#तो फ
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mahaveersda · 3 days ago
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tenaciousbananabird · 8 months ago
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furrypeanutfan · 9 months ago
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ranjit19372 · 17 days ago
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#GodMorningFriday
#noidagbnup16
कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् रोइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
परंतु इसमें परमात्मा का जिक्र है। इसलिए कबीर को कबीर ही लिख दिया जाए तो अल्लाह का नाम स्पष्ट ह��ता जाता है जो अनिवार्य है और ग्रंथ की सार्थकता स्पष्ट होती है।
अंत���म नबी, बाखबर संत रामपाल जी महाराज
मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन
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9643267226 · 19 days ago
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#GodMorningWednesday
#noidagbnup16
कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् रोइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
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thrillingtour · 5 days ago
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Ezy Plugin क्या है
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Ezy Plugin एक शक्तिशाली उपकरण है जो वेबसाइटों के विक��स और प्रबंधन में मदद करता है। यह एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया प्लगइन है जो उपयोगकर्ताओं को उनकी वेबसाइटों की कार्यक्षमता बढ़ाने की अनुमति देता है। Ezy Plugin को मुख्य रूप से वेबसाइट के डिज़ाइन, ऑप्टिमाइजेशन, और यूज़र एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह विशेष रूप से उन डेवलपर्स और साइट प्रबंधकों के लिए उपयुक्त है, जो बिना कोडिंग के जटिल कार्यों को सरलता से करना चाहते हैं।
Ezy Plugin  WordPress वेबसाइट के लिए एक अत्यधिक उपयोगी और आसान टूल है, जो बिना किसी कोडिंग या तकनीकी ज्ञान के वेबसाइट के डिज़ाइन और कार्यक्षमता को कस्टमाइज करने की अनुमति देता है। यह प्लगइन उन उपयोगकर्ताओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, जो वेबसाइटों के डिज़ाइन या फीचर्स को कस्टमाइज करना चाहते हैं, लेकिन कोडिंग और तकनीकी जानकारियों से अनजान हैं। Ezy Plugin का उपयोग करके, आप अपनी वेबसाइट पर बटन, इमेज गैलरी, पॉप-अप्स, स्लाइडर्स, कस्टम फ़ॉर्म्स, SEO सुधारने वाले टूल्स और अन्य इंटरएक्टिव फीचर्स जोड़ सकते हैं, जिससे वेबसाइट की उपयोगिता और आकर्षण बढ़ता है।
Ezy Plugin का उद्देश्य
Ezy Plugin का मुख्य उद्देश्य वर्डप्रेस वेबसाइट के उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधाजनक, सहज और कस्टमाइज्ड अनुभव प्रदान करना है। यह बिना किसी कोडिंग के जटिल कार्यों को आसान बनाता है और वेबसाइट के प्रदर्शन में सुधार करता है। इसके अलावा, यह उपयोगकर्ताओं को वेबसाइट को अधिक इंटरएक्टिव और आकर्षक बनाने में मदद करता है, जिससे वेबसाइट पर विज़िटर्स की संख्या बढ़ सकती है और यूज़र एंगेजमेंट भी बेहतर हो सकता है।
Ezy Plugin के प्रमुख फीचर्स
कस्टम डिज़ाइन एलिमेंट्स: Ezy Plugin का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को बिना किसी कोडिंग के कस्टम डिज़ाइन तत्व जोड़ने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी वेबसाइट पर किसी इमेज गैलरी या स्लाइडर को जोड़ना चाहते हैं, तो यह प्लगइन आपको इसे सरलता से करने का तरीका प्रदान करता है।
स्लाइडर्स: स्लाइडर्स का उपयोग वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ या अन्य पृष्ठों पर विभिन्न प्रकार की जानकारी, छवियाँ या उत्पाद दिखाने के लिए किया जाता है।
इमेज गैलरी: आप अपने उत्पादों या सेवाओं की एक गैलरी बना सकते हैं, जिससे विज़िटर्स को आपके काम या सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।
इंटरएक्टिव टूल्स: वेबसाइट पर विज़िटर्स को आकर्षित करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए, Ezy Plugin इंटरएक्टिव टूल्स प्रदान करता है, जैसे कि पॉप-अप्स, कॉल टू एक्शन बटन, और कस्टम फ़ॉर्म्स। पॉप-अप्स का उपयोग वेबसाइट पर विशेष प्रचार या सूचना देने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी ऑफ़र या नए उत्पाद के बारे में बताना चाहते हैं, तो आप पॉप-अप का उपयोग कर सकते हैं।
कॉल टू एक्शन बटन (CTA): यह बटन उपयोगकर्ताओं को किसी विशेष क्रिया करने के लिए प्रेरित करते हैं, जैसे कि “अब खरीदें” या “अभी संपर्क करें”।
