#हरसिंगार
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मैं चांद के पार नही ले जाऊंगा तुम्हें..लेकिन चाय ज़रूर बना दूंगा तुम्हारे लिए..मैं महंगे आभूषण शायद! नही ला पाऊंगा..लेकिन घर के कोने-कोने में बिखरे पड़े बर्तन ज़रूर समेट दूंगा , मै गुलाब नही लाऊंगा, लेकिन घर की क्यारियों में, पलाश, अमलतास, गुलमोहर, हरसिंगार के पेड ज़रूर लगा दूंगा ।।
- संजीव कुमार
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*🌞~आज दिनांक - 11 अप्रैल 2024 का वैदिक हिंदू पंचांग~🌞*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅मास - चैत्र*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - तृतीया दोपहर 03.03 तक, तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅व्रत पर्व विवरण- मत्स्य जयंती, ग��री पूजा, गणगौर*
*⛅विशेष -तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 मत्स्य जयंती - 11 अप्रैल 2024 🌹*
*🌹 भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतारों में से उनका मत्स्य रूप भी एक है । मत्स्य यानी मछली जिस प्रकार उन्होंने सृष्टि के कल्याण के लिए अपने बाकी अवतार लिए थे ठीक उसी तरह भगवान का यह रूप भी संसार की सुरक्षा के लिए ही था । चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मत्स्य जयंती के रूप में मनाया जाता है । यह दिन श्री हरी विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है । मत्स्य जयंती के दिन विष्णु जी की विशेष पूजा की जाती है। भक्त पूरी श्रद्धा के साथ पूजा, पाठ व्रत आदि करते हैं ।*
*🔹चैत्र नवरात्रि (9 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024)🔹*
*🌹 नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा कि जाती है । यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप हैं । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है । असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था । नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है । इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है ।*
*🌹 तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं । इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।*
*🌹 गणगौर तीज - 11 अप्रैल 2024 🌹*
*🌹 चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 11 अप्रैल, गुरुवार को है । गणगौर उत्सव में मुख्य रूप से माता पार्वती व भगवान शिव का पूजन किया जाता है । भगवान शंकर-माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ उपाय भी कर सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार है-*
*👉🏻 1. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है ।*
*👉🏻 2. शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है ।*
*👉🏻 3. माता पार्वती को ��ी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें । इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है ।*
*👉🏻 4. माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है । दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है । मालपुआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाती है ।*
*👉🏻 5. भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है । अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है ।*
*👉🏻 6. भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है । बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है । धतूरे के फूल के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो परिवार का नाम रोशन करता है । लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है ।*
*👉🏻 7. भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है । शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है ।*
*👉🏻 8. देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है ।*
*👉🏻 9. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है । हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है ।*
*👉🏻 10. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है । शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं । गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है ।*
*👉🏻 11. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति हो सकती है । तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है ।*
*👉🏻 12. द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है ।*
