#बा फाइनल
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col-life23 · 4 years ago
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यूनिवर्सिटी एग्जाम 2021: ग्रेजुएट फाइनल ईयर एग्जामिनेशन एमपी में फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर एग्जाम मई में होंगे
यूनिवर्सिटी एग्जाम 2021: ग्रेजुएट फाइनल ईयर एग्जामिनेशन एमपी में फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर एग्जाम मई में होंगे
MP में विश्वविद्यालय परीक्षा 2021: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑफ़लाइन आयोजित की जाएंगी। समाचार संवाददाताओं से बात करते हुए, उन्होंने बताया, “हमने स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम का पीछा करने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए खुली पुस्तक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। य��� परीक्षा मई में…
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princeupadhyayofficial · 3 years ago
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बहुत ही बढियां बढियां गाना के रिकॉर्डिंग फाइनल हो गइल बा,बस बस आशीर्वाद दिहिं जा ,हमनी के गावत रहब,साथ मे pawan pardesi भाई Music Abhiram Pandey #सावन कुमार,गीतकार चन्दन सैनी अउरी आपके भाई @princeupadhyay @pankaj.soni.77736 #princessdiana Lable ..#PIHU_MUSIC #pankaj soni ... https://www.instagram.com/p/CZZGTYQpmtC/?utm_medium=tumblr
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shaileshg · 4 years ago
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ये पटना का वीरचंद पटेल पथ है... दोपहर के 12:30 बजे हैं। इस पथ की कुछ अलग खासियत है। बिहार की सभी प्रमुख सियासी पार्टियों के मुख्यालय यहीं पर हैं। यानी भाजपा, राजद, जदयू, रालोसपा, राकांपा आदि...। माना जाता है कि विधानसभा का रास्ता इस वीरचंद पटेल पथ से गुजरे बिना पूरा नहीं हो सकता। इसी सड़क पर राजद कार्यालय के ठीक सामने रायजी की लिट्ट���-चोखा वाली दुकान है। दुकान पर वक्त के साथ मैले पड़ चुके दो स्टीकर लगे हैं। इनपर लिखा है- नालंदा की मशहूर लिट्टी-चोखा की दुकान। रेट 25 रुपए में दो पीस घी के साथ और 20 रुपए में दो पीस बिना घी के।
इस पथ की एक खासियत और भी है। सामने राजद, तो बाईं ओर जदयू और दाईं ओर भाजपा ऑफिस होने की वजह से यह दुकान कुछ-कुछ सर्वदलीय राजनीतिक जमावड़ा जैसी ज्यादा लगती है। हर दल के अमूमन हर नेता और कार्यकर्ता का यह प्रिय ठिकाना है। गेट के अंदर जाकर अपनी बात पहुंचाने में सफल और विफल दोनों ही तरह के लोग यहां मिलेंगे। कभी अपनी खुशी का इजहार करते तो कभी अपनी भड़ास निकालते हुए। कभी-कभी तो सभी दल वाले यहां एक-दूसरे का कंधा इस्तेमाल करते दिख जाते हैं।
तो रायजी की लिट्टी आज भी पक रही है। कुछ लोग इंतजार कर रहे हैं। इस इंतजार में जो बेसब्री है, उसने अंदर का ताप बढ़ा दिया है। एक नेताजी बोले हैं- ‘का रायजी, आपकी लिट्टियों में अंदर मने आग सुलग रही है... मने आंच ही नहीं है... कब पकेगा लिट्टी जी। कब से इंतजार कर रहे हैं। एकदम पार्टी सबन क टिकस हो गइल बा। बुझाते नइखे कि चुनाव तक भी टिकट फाइनल होई कि नहीं।’
तत्काल तीखा प्रतिवाद हुआ है... ये बख्तियारपुर के राजेश हैं। जोरदार आवाज में बोले- 'लागत आ कि गलत पार्टी चुन लिए हैं जी। अभियो मौका है...देख लीजिये, राय जी की लिट्टी की आंच को दोष काहे दे रहे हैं। इनका चूल्हा भी दुरुस्त है, गोइठा भी... आंच की तो बाते न कीजिये।’ राय जी मुस्करा के रह गये हैं।
लिट्टी की पहली खेप तैयार हो चुकी है। गोइठा की धीमी आंच पर जिस तरह लिट्टी अंदर तक पक चुकी है, बातें भी धीमे-धीमे पकने लगी हैं।
लिट्टी को अपने अंदाज में बीच से फोड़ चुके एक नेता नुमा सज्जन बोले- ‘का हो राय जी, एमे घी एतना कम काहे बा। अरे जेतना घी डलब ओतने दुकनिया गमकी, नहीं त... (एक पार्टी का नाम) जैसन हाल तोहरो हो जाई...’।
एक दूसरा स्वर... अबकी हमार नेतवा के टिकट मिल जाई नु त बहुते काम ठीक हो जाई... नेताजी के लिबास से लग रहा है कि वो असल वाले नेता जी तो नहीं ही हैं। जरूर किसी के साथ पटना पहुंचे हैं। पटनिया भाषा में इन्हें ‘लटकन’ कहा जाता है। भाषा से लग रहा है सासाराम की तरफ के होंगे और जरूर किसी नेता की भीड़ का हिस्सा बन कर आए हैं। बात अभी थमी नहीं है। ब��ले- ‘अबकी त अशोकवे पूरा गेम खराब कर देले बा, ना त उ सीट प आरजेडीय के हक रहे...’ उनके साथ आया कार्यकर्ता बोल पड़ा- ‘सब तेजस्वीए नु तय करतारे, तब हमनी के नेता जी त मजबूत बाड़े...’
