#डीडीसी
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trendingwatch · 2 years ago
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पीओके-मूल के उम्मीदवारों द्वारा गलत जन्मस्थान की जानकारी के बाद आज जम्मू-कश्मीर की 2 स्थानीय निकाय सीटों पर पुनर्मतदान
पीओके-मूल के उम्मीदवारों द्वारा गलत जन्मस्थान की जानकारी के बाद आज जम्मू-कश्मीर की 2 स्थानीय निकाय सीटों पर पुनर्मतदान
द्वारा संपादित: रेवती हरिहरन आखरी अपडेट: 05 दिसंबर, 2022, 08:37 IST द्रुगमुल्ला के 42 मतदान केंद्रों और हाजिन के 57 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक मतदान होगा. (पीटीआई) दिसंबर 2020 में जम्मू और कश्मीर में डीडीसी चुनावों के लिए दो सीटों – कुपवाड़ा में ड्रगमुल्ला और बांदीपोरा में हाजिन – के लिए मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों की दो जिला विकास परिषद या…
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indlivebulletin · 7 days ago
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विधायक तथा डीडीसी ने पंचायत भवन का निर्माण कार्य करवाया शुरू
आरएस पुरा, 25 नवंबर (हि.स.)। आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ. नरेंद्र सिंह रैणा तथा जिला विकास परिषद सदस्य मीरा साहिब विद्या मोटन ने सोमवार को ब्लॉक मीरा साहिब के अधीन आती पंचायत बन सुल्तान लोअर में पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू करवाया। पंचायत भवन के निर्माण कार्य पर लगभग 30 लाख रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। इस मौके पर पंचायत के पूर्व सरपंच दया पाल, पूर्व…
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agra24 · 9 days ago
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प्रदेश के चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में समी���्षा बैठक संपन्न
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चकबंदी कार्यों में सुधार के लिए डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया तेज, राजस्व विभाग से संबद्ध कर्मचारियों की वापसी के निर्देश नवीन सर्किट हाउस सभागार में शनिवार को चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आगरा-अलीगढ़ मंडल और जनपद इटावा के चकबंदी विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हु���। बैठक में चकबंदी कार्यों की प्रगति और उसमें आ रही बाधाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। चकबंदी आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व विभाग से संबद्ध सभी चकबंदी लेखपाल और तहसीलदारों की सम्बद्धता समाप्त कर दी जाएगी। यह कदम चकबंदी कार्यों को प्रभावित होने से रोकने के लिए उठाया गया है। समीक्षा बैठक में उठाए गए मुख्य बिंदु बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें धारा-8 और धारा-52 के तहत निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की प्रगति, आईजीआरएस, मुख्यमंत्री संदर्भ, शासन और निदेशालय संदर्भ की समीक्षा शामिल थी। सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के स्थगन आदेशों से प्रभावित ग्रामों की स्थिति का भी विश्लेषण किया गया। चकबंदी आयुक्त ने अधिकारियों को ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों को शत-प्रतिशत आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा गया कि डिप्टी डायरेक्टर चकबंदी (डीडीसी) मौके पर जाकर शिकायतों की जांच करें और उनकी पोर्टल पर एंट्री सुनिश्चित करें। लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण बैठक में बताया गया कि आगरा मंडल के अंतर्गत चकबंदी न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। इनमें जनपद आगरा में 0-5 वर्ष का एक मामला और 3 वर्ष से अधिक के 24 मामले, फिरोजाबाद में 9, अलीगढ़ में 19, एटा में 11, इटावा में 10 और मथुरा में सर्वाधिक 32 मामले लंबित हैं। आयुक्त ने इन मामलों को दिसंबर माह तक निस्तारित करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जनवरी में संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। डिजिटलाइजेशन पर जोर चकबंदी आयुक्त ने बैठक में बताया कि विभाग का पूर्ण डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसमें धारा-9 और धारा-12 का प्रकाशन और प्राप्त आपत्तियों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा शामिल होगी। ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का विवरण भी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह कदम विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने सभी लंबित मामलों और उनके निस्तारण को 30 नवंबर तक पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिन ग्रामों में चक काटने की प्रक्रिया जारी है, वहां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस प्रक्रिया को दो माह में पूरा करने का आदेश दिया गया। सेवानिवृत्त देयकों का शीघ्र भुगतान बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्ति से तीन महीने पूर्व ही संब��धित प्रपत्र तैयार कर लिए जाएं। यदि कोई विभागीय जांच लंबित हो, तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए ताकि कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिल सके। चकबंदी कार्यों में सुधार के प्रयास चकबंदी आयुक्त ने बताया कि ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त चकबंदी से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शिकायतों की मौके पर जांच कर समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चकबंदी प्रकाशन और उससे जुड़ी आपत्तियां डिजिटल माध्यम से ही दर्ज हों। उपस्थिति बैठक में लखनऊ से संयुक्त संचालक चकबंदी रणविजय सिंह, आगरा के अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेन्द्र सिंह, आगरा और अलीगढ़ मंडल एवं जनपद इटावा के उप संचालक चकबंदी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। चकबंदी कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए आयुक्त ने स्पष्ट किया कि सभी अधिकारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी और तत्परता से कार्य करें, ताकि विभागीय उद्देश्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके।   Read the full article
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mediahousepress · 1 month ago
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डीईओ सह डीसी,एसपी, डीडीसी – एसी समेत अन्य अधिकारियों ने मिर्धा पिंड्राजोड़ा एवं मुर्गतला स्थित चेक पोस्ट का किया औचक निरीक्षण
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sharpbharat · 2 months ago
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jharkhand IAS trasfer posting : झारखंड के 6 आइएएस अधिकारियों का तबादला, जमशेदपुर के डीडीसी भी बदले गये, रांची के डीसी बने मंजूनाथ भजंत्री
रांची : झारखंड सरकार ने छह आइएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. इसके तहत जमशेदपुर के डीडीसी मनीष कुमार को पाकुड़ भेज दिया गया है. उनको पाकुड़ का उपायुक्त बनाया गया है. इसके अलावा जमशेदपुर के पूर्व डीसी मंजूनाथ भजंत्री को रांची का उपायुक्त बनाया गया है. वे काफी दिनों से पदस्थापन का इंतजार में थे. जामताड़ा के नये डीसी शशिप्रकाश सिंह, लातेहार का डीसी आइएएस उत्कर्ष गुप्तो को बनाया गया है.…
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bikanerlive · 3 months ago
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*बीकानेर में NDPS एक्ट के तहत ज़ब्त नशीली दवाओं का नष्टीकरण*
बीकानेर, 14 सितंबर – ज़िला बीकानेर में NDPS एक्ट के तहत ज़ब्त की गई नशीली दवाओं का आज डीडीसी द्वारा भट्टी में जलाकर नष्टीकरण किया गया। इस दौरान डीडीसी, एसपी बीकानेर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिटी और ग्रामीण, आईपीएस रमेश, और सभी संबंधित एसएचओ मौजूद रहे। ज़ब्त की गई नशीली दवाओं में 14,000 किलोग्राम डोडा, 12,000 किलोग्राम अफ़ीम के पौधे, 38 किलोग्राम स्मैक, 884 ग्राम एमडी, 557 ग्राम एमडीएमए, और 55…
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cgnews24 · 3 months ago
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IAS Transfer 2024: राज्य के ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल, 25 IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों में नए डीडीसी नियुक्त, देखें लिस्ट IAS Transfer 2024: बिहार सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेवरबदल करते हुए 25 आईएएस अफसरों को ट्रांसफर किया है, जिनमें से 14 आईएएस अफसरों को नई पोस्टिंग दी गई है, साथ ही 11 अफसरों को वोटिंग फॉर पोस्टिंग में रखा गया है । इन अधिकारियों को मिली नई पोस्टिंग नवादा के डीडीसी दीपक कुमार मिश्रा को नालंदा
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snehagoogle · 4 months ago
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Sir Louis Pasteur
Sir Louis Pasteur used organisms like microbes to make rabies vaccine
Do you know friends, nowadays many difficult diseases are treated by extracting venom from snakes and scorpions
By the way, medicines are actually organic
What medicines can be made other than organic materials
What drugs are made from natural resources?
