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सेवा- टीएचडीसी के सौजन्य एवं सीमा डेंटल कॉलेज ऋृषिकेश के माध्यम से लंबगांव में चिकित्सा शिविर का आयोजन, 398 मरीजों ने करवाया परीक्षण
सेवा- टीएचडीसी के सौजन्य एवं सीमा डेंटल कॉलेज ऋृषिकेश के माध्यम से लंबगांव में चिकित्सा शिविर का आयोजन, 398 मरीजों ने करवाया परीक्षण
सेवा- टीएचडीसी के सौजन्य एवं सीमा डेंटल कॉलेज ऋृषिकेश के माध्यम से लंबगांव में दिनांक 20 /12 /22 से 03 दिवसीय चिकित्सा शिविर के सफल आयोजन पर कुल 398 मरीजों ने दाँतों से सम्बंधित रोगों का शिविर में परीक्षण करवाया गया। विधायक प्रतापनगर, क्षेत्र से बाहर होने के कारण टेलिफोन से सेवा टीएचडीसी एवं सीमा डेन्टल कालेज का आभार व्यक्त किया गया। शिविर के समापन पर व्यापार मण्डल लम्बगाँव के अध्यक्ष श्री…
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शासकीय मेडिकल और डेंटल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएट छात्रों को निजी प्रेक्टिस और नौकरी में सरकार ने लगाई प्रतिबन्ध छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नही कर पाएंगे। चिकित्सा शिक्षा रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश नियम एवं विवरणिका 2021
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डॉ. प्रेषिका सैनी ने अमेरिका में किया इटारसी शहर का नाम रोशन
इटारसी। न्यास कॉलोनी के पूर्व पार्षद धर्मवीर सैनी एवं लायंस क्लब इटारसी समर्पण की अध्यक्ष राज सैनी की पुत्री डॉ. प्रेषिका सैनी का सिलेक्शन यूएसए की आर्मी में लेफ्टिनेंट (डेंटल ऑफिसर) के पद पर हुआ है। उनकी डेंटल की डिग्री शिकागो यूनिवर्सिटी के डेंटल कॉलेज से अप्रैल 2025 में कम्पलीट होगी। प्रेषिका सैनी अपने कॉलेज में उच्च अंकों के साथ टॉप पोजिशन बनाए हुए हैं। डिग्री कम्पलीट होने त��� इनको आर्मी से…
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Jharkhand veerangana camp in Asanbani - महाराणा ग्लोबल एसोसिएशन नॉर्थ अमेरिका और वीरांगना के शिविर में 300 से ज्यादा स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के दांतों की हुई जांच, आसनबनी उच्च विद्यालय में हुआ आयोजन
जमशेदपुर : महाराणा ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कांदरबेड़ा स्थित आसनबनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में अवध डेंटल कॉलेज के सौजन्य से निशुल्क दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में उद्घाटनकर्ता पूर्व विधायक सह भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह, मुख्य अतिथि के रुप में महाराणा ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ…
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हिमाचल में 12 घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं करेंगे डाक्टर, इंटर्न और पीजी करने वाले चिकित्सक, सरकार ने जारी किए निर्देश
Himachal Doctors: हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेज में रेजिडेंट डाक्टर, इंटर्न और पीजी करने वाले चिकित्सकों से अब 12 घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं ली जा सकेगी। इसमें ऑन कॉल ड्यूटी भी शामिल है। इस संबंध में प्रदेश स्वास्थ्य सचिव की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। कर्नाटक में मार्च में 12 घंटे ड्यूटी के प्रविधान का आदेश जारी कि��ा गया था। अब हिमाचल सरकार ने इस तरह के आदेश जारी किए…
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कैंसर के खिलाफ लड़ाई में ऑन्कोलॉजी काफी मददगारः डॉ. सुरेंद्र सिंह
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में ऑन्कोलॉजी काफी मददगारः डॉ. सुरेंद्र सिंह
मथुरा। कैंसर के उपचार, निदान और प्रबंधन में ऑन्कोलॉजी का विशेष महत्व है। नए उपचार और तकनीकी प्रगति के कारण ऑन्कोलॉजी लगातार विकसित हो रही है। चिकित्सा क्षेत्र में ऑन्कोलॉजी कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बातें गुरुवार को के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में ऑन्कोलॉजी चिकित्सा प्रगति पर हुई परिचर्चा में पुष्पांजलि हॉस्पिटल,आगरा के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र सिंह तथा सलाहकार रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नीरज राजपूत ने छात्र-छात्राओं को बताईं। परिचर्चा का शुभारम्भ डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी द्वारा अतिथि वक्ताओं के परिचय से हुआ। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट तथा सर्जन सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाप्रदाता मरीज का सहयोग करते हैं, इसमें सर्जरी, विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या लक्षित चिकित्सा शामिल हो सकती है। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट बायोप्सी, ट्यूमर हटाने तथा पुनर्निर्माण सर्जरी सहित कैंसर के सर्जिकल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अंत में विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट अकेले या अन्य उपचारों के संयोजन में कैंसर का इलाज करने के लिए विकिरण चिकित्सा का उपयोग करते हैं। डॉ. सुरेंद्र सिंह की जहां तक बात है वह सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में व्यापक अनुभव रखते हैं। वह अब तक सैकड़ों कैंसर पीड़ितों का सर्जिकल उपचार कर चुके हैं। इनकी सूक्ष्म विवेचनात्मक तकनीक तथा व्यक्तिगत रोगी देखभाल के लिए हर कोई प्रशंसा करता है। सलाहकार रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नीरज राजपूत ने बताया कि कैंसर के उपचार में लगातार प्रगति हो रही है। परिचर्चा में उन्होंने चिकित्सा पेशेवरों तथा छात्र-छात्राओं को सर्जिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में नवीनतम प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को नवाचारी उपचार ��िकल्पों, समय रहते जांच के महत्व तथा रोगी देखभाल पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. नीरज राजपूत रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। डॉ. राजपूत ने कैंसर उपचार में रेडिएशन थेरेपी की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र-छात्राओं तथा चिकित्सा पेशेवरों को कैंसर के उपचार में सूक्ष्म चिकित्सा तथा कटिंग-एज तकनीक को उपयोगी बताया। अंत में के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने मुख्य वक्ताओं डॉ. सुरेंद्र सिंह तथा डॉ. नीरज राजपूत की प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्राओं को बेशकीमती अनुभव प्रदान करने के लिए उनका आभार माना। डॉ. लाहौरी ने कहा कि कैंसर को विनाशकारी बीमारी माना जाता है। कैंसर देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है लिहाजा कैंसर देखभाल की जरूरत को पूरा करने के लिए वैश्विक ऑन्कोलॉजी नर्सिंग कार्यबल बहुत आवश्यक है। डॉ. लाहौरी ने बताया कि विकिरण चिकित्सा का उपयोग आमतौर पर कैंसर के उपचार में किया जाता है। यह लगभग 30 फीसदी रोगियों में प्राथमिक उपचारात्मक पद्धति है। सभी कैंसर रोगियों में से आधे से अधिक को अपनी बीमारी के दौरान कभी न कभी विकिरण चिकित्सा जरूर दी जाती है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि वक्ताओं ने जो जानकारी दी है उसका छात्र-छात्राओं तथा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को काफी लाभ मिलेगा। अंत में उन्होंने सभी का आभार मानते हुए कहा कि इस परिचर्चा का लाभ छात्र-छात्राओं ही नहीं सेवाप्रदाताओं को भी मिलेगा।
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आकाशवाणी औरंगाबाद
संक्षिप्त बातमीपत्र
२६ सप्टेंबर २०२३ सकाळी ११.०० वाजता
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शासकीय सेवेत नव्यानं भर्ती झालेल्या सुमारे ५१ हजार कर्मचाऱ्यांना, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या हस्ते नियुक्तीपत्रं प्रदान करण्यात आली. दूरदृश्य प्रणालीच्या माध्यमातून हा कार्यक्रम सुरु आहे. नांदेड इथं केंद्रीय रेल्वे राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे यांच्या उपस्थितीत रोजगार मेळावा होत आहे.
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पुण्याहून नागपूरला जाणारी खासगी बस जालना जिल्ह्यात पुलावरून कोसळून २५ प्रवासी जखमी झाले. बदनापूर तालुक्यात म्हात्रेवाडी पुलावर काल मध्यरात्री हा अपघात झाला. जखमींना उपचारासाठी जालना जिल्हा सामान्य रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं असून, यापैकी चार प्रवाशांची प्रकृती चिंताजनक असल्याचं, आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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बीड इथं काल जागतिक फार्मासिस्ट दिनानिमित्त तज्ज्ञ डॉक्टरांच्या टिमकडून आदित्य शिक्षण संस्थेच्या महाविद्यालयातल्या जवळपास ७०० विद्यार्थ्यांची आरोग्य तपासणी करण्यात आली. आदित्य डेंटल कॉलेज आणि आदित्य आयुर्वेद महाविद्यालयातल्या २५ तज्ज्ञ डॉक्टरांच्या टिमकडून तपासणी करण्यात आली.
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शाळांच्या खाजगीकरणासह पटसंख्या कमी असलेल्या शाळा बंद करू नये, या मागणीसाठी बीड जिल्ह्यात परळी इथं बौद्ध संघर्ष समितीच्या वतीनं तहसील कार्यालयावर मोर्चा काल काढण्यात आला. आंदोलकांच्या शिष्टमंडळाने तहसीलदारांना विविध मागण्याचं निवेदन दिलं.
