#पेट साफ करने के लिए तेल लगाने के 7 फायदे
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spectrumorb · 2 years ago
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यहां आपको नाभि की सफाई और तेल लगाने के फायदों के बारे में जानने की जरूरत है
आखरी अपडेट: 20 फरवरी, 2023, 16:08 IST यहां पेट को साफ करने और तेल लगाने के कुछ आसान तरीके और इसके कुछ फायदे दिए गए हैं। नाभि या नाभि की सफाई और तेल लगाना जरूरी है। यह न केवल आपकी त्वचा और बालों को पोषण देता है बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। हम अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए महंगे बॉडी केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। बढ़ती उम्र, फाइन लाइन्स, झुर्रियां, काले धब्बे और सुस्त…
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kisansatta · 5 years ago
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लौंग के हैं जबरदस्त फायदे, काबू में हो जाएंगी कई बीमारियां
लौंग को खाने के साथ दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है| लौंग खाने में स्वाद बढ़ा देता है|लौंग क�� जो तासीर होती हैं वो गरम होती है इसके ज़्यदातर इसे खासी जुखाम और सर्दी की प्रॉब्लम को दूर करने के ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है|लौंग खुद में एक दवा भी है और किचनें किंग भी,मसालो में लौंग का इस्तेमाल खाने के स्वाद और खुशबू को बढ़ाने के लिए किया जाता है|
रसोई में मौजूद मसाले सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं सेहत के लिए भी अच्छे हैं| इन्हीं में से एक है लौंग|लौंग के बहुत सारे फायदे जिसे जानकर आपको हैरानी होगी| लैंग एक प्रकार की औषधि है| लौंग में कई सारे तत्व विटामिन आदि पाए जाते है|लौंग में 36 प्रकार की सामग्री होती है उनमे से सबसे अहमहै यूगेनॉल। इसके अलावा पोटेशियम, लोहा, फास्फोरस, आयोडीन, विटामिन के और सी होते हैं।आइये जानते है लौंग के फायदे-
1. लौंग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक जैसे कई गुण पाए जाते हैं और बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम की समस्या होती है और ऐसे में लौंग आपको इस समस्या से राहत दिला सकती है| सर्दी-जुकाम या गले में खरास होने पर मुंह में एक लौंग रख लें| इससे आपको सर्दी-जुकाम में राहत के साथ गले में होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिलेगा| इसके अलावा लौंग वाली काली चाय का भी सेवन किया जा सकता है।
2.अगर आप पायरिय�� रोगी है तो ऐसे लोग को काफी देर मत भूखे पेट बैठे रहने से भी मुंह से बदबू आ सकती है| लौंग से आप मुंह की बदबू और दांतो के दर्द को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं| इसके लिए आपको 40 से 45 दिनों तक लगातार रोज सुबह मुंह में साबुत लौंग का सेवन करना पड़ेगा| लौंग में यूजिनॉल तत्व होता है|आयुर्वेद में लौंग के इस्तेमाल को लेकर कई जगह जिक्र किया गया है। लौंग साइनस और दांत में दर्द निवारक का काम करता है।
3.जो लोग खूबसूरत दिखना चाहते है| लौंग से आप अपनी सुंदरता को और निखार सकते हैं| आजकल चहरे पर दाग-धब्बे या डार्क सर्कल बहुत लोगो को होते हैं तो उनके लिए लौंग बहुत फायदेमंद है| लौंग के पाउडर को किसी भी फेसपैक या फिर बेसन के साथ मिलाकर लगाएं. एक बात का खास ख्याल रखें कि लौंग पाउडर को आप चहरे पर सीधे ना लगाए लौंग पाउडर के साथ बेसन या मुलतानी मिट्टी का प्रोयोग करें| यह बहुत गर्म होती है और इससे जलन हो सकती है|
4. लौंग ��रीर में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। लौंग में विटामिन के अलावा अन्य मिनरल्स जैसे जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। मधुमेह के रोगियों को गर्म पानी में 5-6 लौंग डालकर रख देना चाहिए और इन पानी को ठंडा होने पर दिनभर पीना चाहिए। इससे डायबिटीज नियंत्रित रखने में काफी मदद मिलती है।
5. रोज दिन में दो या तीन लौंग का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।अगर आप लौंग की चाय पीते है तो आपको अल्सर की समस्या से निजात मिल सकता है| यदि हम रोज लौंग का इस्तेमाल करते हैं तो पेट में अल्सर जैसी समस्या भी नहीं होती है क्योंकि लौंग में मौजूद यूजेलिया पेट में अल्सर जैसी समस्या को नियंत्रित करके रखता है। लौंग में मौजूद फाइबर भी पाचन में सहायक होता है। इससे पेट की छोटी व बड़ी आंत आसानी से साफ होती है।
6. लौंग के इस्तेमाल में अस्थमा की बीमारी भी नियंत्रित रहती है। अस्थमा एक जानलेवा बीमारी है, जो सीधे हमारी श्वसन नलिका को प्रभावित करती है। ज्यादा मेहनत काम करने या दौड़ने व चलने से मरीज की सांस फूलने लगती है। ऐसे मरीजों को लौंग हमेशाअपने पास ही रखना चाहिए, आपके श्वसन तंत्र को लौंग तत्काल सक्रिय करता है और सांस लेने में हो रही दिक्कत भी दूर करता है। इसके अलावा मतली, जोड़ों में दर्द, कान दर्द, मुंहासे दूर करने में भी लौंग सहायक होता है।
7 .लौंग में यूजेनिया नाम का एक प्रमुख तत्व भी पाया जाता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में आई सूजन को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा गले व मसूड़ों में होने वाले दर्द, टांसिल्स आदि की समस्या भी इससे नियंत्रित हो जाती है। लौंग में मौजूद एंटी इंफ्लेमेट्री गुण, कैनडिडा नाम के फंगस से लड़ने में मदद करता है। इसके लिए सूजन या दर्द वाली जगह पर लौंग के तेल को लगाने या हल्की मालिश करने से काफी राहत मिलती है।
8. खराब खान-पान के चलते अक्सर गैस की समस्या हो जाती है. ऐसे में रोज-रोज दवाओं का इस्तेमाल सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है| तो आपको घरेलू नुस्खों का रुख करना चाहिए| गैस के लिए सबसे लाभकारी औषधि है लौंग. गैस और कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए सुबह खाली पेट 1 गिलास पानी में लौंग तेल की कुछ बूंदे डालकर पीने से काफी आराम मिलता है|
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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बायो ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Bio Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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बायो ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Bio Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
त्वचा और बालों के लिए किसी नए उत्पाद का चयन, एक बड़ा सवाल हो सकता है। कई बार जानकारी के अभाव में लोग ऐसे उत्पादों को खरीद बैठते हैं, जो फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान का कारण बन जाते हैं। ऐसे में अगर आप त्वचा के लिए बायो ऑयल का उपयोग करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो स्टाइलक्रेज का यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में बायो ऑयल के फायदे विस्तारपूर्वक बताए गए हैं, साथ ही त्वचा और बालों के लिए बायो ऑयल का उपयोग किस प्रकार करना है, इस विषय में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में आपको संभावित बायो ऑयल के नुकसान के विषय में भी जानने को मिलेगा।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
सबसे पहले जानिए कि बायो ऑयल क्या होता है और इसमें कौन-कौन से तत्व मौजूद होते हैं।
बायो ऑयल एक तरह का नॉन-ग्रीसी (जो चिपचिपा न हो) तेल होता है। इसमें कई तरह से एसेंशियल ऑयल एवं विटामिन मौजूद होते हैं, जो त्वचा के लिए लाभदायक हो सकते हैं, जैसे-
कैलेंडुला तेल (Calendula Oil)
लैवेंडर तेल (Lavender Oil)
कैमोमाइल तेल (Chamomile Oil)
पर्सेलिन तेल (Purcellin Oil)
विटामिन-ए
विटामिन-ई
इस लेख के अगले भाग में जानिए बायो ऑयल के फायदे के बारे में।
विषय सूची
बायो ऑयल के फायदे – Benefits of Bio Oil in Hindi
बायो ऑयल के फायदे जानने से पहले पाठक इस बात को भी ध्यान में रखें कि बायो ऑयल लेख में शामिल किसी भी समस्या का मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है। यह सिर्फ उन समस्या के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में सहायक भूमिका निभा सकता है।
1. झुर्रियों को कम करने के लिए
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे झुर्रियां होना सामान्य है। वहीं, कई बार ऑक्सीडेटिव तनाव भी चेहरे पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने की वजह बन सकता है। ऐसे में, इससे बचने के लिए बायो ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एमडीपीआई (MDPI – मॉलिक्यूलर डायवर्सिटी प्रिजर्वेशन इंटरनेशनल) नामक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक शोध में बायो ऑयल के एंटीऑक्सीडेंड गुणों का जिक्र मिलता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस गुण के कारण कई कॉस्मेटिक कंपनियां इस खास तेल का इस्तेमाल एंटी-रिंकल और एंटीएजिंग उत्पादों को बनाने में करती हैं (2)।
2. मुंहासों और दाग-धब्बों से आराम दिलाए
मुंहासों से आराम पाने में बायो ऑयल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इस कार्य के पीछे इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल काम करते हैं। जैसा कि बायो ऑयल के परिचय में हम बता चुके हैं कि इसमें अन्य तत्वों के साथ कैमोमाइल, लैवेंडर और कैलेंडुला एसेंशियल ऑयल भी मौजूद होते हैं। इन तीनों तेल की मौजूदगी इस तेल के गुणों को बढ़ाने का काम करती हैं, जैसे कैमोमाइल तेल का उपयोग मुंहासों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, लैवेंडर एसेंशियल ऑयल मुंहासों के साथ त्वचा के दाग-धब्बों को हटाने में मददगार साबित हो सकता है (3)। इसके अलावा, बायो ऑयल में मौजूद ओलिक और लिनोलेनिक एसिड भी दाग-धब्बों को हल्का करने में सहायक हो सकते हैं (4)।
3. स्ट्रेच मार्क्स के लिए बायो ऑयल के फायदे
बायो ऑयल अपने कई फायदों के लिए जाना जाता है, लेकिन स्ट्रेच मार्क्स को कम करना, बायो ऑयल के फायदे में सबसे ऊपर है। माना जाता है कि लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी स्ट्रेच मार्क्स का शिकार होती हैं। ये शरीर के अलग अलग हिस्सों जैसे पेट, कमर, स्तन, जांघ व कूल्हों के आस पास कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे मोटापा और गर्भावस्था। एक शोध में देखा गया है कि बायो ऑयल स्ट्रेच मार्क्स पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। लगभग छह से आठ हफ्तों के उपयोग से बायो ऑयल स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में प्रभावी रूप से मददगार साबित हो सकता है (5)।
बायो ऑयल के अन्य फायदों के लिए स्क्रॉल करें।
4. रंगत निखारने में बायो ऑयल के फायदे
माना जाता है नियमित रूप से बायो ऑयल का इस्तेमाल करने से मुंहासों और झुर्रियों को कम करने के साथ, त्वचा का रंग निखारने में भी मदद मिल सकती है। इसका यह फायदा लोगों के अनुभव पर आधारित है और इस पर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इस कारण यह नहीं कहा जा सकता कि त्वचा का रंग निखारने में बायो ऑयल के फायदे कितना काम करेंगे।
5. ऑयली त्वचा के लिए लाभदायक
कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या बायो ऑयल का इस्तेमाल ऑयली त्वचा के लिए किया जा सकता है? लोगों ने अनुभव के आधार पर यह जानकारी मिलती है कि यह एक नॉन-ग्रीसी (जो चिपचिपा न हो) तेल है और ऑयली स्किन के लिए भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, बायो ऑयल में मौजूद लैवेंडर ऑयल, ऑयली त्वचा और उससे संबंधित समस्याएं, जैसे एक्ने से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (3)।
6. बालों के लिए बायो ऑयल के फायदे
जैसा कि हम बता चुके हैं कि बायो ऑयल में कई एसेंशियल ऑयल मौजूद होते हैं और इन्हीं में से एक है लैवेंडर ऑयल। लैवेंडर तेल के फायदे बालों के लिए भी देखे जा सकते हैं। यह बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें बढ़ने में मदद करता है (6)। इसके अलावा, बायो ऑयल में विटामिन-ई भी पाया जाता है, जो एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह बालों को फ्री रेडिकल्स से बचाकर, उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है (7)।
और जानकारी के लिए स्क्रॉल करें
लेख के अगले भाग में जानिए बायो ऑयल का इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है।
बायो ऑयल का उपयोग – How to Use Bio Oil in Hindi
त्वचा के लिए बायो ऑयल का उपयोग
सबसे पहले प्रभावित त्वचा को पानी से धोकर अच्छी तरह साफ कर लें।
अब बायो ऑयल की कुछ बूंदे हथेलियों में लें।
अब प्रभावित हिस्से पर हाथों को गोलाकार (Circular Motion) घुमाते हुए मसाज करें।
इसे लगभग पांच से आठ मिनट के लिए करें। इतनी देर में तेल त्वचा में पूरी तरह समा जायेगा।
बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।
बालों के लिए बायो ऑयल का उपयोग
सबसे पहले बालों को शैम्पू से धो लें और फिर सुखा लें।
इसके बाद हथेली में थोड़ा सा बायो ऑयल लें और इससे सिर की अच्छी तरह मसाज करें।
लगभग 15 से 20 मिनट मसाज करने के बाद बालों को शैम्पू से धो लें।
आप चाहें तो रात भर इसे बालों में रहने दें और सुबह बाल धो लें।
पढ़ते रहें आर्टिकल
बायो ऑयल का उपयोग के बाद जानिए इसके कुछ अन्य फायदों के बारे में।
बायो ऑयल के अन्य फायदे – Other Benefits Of Bio Oil in Hindi
मेकअप रिमूवर – मेकअप हटाने के लिए बायो ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए उंगलियों की मदद से बायो ऑयल से चेहरे पर मसाज करें। जब मेकअप चेहरे से निकलने लगे तो रुई की मदद से उसे पोंछ लें। पूरा मेकअप निकालने के बाद, चेहरे को फेस वॉश से धो लें।
मॉइस्चराइजर – बायो ऑयल का उपयोग मॉइस्चराइजर के रूप में भी किया जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई त्वचा को नम बनाए रखने में मदद करता है (8)। इसके लिए उंगलियों पर बायो ऑयल की कुछ बूंदे लेकर चेहरे पर मसाज की जा सकती है।
लिप बाम – बायो ऑयल का उपयोग लिप बाम की तरह भी किया जा सकता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद विटामिन-ई होठों की त्वचा को भी नम बनाए रखने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस पर कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
आगे जानिए कि क्या बायो ऑयल के नुकसान भी हैं?
बायो ऑयल के नुकसान – Side Effects of Bio Oil in Hindi
बायो ऑयल के नुकसान की बात करें तो इससे जुड़े वैज्ञानिक अध्ययनों का अभाव है। वहीं, किसी को अगर इसमें मौजूद किसी भी एसेंशियल ऑयल से एलर्जी है या किसी की त्वचा अतिसंवेदनशील है, तो वे इसका उपयोग करने से बचें। इसके अलावा, त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क कर इसके उपयोग संबंधी अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इसके फायदे जानने के बाद अगर आप इसे लेना चाह रहे हैं, तो यहां से खरीदें
उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप बायो ऑयल के फायदे अच्छी तरह जान गए होंगे। साथ ही त्वचा और बालों के लिए इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है, इस विषय में भी आपको जानकारी हो गई होगी। ऐसे में अगर आप इसका इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसे ऑनलाइन या बाजार से खरीद सकते हैं। अगर बायो ऑयल का उपयोग करने से त्वचा पर जलन या रैशेज जैसी समस्याएं होती हैं, तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें और त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/bio-oil-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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nsyadavdelhi-blog · 6 years ago
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हल्दी(Turmeric ) के फायदे और गुण :-(Bolo JI Radhey Radhey)हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक द्रव्य के रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में हल्‍दी को एक महत्‍वपूर्ण औषधि‍ कहा गया है। भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है और धार्मिक रूप से इसको बहुत शुभ समझा जाता है। विवाह में तो हल्दी की रसम का अपना एक विशेष महत्व है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आइए हम आपको हल्दी के गुणों के बारे में बताते हैं। 1.दाग, धब्बे व झाइंया मिटाने के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद है। चेहरे पर दाग या झाइंया चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। 2.हल्दी को दूध में मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला दिखेगा। 3.लीवर संबंधी समस्याओं में भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है।सर्दी-खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी पाउडर डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 4.पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर में थोडा सा नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं। 5.खांसी होने पर हल्दी का इस्तेमाल कीजिए। अगर खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आती। 6.अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आए हों तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है। 7.धूप में जाने के कारण त्वचा अक्सर टैन्ड हो जाती है। टैन्ड त्वचा से निजात पाने के लिए हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और ��ही मिल���कर प्रभावित स्थान पर लगाइए। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है। 8.मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। 9.चोट लगने या मोच होने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाएं या गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीजिए। N S Yadav ... 10.हल्दी का प्रयोग करने से खून साफ होता है जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 11.अनियमित माहवारी को नियमित करने के लिए महिलाएं हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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dayaramalok · 7 years ago
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जटामांसी के गुण उपयोग फायदे यह हिमालय प्रदेश के 10 हजार से 18 हजार फीट की ऊँचाई तक भूटान में पाई जाती हे। इसका क्षुप बहुर्षाय होता है। इसकी जड़ कठिन तथा अनेक शाखाओ से युक्त होती हे तथा ये 6-7 अंगुल तक लम्बे सघन रोमो से आवृत रहती है। जो जटा रूप धारण कर लेती है। जड़ के अंतिम भाग में दो से सात-आठ की संख्या में पत्र होते है जो 6 से 7 इंच तक लम्बे होते है , मध्य में 1 इंच मोटा होता है । जड़ की और अत्यंत संकुचित होती है। काण्डपत्र 1 से 4 इंच तक लम्बे होते हे। डण्डियो के अंत में सफेद या कुछ गुलाबी रंग के छोटे छोटे फूलो के गुच्छे लगते हे । फल छोटे , गोल , सफेद एवम् रोयेदार होते हे। इसका भौमिक तना तथा मूल जो की रोमो से आवृत होता है एवम् शुष्क होने से गहरे धूसर रंग के या रक्ताभ भूरे रंग के हो जाते है और ये विशिष्ट सुगन्ध वाले होते हे। इनका उपयोग तेलो को सुगन्धित बनाने व रंगने के भी कम में लेते है। जटामांसी के चमत्कारी लाभ अनिद्रा : ये धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। अनिद्रा की समस्या होने पर सोने से एक घंटा पहले एक चम्मच जटामांसी की जड़ का चूर्ण ताजे पानी के साथ लेने से लाभ होता है। बाल काले और लंबे करना : जटामांसी के काढ़े से अपने बालों की मालिश कर सुबह-सुबह रोज लगायें और 2 घंटे के बाद नहा लें इसे रोज करने से फायदा पहुंचेगा। सूजन और दर्द : अगर आप सूजन और दर्द से परेशान हैं तो जटामांसी चूर्ण का लेप तैयार कर प्रभावित भाग पर लेप करें। ऐसा करने से दर्द और सूजन दोनों से राहत मिलेगी। बिस्तर पर पेशाब करना : जटामांसी और अश्वगंधा को बराबर मात्रा में लेकर पानी में डालकर काफी देर त��� उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को छानकर बच्चे को 3 से 4 दिनों तक पिलाने से बिस्तर में पेशाब करने का रोग समाप्त हो जाता है। बेहोशी : जटामांसी को पीसकर आंखों पर लेप की तरह लगाने से बेहोशी दूर हो जाती है। दांतों का दर्द : यदि कोई व्यक्ति दांतों के दर्द से परेशान है तो, जटामांसी की जड़ का चूर्ण बनाकर मंजन करें। ऐसा करने से दांत के दर्द के साथ- साथ मसूढ़ों के दर्द, सूजन, दांतों से खून, मुंह से बदबू जैसी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। पेट में दर्द : जटामांसी और मिश्री एक समान मात्रा में लेकर उसका एक चौथाई भाग सौंफ, सौंठ और दालचीनी मिलाकर चूर्ण बनाएं और दिन में दो बार 4 से 5 ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करें। ऐसा करने से पेट के दर्द में आराम मिलता है। निद्राचारित या नींद में चलना : लगभग 600 मिलीग्राम से 1.2 ग्राम जटामांसी का सेवन सुबह और शाम को सेवन करने से इस रोग में बहुत लाभ मिलता है। तेज दिमाग : जटामांसी दिमाग के लिए एक रामबाण औषधि है, यह धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। इसके अलावा यह याददाश्त को तेज करने की भी अचूक दवा है। एक चम्मच जटामांसी को एक कप दूध में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है। रक्तचाप : जटामांसी औषधीय गुणों से भरी जड़ीबूटी है। एक चम्मच जटामांसी में शहद मिलाकर इसका सेवन करने से ब्लडप्रेशर को ठीक करके सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है। हिस्टीरिया : जटामांसी चूर्ण को वाच चूर्ण और काले नमक के साथ मिलाकर दिन में तीन बार नियमित सेवन करने से हिस्टीरिया, मिर्गी, पागलपन जैसी बीमारियों से राहत मिलती है। रक्तपित्त : जटामांसी का चूर्ण 600 मिलीग्राम से 1.20 ग्राम नौसादर के साथ सुबह-शाम खाने से रक्तपित्त और खून की उल्टी ठीक होती है। ज्यादा पसीना आना : जटामांसी के बारीक चूर्ण से मालिश करने से ज्यादा पसीना आना कम हो जाता है। बवासीर : जटामांसी और हल्दी समान मात्रा में पीसकर प्रभावित हिस्से यानि मस्सों पर लेप करने से बवासीर की बीमारी खत्म हो जाती है। इसके अलावा जटामांसी का तेल मस्सों पर लगाने से मस्से सूख जाते हैं। मासिक धर्म में विकार : 20 ग्राम जटामांसी, 10 ग्राम जीरा और 5 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर चूर्ण बनाएं। एक- एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। इससे मासिक धर्म के दौरान दर्द में आराम मिलता है। शरीर कांपना : यदि किसी व्यक्ति के हाथ- पैर या शरीर कांपता है तो उसे जटामांसी का काढ़ा बनाकर रोजाना सुबह शाम सेवन करना चाहिए या फिर जटामांसी के चूर्ण का दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए। इससे शरीर कंपन की समस्या दूर हो जाती है��� मुंह के छाले : जटामांसी के टुकड़े मुंह में रखकर चूसते रहने से मुंह की जलन एवं पीड़ा कम होती है। नपुंसकता : यदि कोई यक्ति नपुंसकता की गंभीर समस्या से परेशान है तो जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का रोजाना दिन में तीन बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा मिलता है। चेहरा साफ करना : जटामांसी की जड़ को गुलाबजल में पीसकर चेहरे पर लेप की तरह लगायें। इससे कुछ दिनों में ही चेहरा खिल उठेगा। सिर दर्द : अक्सर तनाव और थकान के कारण सिर दर्द की परेशानी हो जाती है। इस��े छुटकारा पाने के लिए जटामांसी, तगर, देवदारू, सोंठ, कूठ आदि को समान मात्रा में पीसकर देशी घी में मिलाकर सिर पर लेप करें, सिर दर्द में लाभ होगा। सावधानियाँ गुर्दों को हानि : जटामांसी का ज्यादा उपयोग करने से गुर्दों को हानि पहुंच सकती है और पेट में कभी भी दर्द शुरू हो सकता है। दस्त : जटामांसी का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें नहीं तो उल्टी, दस्त जैसी बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं। एलर्जी : जटामांसी के अत्यधिक उपयोग से एलर्जी हो सकती है। यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो जटामांसी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें|