DDC | Free Full-Text | Plant-Derived Natural Products: A ...
Additional plant-derived natural products of medical significance that were earlier acquired from herbal origins but are currently manufactured economically mainly via synthesis include atropine, cocaine, ephedrine, colchicine, caffeine, digitoxin, morphine, quinine, scopolamine, theobromine, and Taxol.
Herbal versus Synthetic Medicines
News-Medical
https://www.news-medical.net › health › Herbal-versus-...
23 Aug 2021 
Herbal medicine has been with us since the dawn of human civilization and yet we know far less about its effects than we do about conventional synthetic medicines. In the Western world particularly, we’ve come to rely on synthetic drugs and yet many still turn to natural medicines when looking for healing solutions. This article looks at the benefits and the problems of both kinds of medicine. Here we consider why we need to know more about herbal medicines than we do.
Herbal and synthetic medicines together?
Care needs to be taken where synthetic and herbal medicines are taken at the same time and it is generally advisable not to do this. It is also advisable not to take herbal medicine during pregnancy.
Researchers have found that commonly used herbal medicines such as St. John’s wort, ginseng, and Gingko Biloba could have harmful interactions with conventional medicines. These include:
diluting effects
increasing the potency
dangerous side effects
Patients have been found to suffer serious consequences when taking herbals alongside drugs such as antidepressants and medicines for HIV, epilepsy, and heart disease. Although herbal medicines are natural products, they can still produce potentially potent biological effects on the body which can also, unfortunately, be deleterious ones.
But people often turn to these natural medicines as they believe they’re free from undesirable effects. Though the perception is incorrect, on balance herbal medicines are still actually much safer than synthetic drugs. Around 100,000 people die every year due to the toxic effects of synthetic drugs whereas hospitalizations and deaths caused by herbal medicines are difficult to find.
Herbal medicines are made from biological resources
Are synthetic medicines not made from biological resources?
Well, this earth was composed of biological resources 4 billion years ago
At that time, LUCA organisms did not even perform breathing
I think the earth itself is a biological material
Well friends, I have written about medicine by adopting a lot of different perspectives
You decide whether tomorrow's world will find this article necessary or not
Till then, please allow me to start writing about our next program React
Translate Hindi
सर लुई पाश्चर माइक्रोब जैसे जीव इस्तेमाल किया था रेबीज वैक्सीन बनाने के लिए
आपको पता है दोस्तों आजकल सांप बिच्छु की विष निकालकर कई कठिन से कठिन रोग का इलाज होता है
वैसे दवाई असल में जैविक ही है
जैव सामग्री अलावा क्या दवा बनाया जा सकता है
प्राकृतिक संसाधनों से कौन सी दवाएँ बनाई जाती हैं?
डीडीसी | मुफ़्त पूर्ण-पाठ | पौधों से प्राप्त प्राकृतिक उत्पाद: एक ...
चिकित्सा महत्व के अतिरिक्त पौधों से प्राप्त प्राकृतिक उत्पाद जो पहले हर्बल मूल से प्राप्त किए गए थे, लेकिन वर्तमान में मुख्य रूप से संश्लेषण के माध्यम से आर्थिक रूप से निर्मित किए जाते हैं, उनमें एट्रोपिन, कोकेन, इफ़ेड्रिन, कोल्सीसिन, कैफीन, डिजिटॉक्सिन, मॉर्फिन, क्विनिन, स्कोपोलामाइन, थियोब्रोमाइन और टैक्सोल शामिल हैं।
हर्बल बनाम सिंथेटिक दवाएँ
न्यूज़-मेडिकल
https://www.news-medical.net › स्वास्थ्य › हर्बल-बनाम-...
