#दिल्ली में कोरोना
Explore tagged Tumblr posts
Text
14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? दो हफ्ते बाद भारत में चरम पर होगा कोरोना, सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को
14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? नई दिल्ली: Lockdown may Be Imposed in 14 days? कोरोना संक्रमण का दौर एक बार फिर भारत में लौट रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खस्ता हालत दिल्ली और महाराष्ट्र की है, जहां रोजाना नए संक्रमितों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस बीच लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक…
View On WordPress
#14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? दो हफ्ते बाद भारत में चरम पर होगा कोरोना#Lockdown#news:#viral#एक्सक्लूसिव#के#को#कोरोना#कोविड-19#खतरा#चरम#ज्यादा#दिन#दिल्ली#देश#दो#पर#बच्चों#बाद#भारत#भीतर#में#राज्य#लग#लॉकडाउन#सकता#सबसे#सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को#स्वास्थ्य#हफ्ते
0 notes
Text
केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए महोल्ला क्लीनिको में नहीं हो रहा मरीजों का इलाज
लेकिन अलीपुर में बने महोल्ला क्लिनिक की बात की जाय तो. यहाँ की स्तिथि बेहद ख़राब है, क्योंकि ना तो यहाँ डॉक्टरों का पता होता है और ना ही दवाइयों का अब ऐसे में केजरीवाल सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो रहें हैं, की आखिर महोल्ला क्लिनिक गरीबों और आर्थिक स्तिथि से जूझ रहे लोगो का मुफ्त में इलाज करने के लिए खोले थे लेकिन वो अब बंद क्यों पड़े हैं।
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की खुल रही है पोल क्योंकि मोहल्ला क्लीनिक में बीमारियों का इलाज नहीं हो रहा, ऐसे में आर्थिक स्तिथि से जूझ रहे लोग मोहल्ला क्लीनिक तक अपना इलाज कराने के लिए जाते तो हैं लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा बनायीं गई मोहल्ला क्लीनिक बंद देखकर लोग निराशा के साथ घर की तरफ रुख करना पड़ता है,
ऐसे में दिल्ली की सरकार चल रहें कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर चिंतित है और सभी स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट पर भी है लेकिन वहीं दूसरी तरफ देखा जाये तो दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं ठप होती भी दिख रही हैं।
दिल्ली में दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर बहतरीन और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करती है कि दिल्ली के हर हॉस्पिटल और मोहल्ला क्लीनिकों में लोगो का डॉक्टर्स द्वारा मुफ्तमें इलाज किया जाता हैं और साथ ही तकरीबन 12 सौ से अधिक मुफ्त टेस्ट भी किये जाते हैं, लेकिन दिल्ली के लोगो के लिए महोल्ला क्लीनिकों का बंद होना दिल्ली सरकार पर कई बड़े सवाल खड़े करता है। ऐसे में लोगो ने Read more….
लेटेस्ट न्यूज़ इन हिंदी
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना के खतरे को लेकर, सरकारी स्कूल के शिक्षकों की एयरपोर्ट पर लगाई ड्यूटी
नए साल की शुरूआत से पहले ही दिल्ली-NCR में ब��़ाए दूध के दाम, आम जनता को लगा महंगाई का झट��ा
2 notes
·
View notes
Text
दिल्ली में लॉकडाउन! क्या कोरोना की तरह यही बचा है पॉल्यूशन का सॉल्यूशन?
चेहरे पे सारे शहर के गर्द-ए-मलाल है जो दिल का हाल है वही दिल्ली का हाल है उलझन घुटन हिरास तपिश कर्ब इंतिशार वो भीड़ है के साँस भी लेना मुहाल है मशहूर शायर मलिकजादा मंजूर अहमद ने ये शेर लिखा तो होगा इश्क के किसी एहसास में, मगर शेर में जो दिल्ली का हाल बताया है, वो शहर की जहरीली आबो हवा का आईना है. दिल्ली की हवा इस कदर दमघोंटू हो चुकी है कि लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है. दिल्ली की हवा में…
0 notes
Text
ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा की, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जिनमें कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर बिठाओ। 10वीं में आए इतने नंबर, गांव में म��� गया हल्ला हालांकि, एक छोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था। जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार ��िले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने अपना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली। परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में जुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई। रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा। आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में ए�� अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
0 notes
Text
covishield new information: कोविशील्ड,कोरोना वैक्सीन से ब्रेन स्ट्रॉक व हार्ट अटैक का खतरा, निर्माता ब्रिटिश कंपनी का कोर्ट में हलफनामा, 175 करोड़ लोंगो को लगे थे डोज, आईसीएमआर की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में
नयी दिल्ली: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक���ट्स हो सकते हैं. हालांकि ऐसा बहुत रेयर मामलों में ही होगा. एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई. ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना…
View On WordPress
0 notes
Text

राजवर्धन आज़ाद की नई किताब : “नीम का शहद” आद्योपांत पढ़ा।बारंबार पढ़ने का मन हुआ,इसलिए कई बार पढ़ा ।
इस किताब के बारे में कुछ कहने से पहले, एक वाक़या शेयर करना चाहूँगा । सुप्रसिद्ध हार्ट सर्जन डॉ पी. वेणु गोपाल से एम्स,दिल्ली में भेँट हुई ।उन्होंने मेरे बड़े भाई की ओपेन हार्ट सर्जरी की थी- जहां तक मुझे याद है,वह तारीख़ थी 12 जनवरी 1992 ! मैंने उनके प्रति कृतज्ञता प्रगट की और उन्होंने आत्मीय भाव से मेरी ओर देखा । मैं उनका फ़ैन हो गया ।बाद के बर्षों में जब उन्होंने सफलतापूर्वक पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी किया और एक के बाद एक नयी ऊँचाइयों को छूने लगे- तभी किसी इंटरव्यू में उनसे किसी ने सवाल किया, “डॉक्टर साहब,आप शत प्रतिशत सफलता के साथ इतने सारे कठिन सर्जरी कैसे कर लेते हैं ?”
डॉक्टर वेणु गोपाल ने बड़ी सादगी से ऊपर ईश्वर की ओर देखने की मुद्रा में जवाब दिया, “आइ सिम्पली मूव माइ हैंड्स, रेस्ट एवरीथिंग इज डन बाइ द ऑलमाइटी हिमसेल्फ” !
