#दतिया न्यूज
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हत्यारोपी का जेल में मना जन्मदिन, केक कटा, डांस भी हुआ! वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
हत्यारोपी का जेल में मना जन्मदिन, केक कटा, डांस भी हुआ! वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
अगलीखबर कलयुगी मां ने अपने 6 माह के बेटे को आग में फेंका, कही ऐसी बात कि हर कोई रह गया हैरान Source link
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#birthday celebration in jail#datia news#madhya pradesh#MP News#social media#Viral Video#एमपी न्यूज#दतिया न्यूज#वायरल वीडियो
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एमपी: हिंदू समूहों द्वारा 'विवादास्पद' धार्मिक पुस्तकों पर आपत्ति के बाद 8 को हिरासत में लिया गया
एमपी: हिंदू समूहों द्वारा ‘विवादास्पद’ धार्मिक पुस्तकों पर आपत्ति के बाद 8 को हिरासत में लिया गया
मध्य प्रदेश के दतिया शहर में आठ लोगों को हिरासत में लिया गया था, जब कुछ हिंदू संगठनों ने उन पर धर्म परिवर्तन के बारे में विवादास्पद किताबें बांटने का आरोप लगाया था, पुलिस ने सोमवार को कहा। एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को पांच महिलाओं समेत 10 लोगों का एक समूह धार्मिक पुस्तकें बांट रहा था, तभी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पुलिस को सूचना दी। उन्होंने कहा कि किताबें बांटने वाले लोग जल्द ही थाने…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज&039;#एमपी दतिया बीजेपी#एमपी न्यूज#धर्म परिवर्तन एमपी#धर्म परिवर्तन पुस्तक एमपी
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Salute to this lady policeman Man got heart attack while wal...
Image Source : FILE शख्स को राह चलते आया हार्ट अटैक, महिला पुलिसकर्मी ने CPR देकर बचाई जान मध्यप्रदेश के ग्वालियर में यातायात पुलिस की महिला उपनिरीक्षक सोनम पाराशर ने समय पर एक बुजुर्ग को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर उनकी जान बचाई और समय पर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। महिला पुलिस कर्मी का सीपीआर देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह घटना सोमवार सुबह ग्वालियर के गोले के मंदिर चौराहे पर उस वक्त हुई जब सोनम यातायात के प्रबंधन के लिए वहां ड्यूटी पर तैनात थी। सीपीआर एक आपात चिकित्सा तकनीक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। 'गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने की हौसला अफजाई' मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘दतिया की बेटी और ग्वालियर पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात सोनम पाराशर ने राह चलते बुजुर्ग अनि�� उपाध्याय जी को समय पर सीपीआर देकर उनकी जान बचाकर सराहनीय और प्रेरणादायक कार्य किया है। आज वीडियो कॉल पर बात कर बेटी सोनम की हौसला अफजाई करने के साथ बधाई दी।’’ 'सीपीआर देना उन्हें प्रशिक्षण के समय सिखाया गया था- पुलिस कर्मी' वहीं, सीपीआर देने वाली महिला पुलिस कर्मी सोनम ने बताया, ‘‘सीपीआर देना उन्हें प्रशिक्षण के समय सिखाया गया था और जैसे ही उन्होंने बुजुर्ग की स्थिति देखी, वैसे ही वह समझ गई कि उन्हें हल्का दिल का दौरा पड़ा है। इसके लिए सीपीआर देना जरूरी है। सीपीआर से बुजुर्ग ने आंखें खोली और उन्होंने तुरंत पुलिस वाहन से उन्हें अस्पताल पहुंचाया।’’ उन्होंने बताया कि बुजुर्ग की जेब में रखे मोबाइल फोन से उनके परिवार को घटना की सूचना दी गयी। सोनम ने कहा, ‘‘बुजुर्ग सज्जन अनिल उपाध्याय बिजली कंपनी से सेवानिवृत्त हुए हैं और गोला का मंदिर इलाके में ही रहते हैं। मेरे प्रयासों से एक व्यक्ति की जान बच गयी और मैंने अपनी ड्यूटी की है और इस प्रकार का काम हर व्यक्ति को करना चाहिए जिससे जान बचायी जा सके।’’ India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्शन Source link Read the full article