लिट्टी की पहली खेप खत्म हो चुकी है, लेकिन दूसरी खेप पकने को तैयार है। मेरे साथ खड़े मनीष बोले- 'काश कि पुरनका नेतवन सब भी इसी तरह बैकअप ले के चलता तो राजनीति में ऐसी क्राइसिस न होती।' लिट्टी के लिए भीड़ भी बढ़ने लगी है। अचानक रायजी की तेज आवाज आई... 'अरे महेंदरा, ई आग बुता जाएगा नु... इसमें बैगन काहे नहीं रखता है रे... लड़का देखने से तो माइनर लगा... लेकिन चूल्हे पर बैगन बहुत सलीके से रखने लगा है...।'
कुर्ते पर कमल वाला बैच लगाए कुछ नेता आ चुके हैं। एक के कंधे पर गेरुए रंग का गमछा भी है। बगल वाली दुकान से तुलसी और पान मसाला मांगा गया... गमछे से आवाज आई, जानते हैं भइया, सब लोग दिल्ली चल गए हैं... अब यहां कोई नहीं है... हम लोग बेकारे यहां बइठले हैं... तभी गुटखा वाला नेता बोला- 'पगला गये हैं का जी! हम लोग भी चले जाएंगे तब तो खेले सब बिगड़ जाएगा ...अरे अध्यक्षे जी न गए हैं, बाकी त इहे हैं। सब लोग के प्रणाम कर लेना है। तुमको पता है विजय निकेतन (आरएसएस) से भी सीट फाइनल होगा।'
मेरे मुंह से अचानक निकल गया, अब भाजपा में आरएसएस का कहां चलता है। बातचीत में एक अपरिचित एंट्री देख सब चुप हो गए। मुझे भी अपनी चूक का अहसास हो चुका था। आश्चर्य से मेरी ओर देखते हुए इशारों में ही जैसे पूछा हो- आप कौन?
मैंने कहा- मैं तो लिट्टी-चोखा खाने आया हूं। सुने हैं बड़ा बढ़िया लिट्टी खिलाता है।
गेरुआ गमछे वाले ने कहा- 'लिट्टी खाने आए हैं त लिट्टीये न खाया जाए भाई जी...। आरएसएस के ताकत के बारे आप क्या जानिएगा! आपको पता भी है, वहां जाकर बड़का बड़का नेता लोग भी अपना मत्था टेकते हैं ...ई जो गिरिराज सिंह, रवि शंकर, सुशील मोदी हैं ना, वहां जाकर भुइयां में बैठते हैं।' बात आगे बढ़ती कि अचानक लिट्टी उनके सामने रख दी गई। सब अपने हिस्से की लिट्टी खाने में मगन हो गये। मैंने भी धीरे से रास्ता पकड़ लिया।
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Patna (Bihar) Assembly Election 2020 Latest Update | What Patna Voters Of Have To Say On Giriraj Singh, Ravi Shankar, Sushil Modi Tejashwi Yadav Politics
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youthsansar · 5 years ago
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महिला बा स्केटबलमा नेपाललाई रजत पदक काठमाडौँ, २४ मङ्सिर तेह्रौँ दक्षिण एशियाली खेलकूद (साग) अन्तर्गत महिला बास्केटबलमा नेपालले रजत पदक जितेको छ । त्रिपुरेश्वरस्थित राष्ट्रिय खेलकूद परिषद् (राखेप) को कभर्डहलमा आज भएको फाइनल खेलमा नेपाल भारतसँग पराजित भएको हो । पहिलो पटक फाइनल पुगेको नेपाल भारतसँग १२७–४६ ले पराजित भयो । नेपालका लागि अनुषा मल्लले सर्वाधक १७ स्कोर गर्नुभयो ।
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ferretbuzz · 7 years ago
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Messi’s 2 Goals Help Barcelona Advance in Copa del Rey खास बातें मैच बार्सिलोना टीम ने 5-0 से जीता मेसी ने 13वें, 15वें मिनट में गोल किए तीसरा गोल एल्‍बा और चौथा सुआरेज ने दागा बार्सिलोना: सेल्टा वीगो को नॉकआउट दौर के दोनों चरणों में 6-1 के औसत परिणाम से मात देकर बार्सिलोना की टीम ने किंग्स कप टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. बार्सिलोना ने दूसरे चरण के मैच में वीगो को 5-0 से मात दी. बार्सिलोना की इस सफलता में लियोनेल मेसी का अहम योगदान रहा. अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी ने 13वें और 15वें मिनट में दो गोल दागकर बार्सिलोना को वीगो के खिलाफ 2-0 की बढ़त दी. ये दोनों गोल मेसी ने एल्बा की मदद से किए थे. यह भी पढ़ें: अगर 'ऐसा' हुआ तो बार्सिलोना से टूट जाएगा लियोनेल मेसी का रिश्ता इसके बाद, मेसी ने इस मदद का शुक्रिया अदा एल्‍बा की गोल बनाने ��ें मदद करके ही किया. मेसी की ओर से मिले पास को एल्बा ने 28वें मिनट में गोल कर क्लब को 3-0 से आगे किया. लुइज सुआरेज ने तीन मिनट बाद गोल कर 4-0 से बढ़त हासिल की. बार्सिलोना की इस बढ़त के बाद वीगो के मैच में वापसी के अवसर लगभग खत्‍म हो गए थे. वीडियो: नेमार के गोल से ब्राजील ने जीता ओलिंपिक गोल्‍ड बार्सिलोना के कोच एर्नेस्टो वेलवेर्डे ने इसके बाद दूसरे हाफ में सेंट्रल डिफेंडर जेरार्ड पिक को आराम देने का फैसला किया. इसके बाद दूसरे हाफ में इवान राकिटिक ने गोल कर बार्सिलोना को 5-0 से जीत दिलाई. (इनपुट: एजेंसी) Source link
