#बीएचएमएस
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‘पहले नशा करता, फिर लड़कियों के कपड़े पहनता’, इंदौर के BHMS डॉक्टर का शौक जान उड़ जाएंगे होश
मध्य प्रदेश के इंदौर में क्राइम ब्रांच ने नए साल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एक हैरान करने वाले मामले का खुलासा किया है. इस ताजे मामले में पुलिस ने एक बीएचएमएस डॉक्टर को 30 ग्राम एमडी ड्रग्स और ढाई किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा गिरफ्त में आया नशेड़ी डॉक्टर, ना केवल लोन लेकर नशे का धंधा कर रहा था बल्कि खुद भी नशे का आदी हो गया है. इस नशेड़ी डॉक्टर को लेकर पुलिस ने एक और…
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होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्माः इटवा से विश्व पटल तक 20 वर्षाें का क्या है सतत योगदान
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर जनपद के इटवा कस्बा से होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा मरीजों के लिए भगवान बनकर प्रकट हुए। होम्यौपैथिक चिकित्सा पद्धति से मरीजों को स्वस्थ करने की ख्याति धीरे धीरे उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश और विदेशों में फैल गयी। - होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से विशेष भेंटवार्ता क्या है होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति, उनके इलाज का तरीका, बिमारियों को ठीक करने हेतु किए गए अनुसांधान, होम्योपैथी तथा अन्य चिकित्सा पद्धति की दवाओं का प्रभाव, दुष्परिणाम आदि पर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से सोमवार को एक खास बातचीत की गयी। आइए जानते हैं, उनके द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सक क्षेत्र में लगभग 20 वर्षाें से किए गए योगदान की प्रश्नोत्तर रूप में खास बातें। प्रश्न- चिकित्सा के क्षेत्र में आपके पास कौन- कौन सी डिग्री है? उत्तर- मेरे पास होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की विश्व की सबसे बड़ी डिग्री है। बीएचएमएस, एमडी (होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका) पीएचडी (होम्योपैथिक)। प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा में अपना रजिस्ट्रेशन किन-किन जगहों पर कराया है और रजिस्ट्रेशन नंबर कितना है? उत्तर- मेरा रजिस्ट्रेशन होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड उत्तर प्रदेश में जिसका है, रजिस्ट्रेशन नंबर एच 028454 तथा केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद नई दिल्ली भारत सरकार में 2539 है। प्रश्न- अभी तक आपने कितने पुस्तकों का लेखन किया है तथा समाज में इसका क्या प्रभाव रहा है? उत्तर- मैंने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की 156 पुस्तकों का लेखन किया है। हमा��ी प्रकाशित पुस्तकों के द्वारा समाज में जागरूकता उत्पन्न हुई है। लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए और समय रहते अपने इलाज के लिए तत्पर हुए हैं। प्रश्न- आप अब तक कितने निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन कर चुके हैं? उत्तर- सैकड़ों निशुल्क चिकित्सा शिविर का लगा चुका हूं। विभिन्न स्थानों पर निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने से वहां के स्थानीय लोगों को जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें तत्काल सुविधा मिली है��� प्रश्न- क्या आपका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है, किसके लिए दर्ज है? उत्तर- मेरा नाम होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में लार्जेस्ट होम्योपैथी लेशन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। विश्व का एकमात्र चिकित्सक हूं जो मेरा नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में होम्योपैथी के क्षेत्र में दर्ज है। इससे विश्व के तमाम देशों में स्वास्थ्य के प्रति कार्य करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। जिसमें श्रीलंका, जापान, जर्मनी, लंदन, कंबोडिया इत्यादि देशों में एक सकारात्मक संदेश गया। इसके अलावा वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक, इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड आदि 58 वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज है। प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा की कौन-कौन सी पुस्तकों का लेखन किया है। कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों का नाम बताएं? उत्तर- टेक्स्ट बुक ऑर्गनॉन ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन, होम्योपैथिक रिपोर्टरी एंड केस