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#चंद्रग्रहण कहां दिखेगा
bestcareerprection · 2 years
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ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले अशुभ काल का आरंभ हो जाता है और इस अशुभ अवधि को ही सूतक काल कहा जाता है। इस अवधि के दौरान, किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए। इस साल का आखिरी ग्रहण यानि चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा/Kartik Purnima यानि 8 नवंबर 2022 को पड़ेगा। चंद्र ग्रहण की शुरुआत यानी स्पर्शकाल शाम 5 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और ग्रहण का मध्य भाग शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा और मोक्ष शाम 7 बजकर 26 मिनट तक होगा। इस ग्रहण/Eclipse का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगा और अगले दिन सुबह करीब 7 बजे तक चलेगा।
कहां दिखेगा चंद्रग्रहण?
साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखने को मिलेगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान की जाने वाली सावधानियां
ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले भोजन में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान धार्मिक और प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़नी चाहिए क्योंकि इन्हें पढ़ने से आंतरिक नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही, मंत्र जाप से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से भी बचा जा सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों कि पूर्णता एवं सटीकता प्राप्त करने के लिए ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. विनय बजरंगी की वेबसाइट https://www.vinaybajrangi.com/ पर जाएं या मोबाइल नंबर 9999113366 पर संपर्क करें।
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tezlivenews · 3 years
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Lunar Eclipse 2021: देश के किन-किन शहरों में दिखाई देगा चंद्रग्रहण, जानिए डिटेल्स
Lunar Eclipse 2021: देश के किन-किन शहरों में दिखाई देगा चंद्रग्रहण, जानिए डिटेल्स
Chandra Grahan 2021 and important cities: साल 2021 के आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2021) का दिन अब करीब आ गया है. यह 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है. हालांकि इस बार जो चंद्रग्रहण लग रहा है, वह भारत के कुछ ही शहरों में यह दिखाई देगा. लेकिन इसका महत्व बहुत ज्यादा है. 19 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण है. हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण…
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moneycontrolnews · 5 years
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chandra grahan 2020: चार घंटे 5 मिनट तक रहेगा 10 जनवरी का चंद्र ग्रहण chandra grahan 2020: साल 2020 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण इसी सप्ताह 10 जनवरी (दिन- शुक्रवार) को पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को रात 10:37 बजे शुरू होगा और  02:42Am तक चलेगा। यानी यह पहला ग्रहण चार घंटे 5 मिनट तक चलेगा। चूंकि ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है, ऐसे में मंदिरों और धार्मिक स्थलों के कपाट घ्रहण के दौरान बंद रहेंगे। ग्रणह समाप्त होने के अगले बाद अगले दिन दोपहर बाद मदिरों को गंगाजल से पवित्र किया जाएगा और फिर से पूजा पाठ शुरू होगा। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर बाहर नहीं निकलने की सला दी जाती है। जिससे के गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े। कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण ? इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। साथ ही यूरोप, एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों के कई इलाकों में देखा जा सकेगा। साल 2020 में चार चंद्रग्रहण हैं जिसमें से 10 जनवरी को होने वाला ग्रहण पहला चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण सूतक काल- किसी भी ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को ग्रहण काला माना जाता है। चंद्र ग्रहण यदि 10 जनवरी को रात साढ़े दस बजे शुरू होगा तो इससे पहले दिन में सुबह