#तुलसी के ये उपाय
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खांसी में बलगम आ रहा है इसे घर पर कैसे ठीक करूं?
खांसी में बलगम आने की समस्या को घर पर ठीक करने के लिए आप कुछ प्राकृतिक और घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। ये उपाय बलगम को निकालने और गले की सफाई में मदद करेंगे। नीचे दिए गए उपायों को अपने दिनचर्या में शामिल करें:
1. गुनगुना पानी पिएं (Warm Water)
दिनभर गुनगुना पानी पिएं। यह बलगम को पतला करने और गले से बाहर निकालने में मदद करता है।
2. भाप लें (Steam Inhalation)
गर्म पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टस ऑयल डालकर भाप लें। यह साइनस को खोलने और बलगम निकालने में मदद करता है।
3. अदरक और शहद (Ginger & Honey)
अदरक का रस निकालकर उसमें शहद मिलाएं और दिन में 2-3 बार लें। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले को राहत देते हैं।
4. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)
रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पिएं। हल्दी एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है।
5. नम�� वाले पानी से गरारे (Salt Water Gargle)
गुनगुने पानी में चुटकीभर नमक डालकर दिन में 2-3 बार गरारे करें। यह गले में जमी बलगम को निकालने में मदद करता है।
6. मुलेठी (Mulethi)
मुलेठी चूसें या मुलेठी की चाय पिएं। यह गले की सूजन कम करने और बलगम को ढीला करने में मदद करता है।
7. तुलसी और काली मिर्च (Tulsi & Black Pepper)
तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें और उसमें काली मिर्च डालें। इस पानी को चाय की तरह पिएं। यह बलगम को हटाने में मदद करता है।
8. फलों का रस (Citrus Juices)
विटामिन सी युक्त फलों जैसे नींबू, संतरा, या मौसमी का रस पिएं। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और बलगम को कम करता है।
9. पर्याप्त आराम करें (Rest)
शरीर को आराम दें और ज्यादा काम करने से बचें। पर्याप्त नींद से शरीर जल्दी रिकवर करता है।
10. तेज मसाले (Spices)
हल्का मसालेदार खाना, जैसे मिर्च या अदरक, बलगम को जल्दी बाहर निकालने में मदद करता है।
यदि समस्या एक हफ्ते से ज्यादा बनी रहे, या बलगम में खून दिखाई दे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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Dr Premchandani's GI Surgery Clinic | Dr Dhiraj Premchandani Gastrointestinal & Laparoscopic Surgeon in Raipur
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Jukam Ka Desi Ilaj
जुकाम का देसी इलाज ( jukam ka desi ilaj )घरेलू उपायों से किया जा सकता है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत देते हैं। अदरक और शहद का मिश्रण, हल्दी वाला दूध, तुलसी की चाय और भाप लेना कुछ प्रभावी उपचार हैं। गर्म पानी से गरारे और काढ़ा पीने से भी सर्दी के लक्षण कम हो सकते हैं। ये उपाय इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से जल्दी राहत दिलाते हैं।
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (प्रतिपदा तिथि +गोवर्धन पूजा)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
जिस प्रकार बालरूपी श्री कृष्ण ने इंद्र का मानमर्दन किया उसी प्रकार ईश्वर आपके समस्त दुख, विपत्ति और कष्टों का भी मर्दन करे,
*🎁🎉आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवारजनों को पंचदिवसीय महापर्व दीपावली के चौथेे दिन गोवर्धन पूजा, सुहाग पड़वा और धोक पड़वा की कोटिशः शुभकामनाएँ |🎉🎁*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्��ु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योग���_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🙏🙏*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-02-नवम्बर-2024
वार:-------शनिवार
तिथि :---01प्रतिपदा 20:22
पक्ष:-----शुक्लपक्ष
माह:-----कार्तिक
नक्षत्र:----विशाखा:-29:58
योग:-----आयु:-11:17
करण:----किस्तुध्ना:-07:22
चन्द्रमा:---तुला 23:24/वृश्चिक
सूर्योदय:------06:51
सूर्यास्त:-------17:51
दिशा शूल------पूर्व
निवारण उपाय:---उङद या वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :------हेमंत ऋतु
गुलिक काल:---06:51से 08:15
राहू काल:---09:39से11:03
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-08:15से09:39तक
चंचल:-12:27से13:51तक
लाभ:-13:51से15:15तक
अमृत:-15:15से16:39तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-17:51से19:27तक
शुभ:-21:03से22:39तक
अमृत:-22:39से00:15तक
चंचल:-00:15से01:51तक
लाभ:-05:15से06:51तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 208वा दिन, गोवर्धन पूजा,अन्नकूट, गोक्रिडा,जैन संवत 2551 प्रारंभ, मार्गपाली, कार्तिक शुक्लादि, बलिपूजन, अभ्यंग स्नान, गुजराती नववर्ष प्रारंभ, बलिराज पूजा,
🌺👉टिप्स 👈🌺
कार्तिक मास में तुलसी जी के रोज 108 परिक्रमा करे।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
गोवर्धन पूजा के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्वत को श्री गिरिराज जी भी कहा जाता है। इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाकर उसकी पूजा रोली, चावल, खीर, बताशे, चावल, जल, दूध, पान, केसर, पुष्प आदि से दीपक जलाने के पश्चात की जाती है। गायों को स्नानादि कराकर उन्हें सुसज्जित कर उनकी पूजा करें। गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती कर प्रदक्षिणा करनी चाहिए।
श्री गिरिराज की परिक्रमा 7 कोस (21 किलोमीटर) की होती है और इस दिन हजारों लाखों लोग इस परिक्रमा को करने आते हैं। गोवर्धन पूजा से भक्तों को ��ृष्ण भगवान की विशेष कृपा मिलती हैं। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, बड़ी दिवाली के बाद आज चौथा नंबर गोवर्धन पूजा का है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है। कथा यह है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया " मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं" कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं।
इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? -
मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? मैईया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।
अन्नकूट -
अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह। विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस उत्सव या पर्व को नाम अन्नकूट पड़ा है। इस दिन अनके प्रकार का पक्वान, मिठाई आदि का भगवान को भोग लागायें। सभी नैवेद्यों के बीच भारत का पहाड़ अवश्य बनायें। भोग सामग्री की इतनी विविधता और विपुलता होनी चाहिए, जितनी बनाई जा सकें। अन्नकूट के रूप में अन्न और शाक-पक्वानों को भगवान को अर्पित किये जाते है तथा भगवान को अर्पण करने के पश्चात वह सर्वसाधारण में वितरण किया जाता है। कृषिप्रधान देश का यह अन्नमय यज्ञ वास्तव में सर्वसुखद है। अन्नकूट और गोवर्धन की यह पूजा आज भी कृष्ण और बिष्णु मन्दिरों में अत्यन्त उत्साह से की जाती है।