टेकिंग, होम्योपैथिक फार्मेसी, प्रैक्टिस ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन, द ह्यूमन एनाटॉमी, द ह्यूमन फिजियोलॉजी, जनरल पैथोलॉजी, होम्योपैथिक साइकोलॉजी, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी, टेक्सबुक ऑफ़ बायोकेमेस्ट्री, होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका भाग 1 भाग 2 भाग 3, होम्योपैथिक थैरेपीयूटिक्स, कैंसर एंड होम्योपैथी, होम्योपीडिया मैटेरिया मेडिका, प्रश्न- आपके द्वारा होम्योपैथी में कोई शोध पत्र भी प्रकाशित किया गया है? उत्तर- जी हां, मेरे द्वारा विश्व के टॉप रिसर्च जर्नल पबमेड, स्कोपस, पीर रिव्यूड, यूजीसी केयर रिसर्च जर्नल में मेरे 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। प्रश्न- होम्योपैथी क्या है? उत्तर- होम्योपैथी शब्द का अर्थ है- “समान पीड़ा”। जब एक स्वस्थ व्यक्ति को औषधीय रूप से प्रेरित पदार्थों की उच्च खुराक दी जाती है, तो वे कुछ लक्षण विकसित कर सकते हैं। होम्योपैथिक दवा या होम्योपैथी इस आधार पर काम करती है कि जब एक ही पदार्थ को पतला किया जाता है, तो वे विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाले समान लक्षणों के उपचार में मदद करते हैं। होम्योपैथिक दवाएं रोगाणुओं पर हमला करने के लिए नहीं जानी जाती हैं, बल्कि रोग के कारण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती हैं। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के अलावा, होम्योपैथिक दवाएं रोग��� के मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक कल्याण को बढ़ावा दे सकती हैं, जो उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। प्रश्न- क्या होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट होता है? उत्तर- होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथी के तरह इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। अंग्रेजी मेडिसिन में आप जिस भी बीमारी के इलाज के लिए जिस भी दवा का सेवन करते हैं, उसका कोई न कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। ट्यूबरकुलोसिस की दवा टीबी का इलाज तो करती है, लेकिन साथ ही लिवर पर भी नकारात्मक असर डालती है। माइग्रेन के लिए ली जा रही दवा का साइड इफेक्ट ये है कि ये रक्त को पतला करती है। किसी भी तरह के दर्द के लिए हम जो पेनकिलर लेते हैं, वो पेनकिलर शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर रहा होता है। लेकिन होम्योपैथी के साथ ऐसा नहीं है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा सिर्फ उस बीमारी और कष्ट का ही निवारण करती है, जिसके लिए वह दी जा रही है। प्रश्न- क्या होम्योपैथी द्वारा सभी रोगों का इलाज किया जा सकता है? उत्तर- चिकित्सा की किसी भी अन्य प्रणाली की तरह, होम्योपैथी की भी अपनी सीमाएँ हैं। होम्योपैथी द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा सकता है। सिर्फ ऐसे मामलों के सिवाए जिसमें शल्य-चिकित्सा की आवश्यकता है। इसके अलावा, कुछ तथा-कथित शल्य-चिकित्सीय रोग जैसे कि बढ़े हुए टॉन्सिल, किडनी स्टोन, बवासीर, गर्भाशय के ट्यूमर इत्यादि का भी होम्योपैथी द्वारा इलाज किया जा सकता है। प्रश्न- होम्योपैथी गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है? उत्तर- होम्योपैथिक दवाएं अपनी प्रकृति में चूंकि आक्रामक नहीं होतीं, इसलिए यह गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। कमजोर शरीर पर इनका कोई नकारात्मक असर नहीं होता। प्रश्न- होम्योपैथिक दवा कितने दिन में काम करती है? उत्तर- होम्योपैथिक दवाओं के असर करने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है। अगर रोग की हाल ही में उत्पत्ति हुई है तो इलाज कम समय में ही पूरा किया जा सकता है। ऐसे में, अगर दवा का चयन, प्रभावशीलता एवं पुनरावृत्ति का समय सही हो तो होम्योपैथिक दवाएं जल्द असर करती हैं। प्रश्न- क्या यह सच है कि होम्योपैथिक इलाज के दौरान चाय, प्याज, लहसुन आदि का सेवन करना मना होता है? उत्तर- नहीं यह सच नहीं है, होम्योपैथिक इलाज के दौरान प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पान इत्यादि का सेवन करना मना नहीं होता है। प्रश्न- क्या मधुमेह के रोगी ऐसी होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं जिसमें चीनी होती है? उत्तर- हाँ, मधुमेह के रोगी चीनी युक्त होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इन दवाओं में चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। जरूरत अनुसार, यह दवाइयां आसुत जल के साथ भी ली जा सकती हैं। Read the full article
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मॉक टेस्ट क्या है?