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भारत येत्या २०३० पर्यंत ५०० गिगावॅट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमतेचं उद्दिष्ट गाठण्यासाठी आणि भावी पिढ्यांसाठी आरोग्यपूर्ण आणि सुरक्षित पृथ्वी निर्माण करण्यासाठी वचनबद्ध आहे, असा विश्वास केंद्रीय ऊर्जा आणि नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के सिंह यांनी व्यक्त केला. ते काल नवी दिल्लीतल्या फिक्की फेडरेशन हाऊसमध्ये ‘इंडिया एनर्जी समिट २०२३’ च्या उद्घाटन प्रसंगी बोलत होते.
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नैऋत्य मोसमी पावसाचा परतीचा प्रवास सुरू झाला आहे. राजस्थानच्या काही भागातून काल मोसमी पाऊस परतल्याचं हवामान विभागानं कळवलं आहे. महाराष्ट्रातून १० ऑक्टोबरपर्यंत मान्सून माघारी जाईल असा अंदाज आहे. येत्या दोन दिवसात कोकण, मध्य महाराष्ट्र आणि मराठवाड्यात बहुतांश ठिकाणी तर विदर्भात काही ठिकाणी पाऊस पडण्याची शक्यता आहे.
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BDS Course details in hindi
BDS Course Details in Hindi – बीडीएस क्या है, इसको कैसे करें, योग्यता, जॉब, सैलरी, स्कोप, कैरियर ऑप्शन, आदि की डिटेल में जानकारी।
आजकल ज्यादातर लोगो में दांतों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसका इलाज करवाने के लिए वे डेंटिस्ट यानिकि दांतों के डॉक्टर के पास जाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। इसलिए कोइ भी बीडीएस कोर्स करता है तो उसके लिए ये एक बेहतरीन करियर ऑपर्चुनिटी साबित हो सकती है।
BDS Course kya hai
बीडीएस का पूरा नाम “बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी” (Bachelor of Dental Surgery) है। यह एक प्रमुख डेंटल कोर्स है जो डेंटल मेडिसिन और सर्जरी के क्षेत्र में उच्चतर मान्यता प्राप्त करने के लिए दांत संबंधी चिकित्सा अध्ययन करने के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करता है।
BDS Course Details in Hindi
बीडीएस कोर्स में छात्रों को डेंटल साइंसेस के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक ज्ञान प्रदान किया जाता है, जिनमें सम्मिलित होते हैं: डेंटल एनाटोमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माउथ एंड ओरल सर्जरी, पेरिओडॉंटिक्स (मसूढ़ों का और उनके परिवर्तन का अध्ययन), करिएस्ट्री (करीयों का उपचार), ओर्थोडॉंटिक्स (ब्रेसेज़ और अन्य नियंत्रण उपकरणों के उपयोग से दांतों की समायोजन का अध्ययन), न्यूरोएस्टेटिक्स (दांतों के सेंसरी श्रोतों का अध्ययन), और औषधि विज्ञान।
बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) डेंटल साइंस के फील्ड में अंडर ग्रेजुएट कोर्स होता है। इस कोर्स के दौरान दाँतों की बीमारियां और उनसे जुड़ी चीजों के बारे में स्टूडेंट्स को अध्ययन कराया जाता है। आज के समय में इस कोर्स की इम्पोर्टेंस बहुत ही ज्यादा है। इसलिए बीडीएस कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स को जॉब तुरंत ही मिल जाती है। अगर जॉब नही करना चाहते है तो उनके पास Dental Hospital खोलने का ��ी मौका होता है।
BDS Course kaise kare
इस कोर्स को करने के लिए कैंडिडेट ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से 12th पास होना चाहिए, इसके साथ ही उसने नीट एग्जाम भी क्वालीफाई किया हो, तो वह बीडीएस कर सकता है।
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BDS Course Duration
चूंकि यह एक बैचलर डिग्री प्रोग्राम है। इसलिए इस कोर्स की अवधि 5 साल होती है, जिसमे 4 बर्ष का कोर्स होता है और उसके बाद 1 साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है। इसीलिए बीडीएस को कंप्लीट करने में कुल 5 बर्ष लग जाते हैं।
BDS Course ki Fees
बीडीएस कोर्स की फीस हर कॉलेज में अलग-अलग होती है। कुछ डेंटल कॉलेज की फीस कम और कुछ में ज्यादा होती है। इस कोर्स की एवरेज फ़ीस 60 हजार से लेकर 4 लाख सालना के बीच होती है। सरकारी डेंटल कॉलजों में फीस काफी कम होती है, लेकिन सरकारी कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर लाना होगा। अगर कम स्कोर है या बहुत ही कम स्कोर है तो फिर आपको निजी कॉलेजों में ही एडमिशन मिल पायेगा।
BDS ke liye Entrance Exam
बीडीएस कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम देना पड़ता है और इसमे अच्छा स्कोर लाना पड़ता है, तभी आपको गवर्नमेंट कॉलेज मिल सकता है।
