25.09.2024, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के जनहित मे सहयोग से "पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की 108वीं जयंती" के अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा “विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता भारत” एवं “विकसित भारत विजन 2047” विषयक कार्यक्रम का आयोजन होटल क्लार्क अवध, लखनऊ में किया गया । इस आयोजन में प्रमुख वक्ताओं के रूप में श्री एन. के. सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं अध्यक्ष, 15वें वित्त आयोग, श्री राकेश शर्मा, अध्यक्ष, इंडियन न्यूज़पेपर सोसाइटी, नई दिल्ली और कार्यक्रम संयोजक श्री ब्रजेश पाठक उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सहित, लखनऊ के प्रबुद्धजनो, गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ तथा श्री एन. के. सिंह, श्री राकेश शर्मा, श्री ब्रजेश पाठक, श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, श्री ब्रजेश मिश्र, श्री एच. जी. एस. परिहार ने पं. दीन दयाल उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने मुख्य वक्ता श्री एन. के. सिंह और श्री राकेश शर्मा को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया ।
श्री एन. के. सिंह ने "विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता भारत" पर अपने विचार रखते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए भारत को एक नई दिशा दी है ।उनकी नीतियां गरीबों के कल्याण और नई तकनीक के विकास पर केंद्रित रही हैं, जो भारत की प्रगति में सहायक हैं । केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार हो सकता है ।”
श्री राकेश शर्मा ने “विकसित भारत विजन 2047” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है ।उनका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण था, ताकि 'सबका साथ, सबका विकास' का सपना साकार हो सके।”
श्री ब्रजेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा, “पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का मानना था कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्य धारा में लाना आवश्यक है, तभी स्वतंत्र भारत का सपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियां इसी दिशा में कार्य कर रही हैं, जैसे किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, और मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं ।”
मुख्य वक्ताओ से सवाल जवाब भी किए गए । कार्यक्रम समाप्ती पर मुख्य वक्ता श्री एन. के. सिंह तथा श्री राकेश शर्मा का प्रतीक चिन्न से सम्मान किया गया |
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, पद्मश्री डॉ एस. एन. कुरील, पद्मश्री डॉ सुनील प्रधान, पद्मश्री विध्या बिन्दु सिंह, पूज्य महंत राम सेवक दास, श्री ब्रजेश मिश्र, प्रधानसंपादक, भारत समाचार न्यूज़ चैनल, समाजसेवी श्रीमती नम्रता पाठक, सिटी मोंटेसरी स्कूल की प्रबंधक डॉ. गीता गांधी किंगडन, कवि श्री सर्वेश अस्थाना, पत्रकार श्री नवल कान्त सिन्हा, अधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह अटल, श्री सुरेश पांडे, डॉ. ए पी टिक्कू, श्री गोरे गुलाटी, श्री शिव शंकर अवस्थी, श्री मुकेश बहादुर सिंह, श्री संदीप बंसल, श्री मुकेश शुक्ला, सी.ए. पी के धवन, यूनिवर्सल बुक सेलर्स के श्री गौरव प्रकाश, रंगकर्मी श्री अनिल रस्तोगी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, तथा अन्य गणमान्य बुद्धिजीवी अतिथिगण उपस्थित रहे ।
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आंदोलन के लिए दिल्ली जा रहे तमिलनाडु के किसानों को नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर रोका
इटारसी। किसान आंदोलन के अंतर्गत किसानों के दिल्ली जाने पर नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर किसानों को पुलिस ने रोककर उनसे चर्चा की। इस दौरान रोके जाने पर किसानों ने प्लेटफार्म पर हंगामा किया। समाचार लिखे जाने तक ट्रेन रुकी है और किसानों और पुलिस के बीच बहस जारी है।
बता दें कि किसान आंदोलन के लिए तमिलनाडु के किसान नयीदिल्ली जा रहे थे। नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन जीटी एक्सप्रेस को शाम 6 बजे पहुंची…
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किसान आंदोलन: बारिश में पराली को बनाया बिस्तर, अब बॉर्डर पर बनाया जा रहा है 'पक्का घर'
