#पाकिस्तान चुनाव परिणाम
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deshbandhu · 11 months ago
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केंद्रीय मंत्री जोशी ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से माफी की मांग की
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया को राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद विधान सौध में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए जाने की कथित घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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everynewsnow · 4 years ago
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पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने इमरान खान को निशाना बनाते हुए राजनीतिक रिट्वीट पर माफी मांगी
पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने इमरान खान को निशाना बनाते हुए राजनीतिक रिट्वीट पर माफी मांगी
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द्वारा: एपी | इस्लामाबाद | अपडेट किया गया: 12 नवंबर, 2020 9:55:16 बजे
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। [AP]
पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को प्रधानमंत्री का सुझाव देने वाले एक विपक्षी नेता के सरकार विरोधी बयान को वापस लेने के लिए माफी मांगी इमरान खान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चुनावी हार के मद्देनजर सत्ता से गिर जाएगा।
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aajkitaazakhabar-blog · 6 years ago
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इमरान खान ने जादुई नंबर (137) के लिए शुरू की कवायद, छोटे दलों के साथ करेंगे गठबंधन
इमरान खान ने जादुई नंबर (137) के लिए शुरू की कवायद, छोटे दलों के साथ करेंगे गठबंधन
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पाकिस्तान आम चुनाव के सभी नतीजों की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पा��्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बहुमत से 21 सीट दूर रह गई है। इमरान ने बहुमत जुटाने के लिए छोटे दलों और निर्दलियों से बात करनी शुरू कर दी है।
कुल 272 सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें…
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sgtechs-in · 6 years ago
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पाकिस्तान चुनाव के नतीजों को शशि थरूर ने सेना की जीत क्यों बताया?
पाकिस्तान चुनाव के नतीजों को शशि थरूर ने सेना की जीत क्यों बताया?
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नई दिल्ली : पाकिस्तान चुनाव के नतीजों के बाद इमरान खान की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. संभावना इस बात की जताई जा रही है कि वह अगले पीएम हो सकते हैं. उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ बहुमत के करीब है. लेकिन फिर भी उन्हें पीएम बनने के लिए दूसरी पार्टी का समर्थन चाहिए होगा. बिना समर्थन वह पीएम नहीं बन पाएंगे. पाकिस्तान के इन नतीजों पर कांग्रेस नेता शशि थरूर का बड़ा बयान आया है.
शश…
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liajayeger1 · 3 years ago
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बोर्ड परीक्षा 2022: उ0प्र0, मध्य प्रदेश, बिहार में 10 मौसम पूरा होने, और प्रतीक्षारत
बोर्ड परीक्षा 2022: उ0प्र0, मध्य प्रदेश, बिहार में 10 मौसम पूरा होने, और प्रतीक्षारत
बोर्ड परीक्षा 2022: देश में लागू हो रहा है। बिहार (बिहार बोर्ड) और मध्य प्रदेश (एमपी बोर्ड) में परीक्षाएं जारी हैं। राज्य ने बोर्ड ने परीक्षा की घोषणा की घोषणा की। इस तरह के बोर्ड इस तरह से बदलते हैं। इस समय बोर्ड परीक्षाओं की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में चुनाव चुनाव लड़ने वाले हैं। पाकिस्तान और भारत में बोल रहे हैं। ️ यूपी️ चुनाव️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ निर्वाचन परिणाम…
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shaileshg · 4 years ago
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क्या हम पागल हैं, जो अपने देश को आज राष्ट्रीय शंकालु देश कह रहे हैं? गूगल पर यह वर्णन नहीं मिलेगा। यह चीन और पाकिस्तान जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा देशों (नेशनल सिक्यूरिटी स्टेट) के समान नहीं है, जहां पर सेना और दल न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा करते हैं, बल्कि देश व लोगों की वैचारिक सीमाओं की भी पहरेदारी करते हैं। यह स्थापित धारणा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा राज्य शंकालु हों तो बात समझ में आती है। लेकिन, लोकतांत्रिक संस्थानों वाले संवैधानिक गणराज्य में ऐसा क्यों? पिछले आम चुनाव में नरेंद्र मोदी की भारी जीत के बाद मैंने एक आलेख लिखा था कि चुनाव सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्रित भले रहें, लेकिन मोदी भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा राज्य में नहीं बदलने देंगे।
हम जानते हैं कि इसका पाकिस्तान पर क्या असर हुआ? यहां दो सवाल पैदा होते हैं: क्या बाहरी खतरे की आशंका से जूझ रहा देश राष्ट्रीय सुरक्षा राज्य में नहीं बदल जाता? दूसरा, क्या भारत कुछ ऐसा बनने जा रहा है, जो हमें अब तक मालूम नहीं? यानी राष्ट्रीय शंकालु राज्य?
यह कहना गलत होगा कि मोदी सरकार आलोचना और आलोचकों से नफरत करने के मामले में विशिष्ट है। दशकों से ऐसी सरकार तलाशना मुश्किल रहा है, जिसे आलोचना पसंद हो या जिसने आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया न की हो। इंदिरा गांधी ने उन्हें सीआईए के एजेंट, राजीव गांधी ने विदेशी हाथ, वाम दलों ने कॉरपोरेट दलाल तो आप और अन्ना आंदोलन ने आलोचकों को भ्रष्ट बताया। सोशल मीडिया के आने से आलोचकों को सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाने की प्रवृत्ति ने गति पकड़ी।
यह कहना भी गलत होगा कि सिर्फ इस सरकार ने ही राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (एनएसए) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (यूएपीए) अथवा विदेशी दान नियमन एक्ट (एफसीआरए) जैसे कानूनों का इस्तेमाल किया है। ये सभी कानून पूर्व में कांग्रेस सरकारों के दौर में बने और मजबूत हुए। इनका उपयोग-दुरुपयोग सबने किया।
यही बात निगरानी पर भी लागू होती है। मोदी सरकार निगरानी के क्षेत्र में जिस मशीनरी व तकनीक का इस्तेमाल कर रही है वह यूपीए की देन है। अमेरिका में 9/11 और भारत में 26/11 के हमलों के बाद विभिन्न एजेंसियों को ये अधिकार सौंपे गए। इनमें एनटीआरओ भी शामिल है।
उसी दौर में गृह व रक्षा मंत्रालय से इतर खुफिया ब्यूरो और रॉ को फोन टैपिंग का अधिकार दिया गया और वित्त मंत्रालय इसका प्रमुख केंद्र बना। राडिया टे�� याद करें। सार्वजनिक बहस में रहने वाले हम जैसे लोग इंदिरा गांधी के दौर से ही आलोचना के प्रति सरकार की असहिष्णुता झेलते आए हैं।
जनवरी 1984 में जब मैंने तमिल टाइगर्स के प्रशिक्षण शिविरों की खबर लिखी, तब सरकार बेहद नाराज हुई और इंडिया टुडे (जहां मैं उस समय काम करता था) को देश विरोधी पत्रिका करार दिया। एक वर्ष पहले जब मैंने इस पत्रिका में असम के नेल्ली नरसंहार की एक रपट लिखी थी, तब भी यही कहा गया था क्योंकि उस वक्त दिल्ली में निर्गुट शिखर बैठक चल रही थी।
मैंने सरकार, राजनीति और सार्वजनिक बहस में विभिन्न लोगों से पूछा कि क्या हालात तब से अलग हैं तो जवाब मिला कि पहले आपको पता होता था कि सत्ता प्रतिष्ठान में कौन कुछ समय के लिए आपसे बातचीत बंद कर देगा या फिर शायद शिकायत करेगा।
फिर सन 2010 के बाद का दौर आया जब अन्ना आंदोलन के समय सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जाने लगा। इसके बाद बहिष्कार और पहुंच रोकने की घटनाएं हुईं। परंतु यह चिंता तब भी नहीं थी कि सरकार आपके खिलाफ मुकदमे करेगी।
अब हालात बदल गए हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह से पूछिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना में कुछ बयान दिए और उन पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया गया। एक लोकतांत्रिक देश में ऐसे मामले में आप अदालत के सिवा कहा जाएंगे? अदालत अपना वक्त लेगी। एक तो इसलिए कि यह पूरी प्रक्रिया अपने आप में दंड है और दूसरा यह कि एक हद तक वे भी सब पर शक करने की मानसिकता से ग्रस्त हैं।
इसका परिणाम यह कि निर्दोष सिद्ध होने तक आप एक तरह से दंडित रहते हैं। देखिए कैसे सीबीआई द्वारा प्रमाण न होने की बात कहने के बावजूद इस बात पर जोर है कि अरुण शौरी पर वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के विनिवेश के मामले में भ्रष्टाचार का मुकदमा चले।
सब पर शक करो और सब को ठीक करो। यह सोच सत्ता प्रतिष्ठान के शीर्ष पर है और नीचे तक फैल रही है। यह केवल भाजपा तक सीमित नहीं है। यही कारण है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे अपने आलोचकों के खिलाफ हरसंभव कानून का प्रयोग कर रहे हैं।
आंध्र में वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी अपने पूर्ववर्तियों और न्यायपालिका के कुछ लोगों के खिलाफ कदम उठाते हैं और राजस्थान में अशोक गहलोत ने तो अपनी ह�� पार्टी के असंतुष्टों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगा दिया। लोग चिंतित हैं कि यह किसी के साथ भी हो सकता है। किसी को भी, कहीं भी, किसी भी मामले में फंसाया जा सकता है। यदि ऐसा हो गया तो न्याय पाने में आधी जिंदगी खप जाएगी।
आप में से शायद कुछ को राष्ट्रीय शंकालु देश वाली बात ज्यादा नाटकीय लगे। आप इसे राष्ट्रीय शंकालु समाज कह सकते हैं या शायद नहीं। मैं तो इसे बस बहस के लिए उछाल रहा हूं। (ये लेखक के अपने विचार हैं।)
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शेखर गुप्ता, एडिटर-इन-चीफ, ‘द प्रिन्ट’
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kisansatta · 5 years ago
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भारत 8वीं बार बना सुरक्षा परिषद् का अस्थाई सदस्य, पक्ष में पड़े 184 मत
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नई दिल्ली : भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्विरोध अस���थाई सदस्य चुन लिया गया है। अब भारत 2021-22 के लिए इस सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन गया है। बता दें कि यह 8 वीं बार है जब भारत UNSC के अस्थाई सदस्य लिए चुना गया है। भारत को इस चुनाव में 192 में से 184 वोट मिले। वहीं भारत की इस कामयाबी पर चिढ़े पाकिस्तान ने कहा कि सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की अस्थायी सदस्यता हमारे लिए चिंता की बात है।
क्या है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।
हर साल 5 अस्थाई सीटों के लिए होता है चुनाव
महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थाई सदस्यों का चुनाव करती है। ये 10 अस्थाई सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों और दो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं। परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
192 में से 184 वोट मिले
जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत नेतृत्व जारी रखेगा और एक बेहतर बहुपक्षीय व्यवस्था को नई दिशा देगा। भारत को 192 बैलट वोट्स में से 184 वोट मिले। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि भारत को साल 2021-22 के लिए UNSC का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। हमें भारी समर्थन मिला है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने जो विश्वास जताया है उससे विनम्र महसूस कर रहा हूं।
भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा | भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है | इसमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं | चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद तिरुमूति ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य ��े तौर पर चुना गया है | हमें भारी समर्थन हासिल हुआ और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भारत पर जो भरोसा जताया है उससे मैं अभीभूत हूं |
इससे पहले कब कब भारत ने दर्ज की जीत?
