#चमत्कार कपूर
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कपूर के पौधे के चमत्कार...
हम सभी अपने घर की पूजा में कपूर जलाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि कपूर कहां से आता है? कैसा होता है इसका पौधा? क्या इस पौधे को घर में लगा सकते हैं, लगा लिया तो क्या फायदे होंगे? आजकल जो प्रचलित कपूर हम लाते हैं वह केमिकल्स के बने होते हैं। कपूर एक विशालकाय पेड़ से प्राप्त होते हैं जिनका चिकित्सकीय लाभ कमाल का होता है। केमिकल्स वाले कपूर में मेडिसिनल वैल्यू बहुत कम होती है। कपूर का पेड़ लंबे…
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मुंबई : भारतीय फिल्म उद्योग के लिए, नया साल नई फिल्म घोषणाओं और नए चेहरों को सामने लाने के लिए तैयार है। सूत्र बताते हैं कि पाथ ब्रेकिंग चंडीगढ़ करे आशिकी के बाद, फिल्म निर्माता (Abhishek Kapoor) अभिषेक कपूर, जिन्हें सर्वश्रेष्ठ किरदार खोजने का श्रेय दिया जाता है, उन्होंने अभिनेत्री रवीना टंडन की बेटी राशा को अपनी नई फिल्म के लिए साइन किया है, जो इस गर्मी में शुरू होने वाली है जबकि कहानी अभी भी गुप्त है। हमने सुना है कि निर्देशक राशा और अमन देवगन को लॉन्च करेंगे। फिल्म में अजय देवगन को पहले कभी ऐसे अवतार में नहीं देखे गए हैं। उद्योग जगत में अमन के बारे में पहले से ही एक न्यूकमर के रूप में बात की जा रही है और सभी की निगाहें पहले से ही राशा पर हैं और उनके बड़े बॉलीवुड लॉन्च का इंतजार कर रही हैं इंडस्ट्री के सूत्रों की मानें तो अमन देवगन और राशा की इस नई नई जोड़ी को साल की लॉन्चिंग के तौर पर देखा जा रहा है, खासतौर पर अभिषेक कपूर द्वारा 'केदारनाथ' के साथ सारा अली खान को दिए गए लॉन्च पैड के बाद। इंडस्ट्री के एक अंदरूनी सूत्र का कहना है, "पिछले 15 वर्षों में, गट्टू (अभिषेक कपूर) का भारतीय सिनेमा में योगदान सराहनीय है। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत, फरहान अख्तर, राजकुमार राव, सारा अली खान और कई अन्य लोगों को सबसे शानदार तरीके से पहचाना और लॉन्च किया है।" उन सभी फिल्मों में उनके पात्रों की प्रस्तुति हमेशा हमारे साथ रहेगी। उन भूमिकाओं ��े इन अभिनेताओं के लिए चमत्कार किया है। यह भारतीय सिनेमा के लिए रोमांचक खबर है, यह प्रगतिशील सोच का संकेत है। हम राशा और अमन" के आगे बढ़ने के बारे में सुनने के लिए उत्साहित हैं।
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लगता है कि उपवास बोरिंग है? यहां है मीरा कपूर की टेक फॉर यू
लगता है कि उपवास बोरिंग है? यहां है मीरा कपूर की टेक फॉर यू
मीरा कपूर स्वस्थ जीवन जीने की कसम खाती हैं। चाहे ��ह त्वचा हो, आहार हो या समग्र कल्याण, अभिनेता शाहिद कपूर की पत्नी, एक बेहतर जीवन शैली के लिए एक प्राकृतिक दृष्टिकोण की मजबूत पैरोकार हैं। वह अक्सर अपने DIY स्किनकेयर रूटीन को सोशल मीडिया पर साझा करती है और हमें दिखाती है कि कैसे जागरूक जीवन शैली में बदलाव किया जाए। अपने नवीनतम अपडेट में, माँ-दो एक “मौसमी निर्मलता के लिए आधुनिक उपवास” का प्रचार कर…
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मीरा कपूर ने लेटेस्ट वीडियो में 'मिलेनियल मॉम फेल' पल साझा किया; घड़ी
मीरा कपूर ने लेटेस्ट वीडियो में ‘मिलेनियल मॉम फेल’ पल साझा किया; घड़ी
मीरा कपूर अपने लाइव सत्र के लिए तैयार हो रही थी, लेकिन जब उसने अपने मेकअप स्पंज की तलाश शुरू की, तो वह नहीं मिली। मीरा ने अंत में स्पंज को एक खाली inflatable स्विमिंग पूल के अंदर पड़ा पाया, माँ ने एक वीडियो में खुलासा किया जो उसने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। उसने खुद को उसके गुलाबी स्पंज से उठाते हुए फिल्माया। मीरा ने स्पंज को दिखाया जो क्षतिग्रस्त था। पता चला, यह उसका बेटा ज़ैन कपूर था जिसने…
