#दिमागी बुखार का निदान
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asianneurocentre · 2 years ago
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शिशुओं में दिमागी बुखार के लक्षण | Brain Fever/ Meningitis in Babies in Hindi
शिशुओं में दिमागी बुखार | Brain Fever/ Meningitis in Babies
बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है, जिसकी वजह से बच्चे आसानी से किसी भी रोग का शिकार बन सकते हैं। अगर आपके बच्चे को तेज सिर दर्द और स्किन रैश की समस्या होती है तो यह दिमागी बुखार हो सकता है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या बन सकती है।
दिमागी बुखार की वजह से बच्चे और उसके माँ-बाप को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | ज़ाहिर सी बात है बच्चे को तकलीफ में देखर माँ-बाप को भी तकलीफ होती है| बच्चे को ज़्यादा दिक्कत न झेलनी पड़े इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें|
डॉक्टर सही से बता सकेंगे की बच्चे की स्थिति ठीक है या ख़राब | कुछ बच्चे बिना इलाज के  ही कुछ दिनों में ठीक हो जाते है परन्तु सवके साथ ऐसा नहीं होता बोहोत से बच्चो को इलाज की सख्त ज़रूरत होती है |
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शिशुओं में दिमागी बुखार के लक्षण | Symptoms of Brain Fever/ Meningitis in Babies
बच्चों में दिमागी बुखार के लक्षण उनके बैक्टीरिया पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में हर बच्चे को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। बच्चों के दिमागी बुखार के कुछ आम लक्षणो में शामिल हैं:
बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं, नींद बहुत आना या जागना मुश्किल हो सकता है। उन्हें उठा कर हिलाने पर भी उन्हें दिलासा देना मुश्किल हो सकता है। उन्हें बुखार भी हो सकता है
पीलिया (त्वचा का पीलापन)
शरीर और गर्दन में अकड़न
सामान्य से कम तापमान
तेज़ रोना
अधिक जानकारी प्राप्त करें "दिमागी बुखार" से संबंधित:
और संपर्क करें 9111234529
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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खसरा रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Measles Symptoms and Treatment in Hindi
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खसरा रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Measles Symptoms and Treatment in Hindi
Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 October 9, 2019
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम या अन्य कई तरह के वायरल इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक खसरा रोग भी है, जो एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है। यह काफी संक्रामक होता है और कुछ मामलों में जानलेवा तक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इसके लक्षणों को जानकर इसका तुरंत इलाज शुरू किया जाए। स्टाइलक्रेज के इस लेख के माध्यम से हम न सिर्फ आपको खसरा रोग क्या है इसकी जानकारी देंगे, बल्कि खसरा के लक्षण और उपचार के बारे में भी बताएंगे, ताकि आपको वक्त रहते इसका इलाज करने में आसानी हो।
खसरा के लक्षण और उपचार के बारे में बात करने से पहले हम खसरा रोग क्या है यह जान लेते हैं। इलाज से पहले रोग के बारे में सही तरीके से जानना जरूरी है। इसलिए, लेख की शुरुआत खसरा रोग क्या है, इससे कर रहे हैं।
विषय सूची
खसरा रोग क्या है? – What is Measles in Hindi
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खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। ये लाल दाने अक्सर पहले सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। खसरा रोग को रूबेला (rubeola) भी कहा जाता है (1)।
लेख के इस भाग में हम खसरा रोग का कारण क्या है, इस बारे में बता रहे हैं।
खसरा के कारण – Causes of Measles in Hindi
खसरा रोग के कारण कुछ इस प्रकार हैं (2):
खसरा जिसे मीसल्स (Measles) भी कहते हैं, मीसल्स वायरस के कारण होता है।
अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
खसरा संक्रमित व्यक्ति अगर खांसता, छींकता या किसी को छूता है, तो उसके आसपास रहने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
ऊपर आपने खसरा रोग का कारण जानें, अब बारी आती है खसरा के लक्षण जानने की।
खसरा के लक्षण – Measles Symptoms in Hindi
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खसरा के लक्षण जान लेना जरूरी है। आमतौर पर मीसल्स वायरस की चपेट में आने के बाद तीन-पांच दिन में खसरा के लक्षण दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (2)।
मांसपेशियों में दर्द
सर्दी-जुकाम
बुखार
मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे
आंखे लाल होना या आंख आना (conjunctivitis)
गले में दर्द
लेख के आगे के भाग में जानिए खसरा रोग के जोखिम कारक क्या-क्या हो सकते हैं।
खसरा रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Measles in Hindi