किसान आंदोलन: बारिश में पराली को बनाया बिस्तर, अब बॉर्डर पर बनाया जा रहा है ‘पक्का घर’
टीकरी बॉर्डरकाफी तादात में किसान (सीमा पर किसान) यहाँ डटे हुए हैं। सोमवार रात पड़ाव-ढेर कर होने वाली बारिश के बीच किसानों ने पूरी रात आपस में बात कर गुजारी की। किसानों के सोने के पानी से भीग चुके थे। ऐसे में ट्रैक्टर-ट्रोली में रखे पराली को बिस्तर बनाया और तिरपाल से छत बनाकर पूरी रात गुजारी। बारिश के कारण अधिक होने से किसान पूरी रात कांपते रहे, हालांकि बॉर्डर्स पर कई जगहों पर लकड़ी में लगाई गई आग…
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किसानों के विरोध के आगे दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई गई
किसानों के विरोध के आगे दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई गई
बेरोजगारी के खिलाफ आज जंतर-मंतर पर किसानों का धरना प्रस्तावित है।
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी। किसानों का विरोध जंतर मंतर पर बेरोजगारी के खिलाफ उत्तर-पश्चिम दिल्ली और गाजीपुर सीमा पर स्थित सिंघू सीमा पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
इससे पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) – किसानों की एक छतरी संस्था – ने अपनी लंबित मांगों…
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किसान नेता राकेश टिकैत के लिए 'घर वापसी', 383 दिन बाद दिल्ली सीमा से आए समर्थक | दिल्ली समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
किसान नेता राकेश टिकैत के लिए ‘घर वापसी’, 383 दिन बाद दिल्ली सीमा से आए समर्थक | दिल्ली समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
गाजियाबाद : यह एक तरह की ‘घर वापसी’ है. किसान नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थक बुधवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर से अपने घरों के लिए रवाना हो गए, जो 383 दिनों के लिए उनका आवास बन गया था। यह केंद्र के साथ एक प्रतिष्ठित लड़ाई के बाद आया है जिसके परिणामस्वरूप विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया।
गाजीपुर सीमा पर ‘घर वापसी’ को जश्न के माहौल के साथ चिह्नित किया गया था, जहां…
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लाल किला हिंसा एक हिचकी थी, किसान नेताओं को पुनर्गणना करने के लिए मजबूर किया
लाल किला हिंसा एक हिचकी थी, किसान नेताओं को पुनर्गणना करने के लिए मजबूर किया
किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर साल भर के विरोध के साथ गुरुवार को एक शांतिपूर्ण और एकजुट आंदोलन का नेतृत्व करना सबसे बड़ी चुनौती थी।
बीकेयू डकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा, ‘हम जून 2020 से पंजाब में पहले से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमारा ‘दिल्ली चलो’ मार्च ऐतिहासिक हो गया। अगर हरियाणा ने अड़ंगा नहीं खड़ा किया होता और दिल्ली पुलिस ने हमें 26-27 नवंबर को रामलीला…
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किसानों की छुट्टी आज : अलविदा, सिंघू
किसानों की छुट्टी आज : अलविदा, सिंघू
11 दिसंबर को किसानों के घर जाने से एक दिन पहले, एक साल से अधिक समय के बाद विशाल सिंघू सीमा विरोध स्थल को पीछे छोड़ने की तैयारी भावनाओं से भर गई थी।
नवंबर 2020 में जीटी करनाल रोड पर हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमा पर विरोध स्थल बनने के बाद से, प्रदर्शनकारियों ने उस राजमार्ग पर अस्थायी घरों की स्थापना की है, जो मौसम के मौसम के लिए आवश्यक सभी सुविधाओं के साथ है।
सिंघू का दृश्य किसान अपनी आखिरी रात…
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Guru Nanak Parkash Parv: गुरुद्वारा रकाबगंज में CM अरविंंद केजरीवाल ने टेका मत्था, बोले-700 किसानों की शहादत अमर रहेगी
Guru Nanak Parkash Parv: गुरुद्वारा रकाबगंज में CM अरविंंद केजरीवाल ने टेका मत्था, बोले-700 किसानों की शहादत अमर रहेगी
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Birth Anniversary) पर सुबह रकाबगंज गुरुद्वारा में मत्था टेका और दिल्ली व देशवासियों को बधाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरु नानक जी ने इंसानियत के लिए बहुत कुछ किया. हमारा फर्ज है कि हम सब उनके बताए हुए रास्ते पर चलें.
सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि आज…
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करनाल में मिनी सचिवालय के गेट पर किसानों का कब्ज़ा, राकेश टिकैत ने क्या कुछ कहा?
करनाल में मिनी सचिवालय के गेट पर किसानों का कब्ज़ा, राकेश टिकैत ने क्या कुछ कहा?
करनाल किसान विरोध प्रदर्शन 28 अगस्त को हरियाणा के लिए कारखाने में उत्पादन की अनुमति दी गई थी। अक्टूबर के सफल होने के बाद वे सफल हुए थे। प्रेक्षक. कर सौदे (कार से)।
ग़लती से संक्रमित होने के मामले में. इसके ️ इसके️ इसके️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ बीते रोज़ ही करनाल समेत चार ज़िलों में 24 घंटों के लिए इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर पाबंदी लगा दी थी। इसके ️ अलावा️…
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सच व्यापार करो व्यापारी :- संत बाबा राम सिंह का सच 🌍
दिल्ली/17.12.2020
गुरुद्वारे में हजारों श्रद्धालुओं के बीच लोगों को संत बाबा राम सिंह गा कर सुना रहे रहे - सच व्यापार करो व्यापारी । आज ही मैं इनके नाम और काम से परिचित हो सका वह भी एक दुर्भाग्यपूर्ण धटनाओं के चलते जो कल शाम, चल रही किसान आंदोलन के बीच धटित हुई । बाबा संत रामसिंह जी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे थे और समाचार पत्रों और खबरों के अनुसार किसान के साथ हो रहे अन्याय से पीड़ित थे - उनसे रहा नही गया और एक आत्महत्या संदेश लिखकर स्वयं को गोली मार ली ।
इनके द्वारा की गई आत्महत्या को किसान प्रमुख एवं विपक्ष दल के नेता भुना रहे हैं जिसे कम से कम मैं तो स्पष्टरूप से देख पा रहा हूँ । भले ही मैंने संत रामसिंह जी का नाम और काम आज जाना हो लेकिन जो लोग इनको पहले से ही जानते थे वे सूक्ष्मता से बाबा के मृत्यु को बाजार में बेच रहे हैं ।
मैं आहत हूँ । एक सन्यासी को देह त्यागना पड़ा , वह भी रिवॉल्वर की गोली से -सिर्फ इसलिए कि किसानों की बात और सविनय को केंद्र सरकार सुन नही रही थी । लेकिन मैं इससे भी ज्यादा हतप्रभ हूँ कि कैसे संत रामसिंह जी की मृत्यु ने किसान प्रमुखों के हाथ मे खजाना उड़ेल दिया है ! ऐसा खजाना जिससे ये लोग मालामाल हो जाएंगे ।
बाबा संत रामसिंह जी बहुत ही भोले थे । अक्सर भोले और निर्मल लोग ही पीड़ित होते हैं । कहते थे - सच व्यपार करो व्यापारी और विडम्बना देखिये लोगों ने सच का व्यापार सुरु भी कर दिया है ।
