#दिल का दौरा लक्षण
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mwsnewshindi · 2 years ago
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Winter Care for Heart: इन 4 लक्षणों से रहें सावधान, अगर...
Winter Care for Heart: इन 4 लक्षणों से रहें सावधान, अगर…
सर्दियों में अपनी सेहत का ख्याल रखना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। जैसे-जैसे तापमान में काफी गिरावट आती है, कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, खासकर उन लोगों में जो सर्दियों के लिए कम सहनशीलता और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली रखते हैं। शरीर बदलते मौसम के प्रति प्रतिक्रिया करता है और हृदय रोग वाले लोगों के लिए, वर्ष का यह समय एक मुश्किल साबित हो सकता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में…
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indlivebulletin · 6 days ago
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हार्ट अटैक: हार्ट अटैक आने से 2 घंटे पहले शरीर देता है ये संकेत, शरीर में ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं
हार्ट अटैक के लक्षण: आजकल हार्ट अटैक किसी भी ��म्र के व्यक्ति को हो सकता है। दिल का दौरा एक चिकित्सीय आपात स्थिति है जिसमें हृदय में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। जब दिल का दौरा पड़ता है, तो मरीज को आमतौर पर सीने में तेज दर्द, बांह में दर्द, जबड़े में दर्द और पीठ में दर्द का अनुभव होता है। रक्त का थक्का जमना आमतौर पर दिल के दौरे का मुख्य कारण होता है। दिल का दौरा पड़ने से कुछ घंटे पहले शरीर में कुछ…
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fytikahealthcareproduct · 18 days ago
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क्या आपका शरीर समय से पहले बूढ़ा हो रहा है?
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आम तौर पर वृद्धावस्था को अक्सर 60 या 65 वर्ष या उससे अधिक की आयु के रूप में परिभाषित किया जाता है। उम्र के इस पड़ाव मे शरीर में कमज़ोरी आना, काम करने मे सुस्ती आना, त्वचा का रुखा पड़ना और शरीर के अंगो के काम करने में धीमापन होना आदि, आम सी बात दिखती है। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है जो समय के साथ साथ होती ही है और प्रत्येक व्यक्ति इस प्रक्रिया से गुज़रता है।
पर क्या आपने नोट किया है कि आज के समय में 50 साल की उम्र और यहां तक की 35 -40 की उम्र म��ं ही काफी लोगो मे बुढ़ापे के लक्षण दिखने या महसूस किये जाने शुरू हो जाते हैं। जबकि अगर हम आज भी अपने आस पास के पुराने बुजुर्गो को देखे तो 80-85 वर्ष की आयु मे भी वे बहुत फिट, एक्टिव और निरोगी दिखते हैं।
“आपको ध्यान होगा टेलीविजन आइकन सिद्धार्थ शुक्ला का अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
आंध्र प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री, मेकापति गौतम रेड्डी का 50 वर्ष की आयु मे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
प्रसिद्ध गायक KK का एक शो के दौरान बीमार पड़ने से 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।“
इन लोगो के निधन से लाखो लोग दंग रह गए कि संपन्न लोग, जो रेगुलर जिम जाते हैं, अच्छा खाना खाते हैं और बेहद स्वस्थ और फिट दिखते हैं, ऐसे लोग अचानक से कैसे मर रहे हैं।
अगर आप अपने आस पास ध्यान दें या अख़बार पढ़ें तो पाएंगे कि बहुत कम उम्र के लोग बड़ी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। कई लोगो की अचानक से मौत होने की खबर आती है। फिर हम सोचते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा होगा ?
आइये आज हम बात करते हैं समय से पूर्व बुढ़ापे (Premature Aging) की
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समय से पूर्व बुढ़ापा उस समय होता है जब कम उम्र मे भी बुढ़ापे जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। यह वह समय होता है जब आपका शरीर आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा उम्र का दिखाई देता है और कमज़ोर महसूस कराता है।
समय से पूर्व बुढ़ापे (Premature Aging) के सामान्य संकेत निम्नलिखित हैं:
त्वचा (skin ) में परिवर्तन - जैसे जल्दी झुर्रियां आना, उम्र के धब्बे (age spots), रूखापन, स्किन टोन का नुकसान होना
आपकी छाती के चारों ओर हाइपरपिगमेंटेशन (त्वचा का रंग गहरा होना) होना
बालों का झड़ना या सफेद होना
गालों का चिपकना
साथ ही बहुत कम उम्र में हृदयरोग (हार्ट इश्यूज ) होना
लिवर सम्बंधित बीमारियां होना
जल्दी थकान
हाई कोलेस्ट्रॉल
हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज (मधुमेह) होना
तनाव (स्ट्रेस)
नपुंसकता
समय से पूर्व बुढ़ापे के कई कारण हो सकते हैं,
पर्यावरण कारक
आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण
हमारी ख़राब जीवन शैली (Life style )
पर्यावरण कारक
पर्यावरण कारणों में यूवी (UV) किरण और सूर्य किरणों के प्रकाश से त्वचा पर फोटोएजिंग परिणाम हो��ा है। UV किरण त्वचा को क्षति पहुंचाती है, जो आयु धब्बों जैसे परिवर्तनों के लिए योगदान करती है। सूर्य प्रकाश त्वचा कैंसर का जोखिम भी बढ़ाता है। साथ ही उच्च ऊर्जा सृजन (HEV) और इन्फ्रारेड प्रकाश भी त्वचा को नुक्सान पहुंचते हैं।
आनुवंशिक (जेनेटिक) कारण
कई शोध मे पाया गया है कि जिस परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर, डायबिटीज, खराब कोलेस्ट्रॉल, लिवर संबंधित समस्या, बाल सफ़ेद होना या गंजा होना, हाई ब्लड प्रेशर आदि होते हैं तो उस परिवार मे आने वाली पीढ़ी को यह समस्या होने के अवसर बढ़ जाते हैं। (लेकिन इन्हे अच्छी जीवन शैली से बहुत कम किया जा सकता है)।
हमारी ख़राब जीवन शैली
ख़राब जीवन शैली कम उम्र में बुढ़ापे का बहुत बड़ा कारण है। आइये जानते हैं कैसे !
आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे किसी भी काम के लिए कोई नियमित समय नहीं होता, न तो समय से सोने उठने का समय होता है, न ही सही से नाश्ता, लंच और डिनर करने का समय होता है, एक्सरसाइज तो लोग भूल ही चुके हैं। साथ ही धूम्रपान, अशुद्ध आहार (अनहेल्दी डाइट), शराब सेवन, खराब नींद या कम सोना, स्ट्रेस (तनाव), ड्रग्स सेवन आदि भी शरीर मे समय से पहले बुढ़ापा लाने का बहुत बड़ा कारण हैं।
धूम्रपान: जब आप धूम्रपान करते हैं, निकोटीन जैसे विषैले तत्व आपके शरीर की कोशिकाओं (cells)को परिवर्तित करते हैं। ये विषैले तत्व आपकी त्वचा में कॉलेजन और फाइबर्स को तोड़ने का क़ाम करते हैं, जो त्वचा मे ढ़ीलापन, झुर्रियों, गाउट चेहरे का कारण बनते हैं। साथ ही कैंसर, साँस सम्बंधित बीमारियां, फेफड़ों के रोग, छाती मे दर्द, नपुंसकता और शरीर मे कमज़ोरी जैसी समस्यायें भी होती हैं।
अशुद्ध आहार (अनहेल्दी डाइट): हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड चीनी, नमक, वसा और स्टार्च से भरे होते हैं और इससे समय से पहले बुढ़ापा आ सकता है। नवारा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया कि जो लोग रोजाना दो या तीन सर्विंग हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड खाते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में शॉर्ट टेलोमेर का खतरा 29-40 प्रतिशत अधिक होता है, जो दो से कम सर्विंग खाते हैं।
हाइली प्रोसेस्ड फ़ूड चीनी दीर्घकालिक बीमारी से भी जुड़े हुए हैं। टेलोमेरेस हमारे गुणसूत्रों और डीएनए को स्थिर करके मदद करते हैं। उम्र के साथ, कोशिकाएं विभाजित हो जाती हैं और टेलोमेर छोटे हो जाते हैं। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज़ होती है।
शराब: बहुत अधिक शराब पीने से कैंसर,फैटी लिवर, हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल, नींद ना आने की समस्या, स्ट्रेस, नपुंसकता आदि जैसी 200 से अधिक ��ीमारियां या परेशानी हो सकती हैं। इसके ज्यादा सेवन से आपकी इम्युनिटी बहुत ज्यादा स्तर पर खराब होती है।
खराब नींद: अध्ययन दिखाते हैं कि ज्यादा देर तक जागने और कम सोने से आपके कोशिकाओं पर गहरा असर पड़ता है। आपके शरीर के अन्य अंगो को भी आराम भी नहीं मिल पता है। कम नींद या समय से न सोने पर आपको स्ट्रेस भी हो सकता है
तनाव: जब आप तनाव में होते हैं तो आपके मस्तिष्क से कोर्टिसोल, एक तनाव हार्मोन, उत्पन्न होता है। तनाव स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है क्योंकि यह संक्रियाओं को बदल सकता है। यह कॉर्टिसोल और एपिनेफ्रिन जैसे हार्मोनों के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जो रक्त चाप और दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करके रोग प्रतिरोध को कम कर सकता है।
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देखभाल और उपचार
यदि आपको समय से पूर्व बुढ़ापे के संकेत आ रहे हैं तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं :
सूर्य की किरणों से बचें: घर से बाहर निकलीं तो सूर्य किरणों से बचने के उपाय अपनाएं। शरीर ढक कर रखें। सूर्य के किरणों से सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें, ऐसी क्रीम चुने जिसमे कम से कम SPF 30 की मात्रा हो।
धूम्रपान बंद करें: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो तुरंत धूम्रपान बंद करें। धूम्रपान छोड़ने में मदद की आवश्यकता हो, तो आप काउंसिलिंग ले सकते हैं।
अधिक फल और सब्जियों का सेवन करें: एक संतुलित आहार इस समस्या को रोक सकता है। इसीलिए ताज़े फलों और सब्ज़ियों को रोज़ाना अपने आहार मे शामिल करें, साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन खाएं। ज्यादा चीनी या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करें। शरीर को मज़बूती देने के लिए हर्बल प्रोडक्ट्स, जैसे की प्रोटीन का प्रयोग करें। 
शराब पीना कम करें: शराब पीना बहुत कम कर दें। इससे आपके शरीर को जल्दी ही फायदा मिलना शुरू होगा। यदि शराब पीना नहीं रुक पा रहा है तो आप काउंसिलिंग ले सकते हैं। लिवर को ताकत देने के लिए हर्बल प्रोडक्ट्स प्रयोग करें। 
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम शरीर को मज़बूती देता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) को मजबूत करती है,जो एक स्वस्थ जीवन को प्रोत्साहित करता है। दिन मे केवल 30 मिनट पैदल चलना (walk) भी आपको अनेक फायदे देगा।
अपनी त्वचा का ध्यान रखें: रोजाना अपनी त्वचा को अच्छे फेसवाश और साबुन से धोएं ताकि गंद, मेकअप, पसीना या अन्य प्रकार की चीजें हटा सकें जो चिकनाहट का कारण बनती हैं। महंगे त्वचा उत्पादों से दूर रहें जो सुगंधित या उच्च पीएच वाले होते हैं। त्वचा को ध्यान से नमीबद्ध करें, साथ ही त्वचा के लिए अच्छे हर्बल प्रोडक्ट प्रयोग करें ।
अपने तनाव स्तर को कम करें: जितना संभव हो सके, अपने जीवन से ज्यादा से ज्यादा तनाव को कम करने पर काम करें। यदि आप तनाव कम नहीं कर पा रहे, तो तनाव प्रबंधन तकनीकों (स्ट्रेस मैनेजमेंट), जैसे कि ध्यान या व्यायाम की सहायता लें। बाजार मे मौजूद स्ट्रेस कम करने वाले हर्बल प्रोडक्ट्स यूज़ कर सकते हैं। 
अच्छी नींद: कम से कम 7 घंटे की नींद लें। अध्ययन दिखाते हैं कि अच्छी नींद से आपके कोशिकाओं की उम्र जल्दी बढ़ जाती है। आपके शरीर के अन्य अंगो को भी आराम मिलता है और उन्हे दोबारा स्वस्थ होने का समय मिलता है। स्ट्रेस मे भी कमी आती है। 
नियमित तौर पर शरीर की जांच कराएं - जेनेटिक बीमारियों की समय से पहचान के लिए अच्छी लैब से शरीर की जाँच साल मे 2 बार ज़रूर कराएं।
निष्कर्ष
