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#जानवरऔरस्मार्टनेस
allgyan · 4 years
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जानवर और स्मार्टनेस -
जैसा कहा जाता है मनुष्य दुनिया का सबसे समझदार प्राणी है | लेकिन यहाँ हम जानवरों की बात कर रहे है कौन से जानवर कितना स्मार्ट है |देखिये मनुष्य के लिए स्मार्टनेस का आशय ये है की आप हर तरह के काम को अडॉप्ट करते है और उसे अपने विवेक से करते है |और साथ में समय के साथ भी अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते है |जब स्मार्ट लोग मिलके एक समाज बनाते है तो हर तरह के अचीवमेंट को समाज दवरा स्थापित किया जाता है |जैसे आप खुद ही सोचिये इंसानो को चाँद पर पहुंचना केवल अमेरिकन के लिए एक अचीवमेंट नहीं था |ये पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात थी |इसमें योगदान परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समाज का था |
जानवरों की बुद्धिमत्ता-
लेकिन यहाँ हम और जो हजारों और लाखों जींव है के स्मार्टनेस की चर्चा करेंगे |और देखंगे की कौन सा जींव कितना स्मार्ट है और हम उसे उसके स्मार्टनेस के हिसाब से कितना रैंकिंग दे सकते है |जानवरों की बुद्धिमत्ता या कहे स्मार्टनेस चेक करने का तरीका मनुष्य से जुदा होता है |जानवरों की स्मार्टनेस हम उनके जीवन में आये परेशानियों को कैसे झेलते और कौन से टूल्स का प्रयोग कब करते है |कही खतरा हो तो कैसे भाप लेते है और अपना बचाव करते है इससे लगाते है |इसमें हमे कई ऐसी जानकारिया मिली |जिसमे कई जानवर इन चीजें में लीड करते है तो कई बहुत आश्चर्य करते है |
समुंद्री जींव ऑक्टोपस और साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस
हम शुरवात करते है समुंद्री जींव ऑक्टोपस से |आपने कभी भी समंदर की सैर की होगी तो आपने गौर किया होगा या कहे की आपको ऑक्टोपस इतना स्मार्ट दिखता प्रतीत नहीं होता होगा | सफलोपोड्स ये ऑक्टोपस प्रजाति के ही है |अध्ययन से ये पता चला की इनमे प्रॉब्लम को सॉल्व करने क्षमता पायी जाती है | सेफैलोपोडा की सामान्य रचनाएँ मोलस्का संघ के अन्य प्राणियों के सदृश ही होती हैं|इस वर्ग के ज्ञात जीवित वंशों की संख्या लगभग १५० है इनपे अध्ययन करके ये पाया की ये कैसे कोई भी कंटेनर खोला जाता है इनको आता है और इन्हे इसका भी अंदाज़ा लग जाता है की कैसे उनको खाया जाये इसमें जो भी स्वादिष्ट जींव है |ये भी पाया गया इनके अध्ययन में की ये व्यक्तिगत मनुष्य की पहचान करते है इसका आशय ये है की ये कोई भी व्यक्ति इनसे जिस तरह का व्यवहार करेगा ये भी उससे वैसा ही व्यवहार करेंगे |इसका साफ़ मतलब है की ये साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है और यही गुण कबूतरों में भी पाया जाता है |
चिम्पैंजी -कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान -
चिंपांज़ी, जिसे आम चिंपांज़ी, मजबूत चिंपांज़ी या केवल चिंपाजी के रूप में भी जाना जाता है, जंगल और उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के सवाना के लिए महान वानर प्रजाति है। इसमें चार पुष्टियाँ उप-प्रजातियाँ और पाँचवीं प्रस्तावित उप-प्रजातियाँ हैं। चिंपांज़ी और बारीकी से संबंधित बोनोबो को जीनस पैन में वर्गीकृत किया गया है।आनुवंशिक रूप से ये प्रजाति हमारे सबसे नजदीक मानी जाती है |इंटेलिजेन्सिया के स्केल में इसको सबसे ज्यादा पॉइंट मिले है |2007 में एक रिसर्च में ये पता लगा की एक एडल्ट चिम्पैंजी और कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान होता है |ये एक स्क्रीन पर देखे सभी नंबर याद रख सकते है भले ही उन नम्बरों को एक सेकंड से कम समय के लिए देखा हो |किशोर चिम्पैंजी हमेशा कॉलेज स्टूडेंट से ज्यादा एक्यूरेसी में रहेगा |
