#जाति जनगणना
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बिहार में 7 जनवरी से दो चरणों में जातिगत जनगणना होगी
बिहार में 7 जनवरी से दो चरणों में जातिगत जनगणना होगी
एक्सप्रेस न्यूज सर्विस पटना : बिहार में बहुचर्चित जाति आधारित जनगणना, जो मंडल की राजनीति को एक बड़ा धक्का देने की संभावना है, बिहार में 7 जनवरी से शुरू होगी. यह अभ्यास दो चरणों में होगा. पहले चरण में प्रदेश के सभी घरों की गिनती की जाएगी। दूसरे चरण में मार्च से शुरू होकर प्रगणक सभी जातियों और उपजातियों और धर्मों के लोगों से संबंधित डेटा एकत्र करेंगे। वे सभी लोगों की वित्तीय स्थिति के बारे में भी…
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Bihar Caste Code List 2023 : बिहार जाति आधारित जनगणना, बिहार 215 जातियों का कोड जारी, जल्दी देखे
Bihar Caste Code List 2023 : बिहार सरकार द्वारा बिहार में जातियों की गणना के लिए सभी जातियों को अलग-अलग कोड दिए गए हैं। इसके अंतर्गत बिहार में कुल मिलाकर 215 प्रकार की जातियों के लिए बिहार जाति संहिता निर्धारित की गई है। इसके अलावा इन जातियों को जोड़ने के लिए बिहार सरकार द्वारा 215 कोड निर्धारित किए गए हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बिहार में जातिगत जनगणना की जा रही है, ऐसे में बिहार के सभी…
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विपक्ष के जातीय गणना की मांग के बीच बोले PM Modi, समाज को बांटने की कोशिश एक गंभीर मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष की जाति-आधारित राजनीति के खिलाफ देश को आगाह करते हुए कहा कि समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है और यह एक गंभीर मुद्दा है। प्रधानमंत्री की चेतावनी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा चल रही जाति की राजनीति के बीच आई है, जिन्होंने केंद्र को घेरने की कोशिश में सरकार से जाति जनगणना कराने की मांग की है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो…
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राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चला संविधान, जातिगत जनगणना और आरक्षण का दांव, दीक्षा भूमि भी गए
Rahul Gandhi News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव वाला ‘CCC’ दांव चल दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर जाति जनगणना कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि आरक्षण पर 50 फीसदी की लगी सीमा को हटाया जाएगा। राहुल के इस ऐलान से कांग्रेस पार्टी को महाराष्ट्र चुनावों के लिए मुख्य मुद्दा मिल गया है। ओबीसी युवा अधिकार मंच द्वारा आयोजित…
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देश में अगले साल शुरू होगी जनगणना, 2026 तक चलेगी
भारत में अगले साल से जनगणना शुरू होगी, जो 2025 से 2026 तक चलेगी। पहले यह 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टालना पड़ा। अब जनगणना का चक्र बदलेगा और हर दस साल में होने वाली जनगणना अब अगली बार 2035 में होगी। इस बार की जनगणना में धर्म, वर्ग और संप्रदाय के बारे में पूछा जा सकता है। सामान्य, अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना होगी। लोगों से यह भी पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय के…
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Chirag Paswan on Caste Census: एक बार फिर चिराग पासवान ने उठाई जातिगत जनगणना की मांग, बोले बहुत आवश्यक
Chirag Paswan on Caste Census: मोदी (भाजपा) सरकार में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने देश भर में जाति आधारित जनगणना की मांग एक बार फिर से उठा दी है. जातिगत जनगणना की चिराग पासवान ने काफी जोरदार वकालत की है और यह कहा है कि समाज के उन वर्गों की वास्तविक आबादी को इस प्रक्रिया से मिले आंकड़ों से जानने में काफी मदद मिलेगी, जिनको ज्यादा उत्थान की जरुरत है.
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मिस इंडिया की लिस्ट में कोई दलित... क्या जातियों को लेकर राहुल गांधी की राजनीति हास्यास्पद है?
