#पानी का उपयोग
Explore tagged Tumblr posts
Text
लखनऊ, 14.12.2024 | "विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के ��ंयुक्त तत्वावधान में ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, चिनहट, लखनऊ में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में विद्यालय के 80 प्रतिभागियों ने समाज में ऊर्जा संरक्षण हेतु जागरूकता फैलाने के लिए अपने विचारों को चित्रकला, कोटेशन एवं स्लोगन के माध्यम से पेपर पर उतारा साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों से ऊर्जा के स्रोत बचाने की अपील की | सभी प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन श्रीमती पल्लवी आशीष, मैं पलाश आर्टिस्ट तथा सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं श्रीमती चित्र रेखा मिश्रा, कला अध्यापिका, ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर द्वारा किया गया |
सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह ने कहा कि, “आज हम सभी "ऊर्जा संरक्षण दिवस" मना रहे हैं । यह दिन हमें यह समझने का मौका देता है कि ऊर्जा हमारे लिए कितनी जरूरी है और हमें इसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए । ऊर्जा हमें कई तरीकों से मिलती है । सूरज से हमें सौर ऊर्जा मिलती है, जो हमें गर्मी और रोशनी देती है । हवा से हमें पवन ऊर्जा मिलती है, जिससे पवन चक्की घूमती है । इसके अलावा, जल से जल विद्युत ऊर्जा मिलती है, जो बांधों और नदियों के पानी से बनती है । हम गैस, कोयला और तेल जैसे ईंधनों से भी ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जो कार, बस और फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होती है । लेकिन हम सबको यह याद रखना चाहिए कि इन सभी स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा का सही और बचत के साथ इस्तेमाल करना चाहिए । अगर हम ऊर्जा बचाएंगे, तो न केवल हमारी धरती सुरक्षित रहेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इस ऊर्जा का फायदा मिलेगा ।“
प्रतिभागियों ने अपने चित्रों में "विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस" के संदेश को बहुत ही रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया । उनके चित्रों में सूरज की रोशनी, पवन ऊर्जा और जल की शक्ति जैसे प्राकृतिक स्रोतों को बचाने की प्रेरणा दी गई थी । बच्चों ने बिजली बचाने के उपायों, जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव डालने वाले कारकों और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को रंग-बिरंगे चित्रों के माध्यम से समझाया । एक कविता के माध्यम से बिजली बचाने के उपाय बताए गए, जबकि नाटक के माध्यम से बिजली के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में बताया गया । प्रतिभागियों ने "Don't be a Watt-Waster, Be an Energy Master, When the Sun is Bright, Say No to Tube Light, Save Energy, Save the Assets of the Future" जैसे स्लोगन के माध्यम से आमजन से प्रकृति और ऊर्जा के संरक्षण की अपील की।
सभी विजयी प्रतिभागियों को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार प्रदान किए गए | पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों की सूची निम्नलिखित है:
रितिक, सचिन, अपूर्व, रक्षत सिंह, रतन, आकाश, बबली, कोमल, रेहान, धर्मेश, सिद्धि सिंह, रोहन, काव्या, वैष्णवी, सूर्यवीर, मुस्कान, अनन्या, शिवानी कृष्णा, रोहित, नितिन |
प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह ने सभी बच्चों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए शपथ दिलाई, "मैं ऊर्जा संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करूंगा । मैं ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं करूंगा और ऊर्जा के संसाधनों का इस प्रकार उपयोग करूंगा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके ।"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति की सदस्य श्रीमती पल्लवी आशीष, सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह, शिक्षकों सुश्री आराधना वर्मा, श्री निशांत द्विवेदी, सुश्री नवनीता तिवारी, सुश्री अलका श्रीवास्तव, सुश्री सृष्टि गुप्ता, सुश्री भावना श्रीवास्तव, सुश्री रीना श्रीवास्तव, सुश्री प्रतिभा श्रीवास्तव, श्रीमती चित्ररेखा मिश्रा, सुश्री एकता तिवारी एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
#राष्ट्रीयऊर्जासंरक्षणदिवस #EnergyConservationDay #ऊर्जासंरक्षण #SaveEnergySaveFuture #GreenEnergy #EnergyEfficiency #SaveEnvironment #SustainableLiving #EnergyMatters #ClimateAction #ConserveEnergy #SwitchToSolar #EnergyAwareness #RenewableEnergy
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#MamtaSaraswatiBalikaVidyaMandir
#NirupmaSingh
#PallaviAshish #ChitraRekha
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
#Followers #Highlight #Topfans
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
@followers @highlight @topfans
9 notes
·
View notes
Text
बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल ��ुग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
3 notes
·
View notes
Text
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट: एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य रत्न
आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई तरह के औषधीय उत्पादों का उपयोग किया जाता है। उनमें से एक प्रसिद्ध औषधि है कामिनी विद्रावण रस। यह आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने, शरीर में जमा दोषों को बाहर निकालने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इस लेख में ��म कामिनी विद्रावण रस टैबलेट के लाभ, उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
कामिनी विद्रावण रस क्या है?
कामिनी विद्रावण रस एक आयुर्वेदिक योग है जो विशेष रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने (विसर्पण) के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर जमा कफ और वात दोषों को शांति प्रदान करना और पाचन क्रिया को सुधारना है। यह औषधि विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिजों के मिश्रण से तैयार होती है, जो शरीर के अंदर संचित अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कामिनी विद्रावण रस के लाभ
पाचन तंत्र को सुधारता है कामिनी विद्रावण रस पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, कब्ज, और अन्नास रोग को दूर करने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन के पोषक तत्वों को शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है यह औषधि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और खतरनाक तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में काम करती है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है कामिनी विद्रावण रस शरीर की सामान्य कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे थकान और कमजोरी दूर होती है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और शरीर को सक्रिय रखता है।
प्राकृतिक उपचार कामिनी विद्रावण रस का उपयोग प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और खनिजों से बना होने के कारण शरीर के लिए सुरक्षित है।
कामिनी विद्रावण रस का उपयोग कैसे करें?
