#चोर पकड़ा गया
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नेक कर्म l Story of the Month
एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ख्याल रखता था। राज्य में अचानक चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं। कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया।
हारकर राजा ने ढींढोरा पिटवा दिया कि जो चोरी करते पकडा जाएगा उसे मृत्युदंड दिया जाएगा। सभी स्थानों पर सैनिक तैनात कर दिए गए। घोषणा के बाद तीन-चार दिनों तक चोरी की कोई शिकायत नही आई।
उस राज्य में एक चोर था जिसे चोरी के सिवा कोई काम आता ही नहीं था। उसने सोचा मेरा तो काम ही चोरी करना है। मैं अगर ऐसे डरता रहा तो भूखा मर जाउंगा। चोरी करते पकडा गया तो भी मरुंगा, भूखे मरने से बेहतर है चोरी की जाए।
वह उस रात को एक घर में चोरी करने घुसा। घर के लोग जाग गए। शोर मचाने लगे तो चोर भागा। पहरे पर तैनात सैनिकों ने उसका पीछा किया। चोर जान बचाने के लिए नगर के बाहर भागा।
उसने मुडके देखा तो पाया कि कई सैनिक उसका पीछा कर रहे हैं। उन सबको चमका देकर भाग पाना संभव नहीं होगा। भागने से तो जान नहीं बचने वाली, युक्ति सोचनी होगी।
चोर नगर से बाहर एक तालाब किनारे पहुंचा। सारे कपडे उतारकर तालाब में फेंक दिया और अंधेरे का फायदा उठाकर एक बरगद के पेड के नीचे पहुंचा।
बरगद पर बगुलों का वास था। बरगद की जड़ों के पास बगुलों की बीट पड़ी थी। चोर ने बीट उठाकर उसका तिलक लगा लिया और आंख मूंदकर ऐसे स्वांग करने बैठा जैसे साधना में लीन हो।
खोजते-खोजते थोडी देर मे सैनिक भी वहां ��हुंच गए पर उनको चोर कहीं नजर नहीं आ रहा था। खोजते खोजते उजाला हो रहा था ओर उनकी नजर बाबा बने चोर पर पडी।
सैनिकों ने पूछा- बाबा इधर किसी को आते देखा है। पर ढोंगी बाबा तो समाधि लगाए बैठा था। वह जानता था कि बोलूंगा तो पकडा जाउंगा सो मौनी बाबा बन गया और समाधि का स्वांग करता रहा।
सैनिकों को कुछ शंका तो हुई पर क्या करें। कही सही में कोई संत निकला तो ? आखिरकार उन्होंने छुपकर उसपर नजर रखना जारी रखा। यह बात चोर भांप गया। जान बचाने के लिए वह भी चुपचाप बैठा रहा।
एक दिन, दो दिन, तीन दिन बीत गए बाबा बैठा रहा। नगर में चर्चा शुरू हो गई की कोई सिद्ध संत पता नहीं कितने समय से बिना खाए-पीए समाधि लगाए बैठै हैं। सैनिकों को तो उनके अचानक दर्शऩ हुए हैं।
नगर से लोग उस बाबा के दर्शन को पहुंचने लगे। भक्तों की अच्छी खासी भीड़ जमा होने लगी। राजा तक यह बात पहुंच गई । राजा स्वयं दर्शन करने पहुंचे। राजा ने विनती की आप नगर मे पधारें और हमें सेवा का सौभाग्य दें।
चोर ने सोचा बचने का यही मौका है। वह राजकीय अतिथि बनने को तैयार हो गया। सब लोग जयघोष करते हुए नगर में ले जाकर उसकी सेवा सत्कार करने लगे।
लोगों का प्रेम और श्रद्धा भाव देखकर ढोंगी का मन परिवर्तित हुआ। उसे आभास हुआ कि यदि नकली में इतना मान-संम्मान है तो सही में संत होने पर कितना सम्मान होगा। उसका मन पूरी तरह परिवर्तित हो गया और चोरी त्यागकर संन्यासी हो गया।
शिक्षा संगति, परिवेश और भाव इंसान में अभूतपूर्व बदलाव ला सकता है। रत्नाकर डाकू को गुरू मिल गए तो प्रेरणा मिली और वह आदिकवि हो गए। असंत भी संत बन सकता है, यदि उसे राह दिखाने वाला मिल जाए।
अपनी संगति को शुद्ध रखिए, विकारों का स्वतः पलायन आरंभ हो जाएगा..!!
