#चेहरे के लिए गर्मियों के नुस्खे
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sandhyabakshi · 5 years ago
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गर्मी और पसीने ने चेहरे को बना दिया है 'डल' तो ये उपाय ला सकते हैं निखार
गर्मी और पसीने ने चेहरे को बना दिया है ‘डल’ तो ये उपाय ला सकते हैं निखार
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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, अपडेटेड सत, 23 मई 2020 02:15 PM IST
गर्मी में लगातार निकलते पसीने की वजह चेहरे की स्किन मुरझा जाती है। क्योंकि अगर ऑली स्किन है तो पसीने के साथ निकलते तेल के कारण गंध की परत चेहरे पर जमा हो जाती है। और अगर स्किन अनुवाद है तो वापस पोचने के साथ ही स्किन भी अनुवाद और बेजान हो जाता है। यानी की दोनों ही तरह की स्किन के लिए गर्मियां समस्या लेकर आती हैं।…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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आलू से लेकर एलोवेरा तक, गर्मियों में आपके चेहरे को रखेंगे ये घरेलु पैक!
आलू से लेकर एलोवेरा तक, गर्मियों में आपके चेहरे को रखेंगे ये घरेलु पैक!
गर्मियों की शुरुआत के साथ ही लोग अपने चेहरे और त्वचा की सुरक्षा के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगते हैं। गर्मियों में आपका चेहरा ठंडा रहना चाहिए ताकि उसकी चमक कम न हो। गर्मियों में लोग अपने चेहरे को ठंडा रखने के लिए तरह-तरह के उत्पाद और नुस्खे आजमाते हैं। वे अपने आहार में ठंडे खाद्य पदार्थों को शामिल करने से लेकर चेहरे पर बर्फ लगाने तक का काम करते हैं। हालांकि इनका असर ज्यादा समय तक नहीं रहता और…
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sabkuchgyan · 4 years ago
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त्वचा में निखार लाने के लिए करें इस चीज का प्रयोग, एक बार जरूर पढ़ें यह खबर
त्वचा में निखार लाने के लिए करें इस चीज का प्रयोग, एक बार जरूर पढ़ें यह खबर
जैसा कि आप जानते ही हैं गर्मियों का मौसम आ चुका है और ऐसे में त्वचा पर कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं जिससे व्यक्ति का खूबसूरत चेहरा धीरे-धीरे खराब होने लगता है तथा चेहरे को आकर्षक दिखने के लिए लोग कई प्रकार के नुस्खे अपनाते हैं परंतु उसे उनको अधिक फायदा नहीं मिल पाता है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे प्रयोग के बारे में बताएंगे जिस के उपयोग से आपकी त्वचा खूबसूरत और चमकदार दिखने लगेगी साथ…
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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धातु (धात) रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Spermatorrhea (Dhat Rog) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
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धातु (धात) रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Spermatorrhea (Dhat Rog) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
धातु (धात) रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Spermatorrhea (Dhat Rog) Causes, Symptoms and Treatment in Hindi vinita pangeni Hyderabd040-395603080 December 20, 2019
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जिनके बारे में खुलकर बात करने में शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्हीं समस्या में से एक है, धात रोग। यह यौन संबंधी ऐसी समस्या है, जो खुद के प्रति बरती गई लापरवाही की वजह से होती है। इस बीमारी से ग्रसित होने पर आत्मविश्वास इस कदर डगमगा जाता है कि व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अगर भारत की बात करें, तो यहांं इस समस्या को आम माना गया है (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम धातु रोग को समझाने के साथ ही धातु रोग के कारण, लक्षण और बचाव से जुड़ी जानकारी देंगे। साथ ही धात रोग का इलाज और टिप्स के बारे में भी चर्चा करेंगे।
चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि धातु रोग क्या है?
विषय सूची
धातु रोग क्या है? – What is Spermatorrhea in Hindi
धात व धातु रोग, जिसे अंग्रेजी में स्पर्मेटर्रिया (Spermatorrhea) कहा जाता है, यह एक तरह की यौन समस्या है। इसमें बिना किसी यौन गतिविधि या इच्छा के वीर्यपात हो जाता है। कई बार पेशाब करते समय मूत्र के साथ भी वीर्य निकल जाता है (2)। इस स्थिति को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है (3)।
मेंग यी (Meng Yi): इसमें सपने देखते हुए नींद में ही वीर्यपात हो जाता है।
हुआ जिंग (Hua Jing): इसमें बिना सपने देखे नींद में या दिन में सचेत रहते हुए वीर्यपात हो जाता है।
धातु रोग क्या है, यह जानने के बाद आगे हम धातु रोग के कारण के बारे में बात करेंगे।
धातु रोग के कारण – Causes of Spermatorrhea in Hindi
धातु रोग यानी स्पर्मेटर्रिया एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव के लिए धात रोग के कारण के बारे में जानना जरूरी है। नीचे, हम धातु रोग के अनुमानित कारणों के बारे में बता रहे हैं (3) (4) (5) (6)।
भावनात्मक असंतुलन।
अधिक यौन गतिविधि।
शराब का सेवन।
Qi की क��ी (ऊर्जा की कमी)।
ह्रदय, लिवर, व किडनी में असंतुलन।
दवाओं का सेवन, जैसे – टोपिरामेट (Topiramate)।
एक्जिमा व दाद।
आंत में होने वाले कीड़े (Worm Infestation)।
अधिक हस्तमैथुन
आगे हम, धात रोग के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।
धात रोग के लक्षण – Symptoms of Spermatorrhea in Hindi
सिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी धात रोग हो सकता है। इसके कुछ लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। इसके कुछ आम लक्षण हम नीचे बता रहे हैं (7) (8) (9)।
मूड में अचानक बदलाव होना।
हर समय आलस महसूस होना।
एंहीडोनीय (Anhedonia) यानी किसी भी तरह के काम में मन न लगना।
एकाग्रता में कमी।
निराशाजनक अवसाद (उदासीन विचार, खुद को व्यर्थ समझना)।
नींद में कमी।
कम भूख लगना।
शारीरिक दुर्बलता।
घबराहट महसूस होना।
असमय वीर्यपात।
मनोरोग।
योनि स्राव (Vaginal Discharge)।
पेशाब के साथ वीर्य निकलना।
धात रोग के लक्षण के बाद आगे हम धातु रोग के जोखिम कारक के बारे में बता रहे हैं।
धातु रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Spermatorrhea in Hindi
किसी भी तरह की शारीरिक समस्या या रोग की चपेट में व्यक्ति यूं ही नहीं आ जाता है। उसके पीछे कई कारण छुपे होते हैं। इसी तरह धातु रोग होने के पीछे भी कई कारक हैं। इन्हीं कुछ आम जोखिम कारकों के बारे में नीचे क्रमवार बताया गया है (10) (11) (12) (9):
वीर्यपात के नुकसान से संबंधित मिथकों पर भरोसा करना।
कामुक साहित्य पढ़ना या चित्र देखना।
एडल्ट फिल्में देखना।
दोस्ती या प्यार में विश्वासघात।
कुछ अधूरी कामोत्तेजक इच्छाएं।
बुरी संगत।
चिंता करना।
यौन इच्छा संबंधी (Venereal) रोग।
यूरेनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) के कारण।
अधिक भोजन करना।
नींद खराब होना।
आनुवंशिक कारक।
पारिवारिक माहौल।
अपर्याप्त आहार का सेवन।
महिला नसबंदी (Tubectomy)।
अधिक हस्तमैथुन।
कब्ज।
लेख के अगले हिस्से में हम धातु रोग का इलाज क्या हो सकता है, यह विस्तार से बताएंगे।
धातु रोग का इलाज – Treatment of Spermatorrhea in Hindi
धात रोग का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। ऐसे में धातु रोग का इलाज करने के लिए इसकी वजह का पता ��गाना जरूरी है। डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति से उसकी दिनचर्या, जीवन और किसी अन्य बीमारी से संबंधित दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर किसी दवा के साइड इफेक्ट की वजह से धात रोग हुआ है, तो उन दवाओं को बदलने की सलाह दे सकते हैं। वहीं, अगर धातु रोग तनाव की वजह से हुआ है, तो डॉक्टर एंटी-एंजाइटी दवाएं लेने के साथ ही तनाव को कम करने की एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं (7)।
एक केस स्टडी के मुताबिक, धात रोग से ग्रसित व्यक्ति की डॉक्टर ने काउंसलिंग की, साथ ही कुछ व्यायाम करने को कहा और आहार संबंधी बदलाव करने की सलाह दी गई। इन बदलावों और काउंसलिंग के बाद धात रोगी में सुधार देखा गया (12)। वहीं, आयुर्वेद में धातु रोग का इलाज सिडा कॉर्डिफोलिया (Sida cordifolia) यानी बाला जड़ी बूटी के उपयोग से भी किया जाता है (13)।
धात रोग का इलाज जानने के बाद नीचे धातु रोग से संबंधित आहार के बारे में चर्चा करेंगे। इन आहार को शामिल करने से धात रोग के लक्षण से बचा जा सकता है।
धातु (धात) रोग आहार – Spermatorrhea (Dhat Rog) Diet in Hindi
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पोषण की कमी की वजह से भी धातरोग हो सकता है, इसलिए धात रोग के उपचार में खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। आहार पर ध्यान देते वक्त बीन्स से परहेज जरूर करना चाहिए (5)। धात रोग के लिए प्रोटीन, आयरन व बी-कॉम्प्लेक्स से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं (10)।
नीचे, हम धात रोग के लिए घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो धातु रोग का इलाज करने में तो नहीं, लेकिन धात रोग के लक्षण कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं (14) (15) (16) :