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट का सेवन सामान्यतः एक निर्धारित मात्रा में किया जाता है, जो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर के निर्देशानुसार होता है। आमतौर पर इसे दिन में दो बार, खाने से पहले या बाद में पानी के साथ लिया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आपके शरीर की विशेष जर���रतों के अनुसार सही खुराक निर्धारित की जा सके।
निष्कर्ष
कामिनी विद्रावण रस एक बहुपरकारी आयुर्वेदिक औषधि है, जो न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर के विभिन्न दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक स्वस्थ और ऊर्जा से भरा रहता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कामिनी विद्रावण रस को एक बार अपनी दिनचर्या में शामिल करके देख सकते हैं।
सुझाव: इस औषधि का सेवन शुरू करने से पहले एक ��च्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
#कामिनीविद्रावणरस#AyurvedicMedicine#HealthBoost#DetoxYourBody#Panchakarma#NaturalHealing#HerbalRemedies#AyurvedicHealth#DigestiveHealth#HealthyLiving#VataPittaKapha#AyurvedaForWellness#Detoxification#HerbalTablets#ImmunityBoost#AyurvedicDetox#TraditionalHealing#AyurvedaForLife#NaturalWellness#HealthyLifestyle
2 notes
·
View notes
Text
गाजर की खेती में उन्नत तकनीक: बेहतर उत्पादकता के लिए
गाजर की खेती में उन्नत तकनीकों का उपयोग करके बेहतर उत्पादकता हासिल करने के तरीके जानें। गाजर की खेती के लिए ध्यान देने योग्य दूसरे महत्वपूर्ण तत्वों में उच्च गुणवत्ता के बीज, प्राकृतिक उर्वरक और व्यवस्थित पानी की आपूर्ति शामिल होती है। गाजर को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर मौसमी परिवर्तन के समय। इसके अलावा, खेती के दौरान कीटनाशकों और रोग प्रबंधन की आवश्यकता भी होती है। यह लेख गाजर उत्पादन में नवीनतम तकनीकों की बात करता है।
2 notes
·
View notes
Text
Right time to do pond liner installation? Hello!! Farmer 👨🌾 we are here to help you out that when we should to installed the POND LINER…… POND LINER : Mainly used for storage of water 💧💦 for farm 🚜🌾 and also used in water scarcity. Now!! Rainy season is coming soon so before it's start, we should to go for POND LINER installation. Because POND LINER helpful to keep water from seeping into the soil. POND LINER make an impermeable layer between the water and soil which prevents water loss. NOTE : We are providing 300 micron to 750 micron POND LINER . PRODUCT CATALOGUE : https://wa.me/c/919606973319 MAIL ID : info. [email protected] FOR MORE DETAILS CONTACT US AT : 9606973319
नमस्ते!! किसान भाईयौ 👨🌾 हम यहां आपकी मदद करने के लिए आए है, कि कब हमें तालाब लाइनर स्थापित करने की आवश्यकता होती है…… तालाब लाइनर : मुख्य रूप से पानी के भंडारण के लिए उपयोग किया जाता है, खेत 🚜🌾 को पानी देने लिए और पानी की कमी वाले क्षेत्र में भी उपयोग किया जाता है। अब!! बारिश का मौसम जल्द ही आने वाला है, इसलिए इसके शुरू होने से पहले, हमें POND LINER/ तालाब/ डिगगी लाइनर की स्थापना करनी चाहि���। क्योंकि पोंड लाइनर पानी को मिट्टी में रिसने से बचाने में मदद करता है। तालाब लाइनर पानी और मिट्टी के बीच एक अभेद्य परत बनाता है जो पानी के नुकसान को रोकता है। नोट: हम 300 माइक्रोन से 750 माइक्रोन पोंड लाइनर प्रदान कर रहे हैं। उत्पाद सूची: https://wa.me/c/919606973319मेल ई ई - मैल आईडी: [email protected] अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें: 9606973319
2 notes
·
View notes
Text
Jal Janit Rog or Savadhaniyan
जल या पानी अनेक अर्थों में जीवनदाता है। इसीलिए कहा भी गया है। जल ही जीवन है। मनुष्य ही नहीं जल का उपयोग सभी सजीव प्राणियों के लिए अनिवार्य होता है। पेड़ पौधों एवं वनस्पति जगत के साथ कृषि फसलों की सिंचाई के लिए भी यह आवश्यक होता है। यह उन पांच तत्वों में से एक है जिससे हमारे शरीर की रचना हुई है और हमारे मन, वाणी, चक्षु, श्रोत तथा आत्मा को तृप्त करती है।
इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। शरीर में इसकी कमी से हमें प्यास महसूस होती है और इससे पानी शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। अत: यह हमारे जीवन का आधार है। अब तक प्राप्त जानकारियो के अनुसार यह स्पष्ट हो गया है कि जल अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए इसका शुद्ध साफ होना हमारी सेहत के लिए जरूरी है।
Click to read more: https://www.deshbandhu.co.in/vichar/waterborne-diseases-and-precautions-59595-2
0 notes
Text
आंध्र प्रदेश में चेत्तिनाड सीमेंट निर्माण सुविधा का अवलोकन
चेत्तिनाड सीमेंट भारत के प्रमुख सीमेंट निर्माताओं में से एक है, जो गुणवत्ता और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध है। कंपनी ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है, और इसकी एक महत्वपूर्ण सुविधा आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। यह निर्माण सुविधा क्षेत्र की बढ़ती सीमेंट मांग को पूरा करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रही है, और यह बुनियादी ढांचे के विकास और औद्योगिक प्रगति में योगदान कर रही है।
चेत्तिनाड सीमेंट का परिचय 1962 में स्थापित, चेत्तिनाड सीमेंट ने सीमेंट उद्योग में एक पायोनियर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। विविध उत्पादों की श्रृंखला और प्रभावशाली निर्माण संयंत्रों के नेटवर्क के साथ, इसने भारत की कुछ सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी हमेशा उच्च गुणवत्ता मा��कों को बनाए रखने और अपने संचालन में स्थिरता को अपनाने पर जोर देती रही है। आंध्र प्रदेश निर्माण सुविधा आंध्र प्रदेश में स्थित चेत्तिनाड सीमेंट निर्माण सुविधा एक अत्याधुनिक संयंत्र है, जो सीमेंट उत्पादन में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करता है। क्षेत्र में रणनीतिक रूप से स्थित यह सुविधा दोनों क्षेत्रीय और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के परियोजनाओं को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस संयंत्र में नवीनतम तकनीकों और मशीनरी से लैस है, जो अधिकतम दक्षता, उत्पादन क्षमता और पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने में मदद करती है।
