#दामाद
Explore tagged Tumblr posts
todaypostlive · 1 year ago
Text
Begusarai: नव विवाहिताओं के लिए किसी तपस्या से कम नहीं है इस वर्ष 44 दिन की मधुश्रावणी
Begusarai:  रिमझिम फुहारों के साथ सावन का महीना आते ही हर किसी का मन-मयूर झूम उठता है। लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को अपना पाहुन (दामाद) बनाने वाले मिथिलांचल की गलियां कुछ अधिक ही झूमती है और झूमने का कारण भी कोई एक नहीं, कई हैं। पग-पग मांछ (मछली) और मखान के लिए देश-दुनिया में चर्चित मिथिलांचल अपने कण-कण में लोक कला, लोक संस्कृति, लोक पर्व और लोक उत्सव को समेटे हुए हैं, इन्हीं में से…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
kahaniyatoons · 11 months ago
Video
youtube
तीन दामाद और सास | Hindi Kahani | Moral Stories | Story in Hindi | Kahan...
0 notes
rightnewshindi · 8 days ago
Text
दसवीं मंजिल से गिरी रिटायर जज की बेटी, मौके पर हुई मौत; जज बोले, दामाद ने धक्का देकर की हत्या
Uttar Pradesh News: लखनऊ के वृंदावन कॉलोनी अरावली अपार्टमेंट की दसवीं मंजिल से रिटायर एडीजे एसपी तिवारी की बेटी प्रीती द्विवेदी (40) की गिर कर मौत हो गई। नाती ने एक सिक्योरिटी गार्ड की मदद से नाना को फोन कर सूचना दी। एसपी तिवारी पत्नी के साथ अरावली अपार्टमेंट पहुंचे। जहां बेटी का शव फर्श पर खून से लथपथ पड़ा मिला। रिटायर जज ने पीएनबी में लॉ ऑफिसर दामाद पर दसवीं मंजिल से फेंक कर बेटी की हत्या का…
0 notes
shivamsrv · 10 days ago
Text
बाप-बेटे और दामाद ने धोखे से की शिवम की हत्या
बाप-बेटे और दामाद ने धोखे से की शिवम की हत्या बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी मध्यप्रदेश उमरिया मानपुर। जनपद क्षेत्र की अमरपुर चौकी पुलिस ने युवक की मौत मामले का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध मे जानकारी देते हुए चौकी प्रभारी विजय सेन ने बताया कि गत शनिवार को शिवम चौधरी पिता छोटेलाल 19 गंभीर रूप से घायल अवस्था मे गांव के ददरा प्लांट के पास मिला था। थोड़ी ही देर…
0 notes
sharpbharat · 12 days ago
Text
Jamshedpur theft - आजादनगर में महिला के घर से लाखों के जेवरात व नगदी की चोरी, बेटी, दामाद के खिलाफ शिकायत दर्ज
जमशेदपुर : जमशेदपुर के आजादनगर थाना क्षेत्र के ज़ाकिर नगर के अब्दुल कलाम रोड से 26 जुलाई को 10 तोला सोना और 12 लाख रुपए नगद की चोरी हो गयी. इस केस की प्राथमिकी 2 नवम्बर को दर्ज करायी गयी है. मामले में एफआईआर मदीना खात���न ने दर्ज करायी है. उसका आरोप हे कि 26 जुलाई को दोपहर करीब 12 बजे उसके घर उनकी बेटी, दामाद, उनके बच्चे और एक लड़की आरफा आयी. सभी उसके घर में रुके. रात में उन लोगों ने उनके साथ भोजन…
0 notes
indlivebulletin · 12 days ago
Text
महाराष्ट्र: NCP नेता नवाब मलिक के दामाद समीर खान का निधन, कई दिनों से ICU में थे भर्ती
महाराष्ट्र में एनसीपी अजित गुट के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक के दामाद समीर खान का निधन हो गया है. कुछ दिन पहले समीर खान का एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उनका इलाज कोहिनूर अस्पताल में चल रहा था. घटना के बाद से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी, लेकिन आज उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत की खबर सामने आई है. नवाब मलिक शिवाजीनगर-मानकूर विधानसभा सीट से उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट की…
0 notes
harshad30 · 17 days ago
Text
रिश्तेदार
��ुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या करेंगे, अब वहाँ कोई ख़ास रिश्तेदार भी नहीं है, जो आपका ध्यान रखेगा और भगवान न करें, कल को कुछ हो गया तो आपके पास कौन होगा । मगर कामतानाथ कहाँ मानने वाले थें । उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि तुम्हारी माँ सरला की बहुत याद…
0 notes
rajindr · 19 days ago
Link
1 note · View note
deshbandhu · 28 days ago
Text
SP ne Upachunaav Mein Netaon ke Sage-Sambandhiyon Par Jataaya Bharosa, BJP ne Uthae Sawaal
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने सात उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनके ज्यादातर उम्मीदवार किसी न किसी नेता के रिश्तेदार हैं। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाया है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही छह सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। इसमें मैनपुरी की करहल से लालू प्रसाद यादव के दामाद और अपने परिवार के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले वो मैनपुरी के सांसद भी रह चुके हैं। 
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/sp-expressed-trust-in-relatives-of-leaders-in-by-elections-bjp-raised-questions-502450-1
0 notes
iammanhar · 29 days ago
Text
Day✍️1451
+91/CG10☛Home☛17/10/24 (Thu)☛ 20:25
कोई इंसान जब दूर जाता है तब उसकी अहमियत समझ आती हैं, मामी लोग दो तीन बाद अपने घर वापस लौट जाएगी, उमर के साथ काम करने की क्षमता कम हो गई हैं मगर बच्चों के प्रति स्नेह और प्यार अटूट हैं। अपन�� पोती को बहुत प्यार करती है।
आज दामाद लक्ष्मी के साथ उनकी विभागीय कैंटीन भरनी परसदा गया था, रियायती दरों में कुछ घरेलू सामान खरीदा हूं, जबकि अन्य दुकानों में वही सामान MRP में मिलता है। 👍
ऑफिस जाना उतना जरूरी नहीं है जितना काम का होना, घर से काम हो रहा है तो बढ़िया है न। वैसे भी मुझे ऑफिस से ज्यादा काम नहीं करना, मेरे लिए इंटरनेट ही ऑफिस है, इससे बड़ा ऑफीस और क्या हो सकता है।
0 notes
astrovastukosh · 1 month ago
Text
देवी माता के पवित्र 51 शक्ति पीठ, कथा और महत्व जाने विस्तार!
Tumblr media
पवित्र शक्ति पीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर स्थापित हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। देवी भागवत में जहां 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है, वहीं तन्त्र चूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठ की ही चर्चा की गई है। इन 51 शक्तिपीठों में से कुछ विदेश में भी हैं। वर्तमान में भारत में 42, पाकिस्तान में 1, बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1 तथा नेपाल में 2 शक्ति पीठ है।
कैसे बने शक्तिपीठ, पढ़ें पौराणिक कथा :-
देवी माता के 51 शक्तिपीठों के बनने के सन्दर्भ में पौराणिक कथा प्रचलित है। राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता जगदम्बिका ने सती के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव से विवाह किया। एक बार मुनियों के एक समूह ने यज्ञ आयोजित किया। यज्ञ में सभी देवताओं को बुलाया गया था। जब राजा दक्ष आए तो सभी लोग खड़े हो गए लेकिन भगवान शिव खड़े नहीं हुए। भगवान शिव दक्ष के दामाद थे। यह देख कर राजा दक्ष बेहद क्रोधित हुए। अपने इस अपमान का बदला लेने के लिए सती के पिता राजा प्रजापति दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया था। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन जान-बूझकर अपने जमाता और सती के पति भगवान शिव को इस यज्ञ में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा।
