#जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ मामला
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dainiksamachar · 1 year ago
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राजनीतिक रसूख, दबंगई और पुलिस की लापरवाही का परिणाम देवरिया नरसंहार, NBT ग्राउंड रिपोर्ट
देवरिया: देवरिया जिले के रूद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में हुई घटना पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के राजनीतिक रसूख और उसकी दबंगई का परिणाम है। पुलिस भी इस मामले में कम दोषी नहीं है। क्योंकि साल 2014 से शुरू हुए इस विवाद में दोनों पक्षों के बीच कई बार विवाद हुआ और मामला पुलिस तक भी पहुंचा। मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिसका नतीजा इस नरसंहार के रूप में सामने आया। रुद्रपुर थाने पर भी प्रेम यादव की अच्छी पहुंच थी। जमीनों को दबंगई से कब्जा करता था पूर्व जिला पंचायत सदस्य फतेहपुर गांव के अभयपुर टोला निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव काफी दबंग किस्म का व्यक्ति था। उसकी मां दो बार गांव की प्रधान रही है। प्रेम यादव एक बार जिला पंचायत सदस्य भी रहा है। गांव में प्रेम का काफी दबदबा है।बताया जाता है कि प्रेम इलाके की विवादित जमीनों को औने पौने दाम पर खरीद कर जबरिया उस पर कब्जा करता है और महंगे दामों में बेचता था। गांव का कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।रुद्रपुर थाने पर भी प्रेम यादव की गहरी पहुंच थी। क्योंकि एडीजी जोन अखिल कुमार के सामने रुद्रपुर के कोतवाल नवीन सिंह ने इस बात को स्वीकार किया है कि प्रेम यादव अक्सर थाने पर काफी आना जाना था। सत्य प्रकाश दुबे के भाई की 10 बीघा जमीन प्रेम ने कर लिया था बैनामा साल 2014 में प्रेम यादव ने फतेहपुर गांव के ही लेड़हा टोला के निवासी सत्य प्रकाश दुबे के भाई साधू दूबे की लगभग 10 बीघा जमीन औने पौने दाम पर अपने नाम बैनामा करा लिया। साधु दूबे शादी नहीं हुई थी।बताया जाता है कि जमीन बैनामा कराने के बाद प्रेम यादव ने कुछ दिनों तक साधू को अपने घर में रखा और बाद में गुजरात भगा दिया। इधर साधु और ��नके भाई सत्य प्रकाश दुबे के बीच जमीन का कागजी बंटवारा ना होने की वजह से प्रेम ने सत्य प्रकाश के हिस्से की कुछ जमीन पर भी कब्जा करने की फिराक में था।बैनामा के खिलाफ सत्य प्रकाश दूबे ने तहसील में आपत्ति भी दाखिल किया था। मगर प्रेम यादव ने प्रभाव के चलते आपत्ति खारिज दाखिल करवा लिया। सत्य प्रकाश दुबे ने इस मामले में दीवानी में मुकदमा भी दाखिल किया था।बताया जाता है कि मुकदमा वापस लेने के लिए प्रेम यादव सत्य प्रकाश को धमकी देता था। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में कई बार विवाद भी हुआ और मामला पुलिस तक भी पहुंचा। मगर प्रेम के रसूख के चलते कोई विशेष कार्यवाही नहीं हुई। सोमवार की सुबह सत्य प्रकाश दुबे के घर पहुंचा था प्रेम सोमवार की सुबह प्रेम UP 52 बीपी 9731 नंबर की बाइक से सत्य प्रकाश दुबे के घर पहुंचा था। हालांकि प्रेम यादव की पत्नी के मुताबिक दुबे परिवार के लोगों ने फोन करके प्रेम को अपने घर बुलाया था। मगर दबी जुबान से कुछ लोगों ने बताया कि प्रेम दुबे के घर मुकदमा वापस करने के लिए दबाव बनाने पहुंचा था। जहां सत्य प्रकाश और प्रेम के बीच विवाद शुरू हो गया।विवाद के दौरान ही प्रेम यादव की सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर हत्या हो गई। इस बात की खबर मिलते ही प्रेम पक्ष के दर्जनों लोग राइफल बंदूक और लाठी डंडों से लैस होकर सत्य प्रकाश के घर पहुंचे और हमला बोल दिया।इस घटना में सत्य प्रकाश दुबे का पूरा परिवार ही समाप्त हो गया। सत्य प्रकाश उनकी पत्नी,दो बेटियां और एक बेटे की हमलावर ने मौके पर ही हत्या कर दी। जबकि उनका एक 8 वर्षीय बेटा अनमोल गंभीर रूप से घायल हो गया। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है। http://dlvr.it/SwvC2C
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sandhyabakshi · 4 years ago
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शिकंजा: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करते तीन अभ्यर्थी गिरफ्तार
शिकंजा: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करते तीन अभ्यर्थी गिरफ्तार
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69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद सोरांव पुलिस ने शनिवार को तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने सेटिंग करके परीक्षा पास की थी। पकड़े गए आरोपी में 142 अंक पाने वाला अभयर्थी भी शामिल है। इस गैंग से जुड़े आरोपी मायापति सहित अन्य की तलाश में भदोही, औरैया और जौनपुर में पुलिस छापेमारी कर रही है।
एएसपी अशोक वैंकट ने बताया कि 69000…
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prabudhajanata · 3 years ago
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CG News: पत्रकार के साथ मारपीट करने वाला बीजेपी नेता गिरफ्तार CG News: दुर्ग। पाटन क्षेत्र के जिला पं...