इस सुविधा की मुख्य विशेषताएँ
उन्नत निर्माण तकनीक: आंध्र प्रदेश में स्थित चेत्तिनाड सीमेंट संयंत्र उच्च गुणवत्ता वाले सीमेंट का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है। यह सुविधा ऊर्जा दक्षता प्रणालियों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके उत्पादन प्रक्रिया को अनुकूलित करती है। इसके माध्यम से उत्पादों को कठोर गुणवत्ता मानकों के अनुसार सुनिश्चित किया जाता है, जबकि अपव्यय और उत्सर्जन को कम किया जाता है।
स्थिरता प्रथाएँ: स्थिरता चेत्तिनाड सीमेंट का एक प्रमुख मूल्य है, और यह सुविधा इसमें कोई कसर नहीं छोड़ती। संयंत्र ने अपनी कार्बन पदचिह्न को घटाने के लिए कई पर्यावरण-अनुकूल उपायों को लागू किया है। यह वैकल्पिक ईंधन और कच्चे माल का उपयोग करता है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है। इसके अलावा, संयंत्र में ऊर्जा दक्षता को सुधारने के लिए वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम का उपयोग किया गया है, और संयंत्र ने पानी का पुनर्चक्रण और समग्र पानी की खपत को घटाने के लिए कदम उठाए हैं।
क्षमता और उत्पादन वॉल्यूम: पर्याप्त उत्पादन क्षमता के साथ, आंध्र प्रदेश की यह सुविधा स्थानीय और क्षेत्रीय बाजारों में सीमेंट की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम है। यह चेत्तिनाड सीमेंट को राज्य और आस-पास के क्षेत्रों में निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अनुमति देती है।
लॉजिस्टिक्स और वितरण: यह सुविधा प्रमुख परिवहन हबों से बेहतरीन कनेक्टिविटी के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है, जिसमें सड़क, रेल और बंदरगाह तक पहुंच शामिल है। इससे कंपनी को आंध्र प्रदेश और भारत के अन्य हिस्सों में सीमेंट वितरित करने में मदद मिलती है, जिससे समय पर डिलीवरी और ग्राहक की मांग को पूरा किया जा सकता है।
गुणवत्ता नियंत्रण और परीक्षण: सीमेंट उद्योग में उच्च गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और चेत्तिनाड सीमेंट यह सुनिश्चित करता है कि इसके उत्पाद सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप हों। इस सुविधा में गुणवत्ता नियंत्रण और नियमित परीक्षण के लिए उन्नत प्रयोगशालाएँ हैं। प्रत्येक बैच के सीमेंट का परीक्षण किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह आवश्यक ताकत, स्थायित्व और स्थिरता के मानकों पर खरा उतरे।
क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव आंध्र प्रदेश में स्थित चेत्तिनाड सीमेंट संयंत्र ने स्थानीय अर्थव्यवस्था और समुदाय पर एक रूपांतरकार�� प्रभाव डाला है। रोजगार के अवसर प्रदान करके, इस संयंत्र ने क्षेत्र के कई परिवारों के जीवन यापन में योगदान किया है। इसके अलावा, इसने परिवहन, लॉजिस्टिक्स, और कच्चे माल की आपूर्ति जैसी सहायक उद्योगों को बढ़ावा देकर स्थानीय विकास में योगदान दिया है।
निष्कर्ष: आंध्र प्रदेश में चेत्तिनाड सीमेंट निर्माण सुविधा कंपनी की गुणवत्ता, नवाचार और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसके अत्याधुनिक तकनीकी, पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं और मजबूत उत्पादन क्षमता के साथ, यह संयंत्र न केवल क्षेत्र में सीमेंट की मांग को पूरा करता है, बल्कि भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के बड़े लक्ष्य में भी योगदान करता है। जैसे-जैसे देश अपनी विकास यात्रा पर आगे बढ़ता है, आंध्र प्रदेश जैसी सुविधाएँ एक मजबूत और स्थिर भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
If you want more information visit this website Chettinad Cement
Contact us: 6385 194 588
Facebook: Chettinad Cement
Twitter: Chettinad Cement
Instagram: Chettinad Cement
Youtube: Chettinad Cement
#Chettinad Cement#Sustainable Manufacturing#Andhra Pradesh Industries#Cement Production#Building Strong Foundations
0 notes
Text
गोंद कतीरा: आपके स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक समाधान
गोंद कतीरा एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पाद है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहाँ हम गोंद कतीरा के फायदे, इसकी पहचान, और इसके नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।
गोंद कतीरा क्या है? गोंद कतीरा एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पाद है, जिसे प्राचीन काल से स्वास्थ्य और सौंदर्य समस्याओं के समाधान के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह एक प्रकार का गोंद है, जो खासतौर पर एक विशेष प्रकार के पेड़ की छाल से प्राप्त किया जाता है।
गोंद और गोंद कतीरा में अंतर
गोंद और गोंद कतीरा दोनों ही प्राकृतिक उत्पाद होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं| आइए गोंद और गोंद कतीरा में अंतर देखें:
स्रोत: गोंद कतीरा एक विशेष पेड़ की छाल से प्राप्त होता है, जबकि गोंद विभिन्न प्रकार के पेड़ों से प्राप्त हो सकता है।
स्वाद और रूप: गोंद कतीरा का स्वाद मीठा और चिपचिपा होता है, और यह छोटे दानों के रूप में होता है। वहीं, गोंद का रूप ठोस होता है और इसका स्वाद ज्यादा चिपचिपा और ताजगी वाला होता है।
उपयोग: गोंद कतीरा मुख्य रूप से पाचन तंत्र, त्वचा, और बालों की समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है, जबकि गोंद का उपयोग खाद्य पदार्थों, औषधियों और कुछ सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है।
गोंद कतीरा की पहचान
