#चुन-
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कागा कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे चुन चुन खाइयो मांस
अरजिया रे खाइयों ना तू नैना मोरे,
खाइयों ना तू नैना मोहे,
पिया के मिलन की आस।
Oh crow when I'll die, i request you to to eat my fleshes selectively, and I kindly request you to not eat my eyes because I yearn to see my beloved with me.
#kanya-ke-dairy-se#desiblr#hindi#hindi poetry#desi tumblr#desi stuff#desi teen#being desi#hindi poem
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कागा कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे
चुन चुन खाइयो मांस
अरजिया रे खाइयों ना तू नैना मोरे
खाइयों ना तू नैना मोहे
पिया के मिलान की आस
( I know the world doesn't believe in such love anymore, but I just wish , when I am about to die, I get to meet u for the last time before I succumb . In my memories I want to keep us forever because u are probably, no, u are actually the only thing beautiful that happened to me that is worth remembering in heaven)
#I love u so much it hurts#rockstar#pyaar se bhi pyaare ho tum#mera saya sath hoga#piyu k liye#my kinda pyaar mohabbat#desiblr#desi tumblr#desi tag#siyakasila#desi girl#desi core#love
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कागा सब तन खाइयो, चुन-चुन खाइयो मांस,
दोइ नैना मत खाइयो, पिया मिलन की आस .
-बाबा फरीद
#spilled ink#writeblr#poem#spilled thoughts#writers on tumblr#poetry#writers and poets#thoughts#quotes#desi academia#desi poetry#desi tag#desiblr#desi tumblr#hindi poetry#urdu lines
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How to set screen saver in window
* To change the background screen बैकग्राउंड स्क्रीन बदलनाविंडोज 7 में बैकग्राउंड स्क्रीन को बदलने के लिए डेक्सटॉप पर क्लिक करते हैं तो एक मेन्यू खुलता है डेक्सटॉप स्क्रीन को परास्नोलाइज्ड आप्शन पर क्लिक कर बैकग्राउंड बदली जा सकती है नीचे दिखा��ं गए चित्र में डेक्सटॉप को चेन्ज करने के लिए उचित निर्देश दिए गए हैं। *To change the screen saver स्क्रीन सेवर बदलनास्क्रीन सेवर टैब की मदद से आप अपने कम्प्यूटर सिस्टम में पर्सनालाइज फीचर का इस्तेमाल करके इच्छित स्क्रीन पर सेट कर सकते हैं Step 1 Start>> Settings>>System>>Display अगर आप अपने कम्प्यूटर के टेक्स्ट और ऐप्स के आकार को बदलना चाहते हैं तो स्केल और लेआउट के तहत ड्राप डाउन मेन्यू से एक प्वाइंट चुने अपने स्क्रीन रिवोल्यूशन को बदलने के लिए रिजाल्यूशन के अन्तर्गत ड्राप डाउन मेन्यू का इस्तेमाल करें अपने color cellebrate को समायोजित करने के लिए सेटिंग्स बाक्स खोज में आपको color celebrate display और निर्देशों का पालन करें Note नोट 1366 X 768 ज्यादातर पीसी के लिए अनुशंसित परास्नोलाइज्ड है और यह आपके लिए अलग भी हो सकता है हालांकि आप चाहते हैं कि आप अपने पीसी पर आइटम को बड़ा दिखाना चाहते हैं तो उन्हें संसोधन कर सकते हैं लेकिन आप यह बात ध्यान देने योग्य है कि कम रिजाल्यूशन का अर्थ है आपके कम्प्यूटर