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विचार और काम करने का तरीका आजकल चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर वह काफी ऐक्टिव हो गए हैं। 'कास्ट सिस्टम' पर उनके अलग-अलग विचार देखने को मिलते हैं। जाति जनगणना के मामले पर राहुल गांधी आए दिन मोदी सरकार पर हमलावर भी रहते हैं। लोकसभा में विपक्ष का ��ेता बनने के बाद से ही राहुल का सियासी मिजाज बदला-बदला सा नजर आ रहा है। राहुल गांधी का जातियों वाला दांव खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इस बीच बुद्धिजीवी वर्ग भी राहुल गांधी की जातियों वाली राजनीति की समीक्षा करने में लगा है। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख में तवलीन सिंह का कहना है कि जातियों पर राहुल गांधी का हालिया बयान हैरान करने वाला है।दरअसल राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि आपने कभी किसी दलित, आदिवासी या ओबीसी लड़की को मिस इंडिया बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करते नहीं देखा होगा। तवलीन कहती हैं कि आखिर राहुल गांधी का क्या मतलब है? मिस इंडिया कोई सरकारी नौकरी तो है नहीं जो आरक्षण के आधार पर मिले। यह तो एक निजी प्रतियोगिता है जिसमें कोई भी भारतीय महिला भाग ले सकती है। राहुल के ये बयान भी हैरान करने वाले थे यही नहीं, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर भी राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें इस बात का दुख है कि समारोह में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के लोग ज्यादा संख्या में मौजूद नहीं थे। तवलीन ने तंज कसते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी ने यह नहीं देखा कि धार्मिक समारोह का संचालन खुद प्रधानमंत्री ने किया था, जो खुद ओबीसी जाति से आते हैं? राजनीतिक जानकार कहते हैं कि राहुल गांधी का जाति को लेकर यह जुनून उन्हें कई बार अजीबोगरीब बयान देने पर मजबूर कर देता है। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड में भी दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं होने से उन्हें दुख होता है। मोदी से आगे निकलना अभी भी मुश्किल इंडिया टुडे के एक सर्वे में राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा नेता बताया गया है।हालांकि, राहुल गांधी को अभी भी मोदी से आगे निकलने के लिए लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और नितिन गडकरी जैसे दिग्गज नेताओं से आगे निकलकर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राहुल गांधी ने खुद को मोदी से बिल्कुल अलग छवि वाला नेता बनाने की कोशिश की है और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है। लेकिन जातियों को लेकर उनका बेतुका बयान उनकी नई इमेज को प्रभावित कर सकता है। http://dlvr.it/TCgMrj
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Pm Awas Yojana 2024 Online Apply 2024
PM Awas Yojana 2024: भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले जो लोग पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो उनका नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना सूची में होना चाहिए। यदि आपका नाम इस सूची में मौजूद है, तो आप नजदीकी पंचायत जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और यूजरनेम और पासवर्ड प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, आप इसी यूजरनेम और पासवर्ड की मदद से पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए आवेदन कर पाएंगे। पूरी जानकारी पढ़े क्लिक करे
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जातीय जनगणना कराएंगे अपनी जाति नहीं बताएंगे / प्रीतम ऋतू की कॉमेडी कविता...
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*सुप्रीम कोर्ट ने कहा_ आरक्षण की_समीक्षा_होनी_ही_चाहिए?*
1️⃣ लेकिन इस बात की भी समीक्षा होनी चाहिए कि आखिर क्यों 70 साल में अनुसूचित जाति के # *श्री के.रामास्वामी # श्री के.जी.बालकृष्णन # श्री बी. सी.रे # श्री ए.वर्धराजन* सिर्फ # चार ही लोग सुप्रीम कोर्ट में जज बन पाए हैं! और *ओबीसी* के जज भी *केवल 2* ही हुये, इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए।
2️⃣ 70 साल में *अनुसूचित जनजाति* का एक भी व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बना है, इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
3️⃣ सुप्रीम कोर्ट में आखिर एक ही जाति का *वर्चस्व* क्यों है? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
4️⃣ संविधान के #आर्टिकल 12 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट को *राज्य* माना जाना चाहिए। आरक्षण का प्रावधान सुप्रीम कोर्ट में *राज्य की भांति* होना चाहिए! इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
5️⃣ सुप्रीम कोर्ट में जब sc-st # *एट्रोसिटी_एक्ट* पर फैसला दिया जा रहा था, उस वक्त सुप्रीम कोर्ट में एससी, एसटी का एक भी जज नहीं था, क्या यह *न्याय के मूल सिद्धांतों* के अनुरूप था? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
6️⃣ संविधान के #आर्टिकल *312 (1)* के अनुसार जजों की भर्��ी के लिए # *न्यायिक_नियुक्ति_आयोग* का गठन होना चाहिए ऐसा क्यों नहीं किया जाता है ? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
7️⃣ संविधान संशोधन अधिनियम 1976, के *42 वें संशोधन* के अनुसार जजों की भर्ती के लिए *ऑल इंडिया जुडिशरी सर्विस* का गठन किया जाना चाहिए! यह बिल संसद में कभी पेश ही नहीं किया गया! इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
8️⃣ संविधान के #आर्टिकल *229* के अनुसार कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मामले में उच्च न्यायालय अपने आप को *राज्य मानता* है और राज्य के अनुसार #आर्टिकल *15(4), 16(4) और 16(4 )(क)* का पालन क्यों नहीं किया जाता है? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए !!
