#फिर खुद भी कर ली खुदकुशी
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पति-पत्नी और शक फिर हत्या: पत्नी का किसी और के साथ था अफेयर, पति ने ले ली महिला की जान, फिर खुद भी कर ली खुदकुशी
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पति ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। चरित्र शक में पति ने टांगी से वारकर पत्नी की जान ले ली। घटना की जानकारी मिलते ही कोटा थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। मिली जानकारी के अनुसार कोटा थाना क्षेत्र के मोहन भाटा गांव का रहने वाला शख्स अपनी पत्नी की चरित्र पर शंका करता था। इसके चलते दोनों में कई बार विवाद भी हुआ था। एक बार फिर विवाद होने…
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भाजपा सांसद की संदिग्ध हालात में मौत, सरकारी आवास में फंदे पर लटका मिला शव, खुद को बताते थे मोदी का सुदामा
चैतन्य भारत न्यूज मंडी/दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध हालत में मौत हुई है। दिल्ली स्थित आरएमएल अस्पताल के नजदीक बने फ्लैट में सांसद का निवास है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनके खुदकुशी की आशंका जताई जा रही है। बीजेपी ने रद्द की बैठक दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुबह तकरीबन 8।30 बजे सूचना मिली कि आरएमएल अस्पताल के पास गोमती अपार्टमेंट (एमपी फ्लैट) में बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर जब अधिकारी पहुंचे तो सांसद का शव फंदे से झूलता हुआ मिला। दरवाजा अंदर से बंद था। अभी आत्महत्या के पीछे की वजह साफ नहीं है। पुलिस जांच में जुट गई है। उनकी मौत की खबर के बाद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। उनके निधन के कारण आज होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठक रद्द कर दी गई है। सांसद के स्टाफ ने बताई पूरी कहानी दिल्ली पुलिस को बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के स्टाफ ने बताया, 'आज सुबह जब मैं कमरा खोलने गया तो वह अंदर से लॉक था, बार-बार आवाज लगाने के बाद भी कमरा नहीं खुला, फिर पुलिस को फोन किया गया, पुलिस के आने पर दरवाजा तोड़ा गया, इस दौरान सांसद का शव फंदे से लटक र��ा था।' RSS से भी जुड़े रहे रामस्वरुप शर्मा हिमाचल प्रदेश के दिग्गज ��ेता थे। राम स्वरूप शर्मा 2019 के आम चुनाव में हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले 2014 में भी वे मंडी से ही लोकसभा चुनाव जीते थे। राम स्वरुप शर्मा का जन्म 10 जून 1958 को हुआ था। वे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की जोगिंदर नगर संसदीय लोकसभा सीट से सांसद थे। वे मंडी जिला BJP और बाद में हिमाचल प्रदेश राज्य भाजपा के आयोजन सचिव रहे थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। वे RSS के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने 2014 में मंडी लोकसभा सीट जीती, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह के खिलाफ 39,796 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। बीमारी की वजह से डिप्रेशन में थे रामस्वरूप शर्मा को हार्ट की दिक्कत थी। उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। जानकारी के मुताबिक, उनके हार्ट में चार स्��ेंट डाले गए थे। सूत्रों का कहना है कि वे अपनी इस बीमारी की वजह से कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे। रामस्वरूप खुद को मोदी का सुदामा बताते थे। वे 1985 तक नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन (NHPC) में नौकरी की थी और कबड्डी के खिलाड़ी भी रहे। Read the full article
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26 साल के युवक ने पहले युवती को मारी गोली फिर कर ली खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस
26 साल के युवक ने पहले युवती को मारी गोली फिर कर ली खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस
बांगुर नगर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है (तस्वीर: प्रतीकात्मक) मुंबई: मुंबई के मलाड में मंगलवार को दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां 26 साल के एक युवक पहले 23 साल की युवती की गोली मारकर हत्या की और फिर खुद को गोली मारकर अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर ली. जानकारी के अनुसार मालाड पश्चिम में लिंकमंग रोड के पास हुई है. बांगुर नगर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरु…
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सूरत जिले के पुलिस सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन के नंबर पर 8 अक्टूबर को एक बुजुर्ग ने फोन किया और कहा, 'मैं जिंदगी से तंग आ गया हूं, दो टाइम का खाना तक नहीं मिल रहा। डायबिटीज और बीपी की समस्या से भी परेशान हूं, दवा खरीदने के पैसे नहीं। पैरों में सूजन आ गई है, बाथरूम नहीं जा पाता। मेरा कोई नहीं और अब दर्द सहन नहीं होता। मुझे आत्महत्या का विचार आ रहा है।' बुजुर्ग का ये कॉल हेल्पलाइन के एसीपी चंद्रराज सिंह जाडेजा ने रिसीव किया था।
जेल में रहते हुए 8 साल में 31 डिग्रियां लीं, सरकारी नौकरी भी मिली, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
चंद्रराज सिंह जाडेजा फोन पर बुजुर्ग से बातचीत करते रहे और बातों-बातों में घर का पता पूछ लिया। इसी दौरान उन्होंने डिंडोली पुलिस थाने क��� पीआई से संपर्क किया और एक जवान नवीन को बुजुर्ग के घर भेजकर उन्हें सुसाइड करने से रोक लिया। ASI नवीन ने खुद ही इन बुजुर्ग की देखभाल करने का फैसला किया। लगातार 14 दिनों तक नवीन ने पिता की तरह बुजुर्ग की देखभाल की। खाने और दवा का खर्च उठाया और बुजुर्ग की जान बचा ली।
