#जुर्म की दुनिया
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प्रतिशोध :- जुर्म या जरूरत by पवनेश मिश्रा
किताब के बारे में... प्रतिशोध: जुर्म या जरूरत पवनेश मिश्रा द्वारा लिखित एक बेहद रोमांचक अपराध और जासूसी उपन्यास है, जो इंसानी भावनाओं, संघर्षों और न्याय की जटिलताओं को गहराई से प्रस्तुत करता है। यह कहानी जुर्म की दुनिया, बदले की भावना और उन परिस्थितियों के इर्द-गिर्द घूमती है जो किसी साधारण इंसान को असाधारण कदम उठाने पर मजबूर कर देती हैं।
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Shayari in Hindi, Sad Shayari
Bewafa Shayari in Hindi | Best Bewafa Status
रात की गहराइ आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।
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दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है, ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है, मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है, वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है।
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से, हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए।
Agar mai mar jaau to mujhe jala dena, magar mujhme se mera dil nikal lena, mujhe parwah nahi dil jal jane ki, mujhe parwah hai usme rahne wale ki।
अगर मैं मर जाऊ तो मुझे जला देना, मगर मुझमे से मेरा दिल निकाल लेना, मुझे परवाह नही दिल जल जाने की, मुझे परवाह नही उसमे रहने वाले की।
Bewafa shayari
Hamesha yad ati hai unki Aur mood ho jata hai kharab Tab Hamesha lekar baithe hai hum ek hath me Kalam aur ek hath me sharab।
हमेशा याद आती है उनकी और मूड हो जाता है ख़राब तब हमेशा लेकर बैठे है हम एक हाथ में कलम और एक हाथ में शराब
दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं, तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जाएगा
Na Wo Sapna Dekho Jo Toot Jaye, Na Wo Hath Thamo Jo Choot Jaye, Mat Aane Do Kisiko Itna Karib Ke Uske Dur Jane Se Insaan Khud Se Ruth Jaye।
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ना वो सपना देखो जो टूट जाए ना वो हाथ थामो जो छूट जाए मात आने दो किसी को इतना करीब के उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाए।
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था, कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था, जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में, वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था।
Jaam Jo Bhara Sharab Se, Teri Tasveer Nazar Aayi Todi Jo Bottol, Tukdon Mai Tasveer Nazar Aayi। Jab Jodne Lage Hum Un Tukdo Ko Nashe Main Mere Khooon Se Bhri, Teri Maang Mujhe Nazar Aayi।
जाम जो भरा शराब से, तेरी तस्वीर नजर आयी। तोड़ी जो बोटल, टुकडो में तस्वीर नजर आयी। जब जोड़ने लगे हम उन टुकडो को नशे में मेरे खून से भरी तेरी मांग मुझे नजर आयी।
सवाल आप हैं अगर तो #जवाब हम भी हैं, आप ईंट तो पत्थर #जनाब हम भी हैं।
मैं कभी #सिगरेट पीता नहीं मगर हर #आने वाले से पूछ लेता हूं कि माचिस है? बहुत कुछ है जिसे मै #फूंक #देना चाहता हूं।
दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं, तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जाएगा।
चला था ज़िकर ज़माने की बेवफाई का, सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही।
Bewafa shayari in Hindi
Aap Ko Paa Kar Ab Khona Nahi Chatay, Itna Khush Ho Kar Ab Rona Nahi Chatay, Yeah Aalam Hai Humara Aap Ki Judai Main, Aankhoon Main Hai Neend Per Sona Nahi Chatay।
आप को पा कर अब खोना नही चाहते इतना खुश हो कर अब रोना नही चाहते ये आलम है हमारा आप की जुदाई मैं आँखों मैं है नींद पर सोना नही चाहते।
हारने वालो का भी अपना रुतबा होता हैं मलाल वो करे जो दौड़ में शामिल नही थे..
वफा की तलाश करते रहे हम बेवफाई में अकेले मरते रहे हम, नहीं मिला दिल से चाहने वाला खुद से ही बेबजह डरते रहे हम, लुटाने को हम सब कुछ लुटा देते मोहब्बत में उन पर मिटते रहे हम, खुद दुखी हो कर खुश उन को रखा तन्हाईयों में साँसें भरते रहे हम, वो बेवफाई हम से करते ही रहे दिल से उन पर मरते रहे हम।
Rukta Bhi Nahi Theek Se Chalta Bhi Nahi; Yeh Dil Hai Ki Tere Baad Sambhalta Hi Nahi!
