#दुग्ध उत्पादन
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ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा !
ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा ! @कवि: सोमवारी लाल सकलानी’निशांत’। चिर यौवन का क्षेत्र रहा जो/ मस्ती का आगार रहा जो, सुख समृद्धि गुलजार रहा जो/संस्कृति का केंद्र रहा जो, ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। धन-धान्य से पूर्ण रहा जो/सुकर्म भूमि स्थान रहा जो, मातृशक्ति को मान दिया जो/कृषिप्रधान भाग रहा जो, ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। अतिथि सम्मान दिया जो/छुआछूत का अंत किया जो, स्वच्छ सुर पान किया जो/उपत्यिकाओं मध्य…
#इंडवालस्यूं बारहजूला हो/गीत संगीत त्यौहार मरोज हो#ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा ! @कवि: सोमवारी लाल सकलानी&039;निशांत&039;। चिर यौवन का क्षेत्र रहा जो/ मस्ती#खेेलसंस्कृति पहचान दिया जो/मौंंणमेला ख्यात रहा हो#जल धारा के समीप जो/जौनसार रवाईं निकट बसा जो#दुग्ध उत्पादन क्षेत्र रहा जो/छड़ी उद्योग जान दिया जो ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। फल सब्जी व्यवसा#धामों के भी पास बसा जो/ प्रीतम-धामी साथ रहे हों#मातृशक्ति को मान दिया जो/कृषिप्रधान भाग रहा जो#श्रीकोट उत्तर पश्चिम तक/उत्तरांचल की गोद बसा जो#सुख समृद्धि गुलजार रहा जो/संस्कृति का केंद्र रहा जो#स्वच्छ सुर पान किया जो/उपत्यिकाओं मध्य बसा जो
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विश्वभर में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले देश भारत के सभी किसान भाईयों, गो-पालकों व दुग्ध उत्पादकों को "विश्व दुग्ध दिवस" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
दूध, पौष्टिकता की दृष्टि से सम्पूर्ण आहार है । आइए इस दिवस पर दूध के महत्व को समझते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प करें ।
#WorldMilkDay_2023
#RashtriyaGokulMission
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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Kheti se Kaise Badha Sakate Hain Rojagaar ke Avasar?
खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जहाँ कृषि ही मुख्य आजीविका का साधन है। पिछले कुछ दशकों में खेती और इससे जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उभरकर सामने आए हैं। खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, कई लोग अपने गांव लौटे और खेती में रोजगार के विकल्प तलाशने लगे। इस लेख में, हम खेती में रोजगार के विभिन्न अवसरों पर विचार करेंगे और समझेंगे ��ि कैसे ये अवसर न केवल ग्रामीण विकास में योगदान दे सकते हैं, बल्कि युवाओं को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
1. खेती से जुड़ी विविधता और रोजगार के अवसर
खेती का दायरा केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं है। आज खेती में विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं, जो किसानों और युवाओं को एक स्थिर आय के साथ नए कौशल भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, फूलों की खेती, मत्स्य पालन, और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के कई विकल्प उभर रहे हैं। इन क्षेत्रों में शुरुआत करने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का भी सहयोग मिलता है, जो शुरुआती लागत को कम करने में मदद करते हैं।
2. कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण
कृषि प्रसंस्करण और खाद्य प्रसंस्करण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। फसल के बाद की प्रक्रियाएं जैसे धान को चावल में बदलना, गेहूं से आटा बनाना, फल और सब्जियों का संरक्षण, और दूध से दुग्ध उत्पाद बनाना आदि कार्यों के लिए कारखानों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। यह स्थानीय स्तर पर ही रोजगार सृजित करता है। किसान अब अपनी फसल बेचने की बजाय, प्रसंस्करण कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं और साथ ही क्षेत्र में रोजगार भी पैदा कर सकते हैं।
3. एग्रो-टेक्नोलॉजी और डिजिटल खेती
एग्रो-टेक्नोलॉजी का उभरना खेती में एक बड़ी क्रांति ला रहा है। स्मार्टफोन, ड्रोन्स, सैटेलाइट मैपिंग, और सेंसर जैसे उपकरणों का उपयोग करके अब खेती को अधिक सटीक और लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें इस तकनीक में दक्षता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डिजिटल खेती में जैसे ही लोग शामिल होते हैं, कई रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
4. सरकार की योजनाएँ और रोजगार सृजन
