#डेंगू के लिए हरसिंगार
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khutkhuta · 2 years ago
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कोई मामूली पौधा नहीं हरसिंगार, फायदे जानकार चौंक जायेंगे?
कोई मामूली पौधा नहीं हरसिंगार, फायदे जानकार चौंक जायेंगे?
हरसिंगार का पौधा जिसको पारिजात वृक्ष या अंग्रेजी में नाईट जेसमीन भी कहा जाता है ना केवल अपने सफ़ेद खुशबूदार फूलों के लिए जाना जाता है बल्कि इस पौधे का प्रत्येक हिस्सा चाहे वो इसकी पत्तियां हों या बीज या छाल आदि सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यहाँ तक कि इसके सेवन डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे बुखारों में भी इस्तेमाल किया जाता है। तो चलिए जानते हैं हरसिंगार के फायदे और इसे किस तरह लिया जाना…
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kisansatta · 4 years ago
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सेहत के लिए गुणों से भरपूर है पारिजात का पेड़ .....
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के पूजन के साथ ही परिसर में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा पारिजात का पौधा लगाया,माना यह जाता है कि शुभ कार्य में पारिजात का पौधा लगाया जाता है | लेकिन क्या आप जानते है इस पौधें में अनेक ऐसी ही खूबियां है जिस कारण इसे लगाया जाता है | इसके बाद से ही लोगों में ये जानने की जिज्ञासा बढ़ गयी है कि आखिर पारिजात के पौधे की क्या खासियत है। पारिजात के पौधे में कई औषधीय गुण है और इसके साथ धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। इस पौधे को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है इसमें कई औषधीय गुण होते है। आइए जानते हैं इससे होने वाले स्‍वास्‍थय लाभ के बारे में।
हरसिंगार के फूलों से लेकर पत्त‍ियां, छाल एवं बीज भी बेहद उपयोगी हैं। इसकी चाय, न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि सेहत के गुणों से भी भरपूर है। इस चाय को आप अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं और सेहत व सौंदर्य के कई फायदे पा सकते हैं।
जोड़ों में दर्द
हरसिंगार के 6 से 7 पत्ते तोड़कर इन्हें पीस लें। पीसने के बाद इस पेस्ट को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि इसकी मात्रा आधी न हो जाए। अब इसे ठंडा करके प्रतिदिन सुबह खालीपेट पिएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर से समाप्त हो जायेंगे यह रोग …..
खांसी
खांसी हो या सूखी खांसी, हरसिंगार के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से बिल्कुल खत्म की जा सकती है। आप चाहें तो इसे सामान्य चाय में उबालकर पी सकते हैं या फिर पीसकर शहद के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं।
बुखार
किसी भी प्रकार के बुखार में हरसिंगार की पत्तियों की चाय पीना बेहद लाभप्रद होता है। डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक, हर तरह के बूखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है।
साइटिका
दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें। ठंडा हो जाने पर इसे सुबह शाम खाली पेट पिएं। एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।
बवासीर
हरसिंगार को बवासीर या पाइल्स के लिए बेहद उपयोगी औषधि माना गया है। इसके लिए हरसिंगार के बीज का सेवन या फिर उनका लेप बनाकर संबंधित स्थान पर लगाना फायदेमंद है।
त्वचा के लिए
हरसिंगार की पत्त‍ियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं। इसके फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा उजला और चमकदार हो जाता है।
हृदय रोग
हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है। इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने में कारगर है।
अस्थमा
सांस संबंधी रोगों में हरसिंगार की छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर खाने से लाभ होता है। इसका प्रयोग सुबह और शाम को किया जा सकता है।