रुकता भी नही ठीक से चलता भी नही ये दिल है की तेरे बाद संभ��ता ही नही।
Bewafa Status in Hindi
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर, जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।
Mil Kar Bichadna Dastoor Hai Zindagi Ka; Ek Ye Hi Qissa Mashoor Hai Zindagi Ka; Beete Hue Pal Laut Kar Nahi Aate; Yehi Sabse Bada Kasoor Hai Zindagi Ka।
मिल कर बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का, एक ये ही किस्सा मशहूर है जिंदगी का, बीते हुए पल लौट कर नही आते यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का ।
मेरी वफा फरेब थी मेरी वफा पे खाक डाल । तुझसा ही कोई बावफा तुझको मिले खुदा करे।
Phir Uski Yaad, Phir Uski Aas, Phir Uski Baatein; Ae Dil Lagta Hai Tujhe Tadapne Ka Bahut Shauk Hai।
फिर उसकी याद, फिर उसकी आस, फिर उसकी बातें, ए दिल लगता है तुझे तडपने का बहुत शौक है।
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।
Koshish To Hoti Hai Ki Teri Har Khwahish Poori Karun; Par Darr Lagta Hai Ki Tu Khwahish Mein Mujhse Judai Na Maang Le।
कोशिश तो होती है की तेरी हर ख्वाइश पूरी करू पर डर लगता है की तू ख्वाइश मैं मुझसे जुदाई ना मांग ले।
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला, अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।
मिला के खाक में दिल को वो इस अंदाज़ में बोले, मिट्टी का खिलौना था, कहाँ रखने के काबिल था।
Shayari bewafa
Kuchh sitaron ki chamak nahi jaati, Kuchh yadon ki khanak nahi jaati, Kuchh logon se hota hai aisa rishta, Ke door reh ke bhi un ki mehak nahi jaati।
कुछ सितारों की चमक नही जाती, कुछ यादों की खनक नही जाती, कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता के दूर रह के भी उन की महक नही जाती।
ज़ज़बात पे क़ाबू वो भी मोहब्बत में, तूफ़ान से कहते हो चुपचाप गुज़र जाओ।
मेरी शराफत को तुम बुज़दिली का नाम न दो, दबे न जब तक घोडा, बन्दूक भी खिलौना ही होती है।
Sabhi ko sab kuchh nahin milta, Nadi ki har lehar ko sahil nahin milta, Yeh dil walon ki dunia hai dost, Kisi se dil nahin milta to koi dil se nahin milta।
सभी को सब कुछ नही मिलता, नदी की हर लहर को साहिल नही मिलता ये दिल वालों की दुनिया है दोस्त, किसी से दिल नही मिलता तो, कोई दिल से नही मिलता।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम-ऐ-मोहब्बत क्या जाने, जिन्हें मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने
Zindagi mein kisi ko is kadar mat pyar karo, Ki zindagi bina unke aadhori lage, Mohhabat is kadar karo ki, Hamari mohhabat ke bine woh aadhoori lage।
जिंदगी में किसी को इस कदर मत प्यार करो की जिंदगी बिना उनके अधूरी लगे, महोब्बत इस कदर करो की, हमारी महोब्बत के बिना वोह अधूरी लगे।
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Love status in Hindi
कुछ तो बेवफाई है मुझ में भी, जो अब तक जिंदा हूँ तेरे बग़ैर।
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है, मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है, वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी, ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है।
Bewafa status in hindi for fb
जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ। किस्मत की रोटी तो कुत्तों को भी नसीब हो जाती है
आख़िर तुम भी आइने की तरह ही निकले, जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए।
काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें, उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें।
आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया, क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया, न करते वफ़ा न मिलती ये सजा, मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया।
वो लाख तुझे पूजती होगी मगर तू खुश न हो ऐ खुदा.. वो मंदिर भी जाती है तो मेरी गली से गुजरने के लिए।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी ना कह सका, तेरी सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना, कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
अच्छा होता जो उस से प्यार न हुआ होता, चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता, हम पहुँच चुके होते अपनी मंज़िल पर, अगर उस बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता।
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हिमांशु भाऊ या नीरज बवाना, कौन-किसपर भारी? दुश्मनी में बदली दोस्ती... ये है दोनों की क्राइम कुंडली
नई दिल्ली: मैं नीरज बवाना, अपनी लाइफ की पहली पोस्ट डाल रहा हूं। आप सभी से मैं ये बताना चाहता हूं कि , उसके गैंग या उसके किसी आदमी से मेरा कोई लेना देना नहीं है...। सोमवार को सोशल मीडिया पर कुख्यात गैंगस्टर के नाम से ये पोस्ट वायरल हुई तो अंडरवर्ल्ड की दुनिया में तहलका मच गया। दो गैंगस्टर, जो कल तक एक-दूसरे के साथ थे, जिगरी यार थे... अब अलग हो चुके हैं। हालांकि, ये पोस्ट नीरज बवाना ने ही लिखी है, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई लेकिन अगर इसपर भरोसा करें, तो दिल्ली के राजौरी गार्डन में बर्गर किंग रेस्टोरेंट के अंदर हुई फायरिंग को मिलकर अंजाम देने वाले इन दो गैंगस्टर की राहें अब अलग हो चुकी हैं।