SEO फ्रेंडली: SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) किसी भी वेबसाइट की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे आपकी वेबसाइट सर्च इंजन के परिणामों में उच्च रैंक प्राप्त करती है। Ezy Plugin SEO टूल्स प्रदान करता है जो वेबसाइट के SEO को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह आपको वेबसाइट के प्रत्येक पृष्ठ पर मेटा टैग्स, कीवर्ड, और अन्य SEO-फ्रेंडली विशेषताएँ जोड़ने की अनुमति देता है, जिससे आपकी साइट सर्च इंजन में बेहतर रैंक कर सकती है।
विज़िटर ट्रैकिंग और एनालिटिक्स: Ezy Plugin विज़िटर ट्रैकिंग और एनालिटिक्स प्रदान करता है, जिससे आप जान सकते हैं कि आपकी वेबसाइट पर कितने लोग आ रहे हैं, वे किस पृष्ठ पर ज्यादा समय बिता रहे हैं, और वे कौन से पृष्ठ छोड़ रहे हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपकी वेबसाइट पर कौन से तत्व काम कर रहे हैं और कहां सुधार की आवश्यकता है। आप यह जानकारी वेबसाइट के प्रदर्शन को सुधारने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
कस्टम फॉर्म्स और पॉप-अप्स: Ezy Plugin उपयोगकर्ताओं को कस्टम फ़ॉर्म बनाने की अनुमति देता है, जिन्हें आप अपनी वेबसाइट पर किसी भी पृष्ठ पर जोड़ सकते हैं। यह विशेष रूप से संपर्क फ़ॉर्म, न्यूज़लेटर साइनअप या सर्वे फॉर्म के लिए उपयोगी होता है। पॉप-अप्स के माध्यम से, आप उपयोगकर्ताओं को विशेष ऑफ़र, न्यूज़लैटर साइनअप या किसी महत्वपूर्ण सूचना के बारे में सूचित कर सकते हैं।
इंस्टेंट सेटअप और कस्टमाइजेशन: Ezy Plugin का उपयोग करना बेहद सरल है। इसे इंस्टॉल करना और सेटअप करना बहुत ही आसान होता है। इसमें एक सहज यूज़र इंटरफ़ेस होता है, जो उपयोगकर्ताओं को बिना किसी तकनीकी ज्ञान के कस्टम डिज़ाइन और फीचर्स जोड़ने की सुविधा देता है। इसके साथ, आपको कोई जटिल कोडिंग या सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट सीखने की आवश्यकता नहीं होती है।
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praysure · 16 days ago
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पूजा से जुड़ी हुईं अति महत्वपूर्ण बातें 
मनुष्य अपने जीवनकाल में सदैव कुछ ना कुछ प्राप्ति करने का उदेश्य रखता है | और अपने इस उदेश्य की प्राप्ति हेतु सदैव भगवान को प्रसन्न करने का प्रयत्न करता है | पूजा पाठ से संबधीत कुछ एसी बाते हैं जिसका हम अकसर ध्यान नहीं देते हैं और हमे हमारे पूजा का पूर्ण फ
मनुष्य अपने जीवनकाल में सदैव कुछ ना कुछ प्राप्ति करने का उदेश्य रखता है | और अपने इस उदेश्य की प्राप्ति हेतु सदैव भगवान को प्रसन्न करने का प्रयत्न करता है | पूजा पाठ से संबधीत कुछ एसी बाते हैं जिसका हम अकसर ध्यान नहीं देते हैं और हमे हमारे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है | तो आइये जानते है कुछ पूजा से जुड़ी हुईं अति महत्वपूर्ण बातें | ★ एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। ★ सोए हुए व्यक्ति का…
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rakeshs9082983073 · 17 days ago
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#GodMorningFriday
#noidagbnup16
कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् रोइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
परंतु इसमें परमात्मा का जिक्र है। इसलिए कबीर को कबीर ही
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pappukushvaha123 · 17 days ago
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कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् रोइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
परंतु इसमें परमात्मा का जिक्र है। इसलिए कबीर को कबीर ही लिख दिया जाए तो अल्लाह का नाम स्पष्ट होता जाता है जो अनिवार्य है और ग्रंथ की सार्थकता स्पष्ट होती है।
अंतिम नबी, बाखबर संत रामपाल जी महाराज
अधिक जानकारी के लिए देखें
Sant Rampal Ji Maharaj
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harendra123 · 19 days ago
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कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् शैइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
परंतु इसमें परमात्मा का जिक्र है। इसलिए कबीर को कबीर ही लिख दिया जाए तो अल्लाह का नाम स्पष्ट होता जाता है जो अनिवार्य है और ग्रंथ की सार्थकता स्पष्ट होती है।
अंतिम नबी, बाखबर संत रामपाल जी महाराज
#GodMorningWednesday
#noidagbnup16