गौरतलब यह है की भारत ने सुरक्षा परिषद् के लिए सबसे पहले आजादी के बाद 1950 में अस्थाई सदस्य के रूप में जगह बनायीं थी | जिसके बाद भारत 8वीं बार सदस्य बना है | इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था | तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सोच’ और उनके प्रेरणादायी वैश्विक नेतृत्व खासकर कोविड-19 के दौर में, का साक्षी है | उन्होंने कहा, ‘भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर सुरक्षा परिषद का सदस्य बन रहा है और हमें विश्वास है कि कोविड संकटकाल में और कोविड के बाद की दुनिया में भारत बहुपक्षीय प्रणाली को नयी दिशा तथा नेतृत्व देगा |
भारत के अलावा आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ने भी बुधवार को हुए सुरक्षा परिषद चुनाव में जीत हासिल की | कनाडा चुनाव हार गया | बता दें की UNSC के सदस्य देशों ने 2021-22 के लिए भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर भारी समर्थन से चुना | भारत को 192 मतों में से 184 मत हासिल हुए | संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं |
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ashokgehlotofficial · 5 years ago
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राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह में संबोधन: मुझे खुशी है कि राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ऑफिस के उद्घाटन के अवसर पर मुझे आने का अवसर मिला। पहले भी मैं इस मंच पर कई बार यहां आ चुका हूं। तो मुझे अच्छा लगता है कि राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के जब कभी भी प्रोग्राम होते हैं तो छात्रों में छात्राओं में जो उत्साह देखने को मिलता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं और जब कभी भी आए हैं हम लोग तो देखा है, नौजवानों में छात्रों में कॉन्फिडेंस की झलक मिलती है। और आज अभी मेरे पूर्व वक्ताओं ने जो बातें कहीं आपको, एक तरफ तो रुचि गुप्ता जी ने कहीं देश के हालात के बारे में। आप सब लोग टीवी देखते हैं, रेडियो सुनते हैं, अखबार पढ़ते हैं। जो कुछ हो रहा है, इस बात का संतोष रहा कि पूरे देश के जो छात्र थे विश्वविद्यालय के और युवा थे, उन्होंने उन बातों को उठाया जिसके ऊपर निर्भर करता है, देश का भविष्य निर्भर करता है। और इसीलिए संविधान बचाने के लिए कई प्रदर्शन भी हुए, धरने दिए गए। अगर संविधान नहीं रहेगा, कानून का राज नहीं रहेगा तो आप सोच सकते हो क्या हो सकता है, ��ो अभी हो रहा है दिल्ली के अंदर। किस प्रका��� से जेएनयू के अंदर, जामिया मिलिया में, गार्गी कॉलेज के अंदर जो खबरें देखते हैं तो विश्वास नहीं होता है कि ऐसा भी होता है। कैंपस के अंदर नकाबपोश लोग घुस जाएं, गुंडागर्दी करें टीचर्स के साथ में छात्रों के बाद में और पुलिस के एस्कॉट में वापस आएं, ये सुनने में अजीब लगता है और विश्वास भी नहीं होता है। पर जिस प्रकार के हालात देश में आज हैं, मैं समझता हूं कि छात्रों को युवाओं को और सोशल मीडिया हमारे देखते हैं हम लोग, मोबाइल हाथ में है सबके। ये राजीव गांधी की देन थी, जब वे प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने देश को 21st सेंचुरी में ले जाने की बात कही थी और आज इसीलिए हम देखते हैं किस प्रकार से गांव-गांव में खेतों में आज मोबाइल पहुंच गए हैं, पूरे देश-दुनिया से हम आज जुड़ गए हैं। तो आप लोग भी एक सपना देखो कि आगे फ्यूचर आपका क्या बने, क्या बनना चाहिए और कैसे माहौल में बनना चाहिए। पूरे मुल्क के बड़े-बड़े इकोनॉमिस्ट्स कहते हैं, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी ने भी वो बात कही कि बिना सामाजिक सौहार्द्र के किसी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं बन सकती है और बिना अर्थव्यवस्था मजबूत हुए किसी देश का कल्याण नहीं हो सकता है। ना निवेश आ सकता है डॉमेस्टिक या विदेश का, ना एक्सपोर्ट की स्थिति बन सकती है, ना पर्चेजिंग पॉवर बढ़ सकती है, ना रोजगार मिल सकता है। अभी आपने देखा कि, पढ़ते होंगे आप लोग, किस प्रकार रोजगार मिल नहीं रहे हैं लोगों को रोजगार समाप्त हो रहे हैं। ये चिंता का विषय बना हुआ है। छात्रों की भूमिका क्या हो राजनीति में कई बार यह डिस्कस होता रहता है, सालों से, जब मैंने राजनीति शुरु करी एनएसयूआई के माध्यम से, तब से मैं देखता हूं कि छात्रों को राजनीति में भाग लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए, यह बहस चलती रहती है। और राजनीति क्या है, राजनीति भी सेवा का माध्यम है। आप सोशल वर्क करो, गरीब और किसान की हेल्प करो। अन्याय, अत्याचार, उत्पीड़न हो रहा है उसके लिए आप उठ खड़े हो, वो भी राजनीति है। राजनीति एक माध्यम है सेवा करने का। और जिंदगी के अंदर अगर आप अच्छे सोशल वर्कर हैं तो अच्छी राजनीति कर सकते हैं। इसलिए आज जो कुछ भी होता है देश के अंदर, प्रदेश के अंदर उस पर आपकी निगाह रहनी चाहिए। आपके विचार बनने चाहिए कि क्या हो रहा है। अच्छा काम हो रहा है तो एप्रिसिएशन मिलता है, गलत काम हो रहा है, चाहे सरकार हमारी ही क्यों नहीं हो, कोई भी सरकार हो किसी भी पार्टी की पर हमेशा छात्र जीवन में एक, जैसे हम कहते हैं खेल के मैदान में जब उतरता है कोई खिलाड़ी तो मैं किसी जमाने में ��ेंद्र में मंत्री रहा था खेल का भी रहा था, टूरिज्म का भी रहा था, सिविए एविएशन का रहा था, मुझे मालूम है पर जब मैं खेल मंत्री बना तब मुझे मालूम है कि नौजवान जब खेल के मैदान में जाता है तब तत्काल निर्णय करने की क्षमता पैदा होती है, दूरदृष्टि पैदा होती है, अनुशासन सीखता है और वो जीवनभर उसके साथ चलता है। उसी प्रकार आप छात्र जीवन के अंदर जो गतिविधियां करते हैं चाहे वो खेल की हों, चाहे वो सांस्कृतिक हों, चाहे वो कोई गतिविधि हो उसका लाभ जिंदगीभर आपके साथ चलता है। चाहे आप किसी भी फील्ड में जाओ, अपना प्रोफेशन अपनाओ नौकरी में, इंडस्ट्रियलिस्ट बनो, सोशल वर्कर बनो, पॉलिटीशियन बनो तो जिंदगी में जो हमने विश्वविद्यालय में जो सीखा है, वो काम आता है। मुझे विश्वास है कि, चुनाव छात्रसंघ के होते हैं, पहले बंद कर दिए गए थे। पिछली बार मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना था तब मैंने वापस शुरु किए थे चुनाव और मेरा मानना है कि चुनाव होते रहने चाहिए छात्रसंघ के चुनाव। और मुझे खुशी है कि आपने जो कमाल किया जैसे कि रुचि गुप्ता जी कह रही थीं, एक एससी की एक आपने अपने साथी को चुना है, आप लोग साधुवाद के पात्र हैं, धन्यवाद के पात्र हैं। ये कोई मामूली बात नहीं है, जिस देश में परंपरा से, संस्कार से, संस्कृति से आप देख रहे हो कि कितना बड़ा कलंक है मानवता पर, जब हम छूत-अछूत की बात करते हैं, गांवों में देखते हैं तो देखते हैं कि कितना बड़ा भेदभाव होता है। आरक्षण ऐसे ही नहीं दिया गया, हमारे उन महान नेताओं ने जो आज हमारे बीच नहीं रहे। गांधीजी के सानिध्य के अंदर जब पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, किस प्रकार से उस वक्त सोचा गया जब डॉ. अंबेडकर ने संविधान बनाया। इतना बड़ा गैप है, अगर इस गैप को नहीं भरेंगे तो इस मुल्क में जहां अलग-अलग जातियां हैं, धर्म हैं, वर्ग हैं उनमें कभी शांति, सद्भाव, सौहार्द्र पैदा हो ही नहीं पाएगा। यही सोचकर के इस आरक्षण की शुरुआत हुई। अब तो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी आर्थिक रूप से आरक्षण मिलने लग गया है। और हमने उनके लिए भी किया कि जो हर्डल्स थीं उनके लिए, तमाम हर्डल्स खत्म करके सिर्फ आय जो है 8 लाख उसको रखा हमने क्राइटेरिया और उसका पूरा वेलकम हुआ पूरा राजस्थानभर के अंदर वेलकम हुआ। इस प्रकार से मैं कहना चाहूंगा आपको कि आपकी नज़र रहनी चाहिए और उसी से आपका व्यक्तित्व बनेगा और आपका व्यक्तित्व देश की पूंजी होगी। आज मानव संसाधन के रूप में आप बैठे हुए हैं, आने वाला कल आपका है। आज की घटनाएं या जो घटनाएं घटित हो चुकी हैं, देश का इतिहास बन चुका है, 70 साल हो गए देश को आजादी के। जब मुल्क आजाद हुआ तब बि��ली नहीं बनती थी। बिजली होती क्या है लोग समझते नहीं थे। आप कल्पना करें आप जो छात्र लोग हैं, बिजली को लोग जानते नहीं बिजली क्या होती है, वहां से शुरुआत करी थी इस मुल्क ने आजादी के वक्त में। सुई भी बाहर से आती थी मुल्कों से आज क्या नहीं है देश के अंदर विज्ञान में, तकनीकी के अंदर, उपग्रह छोड़े जा रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने ठीक कहा कि छात्रों को, नौजवानों को सपना देखना सीखना चाहिए, तब जाकर के हम लोग एक जज़्बा पैदा होगा कुछ करने का। कीर्तिमान स्थापित करने का जैसा कि आपके वीसी साहब बता रहे थे अभी रेड्डी ने रिसर्च किया स्टार्टअप के माध्यम से, तो तमाम स्थितियां बनाना आपके हाथ में है। हमारी सरकार ने अभी कई फैसले किए हैं, ये वो समय नहीं है कि मैं आपको उनके बारे में बताऊं, आप