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Mira Rajput ने Shahid Kapoor को लेकर किया था शॉकिंग खुलासा! पहली मुलाकात के बारे में कही थी ये बात
Mira Rajput ने Shahid Kapoor को लेकर किया था शॉकिंग खुलासा! पहली मुलाकात के बारे में कही थी ये बात
बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर (शाहिद कपूर) और मीरा राजपूत (मीरा राजपूत) की जोड़ी दर्शकों को बहुत पसंद है। दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल होती रहती हैं। शाहिद कपूर ने साल 2015 में मीरा राजपूत से शादी की थी, जिसके बाद दोनों की एक बेटी और एक बेटे के माता-पिता हुए हैं। वहीं, एक इंटरव्यू में मीरा राजपूत ने शाहिद को लेकर कई खुलासे किए और मीरा ने बताया कि आखिरकार उन्हें शाहिद से पहले कब प्यार…
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'मेरे पास यह दैनिक है': मीरा कपूर ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक रहस्य साझा किया है
‘मेरे पास यह दैनिक है’: मीरा कपूर ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक रहस्य साझा किया है
गर्मी का मौसम, हालांकि, कड़कड़ाती ठंड से राहत दिलाता है, शरीर की गर्मी में वृद्धि, माइग्रेन और यहां तक कि मौसमी मुद्दों के लिए कुख्यात है पेट में जलन। हालांकि, गोलियों को पॉप करने के बजाय, शरीर पर गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए कोई भी प्राकृतिक और प्रभावी उपचार का विकल्प चुन सकता है। ऐसा ही एक उपाय “पित्त-शांत करने वाले” खाद्य पदार्थों या खाद्य पदार्थों का सेवन करना है, जिनका उल्लेख आपके…
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Mira Kapoor Sparks "Mango War", Reveals Her Favourite Variety Of Mango. Do You Agree?
Mira Kapoor Sparks “Mango War”, Reveals Her Favourite Variety Of Mango. Do You Agree?
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हाइलाइट
मीरा कपूर ने साल 2015 में अभिनेता शाहिद कपूर से शादी की
मीरा कपूर शाकाहारी हैं
मीरा भी एक आत्म-परिचित भोजन है
ऐसा लगता है कि मीरा कपूर सीजन की ज्यादातर चीजों को बेहतर बनाने के मूड में हैं, यही कारण है कि शायद एक दिन बाद उन्होंने इस पतले दिखने वाले चॉकलेट केक की तस्वीर ताजा कटे हुए आमों के साथ पोस्ट की – उन्होंने सबसे अच्छी किस्म की बहस में उतरने का फैसला किया आम। बहस ने अतीत में…
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33 Years Of Tezaab: माधुरी दीक्षित को जब कहा जाने लगा था ‘ये हीरोइन मैटेरियल नहीं है’, फिर मोहिनी ने किया चमत्कार
33 Years Of Tezaab: माधुरी दीक्षित को जब कहा जाने लगा था ‘ये हीरोइन मैटेरियल नहीं है’, फिर मोहिनी ने किया चमत्कार
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) आज सफलता की उस ऊंचाई पर खड़ी हैं,जहां पहुंचने का सपना हर एक्ट्रेस देखती है. शुरुआती दौर में कई फ्लॉप फिल्मों के बाद जब उन्हें नकार दिया गया था तब उनकी झोली में गिरी थी ‘तेजाब’ (Tezaab). 11 नवंबर 1988 में रिलीज हुई इस फिल्म से मिली शोहरत के बाद माधुरी को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. एन चंद्रा (N Chandra) के निर्देशन में बनी इस फिल्म में माधुरी के साथ अनिल कपूर (Anil…
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Part 2औषधि योग
(1 ) वट (बरगद)के दूध की 5 बूंदे बताशे(चीनी वाले) में भर कर खाइए