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snehagoogle · 5 months ago
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There is a belt of a lot of material between Jupiter and Mars
There is a belt of a lot of material between Jupiter and Mars, which we know as the asteroid belt. Although that belt is made up of dust particles, comets and some asteroids, still this belt has been named asteroid belt. Why is the belt between Jupiter and Mars named asteroid belt?
The belt of space between Jupiter and Mars is named the asteroid belt because it's filled with asteroids, which are solid, irregularly shaped bodies that resemble stars. The name "asteroid" means "star-like". 
Here are some other facts about the asteroid belt: 
Size
The asteroid belt contains millions of asteroids, ranging in size from boulders to a few thousand feet in diameter. The largest asteroid is Ceres, which is about one-quarter the size of the moon. 
Composition
The asteroids in the belt are made up of different materials, including clay, silicate rocks, nickel, and iron. 
Location
The asteroid belt is located more than two-and-a-half times farther from the sun than Earth. 
Origin
Astronomers believe that the asteroid belt is made up of material that never formed into a planet, or of the remains of a planet that broke apart. 
The asteroid belt is a torus-shaped region in the Solar System, centered on the Sun and roughly spanning the space between the orbits of the planets Jupiter and Mars. It contains a great many solid, irregularly shaped bodies called asteroids or minor planets.
Asteroids: Facts
NASA Science (.gov)
https://science.nasa.gov › solar-system › asteroids › facts
Composition
The three broad composition classes of asteroids are C-, S-, and M-types.
The C-type (chondrite) asteroids are most common. They probably consist of clay and silicate rocks, and are dark in appearance. They are among the most ancient objects in the solar system.
The S-types ("stony") are made up of silicate materials and nickel-iron.
The M-types are metallic (nickel-iron). The asteroids' compositional differences are related to how far from the Sun they formed. Some experienced high temperatures after they formed and partly melted, with iron sinking to the center and forcing basaltic (volcanic) lava to the surface.
The orbits of asteroids can be changed by Jupiter's massive gravity – and by occasional close encounters with Mars or other objects. These encounters can knock asteroids out of the main belt, and hurl them into space in all directions across the orbits of the other planets. Stray asteroids and asteroid fragments have slammed into Earth and the other planets in the past, playing a major role in altering the geological history of the planets and in the evolution of life on Earth.
Scientists continuously monitor Earth-crossing asteroids, whose paths intersect Earth's orbit, and near-Earth asteroids that approach Earth's orbital distance to within about 28 million miles (45 million kilometers) and may pose an impact danger. Radar is a valuable tool in detecting and monitoring potential impact hazards. By reflecting transmitted signals off objects, images and other information can be derived from the echoes. Scientists can learn a great deal about an asteroid's orbit, rotation, size, shape, and metal concentration.
Asteroid Classifications
Main Asteroid Belt: The majority of known asteroids orbit within the asteroid belt between Mars and Jupiter, generally with not very elongated orbits. The belt is estimated to contain between 1.1 and 1.9 million asteroids larger than 1 kilometer (0.6 miles) in diameter, and millions of smaller ones. Early in the history of the solar system, the gravity of newly formed Jupiter brought an end to the formation of planetary bodies in this region and caused the small bodies to collide with one another, fragmenting them into the asteroids we observe today.