लोग तो पढ़ते होंगे अखबार के अंदर, उद्यमियों के लिए किए हैं, छात्रों के लिए भी किए हैं, स्पोर्ट्स के लिए किए हैं, खिलाड़ियों को हमने बहुत बड़ा जंप दिया है और राज्य स्तर के खेल प्रारंभ किए हैं हमने पहली बार आजादी के बाद में राजस्थान के अंदर, राज्यस्तर के गेम्स शुरु हो गए हैं, जिसको और मजबूत करेंगे आने वाले वक्त के अंदर। खिलाड़ियों को वजीफा बढ़ा दिया है, कई फैसले हमने किए हैं। मैं चाहूंगा कि सरकार जैसा कि अभी बता रहे थे वीसी साहब काफी आपके निर्णय हुए हैं, भारत सरकार ने भी किए हैं, राजस्थान सरकार ने भी किए हैं। हम सब मिलकर के कैसे विश्वविद्यालय की एक जो प्रतिष्ठा है, राजस्थान विश्वविद्यालय का नाम कम नहीं है। देश के अंदर जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय की एक अलग छवि है। वो प्रतिष्ठा बनाए रखना आपके हाथ में है। आपका पूरा परिवार उस रूप में आपस में भाईचारा प्रेमभाव रखे और जिसकी झलक आप देखते हो बार-बार। पिछली बार भी आपने हमारे दलित साथी को कामयाब किया अध्यक्ष के रूप में ये कोई कम बात नहीं है। मैं बार-बार कहूंगा कि इससे विश्वविद्यालय के बारे में एक अलग मैसेज गया कि एक ऐसा विश्वविद्यालय भी है जहां पर सारे जाति और धर्म और जिसके लिए हम कहते हैं कि सर्वधर्म समभाव की भावना होनी चाहिए, धर्मनिरपेक्षता की भावना होनी चाहिए, उसका जीता-जागता उदाहरण राजस्थान विश्वविद्यालय है, ये मैं आपको कह सकता हूं। और जो आवश्य है जिंदगी के अंदर, आवश्यक है। हमारे संविधान की मूल भावना ही धर्मनिरपेक्षता की रही ह���, सर्वधर्म समभाव की रही है कि सभी जाति सभी धर्म के लोग मिलकर चलें। तभी ये मुल्क 70 साल के बाद में भी एक व अखंड है। रशिया जैसा मुल्क, अमेरिका के बराबर का मुल्क था वो हमारा खास दोस्त वो था देश के अंदर। जब बांग्लादेश बना, पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए, इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, आधा बेड़ा भेजा इस अमेरिका ने हमारे खिलाफ में, उसकी परवाह नहीं करी क्योंकि रशिया हमारा मित्र था, 16 टुकड़े हो गए उस मुल्क के, 16 देश बन गए आप कल्पना करो। और हिंदुस्तान के अंदर कितनी जातियां, कितने धर्म, कितनी भाषाएं बोलने ��ाले लोग हैं, तमिल, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, क्या लिखा हुआ है देखते ही नहीं हैं, समझ ही नहीं पाते हैं कोई व्यक्ति, अलग-अलग धर्म हैं यहां पर तब भी 70 साल के बाद में भी हमारी दुनिया में प्रतिष्ठा इसलिए है कि ये मुल्क विभिन्न धर्मों का, विभिन्न जातियों का, विभिन्न क्षेत्रों का, भाषाओं का, वर्गों का होने के बावजूद भी ये मुल्क एक रहा है अखंड रहा है, ये बहुत बड़ी बात है और लोकतंत्र कायम रहा है। लोकतंत्र कायम रहा है, हिंदुस्तान और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे एक ही दिन में बंदूकों का राज बार-बार पाकिस्तान के अंदर, सैनिकों का शासन, प्रधानमंत्री को जेल, उनको फांसी के फंदे पर लटका दिया भुट्टो को। कितनी बड़ी, सोच सकते हो कि हिंदुस्तान पाकिस्तान में कितना बड़ा अंतर है। और 70 साल का सफ़र तय करते-करते हम आज यहां तक पहुंचे हैं फिर भी हमें सुनना पड़ता है, 70 साल में क्या किया। उसको भी हम लोग बर्दाश्त करते हैं क्योंकि लोकतंत्र है, किसी को कुछ भी कहने का अधिकार होता है और इसीलिए आज लड़ाई चल रही है कि आप धर्म के नाम पर लोकतंत्र में, देश के अंदर संविधान सर्वोपरि है, उसकी धज्जियां मत उड़ाओ। धर्म के नाम पर आप भेदभाव मत करो कानून बनाकर के। इसके दूरगामी परिणाम होंगे कि जो आप देख रहे हो कि पूरे देश के राज्यों के अंदर कितने धरने चल रहे हैं। हमारे पास पूरी खबरें नहीं आती हैं। राजस्थान में 400 धरने हो चुके हैं आज तक 400 धरने हो चुके हैं। सोच सकते हो कितनी आग लगी हुई है दिल में लोगों के चाहे वो हिंदू हो चाहे मुस्लिम हो चाहे कोई वर्ग का हो कि कम से कम संविधान से छेड़छाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं होना चाहिए। भय का माहौल नहीं होना चाहिए, अविश्वास का माहौल नहीं होना चाहिए, आज देश के अंदर भय का, अविश्वास का, चिंता का माहौल बन गया है, क्यों बन गया है ? इसलिए मैं समझता हूं कि कई बातें मेरे पूर्व वक्ताओं ने कह दी हैं, मैं वापस रिपीट नहीं करना चाहता पर कैसे हम सब मिलकर के राजस्थान के विकास में, राजस्थान के सोच में, आपके कुछ सुझाव होंगे हम वेलकम करेंगे और जो आपके विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी की बात है या मुझे बताया गया है कि लाइब्रेरी बन रही है आपके यहां, रिसर्च का बड़ा काम शुरु हो रहा है, वीसी साहब बता रहे थे अभी, इन्क्यूबेटर के लिए स्वीकृतियां आ गई हैं। काफी काम आप लोगों ने हाथ में लिए हुए हैं और पानी के लिए मुझे पिछली बार कहा था, मैं माफी चाहता हूं कि मेरे कहने के बाद में किसी ने ध्यान दिया नहीं और अभी जब मुझे मालूम पड़ा कि मुझे जाना है विश्वविद्यालय तो मैंने खुद ने याद दिलाया कि उस पानी का क्या हुआ। मालूम पड़ा अभी स्वीकृति निकली ही नहीं है। तो मैंने कहा कि मैं तभी जाऊंगा जब स्वीकृति निकलेगी। तो मुझे खुशी है कि स्वीकृति निकल चुकी है 15-16 करोड़ की और बीसलपुर का पानी जल्द ही आपको विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर मिलेगा। काम भी हम चाहेंगे कि टेंडर होन��� के बाद में जल्द ही उसको पूरा करवाएं और आप जल्द ही उसका लाभ उठा सकें। आप निश्चिंत रहें सरकार की तरफ से राजस्थान विश्वविद्यालय और जितने हमारे शिक्षण संस्थाएं राजस्थान के अंदर हैं, उच्च शिक्षा मंत्री बैठे हुए हैं बहुत ही डायनेमिक हैं, काम में लगे हुए हैं, मैं चाहूंगा कि राजस्थान के अंदर, अब वो राजस्थान नहीं रहा जो 70 साल पहले था। अब तो आईआईटी यहां पर है, आईआईएम उदयपुर में है, ट्रिपल आई टी कोटा में, ट्रिपल आईटी आपके जयपुर में भी प्राइवेट सेक्टर में आ चुकी थी, एम्स आ गए जोधपुर के अंदर, लॉ यूनिवर्सिटी आ गई जोधपुर के अंदर, आयुर्वेद का विश्वविद्यालय है, जाल बिछ गया है विश्वविद्यालयों का, स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय हमने खोला था, सरकार बदल गई तो वो रुक गया मामला, डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी थी, वो रुक गई थी, हरिदेव जोशी के नाम से पत्रकारिता का विश्वविद्यालय था वो रुक गया था, वो वापस शुरु करवाया हम लोगों ने। अभी मैंने करीब 50 कॉलेजेज एक साथ में खोले हैं 50 कॉलेजेज खोले हैं। आप सोच सकते हो सरकार की मंशा क्या है। सरकार की मंशा है कि राजस्थान के अंदर और प्राइवेट सेक्टरों को अलाऊ मैंने किया था पिछली बार, पहली बार मैं सीएम बना 20 साल पहले तब हम लोगों ने, पहले हमारे बच्चे जाते थे कोई पुणे, कोई महाराष्ट्र, कोई बॉम्बे, कर्नाटक, हमने शुरु किया उसके बाद में आज इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सब तरह के कॉलेजेज विश्वविद्यालय राजस्थान में प्राइवेट सेक्टर में आने लग गए, अच्छे से अच्छे आने लग गए। तो मैं चाहूंगा कि राजस्थान में शिक्षा का माहौल उच्च स्तर का बने, यहां के छात्रों को रिसर्च करने की सुविधाएं मिलें, अच्छी से अच्छी रिसर्च यहां पर हो उसकी शुरुआत इस विश्वविद्यालय ने करी है, मुझे इस बात की खुशी है। इस प्रकार से राजस्थान के विश्वविद्यालय के पढ़े हुए बच्चे जो हैं छात्र-छात्राएं राजस्थान के बाहर भी जाएं तो लगे कि राजस्थान के अगर कॉलेजेज के विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं हैं पढ़कर आए हैं तो उनका एक अलग से प्रतिष्ठा है, उनकी क्रेडिबिलिटी है और उनकी शिक्षा का स्तर ऊंचा है तब जाकर के आपको प्राइवेट सेक्टर में भी वेलकम करेंगे, ये मैं सोचता हूं कि हम सबकी भावना होनी चाहिए उसमें आपको राजस्थान गवर्नमेंट पूरी तरह कॉलेजेज विश्वविद्यालय को आगे बढ़ावा देने के लिए हम कमी नहीं रखेंगे, यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं और एक बार पुनः पूजा वर्मा को तमाम इनकी टीम को जो चुनाव जीतकर आते हैं। चुनाव तो जब होते हैं तो अलग-अलग पार्टियों के लोग भी होते हैं, लड़ते भी हैं। चुनाव जीतने के बाद में हम मिलकर काम कैसे करें, विश्वविद्यालय के छात्रों की समस्याओं को लेकर हों या छात्रों की समस्याओं के अलावा विश्वविद्यालय के या फैकल्टी के या कॉलेजेज के कोई विकास की बात हो, कोई सुझाव अच्छे हों, उसमें आप सबकी भागीदारी हो, मैं चाहूंगा इस प्रकार से हम लोग सोच रखें अपनी और सब मिलकर काम करें यही अपनी भावना होनी चाहिए यही बात कहता हुआ मैं एकबार पुनः आपको बधाई दूंगा कि आपने पूजा वर्मा को कामयाब किया, धन्यवाद, जय हिंद।
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aajkitaazakhabar-blog · 6 years ago
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पाक सरकार के साथ काम के मौके तलाशेगा अमेरिका, आम चुनाव में पाक सेना की भूमिका पर जताई चिंता