भारत सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं, जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ��ारंटी योजना, और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उनके उत्पादन में वृद्धि करना है। साथ ही, इन योजनाओं के माध्यम से युवाओं को कृषि में रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। विशेष रूप से महिला किसान और छोटे किसानों को वित्तीय सहायता और अनुदान दिया जा रहा है, जिससे वे अपनी कृषि को नए स्तर पर ले जा सकते हैं और स्थायी रोजगार के अवसर बना सकते हैं।
5. डेयरी उद्योग और पशुपालन में रोजगार के अवसर
खेती के साथ-साथ डेयरी और पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अच्छी संभावनाएँ हैं। गाय, भैंस, बकरी, और मुर्गीपालन जैसे पशुपालन के व्यवसायों में निवेश कर, लोग एक स्थिर और अच्छा आय स्रोत बना सकते हैं। इसके अलावा, दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण, जैसे मक्खन, घी, पनीर आदि बनाने के कारखानों में भी रोजगार के अवसर मौजूद हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के साथ-साथ पोषण और आर्थिक सुरक्षा भी प्राप्त की जा सकती है।
6. कृषि-पर्यटन: एक नया पहलू
कृषि-पर्यटन, जिसे एग्रो-टूरिज्म भी कहा जाता है, खेती में रोजगार का एक अनूठा तरीका है। इसके तहत शहरी क्षेत्रों के लोग गांवों में आकर खेती के अनुभव का आनंद लेते हैं और ग्रामीण जीवनशैली को नज़दीक से देखते हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं। स्थानीय हस्तशिल्प, भोजन, और खेती के उत्पादों की बिक्री से किसानों की आय में इजाफा होता है और रोजगार के नये अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
7. मशरूम उत्पादन और बागवानी में अवसर
मशरूम उत्पादन एक तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय है, जिसमें ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती और यह एक अच्छा रोजगार विकल्प भी है। इसके अलावा, बागवानी, जिसमें फल, सब्जियों और फूलों की खेती शामिल है, रोजगार के नए रास्ते खोल रही है। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है, जो छोटी जगह में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं। सरकार भी मशरूम उत्पादन और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी उपलब्ध कराती है।
8. खेती में उद्यमिता का उदय
खेती में उद्यमिता का बढ़ता चलन आज के युवाओं के लिए एक आकर्षक अवसर बनता जा रहा है। वे खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर नई तकनीकों और व्यापार मॉडल का प्रयोग कर रहे हैं। कृषि उद्यमिता में युवाओं को अपने कृषि उत्पादों को बेचने के लिए नए रास्ते खोजने होते हैं। इसमें ऑनलाइन मार्केटिंग, वितरण चैनल, और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर मुनाफा कमाना भी ��ामिल है।
9. खेती में कौशल विकास और प्रशिक्षण
खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। सरकार और गैर-सरकारी संगठन युवाओं को खेती से जुड़े विभिन्न कौशल जैसे जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, और बागवानी आदि में प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम चला रहे हैं। इससे युवाओं में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है और वे कृषि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
10. रोजगार सृजन के लिए कृषि से संबद्ध क्षेत्रों का विकास
कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्र जैसे कृषि यंत्र, उर्वरक उत्पादन, बीज उत्पादन और वितरण, कृषि परामर्श, और कृषि शिक्षण भी रोजगार के बड़े स्रोत हैं। इन क्षेत्रों में युवा इंजीनियर, वैज्ञानिक, और शिक्षाविद् एक नया करियर बना सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तकनीकी और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को नए तरीकों के बारे में जानकारी मिलती है और युवा इन सेवाओं के माध्यम से रोजगार पा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत देते हैं। जहां एक ओर, यह क्षेत्र किसानों को नए तरीके अपनाने का मौका देता है, वहीं दूसरी ओर, युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है। खेती में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सकता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी एक मजबूत आधार मिल सकता है।
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'मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना' में पायें 11.80 लाख का अनुदान