साढ़े बजे से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा। सूतक काल में शुभ कार्य का प्रारंभ करना मना होता है। यह सूतक काल ग्रहण के अगले दिन 11 जनवरी 2020 दोपहर 02:42 माना जाएगा। इसके बाद लोग स्नानादि करके दान आदि करेंगे। चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण- खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध पर आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इसी प्रकार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है यानी सूर्य के प्रकाश को आशिंक या पूरा कुछ समय के लिए रोक लेती है तो सूर्य ग्रहण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है इसका किसी के जीवन पर बुरा या अच्छा  असर नहीं होता। साल 2020 के आगामी ग्रहण- 10 जनवरी - चंद्र ग्रहण 5 जून - चंद्र ग्रहण 21 जून - सूर्य ग्रहण 5 जुलाई - चंद्र ग्रहण 30 नवंबर -चंद्र ग्रहण 14 दिसंबर - सूर्यग्रह https://www.instagram.com/p/B6-AfQqnvT0/?igshid=18igb417roijx
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khabaruttarakhandki · 4 years
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Lunar Eclipse 2020 Live : साल का दूसरा चंद्रग्रहण, जानें कहां, कब और कैसे देखें
Lunar Eclipse : साल का दूसरा चंद्रग्रहण शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगने वाला है। भारत में आप इसे रात 11.15 बजे से देख सकते हैं। चंद्रग्रहण से जुड़ी बड़े अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए…
Edited By Naveen Kumar Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 05 Jun 2020, 09:50:00 PM IST
रात में लगेगा चंद्रग्रहण।
नई दिल्ली इस साल का दूसरा आंशिक चंद्रग्रहण शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगने वाला है। 2020 का पहला ऐसा चंद्रग्रहण जनवरी महीने में ही लगा था। इस बार चंद्रग्रहण शुरू तो 5 जून को होगा, लेकिन खत्म तारीख बदलने पर 6 जून को होगा। रात 12:54 मिनट पर चंद्रग्रहण का पूरा असर दिखेगा जब पूरी चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाएगा। रात 2:34 बजे चंद्रमा पृथ्वी की छाया से बाहर निकल जाएगा और चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा। यानी, इस बार कुल 3 घंटे 18 मिनट का चंद्रग्रहण होगा। भारत में कब देख पाएंगे चंद्रग्रहण भारत में रात 11:15 बजे चंद्रग्रहण देखा जा सकता है। इसी वक्त से पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगेगी। timeanddate.com के मुताबिक, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत क्षेत्र, अटलांटिक क्षेत्र, हिंद महासागर और अंटार्किटका के ज्यादातर हिस्सों से चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा।
कैसे देखें चंद्रग्रहण अगर आप ऊपर बताए गए किसी इलाकों में रहते हैं तो अपनी छत से या खिड़की से झांककर चंद्रग्रहण देख सकते हैं। अगर आप इनमें से किसी इलाके में नहीं हैं तो आप इसे timeanddate.com, Slooh और Virtual Telescope जैसे यूट्यूब चैनलों पर देख सकते हैं। इनके अलावा,https://ift.tt/VktB8t पर चंद्रग्रहण का लाइव टेलिकास्ट होगा। आप यहां भी चंद्रग्रहण देख सकते हैं।
ऐसे लगेगा चंद्रग्रहण।
क्यों लगता है चंद्रग्रहण जब सूर्य से निकलने वाली रोशनी पृथ्वी पर पड़कर चंद्रमा पर अपनी छाया बना देती है तो चंद्रग्रहण लगता है। आज रात सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ेगी तो पृथ्वी की तिरछी छाया से चंद्रमा का कुछ हिस्सा ढक जाएगा। इस परिस्थिति में जो चंद्रग्रहण लगता है उसे (Penumbral Lunar Eclipse) कहते हैं। इसमें सूर्य की रोशनी को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने में पृथ्वी आड़े आती है। तब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंक जाता है। इसे ही Penumbral चंद्रग्रहण कहा जाता है।
Web Title know all about lunar eclipse 2020(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
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tophindinews · 6 years
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सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, ब्लड मून दिखेगा चांद, जानें कहां-कहां दिखेगा ग्रहण - दैनिक जागरण
http://dlvr.it/QcSTqL
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sgtechs-in · 6 years