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fblikeshayaris · 8 years ago
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Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font 2017 http://ift.tt/2qFDnpv
Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font
�Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font For Facebook.. Agar Aap Ne Bachpane Me Kisi Se Sacchi Mahobbat Ki Hai Aur Aap Ka Pyar Aap Ko Na Mila To Ye Hindi Sad Story Aap Ko Jarur Pasand Ayegi... So Must Read Sad Touching Hindi Love Story And Send On Fb Aur Whatsupp.�
चला था स्कूल का बस्ता लिये उन छोटे छोटे कदमों पे
मा कहती थी बेटा इन्हें मजबूत कर दुनिया का बोझ उठाना है
पता ना था कि कैसा बोझ होगा बस चलता जा रहा था
हसते हुए रोते हुए अपनी किस्मत से लडते जा रहा था
सब कहते थे पढ ले बेटा काम यही आयेगा 
सब झूठ है सब पराया है एक ज्ञान ही तूझे तेरा हक दिलायेगा
घिस घिस कर पेन कि श्याही हमने बस इतना सीखा
जो पेपर मे आये वो ही पढो बाकी सब अल्फा बीटा गामा और थीता
पढाई करते करते जवान भी होने लगे 
लडका लडकी प्यार महोब्बत इनके discussion  में भी खोने लगे 
जो पिक्चर कभी समझ ना आती थी वो अच्छी लगने लगी
friendship बैंड  deo  और gel  में हमारी भी जेब कटने लगी
जाने क्यूं उपर वाले ने हमें एक खूबसूरत चेहरा ना दिया
fairness cream  लगा के भी ये कभी fair ना हुआ
दिल था जो जा रहा उस मंजिल की ओर जहां शायद enrty थी खूबसूरत लोग की 
और हम दरवाजे खटखटाते रह गये उस चेहरे का जिसे जरूरत ना थी मेरे दिल की 
इस इश्क विश्क के चक्कर में पढाई से नाता ना जुड पाया
होशियार तो बहुत थे पढाई में मगर कभी उसे दिल से ना लगया
पापा ने हमारे बहुत struggle   किया था वो खूब हमें समझाते थे
पर समझाते हुए अक्सर गुस्से में आ जाते थे
गुस्से में वो अक्सर ऐसी बातें कह जाते थे
जो सुन कर हम अपनी जिन्दगी से मुह छुपाते थे
मन करता था की कही भाग जाउ मर जाउ कैसे भी 
पर मां का प्यार मरने ना देता था जाने ना देता था कही भी 
बचपन बीता बडी मुश्किल से लगता था ऐसा ही मुझको
बडे होगें बडा करेंगे डाटेंगे हम भी सबको
अब दिन कुछ जवान हुए शाम अच्छी लगने लगी थी 
छुप छुप के सपने देखने में रातें सजा करती थी
लडके लडकी का फर्क अब समझ आने लगा
किसी खूबसूरत से दिल लगाने को जी चाहने लगा
उस पर था पढाई का साया जो हर वक्त डराता था
future को अपने सोच कर सपने सजाया करता था
मां पापा को हर सुख दूं मैं हर खुशी उन्हें नाजार करूं
ऐसा काम करूं की नाम उनका रोशन कर पाउ
इसलिए tution में मैं पढने जाया करता था
maths और science में दिल और दिमाग खपाया करता था
एक दौस्त था पुराना जो हर वक्त मुझे चिढाया करता था
कलमान खान कह के मुझे बुलाया करता था
हसती थी उसकी बहन भी उसी की बात पे
और उसकी एक  friend  थी जो ध्यान ना देती थी इस बात पे
मेरा दिल भी बस उसी की तरफ झुकने लगा
marks  का तो पता नही attendence  पूरी में top करने लगा
मन ही मन उसको इतना प्यार करने लगा
बस वो ही एक जीवन लक्ष्य ऐसा मै समझने लगा
काश उस दिन बारिश ना होती
काश वो मेरे संग मेरी bike पे बैठी ना होती 
ना वो प्यार पागलपन बनता 
ना वो पागलपन मेरा दिमाग खराब करता
रात दिल बस आंखों में उसी के सपने छाये थे
उसको मुस्कुराता देखने के लिए ना जाने कितने jokes   सुनाये थे
असली खुशी तब हुइ जब हर जगह वो दिखने लगी
उसके सिवा किसी भी लडकी में मेरी दिलचस्पी ही ना रही
6 महीने बाद इतना मुझे यकीन हुआ था
प्यार शायद यही है और मैने सच्चा प्यार किया था
सोचा कैसे बताउं उसको मुझमें इतनी हिम्मत ना थी
अचानक फिर याद आया 14 feb  नजदीक ही थी
सोचा उस दिन तो कोई किसी का दिल ना तोडेगा
इतफाक से उसी दिल  tution  का extra period arrange हुआ
मैं सातवे आसमान पर था क्या करूं कैसे करूं यही सोचता था
12 बार लिखने के बाद एक letter  फाइनल किया
लाल रंग से लिखा था उसे पीले रंग से सजाया था
हर अक्षर में प्यार भर कर एक एक जजबात उसमें उथाया था
tution   खतम होने के बाद मैंने बहाने से उसे वो लेटर दिया 
और उसके पढने से पहले ही बहाने से वहां से भाग गया
घूम के उसके पीछे ही पेड की ओट में छिप गया
उसमें लिखा था.......