भगवान शिव इस यज्ञ में शामिल नहीं हुए। नारद जी से सती को पता चला कि उनके पिता के यहां यज्ञ हो रहा है लेकिन उन्हें निमंत्रित नहीं किया गया है। इसे जानकर वे क्रोधित हो उठीं। नारद ने उन्हें सलाह दी कि पिता के यहां जाने के लिए बुलावे की जरूरत नहीं होती है। जब सती अपने पिता के घर जाने लगीं तब भगवान शिव ने उन्हें समझाया लेकिन वह नहीं मानी तो स्वयं जाने से इंकार कर दिया।
शंकरजी के रोकने पर भी जिद कर सती यज्ञ में शामिल होने चली गई। यज्ञ-स्थल पर सती ने अपने पिता दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया। इस पर दक्ष, भगवान शंकर के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें करने लगे। इस अपमान से पीड़ित सती ने यज्ञ-कुंड में कूदकर अपनी प्राणाहुति दे दी।
भगवान शंकर को जब पता चला तो क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया। सर्वत्र प्रलय व हाहाकार मच गया। भगवान शंकर के आदेश पर वीरभद्र ने दक्ष का सिर काट दिया और अन्य देवताओं को शिव निंदा सुनने की भी सज़ा दी। भगवान शिव ने यज्ञकुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कंधे पर उठा लिया और दुःखी हुए सम्पूर्ण भूमंडल पर भ्रमण करने लगे।
भगवती सती ने अन्तरिक्ष में शिव को दर्शन दिए और कहा कि जिस-जिस स्थान पर उनके शरीर के अंग विभक्त होकर गिरेंगे, वहां महाशक्तिपीठ का उदय होगा। सती का शव लेकर शिव पृथ्वी पर विचरण करते हुए तांडव नृत्य भी करने लगे, जिससे पृथ्वी पर प्रलय की स्थिति उत्पन्न होने लगी। पृथ्वी समेत तीनों लोकों को व्याकुल देखकर भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड कर धरती पर गिराते गए। जब-जब शिव नृत्य मुद्रा में पैर पटकते, विष्णु अपने चक्र से सती शरीर का कोई अंग काटकर उसके टुकड़े पृथ्वी पर गिरा देते।
'तंत्र-चूड़ामणि' के अनुसार इस प्रकार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। इस तरह कुल 51 स्थानों में माता की शक्तिपीठों का निर्माण हुआ। अगले जन्म में सती ने हिमवान राजा के घर ��ार्वती के रूप में जन्म लिया और घोर तपस्या कर शिव को पुन: पति रूप में प्राप्त किया।
Tumblr media
51 शक्तिपीठ (51 Shakti Peethas) :
किरीट शक्तिपीठ (Kirit Shakti Peeth) : किरीट शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल के हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर स्थित है। यहां सती माता का किरीट यानी शिराभूषण या मुकुट गिरा था। यहां की शक्ति विमला अथवा भुवनेश्वरी तथा भैरव संवर्त हैं।
(शक्ति का मतलब माता का वह रूप जिसकी पूजा की जाती है तथा भैरव का मतलब शिवजी का वह अवतार जो माता के इस रूप के साथ हैं )
कात्यायनी शक्तिपीठ (Katyayani Shakti Peeth ) : वृन्दावन, मथुरा के भूतेश्वर में स्थित है कात्यायनी वृन्दावन शक्तिपीठ जहां सती का केशपाश गिरे थे। यहां की शक्ति देवी कात्यायनी हैं तथा भैरव भूतेश है।
करवीर शक्तिपीठ (Karveer shakti Peeth) : महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का त्रिनेत्र गिरा था। यहां की शक्ति महिषासुरमदिनी तथा भैरव क्रोधशिश हैं। यहां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है।
श्री पर्वत शक्तिपीठ (Shri Parvat Shakti Peeth) : इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतान्तर है कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, जबकि कुछ का मानना है कि यह असम के सिलहट में है जहां माता सती का दक्षिण तल्प यानी कनपटी गिरी थी। यहां की शक्ति श्री सुन्दरी एवं भैरव सुन्दरानन्द हैं।
विशालाक्षी शक्तिपीठ (Vishalakshi Shakti Peeth) : उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मीरघाट पर स्थित है शक्तिपीठ जहां माता सती के दाहिने कान के मणि गिरे थे। यहां की शक्ति विशालाक्षी तथा भैरव काल भैरव हैं।
