#बाबा जयगुरुदेव मथुरा वाले
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deepakdas123 · 1 year ago
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शायरन
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
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rakhishrivas · 1 year ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उ��गलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्ष��त है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
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पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
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gazabnews-blog · 8 years ago
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जिसके काटने से कोबरा भी मर जाता है उसे जिंदा चबा जाता है ये आदमी … गोयरे को बेहद जहरीला माना जाता है। लोगों का मानना है कि गोयरे के काटने के 3-4 मिनट में ही मौत हो जाती है वहीं, राजस्थान में करौली के गुमान सिंह जाट (40) को गोयरा पकडऩे में महारत हासिल है। गुमान सिंह गोयरे को पलक झपकते ही पकड़ लेते हैं। वे गोयरे के मुंह को अपने मुंह में दबा लेते हैं तो यह देखने वाला हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाता है। यही नहीं, गुमान सिंह गोयरे की जीभ को पकडक़र बाहर निकाल लेते हैं। हिंडौन उपखंड के क्यारदाखुर्द गांव निवासी गुमान सिंह अभी तक तीन हजार से ज्यादा गोयरे पकड़ चुके हैं। गुमान ने ये सभी गोएरे लोगों के घरों से पकड़े हैं। इन्हें वह जंगल में ले जाकर छोड़ देते हैं। क्यारदाखुर्द निवासी रामचरण जाट के पुत्र गुमान सिंह ने बताया कि वे करीब पांच साल से यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाबा जयगुरुदेव मथुरा वाले के सान्निध्य में उन्होंने गोयरा पकडऩे की महारत प्राप्त की। गुमान सिंह ने बताया कि गोयरा जंगल में रहता है, लेकिन वह कई बार कॉलोनियों में आ जाता है और लोगों के घरों में घुस जाता है। इससे लोगों में डर बैठ जाता है। कई बार तो लोग गोयरे के कारण अपने घर में भी नहीं जा पाते हैं। गुमान सिंह ने बताया कि जब भी उन्हें सूचना मिलती है तो वे बताए स्थान पर पहुंच जाते हैं। वे वहां से कुछ ही देर में गोयरे को पकडक़र लोगों के डर को दूर करते हैं। इस प्रकार वे अभी तक तीन हजार से ज्यादा गोयरे पकडक़र जंगल में ले ले जाकर छोड़ चुके हैं। खास बात यह है कि गुमान सिंह इसके बदले किसी एक भी रुपया नहीं लेते। गुमान सिंह ने बताया कि गोयरा मुख्य रूप से एक जगह स्थापित हो जाते हैं तो वे आसानी से अपनी जगह नहीं छोड़ते, इसलिए उन्हें दूर जंगल में छोड़ा जाता है।.
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ashwanis-things · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी
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jai-shankar-jaipal · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
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dharmarajdas · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्���ोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
अधिक जानकारी के लिए
Satlok Ashram Youtube Channel पर Visit करें।
#SantRampalJi_IncarnationDay
#धरती_पर_अवतार
#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
#8thSeptember_AvataranDiwas
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पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
https://bit.ly/DhartiParAvtar16.5.2000
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akks-posts · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान ���ा पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
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deepakdas123 · 1 year ago
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शायरन
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
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#TwoDaysTo_IncarnationDay
मथुरा वाले बाबा जयगुरुदेव (तुलसीदास) द्वारा सन् 7 सितंबर 1971 में एक भविष्यवाणी "वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है 8 सितंबर 1951 वह सतगुरु रामपाल जी महाराज का अवतरण दिवस है जोकि 8 सितंबर 1971 को पूरे 20 वर्ष के हो गये थे वही पूर्ण संत हैं ये भविष्यवाणी उन्हीं पर सटीक बैठती है।"अधिक जानकारी के लिए Satlok Ashram Youtube चैनल पर visit करें"
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dharmarajdas · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यव��्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
अधिक जानकारी के लिए
Satlok Ashram Youtube Channel पर Visit करें।
#SantRampalJi_IncarnationDay
#धरती_पर_अवतार
#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
#8thSeptember_AvataranDiwas
अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
https://bit.ly/DhartiParAvtar16.5.2000
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dharmarajdas · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भ�� दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
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दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
अधिक जानकारी के लिए
Satlok Ashram Youtube Channel पर Visit करें।
#SantRampalJi_IncarnationDay
#धरती_पर_अवतार
#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
#8thSeptember_AvataranDiwas
अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
https://bit.ly/DhartiParAvtar16.5.2000
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dharmarajdas · 2 years ago
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत।।
अधिक जानकारी के लिए
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#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj
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*🛎कलयुग में मुक्तिदाता महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण🛎*
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि, वर्तमान में धरती पर बहुत से धर्मगुरु, सिद्ध, महात्मा है, जिनके बारे में हम अक्सर टीवी, अखबार आदि में सुनते हैं। लेकिन आज़ हम आपको एक ऐसे महापुरुष के बारे में बताएंगे, जो टीवी चैनलों, अखबारों में तो छाये ही रहते हैं, साथ ही आज़ बच्चे बच्चे की जुबान पर उस महापुरुष का नाम है। जो कोई आम इंसान नहीं है, बल्कि धरती पर साक्षात परमेश्वर का अवतार है। जिनके बारे में सैंकड़ों वर्ष पहले ही विश्व के प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणियों में जिक्र किया है।