के स्क्रीन पर आइटम बड़ा दिखेगा। ड्राप डाउन मेन्यू में उसके ओपशन में से जिसे चाहे आप उस ओपशन को चुन सकते हैं यदि आप अपने सिस्टम के लिए सर्वोत्तम सेटिंग नहीं है तो आप एक आप्टिकल रिजाल्यूशन अधिसूचना देखेंगे और नोटिफिकेशन को अनदेखा कर सकते हैं और अपने स्क्रीन रिवोल्यूशन को बदलने की पुष्टि कर सकते हैं The change पर क्लिक करके कर सकते हैं और आप चाहें तो किसी अन्य स्क्रीन रिजाल्यूशन का चयन कर सकते हैं आपको परिवर्तनो की पुष्टि करने के लिए सिर्फ 15 सेकेंड मिलेंगे और अगर आपने कोई चुनाव नहीं किया तो फिर इसे डिफ़ाल्ट प्रदर्शित सेटिंग पर वापस चलें जाएगा। * Color cellibration कलर कैलिब्रेशनआप कलर कैलिब्रेशन पर क्लिक करके अपने डिस्प्ले को कैलिब्रेट कर सकते हैं यह आप coloc cellibration wizard खोलेंगे जहां पर आप को बस निर्देशो का पालन करना पड़ेगा और सेटिंग को समायोजित करना होता है और फिर आप नीचे दिखाएं गए एक विंडो पर पहुंचे गे जहां आप समायोजित कर सकते हैं कि लाल ,नीले और हरे रंग के स्लाइड को स्थानांतरित कर सकते हैं और आप यह देखेंगे कि आपके स्क्रीन पर रंग कैसे दिखते हैं
* To change the background screen बैकग्राउंड स्क्रीन बदलना
विंडोज 7 में बैकग्राउंड स्क्रीन को बदलने के लिए डेक्सटॉप पर क्लिक करते हैं तो एक मेन्यू खुलता है डेक्सटॉप स्क्रीन को परास्नोलाइज्ड आप्शन पर क्लिक कर बैकग्राउंड बदली जा सकती है नीचे दिखाएं गए चित्र में डेक्सटॉप को चेन्ज करने के लिए उचित निर्देश दिए गए हैं।
*To change the screen saver स्क्रीन सेवर बदलना
स्क्रीन सेवर टैब की मदद से आप अपने कम्प्यूटर सिस्टम में पर्सनालाइज फीचर का इस्तेमाल करके इच्छित स्क्रीन पर सेट कर सकते हैं
Step 1 Start>> Settings>>System>>Display
अगर आप अपने कम्प्यूटर के टेक्स्ट और ऐप्स के आकार को बदलना चाहते हैं तो स्केल और लेआउट के तहत ड्राप डाउन मेन्यू से एक प्वाइंट चुने अपने स्क्रीन रिवोल्यूशन को बदलने के लिए रिजाल्यूशन के अन्तर्गत ड्राप डाउन मेन्यू का इस्तेमाल करें अपने color cellebrate को समायोजित करने के लिए सेटिंग्स बाक्स खोज में आपको color celebrate display और निर्देशों का पालन करें
Note नोट
1366 X 768 ज्यादातर पीसी के लिए अनुशंसित परास्नोलाइज्ड है और यह आपके लिए अलग भी हो सकता है
हालांकि आप चाहते हैं कि आप अपने पीसी पर आइटम को बड़ा दिखाना चाहते हैं तो उन्हें संसोधन कर सकते हैं लेकिन आप यह बात ध्यान देने योग्य है कि कम रिजाल्यूशन का अर्थ है आपके कम्प्यूटर के स्क्रीन पर आइटम बड़ा दिखेगा। ड्राप डाउन मेन्यू में उसके ओपशन में से जिसे चाहे आप उस ओपशन को चुन सकते हैं
यदि आप अपने सिस्टम के लिए सर्वोत्तम सेटिंग नहीं है तो आप एक आप्टिकल रिजाल्यूशन अधिसूचना देखेंगे और नोटिफिकेशन को अनदेखा कर सकते हैं और अपने स्क्रीन रिवोल्यूशन को बदलने की पुष्टि कर सकते हैं The change पर क्लिक करके कर सकते हैं और आप चाहें तो किसी अन्य स्क्रीन रिजाल्यूशन का चयन कर सकते हैं आपको परिवर्तनो की पुष्टि करने के लिए सिर्फ 15 सेकेंड मिलेंगे और अगर आपने कोई चुनाव नहीं किया तो फिर इसे डिफ़ाल्ट प्रदर्शित सेटिंग पर वापस चलें
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पूर्ण आत्मज्ञान कब प्राप्त होता है?
