#दिलकश
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अदाएँ हश्र जगाएँ वो इतना दिलकश है
अदाएँ हश्र जगाएँ वो इतना दिलकश है ख्याल हर्फ़ न पाएँ वो इतना दिलकश है, बहिश्ती गूंचों से गूंधा गया सुराही बदन गुलाब ख़ुशबू चुराएँ वो इतना दिलकश है, बना के ख़ुश हुआ इतना कि अब भी लेता है ख़ुदा ख़ुद अपनी बलाएँ वो इतना दिलकश है, क़दम इरम में धरे ख़ुश क़दम तो हूर ओ गुलाम चिराग़ घी के जलाएं वो इतना दिलकश है, जिन्होंने साया भी देखा वो हूर का घूँघट मुहाल है कि उठाएँ वो इतना दिलकश है, ख़ुदा ने इसलिए उसे बहिश्त से…
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लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे
अब भी दिलकश है तिरा हुस्न मगर क्या कीजे
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
💗🧿
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दिलबर है दिलकश है दिलदार नज़ारे हैं... आज ज़मीन पर उतरे कितने सितारे है... अट्लो होश ना मी दानम हम है दिल है और जानम... बस दीवानगी दीवानगी... दीवानगी है ना कोई रहे सम रहे पर ये इलज़ाम लगे किसपर बस दीवानगी दीवानगी दीवानगी है...
All Hot Girls/Boys Put Your Hands Up and Say... "it's time for gapshap!!!"
🎊Have a cup of गपशप with us🎊
It's not just a blog. It's a show we created for you to live your fake scenarios.Yes we know you pretend to be in interview in your fake scenarios.
Our "Desiblr-gapshap" is the best place to enjoy your favorite snake- oops snacks as you eat and scroll.
Yes It's a sign don't entertain snakes in your life, let us do that. We will entertain you well. You gave so many chances to wrong person to fuck up your mental health so why don't you give us a chance and let us fix your mood? even though you couldn't fix them. So give us a chance. Period.
We bring stars of desiblr here to show you what kind of blogs they run and what they are like. No matter if they are well known or unknown.
If you want to connect with different people of desiblr and desi side of tumblr, you're at the right place.
There will be an amazing question and answer session as well as a discussion on different fun topics.
Feel free to DM us if you want to have an appearance in our show.
There will be:
Interview.
Desiblr gossip corner.
Thread of discussion on literature. (Poems, quotes, stories or any work which touched many hearts.)
Fun banters with mutuals.
Different events we elaborated on @desi-gapshap-announcement to know more check out our pinned intro post.
And many more things as our page will grow and we will come up with new new ideas for your मनोरंजन.
Caution!!! Do not send hate ANONS or else we will just block you and won't respond to you!
Porn blogs, blank blogs, hate blog and any kind of hater will be blocked immediately.
Important: To know more details check these blogs out. There are intro posts and instructions there as well.
@desi-gapshap-announcement (main announcement blog)
@alhad-titli (host) @masalalala-chaii (host)
Check out our tags we tagged below for specific topic.
✨Banners✨
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ढलते हुए शाम में, जिस दिलकश नज़ारे ने नज़रों को पकड़ लिया,
तस्वीर उनकी नूर का खींच ना सके, तो बाद देखकर मन भर लिया।
Dhalte hue shaam mein, jis dilkash nazaare ne nazaron ko pakad liya,
tasveer mein unki noor na kheech sake, toh bas dekh kar mann bhar liya.
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तुम्हारा चेहरा!
यह चेहरा ही तो तुम्हारा आईना है
प्रतिबिंब ने कुछ भी नहीं ��ुपाया है!
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बताती है
जैसे बसंत ने आकर घर बनाया है!
जब वो खिल उठता है तो लगता है
सूरज आसमान में निकल आया है!
दिलकश यादों ने उसे चमकाया है
लगे जैसे ही गुलाब खिल आया है!
जब कभी मुरझाता है तो लगता है
जैसे ख़िज़ाँ का हर तरफ़ साया है!
बादलों ने कहीं चाँद को छुपाया है
गहराती धूल से दर्पण धुँधलाया है!