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सालमन मछली के फायदे और नुकसान – Salmon Fish Benefits and Side Effects in Hindi
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सालमन मछली के फायदे और नुकसान – Salmon Fish Benefits and Side Effects in Hindi
सालमन मछली के फायदे और नुकसान – Salmon Fish Benefits and Side Effects in Hindi Somendra Singh Hyderabd040-395603080 December 4, 2019
शरीर के लिए अच्छे आहार का सेवन बहुत जरूरी है। इसके लिए कुछ लोग शाकाहारी तो कुछ मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं। इस स्थिति में जब नॉनवेज डाइट की बात होती है, तो सालमन मछली को सबसे बेहतर माना जाता है। इस मछली के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। वहीं, गंभीर बीमारी की अवस्था में डॉक्टरी इलाज को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। आइए, स्टाइलक्रेज के इस लेख में सालमन मछली खाने के फायदे के साथ-साथ सालमन मछली खाने के नुकसान और अन्य जरूरी जानकारियों के बारे में जानते हैं।
लेख में सबसे पहले जानते हैं कि सालमन मछली क्या है।
विषय सूची
सालमन मछली क्‍या है? – What is Salmon Fish in Hindi
सालमन एक प्रकार की मछली है, जो ताजे पानी के साथ-साथ खारे पानी में भी रह सकती है। सालमन रंग का एक प्रकार भी है, जो गुलाबी-नारंगी से लेकर हल्के गुलाबी रंगों की श्रेणी में आता है। इस मछली का रंग भी कुछ ऐसा होता है, इसलिए इसका नाम सालमन रखा गया है। सालमन मछली की ऊपरी सतह चांदी जैसी दिखती है, लेकिन जब इसकी त्वचा को साफ किया जाता है, तो यह नारंगी रंग की दिखती है। माना जाता है कि यह मछलियां अंडे देने के लिए ताजे पानी की ओर आती हैं। इस मछली का अधिकतम वजन 57.4 किलोग्राम और लम्बाई 1.5 मीटर तक हो सकती है (1)।
सालमन मछली के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य फायदों के बारे में लेख के इस भाग में बताया जा रहा है।
सालमन मछली के फायदे – Benefits of Salmon Fish in Hindi
सालमन मछली खाने के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं।
1. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य के लिए सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हफ्ते में एक बार सालमन मछली खाने से हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों से सुरक्षित रहने में मदद मिल सकती है (2)। इस स्थिति में एक बार डॉक्टरी सलाह भी ली जा सकती है।
2. वजन घटाने के लिए
सालमन मछली का उपयोग वजन घटाने के काम भी आ सकता है। सीडीसी (सेंट�� फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार वजन घटाने के लिए कम कैलोरी वाले आहार का सेवन वजन को नियंत्रित करने में लाभ पहुंचा सकता है। ऐसे खाद्य पदार्थ पानी और फाइबर की अच्छी मात्रा से भरपूर होते हैं, जो पेट को भरा हुआ रख सकते हैं। ऐसे में ग्रिल्ड सालमन यानी भूनकर पकाई गई सालमन का उपयोग पेट को भरा हुआ रखकर वजन घटाने के लिए फायदेमंद हो सकता है (3)।
3. सूजन को करने के लिए
व्यक्ति के शरीर में होने वाली कुछ सामान्य प्रकार की सूजन को कम करने के लिए सालमन मछली का उपयोग किया जा सकता है। सालमन में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रिया को प्रदर्शित कर सकता है (4)। इस गुण के कारण सालमन मछली सूजन की स्थिति को कम करने में मदद कर सकती है। वहीं, अगर सूजन की समस्या ज्यादा गंभीर है, तो मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा जरूर लें।
4. दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए
दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए भी सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं। यहां एक बार फिर से सालमन मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड का जिक्र होगा। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) के अनुसार, सालमन मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन दिमाग की कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है, जिससे याद करने की क्षमता, नई चीज सीखने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हो सकता है (5)। साथ ही यह मूड डिसऑर्डर को सुधारने में भी मदद कर सकता है।
5. कैंसर की स्थिति में
कैंसर से बचने के लिए भी सालमन मछली का सेवन किया जा सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सालमन मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। यह फैटी एसिड कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है (6)। इन जोखिम से बचने के लिए मछली को पकाकर खाया जा सकता है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट से ही संभव है। इसलिए, कैंसर जैसी अवस्था में सालमन मछली का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
6. बच्चों में ADHD की स्थिति में
एडीएचडी, बचपन में होने वाले सबसे आम न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों में से एक है। इसका पूरा नाम अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) है। इसमें बच्चों को ध्यान/एकाग्रता लगाने में परेशानी होती है (7)। वहीं, मछली को मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ माना गया है। सालमन मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चों के दिमाग और एडीएचडी की स्थिति को सुधारने में लाभदायक हो सकता है। डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को हफ्ते में दो बार फिश करी के रूप में सालमन मछली खिलाई जा सकती है (8)।
7. प्रोटीन के उच्च स्रोत के रूप में
सालमन मछली को प्रोटीन खाद्य पदार्थ के एक बेहतर स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है (9)। प्रोटीन मानव शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व है। इसकी पूर्ति हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा के लिए सकारात्मक रूप से कार्य करती है (10)।
8. विटामिन-बी और विटामिन-डी के रूप में
विटामिन-बी और विटामिन-डी के रूप में भी सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं। सालमन मछली में विटामिन-बी समूह का विटामिन-बी3 पाया जाता है। विटामिन-बी3 के सेवन से पिलैग्रा (Pellagra) यानी शरीर में नियासिन की मात्रा में कमी जैसे रोग से बचने में मदद मिल सकती है (11)। इस रोग में सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से त्वचा पर रैशेज और भूरे रंग के दाग होने लगते हैं। साथ ही त्वचा खुरदरी भी हो जाती है।
इसके अलावा, सालमन मछली में विटामिन-डी3 (विटामिन डी का ही एक रूप) भी पाया जाता है। विटामिन-डी हड्डियों, आंत (Intenstine), इम्यूनिटी, हृदय की कार्यप्रणाली, अग्न्याशय (Pancreas), मांसपेशियों और मस्तिष्क के लिए लाभदायक हो सकता है (12)।
9. मैक्यूलर (Macular) स्वास्थ्य के लिए
मैक्यूलर स्वास्थ्य के लिए भी सालमन मछली का प्रयोग किया जा सकता है। मैक्युला, रेटिना से जुड़ा एक हिस्सा होता है, जिसमें दोष उत्पन्न होने से आंखों से जुड़ी मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी बीमारी हो सकती। यह बीमारी अंधेपन का कारण बन सकती है (13)। वहीं, सालमन मछली में डोकोसैक्सिनोइक एसिड (Docosahexaenoic Acid) और इकोसैपेंटेनोइक एसिड (Eicosapentaenoic acid) पाया जाता है। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड का ही रूप होते हैं, जो मैक्यूलर डिजनरेशन पर लाभदायक असर दिखा सकते हैं (14)।
10. सेलेनियम के उच्च स्रोत के रूप में
सेलेनियम के अच्छे स्रोत के रूप में भी सालमन मछली का उपयोग किया जा सकता है। सालमन मछली में सेलेनियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। सेलेनियम मुख्य रूप से दिमाग, हृदय स्वास्थ्य और इम्यून सिस्टम के लिए सक्रिय रूप से लाभदायक हो सकता है (15)। रात को खाने के समय सालमन मछली को खाने में शामिल किया जा सकता है, जिससे शरीर में सेलेनियम की पूर्ति की जा सकती है।
11. एस्टैक्सैंथिन (Astaxanthin) के रूप में
एस्टैक्सैंथिन के एक अच्छे स्रोत के रूप में सालमन मछली लाभदायक हो सकती है। एस्टैक्सैंथिन एक जेन्थोफिल कैरोटीनॉयड है, जो विभिन्न सूक्ष्मजीवों और समुद्री जीवों में पाया जाता है। इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और फ्री-रेडिकल्स को डैमेज करने वाले गुण होते हैं। साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हो सकता है (16)। डॉक्टरी सलाह पर आप इसको फिश की किसी भी डिश के रूप में खा सकते हैं।
12. मूड को सुधारने में
कभी-कभी किसी वजह से मूड ठीक नहीं रहता, जिसे सुधारने के लिए भी सालमन का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, सालमन मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। यह फैटी एसिड मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ मूड सुधारने में भी मदद कर सकता है (5)। अगर ज्यादा दिनों तक मूड खराब रहे, तो मनोचिकित्सक की सलाह ली जा सकती है।
13. बालों के लिए सालमन मछली के लाभ
बालों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी सालमन मछली का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) के मुताबिक बालों को स्वस्थ रखने के लिए सालमन मछली में मौजूद विटामिन-डी3 का सेवन लाभदायक हो सकता है। विटामिन डी-3 एक ट्रांसक्रिप्शन (डीएनए से जुड़ी एक क्रिया) के रूप में कार्य करता है, जिससे बालों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है (17)।
14. त्वचा के लिए सालमन मछली के फायदे
त्वचा के लिए भी सालमन मछली के फायदे देखे जा सकते हैं। सालमन मछली को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है (9)। प्रोटीन का सेवन हमारी मांसपेशियों के साथ-साथ त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेने के बाद मछली को आहार में शामिल किया जा सकता है (10)।
सालमन मछली के लाभ जानने के बाद आइए अब इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में भी जान लेते हैं।
सालमन मछली के पौष्टिक तत्व – Salmon Fish Nutritional Value in Hindi
सालमन फिश में निम्नलिखित पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं (9)।
पौष्टिक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम जल 68.5g ऊर्जा 142kcal प्रोटीन 19.84g टोटल लिपिड 6.34g ऐश 2.54g मिनरल कैल्शियम 12mg आयरन 0.8mg मैग्नीशियम 29mg फास्फोरस 200mg पोटैशियम 490mg सोडियम 44mg  जिंक 0.64mg कॉपर 0.25mg मैग्नीशियम 0.016mg सेलेनियम 36.5μg विटामिन थियामिन 0.226mg राइबोफ्लेविन 0.38mg नियासिन 7.86mg विटामिन बी-6 0.818mg फोलेट (कुल,डीएफई,फूड) 25μg विटामिन बी-12 3.18mg विटामिन-ए (आईयू) 40IU लिपिड फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.981g फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 2.103g फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 2.539g
आइए, अब जानते हैं कि सालमन मछली को कैसे खाने में उपयोग कर सकते हैं।
सालमन मछली का उपयोग – How to Use Salmon Fish in Hindi
सालमन मछली को निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।
सालमन मछली को तेल में फ्राई करके खाया जा सकता है।
सालमन मछली को करी के रूप में खाया जा सकता है।
इसे स्टीम करके खाया जा सकता है।
इसे लेमन बटर के साथ पकाकर खाया जा सकता है।
इसे शतावरी की सब्जी के साथ भी खाया जा सकता है।
सालमन मछली को रोस्ट करके खाया जा सकता है।
कब खाएं : सालमन मछली को सुबह नाश्ते के रूप में ले सकते हैं। दोपहर को लंच के साथ भी आप सालमन मछली का सेवन कर सकते हैं। साथ ही साथ सालमन मछली को रात में डिनर के रूप में भी खा सकते हैं।
कितनी मात्रा में खाएं : सालमन मछली के सेवन की सही मात्रा की जानकारी के लिए किसी आहार विशेषज्ञ की सलाह लें। साथ ही साथ इस बारे में भी उनसे अवश्य सलाह लें कि सालमन मछली को दिन भर में या हफ्ते में कितनी बार खाया जा सकता है।
 आइए, लेख के इस भाग में जानते हैं कि इसके सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं।
सालमन मछली के नुकसान – Side Effects of Salmon Fish in Hindi
सालमन मछली के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में अभी भी वैज्ञानिक शोध जारी है। वैसे तो इसके बहुत कम ही नुकसान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है –
सालमन मछलियों को पकड़ने के लिए अगर किसी रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है, तो यह नुकसानदायक हो सकता है।
कृतिम रूप से पाली गई सालमन मछली के सेवन से पहले यह जांच लें कि किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया से बचने के लिए उन्हें कोई वैक्सीन तो नहीं दिया गया है। ऐसी सालमन मछलियों का सेवन विकास को कम कर सकता और पेट संबंधी समस्याएं खड़ी कर सकता है(18)।
कई दिनों तक बर्फ में रखी सालमन को खाने से बचें। इससे कई तरह की शारीरिक समस्याओं के होने का खतरा हो सकता है। हालांकि, इस विषय पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
जिन लोगों को मांस खाने से एलर्जी हो, वो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन शुरू करें। 
सालमन मछली के फायदे और नुकसान जानने के बाद अब इसका सावधानीपूर्वक सेवन करें। इस मछली को खाने से पहले यह जरूर पता कर लें कि मछली को कृत्रिम रूप से पालने के दौरान कहीं किसी रासायनिक खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है। स्वास्थ्य फायदों के लिए इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की भी राय ली जा सकती है। ऐसी सालमन मछलियों को खाने से बचें, जिनको समुद्र से निकालने के बाद कई दिनों तक बाहर रखा गया हो। जो लोग किसी गंभीर बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, ऐसे लोग डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें। सालमन मछली के जुड़ी किसी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।
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Somendra Singh
सोमेंद्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2019 में बी.वोक इन मीडिया स्टडीज की है। पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने पढ़ाई से अतिरिक्त समय बचाकर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान सोमेंद्र ने 5 वेबसाइट पर समाचार लेखन से लेकर इन्हें पब्लिश करने का काम भी किया। यह मुख्य रूप से राजनीति, मनोरंजन और लाइफस्टइल पर लिखना पसंद करते हैं। सोमेंद्र को फोटोग्राफी का भी शौक है और इन्होंने इस क्ष���त्र में कई पुरस्कार भी जीते हैं। सोमेंद्र को वीडियो एडिटिंग की भी अच्छी जानकारी है। इन्हें एक्शन और डिटेक्टिव टाइप की फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/salmon-fish-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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लैवेंडर तेल के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान – Lavender Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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लैवेंडर तेल के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान – Lavender Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
लैवेंडर तेल के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान – Lavender Oil Benefits, Uses and Side Effects in Hindi Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 November 7, 2019
लैवेंडर के फूल से बनने वाले लैवेंडर ऑयल को गुणकारी माना गया है। लैवेंडर ऑयल एक खास एसेंशियल ऑयल है, जो थकान और स्ट्रेस के अलावा, कई शारीरिक समस्याओं से उबरने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम लैवेंडर ऑयल के फायदे बता रहे हैं, लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि लेख में बताए गए लैवेंडर तेल के गुण सिर्फ विभिन्न समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेख में बताए गए उपाय मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं हैं और बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। इस लेख में जानिए कि लैवेंडर का तेल क्या है और शरीर के लिए इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है। साथ ही आप पढ़ेंगे कि लैवेंडर तेल के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
आइए, अब आपको बताते हैं कि लैवेंडर ऑयल कितने प्रकार के होते हैं।
विषय सूची
लैवेंडर के प्रकार – Types of Lavender Oil in Hindi
वैसे तो इसकी 30 से ज्यादा प्रजातियां हैं, लेकिन इसे 4 खास प्रकार में बांटा जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (1):
इंग्लिश लैवेंडर : यह पौधा ज्यादा ठंड में भी जीवित रह सकता है और इसकी खुशबू सबसे अच्छी होती है, लेकिन इस लैवेंडर से ऑयल सबसे कम निकलता है (2)।
फ्रेंच लैवेंडर : इसके पौधे अन्य लैवेंडर के मुकाबले आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसकी पत्तियां हरे और ग्रे रंग की होती हैं। इनकी खुशबू सबसे तेज होती है (1)। लैवेंडर के इस प्रकार को ज्यादा ठं�� की जरूरत नहीं होती। यह लगभग 10 डिग्री फारेनहाइट तापमान में भी उग जाता है (3)।
स्पाइक लैवेंडर : इस लैवेंडर के पौधे घास की तरह दिखते हैं (1)। ये मेडिटरेनियन क्षेत्र में पाए जाते हैं। इसके पौधे इंग्लिश लैवेंडर से छोटे होते हैं और इसकी ऊंचाई लगभग 200 से 700 मीटर होती है (4)।
लैवेंडिन : लैवेंडर का यह प्रकार इंग्लिश लैवेंडर और स्पाइक लैवेंडर का हाइब्रिड होता है। इसकी खेती खासकर उद्योग के लिए ही की जाती है, क्योंकि यह सबसे ज्यादा खूबसूरत होते हैं और सबसे ज्यादा तेल भी इन्ही में से निकलता है (3)।
लेख के अगले भाग में आप जानेंगे लैवेंडर तेल के फायदे के बारे में।
लैवेंडर तेल के फायदे – Benefits of Lavender Oil in Hindi
लैवेंडर तेल के फायदे की बात करें, तो यह एक ऐसा एसेंशियल ऑयल है, जिसके कई फायदे हैं। शरीर में सूजन व दर्द के साथ-साथ नींद न आने की समस्या और बाल झड़ने जैसी समस्याओं के लिए इस खास तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन सब के अलावा, लैवेंडर ऑयल आपको रिलैक्स करने में मदद कर सकता है और स��क्रमण, कीड़े के का��ने, बर्न और अकड़न से भी आराम दिला सकता है (1)। लैवेंडर तेल के फायदे के बारे में विस्तार से जानिए लेख के आने वाले भागों में।
अगले भाग में जानिए स्वास्थ्य के लिए लैवेंडर तेल के फायदे क्या हैं।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए लैवेंडर तेल के फायदे – Health Benefits of Lavender Oil in Hindi
1. नींद न आना
बेहतर नींद के लिए लैवेंडर ऑयल का उपयोग अच्छा उपाय साबित हो सकता है। दरअसल, इस तेल की खुशबू दिमाग को शांत कर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है। इस प्रकार यह नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसके लिए लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है (1)।
2. चिंता और अवसाद (डिप्रेशन) के लिए लैवेंडर तेल के फायदे
लैवेंडर ऑयल में एंटी-एंग्जायटी और एंटी-डिप्रेसन्ट गुण पाए जाते हैं, जो चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यह चिंता की वजह से होने वाली बचैनी और व्याकुलता को भी कम कर सकते हैं। लैवेंडर तेल में रोजमेरी और टी ट्री एसेंशियल ऑयल को मिलाकर मूड स्विंग और मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। इसके लिए आप डिफ्यूजर में लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें डालकर कमरे में रख सकते हैं (1)।
3. सिरदर्द के लिए लैवेंडर ऑयल
एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी माइग्रेन के सिरदर्द को कम करने में असरदार साबित हो सकती है। इस शोध के लिए माइग्रेन से पीड़ित 129 लोगों को लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी दी गई और इनमें से 92 लोगों को फायदा मिला। अगर आप भी सिरदर्द से पीड़ित हैं, तो डिफ्यूजर में लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें डालकर अरोमाथेरेपी ले सकते हैं (5)।
