#चंचल बातें
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बेटी का दर्द (beti ka dard ) : पिता की आँखों से
वो बेटी का दर्द (beti ka dard ) क्या जाने , बेटी नहीं है जिस पिता के घर, कैसे पलतीं हैं बेटियां पूछो कभी, बेटियां पल रही हैं जिस पिता के घर, * * * * * * * एक बेटी का पिता ही जाने, कैसे पलतीं हैं बेटियां, एक पिता का सीना चौड़ा हो जाता है, जब हाथ पकड़ कर चलती हैं बेटियां, बेटी को रखता है पिता, अपनी जान से भी ज्यादा संभालकर, उसके दिल को मिलता है सकू��, मुस्करा रही है…
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आज दिनांक - 19 जनवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - पौष
पक्ष - शुक्ल
तिथि - नवमी रात्रि 07:51 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - भरणी मध्य रात्रि 02:50 तक तत्पश्चात कृतिका
योग - साध्य दोपहर 12:46 तक तत्पश्चात शुभ
राहु काल - सुबह 11:28 से 12:50 तक
सूर्योदय - 07:23
सूर्यास्त - 06:18
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:16 तक
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - नवमी को लौ��ी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कठोर या चंचल स्वभाव बदलने की कुंजी
स्वभाव कठोर है तो कमल का ध्यान करें, स्वभाव कोमल हो जायेगा । चंचल स्वभाव है तो ऐसा चिंतन करें कि “मैं शांत आत्मा हूँ, चिद्घन आत्मा हूँ, चैतन्य आत्मा हूँ... चंचलता मन में है, उसको जाननेवाला, चल मन को जाननेवाला अचल मेरा आत्मा-परमात्मा है । ॐ ॐ ॐ....” थोड़े दिन में स्वभाव ठीक हो जायेगा ।
मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है
‘ॐऽऽऽ...’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय । अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा । वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा ।
लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु
तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है ।
तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे । फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम - कीर्तन करके हास्य - प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे । यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वास होता है ।
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (प्रतिपदा तिथि +गोवर्धन पूजा)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
जिस प्रकार बालरूपी श्री कृष्ण ने इंद्र का मानमर्दन किया उसी प्रकार ईश्वर आपके समस्त दुख, विपत्ति और कष्टों का भी मर्दन करे,
*🎁🎉आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवारजनों को पंचदिवसीय महापर्व दीपावली के चौथेे दिन गोवर्धन पूजा, सुहाग पड़वा और धोक पड़वा की कोटिशः शुभकामनाएँ |🎉🎁*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🙏🙏*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-02-नवम्बर-2024
वार:-------शनिवार
तिथि :---01प्रतिपदा 20:22
पक्ष:-----शुक्लपक्ष
माह:-----कार्तिक
नक्षत्र:----विशाखा:-29:58
योग:-----आयु:-11:17
करण:----किस्तुध्ना:-07:22
चन्द्रमा:---तुला 23:24/वृश्चिक
सूर्योदय:------06:51
सूर्यास्त:-------17:51
दिशा शूल------पूर्व
निवारण उपाय:---उङद या वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :------हेमंत ऋतु
गुलिक काल:---06:51से 08:15
राहू काल:---09:39से11:03
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-08:15से09:39तक
चंचल:-12:27से13:51तक
लाभ:-13:51से15:15तक
अमृत:-15:15से16:39तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-17:51से19:27तक
शुभ:-21:03से22:39तक
अमृत:-22:39से00:15तक
चंचल:-00:15से01:51तक
लाभ:-05:15से06:51तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 208वा दिन, गोवर्धन पूजा,अन्नकूट, गोक्रिडा,जैन संवत 2551 प्रारंभ, मार्गपाली, कार्तिक शुक्लादि, बलिपूजन, अभ्यंग स्नान, गुजराती नववर्ष प्रारंभ, बलिराज पूजा,
🌺👉टिप्स 👈🌺
कार्तिक मास में तुलसी जी के रोज 108 परिक्रमा करे।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
गोवर्धन पूजा के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्वत को श्री गिरिराज जी भी कहा जाता है। इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाकर उसकी पूजा रोली, चावल, खीर, बताशे, चावल, जल, दूध, पान, केसर, पुष्प आदि से दीपक जलाने के पश्चात की जाती है। गायों को स्नानादि कराकर उन्हें सुसज्जित कर उनकी पूजा करें। गायों को मिष्ठान खिलाकर उनकी आरती कर प्रदक्षिणा करनी चाहिए।
श्री गिरिराज की परिक्रमा 7 कोस (21 किलोमीटर) की होती है और इस दिन हजारों लाखों लोग इस परिक्रमा को करने आते हैं। गोवर्धन पूजा से भक्तों को कृष्ण भगवान की विशेष कृपा मिलती हैं। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, बड़ी दिवाली के बाद आज चौथा नंबर ��ोवर्धन पूजा का है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भ�� जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है। कथा यह है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया " मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं" कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं।
इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? -
मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? मैईया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।
अन्नकूट -
अन्नकूट शब्द का अर्थ होता है अन्न का समूह। विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित करने के कारण ही इस उत्सव या पर्व को नाम अन्नकूट पड़ा है। इस दिन अनके प्रकार का पक्वान, मिठाई आदि का भगवान को भोग लागायें। सभी नैवेद्यों के बीच भारत का पहाड़ अवश्य बनायें। भोग सामग्री की इतनी विविधता और विपुलता होनी चाहिए, जितनी बनाई जा सकें। अन्नकूट के रूप में अन्न और शाक-पक्वानों को भगवान को अर्पित किये जाते है तथा भगवान को अर्पण करने के पश्चात वह सर्वसाधारण में वितरण किया जाता है। कृषिप्रधान देश का यह अन्नमय यज्ञ वास्तव में सर्वसुखद है। अन्नकूट और गोवर्धन की यह पूजा आज भी कृष्ण और बिष्णु मन्दिरों में अत्यन्त उत्साह से की जाती है।
*सुविचार*
लोगों के चहरे को तव्वजों ना देकर अगर दिल मे झाकोगे तो आपको और साफ दिखाई देगा।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व���यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*घरेलू चीज़ों से हटाइये चेहरे के बाल :-*
1. बेसन को हल्दी के साथ मिलाइए , उसमें सरसों का तेल डाल कर गाढा पेस्ट बनाइए। इसे चेहरे पर लगा कर रगडिये और इसे हफ्ते में दो बार लगाइये। ऐसा करने से चेहरा चमचमाने लगेगा।
2. हल्दी पाउडर को नमक के साथ मिलाइए। इसमें कुछ बूंदे नींबू और दूध की मिला ��कती हैं। 5 मिनट के लिए मसाज कीजिए। इससे आपके चेहरे के बाल गायब होंगे और चेहरा सफेद भी होगा।
3. नींबू और शहद के पेस्ट को मिला कर अपने चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगा रहने दीजिए। इसके बाद इसे रगड कर छुडाइए और ठंडे पानी से धो लीजिए।
4. चीनी डेड स्किन को हटाती है और चेहरे के बालों को जड़ से निकाल देती है। अपने चेहरे को पानी से गीला कीजिए उस पर चीनी लगा कर रगडिए। ऐसा हफ्ते में 2 बार जरुर कीजिए।
5. बेसन को हल्दी और दही के साथ मिलाए और चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाइए। इसे बाद में दूध और फिर ठंडे पानी से धो लीजिए। एएसा हफ्ते में 2 बार करें।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
शत्रु भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। पुराना रोग उभर सकता है। उन्नति होगी। धनलाभ होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