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बृहस्पति ग्रह और मंगल ग्रह के बीच एक काफी कुछ सामग्री वाला बेल्ट मौजूद है
जिसे हम क्षुद्रग्रह बेल्ट के नाम से जानते है
वैसे तो वो बेल्ट धूल पार्टिकल्स कमेटस और कुछ क्षुद्रग्रहों से भी बना है फिर भी इस बेत्ट का नाम क्षुद्रग्रह बेल्ट रखा गया है
क्यों बृहस्पति ग्रह और मंगल ग्रह के बीच के बेल्ट का नाम क्षुद्रग्रह बेल्ट रखा गया है
बृहस्पति और मंगल के बीच अंतरिक्ष की पट्टी को क्षुद्रग्रह पट्टी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह क्षुद्रग्रहों से भरी हुई है, जो ठोस, अनियमित आकार के पिंड हैं जो सितारों से मिलते जुलते हैं। "क्षुद्रग्रह" नाम का अर्थ है "तारे जैसा"। क्षुद्रग्रह पट्टी के बारे में कुछ अन्य तथ्�� इस प्रकार हैं: आकार क्षुद्रग्रह पट्टी में लाखों क्षुद्रग्रह हैं, जिनका आकार पत्थरों से लेकर कुछ हज़ार फ़ीट व्यास तक है। सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह सेरेस है, जो चंद्रमा के आकार का लगभग एक-चौथाई है। संरचना बेल्ट में मौजूद क्षुद्रग्रह मिट्टी, सिलिकेट चट्टानों, निकल और लोहे सहित विभिन्न सामग्रियों से बने हैं। स्थान क्षुद्रग्रह पट्टी पृथ्वी की तुलना में सूर्य से ढाई गुना अधिक दूर स्थित है। उत्पत्ति खगोलविदों का मानना ​​है कि क्षुद्रग्रह पट्टी ऐसी सामग्री से बनी है जो कभी ग्रह नहीं बनी या किसी ग्रह के अवशेषों से बनी है जो टूटकर अलग हो गया। क्षुद्रग्रह बेल्ट सौर मंडल में एक टोरस के आकार का क्षेत्र है, जो सूर्य पर केंद्रित है और लगभग बृहस्पति और मंगल ग्रह की कक्षाओं के बीच के स्थान को फैलाता है। इसमें बहुत सारे ठोस, अनियमित आकार के पिंड हैं जिन्हें क्षुद्रग्रह या लघु ग्रह कहा जाता है।
क्षुद्रग्रह: तथ्य
NASA विज्ञान (.gov)
https://science.nasa.gov › solar-system › क्षुद्रग्रह › तथ्य
संरचना
क्षुद्रग्रहों की तीन व्यापक संरचना वर्ग C-, S- और M-प्रकार हैं।
C-प्रकार (चोंड्राइट) क्षुद्रग्रह सबसे आम हैं। वे संभवतः मिट्टी और सिलिकेट चट्टानों से बने होते हैं, और दिखने में गहरे रंग के होते हैं। वे सौर मंडल की सबसे प्राचीन वस्तुओं में से हैं।
S-प्रकार ("पत्थर") सिलिकेट सामग्री और निकल-लोहे से बने होते हैं।
M-प्रकार धातु (निकल-लोहा) हैं। क्षुद्रग्रहों की संरचनागत भिन्नताएँ इस बात से संबंधित हैं कि वे सूर्य से कितनी दूरी पर बने हैं। कुछ ने बनने के बाद और आंशिक रूप से पिघलने के बाद उच्च तापमान का अनुभव किया, जिसमें लोहा केंद्र में डूब गया और बेसाल्टिक (ज्वालामुखी) लावा सतह पर आ गया।
क्षुद्रग्रहों की कक्षाओं को बृहस्पति के विशाल गुरुत्वाकर्षण द्वारा बदला जा सकता है - और कभी-कभी मंगल या अन्य वस्तुओं के साथ निकट मुठभेड़ों द्वारा। ये मुठभेड़ें क्षुद्रग्रहों को मुख्य बेल्ट से बाहर कर सकती हैं, और उन्हें अन्य ग्रहों की कक्षाओं में सभी दिशाओं में अंतरिक्ष में फेंक सकती हैं। आवारा क्षुद्रग्रह और क्षुद्रग्रह के टुकड़े अतीत में पृथ्वी और अन्य ग्रहों से टकराए हैं, जिन्होंने ग्रहों के भूवैज्ञानिक इतिहास को बदलने और पृथ्वी पर जीवन के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