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सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, ब्लड मून दिखेगा चांद, जानें कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, ब्लड मून दिखेगा चांद, जानें कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
[ad_1] यह चंद्रग्रहण भारत के अलवा ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोपीय देशों व अंर्टाकटिका में भी अासानी से देखा जा सकेगा। [ad_2] Source link
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thekitabwala-blog · 7 years
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आज सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, खुले रहेंगे मंदिर
आज सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, खुले रहेंगे मंदिर
आज सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, खुले रहेंगे मंदिर  दैनिक भास्कर
Surya Grahan 2018: जानिए कैसे और कहां दिखेगा साल 2018 का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण  inKhabar
सूर्य ग्रहण 2018: सूतक काल में वर्जित हैं ये काम, बरतें सावधानी  Hindustan हिंदी
15 फरवरी को पड़ेगा सूर्यग्रहण, क्‍या भारत में दिखाई देगा? यहां जानें   Zee News हिन्दी
जानें क्या होता है ग्रहण? सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में क्या है अंतर  ND…
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aajkarashifal · 7 years
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चन्द्रग्रहण और भूकंप जानें क्या कहता है कूर्मचक्र
सचिन मल्होत्रा/ज्योतिषशास्त्री अफगानिस्तान में आए भूकंप से आज पाकिस्तान और उत्तर भारत में झटके महसूस किए गए। आज ही के दिन भारतीय समय अनुसार शाम 5 बजकर 18 मिनट से चंद्रग्रहण आरम्भ हो रहा है। अक्सर यह देखा गया है कि पूर्णिमा, अमावस्या विशेषकर ग्रहण के आसपास बड़े भूकंप आते हैं। ज्योतिषशास्त्र में इन भूकंपों की तीव्रता और दिशा का पता लगने की कोई सटीक विधि उपलब्ध नहीं है और आधुनिक भूगर्भ-शास्त्रियों के हाथ भी इस क्षेत्र में खाली हैं। ज्योतिषशास्त्र में कूर्म-चक्र के माध्यम से कुछ सीमा तक ग्रहों का गोचर लगाकर भूकंप, बाढ़, चक्रवात आदि प्राकृतिक आपदाओं का संकेत दिया जा सकता है। कूर्मचक्र और ज्योतिषशास्त्र मेदिनी ज्योतिष में पृथ्वी को 27 नक्षत्रों में बांटकर ग्रहों के गोचर के माध्यम से शुभ-अशुभ फल कहने की रीति को कूर्म-चक्र के नाम से जाना जाता है। यहां कूर्म का शाब्दिक अर्थ कछुए से है जो कि भगवान विष्णु के दूसरे अवतार से सम्बंधित हैं l विष्णु पुराण के अनुसार कूर्म-अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में क्रम से दूसरे स्थान पर आते हैं। वेदव्यास द्वारा रचित विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने सतयुग में सागर मंथन के समय कूर्म (कछुए) का रूप धारण कर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था। विष्णु पुराण में 27 नक्षत्रों को एक कछुए की आकृति में 9 भागों में बांटकर प्राचीन भारत वर्ष के भूगोल का वर्णन किया गया है। Lunar Eclipse 2018: कहां दिखेगा पहले चन्द्रग्रहण, किस राशि पर अधिक असर ग्रहण और कूर्मचक्र की भविष्यवाणी ज्योतिषशास्त्र में कूर्म चक्र द्वारा वर्तमान गोचर में चल रहे ग्रहों को बिठाकर भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं की संभावित दिशा के बारे में जाना जाता है। अब यदि 31 जनवरी के ग्रहण के समय की स्थिति को कूर्म-चक्र में देखें तो सूर्य के श्रवण नक्षत्र में होने से उत्तर दिशा के राज्य पंजाब और हिमाचल के लिए अगले 15 दिन अनुकूल नहीं लग रहे हैं। 28 जुलाई 2018 को लगेगा ग्रहण, ऐसी है आशंका चन्द्रमा के अश्लेषा नक्षत्र में होने से दक्षिण-पूर्व में बंगाल और उड़ीसा में आसामान्य वर्षा और समुद्री तूफान की आशंका बन रही है। इस वर्ष 28 जुलाई को भी एक बड़ा चंद्रग्रहण पड़ेगा जो कि मकर राशि को प्रभावित कर समूचे उत्तर भारत में बाढ़ और भूकंपन से जान-माल को नुकसान पहुंचाने की आशंका दर्शा रही है। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/QDNrkH
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newshut24-blog · 7 years
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रक्षाबंधन : कुंवारों पर पड़ सकता है भारी, बरते ये सावधानी
रक्षाबंधन : कुंवारों पर पड़ सकता है भारी, बरते ये सावधानी