देवरिया । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं गौपालकों को सशक्त बनाने के लिए मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के अन्तर्गत 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की इकाई स्थापना हेतु अधिकतम रू 11.80 लाख का अनुदान दो चरणों में प्राप्त करने का अवसर दिया जा रहा है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदन 01 नवंबर से प्रारंभ होकर 30 नवंबर 2024 तक किया जा सकेगा। इस योजना के सम्बन्ध में…
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xlri jamshedpur : 10 वर्षों में दुनिया की जरूरतों का एक तिहाई दूध का उत्पादन करेगा भारत, अमूल के एमडी ने एक्सएलआरआइ के डॉ वर्गीज कुरियन व्याख्यान को किया संबोधित, डॉ वर्गीज कुरियन की बेटी भी रही साथ
जमशेदपुर : शुक्रवार को एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में 11 वें डॉ वर्गिस कुरियन मेमोरियल ऑरेशन का आयोजन किया गया. इस दौरान दुग्ध क्रांति के जनक डॉ वर्गिस कुरियन को जहां याद किया गया, वहीं भारत में ग्रामी�� क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से सबल बनाने की दिशा में डॉ कुरियन द्वारा किये गये कार्यों से सभी को अवगत भी कराया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अमूल के एमडी सह गुजरात को ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग…
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उद्यमिता येथे स्वच्छता पंधरवड्यानिमित्त महिलांसाठी दुग्धव्यवस्थापन, स्वच्छ दूध उत्पादन आणि दुग्धजन्य उत्पादन या विषयांवर प्रशिक्षण कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले. या कार्यक्रमाचा उद्देश महिलांना आधुनिक दुग्धव्यवस्थापन तंत्रज्ञान, स्वच्छ दूध उत्पादनातील स्वच्छतेचे महत्त्व आणि मूल्यवर्धित दुग्धजन्य उत्पादनांबाबत मार्गदर्शन करणे हा होता. सहभागी महिलांना योग्य दुध काढण्याचे तंत्र, स्वच्छतेचे उपाय आणि दुधाळ जनावरांचे प्रभावी व्यवस्थापन या विषयांवर सखोल प्रशिक्षण देण्यात आले. स्वच्छ दूध उत्पादनामुळे आरोग्यवर्धक फायदे आणि बाजारमूल्यातील वाढ यावर विशेष भर देण्यात आला. कार्यक्रमाने महिलांना स्वच्छता आणि स्वच्छ दुग्धव्यवस्थापनाच्या तंत्रांचा अवलंब करून घरच्या स्तरापासून दुग्धजन्य पदार्थ निर्मिती व्यवसाय सुरु करून त्याचे व्यावसायिक रूपांतर करण्याचे महत्त्व पटवून दिले. दुग्ध व्यवसाय शाश्वत आणि फायदेशीर करण्यासाठी या तंत्रज्ञानाचा अवलंब करण्याचा संदेश देण्यात आला. देगलुर तालुक्यातील वझरगा गावातील दुधाळ जनावरे सांभाळणाऱ्या महिलांनी या प्रशिक्षणात सहभाग घेतला. #agriculture #कृषक_स्वर्ण_समृद्धी_सप्ताह #कृषिविज्ञानकेंद्र #सगरोळी #ICAR #स्वच्छता #पंधरवडा #महिलांसाठी #दुग्धव्यवसायप्रशिक्षण #दूध
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 31 August 2024
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – ३१ ऑगस्ट २०२४ सायंकाळी ६.१०
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महिलांच्या सुरक्षेसाठीचे कायदे आणखी सक्रीय करण्याची गरज पंतप्रधानांकडून व्यक्त
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेच्या निधी वितरणाच्या दुसऱ्या टप्प्याला प्रारंभ
नाशिक त�� डहाणू नवीन ब्रॉडगेज रेल्वे मार्गाच्या सर्वेक्षणासाठी रेल्वे मंत्रालयाकडून निधी मंजूर
आणि
पॅरिस पॅरालिम्पिक स्पर्धेत भारतीय खेळाडूंची आगेकूच कायम
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महिलांच्या सुरक्षेसाठीचे कायदे आणखी सक्रीय करण्याची गरज पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी व्यक्त केली आहे. आज नवी दिल्लीत जिल्हास्तरीय न्यायपालिकेच्या दोन दिवसांच्या राष्ट्रीय परिषदेचं उद्घाटन पंतप्रधानांच्या हस्ते झालं, त्यावेळी ते बोलत होते. सर्वोच्च न्यायालयाच्या अमृत महोत्सवी वर्धापनदिनानिमित्त आयोजित या परिषदेत एका नाण्याचं तसंच टपाल तिकिटाचंही पंतप्रधानांच्या हस्ते अनावरण करण्यात आलं. सर्वोच्च न्यायालयाचा ७५ वर्षांचा प्रवास लोकशाहीची जननी म्हणून भारताचा गौरव वृद्धिंगत करतो, असे गौरवोद्गार पंतप्रधानांनी काढले. सरन्यायाधीश न्यायमूर्ती धनंजय चंद्रचूड यांनी आपल्या संबोधनात या परिषदेमुळे जिल्हास्तरीय न्यायपालिका आणि इतरांमध्ये संवादाला वाव मिळेल, असं मत व्यक्त केलं. केंद्रीय कायदा आणि न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल यांनी, ई-न्यायालय उपक्रमाच्या तिसऱ्या टप्प्यात अत्याधुनिक तंत्रज्ञानासाठी ७ हजार २०० कोटी रुपये निधी उपलब्ध करून दिल्याची माहिती दिली. महान्यायवादी आर. वेंकटरमणी, सर्वोच्च न्यायालयाच्या बार कौन्सिलचे अध्यक्ष कपिल सिबल, आदींनी यावेळी उपस्थितांशी संवाद साधला.