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#मिशन_सुरक्षा_परिषद ब्रेकिंग न्यूज-----------------🌷 एडवोकेट ब्रजेश कुमार अहिरवार बनें मिशन सुरक्षा परिषद मध्यप्रदेश के जनपद सतना के मुख्य जिलाध्यक्ष। 🙏🙏🙏 मध्यप्रदेश राज्य के जनपद सतना के युवा समाजसेवी एडवोकेट ब्रजेश कुमार अहिरवार जी को प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ मध्यप्रदेश मा.एडवोकेट शकुन्तला अहिरवार जी के अनुमोदन पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा.त्रिवेन्द्र कुमार सीटू दोहरे जी एवं मुख्य प्रदेश अध्यक्ष मध्यप्रदेश मा.श्री चौ.अमान सिंह नरवरिया जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद जनपद सतना का मुख्य जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। एडवोकेट ब्रजेश कुमार अहिरवार जी को हार्दिक बधाई। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 1-जगदीश प्रसाद अशोकनग�� प्रदेश सचिव प्रभारी। 2-श्रीमती प्रीती बाक्सर छिंदवाडा प्रदेश सचिव प्रभारी। 3-डी.के.वर्मा रीवा प्रदेश सचिव प्रभारी । 4-हरिनारायण अहिरवार विदिशा प्रदेश सचिव प्रभारी। 5-अजय रायकवार दतिया प्रदेश सचिव प्रभारी। 6-दिनेश कुमार उज्जैन प्रदेश सचिव प्रभारी। 7-संजय सिंह ग्वालियर प्रदेश सचिव प्रभारी। 8 https://www.instagram.com/p/Cg4xD7hPZ5C/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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Datia Medical College Recruitment 2021 » Staff Nurse 215 Post
Datia Medical College Recruitment 2021 » Staff Nurse 215 Post
घर›नर्सिंग नौकरियां›दतिया मेडिकल कॉलेज भर्ती 2021 »स्टाफ नर्स 215 पद द्वारा राजेश अंतिल – 28 मार्च 202110 दृश्य दतिया मेडिकल कॉलेज भर्ती 2021: दतिया मेडिकल कॉलेज ने दतिया मेडिकल कॉलेज भर्ती २०२१ के लिए नवीनतम अधिसूचना जारी की है स्टाफ नर्स रिक्ति पर 215 पद। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट दतिया मेडिकल कॉलेज स्टाफ न्यूज भर्ती 2021 http://www.datiamedicalcollege.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर…
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पिछले 270 सालों से एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी हैं बुंदेला राज परिवार और सैयद सालार परिवार, जानें इनकी मित्रता की कहानी
चैतन्य भारत न्यूज दतिया. हम आज आपको दो ऐसे पूर्व राज परिवारों के बारे में बता रहे हैं जो धर्म की सभी बंदिशों को तोड़कर पिछले कई सालों से परिवार के जैसे मिल-खुलकर रह रहे हैं। हम बात कर रहे हैं दतिया के बुंदेला राज परिवार और करैरा रियासत के सैयद सालार परिवार के बारे में जो पिछली 10 पीढ़ियों यानी करीब 270 सालों से एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी बने हुए हैं। दोनों परिवारों का आपस में इतना खास रिश्ता है कि चाहे घर में कोई मांगलिक कार्य हो या गमी हुई हो, ये कभी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं। इतना ही नहीं बल्कि वे सूतक तक मानते हैं। 15 अप्रैल 2020 को ही दतिया रियासत के पूर्व महाराजा राजेंद्रसिंह जूदेव का निधन हो गया था। उनके शोक में सैयद सालार परिवार में भी सूतक माना गया था। इतना ही नहीं बल्कि 25 अप्रैल को कर्मकांड के पश्चात् दतिया राज परिवार के संरक्षक महाराज घनश्याम सिंह जूदेव और राज परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही सैयद परिवार के मुर्तजा अली जैदी ने भी मुंडन कराया। दोनों ही परिवारों के एक-दूसरे की रस्मों में शामिल होने की कहानी बेहद दिलचस्प है। सन 1750 में दतिया के तत्कालीन राजा राव इंद्रजीत और करैरा रियासत के मुगल फौजदार सैयद सालार असगर अली के बीच आत्मीय मित्रता थी। दिल्ली में मुगलों के कमजोर होते ही करैरा को सैयद सालार ने स्वतंत्र घोषित कर दि��ा था। फिर मराठों ने करैरा के कई इलाकों पर हमला करना शुरू कर दिया, जिसमें सैयद सालार के 12 में से 10 भाई की मृत्यु हो गई। फिर सैयद सालार का जीवित भाई करैरा छोड़ मुजफ्फरनगर चला गया। सैन्य बल कमजोर होने के कारण सैयद सालार मराठों से जंग लड़ने में सक्षम नहीं थे इसलिए अपने मित्��� राजा इंद्रजीत को करैरा रियासत मराठों को सौंपने की बजाय दतिया राज्य में शामिल कर लेने का प्रस्ताव रखा। राजा इंद्रजीत ने भी यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और फिर वे सैयद सालार को दतिया ले आए। लेकिन करैरा रियासत ज्यादा लंबे समय तक दतिया राज्य के साथ नहीं रह सकी। फिर मराठा शासकों ने