*सुविचार*
लोगों के चहरे को तव्वजों ना देकर ��गर दिल मे झाकोगे तो आपको और साफ दिखाई देगा।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*घरेलू चीज़ों से हटाइये चेहरे के बाल :-*
1. बेसन को हल्दी के साथ मिलाइए , उसमें सरसों का तेल डाल कर गाढा पेस्ट बनाइए। इसे चेहरे पर लगा कर रगडिये और इसे हफ्ते में दो बार लगाइये। ऐसा करने से चेहरा चमचमाने लगेगा।
2. हल्दी पाउडर को नमक के साथ मिलाइए। इसमें कुछ बूंदे नींबू और दूध की मिला सकती हैं। 5 मिनट के लिए मसाज कीजिए। इससे आपके चेहरे के बाल गायब होंगे और चेहरा सफेद भी होगा।
3. नींबू और शहद के पेस्ट को मिला कर अपने चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दीजिए। इसके बाद इसे रगड कर छुडाइए और ठंडे पानी से धो लीजिए।
4. चीनी डेड स्किन को हटाती है और चेहरे के बालों को जड़ से निकाल देती है। अपने चेहरे को पानी से गीला कीजिए उस पर चीनी लगा कर रगडिए। ऐसा हफ्ते में 2 बार जरुर कीजिए।
5. बेसन को हल्दी और दही के साथ मिलाए और चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाइए। इसे बाद में दूध और फिर ठंडे पानी से धो लीजिए। एएसा हफ्ते में 2 बार करें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
शत्रु भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। पुराना रोग उभर सकता है। उन्नति होगी। धनलाभ होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
भागदौड़ रहेगी। यात्रा सफल व मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन कार्य के अवसर प्राप्त होंगे।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कलह होगी। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हानि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
रयास सफल रहेंगे। सुख के साधन जुटेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। पीड़ा संभव है। अपने परिश्रम से लाभ प्राप्त करेंगे।
👩🏻🏫 *राशि फलादेश कन्या* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता रहेगी। धनहानि संभव है। कर्ज, आसान वित्त आदि प्राप्त होंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
कष्ट, भय व पीड़ा का माहौल बन सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
बेचैनी रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। व्ययवृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। नए व्यवसाय के लिए लोन लेंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश लाभप्रद रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। वाहनादि चलाते समय सावधानी रखें।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धनलाभ होगा। आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
विवेक से कार्य करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। धनार्जन होगा। जोखिम न लें। जमीन विवाद की आशंका रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। भागदौड़ रहेगी। बनता कार्य बिगड़ जाने से चिंता रहेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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महीनों तक रहने वाली खांसी का इलाज है ये पत्ता, एक बार इस्तेमाल करें तो गायब हो जाएगी खांसी-जुकाम!
एक बार खांसी शुरू होने पर यह कई हफ्तों तक रह सकती है। अगर आप कफ सिरप पीते हैं तो भी आपको राहत नहीं मिलेगी, ऐसे में कुछ घरेलू उपाय आपके काम आएंगे। बड़ी पत्ती आमतौर पर ज्यादातर घरों में उगाई जाती है, यह खांसी और सर्दी के लिए रामबाण की तरह है। इस पत्ते का रस पीने से खांसी ठीक हो जाएगी। बड़े पत्ते, तुलसी के पत्ते और पान के पत्ते का रस निकालकर शहद के साथ मिलाकर पियें तो सर्दी-खांसी दूर हो…
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घरेलू उपाय: प्राकृतिक तरीके से सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के 5 सरल नुस्खे
सेक्स टाइमिंग कम होना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। लेकिन इसका समाधान आपके घर में ही मौजूद हो सकता है। यहाँ 5 ��रेलू नुस्खे दिए जा रहे हैं, जो आपकी सेक्स टाइमिंग को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में मदद करेंगे।
1. बादाम और दूध:
रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में बादाम डालकर पीने से यौन शक्ति में सुधार होता है। बादाम में मौजूद प्रोटीन और विटामिन शरीर की ताकत को बढ़ाते हैं, जिससे आप लंबे समय तक सेक्स कर सकते हैं।
2. लहसुन:
लहसुन में मौजूद तत्व यौन अंगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे सेक्स टाइमिंग में सुधार होता है। नियमित रूप से लहसुन का सेवन आपकी सेक्स पावर को बढ़ाता है।
3. अदरक और शहद:
अदरक और शहद का मिश्रण यौन शक्ति बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होता है। यह मिश्रण शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यौन अंगों को मजबूत बनाता है।
4. व्यायाम:
नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो यौन अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है। विशेष रूप से पैल्विक फ्लोर एक्सरसाइज सेक्स टाइमिंग में सुधार करने में सहायक होती हैं।
5. ��ुलसी के बीज:
तुलसी के बीज यौन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इनका सेवन आपकी सेक्स टाइमिंग को प्राकृतिक तरीके से बढ़ा सकता है।
ये 5 घरेलू उपाय आपकी सेक्स टाइमिंग को बिना किसी साइड इफेक्ट के सुधार सकते हैं। यदि आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा की तलाश में हैं, तो ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियो से बनी देशी दावा आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। इसे एक बार जरूर आजमाए
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खांसी का घरेलू इलाज: प्राकृतिक तरीके से राहत
खांसी एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह असुविधाजनक हो सकती है। हालांकि, हमेशा दवाओं की जरूरत नहीं होती। कई प्राकृतिक घरेलू उपाय भी खांसी से राहत प्रदान कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम कुछ आसान, असरदार और सुरक्षित खांसी का घरेलू इलाज पर चर्चा करेंगे।
1. शहद और अदरक
शहद का उपयोग खांसी में बहुत प्रभावी होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले की सूजन को कम करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। अदरक में मौजूद जिंजरॉल और शोगाओल नामक तत्व खांसी को कम करने और गले की खराश से राहत प्रदान करते हैं।
कैसे उपयोग करें:
एक चम्मच शहद में कुछ बूंदें अदरक का रस मिलाएं।
इसे दिन में दो बार लें, विशेष रूप से सोने से पहले।
2. गर्म पानी और नमक का गरारा
गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करने से गले की सूजन कम होती है और बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है। यह तरीका सर्दी, खांसी और गले में खराश के लिए बेहद प्रभावी है।
कैसे करें:
एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं।
इस पानी से दिन में 2-3 बार गरारा करें।
3. तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश और खांसी से राहत प्रदान करते हैं। काली मिर्च में पिपराइन होता है, जो बलगम को साफ करने में मदद करता है।
कैसे बनाएं:
पानी में 5-6 तुलसी की पत्तियां और आधा चम्मच काली मिर्च मिलाकर उबालें।
इसे छानकर दिन में 2 बार पिएं।
4. भाप लेना
भाप लेने से नाक के मार्ग और फेफड़ों में जमा बलगम को हटाने में मदद मिलती है। यह खांसी के अलावा सर्दी और बंद नाक के लिए भी अच्छा उपाय है।
कैसे करें:
एक बर्तन में गर्म पानी लें और सिर को तौलिए से ढककर भाप लें।
इसमें कुछ बूंदें यूकेलिप्टस तेल की भी डाल सकते हैं।
5. हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ��ांसी और गले की सूजन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। दूध में हल्दी मिलाने से इसका असर और भी बढ़ जाता है।
कैसे उपयोग करें:
एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
सोने से पहले इसे पिएं।
6. पुदीना और शहद की चाय
पुदीने की पत्तियां म्यूकोसल झिल्ली को शांत करने में मदद करती हैं और बलगम को साफ करती हैं। शहद इस प्रक्रिया में और भी आराम प्रदान करता है।
कैसे बनाएं:
पानी में 5-6 पुदीने की पत्तियां डालकर उबालें।
इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे गर्म ही पिएं।
7. अंजीर का सेवन
अंजीर में उच्च मात्रा में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो खांसी से राहत प्रदान करने में सहायक होते हैं। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
कैसे उपयोग करें:
2-3 अंजीर को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
इसका नियमित सेवन खांसी में आराम दिलाता है।
निष्कर्ष
खांसी से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं, खासकर तब जब आप दवाइयों से बचना चाहते हैं। ये उपाय सरल हैं और अधिकतर सामग्री आपके घर में ही मिल जाएगी। अगर खांसी लंबे समय तक बनी रहती है या बढ़ती है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
सावधानी: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए किसी भी घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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विजया एकादशी क्या है पारस जी से जाने?
हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है और इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त हो तो इसके लिए विजया एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कब है विजया एकादशी का व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व ?
कब है विजया एकादशी 2024 ?
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है। क्योंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 6 मार्च को होगा इसलिए यह व्रत इसी दिन किया जायेगा। यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन व्रत रखना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सबसे पहले सवेरे उठकर स्नान आदि करें और फिर सच्चे मन से भगवान विष्णु का नाम लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को अक्षत, फल, पुष्प, चंदन, मिठाई, रोली, मोली आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है। श्रद्धा-भाव से पूजा कर अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांटें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ होता है क्योंकि इस पाठ को करने से लक्ष्मी जी आपके घर में वास करती हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के शुभ दिन किसी गोशाला में गायों के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें। विजया एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न , वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें।
विजया एकादशी पारण
विजया एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण किया जाता है। एकादशी व्रत में दूसरे दिन विधि-विधान से व्रत को पूर्ण किया जाता है। विजया एकादशी व्रत का पारण 7 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस व्रत का पारण करने से पहले आप ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करायें और साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान करें और इसके बाद ही स्वयं भोजन करें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। साल में जो 24 एकादशी आती हैं, हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की मुश्किलें दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का कहना है कि भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस एकादशी के प्रभाव से आपको विजय की प्राप्ति होती है। यानि विजय प्राप्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा करना बहुत ही महत्व���ूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उस मनुष्य के पितृ स्वर्ग लोक में जाते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें- कृं कृष्णाय नम:, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:। महंत श्री पारस भाई जी ने इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है। विजया एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशियों की तरह बहुत ही कल्याणकारी है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि यदि आप शत्रुओं से घिरे हो और कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, तब विजया एकादशी के व्रत से आपकी जीत निश्चित है।
इस दिन ये उपाय होते हैं बहुत ख़ास
तुलसी की पूजा विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी का प्रसाद भी ग्रहण करें। ऐसा करने से घर से दुःख दूर होते हैं और घर में खुशालीआती है ।
शंख की पूजा
विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा की तरह शंख पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंख को तिलक लगाने के बाद शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर शंख बजाएं। शंख से अभिषेक कर बजाना भी फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पीला चंदन प्रयोग करें
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के दिन पीले चंदन का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को और स्वयं भी पीले चंदन का टीका अवश्य लगाएं। पीले चंदन का टीका लगाने से आपको कभी असफलता नहीं मिलेगी और आपकी सदैव जीत होगी।
ॐ श्री विष्णवे नम: “पारस परिवार” की ओर से विजया एकादशी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
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बुध के गोचर से मालामाल हो जाएंगे ये जातक, बस इन जातकों को रहना होगा बहुत सतर्क!
ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और समृद्धि लाने में सक्षम होता है।
बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक्ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
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*🪷कामिका एकादशी महत्व एवं पूजा विधि और कामिका एकादशी व्रत कथा🪷*
सनातन धर्म में सावन माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी मनाई जाती है। इस साल 31 जुलाई बुधवार को कामिका एकादशी है। यह विशेष दिन श्रीहरि विष्णुजी को समर्पित माना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है और व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलता है। यह चातुर्मास महीने की पहली एकादशी होती है।
कहा जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने से साधक पर विष्णुजी की कृपा बनी रहती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त : इस दिन सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि यो�� में कामिका एकादशी मनाई जाएगी।
व्रत के दिन स्नानादि के बाद साफ और स्वच्छ कपड़े धारण करें।
विष्णुजी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद छोटी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। चौकी पर विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। अब मां लक्ष्मी और विष्णुजी के समक्ष दीपक जलाएं। उन्हें फल, फूल, धूप, दीप और नेवैद्य अर्पित करें। विष्णुजी की आरती उतारें और उनके मंत्रों का जाप करें। तत्पश्चात कामिका एकादशी की व्रत कथा पढ़ें। अंत में सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें और पूजा समाप्त करें।
कामिका एकादशी का व्रत हरि विष्णु जी को समर्पित है। कामिका एकादशी का महत्व इसलिए भी अधिक रहता है क्योंकि, यह सावन मास में आती है। कामिका एकादशी सावन मास में आने वाली पहली एकादशी है। इसलिए कामिका एकादशी के दिन पद्म पुराण में बताए गए उपाय अपनाने से व्यक्ति को भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यह उपाय मोक्ष दिलाने वाले और धन संपत्ति लाभ दिलाने वाले हैं। कामिका एकादशी के यह उपाय मोक्ष दिलाने के साथ ही सुख समृद्धि भी बढ़ाएंगे।
*सावन में कामिका एकादशी पर करें ये 6 उपाय, धन संपत्ति से होंगे मालामाल*
पद्मपुराण के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा तुलसी की मंजरी से करें ऐसे करने से जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। यमलोक नहीं जाना पड़ता है।
कामिका एकादशी पर पूजा के समय तिल के तेल से या घी का दीपक भगवान विष्णु को दिखाएं। पद्मपुराण के अनुसार, इस उपाय से पितृ लोक में पितृ संतुष्ट होते हैं और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
*मोक्ष के लिए करें ये उपाय*
इसके अलावा कामिका एकादशी पर आप गौसेवा करें गौमाताओं को भोजन कराएं एवं श्री कृष्ण की लीलाओं का पाठ करें। इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करें ऐसा करने से आपको मोक्ष मिलती है।
एकादशी के दिन तुलसी पीढ़ा को मिट्टी से लेपें। साथ ही तुलसी माता को दीपक दिखाना चाहिए और तुलसी पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य पाप मुक्त होता है और उन्हें सुखों समृद्धि की प्राप्ति होती है।
*कामिका एकादशी पर धन संपत्ति के लिए करें ये उपाय*
एकादशी के दिन गौमाताओं के निमित्त कुछ न कुछ दान अवश्य करें गौसेवा करने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है। यदि किसी के जीवन में आर्थिक दिक्कतें चल रही हैं तो वह भी समाप्त हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त घर मे हल्दी मिलाकर जल का छिड़काव करें और स्वास्तिक बनाएं ऐसे करने से घर मे देवी लक्ष्मी का वास होता है।
*कामिका एकादशी पर आरोग्य प्राप्ति के लिए उपाय*
कामिका एकादशी सावन की पहली एकादशी होती है। भगवान विष्णु के पूजन के साथ ही भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए ऐसे करने से आरोग्य और धन वैभव की प्राप्ति होती है।
*🪷 कामिका एकादशी व्रत कथा 🪷*
एक गाँव में एक वीर क्षत्रिय रहता था। एक दिन किसी कारण वश उसकी ब्राह्मण से हाथापाई हो गई और ब्राह्मण की मृत्य हो गई। अपने हाथों मर�� गये ब्राह्मण की क्रिया उस क्षत्रिय ने करनी चाही। परन्तु पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने बताया कि तुम पर ब्रह्म-हत्या का दोष है। पहले प्रायश्चित कर इस पाप से मुक्त हो तब हम तुम्हारे घर भोजन करेंगे।
इस पर क्षत्रिय ने पूछा कि इस पाप से मुक्त होने के क्या उपाय है। तब ब्राह्मणों ने बताया कि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भक्तिभाव से भगवान श्रीधर का व्रत एवं पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराके सदश्रिणा के साथ आशीर्वाद प्राप्त करने से इस पाप से मुक्ति मिलेगी। पंडितों के बताये हुए तरीके पर व्रत कराने वाली रात में भगवान श्रीधर ने क्षत्रिय को दर्शन देकर कहा कि तुम्हें ब्रह्म-हत्या के पाप से मुक्ति मिल गई है।
इस व्रत के करने से ब्रह्म-हत्या आदि के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और इहलोक में सुख भोगकर प्राणी अन्त में विष्णुलोक को जाते हैं। इस कामिका एकादशी के माहात्म्य के श्रवण व पठन से मनुष्य स्वर्गलोक को प्राप्त करते हैं।
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गुरु पूर्णिमा पर जरूर करें तुलसी के ये उपाय। Guru Purnima 2024 Date, Remedies
गुरु पूर्णिमा ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है , गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है
https://www.vinaybajrangi.com/festivals/guru-purnima.php