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मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेच्या निधी वितरणाच्या दुसऱ्या टप्प्याला आजपासून प्रारंभ झाला. आज नागपूर इथं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी या टप्प्याचा शुभारंभ केला. केंद्रीय रस्ते मार्ग मंत्री नितीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, महिला आणि बालविकास मंत्री आदिती तटकरे यांच्यासह अनेक मान्यवर यावेळी उपस्थित होते. या योजनेत लाभार्थी बहिणींची संख्या एक कोटी साठ लाखापर्यंत पोहोचली असून, ही संख्या अडीच कोटी पर्यंत पोहोचण्याची शक्यता आहे, ही संख्या तीन कोटीपर्यंत पोहोचली तरी बहिणींना मदत देण्यासाठी त्यांचे भाऊ सक्षम असल्याचं, शिंदे यांनी सांगितलं.
या योजनेच्या पहिल्या टप्प्यात एक कोटी सात लाख बहिणींच्या बँक खात्यात तीन हजार २२५ कोटी रुपये तर दुसऱ्या टप्प्यात ५२ लाख लाभार्थी बहिणींच्या बँक खात्यात एक हजार ५६२ कोटी रुपये जमा करण्यात आल्याची माहिती मुख्यमंत्री शिंदे यांनी दिली.
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नाशिक ते डहाणू या १०० किलोमीटरच्या नवीन ब्रॉडगेज रेल्वे मार्ग प्र��ल्पाच्या अंतिम स्थान सर्वेक्षणासाठी एकूण दोन कोटी ५० लाख रुपयांचा निधी खर्च करायला रेल्वे मंत्रालयानं मंजुरी दिली आहे. १२ ज्योतिर्लिंगांपैकी एक असलेल्या त्र्यंबकेश्वर मंदिरात दर्शनासाठी आणि नाशिकमधल्या पंचवटी इथं दर्शनासाठी जाणाऱ्या लाखो भाविकांना रेल्वेसेवा उपलब्ध करून देत, पर्यटनाला चालना देण्यासाठी हा नवीन रेल्वे मार्ग महत्त्वाचा ठरणार आहे. यामुळे नाशिक आणि पालघर जिल्ह्यातली अनेक शहरं जोडली जातील तसंच या प्रदेशातल्या आर्थिक वाढ आणि विकासाला चालना मिळेल.
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स्पर्धा परीक्षा देणाऱ्या विद्यार्थ्यांसाठी वांद्रे पश्चिम इथल्या नॅशनल लायब्ररीमध्ये डिजिटल नॉलेज सेंटर सुरू करण्यात आलं आहे. आमदार आशिष शेलार यांच्या हस्ते आज त्याचं लोकार्पण करण्यात आलं. या सेंटरच्या माध्यमातून सुमारे पाच हजार डिजिटल पुस्तकं, मासिकं यासह विद्यार्थ्यांना स्पर्धा परीक्षांसाठी आवश्यक वाचन साहित्य डिजिटल स्वरुपात उपलब्ध करुन देण्यात आलं आहे.