5 ग्राम बादाम, 5 ग्राम काली मिर्च, 2 ग्राम सौंठ और 5 ग्राम मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ एक माह तक लिया जा सकता है।
25-25 ग्राम सेमल की छाल और मिश्री को 250 ml गाय के दूध के साथ दिनभर में दो बार सेवन करें। सुबह और शाम को खाना खाने से पहले।
50 ग्राम चना और 5 बादाम को रातभर पानी में भीगोकर रखें और अगले दिन दूध के साथ एक महीने तक सेवन किया जा सकता है।
अर्जुन पेड़ (Terminalia arjuna) की छाल व जड़ के अर्क का सेवन चंदन के साथ किया जा सकता है।
माना जाता है कि ऑर्किड नामक फूल धातु रोग का इलाज करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, इसका सेवन भी धातु रोग के लक्षण को दूर करने में किया जा सकता है।
चलिए, अब धातु रोग से बचने के उपाय के बारे में जान लेते हैं।
धातु रोग से बचने के उपाय – Prevention Tips for Spermatorrhea in Hindi
धात रोग का ��चाव कैसे किया जाए, यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके कारण और जोखिम कारक से दूर रहकर जरूर इससे बचा जा सकता है। नीचे, हम धातु रोग के लक्षण कम करने और इससे बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं (17) (10)।
योग और व्यायाम।
स्ट्रेस से दूर रहें।
मादक पदार्थों के सेवन से बचें।
तम्बाकू व अवैध दवाओं का उपयोग न करें।
उत्तेजक किताबों को न पढ़ें।
किसी भी तरह की उत्तेजक वीडियो देखने से भी बचें।
मन में गंदे ख्याल न लाएं।
अधिक हस्तमैथुन न करें।
इस आर्टिकल से यह तो स्पष्ट हो गया कि धातु रोग कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। यहां बताए गए आहार और घरेलू उपचार को अपनाकर इस रोग के लक्षणों से बचा जा सकता है। साथ ही ध्यान रखें कि धात रोग के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना जरूरी है। आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी अगर धात रोग से संबंधित कुछ सवाल आपके जहन में उठ रहे हैं, तो उन्हें नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। आपको यह लेख कैसा लगा यह भी हमें जरूर बताएं और अगर आपका कोई जानने वाला इस रोग से ग्रसित है, तो उसके साथ भी इस आर्टिकल को जरूर साझा करें।
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vinita pangeni
विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगत�� है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/dhat-rog-ke-karan-lakshan-aur-ilaj-in-hindi/
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pradeshjagran · 6 years ago
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नैचरल उबटन बढ़ाएगा आपके फेस का ग्लो, 7 दिन में दिखेगा असर...
नैचरल उबटन बढ़ाएगा आपके फेस का ग्लो, 7 दिन में दिखेगा असर…
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दाग धब्‍बों से…
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sabkuchgyan · 5 years ago
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त्वचा में निखार लाने के लिए करें इस चीज का प्रयोग, एक बार जरूर पढ़ें यह खबर
त्वचा में निखार लाने के लिए करें इस चीज का प्रयोग, एक बार जरूर पढ़ें यह खबर #BeautyTips #GhreluNuskhe
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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गन्ने के रस (Ganne Ka Juice) के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sugarcane Juice Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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गन्ने के रस (Ganne Ka Juice) के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Sugarcane Juice Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki June 3, 2019
गर्मियों में गन्ने का जूस न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि अपने औषधीय गुण के कारण शरीर की रक्षा भी करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इस लेख में हमारे साथ जानिए गन्ने के रस के शारीरिक लाभ और इसके इस्तेमाल के विभिन्न तरीकों के बारे में।
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गन्ने के रस के फायदे – Benefits of Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) in Hindi
गन्ने की खेती इससे प्राप्त मीठे रस के लिए की जाती है। गन्ने से ही चीनी व गुड़ जैसे उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इन सबके अलावा, गन्ने का रस गर्मियों का सबसे खास पेय है। यह निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है और शरीर को थकान से मुक्त कर तरोताजा करता है। भारत में व्यापक रूप से गन्ने के रस का इस्तेमाल पीलिया, बदहजमी और कई मूत्र रोगों के उपचार में किया जाता है (1)। आंतरिक स्वास्थ्य के अलावा, इसका प्रयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है। नीचे जानिए गन्ने का रस किस प्रकार आपको शारीरिक लाभ पहुंचा सकता है।
सेहत के लिए गन्ने के रस के फायदे – Health Benefits of Sugarcane Juice in Hindi
1. बढ़ाता है उर्जा
अगर आप गर्मियों में निर्जलीकरण का सामना कर रहे हैं, तो गन्ने का जूस आपको तुरंत ऊर्जा देने का काम करेगा। गन्ने का रस थकान मिटाने के साथ-साथ आपको तरोताजा करने का काम करेगा। गन्ना प्राकृतिक शर्करा का एक अच्छा स्रोत है, जो आपके शरीर में खोए हुई शर्करा की पूर्ति करेगा।
2. पाचन स्वास्थ्य
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अगर आप पाचन समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको जल्द गन्ने के रस का सेवन शुरू कर देना चाहिए। गन्ना पोटैशियम से समृद्ध होता है (2), जो पेट को संतुलित रखने में मदद करता है और पाचन क्रिया को सरल बनाता है (3)।
3. लिवर स्वास्थ्य (पीलिया)
गन्ने का रस लिवर से संबंधित पीलिया बीमारी के लिए भी फायदेमंद माना जाता है (1)। लिवर की कार्यप्रणाली में रूकावट आने पर पीलिया होता है। यह स्थिति तब बनती है, जब शरीर में बिलीरुबिन अधिक बढ़ जाता है। बिलीरुबिन एक पीला रंगद्रव्य (pigment) है, जो लिवर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए आप रोजाना एक गिलास ताजा गन्ने का रस पी सकते हैं (4)।
4. लड़ता है कैंसर से
गन्ने का रस कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी रोकथाम करने का काम कर सकता है। यह फ्लेवेनॉइड से समृद्ध होता है (5), जो कैंसर से रोकथाम करने वाले एजेंट के रूप में जाना जाता है। फ्लेवेनॉइड, कोशिकाओं को संतुलित करने और कैंसर प्रभाव से बचाने का काम करता है (6)। भविष्य में कैंसर के जोखिम से बचने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं।
5. मधुमेह
मधुमेह के मरीज गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। गन्ने का रस आइसोमाल्टुलोज (Isomaltulose) नामक तत्व से समृद्ध होता, जिसे जापान और कई एशियाई देशों में शक्कर के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल ��िया जाता है। आइसोमाल्टुलोज में ग्लाइसेमिक की मात्रा कम होती है, यानी इसका इस्तेमाल मधुमेह ��े पीड़ित मरीज कर सकते हैं। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा नियंत्रण करता है और मरीजों को अन्य पोषण भी प्रदान करता है (7)।
6. करता है वजन कम
वजन घटाने के प्राकृतिक नुस्खे के रूप में आप गन्ने के रस का सेवन शुरू कर सकते हैं। गन्ना फाइबर से युक्त होता है, जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटाने का काम कर सकता है। फाइबर शरीर में फैट को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है (8)।
7. बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। यह प्राकृतिक पेय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो संक्रमण से लड़ने का काम करता है और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। यह मूत्र मार्ग से जुड़े संक्रमण और किडनी स्टोन जैसी समस्���ाओं पर भी प्रभावी असर डालता है (9)।
8. बुखार
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जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है, जो शरीर में बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण होने वाले संक्रमण व बुखार से हमारी रक्षा करता है। इसके अलावा, यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है (9), (10)।
9. एसिडिटी
गन्ने में मौजूद पोटैशियम पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, जिससे गैस व एसिडिटी जैसी समस्याओं के होने की आशंका बहुत हद तक कम हो जाती है (2), (3)।
10. गर्भावस्था में लाभदायक
गर्भावस्था के दौरान गन्ने का रस अहम भूमिका निभा सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और गर्भावस्था के दौरान वजन को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा, गन्ने का लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। एक गिलास गन्ने के रस के साथ अदरक का रस गर्भवती महिलाओं में मार्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकता है।
गन्ने का जूस कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन से समृद्ध स्रोत है, इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और गर्भावस्था के दौरान खनिज की कमी की पूर्ति करता है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए भी गन्ने के रस का सेवन किया जा सकता है (11)।
नोट : गर्भावस्था एक नाजुक दौर होता है। इसलिए, गन्ने का जूस पीने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
