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#जिला गोरखपुर
baba85 · 7 months
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अमृत भारत योजना के अंतर्गत बढ़नी रेलवे स्टेशन पर हो रहे निर्माण कार्यों का हुआ शिलान्यास,बढ़नी रेलवे स्टेशन पर आयोजित हुआ कार्यक्रम।
बढ़नी आर्य चेतना न्यूज़ धीरेंद्र प्रताप त्रिपाठी गोंडा–गोरखपुर लूप लाइन पर स्थित बढ़नी रेलवे स्टेशन अमृत भारत के अंतर्गत पंद्रह करोड़ पांच लाख की लागत से नई सुविधा के साथ पुरानी सुविधाओं का शिलान्यास कार्यक्रम बढ़नी रेलवे स्टेशन पर आयोजित हुआ।कार्यक्रम के मुख्यातिथि डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल एवम अध्यक्षता भाजपा जिला महामंत्री विजयकांत चतुर्वेदी रहे।कार्यक्रम की शुरुवात सोमवार सुबह 10.50…
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helputrust · 1 year
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हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में "धरोहर” कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 07 मई, 2023, दिन रविवार, सायं 04:30 बजे से 06:00 बजे तक, स्थान: ऑडिटोरियम, शेरवुड अकैडमी, सेक्टर-25, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया जा रहा है l
"धरोहर” कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित नाटक "काकोरी ट्रेन एक्शन" का मंचन किया जाएगा |
नाटक, काकोरी ट्रेन एक्शन की क्रांतिकारी घटना पर आधारित है । भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में काकोरी ट्रेन एक्शन एक महत्वपूर्ण घटना है, काकोरी ट्रेन एक्शन के बाद क्रांतिकारियों पर मुकदमा चलाए जाने के दौरान क्रांतिकारियों द्वारा अदालत में दिए गए बयानों से पूरा देश अंग्रेजों के विरुद्ध आक्रोश से उबल पड़ा था तथा इसी एक्शन से क्रांतिकारी आंदोलनों का पुनर्जागरण हुआ व देश में एक नए उत्साह का संचार हुआ और नव युवकों में देश के लिए मर मिटने की भावना जागृत हुई। बात उस समय की है जब गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया, 5 फरवरी 1922 को चौरी चौरा गोरखपुर में शांतिपूर्ण जुलूस पर गोली चलाने के ��ारण नाराज लोगों ने थाने में आग लगा दी थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए । हिंसा से क्षुब्ध गांधी जी ने अपना आंदोलन वापस ले लिया, इसकी देशभर में व्यापक प्रतिक्रिया हुई, विशेषकर युवाओं की भावनाओं को अत्यधिक ठेस पहुंची और वे क्रांतिकारी आंदोलनों में से जुड़ने के लिए उतावले हो गए।  तभी क्रांतिकारी दल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन हुआ और देखते-देखते तमाम युवा इस दल में शामिल हो गए जिसमें चंद्रशेखर आजाद, मुकुंदी लाल, सुरेश च��द्र भट्टाचार्य, सचिंद्र नाथ बक्शी, राजेन्द्र नाथ लाहड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, सचिन दा प्रमुख थे। क्रांतिकारी युवा से भली-भांति समझ चुके थे कि अब हमें आजादी शांति के रास्ते पर नहीं मिल सकती , हमें सशस्त्र क्रांति करनी पड़ेगी, जिसके लिए शस्त्रों की आवश्यकता पड़ेगी और शस्त्र खरीदने के लिए धन की आवश्यकता है । इसी कार्य को पूरा करने के लिए क्रांतिकारियों ने एक योजना बनाई । शाहजहांपुर से लखनऊ जाने वाली 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन जिसमें की अंग्रेजी सरकार का खजाना जाता था, उसे लूटने की योजना बनाई और उसे 10 क्रांतिकारियों ने बिना किसी हिंसा के अंजाम दे दिया । इससे क्रांतिकारियों के दो प्रमुख उद्देश्य पूरे हुए, शासन को खुली चुनौती और जनता को संदेश, संस्था को मजबूती प्रदान करने हेतु लूटे गए धन से बड़े पैमाने पर आवश्यक वस्तुओं की खरीद।