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हरसिंगार ���ाईटिका व जोड़ों के दर्द के लिए अमृत दवाई सफल चमत्कारी इलाज....
जब सभी दवाइयां काम करना बंद कर दे तब यह अमृत की तरह असर दिखाती है पूरी रात सुगंधी बिखेरता पारिजात,भोर होते ही अपने सभी फूल पृथ्वी पर बिखेर देता है अलौकिक सुगंध से सराबोर इसका पुष्प केवल मन को ही प्रसन्न नहीं करता,अपितु तन को भी शक्ति देता है एक कप गर्म पानी में इसका फूल डालकर पियें,अद्भूत ताजगी मिलेगी…यह पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प है स्वर्ग में इसको छूने से देव नर्तकी उर्वषी की थकान मिट जाती…
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प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ा रही है। दौसा जिले में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अहम निर्णय लिए गए हैं। जिले में नीलकंठ बॉयोडायवर्स फॉरेस्ट और खान भांकरी ईको पार्क विकास के लिए 3 करोड़ रुपए (1.50-1.50 करोड़) की वित्तीय स्वीकृति दी है।
स्वीकृति से दौसा जिला पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होगा। स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वित्त विभाग द्वारा दोनों कार्यों के लिए पूर्व में 54.25 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। अब कार्यों को विस्तृत रूप देते हुए 3 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
नीलकंठ बॉयोडायवर्स फॉरेस्ट में वन्यजीव संरक्षण, पर्यटक सुविधा और पर्यावरण जागरूकता के कार्य किए जाएंगे। पर्यटक सुविधाओं में वॉकिंग ट्रेक, ईको हट्स, पानी सुविधा, कुर्सियां वॉच टावर, एंट्री गेट, साइनेज, वन्यजीव संरक्षण में तलाई, एनिकट, पौधारोपण सहित विभिन्न कार्य किए जाएंगे।
दौसा के इस वनखंड में वनस्पतियों व वन्यजीवों की समृद्ध जैव विविधता है। वनस्पतियों में सालार, खिरनी, गूलर, बिल पत्र, गूंदी, सिरस, पलास, धौंक और कई पेड़ हैं। जड़ी- बूटियों में वज्रदंती, सतावर, अरनी, थोर, हरसिंगार, मोरपंखी सहित अन्य मौजूद है। वन्यजीवों में तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार, नीलगाय, जंगली सुवर, पाटागो, नेवला, सर्प, मोर व अन्य शामिल हैं।
खान भांकरी ईको पार्क दौसा जिला कलेक्ट्रेट से मात्र 300 मीटर दूर स्थित है। यहां वॉकिंग ट्रेक, गार्डन वर्क, फेंसिंग, दीवार, कार्यालय भवन सहित विभिन्न कार्य होंगे। यहां छोटा तालाब है, भविष्य में नौकायन भी शुरू की जा सकती है। यहां पहाड़ी के चारों तरफ लगभग 4-5 किलोमीटर में वॉकिंग ट्रेक प्रस्तावित है। इसके दोनों तरफ नीम, शीशम, पीपल, करंज, आंवला, अशोक, मोरचडी, गूलर, बिलपत्र सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण एवं तलाई की खुदाई कर सौंदर्यकरण का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 अन्तर्गत प्रदेश विकास में पर्यटन के लिए प्रत्येक जिले में 2-2 पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर जन सुविधा संबंधी कार्य कराए जाने की घोषणा की गई थी।
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छिपाए से नहीं छिपती दिले बीमार की ख़ुशबू। बना देती है दीवाना ये हरसिंगार की ख़ुशबू। हथेली चूमकर मुझको सहेली ने बताया है, मेरी आँखों से आती है किसी के प्यार की ख़ुशबू। © डॉ कीर्ति काले #shayrilover #love #romantic #poetrycommunity https://www.instagram.com/p/Clvg1ZnPqXm/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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कोई मामूली पौधा नहीं हरसिंगार, फायदे जानकार चौंक जायेंगे?
कोई मामूली पौधा नहीं हरसिंगार, फायदे जानकार चौंक जायेंगे?
हरसिंगार का पौधा जिसको पारिजात वृक्ष या अंग्रेजी में नाईट जेसमीन भी कहा जाता है ना केवल अपने सफ़ेद खुशबूदार फूलों के लिए जाना जाता है बल्कि इस पौधे का प्रत्येक हिस्सा चाहे वो इसकी पत्तियां हों या बीज या छाल आदि सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यहाँ तक कि इसके सेवन डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे बुखारों में भी इस्तेमाल किया जाता है। तो चलिए जानते हैं हरसिंगार के फायदे और इसे किस तरह लिया जाना…
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#जोड़ों के दर्द के लिए घरेलु उपाय#जोड़ों के दर्द के लिए हरसिंगार#डेंगू के लिए हरसिंगार#पारिजात के फायदे#बुखार के लिए हरसिंगार का काढ़ा#हरसिंगार#हरसिंगार का इस्तेमाल कैसे करें#हरसिंगार के फायदे#Health benefits of Night Jasmine