बुजुर्ग का फोन एसीपी चंद्रराज सिंह जाडेजा ने रिसीव किया था। उन्होंने अपनी बातों में व्यस्त रखते हुए बुजुर्ग से उनके घर का पता पूछ लिया।
बुजुर्ग के दो बेटे वल्लभ विद्यानगर आश्रम में पढ़ाई करते हैं ASI नवीन चौधरी ने भास्कर से बातचीत में बताया कि एसीपी जाडेजा ने बुजुर्ग को अपनी बातों में लगाए रहते हुए ही मुझसे संपर्क किया। मैं टीम के साथ तुरंत ही उनके घर की ओर रवाना हो गया। घर जाकर देखा तो फोन करने वाले बुजुर्ग बहुत कमजोर नजर आ रहे थे। उन्होंने अपना नाम जयवदन पुरोहित बताया। उन्होंने बताया कि 2019 में पत्नी की मौत के बाद से वे अकेले ही रह रहे थे। दो बेटे हैं, लेकिन वे वल्लभ विद्यानगर आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। एक बेटा टी-वाई और दूसरा 11वीं में पढ़ता है। दोनों आश्रम में रहकर कामकाज करते हुए अपना खर्च निकालते हैं।
जयवदन ने बताया, 'मुझे शुगर के साथ-साथ बीपी की भी समस्या है। पैसों की तंगी और उस पर लॉकडाउन के दौरान तो हालत खस्ताहाल हो गई। दवा की बात तो दूर, खाने तक के लिए पैसे नहीं बचे। कोई मदद करने तैयार नहीं था। बेटों की हालत भी ऐसी नहीं कि उनसे पैसे मांगे जा सकें। कई दिनों से ठीक से खाना न मिलने के चलते पैरों में सूजन आ गई, जिससे दो कदम चलने तक को मोहताज हो गया हूं।'
नवीन बताते हैं, 'उनकी हालत देखकर और उनकी बातें सुनने के बाद मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। मैंने तुरंत पास की एक होटल से उनके लिए खाना मंगवाया और फिर उनके खाना खा लेने तक इंतजार किया। उसके बाद कहा कि आप आत्महत्या का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दीजिए। अब मैं आपकी जिम्मेदारी उठाऊंगा। आपको मंजूर है? मेरी बात सुनने के बाद वे मेरी ओर देखते ही रह गए और उनके चेहरे पर खुशी के हल्के भाव दिखे। इसके बाद मैं उनकी तमाम दवाएं लेकर आया। वे काफी भावुक हो गए तो मेरी आंखों में भी आंसू आ गए।'
इसी घर में बुजुर्ग जयवदन पुरोहित रहते हैं। पिछले साल उनकी पत्नी की मौत हो गई थी, तब से वो अकेले ही रहते हैं।
14 दिनों में उनके मन में फिर कभी भी सुसाइड का विचार नहीं आया नवीन ने बताया, 'मैंने तय कर लिया था कि अब उनकी देखभाल मैं ही करूंगा। इसके बाद लगातार 14 दिनों तक एक NGO की महिला की मदद से बुजुर्ग को दोनों समय का भोजन पहुंचाता और रोजाना उनसे मिलने जाता था। खुशी की बात तो ये थी कि इन 14 दिनों में उनके मन में दोबारा कभी भी आत्महत्या का विचार नहीं आया। इसके बाद मैंने उनके बेटों से फोन पर संपर्क किया। एक बेटा उन्हें अपने साथ रखने के लिए तैयार था। मेरी बातें सुनने के बाद बेटा तुरंत सूरत चला आया और जब पिता से उसकी मुलाकात हुई तो बुजुर्ग की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि उनके लिए ये पल किसी उत्सव से कम नहीं था। मैंने खुद ये नजारा अपनी आंखों से देखा।'
लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो पहाड़ी चाय का कारोबार शुरू किया, अब हर महीने एक लाख कमाई
बेटा पिता को अपने साथ ले गया नवीन ने बताया कि बेटे को अपने सामने देखकर पिता चौंक उठे थे। हालांकि, बेटे ने उन्हें इस बात का जरा सा भी अहसास नहीं होने दिया कि उसे बुलाया गया है। उसने पिता से कहा कि आपकी बहुत याद आ रही थी इसीलिए आपको साथ में ले जाने आ गया। यह सुनकर पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुनने वाले और लोगों के लिए भले ही यह एक छोटी सी घटना हो सकती है, लेकिन एक बुजुर्ग व लाचार पिता को बेटे का सहारा मिलने की खुशी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। फिलहाल जयवदन बेटे के साथ आराम से रह रहे हैं।
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ASI नवीन चौधरी जिन्होंने बुजुर्ग के घर पहुंचकर उनकी जान बचाई और सुसाइड क��ने से रोका।
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1992 में काजोल के अपोजिट फिल्म 'बेखुदी' से डेब्यू करने वाले एक्टर कमल सदाना 50 साल के हो गए हैं। 21 अक्टूबर, 1970 को जन्मे कमल के लिए जन्मदिन किसी सदमे से कम नहीं होता। कमल 20 साल पहले अपने जन्मदिन पर हुई एक भयानक घटना को याद कर आज भी गम में डूब जाते हैं।
पिता ने उठाया था खौफनाक कदम
कमल के पिता ब्रिज सदाना।
21 अक्टूबर, 1990 के दिन कमल अपने 20वें जन्मदिन की तैयारी में मगन था तभी एक घटना ने उनके होश उड़ा दिए। कमल ने अपने घर के एक कमरे में गोलियों की आवाज सुनी। कमल दौड़कर उस कमरे में गए तो देखा कि पिता ब्रिज सदाना बेकाबू होकर गोलियां चला रहे हैं। उनकी गोली से कमल की मां स���दा खान और बहन नम्रता की मौत हो गई थी। पिता ने कमल को देख उनपर भी गोली चला दी जो कि उनकी गर्दन को छूकर निकल गई और वह बाल-बाल बच गए। सब पर गोलियां चलाने के बाद पिता ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
'बेखुदी' में काजोल के साथ कमल।
एक इंटरव्यू में कुछ साल पहले कमल ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि वो नहीं जानते कि उनके पिता ने इतना खौफनाक कदम क्यों उठाया था। कमल ने इस बात से इनकार किया था कि उनके घर में पैसों की तंगी थी। कमल ने कहा था कि परिवार ने प्रॉपर्टी में अच्छे इंवेस्टमेंट किए थे इसलिए ऐसी कोई समस्या नहीं थी।
कमल के पिता ब्रिज बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे। उन्हें 'दो भाई', 'यह रात फिर ना आएगी', 'उस्तादों के उस्ताद', 'विक्टोरिया नंबर 203', 'प्रोफेसर प्यारेलाल' जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है।
1992 में कमल ने किया था डेब्यू
1990 में परिवार के खत्म हो जाने के बाद कमल ने बॉलीवुड में 'बेखुदी' से डेब्यू किया था। 1993 में दिव्या भारती के साथ उनकी आई फिल्म 'रंग' को जबरदस्त सक्सेस मिली थी लेकिन इस फिल्म के बाद कमल का बॉलीवुड करियर उस मुकाम तक नहीं पहुंचा जिसकी उम्मीद थी। फ्लॉप करियर से परेशान होकर कमल ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था।