इस घटना से पूरे देश में सनसनी फैल जाना स्वभाविक था शासन ने तो कुछ समय तक हतभ्रम रह गया। अभियुक्त को पकड़ने के लिए रूपये 5000 इनाम की घोषणा की गई, इस घोषणा इस्तिहार टांग दिए गए । परंतु इससे उत्साहित जनता की क्रांतिकारियों के प्रति सहानभूति और गहरी हो गई । 26 सितंबर 1925 की रात को पूरे उत्तर भारत में लोगों के घर छापे डाले गए जिसमें अनेकों क्रांतिकारी पकड़े गए । उनका मुकदमा लखनऊ चला और फैसले में ठाकुर रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र नाथ लाहड़ी व अशफाक उल्ला खां को फांसी की सजा सुनाई गई और अंततः 17 दिसंबर 1927 को क्रांतिवीर राजेंद्र नाथ लाहडी को गोंडा जेल में तथा 19 दिसंबर 1927 को शेष तीनों क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान एवं ठाकुर रोशन सिंह को क्रमशः गोरखपुर जिला जेल, फैजाबाद जिला जेल व इलाहाबाद जिला जेल में बड़ी दिलेरी के साथ हंसते-हंसते फांसी का वरण कर क्रांति इतिहास में सदा-सदा के अमर हो गए, और इस घटना के बाद से पूरे देश में क्रांतिकारी घटनाओं ने जोर पकड़ लिया ।
आप "धरोहर” कार्यक्रम में सपरिवार सादर आमंत्रित है |
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rightnewshindi · 1 month
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बाल संप्रेक्षण गृह के गेट का ताला तोड़कर तीन आरोपी किशोर हुए फरार, खबर फैलते ही मचा हड़कंप
Uttar Pradesh News: गोरखपुर के सूर्यकुंड क्षेत्र में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह के गेट का ताला तोड़कर तीन किशोर आरोपी फरार हो गए। तीनों ने अंधेरे में यह कारनामा कर दिखा। सुबह गिनती के समय जब कर्मचारियों को इसकी जानकारी हुई तो वे हैरान गए। उन्‍होंने बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक को इसकी जानकारी दी। अधीक्षण ने तत्‍काल जिला प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारियों को सूचित किया। इससे हड़कंप मच गया। थोड़ी…
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jantanow · 1 month
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रिक्त पदों पर नवीन नियुक्ति की प्रक्रिया 16 अगस्त से प्रारम्भ
रिपोर्ट,दिलीप कुमार बस्ती – उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनिल कुमार xiv ने अवगत कराया है कि विभिन्न जनपदों बस्ती, कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, संतकबीर नगर, औरैया, श्रावस्ती, सहारनपुर, बिजनौर, महोबा, कुशीनगर, शाहजहांपुर, इलाहाबाद, महाराजगंज, रामपुर, कौशाम्बी, गोरखपुर, बुलंदश���र, फरूखाबाद, कासगंज, में स्थायी लोक…
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uttamsahusblog · 4 months
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#HolyHinduScriptures_Vs_Hindu
हिंदुओं के साथ हुआ धोखा
हिन्दू समाज का मानना है कि तीनों देवताओं के कोई माता-पिता नहीं हैं ।
जबकि सच यह है कि दुर्गा इनकी माता है।
प्रमाणः- गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद् देवीभागवत पुराण जिसके सम्पादक हैं श्री
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manoj592 · 8 months
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
मार्कण्डेय पुराण (गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित पृष्ठ 237) में श्राद्ध के विषय मे एक कथा का वर्णन मिलता है
जिसमें रूची नामक एक ऋषि को अपने चार पूर्वज जो शास्त्र विरुद्ध साधना करके पितर बने हुए थे तथा कष्ट भोग रहे थे, दिखाई दिए।
