#दिल्ली बलात्कार
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moviespopcorn · 5 days ago
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द डिप्लोमॅट फिल्म रिव्यू 2025: भारत की बेटी को बचाने की लड़ाई लड़ता एक डिप्लोमॅट!
द डिप्लोमॅट फिल्म में जॉन अब्राहम और सादिया खतीब (क्रेडिट:टी-सीरीज/जेऐ एंटरटेनमेंट/फार्च्यून पिक्चर्स)
परिचय
14 मार्च 2025 को रिलीज हुई द डिप्लोमॅट मूवी हिंदी थ्रिलर पर आधारित है जिसका निर्देशन शिवम नायर ने किया है यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश भी देती है की लड़कियों को हर तरह से बचने की जरूरत है कि उन्हें कोई शातिर आदमी किसी जाल में तो नहीं फसा रहा, विशेष कर किसी और देश में जाने से पहले 100 बार सोचें और जांच पड़ताल कर ले| फिल्म अपने ट्रेलर के हिसाब से पर्दे पर बिल्कुल वैसी ही दिखाई देती है| यह फिल्म उजमा अहमद की सच्ची घटना पर आधारित है| 5 मई 2007 को पाकिस्तान पहुंची उजमा अहमद को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में 20 दिनों तक शरण दी गई थी 24 मई 2017 को वह वाघा सीमा पार कर भारत में आ गई और अब अपनी बेटी के साथ दिल्ली में रहती है| जेपी सिंह जो उस समय के पाकिस्तान में इंडियन डिप्लोमेट और उजमा अहमद भारतीय नागरिक जो भारत प्रत्यावर्तन के लिए संघर्ष कर रही थी| फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में जॉन अब्राहम, सादिया खतीब, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी, रेवती, जगजीत संधू और अश्वत भट्ट है|
द डिप्लोमॅट 2025 ट्रेलर
https://www.youtube.com/watch?v=CnEOLuCojY0
द डिप्लोमॅट मूवी रिलीज डेट
14 मार्च 2025
द डिप्लोमॅट मूवी रियल स्टोरी
5 मई 2007 को पाकिस्तान पहुंची उजमा अहमद को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में 20 दिनों तक शरण दी गई थी 24 मई 2017 को वह वाघा सीमा पार कर भारत में आ गई और अब अपनी बेटी के साथ दिल्ली में रहती है|
Is diplomat based on a true story?
हाँ, यह फिल्म उजमा अहमद की सच्ची घटना पर आधारित है|
क्या डिप्लोमॅट एक सच्ची कहानी पर आधारित है?
हाँ, यह फिल्म उजमा अहमद की सच्ची घटना पर आधारित है|
द डिप्लोमॅट मूवी स्टोरी
द डिप्लोमॅट फिल्म एक ऐसी शादीशुदा मुस्लिम महिला की कहानी पर आधारित है जो एक बच्ची की मां है और अब उसकी शादी फेल्ड हो चुकी है तो वह काम की तलाश में कुआलाम्पुर मलेशिया अपने दोस्त के पास जाती है जिसे वहां एक पाकिस्तानी आदमी मिलता है जिससे उसकी दोस्ती हो जाती है| क्या वह आदमी उसकी दोस्ती को प्यार समझ लेता है? क्या वह उससे शादी कर लेगा? क्या वह उसे पाकिस्तान बुला लेगा? यह सब जानने के लिए द डिप्लोमॅट मूवी का रिव्यू पढ़े|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स
जेपी सिंह की भूमिका में जॉन अब्राहम ने अपने चरित्र को बखूबी समझकर, उसकी गहराई में जाकर डायलॉग डिलीवरी और चेहरे की हाव-भाव से जबरदस्त अभिनय का परिचय दिया है| जो असल जिंदगी के चरित्र से हूबहू मिलता जुलता है| उजमा अहमद की भूमिका में सादिया खतीब ने अपने चरित्र में जान डालकर अच्छी संवाद अदायगी, बॉडी लैंग्वेज और फैशियल एक्सप्रेशन से चरित्र को पर्दे पर उकेरा है कुछ दृश्यों में उनके अभिनय को देखा जा सकता है| उन्होंने पूरी फिल्म में अपने अभिनय को स्थिर रखा| ऐसे चरित्र में उनकी अभिनय की गहराई और भावनाओं को काफी करीब से उनके चेहरे पर देखा जा सकता है| सभी सहायक कलाकारों में रेवती, शारिब हाशमी, जगजीत संधू और अश्वत भट्ट के अभिनय ने भी कहानी को आगे ले जाने में पूरी मदद की और उतने ही प्रभावशाली हैं जो अपनी अपनी भूमिकाओं में गहराई और बारीकियां लाते हैं|
डायरेक्शन