भागदौड़ रहेगी। यात्रा सफल व मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन कार्य के अवसर प्राप्त होंगे।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कलह होगी। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हानि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
रयास सफल रहेंगे। सुख के साधन जुटेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। पीड़ा संभव है। अपने परिश्रम से लाभ प्राप्त करेंगे।
👩🏻🏫 *राशि फलादेश कन्या* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता रहेगी। धनहानि संभव है। कर्ज, आसान वित्त आदि प्राप्त होंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
कष्ट, भय व पीड़ा का माहौल बन सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
बेचैनी रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। व्ययवृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। नए व्यवसाय के लिए लोन लेंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश लाभप्रद रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। वाहनादि चलाते समय सावधानी रखें।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धनलाभ होगा। आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
विवेक से कार्य करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। धनार्जन होगा। जोखिम न लें। जमीन विवाद की आशंका रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। भागदौड़ रहेगी। बनता कार्य बिगड़ जाने से चिंता रहेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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[10/23, 6:02 PM] +91 88177 68927: श्री गुरु ग्रन्थ साहेब जी, पृष्ठ 1189
राग बसंत महला 1
चंचल चित न पावै पारा, आवत जात न लागै बारा।
दुख घणों मरीअै करतारा, बिन प्रीतम के कटै न सारा।।1।।
सब उत्तम किस आखवु हीना, हरि भक्ति सचनाम पतिना(रहावु)।
औखद कर थाकी बहुतेरे, किव दुख चुकै बिन गुरु मेरे।।
बिन हर भक्ति दुःख घणोरे, दुख सुख दाते ठाकुर मेरे।।2।।
रोग वडो किंवु बांधवु धिरा, रोग बुझै ��े काटै पीरा।
मैं अवगुण मन माहि सरीरा, ढूंढ़त खोजत गुरिू मेले बीरा।।3।।
नोट:- यहाँ पर स्पष्ट है कि अक्षर कबीरा की जगह ‘गुरु मेले बीरा‘ लिखा है। जबकि लिखना था ‘ढूँढ़त खोजत गुरि मेले कबीरा‘
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[10/23, 8:34 PM] +91 93488 63242: #MustListen_Satsang
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख,कष्ट व रोग नहीं होता है।
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➜ श्रद्धा Tv 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
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इस बस्ती के इक कूचे में-इब्न-ए-इंशा
इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना इक नार पे जान को हार गया मशहूर है उस का अफ़साना
उस नार में ऐसा रूप न था जिस रूप से दिन की धूप दबे इस शहर में क्या क्या गोरी है महताब-रुख़े गुलनार-लबे
कुछ बात थी उस की बातों में कुछ भेद थे उस की चितवन में वही भेद कि जोत जगाते हैं किसी चाहने वाले के मन में
उसे अपना बनाने की धुन में हुआ आप ही आप से बेगाना इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
ना चंचल खेल जवानी के ना प्यार की अल्हड़ घातें थीं बस राह में उन का मिलना था या फ़ोन पे उन की बातें थीं इस इश्क़ पे हम भी हँसते थे बे-हासिल सा बे-हासिल था इक ज़ोर बिफरते सागर में ना कश्ती थी ना साहिल था जो बात थी इन के जी में थी जो भेद था यकसर अन-जाना इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
इक रोज़ मगर बरखा-रुत में वो भादों थी या सावन था दीवार पे बीच समुंदर के ये देखने वालों ने देखा मस्ताना हाथ में हाथ दिए ये एक कगर पर बैठे थे यूँ शाम हुई फिर रात हुई जब सैलानी घर लौट गए क्या रात थी वो जी चाहता है उस रात पे लिक्खें अफ़साना इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
हाँ उम्र का साथ निभाने के थे अहद बहुत पैमान बहुत वो जिन पे भरोसा करने में कुछ सूद नहीं नुक़सान बहुत वो नार ये कह कर दूर हुई 'मजबूरी साजन मजबूरी' ये वहशत से रंजूर हुए और रंजूरी सी रंजूरी? उस रोज़ हमें मालूम हुआ उस शख़्स का मुश्किल समझाना इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
गो आग से छाती जलती थी गो आँख से दरिया बहता था हर एक से दुख नहीं कहता था चुप रहता था ग़म सहता था नादान हैं वो जो छेड़ते हैं इस आलम में नादानों को उस शख़्स से एक जवाब मिला सब अपनों को बेगानों को 'कुछ और कहो तो सुनता हूँ इस बाब में कुछ मत फ़रमाना' इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
अब आगे का तहक़ीक़ नहीं गो सुनने को हम सुनते थे उस नार की जो जो बातें थीं उस नार के जो जो क़िस्से थे इक शाम जो उस को बुलवाया कुछ समझाया बेचारे ने उस रात ये क़िस्सा पाक किया कुछ खा ही लिया दुखयारे ने क्या बात हुई किस तौर हुई अख़बार से लोगों ने जाना इस बस्ती के इक कूचे में इक इंशा नाम का दीवाना
हर बात की खोज तो ठीक नहीं तुम हम को कहानी कहने दो उस नार का नाम मक़ाम है क्या इस बात पे पर्दा रहने दो हम से भी तो सौदा मुमकिन है तुम से भी जफ़ा हो सकती है ये अपना बयाँ हो सकता है ये अपनी कथा हो हो सकती है वो नार भी आख़िर पछताई किस काम का ऐसा पछताना? इस बस्ती के इक कूचे में इक 'इंशा' नाम का दीवाना
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"have you ever stayed in udaipur in the monsoons?" "no," "do you want me to describe it to you?"
"ये बातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा"
"these talks, this weather, the shore of this river, this playful wind"
your mom and you running to take the clothes outside the moment it starts raining; preparing for power cuts by charging emergency bulbs, scavenging candles; forgetting your umbrella the day it decides to rain; your cousins and you making paper boats that don't even last ten seconds in the water puddles; spending evenings on terraces; more often that not your school floods, your shoes and socks get puddled and the shoes don't dry for two days; dancing and getting soaked even though you know you have wild migraines; the ecstacy of a simple breeze if a garden is nearby you; taking out the "not winter but not summer either" blankets and huddling in them when you get a cold; your mom telling hushed stories of her childhood and how she met your dad while uncontrollably blushing; seeing a cute boy dance on the terrace opposite your house; your glasses getting fogged; not bathing for four days because its that cold mom!!; the gates at fatehsagar push open creating a splendid waterfall; your friends and you huddling under the same umbrella because most of them forgot to bring theirs, pushing for space; you give your umbrella to someone you have a crush on only to freeze yourself (p.s. it's worth it); dadaji is in a mood for old love songs, and your mum hums them too, that's how you learnt most of them; horror stories in candlelights and one of your siblings has the most disgusting ones; your father assuming what the weather's gonna be and it turning out to be the exact opposite; sleeping on the terrace when your mom says it's not gonna rain; then scrambling downstairs when it starts pouring like hell; ice-creams are now banned you're gonna get a cough if you eat one; and tattering rain is what lulls you to sleep; coffee? tea? pakode?
all im saying is, come to udaipur only in the monsoons and that's a threat.