दतिया पर हमला करना शुरू कर दिया तो राजा ने करैरा मराठों को दे दिया और सैयद सालार से कहा, 'आज से दतिया राज्य पर आपका बराबर का अधिकार है। आप मेरे परिवार के सदस्य की तरह रहेंगे। यह भाईबंदी आने वाली नस्लों तक जारी रहेगी।' राजा इंद्रजीत ने सैयद सालार का विवाह करवाया। तब से दोनों परिवारों के बीच एक कुटुंब की तरह रिश्ते कायम हैं। सैयद सालार के वंशज दतिया में अब भी करैरा वालों के नाम से जाने जाते हैं। इतना ही नहीं राजा इंद्रजीत ने तो सैयद सालार का निकाह भी करवाया। तब से ही दोनों परिवारों के बीच बने रिश्ते अब तक कायम हैं। Read the full article
#bundelaroyalfamily#datia#datiaroyalfamily#saiyyadsalarfamily#saiyyadsalarfamilydatia#saiyyadsalarfamilydatiya#salarfamily#करैरारियासत#करैरारियासतसैयदसालारपरिवार#दतिया#बुंदेलाराजपरिवार#बुंदेलाराजपरिवारसैयदसालारपरिवार#राजाइंद्रजीत#सैयदसालारपरिवार
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Single syringe used for 26 patients, one dead । दतियाः एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से फैला इन्फेक्शन, 1 की मौत, 25 की हालत गंभीर
Single syringe used for 26 patients, one dead । दतियाः एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से फैला इन्फेक्शन, 1 की मौत, 25 की हालत गंभीर
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मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज has been published on PRAGATI TIMES
मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मंत्री की याचिका को खारिज कर दी।
मंत्री ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने के आदेश को चुनौती दी थी। मिश्रा की याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखने वाली न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने याचिका खारिज कर दी। निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च के ब्योरे में पेड न्यूज पर हुए खर्च का खुलासा न करने को लेकर 23 जून को उन्हें अयोग्य ठहरा दिया और तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी। मिश्रा ने निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली। इसके बाद मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए मामले की उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय से आपात सुनवाई की मांग की थी, ताकि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा ले सकें। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मिश्रा को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था। नरोत्तम संसदीय मामलों के मंत्री हैं और विधानसभा का सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी है। साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मीडिया को दिए गए पेड न्यूज का ब्योरा नहीं देने के लिए मिश्रा को अयोग्य ठहराते हुए आयोग ने क���ा कि वह पेड न्यूज के खतरे को लेकर चिंतित है, जो चुनाव में काफी तेजी से बढ़ रहा है। मिश्रा को अयोग्य ठहराने का आयोग का यह आदेश कांग्रेस के विधायक भारती द्वारा साल 2009 में दाखिल शिकायत पर आया है। भारत दतिया विधानसभा क्षेत्र से मिश्रा से चुनाव हार गए थे।
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मध्यप्रदेश बजट 2019-20 हुआ पेश, तीन शहरों में शुरू होंगी हवाई सेवा, कोई नया टैक्स नहीं होगा लागू
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में वर्ष 2019-20 का बजट विधानसभा में पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री तरुण भनोत द्वारा बजट पेश करते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। बता दें 15 साल बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य में बजट पेश किया है। कमलनाथ सरकार ने अपने पहले बजट में आदिवासियों के लिए अलग से एटीएम और इसके अलावा दतिया, रीवा व उज्जैन से हवाई सेवा शुरू करने का ऐलान किया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि, 'मुझे इस बजट को पढ़ते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार ने कम समय में ही प्रदेश की जनता के लिए काम किया। इस बीच आचार संहिता भी रही है, जिसमें हमने 128 