11. दंत स्वास्थ्य
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गन्ना आपके दांतों के लिए भी लाभदायक हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर देर तक गन्ना चबाया जाए, तो यह दांतों में कैविटी की समस्या को दूर ��कता है (12)।
12. गले में दर्द
गन्ने के रस के फायदे यहां समाप्त नहीं होते, गन्ने के रस का सेवन गले के दर्द के लिए भी किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं, जो दर्द से निजात दिलाने का काम कर सकते हैं (13)।
13.भरता है घाव
पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ गन्ने का रस घाव को जल्द भरने का काम भी कर सकता है। गन्ना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है और एंटीऑक्सीडेंट संक्रमित व गैर-संक्रमित घाव को जल्द भरने का काम कर सकता है। इसके अलावा, गन्ना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है, जिससे शरीर को किसी भी प्रकार के घाव से लड़ने में मदद मिलती है (9), (14)।
14. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से (गुर्दे, मूत्राशय या मूत्रमार्ग) में संक्रमण को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कहा जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को पेशाब करते हुए जलन व दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है (15)। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं। गन्ने का जूस एक कारगर मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को दूर करने और किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकता है (9)।
15. नाखूनों के लिए
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नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए भी गन्ना आपकी मदद कर सकता है। गन्ना कैल्शियम से समृद्ध होता है, जो नाखूनों को मजबूत बनाने का काम करता है (2), (16)।
16. मांसपेशियों की ताकत
गन्ने के रस के स्वास्थ्य लाभों में मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना भी शामिल है। गन्ना ग्लूकोज का अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी तत्व माना जाता है (18)।
आंतरिक स्वास्थ्य के लिए गन्ने का रस के फायदे जानने के बाद आइए जानते हैं त्वचा के लिए गन्ने के गुण।
त्वचा के लिए गन्ने के जूस के फायदे – Skin Benefits of Sugarcane Juice in Hindi
17. मुंहासों के लिए
गन्ने का जूस अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) का अच्छा स्रोत है, तो त्वचा के लिए खास तत्व माना जाता है। अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड में ग्लाइकोलिक एसिड, लैक्टिक एसिड, मैलिक एसिड, टार्टरिक एसिड और साइट्रिक एसिड मौजूद होते हैं, जिनका कॉस्मेटिक उत्पादों में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। मुंहासों से निजात दिलाने में ये एसिड अहम भूमिका निभा सकते हैं (19)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
गन्ने का रस (आवश्यकतानुसार)
मुल्तानी मिट्टी (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
मुल्तानी मिट्टी में गन्ने का रस डालकर पेस्ट बना लें।
अब अपने चेहरे और गर्दन पर यह पेस्ट लगाएं।
लगभग 20 मिनट तक चेहरे पर पेस्ट लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
हफ्ते में एक-��ो बार इस उपाय को कर सकते हैं।
18. चमकती त्वचा के लिए
गन्ने का रस के फायदे में चमकती त्वचा भी शामिल है। गन्ने का रस त्वचा के लिए खास माना जाता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव त्वचा पर भी पड़ता है। गन्ने के रस में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं, जिससे त्वचा की चमक बनी रहती है (9), (20)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
एक चौथाई कप गन्ने का रस
एक चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
गन्ने के रस में शहद को मिलाएं।
इसे चेहरे और गर्दन पर लोशन की तरह लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
20 मिनट बाद आप ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।
19. स्किन एजिंग
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गन्ने के गुण यहां समाप्त नहीं होते। गन्ने का रस एजिंग से छुटकारा देने का काम कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एक कारगर एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है, जो झुर्रियों की समस्या और झुर्रियों को बढ़ावा देने वाली सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है (9), (20)।
कैसे करें इस्तेमाल
सामग्री :
2-3 चम्मच गन्ने का रस
चुटकी भर हल्दी
प्रयोग की विधि :
गन्ने के रस में हल्दी को मिलाएं।
इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और 10-12 मिनट के लिए छोड़ दें।
अब चेहरे को गुनगने पानी से धो लें।
यह उपाय आप सप्ताह में दो बार कर सकते हैं।
त्वचा के लिए गन्ने के रस के फायदे जानने के बाद आइए जान लेते हैं गन्ने के जूस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।
गन्ने के जूस के पौष्टिक तत्व – Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) Nutritional Value in Hindi
पोषक तत्व मात्रा प्रति (28.35) प्रोटीन 0.20 g पानी 0.19 g वसा 0.09 g कैलोरी कुल कैलोरी 111.43 कार्बोहाइड्रेट से कैलोरी – वसा से कैलोरी 0.03 प्रोटीन से कैलोरी – कार्बोहाइड्रेट कुल कार्बोहाइड्रेट 27.40 g शुगर 25.71 g विटामिन राइबोफ्लेविन 0.16 mg नियासिन 0.20mg पैंटोथैनिक एसिड 0.09mg मिनरल्स कैल्शियम 32.57mg आयरन 0.57mg मैग्नीशियम 2.49mg फास्फोरस 0.01mg पोटैशियम 162.86mg कॉपर 0.09mg मैंगनीज 0.09mg
गन्ने के रस के फायदे और इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बाद नीचे जानिए इसका सेवन किस प्रकार किया जा सकता है।
गन्ने के रस का उपयोग – How to Use Sugarcane Juice in Hindi
गन्ने का रस एक लाभकारी प्राकृतिक पेय है, जिसका सेवन आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। नीचे जानिए गन्ने के रस की कुछ बेहतरीन रेसिपी :
1. घर का बना गन्ने का रस
सामग्री :
एक गन्ना
एक बड़ा चम्मच अदरक कटा हुआ
नींबू का रस स्वाद के लिए
काला नमक स्वाद के लिए
बनाने की प्रक्रिया :
गन्ने का छिल्का उतारकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालें और कुछ देर तक अच्छी तरह ब्लेंड करें।
अब अपने हाथों की मदद से ब्लेंड सामग्री से रस निचोड़कर गिलास में डालें।
निकाले गए रस को कुछ देर ठंडा करें और पिएं।
2. गन्ना और अदरक से बना स्लश
सामग्री :
एक कप गन्ने का रस
एक चम्मच अदरक का रस
आधा छोटा चम्मच काला नमक
बनाने की प्रक्रिया :
��ामग्री को मिलाएं और 12 घंटे के लिए रेफ्रिजरेटर ट्रे में फ्रीज करें।
अब फ्रीज गन्ने के मिश्रण को निकालें और थोड़ी देर ब्लेंड करें।
कप में शुगरकेन स्लश को निकालें और आनंद लें।
3. अन्य रस
आप गन्ने के रस को अन्य फलों के रस के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं, जैसे :
अनार का रस
तरबूज का रस
नारियल पानी
मोसंबी का रस
गन्ने के रस के फायदे, इसमें मौजूद पौष्टिक और उपयोग के तरीकों के बाद नीचे जानिए इसे घर में कैसे स्टोर करें।
गन्ने का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Sugarcane in Hindi
चयन : गन्ने का जूस का आनंद लेने के लिए इसका सही चुनाव भी बहुत जरूरी है। हमेशा पीले हो चुके गन्ने का ही चुनाव करें, जिनकी पत्तियां सूखी हों। गन्ने पर उंगली से हल्की चोट मारकर देखें, अगर आवाज किसी धातु से टकराने जैसी आती है, तो इसका मतलब है कि गन्ना पूरी तरह से पक चुका है।
स्टोर : जब भी आप बड़ा गन्ना खरीदें, तो उसे छोटे टुकड़ों में काट लें, ताकि आप उसे अच्छी तरह फ्रिज में स्टोक कर सकें। गन्ने को रेफ्रिजरेटर में रखने से पहले उसके छिल्के उतारना न भूलें। आप गन्ने के टुकड़ों को प्लास्टिक से कवर भी कर सकते हैं, ताकि बाहरी नमी से ये बचे रहें। अगर सही से प्रक्रिया का पालन किया जाए, तो गन्ने को दो सप्ताह तक स्टोर किया जा सकता है।
गन्ने के जूस के नुकसान – Side Effects of Sugarcane Juice (Ganne ka Juice) in Hindi
इसमें कोई शक नहीं कि गन्ने का रस एक गुणकारी पेय पदार्थ है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है :
गन्ना ठंडी तासीर का होता है, इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से बचें।
सड़क किनारे बिकने वाले गन्ने के रस से बचें, क्योंकि इस रस में हानिकारक कीटाणु हो सकते हैं, जो पेट संबंधी समस्या का कारण बन सकते हैं।
बहुत देर पहले निकला हुआ गन्ने का रस न पिएं, इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
गर्मियों के दौरान गन्ने का रस किसी औषधि से कम नहीं, इसलिए जब भी मौका मिले गन्ने के रस का सेवन करें। साथ ही ध्यान रखें कि इसका रस साफ तरीके से निकाला गया हो। गंदगी के संपर्क में आने से यह नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो गन्ने के रस का सेवन प्राकृतिक दवा के रूप में करें। नियमित सेवन के दौरान अगर आप अपने में किसी शारीरिक समस्या के लक्षण देखते हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। किसी भी प्रकार के सुझाव और जानकारी के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स का प्रयोग कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
गन्ने के रस को कब तक पिया जा सकता है?