2006 में उन्होंने पॉपुलर टीवी सीरियल 'कसम से' के जरिए कमबैक किया था। 2014 में उन्होंने 'रोर: टाइगर्स ऑफ सुंदरबन' नाम की फिल्म बनाई थी जिसकी कहानी भी उन्होंने खुद लिखी थी।
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tragic life of bekhudi actor kamal sadanah
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ससुरालियों के उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बचाने के बजाय बनाते रहे VIDEO Divya Sandesh
#Divyasandesh
ससुरालियों के उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बचाने के बजाय बनाते रहे VIDEO
मुजफ्फरनगरा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जहां ससुरालियों के उत्पीड़न से तंग आकर एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि उसे बचाने के बजाए सुसराल वाले घटना का वीडियो बनाते रहे। मृतक कोमल के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए तंग करते थे, जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।
हालांकि पुलिस ने महिला के ससुर और सास को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उनके पति, आशीष और उनके देवर फरार हैं।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि उसने गले में चुन्नी बांधी, फंदे में गांठ लगाई और लटक गई। लेकिन ससुराल वालों ने उसे बचाना ज्यादा जरुरी नहीं समझा और बाहर खड़े होकर वीडियो बनाते रहे।
जैसे ही वह फांसी पर लटक जाती है, तब एक आदमी आवाज देकर कहता है कि “अपने आप लटक रही है।”
आदमी की आवाज उसके ससुर के जैसी लग रही है।
यह खबर भी पढ़ें: बियर की बोतलें हरें और भूरे रंग की क्यों होती है? जानिए हैरान कर देने वाली वजह
एसपी (सिटी) अर्पित विजयवर्गीय ने इस बात की पुष्टि की है कि वीडियो को उस कमरे के बाहर से रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें महिला ने खुद को फांसी लगाई है। उन्होंने कहा, लड़की के ससुरालवालों ने उसे (महिला) खुदकुशी करने से रोकने की कोशिश की थी।
कोमल और आशीष की शादी सितंबर 2019 में हुई थी।
पीड़िता के पिता अनिल कुमार ने पुलिस को बताया, “मैंने शादी के समय उसके परिवार को 5 लाख रुपये और एक बाइक दी थी। लेकिन लड़के के पिता देवेंद्र, मां सविता और भाई सचिन खुश नहीं थे। लगभग छह महीने पहले उन्होंने कोमल की पिटाई भी की थी और उसे घर से निकाल दिया था।”
उन्होंने कहा, “दो महीने पहले फिर से 1.2 लाख रुपये की मांग की गई थी। उन्होंने कहा था कि अगर दहेज नहीं दोगे तो आशीष की शादी किसी और से शादी करा देंगे। इन ��ारों ने मिलकर मेरी बेटी की हत्या कर दी।”
आशीष, उसके भाई और उसके माता-पिता पर अब धारा 304 बी (दहेज के लिए हत्या), 498 ए (विवाहित महिला के साथ क्रूरता) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 (दहेज लेना या देना) और 4 (दहेज मांगना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
छपार पुलिस स्टेशन के एसएचओ यशपाल सिंह ने कहा, “महिला के सास-ससुर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आशीष और उसका भाई सचिन फरार हैं। हम उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।”
–आईएएनएस
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एटा मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा, घर की बहू ही निकली पूरे परिवार की कातिल
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एटा मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा, घर की बहू ही निकली पूरे परिवार की कातिल
घर की बहू थी आरोपी महिला जिसने दिया सबको जहर
खुद की नस काटकर और हार्पिक पीकर की खुदकुशी
उत्तर प्रदेश के एटा में शनिवार को एक घर में मिले 5 शवों के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि घर की ही एक महिला ने खाने में जहर मिला कर घर के सदस्यों की हत्या की थी. एक मासूम बच्चे का गला दबा कर हत्या किए जाने की बात सामने आई है. घटना में शामिल आरोपी महिला यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि घर का कोई सदस्य जीवित न बचे.
महिला ने घर के चारों सदस्यों की हत्या करने के बाद खुद की नस काट कर और हार्पिक पीकर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. घटना शनिवार की है, जिसमें देर सुबह तक घर का दरवाजा न खुलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी.
इस घटना में 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में रविवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतकों को खाने में जहर मिलाकर देने और एक साल के बेटे आरव का मुंह दबा कर जान से मारने की बात सामने आई है. एटा के एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि परिवार की बहू दिव्या ने पहले खाने में जहर मिलाया फिर अपने हाथ की नस काटकर खुदकुशी कर ली.
एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि तीन डॉक्टरों के पैनल से वीडियोग्राफी में पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार महिला दिव्या ने पहले 4 परिवारीजनों को भोजन में जहर मिलाया और सबसे बाद में इसने खुद जहर खाकर और हाथ की नस काटकर घटना को अंजाम दिया. बिसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखकर आगरा एफएसएल लैब भेजा गया है.
एसएसपी ने बताया कि घर के 4 लोगों ने खाना खाया और खाने में विषाक्त पदार्थ मिलाया गया है जो मेडिकल परीक्षण में साबित हुआ है. बहू दिव्या ने खाना नहीं खाया है. उसके पेट में हार्पिक और विषाक्त पदार्थ मिले हैं. उसने अपने हाथ की नस भी काटी है. इस मामले में 6 पुलिस टीमें बनाई गई हैं जो सीसीटीवी ��ुटेज, मोबाइल की डिटेल, रंजिश आदि का पता लगाने में जुटी हैं. परिवार के एक लड़के दिवाकर से भी बात हुई है, उसने किसी भी प्रकार की रंजिश होना नहीं बताया है.