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abhay121996-blog · 4 years ago
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कोरोना पर जब अपनों ने ही उठाए सवाल तो ऐक्शन में आए CM योगी, ये निर्देश Divya Sandesh
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कोरोना पर जब अपनों ने ही उठाए सवाल तो ऐक्शन में आए CM योगी, ये निर्देश
लखनऊ उत्तर प्रदेश में लगातार हावी हो रहे कोरोना वायरस के बीच लगातार यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सीएम के दावों की पोल अपनी ही पार्टी के जन प्रतिनिधि खोल रहे हैं। लगातार जिला प्रशासन की और अधिकारियों की शिकायतों के बाद आखिर योगी सरकार ने जिले के अधिकारियों को आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि अधिकारी जन प्रतिनिधियों की राय ले��र काम करें।
मुख्यमंत्री की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि सभी जिले के डीएम और सीएमओ जन प्रतिनिधियों के संपर्क में रहें और उनका मार्गदर्शन लेते रहें। आदेश में लिखा है कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव से कोरोना काल में व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में रोज 50,000 रेमडेसिविर की खेप डीएम और सीएमओ के लिए जारी आदेश के अलावा सीएम ने प्रदेश में रेमडेसिविर की कमी खत्म करने को भी कहा है। सीएम ने बताया कि राज्य में भारत सरकार की ओर से रोज 50,000 वॉयल का आवंटन किया गया है। रोज इतनी बड़ी संख्या में खेप आने के बाद प्रदेश में रेमडेसिविर की किल्लत खत्म हो जाएगी।
योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी के ही सांसद और विधायक आपको बता दें कि बीजेपी के विधायक और सांसद लगातार सीएम और प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावे कर रहे हैं कि राज्य में बेड, ऑक्सिजन, आदि की कोई कमी नहीं है। वहीं बीजेपी के निर्वाचित सदस्य सरकार के दावों को पोल खोल रहे हैं।
लखीमपुर खीरी के गोला विधायक ने उठाया था मामला लखीमपुर खीरी के गोला के बीजेपी विधायक अरविंद गिरी ने जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि उनके दो दर्जन से ज्यादा सहयोगियों की मौत ऑक्सिजन न मिलने के कारण हुई। ऑक्सिजन की कमी से सैकड़ों लोग मर रहे हैं। गिरी ने कहा, ‘लोग ऑक्सिजन के लिए रो रहे थे और मैं उनकी मदद नहीं कर सका। मैं डीएम से निवेदन करता रहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सीएम राज्य के लिए जो कर रहे हैं, वह किसी अन्य सीएम द्वारा नहीं किया गया है। उन्होंने काफी प्रयास किए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशासन सब बर्बाद कर रहा है। जिला प्रशासन विफल साबित हो रहा है।’
बृजेश पाठक ने सबसे पहले उठाया मामला कानून मंत्री बृजेश पाठक सबसे पहले ऐसे निर्वाचित सदस्य थे जिन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लखनऊ प्रशासन की असफलता की ओर ध्यान केंद्रित करवाया। उन्होंने पत्र में लिखा कि किस तरह लखनऊ में बेड, ऑक्सिजन और इलाज न मिलने से लोगों की मौत हो रही है।
बीजेपी सांसद कौशल किशोर उठा रहे लगातार आवाज मोहनलालगंज के बीजेपी सांसद कौशल किशोर भी लगातार इस अराजकता को लेकर मुखर हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे निजी अस्पतालों में ऑक्सिजन सप्लायर्स आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी अस्पतालों पर भी ��्यान देने के लिए सीएम को पत्र लिखा। सांसद ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया की यूपी में पंचायत चुनाव टाल दिए जाएं, हालांकि उनके अनुरोध पर कुछ नहीं हुआ। यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 700 से ज्यादा शिक्षकों की कोरोना से मौत हो गई।
मेरठ के सांसद ने लिखा योगी को पत्र इसी तरह, मेरठ के सांसद, राजेंद्र अग्रवाल ने सीएम को जिले में ऑक्सिजन की कमी के बारे में पत्र लिखा। उन्होंने सीएम को इस ओर ध्यान देने को कहा कि किस तरह ऑक्सिजन की कमी के कारण अस्पतालों में मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है और वे दम तोड़ रहे हैं।
भदोही से बीजेपी विधायक ने उठाए थे सवाल इस सप्ताह की शुरुआत में, औराई, भदोही के बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर ने सीएम को पत्र लिखकर भदोही के भाजपा जिला सचिव की कोविड से संबंधित मौत की जांच की मांग की थी। बीजेपी के जिला सचिव का 27 अप्रैल को भदोही के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
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kisansatta · 4 years ago
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क्या नेताओ को कानून हाथ में लेने का अधिकार है
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वाराणसी। क्या नेता कानून का पालन करने में अपनी तौहीन समझते है य​​दि ऐसा नही है तो क्यो शाम में सरेराह वाराणसी में दुस्साहसिक रूप से पुलिस वालों को पीट दिया गया। लंका की सुंदरपुर पुलिस चौकी के प्रभारी दरोगा और सिपाहियों को भाजपा नेता और उनके बेटे व भतीजों ने केवल इसलिए पीट दिया कि मास्क न लगाने पर टोका गया था।
पुलिस वालों के पिटने की सूचना मिलते ही खलबली मच गई। थाने से इंस्पेक्टर के साथ फोर्स के अलावा एसपी सिटी विकासचंद्र त्रिपाठी और सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी भी पहुंचे। भाजपा नेता जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल और उनके भतीजे बिंदु पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। सात नामजद समेत कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।बाकी की तलाश की जा रही है।
शुक्रवार की देर रात एक युवक ने पुलिस को सूचना दी कि सुंदरपुर में काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास पटेल व अन्य युवक किसी मुकदमे को लेकर उन पर दबाव बना रहे हैं। इस पर सुंदरपुर के कार्यवाहक चौकी प्रभारी सुनील गौड़ ने फैंटम दस्ते के सिपाही मनोज व अन्य को मौके पर भेजा। पुलिस के मुताबिक वहां सिपाहियों के पहुंचते ही विकास व उसके साथ के लोगों ने अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया।
उन लोगों ने मास्क नहीं पहना था, इसलिए दूर से ठीक से बात करने के लिए टोका गया। मास्क के लिए टोकना इतना बुरा लगा कि विकास और अन्य ने पुलिस वालों के साथ मारपीट शुरू कर दी। विकास ने अपने पिता सुरेंद्र पटेल को फोन किया। थोड़ी देर में सुरेंद्र 10 से 12 लोगों को साथ लेकर आये और पुलिसकर्मियों से मारपीट शुरू कर दी।