ज्यादातर लोग आजकल 60 की उम्र तक पहुंच कर बहुत ही ज्यादा कमज़ोर हो जाते हैं। हमारी ख़राब जीवन शैली का इसमें बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन अगर हम अपने अंदर  थोड़ा सा अनुसाशन ला, अपनी जीवन शैली को ठीक करें तो इन समस्याओं से बच सकते हैं और जिस तरह पुराने बुजुर्ग जो आज भी 70-80 वर्ष की आयु मे फिट और निरोग रहते हैं, उनकी तरह जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
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gsuniversityofficial · 22 days ago
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दिल का दौरा पड़ने के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। ये लक्षण अक्सर मामूली से लग सकते हैं, लेकिन उन्हें अनदेखा करना जानलेवा हो सकता है। यदि आपको छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बाएं हाथ या कंधे में दर्द, चक्कर आना, या अचानक पसीना आना जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत GS सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग से संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नवीनतम तकनीक और अनुभव का उपयोग करके आपको तत्काल राहत प्रदान करेगी और आपके दिल की सेहत का ध्यान रखेगी।
For more information contact
Mob: +91-7055514537 or +91-7668173885
Book your appointment today - https://gshospitals.in/appointment.php
Address: - NH-9, Near Railway Station Pilkhuwa, Hapur (U.P.)
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cardiologistdrfarhanshikoh · 7 months ago
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मिथक और तथ्य: हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें
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यहाँ हम दिल की गंभीर समस्याओं के बारे में बात करेंगे। एक आम गलतफहमी है कि दिल का दौरा आने पर हमें हमेशा सीने में दर्द महसूस होगा, लेकिन यह सच नहीं है। कई बार दिल का दौरा आने पर सीने में दर्द के बजाय श्वास की तकलीफ, उल्टी या वामन जैसे सूक्ष्म लक्षण भी हो सकते हैं।
मिथक: "मुझे दिल का दौरा हो रहा है क्योंकि मुझे सीने में दर्द महसूस होगा।"
तथ्य: दिल का दौरा आने पर व्यक्ति को सांस की तकलीफ, उल्टी या वामन जैसे सूक्ष्म लक्षण भी हो सकते हैं, बिना किसी सीने में दर्द के।
इसलिए यह जरूरी है कि हम इन छोटे लक्षणों का ध्यान रखें और सीने में दर्द का इंतजार न करें। अगर आपको कोई असामान्य लक्षण महसूस होता है, खासकर अगर आपके पास उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसे जोखिम हैं, तो मेडिकल सलाह के लिए हमसे संपर्क करें।
और अधिक जानकारी के लिए दिल के स्वास्थ्य पर या निरीक्षण के लिए, आप हमसे संपर्क कर सकते हैं: Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology)। सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001। फोन: 6200784486 या वेबसाइट: drfarhancardiologist.com।
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रहें!
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felix-healthcare · 7 months ago
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बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक (Heart Attack Symptoms in hindi) को मेडिकल भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे: मायोकार्डियल इन्फेक्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (Angina)।
एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें +91 9667064100.
यह एक इमर्जेंसी कंडीशन है जो किसी भी इंसान की जान ले सकती है। अचानक से हार्ट अटैक की स्थिति तभी बनती है जब ह्रदय की माँसपेशियों (Heart muscles) में खून का बहाव कम हो जाता है, और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने के कारण हार्ट को नुकसान पहुँचता है, और कभी ऐसी स्थिति बन जाती है जिसमें हार्ट को खून की सप्लाई न मिले, तो हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण इंसान की जान जा सकती है।
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saltyloverrebel · 1 year ago
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दिल का दौरा पड़ने के कारण, लक्षण और उपचार के विकल्प
हृदयाघात या हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति अचानक बाधित हो जाती है। यह आमतौर पर धमनियों में प्लाक के निर्माण के कारण होता है, जिसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है। हार्ट अटैक के कारण: कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): धमनियों में चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमा होना। धूम्रपान: निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड धमनियों की दीवारों को कठोर बना सकते हैं। उच्च…
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sabkuchgyan · 1 year ago
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हार्ट अटैक से भी ज्यादा गंभीर है कार्डियक अरेस्ट, दोनों के लक्षण होते हैं अलग, रहें सावधान
जहां तक ​​दिल के दौरे की बात है तो यह हल्का दिल का दौरा हो सकता है और कार्डियक अरेस्ट की तुलना में इसमें मरीज की जान बचाना ज्यादा संभव है। लेकिन कार्डियक अरेस्ट में मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है, कुछ मिनटों की देरी भी जानलेवा हो सकती है। इन दोनों बीमारियों के बीच कुछ अन्य अंतर यहां दिए गए हैं। अक्सर जब भी किसी की अचानक मौत हो जाती है तो मौत का कारण हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट बताया जाता…
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cryptoguys657 · 2 years ago
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हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi
शीघ्र पहचान और उपचार के लिए दिल के दौरे के शुरुआती चेतावनी के लक्षणों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। कई दिल के दौरे धीरे धीरे शुरू, नाटकीय चित्रण के विपरीत फिल्मों में अक्सर देखा। दिल का दौरा पड़ने वाला व्यक्ति भी हो सकता है कि वह क्या हो रहा है या नहीं। दिल का … The post हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi appeared first on Credihealth Blog. #हरट #अटक #क #लकषण #Symptoms…
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gamekai · 2 years ago
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हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi
शीघ्र पहचान और उपचार के लिए दिल के दौरे के शुरुआती चेतावनी के लक्षणों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। कई दिल के दौरे धीरे धीरे शुरू, नाटकीय चित्रण के विपरीत फिल्मों में अक्सर देखा। दिल का दौरा पड़ने वाला व्यक्ति भी हो सकता है कि वह क्या हो रहा है या नहीं। दिल का … The post हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi appeared first on Credihealth Blog. “title_words_as_hashtags
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cryptoking009 · 2 years ago
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हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi
शीघ्र पहचान और उपचार के लिए दिल के दौरे के शुरुआती चेतावनी के लक्षणों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। कई दिल के दौरे धीरे धीरे शुरू, नाटकीय चित्रण के विपरीत फिल्मों में अक्सर देखा। दिल का दौरा पड़ने वाला व्यक्ति भी हो सकता है कि वह क्या हो रहा है या नहीं। दिल का … The post हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of Heart Attack in Hindi appeared first on Credihealth Blog. #हरट #अटक #क #लकषण #Symptoms…
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Shanti Hospital & Surgical Center
अवलोकन
हृदय रोग कई स्थितियों का वर्णन करता है जो हृदय को प्रभावित करती हैं। हृदय रोगों में शामिल हैं:-
✍ रक्त वाहिका रोग, जैसे कोरोनरी धमनी रोग ✍ अनियमित दिल की धड़कन (अतालता) ✍ हृदय की समस्याएं जिनके साथ आप पैदा हुए हैं (जन्मजात हृदय दोष) ✍ हृदय की मांसपेशी का रोग ✍ हृदय वाल्व रोग
स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों के साथ हृदय रोग के कई रूपों को रोका या इलाज किया जा सकता है।
लक्षण
हृदय रोग के लक्षण हृदय रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं।
रक्त वाहिकाओं में हृदय रोग के लक्षण कोरोनरी धमनी रोग एक सामान्य हृदय स्थिति है जो हृदय की मांसपेशियों की आपूर्ति करने वाली प्रमुख रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा (सजीले टुकड़े) आमतौर पर कोरोनरी धमनी रोग का कारण होते हैं। इन सजीले टुकड़े के निर्माण को एथेरोस्क्लेरोसिस (एथ-उर-ओ-स्कलुह-आरओई-सिस) कहा जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस हृदय और शरीर के अन्य भागों में रक्त के प्रवाह को कम कर देता है। इससे दिल का दौरा, सीने में दर्द (एनजाइना) या स्ट्रोक हो सकता है।
पुरुषों और महिलाओं में कोरोनरी धमनी रोग के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, पुरुषों को सीने में दर्द होने की संभावना अधिक होती है। महिलाओं में सीने में बेचैनी के साथ अन्य लक्षण होने की संभावना अधिक होती है, जैसे सांस की तकलीफ, मतली और अत्यधिक थकान।
कोरोनरी धमनी रोग के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:-
✍ सीने में दर्द, सीने में जकड़न, सीने में दबाव और सीने में तकलीफ (एनजाइना)। ✍ सांस लेने में कठिनाई। ✍ गर्दन, जबड़े, गले, पेट के ऊपरी हिस्से या पीठ में दर्द। ✍ दर्द, सुन्नता, कमजोरी या पैरों या बाहों में ठंडक अगर शरीर के उन क्षेत्रों में रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं।
जब तक आपको दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक या दिल की विफलता नहीं होती है, तब तक आपको कोरोनरी धमनी की बीमारी का निदान नहीं किया जा सकता है। दिल के लक्षणों पर नजर रखना और अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ चिंताओं पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। हृदय (हृदय) रोग का कभी-कभी नियमित स्वास्थ्य जांच से जल्दी पता लगाया जा सकता है।
शांति हॉस्पिटल & सर्जिकल सेंटर मझौली, बांसडीह रोड बलिया 277203
मो० : 8299679937
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medtalks01 · 2 years ago
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बढ़ा हुआ दिल क्या है? What is an enlarged heart?
एक बढ़ा हुआ दिल यानि कार्डियोमेगाली (cardiomegaly) एक ऐसे दिल का वर्णन करता है जो सामान्य से बड़ा है। आपका दिल असामान्य रूप से मोटा या फैला हुआ (फैला हुआ) हो सकता है। कारण के आधार पर एक बड़ा दिल अस्थायी या स्थायी हो सकता है। कार्डियोमेगाली आपके पूरे दिल या उसके कुछ हिस्सों में हो सकती है।
दिल का बढ़ना आपके दिल की प्रतिक्रिया हो सकती है जो इसे रक्त प्रसारित करने के लिए और अधिक ��्रयास करने के लिए मजबूर करती है। यह समतल जमीन के बजाय हर समय ऊपर की ओर चलने जैसा है। कुछ मामलों में, हृदय में ही किसी अंतर्निहित समस्या के कारण आपके हृदय का आकार (पूर्ण रूप से या किसी एक हिस्से) सामान्य से  बढ़ जाता है।
बढ़ा हुआ दिल किसे प्रभावित करता है? Who does an enlarged heart affect?
निम्न कुछ स्थितियों में में कार्डियोमेगाली होने की संभवना अधिक होती है :-
बढ़े हुए दिल का पारिवारिक इतिहास।
अत्यधिक शराब का उपयोग या पदार्थ का उपयोग विकार।
तंबाकू इस्तेमाल।
उच्च रक्तचाप (high blood pressure)।
अपने या परिवार के सदस्यों में दिल के दौरे का इतिहास।
आराम युक्त जीवन शैली।
बढ़े हुए दिल की समस्या कितनी आम है? How common is the problem of an enlarged heart?