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" यहाँ मैंने स्पर्श किया "
एक अद्भुत स्पर्श कहूं
या कहूं,चमत्कार
देखा हैं,
चमत्कार से कुछ कम न था
उनकी श्रद्धा ने ही
मुझे यूँ ढ़क सा लिया
अपने प्रकृति साफे मे
एक विशाल साफा
जिसने मेरे चंचल मन के
विचारों को हर लिया
यहा मैंने स्पर्श किया ।
पेड़ो,पत्तों,नदियों,झरनों,पत्थरों
क्या, कैसे बयां करू
मैंने उन सभी जीवित,निर्जीवो
मैं ईश्वर को स्पर्श किया
मेरी आँखें गवाह है
मैं स्वर्ग जाकर आया हूँ
ईश्वर से साक्षात्कार
तो नहीं हुए,लेकिन
उनको यहाँ मैंने स्पर्श जरूर किया ।
पर्वतों की गोद मैं बैठकर देखा मैंने
बहती सुंदरता को
देख पाया,उस सुगंधित पवन को
देख पाया प्रकृति की विशाल
श्रखला को
देख पाया प्रकृति की उस
सुषमा को
सुन पाया ,पेड़ो को कुछ कहते हुए
सुना झूलती डालो से उठ रही
कुछ विचित्र ध्वनियों को
जो मुझें अंदर से ऊर्जा भर रही थी
सचमुच कमाल ही था मेरा अमूभव
हिमालय की कोख मे मुझे
माँ जैसा अपनापन और स्नेह मिला
मुझे रोक लेती बार-बार सुनाने से
मेरी बेतुकी कहानियाँ
मैंने कण-कण की मनोहरता को देखा
कैसे बयां करू,
यहाँ मैंने स्पर्श क्या किया ।
यकीन करना मुश्किल है ,लेकिन
यहाँ मैंने पक्षियों की बातें सुनी
मैंने पेड़ो की जटाओं मे
शिव को देखा
मैंने घोसलों मे बसे परिवार को देखा
पत्थरों मे उगते पौधे को देखा
नदियों मे बहाते पापों को देखा
विचित्र सब है,लेकिन मैंने स्वयं
इस विचित्रता को स्पर्श किया
उगते सूर्य को देखा
देख पाया संध्या की लालिमा
उन दूर पर्वतों पर
देख सका तारों का टिमटिमाना
मैंने प्रेम देखा
मुझे अपनापन मिला, जो कहि खो
गया था, या मिला ही नहीं था
पहले कभी इस तरह
चंचल से शांत बनने की दवा मिली
सचमुच यहाँ मैंने स्पर्श किया ।।
-- जगदीश बिष्ट --
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सकारात्मक सोच
हमारा मन बहुत चंचल है,बहुत सारे विचारो का भंडार है, जैसे ही दिमाग खाली होता है न जाने कितनी ही बातें सोच जाता है उन विचारो पर हमारा नियंत्रण भी नही होता। और जिसका असर हमारे व्यक्तिगत जीवन पर भी पड़ता है।
इन सब चीजों से बचने के लिए positive thinking मतलब सकारात्मक सोच को सम��ना बहुत जरूरी है।
कहा भी जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर हो���ा है। मतलब जब भी हम खाली होते है हमारे दिमाग में कई तरह के विचार आते है अब उन विचारो में से सारे फायदेमंद है ये जरूरी नहीं।
अब आपको इस बारे में कैसे पता चलेगा कि कौनसा विचार पॉजिटिव है और कौनसा नेगेटिव। जो विचार हमारे मन को खुश रखते है हर हालत में वो पॉजिटिव है जहा हमने हार मान ली या खुद को दुखी कर लिया वो विचार है नेगेटिव।
अब इन सब नेगेटिव विचारो से बचने का आसान तरीका है दिमाग को बिजी रखना और साथ ही हर चीज की शुरुआत एक पॉजिटिव सोच के साथ करना।
उदाहरण के लिए हम सुबह जागते ही बस इतना सोच सकते है कि आज का दिन मेरा है। आज जो मैं करने जा रहा वो मैं कर पाऊंगा। मैं कर सकता हूं। बस फिर आज से अभी से शुरुआत करे एक अच्छी जिंदगी की पॉजिटिविटी के साथ।
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Let Me Raise A Toast To The Girl I Love Most
मेरे दिल में कभी भी कोई इसकी जगह नहीं ले सकता। दोस्त तो मेरे बहुत हैं लेकिन अगर सबसे अच्छा दोस्त कोई है तो यही है और अगर इससे अच्छा कोई आ भी जाता है और मुझे बहुत अच्छा ट्रीट करता है और मेरे लिए बहुत कुछ कर देता है फिर भी मैं अंकिता की जगह उसे या किसी और को नहीं देना चाहती।
हम सबसे पहले कॉलेज के पहले दिन मिले थे और मुझे देखकर उसको लगा कि मैं बहुत घमंडी हूं....क्योंकि मैं अपनी मम्मी को ठीक से जवाब नहीं दे रही थी।
अंकिता मेरी रूममेट थी। तो हम साथ में बहुत सारा समय बिताते थे। एक साथ कॉलेज जाते थे और कॉलेज में भी बहुत से लोग थे मगर उसको भी मेरे साथ ही रहना पसंद था।
और भी दोस्त थीं जो पढ़ाई लिखाई ��ें काफी मन लगाती थीं जैसे रूपल, चंचल, अपराजिता.. अंकिता भी पढ़ने में बहुत अच्छी थी।
एक बार मुझे याद है कि अंकिता ने लॉजिक खूब अच्छे से पढ़ा और एग्जाम के एक दिन पहले मुझे भी पढ़ा दिया था.. फिर हम दोनो ने क्लास में मिलकर टॉप किया था।
पूरे डिपार्टमें में चर्चे हो गए थे कि दोनो साथ में ही रहती हैं और दोनो ने सबसे ज्यादा नंबर लाए हैं। BHU में टॉप करना बड़ी बात है.. हालांकि मेरा पढ़ने में इतना मन नहीं लगता था।
पर अंकिता को पढ़ाई ही करनी थी.. उसे आगे चलकर प्रोफेसर बनना था और वह कर भी रही है। मेरी दोस्त फिलहाल JNU से पीएचडी कर रही है और मास्टर्स भी वहीं से किया है।
मैं BHU में ही रह गई थी शायद इसीलिए मैंने पढ़ाई ही छोड़ दी😂🥲... हम दोनों साथ में बहुत सारी बातें करते थे और दिन रात बातें ही करते रहते थे। अलग अलग टॉपिक पर और दुनिया भर के टॉपिक्स पर.. हम दोनों को हर चीज में इंटरेस्ट था।
बनारस में नए places एक्सप्लोर करना। साथ में मोमोज और टिक्की खाने जाना। अंकिता को पानीपुरी इतनी पसंद नहीं थी और मुझसे यह शिकायत थी कि यह हर जगह पानीपुरी खा लेती है इसको स्वाद से फर्क नहीं पड़ता बस पानी पूरी होनी चाहिए।
सबसे पहला घर भी हमने साथ में ही लिया था। अंकिता मेरे कॉलेज लाइफ का बहुत बड़ा पार्ट है क्योंकि उसके अलावा मैने किसी और को दोस्त ही नहीं बनाया। कभी जरूरत ही नहीं पड़ी...
हम दोनो हर जगह साथ में रहते थे और एक दुसरे से कभी स्पेस नहीं चाहिए था हमको। कॉलेज में भी साथ साथ घर में भी साथ साथ.. बाज़ार भी साथ साथ जाते। अंकिता के साथ मैंने गिटार क्लास भी ज्वाइन किया था।
अगर लाइफ हमारे हिसाब से चलती तो मास्टर्स भी हम साथ में ही करते। हम दोनो के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ आजतक। हालांकि differences बहुत थे मगर उनको लेकर कभी झगड़े नहीं हुए।
कोई बात मन में भी रहती तो उसे हम अपने मन में ही टैकल कर लेते। एक बार मुझे याद है.. ग्लोबस में मुझे एक ब्लैक ड्रेस बड़ी पसंद आ गई थी और मैने बड़े मन से अपनी मम्मी से कहा कि मुझे ये ड्रेस दिला दीजिए और मम्मी ने मना कर दिया। मैं छोटी थी इसलिए रोने लगी तो अंकिता ने मुझे वह ड्रेस दिला दी। ❤️
एक बार बारिश हो रही थी और हम दोनो हॉस्टल के अंदर थे अंकिता ने कहा कि सक्कू बारिश हो रही है। चलो घूम के आते हैं फिर भीगते हुए चलेंगे.. फिर हम दोनो साथ भीगते भीगते गए.. आलू टिक्की और मोमोज खाए..और वहीं चौराहे पर गुलाब के फूल मिल रहे थे तो मैंने के खरीद लिया और बारिश में घुटने पर बैठ कर अंकिता को गुलाब दिया।
आस पास के लोग देखकर बड़े खुश हो रहे थे। अंकिता आजतक कहती है कि वैसा मेरे boyfriend ने भी मुझे आजतक फील नहीं कराया है।
हम दोनों साथ में बहुत चीज़ें बनाते थे खाते थे। दाल चावल चोखा हम दोनो बड़े ही चाव से खाते थे। अंकिता रोटी एकदम परफेक्ट बनाती है।
पर उसे मेरे हाथ का खाना बहुत पसंद है। उसने एकबार एक क्लासमेट से बोला था कि साक्षी कुछ भी बनाती है बहुत टेस्टी बनता है। अंकिता के घर का खाना मेरे घर के खाने की तरह ही होता है और हम दोनो एक ही जैसा खाना बनाते हैं।
कॉलेज में टीचर्स को भी हमारी जोड़ी बहुत पसंद थी। अगर गलती से कोई एक कॉलेज नहीं आए और दूसरा अकेले घूम रहा है तो लोग पूछने लगते थे कि वो कहां है?? वो नही आई???