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तुम सुन लो ज़रा
कहना है कुछ मुझे, तुम सुन लो ज़रा,
थाम लो हाथ मेरा और... पास बैठो ज़रा,
दिलकश हैं बहुत... ये आँखें तुम्हारी,
इनमे पल दो पल मुझे... डूबने दो ज़रा,
लगती हो बेहद हसीन हँसते हुए तुम...
एक बार हँस के इस पल को रोशन कर दो ज़रा,
मैं चाहता हूँ तुम्हें हद से ज्यादा,
मेरी चाहत को तुम महसूस कर लो ज़रा,
ये ज़िंदगी बेरंग है तुम्हारे बिना,
इसमे अपने प्यार के रंग तुम भर दो ज़रा,
कहना है कुछ मुझे, तुम सुन लो ज़रा,
थाम लो हाथ मेरा और पास बैठो ज़रा ।।
निशांत मुदगल ||
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बिना तेरे कोई दिलकश नज़ारा हम ना देखेंगे
तुम्हें ना हो पसंद उसको दोबारा हम ना देखेंगे
त��री सूरत ना हो जिस में
वो शिशा तोड़ देंगे हम
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एक सौ सोलह चांद की रातें एक तुम्हारे कांधे का तिल
दिल्ली में बीते दिन उमस से भरे थे मगर कल रात से जो सावन बरसा है, वह दिल को सुकून देने वाला है। कल रात देर रात चार बजे तक जागा और फिर सुबह उठके देखा तो बाहर रिम झिम बारिश हो रही थी, अब तो खैर संध्या का वक्त हो चुका है मगर यह दिलकश अभाव को महसूस कर एक गाना याद आया है, गाना है इजाज़त फिल्म का मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है, जो कि जावेद अख्तर द्वारा लिखा गया है, संगीत मेरे मनपसंदीदा राहुल देव बर्मन का और स्वर दिए है आशा भोंसले ने। यह गाना मेरे दिल के बेहद करीब है। जब आपके आस पास वर्षा हो रहीं हो तो यह गाना अपने आप ही ज़हन में उतर ही आता है। मैं इस गाने की कुछ पंक्तियां लिखना चाहूंगा।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है, हो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखें है, और मेरे एक खत में लिपटी रात पड़ी है, वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
पतझड़ है कुछ, है ना? पतझड़ में कुछ पत्तो की गिरने की आहट कानो में एक बार पहन के लौट आई थी, पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही थी, वो शाख गिरा दो मेरा वो सामान लौटा दो।
है ना कितनी उम्दा पंक्तियां, अब मेरा सबसे पसंदीदा अंतरा
एक अकेली छत्री में जब आधे आधे भीग रहे थे, आधे सूखे आधे गीले सुखा तो मैं ले आई थी, गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो, वो ��िजवा दो मेरा कुछ सामान लौटा दो
एक सौ सोलह चांद की रातें, एक तुम्हारे कंधे का तिल, गीली मेहंदी की खुश्बू, झूठमूठ के शिकवे कुछ, झूठमूठ के वादे भी सब याद करा दो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो, सब भिजवा दो मेरा वो सामान लौटा दो, एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफनाऊंगी, में भी वही सो जाऊंगी, में भी वही सो जाऊंगी
वाकई में यह गीत किसी जादू से कम नहीं, अपनी ही खयालों की दुनिया में मुझे खो देता है।
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मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए
यूँ न था मैं ने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
अन-गिनत सदियों के तारीक बहीमाना तिलिस्म
रेशम ओ अतलस ओ कमख़ाब में बुनवाए हुए
जा-ब-जा बिकते हुए कूचा-ओ-बाज़ार में जिस्म
ख़ाक में लुथड़े हुए ख़ून में नहलाए हुए
जिस्म निकले हुए अमराज़ के तन्नूरों से
पीप बहती हुई गलते हुए नासूरों से
लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे
अब भी दिलकश है तिरा हुस्न मगर क्या कीजे
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
Faiz ahmad
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अबकी बार यह पूरब से चलेगा।
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अच्छा या बुरा नही होकर एक वक्त हैं। जो वक्त बेवक्त खाली हो जाता हैं। उस खालीपन के अंदर कई मौसम एक साथ रहा करते हैं।
आज चमकती हुई धूप हैं। सर्द मौसम बहुत पास से गुजर रहा है। धूप निश्चिंत हैं कि अब सर्द मौसम बाधा नहीं बनेंगे, लेकिन बीच बीच में बेमकसद भटकती असंतुष्ट बदली धूप को आशंकित करती हैं। इस आशंका को तब और बल मिलता हैं, जब हवाएं अट्टहास करती पास से गुजर जाती हैं।
शोर करता यह उद्वेलित मालूम पड़ता हैं जैसे बेमतलब का हो।
बेमतलब का होना इसे और जंगली बनाता हैं। उपेक्षा और तिरस्कार से सख्त हो चुका, यह लोगो को दर्द दे कर अपना गुस्सा निकालता है। अपनी पहचान खातिर बार–बार शोर करता अपनी मौजूदगी का अहसास कराता हैं।
लेकिन इन जाड़ों के बाद वाली धूप में तुम्हारा क्या काम?