गोंद कतीरा एक प्राकृतिक उत्पाद है, जो खासतौर पर एक विशेष प्रकार के पेड़ की छाल से प्राप्त किया जाता है। गोंद कतीरा की पहचान करना आसान है, क्योंकि यह सफेद या हल्के पीले रंग के छोटे-छोटे दानों के रूप में पाया जाता है। इसका स्वाद मीठा और चिपचिपा होता है। जब गोंद कतीरा को पानी में डालते हैं, तो यह धीरे-धीरे फूलकर एक चिपचिपी पेस्ट में बदल जाता है। इसकी यह विशेषता इसे एक प्रभावी जड़ी-बूटी बनाती है, जो पाचन तंत्र को शांत करने और शरीर में शांति बनाए रखने में मदद करती है।
गोंद कतीरा के फायदे
गोंद कतीरा के फायदे कई हैं, जो इसे एक अत्यधिक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय बनाते हैं। यहाँ गोंद कतीरा के फायदे हैं:
बवासीर में राहत: गोंद कतीरा बवासीर की समस्या में सहायक होता है। यह मल को मुलायम बनाता है, जिससे दर्द और सूजन में कमी आती है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या भी दूर होती है, जो बवासीर के कारण बन सकती है।
पाचन तंत्र को सुधारना: गोंद कतीरा पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। यह कब्ज को दूर करता है और आंतों की कार्यक्षमता में सुधार करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सहारा मिलता है।
वजन घटाने में मदद: गोंद कतीरा का सेवन चयापचय को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर में वसा जलाने की प्रक्रिया तेज होती है। इससे वजन घटाने में मदद मिलत�� है।
त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: गोंद कतीरा त्वचा को सुंदर, मुलायम और चमकदार बनाने में मदद करता है। यह बालों को भी मजबूत और घना करता है, जिससे बालों की समस्या दूर होती है।
मधुमेह में सहायक: गोंद कतीरा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो मधुमेह के मरीजों के लिए अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: गोंद कतीरा हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
बवासीर में गोंद कतीरा के फायदे
गोंद कतीरा बवासीर की समस्या के लिए एक अत्यधिक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। बवासीर, जो आमतौर पर मलद्वार के आसपास सूजन और दर्द का कारण बनता है, में गोंद कतीरा का सेवन राहत देने में मदद करता है। यह मल को मुलायम बनाता है, जिससे बवासीर के दौरान होने वाली कठिनाई को कम किया जा सकता है।
गोंद कतीरा का सेवन कब्ज को दूर करने में भी मदद करता है, जो बवासीर का एक सामान्य कारण है। इसके अतिरिक्त, गोंद कतीरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने और रक्तसंचार को सुधारने में मदद करते हैं, जिससे बवासीर में राहत मिलती है। यह पाचन तंत्र को भी सुधारता है, जिससे आंतों की क्रियाशीलता बेहतर होती है और बवासीर से जुड़ी समस्याओं में कमी आती है।
गोंद कतीरा के नुकसान
हालाँकि गोंद कतीरा के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
पाचन संबंधी समस्याएँ: गोंद कतीरा का अत्यधिक सेवन पाचन तंत्र में समस्या पैदा कर सकता है, जैसे कि अपच, गैस या दस्त।
गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह हार्मोनल बदलाव कर सकता है।
एलर्जी: कुछ लोग गोंद कतीरा से एलर्जी भी महसूस कर सकते हैं, जो त्वचा पर रैशेज और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसलिए, इसे सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, विशेषकर यदि आप गर्भवती हैं या किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे हैं।
निष्कर्ष
गोंद कतीरा एक अद्भुत प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पाद है, जो पाचन तंत्र को सुधारने, बवासीर में राहत देने, वजन कम करने, और त्वचा तथा बालों की समस्याओं के समाधान में सहायक है। इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ इसे एक अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षित उपाय बनाते हैं। हालांकि, इसके सेवन से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, खासकर अगर आप गर्भवती हैं या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे हैं। सही मात्रा में सेवन करने से यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है, और आयुर्वेदिक उपचार के रूप में इसका लाभ लिया जा सकता है।
#गोंद कतीरा#Ayurveda#Health&Wellness#Natura#Weight loss#Healthy lifestyle#Control sugar level#Gond Katira#Digestive health#Skin care#Natural skin health
0 notes
Text
Immersion rod buying guide in India 2025
इमर्शन रॉड : क्या है, कैसे काम करता है और क्यों है यह हर घर की ज़रूरत? मित्रों, आज होम एण्ड किचन एप्लायंसेस में इर्मशन राड पर जानकारी ��ै। यह उपकरण ठंड के दिनों में पानी गर्म करने के काम आता है। कम खर्च में पानी गर्म करने का यह एक सस्ता एवं सरल तरीका है। इमर्शन रॉड एक बिजली से चलने वाला उपकरण है जो पानी को गर्म करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका डिज़ाइन सरल और उपयोग में आसान होता है। इसे किसी…
#Best Immersion Rod India#Immersion Rod Benefits#Immersion Rod Safety Tips#Portable Water Heater#Water Heating Solutions
0 notes
Text
Quinoa a super-food + delicious recipe
क्विनोआ: आपके आहार में शामिल होने वाला सुपरफूड + आसान रेसिपी
क्विनोआ/Quinoa ने हाल के वर्षों में बहुत लोकप्रियता हासिल की है, परन्तु यह हमारे देश में हजारों सालोंसे खाया जाता आया है. इसको हम "बथुआ" इसके असाधारण स्वास्थ्य लाभ और खाना पकाने में बहुमुखी प्रतिभा के कारण। इस प्राचीन अनाज को अक्सर "सुपरफूड/superfood" के रूप में जाना जाता है, यह पोषक तत्वों से भरपूर है और कई पारंपरिक अनाजों के लिए ग्लूटेन-मुक्त विकल्प प्रदान करता है। चाहे आप अपने आहार में सुधार करना चाहते हों, वजन कम करना चाहते हों, या बस स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन का आनंद लेना चाहते हों, क्विनोआ एक उत्कृष्ट विकल्प है। इस ब्लॉग में, हम क्विनोआ के स्वास्थ्य लाभों, इसे पूरी तरह से पकाने के तरीके और एक आसान, स्वादिष्ट रेसिपी के बारे में बात करेंगे जिसे आप आज ही आजमा सकते हैं।
क्विनोआ क्या है? What is Quinoa?