“पितरों ने कहा कि बेटा रूची हमारे श्राद्ध निकाल, हम दुःखी हो रहे हैं।
" रूची ऋषि ने जवाब दिया की पित्रामहों वेद में कर्म काण्ड मार्ग (श्राद्ध, पिण्ड भरवाना आदि) को मूर्खों की साधना कहा है, अर्थात यह क्रिया व्यर्थ व शास्त्र विरुद्ध है।
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dainiksamachar · 10 months
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अरे ये क्या! कॉलेज में बैडमिंटन खेल रही थी छात्रा, अचानक गिरी और हार्ट अटैक से मौत... 18 की उम्र में ऐसा हादसा
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 18 वर्षीय बीएससी की छात्रा अपने कॉलेज में बैडमिंटन खेलते वक्त अचानक मूर्छित होकर गिर पड़ी। अस्पताल प्रबंधन ने आनन फानन में उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रथम दृष्टया से मौत का कारण बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद छात्र-छात्राओं में इसे लेकर दहशत है। वहीं परिजन का रो-रो होकर बुरा हाल है। आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन ने पहुंचाया जिला अस्पताल शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन स्थित गीता वाटिका के रहने वाले राजेश मिश्रा की 18 वर्षीय पुत्री गौरी मिश्रा जो डीएवी डिग्री कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। शुक्रवार को दोपहर बाद कॉलेज परिषद में बैडमिंटन खेलने के दौरान अचानक मूर्छित होकर गिर पड़ी, यह देख छात्र छात्राओं के बीच कोहराम मच गया। शोर सुनकर स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचा। उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने सबको अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रथम दृष्टया मौत का कारण कारण कार्डियक अरेस्ट(हार्ट अटैक) बताया जा रहा है, लेकिन असली वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी। वहीं बिटिया की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन का कहना है कि हंसती खेलती अच्छी भली वह कॉलेज गई थी। फिर अचानक ऐसा क्या हो गया? छात्र-छात्राओं का आरोप- कॉलेज प्रबंधन की देरी से हुई मौत वहीं छात्रा की मौत की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में जिला अस्पताल पहुंचे छात्र-छात्राओं का आरोप है कि, स्कूल प्रबंधन की देरी की वजह से गौरी की डेथ हुई है, यदि समय रहते उसे अस्पताल पहुंचाया गया होता तो उसकी मौत नहीं हुई होती, मूर्छित होने के बाद से काफी देर तक वह स्कूल परिसर में ही रही, बाद में उसे बाइक से अस्पताल ले जाया गया। वहीं छात्रों का ��ह भी आरोप है कि काफी देर तक अस्पताल में भी स्कूल प्रबंधन के लोग नहीं पहुंचे थे। क्या कहना है कॉलेज प्रबंधन का वहीं छात्रों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में कॉलेज प्रबंधक प्रोफेसर शैल पांडेय का कहना है कि ट्रैफिक जाम की वजह से छात्रा को बाइक से अस्पताल ले जाया गया था ताकि उपचार में देरी न हो, समय से उसका उपचार हो सके लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। वहीं अस्पताल में भर्ती छात्र को देखने कॉलेज के कर्मचारी और मैं खुद पहुंची थी। हार्ट अटैक से लगातार हो रही युवाओं की मौत खड़ा कर रही सवाल आपको बता दें कि इस समय लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें कम उम्र के युवा कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर असमय ही अपनी जान गवा रहे हैं, जो मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है? अभी 15 दिन पहले