अचिंत्य - हम में से बहुत सारे लोगों के मन में आत्मज्ञान के संबंध में कई तरह के भ्रम हैं, कई तरह की गलत धारणाएं हमने बना ली हैं। जैसे बहुत सारे लोगों को लगता है कि आत्मज्ञान में आपको किसी दिन किसी दिव्य ज्योति के दर्शन होते है, किसी परमात्मा के दर्शन होते है और फिर जैसे आपका चेहरा चमकने लगता है जैसे कोई ओरा आपको घेर लेता है। आत्मज्ञान को लेकर यह भ्रम है लोगों का।
इसी के साथ बहुत सारे लोगों को आत्मज्ञान के संबंध में ऐसा भी भ्रम रहता है कि आत्मज्ञान मिलने पर हमको कोई दिव्य ज्ञान, बहुत सारा ज्ञान एकदम से प्राप्त हो जाता है और फिर बुद्ध की तरह हमसे ज्ञान बरसने लगता है तो आत्मज्ञान मतलब कोई अदभुत ज्ञान हमें मिल जायेगा फिर हम वो बांटेंगे और वो परेशान हो जाते हैं उनको ऐसा कोई ज्ञान नहीं मिलता है तो कि इतने दिन से साधना कर रहे है लेकिन अभी तक मिला क्यो नहीं।
इसी के साथ बहुत सारे लोगों के मन में ये भी धारणा होती है आत्मज्ञान के संबंध में कि आत्मज्ञान किसी तरह की कोई उपलब्धि है, कोई अचीवमेंट है जो किसी दिन जाकर समाप्त हो जाती है। माने एक दिन ऐसा आता है जब हमें आत्मज्ञान हो जाता हैं और फिर हो गया काम पूरा और ये बाते उन लोगों के मन में आती है जो आत्मज्ञान के नाम पर बहुत सारी विधियां या कुछ करते हैं तो उनको लगता है कि अच्छा इतने दिन तक करना पड़ेगी और जब मिल जायेगा फिर इनसे छुटकारा मिलेगा तो विधियां अपनाते है विधियां ही उनके लिए बोझ जाती है बंधन बन जाती है फिर परेशान होते रहते हैं कब होगा, कब होगा ताकि इस मुक्ति मिले।
तो क्या यही आत्मज्ञान है ? नहीं। आत्मज्ञान वो नहीं है जो आप सोच रहे है। जो इस तरह की कल्पना की जा रही है। इन सब से आत्मज्ञान का कोई संबंध नहीं है।
सबसे पहले तो आत्मज्ञान किसी तरह की कोई उपलब्धि, कोई अचीवमेंट नहीं है। आत्मज्ञान कोई ऐसी चीज नहीं है जो किसी दिन किसी स्थिति में पहुंच कर प्राप्त होगी और आत्मज्ञान का कभी कोई अंत नहीं होता है। किसी तरह का निष्कर्ष निकाल लेना आत्मज्ञान नहीं है क्योंकि जो मन कुछ निष्कर्ष निकाल कर वहीं पर रुक जाता है। जो मन सीखना, जानना बंद कर देता है वह मन तो मुर्दा है। तो ना तो आत्मज्ञान कोई उपलब्धि है, ना ही ये कभी खत्म होता है और ना ही इस में किसी निष्कर्ष पर रुक जाना होता है बल्कि आत्मज्ञान तो स्वयं को जानते रहने की एक सत�� प्रक्रिया है। ��्यो? क्योंकि आप अपने आप को स्वयं को जो जानते है, जो मानते है। जिसे आप कहते है ये “मैं” वो लगातार बदल रहा है और बाहर पूरा अस्तित्व जो है वह भी बदल रहा है तो अस्तित्व में कुछ भी स्थायी नहीं है हर क्षण सतत स्वयं को जानते रहना होता है क्योंकि अस्तित्व में हर क्षण आपके लिए नया है। प्रत्येक अनुभव आपके लिए नया है और जितना अधिक आप स्वयं को जानते जाते है उतनी अधिक स्पष्टता आपको आती जाती है जैसे जैसे आप जानते जाते है स्पष्टता आती जाती है तो आत्मज्ञान कोई उपलब्धि नहीं, उसका कोई अंत नहीं बल्कि आत्मज्ञान हर क्षण स्वयं के प्रति सजग रहने की, अवेयर रहने की एक सतत प्रक्रिया है जो जीवन पर्यन्त चलती रहती है। सीखते रहने की सतत जानते रहने की प्रक्रिया को ही तो ध्यान कहते है। यह सजगता ही तो वो ध्यान है। स्वयं के प्रति सजग रहने का मतलब अपने कर्मों के प्रति सजग रहना, अपने वचनों के प्रति सजग रहना, अपने चुनावों के प्रति सजग रहना क्या चुन रहे हो, किसे चुन रहे हो, क्यों चुन रहे हो उनके प्रति सजग रहना। अपने विचारों के प्रति सजग रहना क्या विचार है, कहा से आ रहे है, क्यों उठ रहे है। अपनी वृत्तियों के प्रति सजग रहना। इन सबके प्रति सजग रहना ध्यान का ही हिस्सा है इससे अलग ध्यान और कुछ नहीं होता है। और ये जो सजगता होती है अवेयरनेस, अवलोकन होता है कर्मों के प्रति, चुनावों के प्रति, विचारों के प्रति, वृत्तियों के प्रति, अहंकार के प्रति इसी के माध्यम से स्वयं को लगातार जानते है और हमने कहां की जितना अधिक आप स्वयं को जानते जायेंगे उतनी अधिक स्पष्टता बढ़ती जाएगी।
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listening to the PS:2 soundtrack again in an attempt to bite the bullet and psyche myself up to watch both films back to back in August(? that's the goal at least, if i get to watch it earlier even better) and i have been stuck on Veera Raja Veera for an hour and a half. i have also figured out my personal ranking for all versions of the song at last and it went about as well as i would have expected. it started to get too long for the f*cking tags tho so i decided to put in this post, we'll see how it goes from here—list is in order from least liked to most liked btw