सहारनपुर। रक्षाबंधन त्योहार पर भद्रा के साथ ही चंद्रग्रहण भी है । करीब 12 साल बाद ऐसा संयोग बन��� है जब राखी के दिन ग्रहण लग रहा है। इसलिए इस बार सूतक भी लगेगा। चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है।
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण:
भारत समेत…
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साल 2017 का पहला चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर होगा असर
ऐसा माना जाता है कि सभी 12 राशियों पर चंद्रग्रहण का असर पड़ता है। इस साल चंद्र ग्रहण दो बार लगेगा। पहला चंद्रग्रहण 11 फरवरी को तड़के चार बजे शुरु होगा। सुबह छह बजे ग्रहण अपने चरम पर रहेगा और सात बजे समाप्त होगा। विशेष बात यह है कि 11 फरवरी को लगने वाले प्रथम चंद्रग्रहण में सूतक नहीं लगेगा।
छाया ग्रहण है
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह एक छाया ग्रहण है और धर्म शास्त्रों में छाया ग्रहण पर सूतक प्रभावी नहीं होता। इसलिये इस ग्रहण पर सूतक नहीं लगेगा। कुल मिलाकर तीन घंटे 16 मिनट 27 सैंकिड की अवधि इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की रहेगी। वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 अगस्त को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।
क्या है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण एक खगोलीय स्थिति है। इसमें चंद्रमा, पृथ्वी के और पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर चक्कर काटते हुए एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है और चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरता है तो उसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। ऐसा केवल पूर्णिमा को ही संभव होता है, इसलिये चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही होता है।
कहां कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
साल 2017 का पहला चंद्रग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के भी अधिकतर देशों में दिखाई देगा। 7 अगस्त को लगने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण भी भारत में देखा जा सकेगा।
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chaitanyabharatnews · 4 years
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Chandra Grahan 2020 : जानिए किन-किन राशियों का चंद्र ग्रहण पर होगा शुभ-अशुभ प्रभाव
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चैतन्य भारत न्यूज 5 जून को साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण वास्तविक चंद्र ग्रहण ना होकर एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण बाकी चंद्रग्रहण से अलग होगा। उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान धर्मकर्म से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं होगी। यानी इस बार के चंद्रग्रहण में आपकी दिनचर्या एकदम सामान्य रहने वाली है। हालांकि, ग्रहण के दौरान थोड़ी बहुत सावधानियां रखनी चाहिए। ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और रात में 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। ये चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लग रहा है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा और भारत में इसका कितना असर होगा। कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? ये चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में दिखाई देगा। भारत में भी यह ग्रहण तय समय पर दिखाई देगा लेकिन उपछाया ग्रहण होने की वजह से यहां किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं रोके जाएंगे। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। सिर्फ इस दौरान चांद थोड़ा मटमैला-सा दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता, क्योंकि इसे वास्तविक ग्रहण नहीं माना गया है। क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। तो वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है। राशियों पर ग्रहण का प्रभाव उपच्छाया चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। हालांकि इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर भी पड़ेगा। राशियों पर ग्रहण का प्रभाव- मेष- खर्चे बढ़ेंगे। मन में तनाव की स्थिति रहेगी। वृष- यात्रा के दौरान