ही देवरिया के रेलवे अस्पताल में कार्यरत 28 वर्षीय युवा डॉक्टर अभिषेक कुमार की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अपने मित्रों से मिलने के दौरान अचानक मौत हो गई थी, इसके पूर्व भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। क्या कहते हैं डॉक्टर इस बारे में वरिष्ठ कार्डियक स्पेशलिस्ट नवनीत जयपुरिया का कहना है कि युवाओं में इस तरह की मौत का कारण उनकी लाइफ स्टाइल, अत्यधिक जिम और पोस्ट कोविड के बाद बॉडी में आए विभिन्न प्रकार के बदलावों की वजह से भी ऐसी मौतें हो रही है। युवाओं को खुद पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अधिक जिम से बचें और अपने जीवन शैली में बदलाव करें। इसके साथ ही हेल्दी डाइट ले। जिम संचालकों द्वारा प्रोवाइड कराए जा रहे फूड सप्लीमेंट को बिना किसी डाइटिशियन की सलाह के इस्तेमाल ना करें और समय पर अपना बॉडी चेकअप कराएं। http://dlvr.it/SzbgBC
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narmadanchal · 10 months
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यूपी के ड्रायवर की हत्या मामले में ऑटो चालक मुंगी को आजीवन कारावास
इटारसी। प्रथम अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश हर्ष भदौरिया की अदालत ने पीपल मोहल्ला इटारसी निवासी दिलीप उर्फ मुंगी पिता बलराम धावे उम्र 35 वर्ष ऑटो चालक को जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश निवासी महेंद्र पिता हरहंगी प्रजापति उम्र 45 वर्ष ड्राइवर की हत्या करने का दोषी पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड विधान के अपराध में आजीवन कारावास की सजा एवं 1000 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया है। अर्थ दंड…
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abhinews1 · 1 year
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माध्यमिक विद्यालय मंडलीय हाकी प्रतियोगिता का आयोजन एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम सदर बाजार आगरा में किया गया
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माध्यमिक विद्यालय मंडलीय हाकी प्रतियोगिता का आयोजन एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम सदर बाजार आगरा में किया गया
आज दिनांक 10 सितंबर 2023 को माध्यमिक विद्यालय मंडलीय हाकी प्रतियोगिता का आयोजन एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम सदर बाजार आगरा में किया गया इस प्रतियोगिता में जनपद मथुरा की ओर से 14 एवं 19 वर्षीय बालक बालिकाओं की चार टीमों ने प्रतिभाग किया जिसमें जनपद मथुरा की टीम 14 वर्ष की बालिका वर्ग में विजेता रही तथा 19 वर्षीय बालिका वर्ग में उपविजेता इसी प्रकार 14 व 19 वर्षीय बालक वर्ग में भी मथुरा की टीम उपविजेता रही टीम कोच एवं मैनेजर के रूप में सर्वेश सोलंकी, महेंद्र सिंह, जयप्रकाश जी, अवधेश कुमार राकेश साहू व अमित गौतम ने टीमों को जीतने में अपना योगदान दिया इस प्रतियोगिता में से इन प्रतिभागी खिलाड़ियों का चयन प्रदेश प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा जो कि इसी माह गोरखपुर में आयोजित की जाएगी जनपद मथुरा के खिलाड़ियों के इस शानदार प्रदर्शन एवं प्रदेसीय प्रतियोगिता में उनके चयन के लिए जनपद मथुरा के जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्र जिला क्रीड़ा अधिकारी श्री राकेश यादव जनपदीय कीडा समिति के सचिव डॉक्टर पदम सिंह कौन्तेय समिति के सदस्य श्चंद्रावल यादव , पुष्पेंद्र सिंह जिला फुटबाल संघ के सचिव डॉक्टर दलवीर सिंह कौन्तेय जिला एथलेटिक संघ के सचिव जय सिंह ,जिला कबड्डी संघ के सचिव सुनील श्रीवास्तव आदि लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।