वेग से गुजरती इन हवाओं को देख धूप थोड़ी देर के लिए ठिठक पड़ती हैं। जानी पहचानी लेकिन पहचान का कोई सिरा नजर नहीं आता। मिलने की खुशबू आ रही , लेकिन कैसे मिले थे याद नही! हवाएं शिकायती और उम्मीद की मिलीजुली नजरों से धूप को ताक रही हैं। जैसे कुछ इशारा करना चाह रही हो। "भूल गए क्या वो तपिश जब मुझे गले लगाएं थे? भूल गए वो शाम जब मेरे आगोश में ताजे हुए थे। या सुकून वाली वो रातें जब तुम मेरे सपनो में सोएं थे? अब मुझे तुम्हारी जरूरत हैं और तुम मुझे निचोड़ रहे हो। सूखा डाल रहे हो। कोई कैसे भूल सकता हैं!"
धूप निःशब्द हैं। थोड़ी देर के लिए सहम जाता हैं। यादें पीछा करती हैं और सुबह ओस बन जाती हैं।
बेउम्मीद मुसाफ़िर बन चुका हवा शुष्क हो चला हैं। धूप का सहारा मिले तो अभी भी बरस सकता हैं, लेकिन इसके आसार नजर नहीं आते। धूप को भी फरवरी का कर्तव्य निभाना हैं। ऐसे कैसे उस आवारगी में वापस मुड़ जाए।
एक दर्द फैल रही हैं हवा के अंदर, एक ऐसा दर्द जिसे दस्तक की कमी खाती हैं। जिधर से गुजरती हैं खामोशी पसरा देती हैं। यह सिर्फ खामोशी नही जादुई खामोशी हैं– जो सर्द हैं रूखा सूखा हैं। सामने पड़ने वाले खुद ब खुद इसमें समा जाते हैं।
यह संक्रमण काल हैं, जिधर ठंडी गर्मी आमने –सामने, नजरे मिलाए एक दूसरे से विदा ले रहे हैं। और अंततः किसी एक को विदा हो जाना हैं। बेदिली से ही सही हर बार इस मौसम में सर्द हवा को ही विदा लेनी पड़ती है। कुछ वक्त गुजार चुकने के बाद भला कौन कही जाना चाहता हैं।
लेकिन कोई आगे बढ़ने के वावजूद भी एकाएक चला तो नही जाता?
