पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में बूथ पंचायत चुनव में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बीच झड़प
पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में बूथ पंचायत चुनव में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बीच झड़प
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर
द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम
अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 03:20 PM IST
मौके पर पहुंची पुलिस।
– फोटो: अमर उजाला
ख़बर सुनकर
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जौनपुर में पंचायत चुनाव के दौरान कई जगह पर मामूली विवादों में झड़प और मारपीट की भी घटनाएं हुईं। रेपुर के रूपचंद्रपुर में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच लाठी-डंडा और ईंट-पत्थर चले। इसमें पांच लोग घायल हो गए। एक की हालत गंभीर देख रेपुर…
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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा से कौन-कौन हो सकता है बीजेपी का प्रत्याशी
लखनऊ. यूपी में हाल ही में विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी पार्टियों के प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में ताकत झोंके हुए हैं कि आलाकमान की नजर उनपर पड़ जाये और उन्हें टिकट मिल जाये. उपचुनाव है तो जाहिर तौर पर सत्ताधारी दल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फौज सबसे ज्यादा होगी।
1. मल्हनी, जौनपुर – समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के चलते ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी की बड़ी लड़ाई है. पार्टी कभी इस सीट से नहीं जीती. लिहाजा दमदार कैण्डिडेट की तलाश है. इस सीट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कभी छात्र नेता रहे मनोज सिंह की दावेदारी मानी जा रही है. वे बरसठी से ब्लाक प्रमुख रहे हैं. इसके अलावा 2017 में बीजेपी से लड़ चुके सतीश सिंह भी लाइन में हैं. 2012 में बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और अब बीजेपी के सिपाही बने पाणिनी सिंह भी दावेदारों का सूची में हैं. प्रमोद यादव का नाम भी लिया जा रहा है. इनके बारे में कहा जा रहा है कि आरएसएस के जरिये इन्हें लड़ाने की तैयारी है. हालंकि जौनपुर में इस थ्योरी की चर्चा जोरों पर है कि शायद बीजेपी ये सीट निषाद पार्टी को दे दे. उम्मीद्वार के रूप में बाहुबली धन्नंजय सिंह का नाम आगे है.
2. बांगरमऊ, उन्नाव – उन्नाव की जिला कमेटी ने बताया कि लगभग 20 लोगों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है. वैसे तो अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर की फैमिली से ही किसी को टिकट मिलने की संभावना है. पत्नी संगीता सेंगर के लड़ने की संभावना है. इसके अलावा नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह के नाम की भी हवा तेज है. ये भी कुलदीप सेंगर के खास रहे हैं. इसके अलावा ममता सिंह, शशि शेखर सिंह और ज्ञानेन्द्र सिंह के नाम की भी जिले में चर्चा तेज है.
3. देवरिया – विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिण्टू सिंह ही क्षेत्र का पूरा कामकाज देखते रहे हैं. हालांकि कई और नेता अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं. पूर्व सांसद श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी, संजय सिंह शंखवार, अलका सिंह और प्रमोद सिंह के नाम की भी चर्चा तेज है.
4. स्वार, रामपुर – बीजेपी के लिए दूसरी बड़ी चुनौती स्वार सीट है. इसपर भी उसे कभी जीत नहीं मिली है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द होने से ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी इस बार पूरी ताकत लगायेगी. तीन नामों की चर्चा पूरे रामपुर में है. आकाश सक्सेना हन्नी, लक्ष्मी सैनी और हरिओम मौर्या. हरिओम मौर्या मसवासी नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. लक्ष्मी सैनी पिछला और उससे पहले का एक चुनाव हार चुकी हैं. आकाश सक्सेना वही शख्स हैं, जिन्होंने आजम खान के खिलाफ मुकदमे कराये हैं. महेश मौर्या भी लाइन में हैं जो मसवासी से चेयरमैन रह चुके हैं.
5. टूण्डला, फिरोजोबाद – एसपी सिंह बघेल के बीजेपी से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है. इस सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक 18 आवेदन आ चुके हैं. इनमें पांच पूर्व विधायक, कुछ स्थानीय नेता और कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जो आगरा से हैं, लेकिन टूण्डला से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी की जिला यूनिट में पदाधिकारी नीलम दिवाकर, पूर्व विधायक मोहनदेव शंखवार, पूर्व विधायक शिव सिंह चक का नाम तेजी से उभरा है.
