#बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड
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बिहार टीईटी रिजल्ट 2022 डायरेक्ट लिंक-बीएसईबी बीटीईटी रिजल्ट डेट, कट ऑफ स्कोर
बिहार टीईटी रिजल्ट 2022 डायरेक्ट लिंक-बीएसईबी बीटीईटी रिजल्ट डेट, कट ऑफ स्कोर
बिहार टीईटी परिणाम 2022 – बीएसईबी बीटीईटी परिणाम / बिहार टीईटी स्कोर कार्ड तिथियां: बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (BSEB) ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की है। इसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने भाग लिया बिहार टीईटी 2022। अब वे आधिकारिक वेबसाइट पर बिहार टीईटी परिणाम तिथियां खोज रहे हैं। इसलिए हम सभी उम्मीदवारों को सूचित करते हैं कि बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड बहुत…
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बिहार बोर्ड कक्षा १० परीक्षा की उत्तर कुंजी २०२१ जारी, यहाँ देखें कैसे करें चेक
बिहार बोर्ड कक्षा १० परीक्षा की उत्तर कुंजी २०२१ जारी, यहाँ देखें कैसे करें चेक
बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (BSEB) 20 मार्च को मैट्रिक या कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी की। परीक्षा में उपस्थित हुए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उत्तर कुंजी की जांच और डाउनलोड कर सकते हैं- biharboardonline.bihar.gov.in। छात्र 22 मार्च तक वेबसाइट के माध्यम से उत्तर कुंजी पर आपत्तियां भी उठा सकते हैं। बीएसईबी मैट्रिक कक्षा 10 उत्तर कुंजी 2021: कैसे जांचें चरण 1: आधिकारिक…
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#बिहार बोर्ड#बिहार बोर्ड कक्षा 10 उत्तर कुंजी#बिहार बोर्ड कक्षा 10 की उत्तर कुंजी जारी#बिहार राज्य बिजली बोर्ड#बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड#शिक्षा समाचा��
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BSEB इंटरमीडिएट का एडमिट कार्ड: बिहार बोर्ड क्लास 12 हॉल टिकट 2021 जारी
BSEB इंटरमीडिएट का एडमिट कार्ड: बिहार बोर्ड क्लास 12 हॉल टिकट 2021 जारी
बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड (BSEB) ने इंटरमी��िएट या कक्षा 12 परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड 2021 पर जारी कर दिया है – इसकी आधिकारिक वेबसाइट – seniorsecondary.biharboardonline.com आज onJanuge 16. जिन उम्मीदवारों ने कक्षा 12 परीक्षा (BSEB इंटरमीडिएट परीक्षा 2021) के लिए पंजीकरण किया है, वे अपने संबंधित स्कूलों से एडमिट कार्ड (बिहार बोर्ड 12 वीं एडमिट कार्ड 2021) एकत्र कर सकते हैं। इस संबंध में, समिति…
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#बिहार बोर्ड 12 वीं एडमिट कार्ड 2021#बिहार राज्य बिजली बोर्ड#बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड#बीएसईबी 12 वीं एडमिट कार्ड 2021#बीएसईबी इंटरमीडिएट एडमिट कार्ड 2021#बीएसईबी कक्षा एडमिट कार्ड 2021
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Langblr News Challenge 2/7 - Schooling in rural Bihar
इस हफ़्ते मैंने बीबीसी की यह ग्राउंड रिपोर्ट देखी जो बिहार के कुछ गांवों के पढ़ाई की हालत की बात बताती है। इस रिपोर्ट बनाने के लिए बीबीसी के संवाददाता नालंदा गए और वो स्थानीय ग्रामीणों, शिक्षकों और नेता से बातचीत कर रहे थे। यह सामने आई कि हर गांव में अब तक अपना स्कूल नहीं है और छोटे बच्चों के लिए दूसरे गांव तक स्कूल जाना मुश्किल होता है।
रिपोर्टर ने एक स्कूल का दौरा किया और देखा कि इस सरकारी मध्य विद्यालय का पुराना भवन में सिर्फ़ चार कमरे हैं। एक ही कमरे में तीन शिक्षक एक साथ अपनी अपनी क्लास सिखाती हैं। कमरे के अंदर बच्चे बेंच पर बैठे हैं और किताबें पढ़ रहे हैं या अपने छोटे श्यामपट पर लि�� रहे हैं। शिक्षक कहते हैं कि वो बड़े ब्लैक बोर्ड पर लिखकर एक क्लास पढ़ाना नहीं पाते, क्��ोंकि तब दूसरे बच्चों का ध्यान भटक जाएगा। कभी कभी स्कूल में इतने बच्चे आते हैं कि उनको बरामदे में बैठाया जाता है।
