#पब्लिक फंड किया आवंटित
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जी-20 शिखर सम्मेलन में जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मुद्दे पर विचार-विमर्श है ज़रूरी, पब्लिक फंड किया आवंटित
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साल 2019 के आखिरी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किए ये बड़े ऐलान
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. साल 2019 के आखिरी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया है कि, जल्द ही नेशनल इंफ्रास्टक्चर पाइपलाइन कॉर्डिनेशन मैकनिज्म लॉन्च किया जाएगा। इसके कार्यान्वयन के लिए केंद्र, राज्य और निजी क्षेत्र के सहयोग से विस्तारपूर्वक योजना बनाई जाएगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); वित्त मंत्री ने कहा कि, 'सरकार ने इंफ्रास्टक्चर विकास पर 51 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5-6% हिस्सा है। अगले 5 साल में सरकार ने इस पर करीब 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य बनाया है। इस फंड को 21 मंत्रालयों के बीच आवंटित किया जाएगा। इस फंड से सभी 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंफ्रास्टक्चर विकास पर काम किया जाएगा।' 102 लाख करोड़ किए जाएंगे खर्च निर्मला सीतारमण ने कहा कि, 'नेशनल इंफ्रास्टक्चर पाइपलाइन का उद्देश्य साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य हासिल करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 102 लाख करोड़ रुपए इंफ्रास्टक्चर सेक्टर पर खर्च किए जाएंगे। इनमें से 25 लाख करोड़ रुपए एनर्जी, 20 लाख करोड़ रोड और 14 लाख करोड़ रुपए रेलवे प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। ये प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत पूरे होंगे।' निवेशकों की वार्षिक बैठक भी होगी इस मौके पर वित्तमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि, 'निवेश आकर्षित करने के लिए निवेशकों की एक वार्षिक बैठक भी साल 2020 के मध्य में आयोजित की जाएगी।' वित्त मंत्री ने कहा कि, 'देश में इंफ्रास्टक्चर का विकास करना सरकार की प्राथमिकता है। इसकी योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार 39-39% निवेश करेंगे, जबकि निजी क्षेत्र की भागीदारी 22% होगी। 2025 तक निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।' ये भी पढ़े... फोर्ब्स: दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शामिल निर्मला सीतारमण, रोशनी नाडर और किरण मजूमदार का भी नाम निर्मला सीतारमण के पति ने की अर्थव्यवस्था की आलोचना, अब वित्त मंत्री ने दिया करारा जवाब 49 साल बाद कोई महिला वित्त मंत्री पेश करेंगी बजट, निर्मला सीतारमण ने परं��रा तोड़ते हुए फोल्डर में रखा बजट Read the full article
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बजट में वैक्सीन, किसान, 'चुनाव' पर ध्यान... जानिए किसे क्या किया मिला
नई दि ल्ली केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने तीसरे बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने हेल्थ बजट में 137% के इजाफे की घोषणा (Announcement of 137% increament in Health Budget) की है। कोविड-19 महामारी से बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी बूस्ट करने के चौतरफा प्रवाधान किए हैं। हालांकि, वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से मायूसी (No announcement for salaried class) हाथ लगी है। फ्लैट खरीदारों (2021 Budget for Flat Buyers) को लिए थोड़ी राहत जरूर दी गई है। आइए जानते हैं बजट के प्रावधानों की बड़ी-बड़ी बातें…
अफॉर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग किफायती घर खरीदने के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट की अवधि एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया। प्रवासी कामगारों के लिए सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराने की योजना का ऐलान किया गया है।
फेसलेस डिस्प्यूट रिजॉल्युशन सिस्टम को बढ़ावा इस कठिन समय में हमारे लोगों ने गजब का संकल्प दिखाया है। अब भारत लीडिंग रोल में रहने वाला है। टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का समय है। टैक्स पैयर्स पर ज्यादा बोझ डालने के वक्त नहीं है। डायरेक्ट टैक्स प्रस्ताव – निवेश आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाया गया, डिविडेंड टैक्स हटाया गया। हमने फेसलेस असेसमेंट शुरू किया है। इसे आगे बढ़ाएंगे। छोटे टैक्स पेयर्स के लिए डिस्पियूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनेगी। 50 लाख तक की आय वाले इस कमेटी के पास जा सकते हैं। सभी मामले इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निपटाए जाएंगे, जरूर पड़ी तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात होगी।
75 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को ITR भरने से मुक्ति बुजुर्गों को प्रणाम करते हुए प्रावधान कर रही हूं। आजादी के 75वें साल में हमें कुछ छूट देनी चाहिए जो 75 साल या इससे बड़े हैं। इन्हें इनकम टैक्स फाइल करने से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं। असेसमेंट के लिए 6 साल पुराना और सीरियस केस में 10 साल पुराना खाता बही न���कालना पड़ता है। इस टाइम लिमिट को घटा कर छह साल से तीन साल किया जाता है। सीरियस मामलों में भी इसे 10 साल तक तभी रखा जाएगा जब 50 लाख सालाना से ज्यादा की चोरी हुई हो। टैक्स से जुड़े केस घटाने के लिए विवाद से विश्वास स्कीम जारी है। एक लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने इसके तहत मामले सेटल किए हैं।