ष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा या आमतौर पर नीट-यूजी के रूप में जाना जाने वाला एक प्री-मेडिकल परीक्षा है जो मेडिकल उम्मीदवारों की योग्यता और क्षमता का परीक्षण करने के लिए है जो अंडरग्रेजुएट स्टडी प्रोग्राम (एमबीबीएस), दंत चिकित्सा (बीडीएस), और आयुष (बीएएमएस) करना चाहते हैं। बीएचएमएस, बीयूएमएस)।
जब तक NEET परीक्षा आयोजित की जाती है, छात्रों और शिक्षकों का समान रूप से मानना है कि मॉक टेस्ट का प्रयास करने से छात्रों को परीक्षा की अच्छी तैयारी क���ने में मदद मिलती है।
इसलिए, इससे पहले कि हम इस विषय पर चर्चा करें, "नीट के लिए मॉक टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है" और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र को हल करने से नीट में उच्च स्कोर करने में कैसे मदद मिलती है, आइए सबसे पहले समझते हैं कि म��क टेस्ट क्या है।
मॉक टेस्ट क्या है?
मॉक टेस्ट (मल्टीपल ऑप्शंस चेकिंग टेस्ट) अच्छी तरह से तैयार किए गए प्रश्न बैंक हैं जिन्हें लेटेस्ट सिलेबस और रेस्पेक्टिव एग्जाम पैटर्न के अनुसार डिज़ाइन किया गया है ताकि छात्र उक्त परीक्षा की तैयारी के लिए उन प्रश्नों का अभ्यास कर सकें।
रिवीज़न+अभ्यास+मॉक टेस्ट = योग्य
मॉक टेस्ट में हमेशा आपकी नियमित तैयारी की रणनीति के साथ-साथ रेगुलर प्रिपरेशन स्ट्रैटर्जी और प्रश्नों का अभ्यास करना शामिल होना चाहिए क्योंकि केवल एक या दो बार अभ्यास का अभ्यास करने से आप कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। आपके पास परीक्षा के लिए सीमित समय है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी स्पीड, एक्यूरेसी और टाइम-मैनेजमेंट कौशल का परीक्षण करने के लिए मॉक टेस्ट का प्रयास करें।
इसलिए, आप परीक्षा की तैयारी को अधिक स्पेसिफिक तरीके से टारगेट करने में सक्षम होंगे। प्रश्नों का अभ्यास करने से केवल प्रश्नों को हल करने की आपकी क्षमता में वृद्धि होगी लेकिन इसे एक कुशल और प्रभावी तरीके से करने के लिए, आपको जितना हो सके मॉक टेस्ट पेपर को हल करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
परीक्षा पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार
मॉक टेस्ट हल करने से, छात्र वास्तविक परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार से परिचित होंगे, परीक्षा पैटर्न को समझेंगे और उसके अनुसार प्रश्नों को हल करने की रणनीति बनाएंगे, और यह जानेंगे कि कौन से विषय अंकों का अधिक भार उठाते हैं ताकि वे ऐसे अध्याय अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं।
स्पीड और एक्यूरेसी बढ़ाएँ
यदि आपका ध्यान केवल सही उत्तर प्राप्त करने पर है तो हो सकता है कि आप आधे पेपर को बिना प्रयास के ही छोड़ दें और इससे आपके अंक कम हो जाएंगे। इसलिए, एक्यूरेसी के साथ-साथ अपने टाइम-मैनेजमेंट और स्पीड पर काम करना भी आवश्यक है ताकि आप अपने सपनों के कॉलेज में प्रवेश करने के लिए 180 में से कम से कम 160 अंक प्राप्त कर सकें।
रणनीति बनाना