लोग हमारे नाम में भी कंफ्यूज हो जाते थे। साक्षी को अंकिता और अंकिता को साक्षी बुला देते थे। हम दोनों साथ में बदलापुर मूवी देखने गए थे और बनारस के कई क्लासिकल फेस्ट भी देखने जाते थे।
अंकिता के साथ अच्छी मेमोरीज इतनी हैं कि लिखने लगूंगी तो लाइफ कम पड़ जाएगी। हर छोटी छोटी बात जिसमें हम दोनो को बड़ा मजा आता था। हर छोटी छोटी जगह जहां हम दोनों साथ में गए थे हर छोटे छोटे जोक्स... सब मुझे याद है।
मैं JNU में उसके पास कई बार गई और बहुत ही मज़ा आया।
अभी बस डायरी लिखते समय भी चेहरे पर स्माइल है और हज़ारों ऐसे पल आंखों के सामने दुबारा आ रहे हैं जो हमने साथ में जीए हैं और सब के सब मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं।
कुछ भी मेरी लाइफ के छोटे बड़े डिसीजन सब मैं उससे एक बार जरूर पूछती हूं। कोई भी बात उसे बिना बताए पूरी नहीं होती है। अंकिता भी मुझसे इतना ही प्यार करती है। उसने दिल्ली में एक बार मुझसे कहा था कि लाइफ में अगर अभिषेक के बाद मैने उसके जितना किसी को प्यार किया है तो वह तुम हो❤️❤️❤️❤️❤️
मेरा जब पहला डांस शो हुआ था तो अंकिता देखने आई थी और यह चीज मेरे लिए बहुत मायने रखती है। क्योंकि शो करने के बाद आर्टिस्ट अपने घर वालों के पास या दोस्त के पास जाके बैठते हैं और उन्हीं के साथ फिर घर वापस जाते हैं। मुझे भी लगा कि मेरे घर से भी कोई आया है।
मेरा अपने भाई से कभी झगड़ा नहीं हुआ है और अंकिता से भी कभी झगड़ा नहीं हुआ है। Every relationship has some conflict but I can proudly say that we have none. and yes Perfection exists✨❤️
मैं अंकिता के साथ बहुत सारे ट्रिप पर जाना चाहती हूं और लाखों खूबसूरत यादें और भी क्रिएट करना चाहती हूं। मुझे यह कॉलम अधूरा ही लग रहा है और लग रहा है यह नहीं लिखा.. वह बात रह गई। पर मैं कितना भी लिखूं उसके लिए.. अधूरा ही रहेगा
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वो लड़की....
वो लड़की….
चंचल सी एक लड़की हैभोली भाली फूलो जैसी लगती हैसुंदर सुमन सा उसका मनबातें करते उसके दो नयन है मीठी-मीठी बातें उसकीचुपके चुपके जादू कर देती हैवह चुलबुली है,अनजानी सीपगली सी दीवानी सी उसकी मदमाती बातेंकरती फुंआरो की बरसातेउनकी हँसी मन कोकम्पित करती ,जल तरंग सी कोयल सी कूक मेंधुन ,सितार की खूब हैरुई सी रुख कीरूप, निखरी धूप है
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Part 2 अरे भक्ति का अर्थ क्या ?? भगवान से प्रेम । वह किसी माध्यम से हो। यही तो वेद है । यही तो विद्य करवाने के लिए उसका प्रादुर्भाव हुआ है । ऐसे ही वामपंथी लोग लोग जब वेदों को पढ़ते हैं तो कहते हैं वेद का अर्थ है कि यज्ञ करना। और यज्ञ भी यह मूर्ख परिभाषित करते हैं कि आग जलाकर हविष्य डालना । इनको जल का एक ही मतलब पता है ज��� पानी है , इनको इंद्र का मतलब यही पता है जो TV में दिखाते हैं , इनको अग्नि का मतलब यही पेता है जो जलती है , इनको गौ का अर्थ यही पता है जो सड़कों पर घूमती हैं , इनको अश्व का मतलब सिर्फ घोड़ा पता है, यह शास्त्रों के शब्दों को और वाक्यों को उसी तरह लेते हैं जैसा समझाने के उद्देश्य से समझाया गया है । शास्त्र अपनी बातों को उक्तियों के माध्यम से , कहानियों के माध्यम से , रूपक के माध्यम से , metaphor के माध्यम से , आरोपित करने के माध्यम से , हमारी बुद्धि के स्तर के अनुसार मानवीकरण कर के हमारी बुद्धि में अपनी अलैकिक बातें लौकिक बनाकर हमारी लौकिक बुद्धि में घुसाने का भरसक प्रयत्न करते हैं। लेकिन हम लोग उसका स्वरूप भी बिगाड़ कर अपनी बुद्धि और लगाकर उसको परिभषित करते हैं । मतलब एक तो बंदर चंचल , उस पर उसने शराब पी ली , तीसरी उसे बिच्छु ने डंक मार दिया । तो उस बंदर की क्या हालत होगी , यह सब जानते हैं। ठीक उसी प्रकार सब अपनी बुद्धि अनुसार शास्त्रों का दोहन कर रहे हैं। कोई नहीं प्रयत्न करता कि शास्त्रों की बुद्धि के स्तर के वाले महापुरुषों से इनका निगमन करें । लेकिन नहीं हमें अपनी चार अंगुल की खोपड़ी उसमें लगानी ही लगानी है। जो खोपड़ी हम विष्ठा में लगाते हैं , स्त्री , पति , पड़ोसी में लगाते हैं , वही खोपड़ी का उपयोग हम शास्त्रों में करते हैं। अरे एक छोटा बच्चा बेवकूफ बना देता है , तुम्हारी स्त्री तुम्हें पीछे से धोखा दे रही है , यह तक नहीं समझ पाते , और उसी बुद्धि को लेकर शास्त्रों को समझने के लिए आते हैं कि हम PH.D हैं, हम IAS हैं , हम समझ लेंगे । - Shwetabh Pathak https://www.instagram.com/p/CahQI37PzUk/?utm_medium=tumblr
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💠दश मुकामी रेखता💠Sat sahib ji 🙏
🔹️ प्रमाण कबीर सागर अध्याय ‘‘मोहम्मद बोध‘‘ पृष्ठ 20, 21 तथा 22 पर दश मुकामी रेखता
पृष्ठ 21 से कुछ अंश :-
भया आनन्द फन्द सब छोड़िया पहुंचा जहाँ सत्यलोक मेरा।।
{हंसनी (नारी रूप पुण्यात्माऐं) हंस (नर रूप पुण्यात्माऐं)}
हंसनी हंस सब गाय बजाय के साजि के कलश मोहे लेन आए।।
युगन युगन के बिछु��े मिले तुम आय कै प्रेम करि अंग से अंग लाए।।
पुरूष दर्श जब दीन्हा हंस को तपत बहु जन्म की तब नशाये।।
पलिट कर रूप जब एक सा कीन्हा मानो तब भानु षोडश (16) उगाये।।
पहुप के दीप पयूष (अमृत) भोजन करें शब्द की देह सब हंस पाई।।
पुष्प का सेहरा हंस और हंसनी सच्चिदानंद सिर छत्र छाए।।
दीपैं बहु दामिनी दमक बहु भांति की जहाँ घन शब्द को घमोड़ लाई।।
लगे जहाँ बरसने घन घोर कै उठत तहाँ शब्द धुनि अति सोहाई।।
सुन्न सोहैं हंस-हंसनी युत्थ (जोड़े-झुण्ड) ह्नै एकही नूर एक रंग रागै।।
करत बिहार (सैर) मन भावनी मुक्ति में कर्म और भ्रम सब दूर भागे।।
रंक और भूप (राजा) कोई परख आवै नहीं करत कोलाहल बहुत पागे।।
काम और क्रोध मदलोभ अभिमान सब छाड़ि पाखण्ड सत शब्द लागे।।
पुरूष के बदन (शरीर) कौन महिमा कहूँ जगत में उपमा कछु नाहीं पायी।।
चन्द और सूर (सूर्य) गण ज्योति लागै नहीं एक ही नख (नाखुन) प्रकाश भाई।।