(2)असगंध और विधारा (ये चीझे आसानी से उपलब्ध हो जाएँगी) का कुटा पिसा तथा छाना हुआ चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर मिला लीजिये /इसमे से 11ग्राम चूर्ण ,सुबह ही खाके ,तुरंत ही मिश्री मिला दूध पी लीजिये ,हर साल चार महीने (जाड़े में ) सेवन से 50 की उम्र वाला भी किसी मदमाती युवती को परास्त कर सकता है ( ह्रदय रोगी किसी अनुभवी वैद्य से सलाह लेकर ही सेवन करे)
(3) कौंच के बीजो का चूर्ण 3/2 ग्राम और खस खस के बीजो का चूर्ण 3/2 ग्राम ,दोनों को मिला कर ,लेने और ऊपर से गर्म मिश्री मिला दूध लेने से , पुष्ट होता है
(4)रतिवल्लभ चूर्ण -शकाकुल मिश्री 98 ग्राम बहमन सफ़ेद 23 ग्राम, बहमन सुर्ख 23 ग्राम ,सालव मिश्री 23 ग्राम ,दालचीनी 23 ग्राम, सफ़ेद मूसली ,47 ग्राम स्याह मूसली 47 ग्राम , छुहारे (गुठली निकला गूदा) 47 ग्राम छोटी इलायची के बीज 2.5 ग्राम, गोखरू 2 ग्राम ,गावजवा २ ग्राम मिश्री 350 ग्राम इन सबको अलग अलग कूट पीस ,छान कर ,एक बोतल में भर लीजिये ,इसके सेवन से दिल दिमाग में ताकत आती है ,इस भाग दौड़,तनाव के माहौल मेंकमलगट्टे उपयोगी है ,जिनकी धातु पतली है ,उनके लिए लाभप्रद है ,(ध्यान रहे ,स्त्री के प्रति आपकी रूचि बढाता है)/
इसे 11 ग्राम मात्र ,सबेरे ही भोजन से पहले ले कर गर्म दूध पीना चाहिए /
(5) शक्तिदायक रस -सफ़ेद प्याज का रस 8 माशा ,अदरक का रस 6 माशा ,शहद 4 माशा ,घी 5/2 माशा ,यह एक मात्रा है ,इन सबको एक प्याली या कप में मिला कर पी लेने से सेक्स की इच्छा बढ जाती है /
एक महीने का सेवन से सेक्स के प्रति विरक्ति वाला भी औरत खोजने लगता है /इसकी तासीर गर्म है ,इसलिए इसे जाड़े में प्रयोग करना चाहिए
(6) त्रिफाले का चूर्ण ,शहद ,घी (शहद और घी बराबर मात्रा में न हो) और कान्तसार लौह भस्म इन सब को मिला कर नित्�� रात को पीने से रात भर सेक्स हो सकता है,थकावट नहीं होती
(7) यदि आप को पैसे की कोई कमी नहीं तो आप अम्बरीन का प्रयोग कर सकते है
अम्बरीन-मकरध्वज, अभ्रक भस्म,संखिया भस्म ,कान्त लौह ,स्वर्ण,मुक्ता,रजत भस्म ,शिलाजीत ,कुचला, भांग का सत,असगंध,सतावर,केसर,कस्तूरी ,अम्बर इत्यादि /
(8)कस्तूरी वटी -कस्तूरी,केशर,जायफल,लवंग ,मकरध्वज पत्येक 11.5 ग्राम ,पान की जड़ 58 ग्राम
(9)स्तम्भक योग -करेले के पत्तो का स्वरस 116.64 ग्राम ,रात को छत पर ओस में रखिये ,सबेरे इसमे 30 ग्राम कुलंजन का चूर्ण मिला दीजिये ,सूख जाने पर सुरक्षित रखे , सेक्स के 1 घंटा पहले 3/4 ग्राम मात्रा ,एक पाव भैस के दूध के साथ ग्रहण करे ,यह योग अत्यंत कामोत्तेजक और स्तम्भक है /
मैंने विद्वानों की राय इस सेक्स प्रसंग पर ली ,उनमे कुछ ने कई तरह के रस्ते बताये ,यहाँ मै कुछ लेपन विधि ,और मंत्र-तंत्र विधि का वर्णन करना चाहूँगा ,उन लोगो का आभार मानते हुए /
शीघ्रपतन नाशक लेप -
(1) कमलगट्टेकी गिरी (जीरे समेत)को थोड़े से पानी में पीस कर शहद मिला कर नाभि (सुडी) पर लेप करके सूखने पर लिंगेन्द्रिय(penis) कड़ा हो जाता है और सेक्स में timinng बढ जाता है ,
(2)जंगली कबूतर की बीट (आम तौर पर उसकी सफेदी)नमक और औरत के बालो की राख ,इन सबको बराबर बराबर लेकर शहद में अथवा चमेली के तेल में मिला कर शीशी में मिला कर भर ले,समय पर इसमे से थोडा लेप ,सुपारी छोड़ ,लिंग पर लगाये /
(3)6 माशे कुचला ,शराब में पीस कर उसका गाढ़ा गाढ़ा लेप नाखूनों पर लगाये ,जब सूख जाए तब सेक्स करने से स्टेबिलिटी बढ़ती है /
(4)थूहड़ (सेहुड़)का दूध 11.664 ग्राम और गाय का दूध उतनी ही मात्रा ,दोनों को दिन भर धुप में रखे ,रात को थोडा सा चमेली के तेल में मिला कर ,लिंग पर मालिश करे फिर एक घंटे बाद सेक्स करे /
(5)काले धतूरे की पत्तियों का रस टखनो पर लगाये ,जब रस सूख जाए तब सेक्स करे ,जल्दी फाल नहीं होगा