कोरोनरी धमनी रोग (coronary artery disease), कार्डियोमेगाली का सबसे आम कारण, बहुत से लोगों को होता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार दुनिया भर में व्यस्क और वृद्ध लोग इसकी ज्यादा चपेट में आते हैं। वहीं, जो लोग कंजर्वेटिव हार्ट  फेल्योर (congestive heart failure) से जूझते हैं उन्हें भी इसका खतरा बना रहता है।
यदि आपको कार्डियोमेगाली है तो क्या होगा? What if you have cardiomegaly? 
बढ़े हुए दिल को कुशलता से रक्त पंप करने में परेशानी होती है। इस कारण से, एक बड़ा दिल होने से दिल की विफलता (heart failure) या स्ट्रोक (stroke) जैसी दिल की जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।
क्या बढ़ा हुआ दिल गंभीर है? Is an enlarged heart serious?
हां, दिल का बढ़ा हुआ आकार गंभीर हो सकता है। गंभीरता इस बात पर भी निर्भर करती है कि यह समस्या किसे हुई है, एक व्यस्क को या वृद्ध व्यक्ति को। इसके अलावा स्थिति कितनी पुरानी है और साथ ही क्या दिल से जुड़ी अन्य समस्याएँ भी साथ में हैं, जैसे – अतालाता (arrhythmia) या दिल की विफलता का इतिहास।
बढ़े हुए दिल के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of an enlarged heart?
कुछ लोगों में, बढ़े हुए दिल के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। अगर बढ़े हुए दिल के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं :-
चक्कर आना।
एडिमा यानि सूजन (Edema), विशेष रूप से पैरों, पैरों या पेट में।
थकान, या असामान्य रूप से थका हुआ महसूस होना।
दिल की धड़कन सामान्य (तेज) से ज्यादा होनी।
कम ऊर्जा।
साँसों की कमी।
दिल बढ़ने के क्या कारण हैं? What is the reason for heart enlargement?
कोई भी बीमारी जो आपके दिल को कड़ी मेहनत कराती है, वह दिल के आकार को बढ़ाने का कारण बन सकती है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं क�� जिस तरह जब आप व्यायाम करते हैं तो आपके हाथ या पैर की मांसपेशियां बड़ी हो जाती हैं, उसी तरह आपका दिल सामान्य से ज्यादा कार्य करने से बड़ा हो जाता है। हालाँकि, आपके हाथ या पैर की मांसपेशियों के विपरीत, आपका दिल हमेशा अधिक प्रभावी नहीं होता है क्योंकि यह बड़ा हो जाता है। 
अंतर्निहित हृदय की मांसपेशियों (underlying heart muscle) के साथ समस्याओं के कारण कई रोग प्रक्रियाएं हृदय को फैलाने का कारण बन सकती हैं। ऐसे में दिल बड़ा होने के बावजूद वास्तव में ��सकी कार्यप्रणाली बिगड़ जाती है। वैसे, बढ़े हुए दिल का सबसे आम कारण कोरोनरी धमनी रोग है (जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है)।
बढ़े हुए दिल के अन्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं :-
रक्ताल्पता (Anemia)।
गर्भावस्था।
रूमेटाइड गठिया (Rheumatoid arthritis)।
अतालता (असामान्य हृदय ताल)।
सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis)।
कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)।
जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease)।
उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हृदय रोग (Hypertensive heart disease)।
किडनी खराब होना (Kidney failure)।
एक वायरल संक्रमण जो मायोकार्डिटिस (myocarditis) का कारण बनता है।
हृदय वाल्व रोग (Heart valve disease)।
अतिगलग्रंथिता (Hyperthyroidism)।
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)।
सीओपीडी और फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप (COPD and pulmonary hypertension) जैसे फेफड़े के रोग।
कुछ मामलों में, संभ्रांत एथलीटों का दिल बार-बार परिश्रम करने के कारण ही बड़ा हो जाता है। इस मामले में, वृद्धि के बावजूद दिल का कार्य सामान्य (या सामान्य से भी बेहतर) होगा।
बढ़े हुए दिल से क्या जटिलताएँ हो सकती हैं? What complications can result from an enlarged heart?
बढ़े हुए दिल से जटिलताओं का जोखिम दिल के प्रभावित हिस्से और कारण पर निर्भर करता है। बढ़े हुए दिल की जटिलताओं में निम्न शामिल हो सकते हैं :-
दिल की धड़कन रुकना (heart failure) :- दिल की विफलता तब हो सकती है जब बायां निचला हृदय कक्ष (बायां वेंट्रिकल) बड़ा हो जाता है। दिल की विफलता में, हृदय पूरे शरीर में उचित मात्रा में रक्त पंप नहीं कर पाता है।
रक्त के थक्के (blood clots) :- हृदय की परत (heart layer) में रक्त के थक्के बन सकते हैं। एक रक्त का थक्का जो हृदय के दाहिनी ओर बनता है, फेफड़ों (फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता – pulmonary embolism) की यात्रा कर सकता है। यदि थक्का रक्त के प्रवाह को रोकता है, तो आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है।
लीक हृदय वाल्व (ऊर्ध्वनिक्षेप) (leaking heart valves (regurgitation) :- दिल का बढ़ना माइट्रल और ट्र��इकसपिड हार्ट वाल्व (mitral and tricuspid heart valves) को बंद होने से रोक सकता है, जिससे रक्त पीछे की ओर लीक हो सकता है। बाधित रक्त प्रवाह (obstructed blood flow) एक ध्वनि पैदा करता है जिसे हार्ट मर्मर (heart murmur) कहा जाता है। हालांकि आवश्यक रूप से हानिकारक नहीं है, दिल की धड़कन की निगरानी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा की जानी चाहिए।
कार्डिएक अरेस्ट और अचानक मौत (cardiac arrest and sudden death) :- बढ़े हुए दिल के कारण दिल बहुत तेज़ या बहुत धीमा हो सकता है। अनियमित दिल की धड़कन (अतालता) से बेहोशी, कार्डियक अरेस्ट या अचानक मौत हो सकती है।
बढ़े हुए दिल का निदान कैसे किया जाता है? How is an enlarged heart diagnosed?