गोदावरी तट शक्तिपीठ (Godavari Shakti Peeth) : आंध्रप्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का वामगण्ड यानी बायां कपोल गिरा था। यहां की शक्ति विश्वेश्वरी या रुक्मणी तथा भैरव दण्डपाणि हैं।
शुचीन्द्रम शक्तिपीठ (Suchindram shakti Peeth) : तमिलना��ु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर स्थित है यह शुची शक्तिपीठ, जहां सती के मतान्तर से पृष्ठ भाग गिरे थे। यहां की शक्ति नारायणी तथा भैरव संहार या संकूर हैं।
पंच सागर शक्तिपीठ (Panchsagar Shakti Peeth) : इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है लेकिन यहां माता के नीचे के दांत गिरे थे। यहां की शक्ति वाराही तथा भैरव महारुद्र हैं।
ज्वालामुखी शक्तिपीठ (Jwalamukhi Shakti Peeth) : हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां सती की जीभ गिरी थी। यहां की शक्ति सिद्धिदा व भैरव उन्मत्त हैं।
भैरव पर्वत शक्तिपीठ (Bhairavparvat Shakti Peeth) : इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतदभेद है। कुछ गुजरात के गिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट पर वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं, जहां माता का ऊपर का ओष्ठ गिरा है।
यहां की शक्ति अवन्ती तथा भैरव लंबकर्ण हैं।
Tumblr media
अट्टहास शक्तिपीठ ( Attahas Shakti Peeth) : अट्टहास शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में स्थित है। जहां माता का अध्रोष्ठ यानी नीचे का होंठ गिरा था। यहां की शक्ति फुल्लरा तथा भैरव विश्वेश हैं।
जनस्थान शक्तिपीठ (Janasthan Shakti Peeth) : महाराष्ट्र नासिक के पंचवटी में स्थित है जनस्थान शक्तिपीठ जहां माता का ठुड्डी गिरी थी। यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव विकृताक्ष हैं।
कश्मीर शक्तिपीठ या अमरनाथ शक्तिपीठ (Kashmir Shakti Peeth or Amarnath Shakti Peeth) : जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में स्थित है यह शक्तिपीठ जहां माता का कण्ठ गिरा था। यहां की शक्ति महामाया तथा भैरव त्रिसंध्येश्वर हैं।
नन्दीपुर शक्तिपीठ (Nandipur Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के सैन्थया में स्थित है यह पीठ, जहां देवी की देह का कण्ठहार गिरा था। यहां की शक्ति नन्दनी और भैरव निन्दकेश्वर हैं।
श्री शैल शक्तिपीठ (Shri Shail Shakti Peeth ) : आंध्रप्रदेश के कुर्नूल के पास है श्री शैल का शक्तिपीठ, जहां माता की ग्रीवा गिरी थी। यहां की शक्ति महालक्ष्मी तथा भैरव संवरानन्द अथवा ईश्वरानन्द हैं।
नलहटी शक्तिपीठ (Nalhati Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के बोलपुर में है नलहटी शक्तिपीठ, जहां माता की उदरनली गिरी थी। यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव योगीश हैं।
मिथिला शक्तिपीठ (Mithila Shakti Peeth ) : इसका निश्चित स्थान अज्ञात है। स्थान को लेकर मन्तातर है तीन स्थानों पर मिथिला शक्तिपीठ को माना जाता है, वह है नेपाल के जनकपुर, बिहार के समस्��ीपुर और सहरसा, जहां माता का वाम स्कंध गिरा था। यहां की शक्ति उमा या महादेवी तथा भैरव महोदर हैं।
रत्नावली शक्तिपीठ (Ratnavali Shakti Peeth) : इसका निश्चित स्थान अज्ञात है, बंगाज पंजिका के अनुसार यह तमिलनाडु के चेन्नई में कहीं स्थित है रत्नावली शक्तिपीठ जहां माता का दक्षिण स्कंध गिरा था। यहां की शक्ति कुमारी तथा भैरव शिव हैं।
अम्बाजी शक्तिपीठ (Ambaji Shakti Peeth) : गुजरात गूना गढ़ के गिरनार पर्वत के शिखर पर देवी अम्बिका का भव्य विशाल मन्दिर है, जहां माता का उदर गिरा था। यहां की शक्ति चन्द्रभागा तथा भैरव वक्रतुण्ड है। ऐसी भी मान्यता है कि गिरिनार पर्वत के निकट ही सती का उर्ध्वोष्ठ गिरा था, जहां की शक्ति अवन्ती तथा भैरव लंबकर्ण है।
