#देव दिवाली 2022
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mwsnewshindi · 2 years ago
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गुरु नानक जयंती 2022: गुरुपर्व की शुभकामनाएं, उद्धरण, एचडी छवियां, फेसबुक और व्हाट्सएप स्थिति
गुरु नानक जयंती 2022: गुरुपर्व की शुभकामनाएं, उद्धरण, एचडी छवियां, फेसबुक और व्हाट्सएप स्थिति
छवि स्रोत: फ़ाइल छवि गुरु नानक जयंती गुरु नानक जयंती 2022: त्योहार, जिसे गुरुपुरब या गुरु नानक जी के प्रकाश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो कार्तिक महीने में पंद्रहवां चंद्र दिवस है। यह दस सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी के जन्म पर पूरे विश्व में मनाया जाता है। “गुरपुरब” दो शब्दों से बना है – “गुर”, जिसका अर्थ है गुरु…
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santbharatram · 2 years ago
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LUNAR ECLIPSE
खग्रास चन्द्रग्रहण - 8 नवम्बर 202
दिनांक 8 नवम्बर 2022, कार्तिक पूर्णिमा को खग्रास चन्द्रग्रहण है ।
यह ग्रहण पूरे भारत में दिखेगा । भारत के अलावा एशिया, आस्ट्रेलिया, पैसेफिक क्षेत्र, उत्तरी और मध्य अमेरिका में भी ग्रहण दिखेगा । जहाँ ग्रहण दिखायी देगा, वहाँ पर ग्रहण के नियम पालनीय हैं ।
आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है, इससे पहले दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था,सूर्य ग्रहण के सिर्फ 15 दिनों के बाद देव दीपावली के दिन 8 नवंबर 2022 को साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण लग���गा,साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को लगा था, 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन लग रहा है,साल का ये अंतिम चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
क्या होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण (What is Chandra Grahan?)
चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है,इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं,इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को भारत में 4 बजकर 28 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल 8 नवम्बर को सुबह 9  से शुरू होगा और शाम के 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा।
ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें।
सूतक काल के दौरान घर पर ही रहें,कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी आपने घर के अंदर प्रवेश ना करें।
सूर्य ग्रहण की तरह की चंद्र ग्रहण को भी  नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए, कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता।
ग्रहण में क्या करें, क्या न करें ?
चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है। श्रेष्ठ साधक उस समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ''ॐ नमो नारायणाय'' मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्धि होने पर उस घृत को पी ले। ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है।
सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक 'अरुन्तुद' नरक में वास करता है।
सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।
ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।
ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्रसहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।
ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।
ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए। ग्रहण के स्नान में गरम जल की  अपेक्षा ठंडा जल, ठंडे जल में भी दूसरे के हाथ से निकाले हुए जल की अपेक्षा अपने हाथ से निकाला हुआ, निकाले हुए की अपेक्षा जमीन में भरा हुआ, भरे हुए की अपेक्षा बहता हुआ, (साधारण) बहते हुए की अपेक्षा सरोवर का, सरोवर की अपेक्षा नदी का, अन्य नदियों की अपेक्षा गंगा का और गंगा की अपेक्षा भी समुद्र का जल पवित्र माना जाता है।
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं।
ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है। गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए।
तीन दिन या एक दिन उपवास करके स्नान दानादि का ग्रहण में महाफल है, किन्तु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रान्ति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए।
भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- 'सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया  पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।'
ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है। (स्कन्द पुराण)
भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए। (देवी भागवत)
अस्त के समय सूर्य और चन्द्रमा को रोगभय के कारण नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ख्याल (Chandra Grahan Precaution For Pregnant Ladies)
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें।
शांति से काम लें और किसी भी प्रकार का मानसिक या फिर शारीरिक तनाव न लें।
��ारत में ग्रहण समय -
शहर का नाम - प्र��रम्भ (शाम) - समाप्त (शाम)
ईटानगर -   4:28 से 6:18 तक गुवाहटी -   4:37 से 6:18 तक गंगटोक -    4:48 से 6:18 तक कोलकाता - 4:56 से 6:18 तक पटना -      5:05 से 6:18 तक राँची -       5:07 से 6:18 तक भुवनेश्वर -  5:10 से 6:18 तक ब्रह्मपुर -    5:15 से 6:18 तक प्रयागराज - 5:18 से 6:18 तक लखनऊ -  5:20 से 06:18 तक कानपुर -    5:23 से 6:18 तक विशाखापट्टनम - 5:24 से 6:18 तक रायपुर (छ.ग.) - 5:25 से 6:18 तक हरिद्वार -      5:26 से 6:18 तक धर्मशाला -    5:30 से 6:18 तक चंडीगढ़ -      5:31 से 6:18 तक नई दिल्ली -   5:32 से 6:18 तक जम्मू -       5:35 से 6:18 तक नागपुर -   5:36 से 6:18 तक भोपाल -   5:40 से 6:18 तक जयपुर -    5:41 से 6:18 तक चेन्नई -      5:42 से 6:18 तक हैदराबाद -  5:44 से 6:18 तक उज्जैन -    5:47 से 6:18 तक जोधपुर -   5:53 से 6:18 तक बेंगलुरु -    5-53 से 6:18 तक नासिक -   5:55 से 6:18 तक अहमदाबाद - 6:00 से 6:18 तक वडोदरा -  05:59 से 06:18 तक पुणे -          6:01 से 6:18 तक सूरत -       6:02 से 6:18 तक तिरुवनन्तपुरम् - 6:02 से 6:18 तक मुंबई -           6:05 से 6:18 तक पणजी (गोवा) -   6:06 से 6:18 तक जामनगर -     6:11 से 6:18 तक
भारत के जिन शहरों के नाम ऊपर सूची में नहीं दिये गये हैं, वहाँ के लिए अपने नजदीकी शहर के ग्रहण का समय देखें ।
विदेशों में ग्रहण समय -
अफगानिस्तान (काबुल) - शाम 4:55 से शाम 5:18 तक
ताईवान (ताईपे) - शाम 5:10 से रात्रि 8:48 तक
पाकिस्तान (इस्लामाबाद) - शाम 5:11 से शाम 5:48 तक
भूटान (थिम्पू) - शाम 5:13 से शाम 6:48 तक
नेपाल (काठमांडू) - शाम 5:16 से शाम 6:33 तक
बांग्लादेश (ढाका) - शाम 5:16 से शाम 6:48 तक
बर्मा (नेपीडॉ) - शाम 5:28 से रात्रि 7:18 तक
हाँगकाँग (हाँगकाँग) - शाम 5:40 से रात्रि 8:48 तक
इंडोनेशिया (जकार्ता) - शाम 5:47 से रात्रि 7:48 तक
थाईलैंड (बैंकॉक) - शाम 5:48 से रात्रि 7:48 तक
श्रीलंका (कोलंबो) - शाम 5:52 से शाम 6:18 तक
सिंगापुर (सिंगापुर) - शाम 6:50 से रात्रि 8:48 तक
ऑस्ट्रेलिया (कैनबरा) - रात्रि 8:10 से रात्रि 11:48 तक
अमेरिका तथा कनाडा के लिए नीचे लिखा गया ग्रहण समय स्थानीय समयानुसार 7 नवम्बर मध्यरात्रि के बाद का है अर्थात 8 नवम्बर 00-00 ए. एम के बाद से ।
अमेरिका (सैनजोस, कैलिफोर्निया) - सुबह 1:10 ए.एम से सुबह 4-48 ए.एम तक