5. going to start this off by saying i'm so so sorry to Gulzar but it's something about the rhythm for me. the lyrics are lovely but the way they are lining up with the music in the Hindi version,,,,,,, or failing to in certain parts,,,,,, it's not it. it's not it. it does well in the first minute or so and then heads downhill from there, and tbh it's not his fault i think it's just the sheer amount of syllables that they have to fit in compared to the original? and with that in mind it's not going to sound the same, obviously, but what salvages it from being a complete disappointment is the way we got both Shreya Ghoshal and Kavita Krishnamurthy as a duet in this year of our Lord 2023. Kavita, who still sounds the same as she did on the Dil Se soundtrack singing Satrangi Re and the Hum Dil De Chuke Sanam soundtrack and the Devdas soundtrack and the Yaara Dildaara soundtrack and the K3G soundtrack with Bole Chudiyan and Shreya Ghoshal who is a pleasure to listen to on practically everything she touches (Bajirao Mastani and Rab Ne Bana Di Jodi and that aalap just before her verse with Kavita here i'm looking at you) and— *inhales* *exhales* ok. do appreciate them letting Kavita take the 'चुन चुन चुन चुन / जाली रे जाली चिंगारी' portion in the Hindi translation bc she sounded beautiful there. (she always reminded me of Lata in that regard i think, and for some inexplicable reason i've by extension connected the two of them to Zohra Sehgal in some of her roles)
favorite line — 'दुश्मन पे टूटे जब | बिजलियों का वीर' / 'dushman pe toote jab | bijilyon ka vaar'. this is one of those times where the rhythm works in their favor and works well, and it leads perfectly into the rest of the verse imo. also @ that one guy going 'योद्धा~~' / 'yodhaa~~' at the very end of the song ty for your service
3. in contrast to the rhythm problems of the Hindi the Kannada recording is very smooth? i don't know if that makes sense as someone who doesn't speak the language but it's like water. like water in a stream just one after another going over the stones in the riverbed as it passes or the waves lapping against the side of the ship or the gentle sound wind chimes make when they hit against each other in the lightest breeze—the phrasing doesn't feel forced (ty Jayant Kaikini sir) and the syllables match the music as well as the original. ofc Rakshita Suresh and Sivasri Skandaprasad have a part to play with their solos in this sounding as good as it does, despite its ranking on my list (which will be explained in the next entry), and while i expected nothing less from Rakshita after Kirunage, this is the first i'm hearing from Sivasri and she blew me away. i had to listen to it several times to be able to tell them apart, and i might still be wrong bc their voice color is very, very similar, but they took what Rahman gave them and made it their own. (is it Rakshita that starts and Sivasri that continues? i'm thinking that it alternates between them with Sivasri ending that portion)
favorite line — 'ಮಳೆಗರೆವಾಗ ಬಾಣ | ಅಡಗಳು ಎಲ್ಲಿ ತಾಣಾ' / 'malegarevaaga baana | adagalu elli thaana'. this is where the river analysis stands out to me bc this feels like putting pebbles said river into a tumbler and rolling them over and over until they come out smooth and polished and just. right. (i am using the word smooth a lot to talk about the Kannada version sksksksk but can you blame me)
3. technically Malayalam and Kannada tie for third place on here (there is no fourth place. there is 4.75th place rounded up to fifth place and that belongs to the Hindi entry as previously stated) but Malayalam has the slightest edge for me. in terms of sound/pronunciation it's the closest to the original—i know most scholars believe that Malayalam descended from Tamil and split early on, so that might have something to do with it, but it sounds like a perfect cross between the flow of Kannada and the strength of the Tamil and ugh. pair that with Srinivas featuring and Shweta Mohan taking on that solo (by herself!!! and eating that sh*t like it was a duet!!!) and Rafeeq Ahamed as the lyricist and i play it almost as often as i play the original. (i was almost half expecting to hear the extension at the end in this version, that's how good it was)