BDS Me Career Scope
इस फील्ड में कैरियर स्कोप बहुत ही अच्छा है, क्योंकि ये डायरेक्ट ही हेल्थकेयर इंडस्ट्री से जुड़ा कोर्स है। हर किसी को कभी न कभी दांतों से संबंधित समस्याएं होती ही हैं, जिस वजह से उनको डेंटल डॉक्टर के पास जाना पड़ जाता है। वैसे भी आजकल अन्य बीमारियों की तरह दांतों से संबंधित बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिस वजह से डेंटिस्ट की हम लोगों की हेल्थ में अहम भूमिका मानी जाती है।
बीडीएस कोर्स को पूरा करने के बाद में कैंडिडेट्स किसी भी दाँत के हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर जॉब कर सकते हैं। इसमे सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की जॉब्स करने का अवसर होता है। समय- समय पर सरकारी वैकेंसी भी आती रहती हैं, जिसमे आवेदन करके और एग्जाम पास करके सरकारी डॉक्टर बन सकते हैं। अगर जॉब नही करना चाहते हैं तो आप खुद का भी डेंटल हॉस्पिटल भी शुरू कर सकतें हैं।
BDS Me Salary
डेंटिस्ट को कैरियर के स्टार्टिंग में 30-40 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल जाते हैं। एक्सपीरियंस होने पर सैलरी 60 से 70 हजार रुपये प्रतिमाह या इससे भी ज्यादा मिलने लगती है। फिलहाल ज्यादातर लोग बीडीएस कोर्स को करने के बाद में 1 से 2 साल सिर्फ एक्सपीरियंस हासिल करने के लिए जॉब करते हैं, इसके बाद तो वे खुद का ��ी डेंटल क्लिनिक खोलना पसन्द करते हैं। क्योंकि जॉब में एक फिक्स सैलरी मिलती है, वंही अगर आपका क्लिनिक थोड़ा भी ठीक-ठाक चलने लगता है, तो वे अच्छा- खासा पैसा कमा सकते हैं।
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BDS ke Best College
भारत में बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) के लिए कई प्रमुख कॉलेज हैं। यहां कुछ भारतीय कॉलेज की सूची दी गई है, जो बीडीएस की उच्चतम गुणवत्ता और मान्यता के साथ जाने जाते हैं:
मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली किंग जॉर्ज मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, चेन्नई मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई राजीव गांधी दंत विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलौर बीएम कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंसेज, बंगलौर स्थानीय अस्पताल श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई कर्णाटका मेडिकल कॉलेज, हुबली माउंट कार्मेल मेडिकल कॉलेज, बंगलौर राजीव गांधी मेडिकल कॉलेज, थाणे मनीपाल कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
यह सिर्फ़ कुछ प्रमुख कॉलेजों की सूची है और इसके अलावा भी कई अन्य प्रमाणित और प्रतिष्ठित कॉलेज हैं जो बीडीएस पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
BDS Course Details in Hindi । इससे संबंधित गूगल में सर्च किये जाने वाले प्रश्न-
Dental Surgen kaise bane
डेंटल सर्जन बनने के लिए, आपको कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स को फॉलो करना होगा पहले, आपको फिजिक्स, बायोलॉजी और केमिस्ट्री सब्जेक्ट से 12th करना होगा, फिर उसके बाद नीट एग्जाम पास करना होगा। जिसके बाद आपको बीडीएस कोर्स करना होगा। कोर्स के बाद आपको डेंटल काउंसिल में डेंटिस्ट के तौर पर पंजीकृत कराना होगा। अब आप डेंटल सर्जन के तौर पर किसी भी हॉस्पिटल में जॉब कर सकते हैं या फिर आप खुद का भी क्लिनिक खोल सकते है। अगर आपको डेंटल सर्जन बनना है तो आपको बीडीएस के बाद एमडीएस जरूर करना चाहिए, जिससे आप डेंटल सर्जरी के किसी एक फील्ड में विशेषज्ञता हासिल कर सकें।
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Dental Machenic kaise bane
डेंटल मैकेनिक बनने के लिए आपको डेंटल मैकेनिक में डिप्लोमा कोर्स करने की जरूरत होती है, जिसको 12th पीसीबी ग्रुप के स्टूडेंट्स कर सकते हैं। इसके बाद आप डेंटल मैकेनिक में डिप्लोमा कर सकते हैं।
बीडीएस क्या है?
बीडीएस का मतलब बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी है, जोकी डेंटिस्ट��री में अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है।
बीडीएस को पूरा करने में कितना समय लगता है?
बीडीएस आमतौर पर पांच साल का बैचलर डिग्री प्रोग्राम है, जिसमें सैद्धांतिक शोध ��� नैदानिक प्रशिक्षण दोनों ही शामिल हैं।
बीडीएस में कौन से विषय शामिल हैं?