डॉ. पी. वेणु गोपाल जैसे सुविख्यात हार्ट सर्जन और डॉ. राजबर्धन आज़ाद जैसे सुविख्यात रेटिनल सर्जन की सृजन शक्तियों में यह ‘कॉमन थ्रेड’ नजर आया - इसलिए मैंने उस वाक़ये की चर्चा की । कोई ज़रूरी नहीं है कि उनके अन्य विचार भी एक-दूसरे से मिलते ही हों । मुझे लगता है कि किसी भी सफल और ईमानदार प्रोफेशनल के ल��ए- चाहे साइंटिस्ट,डॉक्टर , इंजीनियर हो , लेखक या किसी अन्य विधा में पारंगत व्यक्ति - “ग्रैटिच्युड” प्राईम मूवर है - “Finding smoother pebbles on the sea shore” (न्यूटन)
“नीम का शहद” के सभी 240 कविताओं को पढ़कर,रचनाकार में वही भाव दिखे जिसमें कहीं कर्ता होने का लेश मात्र कोई दंभ नहीं है।
किसी रचनाकार की कृतियों को पढ़ने से पहले, मेरा सहज स्वभाव है कि यह जानूँ कि उसने अपनी कृति किन्हें समर्पित किया है और खुद अपनी बात में, उनका क्या कहना है ?
इन्होंने “जिन लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती” को अपनी यह पहली कृति समर्पित किया है,उन्हें उसी श्रद्धा के साथ प्रणाम करता हूँ जिन्हें महर्षि अरविन्द ‘प्लेन्स ऑफ कॉन्शसनेस’ सत्-चित्-आनन्द ( Existence-Consciousness-Bliss ) कहते हैं - ये ही मोटिवेशन की अक्षय ऊर्जा के स्रोत हैं।
“अपनी बात” में रचनाकार ने प्रयोगवादी नई कविता का ज़िक्र करते समय अज्ञेय द्वारा सम्पादित ‘दूसरा सप्तक’ की चर्चा की है- अपने स्कूली जीवन के दौरान अज्ञेय कृत गद्य रचनाएँ यथा: “नदी के द्वीप”; “शेखर : एक जीवनी” पढ़ पाया,पर ‘दूसरा सप्तक’ मैंने अभी तक नहीं पढ़ा था । राज वर्धन जी की प्रेरणा से,
अज्ञेय सम्पादित “तार सप्तक”, “दूसरा सप्तक” , “तीसरा सप्तक” और “चौथा सप्तक” के दरवाज़ों पर सिर्फ़ दस्तक देकर ताका-झांका- इसी क्रम में, अज्ञेय की प्रिय कविता, “दु:ख सबको माँजता है” की यादें ताज़ा हो गईं ।
”नदी के द्वीप” उपन्यास के शुरुआती पन्ने पर ‘अज्ञेय’ ने पी.बी. शेली की कविता उद्धरित कर इसका अनुवाद इस तरह से किया है:
दु:ख सबको मांजता है
व्यथा के गहरे और फैले सागर में
कई हरे - भरे द्वीप भी अवश्य होंगे
नहीं तो थका-हारा सागरिक
कभी ऐसे यात्रा करता न रह सकता!”
-अज्ञेय
Many a green isle needs must be
In the deep wide sea of Misery,
Or the mariner, worn and wan,
Never thus could voyage on
- P.B. Shelley
“नीम का शहद” काव्य संग्रह में रचनाकार ने अपनी अकुलाहट,छटपटाहट,मानवीय संवेदनाओं को कम-से-कम शब्दों में कहने का प्रयास किया है ।किसी एक कविता में औसतन 50 शब्द ही पूरे पेज पर दिखेंगे (हो सकता है,कुछ कविताओं में अधिकतम 100 शब्द भी मिल जायें ) पर वे आपको ‘गागर में सागर’ की तरह महसूस होंगे । सभी कविताएँ स्वत:स्फूर्त हैं ।ये सब ’देखन में छोटन’ भले लगते हों,पर ‘गंभीर घाव’ नहीं करते बल्कि अंधेरे से वास्तविकता की ओर ले जाते हैं मानो ज्योति के लिए तरस रहे किसी मरीज़ के आँख की पट्टी खुलते ही अचानक रोशनी दिख जाने पर उसके चेहरे पर उल्लास की ख़ुशी दमक उठे ! रचना काल 2021 - 22 है जो कोरोना-काल की यादें लेकर दर्द का एहसास भी ताज़ा कराता है ।
अपने रोज़मर्रा ज़िंदगी के ऐसे ‘डिफाइनिंग मोमेंट्स’ को बिना किसी आयास के कम से कम शब्दों में गढ़ने की अद्भुत क्षमता है रचनाकार में - उनमें यह नैसर्गिक गुण ईश्वर प्रदत्त है। वे ‘ओम्’ की असीम शक्ति कम से कम शब्दों में पिरोना चाहते हैं जिसे वे ‘मौन की अभिव्यक्ति’ के रूप में देखते हैं - यही तो असली साधना और इबादत है ।
‘कर्टेन रेजर’ के बतौर “नीम का शहद” काव्य संग्रह से , मात्र सात कविताएँ शेयर कर रहा हूँ जिन्हें ‘सप्तक’ की तरह पढ़कर शेष दो सौ तैंतीस ( 233 ) कविताओं का रसास्वादन करने की उत्कंठा आपमें बनी रहे और राजकमल प्रकाशन का यह अनूठा काव्य संग्रह , मूल्य 895 रू. ( आमेजन पर उपलब्ध हार्ड कवर 605/- रूपये में ) आप मंगा कर पढ़ सकें ।
1) धृतराष्ट्र आज भी ज़िन्दा है:
धृतराष्ट्र आज भी
ज़िन्दा है
फ़र्क़ इतना है कि
ऑंख होते हुए भी
अंधा है
2) ज़िन्दगी :
ज़िन्दगी है उल्फ़त
ज़िन्दगी है क़िस्मत
जिनके हैं ख़ादिम
उनकी है जन्नत
ज़िन्दगी है दीवानी
करती है मनमानी
चाहत की आड़ में
लिख रही कहानी
ज़िन्दगी ज़माना है
आना और जाना है
चलती किसी की नहीं
लिक्खा ठिकाना है
3) बीमार है मुल्क :
हवा लिये कन्धे पर
हवा को ढूँढ़ रहे हैं
बिस्तर लिये सर पर
घर को ढूँढ़ रहे हैं
बीमार है मुल्क
बीमार हैं कुर्सियाँ
बीमार हकीम से
हम दवा पूछ रहे हैं
श्मशान में है भीड़
हम घाट ढूँढ़ रहे हैं
बचे हैं जो लोग
चालीसा पढ़ रहे हैं
कुदरत का है क़हर
परवरदिगार बेख़बर
हर गाँव हर शहर
हम रहमत ढूँढ़ रहे हैं
4) कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगे पापा
कष्ट सहकर दिया जन्म
पढ़ा- लिखाकर बड़�� किया
खड़ा पॉंव पर कर मॉं तुमने
ब्याह रचाकर घर दिया
पग-पग पर पापा तुमने
मुश्किल से आगाह किया
जीने का मूल मंत्र देकर
बढ़ने की राह प्रशस्त किया
माँ तुमने घर और बाहर
हम सबको सँभाल दिया
पापा तुमने साहस देकर
कवच में हमको ढ़ाल दिया
हम तो चाहते हैं तुम दोनों
अनन्त काल तक संग रहो
ईश्वर की भी है इच्छा
समस्त परिवार के अंग रहो
पर जीवन तो क्षणभंगुर है
यही तो है इसका स्यापा
कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगे पापा
5) नीतीश कुमार:
ऑंखें तेज़
आवाज़ बुलन्द
चाल सहज
भाषा स्वच्छन्द
अपार शक्ति
अपरिमित क्षमता
इच्छा सेवा
विश्वास समता
देश- सेवा
करने तैयार
चित्त उदार
नीतीश कुमार
6) नीम का शहद
कुर्सी बनी जागीर
खोखले बने अमीर
नकार का ताज
लिये स्वयं आज
लिख रहे रोज़ लेख
अनभिज्ञता का आलेख
प्रतिरूप अवरोध का
बन रहे हैं प्रत्येक
गा रहे जो संगीत
द्रव्य का हर तरफ़
पिला रहे सदियों से
वो नीम का शहद
7) सात दशक :
सात दशक
पहचानी महक
हर रोज़
दे रही दस्तक
एक फूल
मेरा रसूल
कभी प्रतिकूल
कभी अनुकूल
एक चिन्तन की
अनोखी पाठशाला
वो चमका
जिसने पढ़ डाला
एक लौ जिसने
किया उजाला
एक शक्ति पुंज
अनन्त वाला
हर दशक की
अपनी झलक
थोड़ी ललक
थोड़ी कसक
मेरे संग थे
मेरे उसूल
घर बना
हमारा गुरूकुल
अंत में, मेरे मन में यह जिज्ञासा उठी कि डॉ. राजवर्धन आज़ाद ने अपने इस खूबसूरत काव्य संग्रह के शीर्षक का नाम “नीम का शहद” ही क्यों चुना ?