इस स्कूल में शौचालयों की कमी भी है और हालाँकि बच्चों को दाल, चावल और सब्ज़ियों का दैनिक मिड-डे मील मिलता है, आसपास के प्राइवेट स्कूलों में खाना और सुविधाएँ बेहतर होती हैं। इन गांवों के एक और दिक्कत गरीबी है, क्योंकि परिवारों के पास स्कूल की फीस, किताबों या स्कूल यूनिफ़ॉर्म के लिए ज़्यादा पैसा नहीं है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का अभाव होता है। एक शिक्षक कहते हैं कि कमी का एक कारण यह है कि शिक्षक बच्चों को सिखाने के अलावा बहुत सारे अलग-अलग सरकारी काम करते हैं, जैसे कि जनगणना। एक मसला यह भी है कि नए शिक्षकों का वेतन पुराने शिक्षकों का वेतन की तुलना में कम होता है।
मुख्यमंत्री - chief minister (masculine) ग्रामीण - villager (masculine or feminine) जनगणना - census (feminine) अभाव - lack, deficiency (masculine) देख-रेख - caring, raising (feminine) ऊबड़-खाबड़ - bumpy, uneven (adjective) पगडंडी - track, footpath (feminine) हुकूमत - government (feminine) मुख्यालय - headquarters (masculine) बहाल करना - to restore, reinstate (transitive)
प्रभारी - responsible, in-charge (adjective) चंद माह पहले - some months ago (adverb) सहायिका - assistant (feminine) पिछड़ा - backwards (adjective) खातेदार - account holder (masculine) अड़चन - obstacle, hindrance (masculine) खेती का सामान - farm produce, agricultural products (masculine) जनजाति - tribe, tribal group (feminine) टीन की छत - tin roof (feminine) बहाली - reinstatement (feminine) स्वरूप - character, nature (masculine) नतीजा - result, outcome (masculine) दान में देना - to donate (transitive) प्रवक्ता - spokesman (masculine)
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बिहार बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट 2020 टॉपर: इस बार सिमुलतला स्कूल मार पाएगा स्टेट टॉपर की हैट्रिक?
बिहार बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट 2020 टॉपर: इस बार सिमुलतला स्कूल मार पाएगा स्टेट टॉपर की हैट्रिक?
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बिहार बोर्ड BSEB 10 वीं परिणाम 2020: बिहार बोर्ड मैट्रिक की शिक्षाक्षा देने वाले 15.29 लाख बच्चों की प्रतीक्षा की घड़ियां खत्म होने में बस कुछ घंटों का समय बचा रहता है। पिछले एक सप्ताह से अब-तब की स्थिति बनी हुई थी, जो अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) के चेयरमैन आनंद किशोर की इस घोषणा के साथ खत्म हो गई है कि बुधवार को दोपहर साढ़े बारह बजे मैट्रिक परीक्षा का परिणाम निकलेगा।…
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#10 वीं का रिजल्ट टेलरई 2020#biharboardonline#BSEB Bihar Board 10th Result: बीएसईबी बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट#onlinebseb#बिहार 10 वीं का परिणाम#बिहार बोर्ड 10 वीं रिजल्ट#बिहार बोर्ड 10 वीं रिजल्ट जारी#बिहार बोर्ड के टॉपरों की सूची 2020#बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट#बिहार बोर्ड टॉपर्स लिस्ट#बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2020#बिहार बोर्ड रिजल्ट#बिहार राज्य बिजली बोर्ड#बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड#रिजल्ट देखना 2020 है#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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पेशे से रेलवे इंजीनियर जिन्होंने गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना बना लिया अपनी जिंदगी का मिशन
किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे अहम रोल उसके शिक्षक का होता है। इसलिए महापुरुषों ने शिक्षक को भगवान से बड़ा दर्जा दिया है। शिक्षक से बड़ा कोई नहीं होता। हर किसी को जीवन में एक शिक्षक की ज़रुरत पड़ती ही है जो उसे सही राह दिखाए। कोरोना काल के समय जब हर जगह लॉकडाउन लग गया था, स्कूल-कॉलेज सब बंद हो गए थे, उस समय भी कुछ ऐसे शिक्षक सामने आए जिन्होने बच्चों को शिक्षा देना नहीं छोड़ा। ऐसे ही एक शख्स सामने आए जिन्होंने गरीब और वंचित बच्चों के जीवन में शिक्षा की रोशनी फैलाने का काम किया है। रेलवे इंजीनियर के रूप में काम करने वाले सुशील कुमार मीणा समाज में गरीब बच्चों को पढ़ाने का नेक काम करते हैं। यही नहीं उन्होंने कक्षा 8 और उससे ऊपर के छात्रों को एक शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित भी किया है। इनके पढ़ाये बच्चे अपने घरों में और उसके आसपास छोटे बच्चों को पढ़ाते हैं। आज ये अपने गैर-सरकारी एनजीओ की मदद से कई बच्चों के जीवन को संवार चुके हैं। लेकिन उनके ��िए यह सफर इतना भी आसान नहीं था। रास्ते में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर।
शुरू से ही शिक्षा देने में थी रूचि
साल 2013 में कानपुर के एक सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद सुशील कुमार मीणा सेक्शन इंजीनियर के रूप में रेलवे में नौकरी करने के लिए गाजियाबाद चले गए। गाजियाबाद में ही उन्होंने ग्रुप डी के कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जो सरकारी सेवा की परीक्षा दे रहे थे। वो खुद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इन अभ्यर्थियों को पढ़ाने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद कर दी। इस बीच उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।
ऐसे मिली वंचित बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा
सुशील कुमार मीणा रेलवे इंजीनियर के तौर पर अच्छी-खासी नौकरी कर रहे थे। सुशील जब गाजियाबाद में तैनात थे, तो एक रात उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गयी। एक रात वह सड़क किनारे रहने वाले बच्चों से मिले, जो अपना जीवन जीने के लिए सड़कों पर भीख माँग रहे थे या अपने परिवारों की सहायता के लिए कचरा बीनने का काम कर रहे थे। वे बच्चे खाना खाने और अपनी हर ज़रुरत के लिए दूसरों पर निर्भर थे। ये बच्चे भीख मांगकर, कूड़ा बीनकर अपना गुज़ारा करते थे। उसी समय वह एक ऐसे परिवार से मिले, जिसने अपनी 12 साल की बेटी की शादी आयोजित करने के लिए उनसे संपर्क किया। सुशील ने तुरंत माता-पिता को डांटते हुए समझाया और बच्चे को शादी करने से रोका। इन सभी घटनाओं को देख वो बहुत आहत हुए और उन्हें लगा कि इन लोगों को बेहतर भविष्य देने का काम शिक्षा ही कर सकती है। इसलिए उन्होंने सड़कों पर रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया।
ऐसे दी गरीब बच्चों को शिक्षा
सुशील ने अपना समय भिखारियों और कम आय वर्ग के लोगों के बच्चों को पढ़ाने के लिए समर्पित करने में लगा दिया। उन्होंने ज़रूरी चीज़ें मुहैया करायी, जो उनके माता-पिता नहीं दे सकते थे। उन्होंने बच्चों को किताबें, स्टेशनरी, भोजन, कपड़े, यूनिफॉर्म आदि सभी सामान अपने पैसों से दिया। उन्होंने 2015 में एक एनजीओ को शुरू किया जिसका नाम निर्भेद फाउंडेशन रखा। उन्होंने विभिन्न शहरों में अपनी पोस्टिंग के दौरान सड़कों पर रहने वाले बच्चों को इस एनजीओ के माध्यम से पढ़ाने का काम किया। आज उनके एनजीओ के अलग-अलग राज्यों में 22 केंद्र हैं।
कई चुनौतियों का करना पड़ा सामना