हाल ही में दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में अशोक प्रधान गैंग के गुर्गे अमन जून की हत्या में इन्हीं दोनों ��ैंगस्टर का नाम सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक, अमन जून की हत्या का जिम्मा लेडी गैंगस्टर अनु धनखड़ को सौंपा गया था। अनु ने सोशल मीडिया के जरिए पहले अमन को अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर मिलने के लिए राजौरी गार्डन के बर्गर किंग रेस्टोरेंट में बुलाया। इस हत्याकांड के बाद हिमांशु भाई ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने अपने भाई शक्ति दादा के मर्डर का बदला लिया है। पोस्ट में हिमांशु ने नीरज बवाना का जिक्र किया था। इससे पहले भी इन दोनों का नाम कई वारदातों में सामने आया है। हिमांशु भाऊ, महज 21 साल की उम्र में बन गया गैंगस्टर हरियाणा में रोहतक जिले के रिटौली गांव का रहने वाला हिमांशु भाऊ स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही जुर्म की दुनिया में उतर गया था। उसकी उम्र उस व��्त महज 17 साल थी, जब उसने पहली बार तमंचा अपने हाथ में लेकर गोली चलाई। इसके बाद उसके गुनाहों की लिस्ट लंबी होती चली गई और देखते ही देखते हिमांशु के नाम के आगे संगीन धाराओं में 17 मुकदमे दर्ज हो गए। हिमांशु कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल 21 साल की उम्र में ही उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है। इसके अलावा उसके ऊपर 2.5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित है। 12 राउंड फायरिंग मतलब भाऊ का काम है हिमांशु भाऊ के काले कारनामों की अगर बात करें, तो पिछले चार सालों के भीतर ही उसने दिल्ली सहित एनसीआर में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। यही नहीं, हर वारदात के बाद वो अपने सिग्नेचर भी छोड़ता है। उसके बारे में कहा जाता है कि अगर किसी जगह पर कोई गैंगवार या हत्याकांड हुआ है और 12 से ज्यादा गोलियां चलाई गई हैं, तो पक्का हिमांशु भाऊ गैंग का ही काम है। साल 2022 में महज 24 दिनों के भीतर ही उसने हत्या की तीन बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसके ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की और अपने खिलाफ एक्शन बढ़ता देख हिमांशु भाऊ दिसंबर 2022 के आसपास विदेश भाग गया। इस वक्त हिमांशु भाऊ विदेश में बैठकर ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है। उसके खास गुर्गों में योगेश कादियान और साहिल का नाम शामिल है। नीरज बवाना, दिल्ली के सबसे बड़े गैंग का सरगना दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद और राजधानी के बवाना गांव का रहने वाला गैंगस्टर नीरज बवाना सलाखों के पीछे से ही अपना नेटवर्क चलाता है। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसकी जानी दुश्मनी है। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में करीब 15 साल प��ले कदम रखने वाले नीरज बवाना पर हत्या, हत्या की कोशिश, लूट और फिरौती मांगने जैसे कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। बताया जाता है कि आज की तारीख में दिल्ली के अंदर सबसे बड़ा गैंग उसी का है। अपने गुर्गों के जरिए वो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित एनसीआर में वारदातों को अंजाम देता है। अशोक प्रधान गैंग से भी दुश्मनी अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कभी नीरज का सबसे बड़ा दुश्मन सुरेंद्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा हुआ करता था। लेकिन लंबे चले गैंगवार में नीरज बवाना के गैंग ने धीरे-धीरे नीतू दाबोदा के लगभग सभी गुर्गों को खत्म कर दिया। अक्टूबर 2023 में पुलिस मुठभेड़ में नीतू दाबोदा के मारे जाने के बाद नीरज बवाना के गैंग का प्रभाव बढ़ गया। लॉरेंस बिश्नोई के अलावा अशोक प्रधान गैंग से भी नीरज बवाना की पुरानी दुश्मनी है, जिसके एक गुर्गे अमन जून को हाल ही में दिल्ली के राजौरी गार्डन में गोलियों से भूना गया था। उस वक्त इस हत्याकांड की जिम्मेदारी हिमांशु भाऊ और नीरज बवाना ने ही ली थी। http://dlvr.it/T93MKb
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Best 40+ Sad Status in Hindi | दुखद स्टेटस
Best 40+ Sad Status in Hindi: प्यारे दोस्तों, हम आपके लिए नवीनतम और सबसे अनोखे सैड स्टेटस कलेक्शन को लाने के लिए रोमांचित हैं, जो सिर्फ़ आपके लिए तैयार किया गया है। अगर आप हिंदी में बेहतरीन सैड स्टेटस अपडेट की तलाश में हैं, तो आपकी तलाश यहीं खत्म होती है। हमने आपके लिए 40 से ज़्यादा खूबसूरत तरीके से सचित्र सैड स्टेटस इकट्ठे किए हैं। जब हमें धोखा मिलता है, हम किसी अपने को खो देते हैं, या दोस्ती में दिल टूट जाता है, तो हम अक्सर हिंदी सैड स्टेटस में सांत्वना तलाशते हैं। ये WhatsApp और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर काफ़ी लोकप्रिय हैं। तो, चलिए शुरू करते हैं, अपने लिए सही स्टेटस ढूँढ़ते हैं और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हैं।
Sad Status in Hindi हिंदी में दुःख भरे स्टेटस
हम बस दबे जा रहे है तेरी यादों के ��ोझ तले, ना तुझे पा सकते है, ना भुला सकते है…!!!
वो शख्स एक रोज बड़ी खामोशी से सो गया, जिसे मोहब्बत रात भर अकेले रुलाया करती थी..!!!
ये दिलो का खेल है जनाब, यहां रानी बेवफा हुई तो सीधी मात होती है…!!!
में झुक जाता हु और मसला हल हो जाता है, लेकिन ऐसे हर बार मेरे किरदार का कतल हो जाता है…!!!!
पागल बहाने बनाने की क्या जरूरत थी, प्यार से बोल देती अब तेरी जरूरत नहीं है..!!!
क्या उन्हे भी कहीं दफनाती है ये दुनिया, जिन्हे मौत से पहले मोहब्बत मार देती है..!!!
साथ चलने की खुशी में, कभी ध्यान ही नही दिया, की वापस अकेले लौटना हुआ, तो कैसे लोटेंगे..!!!