पाक सरकार के साथ काम के मौके तलाशेगा अमेरिका, आम चुनाव में पाक सेना की भूमिका पर जताई चिंता
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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पाकिस्तानी एंकर पीएम मोदी के भाषण में अभिनंदन शब्द को समझ बैठा विंग कमांडर अभिनंदन, खूब उड़ रहा मजाक
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चैतन्य भारत न्यूज इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के बाद पीएम मोदी के भाषण का है। लेकिन इस वीडियो के वायरल होने की वजह प्रधानमंत्री का भाषा नहीं बल्कि कुछ और ही है। दरअसल, पीएम मोदी ने अपने भाषण में कई बार अभिनंदन शब्द का इस्तेमाल किया था। इस शब्द का अर्थ एक पाकिस्तानी न्यूज एंकर ने गलत समझ लिया था। एंकर ने पीएम मोदी के विजयी भाषण में इस्तेमाल किए अभिनंदन शब्द को विंग कमांडर अभिनंदन समझ लिया। बस फिर क्या लोगों ने एंकर का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। ये वीडियो पाकिस्तान के ARY News चैनल का है। इस शब्द को लेकर न्यूज एंकर ने गलत मतलब निकाल लिया और अर्थ का अनर्थ कर दिया। Dear @ARYNEWSOFFICIAL, Hindi word 'Abhinandan' means congratulations or to greet. So 'Abhinandan' always won't mean Wing Commander Abhinandan. If nothing else, look at the context of Modi's speech. Sensationalise karne k liyay bhi aqal chaiye.. pic.twitter.com/pgwcpOucla — Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) May 25, 2019 वीडियो में देखा जा सकता है एंकर कहता है कि, 'पीएम नरेंद्र मोदी जीतने के बाद भी अभिनंदन को नहीं भूले हैं। पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार किए गए पायलट अभिनंदन को मोदी हीरो की तरह पेश कर रहे हैं। मोदी पहले भी अपने भाषणों में अभिनंदन को बार-बार हीरो की तरह पेश करते रहे हैं।' सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर कर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है। एक ट्वीटर यूजर ने कमेंट कर ARY News को बताया भी है कि, 'हिंदी शब्द अभिनंदन का मतलब बधाई होता है या अभिवादन करना होता है। अभिनंदन शब्द का मतलब हमेशा विंग कमांडर अभिनंदन नहीं होता है। अगर नहीं समझे तो मोदी के भाषण का संदर्भ ही समझ लीजिए। सनसनीखेज करने के लिए भी अक्ल चाहिए।' Read the full article
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smarthulchal · 6 years ago
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केन्द्र में मजबूर नही मजबूत सरकार के लिए मोदी को चुने – खण्ड़ेलवाल गेंदलिया । (राधेश्याम बांगड़ )  भाजपा की सरकार में स्वीकृत हुए विकास कार्यो को कांग्रेस की गहलोत सरकार ने बन्द कर दिए जिससे राज्य में विकास कार्य ठप्प हो गए है आज आमजन परेशान है यह बात माण्ड़लगढ़ विधायक गोपाल खण्ड़ेलवाल ने उदलियास माफी गॉव की कंजर बस्ती में 35 लाख रूपए से नव निर्मीत प्राथमिक विद्यालय भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में ग्रामीणो को सबोन्धित करते हुए कही । खण्ड़ेलवाल ने कहा कि भाजपा के शासन में विकास कार्य तेजी से हुए इसी का परिणाम है कि आज 20 घरो की बस्ती पर विद्यालय भवन बना है जिसमें बच्चो को सारी सुविधाए उपलब्ध है । इतना ही नही ऋण माफी के नाम पर जीत कर आई कांग्रेस आज कास्तकारो के लिए मुसीबत बन गई । खण्ड़ेलवाल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहॉ कि केन्द्र में भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दुनिया के सिरमोर बने हुए पुलवामा की घटना के बाद मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाया है इसके चलते पाकिस्तान घुटनो के बल रेगता दिखाई दे रहा है खण्ड़ेलवाल ने आने वाले लोकसभा चुनाव में फिर से मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा को वोट करने देने की अपील उपस्थित ग्रामीणो से की । इससे पूर्व कार्यक्रम में पुलवामा में शहीद हुए सैनिको को दो मिनट मौन रख श्रद्धाजंली दी गई । समारोह में भाजपा जिला उपाध्यक्ष सत्यनारायण उपाध्याय , मांड़लगढ प्रधान घनश्याम कॅवर , नंदराय मण्ड़ल अध्यक्ष सुरेश पारासर व नगर पालिका अध्यक्ष नंदनी साहू ने भी विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम में आगुन्तक अतिथियो का माल्यापर्ण कर साफा व शाल पहनाकर सम्मान किया गया । इस मौके पर राम सिंह जोशी, कोटड़ी ब्लाक शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ,बडलियास थानाधिकारी सुरेश सोनी राजेन्द्र पारीक , कैलाश शर्मा , सहित कई जनप्रतिनीधी मौजूद थे । कार्यक्रम का संचालन सूठेपा के पूर्व सरपंच रमेश शर्मा ने किया । समारोह में नही आए जिला प्रमुख हाड़ा :- लोकापर्ण पटिका पर जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा का नाम भी अंकित था लेकिन समारोह में वे नही आए जिसको लेकर कार्यकर्ताओ में चर्चा का विषय रहा । सिंह भाजपा शासन में काफी सक्रिय थे लेकिन इन दिनो कार्यकर्ताओ के फोन रिसीव करना भी बन्द कर दिया और क्ष���त्र में भी नही आ रहे है ।
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viralnewsofindia · 6 years ago
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पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी मोदी सरकार ने ही किया है-जे.पी. नड्डा लखनऊ 16 जनवरी 2019, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव प्रभारी एवं केन्द्रीय स्वास्स्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए अंत्योदय के लक्ष्य के साथ पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में सर्वसमाज के विकास का बीड़ा उठाया है. मोदी सरकार ने देश के गाँव, गरीब, किसान, दलित, शोषित, पीड़ित एवं वंचितों के विकास के लिए 129 से अधिक लोक-कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है. आज देश के हर क्षेत्र का एक समान विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के शासनकाल में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा जबकि हमसे पहले की कांग्रेस सरकारों ने देश को भ्रष्टाचार के अंधेरे में धकेल दिया था। अंतरिक्ष से लेकर पाताल तक कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस सरकार ने 12 लाख करोड़ के घपले-घोटाले किये. नेशनल हेराल्ड क��� मामला हो, ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाला हो, कॉमनवेल्थ घोटाला हो, कोयला घोटाला हो या फिर अन्य घोटाले, कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का एक परिवार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी दोनों 5,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड में जेल से बेल पर चल रहे हैं। ऑगस्टा वेस्टलैंड मामले में आरोपी एक बिचैलिए राजदार क्रिश्चियन मिशेल को भारत प्रत्यर्पित कर लाया गया है जिससे हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि उसके तार कांग्रेस के समय लड़ाकू विमान की डील से भी जुड़े हुए हैं. अपनी पोल खुल जाने के डर से कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी अपशब्दों की राजनीति करने लगे हैं लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश का चैकीदार देश को लूटने वालों को छोड़ेगा नहीं. मोदी सरकार भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी और निर्णायक सरकार है और यही बात राहुल गाँधी को हजम नहीं हो रही, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राफेल पर झूठा राग अलाप रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट निर्णय दिया है कि इसमें कोई अनियमितता नहीं है. साथ ही, रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने भी संसद में कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी के हर एक झूठ की पोल खोल कर रख दी। श्री नड्डा ने कहा कि 2019 की शुरुआत में ही मोदी सरकार ने दो ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए हैं जो देश के करोड़ों ��ुवाओं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों व छोटे व्यापारियों के निर्णायक एवं लाभदायी सिद्ध होंगे. मोदी सरकार ने 124वां संविधान संशोधन करके सामान्य वर्ग के करोड़ों गरीब युवाओं के 10ः आरक्षण देकर स्वप्न को साकार किया है. साथ ही, 40 लाख टर्नओवर करने वाले छोटे उद्यमों, दुकानों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दायरे से बाहर करने का निर्णय लेकर छोटे व्यापारियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बड़ी राहत दी है. इतना ही नहीं, एक करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाले उद्योगों को अब केवल 1ः जीएसटी देनी होगी, यह अपने आप में एक बहुत बड़ा कदम है. मोदी सरकार ने स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करते