हां है तो रख लो ना है तो छोड कर चली जा��
और कुछ कहना है तो वहीं रूकों मै सामने आ जाउगां
उसने वो लेटर पढा और वही खडी रही
उधर मै तो जम के बर्फ हुआ मुझमें भी हिम्मत ना हुई
फिर उसने उर लेटर के पीछे कुछ लिखा
और चली गयी मेरा बैग वही छोड कर मैनें जब देखा तो विश्वास ना हुआ
गयी थी वो मेरा दिल तोड कर
10th board    के पेपर है अभी मैं इन चक्करों में नहीं पडना चाहती 
इन शब्दों से जो दर्द हुआ उसमें कोई दवा काम ना आई
मैने घर पहुंच कर उसे फोन किया 
वो बोली जो बोलना था वो मैंने उस लेटर पर लिख दिया
समझ ना आया क्या करूं मर जानें को जी किया
पर फिर से उस मां की याद ने मुझे जीने को कारण दिया
टूट चुका था इस बार अन्दर से अब जोश ना मेरे जीवन में था
उस दोस्त का कलमान खान कहना शायद ठीक ही था
मेरे बोर्ड के पेपर तो जैसे तैसे बीत गये
अच्छा स्कोर कर सकता था पर 71 परसेंट में ही सिमट गये
टूटे दिल टूटे अत्मविश्वास के साथ आगे बढा
मां बा पके सिवा कोई मन का सहारा नहीं था........
http://ift.tt/2qFrIH8 Cute Love Story, Hindi Shayari, Images Shayari, Love Shayari, Love Stories, Romantic Shayari, Zindagi Shayari, Zindgi Shayari, Zindgi SMS May 20, 2017 at 10:36PM
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achhiduniyaa-blog · 8 years ago
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पी वी सिंधु का जीवन परिचय | P V Sindhu Biography In Hindi
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पी वी सिंधु का जीवन परिचय | P V Sindhu Biography In Hindi
  पी वी सिंधु का जीवन परिचय | P V Sindhu Biography
  पी वी सिंधु का जीवन परिचय | P V Sindhu Biography In Hindi
पी वी सिंधु का जीवन परिचय | P V Sindhu Biography In Hindi
Parents & Childhood
P V Sindhu का जन्म तेलुगू आधारित जाट परिवार में हुआ था। सिंधु के पिता पीवी रमन और माँ पी विजय दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके है। जबकि सिंधु बैडमिंटन खेलती है।
जब इस बारे में उनके पिता से पूछा गया तो वे कहते है,
वह भारत के पूर्व बैडमिंटन और वर्तमान कोच पुल्लेला गोपीचन्द के सक्सेस से काफी प्रभावित थी। एक दिन तमिलनाडू के निवर्तमान चीफ मिनिस्टर एन. चन्द्रबाबू के द्वारा पुल्लेला गोपीचन्द को सम्मानित किया गया। जिसे देखकर पीवी सिंधु काफी प्रभावित हुई और बैडमिंटन को चुनी
उस दिन यानि 2001 में पुल्लेला गोपीचन्द All England Open Badminton Champion थे। जिससे सिंधु खासा प्रभावित हुई और बैडमिंटन खिलाड़ी बनने की दृढ़ संकल्प की।
Badminton Life
इस तरह सिंधु ने सिंकंदराबाद में स्थित Indian Railway Institute of Signal Engineering and Telecommunications के बैडमिंटन कोर्ट में बैडमिंटन सीखाने वाले कोच महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की बेसिक्स को सीखी।
इसके बाद वो Inspiring Man यानि पुल्लेला गोपीचन्द से बैडमिंटन की बारीकियाँ सीखने लगी।
सिंधु की डगर इतना आसान ना था। उनके घर और बैडमिंटन एकेडमी के बीच 56 किमी की लंबी दूरी थी, जिसके कारण उनके दिन के पाँच घंटे ट्रेवेलिंग में ही बीत जाता था।
सिंधु बचपन से ही जी-तोड़ मेहनत करने से पीछे नहीं हटती थी। सिंधु समय पर एकेडमी ��हुँचने के लिए सुबह 4 बजे ही अपने घर से एकेडमी के लिए चलती थी। (क्योंकि दोपहर का सेशन वर्ल्ड स्टार साइना नेहवाल के लिए रिजर्व था। ) तब जाकर वह समय पर अपनी मंजिल तक पहुँचती थी।
एकेडमी में आने के बाद रोजाना पुल्लेला गोपीचन्द के मार्गदर्शन में खूब पसीना बहाती और अपने साथी खिलाड़ियों के साथ खूब प्रैक्टिस करती और देर शाम को अपने घर को लौट जाती।
12 साल की सिंधु की यहीं दिनचर्या थी, जो किसी भी आम व्यक्ति के दिनचर्या से 5 गुना कठिन है।
विजयी अभियान
खैर लगातार जी-तोड़ मेहनत और बैडमिंटन की टेक्निकस जल्दी सीखने के कारण वह मजबूत खिलाड़ी बन गई। जिसके कारण उस छोटी-सी उम्र में ही विजयी मेडलों की ढेर लगा दी। जिसके फलस्वरूप सिंधु जल्द ही अपने क्षेत्र का इक्का साबित हुई।
सिंधु ने All India Ranking Championship के अंडर 10, 13, और 14 के Title को जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपने जीत का झण्डा गाड़ी।
इतने शानदार परफ़ोर्मेंस के बदौलत जल्द ही सिंधु को 2009 के Sub-Junior Asian Badminton Championships में अपना जौहर दिखाने को मौका मिला, जहां उन्होंने ब्रोंज मेडल जीतकर अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय जीत का स्वाद चखी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जीत का स्वाद चखने की यह तो शुरुआत थी, जुलाई 2012 में Asia Youth Under 19 championship को जीती।
उसी साल चाइना मास्टर सुपर सीरीज टूर्नामेंट में 2012 के लंदन ओलिम्पिक चैम्पियन ली जुरई को हराकर पूरे बैडमिंटन वर्ल्ड में तहलका मचा दी।
इस चाइना ओपन में सिंधु को इंजरी हो गई, इसके बावजूद वो 77th Senior National Badminton Championships में भाग ली और फाइनल में भी पहुँच गई। पर उस उनका घांव उनके खेल पर ज्यादा भारी पड़ा, जिसके कारण सायली गोखले के हाथों 15-21, 21-15, 15-21 से फ़ाइनल मैच गंवा बैठी।
इस चैंपियनशिप के बाद सिंधु ने पहले अपने इंजरी का इलाज करने का निर्णय की, जिसके कारण उन्होंने जापान ओपन और कई नेशनल चैंपियनशिप को छोड़ दी।