परवाना जिन नाद वंश का पाइया पहुँचिया पुरूष के लोक जायी।।
कह कबीर यही भांति सो पाइहो सत्य पुरूष की राह सो प्रकट गायी।।
🔸️भावार्थ:- इस अमृतवाणी में स्पष्ट है कि परमेश्वर कबीर जी सतगुरू रूप में पृथ्वी से धर्मदास जी को लेकर सतलोक को चले तो रास्ते में 9 स्थान आए जैसे नासूत, मलकूत यह फारसी में शब्द है। इन सात आसमानों के पार अचिन्त, विष्णु लोक आदि के पार जब सतलोक में पहुँचा तो धर्मदास जी कह रहे हैं कि मेरे को सत्कार के साथ लेने को सतलोक के हंस (नर) हंसनी (नारी) गाते-नाचते ढ़ोल आदि साज-बाज बजाते हुए स्त्रियां सिर के ऊपर कलश रखकर लेने आए। उनके शरीर का प्रकाश सोलह सूर्यों के समान था। मेरे शरीर का प्रकाश भी उनके शरीर के प्रकाश के समान 16 सूर्यों के समान हो गया।
🔸️जो पृथ्वी लोक से मोक्ष प्राप्त करके हंस जाता है। वह पुहप द्वीप में ले जाया जाता है। वहाँ सर्व सुख है, वह सत्यलोक का हिस्सा है। परंतु सर्व प्रथम नीचे से गए मोक्ष प्राप्त जीव को पोहप द्वीप में रखा जाता है। यहाँ का दृश्य बताया जा रहा है। यहाँ से इसका जन्म अन्य स्थानों में परिवार में होता है। इसके पश्चात् उस स्थान का वर्णन है जहाँ नर-नारी से उत्��त्ति होकर परिवार बनता है। जहाँ पर नर-नारी के जोड़ों के समूह के समूह सुख से बैठे बातें करते हैं। बादल गरजते हैं, फव्वार पड़ती हैं। यह भिन्न स्थान है जहाँ सतलोक निवासी पिकनिक के लिए जाते हैं। कुछ स्थान ऐसे हैं जहाँ न बादल दिखाई देता है, वर्षा हो रही होती है।
🔹️दीक्षा के पश्चात् साधक को क्या करना चाहिए?
🔸️उसकी जानकारी पवित्र कबीर सागर के अध्याय ‘‘धर्म बोध’’ में भी है। कृपा पढ़ें अध्याय ‘‘धर्म बोध’’ का सारांश:-
🔸️कबीर सागर में 33वां अध्याय ‘‘धर्म बोध‘‘ पृष्ठ 177(1521) पर है। इस अध्याय में परमेश्वर कबीर जी ने धर्म करने का विशेष ज्ञान बताया है। यह भी स्पष्ट किया है कि कबीर परमेश्वर के सच्चे पंथ में दिन में तीन बार संध्या की जाती है। संध्या का अर्थ है दो वक्त का मिलन। एक संध्या सुबह उससे दिन और रात्रि का मिलन होता है, रात्रि विदा हाती है, दिन का शुभारंभ होता है। दूसरी संध्या दिन के बारह बजे होती है। उस समय चढ़ते दिन का दोपहर पूरा होता है, ढ़लते दिन की शुरूआत होती है, यह मध्य दिन की संध्या है। तीसरी संध्या शाम के समय होती है। उस समय दिन और रात्रि का मिलन होता है। वैसे आम जन शाम को संध्या कहते हैं। संध्या का अर्थ परमात्मा की स्तुति करना भी होता है।
🔸️वेदों में प्रमाण है कि जो जगत का तारणहार होगा, वह तीन बार की संध्या करता तथा करवाता है। सुबह और शाम पूर्ण परमात्मा की स्तुति-आरती तथा मध्यदिन में विश्व के सब देवताओं की स्तुति करने को कहता है। प्रमाण:- ऋग्वेद मण्डल नं. 8 सूक्त 1 मंत्र 29 में तथा यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26 में है।
🔹️कबीर सागर में धर्म बोध अध्याय में पृष्ठ 177 पर भी यही प्रमाण है।
सांझ सकार मध्याह्न सन्ध्या तीनों काल।
धर्म कर्म तत��पर सदा कीजै सुरति सम्भाल।।
🔸️भावार्थ:- भक्तजनों को चाहिए कि तीनों काल (समय) की संध्या करे। सांझ यानि शाम को सकार यानि सुबह तथा मध्याहन् यानि दोपहर (दिन के मध्य) में संध्या करते समय सुरति यानि ध्यान आरती में बोली गई वाणी में रहे और धर्म के कार्य में सदा तैयार रहे, आलस नहीं करे।
🔹️धर्म बोध पृष्ठ 178(1522) पर:-
कबीर कोटिन कंटक घेरि ज्यों नित्य क्रिया निज कीन्ह।
सुमिरन भजन एकांत में मन चंचल गह लीन।।
🔸️भावार्थ:- भक्त के ऊपर चाहे करोड़ों कष्ट पड़े, परंतु अपनी नित्य की क्रिया (तीनों समय की संध्या) अवश्य करनी चाहिए तथा चंचल मन को रोककर एकान्त में परमात्मा की दीक्षा वाले नाम का जाप करें।
कबीर भक्तों अरू गुरू की सेवा कर श्रद्धा प्रेम सहित।
परम प्र���ु (सत्य पुरूष) ध्यावही करि अतिश्य मन प्रीत।।
🔸️भावार्थ:- अपने गुरूदेव तथा सत्संग में या घर ��र आए भक्तों की सदा आदर के साथ सेवा करें। श्रद्धा तथा प्रेम से सेवा करनी चाहिए। परम प्रभु यानि परम अक्षर पुरूष की भक्ति अत्यधिक प्रेम से करें।
▪️आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
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मन चंचल है, उसे थामिए। चंचलता मनुष्य मन का स्वभाव है। ये मन या तो भागता है या एक जगह टिकना सीखता है पर सौ में से निन्यानवें लोगो का मन कही टिकता नहीं। मन ऊर्जा नष्ट होती रहती है। कई बार मन में पुरानी बातें घूमती रहती हैं, कौन सी गलतियां की, किससे धोखा मिला, कैसे लोगो ने हमें दुःख दिया। लोग सोचते रहते हैं पर सीखते कुछ नहीं। कई बार हम भविष्य की चिंता में फस जाते हैं। ये जो बाते घूमती रहती हैं, ये मन की शक्ति को क्षीण करती हैं पर योगी पुरानी चीज़ों को पकड़ कर नहीं बैठता। याद रखिये मन एक दौड़ है, इसे एक जगह टिकाना आवश्यक है। कैसे होगा ये? कैसे ठहरेगा मन एक जगह ?
Control your turbulent mind! Restlessness is the nature of the human mind. This mind either runs or learns to stay in one place. A majority of people’s mind is turbulent. This restlessness lessens the energy of the mind. Many times, old things keep revolving in the mind. People constantly think about past incidents, but seldom learn anything from them. Moreover, sometimes people get caught up in worrying about the future. These things which keep on swirling, they weaken the power of the mind. Remember, a human mind is like a racecourse wherein a never-ending race is going on. It has to be fixed in one place. How will that happen? How can you control your turbulent mind? Pinned comment: A human mind is like a racecourse wherein a never-ending race is going on. Yet mind can be fixed in one place. How will that happen? Here, Dr. Archika Didi elucidates that actually you can control your turbulent mind.