दिनों में किसानों का कर्जा माफ, बिजली का बिल माफ किया और युवाओं के लिए काम किया।' उन्होंने कहा कि, कमलनाथ सरकार घोषणावीर न होकर कर्मवीर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट में इस बार कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि भी बढ़ा दी गई है। उद्योगों में युवाओं की भागीदारी होगी। बता दें गरीबी में देश के 29 राज्यों में मध्यप्रदेश 27वें स्थान पर है। इसका जिक्र करते हुए भनोट ने एक शेर पढ़ा कि, 'तेरे पास जो है उसी की फिक्र कर, यहां आसमां के पास भी खुद की जमीन नहीं है।' बजट में क्या है खास- छिंदवाड़ा में यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान। श्रमिक कल्याण के लिए नया सवेरा योजना। सड़कों का जाल बिछेगा। दतिया, रीवा, उज्जैन में हवाई सेवा शुरू होगी। आदिवासियों के लिए अलग से एटीएम। नयी MSME नीति लायी जा रही है। स���कूल शिक्षा के लिए 24,472 करोड़ का प्रावधान। अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए 22 हजार करोड़ का प्रावधान। अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए 33 हजार करोड़ का प्रावधान। 3 नए विश्वविद्यालय शुरू होंगे। ग्वालियर में डेयरी और फूड प्रोसेसिंग कॉलेज। राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश का प्रयास। उद्योग नीति में बदलाव किया जाएगा। उद्योगों में युवाओं की भागीदारी। खेलों के विकास के लिए खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल और स्वीमिंग अकादमी शुरू की जाएगी। गौ शालाओं का विकास प्राथमिकता। राजधानी भोपाल में आधुनिक पुस्तकालय खोले जाएंगे। कृषि सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकार कानून लागू किया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग के लिए कमलनाथ सरकार खास पैकेज लाएगी। बागवानी पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बागवानी और फूड प्रोसेसिंग के लिए 400 करोड़ रुपए। अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षा को रोजगार मूलक बनाया जाएगा। भिंड के पेड़े, सागर की चिरोंजी की बर्फी, मुरैना की गजक जैसे क्षेत्रीय उत्पादों की ब्रांडिग की जाएगी। ये भी पढ़े... 15 साल बाद आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार पेश करेगी बजट, ये हो सकती हैं बड़ी चुनौतियां बजट में हुए ये 7 बड़े ऐलान, जिनका आम से खास लोगों तक पर पड़ेगा बड़ा असर बजट 2019 में सरकार का महिलाओं को बड़ा तोहफा, मिलेगा 1 लाख तक मुद्रा लोन और जनधन खाते में ओवर ड्रॉफ्ट की सुविधा मोदी सरकार 2.0 का बजट पेश, इन 10 प्वाइंट्स में बताई देश के विकास की नई तस्वीर Read the full article
#budget2019#cmkamalnath#financeminister#kamalnath#madhyapradeshbudget#madhyapradeshbudget2019#madhyapradeshbudgetimportantpoints#madhyapradeshgovernment#mpbudget2019#tarunbhanot#tarunbhanotpresentedbudget2019#आर्थिकबजट#कमलनाथ#कमलनाथसरकार#तरुणभनोट#बजट#बजट2019#मध्यप्रदेश#मध्यप्रदेशबजट#मध्यप्रदेशबजट2019#मुख्यमंत्रीकमलनाथ
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मध्यप्रदेश बजट 2019-20 हुआ पेश, तीन शहरों में शुरू होंगी हवाई सेवा, कोई नया टैक्स नहीं होगा लागू
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में वर्ष 2019-20 का बजट विधानसभा में पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री तरुण भनोत द्वारा बजट पेश करते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। बता दें 15 साल बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य में बजट पेश किया है। कमलनाथ सरकार ने अपने पहले बजट में आदिवासियों के लिए अलग से एटीएम और इसके अलावा दतिया, रीवा व उज्जैन से हवाई सेवा शुरू करने का ऐलान किया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि, 'मुझे इस बजट को पढ़ते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार ने कम समय में ही प्रदेश की जनता के लिए काम किया। इस बीच आचार संहिता भी रही है, जिसमें हमने 128 दिनों में किसानों का कर्जा माफ, बिजली का बिल माफ किया और युवाओं के लिए काम किया।' उन्होंने कहा कि, कमलनाथ सरकार घोषणावीर न होकर कर्मवीर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट में इस बार कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि भी बढ़ा दी गई है। उद्योगों में युवाओं की भागीदारी होगी। बता दें गरीबी में देश के 29 राज्यों में मध्यप्रदेश 27वें स्थान पर है। इसका जिक्र करते हुए भनोट ने एक शेर पढ़ा कि, 'तेरे पास जो है उसी की फिक्र कर, यहां आसमां के पास भी खुद की जमीन नहीं है।' बजट में क्या है खास- छिंदवाड़ा में यूनिवर्सिटी खोलने का ऐलान। श्रमिक कल्याण के लिए नया सवेरा योजना। सड़कों का जाल बिछेगा। दतिया, रीवा, उज्जैन में हवाई सेवा शुरू होगी। आदिवासियों के लिए अलग से एटीएम। नयी MSME नीति लायी जा रही है। स्कूल शिक्षा के लिए 24,472 करोड़ का प्रावधान। अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए 22 हजार करोड़ का प्रावधान। अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए 33 हजार करोड़ का प्रावधान। 3 नए विश्वविद्यालय शुरू होंगे। ग्वालियर में डेयरी और फूड प्रोसेसिंग कॉलेज। राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश का प्रयास। उद्योग नीति में बदलाव किया जाएगा। उद्योगों में युवाओं की भागीदारी। खेलों के विकास के लिए खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल और स्वीमिंग अकादमी शुरू की जाएगी। गौ शालाओं का विकास प्राथमिकता। राजधानी भोपाल में आधुनिक पुस्तकालय खोले जाएंगे। कृषि सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकार कानून लागू किया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग के लिए कमलनाथ सरकार खास पैकेज लाएगी। बागवानी पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बागवानी और फूड प्रोसेसिंग के लिए 400 करोड़ रुपए। अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षा को रोजगार मूलक बनाया जाएगा। भिंड के पेड़े, सागर की चिरोंजी की बर्फी, मुरैना की गजक जैसे क्षेत्रीय उत्पादों की ब्रांडिग की जाएगी। ये भी पढ़े... 15 साल बाद आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार पेश करेगी बजट, ये हो सकती हैं बड़ी चुनौतियां बजट में हुए ये 7 बड़े ऐलान, जिनका आम से खास लोगों तक पर पड़ेगा बड़ा असर बजट 2019 में सरकार का महिलाओं को बड़ा तोहफा, मिलेगा 1 लाख तक मुद्रा लोन और जनधन खाते में ओवर ड्रॉफ्ट की सुविधा मोदी सरकार 2.0 का बजट पेश, इन 10 प्वाइंट्स में बताई देश के विकास की नई तस्वीर Read the full article
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मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज has been published on PRAGATI TIMES
मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मंत्री की याचिका को खारिज कर दी।
मंत्री ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने के आदेश को चुनौती दी थी। मिश्रा की याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखने वाली न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने याचिका खारिज कर दी। निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च के ब्योरे में पेड न्यूज पर हुए खर्च का खुलासा न करने को लेकर 23 जून को उन्हें अयोग्य ठहरा दिया और तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी। मिश्रा ने निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली। इसके बाद मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए मामले की उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय से आपात सुनवाई की मांग की थी, ताकि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा ले सकें। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मिश्रा को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था। नरोत्तम संसदीय मामलों के मंत्री हैं और विधानसभा का सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी है। साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मीडिया को दिए गए पेड न्यूज का ब्योरा नहीं देने के लिए मिश्रा को अयोग्य ठहराते हुए आयोग ने कहा कि वह पेड न्यूज के खतरे को लेकर चिंतित है, जो चुनाव में काफी तेजी से बढ़ रहा है। मिश्रा को अयोग्य ठहराने का आयोग का यह आदेश कांग्रेस के विधायक भारती द्वारा साल 2009 में दाखिल शिकायत पर आया है। भारत दतिया विधानसभा क्षेत्र से मिश्रा से चुनाव हार गए थे।