हुए किसानों को फसल पर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया. आयुष्मान भारत योजना से देश के 50 करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है. मोदी सरकार के पांच साल के ही सुशासन में 31 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक अकाउंट खोले गए, 6 करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये गए, लगभग 9 करोड़ शौचालय का निर्माण किया गया, ढ़ाई करोड़ घर बनाए गए, देश के 95ः घरों में बिजली उपलब्ध कराई गई, 13 करोड़ से अधिक लोगों को मुद्रा योजना के तहत स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गए और 13 करोड़ बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय लोन लेने के दो तरीके थे। एक था कॉमन प्रोसेस और दूसरा कांग्रेस प्रोसेस। कॉमन प्रोसेस में आप बैंक से लोन मांगते थे और कांग्रेस प्रोसेस में बैंकों को कांग्रेस के घोटालेबाज मित्रों को लोन देने के लिए मजबूर किया जाता था। आजादी से लेकर 2008 तक 60 सालों में बैंकों ने मात्र 18 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया था लेकिन 2008 से 2014 तक ये आंकड़ा बढ़कर 52 लाख करोड़ हो गया अर्थात् कांग्रेस ने अपनी सरकार के आखिरी 6 साल में 34 लाख करोड़ के लोन दिए गए। हमने कांग्रेस प्रोसेस वाली लोन व्यवस्था पर लगाम लगाई है। इसका परिणाम है कि मोदी सरकार में अब तक तीन लाख करोड़ रुपया वापिस लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का गठबंधन एक ढकोसला मात्र है क्योंकि यह स्वार्थ सिद्धि के लिए किया गया है. एक ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के प्रति समर्पित भाजपा सरकार है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और उसके सहयोगियों की अस्तित्व को बचाने का गठबंधन जिसके पास न नेता है, न नीति है और न ही कोई सिद्धांत. 2014 में भी इस गठबंधन के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने विजय हासिल की थी, हम 2019 में भी जीत हासिल करेंगे. एक-दूसरे के विरोध की राजनीति करने वाले आज एक साथ आने पर मजबूर हुए हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि गठबंधन के सभी दल यह मान चुके हैं कि वे अकेले भारतीय जनता पार्टी को हरा नहीं सकते. यह हमारे नेतृत्व की ताकत है. तथाकथित महागठबंधन ‘मजबूरश् सरकार चाहती है ताकि फिर से भ्रष्टाचार कर देश को लूटा जा सके जबकि देश की जनता और भारतीय जनता पार्टी मजबूत सरकार चाहती है ताकि देश से भ्रष्टाचार समाप्त कर विकास की धारा बहाई जा सके. वे मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि रक्षा सौदों में दलाली खाई जा सके जबकि हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि देश की सेना की हर जरूरत को पूरा किया जा सके। वे मजबूर सरकार चाहते है ताकि किसानों की कर्जमाफी में भी घोटाला कर सकें, हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि देश के किसानों की आय को दुगुना करते हुए उन्हें सशक्त बना सकें। वे मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि अंतरिक्ष में घोटाला किया जा सके, हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि हम गगनयान प्रक्षेपित कर सकें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद, नक्सलवाद और माओवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी है और इनका खात्मा करने के लिए कारगर कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन सरकार की तुलना में आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने में 218ः की वृद्धि हुई है। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवादियों को उसी की भाषा में जवाब दिया गया है और इस एक निर्णय से दुनिया का भारत को देखने के नजरिये में बदलाव आया है। हमने एनआरसी बनाने की शुरुआत की लेकिन राहुल गाँधी को देश की सुरक्षा और अपने नागरिकों के मानवाधिकार की बजाय अवैध घुसपैठियों के मानवाधिकार की चिंता है. फिर से केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद एक-एक अवैध घुसपैठिये को बाहर किया जाएगा. मोदी सरकार ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आये हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारतवर्ष के मान-सम्मान में वृद्धि हुई है। दाभोस में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उद्घाटन भाषण, पेरिस जलवायु समझौते में भारत की अग्रणी भूमिका रही. संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री जी का संबोधन और अमेरिकी संसद में श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का उद्बोधन भारत की बदलती दास्तां बयां करता है। अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल जैसे कई देशों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से विभूषित किया है। प्रधानमंत्री जी के एक आह्वान पर पूरे विश्व ने समवेत स्वर में योग को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को संयुक्त राष्ट्र ने ‘चैम्पियन ऑफ अर्थ’ अवार्ड से सम्मानित किया. प्रयागराज में हो रहे कुंभ को विश्व धरोहर घोषित किया है। उन्होंने कहा कि बीमारू प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज विकास के हर पैमाने पर देश के अग्रणी राज्यों में एक बना हुआ है। यह केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के ��ुशल नेतृत्व और सबका साथ-सबका विकास की नीति का परिणाम है कि हमारे विकास कार्यों से विपक्षी परेशान हो रहे हैं। प्रदेश की जनता को हमारे काम जमीन पर दिखाई दे रहे हैं, इसी से विपक्षी दलों में बौखलाहट है। 15 साल की अवधि में सपा व बसपा की सरकारों ने जितना काम नहीं किया, उससे ज्यादा काम हम 21 माह के कार्यकाल में कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 21 माह के भीतर राज्य सरकार ने 1.20 लाख मजरों के सभी इच्छुक 94 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया है। पहले कनेक्शन देने की यह रफ्तार केवल 6.5 लाख कनेक्शन प्रत�� वर्ष ही थी। केवल यही नहीं प्रदेश में 97 लाख परिवारों को उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन, 1.90 करोड़ घरों को शौचालय और 18 लाख परिवारों को पक्की छत मुहैया कराई जा चुकी है। शहरों-गावों में आधारभूत ढांचे के विकास और कानून व्यवस्था में सुधार का ही परिणाम है कि यूपी में निवेशक भी आ रहे हैं और निवेश भी हो रहा है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर समझौता हुआ। इसमें से 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर जमीन पर काम भी शुरू हो चुका है। केन्द्र सरकार की योजनाओं से प्रदेश के 3 करोड़ परिवारों को सीधे लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने डेढ़ गुना एमएसपी की नीति लागू की। कम खर्च पर अधिक उत्पादन की नीति पर राज्य सरकार काम कर रही है। प्रदेश में गेहूं और धान की खरीद का रिकॉर्ड भी बना और किसानों के बैंक खाते में 72 घंटे में उपज का दाम भी पहुंच रहा है। गन्ना किसानों के 44 हजार करोड़ रुपए के बकाया का राज्य सरकार ने रिकॉर्ड समय में भुगतान किया है। हमारे विकास कार्यों से विपक्षियों में बेचैनी है। इसी कारण उन सभी में बौखलाहट दिख रही है। जमीन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी का काम दिख रहा है। इस कारण विपक्षियों की रातों की नींद उड़ी हुई है। जिन्होंने देश और प्रदेश को लूटा, वह एकजुट हो रहे हैं। इन सभी के 15 सालों का काला इतिहास प्रदेश की जनता जानती है। उन्होंने कहा कि गरीब व विकास विरोधी लोगों के गठबंधन का जवाब प्रदेश की जनता देगी। वह परिवार इसका जवाब देगा जो आजादी के बाद से अब तक अंधेरे में रहा और अब सौभाग्य योजना से जिसके घर में रोशनी पहुंची है, वह मां इसका जवाब देगी जिसका जीवन रसोई के धुएं में बीता और मोदी सरकार में जिसे गैस का कनेक्शन मिला, वह मां-बहने इसका जवाब देंगी जो आजादी के वर्षों बाद भी इनकी वजह से खुले में शौच जाने को मजबूर रहीं और अब स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय पाकर खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त हुई हैं, वह गरीब परिवार इसका जवाब देगा जिसके स्वास्थ्य व समृद्धि का हक तथाकथित गठबंधन के लोगों ने छीन रखा था और जिसे आयुष्मान भारत योजना से सालाना 5 लाख रुपए के निःशुल्क इलाज का हक मिला है। भाजपा सरकार में ईमानदार व्यक्ति सुकून में है व हमारे काम से खुश है। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में संलिप्त अपराधियों, खनन व भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाली एवं जनता को लूटने वाली सपा, बसपा व कांग्रेस परेशान हैं, उनकी नींद हराम है क्योंकि जमीन पर भाजपा का काम बोल रहा है।
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jmyusuf · 5 years ago