द डिप्लोमॅट का निर्देशन शिवम नायर ने किया है इस फिल्म से पहले वह आहिस्ता आहिस्ता (2006), महारथी (2008), महारथी (2015) और नाम शबाना (2017) को निर्देशित कर चुके है इसमें आहिस्ता आहिस्ता और नाम शबाना अच्छी फिल्मों में गिनी जाती है| फिल्म की कहानी को उन्होंने कसकर पकड़ के रखा और उसे मनोरंजक बनाया| वह सभी कलाकारों से विशेष कर जॉन अब्राहम और सादिया खतीब से बेहतर अभिनय निकलवाने में कामयाब रहे| उन्होंने फिल्म के टोन को बरकरार रखकर उसमें संपादन, सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और साउंड डिजाइन का अच्छे से इस्तेमाल करके प्रभावित बनाया| उन्होंने फिल्म में काफी कुछ नया और यूनिक दिखाया और दर्शकों की उम्मीदों और भावनाओं पर खरे उतरे| फिल्म में एक सामाजिक मुद्दे को उन्होंने संवेदनशील तरीके से दिखाय| कुछ दृश्यों को जैसे पिटाई वाले, बलात्कार वाला, बम ब्लास्ट, कोर्ट वाला और बीच रोड पर हमले करने वाले दृश्यों में उनके निर्देशन की क्षमता और काबिलियत न��र आती है| द डिप्लोमॅट फिल्म में जॉन अब्राहम और सादिया खतीब (क्रेडिट:टी-सीरीज/जेऐ एंटरटेनमेंट/फार्च्यून पिक्चर्स)
कहानी-पटकथा-संवाद
द डिप्लोमॅट फिल्म की कहानी पटकथा संवाद रितेश शाह ने लिखे है| उन्होंने एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म की कहानी पटकथा का प्रवाह सुचारु रूप से रखा| फिल्म की गति तेज है दृश्यों को बहुत प्रभावित तरीके से लिखा गया है| संवाद तो रियलिस्टिक और प्रभाव डालने वाले लिखे है और दृश्यों के बीच का बदलाव भी सार्थक रूप से है फिल्म की कहानी पटकथा डायलॉग असल और ताजा लगते है और चरित्र के विकास में बाधा नहीं बनते|
सिनेमैटोग्राफी
द डिप्लोमॅट में डिमो पोपोव की सिनेमैटोग्राफी दिखने में अद्भुत और फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में सहायक है, कैमरे को अलग-अलग एंगल्स और आरामदायक गति का इस्तेमाल किया गया है| दृश्यों की फ्रेमिंग रोशनी और अलग-अलग रंग फिल्म को आकर्षक, रचनात्मक और सार्थक बनाते है| कुछ दृश्य तो बहुत प्रभावित बन पड़े है जैसे कि कार टक्कर का भारतीय उच्चायोग में घुसने का, पहाड़ी दृश्यों को बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है|
एडिटिंग
फिल्म में कुणाल वाल्व की एडिटिंग की गति उचित और कसी हुई है तेज गति की एडिटिंग कहानी को एंगेजिंग बनाती है फिल्म की लंबाई भी ठीक है फिल्म को बेवजह बिल्कुल भी नहीं खींचा गया| एडिटिंग साफ सुथरी और समझ में आती है|
प्रोडक्शन डिजाइन
द डिप्लोमॅट फिल्म में रवि श्रीवास्तव के सेट्स के डिजाइंस, सामान, कपड़े और कॉस्ट्यूम की सुंद��ता को ध्यान में रखकर बनाए गए है जो कहानी और करक्टेर्स को दर्शाते है फिल्म के मूड और सांस्कृतिक संदर्भ को स्थापित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है|
बैकग्राउंड स्कोर
डेनियल बी जॉर्ज, ईशान छाबड़ा का बैकग्राउंड स्कोर कहानी और दृश्यों को एक अलग ही उच्च स्तर पर ले जाते है दिल को अंदर तक छू लेने वाला है फिल्म की टोन के मुताबिक पूरी तरह से साथ-साथ चलता और मैच करता है फिल्म की भावनाओं के अनुरूप बनाया गया है|
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द डिप्लोमॅट फिल्म में सादिया खतीब (क्रेडिट:टी-सीरीज/जेऐ एंटरटेनमेंट/फार्च्यून पिक्चर्स)
कॉस्ट्यूम डिजाइन
रुषि शर्मा, मानोशी नाथ, दीपाली सिंह, गुन प्रीत कौर की कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग सभी कैरेक्टर्स की पर्सनैलिटी और भावनाओं को पूरी तरह से पेश करता है लोकल कल्चर और परंपरा को दर्शाता है| सभी करक्टेर्स के विकास करने में योगदान देता है|
साउंड डिजाइन
मोहनदास वी पी का साउंड डिजाइन प्राकृतिक और बहुत प्रभावित करने वाला है सभी प्रकार के दृश्यों जैसे एक्शन, इमोशनल को सपोर्ट करता है संवाद की क्लेरिटी सुनने में साफ है फिल्म के इमोशंस को भी बढ़ाता है|
एक्शन
अमीन खतीब का एक्शन भी बिलकुल अलग तरह का है, ज्यादा एक्शन का स्कोप तो नहीं था, फिर भी जितना था, कुछ दृश्यों का बढ़िया है|
म्यूजिक
द डिप्लोमॅट फिल्म का संगीत अनुराग सैकिआ और मनन भारद्वाज ने बनाया है अनुराग सैकिआ के संगीत में घर गीत बहुत ही सुरीला और संगीतमय बन चुका है जिसे वरुण जैन, रोमी और अनुराग सैकिआ ने अपनी आवाजों में गाया है बहुत ही भावनात्मक और सुरीला संगीत और गीत है दिल करता है कि बार-बार इस गीत को सुनते जाए| दूसरा गीत भारत जो 1992 में रिलीज हुई मणि रतनम की रोजा और ए आर रहमान के संगीत से सजी के गीत भारत हमको जान से प्यारा है को रीक्रिएट किया गया है जिसे हरिहरन, प्रजक्ता शुक्रे, हिमानी कपूर ने गाया है| यह गीत भी बहुत प्यारा और सुनने लायक है|
लिरिक्स