जो मर्द ये कहता है, वो मजे में है, फकीर है वो, या फिर नशे में है..!!!
मैंने खुद को आईने में देखा, तब जाकर पता चला, दिल दुखने से चेहरे की रंगत सच में उड़ जाती है…!!!
काश एक किताब ऐसी भी होती, जिसमे लिखा होता, अपना कोई बिछड़ जाए तो सब्र कैसे करते है…!!!!
मालूम है हमे की ये मुमकिन नहीं, मगर एक आस सी रहती है तुम याद करोगे..!!!
वो लौटकर क्यों नहीं आते, जो दिन गुजर जाते है, सिर्फ तस्वीरे रह जाती है, और लोग मर जाते है…!!! Best Sad Status on Life in Hindi
मैने महंगे कपड़ो में घटिया लोग और, सस्ते कपड़ो में महंगे लोग देखे है..!!!
अफसोस है मगर कोई शिकवा नहीं, लाख कौसिसो के बाद भी उसने मुझे समझा नही..!!!
कुछ इस तरह टूटा हमारा रिश्ता, वो झूट बोलते रहे और मुझे सच पता था..!!!
उलझने क्या बताऊं जिंदगी की, तेरे ही गले लगकर, तेरी ही शिकायत करनी है..!!!
मंजिल पे जो मिला, तुम उसके हो गए, जो रास्ते में तुम्हारे साथ थकता रहा उसका क्या..!!!
आदत सी हो गई है हर वक्त तेरे बारे में सोचने की, अब तो ऐसा लगता है तेरी यादें जान ले लेंगी..!!!
हंसकर गुजार लेता हु दिन अपना, खुद से तो मैं शाम में बाद मिलता हु…!!!
तू मुझे उस दिन क्यों नही मिला, जब मुझे शोक थे सवरने के..!!!
इससे बुरा और क्या होगा की, मन मेरा है और मेरे ही बस में नही..!!!
आज बहुत वक्त के बाद तुम्हारे पुराने मैसेज पढ़े, उनमें लिखा था कि हम सब कुछ छोड़ देंगे, मगर एक दूसरे का साथ नहीं..!!!
नए परिवार के लोगो से दिल बहलाने वाला है, अब मेरे रोने से भी वो कब लोट कर आने वाला है…!!!
अगर वो रूठा होता तो कैसे भी मना ��ेते उसे, मगर वो उस जगह जा बैठा है, जहा जज्बात नही पोहोचते..!!!
वो समय की बात करते हैं, किसी का जीवन बरबाद करके…!!!
फिर एक दिन उसे हमारी जरूरत नहीं रही, जिसकी हर जरूरत हम पूरी करते रहे..!!!
तू चला गया है इसका यकीन किसी को नहीं, ये लोग टूटे दिल से भी सबूत मांगते है..!!! Do Line Sad Status in Hindi
सब बोलते है तू बदल गया, पर कोई ये नही पूछता क्या हुआ क्यों बदला..!!!
फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमे, अगली बार आऊंगा तेरी जात का बनकर मैं..!!!!
मुकम्मल कहा हुई जिंदगी मेरी, हर बार कुछ खोता ही रहा कुछ पाने के लिए..!!!
लोटा जब वो बिना जुर्म के सजा कटकर, उसने घर आकर सारे परिंदे रिहा कर दिए..!!!
सारे ही तजुर्बे नही थे, कुछ गलतियां भी थी..!!!
चलो कोई बात नही, हम दोनो में से कोई तो खुश है..!!!
हमदर्दी अब मुझे किलो की तरह चुभती है, कोई खामखा मेरा हाल ना पूछा करो..!!!
उनका वादा भी अजीब था, बोले जिंदगी भर साथ निभाएंगे, हम ये पूछना भूल गए मोहब्बत के साथ या फिर यादों के साथ..!!!
मेरे घर को भी उसी दिए ने जलाया, मैं जिसे हवा से बचाने की कोशिश करता रहा..!!!
वही आंखो में आसू दे गया जिसको, हर दुःख अपने जीवन के बताए हमने..!!!
शाम होते ही चिरागो को बुझा देता हु, दिल ही काफी है तेरी याद में जलने के लिए..!!!
मैं एक मामूली सा ख्याल हु, कभी आऊं तो मुस्कुरा देना..!!!
आज फिर लगा दिल अपनी हदें लांगने, आज फिर गया था तुझे मंदिर में मांगने.!!!!