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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हरसिंगार के फायदे, उपयोग और नुकसान – Harsingar Benefits and Side Effects in Hindi
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हरसिंगार के फायदे, उपयोग और नुकसान – Harsingar Benefits and Side Effects in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 September 4, 2019
हेल्थ इज वेल्थ यानी हर मनुष्य के लिए सेहत ही सबसे अहम है। वहीं, कुछ लोग इसे गलत अर्थ में लेकर रोग मुक्त होने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, जो सही नहीं है। इसकी जगह आप अच्छे खान-पान और आयुर्वेदिक औषधियों पर भरोसा कर सकते हैं, जिससे कई रोग चुटकियों में दूर हो सकते हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरसिंगार, जिसकी खुशबू से अक्सर आपका घर-आंगन महक उठता होगा। गुणों से भरपूर हरसिंगार का अगर आप सेवन सही तरीके से करेंगे, तो आपका शरीर रोगमुक्त होने के साथ ही कई तरह की समस्याओं से बचा रहेगा। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरसिंगार के फायदे, उपयोग और अन्य जरूरी बातों को जानेंगे।
विषय सूची
हरसिंगार क्या है? – What is Harsingar in Hindi
हरसिंगार का पौधा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसके फल, पत्ते, बीज, फूल और यहां तक कि इसकी छाल तक का इस्तेमाल विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। हरसिंगार को नाइट जैस्मीन और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल अक्सर भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए किया जाता है। इसका सामान्य नाम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस लिनन (Nyctanthes Arbortristis linn) है। इस फूल की खुशबू काफी तेज और मनमुग्ध करने वाली होती है। हरसिंगार के फूलों की खुशबू रात भर आती है और सुबह होते-होते धीमी हो जाती है (1)।
चलिए, अब बात करते हैं हरसिंगार के फायदे के बारे में।
हरसिंगार पाउडर के फायदे – Benefits of Harsingar in Hindi
1. अस्थमा
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औषधीय अध्ययनों के मुताबिक हरसिंगार के पत्ते एंटी-अस्थमाटिक और एंटी-एलर्जीक गुणों से समृद्ध होते हैं। इसके पीछे का कारण इसमें मौजूद β-साइटोस्टेरॉल (β-sitosterol) नामक केमिकल कंपाउंड को माना जाता है। इसके अलावा, इसकी पत्तियों का अर्क नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ाकर नाक की नली को आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है (2)। दरअसल, अस्थमा में नाक की नली सूज जाती है और उसके आसपास की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं (3)।
देखा जाए तो प्राचीन काल से ही हरसिंगार का इस्तेमाल अस्थमा को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। आप अस्थमा का इलाज करने के लिए इसके फूलों का उपयोग कर सकते हैं (4)। फूलों को सूखाकर पाउडर बनाने के बाद इसे उपयोग में लाया जा सकता है।
2. पाचन
आयुर्वेद के मुताबिक हरसिंगार का इस्तेमाल पाचन प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है (5)। पत्तियों के रस के उपयोग से पेट में मौजूद भोजन को पचाने में मदद मिलती है (6)। दरअसल, हरसिंगार में एंटी स्पस्मोडिक (Anti-Spasmodic) गुण पाए जाते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (7)।
3. अर्थराइटिस (गठिया)
हरसिंगार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, इसलिए यह गठि���ा के मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, हरसिंगार का अर्क गठिया को बढ़ने से रोक सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इसमें एंटी अर्थराइटिस गुण भी मौजूद हैं (8)।
4. तनाव
हरसिंगार का पौधा एंटीडिप्रेसेंट गुण से समृद्ध होता है। ऐसे में इसके सेवन से आप तनाव और अवसाद से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए आपको हरसिंगार की चाय का सेवन करना होगा, जो आपको रिलैक्स रखने में मदद कर सकती है। वहीं, इसकी मदद से आप अपना मूड भी ठीक कर सकते हैं (9)।
5. एंटीबैक्टीरियल