बकरी -
बकरी ऐसा जानवर गावों में हर जगह दिख जाती है |ये जानवर भी लगभग ऑक्टोपस के सामान साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है |बकरी एक पालतू पशु है, जिसे दूध तथा मांस के लिये पाला जाता है। इसके अतिरिक्त इससे रेशा, चर्म, खाद एवं बाल प्राप्त होता है। विश्व में बकरियाँ पालतू व जंगली रूप में पाई जाती हैं और अनुमान है कि विश्वभर की पालतू बकरियाँ दक्षिणपश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली बकरी की एक वंशज उपजाति है। मानवों ने वरणात्मक प्रजनन से बकरियों को स्थान और प्रयोग के अनुसार अलग-अलग नस्लों में बना दिया गया है | हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट
कई ऐसे जानवर है जो अपने टूल्स को प्रयोग करने में माहिर माने जाते है |यहाँ टूल्स से मतलब उनके अंगों से है |जैसे चिम्पैंजी एक स्टिक प्रयोग करते है चींटियों को निकालने और लार्वा को दीमक से चिपकाने के लिए|कौवे की भी क्षमता स्वाद के मामले एक मनुष्य के बच्चे से अच्छी होती है |इसपर बहुत सी कहानिया भी है जैसा एक कौवे ने एक जार को कंकड़ डाल-डाल कर भर दिया और अपनी प्यास बुझा लिया |सबने सुनी होगी |���ाथी भी और जानवरों की ही तरह है ये खुद को मिरर में पहचान सकता है और ये मनुष्य से ज्यादा फ्रेंडली रहता है |
हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट है इसका मतलब ये है की वो खुद को पहचानता है अपने गुणों के साथ |जबकि सब जानवरों में ऐसा नहीं होता है |वो खुद को मिरर में जैसा है वो वैसे बिभेद नहीं कर सकते है |ये भी एक तरह का साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को ही दर्शाता है |हमारा हमेशा ये उद्देश्य रहता है की आप लोगों अलग -अलग चीजें और व्यवहार और अच्छी चीजों से अवगत करते रहे |लिखने में कोई त्रुटि हो तो क्षमा करियेगा और अपने प्यार से हमे नवाजे |
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allgyan · 4 years
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जानवर और स्मार्टनेस -
जैसा कहा जाता है मनुष्य दुनिया का सबसे समझदार प्राणी है | लेकिन यहाँ हम जानवरों की बात कर रहे है कौन से जानवर कितना स्मार्ट है |देखिये मनुष्य के लिए स्मार्टनेस का आशय ये है की आप हर तरह के काम को अडॉप्ट करते है और उसे अपने विवेक से करते है |और साथ में समय के साथ भी अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते है |जब स्मार्ट लोग मिलके एक समाज बनाते है तो हर तरह के अचीवमेंट को समाज दवरा स्थापित किया जाता है |जैसे आप खुद ही सोचिये इंसानो को चाँद पर पहुंचना केवल अमेरिकन के लिए एक अचीवमेंट नहीं था |ये पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात थी |इसमें योगदान परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समाज का था |
जानवरों की बुद्धिमत्ता-