favorite line — 'കടലിൽ ചുഴലി പോലെ | തവ നൗക കളിരമ്പി' / 'kadalil chuzhali pole | thava noukakalirambi'. i am in love with what Shweta does here, especially with the latter half of the line ('... നൗക കളിരമ്പി' / 'noukakalirambi') since she just heads straight into the 'വൻകടൽ...' and for some reason that is so auditorily pleasing to me. i don't have any rational thoughts behind that that's just how it is. her aalap before her verse is also breathier/softer than Shreya's if that makes sense but it fits her perfectly
2. Telugu. holy f*ck, Telugu. you put Shankar Mahadevan (i don't think i've ever heard him sing a bad song. ever. at least not what i've heard) and Chinmayi (Tere Bina???? Mayya Mayya???? Titli???? i'm still not over any of them from her????) in the same song you make every f*cking verse rhyme almost exactly courtesy of Chandrabose if Kannada is the sound of water then Telugu is pure silk and honey and the feel of something melting in your mouth and you expect me to stay alive? the actual f*ck? admittedly i may be biased bc one of my OCs is Telugu and i have been putting Telugu covers from my Bollywood playlist on loop for inspo but uh Rahman what the f*ck. what the f*ck am i supposed to do with that kind of genius
favorite line(s) — 'సమరం శ్రుతించైరా శిఖరం స్పృశించైర' / 'samaram shruthinchaira shikharam spushinchaira' & 'విధిగా తెగించైర | విధినే వదించైర | విలయం దరించైర | విజయం వరించైర' / 'vidhigaa thegincheyraa | vidhine vadhincheyraa | vilayam dharincheyraa | vijayam varincheyraa'. the f*cking alliteration? hello? also the 'veera raja veera' at the end of this version in particular gives me full body chills bc there is someone going up with the harmonization every time there's a new line. i don't know who it is but he's (they're? could be multiple vocals) going up and i am crying shaking throwing up on the floor having a spiritual experience etc etc
and finally 1. the top spot. the place where everything has been leading through this long ass piece that i have put you to suffer through
and ykw Tamil is pretty much self-explanatory i think: we bring Shankar back as we should but this time K.S Chithra (Asoka!!! Main Prem Ki Diwani Hoon!!! Bombay and Thoda Thoda from Indira/Priyanka and the live version of Jiya Jale that Rahman did in Dubai!!!) and Harini (also sang for Indira/Priyanka and featured on Varayo Thozhi from Jeans) are with him and Ilango Krishnan's lyrics take over and flatline me on the f*cking operating table. before it flatlines me however i break into goosebumps every time i hear it start, bc lbh it is impossible not to when you have the f*cking vocals coming in like 'காணீரோ? நீர் காண் | சோழ வெற்றி வாள் ஒன்றை காணீரோ? | ஓ அழகிய பூவே! செல்லுதியோ | மலரிடு போ சகி!' if you stay sane during that opening you are a liar get off my feed unfollow and block i don't want you anywhere near me for the next six years or however long it takes Mani Ratnam to make his next masterpiece. no coherent thoughts head empty MV playing on loop he and Rahman own me now they have the copyrights
favorite line (had to split everything into two blocks bc Tumblr was tryin to f*ck up my sh*t) — '��ம் தமிழ் வாழ்க வாழ்க! | வீர சோழம் வாழ்க! | நற்றமிழ் வாழ்க வாழ்க! | நல்லோர் தேசம் வாழ்க!' / 'em thamizh vaazhga vaazhga! | veera sozham vaazhga! | natramizh vaazhga vaazhga! | nallor thesam vaazhga!'. technically this isn't my favorite favorite line bc i have to do a seperate ranking for that below + it's exclusive to the Tamil version and i am trying to make this a wholistic review but. it's f*cking up there let's just say that. i think i mentioned in the tags of a different post of how i've been doing genealogy research and (in the process) tentatively confirmed the possibility of there being some South Asian descent from my dad's side, specifically Tamil or Telugu based on the stories/timeline of French occupation in the Caribbean and portions of the Indian subcontinent, and there's something in me that shifts every time we get down to the last twenty or so seconds and this hits. i don't know what it is, truly—maybe the remnants of the genes of my ancestors and their pride for their land, their language—but it's there and it's loud and if it's the right day at the right time i will start crying btw. full on sobbing like a little bitch. you didn't ask but i told you anyway