अमेरिका (शिकागो) - सुबह 3:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (बोस्टन) - सुबह 4:10 से सुबह 6:28 तक
अमेरिका (न्यूयॉर्क) - सुबह 4:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (न्यूजर्सी) - सुबह 4:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (वाशिंगटन डी.सी.) - सुबह 4:10 से सुबह 6:45 तक
कनाडा (टोरंटो, ओंटारियो) - सुबह 4:10 से सुबह 7:06 तक
ग्रहण सूतक
चंद्रग्रहण प्रारम्भ होने से तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व सूतक (ग्रहण-वेध) प्रारम्भ हो जाता है ।
उदाहरण अहमदाबाद में ग्रहण समय - शाम 6:00 से 6:18 तक अहमदाबाद में सूतक प्रारम्भ - सुबह 9-00 बजे से
ग्रहणकाल का सदुपयोग बचायेगा दुर्गति से, सँवारेगा इहलोक - परलोक - पूज्य बापूजी
जो ग्रहणकाल में उसके नियम पालन कर जप-��ाधना करते हैं वे न केवल ग्रहण के दुष्प्रभावों से बच जाते हैं बल्कि महान पुण्यलाभ भी प्राप्त करते हैं ।
सूतक (ग्रहण- वेध) के पहले जिन पदार्थों में तिल या सूतक व ग्रहण काल में दूषित नहीं होते । किंतु दूध या दूध से बने व्यंजनों में तिल या तुलसी न डालें। सूतककाल में कुश आदि डला पानी उपयोग में ला सकते हैं ।
ग्रहणकाल में भोजन करने से अधोगति होती है, पेशाब करने से घर में दरिद्रता व सोने से रोग आते हैं तथा संसार-व्यवहार (सम्भोग करने से सूअर की योनि में जाना पड़ता है ।
ग्रहणकाल का कैसे हो सदुपयोग ?
(१) ग्रहण के समय रुद्राक्ष माला धारण करने से पाप नष्ट हो जाते हैं परंतु फैक्ट्रियों में बननेवाले नकली रुद्राक्ष नहीं, असली रुद्राक्ष हों ।
(२) ग्रहण के समय मंत्रदीक्षा में मिले मंत्र जप करने से उसकी सिद्धि हो जाती है ।
(३) महर्षि वेदव्यासजी कहते हैं: 'चन्द्रग्रहण' के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है ।
ग्रहण के समय स्वास्थ्य मंत्र जप लेना, ब्रह्मचर्य का मंत्र भी सिद्ध कर लेना । ग्रहण के समय किये हुए ऐसे-वैसे किसी भी गलत या पाप कर्म का फल अनंत गुना हो जाता है और इस समय भगवद्-चिंतन, भगवद्-ध्यान, भगवद्-ज्ञान का लाभ ले तो वह व्यक्ति सहज में भगवद्-धाम, भगवद्-रस को पाता है । ग्रहण के समय अगर भगवद्-विरह पैदा हो जाता है तो वह भगवान को पाने में बिल्कुल पक्का है, उसने भगवान को पा लिया समझ लो । ग्रहण के समय किया हुआ जप, मौन, ध्यान, प्रभु सुमिरन अनेक गुना हो जाता है । ग्रहण के बाद वस्त्रसहित स्नान करें ।
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sabkuchgyan · 2 years ago
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देव दिवाली 2022: इन खास तस्वीरों में देखें वाराणसी में देव दिवाली, 84 घाटों पर जले 21 लाख दीपक
देव दिवाली 2022: इन खास तस्वीरों में देखें वाराणसी में देव दिवाली, 84 घाटों पर जले 21 लाख दीपक
शिव की काशी में सोमवार को दिवाली मनाई जा रही है। उत्तरी चैनल गंगा के 84 घाटों पर सजी दीपों की डोरी काशी में भगवान शिव के हार के समान अलौकिक लग रही थी। घाट पर देवताओं का स्वागत आरती और घंटी बजाकर किया गया। राम की नगरी अयोध्या की दिवाली के बाद शिव की काशी में भव्य देव दिवाली मनाई गई। उत्तरी चैनल गंगा के 84 घाटों पर सजी दीपों की डोरी काशी में भगवान शिव के हार के समान अलौकिक लग रही थी। घाट पर…
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newslobster · 2 years ago
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Guru Nanak Jayanti 2022: कब है गुरु नानक जयंती, जानें तिथि, महत्व और गुरुपर्व का इतिहास
Guru Nanak Jayanti 2022: कब है गुरु नानक जयंती, जानें तिथि, महत्व और गुरुपर्व का इतिहास