मामले की जानकारी चौकी प्रभारी सुनील गौड़ को हुई तो वह भी पहुंचे। दुस्साहसिक रूप से उनका भी कॉलर पकड़कर धक्कामुक्की और मारपीट शुरू कर दी गई। घटना की खबर लगते ही फोर्स पहुंच गई और भाजपा नेता और उसके बेटे को पकड़ कर थाने लाई। पुलिस के मुताबिक विकास नशे में था। दरोगा की तहरीर पर सुरेंद्र पटेल, विकास पटेल, अशोक पटेल, संतोष पटेल, बिंदु पटेल, गोलू यादव, छीतन राजभर समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ मारपीट, सरकारी कार्य में बाधा और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
थाने पर जमे रहे सत्तापक्ष के नेता भाजपा से जुड़े जिला पंचायत सदस्य के पकड़े जाने के बाद लंका थाने पर सत्ता पक्ष के नेताओं का जमावड़ा लग गया। मुकदमा न दर्ज कर छोड़ने का दबाव बनाया जाने लगा। हालांकि पुलिस अधिकारियों के पहुंचने पर किसी की एक न चली। मामला एसएसपी तक पहुंच गया था। एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है।
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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कानपुर : यूपी पुलिस के आठ लोगों को मारने वाला विकास दुबे कैसे बना अगड़ों की राजनीति का सबसे खूंखार हथियार, जानें History-Sheet
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यूपी पुलिस के 8 लोगों को मारने वाले विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण भी खूब मिला था
खास बातें
विकास दुबे को मिला था सत्ता का संरक्षण
स्थानीय विधायक और नेता करते थे मदद
एक बार चुना जा चुका है जिला पंचायत सदस्य
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के गांव में  बिकरू में बीती रात 8 पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हुई हत्या के मामले में जानकारी मिल रही है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 2 गुर्गों को भी मार गिराया गया है. हालांकि अभी तक इस मामले की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है. पास से एक हथियार बरामद हुआ है.  वहीं इस पूरे मामले के सरगना विकास दुबे की तलाश में एक सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है  घटना स्थल पर एक यूपी पुलिस के आलाधिकारी और फॉरेंसिंक टीम भी मौजूद है और साथ ही वहां पर एसटीएफ भी तैनात कर दी गई है. बात करें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तो उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है. साल 2001 में उसके खिलाफ बीजेपी नेता की हत्या का भी मामला दर्ज हुआ था लेकिन इस मामले में उसको सजा नहीं हो पाई थी. वहीं हाल में उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ था और इसी मामले में उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की भारी-भरकम टीम गांव गई थी. 
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राजनेताओं का मिला है संरक्षण भारतीय राजनीति में अपराधियों और नेताओं का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. विकास  दुबे 90 के दशक में जब इलाके में एक छोटा-मोटा बदमाश हुआ करता था तो पुलिस उसे अक्सर मारपीट के मामले में पकड़कर ले जाती थी. लेकिन उसे छुड़वाने के लिए स्थानीय रसूखदार नेता विधायक और सांसदों तक के फोन आने लगते थे. विकास दुबे को सत्ता का संरक्षण भी मिला और वह एक बार जिला पंचायत सदस्य भी चुना जा चुका था. उसके घर के लोग तीन गांव में प्रधान भी बन चुके हैं. अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे ऊपर कैबिनेट मंत्रियों तक का हाथ था. 
जातिवादी राजनीति में हथियार बना विकास दुबे कानपुर के जिस इलाकों से  विकास दुबे का रिश्ता था. दरअसल वह ब्राह्मण बहुल इलाका है लेकिन यहां की राजनीति में पिछड़ी जातियों को नेता भी हावी थे. इस हनक को कम करने के लिए नेताओं ने विकास दुबे का इस्तेमाल किया. उधर विकास की नजर इलाके में बढ़ती जमीन की कीमतों और वसूली पर था. फिर क्या था यहीं से शुरू सत्ता के संरक्षण में विकास दुबे के आतंक की शुरुआत हुई.  हालांकि बाद में उसका नाम कई ऐसे मामलों में सामने आया जिसमें निशाने पर अगड़ी जाति के भी नेता थे. ��रअसल तब तक विकास दुबे का आतंक बढ़ गया था और कई नेता जिनसे विकास दबे की पटरी नहीं खाती थी वो उसके निशाने पर आ गए थे क्योंकि उस समय इलाके में जमीनों की कीमत बढ़ने लगी थी. 
विकास दुबे की हिस्ट्रीशीट
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vsplusonline · 5 years ago
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पालघर लिंचिंग पर घिरी उद्धव सरकार, BJP बोली- भीड़ में क्या कर रहे थे NCP-CPIM नेता
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पालघर लिंचिंग पर घिरी उद्धव सरकार, BJP बोली- भीड़ में क्या कर रहे थे NCP-CPIM नेता
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भीड़ में NCP और CPIM नेताओं के शामिल होने पर उठाए सवाल
कहा- गठबंधन सरकार चलाने का अर्थ पापों पर पर्दा डालना नहीं
महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांव चिनचिड़े में भीड़ ने अपने गुरु के ब्रह्मलीन होने पर उनको समाधि देने जा रहे दो संतों सहित तीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. संतों की लिंचिंग से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने राज्य की उद्धव सरकार से जवाब तलब किया है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे से बात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
इस मसले को लेकर उद्धव ठाकरे की सरकार घिरती ही जा रही है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी देते हुए कहा था कि इसे धार्मिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. लेकिन अब इस भीड़ में उद्धव सरकार की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेताओं के शामिल होने को लेकर सवाल उठने लग�� हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे लेकर उद्धव सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
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यह भी पढ़ें- पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग पर मचा बवाल
पात्रा ने ट्वीट कर सवाल किया है कि पालघर की उस अमानवीय भीड़ में एनसीपी और सीपीआईएम के नेता क्या कर रहे थे. उन्होंने कहा है कि आप लोग गठबंधन की सरकार चलाते हैं, इसका ये अर्थ नहीं कि एक-दूसरे के पापों पर पर्दा डालेंगे. पात्रा ने सवाल किया कि संतों की हत्या या साजिश? महाराष्ट्र सरकार को जवाब देना होगा.
यह भी पढ़ें- उद्धव बोले- पालघर की घटना हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं
पात्रा ने यह बातें सुनील देवधर का ट्वीट रीट्वीट करते हुए लिखी हैं. देवधर ने अपने ट्वीट में महाराष्ट्र सरकार की गठबंधन सहयोगी एनसीपी से जिला पंचायत सदस्य काशीनाथ चौधरी के भीड़ में शामिल होने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि स्थानीय लोगों के अनुसार चौधरी के साथ सीपीएम के पंचायत सदस्य विष्णु पातरा, सुभाष भावर और धर्मा भावर भी मौके पर थे.