मैं एकटक इस वीडियो को देखता रहा - सोचता रहा बाबा किसको समझा रहे थे ? व्यापार और सच दोनों के बीच दूर दूर तक किसी प्रकार का संबंध नही है ये साधारण से साधारण लोग जानते हैं । अगल बगल में बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध तो जरूर हुए होंगे लेकिन बाबा की कही बातों से उनका कोई प्रयोजन नही रहा होगा ।
बात भी जँचती है - भला श्रद्धालुओं को क्या लेना देना है सच और व्यापार से , उन्हें तो बस किसी ने कह दिया और वे पहुँच गये गुरुद्वारे । अपने मन से , अपनी आत्मा की आवाज से कौन आजतक जा पाया है मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे ? लोग जा रहे हैं तो उत्सुकतावश वे भी भीड़ में सम्लित हो जाते हैं । उन्हें तो कभी ख़याल भी नही आता कि सभी के आने का कारण वही है जो उनका है । सदियों से यही खेल चल रहा है ।
नानक हों या मोहम्मद - इन सभी महान आत्माओं ने जो दृष्टिकोण और धरोहर समाज को दी क्या यकीन से आप कह सकते हैं कि उसी विचारधारा को लोग आज तक मानते आ रहे हैं ? नही ! मेरे हिसाब से नही ! कहीं ना कहीं इन हजार बर्षों में असल विलीन हो गया है अन्यथा हमारा समाज ऐसा नही दिखता । चाहे कोई सा भी ग्रंथ हो लेकिन सच यही है कि उसको लिखनेवाला बोलने वाला तो नही था । फर्क होना स्वाभाविक है ।
मैं तो ये प्रयोग अपने आप पर कर के देखता हूँ - मैं पूछता हूँ अपने आप से की 2001 ईस्वी के जनवरी महीने में मैंने क्या सब किया था और कहा था बताओ ? मैं हैरान हो जाता हूँ यह सोच कर की मुझे कुछ भी याद नही । चूंकि मुझे याद नही तो किसी को भी याद नही होगा क्योंकि मनुष्यों के बीच मे ये बुनियादी समानता अटूट है ।
अब जब मेरे जीते जी किसी अतीत में बीते दिनों को - जिसमे की मैंने स्वंय जिया है, भोगा है , कुछ कहा है -- वह याद नही तो हजारों साल पहले किसी महापुरुष के मरने के उपरांत जब कागज को खोजा गया , फिर उसपे कईं लोगों की जमघट से उतारे गए शब्दों में कितनी ��च्चाई होगी । नही , मैं मानता हूँ कि असल गुम है - कुछ छिटफूट कही बातें संयोगवश किताबों में पहुँच गई जो आज तक मानवता को संभाले हुए आगे बढ़ रही है ।
संत बाबा रामसिंह जी की मृत्यु किसी गहरी चाल की ओर इशारा कर रही है । वे निश्चित ही दयालु होंगे - जो व्यक्ति तलीन होकर सच को भी व्यवसाय करने की बात करे वह निश्चित ही साधारण परत से ऊपर उठ चुका है । और यही बात रामसिंह जी भी कहा करते थे । यदि सिर्फ इसे गीत समझकर, निर्गुण समझकर बाबा गाते रहे थे तो उनकी हत्या हुई है इसे मैं और पुरजोर होकर कह सकता हूँ ।
किसान आंदोलन में एक संत की मृत्यु पर बहुत से लोग क्रोधित हो रहे होंगे , सरकार की भर्त्सना कर रहे होंगे - लेकिन कोई भी व्यक्ति ये नही कह रहा होगा - आखिर क्यों एक संत ने आत्महत्या की ?