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हनी ट्रैप, ब्लैकमेलिंग, फिर सुसाइड: भय्यूजी की मौत पर कई राज बेपर्दा - mp spiritual guru bhayyuji maharaj suicide conspiracy disclosure blackmailing honeytrap arrest
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज की खुदकुशी के 7 महीने बाद बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस की माने तो भय्यूजी महाराज को एक लड़की ब्लैकमेल कर रही थी. और इस साजिश में भरोसेमंद सेवादार भी शामिल थे. पुलिस ने जो खुलासा खुदकुशी पर किया वो सन्न कर देने वाला है. पुलिस की मानें तो भय्यूजी महाराज को सुसाइड के लिए उकसाया गया. इस बात का खुलासा एक फोन कॉल से हुआ. साजिश के किरदारों के नाम तो और भी हैरान करने वाले हैं.
आरोपी नंबर वन है- सबसे खास सेवादार विनायक दुधाले.
आरोपी नंबर दो है- सेवादार शरद देशमुख.
तीसरी आरोपी है- भय्यूजी महाराज की सेक्रेटरी पलक.
वो जिंदगी का पाठ पढ़ाते थे. वो हर मंच से जीना सिखाते थे. लेकिन वो खुद हो गए साजिश के शिकार. अपनों ने उन्हें इस कदर उलझाया कि जिंदगी जीने का नाम कहने वाले भय्यूजी महाराज ने खुद ही मौत को गले लगा लिया. अपने ही आश्रम में अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली.
इंदौर के डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा के मुताबिक तीनों ने मिलकर ऐसी खौफनाक साजिश का चक्रव्यूह रचा कि भय्यूजी महाराज इस उसमें फंसते चले गए और उन्हें पता तक नहीं चला. और जब पानी सिर से ऊपर तक आ गया तो मौत के अलावा उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखा. उन्हें ब्लैक मेल किया गया. भय्यूजी महाराज मानसिक तनाव में आ गए थे.
आरोपी नंबर वन सेवादार विनायक दुधाले पर भय्यूजी महाराज इस कदर भरोसा करते थे कि सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने में अपने आश्रम, वित्तीय लेन-देन और सारी व्यवस्थाओं के लिए उन्हें ही जिम्मेदारी सौंपने की बात की थी. भय्यू जी की अंतिम यात्रा में दिख रहा था. वो लगातार रो रहा था. लेकिन उसकी करतूत सुनकर सबके होश उड़ गए. दरअसल,विनायक ही वो शख्स है. जिसने ना सिर्फ पलक को भय्यूजी महाराज पर शादी के लिए दबाव डालने का आरोप मढ़ा बल्कि उन्हें बदनाम करने की धमकियां भी दिलवाई. जब भय्यूजी महाराज मानसिक तौर पर परेशान हो गए. तो सबसे खास सबसे भरोसेमंद सेवादार विनायक ने ही उन्हें नशीली दवा दी.
दूसरे आरोपी सेवादार शरद देशमुख पर भी वही आरोप हैं जो विनायक पर हैं. भय्यूजी महाराज शरद को भी काफी मानते थे. लेकिन वो भी दगाबाजी कर रहा था.
बला की खूबसूरत पलक को मनप्रीत अरोड़ा ना�� के एक शख्स ने भय्यूजी महाराज से मिलवाया था. जल्द ही पलक ने भय्यूजी का दिल जीत लिया. और उनकी सेक्रेटरी बन गई. लेकिन भय्यूजी महाराज की दूसरी शादी के बाद पलक दोनों सेवादारों की कठपुतली बन गई. दोनों सेवादारों के इशारे पर पहले पलक ने भय्यूजी महाराज की दूसरी शादी में हंगामा किया. और फिर आश्रम से निकाले जाने के बाद उन दोनों के इशारे पर ही भय्यूजी महाराज को ब्लैकमेल करने लगी.
डीआईजी मिश्रा के मुताबिक अपनों की साजिश से भय्यूजी महाराज को बदनामी का डर सताने लगा. कहते हैं कि दाती महाराज पर लगे रेप के आरोप के बाद सेवादारों ने ही उन्हें और डरा दिया. इनके बाद भय्यूजी महाराज इस कदर परेशान हुए कि 12 जून 2018 को अपने ही खुद को गोली मार ली.
7 महीने बाद भी भय्यूजी की खुदकुशी से हर कोई हैरान था. लेकिन तब पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं दिखा. पर एक महीने पहले पुलिस को फिरौती की कॉल की जो शिकायत मिली. उसके बाद खुदकुशी का सच सामने आन लगा.अध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज की मौत के बाद हर किसी की जुबान पर यही सवाल था कि आखिर भय्यूजी ने खुद अपनी जा क्यों ली. तब पुलिस ने भय्यू जी की पत्नी डॉ आयूषी की शिकायत पर शुरुआती जांच भी की. कई करीबी लोगों से पूछताछ भी की गई. लेकिन पुलिस को कोई ऐसी वजह नहीं मिली कि किसी पर शक किया जा सके.
सुसाइड नोट में भी शक वाली कोई बात नहीं दिखी. तो पुलिस ने भी मान लिया कि भय्यूजी की मौत खुदकुशी ही थी. लेकिन, पहले एक कॉल ने सब कुछ बदल दिया. महीने भर पहले भय्यूजी के आश्रम में ही एक फिरौती की कॉल आई. 5 करोड़ की फिरौती वाला ये फोन कॉल ट्रस्ट के वकील के पास आया. वकील ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस की जांच में पता चला कि फोन आश्रम से ही आया था और फोन करने वाला कोई और नहीं बल्कि वहीं का पुराना ड्राइवर था. इस बारे में जांच आगे बढ़ी तो आश्रम के कई लोग घेरे में आ गए. जिनमें भय्यूजी महाराज का सबसे भरोसेमंद सेवादार विनायक भी शामिल था.
फिर पुलिस ने पूरे मामले में भय्यूजी के परिवार के लोगों से पूछताछ की. पुलिस फिरौती का मामला सुलझाने में लगी थी. और इसके बाद इस मामले के सारे तार भय्यूजी की खुदकुशी की साजिश से जुड़ते चले गए. अब तक घेरे में सेवादार विनायक, सेवादार शरद आ चुके थे. कड़ाई से पूछताछ में पूर्व सेक्रेटरी पलक की कलई भी खुल गई. पुलिस की मानें तो तीनों मिलकर भय्यूजी को ब्लैकमेल करने लगे थे.