(6)बेल और मुंडी के फूल तथा कपूर को एकत्र पीस कर लिंग पर इसका लेपन करके सेक्स करे
(7)नींबू के रस का लेप लिंग पर करके सूखने पर सेक्स करने से स्त्री जल्दी द्रवित हो जाती है
(8) गंघक को पत्थर पर रगड़ कर,उसमे शहद मिला कर लिंग पर उसका लेप करके सेक्स करने पर ,स्त्री बिना किसी मंत्र के ,तुरंत द्रवित हो जाती है /
(9)शहद में त्रिफाले का चूर्ण मिला कर स्त्री के भग में डाल कर .फिर उससे सेक्स करे /
स्त्री को जल्दी फाल कराने वाले मंत्र-तंत्र
1-"ॐ भगवते रुद्राय उद्दामरेश्वराय स्त्रीणम मदं द्रावय स्वाहा ठ: ठ:"
इस मंत्र को एकाग्रचित्त होकर 108 बार जपने से यह सिद्ध होता है ,सिद्ध हो जाने के बाद सेक्स् के समय पुरुष को मन ही मन ,इ सका जाप करना चाहिए
2 -लाल अपामार्ग -इसकी जड़ को सोमवार को उखाड़ लाये और उस दिन उसको शुक्र स्तम्भन मंत्र (मंत्र का 108 बार जप करके ) से अभिमंत्रित करे/ अगले दिन सुबह (मंगलवार को) स्नान करके पुरुष इसे कमर में बाँध ले सेक्स के समय जब तक ये कमर में रहेगी ,उसका वीर्य स्खलित होना मुश्किल होगा /
3 -"ॐ ह्री अग: शुक्र स्तम्भनकारी स्वाहा "
"ॐ मद मद ,मादय मादय ह्रीसौं ह्री रुपिणी स्वाहा "
इस मंत्र का 10000 बार एकाग्रचित्त होकर जाप करने और लाल फूलो का हवन करने से यह सिद्ध हो जाता है ,जब कभी पुरुष सम्भोग में रत हो तो मन ही मन इस मंत्र का जाप करके अपने बाए हाथ की अनामिका से स्त्री की योनि छू कर ,मंत्र उसमे प्रविष्ठ कर दे तो मैथुन में स्त्री पुरुष से पहले छरित होती है
Posted 16th June 2013 by Anonymous
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JUN
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sheeghra patan
शीघ्र पतन
सफल सेक्स की बड़ी समस्या ,शीघ्र पतन की होती है / इसके लिए बहुत सी दवाइया भी बाज़ार में अपना दावा पेश करने में लगी है / पर क्या आप जानते है की, सबसे अच्छी दवा आप खुद ही है ? मै इन दवाओ के बारे में कुछ न कह के केवल मतलब की बात बताना चाहूँगा /शीघ्र पतन यानी तुरन्त फाल हो जाना ,निःसंदेह स्त्री के फाल होने से पहले फाल होना एक शर्मिंदगी का कारण बनता है ,आदमी कुछ भी सहन कर लेता ही लेकिन ,स्त्री की नजर में नीचे होना ,,अतिशय कष्टदायक /यहाँ कुछ तरीका सुझाना चाहूँगा ,जिसे आप खुद करने का प्रयास कर सकते है /सबसे पहले तो ये भूल जाइये की ,किसी चमत्कार से या किसी जादुई ताकत से किसी ने आप को ठीक कर दिया /ये सारी छमता और ज्ञान आप में पहले से मौजूद है ,मै सिर्फ आप को याद दिला रहा हूँ /
स्त���्भन यानि जल्दी फाल न होना ,इसके लिए कई बिशेष प्रकार के व्यायाम है ,पर सिद्धांत सबका एक ही है ,गुदा व इंद्रिय की मांसपेशियों के संकोचन व प्रसारण पर नियंत्रण /जो व्यक्ति अभ्यास द्वारा उन मांस पेशियों क संकोचन व प्रसारण पर नियंत्रण कर सकता है, वह इच्छित काल तक वीर्य को स्खलित हों स रोक सकता है /ये कुछ तरीके है, परन्तु एक दिन करने का मतलब ये नहीं की , आप सुपर ह्यूमन हो गए , पर ये तरीके आप के पार्टनर को आश्चर्य चकित कर सकते है, जिससे उसे आप के बारे में और ज्यादा सोचने को मजबूर होना पड़ेगा /
सबसे पहला नियम ये की,आप की स्त्री या प्रमिका उदास या मायूस नहीं होनी चाहिये , आप के किसी अन्य कार्य व व्यवहार से ,
(१) सुबह स्नान ध्यान के बाद थोडा समय निकालिए ,एक पंजे के बल बैठिये एडी को गुदा और अंडकोष के बीच सटा दीजिये,दूसरे पैर को ,जिस पर आप बैठे हो ,उस कि जंघा पर रख कर सारा भार ,गुदा और अंडकोष क बीच डाल दीजिये , पर ध्यान रहे , य इतनी आसानी से नहीं होने वाला ,थोडा धैर्य तो रखना ही होगा /
इस प्रकार जितना देर बैठ सकते है, बैठिये/