बेहद सावधानी बरतनी होगी। मिथुन- ग्रहण का प्रभाव आपकी आमदनी पर होगा। कर्क- धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि लेंगे। सिंह- विवाद होने की संभावना है, सावधान रहें। कन्या- धन-संपत्त�� में वृद्धि संभव है। तुला- एक से अधिक स्रोतों से आय आएगी। वृश्चिक- किसी तरह के झमेले में पड़ सकते हैं। धनु- रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। मकर- जमीन जायदाद से जुड़े कार्य होंगे। कुंभ- सेहत में सुधार होने संभावना है। मीन- परिवार में भाईचारा एवं प्रेम बढ़ेगा। ये भी पढ़े... Chandra Grahan 2020 : जानिए क्यों और कैसे लगता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण, भारत में इसका क्या होगा असर आज है चंद्रग्रहण, बरतें ये सावधानियां 149 साल बाद दिखा चंद्रग्रहण का ऐसा अद्भुत नजारा, देखें तस्वीरें Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years
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Chandra Grahan 2020 : जानिए क्यों और कैसे लगता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण, भारत में इसका क्या होगा असर
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चैतन्य भारत न्यूज 5 जून को साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण वास्तविक चंद्र ग्रहण ना होकर एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण बाकी चंद्रग्रहण से अलग होगा। उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान धर्मकर्म से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं होगी। यानी इस बार के चंद्रग्रहण में आपकी दिनचर्या एकदम सामान्य रहने वाली है। हालांकि, ग्रहण के दौरान थोड़ी बहुत सावधानियां रखनी चाहिए। ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और रात में 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। ये चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लग रहा है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा और भारत में इसका कितना असर होगा। कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? ये चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में दिखाई देगा। भारत में भी यह ग्रहण तय समय पर दिखाई देगा लेकिन उपछाया ग्रहण होने की वजह से यहां किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं रोके जाएंगे। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। सिर्फ इस दौरान चांद थोड़ा मटमैला-सा दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता, क्योंकि इसे वास्तविक ग्रहण नहीं माना गया है। क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। तो वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है। ग्रहण को कैसे देख सकते हैं चंद्रग्रहण को देखने के लिए आपको किसी भी विशेष प्रकार की सावधानी बरतने की जरूरत नहीं होती है। चंद्रग्रहण देखने के लिहाज से पूरी तरह से सुरक्षित होता है। या फिर आप साधारण-सा चश्मा लगाकर इसे देख लीजिए। टेलिस्कोप की मदद से भी आप चंद्रग्रहण देख सकते हैं। साल 2020 के ग्रहण 10-11 जनवरी - चंद्रग्रहण 5 जून - चंद्रग्रहण 21 जून - सूर्यग्रहण 5 जुलाई - चंद्रग्रहण 30 नवंबर - चंद्रग्रहण 14 दिसंबर - सूर्यग्रहण Read the full article
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khabaruttarakhandki · 4 years
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Lunar Eclipse 2020 Live : साल का दूसरा चंद्रग्रहण, जानें कहां, कब और कैसे देखें
Lunar Eclipse : साल का दूसरा चंद्रग्रहण शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगने वाला है। भारत में आप इसे रात 11.15 बजे से देख सकते हैं। चंद्रग्रहण से जुड़ी बड़े अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए…
Edited By Naveen Kumar Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 05 Jun 2020, 09:50:00 PM IST
रात में लगेगा चंद्रग्रहण।