जालंधर शक्तिपीठ (Jalandhar Shakti Peeth) : पंजाब के जालंधर में स्थित है माता का जालंधर शक्तिपीठ। जहां माता का वामस्तन गिरा था। यहां की शक्ति त्रिपुरमालिनी तथा भैरव भीषण हैं।
रामागिरि शक्तिपीठ (Ramgiri Shakti Peeth) : इस शक्ति पीठ की स्थिति को लेकर भी विद्वानों में मतान्तर है। कुछ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट तो कुछ मध्यप्रदेश के मैहर में मानते हैं, जहां माता का दाहिना स्तन गिरा था। यहां की शक्ति शिवानी तथा भैरव चण्ड हैं।
वैद्यनाथ शक्तिपीठ (Vaidhnath Shakti Peeth) : झारखण्ड के गिरिडीह, देवघर स्थित है वैद्यनाथ शक्तिपीठ, जहां माता का हृदय गिरा था। यहां की शक्ति जयदुर्गा तथा भैरव वैद्यनाथ है। एक मान्यतानुसार यहीं पर सती का दाह-संस्कार भी हुआ था।
वक्त्रेश्वर शक्तिपीठ (Varkreshwar Shakti Peeth) : माता का यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के सैन्थया में स्थित है जहां माता का मन गिरा था। यहां की शक्ति महिषासुरमर्दिनी तथा भैरव वक्त्रानाथ हैं।
कन्याकुमारी शक्तिपीठ (Kanyakumari Shakti Peeth) : तमिलनाडु के कन्याकुमारी के तीन सागरों हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है कण्यकाश्रम शक्तिपीठ, जहां माता की पीठ गिरी थी। यहां की शक्ति शर्वाणि या नारायणी तथा भैरव निमषि या स्थाणु हैं।
बहुला शक्तिपीठ (Bahula Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के कटवा जंक्शन के निकट केतुग्राम में स्थित है बहुला शक्तिपीठ, जहां माता का वाम बाहु गिरा था। यहां की शक्ति बहुला तथा भैरव भीरुक हैं।
उज्जयिनी शक्तिपीठ (Ujjaini Shakti Peeth) : मध्यप्रदेश के उज्जैन के पावन क्षिप्रा के दोनों तटों पर स्थित है उज्जयिनी हरसिद्धि शक्तिपीठ। जहां माता की कोहनी गिरी थी। यहां की शक्ति मंगल चण्डिका तथा भैरव मांगल्य कपिलांबर हैं।
मणिवेदिका शक्तिपीठ (Manivedika Shakti Peeth) : राजस्थान के पुष्कर में स्थित है मणिदेविका शक्तिपीठ, जिसे गायत्री मन्दिर के नाम से जाना जाता है यहां माता की कलाइयां गिरी थीं। यहां की शक्ति गायत्री तथा भैरव शर्वानन्द हैं।
प्रयाग शक्तिपीठ (Prayag Shakti peeth) : उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है। यहां माता की हाथ की अंगुलियां गिरी थी। लेकिन, स्थानों को लेकर मतभेद है। इसे अक्षयवट, मीरापुर और अलोपी स्थानों पर गिरा माना जाता है। तीनों शक्तिपीठ की शक्ति ललिता हैं तथा भैरव भव है।
उत्कल शक्तिपीठ (Utakal Shakti Peeth) : उड़ीसा के पुरी और याजपुर में माना जाता है जहां माता की नाभि गिरी था। यहां की शक्ति विमला तथा भैरव जगन्नाथ पुरुषोत्तम हैं।
कांची शक्तिपीठ (Kanchi Shakti Peeth) : तमिलनाडु के कांचीवरम् में स्थित है माता का कांची शक्तिपीठ, जहां माता का कंकाल शरीर गिरा था। यहां की शक्ति देवगर्भा तथा भैरव रुरु हैं।
कालमाधव शक्तिपीठ (Kalmadhav Shakti Peeth) : इस शक्तिपीठ के बारे कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है। परन्तु, यहां माता का वाम नितम्ब गिरा था। यहां की शक्ति काली तथा भैरव असितांग हैं।
शोण शक्तिपीठ (Shondesh Shakti Peeth) : मध्यप्रदेश के अमरकंटक के नर्मदा मन्दिर शोण शक्तिपीठ है। यहां माता का दक्षिण नितम्ब गिरा था। एक दूसरी मान्यता यह है कि बिहार के सासाराम का ताराचण्डी मन्दिर ही शोण तटस्था शक्तिपीठ है। यहां सती का दायां नेत्रा गिरा था ऐसा माना जाता है। यहां की शक्ति नर्मदा या शोणाक्षी तथा भैरव भद्रसेन हैं।
कामाख्या शक्तिपीठ (Kamakhya Shakti peeth) : कामगिरि असम गुवाहाटी के कामगिरि पर्वत पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता की योनि गिरी थी। यहां की शक्ति कामाख्या तथा भैरव उमानन्द हैं।