बढ़े हुए दिल का निदान आपके लक्षणों और पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास पर चर्चा के साथ शुरू होता है। डॉक्टर आपसे आपके व्यायाम इतिहास के बारे में पूछेंगे। जब वे स्टेथोस्कोप के साथ आपके दिल की धड़कन सुन सकता है। आपके दिल की विफलता के अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिसमें पैर की सूजन, तरल पदार्थ के कारण फेफड़ों में दरारें, या शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ के कारण उकेरी हुई गर्दन की नसें शामिल हैं, क्योंकि हृदय कुशलता से पंप नहीं कर सकता है। वे आपके कार्डियोमेगाली का आकलन करने और अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए परीक्षण का आदेश दे सकते हैं। 
बढ़े हुए दिल की आशंका होने पर डॉक्टर आपको निम्न कुछ सामान्य परीक्षण करवाने की सलाह दे सकते हैं :-
चेस्ट एक्स-रे (chest x-ray) आपकी छाती और दिल की छवियों को रिकॉर्ड करने के लिए।
कार्डिएक सीटी स्कैन (cardiac CT scan), आपके हृदय और रक्त प्रवाह का वीडियो बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग करना।
ट्रान्सथोरासिक इकोकार्डियोग्राम (transthoracic echocardiogram) आपके दिल के आकार की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है और यह कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईकेजी) (electrocardiogram (EKG) आपके दिल की विद्युत गतिविधि का अध्ययन करने के लिए।
व्यायाम तनाव परीक्षण (exercise stress test), दवा के साथ अपनी हृदय गति बढ़ाएं या यह जानने के लिए व्यायाम करें कि आपका हृदय कैसे प्रतिक्रिया करता है।
हार्ट एमआरआई (heart MRI), मैग्नेट और रेडियो तरंगों का उपयोग करके आपके दिल की विस्तृत तस्वीरें बनाने के लिए।
जेनेटिक टेस्टिंग (genetic testing), यह देखने के लिए कि कहीं आपको कोई अंतर्निहित जेनेटिक समस्या (underlying genetic problem) तो नहीं है जिसके कारण दिल बड़ा हो गया है।
बढ़े हुए दिल का इलाज कैसे किया जाता है? How is an enlarged heart treated?
बढ़े हुए दिल का उपचार उस स्��िति के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है जो कार्डियोमेगाली पैदा कर रहा है। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता किसी भी अंतर्निहित हृदय की स्थिति के इलाज के लिए दवाएं लिख सकता है।
जीवनशैली में बदलाव में शामिल हैं:
अपने नमक का सेवन कम करना।
धूम्रपान छोड़ना।
शराब का सेवन कम करना।
अपने द्रव सेवन को नियंत्रित करना।
डॉक्टर आपको निम्न स्थितियों के लिए दवाएं दे सकते हैं :-
आपके दिल की धड़कन को सामान्य लय में रखने के लिए दवाएं।
आपके रक्तचाप को कम करने के लिए।
रक्त के थक्कों के आपके जोखिम को कम करने के लिए।
रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय समारोह में सुधार करने के लिए।
मूत्रवर्धक (नमक की गोलियाँ या पानी की गोलियाँ) आपके शरीर में सोडियम और पानी की मात्रा को कम करने के लिए।
बढ़े हुए दिल के उपचार में निम्नलिखित प्रक्रियाएं/सर्जरी शामिल हो सकती हैं :-
अपने दिल को एक स्थिर लय में धड़कने में मदद करने के लिए पेसमेकर (pacemaker) लगाया जा सकता है।
इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर (आईसीडी) (Implantable Cardioverter Defibrillator (ICD)) लगाया जा सकता है। यह एक ऐसा उपकरण जो आपके दिल को वापस ताल में झटका दे सकता है।
क्षतिग्रस्त हृदय वाल्व की मरम्मत करी जा सकती है या उसे बदला जा सकता है।
कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी या स्टेंट लगाया जा सकता है ।
बढ़े दिल के उपचार से क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं? What are the possible side effects of treating an enlarged heart?
कोई भी दवा दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, लेकिन इनमें से कई ठीक हो जाते हैं या समय के साथ चले जाते हैं। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें यदि उन्होंने आपके लिए निर्धारित दवा समस्या पैदा कर रही है। वे इसे दूसरी दवा से बदल सकते हैं।
सर्जरी में रक्तस्राव या संक्रमण (bleeding or infection) का जोखिम होता है, साथ ही प्रक्रिया के अनुसार अलग-अलग जोखिम भी होते हैं। यदि आप इन और अन्य जोखिमों के बारे में चिंतित हैं, तो अपने प्रदाता से बात करें कि आपकी सुरक्षा के लिए कौन से सुरक्षा उपाय हैं।
क्या बढ़े दिल की समस्या से बचाव किया जा सकता है? Can the problem of an enlarged heart be prevented?
अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को बताएं कि क्या आपके परिवार में किसी को कार्डियोमायोपैथी या अन्य स्वास्थ्य स्थितियां हैं जो बढ़े हुए दिल का कारण बनती हैं। जब जल्दी निदान किया जाता है, तो अंतर्निहित स्थिति का उचित उपचार बढ़े हुए दिल को खराब होने से रोक सकता है।
हृदय-स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने से कुछ स्थितियों को रोकने या प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है जो बढ़े हुए दिल का कारण बन सकती हैं। बढ़े हुए दिल को रोकने में मदद के लिए ये कदम उठाएं:
उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) और मधुमेह (diabetes) की निगरानी और प्रबंधन करें।
निर्देशित के रूप में कोई भी निर्धारित दवाएं लें।
पौष्टिक, संतुलित आहार लें।
नियमित व्यायाम करें।
शराब से बचें या सीमित करें।
धूम्रपान मत करो।
अवैध दवाओं का प्रयोग न करें।
यदि आप जोखिम में हैं तो इस संबंध में अपने डॉक्टर से भी जरूर बात करें।
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mwsnewshindi · 2 years ago
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युवा लोगों में दिल का दौरा: आपको स्वास्थ्य जांच जल्दी क्यों शुरू करनी चाहिए
युवा लोगों में दिल का दौरा: आपको स्वास्थ्य जांच जल्दी क्यों शुरू करनी चाहिए
दिल दिमाग: युवा लोगों में दिल का दौरा अधिक आम होता जा रहा है, जो देश में चिकित्सा पेशेवरों की चिंता का विषय है। सिद्धार्थ शुक्ला (40), पुनीत राजकुमार (46), गायक केके (53) और अब सोनाली से लेकर कई छोटे सेलेब्स ने दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया। 58 वर्षीय कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को भी हाल ही में एक जिम में व्यायाम करने के दौरान दिल का दौरा पड़ा और एक अस्पताल में उनकी हालत नाजुक बनी हुई…
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cardiologistdrfarhanshikoh · 7 months ago
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♥ दिल का दौरा कैसे होता है ?