यह प्रश्रचिन्ह लगाने का मतलब ही व्यापार को बर्बाद कर देना होगा । भला कैसे कोई बात को इस प्रश्न तक पहुंचने दे ! खतरा है, हानि है ।
मैं संत बाबा रामसिंह जी को श्रद्धांजलि देकर अंत मे एक और वाक्य जोड़ते हुए यही कहना चाहता हूँ - " सच व्यापार करो व्यापारी , खूब कमाओ सच 💐 (ॐ )
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किसान विरोध लाइव अपडेट: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर आज किसानों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया
किसान विरोध लाइव अपडेट: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर आज किसानों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया
दिल्ली में किसान विरोध प्रदर्शन अपडेट: किसानों का विरोध पिछले महीने तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ।
नई दिल्ली:
सेंट्रे के कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने आज जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध करने की धमकी दी है क्योंकि वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करने की प्रतिज्ञा करते हैं जो वे निरस्त करना चाहते हैं। आज की रैली सोमवार को अखिल भारतीय भूख हड़ताल के बाद होगी…
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सिंघू सीमा पर किसानों का प्रदर्शन: 'लड़ाई जारी रहेगी...पीछे जाने का मन नहीं'
सिंघू सीमा पर किसानों का प्रदर्शन: ‘लड़ाई जारी रहेगी…पीछे जाने का मन नहीं’
आंदोलन पर निर्णय लेने के लिए गुरुवार को सिंघू सीमा पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक से कुछ घंटे पहले, किसानों को पता था कि क्या आ रहा है। उन्होंने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों को ढकने वाले तिरपाल की चादरों को नीचे खींचकर पैकअप करना शुरू कर दिया।
सरकार के एसकेएम की प्रमुख मांगों पर सहमति के साथ, कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के आंदोलन के केंद्र में विरोध स्थल पर हर कोई जानता था कि यह घर लौटने का…
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Kisan Andolan: संसद सत्र की शुरूआत पर दिल्ली कूच करेंगे 500 किसान, 35 टैक्टर ले जाने की तैयारी, राकेश टिकैत ने पुलिस को बताया पूरा प्लान
Kisan Andolan: संसद सत्र की शुरूआत पर दिल्ली कूच करेंगे 500 किसान, 35 टैक्टर ले जाने की तैयारी, राकेश टिकैत ने पुलिस को बताया पूरा प्लान
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) की शुरूआत 29 नवंबर से हो रही है. इसके साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने भी पहले से ऐलान कर दिया है कि वह भी 29 तारीख को दिल्ली में पार्लियामेंट (Parliament) की तरफ किसानों के साथ जाएंगे. इस ऐलान के बाद से दिल्ली पुलिस परेशान है.
इसको लेकर आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसान…
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किसानों का विरोध लाइव अपडेट: सरकार ने कहा कि बातचीत के लिए तैयार है, किसानों को विरोध स्थल पर स्थानांतरित करने के लिए कहता है
किसानों का विरोध लाइव अपडेट: सरकार ने कहा कि बातचीत के लिए तैयार है, किसानों को विरोध स्थल पर स्थानांतरित करने के लिए कहता है
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शनिवार को सिंघू में दिल्ली सीमा पर किसान। (एक्सप्रेस फोटो: प्रवीण खन्ना)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बरारी मैदान में शिफ्ट हो जाएं और कहा कि केंद्र निर्धारित स्थान पर जाते ही उनके साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।
शाह की पेशकश जेजेपी के बाद आई, जो हरियाणा में भाजपा की प्रमुख सहयोगी है, ने केंद्र…
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करनाल के 'लघु सचिवालय' गेट तक पहुंचे हजारों किसान, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार
करनाल के ‘लघु सचिवालय’ गेट तक पहुंचे हजारों किसान, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार
करनाल किसान महापंचायत लाइव: बड़ी संख्या में किसान खराब होने की स्थिति में शामिल होने के लिए, विषम परिस्थितियों में खराब होने की स्थिति में आने की स्थिति में शामिल होने की स्थिति में है। है है है है है है है.
डिसॉर्डर के साथ बातचीत करने के लिए प्रबंधन ने बैठक की ओर से अक्टूबर से रुकने के लिए 11. . चढूनी ने कहा कि उसका मिलान कभी भी नहीं होगा।
यह जाने पर जाने वाले रोग पर जाने वाले कौन-से कीटाणु रोग…
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दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का डेरा, सड़क पर बन रहा भोजन…प्रदर्शनकारी बोले: 6 महीने का राशन लेकर आए हैं हाइलाइट्स: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने डाला डेरा, बना रहे सड़क पर ही भोजन किसानों ने कहा- कृषि बिल पर समाधान मिलने के बाद ही वापस लौटेंगे
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