6. बुलंदशहर – बुलंदशहर की सीट बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते खाली हुई है. इस पर दावेदारों की लंबी फौज सामने आई है. वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे दिग्विजय और विनय सिरोही चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा लोकल कमिटी के कई पदाधिकारी और बिजनेसमैन भी दौड़ में बने हैं. जिला महामंत्री रहे रविन्द्र राजौरा, प्रताप चौधरी, सुंदरपाल तेवतिया, जगदीश दहिया, दिल्ली (इनकम टैक्स कमिश्नर) प्रो राजीव सिरोही, डीएवी कालेजसाहब सिंह सिरोही (मुक्तेश्वरा के निवासी- गाजियाबाद में वर्तमान में रहते है) के नाम बुलंदशहर में चर्चा में हैं. चर्चा तो इस बात की भी है कि दिवंगत वीरेंद्र सिरोही के परिवार में ही कई दावेदार उठ खड़े हुए हैं.
7. घाटमपुर, कानपुर – मंत्री कमलरानी वरुण के निधन से यह सीट खाली हुई है. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक 15-20 लोगों के आवेदन जिला कमेटी को मिल चुके हैं. हालांकि, मजबूत दावेदारी कमलरानी वरुण की बेटी ही मानी जा रही हैं. बेटी स्वनिल पेशे से टीचर हैं. इनके लड़ने की संभावना ज्यादा है.
8. नौंगाव सादात – मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है. जिला कमेटी के एक पदाधिकारी ने बताया कि वैसे तो पार्टी हाईकमान जिनको चाहेगा चुनाव लड़ायेगा, लेकिन संगीता चौहान के लड़ने की संभावना ज्यादा है. संगीता चौहान दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी हैं. हालांकि वे राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं.
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शिकंजा: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करते तीन अभ्यर्थी गिरफ्तार
शिकंजा: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करते तीन अभ्यर्थी गिरफ्तार
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69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले शातिर अप���ाधियों की गिरफ्तारी के बाद सोरांव पुलिस ने शनिवार को तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने सेटिंग करके परीक्षा पास की थी। पकड़े गए आरोपी में 142 अंक पाने वाला अभयर्थी भी शामिल है। इस गैंग से जुड़े आरोपी मायापति सहित अन्य की तलाश में भदोही, औरैया और जौनपुर में पुलिस छापेमारी कर रही है।
एएसपी अशोक वैंकट ने बताया कि 69000…
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पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में उम्मीदवारों और समर्थकों द्वारा उपद्रव के कारण एक और आधे घंटे तक मतदान रुका - यूपी पंचायत चुनाव: जौनपुर में प्रत्याशी और समर्थकों के हंगामे से डेरामुखी रुका मतदान, जानें पूरा मामला
पंचायत चुनाव 2021: जौनपुर में उम्मीदवारों और समर्थकों द्वारा उपद्रव के कारण एक और आधे घंटे तक मतदान रुका – यूपी पंचायत चुनाव: जौनपुर में प्रत्याशी और समर्थकों के हंगामे से डेरामुखी रुका मतदान, जानें पूरा मामला
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर
द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम
अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 02:26 PM IST
ख़बर सुनकर
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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्था हावी रही। बक्शा ब्लॉक के सड़ेरी गांव में जिला पंचायत सदस्य के 13 उम्मीदवार प्रचार कर रहे थे, जबकि मतपत्र पर दस के ही उम्मीदवार चिह्न थे। इसकी जानकारी में केवल हंगामा मच गया।
प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने…
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पंचायत चुनाव २०२१: जौनपुर में पंचायत चुनव के लिए प्रथम चरण का मतदान शुरू
पंचायत चुनाव २०२१: जौनपुर में पंचायत चुनव के लिए प्रथम चरण का मतदान शुरू
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर
द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम
अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 11:36 AM IST
सार
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान आज हो रहा है। इस दौरान जौनपुर जिले में चुनावी सरगमी के बीच लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। आज 1740 ग्राम पंचायतों पर चुनाव हो रहे हैं।
कास्टिंग के लिए लाइन में खड़ी महिलाएं।
– फोटो: अमर उजाला
ख़बर सुनना
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उत्तर प्रदेश में पंचायत…