क्या इसलिए कि विश्व रूप दर्शन कराने के लिए श्रीमद्भागवत गीता के ग्यारहवें अध्याय में वर्णित, “पश्य मे पार्थ रूपाणि” की दिव्य दृष्टि चाहिए जो भगवत्कृपा के बिना संभव नहीं है, अत: साधारण ऑंखों से, उन चकाचौंध तेज शक्ति-पुंज के सौम्य दर्शन हेतु, कोरेंटाइन औषधीय गुणों से परिपूर्ण “नीम का शहद” एक प्रयोगात्मक प्रतीक ( Allegorical Significance ) के रूप में सहजता प्रदान कर सके ?
मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि “नीम का शहद” कृति को अप्रत्याशित सफलता ��िलेगी । डॉक्टर राजवर्धन आज़ाद को दिल की गहराइयों से बहुत बहुत बधाई , हार्दिक शुभकामनाएँ एवं अनेकों धन्यवाद - भगवान श्री राम एवं माता जानकी की कृपा उनके समस्त परिवार पर सदैव बनी रहे !
मेरी ओर से इस खूबसूरत काव्य संग्रह को फ़ाइव स्टार 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 !
शुभाकांक्षी : नागेश चन्द्र मिश्र
पटना, 9 अप्रैल 2024 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
चैती नवरात्र का पहला दिन: नव वर्ष का आरंभ
0 notes
Text
पूरी दुनिया में एक बार फिर किसी भी समय महामारी फैल सकती है. डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी किया. An epidemic can spread across the world at any time once again. WHO has issued an alert.
नई दिल्ली। दुनिया में एक और महामारी का खतरा मंडरा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी कर कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी के चार साल बाद एक बार फिर खतरे का संकेत है। पूरी दुनिया में एक बार फिर किसी भी समय महामारी फैल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी करीब चार साल बाद फिर आई है। कोरोना महामारी को 11 मार्च 2020 में महामारी घोषित किया गया था। स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड…
View On WordPress
0 notes
Text
अब आकाश मार्ग से मिलेगी दवाई, जानिए क्या हैं पुरी ख़बर?
Ambikapur Medicine Delivery by Drone: अंबिकापुर में अब आपात स्थिति में मेडिसिन और सैंपल आकाश मार्ग से पहुंचाएं जाएंगे. इसका सोमवार को ट्रायल किया गया. ड्रोन के जरिए दवाई पहुंचाने की व्यवस्था कैसी होगी इसके बारे में आपको बताते हैं
अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि ट्रैफिक के कारण दवा पहुंचने में देर हो गई. कई बार दवा समय पर न मिलने पर लोगों की जान भी चली जाती है. ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए अंबिकापुर में एक खास टेक्निक डेवलप की गई है. इस टेक्निक से लोगों के पास समय से दवाईयां और सैंपल पहुंचाई जा सकेगी.
ड्रोन के माध्यम से पहुंचायी जाएगी दवा
अम्बिकापुर में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया गया है. अब इमरजेंसी में ड्रोन से दवाइयां और सैम्पल पहुंचाए जाने की योजना बनाई जा रही है. सोमवार को इसका सफल ट्रायल किया गया. ट्रायल के दौरान ड्रोन अम्बिकापुर से उदयपुर तक 40 किलोमीटर का सफर तय कर वापस लौटा. ये ड्रोन वापस उदयपुर से अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज तक लाया गया|
अंबिकापुर के राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का चयन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर सेक्टर के लिए किया गया था. भारत सरकार ने देश के 25 मेडिकल कॉलेज का चयन इस टेक्नोलॉजी के लिए किया है, इसमें सरगुजा के मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल हो गया है
Ambikapur Medicine Delivery by Drone: महिला समूहों को दी गई ट्रेनिंग
इस खास टेक्नोलॉजी का उपयोग यातायात बाधित होने, आपदा के दौरान दवा और सैम्पल पहुंचाने के लिए किया जाएगा. इसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन महीने के लिए सीएचसी उदयपुर से मेडिकल कॉलेज तक इसका संचालन किया जाना है| इस ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए टीम को विशेष प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया था. महिला समूहों को ड्रोन चलाने सहित पूरी प्रोसेस की ट्रेनिंग दी गई है|
विषम परिस्थितियों में तकनीक होगी कारगर
भारत सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार नए-नए प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में अब भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए अत्याधुनिक ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है. इस योजना का उद्देश्य आपदा-विपदा के समय लोगों को समय पर राहत पहुंचाना है. प्रायः यह देखा जाता है कि यातायात बाधित होने, हड़ताल, सड़क दुर्घटना की स्थिति में सैम्पल, दवा, किट्स इत्यादि की सप्लाई बाधित होती है. यह पायलट प्रोजेक्ट उसी दिशा में टेस्टिंग इत्यादि नियंत्रित करने में सार्थक पहल होगी. ��सके साथ ही कोरोना जैसी मह��मारी की स्थिति में यह बहुत कारगर और प्रभावी कदम साबित होगा.