ये हनी ट्रैप का पूरा गेम काफी शातिराना था. सेवादार विनायक डबल गेम खेल रहा था. वो साजिश का मास्टर माइंड भी था. और भय्यूजी महाराज का भरोसेमंद भी. उसी ने दूसरे सेवादार शरद को अपने पाले में किया. फिर पलक को मोहरा बनाया. पलक के पास आपत्तिजनक चैटिंग का स्क्रीनशॉट था. जिससे वो भय्यूजी को ब्लैकमेल कर रही थी.
पुलिस की माने तो भय्यूजी महाराज की दूसरी शादी की बात से ही सेवादार विनायक बौखला गया था. उसे लगा कि उसकी अब हैसि��त खत्म हो जाएगी. पैसे का खेल भी बंद हो जाएगा. यही वजह है कि उसी के इशारे पर पलक ने भय्यूजी महाराज की दूसरी शादी में जमकर हंगामा किया. शादी के बाद विनायक खुलकर साजिश करने लगा. वो शरद के साथ मिलकर पलक को भड़काता था. उससे शादी के लिए दबाव डलवाता. भय्यूजी के सामने उनका बड़ा फिक्रमंद बना रहता है. उसकी भरकस कोशिश रहती थी कि पत्नी आयूषी भय्यूजी से दूर ही रहे. जब ब्लैकमेलिंग से भय्यूजी परेशान रहने लगे तो विनायक उन्हें नशीली दवा देने लगा. पुलिस की माने तो ब्लैकमेलिंग और नशीली दवा ने कॉकटेल का काम किया. और यही आध्यात्मिक गुरु की खुदकुशी का कारण बन गया.
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उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अंकुर चतुर्वेदी का जन्म एक आर्मी फैमिली में हुआ। पिता आर्मी ऑफिसर थे। अंकुर भी आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे। उनका एक ही सपना था नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का एग्जाम पास कर आर्मी ऑफिसर बनना। सपना पूरा भी हुआ। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने NDA क्रैक किया, लेकिन किस्मत ने इस तरह करवट ली कि जिस सपने को उन्होंने बचपन से संजोया था, जिया था, उसकी दहलीज पर पहुंचकर भी वो पूरा नहीं कर सके।
ट्रेनिंग के दौरान बॉक्सिंग करते हुए चोट लगी और उन्हें बोर्ड आउट होना पड़ा। इस हादसे के बाद वो कई महीनों तक डिप्रेशन में रहे, जान देने की भी कोशिश की। आज अंकुर एक मल्टीनेशनल कंपनी में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट हैं। जो बच्चे NDA से ब���र्ड आउट होते हैं, उनके हक के लिए लड़ रहे हैं, उनकी मदद करते हैं, गाइड करते हैं।
अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए अंकुर कहते हैं कि एक दिन मैं पापा की कैप पहनकर आईने के सामने सैल्यूट कर रहा था। तभी पीछे पापा आए और एक थप्पड़ जड़ दिया। उन्होंने कहा कि ये मेरी खुद की कमाई हुई है, तुम्हें पहनने का शौक है तो खुद से कमाओ। दो तीन दिनों तक मेरी पापा से बात नहीं हुई। फिर पाप मुझे समझाने आए तो मैंने उनसे गुस्से में कहा कि आप तो चाइना वॉर के वक्त ऑफिसर बने, लेकिन मैं NDA पास कर ऑफिसर बनूंगा। उस वक्त पापा काफी खु�� हुए।
1992 में अंकुर का चयन NDA में हो गया। तब उनकी उम्र 18 साल थी।
वे कहते हैं,'मेरे मन में NDA घूम रहा था। सोते-जागते में उसी के बारे में सोचता था। स्कूल से आने के बाद जवानों के साथ रहता था, उन्हीं के साथ खेलता था। तब मैं गाड़ियों के नंबर देखकर बता देता था कि कौन सी गाड़ी किस यूनिट की है, कौनसी गन किस काम के लिए होती है।
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1987 में सड़क हादसे में अंकुर के पापा की मौत हो गई। उस वक्त वो महज 12 साल के थे। जिस दिन पिता का अंतिम संस्कार था, उसी दिन अंकुरा के मैथ्स का पेपर था। घर के लोगों ने और स्कूल के टीचर्स ने कहा कि आज स्कूल आना ठीक नहीं है, लेकिन उस दिन भी अंकुर स्कूल गए और स्कूल यूनिफॉर्म में ही पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। वे कहते हैं कि मेरे पापा कभी नहीं चाहते थे कि मैं किसी एग्जाम से भागूं। मैंने उस दिन प्रण किया कि मैं पापा से बेहतर आर्मी ऑफिसर बनकर दिखाऊ���गा।
पापा की मौत के बाद रिश्तेदारों और उनके दोस्तों ने अंकुर का ख्याल रखा। हर जरूरत पूरी की, किसी चीज की कमी नहीं होने दी। इधर अंकुर की दिलचस्पी आर्मी ऑफिसर बनने को लेकर लगातार बढ़ती जा रही थी। वो दिन-रात उसी में खोए रहते थे। अंकुर ने पहली बार NDA तभी पास कर लिया था, जब वो एग्जाम के लिए एलिजिबल भी नहीं हुए थे। वो कहते हैं, 'उस समय इंटरनेट नहीं था कि प्रीवियस ईयर के सवालों को देख सकूं। इसलिए पैटर्न समझने के लिए पहले ही एग्जाम में बैठ गया। रिजल्ट आया तो मैं पास हो गया था। इससे मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा और जब एलिजिबिलिटी हुई तो आसानी से NDA क्रैक कर लिया। तब मेरी उम्र 18 साल थी।
ट्रेनिंग के दौरान अंकुर को रोइंग में गोल्ड मिला था। लेफ्टिनेंट जनरल एसके जेटली अंकुर को सम्मानित करते हुए।
NDA पास करने के बाद वो ट्रेनिंग के लिए चले गए। जब वो छठे टर्म में थे, तभी एक दिन बॉक्सिंग करते हुए अंकुर को चोट लग गई। उस वक्त उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा हल्की चोट है ठीक हो जाएगी, लेकिन जब वो टॉयलेट गए तो यूरीन से ब्लड आने लगा। इसके बाद उन्हें पुणे के आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने बताया कि उनकी किडनी डैमेज हो गई है और अब वे आर्मी के लिए फिट नहीं हैं।