कोशिश करें कि गन्ने का रस ताजा ही पिएं। अगर गन्ने के रस को फ्रिज में नहीं रखा गया है, तो यह ��धा या एक घंटे बाद खराब होने लगता है।
क्या सर्दी-जुकाम के लिए गन्ने का रस ठीक होता है?
गन्ना का रस एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो एक कारगर एंटी इंफ्लुएंजा है। सर्दी-जुकाम के दौरान इसका रस पिया जा सकता है (9), (21)।
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Nripendra Balmiki
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ganne-ke-ras-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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सेंधा नमक के फायदे, उपयोग और नुकसान – Epsom Salt (Sendha Namak) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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सेंधा नमक के फायदे, उपयोग और नुकसान – Epsom Salt (Sendha Namak) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Arpita Biswas May 1, 2019
क्या आपने कभी ध्यान दिया कि सैलून में आपके पेडीक्योर टब में क्या होता है? जब आपके पैरों में दर्द होता है या सूजन आती है, तो घर के बड़े-बुजुर्ग एक खास नमक के पानी में पैर डालकर रखने के लिए क्यों कहते थे? क्या आप जानते हैं कि यह कौन सा नमक होता है? अगर आपको लगता है कि यह हर रोज खाने में उपयोग होने वाला नमक है या रॉक साल्ट है, तो आप गलत हैं। इस खास नमक को एप्सम सॉल्ट कहते हैं। हालांकि, इसे सेंध या सेंधा नमक भी कहते हैं, लेकिन यह रॉक सॉल्ट यानी व्रत में खाने वाला सेंधा नमक नहीं है। इस लेख में हम सेंधा नमक के फायदे बताएंगे, जिसके बारे में शायद कम लोग ही जानते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सेंधा नमक के गुण के बारे में विस्तार से बताएंगे।
विषय सूची
सबसे पहले सवाल यह उठता है कि सेंधा नमक क्या है?
सेंधा नमक क्या है – What is Epsom Salt in Hindi
एप्सम सॉल्ट (epsom salt in hindi) यानी सेंधा नमक को रासायनिक रूप से मैग्नीशियम सल्फेट कहा जाता है। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे – दिल की बीमारी, डायबिटीज और ऐसी ही कई अन्य परेशानियां। बेशक, सेंधा नमक खाना लाभकारी है, लेकिन उससे भी ज्यादा असरदार इसे पानी में डालकर नहाने या स्प्रे के रूप में लगाने से हो सकता है (1)। सेंधा नमक के फायदे जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
सेंधा नमक के फायदे – Benefits of Epsom Salt in Hindi
1. तनाव को कम करने के लिए सेंधा नमक के फायदे
आजकल की जीवनशैली में लोगों पर काम का दबाव इतना है कि हर कोई तनाव की समस्या से जूझ रहा है। इस स्थिति में सेंधा नमक के पानी से नहाने या फ्लोटेशन रेस्ट (Floatation-REST) की थेरेपी लेने पर तनाव काफी हद तक कम हो सकता है। इस थेरेपी के दौरान पीड़ित व्यक्ति को नमक वाले गुनगुने पानी से भरे टैंक में बैठाया जाता है(2) (3)।
इस तरह उपयोग करें :
हफ्ते में दो से तीन बार नहाने का पानी गर्म करके उसमें लगभग दो कप सेंधा नमक डालकर उससे नहाएं। ध्यान रहे पानी गर्म नहीं, बल्कि गुनगुना होना चाहिए।
2. पैर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव व चोट के लिए सेंधा नमक के फायदे
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पूरे दिन घर व ऑफिस के बीच भागादौ��ी और अन्य कामों के बाद रात को पैर दर्द की शिकायत कई लोगों को होती है। ऐसे में अगर आप गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर उससे नहाते हैं, तो आराम मिलता है। नहाने की जगह आप रात को गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर अपने पैरों को कुछ देर पानी में डालकर रख सकते हैं। इससे न सिर्फ आपको पैर दर्द से आराम मिलेगा, बल्कि अगर पैर में कोई फंगल इन्फेक्शन है, तो उससे भी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं सेंधा नमक के पानी से मांसपेशियों में खिंचाव, ऐंठन या दर्द की समस्या से भी काफी आराम मिल सकता है (4) (5)। आप इसे होम पेडीक्योर की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण चोट और उसके दर्द को भी कम कर सकते हैं (6)।
नोट : अगर आपके पैरों में शुगर की वजह से घाव या छाले हैं, तो आपके लिए यह करना उचित नहीं होगा। बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से एक बार पूछ लें।
3. इंसुलिन उत्पादन और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सेंधा नमक के फायदे
आजकल कई लोग डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं। लापरवाही बरतने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। कई बार शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी डायबिटीज का कारण हो सकती है। जिन्हें डायबिटीज होती है, उनके शरीर से मैग्नीशियम यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है। ऐसा होने से टिश्यू इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाते हैं। मैग्नीशियम की कमी से इंसुलिन हार्मोन के स्तर में कमी हो सकती है, जिस कारण डायबिटीज की समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए, सेंधा नमक के सेवन से इंसुलिन प्रतिरोध कम हो सकता है (7) (8) (9)।
इन जटिलताओं के कारण ग्लूकोज रक्त में बना रहता है और मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की अवस्था ज्यादा बिगड़ जाती है। ऐसे में सेंधा नमक के सेवन से डायबिटीज के मरीजों को काफी हद तक फायदा हो सकता है, लेकिन खुराक और सेवन का तरीका भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, बेहतर होगा कि इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
4. पेट साफ करने के लिए
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अगर पेट ठीक नहीं है, तो उससे कई और परेशानियां शरीर में होने लगती हैं। अगर आपको पेट दर��द व ऐंठन के कारण रात में नींद नहीं आती है, तो सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप कब्ज या पेट की परेशानियों से बचे रहें, तो आप सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। सेंधा नमक में लैक्सेटिव यानी पेट साफ करने के गुण मौजूद होते हैं (10)। इसके सेवन से कब्ज और पेट की समस्या से काफी हद तक आराम मिल सकता है।
5. स्प्लिंटर, पैर के नाखून में फंगस या इंफ्लमेशन
लकड़ी का काम करने वाले लोगों को अक्सर स्प्लिंटर की समस्या हो ��ाती है। कई बार यह समस्या कष्टदायी भी हो जाती है। वहीं, कुछ लोगों को पैरों के नाखून में संक्रमण, फंगस या सूजन की समस्या हो जाती है। कई बार यह समस्या दवाई से भी ठीक नहीं होती है। इस स्थिति में घरेलू उपाय लाभकारी हो सकता है (5)। घरेलू उपाय के तौर पर आप सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर उसमें हाथ या पैर जो भी प्रभावित अंग है, उसे करीब 30 मिनट तक डाले रखें। इससे आपको आराम मिलेगा। अगर शरीर में मैग्नीशियम का स्तर सही और संतुलित हो, तो संक्रमण, सूजन व अन्य समस्याओं से बचाव हो सकता है (11) (12)। इससे त्वचा हाइड्रेट रहती है और त्वचा संबंधित सूजन से भी बचाव हो सकता है (13)।