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में स्थित हनुमान मंदिर से जुड़े दो संत अपने गुरु के ब्रह्मलीन होने की खबर पाकर गुजरात के सूरत स्थित गुरु के आश्रम के लिए निकले थे. लॉकडाउन के बीच जा रहे संतों को पुलिस ने दादरा और नगर हवेली की सीमा से लौटा दिया. लौटाए जाने के बाद संत मुख्य मार्ग छोड़कर ग्रामीण रास्ते से गुजर रहे थे कि लगभग 200 लोगों की भीड़ ने उनके वाहन पर पथराव कर दिया.
यह भी पढ़ें- पालघर मॉब लिंचिंग: उद्धव से CM योगी ने की बात
भीड़ ने दोनों संतों को चालक के साथ वाहन से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला. 16-17 अप्रैल की रात घटी इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद अब सियासी घमासान मच गया है. संतों ने भी लॉकडाउन के बाद पालघर कूच करने की चेतावनी दी है.
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voiceofkaushambi · 6 years ago
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हाल-ए-जनसुनवाई पोर्टल : सहायक विकास अधिकारी मनमाने तरीके से जनसुनवाई पोर्टल की शिकायतों का कर रहा फर्जी निस्तारण फतेहपुर । विकास कार्यों से लेकर बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए शासन द्वारा बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल अफसरों की आंकड़ेबाजी के कारण मजाक बनती नजर आ रही है। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़ बचेगी साथ ही उन्हें अपने घर और क्षेत्र में ही अपनी शिकायतों का निदान मिल जाएगा पर कमोवेश हर विभाग जनसरोकार से जुड़ी शिकायतों को लेकर उदासीन है। सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का मामला हो या छात्रवृत्ति और खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं की बात या फिर टूटी सड़कों और गंदगी की शिकायत साथ ही ऐसे के हर विभाग से शिकायत पर अफसर और उनके अधीनस्थ ज्यादातर के निस्तारित होने का दावा कर वाहवाही लूट रहे हैं। दरअसल, मातहत दफ्तर में बैठ कर ही समस्याओं का निस्तारण दिखा कर फाइल बन्द कर देते हैं और आला अफसर स्थलीय सत्यापन में रुचि नहीं दिखाते हैं। नतीजतन, शिकायतकर्ता या पीड़ित आदमी निस्तारण के फर्जीवाड़े की फाइल लेकर फिर से दफ्तरों के चक्कर लगाने लगता है। ��सी कड़ी में ऐरायां विकास खंड क्षेत्र के सुल्तानपुर घोष ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत सदस्य एन. ए. सिद्दीकी ने बताया कि बीते दिनों 14 अगस्त को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आई.जी.आर.एस.) पोर्टल अर्थात जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से पंचायती राज विभाग को शिकायत किया था कि ऐरायां ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी रामबाबू मौर्या को दिसम्बर 2017 में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) की जियो टैगिंग एवं शौचालय निर्माण में सुस्ती के चलते निलम्बित किया गया था इसके बावजूद भी न जाने किस सेटिंग - गेटिंग से बहाली हुई और तो और ऐरायां ब्लॉक के साथ ही साथ वही ग्राम पंचायतों में पुनः नियुक्ति भी कर दी गयी जिस पर शिकायत में पूंछा गया था कि नियम व आधार पर पुनः वहीँ नियुक्ति दी गयी ? इसके आगे दूसरा बिंदु लिखा था कि ग्राम पंचायत अधिकारी रामबाबू मौर्या पर फिर से आवास में नाम शामिल करने व शौचालय निर्माण में पैसा मांगने की भी शिकायत हो रही है लेकिन स्थानीय पंचायत प्रशासन मौन है। जिसके बाद शिकायत पंचायती राज विभाग में निदेशक को दर्ज हुई जिसका शिकायत सन्दर्भ संख्या - 40017218021290 जोकि दिनांक 14 अगस्त को दर्ज हुआ था। जिस पर कार्यवाही के क्रम में निदेशक ने 24 सितम्बर को जिला पंचायती राज अधिकारी फतेहपुर को अंतरित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश दिया जोकि उक्त प्रकरण को डीपीआरओ द्वारा 01 अक्टूबर को प्रेषित करते हुए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) - ऐरायां से आवश्यक कार्यवाही करते हुए आख्या देने को कहा जिस पर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) द्वारा कार्यालय में ही बैठकर बिना शिकायतकर्ता से कोई भी जानकारी लिए या साझा किए हुए मनमाने तरीके से आख्या रिपोर्ट लगाकर मामला निस्तारित कर दिया। आख्या रिपोर्ट में दर्शाया ग्गया कि ग्राम प्रधान एवं अन्य ग्राम वासियों द्वारा जानकारी किया गया जिसमें शौचालय आदि में पैसा मांगने की जो शिकायत की गयी है वह निराधार है । ग्राम प्रधान द्वारा अवगत कराया गया कि सभी शौचालयों की चेक मेरे द्वारा लाभार्थियों को दिया गया है एवं शौचालय भी ग्राम पंचायत द्वारा बनवाये जा रहे हैं जिसमे रामबाबू ग्राम पंचायत अधिकारी की कोई भूमिका नहीं है। इतनी आख्या लिखने के सिवाय किसी प्रमाण / अभिलेख को भी पोर्टल पे नहीं अपलोड किया गया जोकि गलत है। इसके बावजूद भी सबसे बड़ी बात ये है कि शिकायतकर्ता ने दो बिंदुओं पर शिकायत की थी जिसमे सिर्फ आखिरी बिंदु का अधूरा ही जवाब देकर मामला निस्तारित कर दिया । दूसरे बिंदु में शिकायतकर्ता ने आवास में नाम शामिल करने व शौचालय निर्माण के नाम पर पैसा मांगे जाने के जवाब में सिर्फ शौचालय आदि का ही जवाब लिखा गया जबकि आवास में नाम शामिल किये जाने का कोई ज़िक्र नहीं किया गया एवं सबसे पहले तो पहला शिकायती सवाल था कि रामबाबू मौर्या के नि��ंबन के बाद पुनः नियुक्ति किस आधार पर दी गयी एवं किस नियमानुसार दोषी रहे ग्राम पंचायत अधिकारी को पुनः उसी ब्लॉक ही नहीं बल्कि वही ग्राम पंचायतों में भी तैनाती दी गयी जिस पर कोई जवाब या कागजी कार्यवाही नहीं दिखाई गयी। जिसके बावजूद भी आधी - अधूरी एवं भ्रामक जानकारी देते हुए तथ्यों को छिपाकर मामला निस्तारित किया जाना न्याय संगत नहीं था एवं शासन के निर्देशों के अलावा जिलाधिकारी द्वारा लगातार सख्त निर्देश भी दिए जा रहे हैं कि कोई भी जनसुनवाई के माध्यम से आयी शिकायत बिना शिकायतकर्ता से मिले या अन्य संसाधनों से संपर्क करके संतुष्टि होने पर ही निस्तारित करावें, कार्यालय बैठकर य मनमाने तरीके से निस्तारण कतई न करें। इसके बावजूद भी उक्त एडीओ पंचायत - ऐरायां बिना किसी आदेशों - निर्देशों का पालन करते हुए एवं सख्त मिजाज जिलाधिकारी के आदेशों को ताक पर रखते हुए मनचाहे तरीके से ऐसी शिकायतों का निस्तारण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पीड़ित को ऐसे अधिकारी से काफी नाराजगी है व जिलाधिकारी से कार्यवाही करते हुए न्याय की उम्मीद भी है। हांलाकि इस सन्दर्भ में शिकायतकर्ता ने पुनः एडीओ पंचायत के खिलाफ पंचायती राज विभाग में शिकायत रविवार को दर्ज की है। रिपोर्टर - बंशीलाल