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Tata steel thief caught : टाटा स्टील में घुस रहा था चोर, लोहे का रॉड हाथ में घुसा, देखिये - live video, कैसे घुस गया चोर के हाथ में लोहे का रॉड और पकड़ा गया, देखिये - video
जमशेदपुर : टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में साकची स्थित एक पुराने गेट से चोरी करने घुसते वक्त एक युवक के हाथ में गेट पर लगाये गये लोहे का रॉड ही घुस गया. वह चोरी करने के लिए घुस रहा था. इसी बीच उसका बाया हाथ उसी लोहे में फंस गया. काफी मुश्किल के बाद लोहे को काटकर उसको निकाला जा सका. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उसको पकड़ लिया और फिर अस्पताल ले गये, जहां उसका इलाज चल रहा है. (नीचे भी पढ़ें) उसको…
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कर्म से परिवर्तन
एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ध्यान रखता था. राज्य में अचानक चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं. कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया। हारकर राजा ने ढींढोरा पिटवा दिया कि जो चोरी करते पकडा जाएगा उसे मृत्युदंड दिया जाएगा. सभी स्थानों पर सैनिक तैनात कर दिए गए. घोषणा के बाद तीन-चार दिनों तक चोरी की कोई शिकायत नही आई। उस राज्य में एक चोर था जिसे चोरी के सिवा कोई काम आता ही नहीं था. उसने सोचा मेरा तो काम…
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गाँव के बीचों-बीच एक ऐसा आदमी रहता था, जिसका नाम रामनाथ था। उसकी उम्र बढ़ती जा रही थी, लेकिन उसकी आदतें वैसी की वैसी थीं—खासकर उसकी अफवाहें फैलाने की आदत। रामनाथ को लोगों के बारे में झूठी बातें फैलाने में अजीब सा मज़ा आता था। उसने अपनी बातों से कितने लोगों की जिंदगी में उथल-पुथल मचाई, इसका उसे अंदाजा भी नहीं था। हर बार जब वह कोई नई अफवाह उछालता, तो उसे लगता कि वह गाँव का सबसे चतुर व्यक्ति है, और लोग उसकी बातों को सच मानते रहते।
इसी आदत के चलते एक दिन उसने मोहन, एक ईमानदार और शांत स्वभाव वाले युवक के खिलाफ एक अफवाह फैलाई। रामनाथ ने गाँव में हर किसी से कहना शुरू किया, “अरे, तुम लोगों को पता है? मोहन तो बड़ा चालाक है। उसकी नीयत ठीक नहीं लगती। मैंने सुना है, वो चोरी करता है।” देखते ही ��ेखते यह बात हवा में ऐसे फैल गई जैसे सूखे पत्तों के बीच आग।
गाँव वाले जो कल तक मोहन को एक आदर्श युवा मानते थे, अब उससे कतराने लगे। उसकी हर हरकत पर संदेह किया जाने लगा। जब मोहन कहीं जाता, लोग उसे घूरते, उसकी पीठ पीछे फुसफुसाते, और उसके सामने आते ही चुप हो जाते। बेचारा मोहन समझ नहीं पा रहा था कि अचानक उसकी जिंदगी में यह तूफान कहाँ से आ गया।
कुछ ही दिनों बाद गाँव में एक बड़ी चोरी हो गई। गाँव के मुखिया के घर से कीमती आभूषण और नकदी गायब हो गई। गाँववालों ने बिना कोई सबूत देखे मोहन को चोर ठहरा दिया। पुलिस को बुलाया गया, और मोहन को हिरासत में ले लिया गया। उसके ऊपर चोरी का आरोप लगा दिया गया।
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मोहन के लिए यह सब किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उसने पुलिस और गाँववालों के सामने बार-बार कहा कि वह निर्दोष है, लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं था। रामनाथ की फैलायी हुई अफवाहें इतनी गहरी जड़ें जमा चुकी थीं कि अब मोहन की बातों पर कोई भरोसा नहीं कर रहा था।
कुछ हफ्तों की जांच के बाद, पुलिस ने असली चोर को पकड़ा। मोहन को निर्दोष साबित कर दिया गया और उसे रिहा कर दिया गया। लेकिन मोहन की प्रतिष्ठा पहले ही बर्बाद हो चुकी थी। गाँव के लोग अब भी उसे संदेह की नजर से देखते थे। वह जानता था कि उसकी इज्जत जो एक बार मिट्टी में मिल गई थी, उसे वापस पाना आसान नहीं था। लेकिन उसने तय किया कि वह इस अपमान का बदला जरूर लेगा।
मोहन ने रामनाथ के खिलाफ कोर्ट में मान���ानि का मुकदमा दायर कर दिया। रामनाथ को जब कोर्ट में बुलाया गया, तो उसने अपनी पुरानी चालाकी से काम लेते हुए कहा, “मेरा इरादा तो किसी को नुकसान पहुँचाने का नहीं था। मैंने तो बस एक मजाक में यह बात कही थी।”
जज ने रामनाथ की बात सुनकर गंभीरता से कहा, “ठीक है, तुमने जो कहा वह मजाक था, लेकिन इसका परिणाम कितना बड़ा हो सकता है, यह समझाने के लिए मैं तुम्हें एक काम करने को कहता हूँ। एक कागज लो, उस पर मोहन के बारे में तुमने जो कुछ कहा, वह लिखो और फिर उस कागज को टुकड़े-टुकड़े करके गाँव की गलियों में फेंक दो। कल वापस आओ, हम तुम्हारे मामले पर फैसला करेंगे।”
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रामनाथ को यह अजीब आदेश लगा, लेकिन उसने सोचा कि यह तो बहुत आसान काम है। उसने वैसा ही किया, जैसा जज ने कहा। अगले दिन जब वह कोर्ट पहुँचा, तो जज ने उसे बाहर जाने और उन कागज के टुकड़ों को इकट्ठा करके लाने को कहा।
रामनाथ ने चकित होकर कहा, “महोदय, यह तो असंभव है! उन कागज के टुकड़ों को तो हवा न जाने कहाँ उड़ा ले गई होगी। मैं कैसे उन्हें वापस ला सकता हूँ?”