बरहाल जब P V Sindhu फिट हुई तो दिसंबर 2012 में लखनऊ में आयोजित Syed Modi India Grand Prix Gold में पार्टीसीपेट की, जहां उन्हें दूसरे स्थान से संतुष्ट करना पड़ा, जबकि फ़ाइनल तक पहुँचने तक उन्होंने एक भी सेट नहीं गंवाया।
पर फ़ाइनल मैच में हारने के बावजूद उन्हें वर्ल्ड रैंकिंग में बड़ा फायदा हुआ। वो विश्व बैडमिंटन की 15 वीं रैकिंग पर काबिज हुई, जो उनके कैरियर बेस्ट रैंकिंग थी।
2013 का साल उनके लिए धमाकेदार रहा, जहां वो दुनियाँ के बेहतरीन से बेहतरीन खिलाड़ियों के विरुद्ध जीत हासिल की। इस साल सिंधु ने Malaysian Open Title जीती और दुनियाँ की नं. 2 चीनी खिलाड़ी वांग यीहान को क्वार्टर फ़ाइनल और 7 वीं रैंक की चीनी खिलाड़ी वांग शीइयान को फ़ाइनल में हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
इस साल उनकी जीत का सफर यहीं नहीं रुका। उन्होंने मकाउ ओपेन ग्रांड प्रीक्स गोल्ड में कनेडियन मिशेल ली को हराकर अपना पहला ग्रांड प्रीक्स गोल्ड जीती।
साल खत्म होते-होते सिंधु के जीत ने उन्हें बहुत बड़ा तौहफा दिया, जब उन्हें भारतीय राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
2013 की तरह 2014 में भी P V Sindhu ने अपने स्पिरिट्स से बैडमिंटन वर्ल्ड में खूब धमाल मचाई, जहां वह Glasgow Commonwealth Games और डेन्मार्क में आयोजित वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंची, दुनियाँ की नं.2 शीइयान वांग और दुनियाँ की नं. 5 साउथ कोरिया की खिलाड़ी बा इओन जु को हराकर अपने जीत के सिलसिला को बरकरार रखी। जिसके कारण वर्ल्ड कप में लगातार मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।
दुनियाँ के बड़े से बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ जीत मिलने से P V Sindhu अपने खेल में अब और तेज और परिपक्व हो गई। जिसका सबूत 2015 में देखने को मिला, जब उन्होंने डेन्मार्क ओपन में टाई जु इंग, वांग इयान और कैरोलिना मारिन जैसे दुनियाँ के टॉप खिलाड़ियों को धूल चटाई। पर फाइनल में ली जुरई के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
2015 के नवंबर में मकाउ ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड जीतकर अपने ग्रांड प्रिक्स गोल्ड की जीत को बरकरार रखने में सफल रही।
Rio Olympics
लगातार जीत अब सिंधु की आदत बन चुकी थी, जिसे हम 2016 में देख सकते है, जहां उन्होंने इस साल के शुरुआत में मलेशिया मास्टर ग्रांड प्रिक्स गोल्ड में गोल्ड जीती और अब रियो ओलिम्पिक में  प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में बैडमिंटन वर्ल्ड की नं. 8 पर काबिज ताई जु इंग, क्वार्टर फ़ाइनल में दुनिया की नं. 2 रैंक वाली चाइनीज वांग ईहान और सेमीफाइनल में छठी रैंक की जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराकर रियो ओलिम्पिक के बैडमिंटन फाइनल में पहुँच इतिहास रच दी। जहां उनका मुक़ाबला दुनियाँ की नं. 1 स्पेनिश खिलाड़ी कैरोलिना मारीन से है। दोनों के बीच 3-4 का रिकॉर्ड है यानि सिंधु ने कैरोलिना को 3 बार हरा चुकी है, जबकि कैरोलिना सिंधु को 4 बार हरा चुकी है।
पीवी सिंधु ऊंचाई वजन उम्र-PV Sindhu Biography: पीवी सिंधु ने 19 अगस्त 2016 को रियो, ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
जीवनी वास्तविक नाम पुसरला वेंकट सिंधु उपनाम अज्ञात व्यवसाय भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी शारीरिक आँकड़े और अधिक कद सेंटीमीटर में – 179 सेमी मीटर में – 1.79 मीटर ���िट में – 5′ 10 1/2″ वजन (किलोग्राम में) किलोग्राम में – 65 किलो पाउंड में – 150 एलबीएस शारीरिक संरचना 34-26-36 आँखों का रंग काला बालों का रंग काला अंतरराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत 2009 कोलंबो में सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप कोच/गुरु पुलेला गोपीचंद हॅंडेडनेस दायाँ हाथ मुख्य उपलब्धि •सिंधु ने कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। • स्टार खिलाड़ी 2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में महिला एकल में रजत जीता। • 7 जुलाई 2012, वह एशिया यूथ अंडर -19 चैम्पियनशिप जीत ली। • मलेशियाई ओपन 2013 में सिंधु के प्रदर्शन को उसके मायके ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीतने के लिए बनाया है। • 2013 और 2014 में लगातार विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। • 2016 गुवाहाटी दक्षिण एशियाई खेलों (महिला टीम) में एक स्वर्ण पदक कैरियर टर्निंग प्वाइंट 2011 में डगलस में राष्ट्रमंडल युवा खेलों एकल स्पर्धा में स्वर्ण सबसे ऊंची रैंकिंग 09 मार्च 2014 18 अगस्त 2016 व्यक्तिगत जीवन जन्मतिथि 5 जुलाई 1995 उम्र (2016 में) 21 वर्ष जन्म स्थान हैदराबाद, भारत राशि कैंसर राशि राष्ट्रीयता भारतीय गृहनगर हैदराबाद, भारत स्कूल अज्ञात कॉलेज St. Ann’s College for Women, Mehdipatnam शैक्षिक योग्यता एमबीए की छात्र परिवार परिवार पिता – पी वी रमण माँ- पी विजया बहन- ज्ञात नहीं धर्म हिंदू शौक फिल्म देखना पसंदीदा अभिनेता महेश बाबू और प्रभास (टॉलीवुड), रितिक रोशन (बॉलीवुड) पसंदीदा भोजन बिरयानी, चीनी और इतालवी ब्यञ्जन यौन अभिविन्यास अज्ञात वैवाहिक स्थिति अविवाहित अफेयर्स / बॉयफ़्रैंड्स अज्ञात