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पंचायत चुनाव: पंचायत चुनव प्रथम चरण का मतदान 15 अप्रैल से शुरू।
पंचायत चुनाव: पंचायत चुनव प्रथम चरण का मतदान 15 अप्रैल से शुरू।
अमर उजाला नेटवर्क, जौनपुर
द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम
अपडेटेड मैट, 14 अप्रैल 2021 01:08 PM IST
ख़बर सुनना
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जौनपुर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 15 अप्रैल को होगा। जौनपुर के 21 ब्लाकों में 1740 ग्राम पंचायतों में सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। कुल 5106 बूथों पर मतदान के लिए पूरी तैयारी हो गई है।
सभी ब्लॉक मुख्यालयों से बुधवार की मतदान सामग्री देकर…
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'यूपी में बंगाल जैसी गलती ना दोहराएं'...मिशन-2022 का रोडमैप तैयार, बीजेपी का ये प्लान Divya Sandesh
#Divyasandesh
'यूपी में बंगाल जैसी गलती ना दोहराएं'...मिशन-2022 का रोडमैप तैयार, बीजेपी का ये प्लान
लखनऊ
एक ही महीने में दूसरी बार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष सोमवार को यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ प्रदेश के दौरे पर लखनऊ पहुंचे। इस बार वह एक साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और सरकार तीनों के साथ अगले विधानसभा चुनाव के अजेंडे की तलाश में बैठे।
देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल और क्षेत्र प्रचारकों अनिल और महेंद्र कुमार के साथ कोर कमिटी के सदस्यों की मौजूदगी में इस पर साढ़े तीन घंटे तक मंथन हुआ। आखिर में इस पर सहमति बनी कि भाजपा, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास कार्यों के साथ संकल्प पत्र में अपने पूरे हुए वादों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। इस राय के साथ संतोष दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठेंगे और अजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जल्दी पूरे करें संकल्प पत्र के व��दे
बीएल संतोष ने 2017 विधानसभा चुनाव के भाजपा के लोक संकल्प पत्र में किए गए वादों के पूरे होने की जानकारी भी ली। उन्हें बताया गया कि ज्यादातर वादे सरकार पूरे कर चुकी है, बाकी जल्दी पूरे कर लिए जाएंगे। मंथन में सामने आया कि अयोध्या में विकास कार्यों के साथ राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण तेज गति पर है।
संतोष ने कहा कि यूपी सरकार अयोध्या में दीपावली के साथ बरसाने में होली मनाने के साथ कांवड़ यात्रा को निकलवाकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रसारित करने में मददगार बनी है। सुझाव आया कि अगले चुनाव में विपक्षी दलों की जातीय राजनीति से निपटने में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास और हिंदुत्व की यही राह मददगार बनेगी।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन विवाद पर बात
सूत्रों के अनुसार सभी पदाधिकारी भाजपा मुख्यालय से निराला नगर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने संघ कार्यालय में आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक अनिल और अन्य पदाधिकारियों से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और राम जन्म भूमि ट्रस्ट जमीन संबंधी विवादों व चुनौतियों को लेकर चर्चा की।
अपना दल को मिल सकती हैं जौनपुर और मिर्जापुर सीटें
पार्टी नेता ने बताया कि करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में तीन जुलाई को होने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी दो सीटें सहयोगी पार्टी अपना दल को देगी। बाकी 73 जिलों में बीजेपी अपने प्रत्याशी लड़ाएगी। बीजेपी राज्य मुख्यालय से कोई सूची नहीं जारी करेगी। जिलाध्यक्ष ही सूची जारी करेंगे। अपना दल को दी जाने वाली यह दो सीटें कौन सी होंगी, इसकी घोषणा जल्दी की जाएगी। माना जा रहा हैं कि जौनपुर और मिर्जापुर पर सहमति बन सकती है।
जमीनी माहौल सुधारने में जुटेंगे बीजेपी-संघ