बीडीएस में डेंटल एनाटॉमी, ओरल पैथोलॉजी, ओरल मेडिसिन, डेंटल मैटेरियल्स, प्रोस्थोडॉन्टिक्स, ऑर्थोडॉन्टिक्स, पीरियोडॉन्टिक्स और ओरल सर्जरी जैसे सब्जेक्ट शामिल होते हैं।
बीडीएस के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
बीडीएस के लिए पात्रता कैंडिडेट पीसीबी ग्रुप से कम से कम 50 से 60% अंकों से पास होना चाहिए और साथ ही उसने नीट एग्जाम क्वालीफाई किया हो।
क्या बीडीएस एक कठिन कोर्स है?
बीडीएस अकादमिक और नैदानिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके लिए समर्पण, कड़ी मेहनत और ओरल हेल्थकेयर में गहरी दिलचस्पी की जरूरत होती है।
बीडीएस पूरा करने के बाद करियर के कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
बीडीएस पूरा करने के बाद, आप निजी प्रैक्टिस में डेंटिस्ट के रूप में करियर बना सकते हैं, डेंटल क्लिनिक या अस्पताल में जॉब कर सकते हैं, डेंटल सर्जन बन सकते हैं, रिसर्च या एकेडमिक्स फील्ड में काम कर सकते हैं या डेंटिस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं।
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हां, बीडीएस स्नातक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दंत चिकित्सा का अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन उन्हें विशिष्ट लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करने और उस देश की लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता हो सकती है जहां वे डेंटिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करना चाहते हैं।
बीडीएस और एमबीबीएस में क्या अंतर है?
बीडीएस दंत चिकित्सा और मौखिक स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित है, जबकि एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी) सामान्य चिकित्सा और सर्जरी से संबंधित है। बीडीएस करने के बाद आप दंत चिकित्सक बन जाते हैं, जबकि एमबीबीएस करने के बाद आप चिकित्सा चिकित्सक बन जाते हैं।
क्या बीडीएस एक अच्छा करियर विकल्प है?
बीडीएस ओरल हेल्थकेयर में रुचि रखने वालों के लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है। यह पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है, लोगों को अच्छा मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने और एक स्थिर आय बनाए रखने में मदद करने का अवसर प्रदान करता है।
क्या मैं बीडीएस के बाद दंत चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकता हूं?
हां, बीडीएस पूरा करने के बाद, आप स्नातकोत्तर अध्ययन कर सकते हैं और ऑर्थोडॉन्टिक्स, पीरियोडॉन्टिक्स, एंडोडोंटिक्स, ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, प्रोस्थोडॉन्टिक्स या पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
डेंटिस्ट का क्या काम है?
डेंटिस्ट प्रोफेशनल हैं दांतों के इलाज में स्पेशलिस्ट होते हैं। दांतो के ��भी तरह के रोगों का इलाज जैसे दांतों में कीड़े लगना, दांतों में दर्द होना, मसूड़ों से खून आना, दांतों में सड़न होना और दांतों की सफाई जैसे सभी तरह के काम डेंटिस्ट करते हैं। डेंटिस्ट लोग एक्स-रे मशीन, ड्रिल, लेजर, डिजिटल स्कैनर, माउथ मिरर सहित और भी कई तरह के उपकरणों की मदद से दांतों का इलाज करते हैं।
BDS ke baad Job
बीडीएस करने के बाद कैंडिडेट को कई क्षेत्रों में आसानी से नौकरी मिल सकती है। मेडिकल सेक्टर में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल या क्लीनिक में डेंटिस्ट के तौर पर नौकरी के अवसर मिलते हैं ही हैं, इसके अलावा रिसर्च लैब्स, फोरेंसिक डिपार्टमेंट, इंडियन आर्म्ड फोर्सेज, एनजीओ, इंटरनेशनल वेलफेयर आर्गनाईजेशन, आदि में भी जॉब का अच्छा स्कोप है। चाहें तो उम्मीदवार अपना खुद का डेंटल क्लीनिक भी खोल सकते हैं।
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डेंटिस्ट कैसे बनें?
डेंटिस्ट बनने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स विषयों में कम से कम 55% से 60% अंकों के साथ पास होना चाहिए।
BDS karne ke liye age
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता हैं। नीट यूजी परीक्षा के जरिए आप टॉप कॉलेजों से बीडीएस कोर्स कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उम्मीदवार की उम्र कम से कम 17 बर्ष होनी चाहिए।
BDS ke baad kya kare
इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप एक तो डेंटिस्ट के तौर पर जॉब कर सकते हैं, इसके अलावा आप खुद का भी क्लिनिक खोल सकते हैं। इसके अलावा आप डेंटल के विभिन्न फील्ड में स्पेसलाइजेशन भी कर सकते हैं। जोकीं निम्न हैं।
प्रोस्थोडॉन्टिक्स पीरियडॉन्टिक्स ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स ऑर्थोडॉन्टिक्स एंड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी कम्युनिटी डेंटिस्ट्री पेडोडॉन्टिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री ओरल मेडिसिन डायग्नोसिस एंड रेडियोलॉजी
डेंटल के फील्ड में कैरियर बनाने के लिए कौन से कोर्स किये जा सकते हैं?