आज की व्यस्त जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और कुछ लोग क्विनोआ को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं। क्विनोआ (उच्चारण कीन-वा/KEEN-wah)) चेनोपोडियम/Chenopodium album क्विनोआ पौधे का बीज (यानि बथुआ के बीज) है। हालाँकि यह तकनीकी रूप से अनाज नहीं है, लेकिन इसे अक्सर छद्म अनाज के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इसे एक अनाज की तरह तैयार और खाया जाता है। दक्षिण अमेरिका से उत्पन्न, क्विनोआ सदियों से एंडियन क्षेत्र में एक मुख्य भोजन रहा है। क्विनोआ को चावल और गेहूं की तरह ही एक अनाज के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, और इसे अक्सर सुपरफूड के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह प���नाम इसकी उच्च पोषण सामग्री के कारण है, जिसमें विटामिन बी और सी, आयरन, प्रोटीन, पोटेशियम, फाइबर और आवश्यक अमीनो एसिड की महत्वपूर्ण मात्रा शामिल है। क्विनोआ के स्वास्थ्य लाभ 1. पोषक तत्वों से भरपूर: क्विनोआ पोषक तत्वों का भंडार है। यह इनका एक बेहतरीन स्रोत है: - प्रोटीन: इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो इसे एक संपूर्ण प्रोटीन बनाते हैं। - फाइबर: पाचन को बढ़ावा देता है और स्वस्थ आंत को बनाए रखने में मदद करता है। - विटामिन और खनिज: इसमें मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, जिंक और बी विटामिन शामिल हैं। 2. Gluten-Free ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए, क्विनोआ गेहूं आधारित अनाज के लिए एक आदर्श विकल्प के रूप में कार्य करता है। 3. उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री क्विनोआ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सूजन से लड़ने और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। 4. वजन घटाने में सहायक क्विनोआ में मौजूद उच्च फाइबर और प्रोटीन सामग्री तृप्ति बढ़ाने में मदद करती है, जिससे कुल कैलोरी का सेवन कम होता है। 5. पचाने में आसान क्विनोआ पा���न तंत्र पर सौम्य है, इसलिए यह संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए उपयुक्त है।
How to Cook Quinoa Perfectly
क्विनोआ/quinoa पकाना सरल है और यह एक Gluten-Free Recipes और चावल पकाने जैसा ही है। हर बार एकदम मुलायम क्विनोआ बनाने के लिए इन चरणों का पालन करें: Ingredients: - 1 cup quinoa - 2 cups water (or broth for added flavor) - A pinch of salt निर्देश: - धोएं: क्विनोआ को एक महीन जाली वाली छलनी में रखें और ठंडे पानी से धो लें, ताकि इसकी प्राकृतिक परत, सैपोनिन, जो कड़वा स्वाद पैदा कर सकती है, निकल जाए। - उबाल लें: एक सॉस पैन में क्विनोआ, पानी और नमक डालें। मध्यम-तेज़ आँच पर उबाल लें। - धीमी आंच पर पकाएं: एक बार उबलने के बाद, आंच धीमी कर दें, ढक दें, और लगभग 15 मिनट तक पकने दें, जब तक कि पानी पूरी तरह से सोख न ले। - फुलाएँ: इसे आंच से उतार लें, 5 मिनट तक ढककर रखें, फिर कांटे से फुलाएँ। Easy Quinoa Salad Recipe Ingredients: - 1 cup cooked quinoa - 1 cup cherry tomatoes (halved) - 1 cucumber (diced) - 1/4 cup red onion (finely chopped) - 1/4 cup feta cheese (crumbled, optional) - 2 tbsp olive oil - 1 tbsp lemon juice - 1/2 tsp salt - 1/4 tsp black pepper - Fresh parsley or mint for garnish(धनिया/पुदीना के पत्ते) Instructions: - सब्जियां तैयार करें: टमाटर, ककड़ी और लाल प्याज को धोकर काट लें। - सामग्री मिलाएं: एक बड़े कटोरे में पका हुआ क्विनोआ, सब्जियां और फ़ेटा चीज़ (यदि उपयोग कर रहे हैं) मिलाएं। - ड्रेसिंग बनाएं: एक छोटे कटोरे में जैतून का तेल, नींबू का रस, नमक और काली मिर्च को एक साथ फेंटें। - मिलाएँ और परोसें: ड्रेसिंग को सलाद पर डालें, अच्छी तरह मिलाएँ और ताज़ी जड़ी-बूटियों से सजाएँ। ठंडा या कमरे के तापमान पर परोसें।
आपको अपने आहार में क्विनोआ क्यों शामिल करना चाहिए?
क्विनोआ सिर्फ़ एक स्वस्थ विकल्प से कहीं ज़्यादा है; यह एक बहुमुखी सामग्री है जो किसी भी व्यंजन के साथ इस्तेमाल की जा सकती है। सलाद से लेकर सूप, नाश्ते के कटोरे से लेकर मिठाई तक, क्विनोआ सब कुछ कर सकता है। इसकी पोषक तत्वों से भरपूर प्रोफ़ाइल इसे शाकाहारियों, शाकाहारी लोगों और स्वस्थ भोजन की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाती है। निष्कर्ष क्विनोआ/quinoa स्वाद, पोषण और बहुमुखी प्रतिभा का एक बेहतरीन मिश्रण है। चाहे आप इस सुपरफ़ूड के लिए नए हों या क्विनोआ के पुराने प्रेमी हों, इसे अपने भोजन में शामिल करना आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका हो सकता है। ऊपर दी गई क्विनोआ सलाद रेसिपी को आज़माएँ और इस पौष्टिक सामग्री के जादू का अनुभव करें। इस रेसिपी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करना न भूलें और हमें बताएँ कि यह कैसी बनी! https://youtu.be/l9raWsaUh1o Read the full article
0 notes
Text
लखनऊ, 31.08.2024 | "विश्व जल सप्ताह 2024" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "पर्यावरण बचाएं, जीवन बचाएं" जागरूकता अभियान के तहत साई पब्लिक इंटर कॉलेज, नीलमथा, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम "जल ही जीवन है" का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के लगभग 80 छात्र-छात्राओं को पृथ्वी पर जल के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि, “हमारी पृथ्वी पर 70% पानी है जिसमें सिर्फ 1% पानी पीने योग्य हैं | देश की बढ़ती हुई आबादी एवं बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण पृथ्वी पर पानी की कमी होती जा रही हैं जिससे वह समय दूर नहीं जब हम एक बूंद पानी को तरस जाएंगे | ऐसे में अति आवश्यक हैं कि हम जल के स्रोतों को बचाएं साथ ही पानी का प्रयोग सोच समझकर करें | हम अपने दैनिक जीवन में पानी को इस तरह से बचा सकते हैं :
1. ब्रश करते समय या हाथ धोते समय नल को खुला न छोड़ें, क्योंकि इससे पानी बर्बाद होता हैं ।
2. अधिक पानी ��ाले फ्लश की जगह कम पानी वाले फ्लश का उपयोग करें, ताकि पानी की बचत हो सके ।
3. पानी का पुनः उपयोग करें | जिस पानी का उपयोग पौधों को पानी देने या सफाई में किया जा सकता हैं, उसे व्यर्थ न जाने दें ।
4. बारिश के पानी को इकट्ठा करके इसका उपयोग विभिन्न कार्यों, जैसे बागवानी और सफाई में करें ।
5. अगर घर या स्कूल में कहीं नल या पाइप में रिसाव हो, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं ।
स्वयंसेवकों ने छात्राओं को यह समझाया कि, “पानी की हर बूंद कीमती है और इसे बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए । अगर हम आज पानी को बर्बाद होने से रोकते हैं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं ।“
जागरूकता कार्यक्रम "जल ही जीवन है" में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री रितिका त्रिपाठी, सुश्री साक्षी राठौड़, सुश्री अंजलि सिंह (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
#Worldwaterweek #Savewater #Waterconservation #Gogreen #Cleanearth #Zerowaste #Savetheearth #Globalwarming #Planetearth #Sustainablefuture #Waterwasted #Preservewater
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#SaiPublicInterSchool
#AmityUniversity #AmityInstituteofBiotechnology
#RitikaTripathi #SakshiRathod #AnjaliSingh
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
#followers #highlight #topfans
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@amityuni
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal
@HelpUTrustDrRupal
@followers @highlight @topfans
9 notes
·
View notes
Text
Skin Care in Hindi Wellhealthorganic - घरेलू नुस्खे और स्किन केयर टिप्स
Skin Care in Hindi Wellhealthorganic - त्वचा की देखभाल का संपूर्ण गाइड
Skin Care in Hindi Wellhealthorganic - घरेलू नुस्खों और टिप्स से दमकती त्वचा
आज की व्यस्त जीवनशैली में स्वस्थ और चमकदार त्वचा की चाहत हर किसी की होती है। Skin Care in Hindi Wellhealthorganic से आप ऐसे प्रभावी और आसान तरीके सीख सकते हैं, जो न केवल प्राकृतिक हैं, बल्कि आपकी त्वचा को सुरक्षित और स्वस्थ भी बनाते हैं।
त्वचा की देखभाल क्यों जरूरी है?
