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बच्चों के लिए आ गई वैक्सीन, DCGI ने स्वदेशी वैक्सीन को दी मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूजदेश को दूसरी स्वदेशी कोरोना रोधी वैक्सीन मिल गई है। सरकारी विशेषज्ञ समिति की ओर से सिफारिश के बाद डीसीजीआई ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इस्तेमाल की आपात मंजूरी दे दी है। कोवाक्सिन के बाद यह दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है। इसे 12 साल से ऊपर के लोगों को दिया जा सकेगा। इस वैक्सीन को तीन डोजों में दिया जाएगा। इस वैक्सीन को मिशन कोविड सुरक्षा के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर बनाया गया है। भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D कई मायनों में खास है। इसकी एक या दो नहीं बल्कि तीन खुराक लेनी होंगी। साथ ही साथ यह नीडललेस है, मतलब इसे सुई से नहीं लगाया जाता। इसकी वजह से साइड इफेक्ट के खतरे भी कम रहते हैं।बिना सुई के लगेगी वैक्सीनजायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है। इसके साथ-साथ इसे बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे कम होते हैं। बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, ��िर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं। मशीन पर लगे बटन क�� क्लिक करने से टीका की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है।कितनी असरदार है वैक्सीन?28,000 से अधिक वालंटियर पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल अंतरिम नतीजों में यह वैक्सीन आरटी-पीसीआर पॉजिटिव केसों में 66-6% तक असरदार दिखी है। यह भारत में कोरोना वैक्सीन का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल था।पीएम बोले- भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी से लड़ रहाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी के साथ लड़ रहा है। दुनिया की पहली डीएनए आधारित जायडस कैडिला की वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों के इनोवेटिव उत्साह को दर्शाती है। Read the full article
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जल्द ही बच्चों को लगेगी वैक्सीन, जायडस कैडिला का ट्रायल लगभग पूरा
चैतन्य भारत न्यूज देश में कोरोना के डेल्टा+ वैरिएंट के बढ़ते मामलों और संभावित तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की खबरों के बीच उनके लिए टीके की तैयारियां तेज हो गई हैं। अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, फाइजर और जायडस कैडिला की वैक्सीन मंजूरी पाने के सबसे करीब है। कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया कि जायडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के आखिर तक या अगस्त में हम 12 से 18 साल उम्र के बच्चों को टीका देना शुरू कर सकते हैं। हर दिन एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य उन्होंने कहा कि ICMR एक स्टडी लेकर आया है। इसमें कहा गया है कि तीसरी लहर देर से आने की संभावना है। हमारे पास देश में हर कि��ी के वैक्सीनेशन के लिए 6-8 महीने का समय है। आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ डोज लगाने का है। एम्स चीफ बोले- बच्चों के लिए वैक्सीन आने से स्कूल खोले जा सकेंगे एम्स चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आना मील का पत्थर हासिल करने जैसी उपलब्धि होगी। इससे स्कूलों को फिर से खोलने और आउटडोर एक्टिविटी फिर से शुरू करने का रास्ता खुलेगा। गुलेरिया ने यह बात शनिवार को न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में कही। बच्चों के लिए तीन वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के 2 से 18 साल उम्र के बच्चों पर हुए फेज 2 और 3 के ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है। ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी के बाद उस समय के आसपास भारत में बच्चों के लिए टीका आ सकता है। अगर इससे पहले फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, जायडस कैडिला भी जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के इमरजेंसी यूज के अप्रूवल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास अप्लाई कर सकती है। कंपनी का दावा है कि यह टीका वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है। Read the full article
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बच्चों के लिए बढ़ी कोरोना वैक्सीन की उम्मीद, जुलाई से Novavax का क्लिनिकल ट्रायल होगा शुरू
चैतन्य भारत न्यूज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बच्चों पर नोवावैक्स वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही है। 90.4 फीसदी तक असरदार कोरोना की नोवावैक्स वैक्सीन पर अगले महीने परीक्षण शुरू हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने जुलाई माह में यह परीक्षण शुरू होने की संभावना जताई है। बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल वाली चौथी वैक्सीन हालांकि, बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल में जाने वाली देश की यह कोई पहली वैक्सीन नहीं होगी। इससे पहले 3 और वैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। देसी कोवैक्सीन के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी पहले से ही चल रही है और दिल्ली एम्स में इसके लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने सीरम से किया है करार अमेरिकी बायोटेक्नॉलजी कंपनी नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन बनवाने का समझौता किया था। सीरम को उम्मीद है कि सितंबर तक वह देश में नोवावैक्स वैक्सीन को 'कोवावैक्स' के नाम से लॉन्च करने में सफल हो जाएगी। भारत में उसका ब्रीजिंग ट्रायल अंतिम दौर में है। हालांकि, बच्चों पर इसका अलग से क्लीनिकल ट्रायल होगा और उसमें सबकुछ ठीक होने के बाद ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी। Read the full article
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बच्चों के लिए बढ़ी कोरोना वैक्सीन की उम्मीद, जुलाई से Novavax का क्लिनिकल ट्रायल होगा शुरू