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पैटर्न समझिये :
तारीख : 8 नवम्बर 2016
फैसला : नोटबंदी
प्लानिंग : शून्य। किसी मंत्री को छोड़िये RBI अधिकारीयों को भी जानकारी नहीं थी इस लिए वो ATM मशीनों में छोटे नये नोट निका��ने का बंदोबस्त नहीं कर पाए।
नियत: भाजपा नेता की बेटी की एयरपोर्ट पर 2000 के नये नोटों की पैकेट वाली फोटो वाइरल हुईं (मतलब कुछ को पहले से खबर थी)।
भाजपा को फायदा : जय शाह की कम्पनी ने करोड़ों बनाये। रिलायंस जिओ में पैसा खपा और वो बढ़ गया। बाबा रामदेव के ट्रस्ट में अकूत चंदा आया जिन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया। भाजपा का 700 करोड़ का हेडक्वाटर औरर लगभग हर जिले में आलीशान कार्यालय बन गया। भाजपा दुनियां की अमीर पार्टी बन गयी।
अर्थव्यवस्था : खुदरा व्यापार गिरा, रियल एस्टेट्स सेक्टर डूब गया, कई कम्पनियाँ कंगाल हो गयी, सूरत का कपड़ा उद्योग, बर्तन उद्योग, चूड़ी -क्रॉकरी उद्योग एकदम डूब गए। कई कारोबारी देश छोड़ गए, देश का NPA 5 गुना बढ़ गया। 50 लाख नौकरियां गयीं। वर्ल्ड बैंक ने अर्थवयवस्था को सालों पीछे धकेलने का अनुमान दिया।
मीडिया वर्जन : मीडिया पूरे पैनिक के दौरान बताता रहा कि नये नोट में नेनो चिप लगा है। आतंकवाद, काले धन, टेरर फंडिंग कम होने के फ़र्ज़ी लॉजिक जो बाद में पता चला कि सब कोरा झूठ थे। जनता को सिर्फ गुमराह किया गया।
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तारीख : 25 मार्च 2020
फैसला : देशव्यापी लॉकडाउन
प्लानिंग : शून्य। देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री को छोड़िये ICMR या रेजिडेंट डॉक्टर्स की एसोसिएशन, PPE किट या मास्क सेनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों के संगठन से भी सलाह नहीं ली गयी कि हमारे पास कितने रिसोर्स हैँ। मजदूर संघो, रिक्शा संघ, टेक्सी यूनियन इत्यादि से प्रवासी मजदूर-कामगारों की जानकारी नहीं ली गयी।
नियत : लॉकडाउन से ठीक 1 हफ्ते पहले देश में 102 प्राइवेट फ्लाइट से अमीर लोग भारत आये। अमीरों की एयरपोर्ट पे ठीक से टेस्टिंग किये बिना आइसोलेशन की बजाय घर भेजा। मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए लॉकडाउन को संसद बंदी के बाद लागू किया।
भाजपा को फायदा : नियम बदल के PMCare बना जिसमें हज़ारों करोड़ का चंदा आ गया जिसकी जाँच जो कैग भी नहीं कर सकता जिसकी जानकारी सिर्फ प्रधानमंत्री -वित्त व रक्षा मंत्री को होंगी। तो अगले चुनाव का बंदोबस्त हो गया ?
अर्थवयवस्था: टूरिस्ट इंडस्ट्री ख़त्म हो गयी, फ़ूड रिटेल ख़त्म, सिनेमा इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित, मॉल्स -खुदरा व्यापार चौपट, रियल एस्टेस चौपट, देश की सप्लाई-चेन सिस्टम ध्वस्त हो गया, प्राइवेट हॉस्पिटल्स -लैब्स भी बर्बाद। मजदूर पैदल घर गए जिसमें से कई मर गए, कई अभी भी रास्ते में हैँ, लोगो की जमा पूंजी खर्च होने के बाद Buying power ख़त्म होने से आगे भी अर्थवयवस्था गिरेगी। बेरोजगारी 30% जाने का अनुमान। हर क्षेत्र में लाखो नौकरियां जा चुकी और ये आने वाले महीनों में भी चलेगा।
मीडिया वर्जन : गौ मूत्र पार्टी, आवाज से इलाज, आयुर्वेद से इलाज दिखाया गया। शुरुआत के 18 दिन मीडिया दिल्ली मरकज और तबलीगी जमात को कोरोना का दोषी ठहरा रहा था। कोरोना बॉम्बर से लेकर कोरोना जिहाद पर शो कर दिए। अब मौलाना साद की खबर झूठी निकली। मीडिया बचें समय में पाकिस्तान की बदहाली, नार्थ कोरिया के किम जोंग उन, और चीन की ख़बरें दिखाता है। अमेरिका, रूस और चीन में युद्ध करवाता है जो सब फ़र्ज़ी है।
जिस क्षेत्र का निर्णय उस क्षेत्र के विशेषज्ञों की राय के बिना लिया जाता है तो परिणाम उल्टे ही आने हैँ। और जब मीडिया कोई ऐसी खबर दिख���ए जिसका आपके जीवन से सीधा असर ना हो तो समझ लेना कि वो कोई ऐसी खबर छिपा रहा है जिसका सीधा असर आपकी जिंदगी पे है। एक आदमी की महान बनने और टीवी पे एकदम घोषणा करने की चाह में देश बहुत कुछ खो रहा है। लिखिए, बोलिये, लोगो को समझाइये..
Lakshmi Pratap
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aapnugujarat1 · 5 years ago
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दिल्ली चुनाव गलत बयानबाजी के कारण शायद हारे : शाह
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली चुनावों में भाजपा को मिली हार के बाद कहा कि मेरा आकलन गलत हो गया। हम चुनाव सिर्फ जीत या हार के लिए नहीं लड़ते हैं। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो अपनी विचारधारा का विस्तार करने में विश्वास करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव परिणाम सीएए और एनआरसी का जनादेश नहीं है। अमित शाह एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू दे रहे थे जिसमें उन्होंने कि हमारा मन शुद्ध है और हम शुद्ध मन से काम करते हैं। हमने कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है। मैं आज भी देश को बताना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। जो मुस्लिमों की नागरिकता ले लेता हो। दिल्ली चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकर और सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा दिए विवादित बयान पर अमित शाह ने कहा कि चुनाव में ‘गोली मरो’ और ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। इन बयानों से पार्टी को नुकसान संभव है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस तरह की बयानबाजी से से खुद को दूर कर लिया है। अन्य राज्यों के चुनाव परिणामों पर शाह ने कहा कि मोदी जी अभी कुछ ही समय पहले सबसे बड़े बहुमत के साथ विजयी रहे। अब सही बात है कि कुछ राज्यों में सफलता नहीं मिली लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भाजपा से लोगों का विश्वास उठा है। महाराष्ट्र में हम चुनाव जीते हैं। हरियाणा में केवल 6 सीटें कम हुईं हैं। झारखंड में हम चुनाव हारे और दिल्ली में पहले से हारे हुए थे बावजूद इसके सीट और वोट पर्सेंट बढ़ा है। Read the full article
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ajitnehrano0haryana · 5 years ago
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों के रिजल्ट में राज्य में एकबार फिर से अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने जा रही है। केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। शीला दीक्षित के बाद यह पहली बार होगा, जब दिल्ली में कोई नेता लगातार तीसरी बार शपथ लेगा। चुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी को जनता का भारी समर्थन मिला है। केजरीवाल ने स्थानीय म���द्दे उठाकर विपक्षी दलों को धूल चटा दी।
पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दे ने केजरीवाल को इस चुनाव में काफी मजबूत बनाया। सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की है और वह पिछली चुनाव की तरह इस बार भी खाता नहीं खोल पाई है।भाजपा ने जब 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही चेहरे पर लड़ा और उसे 303 सीटें मिलीं तो आम आदमी पार्टी ने इसी से सबक लिया।
जिस तरह भाजपा ने प्रचारित किया था कि मोदी के सिवाय देश में कोई विकल्प नहीं है, उसी तरह आप ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह प्रचारित किया कि केजरीवाल के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। इसे टीना यानी देयर इज़ नो अल्टरनेटिव (TINA) फैक्टर कहते हैं। आप का प्रचार इसी पर केंद्रित रहा।
देयर इज़ नो अल्टरनेटिव : केजरीवाल बनाम कौन? लोकसभा चुनाव में मोदी को आगे रखते हुए भाजपा ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। इसी तरह आप ने दिल्ली के चुनाव में केजरीवाल का चेहरा आगे रखते हुए बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर जमकर प्रचार किया। पार्टी ने यह संदेश दिया कि ये चुनाव देश के लिए नहीं, स्थानीय मुद्दों के लिए हैं। आप के प्रचार में बार-बार यह सवाल उठाया जाता रहा कि भाजपा का सीएम कैंडिडेट कौन है।
भाजपा के नए अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने सभी 70 सीटों को कवर किया। गृह मंत्री अमित शाह पैदल घूम-घूमकर पर्चे बांटते दिखे, लेकिन इस बार पार्टी ने कोई सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं किया। जबकि 2015 के चुनाव में भाजपा ने किरण बेदी को सीएम कैंडिडेट बनाया था।
केजरीवाल तब मोदी के खिलाफ मुखर थे, अब चुप हैं 2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। तब केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बहुत मुखर थे। जब उनके दफ्तर पर सीबीआई ने छापा मारा, तो केजरीवाल ने कहा था, ”मोदी राजनीतिक तौर पर मेरा सामना नहीं कर सकते, इसलिए इस तरह की कायरता दिखा रहे हैं। मोदी बताएं कि उन्हें कौन-सी फाइल चाहिए?”