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मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज has been published on PRAGATI TIMES
मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मंत्री की याचिका को खारिज कर दी।
मंत्री ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने के आदेश को चुनौती दी थी। मिश्रा की याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखने वाली न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने याचिका खारिज कर दी। निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च के ब्योरे में पेड न्यूज पर हुए खर्च का खुलासा न करने को लेकर 23 जून को उन्हें अयोग्य ठहरा दिया और तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी। मिश्रा ने निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली। इसके बाद मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए मामले की उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय से आपात सुनवाई की मांग की थी, ताकि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा ले सकें। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मिश्रा को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था। नरोत्तम संसदीय मामलों के मंत्री हैं और विधानसभा का सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी है। साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मीडिया को दिए गए पेड न्यूज का ब्योरा नहीं देने के लिए मिश्रा को अयोग्य ठहराते हुए आयोग ने कहा कि वह पेड न्यूज के खतरे को लेकर चिंतित है, जो चुनाव में काफी तेजी से बढ़ रहा है। मिश्रा को अयोग्य ठहराने का आयोग का यह आदेश कांग्रेस के विधायक भारती द्वारा साल 2009 में दाखिल शिकायत पर आया है। भारत दतिया विधानसभा क्षेत्र से मिश्रा से चुनाव हार गए थे।
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मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज has been published on PRAGATI TIMES
मप्र के अयोग्य ठहराए गए मंत्री की याचिका खारिज
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मंत्री की याचिका को खारिज कर दी।
मंत्री ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने के आदेश को चुनौती दी थी। मिश्रा की याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रखने वाली न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने याचिका खारिज कर दी। निर्वाचन आयोग ने चुनाव खर्च के ब्योरे में पेड न्यूज पर हुए खर्च का खुलासा न करने को लेकर 23 जून को उन्हें अयोग्य ठहरा दिया और तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी। मिश्रा ने निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली। इसके बाद मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए मामले की उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय से आपात सुनवाई की मांग की थी, ताकि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा ले सकें। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को मिश्रा को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था। नरोत्तम संसदीय मामलों के मंत्री हैं और विधानसभा का सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी है। साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय मीडिया को दिए गए पेड न्यूज का ब्योरा नहीं देने के लिए मिश्रा को अयोग्य ठहराते हुए आयोग ने कहा कि वह पेड न्यूज के खतरे को लेकर चिंतित है, जो चुनाव में काफी तेजी से बढ़ रहा है। मिश्रा को अयोग्य ठहराने का आयोग का यह आदेश कांग्रेस के विधायक भारती द्वारा साल 2009 में दाखिल शिकायत पर आया है। भारत दतिया विधानसभा क्षेत्र से मिश्रा से चुनाव हार गए थे।
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मप्र : पेड न्यूज मामले में मंत्री को राहत नहीं has been published on PRAGATI TIMES
मप्र : पेड न्यूज मामले में मंत्री को राहत नहीं