23 अगस्त 2021
मानव सभ्यता की शुरुआत से ही हर्बल दवा हमारे साथ रही है और फिर भी हम इसके प्रभावों के बारे में पारंपरिक सिंथेटिक दवाओं की तुलना में बहुत कम जानते हैं। विशेष रूप से पश्चिमी दुनिया में, हम सिंथेटिक दवाओं पर निर्भर हो ��ए हैं और फिर भी कई लोग उपचार के समाधान की तलाश में प्राकृतिक दवाओं की ओर रुख करते हैं। यह लेख दोनों प्रकार की दवाओं के लाभों और समस्याओं को देखता है। यहाँ हम इस बात पर विचार करते हैं कि हमें हर्बल दवाओं के बारे में जितना जानना चाहिए, उससे कहीं ज़्यादा क्यों जानना चाहिए।
हर्बल और सिंथेटिक दवाएँ एक साथ?
जब सिंथेटिक और हर्बल दवाएँ एक साथ ली जाती हैं, तो सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है और आमतौर पर ऐसा न करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान हर्बल दवा न लेने की भी सलाह दी जाती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि सेंट जॉन्स वोर्ट, जिनसेंग और जिन्को बिलोबा जैसी आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली हर्बल दवाएँ पारंपरिक दवाओं के साथ हानिकारक हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
पतला प्रभाव
शक्ति में वृद्धि
खतरनाक दुष्प्रभाव
एंटीडिप्रेसेंट और एचआईवी, मिर्गी और हृदय रोग की दवाओं जैसी दवाओं के साथ हर्बल लेने पर मरीजों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। हालाँकि हर्बल दवाएँ प्राकृतिक उत्पाद हैं, फिर भी वे शरीर पर संभावित रूप से शक्तिशाली जैविक प्रभाव पैदा कर सकती हैं जो दुर्भाग्य से हानिकारक भी हो सकते हैं।
लेकिन लोग अक्सर इन प्राकृतिक दवाओं की ओर रुख करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अवांछनीय प्रभावों से मुक्त हैं। हालाँकि यह धारणा गलत है, लेकिन संतुलन पर हर्बल दवाएँ वास्तव में सिंथेटिक दवाओं की तुलना में बहुत अधिक सुरक्षित हैं। सिंथेटिक दवाओं के विषाक्त प्रभाव के कारण हर साल लगभग 1,00,000 लोग मर जाते हैं, जबकि हर्बल दवाओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के मामले मिलना मुश्किल है।
हर्बल मेडिसिन जैविक संसाधनों से बने होते है 
क्या सिंथेटिक दवाएँ जैविक संसाधनों से बने नहीं होते है
खैर 4 अरब साल पहले से ही यह पृथ्वी जैविक संसाधनों को रचना की थी
उस समय तो LUCA जीव श्वसण कृया तक नहीं करते थे
मुझे तो लगता है पृथ्वी खुद ही एक जैव उपादान है
खैर दोस्तों में मेडिसिन के विषय में काफी भिन्नता अवलंबन करके लिखा हूँ
कल की जमाना इस लेख को जरूरत समझे या नहीं यह आप सोचिए
तब तक मुझें आज्ञा दीजिए मैं हमारा अगला कारिक्रम रिएक्ट के बारे में लिखना शुरू करूं
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sns24news · 10 months ago
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बोकारो जिले के 26वें (उप विकास आयुक्त) डीडीसी के रूप में संदीप कुमार ने ...