त्वचा हमारे शरीर की बाहरी परत ह���, जो हमें प्रदूषण, धूल और अन्य हानिकारक तत्वों से बचाती है। सही स्किन केयर रूटीन अपनाने से आप न केवल अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि उसकी प्राकृतिक चमक भी बनाए रख सकते हैं।
डेली स्किन केयर रूटीन
1. क्लेंज़िंग (सफाई):
दिन में दो बार माइल्ड फेस वॉश से अपनी त्वचा को साफ करें। यह गंदगी और तेल को हटाने में मदद करता है।
2. टोनिंग:
टोनर का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा का पीएच स्तर संतुलित रहता है। गुलाब जल एक बेहतरीन टोनर है।
3. मॉइस्चराइजिंग:
त्वचा को हाइड्रेट और नरम बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें। नारियल तेल या एलोवेरा जेल बढ़िया विकल्प हैं।
4. सनस्क्रीन का उपयोग:
सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए 30 एसपीएफ़ या उससे अधिक का सनस्क्रीन लगाएं।
घरेलू नुस्खे: Skin Care in Hindi Wellhealthorganic
1. नींबू और शहद:
डार्क स्पॉट्स और दाग-धब्बों को हल्का करने के लिए नींबू और शहद का मास्क लगाएं।
2. चंदन और गुलाब जल:
चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर लगाएं। यह त्वचा को ठंडक और ताजगी देता है।
3. हल्दी और बेसन:
हल्दी और बेसन का उबटन चेहरे को निखारता है और डेड स्किन को हटाता है।
FAQs: Skin Care in Hindi Wellhealthorganic
1. स्किन केयर रूटीन क्या है?
रोज सुबह और रात को चेहरे को साफ करें, मॉइस्चराइज़र लगाएं, और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
2. तैलीय त्वचा के लिए सबसे अच्छा उपाय क्या है?
नींबू और मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक तैलीय त्वचा को नियंत्रित करता है।
3. सर्दियों में त्वचा की देखभाल कैसे करें?
मलाई और शहद का इस्तेमाल करें। गुनगुने पानी से चेहरा धोएं।
4. क्या घरेलू उपाय कारगर हैं?
हां, घरेलू उपाय न केवल सस्ते होते हैं, बल्कि इनके साइड इफेक्ट भी नहीं होते।
5. सबसे अच्छा आहार क्या है त्वचा के लिए?
हरी सब्जियां, ताजे फल, और पर्याप्त मात्रा में पानी त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।
निष्कर्ष: Skin Care in Hindi Wellhealthorganic से पाएं प्राकृतिक निखार
अपनी त्वचा को स्वस्थ, चमकदार और युवा बनाए रखने के लिए सही स्किन केयर रूटीन और घरेलू नुस्खों को अपनाएं। Skin Care in Hindi Wellhealthorganic के सुझावों का पालन कर आप अपनी त्वचा की सभी समस्याओं का हल पा सकते हैं। प्राकृतिक उपाय और सही खानपान आपकी त्वचा की देखभाल के सबसे बेहतर साथी हैं।
source:-https://skincaresadvice.com/skin-care-in-hindi-wellhealthorganic/
#BestMakeupWomenOver50#MahanarayanoilUsesinHindi#CoconutOilforSkinWhitening#hydroxypropyltetrahydropyrantrioluses#SkinCareinHindiWellhealthorganic
1 note
·
View note
Text
पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
अक्सर पुरुषों और महिलाओं को सेक्सुअल स्टेमिना (sexual stamina) और टाइमिंग (timing) को लेकर चिंता रहती है। जीवन की व्यस्तता, मानसिक तनाव, शारीरिक थकान, और असंतुलित जीवनशैली इन सभी कारणों से सेक्सुअल प्रदर्शन पर असर पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेदिक और देसी दवाओं के माध्यम से आप अपनी सेक्सुअल टाइमिंग को बेहतर बना सकते हैं और अपनी लाइफ में संतुष्टि और खुशी पा सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं और प्राकृतिक उपायों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें आप अपने जीवन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha) – तनाव कम करने और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने के लिए
अश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक तनाव को कम करने, ऊर्जा को बढ़ाने, और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ताजगी प्रदान करता है और सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध के साथ लें। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari) – महिलाओं के लिए उत्तम दवा
शतावरी एक प्राकृतिक रिवाइटलाइज़र है, जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाता है और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने के साथ-साथ सेक्सुअल इच्छा को भी उत्तेजित करता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
शतावरी पाउडर को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है, या फिर इसे टैबलेट के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
3. गोक्षुरा (Gokshura) – पुरुषों के लिए शक्तिवर्धक दवा
गोक्षुरा पुरुषों के लिए एक आदर्श आयुर्वेदिक औषधि है, जो सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाती है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे पुरुषों की सेक्सुअल क्षमता में सुधार होता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
गोक्षुरा पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन करें या फिर कैप्सूल के रूप में लें।
4. सफेद मूसली (Safed Musli) – शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय
सफेद मूसली एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है, जो सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाती है। यह शारीरिक थकान को दूर करने, स्टेमिना बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
सफेद मूसली पाउडर को दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
5. कौंच बीज (Kaunch Beej) – यौन क्षमता और टाइमिंग बढ़ाने के लिए
कौंच बीज (Mucuna pruriens) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपाय है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और यौन प्रदर्शन को सुधारता है। यह न केवल सेक्सुअल समय बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
कौंच बीज पाउडर को दूध के साथ या गर्म पानी में मिलाकर लें।
6. विदारिकंद (Vidarikand) – शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए
विदारिकंद आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने, ऊर्जा बढ़ाने और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने में मदद करती है। यह विशेष रूप से पुरुषों के लिए लाभकारी है।
कैसे इस्तेमाल करें:
विदारिकंद पाउडर को गर्म दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
7. जटामांसी (Jatamansi) – मानसिक शांति और सेक्सुअल नियंत्रण के लिए
जटामांसी एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक शांति और तनाव को दूर करने में मदद करती है। मानसिक तनाव और चिंता सेक्सुअल प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, इसलिए जटामांसी को नियमित रूप से सेवन करने से सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर हो सकती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
जटामांसी पाउडर को दूध में मिलाकर या फिर टैबलेट के रूप में सेवन करें।
8. सही आहार और जीवनशैली
इसके अलावा, आहार और जीवनशैली का भी सेक्सुअल स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
पोषक आहार: ताजे फल, हरी सब्जियां, नट्स, और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ सेक्सुअल स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