लेकिन यहाँ हम और जो हजारों और लाखों जींव है के स्मार्टनेस की चर्चा करेंगे |और देखंगे की कौन सा जींव कितना स्मार्ट है और हम उसे उसके स्मार्टनेस के हिसाब से कितना रैंकिंग दे सकते है |जानवरों की बुद्धिमत्ता या कहे स्मार्टनेस चेक करने का तरीका मनुष्य से जुदा होता है |जानवरों की स्मार्टनेस हम उनके जीवन में आये परेशानियों को कैसे झेलते और कौन से टूल्स का प्रयोग कब करते है |कही खतरा हो तो कैसे भाप लेते है और अपना बचाव करते है इससे लगाते है |इसमें हमे कई ऐसी जानकारिया मिली |जिसमे कई जानवर इन चीजें में लीड करते है तो कई बहुत आश्चर्य करते है |
समुंद्री जींव ऑक्टोपस और साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस
हम शुरवात करते है समुंद्री जींव ऑक्टोपस से |आपने कभी भी समंदर की सैर की होगी तो आपने गौर किया होगा या कहे की आपको ऑक्टोपस इतना स्मार्ट दिखता प्रतीत नहीं होता होगा | सफलोपोड्स ये ऑक्टोपस प्रजाति के ही है |अध्ययन से ये पता चला की इनमे प्रॉब्लम को सॉल्व करने क्षमता पायी जाती है | सेफैलोपोडा की सामान्य रचनाएँ मोलस्का संघ के अन्य प्राणियों के सदृश ही होती हैं|इस वर्ग के ज्ञात जीवित वंशों की संख्या लगभग १५० है इनपे अध्ययन करके ये पाया की ये कैसे कोई भी कंटेनर खोला जाता है इनको आता है और इन्हे इसका भी अंदाज़ा लग जाता है की कैसे उनको खाया जाये इसमें जो भी स्वादिष्ट जींव है |ये भी पाया गया इनके अध्ययन में की ये व्यक्तिगत मनुष्य की पहचान करते है इसका आशय ये है की ये कोई भी व्यक्ति इनसे जिस तरह का व्यवहार करेगा ये भी उससे वैसा ही व्यवहार करेंगे |इसका साफ़ मतलब है की ये साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है और यही गुण कबूतरों में भी पाया जाता है |
चिम्पैंजी -कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान -
चिंपांज़ी, जिसे आम चिंपांज़ी, मजबूत चिंपांज़ी या केवल चिंपाजी के रूप में भी जाना जाता है, जंगल और उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के सवाना के लिए महान वानर प्रजाति है। इसमें चार पुष्टियाँ उप-प्रजातियाँ और पाँचवीं प्रस्तावित उप-प्रजातियाँ हैं। चिंपांज़ी और बारीकी से संबंधित बोनोबो को जीनस पैन में वर्गीकृत किया गया है।आनुवंशिक रूप से ये प्रजाति हमारे सबसे नजदीक मानी जाती है |इंटेलिजेन्सिया के स्केल में इसको सबसे ज्यादा पॉइंट मिले है |2007 में एक रिसर्च में ये पता लगा की एक एडल्ट चिम्पैंजी और कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान होता है |ये एक स्क्रीन पर देखे सभी नंबर याद रख सकते है भले ही उन नम्बरों को एक सेकंड से कम समय के लिए देखा हो |किशोर चिम्पैंजी हमेशा कॉलेज स्टूडेंट से ज्यादा एक्यूरेसी में रहेगा |
बकरी -
बकरी ऐसा जानवर गावों में हर जगह दिख जाती है |ये जानवर भी लगभग ऑक्टोपस के सामान साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है |बकरी एक पालतू पशु है, जिसे दूध तथा मांस के लिये पाला जाता है। इसके अतिरिक्त इससे रेशा, चर्म, खाद एवं बाल प्राप्त होता है। विश्व में बकरियाँ पालतू व जंगली रूप में पाई जाती हैं और अनुमान है कि विश्वभर की पालतू बकरियाँ दक्षिणपश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली बकरी की एक वंशज उपजाति है। मानवों ने वरणात्मक प्रजनन से बकरियों को स्थान और प्रयोग के अनुसार अलग-अलग नस्लों में बना दिया गया है | हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट
कई ऐसे जानवर है जो अपने टूल्स को प्रयोग करने में माहिर माने जाते है |यहाँ टूल्स से मतलब उनके अंगों से है |जैसे चिम्पैंजी एक स्टिक प्रयोग करते है चींटियों को निकालने और लार्वा को दीमक से चिपकाने के लिए|कौवे की भी क्षमता स्वाद के मामले एक मनुष्य के बच्चे से अच्छी होती है |इसपर बहुत सी कहानिया भी है जैसा एक कौवे ने एक जार को कंकड़ डाल-डाल कर भर दिया और अपनी प्यास बुझा लिया |सबने सुनी होगी |हाथी भी और जानवरों की ही तरह है ये खुद को मिरर में पहचान सकता है और ये मनुष्य से ज्यादा फ्रेंडली रहता है |
हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट है इसका मतलब ये है की वो खुद को पहचानता है अपने गुणों के साथ |जबकि सब जानवरों में ऐसा नहीं होता है |वो खुद को मिरर में जैसा है वो वैसे बिभेद नहीं कर सकते है |ये भी एक तरह का साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को ही दर्शाता है |हमारा हमेशा ये उद्देश्य रहता है की आप लोगों अलग -अलग चीजें और व्यवहार और अच्छी चीजों से अवगत करते रहे |लिखने में कोई त्रुटि हो तो क्षमा करियेगा और अपने प्यार से हमे नवाजे |
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allgyan · 4 years
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जानवर : कौन सा जानवर सबसे स्मार्ट है ?
जानवर और स्मार्टनेस -
जैसा कहा जाता है मनुष्य दुनिया का सबसे समझदार प्राणी है | लेकिन यहाँ हम जानवरों की बात कर रहे है कौन से जानवर कितना स्मार्ट है |देखिये मनुष्य के लिए स्मार्टनेस का आशय ये है की आप हर तरह के काम को अडॉप्ट करते है और उसे अपने विवेक से करते है |और साथ में समय के साथ भी अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते है |जब स्मार्ट लोग मिलके एक समाज बनाते है तो हर तरह के अचीवमेंट को समाज दवरा स्थापित किया जाता है |जैसे आप खुद ही सोचिये इंसानो को चाँद पर पहुंचना केवल अमेरिकन के लिए एक अचीवमेंट नहीं था |ये पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात थी |इसमें योगदान परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समाज का था |
जानवरों की बुद्धिमत्ता-
लेकिन यहाँ हम और जो हजारों और लाखों जींव है के स्मार्टनेस की चर्चा करेंगे |और देखंगे की कौन सा जींव कितना स्मार्ट है और हम उसे उसके स्मार्टनेस के हिसाब से कितना रैंकिंग दे सकते है |जानवरों की बुद्धिमत्ता या कहे स्मार्टनेस चेक करने का तरीका मनुष्य से जुदा होता है |जानवरों की स्मार्टनेस हम उनके जीवन में आये परेशानियों को कैसे झेलते और कौन से टूल्स का प्रयोग कब करते है |कही खतरा हो तो कैसे भाप लेते है और अपना बचाव करते है इससे लगाते है |इसमें हमे कई ऐसी जानकारिया मिली |जिसमे कई जानवर इन चीजें में लीड करते है तो कई बहुत आश्चर्य करते है |
समुंद्री जींव ऑक्टोपस और साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस
हम शुरवात करते है समुंद्री जींव ऑक्टोपस से |आपने कभी भी समंदर की सैर की होगी तो आपने गौर किया होगा या कहे की आपको ऑक्टोपस इतना स्मार्ट दिखता प्रतीत नहीं होता होगा | सफलोपोड्स ये ऑक्टोपस प्रजाति के ही है |अध्ययन से ये पता चला की इनमे प्रॉब्लम को सॉल्व करने क्षमता पायी जाती है | सेफैलोपोडा की सामान्य रचनाएँ मोलस्का संघ के अन्य प्राणियों के सदृश ही होती हैं|इस वर्ग के ज्ञात जीवित वंशों की संख्या लगभग १५० है इनपे अध्ययन करके ये पाया की ये कैसे कोई भी कंटेनर खोला जाता है इनको आता है और इन्हे इसका भी अंदाज़ा लग जाता है की कैसे उनको खाया जाये इसमें जो भी स्वादिष्ट जींव है |ये भी पाया गया इनके अध्ययन में की ये व्यक्तिगत मनुष्य की पहचान करते है इसका आशय ये है की ये कोई भी व्यक्ति इनसे जिस तरह का व्यवहार करेगा ये भी उससे वैसा ही व्यवहार करेंगे |इसका साफ़ मतलब है की ये साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है और यही गुण कबूतरों में भी पाया जाता है |