इसके बाद अंकुर डिप्रेशन में चले गए। वो कहते हैं कि तब जीने की इच्छा नहीं रह गई थी, दिन-रात मरने के बारे में सोचते रहता था। हमेशा खुद को कोसते रहता था कि पापा के सपने को पूरा नहीं कर पा रहा हूं। वो मुझे माफ नहीं करेंगे। कई बार तो सोचता था कि सुसाइड कर लूं। अगर आज की तरह इंटरनेट होता तो शायद उस पर सुसाइड के तरीके ढूंढ कर खुदकुशी कर ली होती। तब मुझे ड्रग की भी लत लग गई थी।
फिर एक दिन अस्पताल में मेरे एक सीनियर मिले, जो आईएमए से बोर्ड आउट हो रहे थे। वो उस वक्त जॉब के दूसरे ऑप्शंस ढूंढ रहे थे। ��न्होंने मुझे काफी समझाया और कहा कि जो हुआ भूल जाओ और आगे के बारे में सोचो। तब हमें एक ऑप्शन मिला कि टी गार्डन की नौकरी थोड़ी बहुत आर्मी से मिलती है तो क्यों न उसके लिए अप्लाई किया जाए। इसके बाद मैंने टाटा टी में अप्लाई किया और मेरा सिलेक्शन भी हो गया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अंकुर बताते हैं कि कोलकाता में नौकरी के दौरान एक दिन एक लड़का मुझे सिम कार्ड देने आया। बातचीत के बाद पता चला कि वो ओटीए से बोर्ड आउट है। ट्रेनिंग के दैारान उसकी स्पाइनल इंजरी हो गई थी। गर्दन के नीचे का पूरा हिस्सा पैरालाइज हो गया था। कर्ज के चलते उसके पिता ने सुसाइड कर ली थी। उसकी कहानी सुनकर मैं दहल गया। तभी मैंने प्रण किया कि इनकी जंग मैं लड़ूंगा।
ट्रेनिंग के दौरान अंकुर अपने साथियों के साथ।
इसके बाद मैंने NDA कमांडेंट को पत्र लिखा। RTI फाइल की। फिर मुझे कुछ बच्चों का डेटा मिला, जो NDA से बोर्ड आउट हो चुके हैं। फिर हम तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिले। उन्होंने पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया। इसका फायदा ये हुआ कि अब जो भी बच्चे बोर्ड आउट होते हैं, उन्हें दूसरे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने की छूट मिल जाती है।
वो कहते हैं कि अभी सिर्फ ऐसे बच्चों को एक्स ग्रेशिया मिलता है, जो कि बहुत कम अमाउंट होता है। बाकी कोई सुविधा नहीं मिलती, जो एक्स-सर्विस मैन को मिलती है। इन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की भी फैसिलिटी नहीं मिलती है। 2015 में इसको लेकर एक कमेटी भी बनी। जिसमें सुझाव दिया गया कि एक्स ग्रेशिया के नाम को बदल कर डिसेबिलिटी पेंशन कर दिया जाए। जिसके बाद लेटर लिखकर सर्विस हेडक्वार्टर भेजा गया। वहां से भी इसे हरी झंडी दे दी गई।
कहानी टाइगर हिल जीतने वाले की / मेरे सभी साथी शहीद हो गए थे, पाकिस्तानियों को लगा मैं भी मर चुका हूं, उन्होंने मेरे पैरों पर गोली मारी, फिर सीने पर, जेब में सिक्के रखे थे, उसने बचा लिया
फिर ये मामला जज एडवोकेट जनरल (जैग) के पास गया। जैग ने कहा कि जो भी कैडेट चोट के चलते आउट बोर्ड होते हैं, उनकी पेंशन और बेनीफिट के लिए ये माना जाए कि उसे चोट सर्विस कमीशन पहले महीने में लगी। लेकिन अभी तक इस ड्राप्ट पर साइन नहीं हुआ है। वे कहते हैं, 'हमारी मांग है कि इन्हें डिसेबिलिटी पेंशन दी जाए। जो सुविधा एक्स सर्विस मैन को मिलती है, वो इन्हें भी मिले।
अब जो भी NDA से बोर्ड आउट होते हैं, उन्हें आफिशियली अंकुर चतुर्वेदी का फोन नंबर दे दिया जाता है। वो उनसे करियर के दूसरे ऑप्शन के बारे में पूछते हैं। अंकुर उन्हें गाइड करते हैं, काउंसलिंग करते हैं और सही प्लेटफॉर्म पर पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने ऐसे लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया है। 500 के करीब बोर्ड आउट इसमें शामिल हैं। अंकुर कहते हैं कि मैं आर्मी ऑफिसर तो नहीं बन पाया, लेकिन इन जवानों की जंग जीतने में कामयाब होता हूं तो मैं समझूंगा कि पापा के सपने को पूरा कर पाया।
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अंकुर को ट्रेनिंग के दौरान बॉक्सिंग करते हुए चोट लगी और उन्हें बोर्ड आउट होना पड़ा।
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युवक ने प्रेमिका की हत्या कर शव जलाया, फिर ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली
युवक ने प्रेमिका की हत्या कर शव जलाया, फिर ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के औंग थाना क्षेत्र में शनिवार तड़के एक युवक ने अपनी प्रेमिका को मारकर खुद को भी दे दिया।
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जीने की तमन्ना लिख लेडी सिंघम ने खुद को मार ली गोली, फिर 4 पन्नों के नोट में खोला सीनियर का राज Divya Sandesh
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जीने की तमन्ना लिख लेडी सिंघम ने खुद को मार ली गोली, फिर 4 पन्नों के नोट में खोला सीनियर का राज
वर्क प्लेस में महिलाओं के साथ हैरासमेंट के कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन इनके प्रति गंभीर एक्शन ना लिए जाने के कारण ही शोषण करने वालों को बढ़ावा मिलता रहता है, और पीडि़ता और घुटती रहती है । मजबूरी में या तो वो नौकरी छोड़ देती है या ऐसा कदम उठाने को मजबूर हो जाती है, जैसा कि अमरावती में एक फॉरेस्ट रेंजर महिला अधिकारी के साथ हुई । यहां दीपाली चव्हाण नाम की अधिकारी ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है ।सुसाइड नोट में लिखा दर्दमहाराष्ट्र के अमरावती से आए इस मामले में महिला रेंज वन अधिकारी ने अपनी मौत की वजह और दर्दभरी दास्तां 4 पन्नों के सुसाइड नोट में लिखकर बताई है। घटना के बाद विभाग और प्रशासन में हड़कंप ��चा हुआ है । मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है । घटना अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व की है, यहां दीपाली चव्हाण ने शुक्रवार देर रात खुद को सर्विस रिवाल्वर से शूट कर लिया।