सुशील को एक बार में पांच से छह घंटे के लिए कक्षाएं लेनी पड़ती थी जो किसी के भी लिए आसान नहीं था। इसमें उनकी मदद उनके कॉलेज के एक दोस्त ने की। शुरू ��ें वो 14-15 साल के बच्चों से मिले जिन्हें कोई प्राथमिक शिक्षा नहीं मिली थी। उन्होंने बच्चों को शुरू से पढ़ाना सिखाया। इसके बाद मीणा 8वीं तक पढ़े बच्चों को एक शिक्षक के रूप में तैयार करने लगे ताकि वे बच्चे अपने से छोटे बच्चों को पढ़ा सकें। लॉकडाउन के दौरान, उन्हें खराब कनेक्टिविटी के साथ ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने में भी कई परेशानियां हुई इसलिए उन्होंने स्थानीय बच्चों को शिक्षक के रूप में पढ़ाने को प्रेरित किया। लगभग दो साल तक मीणा और उनके दोस्त ने मिलकर बच्चों को पूरी लगन से पढ़ाया। एक समय ऐसा था जब वे लगभग 300 बच्चों को संभाल रहे थे। धीरे-धीरे सुशील ने अपनी टीम का विस्तार करने और बोर्ड में स्वयंसेवकों को लाने का फैसला किया। उन्होंने दूसरे एनजीओ और लोगों से भी इन बच्चों को पढ़ाने का अनुरोध किया।
एक शिक्षक के रूप में पाई सफलता
सुशील कुमार मीणा ने अपने निर्भेद फाउंडेशन की मदद से कई बच्चों के जीवन को संवारने का काम किया है। यही कारण है कि सुशील आज 22 केंद्रों के माध्यम से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में 3,700 से अधिक बच्चों को 110 स्थायी स्वयंसेवकों व अन्य लोगों की मदद से शिक्षा दे रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने के अलावा यह एनजीओ इन बच्चों के माता-पिता, खासकर उनकी माताओं को नौकरी के अवसर भी प्रदान करता है। यह उन्हें बच्चों के लिए कपड़े सिलने के लिए प्रशिक्षित भी करता है।
सुशील कुमार मीणा आज हजारों बच्चों के जीवन में शिक्षा की रोशनी फैला चुके हैं। उन्होंने कई वंचित बच्चों को सक्षम बनाने का महान काम किया है। आज वो लाखों लोगों को अपने इस कार्य के जरिए प्रेरित कर रहे हैं। सुशील कुमार मीणा के जैसे शिक्षकों की आज समाज को बहुत आवश्यकता है।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-sushil-kumar-meena-11236.html
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बिहार टीईटी परिणाम 2022 डायरेक्ट लिंक-बीएसईबी बीटीईटी परिणाम तिथि, कट ऑफ स्कोर
बिहार टीईटी परिणाम 2022 डायरेक्ट लिंक-बीएसईबी बीटीईटी परिणाम तिथि, कट ऑफ स्कोर
बिहार टीईटी परिणाम 2022 – बीएसईबी बीटीईटी परिणाम / बिहार टीईटी स्कोर कार्ड तिथियां: बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (BSEB) ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की है। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने भाग लिया बिहार टीईटी 2022 अब वे आधिकारिक वेबसाइट पर बिहार टीईटी परिणाम तिथियां खोज रहे हैं। इसलिए हम सभी उम्मीदवारों को सूचित करते हैं कि बिहार बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन बहुत जल्द…
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इंटर रिजल्ट अपडेट भास्कर पर आज सबसे तेज: 3 बजे शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी घोषित करेंगे बिहार के 13.50 लाख परीक्षार्थियों का रिजल्ट
इंटर रिजल्ट अपडेट भास्कर पर आज सबसे तेज: 3 बजे शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी घोषित करेंगे बिहार के 13.50 लाख परीक्षार्थियों का रिजल्ट
हिंदी समाचार स्थानीय बिहार बिहार के समाचार; बिहार बोर्ड स्कूल परीक्षा इंटरमीडिएट का परिणाम आज शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने घोषित किया विज्ञापन से परेशान है? बिना विज्ञापन खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप पट पट10 घंटे पहले कॉपी लिस्ट फाइल फोटो। इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए 13.50 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था, राज्य के 1473 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी कोरोना काल में बिहार बोर्ड के…
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#बिहार के समाचार; बिहार बोर्ड स्कूल परीक्षा इंटरमीडिएट का रिजल्ट २०२१#लोकल बिहार न्यूज़#शिक्षा मंत्री विजय चौधरी
