#घूमर समीक्षा
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कुल मिलाकर, घूमर अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर के अभिनय और कुछ अच्छी तरह से निष्पादित दृश्यों पर टिकी हुई है।
घूमर समीक्षा 2.5/5 और समीक्षा रेटिंग घूमर यह एक शारीरिक रूप से अक्षम क्रिकेट खिलाड़ी की कहानी है। अनीना (सैयामी खेर) बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रही है। वह अपने पिता (शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर), दादी (शबाना आजमी) और भाइयों अनुज (पीयूष रैना) और तिशु (अक्षय जोशी) के साथ रहती है। वह पढ़ाई के दौरान भी खेल को जारी रखती है और भारतीय क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया के लिए चुनी जाती है। जब वह क्रीज पर थी, तो…
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‘पद्मावत’ पर राज्यों में हिंसा बढ़ी तो सवाल उठने लाजमी हैं…
इतिहास के पन्नों में कैद एक राजपूत महिला पर बनी फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर आज कई राज्यों में हिंसा हो रही है, लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, गाड़ियां जला रहे हैं, गुंडागर्दी कर रहे हैं, हिंसा फैलाने वाले ये लोग करणी सेना के हैं, मगर इस हिंसा के पीछे मायने क्या हैं, जो लोग देश के शीर्ष न्यायालय की भी अवमानना कर रहे हैं, आखिर यह यह विरोध है या राजनीतिक साजिश?
आखिर कौन है करणी सेना?
राजपूतों की आन-बान-शान की रक्षा के लिए राजस्थान में करणी सेना का गठन साल 2007 में किया गया था। गठन के बाद करणी सेना ने सबसे पहले राजपूतों के आरक्षण की मांग का मुद्दा उठाया थी, धीरे-धीरे करणी सेना ने अपना दायरा बढ़ाया और इनकी संख्या अलग-अलग गुटों में दस साल बाद करीब 7 लाख तक पहुंच गई। करणी सेना उस समय सुर्खियों में आई जब, जब राजपूतों पर बनी फिल्म ‘जोधा अकबर’ का करणी सेना ने पूरे राजस्थान में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यह पहली बार नहीं था, जब करणी सेना ने राजपूतों की रक्षा के लिए पहली बार विरोध का कदम उठाया हो।
पद्मावत पर क्यों हो रहा है विरोध?
फिल्म ‘पद्मावत’ पर विरोध के सुर रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम प्रसंगों को लेकर बढ़े। करणी सेना ने आरोप लगाया कि फिल्म में रानी पद्मावती और दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम संबंधों को दिखाया गया है और फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। करणी सेना का आरोप है कि इससे राजपूतों की भावना को आहत किया गया है।
कब और कैसे शुरू हुआ विरोध
एक साल पहले बीती जनवरी, 2017 फिल्म में सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के किरदारों के बीच सीन फिल्माए जाने की खबर को लेकर सबसे पहले करणी सेना ने जयपुर के जयगढ़ फोर्ट में शूटिंग के दौरान जमकर तोड़-फोड़ की, इस दौरान फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ भी बदसलूकी की गई।
जयपुर में हंगामा होने के बाद के निर्देशक भंसाली ने महाराष्ट्र में शूटिंग का सेट लगाया और मगर यहां भी करणी सेना के लोगों ने हंगामा मचाया। इस पर संजय लीला भंसाली ने सोशल मीडिया पर सफाई दी कि फिल्म में दोनों किरदारों के बीच कोई भी प्रेम प्रसंग का सीन नहीं है।
संजय भंसाली की सोशल मीडिया पर सफाई देने के बाद फिल्म जगत में कई अभिनेताओं और निर्देशकों ने संजय लीला भंसाली का सर्मथन किया।
मगर विवाद फिर तब बढ़ गया, जब सितंबर, 2017 में गुजरात के शहर सूरत में फिल्म के पोस्टर्स में घूमर और ट्रेलर सामने आया। करणी सेना के लोगों ने उस पोस्टर को रंगों से खराब कर दिया।
विवाद बढ़ जाने पर फिल्म के विरोध ��ें करणी सेना समेत कई राजपूत संगठन सामने आ गए और उन्होंने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की नाक काट कर लाने वाले के लिए इनाम की घोषणा की। इतना ही नहीं, निर्देशक भंसाली का भी गला काट लेने की धमकी दी गई।
हमने कानपुर के लोगों से इनाम के तौर पर करोड़ों रुपए की धनराशि इकट्ठा की है और जो भी दीपिका पादुकोण की नाक काट कर लाएगा, उसे यह इनाम की धनराशि दी जाएगी।
गजेंद्र सिंह राजावात, अध्यक्ष, क्षत्रिय महासभा
( 17 नवंबर, 2017 को दिया बयान)
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इसके बाद फिल्म के समर्थन में आए बॉलीवुड सितारों ने सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए और विरोध जताया। इसके बाद करणी सेना ने अभिनेता सलमान खान समेत कई बॉलीवुड सितारों के पुतले फूंके। विरोध बढ़ने पर राज्य में स्कूल तक बंद कर दिए गए।
फिल्म का विरोध करने वालों में भाजपा भी सामने आई और गुजरात चुनाव को देखते हुए फिल्म को गुजरात, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में बैन कर दिया गया।