9️⃣ जब केशवानंद भारती मामले में भी #आर्टिकल *12* के अनुसार *उच्च एवं उच्चतम न्यायालय को राज्य* माना गया है, तो राज्यों के लिए लागू *_आरक्षण का प्रोविजन* उच्च एवं उच्चतम न्यायालय में लागू क्यों नहीं किया गया? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए!!
1️⃣0️⃣ जब *ओबीसी, एससी-एसटी आईएएस बन सकता है, आईपीएस बन सकता है, राष्ट्रपति बन सकता है, मुख्यमंत्री* बन सकता है तो सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए कौन सी *अनोखी प्रतिभा* होनी चाहिए? इस बात की भी समीक्षा होनी चाहिए!!
1️⃣1️⃣ यदि सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए मेरिट ही आवश्यक है तो # *ऑल_इंडिया_जुडिशरी_सर्विस* का गठन करके खुली प्रतियोगिता में भाग क्यों नहीं लेते? इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए।
Copied
*(कापी पेस्ट करके इस मैसेज को आगे बढ़ाते रहिये, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम में शामिल हो सकें और सुप्रीम कोर्ट के उन न्यायाधीशों को आईना दिखाया जा सके, जो *खुद* *को देश की जनता का भगवान और संविधान से भी बडा समझते हैं l)💐💐*
आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं हैं।
जाति जनगणना बहुत जरूरी है ताकि हमें हमारी संख्या के अनुपात भागीदारी मिले!
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कुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनाव
लोकसभा चुनावों के तीन चरण पूरे हो चुके हैं और अब चुनाव अपने चौथे चरण की ओर है।तीन चरणों के मतदान को लेकर चुनाव आयोग के शुरुआती आंकड़े बदलने के बावजूद पिछले चुनावों से मतदान का प्रतिशत कम रहा है। जमीन पर भी चुनाव बेहद ठंडा और अनपेक्षित सा दिख रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का बताने से लेकर आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर महिलाओं के मंगलसूत्र, संपत्ति और पिछड़ों दलितों का आरक्षण छीनकर उसे मुसलमानों में बांट देने का आरोप ��गाते हुए चुनाव को गरमाने की पूरी कोशिश की है और अब तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना की चुनावी सभा में आरोप लगाया कि जो राहुल गांधी पिछले पांच साल से रोज अंबानी अदाणी के नाम की माला जपते थे, अब उनका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं। क्या उनके साथ कोई डील हो गई है और क्या बोरों में भरकर टेंपों में लाद कर काला धन उनके पास आ गया है।
इसी दिन प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के भारत की विवधता को लेकर रंग और चेहरों पर दिए गए एक बयान को निशाना बनाते हुए भी कांग्रेस पर हमला करते हुए देश को रंग और नस्ल के आधार पर बांटने का आरोप लगाया है।अपने नेता के इस चुनावी राग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी भाजपा नेताओं ने अपनी आवाज़ उठाकर इन मुद्दों को लगतार उठाया है।
कुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनावउधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा के जीतने पर संविधान बदलने ,लोकतंत्र खत्म करने और पिछड़ों दलितों वंचितों और गरीब सवर्णों के अधिकार छीनकर सब कुछ चंद उद्योगपति मित्रों को देने का आरोप भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार लगा रहे हैं। भले ही मोदी ने राहुल पर अंबानी-अदाणी का नाम लेने की बात कही हो, लेकिन राहुल न सिर्फ अदाणी का नाम ले रहे, बल्कि मोदी के आरोप का जवाब देते हुए भी अंबानी-अदाणी का नाम लेते हुए उनके यहां ईडी सीबीआई भेजने की बात कही है। राहुल के इस चुनावी नाद में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव प्रियंका गांधी समेत सभी कांग्रेस नेता अपनी आवाज दे रहे हैं।
सवाल है कि चुनाव किस ओर जा रहा है। क्या हर चुनाव में अपना विमर्श चलाकर माहौलबंदी करने वाले PM नरेंद्र मोदी इस चुनाव को भी हिंदुत्व और धार्मिक ध्रुवीकरण के अपने पुराने बहु परीक्षित सियासी एजेंडे को लेकर उसे केंद्रित करने में कामयाब हो रहे हैं या फिर चुनाव पूरी तरह से विकेंद्रित होकर स्थानीय समीकरणों, मुद्दों और राहुल गांधी द्वारा उठाए जा रहे जातीय जनगणना, पांच न्याय जैसे वादों