यहां हम कुछ ऐसी परिस्थितियों व व्यक्तियों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें खसरा होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है (3) (4) (5)।
पांच साल की उम्र से छोटे बच्चे
20 साल तक के युवा
गर्भवती
ऐसे व्यक्ति जिनकी किसी भयानक बीमारी के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई हो।
जिन्हें खसरा रोग के टीके न लगे हों।
जो ज्यादातर अन्य शहरों में घूमते रहते हैं।
जो उस व्यक्ति के संपर्क में आया हो, जिसे खसरा रोग हुआ हो।
लेख के इस अहम हिस्से में हम घरेलू तरीके से खसरा के उपचार बता रहे हैं।
खसरा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Measles in Hindi
खसरा रोग काफी कष्टदायक होता है, खासकर के बच्चों के लिए। ऐसे में जरूरी है कि इसके प्रभाव को कम या थोड़ा-बहुत राहत दिलाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय करें। यहां घर में ही किए जाने वाले खसरा के उपचार के बारे में विस्तार से जानें।
1. खसरा रोग के लिए नीम के पत्ते
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खसरा रोग में शरीर में खुजली होना सामान्य है। खुजली से न सिर्फ रोगी की त्वचा को नुकसान होता है, बल्कि इससे वो चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। इस खुजली को ��म करने के लिए नीम के पत्ते लाभकारी साबित हो सकते हैं। आप रोगी की खुजली को कम करने के लिए गुनगुने पानी ��ें नीम के पत्तों को डालकर उस पानी से रोगी को नहला सकते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण होते हैं, जो खसरा रोग से होने वाली खुजली से राहत दिला सकते हैं (6)।
2. खसरा रोग के लिए नींबू पानी
अगर रोगी को प्यास लगे, तो उसे नींबू पानी दिया जा सकता है। इसके अलावा, अगर सर्दी-जुकाम की समस्या हो, तो नींबू और शहद की चाय दे सकते हैं। ध्यान रहे कि आप 12 महीने से छोटे बच्चे को शहद न दें और 12 माह से ज्याद उम्र के बच्चे को यह मिश्रण देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें (7)। कई बच्चों को खसरा रोग के दौरान विटामिन-ए की आवश्यकता होती है। वहीं, नींबू में विटामिन-ए होता है, जो रोगी के लिए लाभकारी हो सकता है। साथ ही इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो रोगी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है (2) (8) (0)।
3. खसरा रोग के लिए नारियल पानी
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खसरा के रोगी को पीने के लिए नारियल पानी दिया जा सकता है। इसके सेवन से रोगी का शरीर हाइड्रेट भी रहेगा। इसके अलावा, रूई की मदद से नारियल पानी को शरीर पर लगा भी सकते हैं। यह शरीर को ठंडक का एहसास दिलाएगा और खुजली या किसी भी प्रकार की जलन से राहत दिलाएगा (10)।
4. खसरा रोग के लिए हल्दी
हल्दी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई वर्षों से इसे औषधि के रूप में भी उपयोग किया जा रहा है। कहीं चोट लग जाए, किसी को सर्दी-जुकाम हो जाए या अन्य शारीरिक समस्या हो, हल्दी हर मामले में गुणकारी है। ठीक उसी तरह खसरा रोग में भी हल्दी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। खसरा रोग में आप हल्दी-दूध का सेवन कर सकते हैं। साथ ही चंदन और हल्दी का लेप लगा सकते हैं। इसके अलावा, करेले के पत्ते के रस में थोड़ा शहद और हल्दी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर आपका यह मिश्रण पीने का मन न करे, तो गर्म पानी में हल्दी और नीम को उबालकर उस पानी से नहा भी सकते हैं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो खसरा में होने वाली परेशानियों से राहत दिला सकते हैं (9) (10)।
5. खसरा रोग के लिए गुनगुना पानी
खसरा रोग में सर्दी-जुकाम भी हो जाता है। ऐसे में गुनगुने पानी का सेवन करने से खसरा के दौरान होने वाले सर्दी-जुकाम या गले में दर्द से राहत मिल सकती है (11)।
नोट : जरूरी नहीं है कि ऊपर बताए गए खसरा रोग के घरेलू इलाज से खसरा पूरी तरह से ठीक हो जाए। ये घरेलू उपचार खसरा रोग के दौरान होने वाली परेशानियों और उसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे आपको खसरा रोग के दौरान कुछ राहत मिल सकती है।
कुछ मामलों में खसरा रोग के दौरान कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं। लेख के इस भाग में हम आपको खसरा रोग के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए, इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
खसरा रोग के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर वक्त रहते खसरा रोग की जटिलताओं को समझकर डॉक्टर की सलाह न ली जाए, तो व्यक्ति की जान पर भी बात आ सकती है। इसलिए, नीचे बताए गए जोखिम कारकों पर ध्यान देकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (4) (12)।
सबसे पहले अगर आपको लगातार बुखार है और आपको शरीर पर कुछ दाने दिख रहे हैं, तो इस बात की पुष्टि के लिए कि वो खसरा है या नहीं डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर छोटे बच्चे को खसरा हुआ है, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भवती को खसरा होने पर तुरंत इलाज की जरूर है।
अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो।
अगर खसरा के दौरान रोगी को डायरिया हो गया हो।
अगर आप या आपका बच्चा या परिवार का कोई सदस्य खसरा रोगी के संपर्क में आया हो।
निमोनिया होने पर भी लापरवाही न बरतें।
इन्सेफेलाइटिस (encephalitis) यानी दिमागी बुखार। ऐसा खसरा से प्रभावित 1 हजार लोगों में से किसी 1 को हो सकता है।
अगर कैंसर व एचआईवी जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मरीज को खसरा हुआ हो।
आगे जानिए कि खसरा रोग का निदान कैसे किया जा सकता है।
खसरा रोग का निदान – Diagnosis of Measles in Hindi
जरूरी नहीं कि हर बुखार और सर्दी-जुकाम खसरा के संकेत हों, इसलिए वक्त रहते इसका निदान आवश्यक है, ताकि खसरा का उपचार सही वक्त और सही तरीके से हो सके (4)।
ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच करके
शारीरिक जांच करके
आगे जानिए खसरा का उपचार कैसे-कैसे कर सकते हैं।
खसरा का इलाज – Treatment of Measles in Hindi
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खसरे का कोई इलाज नहीं है। इसमें कोई एंटीबायोटिक्स तक काम नहीं करती है, क्योंकि खसरा वायरस से होता है। सिर्फ इस दौरान मरीज का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि उसकी हालत स्थिर रहे। यहां हम खसरा का उपचार के तहत कुछ काम की बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है (2) (4)।
नीचे हम आपको खसरा के इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
बेड रेस्ट यानी ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
पैरासिटामोल, ��ुखार या शरीर में दर्द कम होने की दवा का सेवन करें।
रोगी को एकांत में या अलग कमरे में रखें, ताकि उससे किसी और को यह बीमारी न लगे।
कुछ मामलों में मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।
कुछ बच्चों को विटामिन ए के सप्लीमेंट की जरूरत होती है।
कुछ मरीजों को एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
रोग के कमरे में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग किया जा सकता है, ताकि वायु साफ रहे।
रोगी को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए।
सिर्फ खसरे का उपचार ही नहीं, बल्कि इस दौरान खाने-पीने पर ध्यान रखना भी जरूरी है, ताकि मरीज जल्द ठीक हो सके। आगे लेख में हम खसरा रोग के दाैरान खाने-पीने में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
खसरा रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
क्या खाएं :
ज्यादा से ज्यादा फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें।
ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे – फलों का रस, तुलसी या नींबू की चाय।
सूप का सेवन करें।
माड़ यानी चावल को ज्यादा पानी के साथ पकाकर उस पानी का सेवन करें।
दलिया खाएं या चावल को अच्छे से पकाकर नर्म चावल का सेवन करें।
हल्का खाना खाएं।
एक बार में ज्यादा खाने की जगह हर कुछ देर में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
क्या न खाएं :
बाहर का कुछ भी न खाएं।
फैटी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
तला-भूना या मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
आइसक्रीम या चॉकलेट का सेवन न करें।
ज्यादा भारी आहार न खाएं।
नोट : इस बारे में आपको और ज्यादा जानकारी डॉक्टर से मिल जाएगी। वो आपके स्वास्थ्य के अनुसार डाइट चार्ट बनाकर दे सकते हैं।
लेख के आगे के भाग में जानिए खसरा रोग से बचाव कैसे करें।
खसरा से बचाव – Prevention Tips for Measles in Hindi
अगर आप खसरा रोग से बचाव चाहते हैं, तो नीचे बताए गई बातों पर ध्यान दें (2) (14) (15) :
बाहर से आने के बाद साबुन या हैंडवॉश से हाथ जरूर धोएं।
ध्यान रहे कि शिशु को खसरा का टीका जरूर लगवाएं। पहला टीका शिशु को 15 महीने तक का होने तक लगवा सकते हैं और दूसरा टीका 6 साल का होने तक।
यह टीका गर्भवती महिला और बड़े भी लगवा सकते हैं, लेकिन उसे कब लगवाना है, इस बारे में डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।
अगर किसी को खसरा हुआ हो, तो उससे दूरी बनाकर रखें। अगर आप उनके संपर्क आए भी जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
हमें उम्मीद हैं कि खसरा रोग के इस लेख से आपको मदद मिलेगी। अगर ऊपर बताया गया खसरा का उपचार करने के बाद भी खसरा रोग का प्रभाव कम नहीं हो रहा है, तो बिना देर करते हुए डॉक्टर से संपर्क करें। खसरा रोग का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन सही वक्त पर खसरा के लक्षण को पह��ानकर उसका सही इलाज करना जरूरी है। अगर आपके पास भी खसरा रोग से संबंधित कोई जानकारी है, तो उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों व परिजनों के साथ साझा कर उन्हें भी खसरा रोग के बारे में जागरूक कराएं। याद रखें कि आपका एक शेयर किसी की जान बचा सकता है।
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