हरसिंगार के फूल का इस्तेमाल कई तरह के बैक्टीरियल रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है, जैसे जुखाम, बुखार और खांसी। दरअसल, हरसिंगार में भरपूर एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को कीटाणुओं से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हरसिंगार ग्राम पॉजिटिव और ग्राम नेगेटिव दोनों तरह के रोगाणुओं से हमारे शरीर को बचाते हैं, जैसे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया, जिसकी वजह से टाइफाइड होता है (1) (10)।
6. हृदय
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उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे के कारण हृदय का स्वास्थ्य बिगाड़ जाता है। इस कारण आपको हृदय संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है (11)। हरसिंगार (पारिजात) की जड़ की छाल के इस्तेमाल से डायबिटीज के दौरान बढ़ने वाले लिपिड सिरम और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का फैट) को कम किया जा सकता है। इनकी मात्रा शरीर में ज्यादा होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है (10) (6)।
7. पाइल्स
बिगड़ते खान-पान की वजह से पाइल्स की समस्या आम हो गई है। आप हरसिंगार के इस्तेमाल से पाइल्स के ज��खिम को दूर कर सकते हैं। दरअसल, इस दौरान ��ल द्वार में सूजन आ जाती है, जिससे मल निकासी में परेशानी होती है (12)। हरसिंगार में लैक्सेटिव और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जिससे मल निकासी में मदद मिलेगी और सूजन को भी आराम मिलता है (1) (13)। पाइल्स की समस्या कब्ज की वजह से भी हो सकती है। ऐसे में आप हरसिंगार के फूलों और बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कब्ज और पाइल्स दोनों को ठीक करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं (14) (12)।
8. ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन
परंपरागत रूप से हरसिंगार के विभिन्न भागों का इस्तेमाल हर्बल उपचार के लिए किया जाता रहा है, जिसमें ब्लड प्यूरिफिकेशन भी शामिल है (15)। दरअसल, हरसिंगार में हेपाटो प्रोटेक्टिव गतिविधि (Hepato-protective activity) पाई जाती है, जो लीवर को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करती है (16)। वहीं, लीवर का काम रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालना होता है (17)। इसलिए, हरसिंगार को ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन में सहायक माना जा सकता है।
9. गैस
हरसिंगर लैक्सेटिव गुणों से समृद्ध होता है। यह पाचन प्रक्रिया में मदद करता है और गैस की समस्या को दूर करने का काम कर सकता है (5)।
10. डेंगू और चिकनगुनिया
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डेंगू और चिकनगुनिया से जूझने वालों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन आप हरसिंगार के सेवन से इसके कुछ लक्षणों और इससे संबंधित परेशानियों को कम कर सकते हैं। इसमें एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं (18), जो आपको डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों के कारण होने वाले बुखार से बचाते हैं। साथ ही जोड़ों में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, हरसिंगार डेंगू में घटने वाले प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है (19) (1)।
11. खांसी
औषधीय हरसिंगार बतौर एक्सपेक्टोरेन्ट (Expectorant) हमारे शरीर में काम कर सकता है। दरअसल, एक्सपेक्टोरेंट बलगम को गले से निकालने और खांसी ठीक करने में मदद करता है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो खांसी से संबंधित बैक्टीरिया को शरीर से नष्ट करने का काम करते हैं। आप खांसी के लिए हरसिंगार के क���छ पत्तों को पीसकर इसका जूस निकाल लें और शहद के साथ पी लें (4)।
12. घाव
हरसिंगार का इस्तेमाल घाव को भरने के लिए भी किया जाता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण घाव को भर सकते हैं। हरसिंगार के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि पाई जाती है (20), जिसे आप पेस्ट बनाकर अपने घाव पर लगा सकते हैं (21)।
13. डायबिटीज