4. घाव भरने में करे मदद
लैवेंडर का तेल कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे घावों को जल्दी भरने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह त्वचा की सूजन, लालपन और दर्द को भी कम करने में मदद करता है। ताजे घाव पर लैवेंडर ऑयल की कुछ मात्रा लगाने से आपको फायदा मिल सकता है। हालांकि, इसे लगाने की प्रक्रिया के बारे में एक बार डॉक्टर से बात अवश्य कर लें (6)।
5. जी मिचलाना कम करे
गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाना या उल्टी जैसा लगना आम बात है। कई बार ऐसा सामान्य हालत में भी हो सकता है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे खाने से एलर्जी, गैस या किसी दवाई का दुष्प्रभाव (7)। ऐसे में लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी लेने से आराम मिल सकता है। शोध में पाया गया है कि यह रोज (गुलाब) एसेंशियल ऑयल की तुलना में बेहतर परिणाम देता है। इसके लिए आप लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डालकर कमरे में रख सकते हैं (8)।
6. ब्लोटिंग और अपच से आराम
पेट फूलने की समस्या को ब्लोटिंग कहा जाता है। इस दौरान आपको पेट भरा और फूला हुआ लगता है। ऐसा ज्यादा खाने की वजह से हो सकता है, लेकिन इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे – कब्ज, इर्रिटेबल बोउल सिंड्रोम (आंत से जुड़ा विकार) व स्ट्रेस आदि (9)। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं, तो आप लैवेंडर तेल के फायदे ले सकते हैं।
लैवेंडर ऑयल मलप्रवाह को आसान बनाकर आपको ब्लोटिंग के कारण जैसे – कब्ज व इर्रिटेबल बोउल सिंड्रोम से आराम दिला सकता है (10)। इसके अलावा, यह खास तेल अपच में भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, तनाव के कारण भी अपच की समस्या हो सकती है (11), जबकि लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी के जरिए तनाव को कम किया जा सकता है (12)।
7. प्राकृतिक परफ्यूम की तरह काम करे
लैवेंडर की मनमोहक खुशबू की वजह से इसका उपयोग परफ्यूम के रूप में किया जा सकता है (1)। परफ्यूम के रूप में इस्तेमाल करने से यह आपको महकता हुआ तो रखता ही है, साथ ही यह मूड भी ठीक करता है और आपको तरोताजा रखने में मदद कर सकता है।
आप चाहें तो इसकी कुछ बूंदें अपने बाथटब में भी डाल सकते हैं। परफ्यूम की तरह उपयोग करने से आपको लगातार इसकी खुशबू भी आती रहेगी, जिससे आपको लैवेंडर तेल के फायदे जैसे सिरदर्द से आराम भी मिल सकते हैं, जिसके बारे में हम आपको ऊपर बता चुके हैं (13)। आप चाहें तो लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अपनी कलाई और गले के आसपास लगा सकते हैं।
8. मांसपेशियों के लिए लाभदायक
अगर आप मांसपेशियों की अकड़न से पीड़ित हैं, तो उससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का उपयोग कर सकते हैं (14)। लैवेंडर के तेल के गुण मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही यह जोड़ों के दर्द से आराम दिलाने में भी मदद कर सकता है। इसके लिए आप लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें प्रभावित जगह पर लगाकर उससे मसाज कर सकते हैं (15)।
स्वास्थ्य के लिए लैवेंडर तेल के फायदे बताने के बाद, आइए आपको बता दें कि यह त्वचा के लिए किस प्रकार फायदेमंद है।
त्वचा के लिए लैवेंडर तेल के फायदे – Skin Benefits of Lavender Oil in Hindi
त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जाता है और उन्हीं में एक नाम लैवेंडर ऑयल का भी है। नीचे जानिए त्वचा के लिए लैवेंडर तेल के फायदे।
1. मुंहासों को दूर करे
मुंहासों को दूर करने में भी लैवेंड��� के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, यह एक कारगर एंटी एक्ने की तरह काम कर मुंहासों की समस्या से निजात दिला सकता है। नीचे जानिए कैसे कर सकते हैं, इसका इस्तेमाल – (16)
सामग्री :
दो से तीन बूंद लैवेंडर ऑयल
रूई
विधि :
रूई की मदद से लैवेंडर ऑयल को प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
पूरी तरह आराम न आने तक इस प्रयोग को दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।
2. एक्जिमा से आराम
एक्जिमा ऐसी स्थिति होती है, जिसमें त्वचा रूखी व पपड़ीदार पड़ जाती है और उस पर रैशेज हो जाते हैं। इस दौरान त्वचा पर सूजन भी आ सकती है। इस समस्या को डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है (17)। इस समस्या से आराम पाने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि लैवेंडर ऑयल का उपयोग डर्मेटाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है (18) (16)।
सामग्री :
दो चम्मच नारियल का तेल
दो बूंद लैवेंडर ऑयल
दो बूंद टी ट्री ऑयल
विधि :
एक बाउल में सारी सामग्री को मिला लें।
इससे प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर मसाज कर���ं।
नोट : कुछ मामलों में लैवेंडर तेल के उपयोग से एक्जिमा की स्थिति बिगड़ती हुई देखी गई है। इसलिए, एक्जिमा के लिए इसका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें (19)।
3. कीड़े काटने के घाव को भरे
शोध में पाया गया है कि कीड़े काटने के घावों को भरने के लिए लैवेंडर ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। यह घावों को ठीक करता है और उन्हें जल्दी भरने में मदद करता है (1)। लैवेंडर तेल को अच्छा कीटरोधक भी माना जाता है। इसकी मदद से मच्छर, मक्खी और अन्य कीड़े शरीर से दूर रहते हैं (20)।
सामग्री :
दो से तीन बूंद लैवेंडर तेल
रूई
विधि :
रूई की मदद से लैवेंडर ऑयल को प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
पूरी तरह आराम न आने तक इस प्रयोग को दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है।
4. प्राकृतिक टोनर
लैवेंडर के तेल में सूदिंग इफेक्ट्स होते हैं, जो त्वचा को आराम पहुंचाने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ रखने में मदद कर सकते हैं (21)। इसके इन गुणों की वजह से इसका उपयोग टोनर के रूप में किया जा सकता है।
सामग्री :
दो बूंद लैवेंडर ऑयल
एक छोटा चम्मच विच हेजल
रूई
विधि :
एक बाउल लैवेंडर तेल और विच हेजल को अच्छी तरह मिला लें।
चेहरे को क्लीनजर की मदद से साफ कर लें।
चेहरे को साफ करने के बाद रूई की मदद से टोनर को चेहरे पर लगाएं।
अंत में चेहरे को साफ पानी से धो लें और मॉइस्चराइजर लगा लें।
5. शरीर को डिटॉक्स करे
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आप लैंवेडर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैंवेडर में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को साफ करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह तेल मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और इसके एंटीडिप्रेसेंट गुण दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं (22)।
सामग्री :
मुट्ठी भर एप्सम सॉल्ट
आधा कप बेकिंग सोडा
10 बूंदें लैवेंडर ऑयल
विधि :
अपने बाथटब को गुनगुने पानी से भर लें।
पूरा भर जाने के बाथटब में सारी सामग्रियों को डाल दें और अच्छी तरह मिला दें।
जब सभी सामग्रियां अच्छी तरह से घुल जाए, तो लगभग 15-20 मिनट तक स्नान करें। स्नान करते वक्त कुछ देर शरीर को पानी में डूबाकर भी रखें।
अंत में में साफ पानी से शॉवर लें।
लैवेंडर तेल के फायदे में आखिरी भाग में जानिए बालों के लिए लैवेंडर तेल के फायदे।
बालों के लिए लैवेंडर तेल के फायदे – Hair Benefits of Lavender Oil in Hindi
एसेंशियल ऑयल का उपयोग सेहत और त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी किया जा सकता है। बालों के लिए लैवेंडर तेल के फायदे के बारे में लेख के इस भाग में जानिए।
1. एलोपेसिया के ट्रीटमेंट के लिए
एलोपेसिया एक तरह का रोग है, जिसमें बाल पैच के रूप में झड़ने लगते हैं और गंजापन होने लगता है। इसमें बाल एक पैटर्न में झड़ते हैं, जिसके वजह से स्कैल्प दिखने लगता है (23)। इस समस्या से आराम पाने के लिए लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि एलोपेसिया के उपचार के लिए जोजोबा या ग्रेपसीड तेल के साथ-साथ लैवेंडर ऑयल को मिलाकर इस्तेमाल में लाया जा सकता है (24)।
2. बालों का झड़ना क�� करे
हमारे पूरे जीवन में बालों के बढ़ने के तीन चरण होते हैं। एनागेन (बाल बढ़ते हैं), टेलोजन (बाल झड़ते हैं) और केटागन (एनागेन और टेलोजन के बीच का चरण)। बालों में लैवेंडर तेल से मसाज करने से केटागन चरण को आने से रोका जा सकता है और एनागेन चरण को लंबे समय बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार यह आपके बालों को झड़ने से रोक सकता है और उन्हें बढ़ने में मदद कर सकता है (25)।
3. रूसी और जुओं को हटाए
जुएं एक तरह की पैरासाइट होती हैं, जो स्कैल्प में पनपती हैं और वहीं अंडे देती हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ती जाती है। बालों में जुएं होने से बालों में खुजली होती है और यह आगे चल कर संक्रमण में बदल सकता है (26)। लैवेंडर ऑयल में एंटीसेप्टिक और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो जुओं और उनके अंडों को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही लैवेंडर तेल के फायदे आपको रूसी को खत्म करने में भी मिल सकते हैं (21)।
ऊपर बताई गई तीनों समस्याओं के लिए आप नीचे बताए गए तरीकों से लैवेंडर तेल को उपयोग कर सकते हैं।
सामग्री :
तीन से चार बूंद लैवेंडर ऑयल
दो से तीन चम्मच जैतून का तेल
विधि :
एक बाउल में जैतून का तेल लें और लैवेंडर ऑयल को डालक��� मिक्स कर लें।
इस तेल से अपने स्कैल्प की लगभग 20 मिनट तक मसाज करें।
20 मिनट तक मसाज करने के बाद तेल को लगभग 10 मिनट और बालों में लगा रहने दें।
अंत में बालों को शैम्पू करके धो लें।
4. प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में काम करे
कंडीशनर का काम होता है बालों की चमक बढ़ाना, उलझे बालों को सुलझाना और उनमें नमी व खूबसूरती बनाए रखना। इसके लिए कुछ प्रकार के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है (27)। ऐसा ही एक तेल है लैवेंडर ऑयल। यह बालों को चमकदार बनाए रखता है (28)। कंडीशनर के रूप में यह कितना प्रभावशाली होगा, इस पर ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं।
सामग्री :
एक कप पानी
तीन से चार बूंद लैवेंडर ऑयल
विधि :
एक कप पानी में लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें मिला लें।
शैम्पू करने के बाद इस पानी से अपने बालों को धोएं।
लगभग 15 मिनट तक इस पानी को बालों में रहने दें और फिर साफ पानी से बाल धो लें।
अब आप जान चुके हैं कि लैवेंडर तेल क्या है और इसके फायदे क्या हैं। लेख के अगले भाग में जानिए कि आप लैवेंडर के तेल का उपयोग किस प्रकार कर सकते हैं।
लैवेंडर तेल का उपयोग – How to Use Lavender Oil in Hindi
नीचे बताए गए तरीकों से आप लैवेंडर ऑयल का उपयोग अपने शरीर और स्वास्थ्य के लिए कर सकते हैं।
अरोमाथेरेपी : अरोमाथेरेपी के लिए लैवेंडर ऑयल की तीन से चार बूंदें डिफ्यूजर में डाल कर कमरे में रख सकते हैं। अगर आप किसी खास समस्या जैसे सिरदर्द या स्ट्रेस के लिए अरोमाथेरेपी ले रहे हैं, तो पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
मसाज : आप चाहें तो नारियल, जैतून या किसी अन्य मसाज के लिए उपयोग होने वाले तेल में लैवेंडर तेल की तीन से पांच बूंदें डालकर उससे अपने शरीर या स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार दोहरा���ा जा सकता है।
फेस मास्क : आप अपने फेस मास्क या फेस पैक में लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंदें मिला सकते हैं। इस प्रयोग को हफ्ते में दो बार दोहराया जा सकता है। अगर आप किसी खास समस्या जैसे मुंहासों या डर्मेटाइटिस के लिए लैवेंडर ऑयल का उपयोग कर रहे हैं, तो उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
लेख के अगले भाग में जानिए लैवेंडर तेल के नुकसान के बारे में।
लैवेंडर तेल के नुकसान – Side Effects of Lavender Oil in Hindi
लैवेंडर ऑयल के लगभग सभी फायदों के बारे में आप जान चुके हैं, लेकिन उसके साथ लैवेंडर तेल के नुकसान के बारे में जानना भी जरूरी है, जो कुछ प्रकार हो सकते हैं (1)।
लैवेंडर तेल का लम्बे समय तक उपयोग करने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इस वजह से कुछ लड़कों में ज्ञ्नेकोमास्टिया (Gynecomastia) की समस्या देखी गई है। इसमें पुरुषों की छाती का आकार सामान्य से अधिक हो जाता है और देखने में खराब लगता है।
लैवेंडर का तेल शरीर में एस्ट्रोजन (मादा हॉर्मोन) का प्रभाव बढ़ाकर एण्ड्रोजन (नर हॉर्मोन) के प्रभाव को कम करता है। इस वजह से पुरुषों में भी महिलाओं के लक्षण दिख सकते हैं, जैसे हमने ऊपर वाले पॉइंट में बताया (29)।
जिन लोगों को लैवेंडर से एलर्जी है, उन्हें इस तेल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
लैवेंडर तेल के नुकसान इसका सेवन करने से भी हो सकते हैं। इसका सेवन करने से मलती, उल्टी और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को लैवेंडर तेल का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। किसी अन्य तरीके से इसका उपयोग करने से पहले भी एक बार डॉक्टर से परामर्श करना अच्छा विचार हो सकता है।
अब आप यह अच्छी तरह समझ गए होंगे कि लैवेंडर तेल कई समस्याओं के कुछ लक्षणों को कम करने में रामबाण के रूप में काम कर सकता है। इतना ही नहीं, इसके प्रयोग से आप विभिन्न बीमारियों से बचे भी रह सकते हैं। साथ ही लैवेंडर तेल के नुकसान से घबराने की जरूरत नहीं है। सही मात्रा और सही परामर्श से इसका उपयोग करने पर आप पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। लैवेंडर तेल के फायदे उठाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर हमें बताना न भूलें कि इसका उपयोग आपके लिए कितना फायदेमंद रहा। साथ ही, अगर आपके मन में इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप वो भी हमसे पूछ सकते हैं।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/lavender-tel-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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धनिया के बीज के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान – Coriander Seeds Benefits and Uses in Hindi
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धनिया के बीज के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान – Coriander Seeds Benefits and Uses in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 September 10, 2019
हरा धनिया अक्सर भारतीय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। धनिया के पत्तों के साथ ही इसके बीज का उपयोग भी खाने में आम है। लेकिन, क्या आपको पता है, धनिया के बीज को अगर सही तरीके से इस्तेमाल में लाया जाए, तो यह आपके शरीर के लिए वरदान साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको तथ्य-प्रमाण के आधार पर स्वास्थ्य के लिए धनिया के बीज के फायदे बताएंगे। साथ ही किस तरीके से इसका उपयोग आपके शरीर के लिए लाभदायक साबित हो सकता है, इसपर भी चर्चा करेंगे।
विषय सूची
धनिया के बीज के फायदे – Benefits of Coriander Seeds Oil in Hindi
1. डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों के लिए धनिए के बीज काफी लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। दरअसल, इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड, पॉलीफेनोल, बी-कैरोटीनोइड (β-Caroteinoids) जैसे कई कंपाउंड प्लाज्मा ग्लूको��� को सामान्य रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह कुल कॉलेस्ट्रोल और वसा के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। साथ ही यह टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में हाइपरलिपिडिमिया (खून में फैट की अधिक मात्रा) के कारण होने वाली हृदय संबंधी जटिलताओं को भी रोक सकता है (1)।
2. पाचन
धनिया के बीज को पुराने समय से ही पाचन को बढ़ावा देने वाले पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। दरअसल धनिया बीज के सेवन से बाइल एसिड बनता है, जो पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धनिया के बीज में कार्मिनेटिव (carminative) प्रभाव भी होता है, जो गैस की समस्या से भी राहत दिला सकता है। इसके अलावा, यह छोटी आंत में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर खाने को हजम करने वाले एंजाइम को भी बढ़ावा देता है (2)।
3. अर्थराइटिस
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धनिया के बीज के फायदे यकीनन अनेक हैं। धनिया के बीज अर्थराइटिस में आराम दिलाने में मदद करते हैं। दरअसल, धनिया में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो एंटी-अर्थाराइटिक की तरह शरीर में काम करता है। धनिया बीज में मौजूद एंटी अर्थराइटिस और एंटीऑक्सीडेंट जोड़ों में इंफ्लामेशन को बढ़ावा देने वाले कुछ साइटोकिन्स (cytokines) कंपाउंड से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते हैं। इसके साथ धनिया के बीज को जोड़ों में लगाने से भी फायदा मिलता है (3) (4)।
4. कंजंक्टिवाइटिस
कंजंक्टिवाइटिस का मतलब आंखों का लाल या गुलाबी होना। इसमें आंख की बाहरी परत और पलक के अंदर इंफ्लामेशन हो जाता है, जिसकी वजह से सूजन, खुजली, जलन और आखें लाल होने लगती हैं। इसकी वजह बैक्टीरियल व वायरल संक्रमण, एलर्जी होती है (5)। ऐसे में आपकी मदद धनिया बीज कर सकते हैं। जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि धनिया के बीज इंफ्लामेशन को बढ़ावा देने वाले साइटोकिन्स कंपाउंड से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। इसलिए, कहा जा सकता है कि यह कंजंक्टिवाइटिस से लड़ने में भी मदद करते हैं (3)। एक शोध के मुताबिक, धनिया के बीज संक्रमण से लड़कर आंखों में होने वाली खुजली से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (6)।
5. एनीमिया
एनिमिया (खून की कमी) एक रक्त विकार है, जो मुख्यत: शरीर में आयरन की कमी की वजह से होता है। शरीर को खून बना��े के लिए भरपूर मात्रा में आयरन चाहिए होता है (7)। ऐसे में आयरन से भरपूर धनिया के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयरन के साथ ही इसमें विटामिन-सी भी मौजूद होता है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण (Absorption) को बढ़ावा देता है (8) (9)।
6. हृदय स्वास्थ्य
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हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि धनिया के बीज कॉलेस्ट्रोल और वसा के साथ हृदय रोगों के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। धनिया के बीज में हाइपोलिपिडेमिक (Hypolipidemic) क्रिया होती है, जो शरीर में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का वसा) को कम करता है (10)। दरअसल, कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स हृदय संबंधी बीमारियों का कारण होते हैं (11)। इनके स्तर को कम करके धनिया के बीज आपके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
7. मासिक धर्म स्वास्थ्य
मासिक धर्म का समय पीड़ादायक होता है। इस दौरान पेट और कमर में असहनीय दर्द होता है। ये दर्द गर्भाशय में संकुचन की वजह से होता है (12)। ऐसे में आप धनिया के बीज की चाय बनाकर पी सकते हैं, जो एंटी इंफ्लामेटरी व एनाल्जेसिक (Analgesic) ड्रग की तरह काम करके आपके दर्द को कम कर सकती है (13) (14) । इसके अलावा, यह मासिक धर्म में अगर आपको सामान्य से अधिक ब्लीडिंग हो रही है, तो उसे भी रोकने में मदद कर सकता है (15)।
8. न्यूरोलॉजिकल हेल्थ
धनिया के बीज के फायदे कई हैं। इसमें एंटी-कंवलसेंट (Anti-Convulsant) गतिविधी पाई जाती हैं (16), जिसकी मदद से मिर्गी (Epilepsy) की समस्या को दूर किया जा सकता है (17)। दरअसल, यह एक दिमागी (न्यूरोलॉजिकल) विकार है, जिसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है। इस स्थिति में धनिया बीज आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा, धनिया आपके न्यूरोन्स को पहुंचने वाली क्षति से भी बचाता है (18)। माना जाता है कि धनिया याददाश्त में भी सुधार कर सकता है, हालांकि अभी इसको लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है (19)।
9. त्वचा स्वास्थ्य
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धनिया में भरपूर एंटीऑक्सिडेंट पाये जाते हैं। इसके अलावा, त्वचा के लिए फायदेमंद माने जाने वाला विटामिन-सी की भी इसमें प्रचुरता होती है। हम आपको ऊपर लेख में तो बता ही चुके हैं कि धनिया के बीज एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी भी होते हैं (16)। तो बस त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए और क्या चाहिए। आप अपने चेहरे में धनिया के बीज का पानी रुई की मदद से लगा सकती हैं। इसके अलावा, धनिया के बीज में मौजूद विटामिन-सी आपके चेहरे के निशान दूर करने के साथ ही आपको बढ़ती उम्र के चेहरे पर दिखने वाले असर को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह चेहरे के लचीलेपन को बनाए रखता है और सनबर्न से राहत देने में मदद कर सकता है (20)।
10. बालों के लिए
खनिज और विटामिन से भरपूर होने के कारण आप धनिया के बीज को बतौर हर्बल टॉनिक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। दरअसल, आयरन और जिंक की कमी से बाल झड़ते हैं। ऐसे में आप इनसे समृद्ध धनिया के बीज के इस्तेमाल से झड़ते बालों को रोक सकते हैं (21)। धनिया के बीज के तेल का इस्तेमाल बालों के लिए कर सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई शोध नहीं हुआ है।
धनिया बीज के लाभ जानने के बाद चलिए अब बात करते हैं इसमें मौजूद पोषक तत्वों की।
धनिया के बीज का पौष्टिक तत्व – Coriander Seeds Nutritional Value in Hindi 