संघ के क्षेत्र प्रचारकों के साथ हुई बैठक में बीएल संतोष ने उन मुद्दों को जानने की कोशिश की, जो विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकते हैं। इसमें कोरोना काल में हुए बेड, ऑक्सिजन संकट के अलावा पंचायत चुनाव के बाद शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। मंदिर ट्रस्ट में जमीन खरीद को लेकर हो रहे सवालों से भी संघ चिंतित है, इन सारे मुद्दों का सच जनता के बीच पहुंचाने के लिए बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे। इससे जमीनी माहौल सुधारा जाएगा। इस दौरान कार्यकर्ताओं के असंतोष को रोकने के लिए उनके समायोजन पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि आयोगों में भर्ती शुरू हो चुकी है। संगठन में ज्यादातर पद भर लिए गए हैं। इसके साथ ही जनता से जुड़े अभियानों में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया।
योगी-मंत्रियों के साथ आज होगा मंथन
बीएल संतोष मंगलवार को सीएम योगी और मंत्रियों के साथ शाम को बीजेपी मुख्यालय में बैठेंगे। उनके साथ यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह मंत्रियों से उनके विभागों में हुए कामकाज का ब्योरा लिया जाएगा।
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'यूपी में बंगाल जैसी गलती ना दोहराएं'...मिशन-2022 का रोडमैप तैयार, बीजेपी का ये प्लान Divya Sandesh
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'यूपी में बंगाल जैसी गलती ना दोहराएं'...मिशन-2022 का रोडमैप तैयार, बीजेपी का ये प्लान
लखनऊ
एक ही महीने में दूसरी बार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष सोमवार को यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ प्रदेश के दौरे पर लखनऊ पहुंचे। इस बार वह एक साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और सरकार तीनों के साथ अगले विधानसभा चुनाव के अजेंडे की तलाश में बैठे।
देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल और क्षेत्र प्रचारकों अनिल और महेंद्र कुमार के साथ कोर कमिटी के सदस्यों की मौजूदगी में इस पर साढ़े तीन घंटे तक मंथन हुआ। आखिर में इस पर सहमति बनी कि भाजपा, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास कार्यों के साथ संकल्प पत्र में अपने पूरे हुए वादों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। इस राय के साथ संतोष दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठेंगे और अजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जल्दी पूरे करें संकल्प पत्र के वादे
बीएल संतोष ने 2017 विधानसभा चुनाव के भाजपा के लोक संकल्प पत्र में किए गए वादों के पूरे ह��ने की जानकारी भी ली। उन्हें बताया गया कि ज्यादातर वादे सरकार पूरे कर चुकी है, बाकी जल्दी पूरे कर लिए जाएंगे। मंथन में सामने आया कि अयोध्या में विकास कार्यों के साथ राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण तेज गति पर है।
संतोष ने कहा कि यूपी सरकार अयोध्या में दीपावली के साथ बरसाने में होली मनाने के साथ कांवड़ यात्रा को निकलवाकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रसारित करने में मददगार बनी है। सुझाव आया कि अगले चुनाव में विपक्षी दलों की जातीय राजनीति से निपटने में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास और हिंदुत्व की यही राह मददगार बनेगी।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन विवाद पर बात
सूत्रों के अनुसार सभी पदाधिकारी भाजपा मुख्यालय से निराला नगर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने संघ कार्यालय में आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक अनिल और अन्य पदाधिकारियों से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और राम जन्म भूमि ट्रस्ट जमीन संबंधी विवादों व चुनौतियों को लेकर चर्चा की।
अपना दल को मिल सकती हैं जौनपुर और मिर्जापुर सीटें
पार्टी नेता ने बताया कि करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में तीन जुलाई को होने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी दो सीटें सहयोगी पार्टी अपना दल को देगी। बाकी 73 जिलों में बीजेपी अपने प्रत्याशी लड़ाएगी। बीजेपी राज्य मुख्यालय से कोई सूची नहीं जारी करेगी। जिलाध्यक्ष ही सूची जारी करेंगे। अपना दल को दी जाने वाली यह दो सीटें कौन सी होंगी, इसकी घोषणा जल्दी की जाएगी। माना जा रहा हैं कि जौनपुर और मिर्जापुर पर सहमति बन सकती है।
जमीनी माहौल सुधारने में जुटेंगे बीजेपी-संघ