मॉक टेस्ट आपको उन प्रश्नों के प्रकार का अनलाईज़ेशन करने में मदद करते हैं जो परीक्षा में आने की संभावना है और उच्च अंक ले सकते हैं। इस प्रकार, यह आपको उस रणनीति के साथ अधिक एक्यूरेट होने में मदद करता है जिसका आप वास्तविक परीक्षा में पालन करने की योजना बना रहे हैं।
मॉक टेस्ट स्कोर आपको अपने स्वयं के प्रदर्शन का अनलाईज़ेशन देते हैं
मॉक टेस्ट देते समय आपके सामने ऐसे प्रश्न आते हैं जिन्हें आप ��िल्कुल भी हल नहीं कर पाते हैं। इससे आपको पता चलता है कि आप में कहां कमी है और इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है। मॉक टेस्ट आपके प्रदर्शन को मापने और उस पर सुधार करने के लिए अपने कमजोर क्षेत्रों को खोजने का एक अच्छा तरीका है।
आपको टाइम-मैनेजमेंट सिखाता है
अपने टाइम तो मैनेज करना सीखना एक आवश्यक स्किल्ल्स है जो न केवल परीक्षा में बल्कि सामान्य जीवन में भी आपकी मदद करेगा। इसलिए अधिक से अधिक मॉक टेस्ट पेपर का अभ्यास करें ताकि आप अपने टाइम-मैनेजमेंट स्किल्स पर लगातार काम कर सकें।
परीक्षा के बुखार को मिटाने में आपकी मदद करता है
मॉक टेस्ट पेपर का अभ्यास करने से आपको अपने कौशल और तैयारी में विश्वास हासिल करने में मदद मिलती है और अंततः मुख्य परीक्षा के बारे में आपकी घबराहट और परिणामों के बारे में चिंता कम हो जाती है।
अब जब हम जानते हैं कि मॉक टेस्ट छात्रों को परीक्षा के लिए एक रणनीति बनाने, कमजोर क्षेत्रों, स्पीड और एक्यूरेसी पर काम करने और उनके प्रदर्शन का विश्लेषण करने में मदद करते हैं, तो इन गलतियों और कमजोर क्षेत्रों में सुधार करना भी महत्वपूर्ण है।
अपने मॉक टेस्ट स्कोर में सुधार कैसे करें?
रिवीज़न
जब आपने किसी विशेष अध्याय पर मॉक टेस्ट पेपर पूरा कर लिया है और अपनी गलतियों को एनालाइज कर लिया है, तो यह जांचने के लिए कि आपने गलती क्यों की, अध्याय को फिर से दोहराने का प्रयास करें। आपको अध्यायों को 1-2 बार दोहराना चाहिए और फिर मॉक टेस्ट पेपर को फिर से हल करना चाहिए।
बार-बार अभ्यास करें
रिवीजन करने के बाद, मॉक टेस्ट का फिर से अभ्यास करें और अपने कमजोर क्षेत्रों में सुधार करने और अपने मजबूत क्षेत्रों को और अधिक मजबूत करने पर काम करें। यदि आपको अभी भी संदेह है, तो मेंटर्स और शिक्षकों से सहायता लेने का प्रयास करें और इसे जल्द से जल्द हल करें।
प्रश्नों को हल करने के क्रिएटिव तरीके खोजें
किसी प्रश्न को हल करने के लिए हमेसा एक से अधिक तरीके होते हैं। इसलिए स्पीड और एक्यूरेसी विकसित करने के लिए कम समय में प्रश्नों को हल करने के लिए विभिन्न तरीकों, तकनीकों और ट्रिक्स का प्रयास करें।
अपने पिछले मॉक टेस्ट स्कोर को लेटेस्ट के साथ तुलना करें
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आयुष कॉलेजों की फीस तय:सरकारी 19 हजार, निजी में तीन लाख तक ही फीस - Fee Of Ayush Colleges Decided In Uttar Pradesh.
आयुष कॉलेजों की फीस तय:सरकारी 19 हजार, निजी में तीन लाख तक ही फीस – Fee Of Ayush Colleges Decided In Uttar Pradesh.