सर्टिफिकेट कोर्स इन डेंटल हाइजीनिस्ट सर्टिफिकेट कोर्स इन डेंटल मैकेनिक डिप्लोमा इन डेंटल मैकेनिक डिप्लोमा कोर्स इन डेंटल असिस्टेंस बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS)
डेंटिस्ट बनने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?
टॉप डेंटल कॉलेज में ही एडमिशन लेने का प्रयास करें। इसके लिए नीट एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है। एंट्रेंस एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथनपास करें, तभी आप टॉप कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं। बीडीएस कोर्स में एडमिशन नीट में प्राप्त रैंक के आधार पर होता है। बीडीएस पूरा करने में कुल 5 साल लगते हैं। जिसमे चार साल की पढ़ाई और उसके बाडवएक साल इंटर्नशिप करने के बाद ही स्टूडेंट्स को डिग्री मिलती है। डेंटिस्ट कोर्स की फीस हर कॉलेज में अलग-अलग होती है। निजी डेंटल कॉलेज की फीस अधिक और सरकारी डेंटल कॉलेज की फीस कम होती है।
BDS Course ke liye Top Institutes
मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज आईएमएस बीएचयू, वाराणसी नायर हॉस्पिटल डेंटल कॉलेज, मुंबई मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, कर्नाटक गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई क्रिश्चियन डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लुधियाना, पंजाब डॉ. आर अहमद डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज, रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज, बेंगलुरु
बीडीएस के बाद क्या मैं MBBS कर सकता हूँ?
हैं, आप BDS के बाद भी MBBS किया जा सकता है, लेकिन एडमिशन के लिए आपको नीट एग्जाम ही देना होगा, BDS का इसमे आपको कोई भी लाभ नही मिलेगा।
एमडीएस कोर्स क्या है?
मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (MDS) एक मास्टर्स डिग्री कोर्स है, जिसमें दांतों की शारीरिक रचना और रोगों के अध्ययन पर केंद्रित होता है। यह एक 3 साल की अवधि का कोर्स होता है और इसे बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) के पूरा होने के बाद किया जाता है। इसमे आप डेंटल साइंस के किसी एक फील्ड में स्पेसलाइजेशन चूज कर सकते हैं।
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डेंटल हाईजेनेस्ट कैसे बनें?
डेंटल हाईजेनिस्ट बनने के लिए उम्मीदवार को डेंटल हाईजीन में डिप्लोमा कोर्स करना होगा। जिसको 12th के बाद किया जा सकता है।
डेंटल डॉक्टर कोर्स कितने साल का होता है?
डेंटल डॉक्टर बनने के लिए BDS कोर्स करना होगा, जोकीं 5 साल का होता है। इसमे 1 साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
मैं 12वीं के बाद बीडीएस डॉक्टर कैसे बन सकता हूं?
सबसे पहले आप 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से करें, फिर आपको नीट एग्जाम पास करना होगा। जिसके बाद आपको BDS करना होगा। फिर आप BDS करके डॉक्टर बन सकते हैं।
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BDS karne ke fayde
बीडीएस करने का सबसे अच्छा और बड़ा फायदा यह है कि यह एक काफी ग्रोइंग फील्ड है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, आप बेरोजगार नहीं रहते हैं। आप नौकरी न करने के इरादे रखते हैं तो आप अपना खुद का डेंटल क्लिनिक शुरू कर सकते हैं।
बीडीएस के बाद स्टूडेंट्स अपने नाम से पहले “डॉक्टर” शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसमें स्कोप काफी अच्छा होता है।
पैसे कमाने के साथ-साथ, इस पेशे में लोगों की सेवा करने का भी अवसर मिलता है।
बीडीएस को पूरा करने के बाद, आपको नौकरी के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
बीडीएस करने के बाद, आप डॉक्टर बन जाते हैं, जो काफी सम्मानजनक पेशा होता है।
उम्मीद है BDS Course details in Hindi ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, क्योंकि इस आर्टिकल में मैंने बीडीएस कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।
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लुधिअना के गर्ल्स हॉस्टल में हथियार ले कर घुसे कुछ युवक: बाबा जसवंत सिंह डेंटल कॉलेज की एक छात्र की गर्दन पर लगाया चाकू 👉 read more 👇👇👇👇 https://ludhiananews24.com/some-youths-entered-ludhianas-girls-hostel-with-weapons/
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एसएमएस मेडिकल कॉलेज में राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दंत चिकित्सक प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित किया।स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आमजन को स्वास्थ्य बीमा देने में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के 90 प्रतिशत लोगों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर किया गया है, जबकि देश में मात्र 41 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है।