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक हार्ट अटैक होते समय वास्तव में क्या होता है? डॉ. एमडी फरहान शिकोह, सुकून हार्ट केयर, रांची के एक अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट, इस महत्वपूर्ण हृदय स्वास्थ्य के इस महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालते हैं।
एक हार्ट अटैक, आयुर्वैज्ञानिक रूप से मायोकार्डियल इन्फार्क्शन के रूप में जाना जाता है, जब हृदय के किसी हिस्से की रक्त परिसंचरण को बंद कर दिया जाता है जिससे हृदय के किसी हिस्से के मांसपेशी में क्षति होती है या मौत होती है। इस अवरोध की वजह से आमतौर पर धरा लगाने वाली चर्बी, कोलेस्ट्रॉल, और अन्य पदार्थों का एक मिश्रण होता है, जिसे प्लैक कहा जाता है।
यहां इस प्रक्रिया का एक सरल विवरण है:
प्लैक गठन: समय के साथ, कोरोनरी धमनियों की दीवारें प्लैक के संचय के कारण मोटी और संकीर्ण हो सकती हैं। इस प्रक्रिया को आथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है।
प्लैक का फटना या उपघात: कभी-कभी, प्लैक फट सकता है या घिसन सकता है, जिससे उसकी सतह पर रक्त थक्का बन सकता है।
धमनी का अवरोध: जब रक्त थक्का पर्याप्त बड़ा हो जाता है, तो यह कोरोनरी धमनी के माध्यम से रक्त प्रवाह को रोक सकता है, जिससे हृदय के किसी हिस्से को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है या पूरी तरह से र��क जाती है।
इश्केमिया और कोशिकाएं मरना: ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त की अपर्याप्त आपूर्ति के बिना, हृदय के प्रभावित हिस्से में इश्केमिया (ऑक्सीजन की कमी) होती है। यदि रक्त प्रवाह को तुरंत पुनः स्थापित नहीं किया जाता है, तो हृदय मांसपेशियों को क्षति पहुंच सकती है या मर सकती है।
लक्षण और परिणाम: एक हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण में सीने में दर्द या असहजता, सांस क�� तकलीफ, मतली, और चक्कर आना शामिल हैं। समय रहते चिकित्सकीय सहायता महत्वपूर्ण है ताकि हृदय को क्षति को कम किया जा सके और जीवन की संभावनाएं बेहतर हों।
अधिक जानकारी के लिए या परामर्श के लिए, आप Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से संपर्क कर सकते हैं, सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मुख्य सड़क, रांची, झारखंड - 834001 में स्थित। आप फोन पर 6200784486 पर संपर्क कर सकते हैं या वेबसाइट drfarhancardiologist.com पर जा सकते हैं।
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felix-healthcare · 8 months ago
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हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi), कारण, और उपचार
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बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक (Heart Attack Symptoms in Hindi) को मेडिकल भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे: मायोकार्डियल इन्फेक्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (Angina)।  एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें +91 9667064100.
यह एक इमर्जेंसी कंडीशन है जो किसी भी इंसान की जान ले सकती है। अचानक से हार्ट अटैक की स्थिति तभी बनती है जब ह्रदय की माँसपेशियों (Heart muscles) में खून का बहाव कम हो जाता है, और हार्ट को पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने के कारण हार्ट को नुकसान पहुँचता है, और कभी ऐसी स्थिति बन जाती है जिसमें हार्ट को खून की सप्लाई न मिले, तो हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण इंसान की जान जा सकती है।
आज कल जिस प्रकार से किसी भी उम्र के इंसान को हार्ट अटैक हो रहा है, यह एक खौफनाक स्थिति है।
दिल को दौरा तभी पड़ता है जब धमनियों में रुकावट आती है (Atherosclerosis), और रुकावट तभी आती है जब प्लाक (Plaque) नसों में जम जाता है, और जब ये प्लाक टूटता है, तो खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है, जिसके कारण रक्त की पूर्ति नहीं हो पाती, जिससे हार्ट मसल्स को प्रभाव पड़ता है, और आगे जाकर हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है। 
हमारी जानकार कार्डियोलॉजी की टीम आपकी ज़रूरतों और उद्देश्यों के अनुसार आपकी उपयुक्त सहायता करने को सदैव तत्पर है। कार्डियोलॉजी परामर्श बुक करने के लिए अभी फेलिक्स अस्पताल से संपर्क करें। कॉल करें- +91 9667064100.(first aid when heart attack in Hindi)
हार्ट अटैक क्या है ?(First Aid During Heart Attack)
हार्ट अटैक क्या है: मेडिकल भाषा में हार्ट अटैक को “मायोकार्डियल इनफार्क्शन” (Myocardial infarction) के रूप में जाना जाता है। “मायो” शब्द का अर्थ है मांसपेशी जबकि “कार्डियल” हृदय को दर्शाता है। वहीं, दूसरी ओर, “इनफार्क्शन” अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण टिश्यू के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिश्यू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण अचानक खून की सप्लाई बंद कर देती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं मर जाती हैं। धमनी में ब्लॉकेज, जो कि अक्सर प्लाक के जमने के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप कोरोनरी हार्ट डीजिज (सीएचडी) होती है। इस स्थिति को बिना उपचार के छोड़ दिया ज��ए तो यह किसी भी व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है। मायोकार्डियल इंफार्क्शन या दिल के दौरे के कारण दिल के टिश्यू को होने वाले नुकसान की गंभीरता अटैक की अवधि (अटैक कितनी देर के लिए आया है) पर निर्भर करती है। अगर आप पहले ही इस स्थिति का निदान कर लेते हैं और उपाचार प्राप्त कर लेते हैं तो आपको कम ही नुकसान होता है।
माइल्ड हार्ट अटैक और मेजर हार्ट अटैक का क्या मतलब होता है?