after all of *motions* that, i am also offering a bonus ranking of the section of VRV that makes me rewind every f*cking time it comes on in every language, bc it featured heavily in creating my eventual rankings and i would be remiss to not mention it. so here have this additional dive into my thought process during these trying times of hyperfixation rip
'आंधी से तेज़ | तूफ़ान से तेज़ | चुन चुन चुन चुन | जाली रे जाली चिंगारी | अंग अंग अंग अंग | लागे रे लागे अंगारे' / 'aandhi se tez | toofaan se tez | chun chun chun chun | jaali re jaali chingaari | ang ang ang ang | laagey re laagey angaare', Hindi — still at the bottom of the list here, but the inflection during the repetition ('chun chun chun chun' and 'ang ang ang ang') salvages it somewhat. nothing else to say it about it otherwise, since i already addressed Kavita's voice here earlier
'വാക്കാകെ നീ കാറ്റാക നീ | ശര ശര ശര ശരമേയ്ക | വേൽമഴ നെയ്തിട് | റ പറ പറ പറ വിറകൊൾക | പായട്ടെ പായ്വഞ്ചികൾ' / 'vaakkaaka nee kaattaaka nee | shara shara shara sharameyka | velmazha neythidu | para para para para virakolka | paayatte paayvanchikal', Malayalam — taking that third place as always, but its tied partner in the general rankings is higher up in this list for a change. i think the very last part ('പായട്ടെ പായ്വഞ്ചികൾ' / 'paayatte paayvanchikal') is what throws me off tho bc of the way they distributed the line, since on the first listen i was expecting them to go 'paayatte paayvan-chi-kal' and they chose 'paayatte pa-ay-van-chikal' instead. it's not like it decreases the overall quality of the song or anything it's just a very specific hang up i have. who knows maybe my preferred pronunciation would have f*cked with the meaning and we do not want that
'సుడిగాడ్పులా అడుగేయరా | సర సర సర సర | శరమే తనువే తాకగా | చర చర చర చర | చెలరేగాలి వేగంగా' / 'sudi gaadpulaa adugeyyaraa | sara sara sara sara | sharame thanuve thaakagaa | chara chara chara chara | chelaraegaali vegangaa', Telugu — this ties with Malayalam for third place and, much like it, my quirk is specfically with the last part ('చెలరేగాలి వేగంగా' / 'chelaregaali vegangaa'). my preferred is 'chelare-gaali ve-gan-gaa', they gave me 'chelare-gaa-li ve-gan-gaa'. again, not an issue, this is just me, i'm sure they knew what they were doing otherwise they wouldn't have recorded it like that in the first place
'ನೀ ಜ್ವಾಲೆಯು ನೀ ಗಾಳಿಯೂ | ಸರ ಸರ ಸುರಿವ | ಮಳೆಯಂತೆ ಶೂಲಗಳು | ಭರ ಭರ ಭರ ಭರನೆ | ಭೋರ್ಗರೆವ ಪಂಜುಗಳು' / 'nee jwaaleyu nee gaaliyuu | sara sara suriva | maleyanthe shoolagalu | bhara bhara bhara bharane | bhorgareva panjugalu', Kannada — there are at least two portions here that sound eerily similar to the original and that is why this version has moved up to spot two. it takes that water comparison i made and uses it to its advantage so much and it rotates in my mind like a rotisserie chicken at just at the right angle and it's just!!!! it's just!!!! God pls keep me from putting this in my mouth and biting it's too good
'கூற்றாகிச் செல்... | காற்றாகிச் செல்... | சர சர சர சரவெனவே | மழை தான் பெய்திட | பர பர பர பரவென | பாயட்டும் பாய்மரம்' / 'kootraagi sel... | kaatraagi sel... | sara sara sara saravena | velmazhai thaan peidhida | para para para paravena | paayattum paaimaram', Tamil — when this hits i blank out and come to at random intervals. cannot pinpoint the time the place etc but it happens and when it does i go f*cking feral. this one i am indeed putting in my mouth and biting bc the entire thing from 'para para...' onwards??? more alliteration more alliteration more f*cking alliteration. i remember someone making a post on here that said that certain parts of VRV sound like pearls bouncing off of the floor (was it @mizutaama? i apologize for the tag but i think that was you) and i think this is what they were referring to but my ears are that f*cking floor. i thank God every day for that
anyway mutuals (and non-mutuals who are just as obsessed about PS as i am) i'm sorry for clogging your feed with my opinions on a film i haven't even watched properly, pls feel free to roast me about my ranking choices. or agree but it doesn't really matter at this point bc even tho i could be talking out of my ass in terms of actually speaking said languages (i,,,,, do not unfortunately) i've said what i needed to say sksksksk