पी.वी. सिंधू के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य
पी.वी. सिंधू धूम्रपान करता है ?: नहीं
पी.वी. सिंधू शराब पीती हैं? : ज्ञात नहीं
सिंधु महबूब अली के मार्गदर्शन में सिकंदराबाद में भारतीय रेलवे संस्थान में खेल की मूल बातें सीखा है। बाद में वह पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गयी और वर्तमान में वे ही पी वी सिंधु के कोच हैं एवं वे ही भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच है।
सिंधु एक बहुत ही कठिन परिश्रमी एथलीट है।वह कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम का पालन करती हैं, वह हर सुबह 4.15 ��जे बैडमिंटन का अभ्यास शुरू कर देती हैं।
सिंधु के माता-पिता पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं।
वर्ष 2000 में उनके  पिता पी वी रमण को  राष्ट्रीय वॉलीबॉल के प्रति उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 2012 ली निंग चीन मास्टर्स सुपर सीरीज प्रतियोगिता में आया जब वह चीन के 2012 लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता ली Xuerui पराजित को किया।
उन्हें 30 मार्च 2015 को वह भारत के 4 सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
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abhay121996-blog · 3 years ago
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7 दिन के अंदर दो क्रिकेट मैच कोरोना के 'शिकार', आखिर क्या है महामारी का उपाय? Divya Sandesh
#Divyasandesh
7 दिन के अंदर दो क्रिकेट मैच कोरोना के 'शिकार', आखिर क्या है महामारी का उपाय?
नई दिल्लीभारत बनाम श्रीलंका दूसरे टी-20 इंटरनैशनल के शुरू होने में कुछ ही घंटे शेष थे कि अचानक खबर आई भारतीय खिलाड़ी क्रुणाल पंड्या कोरोना महामारी के शिकार हो गए हैं। मैच को एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। झटके वाली बात यह भी है कि क्रुणाल के संपर्क में 8 अन्य खिलाड़ी भी आए हैं। सभी को तत्काल आईसोलेट कर दिया गया। अब सभी खिलाड़ियों का आरटीपीसीआर किया जाएगा।
हर उपाय फेल! आनन-फानन में कोलंबो में होने वाले इस मुकाबले को बुधवार यानी 28 जुलाई को शेड्यूल किया गया। यानी अगर सबकुछ ठीक रहा तो कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम इंडिया श्रीलंका से 28 और 29 जुलाई को लगातार बचे हुए दोनों टी-20 खेलेगी। महामारी से बचने ��े लिए टूर्नामेंट के सभी मैच एक ही मैदान पर खेले जा रहे हैं। दर्शकों की एंट्री भी बैन है। खिलाड़ियों का बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं है। महामारी से बचने के लिए क्रिकेट बोर्ड हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे सवाल यह उठ रहा है कि कड़े बायो बबल के बीच खिलाड़ी कोरोना के शिकार हो रहे हैं तो आखिर ऐसा क्या किया जाए कि खिलाड़ी और खेल दोनों को महामारी से बचाया जा सके?
टॉस के बाद रद्द हुआ था मैचदेखा जाए तो 7 दिन के भीतर ऐसा दूसरी बार हुआ है जब किसी क्रिकेट मैच को रद्द या स्थगित करना पड़ा है। इससे पहले 22 जुलाई को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला भी कोराना वायरस की वजह से सस्पेंड करना पड़ा था। यह मैच दो दिन बा खेला गया। दरअसल, दूसरे वनडे मैच में टॉस के तुरंत बाद पता चला कि वेस्टइंडीज टीम का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद दोनों टीमों के खेमे में हड़कंप मच गया। पहली गेंद फेंकने से ठीक कुछ मिनट पहले मैच को रद्द करने की घोषणा हुई।
बायो बबल में इंग्लैंड टीम के 7 सदस्य हुए थे कोविड पॉजिटिवपाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज से ठीक दो दिन पहले यानी 6 जुलाई को इंग्लिश खेमे में हड़कंप मच गया। तीन खिलाड़ी समेत दल के कुल सात सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद आनन-फानन में पूरी टीम बदल दी गई। बेन स्टोक्स को टीम का कप्तान बनाया गया। साथ ही 18 सदस्यीय स्क्वॉड में नौ अनकैप्ड खिलाड़ियों को जगह मिली।
इंग्लैंड में पंत हुए थे कोरोना के शिकारइंग्लैंड में मौजूद भारतीय टेस्ट टीम में भी कोरोना के मामले सामने आए थे और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इसकी चपेट में आए थे जिस कारण वह डरहम में हुए अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं ले सके थे। हालांकि, वह बायो बबल का हिस्सा नहीं थे। WTC फाइनल के बाद वह छुट्टियां मना रहे थे।
भारत सीरीज में चल रहा आगेभारत और श्रीलंका सीरीज की बात करें तो आज दूसरा टी-20 खेला जाना था। साढ़े सात बजे टॉस होता, जबकि मैच शुरू होने का टाइम 8 बजे निर्धारित था। सीरीज का आखिरी टी-20 29 जुलाई को कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जा रही है और टीम इंडिया इसमें 1-0 से आगे चल रही है। भारत ने श्रीलंका को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से हराया था।
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abhay121996-blog · 3 years ago
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7 दिन के अंदर दो क्रिकेट मैच कोरोना के 'शिकार', आखिर क्या है महामारी का उपाय? Divya Sandesh
#Divyasandesh
7 दिन के अंदर दो क्रिकेट मैच कोरोना के 'शिकार', आखिर क्या है महामारी का उपाय?