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dainiksamachar · 1 year ago
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देवरिया में जमीन को लेकर खूनी संघर्ष, 5 को गोली मारी, एक का गला काटा
देवरिया: उत्तर प्रदेश के जब देवरिया में जमीन विवाद में खूनी संघर्ष का दहलाने वाला मामला सामने आया है। जमीन विवाद में 6 लोगों की हत्या की खबर आ रही है। धारदार हथियार से इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया। रुद्रपुर के फतेहपुर के लेड़हां टोला गांव का मामला बताया जा रहा है। सनसनीखेज वारदात से देवरिया दहल उठा है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच चुके हैं। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वारदात के दौरान तीन लोगों के मौत की पुष्टि प्रशासन की ओर से की जा रही है। जिले में सोमवार की सुबह बड़ी घटी है। एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई। सुबह के समय में घर के बाहर बैठे लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया। वारदात को अंजाम पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या के बाद दिया गया। साथ ही, इस घटना के दौरान गोली मारने की भी सूचना आई है। जमीन विवाद में इस वारदात को अंजाम दिया गया। सोमवार सुबह घर के बाहर यह सनसनीखेज घटना घटी। इस दौरान कई राउंड फायरिंग किए जाने की बात गांव के लोग कर रहे हैं। रुद्रपुर थाना क्षेत्र के निकट फतेहपुर गांव में घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना आ रही है। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या की घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है। घटनास्थल पर भारी संख्या में लोग जुट गए हैं। नारेबाजी हो रही है। मृतकों के पूर्व जिला पंचायत सदस्य के भी शामिल होने की खबर सामने आ रही है। घटनास्थल पर चीख-पुकार मची हुई है। एसपी संकल्प शर्मा ने मामले की जानकारी मिलते ही गांव में पीएसी की तैनाती की बात कही है। सीनियर अधिकारियों को घटनास्थल पर रवाना किया गया है। बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती गांव में की गई है। शांति व्यवस्था को बहाल करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। दो पक्षों में चल रही थी जमीन की लड़ाई लेड़हां टोला गांव में दो पक्षों के बीच जमीन की लड़ाई चल रही थी। सत्य प्रकाश दुबे के परिवार का गांव ��े ही अभयपुरा टोले के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के परिवार से झगड़ा चल रहा था। जमीन विवाद की रंजिश में दोनों पक्ष लगातार आमने- सामने आ रहे थे। सोमवार सुबह प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई। इसके बाद दर्जनों लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर पर हमला बोल दिया। वे लाठी-डंडों और बंदूक से लैस थे। घर के बाहर बैठे सत्य प्रकाश दुबे, उनकी पत्नी समेत पांच लोगों की हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। मरने वालों में दो पुरुष, दो बच्चे और एक महिला शामिल हैं। डीएम और एसपी पहुंचे गांव रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर ग्राम पंचायत के लेड़हां टोले में जमीन विवाद में इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही आधा दर्जन थानों की पुलिस गांव में पहुंची है। डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। माहौल को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है। 6 लोगों की हत्या के बाद से गांव में आक्रोश फैला हुआ है। लोग बेकाबू हो रहे हैं। उन्हें शांत करने और हालात संभालने के प्रयास किए जा रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी संकल्प शर्मा ने आसपास के थानों को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया। वे खुद घटनास्थल पर रवाना हुए। डीएम अखंड प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंचे। http://dlvr.it/SwsgR7
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lokkesari · 4 years ago
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भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
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भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
हरिद्वार, 31 अगस्त। महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला उत्पीड़न के आरोपी द्वाराहाट के भाजपा विधाय महेश नेगी के खिलाफ सरकार द्वारा कार्यवाही ना करने पर भगत सिंह चौक पर प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान प्रदेश महासचिव डाॅ। संजय पालीवाल ने कहा कि सरकार महिला उत्पीड़न के आरोपी भाजपा विधायक भाजपा की जांच कराने को तैयार नहीं है। इससे भाजपा की कथनी और करनी का मामला साफ पता चलता है। महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि भाजपा राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश में महिला उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। द्वाराहाट के भाजपा विधायक पर महिला द्वारा उत्पीड़न के आरोप लगाने के बावजूद बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार जांच तक नहीं कर रही है। न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही महिला को मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला को न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल व प्रदेश सचिव धर्मपाल ठेकेदार ने कहा कि भाजपा सरकार अपने विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है। आरोप लगाने वाली महिला के परिवार को परेशान किया जा रहा है।महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष विमला पांडे ने कहा कि यदि महिला को न्याय नहीं मिला तो सरकार को घेरने का काम करना होगा हो जाएगा। महिला कांग्रेस उत्पीड़न की शिकार हुई महिला को न्याय दिलाने के लिए किसी भी संघर्ष से पीछे हटेगी नहीं। हाजी नईम कुरैशी व पूर्व विधायक राम यश सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधियों पर महिला उत्पीड़न के आरोप लग रहे हैं। लेकिन सरकार जांच कराने तक को तैयार नहीं है। इस दौरान यशवंत सैनी, अमरदीप रोशन, हाजी रफीखान, रवि कश्यप, सती�� कुमार, शुभम अग्रवाल, बीएस तेजियान, कैलाश प्रधान, श्याम सिंह, विशाल राठौड़, पार्षद मेहरबान खान, शाहनवाज कुरेशी, चैधरी बलजीत सिंह, अशोक उपाध्याय, दिनेश यादव, दिग्विजय सिंह। सिंह, सुषमा सहगल, नीलम शर्मा, गार्गी राय, वेदानी, नीलम धीमान, संतोष पांडे, अरशद ख्वाजा, अनिल शर्मा, मनोज जाटव, जगदीप असवाल, नवीन शर्मा, राजेश चैहान, शिव कुमार जोशी, अवधेश सैनी, सुधांशु जोशी, आफताब कुरैशी , तीर्थपाल राव, सुनील कुमार सिंह, अशोक साहू, इलियास खान, हितेश चैहान, मनजीत सिंह आदि सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
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khabarsamay · 7 years ago
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माकपा नेता पर हमले के खिलाफ थाना घेराव
सिलीगुड़ी,24 नवंबर। माकपा नेता अविनाश राय पर हुए हमले के खिलाफ व हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार को माकपा समर्थकों ने आसिघर आउट पोस्ट का घेराव कर प्रदर्शन किया। डाबग्राम -2 नंबर एरिया कमेटी के माकपा सचिव गणेश घोष ने बताया कि गुरुवार को उत्तर एक्तियाशाल पंचायत सदस्य अविनाश राय विकास कार्य को लेकर अपने समर्थकों से बात कर कर रहे थे तभी कुछ बदमाशो ने उन पर हमला कर दिया। उंन्होने बताया कि इस हमले में अविनाश राय बुरी तरह घायल हो गए . उन्हें तत्काल सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। श्री घोष ने बताया कि अविनाश राय के परिवार की ओर से गुरुवार को आसिघर आउट पोस्ट में एक मामला भी दर्ज करवाया गया लेकिन पुलिस की ओर से अभी तक इस दिशा में उचित कदम नही उठाया गया है।उंन्होने पुलिस पर अविनाश राय के परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया।उंन्होने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आज आसिघर आउट पोस्ट का घेराव किया गया। उंन्होने बताया कि इस मामले में पुलिस अधिकारी से भी बात की गयी है ।वंही आसिघर आउट पोस्ट ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की बात कही है। Read the full article
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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कानपुर : यूपी पुलिस के आठ लोगों को मारने वाला विकास दुबे कैसे बना अगड़ों की राजनीति का सबसे खूंखार हथियार, जानें History-Sheet
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यूपी पुलिस के 8 लोगों को मारने वाले विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण भी खूब मिला था
खास बातें
विकास दुबे को मिला था सत्ता का संरक्षण
स्थानीय विधायक और नेता करते थे मदद
एक बार चुना जा चुका है जिला पंचायत सदस्य
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के गांव में  बिकरू में बीती रात 8 पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हुई हत्या के मामले में जानकारी मिल रह��� है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के 2 गुर्गों को भी मार गिराया गया है. हालांकि अभी तक इस मामले की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है. पास से एक हथियार बरामद हुआ है.  वहीं इस पूरे मामले के सरगना विकास दुबे की तलाश में एक सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है  घटना स्थल पर एक यूपी पुलिस के आलाधिकारी और फॉरेंसिंक टीम भी मौजूद है और साथ ही वहां पर एसटीएफ भी तैनात कर दी गई है. बात करें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तो उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास है. साल 2001 में उसके खिलाफ बीजेपी नेता की हत्या का भी मामला दर्ज हुआ था लेकिन इस मामले में उसको सजा नहीं हो पाई थी. वहीं हाल में उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ था और इसी मामले में उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की भारी-भरकम टीम गांव गई थी. 
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राजनेताओं का मिला है संरक्षण भारतीय राजनीति में अपराधियों और नेताओं का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. विकास  दुबे 90 के दशक में जब इलाके में एक छोटा-मोटा बदमाश हुआ करता था तो पुलिस उसे अक्सर मारपीट के मामले में पकड़कर ले जाती थी. लेकिन उसे छुड़वाने के लिए स्थानीय रसूखदार नेता विधायक और सांसदों तक के फोन आने लगते थे. विकास दुबे को सत्ता का संरक्षण भी मिला और वह एक बार जिला पंचायत सदस्य भी चुना जा चुका था. उसके घर के लोग तीन गांव में प्रधान भी बन चुके हैं. अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विकास दुबे ऊपर कैबिनेट मंत्रियों तक का हाथ था. 
जातिवादी राजनीति में हथियार बना विकास दुबे कानपुर के जिस इलाकों से  विकास दुबे का रिश्ता था. दरअसल वह ब्राह्मण बहुल इलाका है लेकिन यहां की राजनीति में पिछड़ी जातियों को नेता भी हावी थे. इस हनक को कम करने के लिए नेताओं ने विकास दुबे का इस्तेमाल किया. उधर विकास की नजर इलाके में बढ़ती जमीन की कीमतों और वसूली पर था. फिर क्या था यहीं से शुरू सत्ता के संरक्षण में विकास दुबे के आतंक की शुरुआत हुई.  हालांकि बाद में उसका नाम कई ऐसे मामलों में सामने आया जिसमें निशाने पर अगड़ी जाति के भी नेता थे. दरअसल तब तक विकास दुबे का आतंक बढ़ गया था और कई नेता जिनसे विकास दबे की पटरी नहीं खाती थी वो उसके निशाने पर आ गए थे क्योंकि उस समय इलाके में जमीनों की कीमत बढ़ने लगी थी. 