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pradeepdasblog · 1 year
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( #MuktiBodh_Part39 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part40
हम पढ़ रहे हैं मुक्तिबोध पुस्तक (75-76-77)
वाणी नं. 104 का सरलार्थ :- काशी नगर भक्ति का केन्द्र माना जाता था। ब्राह्मणों
ने एक भ्रम फैला रखा था कि जो काशी में करौंत से अपना सिर कटा लेगा, वह सीधा स्वर्ग
जाएगा।
‘‘काशी में करौंत की स्थापना की कथा’’
शास्त्रविधि त्यागकर मनमाना आचरण करने यानि शास्त्रों में लिखी भक्ति विधि
अनुसार साधना न करने से गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है कि उस साधक को न
तो सुख की प्राप्ति होती है, न भक्ति की शक्ति (सिद्धि) प्राप्त होती है, न उसकी गति
(मुक्ति) होती है अर्थात् व्यर्थ प्रयत्न है। हिन्दु धर्म के धर्मगुरू जो साधना साधक समाज को
बताते हैं, वह शास्त्र प्रमाणित नहीं है। जिस कारण से साधकों को परमात्मा की ओर से कोई लाभ नहीं मिला जो भक्ति से अपेक्षित किया। फिर धर्मगुरूओं ने एक योजना बनाई कि भगवान शिव का आदेश हुआ है कि जो काशी नगर में प्राण त्यागेगा, उसके लिए स्वर्ग का द्वार खुल जाएगा। वह बिना रोक-टोक के स्वर्ग चला जाएगा। जो मगहर नगर (गोरखपुर के पास उत्तरप्रदेश में) वर्तमान में जिला-संत कबीर नगर (उत्तर प्रदेश) में है, उसमें मरेगा, वह नरक जाएगा या गधे का शरीर प्राप्त करेगा। गुरूजनों की प्रत्येक आज्ञा का पालन करना अनुयाईयों का परम धर्म माना गया है। इसलिए हिन्दु लोग अपने-अपने माता-पिता को आयु के अंतिम समय में काशी (बनारस) शहर में किराए पर मकान लेकर छोड़ने लगे।
यह क्रिया धनी लोग अधिक करते थे। धर्मगुरूओं ने देखा कि जो यजमान काशी में रहने
लगे हैं, उनको अन��य गुरूजन भ्रमित करके अनुयाई बनाने लगे हैं। काशी, गया, हरिद्वार
आदि-आदि धार्मिक स्थलों पर धर्मगुरूओं (ब्राह्मणों) ने अपना-अपना क्षेत्र बाँट रखा है। यदि कोई गुरू अन्य गुरू के क्षेत्र वाले यजमान का क्रियाकर्म कर देता है तो वे झगड़ा कर देते हैं। मारपीट तक की नौबत आ जाती है। वे कहते हैं कि हमारी तो यही खेती है, हमारा
निर्वाह इसी पर निर्भर है। हमारी सीमा है। इसी कारण से काशी के शास्त्रविरूद्ध साधना
कराने वाले ब्राह्मणों ने अपने यजमानों से कहा कि आप अपने माता-पिता को हमारे घर
रखो। जो खर्च आपका मकान के किराए में तथा खाने-पीने में होता है, वह हमें दक्षिणा रूप में देते रहना। हम इनकी देखरेख करेंगे। इनको कथा भी सुनाया करेंगे। उनके परिवार वालों को यह सुझाव अति उत्तम लगा और ब्राह्मणों के घर अपने वृद्ध माता-पिता को छोड़ने लगे और ब्राह्मणों को खर्चे से अधिक दक्षिणा देने लगे। इस प्रकार एक ब्राह्मण के घर प्रारम्भ में चार या पाँच वृद्ध रहे। अच्छी व्यवस्था देखकर सबने अपने वृद्धों को काशी में गुरूओं के घर छोड़ दिया। गुरूओं ने लालच में आकर यह आफत अपने गले में डाल तो ली, परंतु संभालना कठिन हो गया। वहाँ तो दस-दस वृद्ध जमा हो गए। कोई वस्त्रों में पेशाब कर देता, कोई शौच आँगन में कर देता। यह समस्या काशी के सर्व ब्राह्मणों को थी। तंग आकर एक षड़यंत्र रचा। गंगा दरिया के किनारे एकान्त स्थान पर एक नया घाट बनाया। उस पर एक डाट (Arch) आकार की गुफा बनाई। उसके बीच के ऊपर वाले भाग में एक लकड़ी चीरने का आरा यानि करौंत दूर से लंबे रस्सों से संचालित लगाया। उस करौंत को पृथ्वी के अंदर (underground) रस्सों