ग्वालियर, (आईएएनएस)| भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज मामले में तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए गए मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर से उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ में दायर याचिका पर उन्हें बुधवार को कोई राहत नहीं मिल पाई।
न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय कर दी है। मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ के न्यायाधीशों के तबादले के विरोध में अधिवक्ताओं के मंगलवार से शुक्रवार तक हड़ताल पर चले जाने के कारण न्यायाधीश अग्रवाल के सामने मिश्रा ने स्वयं अपना पक्ष रखा, और निर्वाचन आयोग के फैसले पर स्थगन की मांग की। जबकि प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने न्यायाधीश से मिश्रा को स्थगन न देने का अनुरोध किया। मिश्रा ने न्यायालय के बाहर कहा, “न्यायाधीश के सामने अपनी बात रखी और कहा कि पेड न्यूज का कोई मामला ही नहीं है। मैं वर्ष 2013 में दोबारा निर्वाचित होकर आया। फरियादी के पास पेड न्यूज का कोई सबूत नहीं है, कोई भी घर में छापकर पेड न्यूज बता सकता है, लिहाजा चुनाव आयोग के आदेश पर स्थगन दिया जाए।” प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने स्थगन न दिए जाने का अनुरोध करते हुए अधिवक्ताओं की हड़ताल का जिक्र किया और तारीख आगे बढ़ाने की अपील की। भारती के अधिवक्ता प्रतीत बिसौरिया ने आईएएनएस को बताया, “अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते मिश्रा और भारती स्वयं अदालत में उपस्थित हुए। दोनों की ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ, साथ ही आयोग का अधिवक्ता भी उपस्थित नहीं हुआ, जिसके कारण दोनों ने स्वयं अपना पक्ष रखा। न्यायाधीश अग्रवाल ने दोनों की बातें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा और मंत्री मिश्रा को किसी तरह की राहत नहीं देते हुए, मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई तय कर दी है।” ज्ञात हो कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा दतिया से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में पैसे देकर खबर छपवाने और खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाते हुए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग में वर्ष 2009 में शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग का 24 जून को फैसला आया। आयोग ने आरोपों को सही पाया और मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया। ��योग के फैसले के खिलाफ मंत्री मिश्रा ने उच्च न्यायालय का रुख किया। 30 जून की सुनवाई में चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय की मांग की, जिसे न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई पांच जुलाई को तय की थी। दूसरी ओर भारती की ओर से केवियट दायर है, जिसमें कहा गया है कि किसी तरह का फैसला लिए जाने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए।
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मप्र : पेड न्यूज मामले में मंत्री को राहत नहीं
ग्वालियर, (आईएएनएस)| भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज मामले में तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए गए मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर से उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ में दायर याचिका पर उन्हें बुधवार को कोई राहत नहीं मिल पाई।
न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय कर दी है। मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ के न्यायाधीशों के तबादले के विरोध में अधिवक्ताओं के मंगलवार से शुक्रवार तक हड़ताल पर चले जाने के कारण न्यायाधीश अग्रवाल के सामने मिश्रा ने स्वयं अपना पक्ष रखा, और निर्वाचन आयोग के फैसले पर स्थगन की मांग की। जबकि प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने न्यायाधीश से मिश्रा को स्थगन न देने का अनुरोध किया। मिश्रा ने न्यायालय के बाहर कहा, “न्यायाधीश के सामने अपनी बात रखी और कहा कि पेड न्यूज का कोई मामला ही नहीं है। मैं वर्ष 2013 में दोबारा निर्वाचित होकर आया। फरियादी के पास पेड न्यूज का कोई सबूत नहीं है, कोई भी घर में छापकर पेड न्यूज बता सकता है, लिहाजा चुनाव आयोग के आदेश पर स्थगन दिया