वैज्ञानिक लगातार पृथ्वी को पार करने वाले क्षुद्रग्रहों की निगरानी करते हैं, जिनके पथ पृथ्वी की कक्षा को काटते हैं, और पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रह जो पृथ्वी की कक्षीय दूरी के लगभग 28 मिलियन मील (45 मिलियन किलोमीटर) के भीतर आते हैं और प्रभाव का खतरा पैदा कर सकते हैं। रडार संभावित प्रभाव खतरों का पता लगाने और निगरानी करने में एक मूल्यवान उपकरण है। वस्तुओं से प्रेषित संकेतों को परावर्तित करके, प्रतिध्वनि से छवियाँ और अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वैज्ञानिक क्षुद्रग्रह की कक्षा, घूर्णन, आकार, आकृति और धातु सांद्रता के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।
क्षुद्रग्रह वर्गीकरण
मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट: अधिकांश ज्ञात क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर परिक्रमा करते हैं, आम तौर पर बहुत लम्बी कक्षाओं के साथ नहीं। अनुमान है कि इस बेल्ट में 1.1 से 1.9 मिलियन क्षुद्रग्रह हैं जो 1 किलोमीटर (0.6 मील) व्यास से बड़े हैं, और लाखों छोटे हैं। सौर मंडल के इतिहास के आरंभ में, नवगठित बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण ने इस क्षेत्र में ग्रहीय पिंडों के निर्माण को समाप्त कर दिया और छोटे पिंडों को एक दूसरे से टकराने के लिए मजबूर कर दिया, जिससे वे आज हम जो क्षुद्रग्रह देखते हैं उनमें विखंडित हो गए।
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pawanus · 9 months ago
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How do Koreans lose weight so fast?-कोरियाई लोग इतनी जल्दी वजन कैसे कम कर लेते हैं?
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कोरियाई लोग इतनी जल्दी वजन कैसे कम कर लेते हैं?
How do Koreans lose weight so fast : कोरियाई संस्कृति इन दिनों दुनिया भर में धूम मचा रही है, और उनकी खूबसूरती और फिटनेस के मानक कई लोगों को लुभाते हैं. अगर आप भी उन तारीफों वाले कोरियाई फिगर को पाने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप सोच रहे होंगे कि वे अपना वजन इतनी तेजी से कैसे कम कर लेते हैं?
Also Read : TonicGreens Supplements - Health
खैर, कोई जादुई फॉर्मूला नहीं है, लेकिन उनकी सफलता के पीछे कुछ आदतें जरूर हैं. आइए देखें वे कौन सी आदतें हैं:
पारंपरिक कोरियाई भोजन: कोरियाई लोग अपने भोज�� में साबुत, कम प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर ध्यान देते हैं. उनका आहार ज्यादातर सब्जियों, चावल, और मांस, मछली या समुद्री भोजन से भरपूर होता है. किम्ची, जो कि एक फ fermented गोभी है, लगभग हर भोजन में शामिल होता है. यह सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं और यह आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप कम खाते हैं।
कम चीनी और प्रोसेस्ड फूड: कोरियाई आहार में मीठे और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की मात्रा कम होती है. वे तले हुए भोजन और अस्वस्थ वसा से भी दूर रहते हैं. यह रणनीति कैलोरी की मात्रा को कम करती है और वजन घटाने में मदद करती है.
छोटे भाग का भोजन: कोरियाई भोजन परोसने के बर्तन आम तौर पर छोटे होते हैं, जो स्वाभाविक रूप से भाग के नियंत्रण को बढ़ावा देता है. साथ ही, वे धीरे-धीरे और ध्यान से खाते हैं, जो उनक�� शरीर को संतृप्ति के संकेतों को सुनने का मौका देता है.
व्यायाम: कोरियाई लोग शारीरिक रूप से सक्रिय रहने में विश्वास रखते हैं. वे चलने, दौड़ने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को प्राथमिकता देते हैं, जो दैनिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाता है.