से लगभग सौ फुट दूर से मानव चलाते थे। ब्राह्मणों ने इसी योजना के तहत नया समाचार अपने अनुयाईयों को बताया कि परमात्मा का आदेश आया है। पवित्र गंगा दरिया के किनारे एक करौंत परमात्मा का भेजा आता है। जो शीघ्र स्वर्ग जाना चाहता है, वह करौंत से मुक्ति ले सकता है। उसकी दक्षिणा भी बता दी। वृद्ध व्यक्ति अपनी जिंदगी से तंग आकर अपने पुत्रों से कह देते कि पुत्रो! एक दिन तो भगवान के घर जाना ही है, हमारा उद्धार शीघ्र करवा दो। इस प्रकार यह परंपरा जोर पकड़ गई। बच्चे-बच्चे की जुबान पर यह परमात्मा का चमत्कार चढ़ गया। अपने-अपने वृद्धों को उस करौंत से कटाकर मुक्ति मान ली। यह धारणा बहुत दृढ़ हो गई। कभी-कभी उस करौंत का रस्सा अड़ जाता तो उस मरने वाले से कह दिया जाता था कि तेरे लिए प्रभु का आदेश नहीं आया है। एक सप्ताह बाद फिर से किस्मत आजमाना। इस तरह की घटनाओं से जनता को और अधिक विश्वास होता चला गया। जिसके नम्बर पर करौंत नहीं आता था, वह दुःखी होता था। अपनी किस्मत को कोसता था। मेरा पाप कितना अधिक है। मुझे परमात्मा कब स्वीकार करेगा? वे पाखण्डी उसकी हिम्मत बढ़ाते हुए कहते थे कि चिन्ता न कर, एक-दो दिन में तेरा दो बार नम्बर लगा देंगे। तब तक रस्सा ठीक कर लेते थे और हत्या का काम जारी रखते थे। इसको काशी में करौंत लेना कहते थे और गारण्टिड (Guaranteed=जिम्मेदारी व विश्वास के साथ) मुक्ति होना मानते थे। स्वर्ग प्राप्ति का सरल तथा जिम्मेदारी के साथ होना माना जाता था जबकि यह अत्यंत निन्दनीय अपराधिक कार्य था।
इसीलिए वाणी नं. 104 में कहा है कि शास्त्र अनुकूल भक्ति के बिना कुछ भी लाभ नहीं
होगा चाहे काशी में करौंत से गर्दन भी कटवा लो। कुछ बुद्धिजीवी व्यक्ति विचार किया करते थे कि स्वर्ग प्राप्ति के लिए तो राजाओं ने राज्य त्यागा। जंगल में जाकर कठिन तपस्या की। शरीर के नष्ट होने की भी चिंता नहीं की। यदि स्वर्ग प्राप्त करना इतना सरल था तो यह विधि सत्य युग से ही प्रचलित होती। यह तो सबसे सरल है। सारी आयु कुछ भी करो। वृद्ध अवस्था में काशी में निवास करो या करौंत से शीघ्र मरो और स्वर्ग में मौज करो। इसलिए वाणी नं. 104 में कहा है कि इससे भी कई शंकाऐं बनी रहती थी। यह विधि भी संदेह के घेरे में थी। यदि इतना ही मोक्ष मार्ग है तो गीता जैसे ग्रन्थ में लिखा होता। ऐसी शास्त्रविरूद्ध क्रिया से मन के विकार भी समाप्त नहीं होते। विकारी जीव का मोक्ष होना बताना, संदेह स्पष्ट है।(104)
वाणी नं. 105 का सरलार्थ :- श्रीलंका का राजा रावण भी हठ करके तप करता था।
उसने अपना सिर धड़ से काटकर दोनों हाथों से नीचे से काटकर भगवान तमगुण शिव को
दस बार चढ़ाया था। फिर भगवान ने उसको दस बार जीवित करके पूछा कि क्या चाहता
है भक्त? रावण ने सिद्धि-धन तथा लंका का राज्य माँगा। वह दे दिया। पूर्ण परमात्मा की
सत्य भक्ति बिना ऐसे जीवन नष्ट हो जाता है। रावण ने सोने (Gold) के मकान बना रखे
थे। ऐसो-आराम के सब साधन प्राप्त कर लिये। तेतीस करोड़ देवताओं को अपनी कैद में
डाल रखा था। अहंकार से भरकर अत्याचार करता था। श्री रामचन्द्र की पत्नी सीता का
अपहरण किया। राम तथा रावण का युद्ध हुआ। रावण की युद्ध में मृत्यु हो गई। सब सोना
(कंचन) यहीं छोड़कर चला गया, एक रती (एक ग्राम) स्वर्ण भी साथ लेकर नहीं गया।
इसलिए बताया है कि भक्ति के बिना कुछ लाभ नहीं होता। संसार से तत्वज्ञान के अभाव
से शास्त्रविरूद्ध भक्ति करके भी निराश जाता है। गलत साधनाओं में भटक रहा है। जैसे
रावण ने शास्त्रविरूद्ध तमगुण शिव की भक्ति भी की और शीश भी चढ़ाया, परंतु मोक्ष नहीं मिला और खाली हाथ संसार से गया।(105)
क्रमशः..........