नई दिल्लीभारत बनाम श्रीलंका दूसरे टी-20 इंटरनैशनल के शुरू होने में कुछ ही घंटे शेष थे कि अचानक खबर आई भारतीय खिलाड़ी क्रुणाल पंड्या कोरोना महामारी के शिकार हो गए हैं। मैच को एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। झटके वाली बात यह भी है कि क्रुणाल के संपर्क में 8 अन्य खिलाड़ी भी आए हैं। सभी को तत्काल आईसोलेट कर दिया गया। अब सभी खिलाड़ियों का आरटीपीसीआर किया जाएगा।
हर उपाय फेल! आनन-फानन में कोलंबो में होने वाले इस मुकाबले को बुधवार यानी 28 जुलाई को शेड्यूल किया गया। यानी अगर सबकुछ ठीक रहा तो कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम इंडिया श्रीलंका से 28 और 29 जुलाई को लगातार बचे हुए दोनों टी-20 खेलेगी। महामारी से बचने के लिए टूर्नामेंट के सभी मैच एक ही मैदान पर खेले जा रहे हैं। दर्शकों की एंट्री भी बैन है। खिलाड़ियों का बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं है। महामारी से बचने के लिए क्रिकेट बोर्ड हर संभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे सवाल यह उठ रहा है कि कड़े बायो बबल के बीच खिलाड़ी कोरोना के शिकार हो रहे हैं तो आखिर ऐसा क्या किया जाए ��ि खिलाड़ी और खेल दोनों को महामारी से बचाया जा सके?
टॉस के बाद रद्द हुआ था मैचदेखा जाए तो 7 दिन के भीतर ऐसा दूसरी बार हुआ है जब किसी क्रिकेट मैच को रद्द या स्थगित करना पड़ा है। इससे पहले 22 जुलाई को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला भी कोराना वायरस की वजह से सस्पेंड करना पड़ा था। यह मैच दो दिन बा खेला गया। दरअसल, दूसरे वनडे मैच में टॉस के तुरंत बाद पता चला कि वेस्टइंडीज टीम का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद दोनों टीमों के खेमे में हड़कंप मच गया। पहली गेंद फेंकने से ठीक कुछ मिनट पहले मैच को रद्द करने की घोषणा हुई।
बायो बबल में इंग्लैंड टीम के 7 सदस्य हुए थे कोविड पॉजिटिवपाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज से ठीक दो दिन पहले यानी 6 जुलाई को इंग्लिश खेमे में हड़कंप मच गया। तीन खिलाड़ी समेत दल के कुल सात सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद आनन-फानन में पूरी टीम बदल दी गई। बेन स्टोक्स को टीम का कप्तान बनाया गया। साथ ही 18 सदस्यीय स्क्वॉड में नौ अनकैप्ड खिलाड़ियों को जगह मिली।
इंग्लैंड में पंत हुए थे कोरोना के शिकारइंग्लैंड में मौजूद भारतीय टेस्ट टीम में भी कोरोना के मामले सामने आए थे और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इसकी चपेट में आए थे जिस कारण वह डरहम में हुए अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं ले सके थे। हालांकि, वह बायो बबल का हिस्सा नहीं थे। WTC फाइनल के बाद वह छुट्टियां मना रहे थे।
भारत सीरीज में चल रहा आगेभारत और श्रीलंका सीरीज की बात करें तो आज दूसरा टी-20 खेला जाना था। साढ़े सात बजे टॉस होता, जबकि मैच शुरू होने का टाइम 8 बजे निर्धारित था। सीरीज का आखिरी टी-20 29 जुलाई को कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जा रही है और टीम इंडिया इसमें 1-0 से आगे चल रही है। भारत ने श्रीलंका को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से हराया था।
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fblikeshayaris · 8 years ago
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Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font 2017
Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font
�Heart Touching Real Life Love Story In Hindi Font For Facebook.. Agar Aap Ne Bachpane Me Kisi Se Sacchi Mahobbat Ki Hai Aur Aap Ka Pyar Aap Ko Na Mila To Ye Hindi Sad Story Aap Ko Jarur Pasand Ayegi... So Must Read Sad Touching Hindi Love Story And Send On Fb Aur Whatsupp.�
चला था स्कूल का बस्ता लिये उन छोटे छोटे कदमों पे
मा कहती थी बेटा इन्हें मजबूत कर दुनिया का बोझ उठाना है
पता ना था कि कैसा बोझ होगा बस चलता जा रहा था
हसते हुए रोते हुए अपनी किस्मत से लडते जा रहा था
सब कहते थे पढ ले बेटा काम यही आयेगा 
सब झूठ है सब पराया है एक ज्ञान ही तूझे तेरा हक दिलायेगा
घिस घिस कर पेन कि श्याही हमने बस इतना सीखा
जो पेपर मे आये वो ही पढो बाकी सब अल्फा बीटा गामा और थीता
पढाई करते करते जवान भी होने लगे 