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Ayurved me Harsingar ke patte ke fayde
हरसिंगार
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इस सावन अपने मेकअप को दे परफेक्ट लुक, अपनाएं ये टिप्स
हिन्दू धर्म में सावन का बहुत महत्व होता है।यह सावन का पवित्र महीना 6 जुलाई से शुरू हो रहा है। शिव भक्तों के लिए यह महीना बेहद प्रिय होता है। वही ये सुहागनों और मनोकामना लिए व्रत रखने वाली लड़कियों के लिए यह किसी त्यौहार से कम नहीं है। सावन में सुहागनें हरे रंग की चूड़ियां जरूर पहनती हैं और हाथों में मेंहदी लगाती हैं। इस बार कोरोनाकाल में खतरे को देखते हुए व्यूटी पार्लर जाना भी खतरे से खाली नहीं हैं। इससे अच्छा है घर पर रह कर खुद ही मेकअप करना होगा। और मेकअप को आसान बनाने को हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ मेकअप टिप्स-
मेंहदी के रंग को गहरा करे ये टिप्स:-
हिंदू धर्म में मेंहदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। शुभ मौकों पर इसे हाथों में रचाना सौभाग्य समझा जाता है। इसलिए लड़कियां-महिलाएं सावन सोमवार पर मेंहदी रचाती हैं। सावन के महीने में मेंहदी लगाना बहुत शुभ माना जाता है। कुछ टिप्स अपनाने से आपकी मेंहदी लंबे समय तक हाथों पर टिकेगी। मेंहदी लगाने से पहले हाथों पर मेंहदी का तेल जरूर लगाएं। इससे गहरा रंग आता है। हाथों में मेंहदी का रंग गहरा हो असा आप चाहती है तो अपने हाथों पर कम से कम 5 घंटे तक मेंहदी लगी रहने दें। इसके अलावा जब भी मेंहदी को अपने हाथ से निकालें, तो पानी से हाथों का बचाव रखें। मेंहदी का रंग जल्दी ही हल्का होने लगेगा। सुहागिनों को सावन सोमवार पर हरसिंगार के फूलों का गजरा लगाना शुभ माना गया है| मान्यता है कि इससे महादेव प्रसन्न होते है।
लाल रंग ज्यादा जरुरी है:-
हालांकि इस महीने में काले कपड़ों, बिंदी, चूडि़यों आदि को अपने श्रंगार में उपयोग में न लाये। मान्यता है कि इस दौरान काला रंग शुभ नहीं होता और इससे महादेव नाराज होते हैं।
बिंदी से होगा पूरा श्रंगार:-
सावन के महीने में श्रंगार करते समय महिलाएं इस बात का खास ध्यान रखें कि इसमें लाल या हरे रंग की बिंदी को ह�� अपने माथे पर लगाएं। मगर काली बिंदी कभी भी न लगाएं. यह अच्छी नहीं समझी जाती।
सिंदूर हो चटक लाल:-
सावन के महीने में सिंदूर लगाते समय भी यह याद रखें कि आपके सिंदूर का रंग सुर्ख लाल हो। माना जाता है कि ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होती है और शिव जी भी खुश होते हैं।
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🌞 आज का वैदिक हिन्दू पंचांग 🌞
👉दिनांक - 03 दिसम्बर 2023*
👉दिन - रविवार*
👉विक्रम संवत् - 2080*
👉अयन - दक्षिणायन*
👉ऋतु - हेमंत*
👉मास - मार्गशीर्ष*
👉पक्ष - कृष्ण*
👉तिथि - षष्ठी रात्रि 07:27 तक तत्पश्चात सप्तमी*
👉नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 09:36 तक तत्पश्चात मघा*
👉योग - इन्द्र रात्रि 08:56 तक तत्पश्चात वैधृति*
👉राहु काल - शाम 04:33 से 05:54 तक*
👉सूर्योदय - 07:05*
👉सूर्यास्त - 05:54*
👉दिशा शूल - पूर्व*
👉ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:12 तक*
👉निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक*
👉विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 पारिजात वृक्ष की महिमा 💥
👉पारिजात या हरसिंगार को देवलोक का वृक्ष कहा जाता है । कहते हैं कि समुद्र – मंथन के समय विभिन्न रत्नों के साथ – साथ यह वृक्ष भी प्रकट हुआ था । इसकी छाया में विश्राम करनेवाले का बुद्धिबल बढ़ता है । यह वृक्ष नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाता है । इसके फूल अत्यंत सुकुमार व सुगंधित होते हैं जो दिमाग को शीतलता व शक्ति प्रदान करते हैं । हो सकते तो अपने घर के आसपास इस उपयोगी वृक्ष को लगाना चाहिए ।*
💥रविवार विशेष 💥
👉रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
👉 रविवार के दिन का��से के पात्र में भोजन नहीं करन��� चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
👉 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
👉स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
👉 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
💥अतुलनीय भारत की खोज 💥
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हरसिंगार ( पारिजात) के पत्ते के फायदे