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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bansgaonbhim · 1 year
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इधर निकली बहन की डोली,उधर भाई की अर्थी
इधर निकली बहन की डोली,उधर भाई की अर्थी घर पर था बहन शादी, बिजली की जद में आने से भाई हुआ अचेत जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई मौत गगहा गोरखपुर बांसगांव संदेश।गगहा थाना क्षेत्र के बेलकुर गांव के जग्गी लाल अपनी बेटी की शादी की तैयारी जोर शोर कर रहे थे घर में खुशी का माहौल बना था।एक तरफ दरवाजे पर बारात की स्वागत के लिए लोग तैयारी कर रहे थे.घर पर शादी के मंगलगीत गाये जा रहे थे।लेकिन होनी को…
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marketingstrategy1 · 2 years
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कुशीनगर में बड़ा हादसा:खड़ी बस में लगी आग, सो रहे कंडक्टर की जलने से मौत - Fire Broke Out In A Parked Bus Sleeping Conductor Died Of Burns
बस में लगी आग। – फोटो : अमर उजाला। विस्तार कुशीनगर जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां तमकुहीराज थाना क्षेत्र के गाज़ीपुर (बैरियर टोला) में बृहस्पतिवार की रात निजी बस में आग लगने से एक युवक की मौत हो गई। घटना बृहस्पतिवार की रात हुई।   गाजीपुर बैरियर टोला निवासी लियाकत खां बस के मालिक हैं। उनकी बस तमकुहीराज से गोरखपुर तक चलती है। बस में बिहार प्रांत के कटिहार जिला खेड़िया का…
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#मिशन_सुरक्षा_परिषद गोरखपुर जनपद के समाजसेवी श्री रणजीत राव जी को मण्डल अध्यक्ष गोरखपुर मण्डल मा.श्री मनोज कुमार सिंह जी के अनुमोदन पर प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ मा.श्री पंकज कुमार जी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभारी गोरखपुर मण्डल मा.श्री सुरेन्द्र कुमार जाटव जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद गोरखपुर जनपद का जिला सचिव युवा प्रकोष्ठ मनोनीत किया गया है।श्री रणजीत राव जी को हार्दिक बधाई। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹 1-आलिन्द कुमार जिलाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 2-शशिकांत जिला कोषाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 3-दिनेश कुमार जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 4-अमित कुमार जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 5-सुशील कुमार जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 6-विनय कुमार जिला महासचिव युवा प्रकोष्ठ। https://www.instagram.com/p/Coz08yPymBc/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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gbwhtspro · 2 years
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Up Mlc Election Results Live:विधान परिषद चुनाव की मतगणना जारी, कड़ी सुरक्षा में चल रही काउंटिंग - Up Mlc Election Results 2023 Live Updates Vidhan Parishad Chunav Vote Counting Bjp Vs Sp Gorakhpur To Kanpur
11:45 AM, 02-Feb-2023 मतगणना की प्रकिया जारी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के बरेली-मुरादाबाद खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र-2023 की मतगणना की प्रकिया जारी है। 11:09 AM, 02-Feb-2023 डीएम और एसपी ने किया मतगणना स्थल का निरीक्षण जिला अधिकारी और एसएसपी ने गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय में चल रही मतगणना स्थल का निरीक्षण किया। गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर…
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worldinyourpalm · 2 years
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सूखे बिहार के सीवान जिले में ताजा जहरीली शराब से चार लोगों की मौत, एक दर्जन से अधिक बीमार | In a recent hooch catastrophe in Siwan, arid Bihar, four people pass away and over a dozen get sick;
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जहरीली शराब कांड में
इस घटना में छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है जबकि 16 को गिरफ्तार किया गया है।
बिहार के सीवान जिले में हाल ही में जहरीली शराब कांड में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस घटना में छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है जबकि 16 को गिरफ्तार किया गया है। अप्रैल 2016 में बिहार को ड्राई स्टेट घोषित किया गया था।
घटना सीवान जिले के भोपतपुर पंचायत के बाला गांव की है जहां ग्रामीणों ने 21 जनवरी को जहरीली शराब पी ली और रविवार की रात से उनकी हालत बिगड़ने लगी और उन्हें सीवान जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सीवान जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 'सीवान जिला अस्पताल में शाम करीब 7 बजे कम से कम 10 लोगों को भर्ती कराया गया. एम। रविवार को पेट दर्द, जी मिचलाने और चक्कर आने की शिकायत के बाद। जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। 'हमने ग्रामीणों से भी बात की है और उनसे आग्रह किया है कि वे अपने क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार के बारे में निडर होकर रिपोर्ट करें। किसी भी मासूम को परेशान नहीं किया जाएगा और एक मेडिकल टीम गांव में डेरा डाले हुए है। एक जांच दल का गठन किया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद हम और अधिक जानकारी दे पाएंगे', श्री पांडे ने कहा।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