लडका लडकी प्यार महोब्बत इनके discussion  में भी खोने लगे 
जो पिक्चर कभी समझ ना आती थी वो अच्छी लगने लगी
friendship बैंड  deo  और gel  में हमारी भी जेब कटने लगी
जाने क्यूं उपर वाले ने हमें एक खूबसूरत चेहरा ना दिया
fairness cream  लगा के भी ये कभी fair ना हुआ
दिल था जो जा रहा उस मंजिल की ओर जहां शायद enrty थी खूबसूरत लोग की 
और हम दरवाजे खटखटाते रह गये उस चेहरे का जिसे जरूरत ना थी मेरे दिल की 
इस इश्क विश्क के चक्कर में पढाई से नाता ना जुड पाया
होशियार तो बहुत थे पढाई में मगर कभी उसे दिल से ना लगया
पापा ने हमारे बहुत struggle   किया था वो खूब हमें समझाते थे
पर समझाते हुए अक्सर गुस्से में आ जाते थे
गुस्से में वो अक्सर ऐसी बातें कह जाते थे
जो सुन कर हम अपनी जिन्दगी से मुह छुपाते थे
मन करता था की कही भाग जाउ मर जाउ कैसे भी 
पर मां का प्यार मरने ना देता था जाने ना देता था कही भी 
बचपन बीता बडी मुश्किल से लगता था ऐसा ही मुझको
बडे होगें बडा करेंगे डाटेंगे हम भी सबको
अब दिन कुछ जवान हुए शाम अच्छी लगने लगी थी 
छुप छुप के सपने देखने में रातें सजा करती थी
लडके लडकी का फर्क अब समझ आने लगा
किसी खूबसूरत से दिल लगाने को जी चाहने लगा
उस पर था पढाई का साया जो हर वक्त डराता था
future को अपने सोच कर सपने सजाया करता था
मां पापा को हर सुख दूं मैं हर खुशी उन्हें नाजार करूं
ऐसा काम करूं की नाम उनका रोशन कर पाउ
इसलिए tution में मैं पढने जाया करता था
maths और science में दिल और दिमाग खपाया करता था
एक दौस्त था पुराना जो हर वक्त मुझे चिढाया करता था
कलमान खान कह के मुझे बुलाया करता था
हसती थी उसकी बहन भी उसी की बात पे
और उसकी एक  friend  थी जो ध्यान ना देती थी इस बात पे
मेरा दिल भी बस उसी की तरफ झुकने लगा
marks  का तो पता नही attendence  पूरी में top करने लगा
मन ही मन उसको इतना प्यार करने लगा
बस वो ही एक जीवन लक्ष्य ऐसा मै समझने लगा
काश उस दिन बारिश ना होती
काश वो मेरे संग मेरी bike पे बैठी ना होती 
ना वो प्यार पागलपन बनता 
ना वो पागलपन मेरा दिमाग खराब करता
रात दिल बस आंखों में उसी के सपने छाये थे
उसको मुस्कुराता देखने के लिए ना जाने कितने jokes   सुनाये थे
असली खुशी तब हुइ जब हर जगह वो दिखने लगी
उसके सिवा किसी भी लडकी में मेरी दिलचस्पी ही ना रही
6 महीने बाद इतना मुझे यकीन हुआ था
प्यार शायद यही है और मैने सच्चा प्यार किया था
सोचा कैसे बताउं उसको मुझमें इतनी हिम्मत ना थी
अचानक फिर याद आया 14 feb  नजदीक ही थी
सोचा उस दिन तो कोई किसी का दिल ना तोडेगा
इतफाक से उसी दिल  tution  का extra period arrange हुआ
मैं सातवे आसमान पर था क्या करूं कैसे करूं यही सोचता था
12 बार लिखने के बाद एक letter  फाइनल किया
लाल रंग से लिखा था उसे पीले रंग से सजाया था
हर अक्षर में प्यार भर कर एक एक जजबात उसमें उथाया था
tution   खतम होने के बाद मैंने बहाने से उसे वो लेटर दिया 
और उसके पढने से पहले ही बहाने से वहां से भाग गया
घूम के उसके पीछे ही पेड की ओट में छिप गया
उसमें लिखा था.......
हां है तो रख लो ना है तो छोड कर चली जाओ
और कुछ कहना है तो वहीं रूकों मै सामने आ जाउगां
उसने वो लेटर पढा और वही खडी रही
उधर मै तो जम के बर्फ हुआ मुझमें भी हिम्मत ना हुई
फिर उसने उर लेटर के पीछे कुछ लिखा
और चली गयी मेरा बैग वही छोड कर मैनें जब देखा तो विश्वास ना हुआ
गयी थी वो मेरा दिल तोड कर
10th board    के पेपर है अभी मैं इन चक्करों में नहीं पडना चाहती 
इन शब्दों से जो दर्द हुआ उसमें कोई दवा काम ना आई
मैने घर पहुंच कर उसे फोन किया 
वो बोली जो बोलना था वो मैंने उस लेटर पर लिख दिया
समझ ना आया क्या करूं मर जानें को जी किया
पर फिर से उस मां की याद ने मुझे जीने को कारण दिया
टूट चुका था इस बार अन्दर से अब जोश ना मेरे जीवन में था
उस दोस्त का कलमान खान कहना शायद ठीक ही था
मेरे बोर्ड के पेपर तो जैसे तैसे बीत गये
अच्छा स्कोर कर सकता था पर 71 परसेंट में ही सिमट गये
टूटे दिल टूटे अत्मविश्वास के साथ आगे बढा
मां बा पके सिवा कोई मन का सहारा नहीं था........
via Blogger http://ift.tt/2qFDnpv Cute Love Story, Hindi Shayari, Images Shayari, Love Shayari, Love Stories, Romantic Shayari, Zindagi Shayari, Zindgi Shayari, Zindgi SMS http://ift.tt/2qFrIH8 May 20, 2017 at 10:36PM
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