सीनियर अधिकारी पर आरोपदीपाली ने सुसाइड नोट में अपने सीनियर अधिकारी DCF विनोद शिवकुमार पर सेक्सुअल हैरासमेंट और टॉचर्र का आरोप लगाया है । मृत अधिकारी के आरोप के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है । पुलिस ने 28 साल की RFO दीपाली चव्हाण का खून से लथपथ शव टाइगर रिजर्व के पास हरिसल गांव में बने उसके सरकारी ��र से बरामद किया, उसके पास से ही सर्विस रिवॉल्वर और सुसाइड नोट भी मिला है ।पति ट्रैजरी अफसरदीपाली चव्हाण के पति राजेश मोहिते चिखलधारा में एक ट्रेजरी ऑफिसर के रूप में पोस्टेड हैं, जिस वक्त मृतका ने यह कदम उठाया उस दौरान वो ड्यूटी पर थे । वहीं उनकी मां भी अपने रिश्तेदार के यहां सतारा गई हुई थीं, जब मां ने दीपाली को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया तो गार्ड को घर भेजकर पता लगाया कि, वो घर पर मृत पड़ी थीं ।लेडी सिंघम के नाम से थी मशहूरदीपाली चव्हाण को अपनी निडरता के लिए जाना जाता है, वह एक सख्त और बहादुर अधिकारी मानी जाती थीं । आधी रात के समय भी जंगल की सुरक्षा में निकल जाया करती थीं । उन्हें लेडी सिंघम भी कहा जाता है, अपने छोटे से कार्यकाल में दीपाली ने हरिसाल के दो गांवों का कायाकल्प कर उसे पर्यटन के रूप में विकसित कर दिया था। उन्हें सम्मानित भी किया गया था । उनके काम का बड़ा अलग ही अंदाज था, जिस वजह से सीनियर अधिकारियों की नजर में वो खटकने लगी थीं ।उत्पीड़न से थी परेशानपुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि दीपाली को उसके सीनियर अधिकारी विनोद शिवकुमार परेशान कर रहे थे, उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि विनोद उनके साथ अभद्र व्यवहार करता था और संबंध बनाने के लिए इशारे करता था । शिवकुमार के बारे में दीपाली ने कई बार अपने वरिष्ठ, MTR फील्ड डायरेक्टर, एम.एस. रेड्डी (RFS) को शिकायत की थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की । दीपाली ने लिखा कि विनोद सार्वजनिक और निजी तौर पर उन्हें सेक्सुअल हैरेसमेंट और टॉचर्र करता था । कई बार वो उसे फटकार भी लगा चुकी थी । वो उनको छुट्टी नहीं देता था, प्रेग्नेंट होने के बावजूद जान बूझकर कच्चे रस्तों पर ले जाता था । इसकी वजह से उनका अबॉर्शन हो गया, उन्हें छुट्टी नहीं दी । शिवकुमार उन्हें जूनियर्स, गांव वालों, मजदूरों के सामने गालियां दिया करते थे। देर रात मिलने के लिए बुलाते, अश्लील बातें करते थे। दीपाली ने अपने चार पन्नों के सुसाइड नोट में आरोपी का सारा काला चिठ्ठा खोलते हुए उस पर कड़ी कार्रवई की मांग की है ।
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बिहार सैन्य पुलिस के जवान ने महिला कॉन्स्टेबल को मार खुद भी की खुदकुशी
बीएमपी (बिहार सैन्य पुलिस) वन कैंप में मंगलवार सुबह पुरुष कॉन्स्टेबल ने महिला कॉन्स्टेबल को गोली मार दी। और फिर खुद के सिर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। #biharnews #पटना #biharkhabarinhindi
बिहार की राजधानी पटना के एयरपोर्ट के पास स्थित बीएमपी (बिहार सैन्य पुलिस) वन कैंप में मंगलवार सुबह पुरुष कॉन्स्टेबल ने महिला कॉन्स्टेबल को गोली मार दी। और फिर खुद के सिर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। गोली की आवाज सुनकर बीएमपी में रह रहे अन्य कॉन्स्टेबल पहुंचे। दोनों को अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
मौके पर जांच के लिए एफएसएल की टीम को बुलाया गया। जिसके बाद पर…
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लखनऊ: कर्ज से परेशान शख्स ने पत्नी और बच्चे को दिया जहर, फिर की खुदकुशी - lucknow a person troubled by debt gave poison to his wife and child then committed suicide
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लखनऊ: कर्ज से परेशान शख्स ने पत्नी और बच्चे को दिया जहर, फिर की खुदकुशी - lucknow a person troubled by debt gave poison to his wife and child then committed suicide
हत्या और सुसाइड के मामलों की जांच
लखनऊ में साइबर कैफे चलाता था शख्स
लखनऊ में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया. यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी और बच्चे को जहर देने के बाद खुद खुदकुशी कर ली. मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस को मौके पर तकरीबन 6 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. नोट में में यह लिखा हुआ है कि वह कर्ज से काफी परेशान था, इस वजह से यह काम किया है. हालांकि पुलिस अभी हत्या और सुसाइड के मामलों की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक थाना आशियाना के सेक्टर आई में रहने वाले विशाल मदनानी अपना साइबर कैफे चलाते थे. शनिवार को घर पर उनके साथ उनकी पत्नी और एक मासूम बच्चा था. उनकी पत्नी भी साइबर कैफे में उनका हाथ बंटाती थीं. विशाल के साले को शनिवार दोपहर में किसी ने इस घटना की सूचना दी. बाद में जब दरवाजा तोड़ा गया तब अंदर पाया गया कि विशाल मदनानी ने वेंटिलेशन के फंदे से अपने को फांसी लगा ली है. उनकी पत्नी और बच्चे को जहर देने की बात कही गई है.