हमारा वास्ता अक्सर उन्ही लोगो से हुआ, जो दिल पर वार करने में माहिर थे..!!! गजब का रिश्ता हो गया तेरा मेरा, याद दोनो करते हैं, पर बात नही..!!! Also Read: Read the full article
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Salma Sultana Murder Case: प्यार, धोखा और कत्ल... ऐसे खुला 5 साल से गायब सलमा सुल्ताना की जमीन में दफ्न लाश का राज - Chhattisgarh Korba news anchor Salma Sultana murder mystery disclosure accused Madhur Sahu arrest dead body recovered police crime NTC
News Anchor Salma Sultana Murder Case: जुर्म की काली दुनिया से ना जाने कत्ल के कितने ही मामले हर साल सामने आते हैं. मगर, कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जो मर्डर मिस्ट्री बन जाते हैं और ऐसे मामलों की तह त�� पहुंचना पुलिस के लिए एक चुनौती बन जाता है. कातिल पुलिस की सोच से आगे होता है और पुलिस उसकी तलाश में पीछे. मगर, कातिल ये भूल जाता है कि गुनहगार चाहे कितना भी शातिर हो, एक ना एक दिन कानून की गिरफ्त…
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Trailer || बड़खल झील बनेगी मनोहर झील, होंगे नमो और मनो घाट
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छत्तीसगढ़: मीठी-मीठी बातों में विधवा महिला को फँसाया फिर किया ये काम
छत्तीसगढ़: मीठी-मीठी बातों में विधवा महिला को फँसाया फिर किया ये काम
जुर्म की दुनिया में अक्सर कोई न कोई ऐसी वारदात देखने को मिलती हैं जो बेहद ही शर्मनाक होती हैं । जिसे सुनकर देखकर सदमें में आ जाते हैं, दरअसल ठगी के मामले तो हमेशा देखने को मिलते हैं जिसमें बदमाश जो हैं भोले भले लोगों को अपने बातों में फंसा कर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. फिर क्या था अब इसी कड़ी में एक ताजा मामला सामने आया हैं जिसमें एक युवक ने एक विधवा महिला को अपना शिकार बनाया हैं, बदमाश ने विधवा…
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आज महावीर जयंती पर यह शांति का समाचार प्राप्त होना अत्यंत संतोषजनक है।
अपराध के प्रति सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति का यह परिणाम है कि जघन्य अपराधी व हिस्ट्रीशीटर जुर्म की दुनिया छोड़कर पुनः मुख्यधारा से जुड़ना चाह रहे हैं।
हमारी सरकार प्रदेश में अमन, चैन और कानून व्यवस्था हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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बीवी ने किया ऐसा काम पति बन गया क्राइम किंग , जानें पूरी बात अभी
बीवी ने किया ऐसा काम पति बन गया क्राइम किंग , जानें पूरी बात अभी #crime #marriage #murder #money #violence
दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे क्रिमिनल को गिरफ्तार किया है जिसने बीवी के तानों से तंग आकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अमित (26) जब अपराध की दुनिया में उतरा तो फिर बहुत गहरे तक धंस गया। पुलिस ने आरोपी को कई आपराधिक घटनाओं में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-
सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन
1000 से…
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#अपराध की दुनिया#क्राइम#क्रिमिनल#गिरफ्तार#जुर्म की दुनिया#दिल्ली पुलिस#पति बन गया क्राइम किंग#पुलिस#बीवी के तानों से तंग आकर#बीवी ने किया ऐसा काम पति बन गया क्राइम किंग#वारदातें कर वांटेड#सट्टा किंग#सट्टे में पैसा लगाना
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सनीमा
सलीम: क्या ज़िल ए इलाही एक बाग़ी का क़ुसूर मुआफ़ करने आए हैं।
अकबर: ये बदनसीब बाप जिसे दुनिया शहंशाह कहती है, अपने रूठे हुए बेटे को मनाने आया है, उससे मोहब्बत माँगने आया है।
सलीम: बेटे की मोहब्बत बर्बाद करके मोहब्बत माँगने चाहते हैं आप, शहंशाह बाप का भेस बदल के आया है।
अकबर: (रो��े हुए) शहंशाह रोया नहीं करते शेखू, बाप की आँखों में आँसू हैं। ये ग़रीब बाप शहंशाह अकबर के उसूलों से मजबूर है।
सलीम: और सलीम अपनी मोहब्बत से।
अकबर: शेखू ! (फफकते हुए ) मोहब्बत दिलों को फ़तह कर सकती है फ़ौजों को नहीं।तुम्हारे जज़्बात शहंशाह की बेपनाह ताक़त का मुक़ाबला नहीं कर सकते ।
सलीम: इसका फ़ैसला जंग करेगी।