फिल्म का एक गीत घर कौसर मुनीर ने और दूसरा गीत भारत मनोज मुंतसिर ने लिखा है| इसको रीक्रिएट करके दोबारा से लिखा है दोनों ही गीतों में फिल्म के टोन और थीम के मुताबिक इमोशंस और पीड़ा को गीतों के जरिये बहुत ही अर्थपूर्ण लिखे गए है|
क्लाइमेक्स
फिल्म का क्लाइमेक्स इमोशनल बन पड़ा है, सच्चाई से रूबरू क��वाने वाला है| यह फिल्म सभी लड़कियों को जरूर देखनी चाहिए जो गलत आदमियों के जाल में फंस जाती है जिनको विदेश में जाने की बहुत उत्सुकता है वह एक बार इस फिल्म को जरूर देखें और सीखें|
ओपिनियन
जॉन अब्राहम और सादिया खतीब की जबरदस्त पर्फॉर्मन्सेस के लिए, सच्ची कहानी को जानने के लिये, दिल को अंदर तक छूने वाले एक गीत घर और बैकग्राउंड स्कोर के लिए देख सकते है|
रेटिंग
7/10
फैक्ट
सादिया खतीब की शक्ल अभिनेत्री तृप्ति डिमरी से काफी मिलती-जुलती लगती है द डिप्लोमॅट मूवी फिल्म कास्ट: जॉन अब्राहम, सादिया खतीब, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी, रेवती, जगजीत संधू और अश्वत भट्ट प्रोडूसर: भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, विपुल दी शाह, अश्विन वर्दे, समीर दीक्षित, राकेश डंग, जतीश वर्मा, जॉन अब्राहम डायरेक्टर: शिवम नायर, साउंड डिज़ाइन: मोहनदास वी पी, कास्टूम डिज़ाइन: रुषि शर्मा, मानोशी नाथ, दीपाली सिंह, गुन प्रीत कौर मान म्यूजिक: अनुराग सेकिया, मनन भारद्वाज, लिरिक्स: मनोज मुंतशिर, कौसर मुनीर, बैकग्राउंड स्कोर: डेनियल बी जॉर्ज, ईशान छाबड़ा, प्रोडक्शन डिज़ाइन: रवि श्रीवास्तव, एडिटर: कुणाल वाल्व, सिनेमेटोग्राफी: डिमो पोपोव, राइटर: रितेश शाह, एक्शन: अमीन खतीब, कास्टिंग डायरेक्टर: जोगी मलंग the diplomat movie wikipedia https://en.wikipedia.org/wiki/The_Diplomat_(2025_film)sadia khateeb moviesShikara and Raksha bandhanthe diplomat movie imdbhttps://www.imdb.com/title/tt26229612/the diplomat movie budget 50 croresthe diplomat movie netflixIn april or maythe diplomat movie ottnetflix the diplomat movie downloadyou cannot download it, you can watch it on multiplexes How is the Diplomat movie जॉन अब्राहम और सादिया खतीब की जबरदस्त पर्फॉर्मन्सेस के लिए, सच्ची कहानी को जानने के लिये, दिल को अंदर तक छूने वाले एक गीत घर और बैकग्राउंड स्कोर के लिए देख सकते है| द डिप्लोमॅट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 4 करोड़ द डिप्लोमॅट मूवी बजट 50 करोड़ द डिप्लोमॅट मूवी हीरोइन सादिया खतीब द डिप्लोमॅट मूवी डाउनलोड आप मूवी को डाउनलोड नहीं कर सकते क्योकि अभी यह फिल्म सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्सेस पर चल रही है| cast of the diplomat 2025जॉन अब्राहम, सादिया खतीब, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी, रेवती, जगजीत संधू और अश्वत भट्टthe diplomat movie download in hindi mp4moviezI do not know about it the diplomat movie download in hindi mp4moviez filmizillaI do not know about it Read the full article
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latestnewsandjokes · 2 months ago
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'क्या बीजेपी कार्यकाल में नहीं हुए रेप?' कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने विपक्ष के आरोपों पर किया पलटवार, मचा हंगामा | भारत समाचार
नई दिल्ली: मध्य बेंगलुरु में एक महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और डकैती को लेकर भाजपा की आलोचना का सामना करने के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या ऐसी घटनाएं भाजपा के कार्यकाल के दौरान भी नहीं हुई थीं, जिससे हंगामा मच गया।क्या भाजपा के कार्यकाल में बलात्कार की घटनाएं नहीं हुईं? बलात्कार नहीं होने चाहिए. महिलाओं को सुरक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन कुछ…
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vedantbhoomidigital · 3 months ago