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कृषी क्षेत्रातील उत्पादन क्षमता वाढविण्यासाठी तरुणांनी नवीन कृषी तंत्रज्ञान आत्मसात करण्याची गरज राज्याचे महसूल, पशुसंवर्धन आणि दुग्ध व्यवसाय विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी व्यक्त केली आहे. पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटील यांची १२४ वी जयंती तसंच शेतकरी दिनाच्या अनुषंगानं आज अहमदनगर जिल्ह्यात लोणी इथं शिवार फेरी काढण्यात आली तसंच कृषी प्रदर्शन भरवण्यात आलं होतं, त्याप्रसंगी ते बोलत होते. शेतकरी जागृत झाला असून, शेतीत जैविक खतांचा वापर वाढत आहे, अशा परिस्थितीत नवीन तंत्रज्ञान शेतकऱ्यांपर्यंत पोहोचणं आवश्यक असल्याचं विखे पाटील यांनी सांगितलं. बदलत्या कृषी तंत्रज्ञानाचं बँकाँक इथं प्रशिक्षण घेतलेल्या ३० विद्यार्थ्यांचा यावेळी प्रशस्तीपत्रक देऊन सत्कार करण्यात आला.
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राज्य विधानसभेच्या आगामी सार्वत्रिक निवडणूकांच्या पार्श्वभूमीवर, निवडणूक आयोगाकडून राज्यांमधील मतदार याद्या अद्ययावत करण्याच्या दुसऱ्या टप्प्याचा “विशेष संक्षिप्त पुनरिक्षण कार्यक्रम” २५ जून ते ३० ऑगस्ट या कालावधीत राबवण्यात आला. यानुसार सर्व मतदार नोंदणी अधिकारी कार्यालयांमध्ये, तसंच मुख्य निवडणूक अधिकारी कार्यालय आणि जिल्हाधिकारी कार्यालयांच्या संकेतस्थळावर अंतिम मतदार याद्या प्रसिद्ध करण्यात आल्या आहेत. प्रारुप मतदार यादीपेक्षा अंतिम मतदार यादीमध्ये राज्यात १६ लाख ९८ हजार ३६८ मतदारांची संख्या वाढल्याचं, याबाबतच्या वृत्ता�� म्हटलं आहे.
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राज्याचं पर्यटन धोरण महाराष्ट्राला देशात आघाडीवर नेणारं ठरेल, असा विश्वास राज्याचे पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन यांनी व्यक्त केला आहे. आज नागपूर इथं खासदार औद्योगिक महोत्सवांतर्गत घेण्यात आलेल्या ‘पर्यटन धोरण 2024 : ॲडव्हान्टेज विदर्भ कॉन्क्लेव्ह’ च्या समारोपीय सत्रात महाजन बोलत होते. केंद्रीय रस्ते, परिवहन आणि महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी हे कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी होते. गडकरी यांनी यावेळी बोलतांना, पर्यटकांना महाराष्ट्रात आकर्षित करण्यासाठी अभिनव कल्पना राबवण्याचं आवाहन केलं. जंगल सफारीसाठी इलेक्ट्रीक गाड्यांमुळे ध्वनी तसंच वायू प्रदूषण कमी होतं, त्यामुळे या गाड्यांची संख्या तिपटीने वाढवण्याची सूचना गडकरी यांनी केली.
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रत्नागिरी शहरातल्या बाळासाहेब ठाकरे तारांगणात उभारण्यात आलेल्या सायन्स गॅलरीचं ज्येष्ठ शास्त्रज्ञ डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर यांच्या हस्ते आज लोकार्पण करण्यात आलं. भारतरत्न डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम यांचं नाव या सायन्स गॅलरीला देण्यात आलं आहे. ज्येष्ठ अभिनेते नाना पाटेकर, ज्येष्ठ सामाजिक कार्यकर्ते डॉक्टर विकास आमटे, रत्नागिरीचे पालकमंत्री उदय सामंत, यांच्यासह अनेक मान्यवर या वेळी उपस्थित होते. शालेय विद्यार्थ्यांमध्ये वैज्ञानिक दृष्टिकोन आणि चिकित्सक वृत्तीला प्रोत्साहन मिळावं, या दृष्टीने या सायन्स गॅलरीमध्ये वेगवेगळ्या प्रकारची प्रारूपं उभारण्यात आली आहेत. खगोलशास्त्राची ओळख करून देणारी अॅस्ट्रॉनॉमी गॅलरीही इथे तयार करण्यात आली आहे
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पॅरिस पॅरालिम्पिक स्पर्धेत भारतीय खेळाडूंची आगेकूच आजही कायम आहे. महिलांच्या १० मीटर एअर पिस्तुल एस एच वन प्रकारात रुबीना फ्रान्सिस हिने अंतिम फेरीत धडक मारली आहे. तर बॅडमिंटनपटू सुकांत कदम तसंच नितेश कुमार यांनी एकल प्रकारात उपांत्यफेरीत तर महिला एकेरीत मनदीप कौर हिने उपांत्यपूर्व फेरीत धडक मारली आहे. नौकानयनात अनिता आणि के नारायण यांनी ‘अंतिम ब’ फेरीत प्रवेश केला आहे. दरम्यान, आज रात्री तीरंदाजी स्पर्धेत शितल देवी सुवर्णपदकासाठी खेळणार आहे. या स्पर्धेत भारतानं आतापर्यंत एक सुवर्ण, एक रौप्य आणि द���न कांस्यपदकं मिळवली आहेत.