धनिया के बीज के फायदे के बाद अब हम बात करते हैं इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों की। नीचे दिए गए टेबल में देखें प्रति 100 ग्राम  धनिया के बीज में कितनी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं (8)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम वाटर 8.86g ऊर्जा 298kcal प्रोटीन 12.37g कुल फैट 17.77g कार्बोहाइड्रेट 54.99g फाइबर 41.9g मिनरल कैल्शियम 709mg आयरन 16.32mg मैग्नीशियम 330mg फास्फोरस 409mg पोटेशियम 1267mg सोडियम 35mg जिंक 4.70mg विटामिन विटामिन सी 21.0mg थियामिन 0.239mg राइबोफ्लेविन 0.290mg नियासिन 2.130mg लिपिड फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.990g फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 13.580g फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसेचुरेटेड 1.750g
धनिया बीज के लाभ और पोषक तत्व जानने के बाद चलिए अब बात करते हैं इसका उपयोग कैसे किया जाए।
धनिया के बीज का उपयोग – How to Use Coriander Seeds in Hindi
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सबसे पहले आप अच्छी गुणवत्ता वाले धनिया बीज खरीदें। अब इन्हें अच्छे से धोकर सूखा लें। इससे ये होगा कि धनिया के बीज निकालते समय अगर इसमें मिट्टी या बजरी होगी, तो वो साफ हो जाएगी। नीचे जानिए कैसे करें धनिया के बीज का इस्तेमाल –
इसका इस्तेमाल खड़े मसाले के रूप में कर सकते हैं यानी साबुत।
इसे समोसा बनाते वक्त तड़के के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।
आप धनिये को हल्का भूनकर सूप में भी डाल सकते हैं।
इसके अलावा, आप भूने ह��ए धनिये को पीसकर इसे बतौर मसाला इस्तेमाल कर सकते हैं।
धनिया के बीज का स्वाद अगर आपको काफी पसंद है, तो इसे आप पीजा, ब्रेड और अन्य स्नैक्स के मसालों में भी उपयोग कर सकते हैं।
आप धनिये के बीज के उबालकर बतौर चाय भी पी सकते हैं (10)।
इससे पहले कि आप कोरिएंडर सीड को आहार में शामिल करने के लिए इसे खरीदे, आपको इसके नुकसान के बारे में भी जान लेना चाहिए।
धनिया के बीज के नुकसान – Side Effects of Coriander Seeds in Hindi 
कई लोगों को धनिया की सुगंध पसंद नहीं, इसलिए यह ऐसे लोगों में धनिया एलर्जी का कारण बन सकता है। (11)।
जैसा कि हम आपको ऊपर लेख में बता ही चुके हैं कि धनिया के बीज ब्लड शुगर को कम कर सकता है। ऐसे में अगर आप इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो आपका ब्लड शुगर काफी ज्यादा लो हो सकता है (12)। 
रसोई घर में अक्सर इस्तेमाल में लाए जाने वाले धनिया के बीज के लाभ और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी तो हम आपको इस लेख में बता ही चुके हैं। तो अब देर किस बात की, धनिया के बीज के औषधीय लाभ उठाने के लिए आप इसे जल्द ही अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें। अगर आप धनिया के बीज से जुड़ा को�� सवाल पूछना चाहते हैं, तो कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे जुड़ सकते हैं। हम आशा करते हैं कि धनिया के बीजों के स्वास्थ्य लाभ पर लिखा हमारा यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू इलाज – Home Remedies To Boost Immunity in Hindi
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू इलाज – Home Remedies To Boost Immunity in Hindi
Somendra Singh Hyderabd040-395603080 August 16, 2019
क्या आप अक्सर सर्दी-जुकाम, एलर्जी या शारीरिक कमजोरी से पीड़ित रहते हैं? अगर हां, तो ये रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के लक्षण हो सकते हैं। दोस्तों संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमजोरी से गुजर रहा है, तो उसके संक्रमण की चपेट में आने के आसार बढ़ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए स्टाइलक्रेज का यह लेख फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिनके सेवन से आप अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर सकते हैं।
आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता की कार्यप्रणाली को समझ लेते हैं।
विषय सूची
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या होती है – What is Immunity in hindi
रोग प्रतिरोधक क्षमता को समझना बेहद आसान है। दरअसल, रोग प्रतिरोधक क्षमता के अंतर्गत हमारे शरीर की कोशिकाएं और टिशू विभिन्न बीमारियों से बचाए रखने का काम करते हैं। रोग प्रतिरोधक शक्ति हमारे शरीर को ऐसा सुरक्षा कवच प्रदान करती है, जिससे शरीर जल्दी किसी साधारण बीमारी की चपेट में नहीं आता। इम्यून सिस्टम के कमजोर हो जाने पर अक्सर सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी समस्या बनी रहती है। एक मजबूत रोग प्रतिरोधक शक्ति विभिन्न रोगाणुओं और संक्रामक बीमारियों से हमें बचा सकती है (1)।
आइए, अब जानते हैं कि किन कारणों से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण – Causes of Low Immunity in Hindi
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। यह आपके खाने से लेकर आपकी दिनचर्या तक से प्रभावित हो सकता है। नीचे जानिए इम्यून सिस्टम कमजोर होने के विभिन्न कारण (2) –
प्रतिरोधक क्षमता का जन्म से कमजोर होना।
कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या अन्य दवाओं के चलते।
अंग प्रत्यारोपण (organ transplants) के बाद, उस अंग को सक्रिय रखने के लिए ली जाने वाली दवाओं का सेवन करने से।
संक्रमण के कारण।
अल्कोहल का सेवन करना।
धूम्रपान करना।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना।
एचआईवी (एड्स का मुख्य कारण)
लेख के अगले भाग में जानते हैं कि इम्यून सिस्टम कमजोर होने के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं। 
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के लक्षण – Low Immunity Symptoms in Hindi
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कई लक्षण हैं, जो ��हां नीचे बताए जा रहे हैं (3) :
बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी
कंपकंपी लगना
जल्दी थकान का अनुभव होना
बेचैनी बनी रहना
बुखार आना
सिरदर्द होना
भूख न लगना
जी मिचलाना या उल्टी होना
गहरी सांस लेने में दिक्कत
सीने में दर्द
लेख के अगले भाग में आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी दी जा रही है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय – Home Remedies To Boost Immunity in Hindi
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आप नीचे बताए जा रहे घरेलू उपाय का प्रयोग कर सकते हैं।
1. अदरक
सामग्री :
एक चम्मच कूटा हुआ अदरक
एक कप से थोड़ा ज्यादा पानी
उपयोग करने की विधि :
सबसे पहले पानी को गर्म होने के लिए रख दें।
पानी को हल्का गर्म हो जाने पर इसमें अदरक को डाल दें।
अब इसे ढककर तीन मिनट तक उबलने दें।
अब इसे छानकर सेवन करें।
इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी फायदे में अदरक का प्रयोग किया जाता है। यह इम्युनोन्यूट्रीशन और एंटी-इन्फ्लेमेटरी (immunonutrition and anti-inflammatory) प्रतिक्रिया से शरीर के कई प्रकार के रोगों को ठीक कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मांसपेशियों के दर्द पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं (4)।
2. लहसुन 
सामग्री :
लहसुन की 3 से 4 कलियां
आधा चम्मच शहद
उपयोग करने की विधि :
लहसुन को कूटकर पेस्ट बना लें।
अब इसमें शहद मिला लें।
अब इस पेस्ट का सेवन सुबह या शाम करें। 
कैसे है लाभदायक :
लहसुन के प्रयोग से भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, लहसुन में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (immunomodulatory) गुण पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मॉड्यूलेट करने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद मिलती है (5)।
3. ग्रीन टी 
सामग्री :
एक ग्रीन टी बैग
एक कप गर्म पानी
स्वादानुसार चीनी (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
एक कप गर्म पानी में ग्रीन टी-बैग डालें।
टी-बैग को दो-तीन मिनट तक कप में डालकर रखें।
अब टी-बैग निकाल दें।
स्वाद के लिए चीनी मिलाएं और ग्रीन-टी का आनंद लें। 
कैसे है लाभदायक :
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए ग्रीन-टी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ग्रीन टी प्रतिरक्षा प्रणाली को ऑक्सीडेंट और मुक्त कणों (free radicals) से बचाकर मजबूत बनाने का काम कर सकती है (6)।
4. हल्दी
सामग्री :
हल्दी की दो छोटी गांठ
शहद 1 छोटा चम्मच
एक कटोरी
एक बड़ा कप पानी 
उपयोग करने की विधि :
कटोरी में एक बड़ा कप पानी डालें।
अब इसमें हल्दी को भिगों द��ं।
इसे लगभग पांच से छह घंटे तक पानी में ही रहने दें।
फिर इसे निकाल लें और पीसकर पेस्ट बना लें।
अब इसमें शहद मिला लें।
अब एक छोटा चम्मच इस मिश्रण का सेवन करें।
इस विधि को हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हल्दी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, हल्दी का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है। दरअसल, हल्दी में कर्क्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मॉड्यूलेट करने का काम करता है (7)।
5. सेब का सिरका 
सामग्री :
सेब का सिरका 1 चम्मच
लहसुन की 2 कलियां 
उपयोग करने की विधि :
एक कटोरी लें और उसमें सेब का सिरका डालें।
अब इसमें लहसुन की कलियां 1-2 घंटे तक भिगों दें।
सेब के सिरके में लहसुन को अच्छी तरह से अवशोषित (Absorbed) होने दें।
अब इसका सेवन सप्ताह में एक या दो बार किया जा सकता है। 
कैसे है लाभदायक :
सेब का सिरका भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है। दरअसल, सेब का सिरका इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (immunomodulatory) प्रक्रिया को बढ़ावा देने का काम करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है (8)। एक अन्य रिपोर्ट भी इस तथ्य का समर्थन करती है कि सेब का सिरका इम्यूनिटी को बूस्ट करने का का काम कर सकता है (9)।
6. एसेंशियल ऑयल
सामग्री :
यूकेलिप्टस (नीलगिरी) तेल की 4-5 बूंदें
उपयोग करने की विधि :
संक्रमण और फंगल संक्रमण से प्रभावित त्वचा पर हल्के हाथों से तेल लगाएं।
सर्दी-जुकाम जैसी स्थितियों के लिए गर्म पानी में तेल की कुछ बूंदें डालकर भाप ली जा सकती है। हालांकि, इसके लिए एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
नोट – जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है, वो त्वचा पर तेल लगाने से पहले इसमें पानी की कुछ बूंदें मिला सकते हैं।
 कैसे है लाभदायक :
यूकेलिप्टस (नीलगिरी) एसेंशियल ऑयल इम्यून सिस्टम के कार्य में मदद कर सकता है। यह एंटीसेप्टिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के उपाय में काम आ सकता है (10)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नीलगिरी का तेल सिरदर्द, अस्थमा, बुखार और फ्लू जैसी समस्याओं पर प्रभावी असर दिखा सकता है (11)। हालांकि, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत बनाता है, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
7. विटामिन सी 
सामग्री :
दो-तीन कीवी
उपयोग करने की विधि :
कीवी को पानी से अच्छी तरह से धो लें।
अब इसके छिलके को साफ कर लें।
अब किवी को छोटा-छोटा काट लें और सेवन करें।
यह एक गुणकारी फल है, जिसका सेवन नाश्ते में किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
कीवी विटामिन सी का अच्छा स्रोत माना जाता है (12)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है (13)।
8. मशरूम
सामग्री :
मशरूम 100 ग्राम 
उपयोग करने की विधि :
मशरूम का सेवन आप आम सब्जी की तरह कर सकते हैं, लेकिन पकाने से पहले इसे अच्छी तरह धोकर जरूर उबाल लें। 
कैसे है लाभदायक :
मशरूम के सेवन को इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय में शामिल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मशरूम में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं (14)।
9. जिनसेंग 
सामग्री :
2 चम्मच जिनसेंग का पाउडर
1 गिलास पानी
उपयोग करने की विधि :
पहले पानी को गर्म कर लें।
अब इसमें जिनसेंग का पाउडर डालकर 2 मिनट तक उबलने दें।
अब इसे उतारकर ठंडा होने दें।
फिर इसका सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
जिनसेंग एक जड़ी-बूटी है। यह बाजार में जड़ के रूप में, टी बैग के रूप में और पाउडर के रूप में आपको मिल जाएगी। इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय में इसका प्रयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जिनसेंग रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाकर शरीर को संक्रामक बीमारियों से दूर रखने का काम कर सकती है (15)।
10. अजवायन की पत्ती (ऑरिगेनो)
सामग्री :
8-10 ऑरिगेनो की पत्तियां
नमक स्वादानुसार
उपयोग करने की विधि :
अजवायन की पत्तियों को धोकर बारीक पीस लें।
इसे एक कटोरी में रख लें।
ऊपर से नमक का छिड़काव करें।
अब इसका सेवन करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने की स्थिति में इसका सेवन रोजाना एक बार किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के उपाय में अजवायन की पत्ती लाभदायक साबित हो सकती हैं। दरअसल, ऑरिगेनो विटामिन ए से समृद्ध होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने में मदद कर सकता है (16)।
11. नींबू का जूस 
सामग्री :
नींबू
एक गिलास पानी
उपयोग करने की विधि :
पानी में नींबू के रस को मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के उपाय में नींबू के रस का सेवन कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है (17)। विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है (13)।
12. मनुका शहद
सामग्री :
मनुका शहद एक छोटा चम्मच 
उपयोग करने की विधि :
मनुका शहद को एक छोटे चम्मच में लें।
अब इसका सेवन सुबह और शाम करें। 
कैसे है लाभदायक :
रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के उपाय के रूप में मनुका शहद का सेवन किया जा सकता है। मनुका में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं (18)। शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए एक अध्ययन में देखा गया है कि मनुका शहद के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है (19)।
13. सहजन (Moringa)
सामग्री :
सहजन के कटे हुए 6-7 छोटे टुकड़े
दो चम्मच खाना बनाने वाला तेल
नमक स्वादानुसार
 उपयोग करने की विधि :
सहजन को पानी से धो लें।
फिल एक पैन में तेल डालकर सहजन को भूरा होने तक फ्राई करें।
क्रंची रूप में फ्राई करने के बाद इसे प्लेट में डालें।
अब ऊपर से नमक का छिड़काव करें और खाएं।
आप सहजन की सब्जी बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं यह सवाल आपको जरूर परेशान करता होगा, लेकिन सहजन के सेवन से आप इस सवाल का जवाब पा स��ते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया है कि सहजन के सेवन से शरीर में फाइटोकेमिकल्स की मात्रा पर्याप्त रूप से मिल सकती है, जो इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद हो सकती है (20)।
14. जैतून का तेल 
सामग्री :
जैतून का तेल दो छोटे चम्मच
एक प्याज
एक टमाटर
एक मूली
एक खीरा
एक चुकंदर
नमक और नींबू का रस (स्वादानुसार)
उपयोग करने की विधि :
प्याज, टमाटर, मूली, खीरा और चुकंदर को सलाद के रूप में काटकर रख लें।
अब ऊपर से नमक, नींबू का रस और जैतून का तेल डालकर सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
इस प्रकार आप जैतून के तेल को सलाद में इस्तेमाल कर सेवन कर सकते हैं।
आप चाहें तो खाना बनाने में भी जैतून का तेल प्रयोग में ला सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय में जैतून का उपयोग भी शामिल हो सकता है। जैतून के तेल में विटामिन ई की मात्रा पाई जाती है (21)। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए विटामिन ई एक जरूरी पोषक तत्व है, जिसकी शरीर में पूर्ति जैतून के तेल के जरिए की जा सकती है (22)।
एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए जैतून के तेल का सेवन फायदेमंद हो सकता है (23)।
14. प्रोबायोटिक्स (Probiotics)
सामग्री :
छाछ एक गिलास
उपयोग करने की विधि :
रोजाना दोपहर को खाना खाने के बाद एक कप छाछ का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
प्रोबायोटिक्स एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। दरअसल, प्रोबायोटिक्स के लिए छाछ एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम कर सकता है (24)।
इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय जानने के बाद लेख के अगले भाग में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार के बारे में जानते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार – Immunity Boosting Foods in Hindi
रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं यह सवाल आपको परेशान कर सकता है। एक वैज्ञानिक शोध में यह कहा गया है कि विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है (13)।  लेख के इस भाग में आपको जानकारी दी जा रही है, कि किन-किन विटामिन सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा सकता (12)।
फल – संतरा, अंगूर, कीवी, आम, पपीता, अनानास, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और तरबूज आदि।
सब्जी – ब्रोकोली, गोभी, पालक, शलजम का साग, सफेद आलू, टमाटर व कद्दू आदि।
अन्य खाद्य पदार्थ : जिंक इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है (25)। इसके लिए आप जिंक युक्त खाद्य पदार्थों (बादाम, लौकी के बीज, काजू व दही) का सेवन कर सकते हैं (26)।
आइए, लेख के अगले भाग में अब जानते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय और क्या-क्या हो सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips To Increase Stamina in Hindi
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अन्य टिप्स के लिए नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए जा रहे हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे (27) –
धूम्रपान न करें।
फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें।
स्वस्थ वजन बनाए रखें।
अल्कोहल के सेवन से बचें।
पर्याप्त नींद लें।
अपने हाथों को साफ रखें।
मांस को अच्छी तरह से पकाएं।
तनाव से मुक्त रहने की कोशिश करें।
अब तो आप यह जान गए होंगे कि स्वस्थ रहने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत रहना कितना जरूरी है। लेख पढ़कर आप यह भी जान गए होंगे कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य के लिए दी गई जानकारी को गंभीरता से जरूर लें। आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। लेख से संबंधित सवाल या सुझाव के लिए नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स का सहारा लें। साथ ही हमें यह भी बताएं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय अपनाकर आपका अनुभव कैसा रहा।
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शरीर के लिए पानी कितना जरूरी है, यह हर कोई जानता है। इंसान बिना खाए तो कई दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी के बगैर नहीं। शरीर में पानी की कमी कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन को सबसे घातक माना गया है।
डार्क सर्कल के लिए 10 सबसे अच्छे क्रीम – Best Creams for Dark Circles in Hindi
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है डार्क सर्कल (आखों के नीचे के काले ��ेरे) को मिटाने के लिए कुछ बेहतरीन क्रीम के बारेमे जो निश्चित रूप से आपके डार्क सर्कल को घटाने में मदद करेगा। जानने के लिए ज़रूर पढ़े…
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लौंग के तेल के 21 फायदे और नुकसान – Clove Oil Benefits and Side Effects in Hindi
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लौंग के तेल के 21 फायदे और नुकसान – Clove Oil Benefits and Side Effects in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 August 9, 2019
लौंग का नाम लेते ही सबसे पहले जहन में उसकी मनमोहक खुशबू आती है। साथ ही ध्यान में आता है कि दांत दर्द में लौंग से बेहतर कुछ नहीं है, लेकिन हम बता दें कि लौंग का उपयोग यहीं तक सीमित नहीं है। इससे बनने वाले लेप और तेल के भी कई फायदे हैं। आपको बता दें कि लौंग की खेती मुख्य रूप से एशिया और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में होती है। इसके फूल व पत्तियों से लेकर फल और जड़ हर चीज का उपयोग किया जाता है। कहीं यह भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, तो कहीं इसका उपयोग दवा बनाने के लिए होता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम लौंग के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में जानेंगे।
विषय सूची
आइए, सबसे पहले बात करते हैं लौंग के तेल के फायदे के बारे में।
लौंग के तेल के फायदे – Benefits of Clove Oil in Hindi
आपको बचपन का वो समय जरूर याद होगा, जब दाढ़ में दर्द होने पर दादी या मां लौंग के तेल को दाढ़ में लगा देती थी और उससे तुरंत आराम भी मिल जाता था। लौंग के तेल के ऐसे कई फायदे हैं। आइए, जानते हैं लौंग के तेल के फायदे के बारे में।
1. दांतों की केयर के लिए उपयुक्त
कीटाणुनाशक गुणों और यूजेनॉल की उपस्थिति के कारण लौंग का तेल माउथवॉश और टूथपेस्ट जैसे कई दंत उत्पादों में इस्तेमाल होता है। लौंग आपको दांतों के दर्द, मुंह के छाले और मसूड़ों से लड़ने में मदद करती है (2)। इसके अलावा, लौंग सांस की बदबू को दूर करती है और गले के दर्द को भी कम करती है। खराब सांस के लिए लौंग के तेल का उपयोग आसान है। एक कप गर्म पानी में लौंग के तेल की चार बूंदें मिलाएं और दिन में दो बार गरारे करें (3)।
2. सिरदर्द होता है दूर
लौंग का तेल दिमाग और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह दिमाग को शांत करके आपके सिर दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। मतली, उल्टी, दस्त और गैस जैसी विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के लिए लौंग का तेल उपयोग किया जा सकता है (4)।
3. बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली
लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं। साथ ही इसके एंटीवायरल गुणों के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिली है। वैज्ञानिक परिणामों के जरिए भी पुष्टि की गई है कि लौंग का तेल प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित कर सकता है (5)।
4. संक्रमण से राहत
लौंग के तेल में यूजेनॉल नामक एक केमिकल होता है, जो एनेस्थेटिक और एंटीबैक्टीरियल के रूप में कार्य करता है। यह दर्द को कम करने और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। लौंग का तेल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल भी होता है, लेकिन अभी इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है (1)।
5. मधुमेह रोगियों के लिए लौंग का तेल
लौंग के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण और सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद शुगर को कंट्रोल करने में सहायक हो सकते हैं। प्रतिदिन एक लौंग काे खाने से शुगर को कंट्रोल क��या जा सकता है (6)।
6. मतली का इलाज करता है
लौंग का तेल मतली को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी है। इसका उपयोग गर्भवती महिलाओं द्वारा मॉर्निंग सिकनेस और असहजता को कम करने के लिए किया जा सकता है। यात्रा के दौरान भी लौंग के तेल की खुशबू मलती को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकती है (7)।
7. यौन क्षमता का इलाज
लौंग के तेल के फायदे के कारण इसका उपयोग यूनानी चिकित्सा में प्राचीन काल से पुरुषों के यौन विकारों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। लौंग का तेल यौन क्षमता को बेहतर कर सकता है (8)।
8. तनाव दूर करता है
खुशबूदार लौंग की कलियों के अर्क का उपयोग एंटीऑक्सीडेंट के रूप में किया जा सकता है (9)। लौंग के तेल से शरीर पर की गई मालिश तुरंत शरीर को तरोताजा कर देती है। साथ ही यह दिमाग को शांत रखता है व मानसिक थकावट को दूर करने में भी मदद कर सकता है (4)।
9. पाचन तंत्र को ठीक करता है
अगर आप पाचन तंत्र को ठीक करना चाहते हैं, तो लौंग का इस्तेमाल किया जा सकता है (10)। अपच, दस्त, सूजन और पेट फूलने जैसी समस्याओं के इलाज के लिए लौंग का तेल बहुत उपयोगी है। अगर लौंग के तेल की कुछ बूंदें पेट पर लगाई जाएं, तो इससे गैस को कम करने और शरीर से टॉक्सिन पदार्थों को खत्म करने में मदद मिल सकती हैं ।
10. कान का दर्द दूर करता है
कान के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए लौंग का तेल अचूक घरेलू उपाय हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला एसिटाइल यूजेनॉल एक दर्द निवारक के रूप में काम करता है। आप 2 चम्मच तिल के तेल में 3-4 बूंद लौंग का ��ेल मिलाकर हल्का गर्म कर लें। फिर धीरे-धीरे इस मिश्रण को अपने कानों के अंदर लगाएं और कुछ समय के लिए इसे छोड़ दें। ऐसा करने से आपको तुरंत कान के दर्द से राहत मिल सकती है (4)।
11. सांस की समस्या से छूटकारा
लौंग के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कि श्वसन नली से कफ को साफ करने में मदद करते हैं। इस कारण से ही लौंग का इस्तेमाल ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और सांस की अन्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है (4)।
12. खून को साफ करना
लौंग का तेल एंटीमाइक्रोबियल गुण से समृद्ध होता है, जो रक्त में माैजूद टॉक्सिन पदार्थ को बाहर कर रक्त को साफ करने में मदद करता है (4)।
13. आंखों का इलाज
कई बार पलक के बाहरी किनारे पर एक लाल रंग की गांठ या छोटा-सा दाना हो जाता है। इसका इलाज लौंग की मदद से किया जा सकता है। लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कम समय में दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं। इसके तेल की कुछ बूंदों को कॉटन में डालकर आंख की संक्रमित जगह पर लगाने से जल्द आराम मिल सकता है (11)।
14. हैजा को करे दूर
हैजा दूषित पानी या भोजन का सेवन करने की वजह से हो सकता है (12)। इस अवस्था में हैजा आपके काम आ सकता है। क्या आप जानते हैं कि लौंग के तेल में माैजूद एंटीबैक्टीरियल गुण हैजा के संक्रमण को फैलाने वाले वायरस को खत्म करने में कारगर हैं (13)। लौंग के तेल की 2-3 बूंदें पानी में मिलाकर पीने से फायदा हो सकता है। ध्यान रहे कि इस गंभीर बीमारी में डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें।
15. आंत के कीड़ों का इलाज
लौंग में एंटीमाइक्रोबियल जैसे गुण मौजूद होते हैं, जो आंत में रहने वाले कीड़ों को मारते हैं (14)। उचित मात्रा में किया गया लौंग का सेवन पेट में मौजूद कीड़ों की रोकथाम में कारगर हो सकता है। आंत में मौजूद कीड़ों की रोकथाम के लिए एक गिलास पानी में लौंग के तेल की एक-दो बूंदों को डालकर उसका सेवन करने से राहत मिल सकती है ।
सेहत के बाद जानते हैं कि लौंग के तेल के फायदे त्वचा के लिए कैसे हो सकते हैं।
त्वचा के लिए लौंग के फायदे – Skin Benefits of Clove Oil in Hindi  
सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी लौंग के तेल के फायदे मिल सकते हैं। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए लाभदायक हो सकते हैं।
मुंहासे होते हैं दूर
लौंग का तेल एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है (9), जो मुंहासों के उपचार में अत्यधिक लाभकारी होता है। यह मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और संक्रमण को कम करता है। साथ ही चेहरे के रोम छिद्रों को बढ़ने से रोकता है।
कैसे करें उपयोग :
अपनी स्किन क्रीम या लोशन में लौंग के तेल की 2-3 बूंदें मिलाएं और इसे नियमित रूप से मुंहासों पर लगाएं। इससे आपको मुंहासे धीरे-धीरे कम होने लगेंगे।
दाग-धब्बे करे कम
विशेषज्ञों की देखरेख में लौंग का तेल इस्तेमाल करने से त्वचा पर दाग-धब्बों को कम किया जा सकता है। साथ ही यह मृत त्वचा को हटाने में भी मदद करता है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार नजर आएगी।
कैसे करें उपयोग :
लौंग के तेल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर सुबह-शाम उससे अपने चेहरे को धो लें। रोज ऐसा करने से जल्द ही चेहरे के दाग साफ हो सकते हैं।
कॉस्मेटिक उत्पादों का मुख्य तत्व
लौंग के तेल का उपयोग कई कॉस्मेटिक उत्पादों के निर्माण में किया जाता है (15)।
कैसे करें उपयोग :
आप लौंग के तेल को नहाते समय पानी में मिक्स कर सकते हैं या फिर अपनी स्किन क्रीम में भी मिला सकते हैं।
त्वचा के साथ ही लौंग का तेल बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कैसे।
बालों के लिए लौंग के फायदे – Hair Benefits of Clove Oil in Hindi
अगर आप बालों की समस्या से परेशान हैं, तो चिंता न करें। गुणकारी लौंग के तेल का उपयोग बालों से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान बन सकता है।
बालों के विकास के लिए
सिर और बालों पर थोड़ी मात्रा में लौंग का तेल लगाने से बालों का गिरना कम हो सकता है और बालों के विकास में मदद मिलती है। लौंग के तेल में यूजेनॉल पाया जाता है, जो बालों के विकास में मददगार हो सकता है। यह तेल आपके बालों को लंबा और चमकदार बना सकता है (16)।
कैसे करें उपयोग :
आप अपने शैम्पू की बोतल में लौंग के तेल की लगभग 10-12 बूंदें मिलाकर उपयोग कर सकते हैं।
बालों का झड़ना कम करता है
लौंग का तेल में पाए जाने वाले यूजेनॉल के कारण बालों का झड़ना कम हो सकता है। साथ ही बाल जड़ों से मजबूत बनते हैं (16)।
कैसे करें उपयोग :
2 चम्मच नारियल तेल और लौंग के तेल की 5 बूंदों को मिलाकर एक हेयर ग्रोथ मास्क बनाएं और इसे अपने सिर व बालों पर लगाएं।
नेचुरल हेयर कंडीशनर
लौंग के तेल में औषधीय गुण होते हैं। यह तेल बालों को स्मूथ करने में मदद करता है। आप इसका उपयोग तेल व शैंपू के साथ ही कंडीशनर के रूप में भी कर सकते हैं।
कैसे करें उपयोग :
आप नारियल तेल की 6 बूंदों में लौंग के तेल की 2 बूंदें मिलाकर सिर व बालों की धीरे-धीरे मालिश करें, ताकि तेल अच्छी तरह से बालों में समा जाए।
इन सब के अलावा लौंग के तेल के और भी कई उपयोग हैं। आइए जानते हैं उन उपयोगों को।
लौंग के तेल का उपयोग – How to Use Clove Oil in Hindi
लौंग में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-फंगल गुणों के कारण हम इस तेल का उपयोग और भी समस्याओं से निपटने के लिए कर सकते हैं। यहां हम और भी लौंग के तेल के फायदे और इसके उपयोग के आसान टिप्स बता रहे हैं।
कीड़ों की रोकथाम: लौंग का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है (9)। इसे मोमबत्तियों में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसकी खुशबू कीटों को भगाने में कारगर है। वहीं, रात को सोने से पहले तेल की कुछ बूंदों को बिस्तर पर छिड़कने से भी कीड़ों को दूर भगाया जा सकता है।
कॉस्मेटिक: इसे आप अपनी क्रीम या फिर लोशन में मिला सकती हैं। आप लौंग के तेल से शरीर की मालिश भी कर सकते हैं।
फ्लेवरिंग एजेंट: इसका इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों, अचार, सॉस, मसाला व केक आदि का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
साबुन और परफ्यूम: शक्तिशाली सुगंध, आयुर्वेदिक प्रभाव और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण लौंग का तेल का इस्तेमाल साबुन व परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है।
अरोमाथेरेपी: लौंग का तेल तुलसी, मेंहदी, गुलाब, दालचीनी, अंगूर, नींबू, जायफल, पुदीना, ऑरेंज व लैवेंडर आदि एसेंशियल ऑयल्स के साथ अच्छी तरह से मिल जाता है। लौंग का तेल अरोमाथेरेपी में भी लाभदायक साबित होता है।
लौंग के तेल के फायदे हैं, तो इसके नुकसान भी हैं, आइए जानते हैं इससे होने वाले नुकसान।
लौंग के नुकसान – Side Effects of Clove Oil in Hindi (Write Down Pointwise) 
लौंग के तेल के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। वैसे तो लौंग का तेल अपने गुणों के कारण बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में किया गया उपयोग इसे नुकसानदायक भी बना सकता है। आइए जानते है कि लौंग के तेल से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।
कोमा की स्थिती: अधिक मात्रा में लौंग के तेल का सेवन करने से कोमा जैसी स्थिती बन सकती है (17)।
एलर्जी और टॉक्सिक प्रभाव: लौंग के तेल में यूजेनॉल होता है, जिसके कारण इसका अधिक मात्रा में उपयोग एलर्जी या टॉक्सिक प्रभाव पैदा कर सकता है (18)।
कम ब्लड शुगर: इस तेल के कारण रक्त में मौजूद शुगर में गिरावट हो सकती है, इसलिए मधुमेह रोगियों को इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए (6)।
लौंग वाली सिगरेट: सिगरेट हर तरह से हानिकारक है, फिर चाहे वो लौंग वाली ही क्यों न हो। लौंग वाली सिगरेट पीने से उल्टी, ��स्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, हेमोप्टाइसिस, सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है (19)।
बच्चों में प्रभाव: लौंग का तेल बच्चों की आंतों में परेशानी पैदा कर सकता है। गंभीर मामलों में यह अंदरुनी अंगों को खराब भी कर सकता है। लौंग का तेल इस्तेमाल करने से बच्चों को उल्टी व दौरे जैसी समस्याएं हो सकती हैं (19)।
अब जब आप आपको लेख के माध्यम से लौंग के तेल के फायदे को अच्छे से जान गए हैं, तो फिर इसे अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि लौंग के तेल के फायदे और नुकसान दोनों हैं। यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि इसका प्रयोग सीमित मात्रा में करने से ही फायदा होगा। इसके उपयोग के बाद आपको किस प्रकार लाभ हुआ अपने अनुभव आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
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Saral Jain
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अजवाइन के फायदे, उपयोग और नुकसान – Carom Seeds (Ajwain) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अजवाइन के फायदे, उपयोग और नुकसान – Carom Seeds (Ajwain) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
shivani verma May 9, 2019
अजवाइन ऐसी चीज है, जो न सिर्फ आपके खाने का जायका बढ़ाती है, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी ठीक रखती है। यही कारण है कि भारतीय भोजन में अजवाइन का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, पेट में दर्द होने या गैस बनने पर बड़े-बुजुर्ग भी एक चुटकी अजवाइन खाने की सलाह देते हैं। यकीनन, यह सलाह काम आती है और असमय उठे पेट दर्द से राहत मिलती है।
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको अजवाइन के फायदे से रू-ब-रू कराएंगे। इसके अलावा, यह भी बताएंगे कि आप किस-किस तरह से अजवाइन का सेवन कर सकते हैं।
आइए, पहले अजवाइन के फायदे जानते हैं।
विषय सूची
अजवाइन के फायदे – Benefits of Carom Seeds in Hindi
जैसा कि हमने बताया अजवाइन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है, लेकिन यह त्वचा और बालों के लिए भी गुणकारी है। फिलहाल, हम पहले सेहत के लिए अजवाइन के फायदे बता रहे हैं।
सेहत के लिए अजवाइन के फायदे – Health Benefits of Carom Seeds in Hindi
1. एसिडिटी, अपच और पेट की अन्य समस्याओं से बचाए
अगर आपको एसिडिटी की समस्या रहती है, तो अजवाइन का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीएसिड गुण होते हैं, जो एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन में एक चम्मच जीरा और थोड़ा अदरक का पाउडर मिलाकर सेवन करें (1)।
2. गैस और कब्ज
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गैस और कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में अजवाइन आपके लिए असरदार साबित हो सकती है। इसमें थाइमोल की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे गैस्ट्रिक रस का स्राव बढ़ता है। इसके अलावा, अजवाइन में रेचक (लैक्सटिव) गुण होते हैं, जिस कारण कब्ज की समस्या दूर होती है और मल त्यागने में आसानी होती है (2)।
3. दिल के लिए फायदेमंद
अजवाइन आपके कोलेस्ट्राॅल के स्तर को ठीक रखती है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है (3)। इसके अलावा, यह सीने के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
4. अस्थमा
गुनगुने पानी के साथ अजवाइन खाने से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा में भी राहत मिलती है। आप दिन में दो बार गुड़ के साथ अजवाइन खा सकते हैं। इसमें एंटीस्पैमोडिक और कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जो अस्थमा में राहत पहुंचाते हैं (3)।
5. सर्दी, फ्लू और वायरल इन्फेक्शन
अगर आपको सर्दी, फ्लू या वायरल इन्फेक्शन की समस्या हो, तो अजवाइन प्रभावी असर दिखाती है। सर्दी के कारण बंद हुई नाक में भी अजवाइन फायदा पहुंचाती है। अगर नाक बंद हो, तो गर्म पानी में अजवाइन डालकर भांप लें। आपको राहत महसूस होगी। इसके अलावा, अगर सर्दी, फ्लू या वायरल इन्फेक्शन के कारण गले में खराश है, तो हल्दी और अजवाइन को गर्म दूध में मिलाकर लें। इससे आपको आराम मिलेगा (4)।
6. मुंह की समस्याएं
अजवाइन मुंह की समस्याओं से भी ��ाहत दिलाने में मदद करती है। अगर आपको दांत में दर्द है, तो अजवाइन से राहत मिल सकती है। आप अजवाइन का तेल और लौंग का तेल मिलाकर दांत पर लगाएं, ताे इससे दर्द भी कम होगा और मुंह से दुर्गंध भी नहीं आएगी (5)।
7. डायरिया
अजवाइन डायरिया से राहत दिलाने में भी मदद करती है। इसके लिए एक गिलास पानी में अजवाइन डालकर उबालें। फिर इस पानी को ठंडा कर दिन में दो बार पिएं (6)।
8. जोड़ों में दर्द
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अर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द के लिए अजवाइन काफी लाभकारी होती है। अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है, तो प्रभावित भाग पर अजवाइन के तेल से मालिश करें। आपको राहत महसूस होगी (7)।
9. डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अजवाइन लाभदायक साबित होती है। इसके लिए आप नीम की पत्तियों को छांव में सुखा लें। इसका पाउडर बनाकर एक डिब्बे में भर लें। रात के समय में गर्म दूध में एक चम्मच नीम और आधा-आधा चम्मच अजवाइन व जीरे का पाउडर डालकर लगातार 30 दिन तक पीने से आपको फायदा हो सकता है।
10. मासिक धर्म में लाभदायक
अगर आपको मासिक धर्म में दर्द या अनियमितता की शिकायत है, तो आप अजवाइन का सेवन कर सकती हैं (8)। इसके लिए आप मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर एक मुट्ठी अजवाइन डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। फिर इसे अगली सुबह पीसकर पी लें। आपको फायदा होगा।
11. कान दर्द
कान दर्द की समस्या से राहत दिलाने में अजवाइन खास भूमिका निभाती है। अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। अगर आपको कान दर्द की समस्या ज्यादा है, तो दो चम्मच तिल के तेल में दो चम्मच अजवाइन और एक चम्मच लहसुन डालकर तेल के लाल होने तक गर्म करें। फिर इसे ठंडा करके कुछ बूंदें कान में डालें। यह तेल कान में फुंसी होने पर भी लाभ पहुंचा सकता है (9)।
नोट : बेशक यह घरेलू उपचार कान दर्द में लाभकारी है, लेकिन इसे उपयोग करने से पहले एक बार कान के डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
12. स्तनपान के लिए
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आपको जानकर हैरानी होगी कि स्तन दूध बढ़ाने में अजवाइन काफी प्रभावशाली होती है। अजवाइन आपके गर्भाशय को साफ करती है और ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ और आधा चम्मच अजवाइन एक लीटर पानी में डालकर उबालें। इस पानी को आप रोजाना पिएं।
13. वजन कम करे
अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो अजवाइन आपको फायदा पहुंचा सकती है। इसके लिए आप रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच अजवाइन पानी के साथ लें। रोजाना इसे लेने से आप एक महीने में तकरीबन चार से पांच किलो वजन कम कर पाएंगे (10)।
त्वचा के लिए अजवाइन के फायदे – Skin Benefits of Carom Seeds in Hindi
फोड़े-फुंसी और एक्जिमा : फोड़े -फुंसी और एक्जिमा की समस्या होने पर भी आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप अजवाइन को गुनगुने पानी में डालें और इसे पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावितभाग पर लगाएं। बेहतर परिणाम के लिए आप अजवाइन के पानी से प्रभावित क्षेत्र को धो भी सकते हैं।
2. कील-मुंहासों के लिए
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कील-मुंहासों से राहत पाने के लिए भी आप अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अजवाइन त्वचा से मुंहासों के निशान दूर करने में भी मदद करती है। मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए आप अजवाइन के पाउडर का पेस्ट बनाएं और 10 से 15 मिनट के लिए अपने चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो, सामान्य पानी से चेहरा धो लें। आप कुछ दिनों तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को अपनाएं। कुछ ही दिनों में आपको मुंहासों के निशान से छुटकारा मिल सकता है।
झुर्रियों के लिए : झुर्रियों से राहत पाने के लिए अजवाइन आपकी मदद कर सकती है। चूंकि, अजवाइन में विटामिन-ए और विटामिन-सी होता है, जो त्वचा में कसावट लाते हैं। इनके चलते चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं।
बॉडी क्लींजर : अजवाइन की चाय आपके शरीर से टॉक्सिन दूर करने में मदद करती है, जिससे कई तरह की त्वचा की समस्याएं दूर रहती हैं। यह आपका रक्त साफ करती है और शरीर में रक्त संचार को दुरुस्त करने में मदद करती है।
ऑयली स्किन के लिए :अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो अजवाइन आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसमें सोडियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
बालों के लिए अजवाइन के फायदे – Hair Benefits of Carom Seeds in Hindi
जिस तरह से अजवाइन स्वास्थ्य और त्वचा के लिए फायदे है, उसी तरह से बालों के लिए भी अजवाइन काफी फायदेमंद है। नीचे हम बताएंगे कि किस तरह अजवाइन बालों को फायदा पहुंचाती है।
खुजली और जूं से बचाए : अगर आपके सिर में तेज खुजली होती है या सिर में जूं पड़ गई है, तो अजवाइन आपके काम आ सकती है। इसके लिए आप एक चम्मच फिटकरी को दो चम्मच अजवाइन के साथ पीस लें और एक कप छाछ में मिलाकर बालों की जड़ में लगाएं। यह काम आप रात को सोने से पहले करें। अगली सुबह उठकर सिर धो लें। इससे सिर की जूएं मर जाएंगी।
बालों को सफेद होने से बचाए – Avoid Hair Becoming White
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अजवाइन आपके बालों को असमय सफेद होने से भी बचाती है। इसके लिए आप दो से तीन करी पत्ता, दो सूखे अंगूर, एक चुटकी अजवाइन व स्वादानुसार चीनी को एक कप पानी में मिक्स करके पकाएं। आप इस पानी को रोजाना पिएं। ऐसा रोज करने से आपके बाल समय से पहले सफेद नहीं होंगे।
अजवाइन का उपयोग कैसे करें? – How to Use Carom Seeds in Hindi
हालांकि, हमने ऊपर अलग-अलग समस्याओं को लेकर अजवाइन इस्तेमाल करने के तरीके बताए हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ आसान तरीके भी हैं, जो आप आजमा सकते हैं। नीचे हम बता रहे हैं कि अजवाइन का उपयोग कैसे करें :
अजवाइन भूख बढ़ाने का काम भी करती है। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ खाएं। इससे आपको अच्छी भूख लगेगी।
अगर आपको गैस या पेट फूलने की समस्या है, तो अजवाइन को तवे पर भूनकर उसे नींबू व नमक के साथ चाटने से राहत मिलती है।
आप पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए अजवाइन का पानी भी पी सकते हैं।
अगर आपको फ्लू या गले में खराश की समस्या है, तो एक चौथाई अजवाइन, एक चुटकी नमक और एक लौंग को मुंह में रखकर चूसें। आपको राहत महसूस होगी।