हरसिंगार में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो डायबिटीज से आपको बचाने में मदद कर सकता है (22)। एक अध्ययन के मुताबिक, हरसिंगार की जड़ की छाल में महत्वपूर्ण एंटी-डायबिटिक गतिविधि पाई गई है। इसके अर्क में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के गुण भी पाए गए हैं (23)।
14. दाद-खुजली
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दाद एक त्वचा संक्रमण है, जो फंगस के कारण शरीर पर होता है। आमतौर पर दाद होने पर त्वचा पर एक गोल लाल रंग का घेरा बन जाता है, जिसमें काफी खुजली होती है (24)। इसका उपचार आप हरसिंगार की मदद से कर सकते हैं। हरसिंगार के बीज, पत्तियां व फूल सभी में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो दाद को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (25) (26)। आपको इसके उपचार के लिए दाद से प्रभावित जगह में हरसिंगार का पेस्ट लगाना होगा।
15. मलेरिया
मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो घातक भी सिद्ध हो सकती है। यह बीमारी पैरासाइट से संक्रमित मच्छरों के काटने की वजह से होती है (27)। प्राण घातक बनने वाले मलेरिया से बचाने में हरसिंगार आपकी मदद कर सकता है। प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल मलेरिया से लड़ने के लिए किया जाता रहा है।
दरअसल, हरसिंगार में पैरासाइट को खत्म करने की ताकत होती है। एक अध्ययन में देखा गया है कि जिन मलेरिया के मरीजों ने करीब तीन हफ्त तक रोजाना हरसिंगार के पांच पत्तों का पेस्ट इस्तेमाल किया, उनका बुखार और पैरासाइट संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो गया था (1)। इसके उपयोग से कई तरह के मच्छरों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है, जो मलेरिया की वजह बन सकते हैं (23)।
16. बुखार
हरसिंगार बुखार से छुटकारा दिलाने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसकी जड़ और पत्तों में एंटीपाइरेटिक (Antipyretic) गुण पाए जाते हैं, जो आपको बुखार से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (1) (24)। हरसिंगार के पत्तों के रस को सीधे पीने से या इसमें अदरक मिलाकर पीने से आपको बुखार से राहत मिल सकती है (25)।
हरसिंगार के फायदे तो आप ऊपर लेख में जान ही चुके हैं, चलिए अब इसके उपयोग के बारे में बात कर लेते हैं।
हरसिंगार का उपयोग – How to Use Harsingar in Hindi
हरसिंगार इतना लाभदायक होता है कि इसके पत्ते बीज, फूल व जड़ की खाल सभी का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। आइए, अब जानते हैं कि कैसे इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है-
पारिजात के फूल और पत्तों को पीसकर आप जूस बना सकते हैं।
इसके पत्तों, फूलों, बीज और जड़ की खाल को आप सूखाकर पाउडर बनाने के बाद इस्तेमाल में ला सकते हैं।
हरसिंगार (पारिजात) के पत्तों का इस्तेमाल उबालकर काड़ा बनाने में भी किया जा सकता है।
कितना खाना चाहिए – सबसे पहले तो हरसिंगार की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आप इसका सेवन किस रूप में कर रहे हैं। आमतौर पर हरसिंगार यानी पारिजात के फूल, पत्ते, जड़ और बीज का उपयोग विभिन्न बीमारियों और शारीरिक समस्याओं के लिए अलग-अलग तरह से किया जाता है, जैसे कि रस, पाउडर, काढ़ा। चलिए, इसके बारे में आपको नीचे बताते हैं (24) –
रस व जूस के रूप में : 10-20 मि.ली.
चूर्ण व पाउडर के रूप में : 1-3 ग्राम
काढ़े के रूप में : 50-100 मिली
नोट – यह एक औषधि है, इसलिए इसका उपयोग डॉक्टरी सलाह पर ही करें।
हरसिंगार के गुण अनेक हैं, यही वजह है कि प्राचीन काल से औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, हरसिंगार के कुछ नुकसान भी हैं। आइए, एक नजर डालते हैं हरसिंगार के नुकसान पर।
हरसिंगार के नुकसान – Side Effects of Harsingar in Hindi
हरसिंगार के फायदे तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन अगर आप इसका सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, तो आपको हरसिंगार के नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है (4)।