संतुलित जीवनशैली: नियमित व्यायाम, योग, और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है, जिससे सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर होती है।
प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ: शहद, गुनगुना पानी, अदरक और हल्दी जैसे प्राकृतिक उपाय भी सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं के माध्यम से अपन�� सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका हो सकता है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ जैसे अश्वगंधा, शतावरी, गोक्षुरा, और सफेद मूसली आपकी सेक्सुअल जीवन को बेहतर बना सकती हैं। साथ ही, सही आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक शांति को बनाए रखना भी आवश्यक है।
ध्यान दें: इन उपायों को अपनाने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
टैग्स:
#टाइमिंगबढ़ानेकीदेसीदवा #सेक्सुअलस्टेमिना #आयुर्वेदिकउपाय #अश्वगंधा #शतावरी #गोक्षुरा #सफेदमूसली #जटामांसी #विदारिकंद #कौंचबीज #प्राकृतिकउपाय #सिर्फआयुर्वेद #प्राकृतिकदवाएं
You said:
blog with tags- पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
ChatGPT said:
ChatGPT
पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा: प्राकृतिक तरीके से सुधारें अपनी सेक्सुअल हेल्थ
कामेच्छा (libido) या यौन इच्छा एक प्राकृतिक शारीरिक और मानसिक प्रक्रिया है, लेकिन कभी-कभी उम्र, तनाव, थकान, या शारीरिक समस्याओं के कारण यह घट सकती है। आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपाय और जड़ी-बूटियाँ हैं, जो पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। यदि आप भी अपनी सेक्स लाइफ को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इन आयुर्वेदिक दवाओं को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको लाभ हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha) – सेक्सुअल वigor और ऊर्जा बढ़ाने के लिए
अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों के लिए विशेष रूप से कामेच्छा बढ़ाने के लिए मानी जाती है। यह तनाव को कम करती है, ऊर्जा स्तर बढ़ाती है, और सेक्सुअल हॉर्मोन्स को संतुलित करती है। अश्वगंधा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है, जो सेक्सुअल इच्छा के लिए महत्वपूर्ण है।
कैसे इस्तेमाल करें:
अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध या पानी के साथ दिन में दो बार लें। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari) – यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए
शतावरी (Asparagus racemosus) एक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए भी लाभकारी है। यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाती है और यौन ऊर्जा में सुधार करती है। शतावरी पुरुषों में वीर्य वृद्धि और सेक्सुअल इच्छा को बढ़ाने में मदद करती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
शतावरी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें। आप इसे टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
3. गोक्षुरा (Gokshura) – टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए
गोक्षुरा (Tribulus terrestris) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे विशेष रूप से पुरुषों के लिए कामेच्छा बढ़ाने और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह न केवल यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि पुरुषों की यौन प्रदर्शन क्षमता को भी बढ़ाती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
गोक्षुरा पाउडर को पानी के साथ या फिर कैप्सूल के रूप में लें। इसका नियमित सेवन आपकी यौन शक्ति को बढ़ा सकता है।
4. सफेद मूसली (Safed Musli) – सेक्सुअल ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ाने के लिए
सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum) एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है, जो सेक्सुअल शक्ति को बढ़ाती है और यौन इच्छा को उत्तेजित करती है। यह शरीर को ताकत प्रदान करती है और वीर्य वृद्धि में भी सहायक होती है। सफेद मूसली का सेवन पुरुषों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो यौन क्षमता में सुधार चाहते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
सफेद मूसली पाउडर को गर्म दूध या पानी के साथ सेवन करें। यह प्राकृतिक रूप से यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है।
5. कौंच बीज (Kaunch Beej) – यौन इच्छा और शक्ति बढ़ाने के लिए
कौंच बीज (Mucuna pruriens) एक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है, जो पुरुषों में यौन इच्छा को बढ़ाता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को उत्तेजित करता है, जिससे यौन इच्छा में वृद्धि होती है। कौंच बीज मानसिक और शारीरिक थकान को भी दूर करता है, जिससे सेक्सुअल प्रदर्शन में सुधार होता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
कौंच बीज को दूध के साथ सेवन करें, या फिर इसे पाउडर रूप में लें।
6. विदारिकंद (Vidarikand) – शारीरिक ऊर्जा और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए
विदारिकंद (Pueraria tuberosa) आयुर्वेद में एक प्रमुख जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों की शारीरिक ऊर्जा और यौन शक्ति को बढ़ाती है। यह शरीर में कमजोरी को दूर करती है और पुरुषों में यौन प्रदर्शन में सुधार करती है। विदारिकंद का नियमित सेवन शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है, जो कामेच्छा को भी बढ़ाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
विदारिकंद पाउडर को गर्म दूध के साथ लिया जा सकता है।
7. जटामांसी (Jatamansi) – मानसिक शांति और यौन स्वास्थ्य के लिए
जटामांसी (Nardostachys jatamansi) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो मानसिक शांति को बढ़ाती है और मानसिक तनाव को कम करती है। जब मानसिक तनाव कम होता है, तो यौन इच्छा और प्रदर्शन में सुधार होता है। जटामांसी का सेवन पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए सहायक हो सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
जटामांसी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें।
8. सही आहार और जीवनशैली
इसके साथ ही, एक संतुलित आहार और सही जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है। पुरुषों को प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और फल खाने चाहिए। तनाव को कम करने के लिए योग और प्राणायाम करें, और रात को पर्याप्त नींद लें। सही जीवनशैली कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करती है।
निष्कर्ष
यदि आप पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप अश्वगंधा, शतावरी, गोक्षुरा, सफेद मूसली, कौंच बीज, विदारिकंद और जटामांसी जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं। ये दवाएँ न केवल आपकी यौन इच्छा को बढ़ाएंगी, बल्कि आपकी शारीरिक और मानसिक शक्ति को भी बढ़ाएँगी।
Click here to Read A Blog- लंबे समय तक सेक्स करने की आयुर्वेदिक दवा क्या है?