माइल्ड हार्ट अटैक और मेजर हार्ट अटैक: जब हार्ट पम्पिंग 45% से ऊपर होता है तो इसे माइल्ड हार्ट अटैक के रूप में जाना जाता है और जब यह 45% से कम होता है तो इसे  मेजर हार्ट अटैक कहा जाता है। हार्ट अटैक के कारण हृदय गति में वृद्धि होती है। हार्ट अटैक मेजर हो या माइल्ड हो हर हार्ट अटैक गंभीर होता है।(first aid when heart attack in Hindi)
हार्ट अटैक के लक्षण क्या है ?(Heart Attack Symptoms In Hindi)
हार्ट अटैक के लक्षण(Heart Attack Symptoms in Hindi) : मायोकार्डियल इनफार्क्शन का सबसे आम लक्षण है छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी। हालांकि, हार्ट अटैक के अन्य संकेत भी होते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण इनमें शामिल हैं।
शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द (Pain in the upper body)
अगर आपके सीने में दर्द, बेचैनी या किसी प्रकार का दबाव है, जो आपकी बाहों (विशेष रूप से बाएं हाथ), जबड़े, गले और कंधे में होता है तो संभावना है कि आपको हार्ट अटैक आ रहा है।
बहुत ज्यादा ठंडा पसीना आना (Excess sweating)
अगर आप अचानक ठंडे पसीने से तरबतर हो जाते हैं तो इसे अनदेखा न करें, खासकर जब आप दिल के दौरे के अन्य लक्षणों से गुजर रहे हों।
अचानक चक्कर आना (Sudden dizziness):खाली पेट से लेकर डिहाइड्रेशन तक बहुत सारी चीजें ऐसी हैं, जिसके कारण चक्कर आ जाते हैं या आपको अपना सिर थोड़ा भारी-भारी सा लगने लगता है। लेकिन अगर आपको छाती में किसी प्रकार की असहजता के साथ सीने में बेचैनी हो रही है तो यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। साक्ष्य बताते हैं कि दिल के दौरे के दौरान महिलाओं को इस तरह से महसूस होने की अधिक संभावना होती है।
दिल की धड़कन का बढ़ना या कम होना (Abnormal heartbeat)
दिल की तेज धड़कन, कई कारकों का परिणाम हो सकता है जिनमें अत्यधिक कैफीन का सेवन और सही से नींद न आना शामिल हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपका दिल सामान्य से कुछ सेकंड के लिए तेजी से धड़क रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है।
खांसी और जुकाम का ठीक न होना (Cough and cold do not getting better)
आमतौर पर, ठंड और फ्लू के लक्षण दिल के दौरे के लिए खतरे की घंटी नहीं माने जाते हैं। लेकिन अगर आप हालत के लिए उच्च जोखिम वाले समूह में हैं (परिवार का इतिहास, मोटापे से ग्रस्त हैं, या डायबिटीज से पीड़ित हैं), तो यह सुनिश्चित करने के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकता है। अगर आप फ्लू जैसे लक्षण अनुभव करते हैं जो ठीक नहीं हो रहा है, तो अपने बलगम की जांच करवाएं| (Heart Attack Symptoms in Hindi)
हार्ट अटैक के कारण क्या हैं ?(Symptoms Of Heart Attack In Hindi)
जब हार्ट अटैक होता है, तो यह आपके दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
यह ऑक्सीजन की जरूरत कोरोनरी धमनियों द्वारा पूरी की जाती है, लेकिन जब धमनियों में प्लाक जमा होता है और नसें संकीर्ण हो जाती हैं, तो रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध हो जाती है।
जब प्लाक कठोर हो जाती है, तो बाहरी परत कठोर होती है और यह टूट जाती है, जिससे रक्त के थक्के बनते हैं।
अगर रक्त का थक्का धमनी में आ जाता है, तो रक्त की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिलता है।
इससे मांसपेशियां मर जाती हैं और दिल को नुकसान पहुंचता है।
नुकसान की गंभीरता, उपचार और अटैक के बीच के समय के अंतराल पर निर्भर करती है।
हार्ट अटैक के बाद हृदय की मांसपेशियां खुद की मरम्मत करती हैं, औसतन इसमें लगभग 2 महीने का समय लगता है।
हार्ट अटैक के जोखिम कारक क्या है ?(Symptoms Of Heart Attack In Hindi)
हार्ट अटैक के जोखिम कारक(Heart Attack Symptoms in Hindi): दिल का दौरा पड़ने के पीछे कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां, हम आपको सबसे प्रमुख कारकों के बारे में बता रहे हैं:
आयु: दिल के दौरे के आपके जोखिम को बढ़ाने में आपकी उम्र का महत्वपूर्ण योगदान होता ह���। अध्ययन से पता चलता है कि 45 साल की उम्र से अधिक पुरुषों और 55 साल की उम्र से अधिक महिलाओं में दिल के दौरे की संभावना अधिक होती है।
लिंग: महिलाओं की तुलना में पुरुषों में दिल के दौरे की संभावना 2 से 3 गुना अधिक होती है। महिला हार्मोन, एस्ट्रोजन, महिलाओं के मामले में ढाल का काम करता है।
आनुवांशिक प्रवृत्ति: अगर आपके परिवार में ह्रदय रोग (माता-पिता, भाई या बहन) का इतिहास है, तो आपकी दिल के दौरे या स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर: लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर आपके ह्रदय को नुकसान पहुंचा सकता है और दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर: खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल का आपकी धमनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की बढ़त भी दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकती है।
For more Information: – हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi), कारण, और उपचार
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