इसके अलावा, खाना बनाते समय दाल या सब्जी में अजवाइन के साथ तड़का लगाने से खाना स्वादिष्ट भी बनेगा और उसे पचाने में आसानी भी रहेगी।
अजवाइन के नुकसान – Side Effects of Carom Seeds in Hindi
भले ही अजवाइन फायदे होती है, लेकिन अगर इसका अत्यधिक सेवन किया गया, तो यह नुकसान भी कर सकती है। नीचे हम अजवाइन के कुछ नुकसान बताने जा रहे हैं।
अगर अजवाइन का ज्यादा सेवन किया जाता है, तो इससे आपको पेट में जलन, उल्टी और सिर दर्द की समस्या हो सकती है।
अगर आपको मुंह में छाले, पेट में अल्सर या आंतरिक रक्तस्राव की समस्या है, तो अजवाइन का सेवन इन समस्या को और बढ़ा सकता है।
अगर आप अजवाइन का ज्यादा सेवन करते हैं, तो एसिडिटी की समस्या कम होने की जगह बढ़ सकती है।
इस लेख में हमने अजवाइन खाने के फायदे से लेकर अजवाइन के नुकसान तक के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही इस लेख में हमने आपको अजवाइन खाने के तरीके बताने के प्रयास किए हैं। आप ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाएं और अजवाइन के फायदे उठाएं। इसके अलावा, यह लेख दूसरों के साथ भी शेयर करें, ताकि उन्हें भी इसके फायदे पता चल सकें।
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shivani verma
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ajwain-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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जीरा के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Cumin (Jeera) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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जीरा के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Cumin (Jeera) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Arpita Biswas April 29, 2019
भारतीय व्यंजनों को अधिक स्वादिष्ट बनाने में मसाले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लगभग हर घर में मिलने वाले ये मसाले स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद हैं। जीरा भी ऐसा ही मसाला है। अगर हम यह कहे कि जीरा स्वास्थ्य के लिए हीरे से कम नहीं है, तो कुछ गलत नहीं होगा। इस लेख में हम न सिर्फ जीरे के गुण बताएंगे, बल्कि स्वास्थ्य के लिए जीरा के फायदे भी बताएंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम जीरा के बारे में कुछ रोचक जानकारियां भी देंगे।
विषय सूची
जीरा के फायदे और जीरे के गुण जानने से पहले हम इसके कुछ खास नामों के बारे में जान लेते हैं।
जीरा के अन्य नाम – Other Names of Cumin in Hindi
इंग्लिश में इसे क्यूमिन सीड (cumin seed), वैज्ञानिक नाम क्यूमिनम सायमिनम (cuminum cyminum), तेलुगु में ‘जीलकारा’, तमिल में ‘जीरगम’, मलयालम में ‘जीरकम’, कन्नड़ में ‘जीरिगे’, गुजराती में ‘जीरू’, मराठी में ‘जीरे’, ‘जीर्रे’, ‘जीरोगिरे’ और बंगाली में ‘जीरा या जीरे’ कहते हैं। वैसे तो जीरा तीन प्रकार का होता है, लेकिन बाजार में प्रमुख रूप से इसकी दो ही किस्में उपलब्ध होती हैं – सफेद जीरा और काला जीरा। सफेद जीरा सबसे आम है, जो ज्यादातर खाना बनाने में उपयोग किया जाता है।
अब वक्त है जीरा के फायदे और जीरे के गुणों के बारे में विस्तार से जानने का।
जीरा के फायदे – Benefits of Cumin in Hindi
इस सुगंधित मसाले को प्राचीन काल से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जिस कारण यह पाचन में सहायक होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। इसमें एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण भी होता है (1) (2)। आगे हम विस्तार से सेहत, त्वचा और बालों के लिए जीरा के फायदे बताएंगे।
सेहत के लिए जीरा के फायदे – Health Benefits of Cumin in Hindi
शुरुआत करते हैं सेहत के लिए जीरा के फायदे से। इस छोटे-से मसाले के कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
1. पाचन शक्ति के लिए जीरा के फायदे
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आजकल लोगों की जैसी जीवनशैली और खान-पान है, ऐसे में पेट का ठीक रहना मुश्किल है। सही वक्त पर खाना न खाने और खाने के बाद न टहलने के कारण गैस व अपच जैसी समस्या हो जाती हैं। नतीजतन, पाचन शक्ति का कमजोर होना। ऐसे में अगर आप अपने आहार में जीरा को शामिल करें, तो पाचन शक्ति में काफी हद तक सुधार हो सकता है (3) (4)। इसलिए, आप एसिडिटी, गैस या अपच होने पर जीरे के पानी का सेवन कर सकते हैं।
2. आयरन
यह तो लगभग हर कोई जानता है कि आयरन हमारे शरीर के लिए जरूरी है। आयरन की कमी से कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे – एनीमिया यानी खून की कमी व कमजोरी हो सकती है। ऐसे में अगर जीरा का सेवन किया जाए, तो यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। जीरा आयरन से भरपूर होता है (5)। इसके सेवन से आयरन की कमी दूर होगी और खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा में सुधार होगा।
3. बुखार या सर्दी-जुकाम के लिए जीरा के फायदे
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हल्की-फुल्की सर्दी-जुकाम या बुखार होना आम बात है। ऐसे में जरूरी नहीं कि आप तुरंत दवा लें, उसकी जगह आप घरेलू उपाय आजमाएं। कई बार सर्दी-जुकाम होने पर बार-बार छींक आने या नाक में असहज महसूस होने की शिकायत होती है। इस स्थिति में आप मुट्ठीभर जीरे को भूनकर कपड़े में बांध लें और थोड़ी-थोड़ी देर बाद उसे सूंघते रहें। इसके अलावा, अगर आपको ठंड या बुखार है, तो जीरे के पानी को गुड़ के साथ पी सकते हैं। जीरे की तासीर गर्म होती है, ऐसे में इसके सेवन से आप बुखार से भी बच सकते हैं (6)।
4. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जीरा के फायदे
प्रत्येक व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए आप भोजन में जीरे को शामिल कर सकते हैं। इसमें इम्यूनोमॉडलट्री गुण (Immunomodulatory) होते हैं, जिस कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है (7)।
5. वजन कम करने के लिए जीरा के फायदे
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तला-भूना व जंक फूड खाना और व्यायाम न करना आदि कई कारण हैं, जिससे लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। वहीं, शोध के अनुसार जीरा वजन कम कर सकता है। वजन कम करने के लिए इसका प्रभाव उतना ही होता है, जितना ओर्लिस्टेट 120 (orlistat 120) और प्लेसिबो (कैप्सूल) का होता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म पर भी असर क�� सकता है (8)। जीरा पाउडर के सेवन से मोटापे की शिकार महिलाओ में वजन कम होता देखा गया है (9)।
6. एनीमिया के लिए जीरा के फायदे
सही और स्वस्थ आहार न लेना, आयरन की कमी होना व कई अन्य कारणों से आजकल कई लोग एनीमिया से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है, चक्कर आने लगते हैं और देखते ही देखते शरीर कई अन्य समस्याओं से घिर जाता है। अगर वक्त रहते एनीमिया पर ध्यान न दिया जाए, तो परेशानी और बढ़ भी सकती है। अगर इस समस्या में आप जीरे का सेवन करेंगे, तो एनीमिया से बचा जा सकता है, क्योंकि जीरे में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है (5) (10)। इसलिए, अपने आहार में जीरा शामिल करें।
7. गठिया के लिए जीरा के फायदे
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बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना आम बात है। कई बार यही दर्द आगे चलकर गठिया का रूप ले लेता है, लेकिन अगर आप खाने में कुछ मसालों को नियमित रूप से शामिल करेंगे, तो यह खतरा कम हो सकता है। जीरा उन्हीं में से एक है। जीरे में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण हो��ा है, जो सूजन से बचाव कर सकता है और गठिया को होने से रोक सकता है (11)। आप जीरे का पानी पिएं, खाने में जीरा शामिल करें या फिर जीरे का तेल लगाएं, यह हर लिहाज से फायदेमंद है (12)।
8. पेट दर्द के लिए जीरा के फायदे
पेट दर्द कभी भी और किसी भी कारण से हो सकता है। अगर आपको भी पेट दर्द या पेट से जुड़ी समस्या है और आप इस कारण दर्द निवारक दवाइयां खाने के आदी हैं, तो आप अपनी डाइट में जीरा शामिल करें। जीरा पेट दर्द, डायरिया, पेट के कैंसर व पेट से जुड़ी अन्य परेशानियों से बचाव कर सकता है (13) (14)। यहां तक कि यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (पेट की समस्या) से भी राहत दिलाता है (15)। आप जीरे को खाने में मसाले के तौर पर या फिर जीरे का पानी भी पी सकते हैं। अगर पेट की समस्या ज्यादा बढ़े, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
9. मधुमेह के लिए जीरा के फायदे
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मधुमेह से निपटने के लिए आप सही आहार के साथ-साथ जीरा को भी डाइट में शामिल करें। जिन्हें डायबिटीज नहीं है, जीरे के सेवन से उनमें इसका खतरा कम हो सकता है। वहीं, जिन्हें मधुमेह है, उनका शुगर स्तर संतुलित रहेगा। जीरा ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है और शरीर में उचित ब्लड कंटेंट के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है (16)।
10. मासिक धर्म में जीरा के फायदे
मासिक धर्म के समय मूड स्विंग्स, पेट में ऐंठन, मतली, पेट में दर्द जैसी समस्याएं लगभग हर महिला को होती हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को अनियमित महावारी से जूझना पड़ता है। इस अवस्था में कुछ महिलाएं दवाइयां खाती हैं, जो सही नहीं है। आगे चलकर इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ जीरे का सेवन कर सकते हैं। इसमें दर्द निवारक और ऐंठन को कम करने के गुण हैं, जिस कारण यह पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिला सकता है (16)।
जीरा के फायदे सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी हैं।
त्वचा के लिए जीरा के फायदे – Skin Benefits of Cumin in Hindi
1. चमकती त्वचा के लिए जीरा के फायदे
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ज्यादा मेकअप से चेहरे की चमक खत्म होने लगती है। परिणामस्वरूप, बेजान त्वचा, वक्त से पहले झुर्रियां व दाग-धब्बे परेशान करने लगते हैं। ऐसे में जीरे को घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। जीरा विटामिन-ई से भरपूर होता है, जो निखरी व खूबसूरत त्वचा के लिए जरूरी है। इसलिए, आप जीरे को अपने आहार में शामिल कर त्वचा पर निखार ला सकते हैं। जीरे का पानी पीने से भी त्वचा को फायदा हो सकता है (17)। इसके अलावा, आप जीरे का पेस्ट भी लगा सकते हैं, नीचे हम उसकी विधि आपको बता रहे हैं।
सामग्री :
एक चम्मच जीरा पाउडर (आवश्यकतानुसार)
एक चम्मच शहद
चुटकीभर या आधा चम्मच हल्दी
बनाने और लगाने की विधि :
जीरा पाउडर, शहद और हल्दी पाउडर को मिलकर पेस्ट तैयार कर लें।
अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं।
सूखने तक इसे रहने दें और फिर धो लें।
कब और कितनी बार लगाएं :
आप इसे हफ्ते में एक बार लगा सकते हैं।
अगर जीरे का पेस्ट लगाना आपको पसंद नहीं, तो नीचे दी गई एक अन्य विधि का उपयोग कर सकते हैं।
सामग्री :
एक चम्मच जीरा
एक या दो गिलास गर्म या गुनगुना पानी
बनाने और लगाने की विधि :
आप जीरे को गर्म पानी में हल्का उबालकर उससे अपना चेहरा धो सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म न हो। पानी ज्यादा गर्म होने से आपकी त्वचा जल सकती है।
2. त्वचा संबंधी परेशानियों के लिए जीरा के फायदे
त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सही पौष्टिक तत्वों का सेवन करना भी जरूरी है। जैसा कि आप जानते हैं, जीरे में विटामिन-ई की भरपूर मात्रा होती है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ व चमकदार बनी रहती है। साथ ही जीरे में कीटाणुनाशक (disinfectant) और एंटी-फंगल (anti-fungal) गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा को फंगल और माइक्रोबियल संक्रमण से बचाते हैं। आप फोड़े-फुंसी, एक्जिमा, सोरायसिस व अन्य त्वचा विकारों पर जीरा पेस्ट का उपयोग कर सकते हैं। यह पेस्ट घावों को जल्दी भरने में मदद कर सकता है (17)। आप अपने फेस पैक में भी थोड़ा जीरा पाउडर उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, आप इसका सेवन भी कर सकते हैं।
3. एंटी-एजिंग के लिए जीरा के फायदे
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जीरे में मौजूद विटामिन-ई शरीर के भीतर एंटी-एजिंग प्रक्रिया को सक्रिय होने में मदद करता है। इस प्रकार वक्त से पहले त्वचा और चेहरे पर उम्र बढ़ने के लक्षणों से बचा जा सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम कर उन फ्री रेडिकल्स से लड़ता है, जिनके कारण झुर्रियां, दाग-धब्बे और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुणों के मिश्रण से भरपूर जीरा आपको स्वस्थ व सुंदर त्वचा प्रदान करता है (17)।
4. फोड़े के उपचार के लिए जीरा के फायदे
जीरे का नियमित सेवन या उपयोग करने से त्वचा को फोड़े-फुंसियों, रैशेज व पिंपल से बचाया जा सकता है। इसका कारण यह है कि इसमें क्यूमिनडिहाइड (Cuminaldehyde), थाइमोल और फास��फोरस जैसे घटक होते हैं (1), जो अच्छे डिटॉक्सिफाइंग एजेंट होते हैं। ये मल व मूत्र के माध्यम से शरीर से विषाक्त पदार्थों को नियमित रूप से हटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, जीरे का पानी पीने से पेट व पाचन शक्ति सही रहती है। जब आपका पेट साफ रहता है, तो न सिर्फ आप बीमारियों से बचे रहते हैं, बल्कि त्वचा पर पिम्पल और दाग-धब्बे भी नहीं होते हैं। इसलिए, आप जीरे का पानी पिएं या जीरे को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करें। आप जीरा पाउडर को रायते में भी डाल सकते हैं।
5. खुजली और शरीर के तापमान के लिए जीरा के फायदे
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कई बार लोगों को बदलते मौसम या प्रदूषण की वजह से शरीर में खुजली की समस्या हो जाती है। वहीं, कुछ लोगों के शरीर का तापमान कम-ज्यादा हो जाता है। अगर आप भी कुछ ऐसी ही समस्या से पीड़ित हैं, तो आप जीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप उबले हुए पानी में जीरा डाल दें। फिर जब पानी ठंडा हो जाए, तो उस पानी से स्नान करें (17)।
6. बर्निंग सेंसेशन या जलन की अनुभूति के लिए जीरा के फायदे
कई बार गर्मी, बदलते मौसम, गर्म दवाइयों व अन्य कारणों से मांसपेशियों में, गले में, मुंह में, प्राइवेट पार्ट्स में, हाथ-पैरों में, पेट में व त्वचा में जलन होने लगती है। इस स्थिति में घरेलू उपचार बहुत काम आते हैं। आपको जीरे के पानी से हथेलियों और तलवों की जलन से छुटकारा मिल सकता है।
जीरा पानी बनाने की विधि :
आप 4 लीटर पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबालें। इसे गैस से उतारकर ढक कर रख दें। जब भी आपको भोजन के बाद प्यास लगे, तो आप इस पानी को पी सकते हैं। अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इसे गर्म पीने की सलाह दी जाती है।
बालों के लिए जीरा के फायदे कई हैं। आगे हम इन्हीं फायदों के बारे में बात कर रहे हैं।
बालों के लिए जीरा के फायदे – Hair Benefits of Cumin in Hindi
1. बालों को झड़ने से बचाने के लिए जीरा के फायदे
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अगर आप बालों को स्वस्थ रखना चाहते हैं और झड़ने से बचाना चाहते हैं, तो जीरा का उपयोग करें। आप जीरा को खा सकते हैं या फिर जीरे के पानी से अपने बाल धो सकते हैं। जीरे को पानी में डालकर उबाल लें और पानी ठंडा होने पर उससे बालों को धो लें। कई बार विटामिन, प्रोटीन व आयरन की कमी से भी बाल झड़ने लगते हैं (18) (19) (20)। ऐसे में जीरा पोषक तत्वों का खजाना है। इससे बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है और बाल स्वस्थ रहते हैं व कम टूटते हैं। आप इसे अपने रोज के आहार में शामिल कर सकते हैं (21) (22)।
2. रूसी के लिए जीरा के फायदे
धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण सिर की त्वचा में गंदगी से डैंड्रफ होने लगता है। बाद में यह बैक्टीरिया का कारण बनता है। इससे निपटने के लिए एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी उपचार की जरूरत होती है (23)। इस मामले में जीरे का एसेंशियल ऑयल कारगर घरेलू उपचार है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर है (24) (25)। ध्यान रहे कि जीरे का एसेंशियल ऑयल लगाकर आप धूप में न जाएं, क्योंकि ऐसा करने से आपको त्वचा में संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। इसमें कोई शक नहीं कि हर्बल चीजों का उपयोग डैंड्रफ पर ज्यादा असरदार हो सकता है (26)।
3. चमकदार बालों के लिए जीरा के फायदे
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बाल लंबे हों या छोटे उनमें चमक जरूर होनी चाहिए। चमकदार बाल आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसके लिए आप केमिकल युक्त शैंपू व अन्य उत्पाद की जगह घरेलू उपाय अपनाएं। जीरा उन्हीं घरेलू उपचारों में से एक है। आप चमकदार बालों के लिए जीरा का सेवन कर सकते हैं या उसका पेस्ट बालों पर लगा सकते हैं। जीरे में कई तरह के पौष्टिक तत्व होते हैं, जो बालों की चमक बढ़ाते हैं और उन्हें पोषण देकर स्वस्थ बनाते हैं।
जीरा के पौष्टिक तत्व – Cumin Nutritional Value in Hindi
नीचे हम आपको जीरे में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
तत्व न्यूट्रिएंट वैल्यू आर��ीए प्रतिशत में एनर्जी 375 केसीएल 19% कार्बोहाइड्रेट 44.24 ग्राम 34% प्रोटीन  17.8 ग्राम 32% कुल फैट 22.27 ग्राम 74% कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम  0% डाइटरी फाइबर 10.5 ग्राम 26% विटामिन्स फॉलटेस 10 माइक्रोग्राम (µg) 2.5% नायसिन 4.58 मिलीग्राम 28.5% पाइरिडोक्सिन  0.435 मिलीग्राम 33% राइबोफ्लेविन 0.32 मिलीग्राम 24.5% थियामिन 0.628 मिलीग्राम 52% विटामिन-ए 1270 आईयू (International Unit)  42% विटामिन-सी 7.7 मिलीग्राम 13% विटामिन-ई 3.3 मिलीग्राम 22% विटामिन-के 5.4 माइक्रोग्राम  4.5% इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम 1788 मिलीग्राम 38% पोटैशियम  68 मिलीग्राम 11% मिनरल्स कैल्शियम 931 मिलीग्राम  93% कॉपर 0.867 मिलीग्राम  96% आयरन 66.36 मिलीग्राम 829% मैग्नीशियम 366 मिलीग्राम  91% मैंगनीज  3.3 मिलीग्राम 145% फास्फोरस 499 मिलीग्राम 71% जिंक 4.8 मिलीग्राम 43.5% फाइटो-न्यूट्रिएंट्स बीटा- कैरोटीन (Carotene-ß) 762 माइक्रोग्राम — बीटा-क्रिप्टोजैन्थिन (Crypto-xanthin-ß) 0 माइक्रोग्राम — लुटिन जियजैंथिन (Lutein-zeaxanthin) 448 माइक्रोग्राम —
जीरे का उपयोग – How to Use Cumin in Hindi
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साबुत जीरा और जीरा पाउडर दोनों ही खाने का स्वाद बढ़ाते हैं। जीरे को किसी भी खाद्य पदार्थ में डालने से पहले भून लें, ताकि यह न सिर्फ सब्जी में सुगंध लाए, बल्कि उसका स्वाद भी बढ़ाए। जरूरी नहीं है कि जीरा हर किसी को पसंद आए, इसलिए नीचे हम आपको जीरा का सेवन करने के कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं :
1. जीरे की चाय
आप जीरे की चाय या कहें जीरे का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इससे पेट साफ रहेगा और कई सेहत संबंधी समस्याएं दूर रहेगी। यहां हम जीरे की चाय बनाने की विधि शेयर कर रहे हैं।
सामग्री :
एक से दो कप पानी
जीरा (आवश्यकतानुसार)
बनाने की विधि :
आप पानी में जीरे को उबाल लें।
इसे थोड़ी देर भीगने दें और फिर इसका सेवन करें।
2. दाल में तड़का लगाने के लिए
आप दाल बनाते समय उसमें जीरे का तड़का लगा सकते हैं। इससे न सिर्फ दाल से सुगंध आएगी, बल्कि दाल का स्वाद भी बढ़ जाएगा।
3. सब्जी बनाने में
अगर सब्जी बनाने से पहले जीरे को हल्का भूनकर उसका तड़का लगाया जाए, तो सब्जी का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। सिर्फ हरी-सब्जियां ही नहीं, बल्कि आप मछली, मीट, अंडा और चिकन में भी जीरा डाल सकते हैं।
4. जीरा राइस
आजकल कई लोगों को जीरा राइस पसंद आने लगा है। इसे न सिर्फ बनाना आसान है, बल्कि यह स्वादिष्ट भी है। आप इसे दाल, सब्जी या चिकन के साथ खा सकते हैं। यहां तक कि अगर आप स्वास्थ्य के प्रति बहुत ज्यादा सजग हैं, तो आप ब्राउन राइस में भी जीरा डालकर खा सकते हैं।
5. सूप या सॉस
आप जीरे को सूप, अचार व सॉ��� बनाने में भी उपयोग कर सकते हैं।
6. पंच फोरन
जीरा के बीज का उपयोग बंगाली मसाला मिश्रण तैयार करने के लिए किया जाता है, जिसे ‘पंच फोरन’ के रूप में जाना जाता है। यह मूल रूप से कलौंजी, सरसों, मेथी के बीज, सौंफ के बीज और जीरा का मिश्रण होता है। इस मसाले के मिश्रण का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि आलू की सब्जी व मछली। इस मिश्रण से खाने का स्वाद बढ़ जाता है।
अब सवाल उठता है कि जीरा को लंबे वक्त तक कैसे स्टोर करके रखा जाए? आगे हम इसी बारे में बता रहे हैं।
जीरे का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका
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जीरा या जीरा पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध है। कुछ लोगों को पता नहीं होता कि सही जीरे का चुनाव कैसे करें और उसे सही तरीके से कैसे रखा जाए कि वह ज्यादा दिनों तक ठीक रहे। यहां हम इसी बारे में बता रहे हैं।
आप जीरे के पाउडर की जगह साबुत बीजों को प्राथमिकता दें, क्योंकि जीरे के पाउडर में अन्य मसालों का मिश्रण हो सकता है। वक्त के साथ-साथ इसका स्वाद और सुगंध कम हो सकती है।
अगर आपको जीरा पाउडर की जरूरत है, तो आप घर में भी साबुत जीरे का पाउडर बना सकते हैं।
अन्य सूखे मसालों की तरह आप जीरा भी ऑर्गनिक लेने की कोशिश करें।
अगर अच्छी गुणवत्ता के जीरा पाउडर को रगड़ा जाए, तो उसमें से अच्छी खुशबू और उसका चटपटा स्वाद होता है।
अगर आप साबुत जीरा ले रहे हैं, तो वो टूटे नहीं होने चाहिए और अच्छी तरह से पैक होने चाहिए।
हमेशा कोशिश करें कि अच्छे से पैक किया हुआ जीरा लें और पैकेट पर पैकिंग और कब तक उपयोग कर सकते हैं, वो तिथि देख लें। खुला हुआ जीरा न लें।
इसको लंबे वक्त तक स्टोर कैसे करें?