संघ के क्षेत्र प्रचारकों के साथ हुई बैठक में बीएल संतोष ने उन मुद्दों को जानने की कोशिश की, जो विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकते हैं। इसमें कोरोना काल में हुए बेड, ऑक्सिजन संकट के अलावा पंचायत चुनाव के बाद शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। मंदिर ट्रस्ट में जमीन खरीद को लेकर हो रहे सवालों से भी संघ चिंतित है, इन सारे मुद्दों का सच जनता के बीच पहुंचाने के लिए बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे। इससे जमीनी माहौल सुधारा जाएगा। इस दौरान कार्यकर्ताओं के असंतोष को रोकने के लिए उनके समायोजन पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि आयोगों में भर्ती शुरू हो चुकी है। संगठन में ज्यादातर पद भर लिए गए हैं। इसके साथ ही जनता से जुड़े अभियानों में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया।
योगी-मंत्रियों के साथ आज होगा मंथन
बीएल संतोष मंगलवार को सीएम योगी और मंत्रियों के साथ शाम को बीजेपी मुख्यालय में बैठेंगे। उनके साथ यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह मंत्रियों से उनके विभागों में हुए कामकाज का ब्योरा लिया जाएगा।
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शादी से कुछ दिन पहले कोरोना से हुई महिला शिक्षक की मौत Divya Sandesh
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शादी से कुछ दिन पहले कोरोना से हुई महिला शिक्षक की मौत
लखनऊ। जौनपुर जिले के एक युवा स्कूल शिक्षक की शादी के सात दिन पहले कोविड -19 की मौत हो गई।
मृतक महिला शिक्षक स्वाति गुप्ता को पंचायत चुनावों के लिए चुनाव ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना संक्रमण हुआ था।
जौनपुर जिले के मुंगरा बादशाहपुर की रहने वाली स्वाति गुप्ता बुलंदशहर में तैनात थीं। उसकी शादी 30 अप्रैल को तय हुई थी।
वह बुलंदशहर में पंचायत चुनावों के लिए प्रशिक्षण ले रही थी और उसी दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई।
पता चला है कि स्वाति गुप्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी को एक आवेदन भी भेजा था, जिसमें चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध किया गया था।
15 अप्रैल को मतदान से एक दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़ गई और इलाज के लिए मेरठ के एक अस्पताल ले जाया गया।
उसकी देखभाल के लिए मां और भाई भी मेरठ पहुंचे। हालांकि, उसकी हालत खराब हो गई और 23 अप्रैल को उसने अंतिम सांस ली।
यह खबर भी पढ़ें: यहां 10 लोगों की मौजूदगी में शादी करने वाले वर-वधु को SP कराएंगे DINNER
इस हफ्ते की शुरूआत में, उत्तर प्रदेश में शिक्षक संघों ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को पंचायत चुनाव ड्यूटी पर रहते हुए 577 मृत शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की सूची सौंपी थी।
यूपी शिक्षा महासंघ (यूपीएसएम) के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि उन्होंने 71 जिलों के 577 बेसिक शिक्षा शिक्षकों के नाम दिए हैं, जो उग्र कोविड -19 महामारी के बीच मारे गए।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को मतगणना प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन निर्देश दिया कि मंगलवार सुबह तक पूरे राज्य में कर्फ्यू रहेगा और किसी भी तरह की रैलियों की अनुमति नहीं होगी।
इसने राज्य चुनाव आयोग से राजपत्रित अधिकारियों पर मतगणना केंद्रों पर कोविड -19 प्रोटोकॉल के पालन की जिम्मेदारी तय करने को कहा।
इस बीच, यूपीएमएसएस (उत्तर प्रदेश मध्यम शिक्षा संघ) के प्रवक्ता आरपी मिश्रा ने कहा कि चुनाव अधिकारियों को सूचित किया गया है कि जिन परिस्थितियों में मतदान हुआ था और कोविड के मानदंडों का पालन नहीं करने के कारण कई पोल कर्मचारियों में संक्रमण फैल गया और मौतें भी हुईं।
संघ ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड -19 से मारे गए शिक्षकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए।
–आईएएनएस
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यूपी पंचायत चुनाव 2021: जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों के लिए आरक्षण हुआ तय, देखिये लिस्ट Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी पंचायत चुनाव 2021: जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों के लिए आरक्षण हुआ तय, देखिये लिस्ट