मेडिकल कॉलेज का चयन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर के रूप में होना गर्व की बात है. पायलट प्रोजेक्ट के लिए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया से एमओयू के बाद महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया था. पायलट प्रोजेक्ट के लिए सीएचसी उदयपुर और मेडिकल कॉलेज के बीच इसका संचालन किया जाना है. आज ड्रोन उड़ाकर ट्रायल किया गया है. सफल ट्रायल के बाद उम्मीद है कि जल्द ही हम इसे शुरू कर पाएंग|
0 notes
Text
कोटा के आर्यन सिंह ने किसानों के लिये बनाया ‘एग्रो बोट 2.0’
राजस्थान से इकलौते छात्र आर्यन को राष्ट्रपति से मिला राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार, केंद्र सरकार ने बनाया ब्रांड एम्बेसेडर न्यूजवेव @कोटा देश के किसानों को अपने खेत में फसलों की बुवाई, कटिंग, हार्वेेस्टिंग, पैदावार और मिट्टी की उर्वरकता बढाने के लिये महंगे उपकरण खरीदने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोटा के छात्र आर्यन सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित ऐसा सस्ता ‘एग्रो बोट-2.0’ तैयार किया है, जिसकी मदद से किसान कहीं भी बैठकर अपनी पैदावार की प्रभावी मॉनिटरिंग कर सकेंगे। कोटा के आर्यन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नये इनोवेशन के लिये 22 जनवरी को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मिनट आर्यन से मिले और भारतीय किसानों के लिये बनाये गये अनूठे एग्रो बोट 2.0 की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने विश्वास दिलाया कि तुमने फसलों की गुणवत्ता बढाने के लिये अनूठा सस्ता रोबोट तैयार किया है, इसे देश के आम किसानों तक पहुंचाने के लिये केंद्र सरकार मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने मेरा साथी एप बनाने पर उसे माय जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर ब्रांड एम्बेसेडर बनाया है। एसआर पब्लिक स्कूल कोटा में कक्षा-9वीं से उसने अटल टेंकरिंग लैब में इस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ किया था। कोरोना महामारी के दौरान मेंटर ओपी सोनी के साथ वह लगातार इस पर काम करता रहा। 2023 में उसने एक बगीचे में सौर उर्जा के साथ इस एग्रो रोबोट का सफल परीक्षण किया। दादा की खेती से मिला आइडिया
शहर के इंद्रा गांधी नगर निवासी 19 वर्षीय आर्यन सिंह ने बताया कि दादा उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में छोटी सी खेती करते थे। ट्रेक्टर व अन्य मशीनें खरीदने के लिये उनके पास पैसे नहीं थे। तब उसने सोचा था कि वह बडा होकर किसानों के लिये सस्ता उपकरण तैयार करेगा। इंद्रा गांधी नगर में 20 साल से ईमित्र की दुकान चला रहे पिता जितेंद्र सिंह व मां मनसा देवी ने बताया कि आर्यन एसआर पब्लिक स्कूल में पढते हुये एग्रीकल्चर में इनोवेशन करने में जुटा रहा। घर पर किताबें पढना और कम्प्यूटर पर खोज करना उसकी रूचि रही। स्कूल में जाकर अटल टेंकरिंग लैब में कई घंटे बैठकर वह रोबोट तैयार करने में जुटा रहा। तीन देशों में जीते मेडल आर्यन बूंदी के सरकारी पॉलिटेक्नीक कॉलेज से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक कर रहे हैं। उसे 5 अंतरराष्ट्रीय और 10 भारतीय अवार्ड मिल चुके हैं। इसमे यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड 2020, रशियन यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व रशियन यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा, कनाडा (टोरंटो) यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 व सिल्वर मेडल, एटीएल टिंकर प्रिन्योर (शीर्ष 100 छात्र में शामिल) और एटीएल टिंकर प्रिन्योर मोस्ट कंसिस्टेंट स्टूडेंट्स में उसे चुना गया। किसान परिवार से होने के कारण उसका लक्ष्य छोटे किसानों तक सस्ता रोबोट पहुंचाने का है। अब वह आई स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहा है, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सके। एआई बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में 50 हजार की लागत आई है। कोटा में जबकि इसके लिए किसानों को लाखों रुपए की मशीन खरीदनी पड़ती है. फसलों की आसानी से कटिंग होगी आर्यन ने दावा किया कि इस सस्ते रोबोट को किसान उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है। गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक ये काम करता है। साथ ही बीज बोने और फसलों की कटिंग में यह बहुत मददगार है। इसकी मदद से मिट्टी की उर्वरकता, पौधों की गणना, पानी की आवश्यकता के बारे में जान सकते ह। यह भी पता लगा सकते हैं कि कितनी फस्ल खराब हुई है, बाकी किस हालात में है। यह पूरी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर देता है। खरपतवार को अलग रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है, ताकि जब खेत में ��ाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके।, यह रोबोट फसलों में कीट पतंगे, टिड्डी दल या फिर किसी जानवर के प्रवेश की जानकारी देता है। इसमें लगे सिक्यूरिटी कैमरे से पता चलता है कि खेत में किसी व्यक्ति ने प्रवेश किया है या जानवर ने। देश की प्रथम एटीएल को मिला अवार्ड
Honour at SRPS,Kota एसआर सीनियर सैकंडरी पब्लिक स्कूल के निदेशक अंकित राठी ने बताया कि डीएसटी व नीति आयोग द्वारा देशभर में कई स्कूलों में अटल टेंकरिंग लैब खोली गई हैं। इनमें राजस्थान के कोटा शहर की एटीएल से पहले छात्र ने किसानों के लिये उपयोगी व सस्ता रोबोट तैयार कर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में नया अनुसंधान किया है। इसी आधार पर उसे राष्ट्रीय बाल शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आर्यन बीटेक की पढाई में छुट्टियों में अटल टिंकरिंग लैब आकर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करते हैं। राठी ने कहा कि एटीएल प्लेटफार्म से हम तकनीकी संसाधन व गाइडेंस देकर बच्चों को उनकी कल्पनाओं को साकार करने का अवसर दे रहे हैं। 5 हजार किसान एग्रो बोट खरीदने के इच्छुक गत वर्ष लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कोटा में आयोजित एग्रो फिस्ट में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आर्यन सिंह का यह रोबोट देख बहुत प्रभावित हुये थे। उन्होंने कहा था कि जब यह प्रोडक्ट लॉन्च होगा तो वो पहला ऑर्डर स्वयं देंगे। इस कृषि मेले में विभिन्न जिलों के 5 हजार किसानों ने एग्रो बोट खरीदने में रूचि दिखाई थी। कोटा व राजस्थान का मान बढाया एसआर पब्लिक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथी राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि कोटा के बेटे ने खेती में नई क्रांति लाने के लिये सस्ती तकनीक विकसित कर शहर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्कूल चेयरमैन आनंद राठी ने कहा कि शहर के मध्यमवर्गीय परिवार के एक होनहार छात्र को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के हाथों अवार्ड मिलना गर्व की बात है। इस अवसर पर स्टार्टअप इक्की फूड्स के सह संस्थापक अमित कुमार व आई स्टार्ट कोटा के कौस्तुभ भट्टाचार्य, अशोक मीणा, मनोज राठी सहित गणमान्य नागरिक, शिक्षक व स्कूली छात्र मौजूद रहे। प्रिंसिपल आलेखा कपलाश ने सबका आभार जताया। Read the full article