अब बात आती है कि जीरा को कैसे रखा जाए कि उसे ज्यादा दिनों तक उपयोग में लाया जा सके। नीचे हम आपको इसके भी कुछ टिप्स बता रहे हैं :
जीरा और जीरा पाउडर को एक ठंडे, अंधेरे और सूखे स्थान पर कसकर सील किए गए गिलास कंटेनर में रखना चाहिए।
इसे महीनों तक स्टोर किया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर बीजों को हाथ की चक्की का उपयोग करके पीसा जा सकता है।
साबूत और पिसे हुए जीरे को आप एयर टाइट कंटेनर में डालकर फ्रिज में लंबे वक्त तक रख सकते हैं।
पिसे हुए जीरे को जल्द से जल्द उपयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह जल्द ही अपना स्वाद खो देता है।
साबुत जीरा एक साल तक ताजा रह सकता है, जबकि जीरा पाउडर की शेल्फ लाइफ 6 महीने की होती है।
जीरा के नुकसान – Side Effects of Cumin in Hindi
हर चीज के अगर फायदे हैं, तो उसके अति उपयोग से नुकसान भी हो सकता है। यहां हम जीरा के दुष्प्रभाव बता रहे हैं।
जीरे की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को जीरे का सेवन डॉक्टरी की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
अगर किसी को जीरे से एलर्जी है या कोई पहली बार जीरे का सेवन कर रहा है, तो थोड़ी सावधानी के साथ इसका सेवन करें, क्योंकि इससे त्वचा पर रैशेज या एलर्जी हो सकती है।
इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान इससे फायदा हो सकता है, लेकिन अत्यधिक सेवन से उल्टा रक्तस्त्राव ज्यादा हो सकता है।
इसके ज्यादा सेवन से सीने में जलन और लिवर व किडनी की समस्या हो सकती है।
जीरे के नुकसान जानकर आप घबराएं नहीं, क्योंकि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है। जीरे के गुण कई हैं और इसके संतुलित सेवन से इन गुणों को आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर अभी तक आपने जीरे को अपने खाने में शामिल नहीं किया है, तो ऊपर दिए गए जीरा के फायदे जानकर इसे अपने आहार में शामिल करें। साथ ही अगर आपको कुछ और जीरे के गुण पता हैं, तो हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स में साझा करें। साथ ही उसे उपयोग कर अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/jeera-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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अखरोट के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Walnut (Akhrot) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अखरोट के 22 फायदे, उपयोग और नुकसान – Walnut (Akhrot) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
shivani verma April 3, 2019
इसमें कोई दो राय नहीं है कि ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वस्थ आहार के साथ-साथ अगर आप अपनी दिनचर्या में ड्राईफ्रूट्स शामिल करते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा है। बादाम, किशमिश, खजूर व अखरोट के साथ-साथ कई ऐसे ड्राई फूट्स हैं, जो आपकी सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं। फिलहाल हम बात करते हैं सिर्फ अखरोट की, जो कई गुणों का खजाना है।
विषय सूची
अखरोट को अंग्रेजी में वॉलनट, तेलुगू में अकरूट काया, मलयालम में अक्रोथंदी, कन्नड़ में अक्रोटा, तमिल में अकरोट्टू, मराठी में अकरोड़ और गुजराती में अक्रोट कहा जाता है। विभिन्न भाषाओं में अखरोट के जितने नाम हैं, उसके फायदे भी उतने ही हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम अखरोट खाने के फायदे बताएंगे।
अखरोट के फायदे – Benefits of Walnut in Hindi
अखरोट न सिर्फ सेहत, बल्कि त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। नीचे हम आपको पहले सेहत के लिए अखरोट के फायदे बताएंगे, उसके बाद बताएंगे कि यह त्वचा के लिए किस प्रकार लाभकारी है।
जानिए, सेहत को किस तरह से फायदा पहुंचाता है अखरोट।
सेहत के लिए अखरोट के फायदे – Health Benefits of Walnut in Hindi
1. दिल के स्वास्थ्य के लिए
अखरोट दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसमें प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो आपकी हृदय प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, उनके लिए भी अखरोट लाभकारी होता है। आपको बता दें कि ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में मदद करता है, जो हृदय के लिए फायदेमंद होता है (1)।
2. मस्तिष्क के लिए
अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड न सिर्फ दिल, बल्कि मस्तिष्क के लिए भी फायदेमंद होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाने से आपकी तंत्रिका प्रणाली ठीक तरह से काम करती है, जिससे स्मरणशक्ति में सुधार आता है (2)।
3. कैंसर के लिए
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च की शोध के मुताबिकक, रोजाना कुछ अखरोट का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है (4)।
4. हड्डियों के लिए
अखरोट हड्डियों को मजबूत करने का भी काम करता है। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा, अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को भी दूर करता है (6)।
5. वजन कम करे
आपको जानकर हैरानी होगी कि अखरोट वजन कम करने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन व कैलोरी होती है, जो वजन को नियंत्रित रखने में मदद करती है। शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है कि अखरोट का सेवन न सिर्फ वजन कम करता है, बल्कि उसे नियंत्रित भी रखता है (7)।
6. गर्भावस्था
गर्भावस्था में अखरोट खाना भी फायदेमंद हो सकता है (8)। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के दिमागी विकास में मदद करता है। आप डॉक्टर की सलाह पर सही मात्रा में अखरोट का सेवन कर सकते हैं।
7. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
अखरोट में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और आपको बीमारियों में बचाने में मदद करते हैं। इसलिए, खुद को बीमारियों से बचाने के लिए और तंदरुस्त रहने के लिए अपनी रोजाना की डायट में अखरोट जरूर शामिल करें (9)।
8. तनाव खत्म और बेहतर नींद
अखरोट का सेवन आपको तनाव से दूर कर बेहतर नींद भी प्रदान करता है। अखरोट में मेलाटोनिन होता है, जो बेहतर नींद लाने में मदद करता है (7)। वहीं, ओमेगा-3 फैटी एसिड ब्लड प्रेशर को संतुलित कर तनाव से राहत दिलाता है।
9. डायबिटीज
डायबिटीज से बचाव के लिए भी अखरोट का सेवन फायदेमंद बताया गया है। अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि जो लोग दो से तीन चम्मच अखरोट का सेवन रोजाना करते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
10. कब्ज और पाचन
अखरोट फाइबर से भरपूर होता है, जो आपकी पाचन प्रणाली को दुरुस्त रखता है। पेट सही रखने और कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त चीजें खानी जरूरी है। ऐसे में अगर आप रोजाना अखरोट का सेवन करते हैं, तो आपका पेट भी सही रहेगा और कब्ज भी नहीं होगी (8)।
11. इंफ्लेमेटरी बीमारियों के लिए
अखरोट में उच्च मात्रा में फैटी एसिड होता है। इसलिए, जिन्हें अस्थमा, आर्थराइटिस व एक्जिमा जैसी इंफ्लेमेटरी बीमारियां होती हैं, उनके लिए अखरोट का सेवन फायदेमंद हो सकता है (9)।
12. आंतरिक सफाई करे
अखरोट वास्तव में आपके शरीर के लिए वैक्यूम क्लिनर का काम करता है, क्योंकि यह आपकी पाचन प्रणाली से अनगिनत जीवाणुओं को साफ करता है।
13. फंगल इन्फेक्शन से बचाए
अगर आपको फंगल इन्फेक्शन की समस्या रहती है, तो काला अखरोट आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। पाचन तंत्र में कैंडिडा की वृद्धि और फंगल इन्फेक्शन के कारण त्वचा खराब होने लगती है। ऐसे में काला अखरोट फंगल इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकता है (9)।
त्वचा के लिए अखरोट के फायदे – Skin Benefits of Walnut in Hindi
अभी तक आपने स्वास्थ्य के लिए अखरोट के फायदे जाने, लेकिन यह त्वचा पर भी बेमिसाल तरीके से असर करता है। इसलिए, नीचे हम आपको बताएंगे कि किस तरह अखरोट त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। जानिए, स्किन के लिए अखरोट के फायदे :
1. चमकदार त्वचा
अखरोट में ओमेगा-3 जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा को भी पोषण देते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होता है, जो त्वचा से गंदगी दूर कर आपको चमकदार त्वचा देता है।
कैसे इस्तेमाल करें?
चार अखरोट, दो चम्मच ओट्स, एक चम्मच शहद, एक चम्मच क्रीम और चार बूंद ओलिव ऑयल एक साथ अच्छी तरह मिलाकर महीन पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और सूखने तक लगा रहने दें।
इसके बाद, चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
2. एंटी-एजिंग
अखरोट विटामिन-बी से भरपूर पाया जाता है, जिस कारण यह त्वचा के लिए फायदेमंद है। वहीं, विटामिन-बी तनाव से दूर करने में मदद करता है। अगर इंसान को तनाव रहता है, तो इसका सीधा अरस उसके चेहरे पर रिंकल और एजिंग के रूप में नजर आने लगता है। ऐसे में जब आप अखरोट का सेवन करते हैं, तो एजिंग और रिंकल त्वचा से हटने लगते हैं (10)।
कैसे इस्तेमाल करें?
एक चम्मच अखरोट का पाउडर, एक चम्मच ओलिव ऑयल, दो चम्मच गुलाब जल व आधा चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पैक को अपने चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें।
फिर सूखने पर पानी से मुंह धो लें।
बेहतर परिणाम के लिए आप यह फेसपैक सप्ताह में दो से तीन बार लगा सकते हैं।
3. मॉइस्चराइजर
जिनकी त्वचा रूखी होती है, उनके लिए भी अखरोट काफी फायदेमंद होता है। चूंकि, इसमें प्राकृतिक रूप से चिकनाई पाई जाती है, जो त्वचा का रूखापन दूर कर इसे पोषण देकर मॉइस्चराइज रखने में मदद करती है (11)।
कैसे इस्तेमाल करें?
इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं, बस रोजाना रात को सोते समय अपनी त्वचा पर अखरोट का तेल लगाना होगा। इसके बाद सुबह उठकर मुंह धो लें।
4. डार्क सर्कल
आंखों के नीचे काले घेरे दूर करने में भी अखरोट का सेवन फायदेमंद हो सकता है (12)। अखरोट का तेल आपकी आंखों के नीचे आई सूजन को दूर करता है और डार्क सर्कल कम करने में मदद करता है।
कैसे इस्तेमाल करें?
प्रक्रिया नंबर – 1
आप थोड़ा-सा अखरोट का तेल लें।
तेल को गुनगुना करके इसे आंखों के नीचे काले घेरे वाले भाग पर लगाकर सो जाएं।
फिर सुबह सामान्य तरीके से चेहरा धो लें।
आप इस प्रक्रिया को रोज रात को तब तक दोहराएं, जब तक असर दिखना न शुरू हो जाए।
प्रक्रिया नंबर – 2
आप नींबू का रस, शहद, ओटमील और अखरोट का पाउडर एक साथ मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को आंखों के नीचे लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर पानी से धो लें।
इस प्रक्रिया को आप सप्ताह में तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।
बालों के लिए अखरोट के फायदे – Hair Benefits of Walnut in Hindi
अभी तक आपने स्वास्थ्य और बालों के लिए अखरोट के फायदे जान लिए हैं। इस लेख में आगे हम जानेंगे कि किस तरह से अखरोट बालों को फायदा पहुंचाता है। जानिए बालों के लिए अखरोट खाने के फायदे :
1. लंबे और मजबूत बाल
अखरोट पोटैशियम, ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड से भरपूर होता है। ये सभी पोषक तत्व बालों को मजबूती देते हैं। ऐसे में नियमित रूप से बालों में अखरोट तेल लगाने से बाल लंबे और मजबूत होते हैं।
2. स्कैल्प को स्वस्थ रखे
नियमित रूप से अखरोट के तेल से सिर की मालिश करने से आपका स्कैल्प स्वस्थ रहता है। यह आपके स्कैल्प को मॉइस्चराइज रखता है। इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण इन्फेक्शन से भी बचाने में मदद करता है (13) (9)।
3. डैंड्रफ से बचाए
अखरोट का तेल प्राकृतिक रूप से एंटी-डैंड्रफ का काम भी करता है। यह सिर की त्वचा को मॉइस्चराइज करता है, जिससे डैंड्रफ दूर रहता है (14)।
4. गंजेपन से बचाए
अखरोट का तेल गंजेपन से भी बचाने में मदद करता है। कई अध्ययनों में भी यह बात सामने आई है कि नियमित रूप से अखरोट का तेल सिर पर लगाने से गंजापन दूर होता है।
5. बालों के रंग को हाइलाइट करे
अखरोट का छिलका एक प्राकृतिक रंग का एजेंट है, जो आपके बालों को और खूबसूरत बनाने में मदद करता है। अखरोट के तेल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। यह बालों के रंग को ठीक करता है और उन्हें चमकदार बनाता है (15)।
अखरोट के पौष्टिक तत्व – Walnut Nutritional Value in Hindi
अखरोट के फायदों के साथ-साथ उसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानना भी जरूरी है। यहां जानिए, अखरोट के पौष्टिक तत्वों के बारे में :
पौष्टिक तत्व मात्रा (100 ग्राम) मात्रा (प्रतिशत) कैलोरी 654 पानी – 4 प्रोटीन 15.2g कार्बोहाइड्रेट 13.7g स्टार्च 0.06g शक्कर 2.6g फाइबर 6.7g वसा 65.2g सैचुरेटेड 6.13g मोनोअनसैचुरेटेड 8.93g पोलीअनसैचुरेटेड 47.17g ओमेगा-3 9.08g ओमेगा-6 38.09g ओमेगा-6 0 विटामिन मात्रा (प्रतिशत) विटामिन ए 1ug 0 प्रतिशत विटामिन सी 1.3mg 1 प्रतिशत विटामिन डी 0ug – विटामिन ई 0.7mg 5 प्रतिशत विटामिन के 2.7ug 2 प्रतिशत विटामिन बी1(थियामाइन) 0.34mg 28 प्रतिशत विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) 0.15mg 12 प्रतिशत विटामिन बी3 (नियासिन) 1.13mg 7 प्रतिशत विटामिन बी5 (पंथोठेनिक एसिड) 0.57mg 11 प्रतिशत विटामिन बी6(पिरिडॉक्सिन) 0.54mg 41 प्रतिशत विटामिन बी12 0ug – फोलेट 98ug 25 प्रतिशत कोलिन 39.2mg 7 प्रतिशत मिनरल मात्रा (प्रतिशत) कैल्शियम 98mg 10 प्रतिशत आयरन 2.91mg 36 प्रतिशत मैग्नीशियम 158mg 40 प्रतिशत फोस्फोरस 346mg 49 प्रतिशत पोटैशियम 441mg 9 प्रतिशत सोडियम 2mg 0 प्रतिशत जिंक 3.09mg 28 प्रतिशत कॉपर 1.59mg 176 प्रतिशत मैंगनीज 3.41mg 148 प्रतिशत सेलेनियम 4.9mg 9 प्रतिशत
अखरोट के नुकसान – Side Effects of Walnut in Hindi
जिस चीज के इतने फायदे होते हैं, उसके कहीं न कहीं, कुछ न कुछ नुकसान भी होते ही हैं। ऐसा ही अखरोट के साथ भी हैं। नीचे हम अखरोट खाने के नुकसान बता रहे हैं (16) :
अगर अखरोट का ज्यादा सेवन किया जाए, तो यह मुंह में छाले पैदा कर सकता है।
अगर किसी को पहले से ही कफ की समस्या है, उन्हें अखरोट नहीं खाना चाहिए। कफ के दौरान अखरोट खाने से यह समस्या और बढ़ सकती है।
इसमें फैट होता है, इस वजह से अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाए, तो यह मोटापा बढ़ा सकता है।
इसके अलावा, अखरोट के नुकसान और भी हो सकते हैं, जैसे :
एलर्जी : अखरोट खाने के नुसान में एलर्जी भी शामिल है। अगर आपको इससे एलर्जी है, तो अखरोट का सेवन न करें। इससे आपको छाती में खिंचाव महसूस हो सकता है या फिर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
खून की कमी : काले अखरोट में फाइटेट्स नाम के यौगिक होते हैं। आयरन डिसॉर्डर इंस्टिट्यूट के अनुसार, फाइटेट्स भोजन में मौजूद लोहे के अवशोषण को 50 से 60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं, जिससे खून की कमी हो सकती है।
स्किन रैशेज : काले अखरोट से स्किन रैशेज होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके छिलके में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा पर लाल रैशेज पैदा कर सकते हैं।
स्किन का कैंसर : काले अखरोट में कुछ ऐसे केमिकल तत्व होते हैं, जिनसे त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
अखरोट का चयन कैसे करें? – How to Choose Good Walnut in Hindi
अखरोट तीन अलग-अलग आकार में आते हैं – छोटे आकार का अखरोट, मध्यम आकार का अखरोट और बड़े आकार का अखरोट। अखरोट का चुनाव करते समय उसके छिलके को चेक करें। जिसमें छेद हो या टूटा हुआ हो, ऐसा अखरोट लेने से बचें।
अखरोट का उपयोग कैसे करें? – How to Use Walnut in Hindi
अखरोट के फायदे ओर नुकसान जानने के बाद अब सवाल आता है कि अखरोट कैसे खाएं। नीचे हम अखरोट खाने का तरीका बता रहे हैं :
योगर्ट में केला और अखरोट की दो-तीन गिरियां मिलाएं और स्मूदी के तौर पर इसे खाएं। आप इसमें स्वाद के लिए एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। दोपहर के खाने के बाद मीठे के तौर पर आप इस स्मूदी का सेवन कर सकते हैं।
आप ब्रेड स्प्रेड के तौर पर भी अखरोट का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप बटर में अखरोट का पाउडर मिलाएं और ब्रेड पर लगाकर खाएं। आप इसे सुबह के नाश्ते या शाम के स्नैक्स के तौर पर खा सकते हैं।
इनके अलावा, अखरोट खाने का तरीका यह भी है।
रात को सोते समय एक गिलास दूध के साथ अखरोट के दो-तीन टुकड़े खाना सबसे आसान तरीका है।
आप शाम के स्नैक्स में अखरोट को भूनकर खा सकते हैं।
आप दूध में एक चम्मच अखरोट का पाउडर और एक चम्मच शहद डालकर पी सकते हैं।
चूंकि, अखरोट की तासीर गर्म होती है, तो अगर आप गर्मियों के मौसम में अखरोट खा रहे हैं, तो इस बात पर ध्यान दें कि आपको यह सूट करते हैं या नहीं। अगर आप पर गर्म चीजों का प्रभाव नकारात्मक तरीके से पड़ता है, तो आप एक दिन छोड़कर अखरोट का सेवन कर सकते हैं।
अखरोट कैसे खाएं, इसका जवाब आपको मिल गया होगा। अब जानिए इसे सुरक्षित रखने का तरीका।
अखरोट को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका – How to Store Walnut in Hindi
अगर आप छिलके वाला अखरोट स्टोर करना चाहते हैं, तो इसे धूप से दूर, ठंडे स्थान पर एयरटाइट कंटेनर में डालकर रखें। ऐसा करने से यह तीन महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं।
वहीं, अगर आप बिना छिलके वाला अखरोट स्टोर करना चाहते हैं, तो इसे आप फ्रीज में स्टोर करके छह महीने तक चला सकते हैं। आपको बता दें कि अखरोट अन्य चीजों का फ्लेवर जल्दी ले लेते हैं। ऐसे में फ्रीज में रखते समय इन्हें बाकी खाने की चीजों जैसे प्याज व मछली आदि से दूर रखें।
इस लेख में आपको समझ आ गया होगा कि अगर अखरोट का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए, तो यह चमत्कारी फायदे करता है। हम उम्मीद करते हैं कि यहां दी गई भी जानकारियां आपके काम आएंगी और आप अखरोट खाने के फायदे उठा पाएंगे। अगर आपने अभी तक अखरोट का सेवन करना शुरू नहीं किया है, तो आज से ही इसे अपनी डाइट में शामिल कर लें। साथ ही अपने अनुभव हमारे साथ नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें।
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अपर लिप के बाल हटाने के घरेलू उपाय – How To Remove Upper Lip Hair In Hindiज्यादातर महिलाओं के अपर लिप पर हेयर होते हैं, जो भद्दे नजर आते हैं। इसलिए, जब कोई महिला ब्यूटी पार्लर जाती है, तो अपर लिप के बालों को जरूर हटवाती है।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/akhrot-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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शहद के 23 फायदे, उपयोग और नुकसान – Honey (Shahad) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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शहद के 23 फायदे, उपयोग और नुकसान – Honey (Shahad) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki December 20, 2018
शहद का मीठा स्वाद तो आप सभी ने चखा ही होगा, लेकिन क्या आप इसके चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं? शहद को मधु भी कहा जाता है, जो लाजवाब स्वाद के साथ-साथ औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। एक गुणकारी आयुर्वेदिक औषधी के रूप में इस स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। इसके जीवाणु-रोधी तत्व मानवीय शरीर को शुद्ध करने का काम करते हैं। इस लेख में हम आपको शहद के फायदों और शहद के नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप इसके विभिन्न गुणों से परिचित हो सकें। सबसे पहले जानिए शहद के विभिन्न प्रकारों के बारे में।
शहद के प्रकार – Types of Honey in Hindi
शहद के विभिन्न प्रकार आपको बाजार में मिल जाएंगे, जिन्हें निम्नलिखित रूपों में वर्गीकृति किया जा सकता है।
मनुका शहद
क्लॉवर शहद
लेदर वुड हनी
बकवीट हनी
अल्फाल्फा हनी
रोजमेरी हनी
ब्लूबेरी हनी
लैवेंडर हनी
वाइल्ड फ्लावर हनी आदि
आयुर्वेद में भी शहद के विभिन्न रूपों का उल्लेख किया गया है – माक्षिक, भ्रामर, क्षौद्र, पौतिक, छात्र, आर्ध्य, औद्दालिक और दाल।
शहद के फायदे – Benefits of Honey in Hindi
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शहद के रोग निवारण गुणों पर निरंतर शोधकार्य चल रहे हैं। यह एक गुणकारी पदार्थ है, जो इंसान के लिए प्राकृतिक उपहार से कम नहीं है। शहद में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें ग्लूकोज, विटामिन, अमीनो अल्म, खजिन व शर्करा आदि शामिल हैं। ये तत्व मिलकर शहद को एक औषधीय रूप प्रदान करते हैं।
सेहत के लिए शहद के फायदे – Health Benefits of Honey in Hindi
शहद एक खाद्य पदार्थ के साथ-साथ असरदार आयुर्वेदिक दवा भी है, जिसका इस्तेमाल कर आप कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। यहां जानिए शहद के फायदों और शहद खाने के तरीकों के बारे में।
1. वजन घटाने में मददगार
शरीर का बढ़ता वजन एक गंभीर शारीरिक समस्या बनकर सामने आया है, जिसके के लिए लोग कुछ भी उपाय करने के लिए तैयार हो जाते हैं। बढ़ता वजन आपके शरीर को जल्दी थका देता है और शरीर की संरचना भी बिगाड़ देता है। अनियंत्रित खान-पान इसका सबसे बडा़ कारण हैं। यहां हम बता रहे हैं कि वजन घटाने के लिए हनी का इस्तेमाल किस प्रकार करें।
कैसे करें इस्तेमाल
एक गिलास गरम पानी में आधा नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर रोज़ सुबह उठने के बाद और सोने से पहले लें।
इस प्रक्रिया को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे वजन घटने के साथ-साथ पाचन तंत्र भी ठीक होगा।
कैसे है लाभदायक
शहद में विटामिन-ए, बी और सी पाया जाता है। इसमें फैट नहीं होता, इसलिए यह वजन घटाने में मदद करता है। हनी शरीर की अतिरिक्त चर्बी को खत्म करता है। इसलिए, वजन घटाने के लिए आप शहद का प्रयोग कर सकते हैं (1)।
2 . सर्दी और जुकाम में फायदेमंद
यह माना गया है कि सर्दी-जुकाम की आधुनिक दवाइयों से ज्यादा कारगर शहद होता है। आगे जानिए सर्दी-जुकाम को कम करने के लिए किस प्रकार करें हनी का इस्तेमाल।
कैसे करें इस्तेमाल
सर्दी-जुकाम होने पर आप सुबह उठने के बाद और रात सोने से पहले शहद ले सकते हैं।