हालांकि, 2017 में एमसीडी के चुनाव हुए। दिल्ली की तीनों एमसीडी को मिलाकर 272 सीटें हैं। भाजपा ने कुल 181 सीटें जीतीं। 2015 के विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद आप को तीनों में एमसीडी में कुल 49 सीटें ही मिलीं। यह आप के लिए टर्निंग प्वॉइंट रहा। इसके बाद केजरीवाल ने अपनी स्ट्रैटजी बदली। प्रधानमंत्री पर हमले कम कर दिए। 2019 के बाद केजरीवाल ने इस स्ट्रैटजी पर पूरी तरह से अमल कर लिया।
केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में मोदी पर निजी हमले करने की कांग्रेस नेताओं की गलतियों को नहीं दोहराया क्योंकि वे लोकसभा में मोदी को चुनने वाले दिल्ली के वोटरों को नाराज नहीं करना चाहते थे। यहां तक कि जब पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन ने कहा कि देश के लोगों को मोदी को शिकस्त देनी चाहिए, तब केजरीवाल ने ��वाब दिया कि मोदी जी मेरे भी प्रधानमंत्री हैं। दिल्ली का चुनाव भारत का आंतरिक मसला है और हमें आतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं।
मुफ्त योजनाओं का प्रचार हर महीने 20 हजार लीटर मुफ्त पानी, हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने और डीटीसी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा जैसी योजनाओं को केजरीवाल सरकार ने जमकर भुनाया। आप का दावा है कि इन योजनाओं के चलते दिल्ली के 80% लोगों को फायदा हुआ। इसमें बड़ा तबका गरीब और लोअर मिडिल क्लास है जो आप का वोट बैंक है।
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source https://lendennews.com/archives/67080 https://ift.tt/2UKzz5h
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ashokgehlotofficial · 5 years ago
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भाजपा सरकार के आरक्षण विरोधी रुख के खिलाफ दिए गए प्रदेश स्तरीय धरना एवं प्रदर्शन के दौरान संबोधन- मुझे खुशी है कि एससी, एसटी और ओबीसी प्रकोष्ठ ने और एमबीसी ने मिलकर के ये आयोजन किया। जैसा अभी पायलट जी बता रहे थे आपको कि जैसे ही फैसला आया सुप्रीम कोर्ट के अंदर कांग्रेस प्रेसीडेंट सोनिया गांधीजी ने, राहुल गांधी जी ने तमाम राज्यों को संदेश दिया कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। केन्द्र सरकार जिस प्रकार से एजेंडा थोप रही है, ये एजेंडा आरएसएस का है, बीजेपी का है। उसके अनुरूप जो काम होते जा रहे है एक के बाद एक वो कहां ले जाकर छोड़ेंगे देश को देश की दशा क्या होगी। ये जो है एजेंडा उनकी नीयत ठीक नहीं है। लोकतंत्र में चुनाव जीत गए वो लोग। वोट आए 100 में से 39 वोट 61 वोट खिलाफ पड़े हैं। चुनाव जीतना अलग बात है 100 में से 61 वोट खिलाफ है, 39 वोट पक्ष के अंदर है। क्या उनको अधिकार है बिना आवाम की आवाज को देखते हुए फैसला करें, किए जा रहे है चाहे धारा 370 हो, ट्रिपल तलाक हो, जो चाहे फैसला कर रहे है। जो असहमति व्यक्त करते है वो देशद्रोही है। वो पाकिस्तान से मिला हुआ है। दिल्ली में क्या हुआ मालूम है आपको जो सत्ता पक्ष के लोग है वो मुख्यमंत्री को कहते है ये आतंकवादी है। करंट जाएगा शाहीन बाग तक करंट जाएगा। इन गद्दारों को गोली मारो। यूपी के मुख्यमंत्री क्या कहते है ये ऐसे नहीं मानेंगे ये गोली से मानेंगे। कोई कह सकता है मुख्यमंत्री किसी राज्य का मुख्यमंत्री कह सकता है, प्रजा के लिए। ऐसे नहीं मानेंगे ये तो गोली से मानेंगे और यूपी में 15 लोग मार दिए और जब में बदला लूंगा आप लोग शांत हो जाइए, कंपनी जब्त हो जाएगी। इस माहौल में देश चल रहा है। नागरिक संशोधन विधेयक पास हुआ, एनपीआर की बात हुई, एनआरसी जो आसाम में जो फेल हो गया 19 लाख लोग सलैक्ट हुए बाहर हो गए एनआरसी से। 19 में से 16 लाख हिंदू निकले। वहां कि सरकार बीजेपी की है वो लागू नहीं कर पा रही है। कैसे पूरे मुल्क में लागू करोगे। ऐसे क्यों हो रहा है, आज एससी,एसटी लोगों को आशंकाएं क्यों हो रही हैं। संदेह क्यों हो रहा है। इसलिए हो रहा है, क्योंकि सरकार की नीति में खोट है, नियत में खोट है। वो एजेंडा थोपने के लिए कुछ भी कर सकती है। ��ायरिंग करवा सकती है। जो करवाया यूपी के अंदर। मुख्यमंत्री भड़का रहा है पुलिस को। दिल्ली में क्या हुआ जेएनयू के अंदर नकाबपोश लोग गए अंदर नौजवान, मारपीट की लड़कियों के साथ में लड़कों के साथ में, पुलिस की एस्कोर्ट में बाहर निकले कोई मुकदमा दायर नहीं हुआ। जामिया मिलिया में ऐसे ही हुआ। चार पांच दिन पहले लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की, दीवार फांदकर गए लड़के पुलिस की देखरेख में, कुछ नहीं हुआ। क्या जा रहा है, देश किस दिशा में जा रहा है। कहां लोकतंत्र है देश के अंदर। इस माहौल में जब देश चल रहा है तो संदेह होना लाजमी है। इसलिए आपको याद होगा अभी अविनाश जी कह रहे थे। पहले हम लोगों ने शांति मार्च निकाला और शानदार 4-5 लाख लोग सड़कों पर आ जाए और एक झंडा नीचे नहीं गिरे एक नारा नहीं लगे। तख्तियां लेकर चलें और जो डिवाइडर होता है सड़कों के बीच में एक फूल तक नहीं टूटा हो। क्या कहेंगे इसको। उसी वक्त वहां यूपी में क्या हो रहा था तांड़व हो रहा था हिंसा का। इसलिए एससी,एसटी का सोचना लाज़मी है। 28 तारीख को दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने निकाला। पूरे देश की प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को काम दिया गया। कांग्रेस स्थापना दिवस था उसको हमने संविधान बचाओ के रूप में मनाया और शानदार रूप से आप लोगों ने उसको कामयाब किया। भारत बचाओ का नारा दिया एआईसीसी ने जिलों में आपने अच्छा काम किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अच्छा जुलूस निकला। शानदार तरीके से लोग आए और दिल्ली के रामलीला मैदान में आप लोगों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं। राजस्थान के कार्यकर्ता बहुत जागरूक हैं, समझता है देश में क्या हो रहा है। इसलिए जो आव्हान किया है एआईसीसी ने, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हम लोगों ने आप कोई चूक नहीं करते हो। परसों की बात है हम लोगों ने तय किया धरना देंगे, ज्ञापन देंगे राज्यपाल महोदय को। और दो दिन के अंदर आप सब लोग इकठ्ठे हो गए। और यहां जो बैठे है वो सिर्फ एससी के लोग नहीं है, एसटी के नहीं है 36 कौमों के लोग है। यही होना चाहिए। ये मुद्दा खाली एससी, एसटी का नहीं है ये मुद्दा संविधान की मूल भावना का है। जिसकी धज्जिया��� उड़ा रहे हैं। एनडीए गवर्नर्मेंट, मोदी जी, अमित शाह जी। नागरिक संशोधन विधेयक क्या है। एक धर्म को अलग करके आपने कानून पास कर दिया। बाबा साहब अंबेडकर ने क्या कहा सभी धर्म, सभी जाति के लोगों को समान अधिकार मिले। क्या आप कर सकते हो चेंज उसमें, कर सकते हो चेंज। अगर आपने एक शुरूआत की पता नहीं आप कहां ले जाओगे। कभी कह दोगे आरएसएस तो बोलने लग गई थी। आरक्षण की जरूरत क्या है एससी, एसटी को 70 साल हो गए। बिहार चुनाव में सुना होगा आप लोगों ने मोहन भागवत जी बोले पहली बार सफाया हो गया उनका, ��िहार से सफाया हो गया उनका। आपको याद होगा ये जान पूछकर भ्रम पैदा करने के लिए कभी आरक्षण को हटाने की बात करेंगे, फिर कहेंगे हमारा मकसद ये नहीं था, हमारा संकल्प ये नहीं था। ये जो तमाम बातें हो रही है देश के अंदर आशंका पैदा करते है किस रूप में फासिस्ट रूप में किस तरीके से एक तरफा फैसले किए जा रहे है एक के बाद एक। आप बताइए क्या जरूरत पड़ी कि आज 400-500 जगह धरने चल रहे है। राजस्थान में ही 20-25 जगह धरने चल रहे है। सर्दी के वक्त में क्या तकलीफ हुई होगी महिलाओं को, बच्चों को, मुस्लिम भी थे, हिंदू भी थे, एक्टिविस्ट भी थे, सोशल वर्कर भी थे। क्या जरूरत पड़ी क्योंकि इस सरकार पर विश्वास नहीं रहा लोगों का। सरकार बनना अलग बात है विश्वास कायम करना दूसरी बात है। वो विश्वास कायम रखा जाता है जब सारे फैसले आवाम क्या चाहती है वो देखकर होते हैं। क्या फैसले ऐसे कर रहे है ये लोग। उस रूप में जो ये देश चल रहा है आरक्षण को खतरा होना भी स्वाभाविक है। जिस दिन इनका सारा एजेंडा समाप्त हो जाएगा, कॉमन सिविल कोड लाने की बात चल रही है। जो इनके मैनिफैस्टो के अंदर है वो भी लाएंगे उसके बाद में जब मौका लगेगा सुबह घोषणा मिलेगी जैसे नोटबंदी की मिली थी या नहीं, नोटबंदी का क्या मिली थी। हमारे मोदीजी कैबिनेट से उठकर गए। बोले आप रूको मैं अभी आता हूं, उनको भी नहीं कहा। सीधा टीवी के अंदर प्रसारण आया कि भाईयों और बहनों अभी 8 बजे है रात को 12 बजे के बाद में आपका 500,1000 का नोट बंद हो गया है। 