चिम्पैंजी -कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान -
चिंपांज़ी, जिसे आम चिंपांज़ी, मजबूत चिंपांज़ी या केवल चिंपाजी के रूप में भी जाना जाता है, जंगल और उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के सवाना के लिए महान वानर प्रजाति है। इसमें चार पुष्टियाँ उप-प्रजातियाँ और पाँचवीं प्रस्तावित उप-प्रजातियाँ हैं। चिंपांज़ी और बारीकी से संबंधित बोनोबो को जीनस पैन में वर्गीकृत किया गया है।आनुवंशिक रूप से ये प्रजाति हमारे सबसे नजदीक मानी जाती है |इंटेलिजेन्सिया के स्केल में इसको सबसे ज्यादा पॉइंट मिले है |2007 में एक रिसर्च में ये पता लगा की एक एडल्ट चिम्पैंजी और कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट की संज्ञानात्मक परीक्षण समान होता है |ये एक स्क्रीन पर देखे सभी नंबर याद रख सकते है भले ही उन नम्बरों को एक सेकंड से कम समय के लिए देखा हो |किशोर चिम्पैंजी हमेशा कॉलेज स्टूडेंट से ज्यादा एक्यूरेसी में रहेगा |
बकरी -
बकरी ऐसा जानवर गावों में हर जगह दिख जाती है |ये जानवर भी लगभग ऑक्टोपस के सामान साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को समझते है |बकरी एक पालतू पशु है, जिसे दूध तथा मांस के लिये पाला जाता है। इसके अतिरिक्त इससे रेशा, चर्म, खाद एवं बाल प्राप्त होता है। विश्व ��ें बकरियाँ पालतू व जंगली रूप में पाई जाती हैं और अनुमान है कि विश्वभर की पालतू बकरियाँ दक्षिणपश्चिमी एशिया व पूर्वी यूरोप की जंगली बकरी की एक वंशज उपजाति है। मानवों ने वरणात्मक प्रजनन से बकरियों को स्थान और प्रयोग के अनुसार अलग-अलग नस्लों में बना दिया गया है | हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट
कई ऐसे जानवर है जो अपने टूल्स को प्रयोग करने में माहिर माने जाते है |यहाँ टूल्स से मतलब उनके अंगों से है |जैसे चिम्पैंजी एक स्टिक प्रयोग करते है चींटियों को निकालने और लार्वा को दीमक से चिपकाने के लिए|कौवे की भी क्षमता स्वाद के मामले एक मनुष्य के बच्चे से अच्छी होती है |इसपर बहुत सी कहानिया भी है जैसा एक कौवे ने एक जार को कंकड़ डाल-डाल कर भर दिया और अपनी प्यास बुझा लिया |सबने सुनी होगी |हाथी भी और जानवरों की ही तरह है ये खुद को मिरर में पहचान सकता है और ये मनुष्य से ज्यादा फ्रेंडली रहता है |
हाथी में सेल्फ अवेरनेस का कांसेप्ट है इसका मतलब ये है की वो खुद को पहचानता है अपने गुणों के साथ |जबकि सब जानवरों में ऐसा नहीं होता है |वो खुद को मिरर में जैसा है वो वैसे बिभेद नहीं कर सकते है |ये भी एक तरह का साइन ऑफ़ इंटेलिजेंस को ही दर्शाता है |हमारा हमेशा ये उद्देश्य रहता है की आप लोगों अलग -अलग चीजें और व्यवहार और अच्छी चीजों से अवगत करते रहे |लिखने में कोई त्रुटि हो तो क्षमा करियेगा और अपने प्यार से हमे नवाजे | पूरा जानने के लिए -http://bit.ly/2MENdF7
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