आप या तो दो चम्मच शहद का ऐसे ही सेवन कर सकते हैं या फिर एक गिलास गर्म में मिलाकर ले सकते हैं।
ध्यान रहे सर्दी-जुकाम की स्थिति में 1 साल से कम उम्र के बच्चों को इसका सेवन न कराएं (2)।
कैसे है लाभदायक
हनी में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो गले के संक्रमण को दूर कर देते हैं। गले की खराश और तेज खांसी से होने वाले दर्द के लिए भी हनी काफी फायदेमंद है। खासकर बच्चों के लिए यह एक प्राकृतिक इलाज है (3)।
3. मधुमेह के दौरान शहद
क्या मधुमेह के मरीजों के लिए शहद फायदेमंद है? यह सवाल आपको थोडे़ समय के लिए भ्रमित कर सकता है, लेकिन हम आपको बता दें कि डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आप कई प्रकार से शहद का सेवन कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
एक चम्मच शहद के साथ तीन चम्मच तुलसी, नीम और हल्दी पाउडर को अच्छी तरह मिला लें।
रोज सुबह एक चम्मच खाली पेट लें।
इस प्रक्रिया को एक महीने तक दोहराएं।
इसके अलावा आप आधा चम्मच शहद एक चम्मच दही के साथ ले सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
हनी में काफी मात्रा में माइक्रो न्यूट्रिएंट पाए जाते है, जो मधुमेह के पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद माने गए हैं। नियमित रूप से इसका सेवन हाइपरग्लेसेमिया (उच्च रक्त शर्करा) को कम कर देता है (4)। हाइपरग्लेसेमिया वो स्थिति होती है, जिसमें शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। इस स्थित में शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।
4. कटने, जलने और घाव के लिए शहद
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कटने, जलने या घाव के लिए शहद का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। नीचे जानिए, धाव व चोट के लिए शहद के इस्तेमाल करने का तरीका।
कैसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले चोट या घाव की जगह को साफ पानी से धो लें और कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें।
अब शहद को घाव पर अच्छी तरह लगाएं और पट्टी बांध लें।
शहद का प्रयोग उतना करें, जिससे कि घाव या चोट सही से ढक जाए।
पांच-छह घंटे बाद शहद लगाने की प्रक्रिया फिर से दोहराएं। अगर चोट गंभीर है, तो आप डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
कैसे है लाभदायक
यह प्राकृतिक पदार्थ घाव और चोट को भरने के लिए एक प्रभावशाली औषधी के रूप में कार्य करता है। शहद का इस्तेमाल शरीर के किसी भाग के जल (बर्न्स) जाने पर भी किया जाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और हिलिंग तत्व संक्रमण को रोकने का काम करते हैं (5)।
5. उच्च रक्तचाप के दौरान शहद
उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है, जिसमें धमनियां प्रभावित होती है और रक्त दबाव बढ़ जाता है। जानिए, इस अवस्था में शहद का किस तरीके से करें सेवन।
कैसे करें इस्तेमाल
उच्च रक्तचाप की स्थित में अजवाइन के पत्तों का रस और शहद को समान मात्रा (करीब 226 ग्राम) में मिलाकर दिनभर में तीन बार लें (6)।
यह प्रक्रिया आप एक हफ्ते तक दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
अजवाइन के पत्ते उच्च रक्तचाप के लिए प्रभावी है, क्योंकि यह जिगर (लिवर) को ठीक करने का काम करते हैं। अजवाइन के पत्तों का रस शहद में मिलाकर लेने से उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
6. कोलेस्ट्रॉल को करता है कम
कोलेस्ट्रॉल एक वसा जैसा पदार्थ है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। यह शरीर में हार्मोंस को विकसित करने और कोशिकाओं को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने के कारण खून गाढ़ा हो जाता है और हार्ट अटैक व अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है (7)। यहां हम बता रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए किस प्रकार करें शहद का इस्तेमाल।
कैसे करें इस्तेमाल
आप ग्राइंडर की मदद से एक प्याज का रस निकाल लें और उसमें शहद (आवश्यकता अनुसार) घोल लें। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए इस मिश्रण को रोज सुबह-शाम लें।
आप प्याज की जगह दालचीनी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। दालचीनी पाउडर (तीन चम्मच) को गर्म पानी (एक गिलास) के साथ शहद (तीन चम्मच) मिलाकर पीने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल पर काबू पाया जा सकता है।
यह प्रक्रिया आप 15 दिनों तक दोहराएं।
कैसे है लाभकारी
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। हनी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं होती और इसका दैनिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी कम कर देता है। शहद में पोटेशियम और सोडियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं (8)।
7. बढ़ाता है ऊर्जा
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प्राकृतिक शहद विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शरीर में ऊर्जा को भी बढ़ाता है। जानिए, अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किस प्रकार करें शहद का सेवन।
कैसे करें इस्तेमाल
आप दो चम्मच हनी सुबह और रात सोने से पहले ले सकते हैं।
या फिर आप एक चम्मच शहद तीन चम्मच दही के साथ भी ले सकते हैं।
कैसे है लाभकारी
शहद का इस प्रकार सेवन आपके शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने का काम करेगा (9)। शहद विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है, जो शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। शारीरिक कमजोरी दूर भगाने के लिए आप शहद का सेवन उपरोक्त तरीकों से करें।
8. हड्डियों को करता है मजबूत
हनी का इस्तेमाल आंतरिक और बाहरी दोनों रूपों में किया जा सकता है। औषधीय गुणों से परिपूर्ण शहद महिलाओं को होने वाली हड्डियों की समस्याओं में खासकर कारगर है।
आप दो चम्मच हनी सुबह और रात में सोने से पहले ले सकते हैं।
या फिर आप हनी (दो चम्मच) एक गिलास गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।
शहद (एक चम्मच) को आप दूध (एक गिलास) के साथ भी ले सकते हैं। दूध में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों के लिए जरूरी है। आप रात को सोने से पहले यह मिश्रण ले सकते हैं।
ट्यूलैंग शहद को रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को होनी वाली ऑस्टियोपोरोसिस तकलीफ का उपचार करने में कारगर माना गया है। शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व हड्डियों के लिए काफी लाभदायक होते हैं (10)। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी स्थिति होती है, जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
9. बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारने और उसे बढ़ाने के लिए शहद का सेवन किया जा सकता है। जानिए, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शहद का सेवन कैसे करें ?
कैसे करें इस्तेमाल
एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हनी और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
कैसे है लाभदायक
हनी के एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण पाचन तंत्र में सुधार करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट का एक बड़ा स्रोत है, जो शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है (11)।
10. हृदय संबंधी रोग
हृदय संबंधी रोगों के उपचार में भी शहद कारगर है। इसका नियमित सेवन हृदय को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है।
कैसे करें इस्तेमाल
एक बड़ा चम्मच शहद रोज सुबह एक गिलास गर्म पानी के साथ।
या एक चम्मच शहद रोज सुबह और रात को सोने से पहले।
कैसे है लाभदायक
शहद फेनोलिक यौगिक घटकों से समृद्ध होता है, जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। शहद में मौजूद फेनोलिक घटकों की कड़ी में क्वार्सेटिन, कैफीक एसिड फेनेथिल एस्टर, एसीसेटिन, कैम्फेरोल व गैलांगिन आदि शामिल होते हैं, जो हृदयवाहिका रोगों के इलाज में फायदा पहुंचाते हैं (12)।
11. नाखूनों को करता है मजबूत
शहद का इस्तेमाल शारीरिक सौंदर्यता बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इस तथ्य से बहुत कम लोग अंजान होंगे कि हनी नाखूनों को मजबूत और खूबसूरत बनाता है।
कैसे करें इस्तेमाल
पहले आप दूध (कप का एक चौथाई ) और जैतून (एक चम्मच) के तेल को हल्का गरम करे ले���।
फिर उसमें शहद (एक चम्मच) और नींबू का रस (एक चम्मच) अच्छी तरह मिला लें।
इस मिश्रण में अपने हाथ को 30 सेकंड तक डुबोकर रखें।
फिर अंगुलियों को बाहर निकालकर धीरे-धीरे नाखूनों की मसाज करें।
लगभग 5 मिनट तक मसाज के बाद किसी हैंड मॉइश्चराइजर से हाथ धो लें।
कैसे है लाभदायक
शहद एक कारगर मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है। इसमें हीलिंग व न्यूट्रिएंट के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो जीवाणुओं से लड़ने मदद करते हैं। शहद में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंजाइम बालों, चेहरे और नाखूनों की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं (13)।
12. अस्थमा के लिए उपयोगी
खांसी व बुखार जैसी शारीरिक तकलीफों के लिए शहद का उपयोग व्यापक तौर पर किया जाता है। यहां, जानिए शहद किस आपको अस्थमा के मरीजों के लिए उपयोगी है।
कैसे करें इस्तेमाल
दो चम्मच सोने से पहले या फिर दो चम्मच एक गिलास हल्के गर्म पानी के साथ। यह प्रक्रिया दिन में दो बार दोहराएं।
आप इसमें चम्मच का एक चौथाई नींबू का रस या दालचीनी का पाउडर भी मिला सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
खांसी, बुखार, संक्रमण के अलावा शहद अस्थमा के लिए भी काफी कारगर माना गया है। हनी के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इम्यूनो मॉड्यूलेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर में अस्थमा के प्रभाव को काफी कम कर देते हैं (14)।
13. ओरल हेल्‍थ के लिए फायदेमंद
अनियंत्रित खान-पान और शरीर में पोषण के अभाव का नकारात्मक प्रभाव दांतों पर भी देखा गया है। कैल्शियम और अन्य जरूरी न्यूट्रिएंट की कमी के कारण दांतों के टूटने और कमजोर होने जैसी समस्या खड़ी हो जाती है। इस स्थिति में शहद आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर गरारे करें।
नींबू और शहद की कुछ मात्रा को मसूड़ों पर लगाएं और फिर हल्के गर्म पानी से कुल्ला कर लें।
मसूड़ों के बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए कुछ दिनों तक इसका पालन करें।
कैसे है लाभदायक
दांतों से संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो ओरल बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं (15)।
14. कैंसर के लिए
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शहद का इस्तेमाल आम शारीरिक समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों के लिए भी किया जाता है। माना गया है कि हनी में मौजूद घटक कैंसर का इलाज करने में कारगर हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
कैंसर के मरीजों को रॉ हनी की जगह ‘हीट ट्रीटेट हनी’ लेना चाहिए (16)। इस विषय में आप डॉक्टर से सलाह मशविरा जरूर करें।
कैसे है लाभदायक
शहद में पाए जाने वाले फेनोलिक यौगिकों में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के कई प्रकारों को रोकने में काफी मदद करते हैं। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी मौजूद होते हैं, जो इसे कैंसर रोकने का सबसे खास खाद्य पदार्थ बनाते हैं। शहद प्रतिरक्षा प्रणाली को भी संशोधित करता है, जिससे कैंसर के उपचार में मदद मिलती है (17)।
त्वचा के लिए शहद के फायदे – Skin Benefits of Honey in Hindi
शारीरिक बीमारियों के उपचार के अलावा शहद के और भी कई फायदे हैं। इसका इस्तेमाल त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। कील-मुंहासे, धाग-धब्बे, फटे होंठ चेहरे की खूबसूरती को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं।
1. कील मुंहासे
आज हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है, लेकिन चेहरे के कील-मुहांसे और दाग-धब्बे चहरे की सौंदर्यता को बिगाड़ देते हैं। युवावस्था के दौरान यह समस्या आम है। ऐसे में शहद आपकी काफी मदद कर सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल
आप हनी का इस्तेमाल एक फेसपैक की तरह कर सकते हैंं।
हनी फेसपैक के लिए आपको हनी की एक पतली परत चेहरे से लेकर गर्दन तक लगानी होगी।
30 मिनट तक शहद को चेहरे ��र लगे रहने दें।
उसके बाद साफ पानी से मुंह धो लें।
कैसे है लाभदायक
शहद त्वचा छिद्रों से अशुद्धियों को बाहर निकालता है और एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक की तरह काम भी करता है। इससे चेहरे पर कील-मुंहासे होना बंद हो जाते हैं (18)।
2. चेहरे की चमक
शहद में एंटीसेप्टिक और मॉइश्चराइज गुण होते हैं, जो चेहरे से कील-मुंहासे और दाग-धब्बे हटाने का काम करते हैं। शहद का इस्तेमाल कर आप अपने चेहरे की चमक भी बढ़ा सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
हनी का इस्तेमाल आप ‘स्किन लाइटनिंग मास्क’ के रूप में कर सकते हैं।
मास्क बनाने के लिए आप एक चम्मच शहद के साथ एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच दूध व आधा चम्मच बादाम का तेल अच्छी तरह मिला लें।
मिश्रण को अच्छी तरह चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के लिए इसी अवस्था में छोड़ दें।
15 मिनट के बाद साफ ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
कैसे है लाभदायक
इस प्रकार शहद का इस्तेमाल आपके चेहरे को मुलायम और चमकदार बनाने का काम करेगा। शहद में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण कील-मुहांसे और दाग-धब्बों को हटाने का काम करेंगे। एक दमकते चहेरे के लिए आप हनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. झुर्रियों के लिए लाभदायक
झुर्रियां चेहरे से जुड़ी एक आम समस्या है, जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ नजर आने लगती हैं। आधुनिक दवाइयों से अलग इस समस्या का इलाज घरेलू नुस्खों की मदद से किया जा सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल
आप शहद का इस्तेमाल एंटी एजिंग मास्क के रूप में कर सकते हैं।
मास्क बनाने के लिए आप पहले एक चम्मच शहद के साथ आवश्यकतानुसार पपीता (ग्रांइड किया हुआ), दूध या दही मिला लें।
चेहरे पर मिश्रण लगाएं और 30 मिनट तक के लिए छोड़ दें।
30 मिनट के बाद ठंडे पानी से मुंह धो लें।
कैसे है लाभदायक
शहद एक प्राकृतिक आर्द्र�� है, जो त्वचा के शीर्ष परतों को मॉइश्चराइज करता है। यह प्रक्रिया चेहरे की झुर्रियों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, शहद के एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को जवां बनाए रखते हैं (19)।
4. रूखी त्वचा
कील-मुंहासों के साथ-साथ रूखी त्वचा भी चेहरे की खूबसूरती को काफी हद तक प्रभावित करती है। शहद का इस्तेमाल आप रूखी और बेजान त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए कर सकते हैं।
कैसे करे इस्तेमाल
एक बड़े चम्मच शहद में बराबर मात्रा में दही मिलाएं।
फिर इस मिश्रण को चेहरे और गले पर अच्छी तरह लगाएं।
15 मिनट के बाद चेहरे को हल्के गर्म पानी से धो लें।
कैसे है लाभदायक
शहद और दही में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो रूखी त्वचा के लिए काफी लाभदायक हैं। ये दोनों मिलकर रूखी और बेजान त्वचा को मुलायक और चमकदार बनाने का करते हैं। दमकता हुआ चेहरा पाने के लिए आप इस घरेलू उपाय को अपना सकते हैं।
5. फटे होंठ का इलाज
शहद फटे होंठों के इलाज का एक कारगर घरेलू नुस्खा है।
कैसे करें इस्तेमाल
रात को सोने से पहले शहद की कुछ मात्रा अपने फटे होंठों पर अच्छी तरह लगा लें।
पूरी रात भर शहद को होंठों पर लगा रहने दें।
सुबह ठंडे पानी से मुंह धो लें।
कैसे है लाभदायक
इस प्रक्रिया से शहद होठों में अच्छी तरह समा जाता है और होंठो को मुलायक बनाता है। हनी के गुणकारी तत्व फटे होंठों की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (19)।
6. चेहरे की सफाई
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त्वचा के लिए शहद कई रूपों में फायदा पहुंचाता है। आप इसका इस्तेमाल चेहरे की सफाई के लिए भी कर सकते हैं। यह एक कारगर फेसवॉश है।
कैसे करें इस्तेमाल
एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे पानी की मिला लें।
फिर धीरे-धीरे अपनी अंगुलियों की मदद से चेहरे और गले पर लगाएं।
5 मिनट अच्छी तरह मसाज करने करने के बाद हल्के गर्म पानी से मुंह धो लें।
कैसे है लाभदायक
इस प्रकार हनी का इस्तेमाल चेहरे से गंदगी हटाने के लिए कर सकते हैं। हनी के एंटीबैक्टीरियल गुण चेहरे के लिए काफी फायदेमंद हैं (20)।
बालों के लिए शहद के फायदे – Hair Benefits of Honey in Hindi
शरीर की खूबसूरती बालों के बिना अधूरी है। खासकर महिलाओं की इच्छा होती है कि उनके बाल घने, मजबूत और खूबसूरत दिखें, लेकिन आधुनिक जीवनशैली के कारण बालों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है, जैसे – रूसी, बाल टूटना, दोमुंहे बाल व रूखापन आदि। अगर आप इनमें से किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं तो शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। हनी त्वचा के साथ-साथ बालों की कई समस्याओं को दूर करने का कारगर घरेलू नुस्खा है। जानिए, बालों के लिए हनी किस प्रकार फायदेमंद है (21)।
1. बढ़ाता है बालों को
सही पोषण की कमी और प्रदूषण के कारण बालों के टूटने की समस्या आम है। बाल झड़ने की समस्या महिला और पुरुष दोनों में पाई गई है। अगर आप इस समस्या जूझ रहे हैं, तो इससे निजात पाने के लिए आप शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
स्वस्थ बालों के लिए आप हनी का इस्तेमाल जैतून के तेल के साथ कर सकते हैं।
इसके लिए आप जैतून के तेल (आवश्यकता) को गर्म कर लें।
फिर उसमें दो चम्मच शहद मिला लें। आप चाहें तो इसमें अंडे का सफेदी (एग व्हाइट) भाग भी मिला सकते हैं।
फिर इस मिश्रण को गीले बालों में अच्छी तरह लगाएं।
15 मिनट के बाद शैंपू से बालों को धो लें।
कैसे है लाभदायक
शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों को टूटने से रोकते हैं और बालों को स्वस्थ रखते हैं। हनी में जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो स्कैल्प में होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।
2. डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा
बाल झड़ने के साथ-साथ डैंड्रफ की समस्या भी बालों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। दरअसल स्कैल्प से मृत कोशिकाओं का निकलना ही डैंड्रफ है, जो बालों की अस्वस्थ स्थिति को दर्शाता है।
कैसे करें इस्तेमाल
डैंड्रफ की समस्या से निजात पाने के लिए आप शहद (आवश्यकतानुसार) को पानी की कुछ मात्रा के साथ स्कैल्प पर लगा सकते हैं।
शहद लगाकर बालों को 3 घंटे के लिए छोड़ दें।
तीन घंटे बाद बालों को अच्छी तरह धो लें।
हफ्ते भर में यह प्रक्रिया एक बार करें।
कैसे है लाभदायक
शहद में एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो आपको डैंड्रफ जैसी समस्या से निजात दिला सकते हैं।
3. स्कैल्प को करता है साफ
स्कैल्प की सफाई और उसे स्वस्थ रखने के लिए भी शहद काफी मदद करता है।
कैसे करें इस्तेमाल
स्कैल्प की सफाई के लिए आप एक चम्मच शहद में तीन चम्मच साफ पानी मिलाकर अच्छी तरह सिर की मसाज करें, ताकि शहद आपके स्कैल्प में अच्छी तरह समा जाए।
फिर कंडीशनर या शैंपू से बालों को धो लें।
हफ्ते भर में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक
शहद एक कारगर प्राकृतिक कंडीशनर और मॉइश्चराइजर है। इसमें मौजूद विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को साफ रख बालों की देखभाल करते हैं।
शहद के नुकसान – Side Effects of Honey in Hindi
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किसी भी चीज के सकारात्मक पक्ष के साथ नकारात्मक पक्ष भी जरूर होते हैं। विभिन्न फायदों के साथ शहद के कई नुकसान भी हैं। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जानिए, शहद के नुकसानों के बारे में।
1. एलर्जी
शहद के सीधे सेवन से आपको एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। जिन्हें पोलेन (एक पाउडर जैसा पदार्थ, जो आमतौर पर पीला होता है) से एलर्जी है, वो शहद का सेवन न करें। साथ ही भोजन में शहद की अधिकता शहद से संबंधित एलर्जी को बढ़ा सकती हैं। शहद के नुकसानों में तीव्रग्राहिता का नाम भी आता है, जो एक प्रकार का घातक एलर्जिक रिएक्शन है (22)।
2. पेट में दर्द
शहद के नुकसानों में पेट दर्द भी शामिल है। शहद का अत्यधिक सेवन से पेट दर्द की समस्या खड़ी हो सकती है। चूंकि, इसमें फ्रक्टोज की मात्रा पाई जाती है, इसलिए शहद छोटी आंतों की पोषक तत्व अवशोषण क्षमता को बाधित कर सकता है (23)।
3. भोजन विषाक्तता
शहद के नुकसानों के अंतर्गत फूड प्वाइजनिंग भी आ सकता है। शहद के अत्यधिक व सीधे सेवन से बोटुलिज़्म प्वाइजनिंग हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है (24)।
4. ब्लड शुगर
शहद में सुक्रोज के साथ-साथ ग्लूकोज की भी मात्रा होती है, इसलिए इसका अत्यधिक सेवन आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इसलिए, अगर आप मधुमेह के मरीज हैं, तो शहद का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें (25)।
शहद औषधि गुणों से भरपूर एक प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। आम शारीरिक समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज शहद के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि इसका उचित सेवन और इस्तेमाल ही आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर आप किसी गंभीर समस्या से ग्रसित हैं, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें। साथ ही इस लेख में बताए गए उपायों से आपको किस तरह फायदा हुआ, उस बारे में नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
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Nripendra Balmiki
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/shahad-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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