6. वजन कम करने के लिए सेंधा नमक के फायदे
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वजन बढ़ने की शिकायत आजकल हर किसी को होती है। इसका सबसे बड़ा कारण गलत जीवनशैली और खराब खान-पान है। मोटापे से कई और शारीरिक समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए न सिर्फ अपनी जीवनशैली में सुधार करें, जैसे – व्यायाम व योग करें, साथ ही खानपान में भी सुधार करें। वहीं, इसी के साथ सेंधा नमक का सेवन भी किया जाए, तो वजन कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
7. पाचन के लिए सेंधा नमक
गलत खान-पान के कारण कई लोगों को पेट और पाचन से संबंधित समस्याएं होती हैं। पाचन शक्ति को सुधारने के लिए आप सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। इसमें लैक्सेटिव यानी पेट साफ करने का गुण होता है, जिससे कि पाचन शक्ति में सुधार होगा (10)।
8. दिल के स्वास्थ्य के लिए सेंधा नमक के फायदे
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अब तनाव भरी जिंदगी में दिल को स्वस्थ रखना मुश्किल हो गया है। ऐसे में संतुलित जीवनशैली और अच्छा खान-पान का पालन करना जरूरी है। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खे भी आजमाने चाहिएं, उन्हीं में से एक है सेंधा नमक का सेवन। यह दिल की सुरक्षा करता है। यह दिल के दौरे, कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और अन्य बीमारियों से बचाव कर सकता है। इसलिए, आप अपने आहार में सेंधा नमक को जरूर शामिल करें (14)।
9. सिरदर्द के लिए सेंधा नमक के फायदे
आजकल कई लोगों को सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या होती है। काम का तनाव, खराब जीवनशैली व गलत खान-पान की वजह से यह परेशानी और बढ़ने लगती है। इसलिए, जब भी सिरदर्द की समस्या हो, तो सेंधा नमक के पानी से नहाएं, इससे काफी आराम मिल सकता है। इसके अलावा, कई बार मैग्नीशियम सल्फेट को इंजेक्शन के जरिए भी दिया जाता है, जिससे सिरदर्द की समस्या से आराम मिल सकता है (15)।
10. दर्द को कम करने के लिए सेंधा नमक
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एक वक्त था जब एक उम्र के बाद ही शरीर में दर्द की समस्याएं होती थीं, लेकिन आज ऐसा नहीं है। अभी के वक्त में बीमारिय���ं और दर्द उम्र देखकर नहीं आते हैं। आजकल कई लोगों को पेट दर्द, मांसपेशियों में दर्द व ऐंठन की परेशानी होती है। ऐसे में सेंधा नमक से नहाने या उसके सेवन से दर्द की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है (16)।
11. सेंधा नमक डिटॉक्सीफिकेशन के लिए
गलत खान-पान के कारण हमारे शरीर में कई विषैले तत्व जमा हो जाते हैं। अगर इनको बाहर न निकाला गया, तो कई तरह की शारीरिक समस्याएं शुरू हो जाती है। इसलिए, शरीर को डिटॉक्सीफिकेशन की जरूरत होती है। इस स्थिति में सेंधा नमक बहुत फायदेमंद हो सकता है। आप इसका सेवन कर सकते हैं या हफ्ते में कम से कम एक बार सेंधा नमक के पानी से नहा भी सकते हैं (6)।
12. त्वचा के लिए सेंधा नमक
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हर कोई अपनी त्वचा का ध्यान रखता है, क्योंकि स्वस्थ त्वचा आपके व्यक्तित्व को और निखारती है। इसके लिए लोग तरह-तरह की क्रीम, मेकअप व उपचार का सहारा लेते हैं। इनका असर कुछ वक्त तक ही रहता है और बाद में त्वचा फिर से बेजान लगने लगती है। ऐसे में घरेलू उपचार फायदेमंद साबित होते हैं और सेंधा नमक उन्हीं में से एक है। इससे न सिर्फ त्वचा एक्सफोलिएट होती है, बल्कि साफ भी होती है। आप चेहरा साफ या एक्सफोलिएट करने के लिए आधा चम्मच सेंधा नमक को अपने क्लींजिंग क्रीम के साथ उपयोग कर सकते हैं। इसे लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश कर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें (6)।
चेहरे को साफ करने के लिए सेंधा नमक उपयोग करने की विधि :
अगर आपको अपने चेहरे को साफ करना है, तो आप अपनी क्लींजिंग क्रीम में सेंधा नमक मिलाकर उसे अपने चेहरे पर स्क्रब की तरह लगाएं और फिर ठंडे पानी से धो लें।
13. सनबर्न के लिए सेंधा नमक
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, उसका असर हमारी त्वचा पर भी पड़ने लगता है। गर्मियों में सबसे ज्यादा सनबर्न की समस्या होती है, जो कई बार काफी कष्टदायी भी होती है। ऐसे में अगर सनबर्न से राहत चाहिए, तो सेंधा नमक बहुत लाभकारी हो सकता है। इसके उपयोग से सनबर्न की परेशानी कम हो सकती है (17)।
सनबर्न के लिए सेंधा नमक :
सामग्री :
दो चम्मच सेंधा नमक
एक कप गर्म पानी
स्प्रे बोतल
रूई
बनाने और उपयोग करने की विधि :
एक कटोरी गर्म पानी में सेंधा नमक को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
अब इस मिश्रण को ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
ठंडा होने के बाद इसे स्प्रे बोतल में डाल लें और जहां-जहां आपको सनबर्न है, वहां-वहां स्प्रे करें।
आप चाहें तो रूई से भी लगा सकते हैं।
फिर थोड़ी देर बाद ठंडे पानी से धो लें।
14. बालों के लिए सेंधा नमक
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मजबूत, घने व चमकदार बाल लगभग हर किसी की चाहत होती है, लेकिन व्यस्त दिनचर्या के कारण बालों की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से कई महिलाएं अपने बाल छोटे करा लेती हैं। हालांकि, महिलाएं बालों की चमक बढ़ाने के लिए तरह-तरह के शैंपू व स्टाइल ट्रीटमेंट भी उपयोग करती हैं, लेकिन इनका असर बस कुछ वक्त तक ही रहता है। ऐसे में सेंधा नमक बालों के लिए गुणकारी हो सकता है। इससे बाल घने व स्वस्थ रहेंगे और बालों में नई चमक आएगी। आप इसे बालों के स्प्रे की तरह भी उपयोग कर सकते हैं (6)।
कैसे लगाएं :
एक कटोरी में कंडीशनर और सेंधा नमक सामान मात्रा में लेकर उसका मिश्रण बना लें।
अब इस पेस्ट को बालों की जड़ों से लेकर सिरे तक लगाकर दो मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर ठंडे पानी से बाल धो लें।
नोट : अगर आपके बाल कलर किए हुए हैं, तो इसे लगाने से बचें या लगाने से पहले किसी विशेषज्ञ की राय लें, क्योंकि सेंधा नमक में मैग्नीशियम होता है, जिससे कलर बालों पर प्रभाव पड़ सकता है और बालों का रंग हल्का पड़ सकता है।
जरूरी जानकारी – कोशिश करें कि सेंधा नमक को खाने के बजाय उसका बाहरी तरीके से उपयोग करें, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है और अचानक इसके रक्त में घुलने से समस्या हो सकती है।
15. रूसी के लिए सेंधा नमक
स्कैल्प में खुजली या डैंड्रफ की समस्या से भी बाल खराब होने लगते हैं। हालांकि, कई लोग एंटी-डैंड्रफ शैम्पू का भी उपयोग करते हैं, लेकिन उससे फायदा नहीं होता। इस स्थिति में सेंधा नमक अच्छा विकल्प है। आप अपने शैंपू में सेंधा नमक डालकर उससे बाल धोएं। यह बालों को प्राकृतिक तरीके से साफ कर उन्हें स्वस्थ बनाएगा। नीचे हम रूसी के लिए सेंधा नमक की एक विधि भी बता रहे हैं ।
सामग्री :
सेंधा नमक
कैसे उपयोग करें?