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के बाद 2015 को आधार वर्ष मानते हुए पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव (UP Panchayat CHunav 2021) में आरक्षण को तय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बुधवार देर रात जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat Adhyaksh) के रिजर्वेशन की सूची जारी हो गई है। पिछली सूची की अपेक्षा में नई रिजर्वेशन लिस्ट में परिवर्तन केवल अनारक्षित और महिला के लिए आरक्षित सीटों में हुआ है। अनुसूचित जाति (महिला), अनूसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग (महिला) और पिछड़ा वर्ग के लिए जो जिले आरक्षित थे, उन जिलों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया।नई लिस्ट के अनुसार अमेठी, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र और हमीरपुर अनारक्षित हो गए हैं। इससे पहले इन जिलों को महिला के लिए आरक्षित किया गया था। सिद्धार्थनगर, आगरा, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर और अलीगढ़ को महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। आपको बता दें कि पहले ये जिले अनारक्षित थे।अनुसूचित जाति (महिला)लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, शामली, बागपत और कौशांबी की सीट अनुसूचित जाति (महिला) के लिए आरक्षित कर दी गई है।अनुसूचित जातिइसी प्रकार जो सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है उसमें कानपुर नगर, चित्रकूट, औरैया,महोबा, झांसी, जालौन, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, रायबरेली और मिर्जापुर की सीट शामिल है।ओबीसी (महिला)बदायूं, संभल, एटा, हापुड़, बरेली, कुशीनगर और वाराणसी की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट ओबीसी (महिला) के लिए आरक्षित की गई है।ओबीसीफर्रुखाबाद, बांदा, आजमगढ़, ललितपुर, बलिया, इटावा,पीलीभीत, अंबेडकर नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, चंदौली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है।महिलाओं के लिए आरक्षित जिलेबहराइच, आगरा, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बलरामपुर और अलीगढ़ महिला के लिए आरक्षित हो गए हैं।अनारक्षित सीटेंप्रयागराज, गोंडा, बिजनौर, मेरठ, उन्नाव, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, देवरिया, अयोध्या, महाराजगंज, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, गोरखपुर, अमरोहा, गाजियाबाद, हाथरस, भदोही, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, गौतमबुद्ध नगर और हमीरपुर अनारक्षित हैं।
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यूपी पंचायत चुनाव: जिला पंचायत अध्यक्ष सीट के लिए कौन सा जिला आरक्षित, कौन सामान्य, जानें Divya Sandesh
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यूपी पंचायत चुनाव: जिला पंचायत अध्यक्ष सीट के लिए कौन सा जिला आरक्षित, कौन सामान्य, जानें
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat Adhyaksh Reservation List) पद के लिए जिलेवार आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। पिछली सूची की अपेक्षा इस बार नई सूची में सिर्फ अनारक्षित और महिला सीटों में बदलाव हुआ है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर 2015 को ही आधार मानकर पंचायत चुनाव का आरक्षण तय किया गया है।
सरकार की ओर से बुधवार देर रात जारी हुई सूची में जिलेवार आरक्षित और अनारक्षित सीटों की जानकारी दे दी गई है। नई लिस्ट में अमेठी, मऊ, कासगंज, कन्नौज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, सोनभद्र और हमीरपुर सीट अनारक्षित हो गई हैं। पूर्व में यह सीटें महिलाओं के लिए रिजर्वेशन कैटिगरी में डाली गई थीं।
ओबीसी की आरक्षित सीटें
वाराणसी, संभल, बदायूं, कुशीनगर, बरेली, एटा और हापुड़ सीटों को ओबीसी (महिला) की कैटिगरी में डाला गया है। वहीं ओबीसी कैटिगरी में मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, बलिया, संत कबीर नगर, चंदौली, सहारनपुर, ललितपुर, आंबेडकरनगर, फर्रुखाबाद, इटावा, ललितपुर, बांदा, पीलीभीत और बस्ती जिले शामिल हैं।
महिलाओं के लिए आरक्षित जिले
बहराइच, बलरामपुर, अलीगढ़, जौनपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुलतानपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर और गाजीपुर जिले महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।
SC के लिए आरक्षित सीट
अनुसूचित जाति के लिए कानपुर नगर, औरैया, महोबा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर और राजबरेली की सीट आरक्षित होगी।
अनारक्षित जिले
गौतम बुद्ध नगर, हमीरपुर, गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, अयोध्या, मथुरा, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, फिरोजाबाद, कासगंज, मऊ, सोनभद्र, अमरोहा और गोंडा जिले अनारक्षित कैटिगरी में होंगे।