भविष्यवक्ता चाहे फ्रांस के नास्त्रेदमस हो या अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के कीरो, श्री वेजीलेटिन, अमेरीका की जीन डिक्सन, श्री एण्डरसन, हॉलैंड के श्री गेरार्ड क्राइसे, अमेरीका के चार्ल्स क्लार्क, हंगरी की बोरिस्का, इजरायल के प्रो. हरार, नोर्वे के आनंदाचार्य, भारत मथुरा के जयगुरुदेव तुलसी दास हो या फिर राजस्थान के रुणीचा वाले बाबा रामदेव जी हो इन सभी ने अनेकों भविष्यवाणीयां की है।
और वो सभी भविष्यवाणियां उस मुक्तिदाता महापुरुष पर खरी उतरी है।
आइए देखते हैं कुछ महान भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी जो उस मुक्तिदाता महापुरुष की और इशारा कर रही है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था,
स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नये ज्ञान से परिचित कराएगा।
उस संत की माताएं तीन बहनें होंगी। उस संत की चार संतानें होगी।
जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन (संत) का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व विजेता संत की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा। बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में विश्व में प्रसिद्ध होगा वह सन् 2006 होगा। तथा उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगाया जाएगा।
उपरोक्त सभी भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरी है।
जी हां दोस्तों, संत रामपाल जी महाराज जी ही वह महापुरुष हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के घर हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी की माताएं तीन बहनें थीं, इंद्रोदेवी (माता), तथा दो मौसी रामप्यारी वह लक्ष्मी देवी। और संत रामपाल जी महाराज जी की चार संतान है दो पुत्र तथा दो पुत्री।
संत रामपाल जी महाराज जी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे। 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी सन् 1988, फाल्गुन महिने की अमावस्या को रात्रि में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा ली। जिसे संत भाषा में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
और सक्रिय होकर भक्ति मार्ग पर चलकर परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज जी को सत्संग करने की आज्ञा दी और 1994 में नामदीक्षा देने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण संत रामपाल जी महाराज ने जे.ई की सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। और अपने परिवार को भगवान भरोसे छोड़कर मानव कल्याण के मिशन पर चल पड़े। जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर घर, शहर शहर जाकर सत्संग किए। शास्त्र प्रमाणित ज्ञान देखकर बहु संख्या में अनुयाई हो गए। और साथ ही साथ ज्ञानहीन नक़ली संतों का विरोध भी बढ़ता गया। इसके बाद सन् 1999 में गांव करौंथा, जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की। और प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिवसीय सत्संग प्रारंभ किया। जिससे चंद ही दिनों में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जब ज्ञानहीन नक़ली संत - धर्मगुरुओं के अनुयाई संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र प्रमाणित ज्ञान को आंखों देखकर संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर दीक्षा लेकर उनके अनुयाई बनने लगे। और उन नकली धर्मगुरुओं से प्रश्न करने लगे की आप सारा ज्ञान सदग्रंथों के विपरित बता रहे हो। तब उन नकली धर्मगुरुओं ने अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के डर से संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए साजिश रची और करौंथा के आस पास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज के बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया और फिर 12-7-2006 को संत रामपाल जी महाराज को जान से मारने के उद्देश्य से सतलोक आश्रम करौंथा पर आक्रमण कर दिया। संत रामपाल जी महाराज और उनके कुछ अनुयायियों पर झूठे मुकदमे बनाकर जेल में डाल दिया। नास्त्रेदमस के अनुसार संत रामपाल जी महाराज सन् 2006 में विख्यात हुए, भले ही आरोप थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी निर्दोष थे।
इसी कड़ी में सन् 2014 में नकली धर्मगुरुओं ने सरकार के साथ मिलकर बरवाला कांड़ कराया और संत रामपाल जी महाराज जी पर झूठा देशद्रोह का केस बनाकर जेल में डाल दिया।
अनेकों अत्याचार सहते हुए, झूठे मुकदमे झेलते हुए, अपना किमती समय जेल में बिताते हुए अनेकों पुस्तकें लिखकर फ्री में जनता तक पहुंचा कर उन्होंने अपने तत्वज्ञान के बलबूते एक सतयुग जैसे स्वच्छ सम��ज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे विश्व में अमन चैन फिर से कायम हो रहा है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत है जिनका ज्ञान आज पूरे विश्व के हर कोने में अपनी ही एक आध्यात्मिक लहर से मानव जीवन को नई दिशा निर्देश दिखा रहे है। जिनका आध्यात्मिक ज्ञान शास्त्रों में प्रमाणित हैं। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित भी किया और शास्त्रार्थ में सभी को पराजित भी किया। जिनके आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में व्याप्त उन तमाम बुराइयों का अंत हो रहा है जैसे कि दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, चोरी, बेईमानी, ठगी आदि आदि।
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र वह तत्वदर्शी संत है जिनके आध्यात्मिक तत्वज्ञान का लोहा सारी दुनिया मानती है। बड़े से बड़ा आचार्य, शंकराचार्य, धर्मगुरु भी दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के सत्य आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में।
आज़ आप सभी शिक्षित है, जरा विवेक से विचार करें और निर्णय लें। पूर्ण तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी आपके सामने है,धरती पर अवतरित हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर शरण ग्रहण करके अपना कल्याण कराओ। कहीं ऐसा ना हो कि अनमोल जीवन का समय हाथ से निकल जाएं। फिर तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
फिर तो वहीं होगा कि
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