अकबर: (सख़्त आवाज़ में) सलीम ।।।।। शहंशाह के फ़ैसले को जंग का इंतेज़ार नहीं। जंग के नक्कारे की पहली चोभ अनारकली की मौत का ऐलान कर देगी ।
सलीम ने ग़ुस्से में तलवार उठा ली
अकबर : (निहत्था) शेखू । इसी दिन के लिए हमने माँगा था तुम्हें ? बेटे की ज़िद अगर बाप के सिर से पूरी होती है तो बाप हाज़िर है। (गर्दन झुकाते हुए)
ये लेख थोड़ा नाटकीय शुरुआत लिए ज़रूर है लेकिन मेरे हिसाब से सामाजिक संरचना और पीढ़ी दर पीढ़ी बदलते युवा के अंतर्विरोध को समझने में सनीमा की भूमिका को शायद कुछ हद तक समझा पाए। यह ऊपर लिखी पंक्तियाँ मुग़ल ए आज़म फ़ीचर फ़िल्म के आख़िरी समय के अकबर और सलीम की बात चीत की हैं। अनारकली के प्रेम में सलीम अपने पिता से जंग करने पे आमादा थे। वे अपने तंबू में चहलक़दमी कर रहे थे और अकबर जंग के लिए तैय्यार हो रहे थे। जंग शुरू होने से पहले शहंशाह से ऊपर पिता को रख अकबर अपने रूठे हुए बेटे को मनाने गए जहाँ पर ये घटित हुआ।
यहाँ तक बात कॉंटेक्स्ट सेट्टिंग की थी। अब अगर आप क़रीब से देखें तो बग़ावत एक फ़ैशनबल चीज़ है करने के लिए, यह बात बॉलीवुड या सनीमा सन 1960 से ही प्रोपोगेट कर रहा है। अब तकलीफ़ यह है की इस पर सवाल कोई उठाए तो वो पिछड़ा या प्रगतिशील सोच ना रखने वाला कहा जाएगा। इसीलिए प्रसंग से भटके बिना और इंटोलेरेंस का रिस्क लिए बिना खुले दिमाग़ से इसका विश्लेषण करते हैं।
एक पिता बहुत ही अलग क़िस्म का किरदार होता है। मुझे ये भी लगता है की सिर्फ़ इस बात से की कोई एक पिता है, वो एक अलग स्थान पा जाता है। औलाद के दुनिया में आने के समय हर पिता भावनाओं से लिप्त रहता है। उसकी दुनिया बदल रही होती है, उसे ज़िम्मेदारी का और भी ज़्यादा एहसास हो रहा होता है। ��र वो अभी अपने बच्चे को पूरी नज़र देख भी नहीं पाया होता तब तक या तो मिलने का समय ख़��्म हो जाता है या टी पी ए का फ़ॉर्म भरने जाना होता है या कोई समान लेने जाना होता है य�� मिलने वालों को अटेंड करना होता है । ऐसा कुछ भी होना ग़लत नहीं है ना हम इन घटनाओं को तोल रहे हैं ।पिता अंदर भावों से परिपूर्ण कई बार आँसू भी आने का प्रयास करते हैं लेकिन भीड़ या काम देख लौट जाते हैं या किसी को बिना पता चले वो पिता अपने रुमाल में उन्हें ठिकाना दे देता है।शायद आँसू उसकी इन मजबूरियों को समझते हैं । आँसुओं से या भावनाओं से उसका रिश्ता गहरा है, शायद तभी आँसू भी ये समझ के की शायद अभी इसे औरों को हिम्मत देनी हो, उसकी पलकों की आड़ में बैठ जाते हैं। छलकना तो दुशवारी हो जाएगी। अब ये जो जीवन का क्रम या घटना का क्रम है ना, वो आपका हमारा निजी है । भाव निजी हैं, उनके संप्रेषण का माध्यम या वो सम्प्रेषित करने ना करने का निर्णय भी निजी है । सनीमा या किसी और को ये हक़ नहीं की इस निजी व्यवस्था में अवरोध या एक अधकचरा सा विचार डाले । उसका निजी हो सकता है ।
सनीमा भी मजबूर मालूम पड़ता है, काहे से की, उसमें बौद्धिक बल इतना नहीं हुआ की वो सही संदेशों के बल पे पैसा कमा ले । जो अटपटा होता है वो झट से बिकता है। अटपटा होना शायद सही ग़लत से ऊपर समझा जाता है। समस्या इस लिए हो जाती है की सनीमा के उपभोग में अलग अलग क़िस्म के लोग अलग अलग क़िस्म के संदेश अपने दिमाग़ में ले जाते हैं। प्रेम में होना कोई ग़लत बात नहीं। लेकिन स्वयं से सवाल ये भी हो की किस क़ीमत पे या किस क़ीमत के लिए या किस हद तक। सनीमा हदें नहीं बताता क्यूँकि वहाँ तो हीरो चाँद ले आने की बात करता है। और जबकि प्रेमियों का एक दूसरे का आकलन इस बात पे भी होना चाहिए की अगर प्यार को अंजाम मिला, शादी ब्याह हुआ तो नियम से लाने वाली चीज़ घर में दूध दही फल सब्ज़ी इत्यादि होंगी, उस लिस्ट में चाँद नहीं होता।
मुग़ल ए आज़म में वो पिता अपने रूठे बेटे को मनाने आया था और उसने कोई अपमानजनक या भड़काऊ बात नहीं कही, वो तो स्नेहिल हो अपने बेटे से बात करने आया था जो कि जंग लड़ने पे आमादा था। जवाब में शेखू तल्ख़ी से ये कहता है की मेरी मोहब्बत बर्बाद कर के मोहब्बत माँगना चाहते हैं आप। ये शर्त लेके तो शेखू भी नहीं पैदा हुए होंगे। अलग अलग सनीमा देखिए ज़्यादातर हर एक में संस्कृति, परम्परा, या बड़े बुज़ुर्गों को अलग ही तरीक़े से पेश किया गया है। ऐसा दिखाया गया है कि वो बिलकुल रूढ़िवादी, खण्डूस और खलनायक नुमा हैं।आपके हमारे घर में ऐसा नहीं है। और हो सकता है कहीं ह�� भी, पर अगर कोई चीज़ अनुसरणीय नहीं है तो काहे दिखाना । लेकिन अफ़सोस की बात है कि अव्वल सनीमा के पास इल्म कम है, दूसरा समाज में उपभोक्ता जो ख़रीद रहा है, बॉलीवुड वो बना रहा है। पिता के लिए त्याग भी कुछ करना हो तो हँसते खेलते कर दे कोई, उसमें शर्त नहीं होती।
