है? मैं हूँ अग्निहोत्रवता, क्या है तेरा गोत्र बता? मैना ने महसूस किया, कुल को इंट्रोड्यूस किया। मम्मी मेरी कोर्ट गयी, लेकर डाईवोर्स गयी। भाग हमारे तले गए, डैडी मेरे चले गए। डिग्री लेने लन्दन में, सेंट मिलाने चन्दन में। तोता बोला हे मीते, नूतन युग की नवनीते। मेरा कुल तो कच्चा है, तेरा ही कुल अच्छा है।
हम गठबंधन जोड़ेंगे, हर बंधन को तोड़ेंगे। कुसुम कली सी खिलना कल, आठ बजे फिर मिलना कल। दूजे दिन का किस्सा है, लव का अंतिम हिस्सा है। रख दिल पर पत्थर तोता, नैनों में जल भर तोता। दो घंटे से खड़ा हुआ, एक डाल में पड़ा हुआ। देख रहा था इधर उधर, हाय ये मैना गयी किधर। तभी किसी का कोमल सर, आ टिका तोते के कंधे पर। ओ माई डीयर आई हैव कम, तोता बोला ओ निर्मम। तेरी प्रणय प्रतीक्षा में, बैठ स्कूटर रिक्शा में। सब सड़कों का भ्रमण किया, दोपहरी तक रमण किया।
कहीं न तेरे चिन्ह मिले, सब चौराहे खिन्न मिले। मुझसे दंभ किया तूने, बहुत विलम्ब किया तूने। मैना हँस के ख़ुदक गई, दो फुट पीछे फुदक गयी। कितने इनोसेंट हो तुम, बुद्धू सौ परसेंट हो तुम। कच्चे हो लव नॉलेज में, क्या पढ़ते हो कॉलेज में। हँस दी मैना यू नौटी, तोते को च्योंटी काटी। भावों का बिल कैश किया, छोटा सा दिल पेश किया। लव के सपने सच कर दो, मेरे दिल को टच कर दो। आसमान के स्टार हो तुम, मेरे दिल के पार हो तुम। मैरिज लाईसेन्स हो तुम, लाइफ इंश्योरेंस हो तुम।
मेरे दिल में टॉप हो तुम, डीयर लौलीपॉप हो तुम। में हूँ व्हिस्की तुम हो रम, तोता बोला सुन्दरतम। मैना कुछ आगे सरकी, तोते की बाहें फड़की। पाँखों से टच पाँख हुई, सभी इन्द्रियाँ आँख हुईं। तोता मन में फूल गया, हिंदी पढ़ना भूल गया। तोता बोला यू लवली, सुन्दरता की एक कली। दिल पर चलती ट्रेन ह��� तुम, मीठा मीठा पेन हो तुम। ब्यूटी में भी बीट हो तुम, आय हाय कितनी स्वीट हो तुम। मैं दिल्ली का तोता हूँ, कनाट प्लेस में रोता हूँ। तुम हो पैरिस की बुलबुल, मैना बोली वंडरफुल।
हिंदी इंग्लिश एक हुए, जब दो पंजे शेक हुए। हिंदी जब अंग्रेज़ हुई, दिल की धड़कन तेज हुई। कल्चर देकर कर्ज़े में, बैठ विदेशी दर्जे में। वे दो आँसू लूट गए, भाग देश के फूट गए। आओ हम सब ध्यान करें, मिल कर यह गुणगान करें। आई लव यू एंड यू लव मी, या मैं लव तू एंड तू लव मी।
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