चुनाव प्रचार प्रसार रैलियों और रोड शो में सारे दल एक से बढ़कर एक दिखाई दे रहे है , लेकिन दूसरी तरफ पिछले दो चरणों में मतदाता उदासीन दिख रहे है । जमीन पर भी चुनावों में इस बार वैसी लहर नजर नहीं आ रही है जो 2014 और 2019 में साफ दिखाई देती थी और जिस पर सवार होकर BJP व नरेंद्र मोदी ने दो बार सरकार बनाई है । जहां पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में बदलाव, राष्ट्रीय सुरक्षा, हिंदुत्व की चाशनी में राष्ट्रवाद की घुट्टी और हिंदू मुस्लिम ध्रुवण जैसे राष्ट्रीय विमर्श और केंद्रीय मुद्दों पर जोर रहा। उन दोनों चुनावों में मतदाताओं ने न जाति देखी न दल सिर्फ देखा तो नरेंद्र मोदी का चेहरा और भरोसा किया तो उनके वादों पर, लेकिन इस बार का चुनाव किसी एक या दो राष्ट्रीय मुद्दों पर न होकर पूरी तरह फ़ैल गया है। हर राज्य हर लोकसभा क्षेत्र में अलग अलग मुद्दे अलग अलग समीकरण और परिस्थितियों का पूरा जोर है। कहीं सांसदों के खिलाफ गुस्सा है तो कहीं जातीय समीकरण भारी हैं।
यह भी पड़े :- शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा | इनकी सही जगह भारत नहीं, इटली है
यह भी पड़े :- ईवीएम: सुरक्षित, विश्वसनीय और छेड़छाड़ बाधक, चुनाव आयोग का सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट जवाब
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Bihar Jati Janganana 2023: बिहार के सभी जिलो में शुरु हुई जाति जनगणना, प्रथम चरण की जाने पूरी जानकारी
Bihar Jati Janganana 2023: बिहार के सभी जिलो में शुरु हुई जाति जनगणना, प्रथम चरण की जाने पूरी जानकारी
Bihar Jati Janganana 2023: बिहार में 7 जनवरी यानी शनिवार से जाति आधारित गणना (caste census in bihar) के पहले चरण का काम शुरू हो रहा है. करीब 5.18 लाख से अधिक कर्मी दो करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचेंगे. पहले चरण में सात से 21 जनवरी तक सभी आवासीय परिसर की गिनती होगी. वहां रहने वाले परिवार के मुखिया का नाम अंकि�� होगा और परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जायेगी. यदि…
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'झारखंड में तेज़ी से फैल रहा सांप्रदायिकता का ज़हर', Rajnath Singh बोले- जातिगत आरक्षण के नाम पर गुमराह रही कांग्रेस
झारखंड के खूंटी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया। राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा आये दिन जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाती है। साल 2011 में एक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना हुआ था जिसमें करीब 46 लाख जातियां, उपजातियां और गोत्र निकल कर आये थे। यह संख्या इतनी विशाल थी कि रिपोर्ट सार्वजनिक नही हुई। उन्होंने सावाल किया कि यह जाति का पिटारा खोल कर कांग्रेस…
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भारत में होता है एक अलग तरह का जातिवाद, राहुल गांधी बोले, आरक्षण में 50 फीसदी की कृत्रिम बाधा को किया जाएगा खत्म
Rahul Gandhi News: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह तेलंगाना में जाति आधारित जनगणना सुनिश्चित करने के साथ ही देश में जाति आधारित जनगणना के लिए राज्य को एक मॉडल के रूप में पेश करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार द्वारा छह नवंबर से शुरू किए जाने वाले जाति सर्वेक्षण से पहले यहां तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि…
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हरियाणा चुनाव: मुफ्त बिजली, एमएसपी, जाति जनगणना, कांग्रेस के घोषणापत्र की जानें मुख्य बातें
चंडीगढ़, 28 सितंबर : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें मुफ्त बिजली, मुफ्त चिकित्सा, महिलाओं को वित्तीय सहायता, किसानों को एमएसपी की गारंटी और राज्य में जाति जनगणना कराने जैसे प्रमुख वादे किए गए हैं। घोषणापत्र कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) के अध्यक्ष…
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