गुरु नानक जयंती 2022 कब है | When is Guru Nanak Jayanti 2022 गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व 8 नवंबर, 2022 को है. इसे गुरु नानक देव जी की 553 वीं जयंती के रूप में मनाया जाएगा. जहां दिवाली चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के 15 वें दिन पड़ती है, वहीं गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर रोशनी के त्योहार के पंद्रह दिन बाद पड़ती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, पूर्ण चंद्र ग्रहण…
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nisthadhawani · 2 years ago
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Dev Diwali 2022 : क्यों मनाई जाती है देव दीपावली
Dev Diwali 2022 : क्यों मनाई जाती है देव दीपावली
Dev Diwali 2022 – देव दीपावली भारत में कई लोगो के लिए ये नाम नया होगा लेकिन बहुत से लोग इस नाम एवं इस पर्व की महत्ता को बहुत अच्छे से जानते एवं समझते भी होंगे।  दिवाली की ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है।  इस बार कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रग्रहण लगने की वजह से 7 नवंबर को देव दीपावली मनाई जा रही है।  Dev Diwali 2022 : क्यों मनाई जाती है देव दीपावली मान्यताओं के अनुसार ,कहा जाता है…
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astrologergauravsharmaji · 2 years ago
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Today Horoscope-
पंचांग के अनुसार 7 नवंबर 2022, सोमवार को कार्तिक शुक्ल की चतुर्दशी तिथि रहेगी. इस दिन देव दिवाली भी मनाई जाएगी. आज ही पूर्णिमा की तिथि लगेगी. मेष से मीन राशि तक के लोगों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा? क्या कहते हैं किस्मत के सितारे, सभी 12 राशियों का जानते हैं आज का राशिफल-
मेष राशि- आज लोकप्रियता बढ़ने से प्रसन्नता होगी, जो लोग राजनीति में कार्यरत है, उन्हें भी आज कोई अच्छा काम सौंपा जा सकता है. घर परिवार में आप  सदस्कीयो की बातों का ध्यान रखेंगे और कुछ अहम मुद्दे पर आपको सलाह मशवरा करना होगा. आपको आज ससुराल पक्ष के किसी से बातचीत करते समय वाणी की मधुरता को बनाए रखना होगा, नहीं तो कोई विवाद हो सकता है.
वृषभ राशि- आज का दिन किसी सरकारी काम को बहुत ही समझदारी से कार्य करने के लिए रहेगा, जो लोग साझेदारी में किसी व्यापार को शुरू करने के लिए तैयार हैं, तो उन्हें पहले पुराने किसी काम को पूरा करना होगा, तभी वह इस पर ध्यान लगा पाएंगे, नहीं तो बाद में समस्या हो सकती है. आज आपके कुछ खर्चे आपके लिए समस्या तो लेकर आएंगे, लेकिन आप उनसे घबराएगे नहीं.
मिथुन राशि- आज के दिन कार्य क्षेत्र में अधिकारियों का सहयोग व सामर्थ्य मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा. आपको आज अपने पिछले उधार को भी काफी हद तक चुकाना होगा, तभी सफल हो पाएंगे  कार्य क्षेत्र में आज कोई बड़ी उपलब्धि मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा. आज आपको आध्यात्म के कार्य में सावधान रहना होगा.
कर्क राशि- आज का दिन आपके लिए सुखमय रहने वाला है और आपको एक के बाद एक कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है, लेकिन आज आपकी साख चारों ओर फैलने से आप परेशान रहेंगे. आपको अपने साथी की सेहत के प्रति लापर���ाही नहीं बरतनी है, नहीं तो उनको कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है. आप परिवार में किसी उलझी हुई बात पर  सोच विचार करेगे, नहीं तो बाद में आपको ही समस्या होगी.
सिंह राशि- आज का दिन मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है. आज आपकी किसी नई संपत्ति को खरीदने की इच्छा भी पूरी होगी, लेकिन आपको उसके जरूरी कागजातों पर पूरा ध्यान देना होगा, नहीं तो आज आप किसी गलत जगह दस्तखत कर सकते हैं, जो लोग किसी बैंक व्यक्ति व संस्था से ऋण लेना चाहते हैं, तो उन्हें भी वह आसानी से मिल जाएगा.