जज ने गंभीर स्वर में कहा, “बस ऐसे ही तुम्हारी फैलायी हुई अफवाहें भी हवा में फैल गईं। अब चाहे तुम कितनी भी कोशिश करो, उन अफवाहों को वापस नहीं ला सकते। एक बार जो बात हवा में उड़ जाती है, उसे वापस समेटना नामुमकिन हो जाता है।”
रामनाथ यह सुनकर सकते में आ गया। उसने कभी यह सोचा भी नहीं था कि उसकी बातें किसी के जीवन पर इतना गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने मोहन से माफी मांगी।
लेकिन माफी से मोहन का खोया सम्मान वापस नहीं आ सकता था। गाँववाले अब भी उसे उसी नज़र से देखते थे, और मोहन को यह समझ आ गया कि एक छोटी सी झूठी अफवाह भी किसी की जिंदगी को तबाह कर सकती है।
रामनाथ ने अपनी गलती तो मान ली, लेकिन उसकी एक छोटी सी अफवाह ने जो नुकसान किया, वह कभी पूरा नहीं हो सका।
https://meribaate.in/hindi-kahani-afvahon-ki-udaan/
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ढाबा के पास बाइक बेचते पकड़ा गया चोर: धमतरी पुलिस की बड़ी कार्रवाई
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055 मानस पूजन
एक बार की बात है, एक गोपी के घर कन्हैया माखन खाते पकड़ा गया। गोपी ने आव देखा ना ताव, झट कन्हैया का हाथ पकड़कर, कलाई मरोड़ दी।कन्हैया ने कराहते हुए कहा- अरी! मैं भागता थोड़े हूँ, जो बाँह मरोड़ती है।गोपी- चोर! मैं तुझे जानती हूँ, तूं भाग जाएगा। आज मैं तुझे नहीं छोड़ूंगी।कन्हैया- इस बार छोड़ दे, फिर कभी तेरे घर नहीं आऊँगा। तेरे पति की सौगंध।गोपी- वाह वाह! मेरे पति की सौगंध क्यों खाता है?कन्हैया-…
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Viral Video: मुर्गीखाने से पकड़ा गया चिकन चोर सांप! कर रहा था पेट पूजा का इंतजाम, शख्स ने किया ऐसा हाल
सांप कितने खतरनाक जीव होते हैं इसके बारे में तो आपको पहले से ही पता होगा. पर वो बेहद शातिर शिकारी भी होते हैं. उन्हें चुपके से हमलाकर अपने शिकार को दबोचना आता है. हाल ही में एक वीडियो वायरल (Man catch snake viral video) हो रहा है जिसमें ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है. इस वीडियो में एक सांप मुर्गीखाने (Snake eating hen egg video) घुस जाता है और वहां ऐसी हरकत करने लगता है जिसे देखकर आप उसे चिकन-चोर सांप…
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( #MuktiBodh_Part19 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part20
हम पढ़ रहे हैं मुक्तिबोध पेज नंबर (38-39)
अर्ध रात्रि के समय दोनों पिता (सम्मन) पुत्र (सेऊ) चोरी करने के लिए चल दिए। एक
सेठ की दुकान की दीवार में छिद्र किया। सम्मन ने कहा कि पुत्र मैं अन्दर जाता हूँ। यदि कोई व्यक्ति आए तो धीरे से कह देना मैं आपको आटा पकड़ा दूंगा और ले कर भाग जाना। तब सेऊ ने कहा नहीं पिता जी, मैं अन्दर जाऊँगा। यदि मैं पकड़ा भी गया तो बच्चा समझ कर माफ कर दिया जाऊँगा।
सम्मन ने कहा पुत्र! यदि आपको पकड़ कर मार दिया तो मैं और तेरी माँ कैसे जीवित रहेंगे?