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यौन उत्पीड़न से बचे लोगों के लिए मुफ्त, त्वरित चिकित्सा देखभाल अनिवार्य: दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न से बचे लोगों के लिए मुफ्त और तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए कानूनी प्रावधान के प्रावधान को दोहराया है। अदालत ने 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को न्यायिक हस्तक्षेप के बावजूद चिकित्सा उपचार के लिए इंतजार करने के मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम…
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nagarchaufer · 4 months ago
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बलात्कार प्रकरणी निलंबित असलेल्या भाजपच्या ‘ ह्या ‘ नेत्याला झालाय मोतीबिंदू , सध्या भोगतोय जन्मठेपेची शिक्षा
बलात्कार प्रकरणी निलंबित असलेल्या भाजपच्या ‘ ह्या ‘ नेत्याला झालाय मोतीबिंदू , सध्या भोगतोय जन्मठेपेची शिक्षा #BJP
अल्पवयीन मुलीवर बलात्कार प्रकरणी जन्मठेपेची शिक्षा भोगत असलेला उत्तर प्रदेशातील निलंबित भाजपचा नेता कुलदीप सिंग सेंगर याला दिल्ली उच्च न्यायालयाने वैद्यकीय कारणामुळे दोन आठवड्याचा अंतरिम जामीन मंजूर केला आहे.  उत्तर प्रदेशातील उन्नाव येथील अल्पवयीन मुलीवर बलात्कार केल्याप्रकरणी कुलदीपसिंग हा जन्मठेपेची शिक्षा भोगत आहे. 2017 मध्ये त्याने हा गुन्हा केलेला होता. त्याला मोतीबिंदू झालेला असून…
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environmentindia · 5 months ago
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खाद: प्रकृति का उपहार, हमारी जिम्मेदारी
खाद का अर्थ होता है, खाद्य पदार्थ (पौधों का भोजन), पौधों को पानी के साथ साथ भोजन की भी आवश्यकता होती है। पौधे अधिकतर भोजन प्रकाश संश्लेषण से प्राप्त करते हैं, लेकिन पोषकतत्व (माइक्रो न्यूट्रेंट) जड़ों के माध्यम से पानी के साथ जमीन से ग्रहण करते हैं। भूमि में जो जैविक कार्बन तत्व होता है वह भूमि में जीवन का आधार होता है। यह भूमि में रहने वाले सभी जीव, जीवाणुओं का भोजन होता है। इससे ही भूमि उप��ाऊ बनती है और पौधे पनपते है।
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रासायनिक खादों की वजह से मिट्टी में यह जैविक कार्बन तत्व कम होता जा रहा है और भूमि बंजर होती जा रही है। रसायनिक खाद रूपी नशा देकर धरती माता का दोहन, बलात्कार किया जा रहा है। एक इंच मिट्टी की परत बनने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। दिनों दिन मिट्टी कम होती जा रही है। कुछ मिट्टी को हमने बिल्डिंग, शेड, सड़कों, फुटपाथ के नीचे दबा दिया है, कुछ से हम खनिज लवण, बिल्डिंग मैटेरियल, रेत, कोयला, निकालकर खत्म कर रहे हैं, कुछ से ईंट, मिट्टी के बर्तन बनाकर उसे हमेशा हमेशा के लिए मार दिया हैं। कुछ को रसायनिक केमिकल डालकर, जहरीला करके मार रहे हैं। कुछ को मलबे, प्लास्टिक के नीचे दबाकर, दम घोंटकर मार रहे हैं। कुछ आग लगने से बंजर हो रही है। भले ही हम धरती को माता कहें लेकिन हम इसकी देखभाल माता की तरह बिलकुल भी नही कर रहे हैं। दिल्ली जैसे शहरों में गमलों में पौधे लगाने के लिए ऑनलाइन से मिट्टी 55 रुपए प्रति किलो तक मिलती है। हम मिट्टी को पैदा नहीं कर सकते हैं, लेकिन खाद बनाना ही एक मात्र ऐसी विधि है जिससे हम उपजाऊ मिट्टी उत्पन्न कर सकते हैं। इसे पोंटिंग सॉइल कहते हैं जो विदेशों में बहुत महंगी मिलती है जिसे लोग गमलों में डालकर पौधे लगाते हैं। इसका (खाद का) एक फायदा और है कि हम जैविक कचरे का सदुपयोग करते है जिससे कचरें के ढेर नही बनते है और वातावरण, भूमि, भूजल को प्रदूषित करने से रोका जाता है, जमीन का दुरुपयोग लैंडफिल के रूप में होने से बचाव होता है और बाहर से खाद खरीदनी नहीं पड़ती है और रसायनिक खाद का उपयोग कम होता है।
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पत्तों को जलाना या कचरे के रूप में विद्यालय परिसर से बाहर भेजना एक पर्यावरणीय और नैतिक अपराध, पाप होता है, जिससे बचना चाहिए। पत्तों को जलाने से वायु का प्रदूषण बढ़ता है जिससे फेफड़ों की बीमारियां होती है। कचरा सड़क किनारे डालने से बदबू, मक्खी, मच्छर, कॉकरोच, चूहे, बीमारी पैदा करने वाले कीटाणु पैदा होते हैं। लैंडफिल में फेंकने से उपयोगी जमीन खराब होती है, बहुत धन खर्च होता है, हानिकारक गैसें उत्पन होती है। अगर हम विधालय से ब्लैक गोल्ड रूपी इस धन को कचरे के रूप में बाहर भेजते हैं या जलाते हैं तो फिर हमारी पर्यावरण संरक्षण की बातें खोखली ही कही जायेंगी। पत्तों की खाद को मिट्टी या ग्रोइंग मीडिया की तरह प्रयोग में लाया जा सकता है। यह बहुत हल्की होती है इससे छत, बालकनी में लगे गमलों में भार कम होता है और इसकी वाटर रिटेनिंग कैपेसिटी (जल धारण क्षमता) अधिक होती है इससे पानी की आवश्यकता कम होती है। इसमें पनपे पौधों को अलग से खाद देने की खास आवश्यकता नही होती है और पौधों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे उनमें बीमारियां नही लगती है। इसमें मिट्टी वाले रोग नहीं लगते है।