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यूपी पंचायत चुनाव में इस बार बजेगा महिलाओं का डंका, मिलेगी 25 जिला पंचायतों की कमान Divya Sandesh
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यूपी पंचायत चुनाव में इस बार बजेगा महिलाओं का डंका, मिलेगी 25 जिला पंचायतों की कमान
लखनऊ
यूपी पंचायत चुनाव में इस बार महिलाओं की धाक होगी। 25 जिला पंचायतों की कमान महिलाओं के हाथ में होगी। शुक्रवार को आरक्षण सूची जारी होने के बाद ग्रामीण राजनीति के समीकरण बदल गए हैं। अभी तक जो सीटें अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग के लिए कभी आरक्षित नहीं हुई थीं, उन्हें इस बार आरक्षित किया गया है। वाराणसी और लखनऊ में भी महिला जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी जाएंगी।
यूपी पंचायतीराज विभाग के अनुसार, इस बार 75 जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों में से 16 अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें छह पर महिलाओं का आरक्षण है। इसी तरह ओबीसी के लिए 20 सीटें रिजर्व की गई हैं जिनमें से 7 महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं। इसके अलावा 12 सीटें सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। स्पष्ट है कि 25 जिला पंचायतों में महिला अध्यक्ष चुनी जाएंगी।
महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें
एससी के लिए आरक्षित सीटों में से लखनऊ, बागपत, शामली, कौशांबी, सीतापुर और हरदोई जिला पंचायत महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों में संभव, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा अलग से कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर और सोनभद्र से भी महिला जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी जाएंगी।
लखनऊ और वाराणसी को भी मिलेगी महिला अध्यक्ष
राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद दलित महिला के लिए आरक्षित होगा। पिछली बार यह सीट ओबीसी के लिए आरक्षित थी। जबकि पीएम का संसदीय क्षेत्र वाराणसी रोटेशन के बाद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया है।
वाराणसी के 233 गांवों को मिलेगी महिला ग्राम प्रधान
लखनऊ जिले में 494 ग्राम प्रधान चुने जाएंगे। इनमें से 168 महिला ग्राम प्रधान होंगी जिनमें से 44 एससी महिला, 45 ओबीसी महिला और 79 सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इसी तरह वाराणसी से चुनाव में 233 गांव ऐसे हैं जिनकी ग्राम प्रधान महिलाएं होंगी। इसमें अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आठ, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 43, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 66 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 116 सीटें आरक्षित होंगी।
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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा से कौन-कौन हो सकता है बीजेपी का प्रत्याशी
लखनऊ. यूपी में हाल ही में विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी पार्टियों के प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में ताकत झोंके हुए हैं कि आलाकमान की नजर उनपर पड़ जाये और उन्हें टिकट मिल जाये. उपचुनाव है तो जाहिर तौर पर सत्ताधारी दल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फौज सबसे ज्यादा होगी।
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1. मल्हनी, जौनपुर – समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के चलते ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी की बड़ी लड़ाई है. पार्टी कभी इस सीट से नहीं जीती. लिहाजा दमदार कैण्डिडेट की तलाश है. इस सीट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कभी छात्र नेता रहे मनोज सिंह की दावेदारी मानी जा रही है. वे बरसठी से ब्लाक प्रमुख रहे हैं. इसके अलावा 2017 में बीजेपी से लड़ चुके सतीश सिंह भी लाइन में हैं. 2012 में बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और अब बीजेपी के सिपाही बने पाणिनी सिंह भी दावेदारों का सूची में हैं. प्रमोद यादव का नाम भी लिया जा रहा है. इनके बारे में कहा जा रहा है कि आरएसएस के जरिये इन्हें लड़ाने की तैयारी है. हालंकि जौनपुर में इस थ्योरी की चर्चा जोरों पर है कि शायद बीजेपी ये सीट निषाद पार्टी को दे दे. उम्मीद्वार के रूप में बाहुबली धन्नंजय सिंह का नाम आगे है.