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵���🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (षष्ठी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-29-मई-2024
वार:--------बुधवार
तिथी :---06षष्ठी:-13:40
पक्ष:------कृष्णपक्ष
माह:-------ज्येष्ठ
नक्षत्र:-----श्रवण:-08:38
योग:-------ऐन्द्र:-23:33
करण:---वणिज:-13:40
चन्द्रमा:---मकर 20:06/कुम्भ
सूर्योदय:-----05:50
सूर्यास्त:------19:21
दिशा शूल------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :-----ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:---10:56से 12:36
राहू काल:---12:36से14:16
अभीजित---------नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-05:50से07:30तक
अमृत:-07:30से09:10तक
शुभ:-10:50से12:30तक
चंचल:-16:00से 17:40तक
लाभ:-17:40से 19:21तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:36से21:56तक
अमृत :-21:56से23:16तक
चंचल :-23:16से00:36तक
लाभ :-03:16से04:36तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का 51वा दिन, भद्रा 13:40 से 24:43, पचंक प्रारंभ 20:06, कुमारयोग समाप्त 08:38, वज्रमुसलयोग 08:38 से सूर्योदय, रवियोग प्रारंभ 08:38, राजयोग 13:40 से सूर्योदय, धनिष्ठा नवकारम्भ 08:38से
🙏👉वास्तु टिप्स👈🙏
पुराने कैलेण्डर को कचरे में ना फेके।
सुविचार
जिसे जीना आता है वो किसी सुख सुविधा के बिना भी खुश मिलेगा जिसे जीना नही आता वह सुख सुविधा के होते हुए भी दुखी मिलेगा👍
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
☀️ मेष राशि :- आज आप कोई भी बात बहुत सोच-समझ कर ही कहें। अपनों से कोई उम्मीद न रखें। अपनी तरफ से पूरी विनम्रता से पेश आएं। आज होने वाली कोई खास बातचीत आपके भविष्य को भी प्रभावित न करे अतः अपने मन की बात पर पूरा भरोसा करें। आज इसका फायदा आपको आने वाले दिनों में मिलेगा।
☀️ वृष राशि :- आज शांति से दिन बिताएं और आने वाले समय की प्लानिंग करें। आपके द्वारा रखी गई योजना पूरी हो सकती है। आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। संतान की प्रगति होगी। बहुत से काम पूरे हो जाएंगे।
☀️ मिथुन राशि :- आज अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा काम खुद प�� न डालें। हर भावनात्मक स्थिति में खुद को संयम में रखें। बड़े और अनुभवी लोगों से अच्छी सलाह भी आपको मिल सकती है। बिजनेस में कर्मचारियों पर ज्यादा ध्यान दें।
☀️ कर्क राशि :- आज अचानक फायदा होने के योग बन रहे हैं। किसी बड़ी बात को लेकर टेंशन खत्म हो सकती है। दोस्तों और संबंधियों के बारे में विचार करेंगे। किसी तनावपूर्ण स्थिति को संभालने और शांत करने की कोशिश करें।
☀️ सिंह राशि :- आज नौकरीपेशा और बिजनेस वाले लोग टारगेट बनायें आप जल्दी सफल हो सकते हैं। आप छोटे-मोटे विषयों पर भी काफी गहराई से विचार करेंगे। धैर्य रखें और पूरी बात समझकर ही कोई फैसला करें।
☀️ कन्या राशि :- आज लगभग बहुत सी रुकावटें खत्म हो सकती हैं। काम समय पर कर लें. नौकरी और पैसों के लिहाज से दिन अच्छा हो सकता है। आज आपको कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं। धैर्य से काम करेंगे तो सफलता मिलने के योग हैं।
☀️ तुला राशि :- आज मीठा बोलकर आप अपने काम करवा लेंगे। कैरियर के लिये नई नौकरी की कोशिश करनी होगी। आप कुछ खास फैसले भी ले सकते हैं। इस सिलसिले में काफी मंथन और बातचीत से बुजुर्गों का आशीर्वाद मिल सकता है।
☀️ वृश्चिक राशि :- आज आप किसी खास नतीजे पर पहुंच सकते हैं। आपके लिए धन लाभ योग के साथ दिन ठीक है। मूल्यवान धातुओं से फायदा हो सकता है। प्रतिष्ठित लोगों से मेल-जोल बढ़ सकता है।
☀️ धनु राशि :- आज आगे बढ़ने के कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं। शांत रहें, समझौते का मन बनाकर चलें। परिवारिक सुख सन्तोष के साथ अच्छा तालमेल के साथ नई वस्तु या कार खरीदने का विचार हो सकता है।
☀️ मकर राशि :- आज जाने-अनजाने में आपसे ऐसा कोई काम हो सकता है जिससे आपकी इज्जत के दो सितारे बढ़ जाएंगे। कामकाज में सफलता के योग बन रहे हैं। आप जो नया काम करना चाहते हैं, वह शुरू हो सकता है। असुविधाओं का समाधान के साथ जमीन-मकान के योग हैं।
☀️ कुंभ राशि :- आज धन लाभ के मौके मिल सकते हैं। एकाग्रता के साथ काम करने वाले कुछ लोग आपसे अपनी खास बातें भी शेयर कर सकते हैं। सितारे आपके काम पूरे करवा सकते हैं। बिजनेस में परेशानियां खत्म होने के योग हैं। आपकी पहचान का दायरा बढ़ सकता है और आप हिम्मत से काम कर सकेंगे।
☀️ मीन राशि :- आज आपमें जरूरत से ज्यादा काम करने की ऊर्जा रहेगी। महत्वपूर्ण लोगों से अचानक और सही समय पर मुलाकात हो सकती है। दिन सकारात्मक तरीके से बिताएं। मौके पर ही फौरन कोई फैसला करने के पहले ठीक से विचार कर लें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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💐🌼🌺🛕[श्री भक्ति ग्रुप मंदिर]🛕🌺🌼💐
🕉ॐ गं गणपतये नमः🕉
🌄#सुप्रभातम🌄
🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻#बुधवार, ८ #सितंबर २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:०५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:३०
चन्द्रोदय: 🌝 ०७:००
चन्द्रास्त: 🌜१९:३९
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वितीया (२६:३३ तक)
नक्षत्र 👉 उत्तराफाल्गुनी (१५:५६ तक)
योग 👉 शुभ (२३:३७ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१५:३७ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२६:३३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 कन्या
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 ०९:०५ से १०:३६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 १५:५६ से २९:५८
विजय मुहूर्त 👉 १४:२० से १५:१०
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१८ से १८:४२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३७
राहुकाल 👉 १२:१४ से १३:४८
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:३२ से ०९:०६
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (१५:५६ तक)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 गौरी के साथ (२६:३३ सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - लाभ २ - अमृत
३ - काल ४ - शुभ
५ - रोग ६ - उद्वेग
७ - चर ८ - लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - उद्वेग २ - शुभ
३ - अमृत ४ - चर
५ - रोग ६ - काल
७ - लाभ ८ - उद्वेग
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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प्रतिपदा तिथि क्षय, नक्तव्रत पूर्ण, भाद्रपद शुक्लपक्ष आरम्भ, रामदेवमेला, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, पंजाब, कश्मीर, हरियाणा) आदि के लिये मेष लग्न सायं ०८:२७ से रात्रि १०:०४ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०६:१३ से ०९:१७ तक, व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:५१ से दोपहर १२:२४ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १५:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (प, पी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (पू, ष, ण) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह - २८:२१ से ०६:४०
कन्या - ०६:४० से ०८:५८
तुला - ०८:५८ से ११:१९
वृश्चिक - ११:१९ से १३:३८
धनु - १३:३८ से १५:४२