पानी भरपूर पीना: कोरियाई लोग पूरे दिन भरपूर पानी पीते हैं, जो न केवल उन्हें हाइड्रेटेड रखता है बल्कि यह उनके शरीर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है.
यह ध्यान रखना जरूरी है कि हर किसी के शरीर और वजन घटाने के लक्ष्य अलग होते हैं. किसी भी नए डाइट या व्यायाम प्रोग्राम को शुरू करने से पहले डॉक्टर या डाइट विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Also Read :  What are some Korean tips to stay thin or lose weight?
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blogtozone · 1 year ago
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How To Make My First Song Full Guidence In Hindi
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अपना गीत विषय चुनें
दोस्तों सबसे पहला काम जो आपको करना है वह यह है की आपको गाने की थीम सोचना है की गाने की थीम क्या होगी। जैसे की आप अपने गाने में अपना कोई सैड एक्सपीरियंस शेयर कर सख्ते है, आप कोई प्यार भरा गाना लिख सख्ते है जिसे आप प्यार करते है उसे सोच कर, आप अपनी कोई स्टोरी अपने गाने के ज़रिये शेयर कर सख्ते है आदि आपको कोई भी एक थीम सोच लेना है अपने गाने के लिए। आपको कोशिश करना है की आपके गाने की थीम को लोग फील कर पाए, दोस्तों यह एक प्रो टिप है अगर आपने अपने गाने के ज़रिये लोगो को उस थीम का फील करा दिया न तो आपका गाना काफी ज्यादा चलेगा और आपके गाने के ट्रेंड में आपने की पॉसिबिलिटी काफी बढ़ जायेगी। तो गाइस आपको अपने गाने की थीम काफी ज्यादा अच्छी रखना है।
अपने गीत की संरचना चुनें
तो थीम चूसे करने के बाद आपको अपने गाने का स्ट्रक्चर decide करना होगा की आपके गाने का स्ट्रक्चर क्या होना चाहिए। आपको decide करना होगा की गाने में सबसे पहले इंट्रो आएगा या कोरस आएगा या वर्स आये। आपको अपने गाना का एक ढांचा तैयार करना होगा। दोस्तों अगर आपको पता नहीं है की इंट्रो क्या होता है या कोरस क्या होता है या वर्स क्या होता है तो आप इसे सर्च करके इसके बारे में जानकारी ले सख्ते है और यदि आप इसके बारे में हमसे जानना चाहते है तो आप हमे कमेंट करके कह सख्ते है हम जरूर सांग स्ट्रक्चर पर एक पूरा आर्टिकल लिखने की कोशिश करेंगे। फिर भी अगर में आपको शार्ट में समझाऊ तो गाने के शुरू में जो म्यूजिक आता है उसे हम इंट्रो कहते है, गाने की कोई भी लाइन बार - बार रिपीट होती है या जिस लाइन में गाने का टाइटल होता है उसे हम कोरस कहते है, गाने का ऐसा पार्ट जिस में हम अपनी स्टोरी बताते है उसे ��र्स कहते है, गाने के बीच में जो म्यूजिक आता है जो कोरस और वर्स को जोड़ता है उसे ब्रिज कहते है और गाने के आखरी पार्ट के म्यूजिक को outro बोलते है। तो दोस्तों आपको अपने गाने के स्ट्रक्चर को decide कर लेना होगा की कब गाने का कोरस आना है या कब गाने का वर्स आना है। तो यह थी गाना बनाने की दूसरी स्टेप, उम्मीद है आपको गाना बनाना आ रहा होगा।
अपने गीत के लिए एक मेलोडी लिखें
तो अब बारी आती है तीसरी स्टेप की, तो तीसरी स्टेप में आपको अपने गाने की मेलोडी बनाने की कोशिश करना है। अगर आपके दिमाग के कोई भी मेलोडी नहीं आती है तो आपको कोई भी अंडर रेटेड सांग सुन्ना है या कोई भी दूसरी भाषा के गाने सुन्ना है इससे आपके दिमाग में नयी - नयी मेलोडी आने लगेगी। या फिर आपको अपने casio या keyboard में रैंडम key को बजा के देखना है पर ध्यान रहे वह सभी key एक स्केल में होना चाहिए इससे भी आपको अपने गाने के लिए मेलोडी बनाने में काफी मदत होगी। तो इस तरह आपको अपने गाने के लिए मेलोडी बनाना है। और दोस्तों मेलोडी बनाने के बाद आपको उस मेलोडी की रिकॉर्ड जरूर कर लेना है क्योकि दोस्तों कई लोग मेलोडी बना तो लेते है लेकिन उसे ज्यादा समय तक अपने दिमाग में रख नहीं पाते और भूल जाते है। तो इसलिए आपको अपनी मेलोडी को रिकॉर्ड जरूर कर लेना है।