(२) गुदा संकोचन क्रिया -सीधे खड़े हो जाइये ,फिर दोनों पंजो व घुटनों को बाहर की ऒर ,इस तरह मोड़िये ,की दोनों नितम्ब के किनारे आपस में मिल जाए ,अब प्राणवायु को ऊपर की तरफ खीच कर गुदा की पेशी का संकोचन कीजिये ,साथ साथ लिंग की लिंगोथापनी पेशी (penis को hard )करने वाली पेशी के सहारे लिंग को ऊपर खीचे , पेशी को इसप्रकार संकुचित किये,आप लम्बे और धीमे श्वास लेकर , पेट को जितना अधिक से अधिक फुला और पचका सके,उतना अच्छा है ,शुरू शुरू में, गुदा की पेशी को संकुचित अवस्था में रखते हुए, पेट फुलाने पचकाने में थोड़ी समस्या होगी,परन्तु कुछ दिनों के अभ्यास से , ये कठिनाई दूर हो जायेगी ,ये क्रिया लेट कर भी की जा सकती है /परन्तु,इसे दोनों विधि से करना अच्छा है / यह क्रिया 71 बार तक प्रति दिन करनी चाहिये ,प्रारंभ में 5 मिनट सुबह और शाम को करना चाहिए / फिर ध्रीरे धीरे समय बढ़ा कर 15 से 20 मिनट तक करना चाहिए
(३)लघुशंका नियंत्रण क्रिया - पेशाब लगातार एक धार से नहीं करना चाहिए ,
बल्कि बीच बीच में पेशाब को कुछ सेकंड के लिए रोक -रोक कर छोड़ना चाहिए ,पेशाब करते समय,धार को एकदम रोके और पेडू गुदा और नितम्बो को संकुचित करे ,फिर पेशाब की धार छोड़े /संकोचन विकास की इस क्रिया से वीर्य स्खलन पर नियंत्रण प्राप्त होता है /
(४) पौरष ग्रन्थि की मालिश -गुदा में लगभग एक इंच अन्दर की ओर स्थित पौरष ग्रंथि को अंगुली द्वारा घीरे धीरे मालिश करना चाहिये ,इसके फलस्वरूप,स्तम्भन शक्ति में बृद्धि होती है ,अंगुली द्वारा मलते समय स्वछता एवं सावधानी का विशेष ख्याल रखना चाहिए ,नाखून इत्यादि कटे होने चाहिए / किसी किस्म का कोई तनाव, शारीरिक या मानसिक नहीं होना चाहिए / सम्भॊग १/२ घंटा पहले ,,शौच जरूर जाना चाहिए एवं इस क्रिया को करने के बाद ,लिंग को पानी से थोड़ी देर तक धोये ,इससे जल्दी फाल नहीं होता
(५) कभी भूल कर भी सम्भॊग से पहले पोर्न न देखे ,पोर्न से सेक्स बढने की बात केवल बेवकूफ बनाना ही है
ये तो कुछ यो सम्बन्धी क्रियाये है,इसके अलावा औषधीय चिकित्सा भी है ,जो स्तम्भन में सहायक होती है , लेकिन ये बाज़ार में शुद्ध रूप से जल्दी मिलती नहीं आप को खुद तैयार करना होगा
वीर्यवर्धक चूर्ण -गोखुर,शतावर ,कंकोली बंगला ,तालमखाना ,शिवलिंगी सफ़ेद कौञ्च के बीज ,इसबगोल की भूसी निर्धारित मात्रा में चूर्ण बना कर खाने से कितना भी निराश व्यक्ति हो, २-३ महीने में ही बलिष्ठ हो जाता है
इसके अलावा भी बहुत सी औषधि योग ,शीघ्र पतन नाशक लेप एवं स्त्री को पहले स्खलित कराने वाले मंत्र- तंत्र पर , अपने मित्रो से चर्चा करने के बाद लिखूंगा , पर ध्यान रहे मंत्र इत्यादि ,बिना पूरी एकाग्रता और सावधानी के सिद्ध नहीं होता
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मीरा कपूर ने फिर से आयुर्वेद के लिए प्यार दिखाया gulkand शुरुवात से
मीरा कपूर ने फिर से आयुर्वेद के लिए प्यार दिखाया gulkand शुरुवात से
अगर आप मीरा को इंस्टाग्राम पर फॉलो कर रहे हैं, तो आपको खाना बनाने के लिए 26 साल के पेंशेंट के बारे में पता होना चाहिए। मीरा कपूर एक खाद्य पदार्थ है और वह इसके बारे में कोई योग्यता नहीं बनाती है। मीरा स्वच्छ और स्वस्थ भोजन की भी प्रशंसक हैं और वह अपने आहार में कई आयुर्वेदिक सिद्धांतों को शामिल करना पसंद करती हैं, जब वह खासतौर पर स्थानीय और मौसमी खाने से संबंधित विचार कर सकती हैं। होली के अवसर पर,…
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तिरुपति बालाजी की इन रहस्यमय बातो से वैज्ञानिक भी नहीं उठा पाए पर्दा, जानिए इनके बारे में!
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तिरुपति बालाजी की इन रहस्यमय बातो से वैज्ञानिक भी नहीं उठा पाए पर्दा, जानिए इनके बारे में!