जयंती शक्तिपीठ (Jayanti Shakti Peeth) : जयन्ती शक्तिपीठ मेघालय के जयंतिया पहाडी पर स्थित है, जहां माता की वाम जंघा गिरी थी। यहां की शक्ति जयन्ती तथा भैरव क्रमदीश्वर हैं।
मगध शक्तिपीठ (Magadh Shakti Peeth) : बिहार की राजधनी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है जहां माता की दाहिना जंघा गिरी थी। यहां की शक्ति सर्वानन्दकरी तथा भैरव व्योमकेश हैं।
त्रिस्तोता शक्तिपीठ (Tristotaa Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर स्थित है त्रिस्तोता शक्तिपीठ, जहां माता का वामपाद गिरा था। यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव ईश्वर हैं।
त्रिपुरी सुन्दरी शक्तिपीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) : त्रिपुरा के राध किशोर ग्राम में स्थित है त्रिपुर सुन्दरी शक्तिपीठ, जहां माता का दक्षिण पाद गिरा था। यहां की शक्ति त्रिपुर सुन्दरी तथा भैरव त्रिपुरेश हैं।
38 . विभाषा शक्तिपीठ (Vibhasha Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के ताम्रलुक ग्राम में स्थित है विभाषा शक्तिपीठ, जहां माता का वाम टखना गिरा था। यहां की शक्ति कपालिनी, भीमरूपा तथा भैरव सर्वानन्द हैं।
Tumblr media
कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ (Kurukshetra Shakti Peeth) : हरियाणा के कुरुक्षेत्र जंक्शन के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ, जिसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से भी जाना जाता है। यहां माता के दाहिने चरण गिरे थे। यहां की शक्ति सावित्री तथा भैरव स्थाणु हैं।
युगाद्या शक्तिपीठ, क्षीरग्राम शक्तिपीठ ( Yugadhya Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल के बर्दमान जिले के क्षीरग्राम में स्थित है युगाद्या शक्तिपीठ, यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था। यहां की शक्ति जुगाड़या और भैरव क्षीर खंडक है।
विराट अम्बिका शक्तिपीठ (Virat Shakti Peeth) : राजस्थान के गुलाबी ��गरी जयपुर के वैराटग्राम में स्थित है विराट शक्तिपीठ, जहां सती के 'दाहिने पैर की अंगुलियां गिरी थीं।। यहां की शक्ति अंबिका तथा भैरव अमृत हैं।
कालीघाट शक्तिपीठ (Kalighat Shakti Peeth) : पश्चिम बंगाल, कोलकाता के कालीघाट में कालीमन्दिर के नाम से प्रसिद्ध यह शक्तिपीठ, जहां माता के दाहिने पैर के अंगूठे को छोड़ 4 अन्य अंगुलियां गिरी थीं। यहां की शक्ति कालिका तथा भैरव नकुलेश हैं।
मानस शक्तिपीठ (Manas Shakti Peeth) : तिब्बत के मानसरोवर तट पर स्थित है मानस शक्तिपीठ, जहां माता की दाहिनी हथेली गिरी थी। यहां की शक्ति द्राक्षायणी तथा भैरव अमर हैं।
लंका शक्तिपीठ (Lanka Shakti Peeth) : श्रीलंका में स्थित है लंका शक्तिपीठ, जहां माता के नूपुर यानी पायल गिरे थे। यहां की शक्ति इन्द्राक्षी तथा भैरव राक्षसेश्वर हैं। लेकिन,वह ज्ञात नहीं है कि श्रीलंका के किस स्थान पर गिरे थे।
गण्डकी शक्तिपीठ (Gandaki Shakti Peeth) : नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर स्थित है गण्डकी शक्तिपीठ, जहां सती का दक्षिण कपोल गिरा था। यहां शक्ति गण्डकी´ तथा भैरवचक्रपाणि´ हैं।
गुह्येश्वरी शक्तिपीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) : नेपाल के काठमाण्डू में पशुपतिनाथ मन्दिर के पास ही स्थित है गुह्येश्वरी शक्तिपीठ है, जहां माता सती के दोनों घुटने गिरे थे। यहां की शक्ति महामाया´ और भैरवकपाल´ हैं।
हिंगलाज शक्तिपीठ (Hinglaj Shakti Peeth) : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित है माता ह��ंगलाज शक्तिपीठ, जहां माता का ब्रह्मरन्ध्र (सिर का ऊपरी भाग) गिरा था। यहां की शक्ति कोट्टरी और भैरव भीमलोचन है।