विकास दुबे की हिस्ट्रीशीट
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akashyouthindia-blog · 8 years ago
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भू-माफिया सुबोध व उसके गुर्गों का सीएम कार्यालय ने लिया संज्ञान, कसेगा शिंकजा सुबोध ख्ेामे के जिला पंचायत सदस्यों पर शिकंजा कसने की तैयारी, होगी कार्यकलापों की जांच, ठेकेदार सदस्यों पर चलेगा शासन का डंडा यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रूखाबाद। भू-माफिया सुबोध यादव व उसके गुर्गों के काले कारनामों की भनक पाकर प्रदेश के सीएम कार्यालय की भृकुटी भी तनने लगी है। वहीं सुबोध के खासमखास जिला पंचायत सदस्यों व बीडीसी एवं प्रधानों के खिलाफ भी मुहीम चलना तय माना जा रहा है। शासन की ओर से इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचारों की ��हनता से जांच के लिए टीम गठन का प्रस्ताव दिया गया है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो एक सप्ताह के अंदर इन दबंगों के ऊपर शिकंजा कसना शुरू होगा। दबंग सपा नेता रहे सुबोध यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। जिन्हें भांप रात के धंुधलकों में सुबोध के कई समर्थक जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य और प्रधान भाजपा नेताओ ंके आगे नतमस्तक होने लगे है। वहीं सुबोध यादव की ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर भी काले बादल मंडराने लगे है। इसके अलावा सुबोध समर्थक कई ब्लाक प्रमुखों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। परिवहन विभाग की लाखों की मिट्टी का कर लिया विक्रीनामा फर्रूखाबाद। सपा नेता के रूप में स्थापित हुए दबंग भू-माफिया सुबोध ने मसेनी चैराहे स्थित अपने भू-खण्ड पर भराव डलाने के नाम पर बाग लकूला स्थित एआरटीओ कार्यालय के प्रस्तावित बड़ी भूमि को तत्कालीन उपजिलाधिकारी व लेखपाल की संाठगांठ के दम पर 25-30 फीट गहरे विशाल गड्ढे में परिवर्तित कर यहां की लाखों की कीमती मिट्टी को बेंच डाला। सीएम के सामने जसमई की करोड़ों की जमीन का मामला होगा पेश फर्रूखाबाद। पड़ोसी जनपद के बाहरी नेता भू-माफिया सुबोध यादव द्वारा जसमई दरवाजे पर राजपूतों की करोड़ों की जमीन का फर्जीबाड़ा अब मुख्यमंत्री के सामने रखा जायेगा। जिसमें कई पर गाज गिरना तय है। एक उपजिलाधिकारी की संलिप्तता भी चर्चा का विषय बनी हुई है। सुबोध ने अपना नाम बचाते हुए इस जमीन पर काबिज होने के लिए वर्षों पूर्व मृतक हुए काले खां नाम के युवक का फर्जी बैनामा कराकर रविवार के दिन अवैध तौर ���र तमाम आदेश अपनी सत्ता के दबाव में करा लिये थे। जिस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखने की कवायद तेज हो गयी है।
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abhay121996-blog · 4 years ago
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कोरोना पर जब अपनों ने ही उठाए सवाल तो ऐक्शन में आए CM योगी, ये निर्देश Divya Sandesh
#Divyasandesh
कोरोना पर जब अपनों ने ही उठाए सवाल तो ऐक्शन में आए CM योगी, ये निर्देश
लखनऊ उत्तर प्रदेश में लगातार हावी हो रहे कोरोना वायरस के बीच लगातार यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सीएम के दावों की पोल अपनी ही पार्टी के जन प्रतिनिधि खोल रहे हैं। लगातार जिला प्रशासन की और अधिकारियों की शिकायतों के बाद आखिर योगी सरकार ने जिले के अधिकारियों को आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि अधिकारी जन प्रतिनिधियों की राय लेकर काम करें।
मुख्यमंत्री की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि सभी जिले के डीएम और सीएमओ जन प्रतिनिधियों के संपर्क में रहें और उनका मार्गदर्शन लेते रहें। आदेश में लिखा है कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव से कोरोना काल में व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में रोज 50,000 रेमडेसिविर की खेप डीएम और सीएमओ के लिए जारी आदेश के अलावा सीएम ने प्रदेश में रेमडेसिविर की कमी खत्म करने को भी कहा है। सीएम ने बताया कि राज्य में भारत सरकार की ओर से रोज 50,000 वॉयल का आवंटन किया गया है। रोज इतनी बड़ी संख्या में खेप आने के बाद प्रदेश में रेमडेसिविर की किल्लत खत्म हो जाएगी।
योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी के ही सांसद और विधायक आपको बता दें कि बीजेपी के विधायक और सांसद लगातार सीएम और प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावे कर रहे हैं कि राज्य में बेड, ऑक्सिजन, आदि की कोई कमी नहीं है। वहीं बीजेपी के निर्वाचित सदस्य सरकार के दावों को पोल खोल रहे हैं।
लखीमपुर खीरी के गोला विधायक ने उठाया था मामला लखीमपुर खीरी के गोला के बीजेपी विधायक अरविंद गिरी ने जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि उनके दो दर्जन से ज्यादा सहयोगियों की मौत ऑक्सिजन न मिलने के कारण हुई। ऑक्सिजन की कमी से सैकड़ों लोग मर रहे हैं। गिरी ने कहा, ‘लोग ऑक्सिजन के लिए रो रहे थे और मैं उनकी मदद नहीं कर सका। मैं डीएम से निवेदन करता रहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सीएम राज्य के लिए जो कर रहे हैं, वह किसी अन्य सीएम द्वारा नहीं किया गया है। उन्होंने काफी प्रयास किए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशासन सब बर्बाद कर रहा है। जिला प्रशासन विफल साबित हो रहा है।’
बृजेश पाठक ने सबसे पहले उठाया मामला कानून मंत्री बृजेश पाठक सबसे पहले ऐसे निर्वाचित सदस्य थे जिन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लखनऊ प्रशासन की असफलता की ओर ध्यान केंद्रित करवाया। उन्होंने पत्र में लिखा कि किस तरह लखनऊ में बेड, ऑक्सिजन और इलाज न मिलने से लोगों की मौत हो रही है।
बीजेपी सांसद कौशल किशोर उठा रहे लगातार आवाज मोहनलालगंज के बीजेपी सांसद कौशल किशोर भी लगातार इस अराजकता को लेकर मुखर हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे निजी अस्पतालों में ऑक्सिजन सप्लायर्स आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी अस्पतालों पर भी ध्यान देने के लिए सीएम को पत्र लिखा। सांसद ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया की यूपी में पंचायत चुनाव टाल दिए जाएं, हालांकि उनके अनुरोध पर कुछ नहीं हुआ। यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 700 से ज्यादा शिक्षकों की कोरोना से मौत हो गई।
मेरठ के सांसद ने लिखा योगी को पत्र इसी तरह, मेरठ के सांसद, राजेंद्र अग्रवाल ने सीएम को जिले में ऑक्सिजन की कमी के बारे में पत्र लिखा। उन्होंने सीएम को इस ओर ध्यान देने को कहा कि किस तरह ऑक्सिजन की कमी के कारण अस्पतालों में मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है और वे दम तोड़ रहे हैं।
भदोही से बीजेपी विधायक ने उठाए थे सवाल इस सप्ताह की शुरुआत में, औराई, भदोही के बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर ने सीएम को पत्र लिखकर भदोही के भाजपा जिला सचिव की कोविड से संबंधित मौत की जांच की मांग की थी। बीजेपी के जिला सचिव का 27 अप्रैल को भदोही के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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कानपुर में विकास दुबे का खौफ: लॉकडाउन में कर्मचारियों की छंटनी के लिए एक कंपनी को लेनी पड़ी थी इजाजत!