बग़ावत का, हदों से गुज़र जाने का, कोई भी क़ीमत चुका देने का काम परदे पे ही ठीक लगता है और सनीमा के किरदारों की हमारे घरों में उपयोगिता कम है। जितने रुपए की टिकट लगे उसी अनुपात में अपने ज़हन में जगह दे आदमी तो ठीक रहता है। हम लोगों की तनख़्वाह शाह रूख खान जैसे हाथ पसारने या ढिंगा चिका करने से नहीं आती।
सनीमा का ये असर सिर्फ़ माता पिता बड़े बुज़ुर्ग परिवार जैसे आयामों पे ही नहीं बल्कि हर उस आयाम पे है जिससे राष्ट्रीय चरित्र या राष्ट्रीय बल का निर्माण होता है। शिक्षक हो नारी हो चाहे और कोई हो सब को हल्का ही आंकता है इनका विचार। देश को देश के काम आने वाले, घर परिवार को साथ में लेके चलने वाले कमासुत लोग ज़्यादा चाहिए सनीमा चार कम भी रिलीज़ होगा तो चलेगा।
सनीमा देखने पर कोई गाइडलाइन नहीं तय कर रहे, बस ये कह रहे हैं की सनीमा जो अब तक चीख़ चीख़ के शेखू और अनारकली पे हुए जुर्म की कहानियाँ सुनाता आ रहा है, बस ये देख लीजिए की वो आपके ज़हन में कहीं परिभाषाएँ तो नहीं बदल दे रहा। प्यार की, माँ बाप की, परिवार की, नारी की शिक्षक की या समाज के किसी भी घटक की क्यूँकि सनीमा लगेगा उतरेगा, माँ पिताजी,रिश्ते, जीवन की ज़रूरतें वहीं रहेंगी और सनीमा कहीं नहीं होगा,,,,,,,कोई दूसरा लग गया होगा।
सनीमा का आइ क्यू आपसे बहुत कम है इतना भरोसा मत कीजिए।
याद है ना ,,,,,,उस लिस्ट में चाँद नहीं होता ।
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++++आपके उच्च विचारसे सहमत हूँ मगर ++++ ------------------------------------------------------- आज हम कुत्ते से भी गये गुज़रे होगये हैं ++++++++++++++++++++++++++++++++++ मगर दुःख ही नहीं बल्कि बहोत बड़ा गम एहसास होता है रोना आता है कि आज़ादी से लेकर 14 तक कोई इतना बड़ा ज़हर पीकर काम करने वाला इमानदार इंसान देश भक्त कामियाब PM नहीं मिला इस देश को , और जब मिला तो ज़हर उगलने वालों की संखिया कम नहीं हुई !-------इतनी घटिया राजनीति इतनी घटिया सोच के लोग हैं देश में सोचा भी नहीं सकता था परन्तु हम देख सुन रहे हैं -------------------- लोग इतने गिरजायेंगे कि देश की चिंता कुछ नहीं केवल स्वार्थी सीवरों को पालने में देश बर्बाद करदेंगे ! ____पिछले 70, वर्ष मुखिय गुज़रे 10 वर्षों में जो हुआ उनका हिसाब समाज लेना नहीं चाहता ------------------------ अब देश को पिच्छे खींचने के लिए जो मन में बकबक करने लगते हैं -जिस देश का समाज अँधा ,बहरा ,और गुंगा अपंग होगा वो देश क्या और कैसा बनेगा ? ----------------------- आखिर देश की मौजूदा और आने वाली नस्लों का क्या होगा ? क्या ��र घर भरष्ट और आतंकवाद का शिकार होगा ? या जुर्म की दुनिया गरद चरस में खेलेंगे ? --- क्यूँ कि मौजूदा सरकार को छोड़ कर !-- सारी पार्टियां देश विरोधी मोदी विरोधी बनी हुई है और आतंकी मुल्क शैतानिस्तान पाकिस्तान के सपोर्ट में पागल कुत्तों की तरह भौंक रही है , कुत्ते भी अच्छे हैं जो अपने घर की हिफाजत में एक आहट सुनते ही सारे कुत्तों को एकट्ठा कर लेता और घरों को बचालेता है मगर आज हम कुत्ते से भी गये गुज़रे हो गये हैं ! जिसे देखो वही अपमानित शब्दों और नजरों से देशके मानीय PM को बोलता देखता है ! हमें ऐसा महसूस होता है ---कि भारतीय संविधान में आजही संशोधन की सख्त ज़रूरत है ----------- नहीं तो भारतीय समाज खुद ज़िम्मेदार है और होगी अपनी तबाही बर्बादी की ! जो आज नहीं हुआ अच्छा तो आने वाले कल में आपको आशा उम्मीद होगी ,---हमें नहीं ------ ** आपके उच्च से सहमत हूँ मगर हमें हिम्मतके साथ कोशिश करते रहना है अपने कार्यको पूर्ण करनेके लिए ** ! वन्दे मातरम् डॉ,फ़ातेह सुलतान
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दिल्ली में बावर्ची, बिरयानी, मालू और माया का 'मायावी' गैंग... 18 साल की उम्र में 4 कत्ल, अमेरिका तक सनसनी!