खाद कई प्रकार की होती है जैसे कि पत्तो की खाद, केंचुआ खाद, रूड़ी की खाद, किचन वेस्ट से बनी खाद, रसायनिक खाद इत्यादि। सभी खाद बनाने का तरीका अलग अलग होता है। खाद बनना एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया होती है, विज्ञान होती है ���सलिए इसके सिद्धांतो को, विज्ञान को समझना बहुत जरूरी होता है। पत्तो की खाद को अंग्रेजी में लीफ मोल्ड भी कहते हैं क्योंकि यह मोल्ड यानि फंगस, फंफूदी बनाती हे। जबकि किचन वेस्ट खाद जीवाणुओं से बनती हे। और केंचुआ खाद केंचुओ से बनती है।
पत्तो की खाद (Leafmold)
पत्तों की खाद बनाने के लिए चार तत्वों की आवश्यकता होती है। ��� जैविक कार्बन (पत्ते, फसल अवशेष), २. नमी, ३. ऑक्सीजन, ४. फंगस। विद्यालयों में इसे जमीन में 3,4 फीट गहरा, 3,4 फीट चौड़ा और 5,6 फीट लंबा गढ़ा या नाली खोदकर बनाया जा सकता है। अगर विधालय में जमीन नहीं हो तो ईंटो, लकड़ी, जाली, कपड़े की 4 फीट ऊंची बाड़/दीवार बनाकर या ढेर बनाकर भी बनाया जा सकता है। रोजाना जो भी पेड़ों के पत्ते नीचे गिरे उन्हे गड्ढे या ढेर में डाल देना चाहिए। लेकिन इसमें नॉन जैविक पदार्थ जैसे कि प्लास्टिक, कांच, ईंट पत्थर, मलबा, तेल इत्यादि नहीं डालना चाहिए। जब लॉन की घास कटे तो उसे भी इस गढ़े या ढेर में बिछा देना चाहिए। पौधों की कटाई, छंगायी से प्राप्त पत्ते, छोटी टहनी, खरपतवार, मरे, सूखे हुए पौधे, जड़ें भी डाले जा सकते है, बचा हुआ खाना, फल, सब्जियां, ज्यूस, छाछ, आचार इत्यादि भी इसमें डाले जा सकते है। ऊपर से पत्तों से ढक देना चाहिए ताकि मक्खी मच्छर उत्त्पन ना हो। टहनियों को छोटे टुकड़ों में काटकर (श्रेड करके) डालने से जल्दी खाद बनती है। सप्ताह में एक दो बार इसमें पानी छिड़ककर गीला कर देना चाहिए। गड्ढे या ढेर की लंबाई जगह अनुसार हो सकती है लेकिन चौड़ाई और गहराई/ऊंचाई कम से कम तीन फीट होनी चाहिए। जब एक गड्ढा भर जाए तो दूसरे में शुरू कर देना चाहिए। जब तक दूसरा गड्ढा भरेगा तब तक पहले गढ़े की खाद तैयार हो जायेगी। जब यह खाद पूरी तरह तैयार हो जाती है तो इसमें सोंधी मिट्टी की खुशबू आती है। और यह भूरे, काले, ग्रे रंग की हो जाती हे, साइज छोटा हो जाता है। इसे छानकर या बिना छाने भी प्रयोग में लाया जा सकता है। इसे पूरी तरह बनने में 6 महीने लगते है लेकिन उपयोग में लाने के लिए 3 महीने में तैयार हो जाती हे। गांवों, खेतों में पत्तों के साथ साथ फसल अवशेष भी इसमें डाला जा सकता है। घरों में जमीन नहीं होने पर पत्तों की खाद छेद हुए 200 लीटर वाले ड्रम या बोरों में भी बनाई जा सकती है।
किचन वेस्ट से खाद (compost)
घरों में किचन वेस्ट से भी अच्छी खाद बनाई जा सकती है। इसके लिए पांच तत्वों की आवश्यकता होती है। १. कार्बन युक्त पदार्थ (सूखे पत्ते, फसल अवशेष, कोकोपीट, गत्ते, लकड़ी का बुरादा, इत्यादि), २. नाइट्रोजन युक्त पदार्थ (हरे पत्ते, हरी घास, किचेन वेस्ट, फूड वेस्ट, चाय पत्ती, कॉफी पाउडर, गाय का गोबर,मूत्र इत्यादि), ३. नमी (55%)। गीला: सुखा कचरा 1:1 से लेकर 1:2 अनुपात में डालने से नमी की पूर्ति हो जाती हैं वरना पानी ऊपर से छिड़कना पड़ता है। ४. ऑक्सीजन - खाद बनाने वाले जीवाणुओं के लिए ऑक्सीजन/हवा की आवश्यकता होती है। ���मीन में गड्ढे में खाद बनाने से मिट्टी के छिद्रों में उपस्थित हवा स्वत ही प्राप्त हो जाती है। ड्रम या बाल्टी में खाद बनाने के लिए छेद करने पड़ते है। ये छेद 3 एमएम डायामीटर के 6 इंच परस्पर दूरी पर किए जाते हैं। ५. जीवाणु : जीवाणु ही जैविक कचरे को खाद में परिवर्तित करते हैं। वैसे तो भोजन की तलाश में जीवाणु वातावरण से अपने आप ही आ जाते हैं लेकिन वातावरण में तो अनेकों तरह के अच्छे बुरे जीवाणु हो सकते हैं जैसे कि बीमारी या बदबू पैदा करने वाले भी। इसलिए अच्छे जीवाणुओं को कल्चर या जामन के रूप में मिलाने से खाद अच्छी और जल्दी बनती है। क्योंकि अच्छे जीवाणु अपनी कालोनी में बुरे कीटाणुओं को घुसने नहीं देते हैं।