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पुलिस को इस जगह पर 6 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें कर्ज की बात कही गई है. माना जा रहा है कि कर्ज की वजह से परेशान विशाल मदनानी ने पत्नी और बच्चे को जहर देने के बाद खुद फांसी लगा ली. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है. पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद मामले की छानबीन कर रही है.
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विशाल के साले ने घटना के बारे में कहा, हमें घटना के बारे में सूचना मिली जिसके बाद हम वहां पहुंचे. दरवाजा तोड़ा तो देखा कि उन्होंने फांसी लगा ली थी और हमारी बहन नीचे पड़ी थी. बच्चा भी जहर खाया था. कर्ज की बात तो थी. लखनऊ के जेपीसी (क्राइम) निलब्जा चौधरी ने घटना के बारे में बताया, हम लोगों को सूचना मिली. यहां पर वे (पीड़ित) साइबर कैफे चलाते थे. उन्होंने सुसाइड किया है पत्नी और बच्चे को जहर दिया गया है. हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. हमें एक 6 पन्ने को सुसाइड नोट भी मिला है. छानबीन की जा रही है.(लखनऊ से आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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बिग बी के बाद बहु ऐशवर्या रॉय ने सुशांत सिंह को याद कर शेयर किया इमोशनल पोस्ट!
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बिग बी के बाद बहु ऐशवर्या रॉय ने सुशांत सिंह को याद कर शेयर किया इमोशनल पोस्ट!
दोस्तों बॉलीवुड के सितारे सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी ।उनके अचानक सुसाइड करने की ख़बर ने झकझोक कर रख दिया था। इंडस्ट्री और फैंस सदमे में हैं। उनके अचानक चले जाने से हर कोई दुख जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धाजंलि दे रहा है। इसी बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय ने भी उन्हें याद करते हुए इमोशनल पोस्ट लिखा है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ऐश्वर्या राय बच्चन ने इंस्टाग्राम पर लिखा ‘रेस्ट इन पीस सुशांत… भगवान सुशांत के परिवार और दोस्तों को इस दुख को सहने की शक्ति दें।‘ बता दे की इससे पहले ऐश के ससुर और जाने माने अभिनेता अमिताभ बच्चन ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर सुनकर एक भावुक पोस्ट लिखा। उन्होंने अपने पोस्ट में सुशांत सिंह राजपूत के साथ अपनी मुलाकात और उनकी शख्सियत का जिक्र किया था।
बता दे की महानायक अमिताभ बच्चन ने भी सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर दुख प्रकट करते हुए लिखा, ‘क्यों..क्यों…क्यों… क्यों’ सुशांत सिंह राजपूत क्यों? आपने अपनी जिंदगी खत्म क्यों कर ली? आप प्र��िभाशाली अभिनेता थे। बेहतरीन दिमाग… बिना कुछ कहे, बिना कुछ मांगे हमेशा के लिए सो गए… क्यों ? उनका काम बहुत शानदार था, दिमाग उससे भी ज्यादा बेहतरीन था।
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Why .. Why .. Why .. Why .. Sushant Singh Rajput .. why do you end your life .. your brilliant talent .. your brilliant mind .. laid to rest , without asking , seeking .. why .. .. his work was sheer brilliance .. and his mind even more .. many a time did he express himself in the depth of philosophical verb .. they that looked passed it were either in wonder or oblivious of its strength of meaning .. some wondered, some quibbled .. to some it was a subdued mirth .. subdued because , for it to be given lethargic ignorance, would have opened the caves of their own .. .. his speak was measured .. as was his screen presence .. .. I saw a complete work of his in ‘DHONI’ .. the film was dressed with remarkable moments of his performance .. but three of the moments ever remained with me as an observer .. they were done with such casual conviction that it would be difficult for an analyst of some credibility, to either notice it , or give attention to its bearing .. .. when he spoke or communicated , there was something of an inner value, which had remained unsaid , yet said in its covered all .. its a trait of excessive intelligence .. and when that takes a diversion from the highway , it invariably ends up against a road bloc – depressive , unwanted , and in belligerent frustration .. .. on one of my meetings with him , I asked him how did he manage to give that iconic shot of Dhoni hitting a six winning the International tournament , to absolute perfection .. he said he saw that video of Dhoni , a hundred times .. !! .. that was the severity of his professional effort .. .. he came from humble beginnings .. was a part of the 4rth line group dancers, that performed shows with Shiamak Davar , the ingenious talented choreographer of our times .. rising from those climes to where he was, is a story by itself .. excessiveness can often lead to extremes .. .. what kind of a mind leads one to suicide is an eternal mystery .. .. to end a most gainful life, is simply not permitted .. Ab
A post shared by Amitabh Bachchan (@amitabhbachchan) on Jun 15, 2020 at 1:26am PDT
अमिताभ बच्चन ने ��ोस्ट में सुशांत सिंह राजपूत के लिए आगे लिखा, ‘उन्होंने दार्शनिक कहानियों के जरिए कई बार खुद के बारे में बताया। कुछ लोग उनकी इस गहराई के बारे में जानकर बहुत बार अचंभित हो जाया करते थे या फिर उनकी इस ताकत का मतलब नहीं समझ पाते थे। कुछ के लिए यह आश्चर्यचकित होना होता था तो कुछ हल्की-फुल्की बात समझकर टाल दिया करते थे।
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थाना परिसर में ही सिपाही ने बीवी को गोली मारी, फिर खुद कर ली खुदकुशी
थाना परिसर में ही सिपाही ने बीवी को गोली मारी, फिर खुद कर ली खुदकुशी #rajnandgaon #raipur #chhattisgarh
राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ में पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों पर तनाव कितना हावी होता जा रहा है, एक बार फिर ये हमें राजनांदगांव के मानपुर थाना परिसर में देखने को मिला, जहां स्थित आवास में शुक्रवार देर रात थाना एक सिपाही ने पत्नी को गोली मार दी.
इसके बार सिपाही ने खुद भी जान दे दी, आशंका जताई जा रही है कि पारिवारिक विवाद के चलते सिपाही ने ऐसा कदम उठाया है। हालांकि फिलहाल पूरा मामला सामने नहीं आ…
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