सेऊ प्रार्थना करता हुआ छिद्र द्वार से अन्दर दुकान में प्रवेश कर गया। तब
सम्मन ने कहा पुत्र केवल तीन सेर आटा लाना, अधिक नहीं। लड़का सेऊ लगभग तीन सेर आटा अपनी फटी पुरानी चद्दर में बाँध कर चलने लगा तो अंधेरे में तराजू के पलड़े पर पैर रखा गया। जोर दार आवाज हुई जिससे दुकानदार जाग गया और सेऊ को चोर-चोर करके पकड़ लिया और रस्से से बाँध दिया। इससे पहले सेऊ ने वह चद्दर में बँधा हुआ आटा उस छिद्र से बाहर फैंक दिया और कहा पिता जी मुझे सेठ ने पकड़ लिया है। आप आटा ले जाओ और सतगुरु व भक्तों को भोजन करवाना। मेरी चिंता मत करना। आटा ले कर सम्मन घर पर गया तो सेऊ को न पा कर नेकी ने पूछा लड़का कहाँ है? सम्मन ने कहा उसे सेठ जी ने पकड़ कर थम्ब से बाँध दिया। तब नेकी ने कहा कि आप वापिस जाओ और लड़के सेऊ का सिर काट लाओ। क्योंकि लड़के को पहचान कर अपने घर पर लाएंगे। फिर सतगुरु को देख कर नगर वाले कहेंगे कि ये हैं जो चोरी करवाते हैं। हो सकता है सतगुरु देव को परेशान करें। हम पापी प्राणी अपने दाता को भोजन के स्थान पर कैद न दिखा दें। यह कह कर माँ अपने बेटे का सिर काटने के लिए अपने पति से कह रही है वह भी गुरुदेव जी के लिए। सम्मन ने हाथ में कर्द (लम्बा छुरा) लिया तथा दुकान पर जा कर कहा सेऊ बेटा, एक बार गर्दन बाहर निकाल। कुछ जरूरी बातें करनी हैं। कल तो हम नहीं मिल पाएंगे। हो सकता है ये आपको मरवा दें। तब सेऊ उस सेठ (बनिए) से कहता है कि सेठ जी बाहर मेरा बाप खड़ा है। कोई जरूरी बात करना
चाहता है। कृप्या करके मेरे रस्से को इतना ढीला कर दो कि मेरी गर्दन छिद्र से बाहर निकल जाए। तब सेठ ने उसकी बात को स्वीकार करके रस्सा इतना ढीला कर दिया कि गर्दन आसानी से बाहर निकल गई। तब सेऊ ने कहा पिता जी मेरी गर्दन काट दो। यदि आप मेरी गर्दन नहीं काटोगे तो आप मेरे पिता नहीं हो। मेरे को पहचानकर घर तक सेठ पहुँचेगा। राजा तक इसकी पहुँच है। यह अपने गुरूदेव को मरवा देगा। पिताजी हम क्या मुख दिखाऐंगे? सम्मन ने एकदम करद मारी ��र सिर काट कर घर ले गया। सेठ ने लड़के का कत्ल हुआ देख कर उसके शव को घसीट कर साथ ही एक पजावा (ईटें पकाने का भट्ठा) था उस खण्डहर में डाल गया।
जब नेकी ने सम्मन से कहा कि आप वापिस जाओ और लड़के का धड़ भी बाहर मिलेगा
उठा लाओ, तब सम्मन दुकान पर पहुँचा। उस समय तक सेठ ने उस दुकान की दीवार के
छिद्र को बंद कर लिया था। सम्मन ने शव की घसीट (चिन्हों) को देखते हुए शव के पास पहुँच कर उसे उठा लाया। ला कर अन्दर कोठे में रख कर ऊपर पुराने कपड़े (गुदड़) डाल दिए और सिर को अलमारी के ताख (एक हिस्से) में रख कर खिड़की बंद कर दी।
कुछ समय के बाद सूर्य उदय हुआ। नेकी ने स्नान किया। फिर सतगुरु व भक्तों ���ा
खाना बनाया। फिर सतगुरु कबीर साहेब जी से भोजन करने की प्रार्थना की। नेकी ने साहेब कबीर व दोनों भक्त (कमाल तथा शेख फरीद), तीनों के सामने आदर के साथ भोजन परोस दिया। साहेब कबीर ने कहा इसे छः दोनों में डाल कर आप तीनों भी साथ बैठो। यह प्रेम प्रसाद पाओ। बहुत प्रार्थना करने पर भी साहेब कबीर नहीं माने तो छः दौनों में प्रसाद परोसा गया। पाँचों प्रसाद के लिए बैठ गए। तब साहेब कबीर ने कहा -
आओ सेऊ जीम लो, यह प्रसाद प्रेम। शीश कटत हैं चोरों के, साधों के नित्य क्षेम।।