अपने बालों को पानी से भिगो लें।
फिर अपने स्कैल्प पर सेंधा नमक से हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
उसके बाद शैम्पू और कंडीशर से बाल धो लें।
अब जब आप सेंधा नमक के फायदे जान ही गए हैं, तो अब वक्त आता है सेंधा नमक के उपयोग करने के तरीके जानने का।
सेंधा नमक का उपयोग – How to Use Epsom Salt in Hindi
नीचे हम आपको इसे कितना उपयोग करना चाहिए और कैसे-कैसे उपयोग कर सकते हैं उसके बारे में बता रहे हैं।
1. पैरों को भिगोने के लिए
आधा कप सेंधा नमक + एक बाथटब गर्म पानी
2. नहाने के लिए
दो कप सेंधा नमक + गर्म पानी से भरा बाथटब
अगर बाल्टी का उपयोग कर रहे हैं तो
एक कप सेंधा नमक + एक बाल्टी गर्म पानी
नोट: ध्यान रहे कि पानी गुनगुना हो ज्यादा गर्म नहीं, वरना आपकी त्वचा जल सकती है। इसके अलावा, नहाने के वक्त साबुन का उपयोग न करें, क्योंकि साबुन के साथ सेंधा नमक के उपयोग से रिएक्शन या एलर्जी हो सकती है।
3. आप चाहें तो इसे चेहरे या त्वचा पर स्क्रब की तरह भी उपयोग कर सकते हैं।
4. इसे बालों के लिए हेयर क्लींजर या स्क्रब की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
5. आप इसे दांतों की चमक बढ़ाने या मुंह की बदबू हटाने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
6. आप इसे हैंडवॉश की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
नोट : हालांकि, इसकी सटीक खुराक कितनी होनी चाहिए, उस बारे में आप अपने डॉक्टर से बात करें, क्योंकि हर किसी शरीर की जरूरत अलग है। ऐसे में विशेषज्ञ की राय लेना सही है। इसके अलावा, अगर आपको एलर्जी की समस्या है या आपको जल्द ही किसी चीज से एलर्जी हो जाती है, तो ऐसे में भी आप इसका सेवन या उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
सेंधा नमक के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं।
��ेंधा नमक के नुकसान – Side Effects of Epsom Salt in Hindi
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सेंधा नमक के अति सेवन से कुछ नुकसान भी होते हैं। नीचे हम आपको उसके कुछ नुकसान के बारे में भी बता रहे हैं।
अगर आपको डायबिटीज है और आपको कहीं चोट या घाव है, तो सेंधा नमक के उपयोग से परेशानी और बढ़ सकती है।
इसके ज्यादा सेवन से डायरिया की समस्या हो सकती है।
गर्भवती महिलाएं सेंधा नमक का उपयोग न करें। अगर सेवन करना है, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह कर लें।
सेंधा नमक में आयोडीन की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए, अगर आयोडीन की कमी की बीमारी से बचना है, तो इसके साथ आयोडीन युक्त नमक का भी सेवन करें।
इससे एलर्जी की समस्या हो सकती है।
अगर सेंधा नमक को सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो सेंधा नमक के फायदे अनेक हैं। इसलिए, इसके नुकसानों को पढ़कर घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि किसी भी चीज का अत्यधिक उपयोग हानिकारक होता है। सेंधा नमक के गुण को पाने के लिए इसका सही तरीके से उपयोग करें और हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में अपने अनुभव शेयर करें। साथ ही अगर आपके पास सेंधा नमक की कोई रेसिपी या उपयोग के तरीके पता हैं, तो उसे भी हमारे साथ साझा करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
क्या गठिया को ठीक करने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है?
गठिया एक एंटी-इंफ्लेमेटरी बीमारी है। इसे ठीक करने के लिए सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है। सेंधा नमक विभिन्न कारणों से उत्पन्न सूजन से राहत दिला सकता है। मैग्नीशियम के जरिए बैक्टीरियल संक्रमण (सेल्युलाइटिस), एथलीट फुट, चोट या खरोंच आदि से बचाव हो सकता है। मैग्नीशियम शरीर में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) उत्पादन को कम करता है। सीआरपी शरीर में सूजन को बढ़ाता है। ऐसे में अगर मैग्नीशियम बढ़ेगा, तो सीआरपी स्तर कम होगा।
सेंधा नमक के विकल्प क्या हैं?
फुट सोक या नहाने के लिए समुद्री नमक एक सुरक्षित विकल्प है। अपनी त्वचा, पैर और स्कैल्प को स्वस्थ रखने के लिए आप ओटमील, सेब का सिरका या एसेंशियल ऑयल का उपयोग कर सकते हैं।
क्या आप सेंधा नमक खा सकते हैं ?
सेंधा नमक का मौखिक सेवन करने की सलाह कम ही दी जाती है, क्योंकि खून में मैग्नीशियम के अचानक बढ़ने से इसके दुष्प्रभाव होते हैं। इसलिए, इसका सेवन करते वक्त आपको बहुत सारे तरल पदार्थ लेने पड़ते हैं। इसलिए, इसके सेवन से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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Arpita Biswas
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चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे – Ice Benefits for Skin in Hindi
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चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे – Ice Benefits for Skin in Hindi
Arpita Biswas February 11, 2019
गर्मियों में बर्फ का छोटा-सा टुकड़ा जादू की तरह काम करता है। यह न सिर्फ आपको ठंडक देता है, बल्कि आपकी त्वचा और चेहरे के लिए फायदेमंद भी है। यकीन मानिए बर्फ के फायदे अनेक हैं। चाहे आप पिंपल की समस्या से परेशान हों या आप गर्मी के मौसम में अपने मेकअप को पिघलने से बचाना चाहते हों, बर्फ इन सभी परेशानियों से राहत दिलाएगा।
विषयसूची
जब आपको लगे कि बार-बार पसीना होने से आपके चेहरे की चमक खाने लगी है और कोई भी ब्यूटी हैक काम नहीं आ रहा है, तो ऐसे में बर्फ का टुकड़ा का अच्छा घरेलू नुस्खा साबित हो सकता है। इस लेख में हम चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे बता रहे हैं, जिससे आप अपनी त्वचा को गर्मियों के मौसम में होने वाली समस्याओं से बचा सकते हैं।
क्या चेहरे पर बर्फ रगड़ना सही है?
व्यस्त दिनचर्या के बाद चेहरे पर बर्फ रगड़ने से आपको न सिर्फ ठंडक का एहसास देगा, बल्कि आप तरोताजा भी महसूस करेंगे। बर्फ रगड़ने से चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे निखार आता है। इतना ही नहीं बर्फ से आइस फेशियल भी किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक प्रचलित कोरियाई ब्यूटी ट्रेंड है। इस ट्रेंड ने दुनिया भर में सौंदर्य के प्रति लोगों को जागरूक कर चेहरे पर बर्फ रगड़ने के लिए प्रेरित किया है।
अब आगे हम त्वचा के लिए बर्फ के फायदे और उपयोग बता रहे हैं।
चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे – Benefits Of Rubbing Ice Cubes On Face in Hindi
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��र्फ का एक छोटा-सा टुकड़ा आपके चेहरे पर जादू की तरह काम करेगा। यकीन नहीं होता, तो नीचे त्वचा के लिए बर्फ के फायदे जानें।
1. चमकती त्वचा
खूबसूरत और चमकदार चेहरे की चाहत हर किसी को होती है, लेकिन धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण त्वचा अपनी प्राकृतिक चमक खोने लगती है। ऐसे में लोग तरह-तरह की क्रीम और लोशन लगाते हैं, जिसका असर सिर्फ कुछ समय तक ही रहता है। ऐसे में कई बार लोग घरेलू उपाय भी करते हैं, लेकिन वक्त की कमी के चलते इसे नियमित नहीं रख पाते। इस स्थिति में बर्फ का टुकड़ा उपयोगी साबित हो सकता है। बर्फ से चेहरे की मालिश काफी फायदेमंद होती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और चेहरे में चमक आती है। चेहरे पर बर्फ रगड़ने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जो शुरू में आपकी त्वचा में रक्त के प्रवाह को कम करती हैं। उसे संतुलित करने के लिए शरीर आपके चेहरे पर अधिक रक्त संचार करना शुरू कर देता है, जिससे आपका चेहरा खिला-खिला और चमकदार नजर आता है।
2. उत्पादों को अवशोषित करने का गुण
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है कि अगर आप अपनी त्वचा पर नाइट क्रीम या कोई सीरम लगाने के बाद बर्फ रगड़ते हैं, तो क्रीम आपकी त्वचा में अच्छे से अवशोषित हो जाएगी। बर्फ आपके चेहरे पर कोशिकाओं को संकुचित करती है और आपकी त्वचा पर खींचने का प्रभाव बनता है, जो बदले में आपके चेहरे पर लगी हुई किसी भी तरह की क्रीम या लोशन को अच्छे से अवशोषित कर लेता है।
3. डार्क सर्कल होते हैं कम