मकर - १५:४२ से १७:२३
कुम्भ - १७:२३ से १८:४९
मीन - १८:४९ से २०:१२
मेष - २०:१२ से २१:४६
वृषभ - २१:४६ से २३:४१
मिथुन - २३:४१ से २५:५६
कर्क - २५:५६ से २८:१७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०५:५७ से ०६:४०
चोर पञ्चक - ०६:४० से ०८:५८
शुभ मुहूर्त - ०८:५८ से ११:१९
रोग पञ्चक - ११:१९ से १३:३८
शुभ मुहूर्त - १३:३८ से १५:४२
मृत्यु पञ्चक - १५:४२ से १५:५६
अग्नि पञ्चक - १५:५६ से १७:२३
शुभ मुहूर्त - १७:२३ से १८:४९
रज पञ्चक - १८:४९ से २०:१२
अग्नि पञ्चक - २०:१२ से २१:४६
शुभ मुहूर्त - २१:४६ से २३:४१
रज पञ्चक - २३:४१ से २५:५६
शुभ मुहूर्त - २५:५६ से २६:३३
चोर पञ्चक - २६:३३ से २८:१७
शुभ मुहूर्त - २८:१७ से २९:५८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन लाभदायक है व्यस्तता आज अधिक रहेगी चाह कर भी सुस्ताने का समय नही निकाल सकेंगे। मेहनत खाली नही जाएगी। जहां से लाभ की उम्मीद नही वहां से भी कुछ ना कुछ अवश्य मिलेगा। नौकरी पेशाओ को अन्य दिनों की अपेक्षा सहयोग कम मिलेगा फिर भी कार्यो में बाधा नही आने देंगे। व्यवसायी वर्ग आकस्मिक धन लाभ होने से उत्साहित रहेंगे लेकिन खर्च भी अधिक होंगे। शेयर सट्टे आदि में धन का निवेश शीघ्र लाभ देगा विदेश संबंधित वस्तुओं के व्यवसाय में आज हानि हो सकती है इसमे निवेश से बचें। परिजनों का व्यवहार अपेक्षित रहेगा म��िलाये थोड़ी चंचल रहेंगी। सेहत भी सामान्य बनी रहेगी। संतान से सुख मिलेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप अपनी बुद्धि एवं विवेक के बल पर मान-सम्मान के हकदार बनेंगे। लेकिन अपनी राय किसी के मांगने पर ही दे अन्यथा उपेक्षा होने पर क्रोध आएगा। पारिवारिक की अपेक्षा सामाजिक जीवन बेहतर रहेगा घर से बाहर रहने में ज्यादा आनंद मिलेगा। धन लाभ की कामना थोड़े प्रयास के बाद पूर्ण हो जाएगी आपकी जरूरते कम रहेंगी फिर भी घरेलु बेमतलब के खर्च पर नियंत्रण रखें अन्यथा भविष्य की योजनाए बिगड़ेंगी। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद तक व्यस्तता रहेगी इसका लाभ भी आशाजनक मिल जाएगा इसके बाद किसी से धन को लेकर तकरार होने की संभावना है। पत्नी को छोड़ अन्य कोई भी आपकी भावनाओं को नही समझ सकेगा। संध्या के समय सेहत नरम रहेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आप आज के दिन मानसिक रूप से अशान्त रहेंगे। पारिवारिक वातावरण गलतफहमियों के कारण उग्र रहेगा पति-पत्नी एक दूसरे पर छींटा कशी करेंगे बुजुर्ग एवं बच्चे पारिवारिक माहौल से दुखी रहेंगे। भाई बंधुओ अथवा आस-पड़ोसी से मामूली बात बड़े झगड़े का रूप ले सकती है। वाणी एवं व्यवहार में नरमी रखे अन्यथा परिस्थिति गंभीर होते देर नही लगेगी। महिलाये भी अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने में असफल रहेंगी। नौकरी करने वाले लोग अधिकारी वर्ग से नाराज रहेंगे। आज पैतृक संबंधित अथवा अन्य सामूहिक घरेलू कार्य से बचकर रहें अवश्य झगड़ा होगा। आवश्यक व्यावसायिक कार्य अधूरे रहेंगे। धन लाभ कम खर्च अधिक रहेगा संताने उद्दंड व्यवहार करेंगी। यात्रा से बचें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपकी किसी बहुप्रतीक्षित कामना पूर्ति होने की संभावना है। आर्थिक पक्ष पहले से अधिक मजबूत बनेगा। दिन के आरंभ में नौकरी अथवा व्यवसाय में किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को लेकर दुविधा होगी इसमे किसी की सहायता के बाद ही आगे बढ़ सकेंगे। धन की आमाद ठीक-ठाक रहेगी लेकिन व्यवहारिकता में कमी के कारण कुछ ना कुछ कमी अवश्य रहेगी। सहकर्मियों का ऊपर बेवजह क्रोध करना भारी पड़ सकता है संभल कर व्यवहार करें अन्यथा अकेले ही कार्य करना पड़ेगा। महिलाओ की मनोकामना पूरी होने में देरी होने पर जानबूझ कर कार्यो को बिगाड़ भी सकती है। घर के बुजुर्ग के ऊपर भी ध्यान दें आपसे नाराज हो सकते है। भाई बंधुओ से मेल जोल केवल स्वार्थ के लिए ही रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप भाग-दौड़ की जिंदगी से बचने का प्रयास करेंगे लेकिन किसी ना किसी कारण से आज ज्यादा ही करनी पड़ेगी। दिन का पहला भाग शांति से व्यतीत होगा। आज आर्थिक मामलों को लेकर वैसे तो ज्यादा माथा पच्ची नही करेंगे फिर भी किसी के उकसावे में आकर कोई गलत निर्णय लेने से बेहतर है शांत बैठे धन की हानि हो सकती है। आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अन्य के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। आपकी मानसिक स्थिति पल पल पर परिवर्तित होगी महिलाये भी आज अपने कार्य को औरो के ऊपर डालेंगी काम बिगड़ने पर बाद में पछताएगी। व्यवसायी वर्ग नए कार्य पाने के लिये जोड़तोड़ करेंगे परन्तु सफलता संदिग्ध ही रहेगी। सरकारी कार्य मे समय खराब होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन भर चंचलता मन पर हावी रहेगी बच्चों जैसी बातें कर हास्य के पात्र बनेंगे लेकिन आज का दिन कार्य व्यवसाय से शुभ फल दिलाएगा। लोग पहले आपकी बाते गंभीर नही लेंगे परन्तु बाद में पछतावा होगा। नौकरी पेशाओ को पदोन्नति में आरही बाधा दूर होने पर कुछ राहत मिलेगी लेकिन इसके लिये अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। व्यवसायी वर्ग व्यवसाय में अलावा भी अन्य काम आने से परेशान होंगे परन्तु बड़े बुजुर्गो का सहयोग मिलने से शीघ्र ही समाधान भी हो जाएगा। पैतृक संपत्ति के मामलों को आज टालना ही बेहतर रहेगा अन्यथा नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। उच्च अधिकारियों को प्रसन्न रखें बनते काम मे बाधा डाल सकते है। शारीरिक स्वा���्थ्य कुछ समय के लिए खराब होगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप परस्पर सम्बंधो को लेकर चिंतित रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहार की कमी के कारण पुराना अनुबंद अथवा व्यवसायिक रिश्ता खत्म हो सकता है। जिस भी कार्य को बचाने का प्रयास करेंगे वह और ज्यादा बिगड़ेगा। मेहनत करने में कोई कसर नही छोड़ेंगे फिर भी धन संबंधित समस्या यथावत बनी रहेगी। मध्यान से पहले कोई अशुभ समाचार मिलने से मन विचलित रहेगा। व्यवसायी भी आज हानि की आशंका से प्रत्येक कार्य को डर कर करेंगे। नए कार्य मे निवेश कर सकते है लेकिन अपने आस-पास के लोगो में स्वार्थ ना खोजे अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। भले बुरे का विवेक ना होने से काम उटपटांग होंगे इसे ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। परिजनों के स्वास्थ्य पर खर्च होगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपकी दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी दिन के आरंभिक भाग में किसी महत्त्वपूर्ण व्यक्ति से भेंट की योजना बनाएंगे लेकिन इससे उतना लाभ नही होगा जितनी आप आशा लगाए है। कार्य व्यवसाय में आज लाभ तो होगा लेकिन अनजान लोगों के माध्यम से ही। महिलाये भी स्वयं को अन्य से निम्नतर आकेंगी अन्य लोगो से बराबरी करने के चक्कर मे स्वयं ही परेशान रहेंगी। कार्य व्यवसाय में वृद्धि होने से आय के नए स्त्रोत्र बनेंगे पर आज आप जितना भी कमाई करे उससे संतोष नही होगा। ज्यादा कमाने के लोभ में अनैतिक कार्य भी कर सकते है आरम्भ में इससे लाभ ही होगा लेकिन बाद में कोई नई समस्या बनेगी। संध्या के समय आकस्मिक लाभ अथवा उपहार मिलेगा थकान भी इस अवधि में ज्यादा रहेगी। परिवार में किसी की जिद पूरी करने में खर्च भी करना पड़ेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप जिस भी