दिल्ली में कई गैंगस्टर्स हैं, लेकिन इन दिनों एक गैंगस्टर ने दिल्ली से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मचा रखा। ��म्र अभी 18 साल भी नहीं हुई, लेकिन दिल्ली में दहशत का दूसरा नाम बन गया है। हाथ में बंदूक, चेहरे पर गुस्सा और पहचान ऐसी जिसे सुनकर कोई भी दंग रह जाए। 4 हत्याओं को 18 साल होने से पहले ही अंजाम दे चुका है। ख्वाब है देश ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा गैंगस्टर बनना। कौन है दिल्ली का ये ये मायावी राक्षस जो पैदा होते ही कातिल बन गया। दिल्ली का 'मायावी' गैंग की दहशत मंगलवार को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में एक कत्ल हुआ। जिसकी गूंज अमेरिका तक रही। ये कत्ल था फेमस चेन अमेजन के मैनेजर का। अमेजन एक अमेरिकी कंपनी है। हरप्रीत अमेजन की दिल्ली की ब्रांच मैनेजर के रूप में काम करते थे, लेकिन मंगलवार के दिन उनकी हत्या कर दी गई। वो अपने एक फ्रेंड के साथ थे और एक पार्टी से वापस लौट रहे थे। उस रात दिल्ली का ये मायावी राक्षस, हरप्रीत और उनके दोस्त के सामने आ गया। इसने हरप्रीत की हत्या कर दी जबकि उनके दोस्त को घायल कर दिया। गैंग में मालू, बावर्ची, बिरयानी और माया शामिल इस मायावी राक्षस का नाम है समीर, लेकिन ये खुद को माया कहता है। उम्र बस इसी साल 18 हुई है। यानी अब तक नाबालिग था, लेकिन काम ऐसे खौफनाक जिन्हें सुनकर होश उड़ जाएं। हरप्रीत का कत्ल माया ने बेशक 18 साल में किया, लेकिन इससे पहले भी ये तीन कत्ल कर चुका है। इतनी छोटी उम्र में इसने एक गैंग भी तैयार कर लिया है। इस गैंग को माया गैंग के नाम से जाना जाता है। इस गैंग में समीर के अलावा इसके दोस्त, 23 साल का सोहेल उर्फ बावर्ची, 23 साल का ही जुनैद उर्फ बिरयानी और 19 साल का अदनान उर्फ डॉन शामिल हैं। इनके अलावा करीब 20 और लड़कों को भी इसने अपने गैंग में मिला लिया है। इंस्टाग्राम में डाली है हथियारों के साथ फोटो इसका मकसद है सबसे बड़ा गैंगस्टर बनना और ये उसी अंदाज में काम करता है। इसकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल को अगर आप देखेंगे तो चौंक जाएंगे। उसमें इसने लिखा है, नाम- बदनाम, पता- कब्रिस्तान, उम्र- जीने की, शौक-मरने का। इंस्टाग्राम प्रोफाइल में माया ने अपनी कई ऐसी तस्वीरें डाली है जिसमें इसके हाथ में पिस्टल है। हथियारों के साथ इसने कई फोटो खिंचवाई हैं। कहीं छत में खड़े होकर फायरिंग करता दिख रहा है तो कहीं दोनों हाथों में पिस्टल ली हुई है। कुछ तस्वीरें जेल के अंदर की भी है जिसमें अपने गैंग के दूसरे लोगों के साथ है। एक फिल्म देखकर बना है गैंगस्टर समीर उर्फ माया को गैंगस्टर बनने का शौक फिल्म शूट आउट एक लोखंडवाला देखने के बाद लगा था। इस फिल्म को देखने के बाद ये खुद फिल्म की हीरो की तरह दिखाने लगा और इसने एक गैंग भी बना लिया। ये फिल्म वैसे तो साल 2007 में रिलीज हुई थी, लेकिन इसने कुछ साल पहले इस फिल्म को केबल पर देख�� था। बस उसके बाद से ही ये खुद को गैंगस्टर की तरह दिखाने लगा और जुर्म की दुनिया में कूद गया। क्या किसी बड़े गैंगस्टर से है माया का ताल्लुक? ये खुद को माया भाई कहता है और अपने गैंग को माया गैंग। इसी साल इसने 18 साल पूरे किए हैं, यानी बालिग हुआ है लेकिन पुलिस ने बताया कि नाबालिग रहते हुए ही इसके ऊपर तीन हत्या के मामले दर्ज हैं। यही नहीं इसके कुछ दोस्तों पर भी नाबालिग रहते हुए हत्या करने के आरोप हैं। अब पुलिस जांच कर रही है कि 18 साल का ये लड़का क्या किसी और गैंगस्टर से जुड़ा हुआ है। रोड रेज में की अमेजन के मैनेजर की हत्या अमेजन के मैनेजर की हत्या भी इसने रोड रेज मामले में की। 29 अगस्त की रात को ये अपने दोस्तों के साथ आ रहा था। सामने से हरप्रीत और उनका एक दोस्त बाईक पर आ रहे थे। भजनपुरा में संकरी गली होने की वजह से हरप्रीत और उनके दोस्त इन गैंगस्टर्स के सामने आ गए। रास्ता देने को लेकर दोनो गुटों में झड़प हुई और फिर माया ने अपनी जेब से पिस्टल निकाली और दोनों पर फायरिंग कर दी। हरप्रीत की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनके दोस्त अभी अस्पताल में सीरियस हैं। http://dlvr.it/SvV9lq
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बाइक चोरी से जुर्म की दुनिया में आया, अब गोलियों से दहलाने वाला था बैरिया | Bike theft came into the world of crime, now Bairia was terrified of bullets
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पैरोल पर छूटे कैदी की मर्डर मिस्ट्री का खुलासा
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