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🌳 श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ वी.जी.आई. मेरठ एवं विम्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) को “वृहद वृक्षारोपण, पर्यावरण संगोष्ठी एवं जागरूकता अभियान” 🌳
🌳 श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ वी.जी.आई. मेरठ एवं विम्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) को “वृहद वृक्षारोपण, पर्यावरण संगोष्ठी एवं जागरूकता अभियान” 🌳Date: 📆 5 जूनLocation: 🏫 श्री वैंकटेश्वरा संस्थान, वी.जी.आई. मेरठ एवं वन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान मेंEvent Description:
🌳 विश्व पर्यावरण दिवस पर वैंकटेश्वरा में वृहद वृक्षारोपण एवं “कनेक्ट पीपल्स विद नेचर” विषय पर संगोष्ठी व जागरूकता रैली |
🌳 उत्तर प्रदेश वन निगम एवं वैंकटेश्वरा के गजरौला व मेरठ परिसर के संयुक्त तत्वाधान में संस्थान परिसर व राजमार्ग के दोनों ओर 2100 पौधे रोप��त कर दिलायी गयी उनके संरक्षण व संवर्धन की शपथ |
🌳 संस्थान प्रबंधन ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों एवं छात्रों के साथ मिलकर बरगद, पीपल, पारिजात, तुलसी, आंवला, नीम, जामुन, रुद्राक्ष एवं बेल आदि औषधीय एवं छायादार वृक्ष रोपित कर दिया पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश |
🌡️ बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग एवं वैश्विक प्रदुषण से मुक्त होने का ‘वृहद वृक्षारोपण’ एकमात्र प्रभावी उपाय |
🎉 वन संरक्षक, दो डी.एफ.ओ., वन विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर, इंस्पेक्टर्स एवं एक दर्जन वन दरोगाओं को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मानित |
Key Speakers:
🎤 संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि
🎤 प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी
🎤 वरिष्ठ आई. एफ. एस. श्री एस.पी. सिंह
🎤 वन विभाग के वरिष्ठ डिप्टी रेंजर अधिकारी सुमित राठी आदि
Attendees:
🎉 संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि
🎉 प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी
🎉 वरिष्ठ आई. एफ. एस. श्री एस.पी. सिंह
🎉 वन विभाग के वरिष्ठ डिप्टी रेंजर अधिकारी सुमित राठी आदि
🎉 कुलसचिव डा. पीयूष पांडेय
🎉 डा. सी.पी. सिंह
🎉 डा. राजेश सिंह
🎉 डा. दिव्या गिरधर
🎉 डा. एना ब्राउन
🎉 डा. मंजरी राणा
🎉 अनुषा कर्णवाल
🎉 सुमनदीप कौर
🎉 जनसंपर्क से प्रशांत दहिया
🎉 सौमिक बनर्जी फोटोग्राफर सुमित घोष
🎉 कैंपस प्रबंधक श्री एस.एस. बघेल
🎉 अरुण गोस्वामी
🎉 मारुफ़ चौधरी
🎉 विशाल शर्मा
🎉 नवनीत सैनी
🎉 रिंकी शर्मा
🎉 संजीव पाल
🎉 मेरठ परिसर से डा. प्रताप सिंह
🎉 मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि
श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ वी.जी.आई. मेरठ एवं विम्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) को “वृहद वृक्षारोपण, पर्यावरण संगोष्ठी एवं जागरूकता अभियान” |
विश्व पर्यावरण दिवस पर वैंकटेश्वरा में वृहद वृक्षारोपण एवं “कनेक्ट पीपल्स विद नेचर” विषय पर संगोष्ठी व जागरूकता रैली |
उत्तर प्रदेश वन निगम एवं वैंकटेश्वरा के गजरौला व मेरठ परिसर के संयुक्त तत्वाधान में संस्थान परिसर व राजमार्ग के दोनों ओर 2100 पौधे रोपित कर दिलायी गयी उनके संरक्षण व संवर्धन की शपथ |
आईये विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सब शपथ ले कि अपने जन्मदिन, मैरिज एनीवर्सरी एवं अन्य सामाजिक व सांस्कृतिक उत्सवों पर पौधरोपण व रक्तदान कर उस शुभ अवसर को करेंगे सेलिब्रेट . डा. सुधीर गिरि, संस्थापक अध्यक्ष, वैंकटेश्वरा समूह |
संस्थान प्रबंधन ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों एवं छात्रों के साथ मिलकर बरगद, पीपल, पारिजात, तुलसी, आंवला, नीम, जामुन, रुद्राक्ष एवं बेल आदि औषधीय एवं छायादार वृक्ष रोपित कर दिया पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश |
बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग एवं वैश्विक प्रदुषण से मुक्त होने का ‘वृहद वृक्षारोपण’ एकमात्र प्रभावी उपाय . डा. राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति, श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान |
वन संरक्षक, दो डी.एफ.ओ., वन विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर, इंस्पेक्टर्स एवं एक दर्जन वन दरोगाओं को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मानित |
आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वैंकटेश्वरा संस्थान, वी.जी.आई. मेरठ एवं वन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर “वृहद वृक्षारोपण संगोष्ठी एवं पर्यावरण जागरूकता रैली” का शानदार आयोजन किया गया, जिसमे वक्ताओं ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण के साथ “पालीथीन मुक्त भारत” बनाने में सभी से अपना प्रभावी योगदान देने की अपील की | इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि ने क���ा कि आज ये एक सुखद संयोग है कि आज ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी का जन्मदिवस है | इस अवसर पर हम सब मिलकर शपथ लेते है कि सभी सामाजिक आयोजन जैसे जन्मदिन, शादी की सालगिरह, नामकरण संस्कार आदि शुभ अवसरों पर एक दूसरे को उपहार के रूप में पौधे भेंटकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी “क्लीन इंडिया - ग्रीन इंडिया” के सपने को साकार करने में अपना प्रभावी योगदान देकर राष्ट्र विकास में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे |
इस अवसर पर “कनेक्ट पीपल्स विद नेचर” विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ वन अधिकारी श्री नरेश कुमार ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग एवं तेजी से जलवायु परिवर्तन का एकमात्र कारण यह है कि आज पढ़े- लिखे समृद्ध लोग भी प्रकृति से दूर होते जा रहे है | हम सभी को मिलकर संरक्षण एवं संवर्धन के लिए काम करना होगा तभी ‘विनाश’ के बिना ‘विकास’ संभव है |