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विधि १ :
विधि २ :
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विधि ३: घर में ड्रम नहीं होने पर इसे बड़े खाली गमले या बड़े मुंह वाले मिट्टी के घड़े या जूट बैग में भी बनाया जा सकता है।
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विधि ४: अगर बड़े गमले में पहले से ही मिट्टी भरी हो तो उसकी आधी मिट्टी निकालकर उसमें किचन वेस्ट और मिट्टी के परत डालकर भी खाद बनाई जा सकती है।
विधि ५ : पेड़ों, बड़े पौधों के चारों और कैनोपी के क्षैत्र में मिट्टी खोदकर, 1 फुट चौड़ी और 1 फीट गहरी नाली बनाकर, किचन वेस्ट को सीधा ही डालकर, मिट्टी से ढककर भी खाद बनाई जा सकती है, जो पौधे की जड़ों को मिलती रहेगी।
अच्छी खाद बनने की निशानी यही है कि उसमें सोंधी मिट्टी की खुशबू आनी शुरू हो जाती है। अगर खाद में बदबू आ रही हो तो इसका मतलब गीले कचरे की मात्रा ज्यादा है, हवा नही लग रही है या नीचे लिक्विड/ पानी इक्ट्ठा हो गया है। उसमें पानी निकालकर और सुखा कचरा मिलाकर फिर से बनाया जा सकता है।
नोट : किचन वेस्ट में सब्जियों, फलों के छिलके, सब्जियों के पत्ते, डंठल, चाय की पत्ती, काफी पाउडर, रोटी, चावल, सुखी सब्जी, आचार, सड़े हुए फल, सब्जियां, नाखून, बाल इत्यादि डाले जा सकते हैं। इसमें मिठाई, दूध, डेरी प्रोडक्ट, तेल, तरी, तरल पदार्थ, नॉन वेज आइटम इत्यादि नहीं डालने चाहिए।
गांवों खेतों में गाय- भैंस के गोबर और फसल अवशेष से खाद
गांवों में लोग गाय ,भैंस, बकरी, ऊंठ ,घोड़ा इत्यादि के गोबर से तो खाद बनाते हैं लेकिन पत्तों, फसल अवशेष, लकड़ी, खरपतवार, खराब हुए भूसे को जला देते हैं। गाय भैंस के गोबर से जो रुड़ी की खाद बनाते है उसमें भी सिर्फ गोबर ही डालते हैं जिसमें नाइट्रोजन की अधिकता होती है, और उसमें ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है इसलिए खाद बनने में लंबा समय लगता है, खाद कम बनती है और वह खाद पौधों को जला भी सकती है। अगर खाद बनने के सिद्धांतो (पांच तत्वों : कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, नमी, जीवाणु) के अनुसार खाद बनाई जाए तो खाद जल्दी, अच्छी क्वालिटी की और ज्यादा मात्रा में बनती है और इससे मिट्टी में भी सुधार होता है।
विधि :
कृपया आप खाद बनाना अवश्य शुरू करें। कोई भी दिक्कत या जानकारी , मार्गदर्शन के लिए मुझसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं। मैं 25 से अधिक लोगों के लिए ऑनलाइन मीटिंग/वर्कशॉप भी करने के लिए तैयार हूं।
खाद बनाएं, जैविक कचरा निपटाएं खाद बनाएं, धरती माता क��� बचाएं खाद बनाएं, पर्यावरण बचाएं खाद बनाएं, धन बचाएं खाद बनाएं, जैविक भोजन उपजाएं खाद बनाएं, सुंदर बगीचा लगाएं खाद बनाएं, पानी बचाएं
आर के बिश्नोई, कचरा प्रबंधन प्रमुख दिल्ली प्रांत, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि प्रांत पर्यावरण प्रमुख, विद्याभारती दिल्ली 9899303026 [email protected]
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sharpbharat · 6 months ago
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Supreme Court-कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी का इस्तीफा मांगने संबंधी याचिका खारिज की, कहा- यह हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलव��र को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक परास्नातक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे मांगे जाने का अनुरोध किया गया था.प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका दायर करने…
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news-trust-india · 6 months ago
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Kolkata Murder Case : कोलकाता डॉक्टर बलात्कार मामले पर सुनवाई शुरू; सुनवाई के दौरान CJI ने और क्या पूछा?