दोस्तों हमारे देश में कई चमत्कार स्थान है जो आज भी विज्ञान के लिए रहस्य है, भारत में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं जिसमें दक्षिण भारत में स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर भी शामिल है। भगवान तिरुपति बालाजी का चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारतीय वास्तु कला और शिल्प कला का उत्कृष्ट उद्धरण है। तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है।
तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। भक्त अपनी श्रद्धा के मुताबिक, यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बा�� दान करते हैं। इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में…
कहा जाता है भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर बाल लगे हैं जो असली हैं। यह बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। मान्यता है कि यहां भगवान खुद विराजमान हैं। जब मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे तो ऐसा लगेगा कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में है। लेकिन आप जैसे ही गर्भगृह के बाहर आएंगे तो चौंक जाएंगे क्योंकि बाहर आकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान की प्रतिमा दाहिनी तरफ स्थित है। अब यह सिर्फ भ्रम है या कोई भगवान का चमत्कार इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है।
मान्यता है कि भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी भी समाहित हैं जिसकी वजह से श्री वेंकेटेश्वर स्वामी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परम्परा है। तिरुपति बाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा अलौकिक है। यह विशेष पत्थर से बनी है। यह प्रतिमा इतनी जीवंत है कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान विष्णु स्वयं यहां विराजमान हैं। भगवान की प्रतिमा को पसीना आता है, पसीने की बूंदें देखी जा सकती हैं। इसलिए मंदिर में तापमान कम रखा जाता है।
श्री वेंकेटेश्वर स्वामी के मंदिर से 23 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जहां गांव वालों के अलावा कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। इस गांव लोग बहुत ही अनुशासित हैं और नियमों का पालन कर जीवन व्यतीत करते हैं। मंदिर में चढ़ाया जाने वाला पदार्थ जैसे की फूल, फल, दही, घी, दूध, मक्खन आदि इसी गांव से आते हैं। गुरुवार को भगवान वेंकेटेश्वर को चंदन का लेप लगाया जाता है जिसके बाद अद्भुत रहस्य सामने आता है। भगवान का श्रृंगार हटाकर स्नान कराकर चंदन का लेप लगाया जाता है और जब इस लेप को हटाया जाता है तो भगवान वेंकेटेश्वर के हृदय में माता लक्ष्मी जी की आकृति दिखाई देती है।
श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस दीपक में कभी भी तेल या घी नहीं डाला जाता। यहां तक कि यह भी पता नहीं है कि दीपक को सबसे पहले किसने और कब प्रज्वलित किया था। भगवान वेंकेटेश्वर की प्रतिमा पर पचाई कपूर लगाया जाता है। कहा जाता है कि यह कपूर किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो पत्थर में कुछ समय में दरारें पड़ जाती हैं। लेकिन भगवान बालाजी की प्रतिमा पर पचाई कपूर का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
मंदिर में मुख्य द्वार के दरवाजे पर दाईं तरफ एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में मान्यता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान वेंकेटेश्वर की पिटाई की गई थी जिसकी वजह से उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी। तब से आज तक उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। ताकि उनका घाव भर जाए। भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति पर कान लगाकर सुनें तो समु��्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यह भी कहा जाता है कि भगवान की प्रतिमा हमेशा ���म रहती है।
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मीरा कपूर की हेल्दी जौ की लपेट अच्छे स्वाद और पोषण से भरी हुई है (देखें तस्वीर)
मीरा कपूर की हेल्दी जौ की लपेट अच्छे स्वाद और पोषण से भरी हुई है (देखें तस्वीर)
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मीरा कपूर ने घर पर एक स्वस्थ और पौष्टिक आवरण बनाया।
हाइलाइट
मीरा कपूर ने एक यम्मी बूरिटो रैप साझा करने के लिए इंस्टाग्राम पर लिया
रैप को जौ के आटे और बेबी पालक के साथ बनाया गया था
उसने अपनी माँ के प्रसिद्ध बूरिटो को भी इसमें जोड़ा
मीरा कपूर एक ऐसी हस्ती हैं जो अपना भोज पक्ष दिखाने से नहीं कतराती हैं। स्वस्थ सलाद से लेकर सिंधी भोजन तक – ग्लूटोनस भोग की संख्या का कोई अंत नहीं है कि वह…
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बर्थडे स्पेशल 20 जुलाई: असाधारण प्रतिभा की बदौलत नसीरुद्दीन शाह ने हासिल किया खास मकाम Divya Sandesh
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बर्थडे स्पेशल 20 जुलाई: असाधारण प्रतिभा की बदौलत नसीरुद्दीन शाह ने हासिल किया खास मकाम