– फोटो : Social Media विस्तार उत्तर प्रदेश के सरकारी के साथ निजी आयुष कॉलेजों की फीस तय कर दी गई है। कोई भी निजी कॉलेज अब मनमानी तरीके से फीस नहीं वसूल सकेगा। कॉलेज संचालकों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर फीस सार्वजनिक करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस के सरकारी कॉलेजों की फीस 19 हजार की गई है। आरक्षित श्रेणी के छात्रों को 14 हजार देने होंगे। जबकि निजी कॉलेजों की…
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BHMS और BAMS के लिए OJEE NEET काउंसलिंग 2022 ojee.nic.in पर शुरू होगी
BHMS और BAMS के लिए OJEE NEET काउंसलिंग 2022 ojee.nic.in पर शुरू होगी
ओजेईई (ओडिशा संयुक्त प्रवेश परीक्षा) समिति ने आज ओजेईई नीट बीएचएमएस और बीएएमएस परामर्श 2022 की शुरुआत की है। बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) और बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के साथ काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। समिति ने 7 दिसंबर, 2022 को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक अधिसूचना के माध्यम से क��उंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की…
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SPU Mandi: बीएएमएस और बीएचएमएस के लिए दूसरे राउंड की काउंसलिंग का शेड्यूल तय, यहां जानें #news4
बीएएमएस और बीएचएमएस की दूसरे राउंड की ऑनलाइन काउंसलिंग 11 दिसंबर से शुरू होगी। इसमें बीएएमएस की 56 और बीएचएमएस की 66 सीटें भरी जाएंगी। अटल एंड रिसर्च मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक ने इसके लिए शेड्यूल तैयार कर लिया है। 11 से 13 दिसंबर तक फीस के साथ आवेदन पत्र भरे जाएंगे। 14 दिसंबर को कंबाइंड स्टेट मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज ��ामिल रहेंगे। 15 और 16 दिसंबर को…
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Jharkhand- झारखंड में एमबीबीएस, बीडीएस एवं बीएचएमएस के लिए नामांकन 8 अक्टूबर से
Jharkhand- झारखंड में एमबीबीएस, बीडीएस एवं बीएचएमएस के लिए नामांकन 8 अक्टूबर से
रांची: डाक्टर बनने की चाह लिए जिन छात्र-छात्राओं द्वारा देश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु होने वाली परीक्षा नीट परीक्षा दिया है और जिन्हें नीट में सफलता मिली है उन छात्र-छात्राओं के लिए झारखंड राज्य के मेडिकल कॉलेजो में एमबीबीएस, बीडीएस एवं बीएचएमएस पाठ्यक्रम में नामांकन प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. नामांकन के लिए नीट-यूजी के प्राप्तांको के आधार पर सूची तैयार की जा रही है. सूची में निर्धारित…
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अवघ्या काही मिनिटात ' नीट ' चा निकाल जाहीर होणार
अवघ्या काही मिनिटात ‘ नीट ‘ चा निकाल जाहीर होणार
मेडिकल प्रवेशासाठी अत्यंत महत्त्वाची असलेली नीट परीक्षा 17 जुलै रोजी पार पडली होती या परीक्षेचा निकाल अखेर आज 7 सप्टेंबर रोजी जाहीर होणार असून सुमारे 18 लाख विद्यार्थ्यांनी यासाठी नोंदणी केली होती मात्र प्रत्यक्षात साडेसोळा लाख विद्यार्थ्यांनी ही परीक्षा दिली होती. एमबीबीएस, बी ए एम एस, बीएचएमएस तसेच फार्मसी क्षेत्रात प्रवेशासाठी ही परीक्षा अत्यंत महत्त्वाची असून या परीक्षेसाठी विद्यार्थी…
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अवघ्या काही मिनिटात ' नीट ' चा निकाल जाहीर होणार
अवघ्या काही मिनिटात ‘ नीट ‘ चा निकाल जाहीर होणार
मेडिकल प्रवेशासाठी अत्यंत महत्त्वाची असलेली नीट परीक्षा 17 जुलै रोजी पार पडली होती या परीक्षेचा निकाल अखेर आज 7 सप्टेंबर रोजी जाहीर होणार असून सुमारे 18 लाख विद्यार्थ्यांनी यासाठी नोंदणी केली होती मात्र प्रत्यक्षात साडेसोळा लाख विद्यार्थ्यांनी ही परीक्षा दिली होती. एमबीबीएस, बी ए एम एस, बीएचएमएस तसेच फार्मसी क्षेत्रात प्रवेशासाठी ही परीक्षा अत्यंत महत्त्वाची असून या परीक्षेसाठी विद्यार्थी…