#GoI#NationalChildrenpoweraward#PMNarendraModi#AgroBot2.0#AryanSingh#ATL#Inovation#President#SRPublicschoolkota
0 notes
Text
AI will alert before the new wave of Corona
कोरोना की नई लहर से पहले एआई सतर्क करेगा नई दिल्ली, एजेंसी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के सदुपयोग से कई समस्याओं का निदान किया जा सकता है। एक नया एआई मॉडल सामने आया है, जिसकी मदद से कोविड की आने वाली नई लहर की पहले से भविष्यावाणी की जा सकती है। अमेरिका और इजरायल के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस मॉडल की खोज की है। दो सप्ताह में मॉडल बताएगा कोरोना का पता : अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ये एआई मॉडल एक…
View On WordPress
0 notes
Text
New variant of Corona : कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली एनसीआर में गाजियाबाद के बाद अब गुरुवार को नोएडा में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। नेपाल से लौटे से एक व्यक्ति ने प्राइवेट लैब में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर जांच के लिए नमूने दिए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
Noida News
पड़ोसी जिले गाजियाबाद में कोरोना के मामले सामने आने के बाद नोएडा में भी एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि सेक्टर-36 में रहने वाले 54 साल के व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह गुड़गांव की एमएनसी में जॉब करता हैं। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति 15 दिलंबर को नेपाल से वापस भारत लौटा है।
0 notes
Text
राजधानी में लॉकडाउन? स्वास्थ्य मंत्री बोले- बढ़ेंगे कोरोना के मामले, दिया ये निर्देश
राजधानी में लॉकडाउन ? नयी दिल्ली : Lockdown in Delhi ? दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले आने वाले दिनों में बढ़ने की आशंका है, क्योंकि शहर घनी आबादी वाला है । साथ ही उन्होंने ‘फ्लू’ जैसे लक्षणों वाले लोगों से मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने को कहा। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को कोविड-19 के 699 मामले सामने आये थे…
View On WordPress
#delhi#Lockdown#lockdown demo pic#Lockdown in Delhi ?#एक्सक्लूसिव#के#कोरोना#दिया#दिल्ली#देश#निर्देश#न्यूज़#बढ़ेंगे#बोले-#ब्रेकिंग#मंत्री#मामले#में#ये#राजधानी#राजधानी में लॉकडाउन#राज्य#लॉकडाउन#स्वास्थ्य
0 notes
Text
पत्नी सेक्स करने नहीं देती है मुझे तलाक चाहिए' पति की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनाया शानदार फैसला! कोरोना काल के बाद से देश में तलाक और घरेलू हिंसा के मामले में तेजी से इजाफा हुआ है। आए दिन देश के अलग-अलग कोर्ट में ऐसे मामले दर्ज हो रहे हैं। तलाक का एक ऐसा ही मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने तलाक देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए ये भी कहा कि विवाहित जोड़ों के बीच चिड़चिड़ेपन, मामूली मनमुटाव और विश्वास की कमी को मानसिक क्रूरता के साथ भ्रमित नहीं किया जा सकता है। पति ने पत्नी द्वारा मानसिक क्रूरता के कारण तलाक मांगा और आरोप लगाया कि उसे ससुराल में उसके साथ रहने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह चाहती थी कि पति उसके साथ उसके मायके में ‘घर जमाई’ के रूप में रहे। दोनों की शादी 1996 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई और 1998 में दंपति की एक बच्ची हुई। पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी किसी न किसी बहाने से उसे अकेला छोड़ देती थी और केवल अपना कोचिंग सेंटर चलाने में रुचि रखती थी। उसने आरोप लगाया था कि उसे यहां तक कि पत्नी उसे सेक्स करने से भी मना करती थी। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने पत्नी की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि यद्यपि सेक्स करने से इनकार करना मानसिक क्रूरता का एक रूप माना जा सकता है, लेकिन जब यह लगातार, जानबूझकर और काफी समय तक हो। बेंच ने कहा कि हालांकि, अदालत को ऐसे संवेदनशील और नाजुक मुद्दे से निपटने में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। अदालत ने यह भी कहा कि केवल यह तथ्य कि महिला ने एक आपराधिक शिकायत के साथ पुलिस से संपर्क किया था, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसे अंततः मामले में संदेह का लाभ दिया गया, क्रूरता नहीं होगी। अदालत ने कहा कि इस प्रकार, जो तस्वीर उभर कर सामने आती है वह बहुत स्पष्ट है। पक्षों के बीच विश्वास, आस्था और प्रेम की कमी हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद, वे दोनों परिवार को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। केवल इसलिए कि पत्नी ने अपनी शिकायत के निवारण के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जैसा कि उसके पति ने भी किया था, क्रूरता को बढ़ावा देने के समान नहीं हो सकता है।
0 notes
Text
10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लगा है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले ��ोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के साथ दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
0 notes
Text
New COVID Strain: इस कारण नए वैरिएंट्स को माना जा रहा है अधिक खतरनाक, सितंबर तक बढ़ सकती है रोगियों की संख्या
New COVID Strain: इस कारण नए वैरिएंट्स को माना जा रहा है अधिक खतरनाक
नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स के मामले तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। हाल ही में ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट एरिस और BA.2.86 के मामले देखे गए हैं, अध्ययनों में इनकी संक्रामकता दर अधिक बताई जा रही है। इसके अलावा नए वैरिएंट्स में अतिरिक्त म्यूटेशनों के बारे में भी पता चला है जो इसे आसानी से शरीर में बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में सफल कर रही…
View On WordPress
0 notes
Text
अवतरण दिवस 2023: 8 सितम्बर को पूरे ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का जो समूची मानव जाति के तारणहार है का अवतरण दिवस है। नास्त्रेदमस जैसे महान भविष्यवक्ताओं द्वारा उनके अवतरण के बारे में की गई भविष्यवाणियां बिल्कुल सही साबित हो रही हैं। सतगुरु ने सभी धर्मों के ग्रंथों से गूढ़ रहस्यों को खोलकर तत्वज्ञान से नकली धर्मगुरुओं की पोल खोल दी है। उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों से देश दहेज, भ्रष्टाचार, नशा, मांसाहार मुक्त बनने की दिशा में अग्रसर हैं। अवतरण दिवस के अनमोल अवसर पर 06 से 08 सितंबर 2023 तक परमेश्वर की अमर वाणी के पाठ का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा रक्तदान सहित परमार्थ के कई कार्यक्रम आयोजित किए ��ाएंगे। अवतरण दिवस के लाइव कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रातः 9:15 से साधना टीवी चैनल और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा।
Table of Contents
सतगुरु रामपाल जी के अवतरण दिवस 2023 का विशेष आयोजन
अवतरण दिवस 2023 पर होंगे परमार्थ के कार्य
संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
यूट्यूब चैनल पर होगा अवतरण दिवस 2023 का विशेष प्रसारण
भारत की पुण्यभूमि पर सदैव से होता रहा है अवतरण
याद रखिए सतगुरु के प्रसन्न होने से ही परमात्मा प्रसन्न होते हैं
सत्यवक्ता को हर काल में दी गई यातनाएं
गुरुद्रोही की गति करोड़ों नरक से भी भयानक है
संत सताने की सजा प्रलय काल तक भूत पिशाच योनि में जन्म
संत गरीबदास जी को सताने के परिणाम स्वरूप परमात्मा द्वारा दंड मिलने का वृतांत
संत गरीबदास जी की वाणीयों से प्रमाण
समाज सुधार के एकमात्र पुरोधा सन्त रामपाल जी महाराज
सम्पूर्ण ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी से लें सतज्ञान
सतगुरु रामपाल जी के अवतरण दिवस 2023 का विशेष आयोजन
08 सितंबर 2023, सतगुरु का गुरु पर्व (अवतरण दिवस) पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर 06 से 08 सितंबर 2023 तक परमेश्वर की अमर वाणी का पाठ आयोजन हरियाणा के सतलोक आश्रम रोहतक, सतलोक आश्रम भिवानी, और सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र, पंजाब के सतलोक आश्रम धुरी और सतलोक आश्रम खमानो, दिल्ली के सतलोक आश्रम मुंडका, उत्तरप्रदेश के सतलोक आश्रम शामली, राजस्थान के सतलोक आश्रम सोजत, और मध्यप्रदेश के सतलोक आश्रम किठौदा, इंदौर में किया जाएगा। इस अवसर पर सभी आगंतुकों के लिए बूंदी प्रसाद बनाया जाएगा और सभी को वितरित किया जाएगा।
8 September अवतरण दिवस (Avatar Diwas) पर जानिए @SaintRampalJiM के बारे में क्या कहती है #jaigurudev जी और #Nostradamus जी की भविष्यवाणीयां!!https://t.co/jIuCemwxPq
— SA News Channel (@SatlokChannel) September 2, 2020
अवतरण दिवस 2023 पर होंगे परमार्थ के कार्य
संत रामपाल जी के सानिध्य में किए गए आयोजनों की कई विशेषताएं होती हैं। उनके आशीर्वाद से रक्तदान, बिना दहेज सामूहिक विवाह, विशाल भण्डारा, स्वच्छता अभियान, सत्संग, पुस्तकों का प्रदर्शन और वितरण इत्यादि अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आश्रम में सुविधा को देखते हुए भक्तों को सीमित समय के लिए क्षेत्रानुसार अलग अलग समय में आने का निर्णय लिया गया है। परमार्थ का सबसे बड़ा कार्यक्रम कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इस बार भी विशाल तरीके से किया जाएगा। सतगुरु के शिष्य हमेशा ही समय समय पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन करते रहते है��� इसी तरह अवतरण दिवस पर भी बड़ी संख्या में स्वेच्छा से हजारों लोग रक्तदान करेंगे।
संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
उत्तर, दक्षिण, पूर्व पश्चिम, फिरता दाने दाने नू ।
सर्व कलां सतगुरु साहेब की, हरि आए हरियाणे नू ।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम सोनीपत (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली), सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब), सतलोक आश्रम धुरी, (पंजाब) सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) कुल 10 आश्रमों में 6 से 8 सितंबर 2023 को अखंड पाठ प्रकाश, विशाल भंडारे, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, विशाल सत्संग समारोह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आप सभी भाइयों बहनों से करबद्ध निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर अपने परिवार, रिश्तेदारों, सगे संबंधियों के साथ आश्रमों में अवश्य पधारें और आदि सनातन धर्म व मानव धर्म के पुनरुत्थान के साक्षी बनें।
■ Read in English | Avataran Diwas (Incarnation Day) of Jagatguru Saint Rampal Ji Maharaj: The Dawn of the Golden Era
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter :- @SaintRampalJiM
इस विशेष पर्व पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 09 बजकर 15 मिनट से साधना Tv और पॉपकॉर्न Tv चैनल पर प्रसारित होगा जिसको आप Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर भी देख सकते हैं।

जैसा कि सभी जानते है सतगुरु रामपाल जी के ज्ञान के प्रति बढ़ते आकर्षण और सामाजिक कुरीतियों को समूल नाश करने की प्रतिबद्धता के कारण और उनसे बढ़ती आशा के कारण लोग उनके प्रसारण को सदा की भांति इस बार भी बड़ी संख्या में देखेंगे। पाठकगणों से प्रार्थना है कि समय निकाल कर सीधे प्रसारण को देंखें और अपने कल्याण का मार्ग चुनने के लिए दृढ़ता पाएं। इस अवसर का लाभ वे भक्त भी उठायेंगे जो स्वयं आश्रम में नहीं जा पा रहे हैं।
यूट्यूब चैनल पर होगा अवतरण दिवस 2023 का विशेष प्रसारण
जो भक्त किसी भी कारण से आश्रम में कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सकते उनके लिए यूट्यूब चैनल पर विशेष व्यवस्था है, वे मोबाईल पर अथवा यूट्यूब चैनल पर सत्संग का सीधा प्रसारण देख सकते है। जो भक्तगण आश्रम में और टीवी में सत्संग नहीं देख सकते है वे इस माध्यम से लाभ उठा पाएंगे।
भारत की पुण्यभूमि पर सदैव से होता रहा है अवतरण