साहेब कबीर ने कहा कि सेऊ आओ भोजन पाओ। सिर तो चोरों के कटते हैं। संतो भक्तों) के नहीं। उनको तो क्षमा होती है। साहेब कबीर ने इतना कहा था उसी समय सेऊ के
धड़ पर सिर लग गया। कटे हुए का कोई निशान भी गर्दन पर नहीं था तथा पंगत (पंक्ति) में बैठ कर भोजन करने लगा।
गरीब, सेऊ धड़ पर शीश चढ़ा, बैठा पंगत मांही। नहीं घरैरा गर्दन पर, औह सेऊ अक नांही।।
सम्मन तथा नेकी ने देखा कि गर्दन पर कोई चिन्ह भी नहीं है। लड़का जीवित कैसे हुआ?
शंका हुई कि यह वही सेऊ है या कोई और। अन्दर जा कर देखा तो वहाँ शव तथा शीश नहीं था। केवल रक्त के छीटें लगे थे जो इस पापी मन के संश्य को समाप्त करने के लिए प्रमाण बकाया था।
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही
पूर्ण परमात्मा हैं। सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 16 मंत्रा 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।
* वाणी नं. 31 से 37 में कहा है कि इन-इन महापुरूषों तथा देवताओं की जो महिमा आप
सुनते हैं। इन्होंने भी भक्ति की थी। उसी कारण उनकी प्रसिद्धि संसार में हुई है। परंतु मुक्ति तो यथार्थ भक्ति ज्ञान तथा निज नाम से ही स��भव है।
वाणी नं. 38 :-
गरीब, ऐसा निर्मल नाम है, निर्मल करै शरीर। और ज्ञान मण्डलीक है, चकवै ज्ञान कबीर।।
भावार्थ :- वेदों, गीता, पुराणों तथा कुरान व बाईबल में मण्डलीक (आंशिक) ज्ञान है।
कबीर परमेश्वर द्वारा बोली अमरवाणी स्वस्मवेद में संपूर्ण अर्थात् चक्रवर्ती ज्ञान है। इसके
लिए पढ़ें सृष्टि रचना जो इसी पुस्तक में पृष्ठ 518 पर है।
(राग बिलावल से शब्द 21 भी पढ़ें। उसमें कबीर परमेश्वर की अथाह शक्ति का प्रमाण है।)
अबिगत राम कबीर हैं, चकवै अबिनाशी। ब्रह्मा बिष्णु वजीर हैं, शिब करत खवासी।।टेक।। इन्द्र
कोटि अनंत हैं, जाकै प्रतिहारा। बरन कुमेरं धर्मराय, ठाढे दरबारा।।1।।
तेतीस कोटि देवता, ऋषि सहंस अठासी। वैष्णव कोटि अनंत हैं, गुण गावैं राशी।।2।।
नौ जोगेश्वर नाद भरि, सुर पूरै संखा। सनकादिक संगीत हैं, अबिचल गढ बंका।।3।।
शेष गणेश रु सरस्वती, और लक्ष्मी राजैं। सावित्री गौरा रटैं, गण संख बिराजैं।।4।।
अनंत कोटि मुनि साध हैं, गण गंधर्व ज्ञानी। अरपैं पिंड रु प्राण कूं, जहां संखौं दानी।।5।। सावंत शूर अनंत हैं, कुछ गिनती नाहीं। जती सती और शीलवंत, लीला गुण गाहीं।।6।। चंद्र सूर बिनती करैं, तारा गण गाढे। पांच तत्व हाजिर खड़े, हुकमी दर ठाढे।।7।।
तीर्थ कोटि अनंत हैं, और नदी बिहंगा। ठारा भार तो कूं रटै, जल पवन तरंगा।।8।।
अष्ट कुली परबत रटैं, धर अंबर ध्याना। महताब अगनि तो कूं जपैं, साहिब रहमाना।।9।। अर्स कुर्स पर सेज है, तन तबक तिराजी। एक पलक में करत हैं, सो राज बिराजी।।10।। अलख बिनानी कबीर कूं, रंग खूब चवाया। एक पानी की बूंद से, संसार बनाया।।11।। अनंत कोटि ब्रह्मण्ड हैं, कछू वार न पारा। लख चौरासी खान का, तूं सिरजनहारा।।12।। सूक्ष्म रूप स्वरूपहै, बौह रंग बिनानी। गरीबदास के मुकट में, हाजिर प्रवानी।।13।।21।।
वाणी नं. 39 :-
गरीब, राम नाम सदने पिया, बकरे के उपदेस। अजामेल से ऊधरे, भगति बंदगी पेस।।39।।
आगे आप पढ़ेंगे कि सदन कसाई का उद्धार कबीर परमेश्वर ने किस तरह किया।
क्रमशः..........