इन राज्यों में फिल्म बैन किए जाने पर फिल्म जगत से जुड़े पांच संगठनों ने फिल्म का समर्थन करते हुए शूटिंग रोकते हुए प्रदर्शन किया।
विवाद बढ़ते जाने पर मामला देश की उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को फिल्म पर निर्णय करने के लिए आदेश दिए। ये आरोप भी लगाए गए कि फिल्म के सर्टिफिकेट के लिए समय पर बोर्ड के पास नहीं भेजा गया।
1 दिसंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म की रिलीज डेट को आग�� के लिए टालने पड़ी।
इसी महीने फिल्म पर बढ़ते विवाद को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया और बोर्ड ने कुछ इतिहासकारों के साथ फिल्म देखी, जिस पर यह फैसला हुआ कि फिल्म में पांच बदलाव किए जाएंगे, जिसे निर्देशक संजय लीला भंसाली ने मान लिया। इसमें फिल्म का नाम पद्मावती से हटाकर ‘पद्मावत’ करने का भी फैसला लिया गया और सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म रिलीज करने का आदेश दिया।
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इस फिल्म को कमेटी के 9 लोगों के बजाए सिर्फ 3 लोगों ने ही देखा, ऐसे में तीनों सदस्यों ने क्या सिफारिश दी है, इस पर कुछ नहीं कहना चाहता, मगर मैं जिस रास्ते पर मैं चला था, अब भी उसी रास्ते पर हूं।
लोकेंद्र सिंह कालवी, संयोजक, राजपूत करणी सेना
(30 दिसंबर, 2017 को दिया बयान)
विवाद खत्म हो चुका है, न सिर्फ सीबीएफसी बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फिल्म को रिलीज करने की मंजूरी दे दी है। अब करणी सेना या कोई संगठन फिल्म को रोकने का प्रयास करते हैं, तो राज्य सरकारों को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
श्याम बेनेगल, फिल्मकार
(18 जनवरी का दिया बयान)
मगर करणी सेना का विरोध शांत नहीं हुआ। फिल्म की रिलीज डेट 25 जनवरी, 2018 सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में बैन की गई फिल्म को हटा दिया। मगर मध्य प्रदेश, राजस्थान की सरकारों ने कानून व्यवस्था को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से फिर से अपील की, मगर सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।
फिल्म को मंजूरी मिलने के बाद अब राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश में कई हिंसक विरोध सामने आए हैं। यहां तक विरोध प्रदर्शन के दौरान गुरुग्राम में स्कूल बस में बच्चों को भी हिंसा का शिकार होना पड़ा, बच्चों और शिक्षकों ने किसी तरह सीट के नीचे छिपकर जान बचाई।
फिल्म रिलीज न होने पर चार राज्य सरकारों पर उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी फिल्म पद्मावत को मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा की सरकारों ने रिलीज नहीं किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना किए जाने पर राज्य सरकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि क्या राज्य सरकारों कानून व्यवस्था को बनाए रखने में नाकाम साबित हुई हैं।
भाजपा नेता के स्टिंग ऑपरेशन के बाद उठे सवाल
फिल्म को लेकर राजनीतिक साजिश की बू आने का खुलासा एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी चैनल रिपब्लिक टीवी के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया, जिसके बाद करणी सेना के साथ राजनीतिक साजिश पर सवाल उठ रहे हैं। स्टिंग ऑपरेशन महाराष्ट्र के भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक राज पुरोहित पर किया गया। इसमें राज पुरोहित ने स्वीकार किया कि करणी सेना को हमने ही ��ुला छोड़ा है ताकि चुनाव में राजस्थान जीत सकें। स्टिंग में भाजपा नेता ने कहा, “सरकार उन्हें नुकसान पहुंचाने के मूड में नहीं है। अगर वाहन फूंके जाते हैं तो यह अच्छा है।“
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किसने, क्या कहा
हिंसा और नफरत कमजोर लोगों के हथियार हैं और नफरत और हिंसा का भाजपा सरकार जिस तरह से इस्तेमाल कर रही है, उससे पूरा देश जल रहा है।
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
गुरुग्राम में बच्चों के साथ गुंडों ने जो किया, उससे एक भारतीय होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक गया।
यशवंत सिन्हा, भाजपा नेता
स्कूल बस पर किया गया हमला आतंकवाद है, और जिन लोगों ने ये हमला किया है, वे आतंकवादी हैं।
फरहान अख्तार, अभिनेता
मैं भाजपा और करणी सेना से पूछना चाहता हूं कि आप इतने निर्मम और निर्दयी हो गए हैं कि आपने बच्चों को भी नहीं बख्शा। आखिर आप किसके लिए लड़ रहे हैं?
मनीष सिसोदिया, उपमुख्यमंत्री, दिल्लीयह भी पढ़ें:
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