विकास दुबे को पता है सत्ता की ताकत विकास दुबे को नेताओं को संरक्षण तो मिला ही है साथ ही उसे इस बात का भी पूरी तरह से अहसास है कि सत्ता में बैठी पार्टियों से हाथ मिलाकर वह कुछ भी कर सकता है. इसीलिए राज्य में जिस किसी की भी पार्टी की सरकार होती वह उसकी के साथ हो लेता. मतलब राज्य में सभी प्रमुख पार्टियों के साथ वह हाथ मिला चुका है.
इलाके में है राजनीतिक रसूख विकास दुबे का इलाके में राजनीतिक रसूख भी है. जहां वह खुद भी जिला पंचायत सदस्य रह चुका है तो उसकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं. पुलिस महानिदेशक एच सी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है तथा उस पर 60 मामले दर्ज हैं.  उन्होंने बताया कि कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था. 
क्या हुआ था बीती रात कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए.  पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.  अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था.  उसी दौरान मुठभेड़ हो गई.  दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं.  अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था.  उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एसपी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए. 
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस सी अवस्थी ने बताया कि कुख्यात अपराधी को छापेमारी की संभवत: भनक लग गई थी.  अवस्थी ने बताया कि दुबे और उसके साथियों ने अपने ठिकाने की ओर बढ़ रहे पुलिस कर्म���यों को रोकने के लिए जेसीबी आदि लगा कर रास्ते को बाधित कर दिया था. पुलिस के दल को इसकी जानकारी नहीं थी. 
उन्होंने बताया कि रास्ता बाधित होने से पुलिस दल रुका और उसी दौरान अपराधियों ने एक इमारत की छत से अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी.  घटना की सूचना पा कर अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), महानिरीक्षक (कानपुर) और कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए हैं.  कानपुर की फॉरेंसिक टीम जाँच कर रही है, लखनऊ से भी एक टीम आएगी.  डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को भी वहां भेजा गया है. 
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान जान गंवाने वाले आठ पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है.  साथ ही  घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा मौके से रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. 
विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार इस बड़ी घटना के बाद यूपी की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, यूपी में गुंडाराज का एक और प्रमाण. जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी? मेरी शोक संवेदनाएँ मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ 
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें यूपी पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 जवान शहीद हो गए. यूपी पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं। यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं. आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है.  कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद सीएम के पास है. इतनी भयावह घटना के बाद  उन्हें सख़्त  कार्यवाही करनी चाहिए. कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए.
सपा अध्यक्ष अखिलेश याद ने भी इस घटना पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि! उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है.  अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए. (इनपुट भाषा से भी)
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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कानपुर में विकास दुबे का खौफ: लॉकडाउन में कर्मचारियों की छंटनी के लिए एक कंपनी को लेनी पड़ी थी इजाजत!
विकास दुबे को पता है सत्ता की ताकत विकास दुबे को नेताओं को संरक्षण तो मिला ही है साथ ही उसे इस बात का भी पूरी तरह से अहसास है कि सत्ता में बैठी पार्टियों से हाथ मिलाकर वह कुछ भी कर सकता है. इसीलिए राज्य में जिस किसी की भी पार्टी की सरकार होती वह उसकी के साथ हो लेता. मतलब राज्य में सभी प्रमुख पार्टियों के साथ वह हाथ मिला चुका है.
इलाके में है राजनीतिक रसूख विकास दुबे का इलाके में राजनीतिक रसूख भी है. जहां वह खुद भी जिला पंचायत सदस्य रह चुका है तो उसकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं. पुलिस म���ानिदेशक एच सी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है तथा उस पर 60 मामले दर्ज हैं.  उन्होंने बताया कि कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था. 
क्या हुआ था बीती रात कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए.  पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.  अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था.  उसी दौरान मुठभेड़ हो गई.  दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं.  अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था.  उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एसपी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए. 
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस सी अवस्थी ने बताया कि कुख्यात अपराधी को छापेमारी की संभवत: भनक लग गई थी.  अवस्थी ने बताया कि दुबे और उसके साथियों ने अपने ठिकाने की ओर बढ़ रहे पुलिस कर्मियों को रोकने के लिए जेसीबी आदि लगा कर रास्ते को बाधित कर दिया था. पुलिस के दल को इसकी जानकारी नहीं थी. 
उन्होंने बताया कि रास्ता बाधित होने से पुलिस दल रुका और उसी दौरान अपराधियों ने एक इमारत की छत से अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी.  घटना की सूचना पा कर अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), महानिरीक्षक (कानपुर) और कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए हैं.  कानपुर की फॉरेंसिक टीम जाँच कर रही है, लखनऊ से भी एक टीम आएगी.  डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को भी वहां भेजा गया है. 
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान जान गंवाने वाले आठ पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है.  साथ ही  घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा मौके से रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. 
विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार इस बड़ी घटना के बाद यूपी की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, यूपी में गुंडाराज का एक और प्रमाण. जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी? मेरी शोक संवेदनाएँ मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ 
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें यूपी पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 जवान शहीद हो गए. यूपी पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं। यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं. आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है.  कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद सीएम के पास है. इतनी भयावह घटना के बाद  उन्हें सख़्त  कार्यवाही करनी चाहिए. कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए.
सपा अध्यक्ष अखिलेश याद ने भी इस घटना पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि! उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है.  अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए. (इनपुट भाषा से भी)
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