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बिहार बोर्ड 12 वीं का परिणाम 2022: बीएसईबी biharboardonline.bihar.gov.in पर परिणाम घोषित करेगा - जानें कैसे करें चेक | भारत समाचार
बिहार बोर्ड 12 वीं का परिणाम 2022: बीएसईबी biharboardonline.bihar.gov.in पर परिणाम घोषित करेगा – जानें कैसे करें चेक | भारत समाचार
बिहार बोर्ड 12वीं परिणाम 2022: बिहार बोर्ड मानक 12 परिणाम 2022 आज (16 मार्च) बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) द्वारा घोषित किया जाएगा। बिहार बोर्ड के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी 12वीं का परिणाम 2022 घोषित करेंगे। बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं इंटरमीडिएट विज्ञान, कला और वाणिज्य स्ट्रीम के परिणाम बीएसईबी की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रकाशित किए जाएंगे। बिहार बोर्ड 12 वीं का परिणाम 2022: तिथि और…
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bihar board inter exam 2022: BSEB 12th Admit Card 2022: बिहार बोर्ड इंटर एडमिट कार्ड जल्द, 1 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं - bseb bihar board 12th admit card 2022 to be out at biharboardonline.com, check exam dates
bihar board inter exam 2022: BSEB 12th Admit Card 2022: बिहार बोर्ड इंटर एडमिट कार्ड जल्द, 1 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं – bseb bihar board 12th admit card 2022 to be out at biharboardonline.com, check exam dates
हाइलाइट्स स्थगित नहीं होगी बिहार बोर्ड परीक्षाएं। बिहार बोर्ड इंटर एडमिट कार्ड 2022 जल्द आएगा। जानें कैसे कर सकेंगे डाउनलोड। BSEB Bihar Board 12th Admit Card 2022: बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (BSEB) जल्द ही बिहार बोर्ड इंटर एडमिट कार्ड 2022 जारी करेगा। राज्य शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को यह साफ कर दिया था कि बीएसईबी (Bihar Board) मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 2022 तय समय पर ही…
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Bihar Board 10th Admit Card 2023 (Link) BSEB Matric Roll Number
Bihar Board 10th Admit Card 2023 (Link) BSEB Matric Roll Number
बिहार बोर्ड 10 वीं का एडमिट कार्ड 2023 डाउनलोड लिंक बीएसईबी मैट्रिक रोल नंबर: नियमित और निजी छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर बीएसईबी कक्षा 10वीं प्रवेश पत्र 2023 डाउनलोड कर सकते हैं। माध्यमिक.बिहारबोर्डऑनलाइन.कॉम. बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (BSEB) ने जनवरी 2023 को मैट्रिक परीक्षा के लिए हॉल टिकट जारी किया है। नीचे बीएसईबी अमित कार्ड 2023 का सीधा लिंक दिया गया है। जिन छात्रों ने पंजीकरण कराया है और…
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ईशान इंटरनेशनल स्कूल, कंकड़बाग, पटना शिक्षक, क्लर्क, प्रबंधक वॉक इन जॉब वैकेंसी
ईशान इंटरनेशनल स्कूल, कंकड़बाग, पटना शिक्षक, क्लर्क, प्रबंधक वॉक इन जॉब वैकेंसी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली से संबद्ध ईशान इंटरनेशनल स्कूल, कंकड़बाग, पटना ने 20.09.2021 को कई शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरी रिक्तियों, साक्षात्कार के लिए विज्ञापन दिया है। आवेदन करने की अंतिम तिथि: 20-सितंबर-2021 नियोक्ता: ईशान इंटरनेशनल स्कूल पता: ईशान इंटरनेशनल स्कूल, साउथेंड डॉक्टर्स कॉलोनी, कंकड़बाग, पटना, बिहार 800020, भारत ईमेल: नहीं बताया…
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अब बेटियों के लिए भी खुलेंगे सैनिक स्कूल के दरवाजे... सरकार ने क्यों लिया फैसला? Divya Sandesh
#Divyasandesh
अब बेटियों के लिए भी खुलेंगे सैनिक स्कूल के दरवाजे... सरकार ने क्यों लिया फैसला?