अपने गाने के लिए एक lyrics लिखें
तो अब बारी आती है आपके गाने की जान lyrics की। दोस्तों अब आपको अपने गाने का सबसे इम्पोर्टेन्ट काम करना ��ै और वह यही लिरिक्स लिखना। गाइस आपको लिरिक्स लिखते समय ध्यान रखना है की आप थीम से बाहर न जाओ क्योकि कई लोग अपनी लिरिक्स में अपनी थीम से बाहर चले जाते है जिसकी वजह से उनके गाने को लोग फील नहीं कर पाते और उनका गाना ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाता या चल नहीं पाता। दोस्तों आपको यह बात को समझ लेना होगा की आपके गाने की लिरिक्स आपके गाने की आत्मा है, अगर गाने की लिरिक्स अच्छी नहीं हुई न तो आप उसमे कितना ही कुछ करलो आपका गाना अच्छा नहीं बनेगा।
रिकॉर्ड करें और संपादित करें
गाइस लिरिक्स लिखने और बाकी काम करने के बाद आपको एक अच्छे स्टूडियो जाना है और उसे आपको अपना गाना सुनना है, गाना सुनाने के बाद आपको उस गाने को अच्छे से रिकॉर्ड करवा देना है और इसके बाद आपको उसके साथ बैठके गाने की मिक्सिंग और मास्टरिंग करवा देना है। दोस्तों अगर आप उसके साथ बैठके ही मिक्सिंग - मास्टरिंग करवाओगे तो यह काफी अच्छा रहेगा। यदि दोस्तों आपके शहर में कोई अच्छा म्यूजिक स्टूडियो नहीं है तो आप अपने गाने को मेट्रोनम सुनके अपने मोबाइल के माइक्रोफोन से रिकॉर्ड करके ऑनलाइन किसी अच्छे म्यूजिक producer से अपने गाने की  मिक्सिंग मास्टरिंग करवा सख्ते हो। पूरी जानकारी जल्द से जल्द तो गाइस चलिए इस पूरे आर्टिकल का जल्दी से revision कर लेते है, तो सबसे पहले हमने जाना की हमे सबसे पहले अपने गाने की थीम decide कर लेना चाहिए, फिर हमे अपने गाने का structure decide करना चाहिए, और फिर हमे अपने गाने की मेलोडी बनाना चाहिए, और इसके बाद हमे अपने गाने की लिरिक्स बनाना चाहिए और लिरिक्स बनाने में हमे अपना सबसे ज्यादा समय देना चाहिए क्योकि गाने की लिरिक्स गाने का हार्ट होत�� है, और फिर आखिर में हमे अपने गाने को रिकॉर्ड करना चाहिए और उसे किसी अच्छे म्यूजिक एडिटर से एडिट करवाना चाहिए। तो गाइस यह था पूरा आर्टिकल पहले गाने को बनाने के ऊपर उम्मीद है आपको पसंद आया होगा। इस अर्टिकलर को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत - बहुत धन्यवाद। Read the full article
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abhinews1 · 2 years ago
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सिविल अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंचे एसडीएम
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सिविल अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंचे एसडीएम
बुधवार को नवागत एसडीएम प्रदीप कौरव ने शासकीय सिविल अस्पताल लांजी का औचक निरीक्षण किया। जहां विभिन्न प्रकार की कमियां पाए जाने पर उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार लाने की बात कहते हुए बीएमओं प्रदीप गेडाम को जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों को नोटिस देने की बात कही है। साथ ही एसडीएम ने कहा है कि निर्धारित समय अवधि में अस्पताल प्रबंधन अपनी कमियों को सुधारे, उनके द्वारा किसी अधिकारी को तैनात कर समय समय पर अस्पताल के निरीक्षण किए जाते रहेंगे। 