जाए।” प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने स्थगन न दिए जाने का अनुरोध करते हुए अधिवक्ताओं की हड़ताल का जिक्र किया और तारीख आगे बढ़ाने की अपील की। भारती के अधिवक्ता प्रतीत बिसौरिया ने आईएएनएस को बताया, “अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते मिश्रा और भारती स्वयं अदालत में उपस्थित हुए। दोनों की ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ, साथ ही आयोग का अधिवक्ता भी उपस्थित नहीं हुआ, जिसके कारण दोनों ने स्वयं अपना पक्ष रखा। न्यायाधीश अग्रवाल ने दोनों की बातें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा और मंत्री मिश्रा को किसी तरह की राहत नहीं देते हुए, मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 ज��लाई तय कर दी है।” ज्ञात हो कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा दतिया से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में पैसे देकर खबर छपवाने और खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाते हुए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग में वर्ष 2009 में शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग का 24 जून को फैसला आया। आयोग ने आरोपों को सही पाया और मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया। आयोग के फैसले के खिलाफ मंत्री मिश्रा ने उच्च न्यायालय का रुख किया। 30 जून की सुनवाई में चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय की मांग की, जिसे न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई पांच जुलाई को तय की थी। दूसरी ओर भारती की ओर से केवियट दायर है, जिसमें कहा गया है कि किसी तरह का फैसला लिए जाने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए।
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मप्र : मंत्री नरोत्तम मिश्रा को उच्च न्यायालय से राहत नहीं
ग्वालियर, (आईएएनएस)| भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज के मामले में तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए गए मध्य प्रदेश सरकार के विधि-विधाई और संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ से राहत नहीं मिल पाई है।
न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख पांच जुलाई तय की है। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा दतिया से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में पैसे देकर खबर छपवाने और खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाते हुए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग में वर्ष 2009 में शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग का 24 जून का फैसला आया। आयोग ने आरोपों को सही पाया और मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया। भारती के अधिवक्ता प्रतीत बिसौरिया ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, “चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा की ओर से याचिका दायर की गई। भारती ने न्यायालय में केवियट लगाकर किसी भी फैसले से पहले उनका पक्ष सुने जाने का अनुरोध किया।” बिसौरिया के मुताबिक, “शुक्रवार को न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई। चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने जवाब के लिए समय मांगा, जिस पर न्यायाधीश ने अगली सुनवाई की तारीख पांच जुलाई तय कर दी। मिश्रा के अधिवक्ता की ओर से स्थगन का अनुरोध किया गया, मगर न्यायालय ने इंकार कर दिया।” ज्ञात हो कि बीते आठ वर्ष से चल रहे इस मामले में उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने प्रारंभ में मिश्रा को राहत दे दी थी, मगर यह राहत ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाई। मिश्रा ने फिर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली। सर्वोच्च न्यायालय ने मिश्रा को अपनी बात उच्च न्यायालय में ही रखने को कहा। उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग जाने का निर्देश दिया। आयोग ने सुनवाई पूरी करते हुए 24 जून को फैसला सुना दिया। मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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