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आई. एफ. एस. श्री एस.पी. सिंह ने कहा कि उत्कृष्ट शिक्षा के साथ- साथ वैंकटेश्वरा अपने सामाजिक सरोकारों के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है | आज इसी पहल के साथ मेरठ एवं मुरादाबाद प्रभाग में वैंकटेश्वरा एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इक्कीस सौ पौधों को रोपित किया जा ��हा है |
श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान के अब्दुल कलाम सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित “वृहद वृक्षारोपण संगोष्ठी एवं जागरूकता रैली” का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, वरिष्ठ आई. एफ. एस. श्री एस.पी. सिंह, वन विभाग के वरिष्ठ डिप्टी रेंजर अधिकारी सुमित राठी आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके किया | इस अवसर पर ग्रुप एडवाइजर श्री आर.एस. शर्मा, कुलसचिव डा. पीयूष पांडेय, डा. सी.पी. सिंह, डा. राजेश सिंह, डा. दिव्या गिरधर, डा.एना ब्राउन, डा. मंजरी राणा, अनुषा कर्णवाल, सुमनदीप कौर, जनसंपर्क से प्रशांत दहिया, सौमिक बनर्जी फोटोग्राफर सुमित घोष के साथ कैंपस प्रबंधक श्री एस.एस. बघेल, अरुण गोस्वामी, मारुफ़ चौधरी, विशाल शर्मा, नवनीत सैनी, रिंकी शर्मा, संजीव पाल मेरठ परिसर से डा. प्रताप सिंह मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे |
#WorldEnvironmentDay#VGI#Meerut#UttarPradesh#India#EnvironmentalConservation#Sustainability#TreePlantation#NatureConnect#GreenIndia#CleanIndia#SaveThePlanet
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Astro Tips For Money 2023 आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए करें ये वास्तु उपाय
Astro Tips For Money 2023 आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए करें ये वास्तु उपाय - हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के नियमों को अपनाकर आप बड़ी से बड़ी समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। यदि दिन-रात मेहनत करने के बाद भी आप सुखी नही है, पैसा घर में रूकता ही नही है। और आप हमेशा किसी न किसी वजह से परेशान रहते है। तो वास्तु के कुछ नियमों को अपनाने से आपके धन का भंडार हमेशा रहेगा और आप सुखी जीवन व्यतीत कर सकेंगे। Astro Tips For Money 2023 आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए करें ये वास्तु उपाय - वास्तु शास्त्र के अनुसार सुख-समृद्धि की चाह रखने वालों को अपने घर की उत्तर दिशा का वास्तु विशेष रूप से सही करके रखना चाहिए. यदि इस दिशा में कोई वास्तु दोष है और आप उसे नहीं दूर कर पा ��हे हैं तो इस दिशा में आप तुलसी का पौधा जरूर लगाएं. - व्यापर में वृद्धि के लिए कारोबार सही ढंग से नहीं चल रहा हो और लगातार घांटे का सौदा करना पड़ रहा है तो रात को सोते समय अपने बेड के पास किसी बर्तन में जौ रख देना चाहिए. इसके बाद उसे अगली सुबह गाय को खिला देंना चाहुए. ऐसा लगातार करने से कारोबार में धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा और ग्राहकों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे आपका फायदा बढ़ेगा. - अगर आप अपार धन प्राप्ति करना चाहते हैं, तो हर शनिवार के दिन पीपल के जड़ में जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, वृक्ष की तीन बार परिक्रमा करें। इस उपाय को करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। - तिजोरी वाले कमरे में सिर्फ एक ही प्रवेश द्वार होना चाहिए। यह प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व दिशा से होना चाहिए। दक्षिण दिशा में कोई भी दरवाजा हो तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले techbugs पर Folllow us on Twitter and Join Google news for More Read the full article
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः🏵️ 🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-14-मई-2024
वार :-------मंगलवार
तिथि :---07सप्तमी:-28:19
माह:-------वैशाख
पक्ष:--------शुक्लपक्ष
नक्षत्र:---पुष्य:-13:05
योग:----गंड:-07:24
करण:-----गर:-15:30
चन्द्रमा:------कर्क
सूर्योदय:-----05:56
सूर्यास्त:------19:13
दिशा शूल-----उत्तर
निवारण उपाय:--- धनिया का सेवन
ऋतु:--------ग्रीष्म ऋतु
गुंलिक काल:---12:34से 14:12
राहू काल:---15:54से17:32
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-09:16से10:55तक
लाभ:-10:55से12:34तक
अमृत:-12:34से14:13तक
शुभ:-15:52से17:31तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-20:32से21:52तक
शुभ:-23:12से00:34तक
अमृत:-00:34से01:54तक
चंचल:-01:54से03:16तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 36वाँ दिन, भद्रा प्रारंभ 28:19, गंगोत्पति, गंगापुजन, गंगासप्तमी, राजयोग सूर्योदय से13:05, रवियोग समाप्त 13:05, सूर्य वृष में 17:52, संक्रांति पुण्यकाल 19:30 से 17:52, व्यतिपात महापात प्रारंभ 27:53, निम्ब - कमल -शर्करा सप्तमी, 🌺 👉वास्तु टिप्स 👈🌺
आक के पौधे को तुलसी के पास ना रखे।
*सुविचार*
कभी मकसद कभी मन्सुबे यार होते हैं,
ये वो दौर है जिसमे नमस्कार के भी मतलब हजार होते हैं.. 👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*पीलिया के घरेलू उपचार -*
**अनार के पत्तों को छाया में सुखा लें. सूखे पत्तों को कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें. सेहत पर पीलिया के नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिये रोजाना तीन-तीन ग्राम चूर्ण सुबह और शाम मट्ठे के साथ सेवन करने से पीलिया क��� खात्मा हो जाता है.