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आध्यात्मिक जानका��ी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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Aligarh News:शिव मंदिर में गैर समुदाय युवक ने की चोरी, मूर्तियों को किया खंडित, गिरफ्तार कर जेल भेजा - Youth Steals Idols In Shiva Temple Arrested And Sent To Jail
पकड़ा गया चोर – फोटो : अमर उजाला विस्तार अलीगढ़ में सि���िल लाइंस क्षेत्र के दोदपुर अनुसूचित आबादी की बस्ती के शिव मंदिर में शनिवार रात चोरी के इरादे से घुसे गैर समुदाय के युवक ने मूर्तियों को खंडित कर दिया। इससे वहां बखेड़ा खड़ा हो गया, हालांकि आरोपी को मौके पर ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। महाशिवरात्रि की रात में हुई इस घटना पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी और थाने पहुंचकर हंगामा…
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मैन पुलिस चेस के दौरान किराने की गाड़ी से नीचे दुकानदार को ले जाता है। घड़ी एक अच्छे सामरी ने जॉर्जिया में पुलिस को एक दुकानदार को पकड़ने में मदद की। अमेरिका के जॉर्जिया में एक शख्स की तारीफ की जा रही है कि उसने भागने के चक्कर में एक दुकानदार की संदिग्ध तरीके से किराने की गाड़ी को धक्का देकर अपनी भागने की बोली को नाकाम कर दिया। इसके अनुसार …
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Jamshedpur mobile thief nabbed : टाटानगर आरपीएफ व जीआरपी की कार्रवाई में चोरी के तीन मोबाइल फोनके साथ चोर गिरफ्तार, आदित्यपुर निवा��ी चोर ने रात में सोये ट्रेन यात्रियों के फोन चुराकर बेचने की बात की कबूल
जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन परिसर में आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में शुक्रवार को एक मोबाइल चोर गिरफ्तार किया गया है. पकड़ा गया आरोपी, बंटी दास, आदित्यपुर के एस टाइप मोड़ का निवासी है. तलाशी के दौरान बंटी के पास से तीन चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए. थाना प्रभारी रामप्यारे राम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल फोन चोरी होने की घटनाएं बढ़ रही थीं, जिसके चलते…
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चौकीदार ही असली चोर है
*_बंदरगाहों को मोदी ने विकास का चेहरा बनाया,उसी से जुड़ी कंपनी 23000 करोड़ का फ्राड कर गई_* 🤔
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय बंदरगाहों के विकास की बात को राजनीति के केंद्र में रखते हैं। बनारस में भी एक बंदरगाह बना है। यह और बात है कि उससे कितना कारोबार हो रहा है, इसकी बात नहीं होती है। जब बन रहा था तब इसे विकास के एक नए शिखर के रुप में पेश किया जा रहा था। सरकार दावा करती है कि पुराने बंदरगाहों के विकास और नए बंदरगाहों के निर्माण को लेकर 6 लाख करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत चल रहे हैं। इनमें से कई प्रोजेक्ट का टारगेट 2035 है। चेक करते रहिएगा कब पूरा होंगे*
*लेकिन अगर इसी सेक्टर से भारत के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा बैंक फ्राड पकड़ा जाए और वह भी गुजरात से तब इसकी तह पर जाने का प्रयास करना ही चाहिए। लेकिन मीडिया इस खबर की पड़ताल बंद कर देगा जैसे अदाणी पोर्ट से 20,000 करोड़ के ड्रग्स पकड़े जाने के मामले में किया।उसे छोड़ कर कुछ ग्राम के मामले में आर्यन खान की खबर में सारे रिपोर्टर लगा दिए गए थे ताकि जनता का ध्यान 20,000 करोड़ के ड्रग्स पकड़े जाने की खबर से हट जाए। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते 20,000 करोड़ का ड्रग्स भारत आ रहा है*