डिजिटल इंडिया को 3,700 करोड़ गुड गवर्नेंस के लिए ट्राइब्यूनल रिफॉर्म पर काम चल रहा है। इसके लिए नए प्रस्ताव कर रही हूं। नैशनल कमीशन फॉर अलायड प्रफेशनल एक्ट लाया जाएगा। नैशनल नर्सिंग एंड मिडवाफरी बिल लाया जाएगा। डजिटिल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। गोवा डायमंड जुबली सेलिब्रेशन मना रहा है। 300 करोड़ रुपए इसके लिए देंगे। 1000 करोड़ रुपए टी वर्कर के लिए असम और पश्चिम बंगाल में।
शिक्षा क्षेत्र – 100 नए सैनिक स्कूलों का होगा निर्माण नैशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP-2020) को तहे दिल से स्वीकार किया गया है। 100 नए सैनिक स्कूल बनेंगे। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद ली जाएगी। हायर एजुकेशन कमीशन बनेगा। इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। 758 एकलव्य स्कूल आदिवासी इलाकों में । एक स्कूल पर 38 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अनुसूचित जातियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपए के स्कॉलरशिप दिए गए। चार करोड़ स्टूडेंड को फायदा हुआ। नैशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन के तहत सरकारी कामकाज से भारतीय भाषाओं में अनुवाद के जरिए लोगों को अवगत करवाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
स्टैंडअप इंडिया के लिए बड़ी घोषणा अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25 परसेंट से घटाकर 15 परसेंट किया गया।
किसानों को खुश करने की कोशिश ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत 22 जल्दी नष्ट होने वाली सब्जियां शामिल होंगी। ई-नाम के तहत 1000 और मंडियां जुड़ेंगी। एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड एपीएमसी के लिए उपलब्ध होगा। रूरल इन्फ्र फंड में 40 हजार करोड़ रुपए। देश में पांच बड़े फिशिंग हब बनेंगे।
लगातार बढ़ रही है MSP के तहत खरीद हम किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। आमदनी दोगुनी करने के टार्गेट पर कायम हैं। अनाज की खरीद बढ़ी है। 2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए, 2019 में हमने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की जो बढ़ कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला। धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए, ये ब���़ कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। 1.2 करोड़ किसानों को पिछले साल फायदा हुआ। इस बर डेढ़ करोड़ किसानों को फायदा हुआ। दाल की खरीदारी में 236 करोड़ रुपए 2014 में खर्च हुए। हम इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपए की खरीदारी करेंगे। 40 गुना इजाफा हुआ है। इस साल स्वामित्व स्कीम शुरू किया गया। अब तक 1.8 लाख लोगों को कार्ड मिला है। 2021 में सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
वित्त आयोग की सिफारिशों पर केंद्र गंभीर 15वीं वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय योजनाओं को कम किया जाएगा। हम राज्यों को सहायता करेंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनस के लिए उपाय किए जाएंगे।
विनिवेश की दिशा में तेज हुए कदम कोविड के बावजूद हम रणनीतिक विनिवेश पर काम करते रहे। बीपीसीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों का विनिवेश 2022 तक हो जाएगा। 2021-22 में दो और सरकारी कंपनियों का विनिवेश होगा। एलआईसी का आईपीओ आएगा। रणनीतिक और गैर-रणनीतिक, दोनों क्षेत्रों की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा। सरकार ने चार तरह की कंपनियों की पहचान रणनीतिक क्षेत्र के दायरे में की गई है। सरकार को विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होगा। ईज ऑफ डुइंग बिजनस के लिए अलग से प्रशासनिक तंत्र गठित किया जाएगा।
पावर सेक्टर की मजबूती के ऐलान 139 गीगाबाइट की क्षमता जोड़ी गई है। कस्टमर के पास अब ये सुविधा होगी कि वो अपने पंसद का बिजली डिस्ट्रीब्यूटर चुन सकें। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की माली हालत पर चिंता है। इसके लिए हम स्कीम ला रहे हैं। उनको मदद दी जाएगी।
1 करोड़ और परिवारों को मिलेगा उज्ज्वला योजना का लाभ कोरोना के समय भी पेट्रोलियम सप्लाइ में रुकावट नहीं आई। उज्जवला स्कीम से 8 करोड़ परिवारों को फायदा हुआ, अब एक करोड़ परिवार और जुड़ेंगे। 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
विभिन्न शहरों में मेट्रो लाइन का विस्तार 702 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन बन चुकी है। 1016 किलोमीटर बन रही है। 27 शहरों में काम हो रहा है। मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो नाम से दो नई तकनीक का इस्तेमाल अब होगा। कोच्चि मेट्रो फेज-2 में 11 किलोमीटर लंबी लाइन, चेन्नई मेट्रो के तहत 100 किलोमीटर लंबी लाइन बनेगी, बेंगलुरु मेट्रो प्रोजेक्ट का भी विस्तार होगा। नागपुर और नासिक मेट्रो प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मदद मिलेगी।
रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ का प्रावधान नेशल रेल प्लान 2030 तैयार है। फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाना लक्ष्य है। मेक इन इंडिया पर फोकस है। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा। सोन नगर – गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनेग��। ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर खड़गपुर-विजयवाड़ा, इटारसी-विजयवाड़ा कॉरिडोर बनाया जाएगा। ब्रॉड गेज – इलेक्ट्रिफाइड रेल लाइन की लंबाई 46 हजार किलोमीटर है। दिसंबर, 2023 तक 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन होगा। एलएचबी कोच टूरिस्ट रूट पर दिया जाएगा। ये आरामदायक है। हाई डेंसिटी नेटवर्क में स्वदेशी तकनीक से बना रेल प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा। एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए रेलवे के लिए प्रावधान किया गया है।