अपनी असाधारण अभिनय प्रतिभा की बदौलत इंडस्ट्री में खास मकाम हासिल करने वाले दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई, 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हुआ था। नसीरुद्दीन शाह की स्कूली पढ़ाई सेंट ऐंसेल्म अजमेर और सेंट जॉजेफ कॉलेज, नैनीताल से हुई थी। उन्होंने कला में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातक किया और इसके बाद वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली भी गए। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद नसीरुद्दीन अभिनय करने का सपना लिए मुंबई आ गए। यहां उन्हें महज 18 साल की उम्र में राज कपूर और हेमा मालिनी की फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ में काम करने का मौका मिला।
लेकिन फिल्म की एडिटिंग के दौरान उनका सीन फिल्म से काट दिया गया था। फिल्म रिलीज हुई और जब नसीरुद्दीन ने यह देखा तो उन्हें यह देखकर काफी दुःख हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद नसीरुद्दीन पूरी शिद्द्त से लग गए अपने सपने को पूरा करने में। इसके बाद नसीरुद्दीन को साल 1975 में आई श्याम बेनेगल निर्देशित फिल्म ‘निशांत’ में अभिनय करने का मौका मिला।
इस फिल्म में उनका किरदार बेहद छोटा था लेकिन वह अपने शानदार अभिनय के जरिये दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे । इसके बाद नसीरुद्दीन एक के बाद एक फिल्मों में नजर आये। इसके साथ ही वह थियेटर में भी हिस्सा लेते थे। नसीरुद्दीन गिनती आज बॉलीवुड के सबसे मंझे हुए अभिनेताओं में होती है। कई लोग उन्हें अभिनय का शहंशाह भी कहते है।नसीरुद्दीन ने फिल्मों में हर तरह के किरदार को बखूबी निभाया और दर्शकों के साथ-साथ फिल्म समीक्षकों की भी वाह वाही लूटी।
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नसीरुद्दीन शाह ने ज्यादा उम्र होने के बाद भी फिल्मों में बोल्ड सीन देने से कभी परहेज नहीं किया। डर्टी पिक्चर, सात खून माफ, बेगम जान और डेढ़ इश्किया फिल्म में भी उन्होंने लव मेकिंग सीन दिए हैं। इन सब के अलावा नसीरुद्दीन की कुछ प्रमुख फिल्मों में ‘आक्रोश’, ‘जाने भी दो यारों’, ‘अर्ध सत्य’,’कथा’,’चमत्कार’, ‘मंडी’, ‘त्रिकाल’, ‘ए वेडनेसडे’ ,’हे राम’,’कृष’,’राम प्रसाद की तेरहवीं ‘ आदि शामिल हैं। अभिनय के अलावा नसरुद्दीन ने कुछ फिल्में भी निर्देशित की है। उन्होंने साल 2006 में आई दिवंगत अभिनेता इरफ़ान खान, कोंकणा सेन, परेश रावल अभिनीत फिल्म ‘यूँ होता तो क्या होता’ से बतौर निर्देशक एक नई शुरुआत की।
इसके बाद उन्होंने पिंजरा, स्किन ऑफ़ मार्बल जैसी कुछ शार्ट फिल्में निर्देशित की। नसीरुद्दीन शाह को फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए फिल्म ‘स्पर्श’, ‘पार’ और ‘इकबाल’ फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा हिंदी सिनेमा में उनके सराहनीय योगदानों को देखते हुए भारत सरकार ने नसीरुद्दीन शाह को 1987 में पद्मश्री और 2003 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।
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नसीरुद्दीन शाह की निजी जिंदगी की बात करे तो उन्होंने दो शादियां की हैं। उनकी पहली शादी परवीन मुराद (मनारा सिकरी) से हुई और उनकी एक बेटी हीबा शाह हैं, वहीं नसीरुद्दीन शाह की दूसरी शादी रत्ना पाठक से हुई और इनके 2 बेटे इमाद शाह और विवान शाह हैं। अपने शानदार अभिनय से लाखों दिलों को जीतने वाले नसीरुद्दीन शाह फिल्म जगत में अब भी सक्रिय हैं।
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मीरा राजपूत के रूप में किसी को एक शुद्ध की आवश्यकता क्यों है?
मीरा राजपूत के रूप में किसी को एक शुद्ध की आवश्यकता क्यों है?
मीरा राजपूत ने इस छवि को साझा किया। (के सौजन्य से: चमत्कार। कपूर) हाइलाइट शाहिद और मीरा ने 2015 में शादी कर ली वे अक्सर अपने इंस्टाग्राम एक्सचेंज के लिए ट्रेंड करते हैं दंपति के दो बच्चे हैं मीशा और ज़ैन नई दिल्ली: शाहिद कपूर शुद्ध पति लक्ष्य हैं। उनकी पत्नी मीरा राजपूत की नवीनतम अपडेट पर अभिनेता की टिप्पणी इस बात का प्रमाण है। एक इंस्टाग्राम वीडियो में, मीरा ने गुरुवार को कहा कि वह “मौसमी…
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Imc Balm Benefits, How to Use, Price and More
Imc Balm
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डॉक्टरों के संघर्ष को सलाम और सच्चा ट्रिब्यूट देती हैं ये बॉलीवुड फिल्में - Coronavirus bollywood films which are based on medical profession give tribute to doctors tmov
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डॉक्टरों के संघर्ष को सलाम और सच्चा ट्रिब्यूट देती हैं ये बॉलीवुड फिल्में - Coronavirus bollywood films which are based on medical profession give tribute to doctors tmov
जब पूरा देश इस समय कोरोना के खिलाफ एकजुट हो रहा है, जब हर कोई इस वायरस को हराने का प्रण ले रहा है, ऐसे वक्त में भी हमे अपने कोरोना वॉरियर्स को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि उन्हीं की बदौलत हम इस जंग को जीतने की कोशिश कर पा रहे हैं. इन कोरोना वॉरियर्स में सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं हमारे वो डॉक्टर जो इस समय अपने परिवार से दूर दूसरों को बचाने में लगे हुए हैं.