ये सर्द हवा भी एकबारगी नही चला जाएगा। जाने कितने प्रेमी जोड़ों को एक दूसरे से वादा करते देख मुस्कुराएगा। ईश्वर से इनके लिए रहम की भीख मांगेगा। फरवरी को मार्च बनाएगा। सुर्ख रंगो में रंगते चला जाएगा। ऐसा जाएगा की पेड़ के सारे पत्ते दूर तक उसका पीछा करेंगे।
सड़क छत खेत तालाब से गुजर कर यह उन गलियों से भी गुजरेगा जिन गलियों में शोर हुआ करता था। अब रात की वीरानगी है।
अतीत को ओढ़े उस जर्जर महल के सूखे रंगो को कुरेदता उसके सीलन को अपने साथ लेता जाएगा।
खंडहर हो चुके उस मकान के गलियारों से भी गुजरेगा और बंद किवाड़ वाली उस कमरे में सपनों को मुस्कुराता छोड़ आगे बढ़ जाएगा।
चलते चलते यह नदी बन जाएगा। समतल पे सरपट दौड़ेगा, खाइयों को भरते थमी थमी चलेगा। सामने पहाड़ आए, किनारे हो लेगा। जंगल को सींचते यात्रा चलता रहेगा।
क्या हैं यह जिंदगी? कभी सब दे देती हैं। कभी एक झटके में सब छीन लेती हैं! लेकिन इस लेन देन में जिंदा रहना जरूरी हैं। इस बात का हवा को पता हैं। रौशनी चौराहे मुहल्ले खेत खलिहान ओझल होने लगे हैं।
यहां से अकेलेपन की यात्रा हैं। वापसी की यात्रा की नियति हमेशा से अकेलेपन की ��ही हैं। अकेलापन अकेला ही रहता हैं। जिस प�� किसी के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वह पल प्रायः अकेला गुजरता हैं। कुछ सच्चाईयां भयानक होती हैं। उनके नुकीले दांत होते हैं।
उस जगह से बेदखल हो जाते हैं जहां कुछ वक्त गुजार चुके होते हैं। मन रम जाता हैं। अहंकार अपना घर बना लेता हैं, एक सुंदर महल।
और जब यहां से रवानगी होती है तो सब कुछ बदल जाता हैं।
दिलकश अंदाज की जगह भावशून्यता दिखती हैं। स्वागत करती बांहे अब मजबूरियों में कांप रही होती हैं।
शब्दों में इतनी भी हिम्मत नही कि ढंग से विदा कर सके।
सामने कई रास्ते हैं। जो आगे चल कर एक हो जाते हैं।
वह रास्ता रेगिस्तान को जाता हैं। रेगिस्तान सुना ही था सुना ही रहा।
लोग रास्ते बनाते गए और आंधियां निशान मिटाते गई।
ऐसी पल भर में खो जानें वाली रास्तों में वह होकर भी नही था।
किनारे खड़ा वो पेड़ नजदीक आ रहा हैं।
उमंगों की यात्रा में इसी जगह कुछ वक्त के लिए ठहरा था।
पत्तियां नई–नई सी थी। चिड्डियो की आवाज़ें जैसे महबूब की पुकार हो चले थे।
ढोल बाजे दूर कही गांव में बज रहे थे। शायद कोई दुल्हन धड़कते दिल से अपनी बारात का इंतजार कर रही थी।
अब वो गांव दुल्हन को विदा कर अलसाया सा पड़ा था।
पेड़ भी मौन था।
मुझे पहचानता था मालूम नही। बिना पहचान के कौन कही रुकता हैं।
सामने सपाट आकाश दिख रहा है। मिलों फैली तन्हाईया बांहे फैलाए खड़ी हैं। स्वागत कोई भी करे अच्छा लगता हैं।
शून्य हो चला है समय। समय का शून्य हो जाना वक्त को थाम लेता हैं।
सुख चुकी हवा को लहरे भींगो देने खातिर पास बुला रही हैं।
कभी लहरों के ऊपर हवा तो कभी हवा के ऊपर लहरें। जैसे ईश्वर सबको अपने आगोश में ले लेते हैं वैसे सागर भी हवा को अपने आगोश में लेकर भिगो रही हैं।
हवा को नया बना रही हैं।
हवा का नया जन्म हो रहा हैं।
अबकी बार यह पूरब से चलेगा।
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मकर संक्रांति शायरी हिंदी में – मिलकर मनाएं ये पावन पर्व
मकर संक्रांति का पर्व हर साल जनवरी महीने में पूरे देश में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, और उत्तरायण यात्रा की शुरुआत होती है। यह पर्व नई शुरुआत, उत्सव और ��्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है। मकर संक्रांति के खास मौके पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ प्यार और खुशी बांटने के लिए यहाँ कुछ बेहतरीन शायरी प्रस्तुत हैं।