कार्यो को करेंगे विशेषकर सरकार संबंधित उनके आरंभ में उलझने ज्यादा बढ़ेंगी लेकिन हतोत्साहित ना हो प्रयास करने में कसर ना रखें निश्चित ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। नौकरी वाले लोग कार्य बोझ से परेशान रहेंगे फिर भी निष्ठा से समय पर खत्म कर लेंगे। आपके कार्यो में टांग अड़ाने वाले या सही मार्ग से भटकाने वाले भी मिलेंगे इनकी सुने अवश्य पर करें विवेक से ही। कार्यो को जल्दी निपटाने के चक्कर मे गलती करेंगे स्वयं ही सुधार भी कर लेंगे लेकिन समय बर्बाद करके। व्यवसाय में आज बिक्री बढ़ेगी धन लाभ भी ठीक ठाक हो जायेगा खर्च आज कम रहने से बचत कर लेंगे। पारिवारिक वातावरण सामान्य बना रहेगा महिलाये शक की आदत से बचे कलह हो सकती है। आरोग्य में कुछ कमी रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपका मन धार्मिक भावो से भरा रहेगा लेकिन अन्य आवश्यक कार्य रहने से ज्यादा समय नही दे पाएंगे। व्यवसायी वर्ग धन कमाने के लिये अनैतिक मार्ग को ज्यादा पसंद करेंगे बाद में इससे लाभ की जगह हानि होगी फिर वो किसी भी रूप में ही हो। कार्य क्षेत्र पर बेमन से कार्य करना पड़ेगा जिसके परिणाम स्वरूप सीमित लाभ से संतोष करना पड़ेगा। नौकरी वाले लोग किसी की चुगली का शिकार बनेंगे फिर भी धैर्य से काम लें व्यवहार में कमी ना आने दें। धन संबंधित कार्य लिख कर ही करें भूल होने की संभावना है। महिलाये धन को लेकर असंतुष्ट रहेंगी अन्य लोगो को भी इस कारण परेशान कर सकती है। किसी से किया वादा अवश्य पूरा करें अन्यथा अपमानित होना पड़ेगा। घर में किसी ना किसी को शारीरिक कष्ट होगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज सेहत संबंधित समस्याओं के कारण दिन खराब रहेगा। किसी की भी बातो को अनसुनी करेंगे जिससे वातावरण अशान्त बनेगा। शारीरिक समस्याओ के साथ ही आर्थिक कारणों से भी परेशान रहेंगे। दिन के आरंभ से ही शारीरिक शिथिलता रहने के कारण काम करने का मन नही होगा। उत्साह की कमी के कारण लाभ-हानि की परवाह नही करेंगे। प्रयास करने पर धन की आमाद कही ना कही से हो जाएगी परन्तु व्यर्थ के खर्च भी रहने से आय-व्यय में तालमेल रहेगा। सुदूर प्रदेश की यात्रा के योग भी है लेकिन अतिआवश्यक होने पर ही करें चोटादि का भय भी है किसी भी कार्य मे जोखिम लेने से बचें। पारिवारिक वातावरण भी किसी ना किसी कारण से अस्त-व्यस्त रहेगा इसे सुधारना आज सम्भव नही।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ��ी)
आज का दिन कार्यसफलता देने वाला है। जिस भी कार्य को करें दृढ़ निश्चय के साथ करें विजय अवश्य मिलेगी। आज आकस्मिक यात्रा के योग बन रहे है अथवा अचानक किसी कार्य के आने से पूर्व निर्धारित कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। आपका स्वभाव शांत एवं मिलनसार रहेगा हर किसी से जल्द ही घुल-मिल जाएंगे। महिलाओ के प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाए विवाद से बचे रहेंगे। व्यवसाइयों का काम-धंधा बेहतर चलेगा धन की आमद भी समय पर होने से आर्थिक उलझने नही रहेंगी फिर भी आज धन के लेनदेन में अधिक स्पष्टता बरते उधारी के कारण किसी से झगड़ा हो सकता है। नौकरी पेशा जातक आज जल्दी काम खत्म करने का प्रयास करेंगे परन्तु कोई नया काम आने से परेशानी होगी। घर का वातावरण सामान्य ही रहेगा।
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🦚🌈[ श्री भक्ति ग्रुप मंदिर ]🦚🌈
🙏🌹🙏जय श्री गणेश जी🙏🌹🙏
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Patna: मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण, कटिहार जिले के बरारी प्रखंड में बाढ़ राहत शिविर का भी लिया जायजा...
Patna: मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया एवं कटिहार जिले के बरारी प्रखंड स्थित भगवती मंदिर महाविद्यालय (बी0एम0 कलेज) लक्ष्मीपुर में बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर, बाढ़ प्रभावित गर्भवती महिलाओं का आश्रय स्थल, आंगनबाड़ी केंद्र में प्रभावित परिवारों के बच्चों को पढ़ने की सुविधा, कोरोना जांच, वैक्सीनेशन की व्यवस्था, निःशुल्क दवा वितरण केंद्र, पशु आश्रय स्थल एवं सामुदायिक रसोई के प्रबंधन का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों से सामुदायिक रसोई में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के संबंध में पूरी जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ राहत शिविर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच करायें। कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को आइसोलेशन में रखा जाए। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को कोई कठिनाई न हो, इसका विोष ध्यान रखें। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, विधायक श्री विजय सिंह, विधान पार्षद श्री अशोक अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री संजय कुमार अग्रवाल, प्रमंडलीय आयुक्त श्री प्रेम सिंह मीणा, आई0जी0 पूर्णिया प्रक्षेत्र श्री सुरेश प्रसाद चैधरी, जिलाधिकारी श्री उदयन मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री विकास कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे करने के बाद जमीन पर जाकर प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं। गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कटिहार का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। वर्ष 2016 में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से काफी क्षेत्र प्रभावित हुआ था। इस बार जलस्तर वर्ष 2016 से थोड़ा कम है लेकिन क्षेत्र कम प्रभावित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में भी हम यहां आए थे। कटिहार में लोगों को भोजन देने के साथ-साथ उनके अलग से रहने की व्यवस्था की जा रही है। सभी लोगों को हर प्रकार से राहत देना है। प्रभावित परिवारों को सभी प्रकार से मदद दी जा रही है। 6 हजार रुपए प्रति परिवार दिये जाते हंै। साथ ही खेती में भी जो नुकसान हुआ है, उसका भी हमलोग आकलन कर उनकी मदद करते हैं। अभी सभी लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनकी मदद की जा रही है। लोगों की कोरोना जांच एवं वैक्सिनेशन कराने का काम किया जा रहा है। सभी राहत शिविरों में यह काम किया जा रहा है। अगर महिला गर्भवती है तो उसका भी ख्याल रखा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नदियों के जलस्तर की डेली रिपोर्ट लेते हैं। कितना जलस्तर बढ़ा, कितना क्षेत्र प्रभावित हुआ, कितनी आबादी प्रभावित हुई इन सब चीजों की जानकारी ली जाती है। इसके बावजूद स्थल पर जाकर देखने से मुझे संतोष होता है। लोगों से बातचीत करते हैं, उनकी बातें सुनते हैं और व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हैं। उनकी स्थिति को देखकर जो भी सहायता की जरुरत होती है, उस पर त्वरित काम किया जाता है। कोई ऐसा वर्ष नहीं है जब हम कटिहार नहीं ��ए हों, हम हमेशा कटिहार आते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग पूरी कोशिश करते हैं कि समस्याओं का समाधान हो। बाढ़ ऐसी चीज है जिसके बारे में आप दावा नहीं कर सकते कि आप हर चीज सुरक्षित कर लेंगे। जल संसाधन विभाग से लगातार हम इसकी समीक्षा करते रहते हैं। स्थायी रुप से जिन इलाकों का समाधान हो सकता है उसके लिए भी हम काम कर रहे हैं। डेस्क रुम की रिपोर्ट Read the full article
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