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अवघ्या काही मिनिटात ' नीट ' चा निकाल जाहीर होणार
अवघ्या काही मिनिटात ‘ नीट ‘ चा निकाल जाहीर होणार
मेडिकल प्रवेशासाठी अत्यंत महत्त्वाची असलेली नीट परीक्षा 17 जुलै रोजी पार पडली होती या परीक्षेचा निकाल अखेर आज 7 सप्टेंबर रोजी जाहीर होणार असून सुमारे 18 लाख विद्यार्थ्यांनी यासाठी नोंदणी केली होती मात्र प्रत्यक्षात साडेसोळा लाख विद्यार्थ्यांनी ही परीक्षा दिली होती. एमबीबीएस, बी ए एम एस, बीएचएमएस तसेच फार्मसी क्षेत्रात प्रवेशासाठी ही परीक्षा अत्यंत महत्त्वाची असून या परीक्षेसाठी विद्यार्थी…
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अवघ्या काही मिनि��ात ' नीट ' चा निकाल जाहीर होणार
अवघ्या काही मिनिटात ‘ नीट ‘ चा निकाल जाहीर होणार
मेडिकल प्रवेशासाठी अत्यंत महत्त्वाची असलेली नीट परीक्षा 17 जुलै रोजी पार पडली होती या परीक्षेचा निकाल अखेर आज 7 सप्टेंबर रोजी जाहीर होणार असून सुमारे 18 लाख विद्यार्थ्यांनी यासाठी नोंदणी केली होती मात्र प्रत्यक्षात साडेसोळा लाख विद्यार्थ्यांनी ही परीक्षा दिली होती. एमबीबीएस, बी ए एम एस, बीएचएमएस तसेच फार्मसी क्षेत्रात प्रवेशासाठी ही परीक्षा अत्यंत महत्त्वाची असून या परीक्षेसाठी विद्यार्थी…
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सिद्धार्थनगर के डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्यौपैथिक चिकित्सा पर कही बड़ीबात
सिद्धार्थनगर। होम्योपैथी के सिरमौर सिद्धार्थनगर के डॉक्टर भास्कर शर्मा ने मंगलवार को एक भेंटवार्ता में होम्यौपैथी चिकित्सा पद्धति, बीमारियों का इलाज, परहेज तथा अपनी योग्यता के विषय में विस्तार से बताया। प्रस्तुत है उनसे खास बातचीत के कुछ महत्वपूर्ण अशं। प्रश्न- चिकित्सा के क्षेत्र में आपके पास कौन-कौन सी डिग्री है? उत्तर- मेरे पास होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की विश्व की सबसे बड़ी डिग्री है। बीएचएमएस, एमडी (होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका) पीएचडी (होम्योपैथिक)। प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा में अपना रजिस्ट्रेशन किन- किन जगहों पर कराया है और रजिस्ट्रेशन नंबर कितना है? उत्तर- मेरा रजिस्ट्रेशन होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड उत्तर प्रदेश में जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर एच 028454 तथा केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद नई दिल्ली भारत सरकार में 2539 है। प्रश्न- अभी तक आपने कितने पुस्तकों का लेखन किया है तथा समाज में इसका क्या प्रभाव रहा है? उत्तर- मैंने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की 156 पुस्तकों का लेखन किया है। हमारी प्रकाशित पुस्तकों के द्वारा समाज में जागरूकता उत्पन्न हुई है। लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए और समय रहते अपने इलाज के लिए तत्पर हुए हैं। प्रश्न- आप अब तक कितने निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन कर चुके हैं? उत्तर- मैं सौ से अधिक निशुल्क चिकित्सा शिविर का लगा चुका हूं। विभिन्न स्थानों पर निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने से वहां के स्थानीय लोगों को जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें तत्काल सुविधा मिली। प्रश्न- क्या आपका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है किसके लिए दर्ज है? उत्तर- मेरा नाम होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में