#चश्माबैन
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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इस देश में छात्राओं के बाल काले नहीं होने पर उन्हें स्कूल से निकाला जा रहा
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चैतन्य भारत न्यूज टोक्यो. कुछ दिन पहले ही जापान में कई बड़ी कंपनियों ने कार्यस्थल पर महिलाओं के चश्मा पहनने पर रोक लगा दी थी जिसका खूब विरोध हुआ था। अब वहां स्कूली छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल इन छात्रों की मांग है कि, उन्हें ‘ब्लैक कोसुकू’ परंपरा की पाबंदी से मुक्ति दिलाई जाए। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); छात्रों का आरोप है कि जापान के अधिकांश स्कूल छात्राओं को यह कहकर घर भेज दिया जाता है कि उनके बाल काले नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि, अगर बोर्ड तत्काल पाबंदियों को नहीं हटाता, तो वे सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे। वहीं सरकार ने इस बारे में कहा कि, अप्रैल 2020 से नए सत्र से सभी पाबंदियों को खत्म कर दिया जाएगा। जिफू प्रांत के स्कूल एजुकेशन बोर्ड की रिपोर्ट के मु��ाबिक, 61 हाईस्कूलों में से 90% से अधिक ने नियमों को इतना सख्त बना दिया है कि अभिभावक उनकी शिकायतें मानवाधिकार आयोग से कर रहे हैं। जबकि शिक्षा बोर्ड की अधिकारी मासूकी इशिगामी का कहना कि यह सारी पाबंदियां स्कूल बोर्ड ने परिस्थितियों को देखकर ही लगाई थीं। उन्होंने कहा कि, अब अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र से इसे हटा दिया जाएगा।वहीं छात्रों के साथ उनके अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की फिजूल पाबंदियां तत्काल खत्म की जाए। बता दें इससे पहले यहां की कई कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के लिए हाई हील वाली सैंडल पहनकर दफ्तर आना अनिवार्य कर दिया था, जिसका खूब विरोध हुआ था। ट्वीटर पर एक यूजर शोमिजू ताकाहाशी ने लिखा कि ‘लड़कियों को अब इस बात की भी आजादी नहीं रही कि क्या पहनें, क्या नहीं। सरकार तय नहीं कर सकती कि हम क्या करें, क्या नहीं? आजादी के क्या यही मायने हैं?’ ये भी पढ़े... इस देश में कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहनने पर लगाई रोक, हैरान कर देगी वजह इस कंपनी में कर्मचारी खुद तय करते हैं अपनी सैलरी, मन चाहे जब बढ़ा भी लेते हैं Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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इस देश में कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहनने पर लगाई रोक, हैरान कर देगी वजह
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चैतन्य भारत न्यूज आमतौर पर दफ्तरों में कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करने वाले लोग चश्मा पहनते ही हैं। लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जो जहां कंपनियों ने कार्यस्थल पर महिलाओं के चश्मा पहनने पर रोक लगा दी है। इसके पीछे की वजह भी बेहद ही अजीबोगरीब है जिसे सुनकर आप हैरान हो ज��एंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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खबरों के मुताबिक, जापान में कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के चश्मा पहनने पर रोक है, जबकि पुरुष कर्मचारियों के साथ ऐसा नही है। वहीं कुछ एयरलाइंस में भी महिला कर्मचारियों को चश्मा लगाने से मना कर दिया गया है। यहां तक कि कुछ रेस्टोरेंटस में भी महिलाएं चश्मा पहनकर काम नहीं कर सकती।
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रिपोर्ट के मुताबिक, जापान की एक कंपनी ने तो महिला कर्मचारियों को यहां तक कह दिया है कि वो मेकअप करके ही दफ्तर आएं। इतना ही नही बल्कि कंपनी ने महिलाओं को वजन कम करने का भी निर्देश दिया है, ताकि वो आकर्षक बनी रहें। दरअसल इन कंपनियों का मानना है कि इससे महिलाओं की सुंदरता पर प्रभाव पड़ता है। क्लाइंट्स पर गलत असर होता है, जिसके कारण उनका बिजनेस प्रभावित होता है।
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कंपनियों क��� इन अजीबोगरीब नियमों का महिलाएं जमकर विरोध कर रही हैं। ट्वीटर पर महिलाएं #glassesareforbidden के साथ चश्मा पहनकर अपनी तस्वीरें भी शेयर कर रही हैं। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब जापान में इस तरह के अजीबोगरीब नियम लगाए गए हों। इससे पहले यहां की कई कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के लिए हाई हील वाली सैंडल पहनकर दफ्तर आना अनिवार्य कर दिया था, जिसका खूब विरोध हुआ था। ये भी पढ़े... इस कंपनी में कर्मचारी खुद तय करते हैं अपनी सैलरी, मन चाहे जब बढ़ा भी लेते हैं इस कंपनी में लोगों ने सिर्फ 4 दिन किया काम, 3 दिन का वीकली ऑफ, फिर भी 40 फीसदी बढ़ गई प्रोडक्टिविटी Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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इस देश में छात्राओं के बाल काले नहीं होने पर उन्हें स्कूल से निकाला जा रहा
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चैतन्य भारत न्यूज टोक्यो. कुछ दिन पहले ही जापान में कई बड़ी कंपनियों ने कार्यस्थल पर महिलाओं के चश्मा पहनने पर रोक लगा दी थी जिसका खूब विरोध हुआ था। अब वहां स्कूली छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल इन छात्रों की मांग है कि, उन्हें ‘ब्लैक कोसुकू’ परंपरा की पाबंदी से मुक्ति दिलाई जाए। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); छात्रों का आरोप है कि जापान के अधिकांश स्कूल छात्राओं को यह कहकर घर भेज दिया जाता है कि उनके बाल काले नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि, अगर बोर्ड तत्काल पाबंदियों को नहीं हटाता, तो वे सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे। वहीं सरकार ने इस बारे में कहा कि, अप्रैल 2020 से नए सत्र से सभी पाबंदियों को खत्म कर दिया जाएगा। जिफू प्रांत के स्कूल एजुकेशन बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, 61 हाईस्कूलों में से 90% से अधिक ने नियमों को इतना सख्त बना दिया है कि अभिभावक उनकी शिकायतें मानवाधिकार आयोग से कर रहे हैं। जबकि शिक्षा बोर्ड की अधिकारी मासूकी इशिगामी का कहना कि यह सारी पाबंदियां स्कूल बोर्ड ने परिस्थितियों को देखकर ही लगाई थीं। उन्होंने कहा कि, अब अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र से इसे हटा दिया जाएगा।वहीं छात्रों के साथ उनके अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की फिजूल पाबंदियां तत्काल खत्म की जाए। बता दें इससे पहले यहां की कई कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के लिए हाई हील वाली सैंडल पहनकर दफ्तर आना अनिवार्य कर दिया था, जिसका खूब विरोध हुआ था। ट्वीटर पर एक यूजर शोमिजू ताकाहाशी ने लिखा कि ‘लड़कियों को अब इस बात की भी आजादी नहीं रही कि क्या पहनें, क्या नहीं। सरकार तय नहीं कर सकती कि हम क्या करें, क्या नहीं? आजादी के क्या यही मायने हैं?’ ये भी पढ़े... इस देश में कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहनने पर लगाई रोक, हैरान कर देगी वजह इस कंपनी में कर्मचारी खुद तय करते हैं अपनी सैलरी, मन चाहे जब बढ़ा भी लेते हैं Read the full article
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