1. मकर संक्रांति पर शुभकामनाएं
"उजाले हो आपके जीवन में, सूर्य जैसा तेज हो आपका, मकर संक्रांति पर आपको दिल से बधाई, खुशियां बरसें आपके आंगन में सदा।"
"तिल की मिठास और गुड़ की मिठास, मकर संक्रांति लाए आपके जीवन में खास, ऊँची उड़ान भरें पतंग की तरह, जीवन में मिले हर सफलता हर बार।"
"खुशियों का दिन आया है मकर संक्रांति का त्यौहार, तिल-गुड़ की मिठास और पतंगों की बहार। शुभकामनाएँ इस पावन पर्व की, हो आपके जीवन में खुशियों की भरमार।"
2. पतंगों की उड़ान और मकर संक्रांति की उमंग
"नीले आसमान में पतंगों का मेला, खुशियों का रंग और उमंग का खेला। मकर संक्रांति का ये प्यारा त्योहार, आपके जीवन में लाए खुशियों की बहार।"
"पतंगों की उड़ान में भी है एक नया आसमान, संक्रांति पर खिले हर किसी का जहान। खुशियाँ और मुस्कान की बहार हो, जीवन में हर दिन मकर संक्रांति का त्योहार हो।"
"ऊंचा उड़े पतंग का पेंच, जीवन में मिलें नई ऊंचाइयाँ। मकर संक्रांति का त्यौहार लाए ढेर सारी खुशियां, जीवन में भर दे कई नई उमंगें।"
3. मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ की मिठास
"तिल की खुशबू और गुड़ की मिठास, आए संक्रांति का पावन त्यौहार। दोस्ती और प्यार का संदेश लाए, दिल से आपको मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ।"
"मकर संक्रांति पर मीठा-मीठा तिल, रिश्तों में हमेशा बनी रहे खुशियों की खिल। जीवन में लाएं सुख-समृद्धि का संदेश, इस संक्रांति पर आपको ढेर सारी बधाई संदेश।"
"गुड़ की मिठास से भरे हो जीवन, तिल की तरह मजबूत हो रिश्ते। मकर संक्रांति का ये पर्व, लाए अपार खुशियां आपके हिस्से।"
मकर संक्रांति कैसे मनाएं?
मकर संक्रांति के अवसर पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पर्व को मनाने के लिए कुछ खास बातें कर सकते हैं:
पतंगबाजी का आनंद लें – मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है। इस दिन आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों का मेला सजता है।
तिल-गुड़ से बनी मिठाइयों का स्वाद लें – तिल-गुड़ से बने लड्डू, चिक्की और अन्य व्यंजन मकर संक्रांति की विशेषता हैं। ये न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
अपनों को शुभकामनाएँ भेजें – इस दिन अपनी शुभकामनाएँ शायरी और संदेश के रूप में दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें।
दान-पुण्य करें – मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, और वस्त्र दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन का पुण्य आपको सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्रदान करता है।
निष्कर्ष
मकर संक्रांति केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि नई शुरुआत और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन की खुशियों को और भी बढ़ाने के लिए अपनी पसंदीदा शायरी और शुभकामनाएँ अपने प्रियजनों के साथ साझा करें। आपके जीवन में यह पर्व ढेर सारी खुशियाँ और समृद्धि लेकर आए। मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