समय के साथ लोगों की अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसी क्रम में दंत चिकित्सा का महत्व भी बढ़ा है। जयपुर डेंटल कॉलेज में अत्याधुनिक सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया है। साथ ही, जोधपुर में भी डेंटल कॉलेज खुलने जा रहा है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में दंत चिकित्सा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, जिसके कारण आज प्रदेश में 14 निजी डेन्टल कॉलेज संचालित है। आज हर शहर में उत्कृष्ट डेंटल अस्पताल खुल चुके हैं, जहां अत्याधुनिक तकनीकों से दांतों का इलाज किया जा रहा है। आने वाले बजट में दंत चिकित्सा से संबंधित सभी मांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं से राजस्थान मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के लिए 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, कोक्लियर इम्प्लांट जैसे अंग प्रत्यारोपण वाले उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है एवं सारा खर्चा सरकार वहन कर रही है। आमजन के लिए आईपीडी-ओपीडी उपचार, सभी प्रकार की दवाइयां और महंगी जांचें निःशुल्क कर दी गई हैं। अस्पतालों को इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा त्वरित भुगतान किया जा रहा है। साथ ही, प्रदेशवासियों को 5 लाख का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का वृहद तंत्र विकसित किया जा रहा है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
राज्य सरकार द्वारा वृद्ध, विधवा, दिव्यांगजनों सहित लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। केन्द्र सरकार को देशभर में सामाजिक सुरक्षा लागू करनी चाहिए, ताकि समाज के कमजोर और असहाय लोगों को आर्थिक संबल मिल सके। यह एक संवेदनशील सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जरूरतमंदों को ��ामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाए।
कोरोना महामारी में राज्य में शानदार प्रबंधन किया गया। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में सराहना हुई। राज्य सरकार द्वारा कोई भूखा ना सोए के संकल्प के साथ राज्य में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया। कोविड महामारी में महंगे इंजेक्शन व दवाईयां आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई। ऑक्सीजन की कमी से राज्य में कोई जनहानि नहीं हुई।
इस अवसर पर दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों और राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल के वरिष्ठ सदस्यों को सम्मानित किया। दंत चिकित्सा की नैतिक पुस्तिका (कोड ऑफ एथिक्स फॉर डेंटल प्रेक्टिस) के डिजिटल संस्करण का विमोचन भी किया। इस अवसर पर एसएमएस अस्पताल में बन रहे 24 मंजिल के आईपीडी टावर का अवलोकन भी किया। आईपीडी टावर के आर्किटेक्ट श्री अनूप बरतरिया एवं जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त श्री रवि जैन ने आईपीडी टावर के निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में अवगत करवाया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार की योजनाओं से आमजन को राहत मिली है। आरयूएचएस के वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि दांतों की बीमारियों की रोकथाम से गंभीर बीमारियों की रोकथाम संभव है। इस अवसर पर विधायक श्री लाखन सिंह, राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. विकास जैफ सहित बड़ी संख्या में दंत चिकित्सक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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नालंदा /पूरे देश का वन ऑफ द बेस्ट डेंटल हॉस्पिटल का मुख्यमंत्री नीतीश ने किया उद्घाटन, बोलें CM "तेजस्वी" को बहुत आगे जाना हैं
नालंदा /पूरे देश का वन ऑफ द बेस्ट डेंटल हॉस्पिटल का मुख्यमंत्री नीतीश ने किया उद्घाटन, बोलें CM “तेजस्वी” को बहुत आगे जाना हैं
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट -नालंदा /पूरे देश का वन ऑफ द बेस्ट डेंटल हॉस्पिटल का मुख्यमंत्री नीतीश ने किया उद्घाटन, बोलें CM “तेजस्वी” को बहुत आगे जाना हैं.डेंटल कॉलेज व हॉस्पिटल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि अब नालंदा के रहुई के भागनबिगहा में कितना बड़ा काम कराया गया . CM नें कहा कोई भी आदमी दंत चिकित्सा के लिए आएगा तो कोई असुविधा नहीं होगी.CM नीतीश कुमार ने कहा…
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Jamshedpur free dental camp : आसनबनी स्कूल के 300 से अधिक बच्चों के दांतों की हुई निःशुल्क जांच, अमेरिका के महाराणा ग्लोबल एसोसिएशन व वीरांगना ने संयुक्त रूप से किया आयोजन
जमशेदपुर : महाराणा ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय क्षत्रिय वीरांगना फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कांदरबेड़ा स्थित आसनबनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में अवध डेंटल कॉलेज के सौजन्य से निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ. पूर्व विधायक सह भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिविर का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उनके साथ महाराणा ग्लोबल…
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आज केवल इमरजेंसी में ही जाएं आईजीएमसी, न ओपीडी होगी और न होने ऑपरेशन; जानें कारण