सुगंध शक्तिपीठ (Sugandha Shakti Peeth) : बांग्लादेश के खुलना में सुगंध नदी के तट पर स्थित है उग्रतारा देवी का शक्तिपीठ, जहां माता की नासिका गिरी थी। यहां की देवी सुनन्दा(मतांतर से सुगंधा) है तथा भैरव त्रयम्बक हैं।
करतोया शक्तिपीठ (Kartoya Shakti Peeth) : बंग्लादेश भवानीपुर के बेगड़ा में करतोया नदी के तट पर स्थित है करतोयाघाट शक्तिपीठ, जहां माता की वाम तल्प गिरी थी। यहां देवी अपर्णा रूप में तथा शिव वामन भैरव रूप में वास करते हैं।
चट्टल शक्तिपीठ (Chatal Shakti Peeth) : बंग्लादेश के चटगांव में स्थित है चट्टल का भवानी शक्तिपीठ, जहां माता की दाहिनी भुजा गिरी थी। यहां की शक्ति भवानी तथा भैरव चन्द्रशेखर हैं।
यशोर शक्तिपीठ (Yashor Shakti Peeth) : बांग्लादेश के जैसोर खुलना में स्थित है माता का यशोरेश्वरी शक्तिपीठ, जहां माता की बायीं हथेली गिरी थी। यहां शक्ति यशोरेश्वरी तथा भैरव चन्द्र हैं।
0 notes
nationalistbharat · 1 month ago
Text
लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव की बड़ी हार
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लिए झटका साबित हुआ, जब रेवाड़ी सीट से लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव चुनाव हार गए। उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने बड़े अंतर से पराजित किया। चिरंजीव राव के पिता और हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने अपने बेटे के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन चिरंजीव को 28,000 से अधिक मतों से…
0 notes
hathuwa-samachar · 1 month ago
Text
0 notes
rightnewshindi · 16 days ago
Text
बाप से आशीर्वाद लेने आई थी बेटी, बाप ने दामाद को गोली मारकर किया विधवा; अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
Rajasthan News: राजस्थान में प्रेम विवाह के चलते हुई एक वीभत्स घटना ने समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है। करणी विहार इलाके में 2017 में हुए ऑनर किलिंग के एक मामले में एडीजे कोर्ट ने मृतक के ससुर, सास व दो अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में पांच लोगों को दोषी पाया गया है। जबकि दो आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। अब परिवार में सिर्फ उसकी विधवा बेटी ही अकेली बची…
0 notes
livekhbar · 2 months ago
Text
मेट्रो पार्क बिल्डर पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप, पीड़ित परिवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया खुलासा!
मोहाली के सेक्टर-103 में स्थित मेट्रो पार्क कंपनी के मालिक मनप्रीत सिंह सिद्धू पर ढकोली के रहने वाले राम भज गर्ग और उनके परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। राम भज गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि सिद्धू ने उनसे और उनके समधी एवं दामाद से तीन प्लॉटों के लिए लगभग ढाई करोड़ रुपए लिए। हालांकि, चार साल बीतने के बावजूद उन्हें प्लॉट का फिजिकल पजेशन नहीं मिला है। इन प्लॉटों की खरीद 2019 और 2020 के…
0 notes
sharpbharat · 1 month ago
Text
Jamshedpur border area murder - कपाली में बुजुर्ग को गैता से मारकर हत्या, तलाकशुदा दामाद ने घटना को दिया अंजाम
जमशेदपुर: जमशेदपुर से सटे कपाली ओपी अंतर्गत बाबा गुंडी इस्लामनगर में मंगलवार को अब्दुल सलीम (65 ) वर्षिय की गैता ( ज़मीन खोदने वाला सामान ) से मारकर हत्या कर दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार मृतक अब्दुल सलीम की पुत्री साइका की शादी  कुछ महीनों पहले लोहरदगा में हुई थी. हालांकि शादी के एक हफ्ते बाद ही दोनों के बीच तलाक हो गया. वहीं अब साइका की शादी कहीं और हो रही थी.  तलाकशुदा दामाद फ़ैयाज़ अंसारी यह…
0 notes