लार्जेस्ट होम्योपैथी लेशन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। विश्व का एकमात्र चिकित्सक हूं जो मेरा नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में होम्योपैथी के क्षेत्र में दर्ज है। इससे विश्व के तमाम देशों में स्वास्थ्य के प्रति कार्य करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। जिसमें श्रीलंका, जापान, कंबोडिया इत्यादि देशों में एक सकारात्मक संदेश गया। प्रश्न- क्या आपको गूगल ने भी रिसर्च स्कॉलर का प्रमाण पत्र दिया है? उत्तर- जी हां राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय रिसर्च पेपर देने से गठिया रोग, अस्थमा, मधुमेह, एनीमिया, गैस्ट्राइटिस, पीलिया, स्किन डीजीज आदि इत्यादि बीमारियों के बारे में सूक्ष्म से सूक्ष्म बातें और उनका उपचार करने की संपूर्ण जानकारी मिलती है। प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा की कौन-कौन सी पुस्तकों का लेखन किया है। कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों का नाम बताएं ? उत्तर- होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका भाग 1 भाग 2 भाग 3 होम्योपैथिक थैरेपीयूटिक्स, कैंसर एंड होम्योपैथी, होम्योपीडिया मैटेरिया मेडिका। प्रश्न- होम्योपैथी क्या है? उत्तर- होम्योपैथी शब्द का अर्थ है ’समान पीड़ा’। जब एक स्वस्थ व्यक्ति को औषधीय रूप से प्रेरित पदार्थों की उच्च खुराक दी जाती है, तो वे कुछ लक्षण विकसित कर सकते हैं। होम्योपैथिक दवा या होम्योपैथी इस आधार पर काम करती है कि जब एक ही पदार्थ को पतला किया जाता है, तो वे विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाले समान लक्षणों के उपचार में मदद करते हैं। होम्योपैथिक दवाएं रोगाणुओं पर हमला करने के लिए नहीं जानी जाती हैं, बल्कि रोग के कारण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती हैं। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के अलावा, होम्योपैथिक दवाएं रोगी के मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक कल्याण को बढ़ावा दे सकती हैं, जो उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। प्रश्न- क्या होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट होता है? उत्तर- होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथी के तरह इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। अंग्रेजी मेडिसिन में आप जिस भी बीमारी के इलाज के लिए जिस भी दवा का सेवन करते हैं, उसका कोई न कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है। ट्यूबरकुलोसिस की दवा टीबी का इलाज तो करती है, लेकिन साथ ही लिवर पर भी नकारात्मक असर डालती है। माइग्रेन के लिए ली जा रही दवा का साइड इफेक्ट ये है कि ये रक्त को पतला करती है। किसी भी तरह के दर्द के लिए हम जो पेनकिलर लेते हैं, वो पेनकिलर शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर रहा होता है। लेकिन होम्योपैथी के साथ ऐसा नहीं है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह दवा सिर्फ उस बीमारी और कष्ट का ही निवारण करती है, जिसके लिए वह दी जा रही है। प्रश्न-क्या होम्योपैथी द्वारा सभी रोगों का इलाज किया जा सकता है? उत्तर- चिकित्सा की किसी भी अन्य प्रणाली की तरह, होम्योपैथी की भी अपनी सीमाएँ हैं। होम्योपैथी द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा सकता है। सिर्फ ऐसे मामलों के सिवाए जिसमें शल्य-चिकित्सा की आवश्यकता है। इसके अलावा, कुछ तथा-कथित शल्य-चिकित्सीय रोग जैसे कि बढ़े हुए टॉन्सिल, किडनी स्टोन, बवासीर, गर्भाशय के ट्यूमर इत्यादि का भी होम्योपैथी द्वारा इलाज किया जा सकता है। प्रश्न- होम्योपैथी गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है? उत्तर- होम्योपैथिक