कन्या राशि- आज किसी शारीरिक कष्ट को लेकर परेशान रहेंगे, जिसके लिए वह डॉक्टरी परामर्श भी लेंगे, लेकिन फिर भी कोई निष्कर्ष निकल पाएगा. आपको आज छोटे बच्चों की फरमाइश से कोई उपहार मंगवाना पड़ सकता है. आपको परिवार के किसी सदस्य के विवाह की चिंता सता सकती है, जिसके लिए आप अपने परिजनों से बातचीत भी करेंगे.
तुला राशि- आज धन के मामले में सावधान रहेंगे, क्योंकि साझेदारी में व्यवसाय करना उनके लिए अच्छा रहेगा, उन्हें एक से अधिक योजनाओं में बहुत ही सोच समझकर धन लगाना होगा, नहीं तो समस्या हो सकती है. परिवार में सदस्यों में आपसी सामंजस्य ना रहने के कारण रिश्तो तनाव में रहेंगे. वरिष्ठ सदस्यो की किसी बात पर आज आप अमल करें, तो वह आपके लिए अच्छी रहेगी. व्यापार कर रहे लोगों के लिए आज दिन तेजी से लाभ लेकर आएगा.
वृश्चिक राशि- आज का दिन आपके लिए  व्यस्तता  भरा रहने वाला है. आप अपने काम को लेकर किसी बड़े अधिकारी से मिल सकते हैं, तभी वह आपकी समस्या का समाधान भी करके देगे, लेकिन आपको आज अपने घर के जरूरत खर्चों के लिए बजट बनाना होगा, नहीं तो आप छुटपुट के चक्कर में काफी धन भी व्यय कर देंगे. नौकरी में कार्यरत लोग आज अधिकारियों की किसी बात से सहमत नहीं रहेंगे, जिससे उनका भरोसा टूट सकता है.
धनु राशि- आज का दिन ऊर्जा से भरपूर रहेंगे, लेकिन उन्हें आज इधर-उधर खाली बैठकर समय व्यतीत करने से अच्छा है कि वह अपने कामों पर ध्यान लगाएं. आपके जीवनसाथी के बीच आज कोई गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है, जो आपके रिश्ते में तनाव पैदा करेगी, जो लोग ऑनलाइन व्यवसाय करते हैं, उन्हें अपने प्रोडक्ट के बारे में लोगों को अच्छे से समझाना होगा, तभी उनका व्यवसाय आगे बढ़ सकेगा.
मकर राशि- आज का दिन किसी निर्णय को माता-पिता के सलाम मश्वरे से लेने के लिए रहेगा, वरना आपका कोई कानूनी मामला आज आपके लिए परेशानी तो ला सकता है, लेकिन उसमें यदि आप अपने किसी मित्र से सलाह मशवरा करेंगे, तो वह आपको अच्छी सलाह दे सकता है. आपको ��ातचीत से  किसी परिवार के सदस्य के मन में चल रही समस्या को निपटारा करना होगा, नहीं तो वह परेशान रहेंगे.
कुंभ राशि- आज का दिन मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है. विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्त होंगे, लेकिन भाई बंधु आज आपसे किसी विशेष मुद्दे को लेकर बातचीत कर सकते हैं.  आपको किसी जरूरी काम से छोटी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है, जो आपके लिए लाभदायक रहेगी. आपको आज सामाजिक कार्यों को करवाने पर भी जोर देना होगा, तभी वह पुरे हो पाएंगे.
मीन राशि- आज आप अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने कर सकते हैं, लेकिन आपको अपनी सेहत के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी है. आप अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज व योग व व्यायाम आदि को शामिल करें, तो आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकेंगे, लेकिन आज आपका कोई मित्र आपको बहकावे में लाकर किसी निवेश की योजना को समझा सकता है, जिससे आपको बचना होगा, क्योंकि वह आपके लिए नुकसानदायक रहेगी.