हरसिंगार के प्रयोग से पाचन, पेट के कीड़े की, मूत्ररोग, लिवर विकार सहित अन्य कई रोगों रोगों का उपचार किया जा सकता हैं । पारिजात को बनस्पतियो में सबसे छारिए वस्तु माना जाता है । हरसिंगार को अम्लता व हड्डियों के दर्द की रामबाण औषधि माना जाता है । पारिजात के फूल, पत्ते और छाल के फायदे अनेक प्रकार प्रकार के होते है ।
हरश्रृंगार औषधीय गुणों का खजाना है । साइटिका के रोग के उपचार में हरसिंगार को सबसे अच्छी औषधि माना जाता है। हड्डियों व जोड़ों के दर्द की उत्तम औषधि है । यह बवासीर रोग के उपचार के काम भी आती है । इसके फूल हृदय के लिए भी अच्छे माने जाते हैं ।
पारिजात की पत्तियों को पीस कर शहद के साथ उपयोग करने से सूखी खाँसी ठीक हो जाती है । हरश्रृंगार की पत्तियों को पीसकर स्किन पर लगाने से त्वचा संबंधित रोग ठीक होते हैं । हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीने से गठिया का इलाज किया जाता है ।
Read more : https://www.godesihealth.in/2021/02/harshingar-se-gathiya-ka-ilaj.html
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हरसिंगार के पेड़ के फूल, पत्ते, बीज और छाल स्वास्थ्य के लिए बेहद ही चमत्कारी होते हैं और इसका सेवन करने से कई रोग मिनटों में सही हो जाते हैं। हरसिंगार के औषधीय गुण जानने के बाद आप भी इस पेड़ का प्रयोग अपने रोगों को सही करने के लिए जरूर करेंगे।
खांसी और जुकाम हो सही
हरसिंगार की चाय सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होती है और इसकी चाय पीने से खांसी और जुकाम तुरंत सही हो जाते हैं। हरसिंगार की चाय बनाने के लिए आपको हरसिंगार के फूल और इस पौधे के दो पत्तों की जरूरत पड़ेगी। आप गैस पर पानी गर्म करने के लिए रख दें। फिर इस पानी के अंदर हरसिंगार का फूल और पत्तों को डाल दें। इस पानी को आप अच्छे से उबाल लें और इसमें चीनी मिला दें। जब ये पानी अच्छे से उबाल जाए को गैस बंद कर दें। पानी को छान लें और ये चाय पीन लें। दिन में दो बार ये चाय पीने से आपकी खांसी और जुकाम सही हो जाएंगे। वहीं आप चाहें तो इसके अंदर तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं।
डेंगू हो सही
डेंगू को सही करने में भी हरसिंगार की चाय लाभदायक साबित होती हैं। डेंगू होने पर आप हरसिंगार की चाय का सेवन करें। इसकी चाय पीने से शरीर का दर्द सही हो जाएगा और डेंगू के बुखार से भी आसाम मिल जाएगा। डेंगू होने पर आप रोज इसकी चाय को पीएं
त्वचा बनाएं मुलायम
हरसिंगार का तेल त्वचा के लिए काफी गुणकारी साबित होते है। इसके तेल से अगर मालिश की जाए तो त्वचा मुलायम बन जाती है और त्वचा में लचीलापन आ जाता है। इसलिए जिन लोगों की त्वचा रुखी है वो हरसिंगार के तेल से मालिश किया करें।
बाल बनें मजबूत
बाल झड़ने पर आप हरसिंगार के बीज का प्रयोग करें। हरसिंगार के बीज बालों के लिए कारगर साबित होते हैं। हरसिंगार का तेल बालों पर लगाने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं। आप बस हरसिंगार के बीज पीस लें और इनका लेप बालों पर लगा लें। एक महीने तक इस लेप को बालों पर लगाने से बाल मजबूत और काले हो जाएंगे।
दाद करे सही
दाद या दाने होने पर आप हरसिंगार का लेप इन पर लगा लें। हरसिंगार का लेप तैयार करने के लिए इस पेड़ के पांच पत्तों को पीस लें और इस लेप को अपने दाद या दानों पर लग लें। ये लेप लगाने से दाद एकदम सही हो जाएंगे।
जोड़ों के दर्द से मिले राहत
जोड़ों में दर्द होने पर आप हरसिंगार के तेल से मालिश करें या फिर रोज सुबह खाली पेट इसके पत्तों का पानी पी��ं। इसके पत्तों का पानी तैयार करने के लिए आप कुछ हरसिंगार के पत्ते लेकर उन्हें अच्छे से पीस लें। फिर इन पत्तों को एक गिलास पानी में डाल दें। इस पानी को अच्छे से उबाल लें। गैस बंद करके इस पानी को छान लें। इस पानी को आप रोज सुबह खाली पेट पीएं। ये पानी रोजाना पीने से जोड़ों के दर्द से आराम मिल जाएगा।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खिरनी, करंज और हरसिंगार के पौधे लगाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खिरनी, करंज और हरसिंगार के पौधे लगाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खिरनी, करंज और हरसिंगार के पौधे लगाए भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान के सदस्यों ने भी किया पौध-रोपण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में खिरनी, करंज और हरसिंगार के पौधे लगाए। कम्पनी सेक्रेटरी का कोर्स कराने वाली संस्था भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान (आई.सी.एस.आई.) के अध्यक्ष सी.एस. श्री विवेक नायक सहित सी.एस. ��र्वश्री योगेश खाकरे, पी.के. राय, अमित जैन,…
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