मानवता के पूर्ण विकास का कार्य आदि काल से भारत की पुण्यभूमि में होता रहा है। इसी पुण्यभूमि पर अवतारों का अवतरण आदि काल से होता आ रहा है। विडम्बना ही कही जाएगी कि दिव्य पुरुषों और अवतारों के जीवन काल में तत्कालीन शासन तंत्र और भोली जनता ने उनके दिव्य ज्ञान और आदर्शों को महत्व नहीं दिया, अपितु उनका विरोध व अपमान ही करते रहे।
■ यह भी पढ़ें: 8 सितंबर, संत रामपाल जी का अवतरण दिवस – नास्त्रेदमस ने 466 वर्ष पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी
संतों के प्रति भोली जनता को भ्रमित करके ज्ञान प्रसार में बाधक बनकर ऐसे लोग पाप के भागीदार बने। प्रायः ऐसे महान संतों के पृथ्वी से प्रस्थान करने के बाद समाज उनकी पूजा में जुट जाता है लेकिन ऐसा करके उनके हस्त से कल्याण कराने के अवसर से लोग चूक जाते है।
याद रखिए सतगुरु के प्रसन्न होने से ही परमात्मा प्रसन्न होते हैं
यदि सतगुरु अपने शिष्य से प्रसन्न हैं तो निश्चित ही पूर्ण परमात्मा सत्पुरुष भी प्रसन्न होंगे। जो शिष्य पूरी तरह से गुरु मर्यादा में रहकर सत भक्ति करते हैं उनका काल ज्योति निरंजन कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तात्पर्य है कि ऐसे शिष्य को सतभक्ति करने से मिलने वाले सभी लाभ प्राप्त होते हैं।
कबीर, गुरु दयाल तो पुरुष दयाल।
जेहि गुरु व्रत छुए नहीं काल।
सत्यवक्ता को हर काल में दी गई यातनाएं
कलयुग में ज्योति निरंजन के मिश्रित ज्ञान से प्रभावित संत जन पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) के द्वारा दिए सत्य ज्ञान को समझना नहीं चाहते हैं। इसी कारण सतभक्ति देने वाले संतों को प्रताड़ित करते हैं। छः सौ वर्ष पूर्व कबीर साहेब को पानी में डुबोकर, हाथी से कुचलवाकर नाना प्रकार से यातनाएं दी गई। इसी प्रकार संत गरीबदास को भी कई बार सताया गया। वर्तमान में इस ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल दास जी पर भी काल ब्रह्म के दूतों द्वारा लगातार प्रहार किया जा रहा है। यहाँ तक कि उन्हें दो बार जेल भेजकर मानसिक और शारीरिक वेदनाएं दी गईं। पाठक गण जानेंगे कि संतों को सताने का क्या परिणाम होता है।
गुरुद्रोही की गति करोड़ों नरक से भी भयानक है
यदि जीव ने दुर्लभ मनुष्य योनि में जन्म लेकर सतगुरु का महत्व नहीं जाना तो यह समझिए कि अनमोल जीवन को बर्बाद कर दिया। सतगुरु को त्याग देने वाले साधक को तो अनेक युगों तक अपने किये पर पछतावा करना पड़ता है। अपने कृत्यों से सतगुरु को दुख पहुंचाने वाला मनुष्य नरक में अग्नि कुंडों में उबल – उबल कर कष्ट पाता है। सतगुरु द्रोही जहरीले सर्पों क�� योनि में करोड़ों जन्म पाता है और अपने ही विष की गर्मी से लंबी आयु तक घोर कष्ट सहता है। इन जन्मों में दुख भोगकर ये गुरु द्रोही विष्टा (मल) में कीड़े का जन्म लेता है। इस प्रकार करोड़ों जन्म नरकीय जीवन भोगता है।
कबीर, मानुष जन्म पाकर खोवै, सतगुरु विमुखा युग युग रोवै।
कोटि जन्म विषधर को पावै । विष ज्वाला सही जन्म गमावै।
बिष्ट मांही क्रमि जन्म धरई। कोटि जन्म नरक ही परही।|
संत सताने की सजा प्रलय काल तक भूत पिशाच योनि में जन्म
गुरुद्रोही की गति का वर्णन हमनें ऊपर जाना है लेकिन उनकी गति का क्या जो सतगुरु को मनुष्य मानकर उन्हें झूठे आरोपों के आधार पर गलत तरीकों से फँसाकर नाना प्रकार की वेदनाएं देते हैं।
■ यह भी पढें: जीवन परिचय सहित जानिए संत रामपाल जी महाराज कौन है?
सतगुरुदेव ने अपनी वाणी में संत को सताने के लिए दिए जाने वाले दंड के प्रावधान को बहुत खतरनाक बताया है जो सृष्टि प्रलय तक होने वाले अनंत जन्मों तक चलता रहता है। संत को सताने वाले को परमेश्वर भिन्न – भिन्न प्राणियों की योनियों में बारम्बार माँ के गर्भ में डालते हैं और वह जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। दंड-भोगी भूत पिशाच की योनि और माँ के गर्भ में असहनीय पीड़ा तब तक झेलता है जब तक सताया हुआ संत स्वयं उसे क्षमा नहीं कर दे।
अर्धमुखी गर्भवास में हरदम बारम्बार,
जूनी भूत पिशाच की जब लग सृष्टि संहार।
संत गरीबदास जी को सताने के परिणाम स्वरूप परमात्मा द्वारा दंड मिलने का वृतांत
परमात्मा कबीर साहेब के शिष्य संत गरीबदास साहेब जी के तत्वज्ञान के कारण अन्य गुरुओं आचार्यों के अधूरे ज्ञान की पोल खुलने लगी। एक बार सुनियोजित षड़यन्त्र के अंतर्गत स्वार्थी गुरूओं (आचार्यों) ने संत गरीबदास जी को घेर कर लूट लिया और गाँव के कानूनी अधिकार प्राप्त चौधरी छाजुराम जी से उन्हें छः महीने की काठ में बंद करने की सजा और पाँच सौ रूपये जुर्माना कर दिया। काठ में बंद करने में दोनों पैरों के घुटनों से ऊपर दो लकड़ी के मोटे डण्डे बांध कर दोनों हाथ पीछे बांध दिये जाते थे। कुछ विशेष व्यक्तियों के कहने पर आदरणीय गरीबदास जी को छोड़ दिया गया।
कुछ दिनों उपरान्त चौधरी छाजुराम के प्रातः काल शौच क्रिया के लिए जाने के समय दो घुड़सवार उनके दोनों हाथ काट कर अदृश्य हो गए। इस मार्मिक दृश्य के कई लोग साक्षी थे। बहुत उपचार के बाद भी ठीक न होने पर कुछ लोगों की राय से उन्होंने सन्त गरीबदास जी के पास जाकर उनके चरण पकड़कर क्षमा याचना की। संत गरीबदास जी ने उन्हें सपरिवार नाम उपदेश देकर आजीवन भक्ति करने का आदेश दिया। यह भी ��हा कि यह आप के संचित कर्मों का परिणाम था। अब सतभक्ति करने से आगे कष्ट कट जाएंगे।
संत गरीबदास जी की वाणीयों से प्रमाण
परमेश्वर ने कहा है कि जो मेरे संत को दुखी करता है समझो मुझे दुखी करता है। जब मेरे भक्त प्रह्लाद को दुखी किया तब मैंने हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ दिया, मैंने ही कंस को मारा। जो मेरे साधु को दुखी करेगा मैं उसका वंश मिटा दूंगा। इसलिए संत को सताने के करोड़ों पाप लगते हैं जैसे अनगिनत हत्याएं कर दी हों। अनजान लोग परमात्मा के संविधान से परिचित नहीं है इसलिए भयंकर भूल करते हैं और असंख्य दंडों के भागी बनते हैं।
तुमने उस दरगाह का महल ना देख्या।
धर्मराय के तिल-2 का लेख ।।
राम कहै मेरे साध को, दुःख ना दीजो कोए।
साध दुखाय मैं दुःखी, मेरा आपा भी दुःखी होय।।
हिरण्यकशिपु उदर (पेट) विदारिया, मैं ही मारया कंश।
जो मेरे साधु को सतावै, वाका खो-दूं वंश।।
साध सतावन कोटि पाप है, अनगिन हत्या अपराधं।
दुर्वासा की कल्प काल से, प्रलय हो गए यादव।।
समाज सुधार के एकमात्र पुरोधा सन्त रामपाल जी महाराज
वर्तमान समय में सन्त रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे सन्त हैं जिन्होंने अपने शिष्यों को ना सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान समझाया है बल्कि साथ ही समाज में फैली बुराइयों को भी भक्ति मार्ग में त्यागना जरूरी है ये स्पष्ट किया है। उनके द्वारा किए गए समाज सुधार के कार्य निम्न है –