आंखों के नीचे काले घेरे यानी डार्क सर्कल्स अच्छे खासे खूबसूरत चेहरे पर दाग की तरह होते हैं। नींद पूरी न होना, तनाव, पोषण की कमी और कई अन्य कारणों से यह परेशानी होती है। हालांकि, कई महिलाएं इसे मेकअप और पुरुष चश्मा पहनकर ढक लेते हैं, लेकिन इनका उपचार न करने पर हमेशा के लिए आपके चेहरे का हिस्सा बन जाते हैं। ऐसे में अगर आप अपनी व्यस्त जिंदगी में थोड़ा-सा वक्त निकालकर अपनी आंखों के नीचे बर्फ लगाएं, तो आपको इससे छुटकारा मिल सकता है। यह आइस क्यूब थोड़ा-सा अलग होता है और इसके लिए आपको बस आसान घरेलू उपाय करना होगा।
पहले आप थोड़ा-सा गुलाब जल उबालें और इसमें खीरे का रस मिलाएं। अब इस मिश्रण को फ्रीजर में रखकर जमाएं और फिर इस आइस क्यूब को अपने आंखों के नीचे लगाएं। आपको इसका परिणाम रातोंरात नहीं मिलेगा। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे काम करता है। आपको अच्छे परिणाम के लिए कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को दोहराना होगा।
4. मुहांसे और झाइयों को दूर करे
पिंपल बिन बुलाए मेहमान की तरह चेहरे पर आ सकते हैं। चेहरे की रोनक बिगाड़ने के लिए एक पिंपल ही पर्याप्त है। ऐसे में छोटा-सा बर्फ का टुकड़ा आपके पिंपल की समस्या को दूर कर सकता है। जब आप अपने चेहरे पर आइस क्यूब लगाएंगे, तो यह आपके चेहरे पर तेल उत्पादन को कम करने में मदद करता है। जिस कारण मुहांसों का निकलना कम होगा। साथ ही यह मुंहासों के कारण होने वाली फुंसि��ों और सूजन को ठीक करने में भी मदद करता है।
5. आंखों के नीचे सूजन के लिए
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कई बार घंटों काम करने से, ठीक से न सोने और कई अन्य कारणों से आंखों के नीचे सूजन की समस्या होने लगती है। इससे आपके पूरे चेहरे की रोनक प्रभावित होती है और पर्सनालिटी पर भी असर पड़ता है। कई बार आंखों के नीचे अत्यधिक तरल पदार्थ के जमाव से भी ऐसा होता है। इसके लिए अगर आइस क्यूब का उपयोग किया जाए, तो सूजन काफी हद तक कम हो सकती है। आप इसे अपने आंखों के कोने से आइब्रो तक और आंखों के नीचे सर्कुलर मोशन में लगाएं, इसके नियमित इस्तेमाल से सूजन कम होने लगेगी।
6. त्वचा के छिद्रों को संकुचित करने में सहायक
आपके चेहरे में कई छिद्र होते हैं, जो प्राकृतिक तेल और पसीने को छोड़ते हैं। इस प्रकार ये त्वचा को साफ करने में मदद करते हैं। वहीं, अगर इन छिद्रों में गंदगी जमा हो जाती है, तो ये फुंसियों और मुंहासे का कारण बनते हैं। इसलिए, मुंह धोने के बाद अपने चेहरे पर आइस क्यूब जरूर रगड़ें। बर्फ लगाने से ये छिद्र सिकुड़ जाते हैं, जिससे इनमें गंदगी जमा नहीं हो पाती और चेहरा साफ रहता है।
7. मेकअप या फाउंडेशन दिखता है अच्छा
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शायद ही कोई महिला होगी, जो मेकअप न करे। किसी को ज्यादा मेकअप करना पसंद होता है, तो किसी को कम। दोनों ही मायने में महिलाएं चाहती हैं कि उनका मेकअप दिनभर टिका रहे। हालांकि, गर्मी के मौसम में ऐसा होना मुश्किल होता है, लेकिन मेकअप या फाउंडेशन से पहले चेहरे पर एक आइस क्यूब रगड़ लेने से मेकअप न सिर्फ अच्छा लगेगा, बल्कि लंबे समय तक टिका रहेगा।
8. झुर्रियां होती हैं कम
उम्र के साथ-साथ झुर्रियां होना आम बात है, लेकिन कई बार उम्र से पहले भी झुर्रियां नजर आने लगती हैं। हालांकि, आप उम्र और झुर्रियों को रोक तो नहीं सकते, लेकिन उनके प्रभाव को नियंत्रित जरूर कर सकते हैं। चेहरे पर बर्फ का टुकड़ा लगाने से झुर्रियों और उम्र बढ़ने के संकेतों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ झुर्रियां कम होंगी, बल्कि नई लाइने भी बनना बंद हो जाती हैं।
9. मुलायम होंठ
मौसम का रुख जब भी बदलता है, तो उसका असर हाथ-पैरों की त्वचा के साथ-साथ होंठों पर भी पड़ता है। चेहरा चाहे कितना भी खिला-खिला हो, लेकिन होंठ फटे हों, तो इसका असर चेहरे पर भी दिखता है। कभी-कभी तो होंठों में सूजन आने या फटने से खून तक निकलने लगता है। अगर आपको भी यह समस्या है, तो आइस क्यूब अच्छा और आसान विकल्प है। अगर आप अपने होंठों पर बर्फ लगाएंगे, तो यह न सिर्फ होंठों को फटने से रोकेगा, बल्कि सूजन भी कम करेगा। अपनी त्वचा और होंठों को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न भूलें।
10. हीट रैशेज यानी घमौरियों से छुटकारा
गर्मी के मौसम में हीट रैशेज यानी घमौरियां होना आम बात है। जिसे यह समस्या होती है, वो इससे होने वाली जलन, दर्द और खुजली से पूरी तरह से अवगत होता है। ऐसे में कई बार तरह-तरह के लोशन या पाउडर लगाने के बाद भी घमौरियां ठीक नहीं होती हैं। इस स्थिति में बर्फ काफी अच्छा प्राकृतिक उपाय है। बर्फ को एक सूती कपड़े में लपेटें और प्रभावित जगह पर रगड़ें। यह सूजन से राहत देता है, जलन को कम करता है और रैशेज को ठीक करता है।
11. सनबर्न से राहत
गर्मियों में सूरज की तेज और हानिकारक किरणों से सनबर्न होना एक आम बात है। इससे कई बार त्वचा काली पड़ने लगती है। साथ ही त्वचा रूखी-बेजान हो जाती है और फोड़े-फुंसियां तक हो जाती हैं। कभी-कभी तो सन प्रोटेक्शन लोशन भी इन पर असर नहीं कर पाते। ऐसे में बर्फ का एक छोटा-सा टुकड़ा जादू की तरह काम कर सकता है। जब आप बर्फ को सनबर्न प्रभावित त्वचा पर लगाएंगे, तो यह सूजन या त्वचा पर होने वाले लाल चक्कतों को कम कर सकता है। हालांकि, इसके नियमित उपयोग से आप सनबर्न को धीरे-धीरे ठीक होते भी देख सकते हैं।
12. त्वचा से तेल कम
तैलीय त्वचा होना अपने आप में एक परेशानी है और जब त्वचा अत्यधिक तैलीय हो जाए, तब तो समस्या और बढ़ जाती है। तैलीय त्वचा के कारण कील-मुहांसों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में अगर बर्फ का टुकड़ा आप अपने चेहरे पर रगड़ेंगे, तो इससे त्वचा में तेल बनाने वाले छिद्र सिकुड़ जाते हैं, जिससे त्वचा पर जमा जरूरत से ज्यादा तेल साफ हो जाता है।
13. ट्वीजिंग से होने वाले सूजन से राहत
कई बार ऐसा होता है कि आप भौहों को सही आकार देने के लिए ब्यूटी पार्लर नहीं जा पाती हैं। ऐसे में आप घर में ही ट्वीजिंग का सहारा लेती हैं, लेकिन इससे होने वाला दर्द सिर्फ एक महिला ही समझ सकती है। अच्छा दिखने के लिए इस दर्द को झेलना आसान नहीं होता, लेकिन अब बर्फ की मदद से आप इस दर्द से राहत पा सकती हैं। ट्वीजिंग के बाद आप उस जगह पर बर्फ रगड़ें, जिससे आपका दर्द भी कम होगा और सूजन भी।
14. त्वचा को एक्सफोलिएट करता है
जब त्वचा को एक्सफोलिएट करने की बात आए, तो बाजार में उपलब्ध एक्सफोलिएटर से बेहतर है कि आप प्राकृतिक एक्सफोलिएटर और शुद्ध विधि का चुनाव करें। आप दूध से आइस क्यूब बनाकर अपने चेहरे को प्राकृतिक तरीके से एक्सफोलिएट कर सकते हैं। दूध के आइस क्यूब से अपना चेहरा रगड़ें, दूध में लैक्टिक एसिड होता है, जो सभी मृत त्वचा कोशिकाओं को साफ करने में मदद करता है, जबकि आइस क्यूब आपकी त्वचा पर निखार लाता है और आपकी त्वचा की प्राकृतिक चमक को बरकरार रखता है।
15. प्राकृतिक मेकअप की तरह काम करता है
अगर आपको जल्द ही किसी पार्टी में जाना है और आपके पास मेकअप करने का वक्त नहीं है, तो आप क्या करेंगे? इसमें ज्यादा सोचने की बात ही नहीं है, क्योंकि बर्फ का एक टुकड़ा ही आपके मेकअप की कमी को पूरा कर देगा। आपको बस ���ुछ मिनट चाहिए होंगे और आपका मेकअप पूरा हो जाएगा। अपने चेहरे पर कुछ मिनट के लिए बर्फ का टुकड़ा रगड़ें। यह आइस थेरेपी आपकी त्वचा को एक्सफोलिएट करके, उसे जवां और चमकदार बनाती है।
अब जब आप चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे जान ही गए हैं, तो वक्त है इससे संबंधित कुछ नुस्खे जानने का। इसमें कोई शक नहीं है कि सिर्फ बर्फ के टुकड़े लगाने से आपके चेहरे को कई समस्यायों से छुटकारा मिल सकता है। अगर इसे कुछ जड़ी बूटियों और सामग्रियों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाए, तो यह और फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर नहीं होता यकीन, तो नीचे दिए गए कुछ ताजा आइस क्यूब नुस्खों के बारे में जानें और उसे उपयोग करें।
प्राकृतिक नुस्खों के साथ आइस क्यूब लगाने के फायदे – Get Full Benefits Of Ice Cubes With These Natural Remedies
1. स���झी-थकी आंखों के लिए ग्रीन टी आइस क्यूब
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सामग्री
दो से तीन ग्रीन टी बैग
पानी
आइस ट्रे
बनाने और लगाने की विधि
ग्रीन टी बैग को गर्म पानी में डालें।
ग्रीन टी तैयार करें।
अब इसको आइस ट्रे में डालकर फ्रीजर में रख दें।
हर दिन आप एक ग्रीन टी आइस क्यूब अपने आंखों के नीचे और डार्क सर्कल पर लगाएं।
फिर इस पानी को अपने आप सूखने दें। इसके बाद अपना चेहरा न धोएं।
कैसे फायदेमंद है?