500,1000 का नोट बंद खत्म, खारिज कर दिया है। ये कौन कर सकता है उसकी क्या दुर्गति हुई है अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। जीएसटीसी ने और बर्बाद कर दिया है। पूरा देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इनके खुद के एडवाइजर कहते है कि अर्थव्यवस्था आईसीयू में चली गई है। क्या क्या कामेंट नहीं आ रहे है अरे निर्मला सीतारमण जो इनकी वित्त मंत्री है उनके पति कहते है कि इस सरकार को समझ ही नहीं है अर्थव्यवस्था की। बताईए आप, पंडित नेहरू को छोड़ दिया इन्होंने उनकी नीतियों को। अब इनको चाहिए नरसिम्हा राव के वक्त में डॉ मनमोहन सिंह जी की जो नीतियां थी उनको अपनाएं तो अर्थव्यवस्था बच जाएगी। एक केन्द्रीय मंत्री के पति को ये बात कहनी पड़ती है क्या करें। इनकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं रही है। क्रेडिबिलिटी खत्म होती जा रही है। क्योंकि देश में खाली मोदी और अमित शाह सिर्फ दो लोग राज कर रहें है। बीजेपी के नेता भी अंदर ही अंदर धमेड़े देते जा रहे है। वो भी मन ही मन कहता है कि इनको सबक मिलना चाहिए। अभी दिल्ली के अंदर चुनाव हुए परिणाम आने लगे बीजेपी के अंदर मेरे पास खबर आई आर्टिकल आया, कि यार ये 20 जगह कैसे आगे आ गई बीजेपी हमारी ये तो स��ंगल डिजिट पर आनी चाहिए थी। सुबह-सुबह 20 जगह आगे आ रही थी ना तो बीजेपी वालों ने ही कहा कि ये 20 कैसे आ गई इसकी दुर्गति तो 10 के अंदर- अंदर होनी चाहिए थी। अब बताइए आप। पूरा देश दुखी है धीरे-धीरे बीजेपी वाले खुद दुखी होते जा रहे है। इसलिए मैं कहूंगा कि ये खतरनाक खेल है आरक्षण को लेकर के आपको याद होगा पिछली बार लड़ाई लडी थी पूरी प्रमोशन में आरक्षण को लेकर और हमारे जो थे हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया हमारे खिलाफ में चीफ सैक्रेटरी को जेल भेज दिया, डीजीपी को जेल भेजने का फैसला दे दिया। हम लोग सुप्रीम कोर्ट से जीतकर आए। तो राजस्थान में शांति है। राजस्थान में शांति है आज कोई वर्ग हो सब संतुष्ट है सरकार के फैसले से, खाली एक मात्र राजस्थान है देश के अंदर जिसने राज्य में आराम से अपने फैसला करवा दिया। और सबने स्वागत किया। पर जो सुप्रीम कोर्ट की नियत है और जो फैसला आया है उसे लोग स्वीकार नहीं कर पाए है। उसे लोग अनफॉरचुनेट बता रहे है। अब केन्द्र को चहिए ये धरना क्यों दिया जा रहा है। केन्द्र को चाहिए जो एआईसीसी ने सोनिया गांधीजी ने, राहुल गांधीजी ने जो फैसला किया है पूरे देश में आव्हान करो। सभी लोग एससी,एसटी, ओबीसी, एमबीसी, और आर्थिक रूप से पिछ़डे लोगों को आरक्षण मिल गया है 10 प्रतिशत उस आरक्षण की रक्षा के लिए सब आगे आएं और हिम्मत दिखाएं जिससे भविष्य में हिम्मत नहीं हो आरक्षण को खत्म करने की। एक ध्वनि निकल रही है इनकी बातों से वो जो खतरा है, आधा करने के लिए आपको तकलीफ दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कह दिया राज्यों को आप दवाब नहीं दे सकते हो आरक्षण के लिए प्रमोशन के अंदर। ये बहुत खतरनाक संदेश जाएगा इससे लोग घबरा गए हैं। मैं चाहूंगा कि पार्लियामेंट के अंदर क्यों नहीं वापस संशोधन हो कि प्रमोशन में आरक्षण मिलना चाहिए। जितना उनका हक है वो उन्हें मिलना चाहिए जैसे राजस्थान में मिला है। राजस्थान को क्यों नहीं मॉडल बनाकर ये सरकार पूरे देश के अंदर प्रमोशन में आरक्षण लागू करवाए। मेन मुद्दा ये है इसकी तरफ सबका ध्यान जाना चाहिए। जनरल कास्ट को मिलेगा उसमें उसके अनुपात के अंदर, एससी, एसटी का हक है उसको मिलेगा। ये राजस्थान में हुआ है। इसलिए में आपको अनुरोध करूंगा आज आपका आना बहुत मायनें रखता है। पूरा समाज एकजुट है एससी एसटी के लोगों के लिए कई बार हार्ट बर्निंग होती है मैं कहना चाहूंगा आपको की आज भी अपनी ईमानदारी से बात करें जो अपना एससी वर्ग है। गांवों में क्या स्थिति है उसकी हरिजनों की स्थिति क्या है। गटर में उतारते हैं उसको सफाई करने के लिए मर जाते हैं कई गैस के अंदर। छुआछुत आज भी है देश के अंदर। मीटिंग होती है जैसे यह मीटिंग हो रही है सब बैठे हैं यहां पर और अलग दरियां लगी हुई हैं दरियां भी नहीं लगी हुई है। दरी पर खुद बैठेंगे। एक कोने के अंदर बिना दरियों के शेड्यूल कास्ट लोग बैठते हैं। अलग से बैठते हैं यह स्थिति है जिस मुल्क में छुआछुत हो, भेदभाव हो। 100 साल पहले रवीन्द्र नाथ टेगौर ने कहा था राष्ट्रवाद से भी बड़ी मानवता है। जब मानवता नहीं रहेगी तो राष्ट्रवाद क्या रहेगा और यह राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं बीजेपी वाले, आरएसएस वाले, राष्ट्रवाद का जहर घोल रहे हैं। इनका राष्ट्रवाद छद्म राष्ट्रवाद है। हम लोग बैठें हैं राष्ट्रवादी हैं असली राष्ट्रवादी हम यहां बैठे हुए हैं। उनका छद्म राष्ट्रवाद है चुनाव जीतने के लिए हैं। हिन्दुओं को भड़काने के लिए है। यह नहीं सोचते 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है वो कहां जाएगी। आज ये मुस्लिम मायनॉरिटी पर हमला कर रहे हैं। कल यह सिखों पर आएंगे। बुद्ध पर आएंगे क्या चाहते हैं ये लोग। मैं चाहता हूं कि हिन्दू राष्ट्र का यह जो सपना है इन लोगों का कभी साकार नहीं होगा और हिन्दू राष्ट्र की बात करने वालों को आखिरी में अपनी बात कह कर मैं बात समाप्त करता हूं। आरएसएस वालों, बीजेपी वालों, सुन लो, क्या एससी का आदमी हिन्दू नहीं है, एसटी का हिंदू नहीं है। आपने कभी कोशिश की छुआछुत मिटाने की इन लोगों के साथ में। कितने परिवार के लोग आपके उनके साथ बैठकर खाना खाते हैं। कितने परिवार के लोगों में छुआछुत मिटाने के लिए अभियान चलाया है आपने। कभी आरएसएस ने चलाया है। हमारे नेताओं ने तो आजादी के वक्त में ही हमारे जो बड़े-बड़े नेता थे। जयनारायण व्यास हो चाहे माणिक्य लाल वर्मा हो, हीरालाल शास्त्री हो। उस जमान��� में बड़े-बड़े नेता हरिजनों को मंदिरों में प्रवेश कराना चाहते थे। लाठी-डंडा खाते थे। तुमने क्या किया 70 साल के अंदर आप बात करते हो हिन्दू संस्कारों की, संस्कृति की। परम्पराओं की। क्या यह परम्परा नहीं है कि मानव-मानव के साथ भेद हो रहा हैं। करते हो क्या आप लोग कुछ कोशिश। ये आरएसएस वाले क्या चाहते हैं। हिन्दू की बात करते हैं और हिन्दू के अंदर भी भेदभाव करते हैं। पहले आरएसएस को सब काम छोड़कर के छुआछुत मिटाने का काम करें तब मैं समझूंगा कि आरएसएस का मकसद हिन्दू राष्ट्र बनाने की असली मंशा इनकी है जो यह नहीं कर पाएंगे ये लोग। इसलिए मैं यही बात कहता हुआ आपको आह्वान करूंगा ध्वनि निकल रही है केन्द्र सरकार के मंत्रियों से, इनके मैम्बर पार्लियामेंट से, आरएसएस के नेताओं से, वो ध्वनियां बहुत खतरनाक हैं। कब जाकर के ये घोषणा कर दे कि हम आरक्षण खत्म करते हैं। आगे नहीं बढ़ाएगे कोई भरोसा नहीं है इनका ये भरोसे लायक है ही नहीं है। इसलिए जरूरत पड़ी आज धरने की। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। धन्यवाद, जय हिन्द, धन्यवाद
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