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धुळे इथं पोलीस प्रशिक्षण केंद्रात ६२५ नवप्रविष्ठ पोलीस प्रशिक्षणार्थींचा दीक्षांत समारंभ आज साजरा झाला. विशेष पोलीस महानिरीक्षक प्रवीणकुमार पडवळ यांच्या हस्ते पोलीस प्रशिक्षण ��ा ११ व्या सत्रातल्या विजेत्या प्रशिक्षणार्थ्यीचा प्रशस्तीपत्र देवून सत्कार करण्यात आला. पडवळ यांनी यावेळी केलेल्या मार्गदर्शनात, या नवप्रविष्ठ पोलीस प्रशिक्षणार्थ्यांनी पोलीस विभागातील कायद्याचं आणि शिस्तीचं पालन करुन नागरिकांना निष्पक्षपातीपणे न्याय देण्याचं काम करावं, असं आवाहन केलं. या सोहळ्यात प्रमुख अतिथींना मानवंदना, परेड निरीक्षण, ध्वज टोळीचे आगमन, प्रशिक्षणार्थींना शपथ, तसंच दीक्षांत संचलन करण्यात आल्याचं, आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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छत्रपती संभाजीनगर शहरातल्या गुलमोहर कॉलनी परिसरातील राजीव गांधी स्टेडियम मधल्या बहु उद्देशीय क्रीडा संकुलाचं आज भूमीपूजन झालं. राज्याचे गृहनिर्माण आणि इतर मागास बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, खासदार डॉक्टर भागवत कराड, महानगर पालिका आयुक्त तथा मुख्य प्रशासक जी. श्रीकांत यावेळी उपास्थित होते.
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छत्रपती संभाजीनगर इथं प्रत्येक पानटपरी धारकाला एक कचराकुंडी तसंच धुंकीपात्र पानटपरी जवळ ठेवणं बंधनकारक करण्यात आलं आहे. या नियमाचं पालन न करणाऱ्या पानटपरी धारकांवर दंडात्मक कारवाई करण्यात येईल. पहिल्या तपासणीत एक हजार रुपये, दुसऱ्या तपासणीत दोन हजार तर तिसऱ्या तपासणीत रुपये तीन हजार दंड वसूल करण्यात येईल, असं उप आयुक्त तथा घनकचरा व्यवस्थापन प्रमुख रविंद्र जोगदंड यांनी सांगितलं आहे.
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देशभरात विविध ठिकाणी महिलांवर होणारे अत्याचार, तसंच बांगलादेश मधील हिंदू समाजावर होणारे अत्याचार तसंच इतर प्रश्नांकडे लक्ष वेधून घेण्यासाठी आज बीड इथं सकल हिंदू समाजाच्या वतीने जिल्हाधिकारी कार्यालयावर मूक मोर्चा काढण्यात आला. गोहत्या बंदी कायदा अंमलबजावणी बाबत ठोस कारवाई करावी अशी मागणी या मोर्चाच्या माध्यमातून करण्यात आली.