*सूरत की एक शिपयार्ड कंपनी है एबीजी। इस कंपनी ने 23 बैंकों को चपत लगाकर 22, 847 करोड़ का घोटाला कर लिया है। यह बैंक फ्राड है। कंपनी ने अपने बहीखाते में फर्ज़ी आंकड़े डाल कर बैंक से लोन लिए। 23 बैंकों को कोई कंपनी चपत लगा रही है और किसी को उसी वक्त शक नहीं हुआ, यह बता रहा है कि बैंक बड़ी कंपनियों को लोन देने के मामले में कैसे आंखें मूंद लेते हैं। आम आदमी घर का लोन लेता है तो उसकी कितनी चेकिंग होती है। लेकिन कोई कंपनी 23 बैंकों से 23000 करोड़ का लोन लेती है और पैसा लेकर भाग जाती है यह पता चलने में महीनों लग जाते हैं। दो साल लग जाते हैं जांच करने और FIR करने में। 23 बैंकों ने गुट बनाकर नवंबर 2019 में सीबीआई को पहली शिकायत की थी*
*आज SBI ने जो जवाब जारी किया है, वह ��र भी संदेह गहरा करता है। SBI ने लिखा है कि सबसे अधिक पैसा ICICI का है और फिर IDBI का है लेकिन शिकायत SBI ने की। क्या यह सूचना इसलिए दी गई ताकि यह साफ हो कि केवल SBI का पैसा नहीं डूबा है बल्कि ICICI और IDBI का भी पैसा लेकर भागा है। SBI ने जिस चालाकी से यह रिलीज़ तैयार की है उसे बताना चाहिए कि ICICI, IDBI और उसका कितना पैसा यह कंपनी लेकर भागी है। अगर वह यह बता रही है कि सबसे ज्यादा फलां बैंक का है तो यह भी बता दे कि फलां बैंक का कितना है। कहीं तीनों में कुछ सौ करोड़ का अंतर तो नहीं है। इसलिए रैंकिंग से संदेह और गहरा हो जाता है*
SBI की प्रेस रिलीज़ से लगता है कि 2013 से ही 23 बैंकों को पता चल गया था कि कंपनी डूब रही है ।अच्छा कारोबार नहीं कर रही है तो लोन का फिर से पुनर्गठन किया गया और कंपनी को चलाने का प्रयास किया गया लेकिन जहाजरानी सेक्टर में मंदी के कारण कंपनी का कोराबार उभर नहीं सका। कमाल का जवाब है। यह जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जहाजरानी सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों की भी पोल खोलता है। बंदरगाहों पर विशेष ध्यान देने के नाम पर सरकार छवि बनाती है कि वह देश के लिए नया सोच रही है। बनारस में बंदरगाह बन रहा है तो यहां वहां बन रहा है। सरकार ने कितनी छवि बनाई कि वह इस सेक्टर में संभावनाओं का विस्तार कर रही है और इसी सेक्टर की एक कंपनी भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बैंक घोटाला करती है। वाह मोदी जी वाह। SBI ने अपनी सफाई से मोदी के दावों को साफ कर दिया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस ने 2018 में भी एबीजी शिपयार्ड के स्कैम को लेकर सरकार को चेताया था। अगर ऐसा है तब तो यह बेहद संगीन मामला है। बैंकों ने CBI को पहली सूचना नवंबर 2019 में दी है। कांग्रेस ने पूछा है कि सरकार ने कार्रवाई करने में पांच साल का वक्त क्यों लिया। 2007 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब एबीजी शिपयार्ड को 1, 21, 000 वर्ग मीटर की ज़मीन दी गई थी।
मैं तो एबीजी ग्रुप के ऋषि अग्रवाल की कल्पना कर रहा हूं। 23 बैंकों से 23000 करोड़ रुपये चपचपत कर विदेश भेज देने वाले अग्रवाल ने कितनी ऐश की ज़िंदगी जी होगी। थोड़ा खाया होगा, थोड़ा खिलाया होगा। उनके दरबार में हाज़िरी लगाकर कितने दलों के नेताओं ने मौज की या किसी एक ने ही की। कहीं इस पैसे से अग्रवाल ने बीजेपी के लिए बान्ड तो नहीं खरीदा, अगर यह जानना हो तो कैसे जाना सकता है? आज सफाई आई है कि कोई विदेश नहीं भागा है तब फिर क्या ऋषि अग्रवाल औऱ इस मामले में अन्य आरोपियों को हाज़िर किया जाएगा?