नई दिल्ली। Kolkata Murder Case  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। J&K Election : जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पर बरसे अमित शाह; बोले- अब कभी वापस नहीं आएगा 370 पीठ ने सुनवाई करते…
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dainiksamachar · 7 months ago
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ओपिनियन : ये चेतने का वक्त है! हेमा कमिटी रिपोर्ट क्यों भारतीय सिनेमा को बड़े खतरे से कर रही आगाह
नई दिल्ली: जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फिल्म इंडस्ट्री में औरतों का शोषण और बदसलूकी आम बात है। रिपोर्ट में बताया गया है कि औरतों से काम के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा जाता है और मना करने पर उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। हालांकि, ये समस्या सिर्फ मलयालम फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है। हर फिल्म इंड्रस्ट्री में औरतों का शोषण होता है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री यानी मॉलीवुड के लिए साल 2024 कमाई के लिहाज से अब तक काफी शानदार रहा है। साल 2024 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कमाई पूरी दुनियाभर में 1,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। 'मंजुम्मेल बॉयज', 'आवेशम' और 'प्रेमलु' जैसी फिल्मों की सफलता ने इंडस्ट्री को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। लेकिन जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने इस खुशी पर पानी फेर दिया है। रिपोर्ट में केरल फिल्म इंडस्ट्री के बड़े लोगों पर गलत कामों के आरोप लगाए गए हैं। इससे फिल्म इंडस्ट्री के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। काम के बदले महिला कलाकारों से सेक्स रिलेशन की मांग मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के साथ हो रहे बेहद खराब बर्ताव की खबर सामने आई है। 498 सदस्यों वाली संस्था मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (AMMA) पर आरोप है कि वो महिला कलाकारों का शोषण करती है। काम के बदले महिला कलाकारों से यौन संबंध बनाने की मांग की जाती है। जो महिलाएं ऐसा करने से मना करती हैं उन्हें काम नहीं मिलता और बैन कर दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि AMMA में आधे से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। लेकिन सत्ता पुरुषों के हाथों में ही है। इस विवाद के बाद मलयालम अभिनेता मोहनलाल की अध्यक्षता वाली 17 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया है। पीड़ित महिलाओं ने हिम्मत दि��ाते हुए अपनी आपबीती सार्वजनिक की है। उनका कहना है कि डर की वजह से अब तक चुप थीं, लेकिन अब और नहीं। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक केरल में फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक रिपोर्ट 2019 में सरकार को सौंपी गई थी। साढ़े चार साल तक, कुछ नहीं हुआ। रिपोर्ट को दबा दिया गया। कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ही रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। अचानक वही लोग जो महिला सहयोगियों के खिलाफ कई अपराधों में शामिल थे, 'नैतिक जिम्मेदारी' की बात कर रहे हैं। यह उन लोगों को बचाने का एक अंतिम प्रयास है, जिन्होंने अपने पद और दबाव का इस्तेमाल उन लोगों को नियंत्रित करने के लिए किया था जिनकी सुरक्षा करना उनका काम था। मॉलीवुड का माहौल खराब है, जहां महिलाएं सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं को लेकर पुरुष प्रधान लॉबी की ओर से उपहास का सामना कर रही हैं। '...जब महिलाओं का बायकॉट कर दिया गया' 2017 के एक बलात्कार के मामले में AMMA सदस्यों के सुस्त रवैये के बाद 'विमेन इन सिनेमा कलेक्टिव' अस्तित्व में आया। यह न्याय के लिए बना साहसी संघर्ष संगठन था, लेकिन वास्तव में इन्हीं महिलाओं को आगे भेदभाव का सामना करना पड़ा और सच्चाई उजागर करने पर उनका बायकॉट कर दिया गया। एक महिला कलाकार का अपहरण करने और कथित तौर पर बलात्कार करने से इन लोगों में एक मजबूत संदेश गया कि व्यवस्था से लड़ने से और ज्यादा निराशा और बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।हालांकि मॉलीवुड में कुछ लोगों के नाम सामने आने के बाद, बदलाव की उम्मीद जगी है। पर किस बात का बदलाव? और कब तक? अभी तो बस इतना हुआ है कि वहां के लोग शांत बैठे हैं और दोबारा से संगठित होने का इंतजार कर रहे हैं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने पूरे देश को हिला डाला मलयालम फिल्म जगत में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे पर हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने पूरे देश को हिला दिया है। रिपोर्ट में फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के शोषण और भेदभाव के गंभीर आरोपों की जांच की मांग की गई है। भारत में हमेशा से यह धारणा रही है कि मलयाली महिलाएं मजबूत और स्वतंत्र होती हैं। लेकिन हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने इस मिथक को तोड़ा है। रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ हो रहे बुरे सलूक का खुलासा किया गया है। इससे मलयालम सिनेमा की छवि को गहरा धक्का लगा है। बॉलीवुड कब तोड़ेगा अपना चुप्पी? यह समस्या केवल मलयालम सिनेमा तक ही सीमित नहीं है। बॉलीवुड समेत भारत के दूसरे फिल्म उद्योगों में भी महिलाओं का शोषण होता रहा है। Me Too आंदोलन के दौरान बॉलीवुड में इस मुद्दे पर थोड़ी चर्चा हुई थी, लेकिन वह जल्द ही ��ंडी पड़ गई। अब समय आ गया है कि फिल्म जगत के लोग इस बारे में गंभीरता से सोचें। सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। रिपोर्ट में सभी मामलों की विस्तृत जांच… http://dlvr.it/TCfbz2