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samacharchakra · 11 months ago
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अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर पाकुड स्टेशन से किया गया रवाना
समाचार चक्र संवाददाता पाकुड़-13434 डाउन मालदा टाउन-एसएमवीटी बेंगलूर अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव रविवार से पाकुड स्टेशन में किया गया।जिसका हरी झंडी दिखाकर रवाना नेता विपक्ष अमर कुमार बाउरी,राज्यसभा सांसद आदित्य कुमार साहू,डीआरएम हावड़ा संजीव कुमार,डीडीसी शाहिद अख्तर,एसडीओ हरिवंश पंडित,एसडीपीओ अजित कुमार ने किया।वहीं काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।अमृत भारत एक्सप्रेस मालदा से 10 बजे…
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nsdtimes · 1 year ago
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JAUNPUR NEWS || डीडीसी के आदेश को भी नहीं मानती राजस्व विभाग एवं पुलिस
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indlivebulletin · 1 month ago
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भाजपा के कार्यकर्ता हैं देवतुल्य: विधायक डॉ. ���विंदर कुमार मनेयाल
रामगढ़, 29 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रामगढ़ मंडल ने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अपनी प्राथमिक सदस्यता पहल संगठन पर्व पर केंद्रित कार्यशाला आयोजित की। इसमें पार्टी महासचिव और विधायक डॉ. देविंदर कुमार मनेयाल और डीडीसी चेयरमैन सांबा केशव दत्त शर्मा शामिल हुए। डॉ. मनेयाल ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता देवतुल्य हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य सिर्फ चुनावी इकाई नहीं बल्कि लोगों की…
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nidarchhattisgarh · 1 year ago
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भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल भरभराकर गिया, सीएम ने दिए जांच के आदेश; 1700 करोड़ की लागत से हो रहा था तैयार
NCG NEWS DESK:-बिहार के भागलपुर में सुलतानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया। पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया। पुल गिरने की घटना का स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिया। यह दूसरी बार है जब पुल गिरा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल गिरने डीडीसी भागलपुर कुमार अनुराग ने कहा, निर्माणाधीन पुल गिरने की घटना शाम करीब छह बजे हुई। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।…
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mediahousepress · 2 months ago
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जनता दरबार में 26 मामलों पर डीडीसी ने की सुनवाई, ऑन स्पॉट कई मामलों का किया निष्पादन
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sharpbharat · 2 months ago
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jamshedpur blood donation : जन सेवा संघ ट्रस्ट के रक्तदान शिविर में 146 रक्त संग्रहित, पशु सेवा के साथ सामाजिक कार्य करती है संस्था
जमशेदपुर : जमशेदपुर शहर में पशु सेवा और सामाजिक कार्यों से एक अलग पहचान बनाने वाली संस्था जन सेवा संघ ट्रस्ट की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन जमशेदपुर बल्ड बैंक में किया गया. इसमें 146 लोगों ने रक्तदान किया. सभी रक्तदाताओं और अतिथियों को संस्था ने कुल 251 पौधा देकर प्रयावरण को संरक्षण करने का भी संकल्प लिया. कार्यक्रम में मौजूद डीडीसी मनीष कुमार, बंटी सिंह, तरणप्रीत सिंह, भाजपा…
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khetikisaniwala · 2 years ago
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जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल(मनोज सिंह )ने आज अनंतनाग पुलिया में " किसान संपर्क अभियान "चलाया|
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जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल(मनोज सिंह )ने आज अनंतनाग पुलिया में " किसान संपर्क अभियान "चलाया| यह किसान संपर्क जम्मू -कश्मीर के किसानो के लिए उन्नति एवं कौशल , एंड हैंडहोल्डिंग , कुशल कार्यक्रम HADP के प्रभाव को जम्मू - कश्मीर जैसे -केंद्र शाषित प्रदेश में लागु हुयी है | जो 4 महीना तक चलेगी | मनोज सिंह ने कहा , की मुझे अपने कार्य को विश्वास पूर्वक गॉवो से लेकर निकलता है |