आपने ऊपर पढ़ा ही होगा कि हरसिंगार खांसी ठीक करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके ज्यादा सेवन से आपको उल्टा खांसी हो भी सकती है। दरअसल, कुछ हरसिंगार की तासिर ठंडी तो कुछ की गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।
गर्भवतियों को इसे न खाने की सलाह दी जाती है।
हरसिंगार एलर्जी का कारण भी बन सकता है।
घर की शोभा बढ़ाने वाला हरसिंगार आपके शरीर के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। हरसिंगार के पत्ते से लेकर जड़ की छाल तक में औषधीय गुण मौजूद हैं। वहीं, इस लेख के माध्यम से आप ये भी जान चुके हैं कि हरसिंगार का फायदा किस तरीके से इसका सेवन करने से मिलता है। तो बस देर किस बात की, डॉक्टरी सलाह पर छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। अगर हरसिंगार को लेकर अभी भी आपके मन में कुछ सवाल हैं, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे जुड़ सकते हैं।
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vinita pangeni
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/harsingar-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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newsinhindi · 5 years ago
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हरसिंगार के पेड़ के फूल, पत्ते, बीज और छाल स्वास्थ्य के लिए बेहद ही चमत्कारी होते हैं और इसका सेवन करने से कई रोग मिनटों में सही हो जाते हैं। हरसिंगार के औषधीय गुण जानने के बाद आप भी इस पेड़ का प्रयोग अपने रोगों को सही करने के लिए जरूर करेंगे।
खांसी और जुकाम हो सही
हरसिंगार की चाय सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होती है और इसकी चाय पीने से खांसी और जुकाम तुरंत सही हो जाते हैं। हरसिंगार की चाय बनाने के लिए आपको हरसिंगार के फूल और इस पौधे के दो पत्तों की जरूरत पड़ेगी। आप गैस पर पानी गर्म करने के लिए रख दें। फिर इस पानी के अंदर हरसिंगार का फूल और पत्तों को डाल दें। इस पानी को आप अच्छे से उबाल लें और इसमें चीनी मिला दें। जब ये पानी अच्छे से उबाल जाए को गैस बंद कर दें। पानी को छान लें और ये चाय पीन लें। दिन में दो बार ये चाय पीने से आपकी खांसी और जुकाम सही हो जाएंगे। वहीं आप चाहें तो इसके अंदर तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं।
डेंगू हो सही
डेंगू को सही करने में भी हरसिंगार की चाय लाभदायक साबित होती हैं। डेंगू होने पर आप हरसिंगार की चाय का सेवन करें। इसकी चाय पीने से शरीर का दर्द सही हो जाएगा और डेंगू के बुखार से भी आसाम मिल जाए���ा। डेंगू होने पर आप रोज इसकी चाय को पीएं
त्वचा बनाएं मुलायम
हरसिंगार का तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी साबित होते है। इसके तेल से अगर मालिश की जाए तो त्वचा मुलायम बन जाती है और त्वचा में लचीलापन आ जाता है। इसलिए जिन लोगों की त्वचा रुखी है वो हरसिंगार के तेल से मालिश किया करें।
बाल बनें मजबूत
बाल झड़ने पर आप हरसिंगार के बीज का प्रयोग करें। हरसिंगार के बीज बालों के लिए कारगर साबित होते हैं। हरसिंगार का तेल बालों पर लगाने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं। आप बस हरसिंगार के बीज पीस लें और इनका लेप बालों पर लगा लें। एक महीने तक इस लेप को बालों पर लगाने से बाल मजबूत और काले हो जाएंगे।
दाद करे सही
दाद या दाने होने पर आप हरसिंगार का लेप इन पर लगा लें। हरसिंगार का लेप तैयार करने के लिए इस पेड़ के पांच पत्तों को पीस लें और इस लेप को अपने दाद या दानों पर लग लें। ये लेप लगाने से दाद एकदम सही हो जाएंगे।
जोड़ों के दर्द से मिले राहत
जोड़ों में दर्द होने पर आप हरसिंगार के तेल से मालिश करें या फिर रोज सुबह खाली पेट इसके पत्तों का पानी पीएं। इसके पत्तों का पानी तैयार करने के लिए आप कुछ हरसिंगार के पत्ते लेकर उन्हें अच्छे से पीस लें। फिर इन पत्तों को एक गिलास पानी में डाल दें। इस पानी को अच्छे से उबाल लें। गैस बंद करके इस पानी को छान लें। इस पानी को आप रोज सुबह खाली पेट पीएं। ये पानी रोजाना पीने से जोड़ों के दर्द से आराम मिल जाएगा।
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