नई दिल्ली इस साल का दूसरा आंशिक चंद्रग्रहण शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात लगने वाला है। 2020 का पहला ऐसा चंद्रग्रहण जनवरी महीने में ही लगा था। इस बार चंद्रग्रहण शुरू तो 5 जून को होगा, लेकिन खत्म तारीख बदलने पर 6 जून को होगा। रात 12:54 मिनट पर चंद्रग्रहण का पूरा असर दिखेगा जब पूरी चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाएगा। रात 2:34 बजे चंद्रमा पृथ्वी की छाया से बाहर निकल जाएगा और चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा। यानी, इस बार कुल 3 घंटे 18 मिनट का चंद्रग्रहण होगा। भारत में कब देख पाएंगे चंद्रग्रहण भारत में रात 11:15 बजे चंद्रग्रहण देखा जा सकता है। इसी वक्त से पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगेगी। timeanddate.com के मुताबिक, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत क्षेत्र, अटलांटिक क्षेत्र, हिंद महासागर और अंटार्किटका के ज्यादातर हिस्सों से चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा।
कैसे देखें चंद्रग्रहण अगर आप ऊपर बताए गए किसी इलाकों में रहते हैं तो अपनी छत से या खिड़की से झांककर चंद्रग्रहण देख सकते हैं। अगर आप इनमें से किसी इलाके में नहीं हैं तो आप इसे timeanddate.com, Slooh और Virtual Telescope जैसे यूट्यूब चैनलों पर देख सकते हैं। इनके अलावा,https://ift.tt/VktB8t पर चंद्रग्रहण का लाइव टेलिकास्ट होगा। आप यहां भी चंद्रग्रहण देख सकते हैं।
ऐसे लगेगा चंद्रग्रहण।
क्यों लगता है चंद्रग्रहण जब सूर्य से निकलने वाली रोशनी पृथ्वी पर पड़कर चंद्रमा पर अपनी छाया बना देती है तो चंद्रग्रहण लगता है। आज रात सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ेगी तो पृथ्वी की तिरछी छाया से चंद्रमा का कुछ हिस्सा ढक जाएगा। इस परिस्थिति में जो चंद्रग्रहण लगता है उसे (Penumbral Lunar Eclipse) कहते हैं। इसमें सूर्य की रोशनी को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने में पृथ्वी आड़े आती है। तब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंक जाता है। इसे ही Penumbral चंद्रग्रहण कहा जाता है।
Web Title know all about lunar eclipse 2020(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
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thekitabwala-blog · 7 years
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aajkarashifal · 8 years
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कल सुबह दिखेगा साल 2017 का पहला चंद्र ग्रहण
साल 2017 का पहला चंद्र ग्रहण 11 फरवरी शनिवार को सुबह 4 बजे लगने वाला है। वैसे तो यह एक खगोलीय घटना है लेकिन बहुत से लोग इसे ज्योतिष और धर्म की नजर से भी देखते हैं और ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि साल का यह पहला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है जिस कारण इसका कोई खास प्रभाव नहीं होगा। लिहाजा इस चंद्र ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। 11 फरवरी को पड़ने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जिसे खुली आंखों से नहीं देखा जा सकेगा। लेकिन खगोलविद टेलिस्कोप के जरिए इसे देख सकते हैं। चंद्र ग्रहण का प्रवेश 11 फरवरी की सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर होगा। फरवरी 2017 में ही सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है जो 26 फरवरी को पड़ेगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। कहां-कहां दिखेगा ग्रहण नासा के मुताबिक भारत, यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका के ज्यादातर हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा। ग्रहण का समय 11 फरवरी को सुबह 4 बजकर 4 मिनट पर चंद्र ग्रहण शुरू होगा। इसका अधिकतम समय 11 फरवरी को सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर होगा और इस ग्रहण की समाप्ति 11 फरवरी शनिवार को सुबह 8 बजकर 23 पर मिनट होगी। क्या करें, क्या ना करें - फिर चाहे चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, इस दौरान पूजा पाठ करें और घर को शुद्ध रखें। - चाकू, कैंची, सूई-धागे का प्रयोग ना करें। यह नियम खासतौर पर गर्भवती महिलाओं पर लागू होता है। - ग्रहण के दौरान घर से बाहर ना निकलें। - ऊंचे स्वरों में मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें - चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। - चंद्र ग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। - चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता है क्योंकि इससे आंखों को नुकसान नहीं होता। - सूर्य ग्रहण की तरह ही चंद्र ग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/NL9Mx4
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