**गन्ने के 100 ग्राम रस में 7 से 8 ग्राम आंवले का रस मिला लें. दिन में दो बार इसके सेवन से पीलिया रोग नष्ट हो जाता है.
**पीलिया ग्रस्त बच्चे के गले में गिलोय की लता लपेटने से पीलिया की विभीषिकता कम हो जाती है.
**गन्ने के 100 ग्राम रस में अमलतास के 5 ग्राम पीसे गूदे को मिलाकर पिलाने से पीलिया रोग से मुक्ति मिलती है.
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
अचानक बड़ा खर्च होगा। यात्रा में जल्दबाजी न करें। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में धोखा खा सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यर्थ भागदौड़ से खिन्नता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से आवक बनी रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। थकान रह सकती है। रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम मिलेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
सरकारी कामकाज में वृद्धि के योग हैं। बाधाएं समाप्त होंगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जल्दबाजी से बचें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
नए मित्रों से लाभ होगा। ऐश्वर्य के साधन प्राप्त होंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। धनार्जन होगा। जीवन सुखद व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
आवागमन में विशेष सावधानी रखें। चोट लग सकती है। विवाद से बचें। कार्यक्षमता में कमी रहेगी। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। दूसरों की अपेक्षाएं बढ़ेंगी। तनाव रहेगा।
👩🏻🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। कार्य की बाधा दूर होगी। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश लाभदायक रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
सही बात का भी विरोध हो सकता है। हित शत्रुओं से सावधान रहें। संपत्ति का कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। प्रयास भरपूर करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। द���ष्टजनों से दूर रहें। परिवार के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
किसी रचनात्मक कार्य में सफलता प्राप्त होगी। मन में नए विचार आएंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। किसी तरह से धनहानि के योग हैं। सावधानी रखें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। तनाव व चिंता बने रहेंगे। अप्रसन्नतादायक सूचना प्राप्त हो सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। भागदौड़ रहेगी। धनार्जन होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने क��� प्रेरणा प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य बनेंगे। जीवन सुखद व्यतीत होगा। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। थकान रह सकती है।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। आत्मविश्वास बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। जल्दबाजी न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। मित्रों के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा पूर्ण हो सकती है। घर-बाहर सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। लाभ होगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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सफेद दाग का घरेलू इलाज
चेहरे से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं, जिनमें सबसे आम पिम्पल्स, दाग-धब्बे यार फिर ड्राइनेस. ये समस्याएं काफी आम होती हैं. लेकिन इन समस्याओं के अलावा काफी लोगों के चेहरे पर सफेद दाग और पैच हो जाते हैं. जिन्हें सहुआ भी कहा जाता है. ये स्किन पर एक तरह के फंगल इन्फेक्शन होता है, जो की काफी समान्य परेशानियों में से एक है. इसके अलावा ये समस्या किसी प्रोडक्ट या खाने की चीज से होने वाली एलर्जी की वजह से हो सकता है। सफेद दाग का इलाज चिकित्सक के सुझाव के साथ किया जाना चाहिए।
��फेद दाग का इलाज चिकित्सकीय परामर्श के साथ किया जाना चाहिए, लेकिन आपके साथ होने वाले घरेलू उपचार भी इस बीमारी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
1. तुलसी (Basil) पत्तियां: तुलसी की पत्तियों को पीसकर रस निकालें और इसे सफेद दागों पर लगाएं। तुलसी में औषधीय गुण होते हैं जो त्वचा की स्वस्थता को सुधार सकते हैं।
2. सेन्धा नमक (Epsom Salt) और दही: सेन्धा नमक को गर्म पानी में मिलाकर त्वचा पर मसाज करें, और फिर दही का प्रयोग करें। यह घर पर किया जाने वाला प्राकृतिक उपचार हो सकता है।
3. कुसुमारी (Aloe Vera) जेल: कुसुमारी का जेल सफेद दागों पर लगाने से त्वचा को शांति मिल सकती है और त्वचा को शीतलित करने में मदद कर सकत��� है।
4. बैकिंग सोडा (Baking Soda): बैकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे सफेद दागों पर लगाएं। इससे खुजली और सूजन को कम किया जा सकता है।
5. हल्दी (Turmeric) और नीम (Neem): हल्दी और नीम का पेस्ट बनाएं और इसे सफेद दागों पर लगाएं। ये उपाय त्वचा की स्वस्थता को सुधारने में मदद कर सकता है।
6. त्वचा की सुरक्षा (Skin Protection): सफेद दाग के प्रभाव को बढ़ा सकने से बचने के लिए त्वचा को धूप से बचाएं और सफेद दागों को छुपाने के लिए कपड़े पहनें।