नई दिल्लीदेश की बेटियों के लिए अच्छी खबर है। वे किसी भी सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगी। यानी देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब उनके लिए भी खुलेंगे। ने रविवार को लाल किले की प्राचीर से इसका ऐलान किया। देश में अभी 33 सैनिक स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ में ही लड़कियों का दाखिला होता था।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में कहा कि ढाई साल पहले मिजोरम में सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले का पहला प्रयोग किया गया था। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने अब फैसला किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी खोले जाएंगे।’
प्रधानमंत्री बोले, ‘यह देश के लिए ��ौरव की बात है कि शिक्ष�� हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलिंपिक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वे भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं।’
इस दौरान पीएम ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ‘गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ का साधन बताया। पीएम बोले, ‘जब गरीब के बेटी, गरीब का बेटा मातृभाषा में पढ़कर प्रोफेशनल्स बनेंगे तो उनके सामर्थ्य के साथ न्याय होगा।’ उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली है।
सैनिक स्कूलों में कैसे होता है एडमिशन? सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी करती है। यह सोसायटी रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है। सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था। ये स्कूल वीके कृष्ण मेनन के दिमाग की उपज हैं। मेनन अप्रैल 1957 से अक्टूबर 1962 तक केंद्रीय रक्षा मंत्री थे। उन्होंने 1961 में इस विचार की कल्पना की थी।
सैनिक स्कूलों में दाखिले के लिए ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेस एग्जाम (AISSEE) आयोजित कराया जाता है। यह एंट्रेंस एग्जाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के पैटर्न पर होता है। कक्षा 6 और 9 के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 11 के लिए प्रवेश का आधार कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंक होते हैं।
रिजर्वेशन का ध्यान रखना होगा ध्यान देने वाली बात यह है कि 67 फीसदी सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं जो किसी सैनिक स्कूल के गृह राज्य से हैं। बाकी 33 फीसदी छात्रों को गृह राज्य के बाहर से प्रवेश दिया जाता है। अनुसूचित जाति (15%), अनुसूचित जनजाति (7.5%), अन्य पिछड़ा वर्ग (27%) और वर्तमान और पूर्व सैनिकों (25%) के बच्चों के लिए भी आरक्षण है। इस समय देश में 33 सैनिक स्कूल हैं। उत्तर प्रदेश में तीन सैनिक स्कूल हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में दो-दो ऐसे स्कूल हैं।
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CBSE Class 12 Results 2021: Over 4,500 Students Promoted With Grace Marks in Bihar
CBSE Class 12 Results 2021: Over 4,500 Students Promoted With Grace Marks in Bihar
बिहार में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूलों से संबंधित कक्षा 12 के 4,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स के माध्यम से पदोन्नत किया गया है। स्कूल परिणाम समिति ने बोर्ड से संबद्ध 665 स्कूलों के 4,655 छात्रों को पांच अंक तक की छूट दी है. मॉडरेशन पॉलिसी के तहत ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, जिसमें एक ऐसे छात्र को बढ़ावा देने का प्रावधान है जो पास होने के लिए कुछ अंकों से कम हो रहा है।…
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CBSE 10th Result 2021 : बिहार में 703 स्कूलों ने नहीं ली सालभर में कोई परीक्षा
CBSE 10th Result 2021 : बिहार में 703 स्कूलों ने नहीं ली सालभर में कोई परीक्षा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं रिजल्ट का आधार स्कूली परीक्षा को क्या बनाया, कई स्कूल के पोल खुल गए। सूबे के सैकड़ों स्कूल ऐसे पकड़ में आए हैं जिन्होंने सालभर किसी तरह की परीक्षा ही… Source link
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