दवाएं अपनी प्रकृति में चूंकि आक्रामक नहीं होतीं, इसलिए यह गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। कमजोर शरीर पर इनका कोई नकारात्मक असर नहीं होता। प्रश्न- होम्योपैथिक दवा कितने दिन में काम करता है? उत्तर- होम्योपैथिक दवाओं के असर करने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है। अगर रोग की हाल ही में उत्पत्ति हुई है तो इलाज कम समय में ही पूरा किया जा सकता है। ऐसे में, अगर दवा का चयन, प्रभावशीलता एवं पुनरावृत्ति का समय सही हो तो होम्योपैथिक दवाएं जल्द असर करती हैं। प्रश्न- क्या यह सच है कि होम्योपैथिक इलाज के दौरान चाय, प्याज, लहसुन आदि का सेवन करना मना होता है? उत्तर- नहीं यह सच नहीं है, होम्योपैथिक इलाज के दौरान प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पान इत्यादि का सेवन करना मना नहीं होता है। प्रश्न- क्या मधुमेह के रोगी ऐसी होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं जिसमें चीनी होती है? उत्तर- हाँ, मधुमेह के रोगी चीनी युक्त होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इन दवाओं में चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। जरूरत अनुसार, यह दवाइयां आसुत जल के साथ भी ली जा सकती है। Read the full article
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अवघ्या काही मिनिटात ' नीट ' चा निकाल जाहीर होणार
अवघ्या काही मिनिटात ‘ नीट ‘ चा निकाल जाहीर होणार
मेडिकल प्रवेशासाठी अत्यंत महत्त्वाची असलेली नीट परीक्षा 17 जुलै रोजी पार पडली होती या परीक्षेचा निकाल अखेर आज 7 सप्टेंबर रोजी जाहीर होणार असून सुमारे 18 लाख विद्यार्थ्यांनी यासाठी नोंदणी केली होती मात्र प्रत्यक्षात साडेसोळा लाख विद्यार्थ्यांनी ही परीक्षा दिली होती. एमबीबीएस, बी ए एम एस, बीएचएमएस तसेच फार्मसी क्षेत्रात प्रवेशासाठी ही परीक्षा अत्यंत महत्त्वाची असून या परीक्षेसाठी विद्यार्थी…
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Agra:पुनर्मूल्यांकन के नाम पर बीएचएमएस के 78 फीसदी छात्र कर दिए थे पास, एसटीएफ से शिकायत - 78 Percent Of Bhms Students Passed In The Name Of Revaluation In Agra University
Agra:पुनर्मूल्यांकन के नाम पर बीएचएमएस के 78 फीसदी छात्र कर दिए थे पास, एसटीएफ से शिकायत – 78 Percent Of Bhms Students Passed In The Name Of Revaluation In Agra University
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय – फोटो : अमर उजाला ख़बर सुनें ख़बर सुनें आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक ने नियम विरुद्ध बीएचएमएस का पुनर्मूल्यांकन कराया था। इसमें फर्जीवाड़ा करते हुए शत-प्रतिशत छात्रों को पास करा दिया, जबकि मुख्य परीक्षा में महज 22 फीसदी छात्र पास हुए थे। इनके फैसले को सही ठहराने के लिए रिकॉर्ड से भी छेड़छाड़ की। ये आरोप लगाते…
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BHMS Degree बद्दल तुम्हाला काही माहीत आहे का ?
आजच्या लेखात मी तुम्हाला बीएचएमएस म्हणजे काय हे सांगणार आहे हा कोर्स कसा करायचा. या साठी काय काय करावे लागते ते पुढे तुम्हाला सांगणार आहोत BHMS हा एक अतिशय लोकप्रिय कोर्स आहे,
BHMS Degree:- मित्रांनो, आजच्या काळात प्रत्येकाचे स्वप्न वेगळ वेगळे असते आपण असते, पण डॉक्टर होणे हे प्रत्येकाचे स्वप्न असते या डॉक्टर च्या मधील एक प्रकार आहे BHMS होमिओपॅथिक डॉक्टर बनण्याची इच्छा असणारे बरेच लोक आहेत, तर तुम्हाला होमिओपॅथिक डॉक्टर व्हायचे असेल तर . त्यासाठी तुम्हाला भान्स पदवी घ्यावी लागेल, म्हणून आजच्या लेखात मी तुम्हाला बीएचएमएस म्हणजे काय हे सांगणार आहे हा कोर्स कसा करायचा.…
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