7. स्वस्थ आहार (Healthy Diet): आहार में विटामिन C, विटामिन D, जिंक, और प्रोटीन जैसे पोषण तत्वों को शामिल करें, जो त्वचा की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
8. प्रबंधित तनाव (Stress Management): तनाव को प्रबंधित करने के लिए योग और मेडिटेशन का प्रयास करें, क्योंकि स्ट्रेस सफेद दाग को बढ़ा सकता है।
ल्यूगो किट ( Leugo Kit ) लंबे समय तक एक प्रमुख और प्रचलित उपचार चिकित्सा है। ल्यूगो किट सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा त्वचा विकार का सबसे प्रभावी उपचार है।
ये Oldforest Ayurved द्वारा बनाया एक मात्र प्रोडक्ट है, जो आपको भी इस बीमारी से छुटकारा दिलाने मैं सक्षम है, हम मानते है की हमारी 8 साल की प्रैक्टिस मैं ये प्रोडक्ट ने खूब सफलता प्राप्त की है। इस बीमारी से ग्रसित हजारो मरीजों ने कुछ ही महीनो मैं और कम से कम मुल्ये मैं ल्यूगो किट की मदद से सफ़ेद दागो को जड़ से ख़त्म किया है।
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ट्यूबरकुलोसिस के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण गाइड
सन्दर्भ
ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक रोग है जिसके कारण ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया (Mycobacterium tuberculosis) श्वसन तंत्र में प्रवेश करते हैं। यह रोग धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलता है और संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसी या हमदर्दी के माध्यम से फैल सकता है। इस लेख में हम ट्यूबरकुलोसिस के आयुर्वेदिक उपचार पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सूची
ट्यूबरकुलोसिस के बारे में अधिक जानें
आयुर्वेदिक उपचार: सामान्य दिशा-निर्देश
आहार में ��रिवर्तन
योग और ध्यान की महत्ता
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियाँ ट्यूबरकुलोसिस के लिए
हर्बल दवाओं का उपयोग
प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि
हर्बल दवाओं का उपयोग
प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि
आहार में परिवर्तन
योग और ध्यान की महत्ता
समापन
ट्यूबरकुलोसिस के बारे में अधिक जानें
ट्यूबरकुलोसिस एक जटिल रोग है जिसके कारण प्रमुख रोग प्रभावित होते हैं, जिनमें संप्रदाय, आर्थिक स्थिति, और शारीरिक स्वास्थ्य शामिल हैं। ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण खांसी, हाथ-पैर में दर्द, थकान, नितंबों का दर्द, या भूख की कमी शामिल हो सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार: सामान्य दिशा-निर्देश
ट्यूबरकुलोसिस के आयुर्वेदिक उपचार में, रोग के संक्रमण को रोकने और इसे नष्ट करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रस्तुत कर रहे हैं:
आहार में परिवर्तन
एक पूर्णाहार लें जो आपके शरीर के रोग के संक्रमण के खिलाफ संरक्षा करता है। इसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन, और अनाज शामिल होना चाहिए।
आवश्यकता अनुसार विटामिन और मिनरल के पूरक लें।
विशेष रूप से एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, और जिंक को शामिल करें।
योग और ध्यान की महत्ता
योग और ध्यान आपके शरीर को स्वस्थ और मन को शांति प्रदान करते हैं। इनका नियमित अभ्यास आपके व्यायाम संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियाँ ट्यूबरकुलोसिस के लिए
आयुर्वेद में कई चिकित्सा पद्धतियाँ हैं जो ट्यूबरकुलोसिस के इलाज में उपयोगी साबित हो सकती हैं। यहां कुछ मुख्य उपाय दिए गए हैं:
हर्बल दवाओं का उपयोग
आयुर्वेद में कई औषधियां हैं जो ट्यूबरकुलोसिस के लिए सुझाई जाती हैं, जैसे कि गुग्गुल, टुलसी, और अश्वगंधा। ये दवाएं रोग के कारणों पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं और शरीर को ताक़त प्रदान करती हैं।
प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि
ट्यूबरकुलोसिस के लिए कुछ प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो उपयोगी साबित हो सकती हैं, जैसे कि तुलसी और हल्दी। इनका नियमित सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना सकता है।
आहार में परिवर्तन
ट्यूबरकुलोसिस के उपचार के लिए आहार में परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:
फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर को रोग से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
प्रोटीन स्रोतों को अपने आहार में शामिल करें, जैसे कि दूध, दही, मखाने, और मूंगफली। ये शरीर के रोग संक्रमण से लड़ने के लिए मदद करते हैं।
योग और ध्यान की महत्ता
योग और ध्यान आपके शरीर को स्वस्थ और मन को शांति प्रदान करते हैं। इनका नियमित अभ्यास आपके व्यायाम संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। योग के अभ्यास से श्वसन से संबंधित अवांछित संक्रमण की संभावना कम हो सकती है।
समापन
आयुर्वेद में ट्यूबरकुलोसिस के लिए कई उपाय हैं जो रोग के संक्रमण को रोकने और इसे नष्ट करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, हमेशा यह ध्यान दें कि ये उपचार वैद्य की सलाह के साथ ही उपयोग किए जाएं। यदि आपको ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण हैं, तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लें और उपयुक्त उपचार प्राप्त करें।
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