31 मई को शासकीय सिविल अस्पताल लांजी में जब औचक निरीक्षण के लिए एसडीएम प्रदीप कौरव पहुंचे तो यहां की व्यवस्थाएं देखकर उन्होंने उपस्थित कर्मचारियों को जमकर फ टकार लगाई। साथ ही एसडीएम ने अस्पताल की कमियों का उल्लेख करते हुए बताया है कि अस्पताल में संधारित उपस्थिति पंजी में किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या प्रभारी अधिकारी द्वारा आज दिनांक तक जांच नहीं की जाना पाया गया। सभी यूनिटों में जा-जाकर की बारीकी से जांच….. बुधवार की सुबह-सुबह निरीक्षण के दौरान एसडीएम प्रदीप कौरव काफी एक्शन मोड में नजर आए और सिविल अस्पताल लंाजी की सभी यूनिटों में जाकर बारीकी से जांच की। वहीं पोषण पुनर्वास केंद्र में पहुंचने पर उन्होने सफाई व्यवस्था को लेकर जमकर नाराजगी व्यक्त की और पोषण पुनर्वास प्रभारी के नियत समय पर न पहुंचने पर बीएमओ से सवाल किया और उनके अस्पताल पहुंचने का समय पूछा। श्री कौरव ने भोजन कक्ष में प्रवेश किया तो उन्हें वहां भी गंदगी का अंबार देखने को मिला जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हे भी व्यवस्था में सुधार लाने की हिदायत दी। पुनर्वास केंद्र से निकलते समय जब केंद्र प्रभारी पहुंची तो उन्हें भी समय पर न आने का करण पूछा जिनके द्वारा अपना समय 10.30 के बाद आने का बताया गया जिस पर एसडीएम ने उन्हें भी व्यवस्थाओं में सुधार और सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने की हिदायत दी।
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pappukushvaha123 · 21 days ago
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कबीर खुदा का नाम कबीर
सूरह मुल्क 67 आयत 9
कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् रोइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।
आयत के अनुवादकर्ताओं ने इस आयत के अनुवाद में कबीर का अर्थ बड़ा किया है।
लेकिन इस आयत में बताया है कि "वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था। हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज (जैसा तू बता रहा है) नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
कबीर अरबी भाषा का शब्द माना जाता है जिसका अर्थ बड़ा है। वैसे कोई भी शब्द है, उसका अर्थ तो होता ही है।
परंतु इसमें परमात्मा का जिक्र है। इसलिए कबीर को कबीर ही लिख दिया जाए तो अल्लाह का नाम स्पष्ट होता जाता है जो अनिवार्य है और ग्रंथ की सार्थकता स्पष्ट होती है।
अंतिम नबी, बाखबर संत रामपाल जी महाराज
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Sant Rampal Ji Maharaj
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dassravinder · 1 year ago
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आयत नं. 9:- कालू बला कद् जा-अना नजीरून् फ-कज्जब्ना व कुल्ना मा नज्ज-लल्लाहु मिन् शैइन् इन् अन्तुम् इल्ला फी जलालिन् कबीर।।9।।
मुसलमान विद्वान द्वारा किया गया अनुवाद:-
आयत नं. 9:- वे कहेंगे क्यों नहीं, जरूर हिदायत करने वा��ा आया था। लेकिन हमने उसको झुठला दिया और कहा कि खुदा ने तो कोई चीज नाजिल ही नहीं की। तुम तो बड़ी गलती में (पड़े हुए) हो।(9)
#AlKabir_Islamic
#SaintRampalJi
हज़रत मुहम्मद जी व उनके 1 लाख 80 हजार अनुयायी शाकाहारी थे। हज़रत मुहम्मद जी ने मुसलमानों को यह आदेश दिया था कि कभी भी "खून-ख़राबे व ब्याज़ के करीब ना भटकना" ( प्रमाण- पुस्तक जीवनी हज़रत मुहम्मद, सल्लाहु अलैहि वसल्लम, पृष्ठ 307 ) फिर क्यों मुसलमान धर्म में निर्दोष जानवरों का क़त्ल व मांस खाया जाता है ? यह अल्लाह के विधान के विरुद्ध है।
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