नीरव मोदी का आज तक पता नहीं चला। 14000 करोड़ का लोन लेकर भाग गया। बैंकों ने इस फ्राड को कैसे सहा होगा। मेहुल चौकसी का भी पता नहीं चला। वडोदरा का चेतन और नितिन संदेसरा अपने परिवार के साथ भारत से भाग गया। फर्ज़ी बहीखाता दिखाकर बैंकों से लोन लिया औऱ 16000 करोड़ की राशि भारत से बाहर खपा दी। ED ने 14000 करोड़ से अधिक की संपत्ति ज़ब्त की है। मीडिया की ख़बरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान इन बंधुओं ने 900 करोड़ की पेशकश की थी ताकि हिसाब किताब बराबर हो सकें। संदेसरा के केस में कई लोग जेल में हैं।
द हिन्दू के देवेश पांडे की एक रिपोर्ट है। 2020 में सीबीआई ने बैंक फ्राड के 190 मामले दर्ज किए थे। इन 900 मामलों में 60,000 करोड़ के घोटाले हुए हैं। दर्जन भर से अधिक ऐसे घोटाले हैं जिनमें 1000 करोड़ से अधिक का फ्राड हुआ है। ये घोटाले अलग अलग राज्यों में दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक घोटाला 7,926 करोड़ का है। हैदराबाद की एक कंपनी ने यह पैसा बाहर भेज दिया है। हैदाराब की ही एक और कंपनी है VRCL Limited जिसने ₹4,837 करोड़ का घोटाला किया है।
2021 में बैंक फ्राड के मामले में 2020 की तुलना में कमी आई है लेकिन यह कमी इतनी ही है कि इस साल के दौरान 30,000 करोड़ के फ्राड हुए हैं। यह कोई छोटी राशि तो नहीं है। 2020-21 में हर दिन भारत में 229 बैंक फ्राड के मामले सामने आए हैं। RBI के आ��कड़े के हिसाब से इसका एक प्रतिशत से भी कम वापस हासिल किया जा सका है। यानी जो पैसा लेकर भागा वो भागा ही रह गया।
28 दिसंबर 2021 की बिजनेस स्टैंडर्ड की एक ख़बर है। RBI की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के दौरान भारत में बैंक फ्राड के 4,071 मामले सामने आए। उसके पहले 3, 499 मामले ही आए थे। अप्रैल से सितंबर 2021 के बीच 36,342 करोड़ का फ्राड हुआ है। जबकि इसी समय 2020-21 के दौरान 64, 261 करोड़ का बैंक फ्राड हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में उनके राज्य गुजरात से करीब 53,000 करोड़ के बैंक घोटाले की ख़बर आ चुकी है। हज़ारों करोड़ के बैंक फ्राड भारत के दूसरे राज्यों से भी हुए हैं लेकिन जिस तरह से गुजरात में घोटाले हुए हैं उससे शक होना चाहिए कि इसका संबंध राजनीति से तो नहीं है। आखिर हज़ारों करोड़ का घोटाला करने वाला राजनीतिक ताल्लुकात नहीं रखता होगा, उन्हें पैसे नहीं देता होगा, यकीन करना मुश्किल है। छह करोड़ गुजरातियों की अस्मिता की राजनीति करने वाले नरेंद्र मोदी को अपने राज्य की तो चिन्ता करनी ही चाहिए। गुजरात के इन वीरों का सम्मान भी वीरों की इस धरती पर होना चाहिए। वहां लगता है कि हिन्दी प्रदेशों के फिरोती उद्योग की तरह फ्राड उद्योग चल रहा है जिसमें बैंकों का हज़ारों करोड़ रुपया साफ किया जा रहा है।
~ रवीश कुमार (NDTV)
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घर में पड़ी शराब देखकर डोल गया चोर का मन, 5.27 लाख रुपये सहित रंगे हाथों पकड़ा गया #news4
सुंदरनगर,संवाद सहयोगी। कहते हैं नशेड़ी को शराब मिल जाए तो वह सब भूल जाता। ऐसा ही रोचक मामला सुंदरनगर के बीबीएमबी में सामने आया है। यहां एक चोर ने घर से 5.27 लाख की चोरी कि, लेकिन घर में पड़ी अंग्रेजी शराब ��े उसके कदम ऐसे रोके की वह उसे पीकर वहीं सो गया और पकड़ा गया। हालांकि मकान मालिक ने पुलिस में मामला दर्ज नहीं करवाया है। सोमवार दोपहर के वक्त बीबीएमबी में नजदीक फायर स्टेशन के पास स्थित एक मकान…
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पुलिस की स्पेशल टीम ने सुलझाई चोरी की गुत्थी, 4 आरोपी गिरफ्तार
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