नाम न छापने की शर्त पर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द हिंदू को स्वीकार किया कि कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और 14 सीवान, गोरखपुर (पूर्वी उत्तर प्रदेश में) और पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। हालांकि, ग्रामीणों ने कहा कि सीवान में मरने वालों की संख्या सात हो गई है, जबकि छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि इस घटना में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच के लिए जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गांव पहुंचे हैं। सैनेटाइजर बनाने के लिए कलकत्ता से स्पिरिट लाया गया था, जिसे 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर से सीवान पहुंचाया गया था, श्री गंगवार ने मीडियाकर्मियों को बताया।
'मौत का आंकड़ा'
इस बीच, ग्रामीणों ने दावा किया कि मरने वालों की संख्या सात हो गई है और उन्होंने सीवान जहरीली शराब त्रासदी में मृतकों के नाम सूचीबद्ध किए हैं: सुरेंद्र रावत (30), नरेश रावत (42), धुरंधर मांझी (37), जनकदेव रावत (30)। , जितेंद्र मांझी (18), राजेश रावत (25) और राजू मांझी (35)। 'इन सभी ने अन्य ग्रामीणों के साथ स्थानीय स्तर पर जहरीली शराब पी थी और घर लौट आए थे। रविवार रात उनकी हालत बिगड़ गई और अगली सुबह तक उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, कई ग्रामीणों की हालत गंभीर है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।'
इससे पहले दिसंबर 2022 में पड़ोसी जिले सारण में जहरीली शराब पीने से कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने जांच के लिए सारण घटना का स्वत: संज्ञान लिया था। इस घटना ने बिहार विधानसभा में भी राजनीतिक गतिरोध पैदा कर दिया था, विपक्षी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की थी, क्योंकि उनकी सरकार राज्य में प्रभावी ढंग से शराबबंदी लागू करने में विफल रही थी। भाजपा नेताओं ने यह भी दावा किया कि सारण जहरीली शराब घटना में 100 से अधिक लोग मारे गए थे...
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newsuniversal-in · 2 years
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जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कैंप का हुआ शुभारम्भ
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गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कैंप का लेफ्टिनेंट जनरल रविंद्र प्रताप साही उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ ने रविवार को शुभारम्भ किया गया। - प्रदेश में आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रमों की बनानी होगी आपदा प्रबंधन योजना- उपाध्यक्ष गोरक्षनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर आयोजित हो रहे खिचड़ी मेला के अवसर पर मंदिर परिसर में भीम सरोवर के समीप जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर ने कैंप स्थापित किया गया है। उक्त अवसर पर उपाध्यक्ष ने कहा कि खिचड़ी मेला में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा के दृष्टिगत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, 26 वी वाहिनी पीएससी की जल पुलिस, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा विभाग के आपका मित्र/सखी एवं स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है। स्थापित कैंप के माध्यम से जन समुदाय के मध्य घटित होने वाली आपदाओं जैसे बाढ़, अग्निकांड, वज्रपात, सर्पदंश, भूकंप, शीत लहर, नाव दुर्घटना आदि के दौरान "क्या करें, क्या ना करें" विषय पर हैंड बिल वितरण व वीडियो फिल्म/लघु वृत्तचित्र के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। उक्त अवसर पर उपाध्यक्ष ने आपदा मित्र/सखी पर आधारित लघु वृत्त चित्र का अनावरण किया और आपदा मित्र व सखी से अपील किया कि सोशल मीडिया के माध्यम से जन समुदाय के मध्य आपदा न्यूनीकरण से संबंधित सूचनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करें। आपदा प्राधिकरण द्वारा स्थापित किए गए कैंप की प्रशंसा करते हुए उपस्थित से अपेक्षा व्यक्ति की सभी साथ में मिलकर आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराएं और आपदाओं के न्यूनीकरण के प्रति जागरूक करें। उक्त अवसर पर  राजेश कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व/प्रभारी अधिकारी आपदा आपदा विशेषज्ञ एवं एनडीआरएफ,एसडीआरएफ, पीएससी, नागरिक सुरक्षा आदि विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। Read the full article
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