#film: ponniyin selvan ii#ponniyin selvan ii#ponniyin selvan: ii#ps:2#ponniyin selvan#veera raja veera#jayam ravi#sobhita dhulipala#mani ratnam#a.r. rahman#kollywood#tl:dr: local gay takes that specific 'கூற்றாகிச் செல்... / காற்றாகிச் செல்...' section of Veera Raja Veera#and uses it as the base for their personal ranking of all five versions solely based on how it is translated and sung#writes an essay about it chooses their favorite lines from said versions that are not That One and posts it to tumblr.com .txt#look!!! i actually dragged myself away from streaming Shinee long enough to complete this thing that i've had#sitting in my drafts for weeks (the language analysis that is)!!!#it is f*cking hilarious at this point simply bc this is nowhere near the order of the rankings for Ponni Nadhi#like the list for that is upside down. dare i say inverted almost#i might do something for it as well in this same format idk but#doing this for VRV made me realize that every other language (except Hindi bc they have a diff version of the line)#pronounces 'soora' as 'shoora'. i think Malayalam's 'shoora' is the least pronounced and is almost ambiguous. almost not quite#you could mistake it for 'soora' but there's just enough aspiration(?) there to tell you that it's not. Telugu's 'shoora' too#the aspiration almost completely disappears when listening on Spotify it's much more prominent on Youtube#this feels like i should have posted it on my studyblr but i think i'll just reblog it there instead
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#GodMorningWednesday
कबीर साहेब जी कहते हैं कि जैसे रेत-मिट्टी में मिसरी बिखर जाती है, परंतु हाथी के विशालकाय होने पर भी उससे वह चुनी नहीं जा सकती, लेकिन चींटी के छोटा होने पर भी वह उसे चुन लेती है। इसी प्रकार कोई भी स्वयं को अभिमान वश बड़ा बनाकर नहीं, विनम्र-भाव से छोटा बनकर ही सद्गुरु (परमात्मा) के दर्शन प्राप्त कर सकता है।
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कागा कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे
चुन चुन खाइयो मांस
अरजिया रे खाइयों ना तू नैना मोरे
खाइयों ना तू नैना मोहे
पिया के मिलान की आस ।।
this line smears into your chest & rips the soul out of you. the way a.r rehman sir and irshad kamil sir manifest the pain of a lover who's dead inside & can see the death going to land on his chest in front of his eyes.
the lover's requesting the crow 'kaaga' - the carrier of death, the scavenger to eat the flesh with care & spare the eyes because he's waiting to meet his muse for the last time.
aghhhhhh ! the pain in the verse still sends the shivers down my spine.
- apollo
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नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में,
अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में।
समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल,
गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल।
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🌟 नया
आप नहीं चाहते कि सर्च इंजन आपके ब्लॉग को क्रॉल करें, लेकिन ये ज़रूर चाहते हैं कि आपकी पोस्ट Tumblr सर्च और इन-ब्लॉग सर्च में दिखाई दें? तो अब हमने सर्च से आपके ब्लॉग को बाहर रखने के लिए मौजूदा सेटिंग को दो हिस्सों में बाँट दिया है ताकि आप बाहरी सर्च इंजन,Tumblr या दोनों से अपनी पोस्ट छिपाने का विकल्प चुन सकें! अगर इससे पहले आपने इसे ��ॉगल करके ऑन या ऑफ़ किया हुआ था, तो आपकी मौजूदा पसंद को नई सेटिंग में कॉपी कर दिया गया था.
सर्च की बात करें तो हमने इंडेक्स किए गए टैग की सीमा 20 से बढ़ाकर 30 कर दी है. ये चीज़ सिर्फ़ नई पोस्ट पर लागू है.
अब हमारे पास एक रोमांचक Tumblr पर ज्ञात समस्याएँ डॉक है, कृपया इसे ज़रूर देखें.
🛠 सुधार
SMS टेक्स्ट टू-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड नहीं आ रहे थे, लेकिन अब ये समस्या ठीक हो चुकी है. ज़्यादा सुरक्षित अनुभव के लिए, हम आपको आपके टू-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड के लिए ऑथेंटिकेटर ऐप का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं और अपने बैकअप कोड को सेव करना ना भूलें!
कुछ विज्ञापन लोगों को कुछ सेकंड के लिए स्क्रॉल नहीं करने दे रहे थे, इसे ठीक कर दिया गया है.
Bing की नीति में ये बदलाव होने पर कि जब तक ऑप्ट नहीं किया जाता, वे अपने सर्च इंजन के लिए इंडेक्स किए जाने वाले कंटेंट का इस्तेमाल AI प्रशिक्षण के लिए नहीं करते हैं, अब हम Bing को उन ब्लॉग से पोस्ट इंडेक्स करने की अनुमति दे रहे हैं जो सर्च इंडेक्सिंग की अनुमति देते हैं. हम AI प्रशिक्षण के लिए Bing की क्रॉलिंग को रोकना जारी रख रहे हैं.