2. बांगरमऊ, उन्नाव – उन्नाव की जिला कमेटी ने बताया कि लगभग 20 लोगों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है. वैसे तो अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर की फैमिली से ही किसी को टिकट मिलने की संभावना है. पत्नी संगीता सेंगर के लड़ने की संभावना है. इसके अलावा नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह के नाम की भी हवा तेज है. ये भी कुलदीप सेंगर के खास रहे हैं. इसके अलावा ममता सिंह, शशि शेखर सिंह और ज्ञानेन्द्र सिंह के नाम की भी जिले में चर्चा तेज है.
3. देवरिया – विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिण्टू सिंह ही क्षेत्र का पूरा कामकाज देखते रहे हैं. हालांकि कई और नेता अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं. पूर्व सांसद श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी, संजय सिंह शंखवार, अलका सिंह और प्रमोद सिंह के नाम की भी चर्चा तेज है.
4. स्वार, रामपुर – बीजेपी के लिए दूसरी बड़ी चुनौती स्वार सीट है. इसपर भी उसे कभी जीत नहीं मिली है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द होने से ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी इस बार पूरी ताकत लगायेगी. तीन नामों की चर्चा पूरे रामपुर में है. आकाश सक्सेना हन्नी, लक्ष्मी सैनी और हरिओम मौर्या. हरिओम मौर्या मसवासी नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. लक्ष्मी सैनी पिछला और उससे पहले का एक चुनाव हार चुकी हैं. आकाश सक्सेना वही शख्स हैं, जिन्होंने आजम खान के खिलाफ मुकदमे कराये हैं. महेश मौर्या भी लाइन में हैं जो मसवासी से चेयरमैन रह चुके हैं.
5. टूण्डला, फिरोजोबाद – एसपी सिंह बघेल के बीजेपी से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है. इस सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक 18 आवेदन आ चुके हैं. इनमें पांच पूर्व विधायक, कुछ स्थानीय नेता और कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जो आगरा से हैं, लेकिन टूण्डला से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी की जिला यूनिट में पदाधिकारी नीलम दिवाकर, पूर्व विधायक मोहनदेव शंखवार, पूर्व विधायक शिव सिंह चक का नाम तेजी से उभरा है.
6. बुलंदशहर – बुलंदशहर की सीट बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते खाली हुई है. इस पर दावेदारों की लंबी फौज सामने आई है. वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे दिग्विजय और विनय सिरोही चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा लोकल कमिटी के कई पदाधिकारी और बिजनेसमैन भी दौड़ में बने हैं. जिला महामंत्री रहे रविन्द्र राजौरा, प्रताप चौधरी, सुंदरपाल तेवतिया, जगदीश दहिया, दिल्ली (इनकम टैक्स कमिश्नर) प्रो राजीव सिरोही, डीएवी कालेजसाहब सिंह सिरोही (मुक्तेश्वरा के निवासी- गाजियाबाद में वर्तमान में रहते है) के नाम बुलंदशहर में चर्चा में हैं. चर्चा तो इस बात की भी है कि दिवंगत वीरेंद्र सिरोही के परिवार में ही कई दावेदार उठ खड़े हुए हैं.
7. घाटमपुर, कानपुर – मंत्री कमलरानी वरुण के निधन से यह सीट खाली हुई है. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक 15-20 लोगों के आवेदन जिला कमेटी को मिल चुके हैं. हालांकि, मजबूत दावेदारी कमलरानी वरुण की बेटी ही मानी जा रही हैं. बेटी स्वनिल पेशे से टीचर हैं. इनके लड़ने की संभावना ज्यादा है.
8. नौंगाव सादात – मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है. जिला कमेटी के एक पदाधिकारी ने बताया कि वैसे तो पार्टी हाईकमान जिनको चाहेगा चुनाव लड़ायेगा, लेकिन संगीता चौहान के लड़ने की संभावना ज्यादा है. संगीता चौहान दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी हैं. हालांकि वे राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं.
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