Shimla News: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में शनिवार को न तो ओपीडी चलेंगी और न ही रूटीन के ऑपरेशन होंगे। केएनएच में भी यह सेवाएं प्रभावित रहेंगी। अस्पताल की सेमडिकोट (स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स एसासिएशन) ने आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर को शुक्रवार को दोपहर बाद इस बारे में अवगत करवाया। कहा कि जिन मरीजों को रूटीन में सीटी स्कैन और एमआरआई की डेट दी है,…
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प्रतिज्ञा का 365 दिन पालन करना चिकित्सक का दायित्व: राज्यपाल श्री पटेल
प्रतिज्ञा का 365 दिन पालन करना चिकित्सक का दायित्व: राज्यपाल श्री पटेल
जीवन की सफलता सेवा भाव के साथ कर्त्तव्य पालन में भाभा डेंटल कॉलेज साईंसेज दीक्षांत समारोह सम्पन्न राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन की सफलता सेवा भाव के साथ कर्त्तव्य पालन में हैं। दीक्षांत शपथ को 365 दिन याद रखें। चिकित्सक के रूप में प्रतिज्ञा के प्रत्येक शब्द के अनुरूप आचरण भावी जीवन की सफलता का पथ है। राज्यपाल श्री पटेल आज भाभा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज में उपाधि वितरण समारोह को…
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आत्मा से परमात्मा का मिलन है योगः योगाचार्य देशराज आर्य
आत्मा से परमात्मा का मिलन है योगः योगाचार्य देशराज आर्य
मथुरा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर, के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, कान्ती देवी नर्सिंग कॉलेज एण्ड पैरा मेडिकल साइंस, राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी तथा राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को यौगिक क्रियाएं कर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी गुरुजनों तथा छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं ताकि तन-मन स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा कि भारत ही योग का जन्मदाता है। यहीं से योग पूरे विश्व में प्रसारित हुआ और आज पूरा विश्व योग के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि यौगिक क्रियाओं का एक पवित्र प्रभाव होता है जो शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि यौगिक क्रियाएं हमें दैनन्दिन की समस्याओं तथा परेशानियों का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करती हैं। इतना ही नहीं योग हमारे मस्तिष्क को तनावमुक्त और शांतचित्त रखने में भी मदद करता है। के.डी. मेडिकल कॉलेज में योग दिवस पर योगाचार्य देशराज आर्य योग प्रमुख मथुरा प्रांत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मेडिकल छात्र-छात्राओं को यौगिक क्रियाएं कराने से पहले बताया कि योग आत्मा से परमात्मा का मिलन है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में योग अपनी पहचान बना रहा है, मगर इसके आध्यात्मिक स्वरूप को जानने वाले लोग कम हैं। उन्होंने कहा कि योग की महत्ता को आज सारी दुनिया मान रही है। यौगिक क्रियाएं योग गुरु सुनीता शर्मा ने कराईं। इस अवसर पर प्राचार्य एवं डीन डॉ. आर.के. अशोका, डॉ. वी.पी. पांडेय, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. राजेश चौरसिया, डॉ. राहुल गोयल, स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा आदि ने छात्र-छात्राओं को योग से होने वाले फायदे बताए। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में यौगिक क्रियाएं जाने-माने योगाचार्य व इंटरनेशनल योग गुरु पवन ने कराईं। इस अवसर पर डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने कहा कि नियमित योग से तनाव कम होता है। योग का प्रभाव तन ही नहीं बल्कि मन पर भी पड़ता है। जी.एल. बजाज में स्पोर्ट्स आफीसर लोकेश शर्मा के मार्गदर्शन में प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं ने योगाभ्यास किया। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर रोगों के प्रति काफी अधिक प्रतिरोधी बन जाता है। हम प्रतिदिन योगाभ्यास कर अपने आपको शांतचित्त रख सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राजीव इंटरनेशनल स्कूल में योग गुरु लक्ष्मीकांत एवं रेखा ने विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएं करवाने के साथ-साथ उनके फायदे भी बताए। सभी शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने सूर्य नमस्कार किया तथा उससे होने वाले फायदों के बारे में भी जाना। शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन कुछ समय योगाभ्यास करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस साल योग दिवस की थीम स्वयं और समाज के लिए योग है।
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अब 31 अगस्त तक डेंटल कॉलेजों में होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई तारीख
अब 31 अगस्त तक डेंटल कॉलेजों में होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई तारीख
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डेंटल कॉलेजों में काउंसलिंग की तारीख बढ़ा दी गई है. देश के डेंटल कॉलेजों (Dental Colleges) के काउंसलिंग (Counseling) की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की एक याचिका पर सुनवाई के बाद ये फैसला दिया है.
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