🚧 जारी
अगर आप Avast का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो फ़िलहाल ये वेब पर रियल टाइम में मेसेजिंग का इस्तेमाल करने की सुविधा को गलत ढंग से ब्लॉक कर रहा है. हम ये बात उनसे साफ़ करने के लिए काम कर रहे हैं.
🌱 जल्द आने वाले
आज घोषणा करने के लिए कोई जल्द आने वाले लॉन्च नहीं हैं.
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"कागा कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे
चुन चुन खाइयो मांस
कागा कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे
चुन चुन खाइयो मांस
अरजिया रे खाइयों ना तू नैना मोरे
खाइयों ना तू नैना मोहे
पिया के मिलान की आस
खाइयों ना तू नैना मोरे
ख���इयों ना तू नैना मोहे
पिया के मिलान की आस......"
✨🤌
#lines#aeshthetic#spilled words#ar rahman#mohit chauhan#songs#nostalgia#imtiaz ali#old songs#early 2000s#alfaaz#Spotify
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बना मधुर मेरा जीवन!
नव-नव सुमनों से चुन-चुन कर
धूलि, सुरभि, मधुरस, हिमकण
मेरे उर की मृदु कलिका में
भर दे, कर दे विकसित मन!
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ, उच्च मानवीय आदर्शों को साहित्य की कोमलतम भावनाओं में गूँथने वाले रचनाकार एवं पद्मभूषण, ज्ञान पीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित महान कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
#SumitraNandanPant
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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How to select font , size ,color and style selection in computer in the Hindi
दोस्तों, आज का हमारा topics है कि हम अपने कम्प्यूटर ��र अपने डाक्यूमेंट्स को कैसा font ,size color,style दे जिससे आपका डाक्यूमेंट्स देखने में बहुत हो प्यारा लगे तो आप सभी को आज मैं यही आसान भाषा में बताउंगी की हम अपने कम्प्यूटर के टेक्स्ट को सेलेक्ट कैसे करें। तो चलिए आज हम जानते हैं कि अपने डाक्यूमेंट्स को और अच्छा दिखने के लिए किस किस आइकन का इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी आसान भाषा में। Let's start Menu bar/home tab के नीचे ड्राप डाउन लिस्ट में शामिल फास्ट की लिस्ट में आवश्यकतानुसार फान्टस को चुन सकते हैं फांट्स के दाईं तरफ फांट साइज की लिस्ट होती हैं उन लिस्ट में से आपको आपकी जरूरत के हिसाब से आप फांट को सेलेक्ट कर सकते हैं आप किसी भी टेक्स्ट के फांट या फांट साइज को बदलने के लिए आपको सबसे पहले उसे सेलेक्ट करना पड़ेगा और फिर आप को फांट या फांट साइज को सेलेक्ट करना होगा
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#Font size style color#Bold italic and underline#Changing the Color#Alignment of text#Shortcuts#Find and Replace#Formatting the text#Paragraph indenting#Bullets and Numbering#Changing the case#Header and footer#Table#Manipulation
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बना मधुर मेरा जीवन!
नव-नव सुमनों से चुन-चुन कर
धूलि, सुरभि, मधुरस, हिमकण
मेरे उर की मृदु कलिका में
भर दे, कर दे विकसित मन!
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ, उच्च मानवीय आदर्शों को साहित्य की कोमलतम भावनाओं में गूँथने वाले रचनाकार एवं पद्मभूषण, ज्ञान पीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित महान कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
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नव-नव सुमनों से चुन-चुन कर
धूलि, सुरभि, मधुरस, हिमकण
मेरे उर की मृदु कलिका में
भर दे, कर दे विकसित मन!
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ, उच्च मानवीय आदर्शों को साहित्य की कोमलतम भावनाओं में गूँथने वाले रचनाकार एवं पद्मभूषण, ज्ञान पीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित महान कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
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बना मधुर मेरा जीवन!
नव-नव सुमनों से चुन-चुन कर
धूलि, सुरभि, मधुरस, हिमकण
मेरे उर की मृदु कलिका में
भर दे, कर दे विकसित मन!
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ, उच्च मानवीय आदर्शों को साहित्य की कोमलतम भावनाओं में गूँथने वाले रचनाकार एवं पद्मभूषण, ज्ञान पीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित महान कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन ।
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