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manvadhikarabhivyakti · 7 months ago
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Kolkata doctor rape-murder case: सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद एम्स के डॉक्टरों ने 11 दिन की हड़ताल वापस ली
कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामला लाइव अपडेट: एम्स के डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में अपनी 11 दिवसीय हड़ताल सुप्रीम कोर्ट की अपील और केंद्र को सार्वजनिक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश के बाद वापस ले ली है। “राष्ट्र के ��ित में और जन सेवा की भावना से, एम्स, नई दिल्ली में आरडीए ने 11 दिन की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है।…
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sarvodayanews · 10 months ago
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rightnewshindi · 2 months ago
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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडोली और गायक रॉकी मित्तल के खिलाफ गैंगरेप की FIR दर्ज, कसौली में वारदात को दिया था अंजाम
#News भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडोली और गायक रॉकी मित्तल के खिलाफ गैंगरेप की FIR दर्ज, कसौली में वारदात को दिया था अंजाम
Solan News: हरियाणा भाजपा प्रमुख मोहन लाल बडोली और गायक रॉकी मित्तल उर्फ जय भगवान के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली की एक महिला ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश के कसौल में एक होटल में दोनों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोनों लोगों के…
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latestnewsandjokes · 2 months ago
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आरजी कर मामले में संजय रॉय दोषी करार: आगे क्या होगा, मिल सकती है क्या सजा | भारत समाचार
नई दिल्ली: कोलकाता की एक अदालत ने शनिवार को आरजी कर मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया बलात्कार और हत्या मामला। उन्हें बलात्कार के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 के साथ-साथ धारा 66 और 103(1) के तहत मौत और हत्या करने का दोषी पाया गया।सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा फैसला पढ़ने के बाद, रॉय को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और सजा की घोषणा सोमवार को की…
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bkumarjpr · 10 months ago
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Swati Maliwal - From Alleged Assault To Rape, Now CM Kejriwal Should Unveil Mystery
————Author———-Shri SP Mittal, Renowned Journalist, Ajmer Rajasthan Website Facebook Twitter Blog WhatsApp: 9929383123 Contact: 9829071511 स्वाति की पिटाई बलात्कार तक आई। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ही इस रहस्य से पर्दा हटाना चाहिए। केजरीवाल के सचिव विभव कुमार को पंजाब या पश्चिम बंगाल पकड़ना आसान नहीं। गत 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर आम आदमी…
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roh230 · 1 year ago
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sharpbharat · 7 months ago
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Kolkata Doctor Case: कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप व हत्या मामले में केस दर्ज करने में देरी बेहद गंभीर : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार एवं उसकी हत्या के संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी को ‘बेहद परेशानी वाली बात’ बताया.न्यायालय ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से काम पर लौटने को कहा और उन्हें आश्वासन ��िया कि काम पर लौटने के बाद उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी.प्रधान…
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hindinewsmanch · 1 year ago
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Delhi News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है, जहाँ एक शख्स ने अपनी ही लिव-इन पार्टनर की नाबालिग बेटी से बलात्कार किया  । शख्स ने पार्टनर की गैर-मौजूदगी में इस घटना को अंजाम दिया।
राजधानी दिल्ली में 17 जनवरी बुधवार को एक शर्मनाक घटना सामने आयी है, जहाँ एक शख्स ने अपनी ही लिव-इन पार्टनर की 14 वर्षीय बेटी से बलात्कार कर दिया । आरोपी नाबालिग की माँ के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है। शख्स ने हवस की घटना को उस समय अंजाम दिया जिस समय नाबालिग बच्ची की मां अस्पताल गई हुई थी। पुलिस ने आरोपी की पहचान अंकित यादव (29 वर्षीय) केई रूप में की है। पुलिस द्वारा बुराड़ी थाने में बलात्कारी अंकित के खिलाफ आई.पी.सी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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