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विपक्ष पर भड़के मंत्री ललन सिंह, कहा, पीएम चला रहे राष्ट्रीय गोकुल मिशन, हम गाय का मांस निर्यात नहीं करते
Delhi News: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ललन सिंह ने अपने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी सरकार की 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष को जमकर घेरा. उन्होंने चर्चा के दौरान पशुओं की संख्या में कमी के दावे का खंडन करते हुए कहा कि ये संख्या बढ़ी है. पीएम ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन चलाया और ये इस मिशन की सफलता है कि दुग्ध उत्पादन भी बढ़ा है. ललन सिंह ने कहा कि देसी…
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Which is the best supplier for a cattle feed ?
टाइम ज़ी पशु आहार — सर्वश्रेष्ठ पशु आहार ब्रांड
टाइम ज़ी पशु आहार अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। यह ब्रांड आपके पशुओं के लिए सर्वोत्तम पोषण प्रदान करता है, जिससे उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन में वृद्धि होती है। टाइम ज़ी पशु आहार के उत्पाद निम्नलिखित हैं:
1. बाय प्रो प्रीमियम पशु आहार (Bi Pro Premium Pashu Aahar)
2. हाई प्रो पेलेट पशु आहार (Hi Pro Pellet Pashu Aahar)
3. संतुलित पेलेट पशु आहार (Santulit Pellet Pashu Aahar)
4. सुपर पेलेट पशु आहार (Super Pellet Pashu Aahar)
प्रत्येक बैग में 50 किलोग्राम आहार होता है और इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन और खनिज होते हैं, जो आपके पशुओं को अधिक ताकत देते हैं और दूध उत्पादन को बढ़ाते हैं।
बाय प्रो प्रीमियम पशु आहार (Bi Pro Premium Pashu Aahar)
बाय प्रो प्रीमियम पशु आहार आपके पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व प्रदान करता है, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
हाई प्रो पेलेट पशु आहार (Hi Pro Pellet Pashu Aahar)
हाई प्रो पेलेट पशु आहार में उच्च प्रोटीन सामग्री होती है, जो आपके पशुओं को अधिक ऊर्जा प्रदान करती है।
संतुलित पेलेट पशु आहार (Santulit Pellet Pashu Aahar)
संतुलित पेलेट पशु आहार आपके पशुओं के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का सही मिश्रण प्रदान करता है।
सुपर पेलेट पशु आहार (Super Pellet Pashu Aahar)
सुपर पेलेट पशु आहार आपके पशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार है, जो उनके स्वास्थ्य और उत्पादन को बढ़ाता है।
टाइम ज़ी पशु आहार से पशुपालकों को क्या फायदे होते हैं?
टाइम ज़ी पशु आहार(Time Zee Pashu Aahar) का उपयोग करने से पशुपालकों को अनेक लाभ होते हैं। इनके उच्च गुणवत्ता वाले पशु आहार उत्पाद न केवल पशुओं की सेहत को बेहतर बनाते हैं बल्कि उनकी उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं कि टाइम ज़ी पशु आहार का उपयोग करने से पशुपालकों को कौन-कौन से लाभ मिलते हैं:
1. दुग्ध उत्पादन में वृद्धि (Increase in Milk production)
टाइम ज़ी पशु आहार सम्पूर्ण संतुलित होने के कारण पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है। इसके उच्च प्रोटीन और खनिज पशुओं को अधिक दूध देने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, अन्य पशु आहारों की तुलना में सस्ता होने से दूध की प्रति लीटर लागत को कम करता है।
2. ऋतु चक्र में सुधार
टाइम ज़ी पशु आहार का नियमित सेवन पशुओं के ऋतु चक्र को नियमित करता है, ज���ससे वे समय पर गाभिन हो जाते हैं। यह पशुपालकों के लिए आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद होता है।
3. बीमारियों से बचाव
टाइम ज़ी पशु आहार में मौजूद उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्व पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे वे बीमारियों से बचे रहते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
4. आर्थिक दृष्टि से किफायती
टाइम ज़ी पशु आहार सम्पूर्ण संतुलित होने के कारण आर्थिक दृष्टि से भी सस्ता पड़ता है। इसके उपयोग से पशुपालकों को अलग से अन्य पोषक तत्व देने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे उनके खर्चे भी कम होते हैं।
5. नमक की पर्याप्त मात्रा
टाइम ज़ी पशु आहार में नमक पर्याप्त मात्रा में होता है, इसलिए अलग से नमक देने की आवश्यकता नहीं होती। यह पशुपालकों के लिए एक और सुविधा है जो उनके काम को आसान बनाता है।