रेल-रोड कॉरिडोर्स पर बंपर खर्च देश में डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाया जाएगा। समर्पित मालवाही गलियारा DFCC, कमीशनिंग के बाद बेचा जाएगा, ऑपरेशन ऐंड मेंटनेंस के साथ। हमने पिछले बजट में 4.21 लाख करोड़ कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए दिए थे। 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले साल 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है। भारतमाला प्रॉजेक्ट के तहत 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें बन चुकी हैं। 8 हजार किलोमीटर का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा।
रोड इन्फ्रा और इकॉनमिक कॉरिडोर पर काम हो रहा है। 3500 किलोमीटर लंबी सड़क तमिलनाडु में बन रही है। मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर शामिल है। 1100 किलोमीटर लंबी नैशनल हाइवे वर्क्स केरल में। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर इसका हिस्सा होगा। 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल में। इस पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर शामिल है। एक लाख 18 हजार करोड़ रुपए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए दिया जाएगा।
प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम पांच खरब डॉलर की इकॉनमी बनने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस जरूरी है। ग्लोबल सप्लाई चेन में शामिल करना हमारा लक्ष्य है जिससे ग्लोबल चैंपियन बन सकें। सरकार ने इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया था।
137% बढ़ा हेल्थ बजट 35 हजार करोड़ कोविड वैक्सीन के लिए आवंटित किया गया है। जरूरत हुई तो और फंड दिया जाएगा। कुल हेल्थ बजट 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का होगा। पिछली बार 92 हजार करोड़ का था। 137% की बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2,32,846 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बजट।
वायु प्रदूषण से छुटकारे के उपाय पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा। इससे प्रदूषण कंट्रोल होगा। तेल आयात बिल भी घटेगा। ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। प्राइवेट वीइकल्स 20 साल बाद इन सेंटर ले जाने होंगे।
पोषण अभियान- मिशन पोषण 2.0 पोषण पर फोकस किया जाएगा। 112 आकांक्षी जिलों में इस पर खास ध्यान दिया जाएगा। जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। सभी शहरी निकायों के साथ इस पर काम होगा। 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम होगा। 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्वच्छ भारत का संकल्प जारी है। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले पांच साल में।
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत का ऐलान वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया। उन्होंने इस योजना के लिए अगले छह सालों का बजट 64,180 करोड़ निर्धारित किया। सीतारमण ने कहा कि यह बजट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अतिरिक्त होगा। इसके तहत गांव से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और वेल बीइंग पर फोकस होगा। प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करेंगे। नई बीमारियों पर फोकस होगा। 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल ब्लॉक 602 जिलों में, नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को चालू किया जाएगा। 32 एयरपोर्ट पर भी ये बनेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनेगा। 9 बायो लैब बनेगा। चार नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी बनेगा।”
बजट के पहले भाग में आत्मनिर्भर भारत का विजन इस दशक का पहला डिजिटल बजट है। अब तक सिर्फ तीन बार बजट में बताया गया कि अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ है। इस बार ऐसा ग्लोबल महामारी के कारण हुआ है। लेकिन मैं विश्वस्त हूं। हम इकॉनमी रिसेट के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। सतत विकास की तरफ ले जाने की कोशिश है। आजादी का 75वां साल है, भारत – पाक जंग का 50वां साल, ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत करेगा और हरिद्वार महाकुंभ शुरू हो रहा है। बजट के पहले भाग में आत्मनिर्भर भारत का विजन पेश किया जा रहा है।
बजट से पहले सदन में हल्की नारेबाजी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने की अनुमति दी। हालांकि, सदन में विपक्षी सांसदों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। स्पीकर ने नारे लगा रहे सांसदों को बजट के बाद अपनी बात रखने का आश्वासन दिया। उसके बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का जिक्र किया।
पहले पेपरलेस बजट को मिला राष्ट्रपति का अनुमोदन इस बार का बजट इस मायने में खास है कि यह देश का पहला पूर्णतः कागजरहित बजट (Paperless Budget) है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट पत्र की जगह टैब का इस्तेमाल किया। उन्होंने संसद में बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकु�� और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति ने बजट को अपना अनुमोदन दे दिया। उसके बाद 11 बजे से संसद में बजट प्रावधानों को पढ़ने की शुरुआत हुई।
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