#प्रथम’
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#सत_भक्ति_संदेश
सतगुरु के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना (ज्ञाता)।
दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी, तीसरे समदृष्टि कर जानी। चौथे वेद विधि सब कर्मा, यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।
(- कबीर सागर के अध्याय ‘‘जीव धर्म बोध‘‘ के पृष्ठ 1960)
#सत_भक्ति_संदेशसतगुरु के लक्षण चार बखाना#प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना (ज्ञाता)।दूजे हरि भक्ति मन कर्म बानी
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नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में,
अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में।
समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल,
गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल।
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शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग)
एक बार त्रेता युग में शिवजी अ��स्त्य ऋषि के पास गए। उनके साथ जगज्जननी भवानी सतीजी भी थीं। ऋषि ने संपूर्ण जगत् के ईश्वर जानकर उनका पूजन किया। मुनिवर अगस्त्यजी ने रामकथा विस्तार से कही, जिसको महेश्वर ने परम सुख मानकर सुना। फिर ऋषि ने शिवजी से सुंदर हरिभक्ति
शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग) मुख पृष्ठ पोस्ट शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग) शिव-शक्ति श्रीराम मिलन जिस समय सम्पूर्ण ब्रह्मांड मे चारों ओर केवल अंधेरा हीं अंधेरा था। या यु कहे कि चारों ओर केवल रात्रि का ही साम्राज्य था। अग्नि, जल, वायु और पृथ्वी का भी कोई नामोनिशान तक नहीं था। उस समय केवल एकमात्र ‘सत ब्रह्म’ अर्थात सदाशिव की ही सत्ता विद्ध्मान थी, जो केवल अनादि और चिन्मय कहलाती थी…
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#अखंड रामायण#रामायण कथा#शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग)#श्रीरामचरितमानस कथा#Daily Prompt#dailyprompt#Hindu dharma#MNSGranth#New post#Shiv-Shakti Shri Ram Milan (Part 1)
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#अनसुना_रहस्य_रामचरितमानस_का🌷रामचरित मानस के अनुसार मोक्ष द्वादश अक्षर मंत्र (प्रथम नाम)#सतनाम और सारनाम के जाप से संभव है।
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#नशा_नाश_का_कारण_है नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं हृदय#लीवर#गुर्दे#फेफड़ें शराब सबसे प्रथम इन
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