ध्यान रखें: आयुर्वेदिक उपायों का असर धीरे-धीरे दिखता है, इसलिए इनका सेवन नियमित रूप से करें और परिणामों को महसूस करने के लिए धैर्य रखें। किसी भी जड़ी-बूटी या उपाय को अपनाने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
#पुरुषोंमेंकामेच्छाबढ़ानेकीदवा#आयुर्वेदिकदवाएं#कामेच्छाबढ़ानेकेउपाय#अश्वगंधा#गोक्षुरा#सफेद���ूसली#कौंचबीज#जटामांसी#विदारिकंद#शतावरी#प्राकृतिकउपाय#संतुलितजीवनशैली
0 notes
Text
कोकोपीट के फायदे: पर्यावरण के अनुकूल विकल्प
🌱 कोकोपीट: बागवानी का नया साथी! 🌱 क्या आप अपने पौधों को स्वस्थ और खुशहाल देखना चाहते हैं? 🪴 कोकोपीट से करें बागवानी की शुरुआत! यह नारियल के छिलकों से बना एक पर्यावरण-मित्र और पानी सोखने वाला जादुई पदार्थ है।
कोकोपीट (Cocopeat) एक जैविक और पर्यावरण के अनुकूल पदार्थ है, जो नारियल के छिलकों से प्राप्त होता है। जब नारियल के रेशों को प्रोसेस किया जाता है, तो उनके बचे हुए हिस्से को कोकोपीट के रूप में उपयोग किया जाता है। यह मिट्टी के विकल्प के रूप में बागवानी और कृषि में अत्यधिक लोकप्रिय है। यह अपनी पानी सोखने और नमी बनाए रखने की क्षमता के कारण विशेष रूप से पौधों के विकास के लिए उपयुक्त है। कोकोपीट के…
View On WordPress
#उद्यानविज्ञान#कोकोपीट#खादबनाना#छतकीबागवानी#जैविकउगाना#जैविककृषि#टिकाऊजीवनशैली#टिकाऊबागवानी#पर्यावरणमित्र#पानीसंचयन#पौधाप्यार#पौधोंकीदेखभाल#पौधोंकीस्वास्थ्य#प्रकृतिप्रेमी#बागवानी#बागवानीविचार#मिट्टीमेंसुधार#हरीजीवनशैली#हाइड्रोपोनिक्स#cocopeat#composting#ecofriendly#gardenideas#gardening#gardeningtips#greenliving#groworganic#horticulture#hydrophonics#naturelover
1 note
·
View note
Text
*🌞~ आज दिनांक - 22 दिसम्बर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग सटीक गणना के साथ ~🌞*
*⛅दिनांक - 22 दिसम्बर 2024*
*⛅दिन - रवि��ार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी दोपहर 02:31 तक, तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅योग - आयुष्मान् शाम 07:00 तक, तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - शाम 04:40 से शाम 06:00 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21*
*⛅सूर्यास्त - 05:55*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 01:00 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:12 दिसम्बर 23 से रात्रि 01:05 दिसम्बर 23 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से दोपहर 02:31 तक), कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:17 से दोपहर 02:31 तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (अहोरात्रि)*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ते हैं और शरीर का नाश होता है व अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अमृत – औषधि दालचीनी🔹*
*🔸दालचीनी उष्ण, पाचक, स्फूर्तिदायक, रक्तशोधक, वीर्यवर्धक व मूत्रल है । यह वायु व कफ का शमन कर उनसे उत्पन्न होनेवाले अनेक रोगों को दूर करती है ।*
*🔸यह श्वेत रक्तकणों की वृद्धि कर रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है । बवासीर, कृमि, खुजली, राजयक्ष्मा ( टी,बी,), इन्फ्लूएंजा ( एक प्रकार का शीतप्रधान संक्रामक ज्वर), मूत्राशय के रोग, टायफायड, ह्रदयरोग, कैन्सर, पेट के रोग आदि में यह लाभकारी है । संक्रामक बीमारियों की यह विशेष औषधि है ।*
*🔹दालचीनी के कुछ प्रयोग🔹*
*🔸१] पेट के रोग व सर्दी – खाँसी : १ ग्राम ( एक चने जितनी मात्रा ) दालचीनी चूर्ण में १ चम्मच शहद मिलाकर दिन में १ – २ बार चाटने से मंदाग्नि, अजीर्ण, पेट की वायु, संग्रहणी रोग, अफरा और सर्दी – खाँसी में लाभ होता है ।*
*🔸२] ह्रदयरोग : एक ग्राम दालचीनी चूर्ण २०० मि.ली. पानी में धीमी आँच पर उबालें । १०० मि.ली. पानी शेष रहने पर उसे छानकर पी लें । इसे रोज सुबह लेने से कोलेस्ट्राँल की अतिरिक्त मात्रा घटती हैं । गर्म प्रकृतिवाले लोग एवं ग्रीष्म ऋतू में इसके पानी में दूध मिलाकर उपयोग कर सकते हैं । इस प्रयोग से रक्त की शुद्धि होती है एवं ह्रदय को बल मिलता है ।*
*🔸३] स्वरभंग, खाँसी व मुँह की बदबू : दालचीनी का छोटा-सा टुकड़ा चूसने से स्वरभंग ( गला बैठना ) की विकृति नष्ट होती है व आवास खुलती है । इससे खाँसी का प्रकोप शांत होता है, मुँह की बदबू दूर होती है, मसूड़े मजबूत बनते हैं और तोतलेपन में भी लाभ होता है ।*
*👉ऐसी ही "सनातन धर्म" की "Astrology और VastuShastra" की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी पाने के लिए अभी जुड़ें "Astro Vastu Kosh" से*
*👉9837376839* *👉WhatsApp*_ 👉https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID _*👉Whatsapp Channel*_ 👉https://whatsapp.com/channel/0029Va51s5wLtOj7SaZ6cL2E
_*👉Telegram*_ 👉https://t.me/astrovastukosh
#motivational motivational jyotishwithakshayg#tumblr milestone#akshayjamdagni#mahakal#panchang#hanumanji
0 notes
Text
मेथी का पानी सेहत के लिए है बेहद गुणकारी, सुबह बासी मुंह पीने से मिलते हैं कई फायदे, जानें कैसे बनाएं?
Image Source : SOCIAL मेथी के पानी पीने के फायदे भारतीय घरों में मेथी का काफी उपयोग किया जाता है।। यहाँ लोग मेथी कभी सब्जी में कभी पराठें में तो कभी लड्डू के रूप में सेवन करते हैं मगर हम में से बहुत कम लोग ही मेथी के फायदे के बारे में जानते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक मेथी में अनेक प्रकार के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो काफी लाभदायक होते हैं। मेथी की मदद से हम अनेक प्रकार के रोग व…
0 notes