टाइम ज़ी पशु आहार कीमत | Time Zee Pashu Aahar Price 2023–24
टाइम ज़ी पशु आहार बाजार में अनेक प्रकार के पैकेट में उपलब्ध हैं और उनकी कीमतें उनकी गुणवत्ता के अनुसार तय की गई हैं।
टाइम ज़ी पशु आहार डिस्ट्रीब्यूटरशिप क्या है | Time Zee Pashu Aahar Dealership
जैसा कि आप जानते हैं, सभी कंपनियां अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम चलाती हैं। उन्हीं कंपनियों में से एक है टाइम ज़ी पशु आहार कंपनी, जो देश की अन्य कंपनियों की तरह ही अपना नेटवर्क बढ़ाना चाहती है। टाइम ज़ी पशु आहार कंपनी भी डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्रदान करती है।
डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लाभ
टाइम ज़ी पशु आहार की डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने के बाद, आपको कंपनी के उत्पादों को बेचने का अवसर मिलता है। इस पर कंपनी आपको एक निश्चित कमीशन देती है। जितनी अधिक बिक्री आप करेंगे, आपकी कमाई उतनी ही अधिक होगी। इसका मतलब है कि आप जितना अधिक टाइम ज़ी पशु आहार के उत्पादों को बाजार में बेचेंगे, उतना ही अधिक आपकी आय होगी। यदि आप टाइम ज़ी पशु आहार की डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेना चाहते हैं, आज ही हमें कॉल करें: 63930 45488। जल्दी ही हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.timezee.in पर भी जा सकते हैं।
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विश्वभर में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले देश भारत के सभी किसान भाईयों, गो-पालकों व दुग्ध उत्पादकों को "विश्व दुग्ध दिवस" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
दूध, पौष्टिकता की दृष्टि से सम्पूर्ण आहार है । आइए इस दिवस पर दूध के महत्व को समझते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प करें ।
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भारत में कई तरह की गाय की नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट उद्देश्य होता है। कुछ नस्लों को दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है, जबकि अन्य का उपयोग खेती के कार्यों में किया जाता है। यहां भारत की कुछ लोकप्रिय गाय की नस्लें हैं:
गिर (Gir): यह नस्ल गुजरात के गिर वनों की मूल निवासी है। गिर गायों को उनके उच्च गुणवत्ता वाले दूध के लिए जाना जाता है, जिसमें अच्छा वसा (fat)होता है। ये गायें तगड़ी और गर्मी सहने वाली होती हैं।
साहिवाल (Sahiwal): यह नस्ल पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र की मूल निवासी है, लेकिन अब भारत में भी पाई जाती है। साहीवाल गायों को भी उनके उच्च दुग्ध उत्पादन के लिए जाना जाता ,है साहीवाल गाय की विशेषताएँ। ये गायें भी गर्म जलवायु के लिए अनुकूल हैं।
रेड सिंधी (Red Sindhi): यह नस्ल पाकिस्तान के सिंध प्रांत की मूल निवासी है। रेड सिंधी गायों को उनके लाल रंग के कोट और उच्च वसा वाले दूध के लिए जाना जाता है। ये गायें भी गर्म जलवायु के लिए उपयुक्त हैं।
राठी (Rathi): यह नस्ल राजस्थान की मूल निवासी है। राठी गायों को उनके दोहरे उद्देश्य के लिए जाना जाता है - अच्छा दूध उत्पादन और खेती के लिए उपयुक्त बल। ये गायें भी शुष्क जलवायु के लिए अनुकूल हैं।
थारपारकर (Tharparkar): यह नस्ल थार रेगिस्तान की मूल निवासी है। थारपारकर गायों को उनके दूध उत्पादन और कठोर वातावरण में रहने की क्षमता के लिए जाना जाता है। ये गायें गर्म और शुष्क जलवायु के लिए उपयुक्त हैं।
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Jamshedpur milk dairy plant : मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जमशेदपुर के बालीगुमा में रखी मेधा डेयरी प्लांट की आधारशिला, मुख्यमंत्री ने कहा - श्वेत क्रांति की होगी शुरुआत
जमशेदपुर : झारखंड को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि इसे अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जमशेदपुर के बालीगुमा में मेधा डेयरी प्लांट के भूमि पूजन कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा तथा किसानों- पशुपालकों के आय स्रोत में बढ़ोतरी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली से ही…
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