भ्रूण हत्या का उन्मूलन- संत रामपाल जी महाराज ने कई समाज सुधार के कार्य किए है। समाज सुधार ऐसा जिसने नस्लें सुधार दीं। आज सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी अलग से लिंग परीक्षण करवाकर भ्रूण हत्या नहीं करवाते। क्योंकि उनके लिए बेटियां बोझ नहीं हैं। सन्त रामपाल जी महाराज का ऐसा अनमोल तत्वज्ञान है कि लोग बिना दिखावे की शादियाँ करते हैं।
दहेजमुक्त विवाह– दहेजमुक्त विवाह केवल देश ही नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए उत्तम कार्य हैं। दहेजमुक्त विवाह अब तक अनेकों कानून के माध्यम से भी शुरू नहीं किए जा सके थे लेकिन उन्हें संत रामपाल जी महाराज ने संभव बनाया।
छुआछूत का उन्मूलन– छुआछूत के खिलाफ कानून संविधान में होने के बावज़ूर ये अब तक समाज में है। देश हर में होने वाली घटनाएं इसकी गवाह हैं। सन्त रामपाल जी महाराज ने इसे समाज से पूर्णतः खत्म करने का बीड़ा उठाया है और इसे खत्म भी क��या है। उन्होंने भक्ति के रास्ते हर वर्ग के लिए खोले हैं। सभी जाति, लिंग, धर्म, रंग से परे उनके अनुयायी केवल मानव धर्म के होते हैं।
नशामुक्ति अभियान– नशा लगातार युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है किन्तु सन्त रामपाल जी महाराज ने इसे समाज से खत्म किया है। सन्त रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने के बाद अनेकों उजड़े परिवार पुनः बसे हैं। सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी न तो नशा करते हैं और न ही उसमें सहयोग करते हैं। वे नशीले पदार्थों का क्रय-विक्रय भी नहीं करते। यही स्थिति भ्रष्टाचार की है उनका कोई अनुयायी न तो रिश्वत लेता है, न ही रिश्वत देता है।
समानता का व्यवहार– सन्त रामपाल जी के आश्रमों में किसी भी भेदभाव के बिना अर्थात किसी भी प्रकार के धर्मभेद, रंगभेद, जातिभेद, लिंगभेद के बिना जाया जा सकता है जहाँ सबके साथ समानता का व्यवहार होता है। किसी भी प्रकार का भेदभाव सन्त रामपाल जी अपने शिष्यों के साथ नहीं करते और यही शिक्षा उन्होंने अपने शिष्यों को भी दी है।
पाखण्डवाद किया खत्म– सन्त रामपाल जी ने शास्त्रों पर आधारित सत्य ज्ञान दिया है। उन्होंने अपने तर्कों के माध्यम से अंधविश्वास, पाखंड, बाह्याचार, आडंबर का पुरजोर विरोध किया है एवं सरल, उचित एवं शास्त्रसम्मत भक्तिविधि बताई है जिससे पाखण्डवाद एवं पाखंडी दोनों का खात्मा समाज से हुआ है।
समाजिक कुरीतियों का खात्मा– सन्त रामपाल जी ने अपने अनमोल तत्वज्ञान से अनेकों सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया है। समाज में नशा, मृत्युभोज, दहेज, भ्रूणहत्या, चोरी-ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार आदि सामाजिक कुप्रथाओं पर उन्होंने रोक लगाई एवं सरल जीवन का मार्ग प्रशस्त किया है।
मानव धर्म का प्रचार– सन्त रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मों से परे एक मानव धर्म की स्थापना की है। मानवता को आगे बढ़ाते हुए उनके अनुयायी अकसर रक्तदान, देहदान, निःशुल्क भंडारा सामग्री वितरण आदि करते रहते हैं। यह सन्त रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान ही है जो उन्हें समय समय पर यह करने की प्रेरणा देता रहता है। सन्त रामपाल जी महाराज ने जो उपकार इस समाज पर किये हैं उनका यह समाज और देश सदैव ऋणी रहेगा।
सम्पूर्ण ब्रह्मांड के एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी से लें सतज्ञान
कलियुग में स्वर्ण युग प्रारम्भ हो चुका है। विश्व के सभी महाद्वीपों में करोड़ों पुण्य आत्मांए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सतज्ञान को समझकर उनके सानिध्य में सतभक्ति कर सर्व विकार त्यागकर निर्मल जीवन जी रहे हैं। आप भी शीघ्र अतिशीघ्र सतगुरु की शरण में आयें और उनके अद्भुत ज्ञान को पहचानकर और नाम दीक्षा लेकर अपने परिवार सहित अपना कल्याण करवाएं। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस 8 सितंबर 1951 के अवसर पर विशेष प्रसारण आप सुबह 09 बजकर 15 मिनट से साधना Tv और पॉपकॉर्न Tv चैनल पर देखे और जितना जल्दी हो सके सतज्ञान ग्रहण करें और आत्म कल्याण करा अपने दुर्लभ मनुष्य जन्म को चरितार्थ करें।
Previous article
National Handloom Day 2023: जानिए भारतीय इतिहास में क्या है राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का महत्व
Next article
धनाना धाम (Dhanana Dham) में इंडोर बैडमिंटन स्टेडियम निर्माण कराने के लिए संत रामपाल जी को किया गया सम्मानित

SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know
LEAVE A REPLY
Comment:
Name:*
Email:*
Website:
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
SHARE POST:


Popular
संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के अवसर पर जानिए क्या है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य?
Know the Aim of Sant Rampal Ji on 73rd Avataran Diwas (Incarnation Day)
World Senior Citizens’ Day 2023: Why is it important to Serve Elderly People?
Teachings of Saint Rampal Ji Maharaj | Understand the Fascinating Gyan of Sant Rampal Ji
Nag Panchami: Know about the True Way of Worship on Nag Panchami 2023
More like this
RELATED
संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के अवसर पर जानिए क्या है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य?
 SA NEWS - August 22, 2023
Know the Aim of Sant Rampal Ji on 73rd Avataran Diwas (Incarnation Day)
 SA NEWS - August 22, 2023
World Senior Citizens’ Day 2023: Why is it important to Serve Elderly People?
 SA NEWS - August 22, 2023
Teachings of Saint Rampal Ji Maharaj | Understand the Fascinating Gyan of Sant Rampal Ji
SA News Channel is one of the most popular news channels on social media. SA News provides factual news updates with a special focus on Spirituality. Tagline: Truth that you want to know
संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के अवसर पर जानिए क्या है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य?
Know the Aim of Sant Rampal Ji on 73rd Avataran Diwas (Incarnation Day)
World Senior Citizens’ Day 2023: Why is it important to Serve Elderly People?
We'd like to show you notifications for the latest news and updates.
0 notes