चैतन्य भारत न्यूज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बच्चों पर नोवावैक्स वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही है। 90.4 फीसदी तक असरदार कोरोना की नोवावैक्स वैक्सीन पर अगले महीने परीक्षण शुरू हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने जुलाई माह में यह परीक्षण शुरू होने की संभावना जताई है। बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल वाली चौथी वैक्सीन हालांकि, बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल में जाने वाली देश की यह कोई पहली वैक्सीन नहीं होगी। इससे पहले 3 और वैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। देसी कोवैक्सीन के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी पहले से ही चल रही है और दिल्ली एम्स में इसके लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने सीरम से किया है करार अमेरिकी बायोटेक्नॉलजी कंपनी नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन बनवाने का समझौता किया था। सीरम को उम्मीद है कि सितंबर तक वह देश में नोवावैक्स वैक्सीन को 'कोवावैक्स' के नाम से लॉन्च करने में सफल हो जाएगी। भारत में उसका ब्रीजिंग ट्रायल अंतिम दौर में है। हालांकि, बच्चों पर इसका अलग से क्लीनिकल ट्रायल होगा और उसमें सबकुछ ठीक होने के बाद ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी। Read the full article
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अब बच्चों के लिए भी आ गई कोरोना की वैक्सीन, फाइजर ने कहा- 12 से 15 साल के बच्चों पर हमारी वैक्सीन 100% असरदार
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना वैक्सीन बना रहीं अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन जैवप्रौद्योगिकी कंपनी बायोएनटेक ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों पर 100 फीसदी असरदार है। ��ता दें कि अमेरिका में 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के युवाओं को फाइजर की वैक्सीन दी जा रही है। Today with BioNTech, we announced positive topline results in adolescents 12-15 years of age from the Phase 3 Pfizer-BioNTech #COVID19 vaccine study. In participants aged 12-15 years old, BNT162b2 demonstrated 100% efficacy and robust antibody responses: Pfizer Inc — ANI (@ANI) March 31, 2021 कंपनी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि, अमेरिका में 2,250 बच्चों पर किए गए फेज थ्री ट्रायल्स में यह 100% असरदार रही। दूसरा डोज देने के एक महीने बाद उनमें बेहतर एंटीबॉडी रिस्पॉन्स देखने को मिला। कंपनी इस डेटा को US फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन को सौंपने पर विचार कर रही है, ताकि जल्द से जल्द वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सके। भारत में बच्चों को नहीं लगाए जा रहे टीके एक शोध में यह सामने आया कि फाइजर-बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित कोविड-19 टीका, कोरोना वायरस के उस नए प्रकार से सुरक्षा दे सकता है जो पहले ब्रिटेन और फिर दक्षिण अफ्रीका में पाया गया। भारत में फिलहाल 45 साल से अधिक उम्र और फ्रंटलाइन वारियर्स को टीके लगाए जा रहे हैं। बच्चों को टीके नहीं दिए जा रहे हैं। अच्छी इम्यूनिटी के लिए बच्चों को वैक्सीन लगना जरूरी संक्रामक बीमारियों के प्रसिद्द अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी समेत कई विशेषज्ञों का कहना है कि, अच्छी इम्यूनिटी को हासिल करने के लिए बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी है। कोरोना वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित हैं, इसकी जांच के लिए क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, लेकिन हमें इस बात के लिए तैयार रहना होगा कि इन ट्रायल्स से कोई ब्लॉकबस्टर नतीजे सामने आने वाले नहीं। Read the full article
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अब बच्चों के लिए भी आ गई कोरोना की वैक्सीन, फाइजर ने कहा- 12 से 15 साल के बच्चों पर हमारी वैक्सीन 100% असरदार
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना वैक्सीन बना रहीं अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन जैवप्रौद्योगिकी कंपनी बायोएनटेक ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों पर 100 फीसदी असरदार है। बता दें कि अमेरिका में 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के युवाओं को फाइजर की वैक्सीन दी जा रही है। Today with BioNTech, we announced positive topline results in adolescents 12-15 years of age from the Phase 3 Pfizer-BioNTech #COVID19 vaccine study. In participants aged 12-15 years old, BNT162b2 demonstrated 100% efficacy and robust antibody responses: Pfizer Inc — ANI (@ANI) March 31, 2021 कंपनी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि, अमेरिका में 2,250 बच्चों पर किए गए फेज थ्री ट्रायल्स में यह 100% असरदार रही। दूसरा डोज देने के एक महीने बाद उनमें बेहतर एंटीबॉडी रिस्पॉन्स देखने को मिला। कंपनी इस डेटा को US फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन को सौंपने पर विचार कर रही है, ताकि जल्द से जल्द वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सके। भारत में बच्चों को नहीं लगाए जा रहे टीके एक शोध में यह सामने आया कि फाइजर-बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित कोविड-19 टीका, कोरोना वायरस के उस नए प्रकार से सुरक्षा दे सकता है जो पहले ब्रिटेन और फिर दक्षिण अफ्रीका में पाया गया। भारत में फिलहाल 45 साल से अधिक उम्र और फ्रंटलाइन वारियर्स को टीके लगाए जा रहे हैं। बच्चों को टीके नहीं दिए जा रहे हैं। अच्छी इम्यूनिटी के लिए बच्चों को वैक्सीन लगना जरूरी संक्रामक बीमारियों के प्रसिद्द अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी समेत कई विशेषज्ञों का कहना है कि, अच्छी इम्यूनिटी को हासिल करने के लिए बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी है। कोरोना वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित हैं, इसकी जांच के लिए क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, लेकिन हमें इस बात के लिए तैयार रहना होगा कि इन ट्रायल्स से कोई ब्लॉकबस्टर नतीजे सामने आने वाले नहीं। Read the full article
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