ग्रीन टी न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी बहुत लाभकारी है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है और बर्फ सूजन व काले घेरे को कम करने में मदद करती है।
2. त्वचा को धूप के नुकसान से बचाने के लिए एलोवेरा आइस क्यूब्स
सामग्री
एलोवेरा रस या जेल (इतनी मात्रा लें कि आइस ट्रे भर जाए)
बनाने और लगाने का तरीका
एलोवेरा के रस को आइस क्यूब ट्रे में डालें। ऐसा करने से पहले आप इसे थोड़ा ब्लेंड कर सकते हैं।
फिर बर्फ की ट्रे को फ्रीजर में रख दें।
बाहर धूप से आने के बाद अपने चेहरे पर इस आइस क्यूब को लगाएं।
इसे सूखने दें और चेहरे को धोएं नहीं।
कैसे फायदेमंद है?
एलोवेरा आपकी त्वचा को आराम देता और सूजन को कम करता है। धूप की वजह से त्वचा पर हुए नुकसान से यह राहत दिलाता है। इसे लगाने से आप तुरंत आराम महसूस करेंगे।
3. खीरे का आइस क्यूब
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सामग्री
एक या एक से ज्यादा खीरा (आपकी आइस ट्रे के साइज के अनुसार)
एक नींबू का रस
बनाने और लगाने का तरीका
खीरे को ब्लेंडर में ब्लेंड करें और उसमें नींबू का रस मिलाएं।
इसे बर्फ की ट्रे में डालें और क्यूब्स बनने तक इसे जमने दें।
फिर पूरे दिन के बाद जब आप थक कर घर आएं, तब इसे लगाएं।
तौलिये से अपनी त्वचा को न सुखाएं और न ही धोएं। इसे प्राकृतिक रूप से सूखने दें।
कैसे फायदेमंद है?
खीरे, नींबू और बर्फ का मिश्रण त्वचा के लिए काफी राहत और ठंडक देने वाला साबित होगा। जहां खीरे से आपकी त्वचा तरोताजा और ठंडा महसूस करेगी, वहीं नींबू से आपकी त्वचा की रंगत में निखार आएगा।
4. मुंहासों को दूर करे दालचीनी का आइस क्यूब
सामग्री
पानी (अपनी जरूरत के अनुसार)
एक चम्मच दालचीनी पाउडर या 4-5 बूंद दालचीनी का तेल
3-4 बूंद रोजहिप तेल
बनाने और लगाने का तरीका
पानी में दालचीनी तेल या दालचीनी पाउडर मिलाएं।
इसे आइस ट्रे में डालें और आइस क्यूब्स बनाएं।
जब यह जम जाए, तो इसे अपने चेहरे पर लगाएं।
फिर इस पानी को खुद-ब-खुद सूखने दें।
आप इसे हफ्ते में तीन बार लगा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
दालचीनी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी है। साथ ही यह त्वचा को भी स्वस्थ रखती है। दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जबकि रोजहिप में विटामिन-सी होता है। बर्फ आपके छिद्रों को सिकोड़ती है, इस प्रकार आपकी त्वचा अत्यधिक तैलीय नहीं होती है।
5. गुलाब की पंखुड़ी के आइस क्यूब
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सामग्री
एक कप सूखे गुलाब की पंखुड़ियां
चार-पांच बूंद रोजहिप ऑयल
��ानी
बनाने और लगाने का तरीका
सभी सामग्री को पानी में मिलाएं और बर्फ की ट्रे में डालें।
बर्फ के टुकड़े को जमने दें और फिर अपने चेहरे व गर्दन पर लगाएं।
इसे सूखने दें और बाद में चेहरे को धोएं नहीं।
कैसे फायदेमंद है ?
रोजहिप ऑयल के प्रयोग से त्वचा पर एंटीबैक्टीरियल और एंटी-एजिंग प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि गुलाब की पंखुड़ियों में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।
चेहरे के लिए आइस थेरेपी के लिए जरूरी टिप्स
चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसे लगाते वक्त थोड़ी सावधानी बरतना भी जरूरी है। इसलिए, नीचे हम कुछ आसान, लेकिन जरूरी टिप्स बता रहे हैं।
किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है। दिनभर में बार-बार अपने चेहरे पर बर्फ न लगाएं। इसके अलावा, बर्फ के टुकड़े को सीधे अपने चेहरे पर न लगाएं। हमेशा उन्हें एक सूती कपड़े में लपेटें और फिर उपयोग करें।
आइस ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपका चेहरा साफ है और बिना किसी मेकअप के है।
अपने चेहरे पर आइस क्यूब रगड़ते समय किसी विशेष क्षेत्र पर एक मिनट से अधिक आइस का उपयोग न करें।
आंखों के चारों ओर बर्फ के टुकड़े लगाने के दौरान सावधानी बरतें, खासकर अगर उनमें कोई अन्य सामग्री हो। ध्यान रखें कि यह आपकी आंखों के अंदर न चला जाए।
हमेशा आइस क्यूब से सर्कुलर मोशन में मालिश करें।
याद रखें कि आइस ���ेरेपी 10 से 15 मिनट से ज्यादा न हो। अच्छे परिणाम के लिए आइस थेरेपी को या तो सुबह या फिर शाम में इस्तेमाल करें।
आइस थेरेपी आसान और सस्ता घरेलू उपाय है। अब जब आप चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे जान ही गए हैं, तो इस गर्मी के मौसम में इनका उपयोग करके अपने चेहरे को खिला-खिला और जवां बनाएं। अगर आपको पूरी तरह से बर्फ के फायदे चाहिएं, तो आप नियमित रूप से इसका उपयोग करें, नहीं तो इसका असर आपकी त्वचा पर नहीं होगा। इनमें से जो आइस क्यूब रेसिपी आपको पसंद है, उसे उपयोग कर हमारे साथ अपने अनुभव नीचे कमेंट बॉक्स में शेयर करें। अगर आपके पास भी कोई नई आइस रेसिपी है, तो उसे भी हमारे साथ शेयर करना न भूलें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/chehre-par-barf-lagane-ke-fayde-in-hindi/
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