विशेष अवसरों इत्यादि पर शायरी की अहमियत तब और भी बढ़ जाती है, चाहे वह दोस्त का जन्मदिन हो, भाई का खास दिन, या फिर त्योहारों की खुशियाँ या फिर कोई और कार्यकर्म हो । दो लाइन की हिंदी शायरी दिल की बात को खूबसूरती से बयान करती है और करने का अवसर देती है । जैसे कि वैलेंटाइन डे शायरी हिंदीभाषा में प्यार जताने का एक सुंदर माध्यम है। नए वर्ष पर शुभकामनाएँ देने के लिए यहाँHappy New Year 2025Wishes या नए वर्ष पर नई हिंदी शायरी साझा करना शुभ माना जाता है। शादी के खास मौके पर शादी की बधाई संदेश, मकर संक्रांति शायरी हिंदी में, और Merry Christmas Day Shayari आधी भी अपने जज़्बात बयां करने का एक प्यारा तरीका है। उर्दू शायरी , birthday wishes for husband in hindi भी दोस्ती और रिश्तों को संजोने का एक दिलकश अंदाज़ है। शायरी हर मौके पर दिल के जज़्बातों को बयां करने का खास अंदाज है। चाहे वह भाई का जन्मदिन हो, दोस्त का खास दिन या फिर त्योहार की खुशियां—हिंदी शायरी और उर्दू शायरी दोनों ही रिश्तों को गहराई देती हैं। नए साल, मकर संक्रांति की शायरी , वैलेंटाइन डे शायरी या शादी के लिए शुभकामनाएँ भेजने के लिए शायरी एक अनमोल जरिया है। और अधिक शायरी कविता और नज्म जैसे - Republic Day Shayari in Hindi या 26 जनवरी शायरी , love shayari😍 2 line, birthday wishes for sister in hindi , हैप्पी बर्थडे भाई स्टेटस 2 line पढ़ने के लिए खुद की कलम से जुड़े रहे |
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जग गए लोगों के प्यार (दिलकश गीत)
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ईशा मालवीय ने दिवाली पर पिंक ड्रेस में बिखेरा जलवा
मुंबई, 3 नवंबर 2024। बॉलीवुड की सबसे प्यारी और खूबसूरत अभिनेत्री ईशा मालवीय ने दिवाली के खास मौके पर अपनी दिलकश तस्वीरों से सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। पिंक ड्रेस में सजी-धजी ईशा की इन तस्वीरों ने फैंस को मंत्रमुग्ध कर दिया है। उनकी खूबसूरती और सादगी का यह अंदाज देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है और उनकी अदाओं का दीवाना हो गया है। ईशा मालवीय अपनी स्टाइल और ग्रेस से हमेशा फैंस का दिल जीत लेती…
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Khushi Kapoor Bikini : जान्हवी कपूर के साथ बिकिनी पहनकर वेकेशन एन्जॉय करती नजर आईं खुशी कपूर, देखें वीडियो
ख़ुशी कपूर बिकिनी फोटो: हाल ही में बॉलीवुड में एंट्री करने वाली ख़ुशी कपूर अपने स्टनिंग लुक के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में खुशी कपूर ने अपने दिलकश लुक से फैन्स को रूबरू कराया है. खुशी कपूर इन दिनों अपनी बहन जान्हवी कपूर के साथ वेकेशन पर हैं। यहां से उन्होंने अपनी बिकिनी फोटो शेयर कर सोशल मीडिया पर आग लगा दी है. खुशी कपूर ने जान्हवी कपूर के साथ अपने वेके���न की फोटो शेयर की है. इस फोटो में दोनों…
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एक लाख करोड़ की मालकिन अनन्या बिड़ला ने स्टाइल में सबको छोड़ा पीछे, जंगल थीम वाली साड़ी में लगीं दिलकश https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/fashion/billionaire-ananya-birla-looked-elegant-in-pastel-green-saree-featured-peacock-and-flower-design-for-diwali-bash/articleshow/114683575.cms
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पलक तिवारी ने कॉर्सेट गाउन में ढाया कहर: स्टाइलिश लुक ने किया फैंस को दीवाना
बॉलीवुड अभिनेत्री और इंटरनेट सेंसेशन पलक तिवारी ने हाल ही में अपने लेटेस्ट लुक से सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। पलक ने एक खूबसूरत कॉर्सेट गाउन पहना, जिसमें उनकी स्टाइल और ग्रेस ने सभी का ध्यान खींचा। उनकी यह तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं, जिसमें उनका लुक बेहद ग्लैमरस और दिलकश नजर आ रहा है। गाउन का डिजाइन और स्टाइल: पलक तिवारी का कॉर्सेट गाउन बेहद शानदार और स्टाइलिश था, जिसमें…
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