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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imsaki07 · 2 years ago
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान करने से न चूकें, जान लें 5 ऐसे फायदे जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे #news4
Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में दीप प्रवाहित करने का प्रचलन है। इसी दिन देव दिवाली है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 नवंबर 2022 को यह त्योहार मनाया जाएगा। दीपक का दान करना, दीप को नदी में प्रवाहित करना या दीप को जलाकर उसे उचित स्थान पर रखना दीपदान कहलाता है। आओ जानते हैं दीपदान करने के 5 आश्‍चर्यजनक फायदे। 1. सभी देवताओं का मिलता आशीर्वाद…
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darkwombatnacho · 2 years ago
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Dev Diwali 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का है काफी महत्व, देव दिवाली पर इस विधि से दीपदान करने पर होगा धन का लाभ
Dev Diwali 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का है काफी महत्व, देव दिवाली पर इस विधि से दीपदान करने पर होगा धन का लाभ
Dev Diwali 2022 Date and Time:HN/ कार्तिक माह की अमावस्या तिथि भगवान राम के स्वागत और मां लक्ष्मी के आगमन के लिए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. वहीं इसके 15 दिनों बाद कार्तिक माह की पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जाती है, ये त्योहार मुख्य रूप से दैत्य त्रिपुरासुर ��र भगवान भोलेनाथ की ��िजय की खुशी में मनाया जाता है. कहते है इस दिन देवता गण पृथ्वी पर आते हैं और काशी में दिवाली मनाते हैं. इस दिन…
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9zq2 · 2 years ago
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Diwali 2022: इस बार दिवाली महापर्व पर रहेगा ग्रहण का साया! 27 वर्ष बाद..
Diwali 2022: इस बार दिवाली महापर्व पर रहेगा ग्रहण का साया! 27 वर्ष बाद.. Diwali 2022: इस बार दिवाली महापर्व पर रहेगा ग्रहण का साया! 27 वर्ष बाद दीपावली के तीसरे दिन होगी गोवर्धन पूजा  अमर उजालाSurya Grahan 2022: दिवाली पर कर लें ये खास उपाय नहीं पड़ेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव, 27 साल बाद बन रहा है ऐसा...  Zee News HindiChandra Grahan 2022: इस बार देव दि..
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sabkuchgyan · 2 years ago
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देव दीपावली 2022: वाराणसी में आज दीपों से जगमगाएंगे घाट, देखें घाटों की शानदार सजावट
देव दीपावली 2022: वाराणसी में आज दीपों से जगमगाएंगे घाट, देखें घाटों की शानदार सजावट
देव दीपावली 2022 को मनाने के लिए काशी के घाटों को सजाया देव दीपावली जाने लगा है। दिवाली की पूर्व संध्या पर घाटों को रोशनी और मालाओं से सजाया जाता है। वाराणसी के सभी 84 घाटों पर आज एक साथ कई दीप जलाए जाएंगे। जिसका शेड बेहद यूनिक होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। देव दिवाली को देवताओं की दिवाली कहा जाता है, जो दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन दीप दान…
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sabkuchgyan · 2 years ago
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चंद्र ग्रहण 2022 तिथि समय: 8 नवंबर को वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानिए समय, सूतक का समय और प्रभाव
चंद्र ग्रहण 2022 तिथि समय: 8 नवंबर को वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानिए समय, सूतक का समय और प्रभाव
साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के दूसरे दिन हुआ था। वहीं, आखिरी चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद देव दिवाली के दिन यानी 08 नवंबर को लगने वाला है. पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को हुआ था। 08 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान…
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imsaki07 · 2 years ago
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन घटी थी ये 7 घटनाएं इसलिए मनाते हैं देव दिवाली #news4
Kartik purnima 2022: कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 नवंबर 2022 रहेगी की यह पूर्णिमा। कार्तिक मास में 3 दिवाली आती हैं। कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसके बाद अमावस्या को बड़ी दिवाली मनाते हैं एवं पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते हैं। आओ जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कौनसी 7 घटनाएं घटी थीं। 1.…
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