आज जब देश के डॉक्टर अपनी जान की बाजी लगा दूसरों की जान बचा रहे हैं, ऐसे में उन फिल्मों के बारे में जानते हैं जहां बॉलीवुड ने दिया था डॉक्टरों को सच्चा ट्रिब्यूट, दिखाए थे उनकी जिंदगी के संघर्ष-
डॉक्टर कॉन्टिस की अमर कहानी
1946 में रिलीज हुई फिल्म डॉक्टर कॉन्टिस की अमर कहानी हर मायने में डॉक्टर्स को सच्चा ट्रिब्यूट देती है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक डॉक्टर को विश्व युद्ध 2 के वक्त चीन भेजा जाता है जिससे वो वहां लड़ रहे सैनिकों का इलाज कर सके. अब चीन में उस डॉक्टर की सबसे बड़ी सफलता ये रहती है कि वो जानलेवा प्लेग को कंट्रोल भी कर लेता है और उसका इलाज भी ढूंढ लेता है. लेकिन फिल्म के अंत में दिखाया जाता है कि वो डॉक्टर खुद उस प्लेग के चलते मर जाता है.
आनंद
अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म आनंद में भी डॉक्टर की जिंदगी और उनके कमिटमेंट को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है. फिल्म में अमिताभ बच्चन एक डॉक्टर का रोल अदा कर रहे हैं. फिल्म में दिखाया जाता है कि जब डॉक्टर अपने मरीज का इलाज मेडिकल सिस्टम के माध्यम से ���हीं क�� पाता है तो वो दूसरे तरीको की खोज करता है. लेकिन उसका उदेश्य एक ही होता है- उस मरीज की जान बचाना. फिल्म में दिखाया गया है कि एक डॉक्टर और मरीज के बीच विश्वास और उम्मीद का रिश्ता होता है.
एक डॉक्टर की मौत
एक्टर पंकज कपूर की फिल्म एक डॉक्टर की मौत उन डॉक्टरों के दर्द को दिखाती है जो पूरी जिंदगी मेहनत तो करते हैं लेकिन उन्हें उसका श्रेय नहीं मिलता. फिल्म में दिखाया गया है कि एक डॉक्टर काफी कम उम्र में एक खतरनाक बीमारी की वैक्सीन तैयार कर लेता है. इसके चलते वो पूरी दुनिया में काफी फेमस हो जाता है. लेकिन देश में उस डॉक्टर को खूब परेशान किया जाता है और जलील करके एक छोटे गांव में उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है. इसके चलते उसे पता चलता है कि जो वैक्सीन उसने खोजी थी उसका क्रेडिट किसी दूसरे ही वैज्ञानिकों को दे दिया जाता है. लेकिन अंत में उस डॉक्टर को अपनी मेहनत का फल मिलता है और समाज के कल्याण के लिए काम करता रहता है.
मुन्ना भाई एम बीबी एस
राजकुमार हिरानी की ये फिल्म बेहतरीन थी और संजय दत्त का रोल यादगार. इस फिल्म के जरिए दिखाया गया था कि जब हर दवाई काम करना बंद कर देती है उस वक्त भी चमत्कार हो सकते हैं. विश्वास की ताकत पर किसी का भी इलाज किया जा सकता है. फिल्म में दिखाया जाता है कि मुरली अपने पिता की नजरों में एक नकली डॉक्टर बनने का नाटक तो करता है, लेकिन साथ ही साथ अपने अनोखे अंदाज में हर किसी की जिंदगी में खुशियां भरता है. फिल्म में वो बार-बार सर्विस बिफोर सेल्फ के धर्म का पालन भी करता है.
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लॉकडाउन: मुंबई के होटल में फंसे शहनाज-शहबाज, दुखी पिता बोले- याद करता हूं
अरमान
2003 में दिनेश गांधी की फिल्म अरमान आई थी. फिल्म में अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर, ग्रेसी सिंह ने अहम रोल निभाया था. फिल्म में तीनों डॉक्टर के किरदार में थे. अब डॉक्टरों की जिंदगी में क्या-क्या दुविधा हो सकती है, कब डॉक्टर भी धर्म संकट में फंस सकते हैं, इन सभी सवालों पर रोशनी डालती है फिल्म अरमान. फिल्म में दिखाया गया है कि अमिताभ बच्चन स्टेट ऑफ आर्ट अस्पताल बनवाना चाहते हैं लेकिन उनके पास पैसे नहीं है. वहीं अनिल कपूर को अपने पिता के सपने को पूरा कर ��ॉक्टर भी बनना है और वो एक लड़की से प्यार भी करते हैं. उनको दोनों में से किसी एक को चुनना है. फिल्म में ऐसी तमाम चीजें दिखाई जाती हैं जिसकों देख डॉक्टरों की दुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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