और कृषि में अशीम क्षमता को आगे बढ़ाना है ,और मेरा मानना है की कृषि में वो क्षमता है की किसी राज्य , प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बदल देने की क्षमता होती है | उपराज्यपाल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्र में अनंतनाग के जबरदस्त विकास में उनके योगदान के लिए जिले के प्रगतिशील किसानों और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े अन्य हितधारकों की सराहना की। उपराज्यपाल ने कहा, "सभी महत्वाकांक्षी और अभिनव हस्तक्षेप, चाहे वह मुश्कबुदजी या पीली क्रांति का पुनरुद्धार हो, किसानों और प्रशासन के बीच प्रभावशाली साझेदारी के कारण फल दे रहा है और एचएडीपी किसानों को नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करेगा।
" आज, अनंतनाग को देश का ट्राउट जिला और रेशम उत्पादन क्षेत्र के मामले में केंद्र शासित प्रदेश का अग्रणी जिला होने का अनूठा गौरव प्राप्त है। हमने उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई हस्तक्षेप किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने जिले में तीन नए जैविक कलस्टर और मत्स्य क्षेत्र का पहला किसान उत्पादक संगठन स्थापित किया है, इसके अलावा बड़े पैमाने पर ट्राउट खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाइयां स्थापित की हैं। उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश के किसानों से किसान संपर्क अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और विकास और समृद्धि की नई संभावनाओं का पता लगाने का आग्रह किया।
"समग्र कृषि विकास कार्यक्रम एक बहुत ही महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है और हम नए मील के पत्थर हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं। ग्रामीण-शहरी अंतराल को पाटने के हमारे दृढ़ संकल्प ने पहले ही कृषि और कृषि आधारित ��घु उद्योगों में कई ठोस पहल और प्रभावशाली विकास किए हैं।" उपराज्यपाल ने अवलोकन किया। उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश के किसानों से किसान संपर्क अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और विकास और समृद्धि की नई संभावनाओं का पता लगाने का आग्रह किया। "समग्र कृषि विकास कार्यक्रम एक बहुत ही महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है और हम नए मील के पत्थर हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं।
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ग्रामीण-शहरी अंतराल को पाटने के हमारे दृढ़ संकल्प ने पहले ही कृषि और कृषि आधारित लघु उद्योगों में कई ठोस पहल और प्रभावशाली विकास किए हैं।" उपराज्यपाल ने अवलोकन किया। उन्होंने एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया और कृषक समुदाय और नवोदित कृषि-उद्यमियों को प्रशासन से हर संभव सहायता और सहायता का आश्वासन दिया। "हमारा सपना न केवल एक मजबूत कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है, बल्कि एचएडीपी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना, ग्रामीण संपत्ति बनाना, स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना और 70% आबादी को स्वयं खेती करना है।
-भरोसेमंद," उन्होंने कहा। पीआरआई प्रतिनिधियों और किसानों द्वारा पेश की गई मांगों और मुद्दों का जवाब देते हुए उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि लोगों की सभी वास्तविक चिंताओं को प्राथमिकता पर दूर किया जाएगा। उपराज्यपाल ने चुनिंदा लोगों के लिए नहीं बल्कि आम आदमी के कल्याण के लिए काम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगामी जी20 कार्यक्रम के सफल आयोजन में पीआरआई सदस्यों, आम लोगों और अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी की मांग की। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने केंद्र शासित प्रदेश की वास्तविक क्षमता दिखाने का यह एक शानदार अवसर है।
मुहम्मद यूसुफ गोरसी, अध्यक्ष, डीडीसी अनंतनाग और मोहम्मद इकबाल अहंगर, अध्यक्ष नगरपालिका डोरू ने किसानों के कल्याण और लोगों के जीवन को बदलने के लिए उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। प्रगतिशील किसानों ने भी अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। उपराज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए। अटल डुल्लू, अतिरिक्त ��ुख्य सचिव, कृषि उत्पादन विभाग;विजय कुमार बिधूड़ी, संभागीय आयुक्त कश्मीर; विजय कुमार, एडीजीपी कश्मीर; पंचायत सदस्य, वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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